टीचर्स ऑफ द ईयर 2025 शिक्षक सम्मान समारोह एक ऐसा आयोजन था जिसमें शिक्षकों की मेहनत, लगन और नवाचार को पहचान मिली। शिक्ष...
टीचर्स ऑफ द ईयर 2025 शिक्षक सम्मान समारोह एक ऐसा आयोजन था जिसमें शिक्षकों की मेहनत, लगन और नवाचार को पहचान मिली। शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ होते हैं। वे बच्चों को न केवल पढ़ाते हैं, बल्कि उनके जीवन को सही दिशा में ले जाते हैं। जब ऐसे शिक्षकों को सम्मान मिलता है, तो उनका मनोबल बढ़ता है और वे और भी अच्छा करने की प्रेरणा पाते हैं। स्टडी हॉल एजुकेशन फाउंडेशन ने इसी सोच के साथ यह आयोजन किया, ताकि उन शिक्षकों को पहचाना जा सके जो पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की सोच और समझ को भी निखार रहे हैं।
यह कार्यक्रम "आरोही – एजुकेटिंग चिल्ड्रन फॉर जेंडर जस्टिस" नाम की पहल के अंतर्गत हुआ। इसका मकसद था उन शिक्षकों को सम्मान देना, जो अपने काम में कुछ नया कर रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई को रोचक और आसान बना रहे हैं। यह आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के सभागार में हुआ और इसकी अगुवाई की स्टडी हॉल एजुकेशन फाउंडेशन की प्रमुख डॉ. उर्वशी सैनी ने की।
इस समारोह के लिए प्रतियोगिता फरवरी 2025 में शुरू हुई थी। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कुल 117 शिक्षकों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को अपनी किसी खास शिक्षण पद्धति या नवाचार पर एक वीडियो बनाकर वेबसाइट पर भेजना था। इन वीडियो में दिखाया गया कि शिक्षक किस तरह बच्चों को पढ़ा रहे हैं, क्या नया तरीका अपना रहे हैं, और बच्चों पर उसका क्या असर हो रहा है। फिर एक टीम ने उन वीडियो को देखा और सबसे अच्छे शिक्षकों को चुना।
इस प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले के डॉ. त्रिलोकचंद को द्वितीय स्थान मिला। वे सिविलियन उच्च प्राथमिक विद्यालय ओरिया में सहायक अध्यापक हैं। उन्होंने विज्ञान को बच्चों के लिए आसान और मजेदार बनाने के नए तरीके बताए, जिससे बच्चे प्रयोग करके सीखते हैं। निर्णायक मंडल को यह तरीका बहुत अच्छा लगा।
पहला स्थान मिला उत्तर प्रदेश के ही कानपुर देहात की प्राथमिक विद्यालय नाही की शिक्षिका श्रीमती अवंतिका सिंह को। उन्होंने लड़कियों की पढ़ाई में नए प्रयोग किए और समावेशी शिक्षा की मिसाल पेश की। तीसरे स्थान पर रहीं कानपुर नगर की सहायक अध्यापिका श्रीमती रेखा गुप्ता, जिन्होंने बच्चों के व्यक्तित्व विकास को ध्यान में रखकर शिक्षा दी।
सम्मान समारोह 21 अप्रैल 2025 को हुआ। इसमें कई खास लोग मौजूद थे। मुख्य अतिथि थीं उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती विजयलक्ष्मी गौतम। उनके साथ मंच पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक चंद्र राय, समग्र शिक्षा अभियान की प्रमुख श्रीमती एकता जैन, कस्तूरबा विद्यालय के डीसी श्री मुकेश और माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिकारी श्री विष्णु कांत पांडे भी थे।
इन सभी खास मेहमानों ने मंच पर आकर चुने गए शिक्षकों को सम्मानित किया। उन्हें प्रशंसा पत्र, मेडल, स्मृति चिन्ह और नकद पुरस्कार दिए गए। डॉ. त्रिलोकचंद को ₹20,000 का चेक, एक प्रशंसा पत्र, मेडल और स्मृति चिन्ह मिला। यह उनके लिए बहुत गर्व की बात थी।
जब डॉ. त्रिलोकचंद ने मंच से अपनी बात कही, तो उन्होंने कहा कि यह सम्मान उनके लिए बहुत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जिले के शिक्षा अधिकारी श्री अजय मिश्रा, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्री अजब सिंह यादव और अपने स्कूल के पूरे स्टाफ को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ उनका नहीं, बल्कि उन सभी शिक्षकों का है जो मेहनत से पढ़ाते हैं।
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Added: May 04, 2025
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Slide Content
टीचर्स ऑफ द ईयर 2025 र्म्मान र्मारोह | नवाचारी शिक्षकों को शमला मंच
टीचर्स ऑफ द ईयर 2025 शिक्षक र्म्मान र्मारोह एक ऐर्ा आयोजन था जजर्में शिक्षकों की मेहनत,
लगन और नवाचार को पहचान शमली। शिक्षक हमारे र्माज की रीढ़ होते हैं। वे बच्चों को न के वल पढ़ाते
हैं, बजकक उनके जीवन को र्ही ददिा में ले जाते हैं। जब ऐर्े शिक्षकों को र्म्मान शमलता है, तो उनका
मनोबल बढ़ता है और वे और भी अच्छा करने की प्रेरणा पाते हैं। स्टडी हॉल एजुकेिन फाउंडेिन ने इर्ी
र्ोच के र्ाथ यह आयोजन ककया, ताकक उन शिक्षकों को पहचाना जा र्के जो पढ़ाई के र्ाथ-र्ाथ बच्चों
की र्ोच और र्मझ को भी ननखार रहे हैं।
यह कायसक्रम "आरोही – एजुकेदटंग चचकरन फॉर जेंडर जजस्टर्" नाम की पहल के अंतगसत हुआ। इर्का
मकर्द था उन शिक्षकों को र्म्मान देना, जो अपने काम में कुछ नया कर रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई को
रोचक और आर्ान बना रहे हैं। यह आयोजन लखनऊ ववश्वववद्यालय के र्भागार में हुआ और इर्की
अगुवाई की स्टडी हॉल एजुकेिन फाउंडेिन की प्रमुख डॉ. उवसिी र्ैनी ने की।
इर् र्मारोह के शलए प्रनतयोचगता फरवरी 2025 में िुरू हुई थी। इर्में उत्तर प्रदेि, हररयाणा, राजस्थान
और गुजरात के कुल 117 शिक्षकों ने भाग शलया। र्भी प्रनतभाचगयों को अपनी ककर्ी खार् शिक्षण
पद्धनत या नवाचार पर एक वीडडयो बनाकर वेबर्ाइट पर भेजना था। इन वीडडयो में ददखाया गया कक
शिक्षक ककर् तरह बच्चों को पढ़ा रहे हैं, क्या नया तरीका अपना रहे हैं, और बच्चों पर उर्का क्या अर्र
हो रहा है। कफर एक टीम ने उन वीडडयो को देखा और र्बर्े अच्छे शिक्षकों को चुना।
इर् प्रनतयोचगता में उत्तर प्रदेि के कानपुर देहात जजले के डॉ. त्रिलोकचंद को द्ववतीय स्थान शमला। वे
शर्ववशलयन उच्च प्राथशमक ववद्यालय ओररया में र्हायक अध्यापक हैं। उन्होंने ववज्ञान को बच्चों के
शलए आर्ान और मजेदार बनाने के नए तरीके बताए, जजर्र्े बच्चे प्रयोग करके र्ीखते हैं। ननणासयक
मंडल को यह तरीका बहुत अच्छा लगा।
पहला स्थान शमला उत्तर प्रदेि के ही कानपुर देहात की प्राथशमक ववद्यालय नाही की शिक्षक्षका श्रीमती
अवंनतका शर्ंह को। उन्होंने लड़ककयों की पढ़ाई में नए प्रयोग ककए और र्मावेिी शिक्षा की शमर्ाल पेि
की। तीर्रे स्थान पर रहीं कानपुर नगर की र्हायक अध्यावपका श्रीमती रेखा गुप्ता, जजन्होंने बच्चों के
व्यजक्तत्व ववकार् को ध्यान में रखकर शिक्षा दी।
र्म्मान र्मारोह 21 अप्रैल 2025 को हुआ। इर्में कई खार् लोग मौजूद थे। मुख्य अनतचथ थीं उत्तर प्रदेि
र्रकार की ग्रामीण ववकार् राज्य मंिी श्रीमती ववजयलक्ष्मी गौतम। उनके र्ाथ मंच पर लखनऊ
ववश्वववद्यालय के कुलपनत प्रो. आलोक चंद्र राय, र्मग्र शिक्षा अशभयान की प्रमुख श्रीमती एकता जैन,
कस्तूरबा ववद्यालय के डीर्ी श्री मुकेि और माध्यशमक शिक्षा पररषद के अचधकारी श्री ववष्णु कांत पांडे
भी थे।
इन र्भी खार् मेहमानों ने मंच पर आकर चुने गए शिक्षकों को र्म्माननत ककया। उन्हें प्रिंर्ा पि, मेडल,
स्मृनत चचन्ह और नकद पुरस्कार ददए गए। डॉ. त्रिलोकचंद को ₹20,000 का चेक, एक प्रिंर्ा पि, मेडल
और स्मृनत चचन्ह शमला। यह उनके शलए बहुत गवस की बात थी।
जब डॉ. त्रिलोकचंद ने मंच र्े अपनी बात कही, तो उन्होंने कहा कक यह र्म्मान उनके शलए बहुत
प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जजले के शिक्षा अचधकारी श्री अजय शमश्रा, ब्लॉक शिक्षा अचधकारी श्री
अजब शर्ंह यादव और अपने स्कूल के पूरे स्टाफ को धन्यवाद ददया। उन्होंने कहा कक यह र्म्मान शर्फस
उनका नहीं, बजकक उन र्भी शिक्षकों का है जो मेहनत र्े पढ़ाते हैं।
जब वे अपने ववद्यालय लौटे, तो छािों, शिक्षकों और अशभभावकों ने उनका गमसजोिी र्े स्वागत ककया।
स्कूल में खुिी का माहौल था और र्बने शमलकर उनके र्म्मान में कायसक्रम भी ककया।
इर् आयोजन में शर्फस "टीचर्स ऑफ द ईयर" के ववजेता ही नहीं, बजकक र्ाल भर में हुई अन्य
प्रनतयोचगताओं के ववजेता बच्चों और उनके शिक्षकों को भी र्म्माननत ककया गया। इनमें बाल र्ादहत्य
लेखन, चचिकला, नुक्कड़ नाटक, ववज्ञान प्रदिसनी और बाल र्ंर्द जैर्ी प्रनतयोचगताएं िाशमल थीं। बच्चों
के र्ाथ-र्ाथ उनके गाइड शिक्षकों को भी र्म्मान शमला, क्योंकक उनके प्रयार् र्े ही बच्चे इन आयोजनों
में भाग ले पाए।
इर् तरह के आयोजनों का र्माज में बहुत बड़ा अर्र होता है। जब शिक्षकों को उनके अच्छे काम के शलए
पहचाना जाता है, तो वे और भी लगन र्े काम करते हैं। वे बच्चों की पढ़ाई को शर्फस ककताबों तक र्ीशमत
नहीं रखते, बजकक उनके जीवन को बेहतर बनाने की ददिा में काम करते हैं।
इर् आयोजन में उन शिक्षकों को खार्तौर पर महत्व ददया गया जो लड़ककयों और वंचचत वगस के बच्चों
को पढ़ाने में जुटे हैं। इर्र्े र्माज में र्मानता और न्याय की भावना को बढ़ावा शमलता है।
अंत में यही कहा जा र्कता है कक "टीचर्स ऑफ द ईयर 2025" जैर्े कायसक्रम शिक्षा क्षेि में एक नई ददिा
ददखाते हैं। ये न के वल शिक्षकों को र्म्माननत करते हैं, बजकक पूरे र्माज को यह र्ंदेि देते हैं कक अच्छे
कायस की पहचान जरूर होती है। डॉ. त्रिलोकचंद जैर्े शिक्षक हमारे देि की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बना
रहे हैं। ऐर्े आयोजन शिक्षा के क्षेि में बदलाव और प्रेरणा का स्रोत बनते हैं।