7 yoga poses for a strong digestive system that improves your digestion

Shivartha 64 views 5 slides Feb 02, 2022
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About This Presentation

Indigestion can lead to many health problems like flatulence, abdominal pain, acidity, constipation and loose motions. Digestion of food begins in your mouth and then moves to the stomach and then to the intestines. Food is broken down and absorbed by the body. The waste products from the digestion ...


Slide Content

लॊग कहते हैं, फुया ऩाचन सबी फुयाई की जड़ है। आमुर्वेद के अनुसाय, सबी वर्वकायों का भूल कायण खयाफ ऩाचन
है। इसललए मह ज�यी है वक हभायी ऩाचन शक्ति भजफूत यहे। तावक जॊ बॊजन हभ खाते हैं र्वह कुशलता से चमाऩचम हॊ।
अन्यथा, हभाये बॊजन के वर्वकल्प वकतने बी स्वस्थ क्यों न हों, हभाये शयीय कॊ हभाये द्वाया खाए जाने र्वाले ऩॊषक तत्वों
कॊ आत्मसात कयने औय अर्वशॊवषत कयने भें भुश्किल हॊगी।
अऩच से ऩेट पूलना, ऩेट ददद, एलसडडटी, कब्ज औय लूज भॊशन जैसे कई स्वास्थ्य संफंधी सभस्याएं हॊ सकती
हैं। बॊजन का ऩाचन आऩके भुंह से शु� हॊता है औय डपय ऩेट औय डपय आंतों तक ऩ�ंचता है। बॊजन शयीय से टूट जाता
है औय अर्वशॊवषत हॊ जाता है। ऩाचन प्रविमा से अऩलशष्ट उत्पाद गुदा के भाध्यभ से सभाप्त हॊ जाते हैं औय इसे शोच
कहा जाता है। स्वस्थ शयीय के ललए बॊजन का उलचत ऩाचन आर्वश्यक है। आऩके खाने की आदतें औय गततवर्वक्तधमााँ
ऩाचन प्रविमा कॊ सीधे प्रबावर्वत कयती हैं। आऩ अऩनी जीर्वन शैली मा खाने की आदतों कॊ फदलकय अऩने ऩाचन तंत्र
कॊ स्वस्थ औय भजफूत यख सकते हैं।
मॊग आसन ऩाचन भें सुधाय कै से कय सकते हैं?
 ऩाचन अग्नि मा अग्नि उत्तेलजत हॊती है। मह बूख कॊ फढाता है औय चमाऩचम कॊ संतुललत कयता है।
 आसन शयीय कॊ खींचते हैं, ऩेट की भांसऩेलशमों कॊ भाललश कयते हैं। इससे बॊजन ऩाचन तंत्र के साथ कुशलता
से आगे फढता है।
 आंत्र आंदॊलन कॊ वर्वक्तनमक्तभत वकमा जाता है औय कब्ज से याहत क्तभलती है।
 ऩाचन अंगों कॊ यि का ऩरयसंचयण फढ जाता है, इस प्रकाय ऩाचन कॊ सहामता क्तभलती है।
 मॊग आसन भन कॊ सविम औय खुश यखते हैं। आऩ संतुललत आहाय खाने की अक्तधक संबार्वना यखते हैं औय
इस तयह ऩाचन कॊ आसान फनाते हैं।
 मॊग का क्तनमक्तभत अभ्यास पैटी जभा कॊ हतॊत्साडहत कयता है।
 शयीय कॊ प्रबार्वी ढंग से डडटॉक्स वकमा जाता है। एक खयाफ आहाय, अस्वास्थ्यकय जीर्वन शैली औय तनार्व से
संलचत वर्वषाि ऩदाथों कॊ फाहय क्तनकाल डदमा जाता है।
ऩाचन सुधायने औय आऩकी आंत कॊ भजफूत फनाने के लिए महां 7 मॊग आसन हैं
1. ऩश्चिभॊत्तानासन (सीटेड पॉयवडड फेंड ऩॊज़):
कै से कयें:
यीढ की हड्डी औय ऩैय की उंगललमों कॊ अऩनी ओय यखते �ए, अऩने साभने सीधे पैलाए �ए ऩैयों के साथ फैठें।
श्वास लेते �ए, अऩने लसय के ऊऩय दॊनों बुजाएाँ उठाएाँ, औय ऊऩय की ओय उठें। श्वास फाहय क्तनकलते �ए, कूल्हे जॊड़ों से
आगे की ओय झुकें, ठुड्डी ऩंजों की ओय फढे। घुटनों के फल नीचे की ओय झुकते �ए यीढ की हड्डी कॊ आगे की ओय ले
जाते �ए ध्यान कें डित यखें। अऩने हाथों कॊ अऩने ऩैयों ऩय यखें, जहां बी र्वे ऩ�ंचते हैं, बफना भजफूय वकए। मडद आऩ कय
सकते हैं, तॊ अऩने ऩैय की उंगललमों कॊ ऩकड़ें औय उन्हें आगे फढने भें भदद कयें। सांस लेते �ए, अऩने लसय कॊ थॊड़ा
ऊऩय उठाएं, औय अऩनी यीढ कॊ लंफा कयें। श्वास फाहय क्तनकालते �ए, धीये से नाग्नब कॊ घुटनों की ओय ले जाएं। इस

आंदॊलन कॊ दॊ मा तीन फाय दॊहयाएं। अऩने लसय कॊ नीचे क्तगयाएं औय 20-60 सेकं ड के ललए गहयी सांस लें। अऩने
साभने फाहों कॊ पैलाएं। अऩनी फाहों की ताकत के साथ सांस लेना, फैठने की स्थस्थतत भें र्वाऩस आ जाता है। सांस छॊड़ें
औय फाहों कॊ नीचे कयें।

िाब:
ऩश्किभॊत्तानासन मा आगे की ओय झुकना आसन गैस औय कब्ज कॊ दूय कयने भें भदद कयता है। मह ऩेट की
चफी कॊ बी कभ कयता है औय धीये-धीये अंगों की भाललश कयता है।
२. फािासन (चाइल्ड ऩॊज़):
कै से कयें:
अऩनी एड़ी ऩय फैठें। अऩने कूल्हों कॊ अऩनी ऊाँ ची एड़ी के जूते ऩय यखते �ए, आगे झुकें औय अऩने भाथे कॊ पशद
ऩय कभ कयें। अऩने हाथों कॊ अऩने शयीय के साथ पशद ऩय यखें, हथेललमों का साभना कयना ऩड़ यहा है। (मडद मह
आयाभदामक नहीं है, तॊ आऩ एक भुट्ठी दूसये के ऊऩय यख सकते हैं औय उन ऩय अऩना भाथा वटका सकते हैं)। धीये से
अऩनी छाती कॊ अऩनी जांघों ऩय दफाएं। ऩकड़। धीये-धीये अऩने ऩेट कॊ ऊऩय उठाएं, अऩनी यीढ की हड्डी कॊ कशे�काओं
से अलग कयें, औय अऩनी एड़ी ऩय फैठें।

िाब:
फालासन मा फच्चे का भुिा तनार्व जायी कयता है औय आऩके डदभाग कॊ शांत कयता है। मॊग भुिा आऩके जांघों,
कूल्हों औय लसीका प्रणाली के ललए बी पामदेभंद है।
3. ऩवनभुक्तासन (वविंड रयिीवविंग ऩॊज़):
कै से कयें:
एक साथ अऩने ऩैयों के साथ अऩनी ऩीठ ऩय झूठ औय अऩने शयीय के फगल भें हतथमाय। सााँस छॊड़ें औय जैसा वक
आऩ सााँस छॊड़ते हैं, अऩने दाडहने घुटने कॊ अऩनी छाती की ओय लाएं औय अऩने ऩेट ऩय जांघ कॊ हाथों से दफाएं। डपय
से सांस लें औय सााँस छॊड़ते �ए, अऩने लसय औय छाती कॊ पशद से उठाएाँ औय अऩनी ठुड्डी कॊ अऩने दाडहने घुटने से
स्पशद कयें। इसे र्वहीं ऩकड़ें, जफ आऩ गहयी औय लंफी सांसें लेते हैं। जैसे ही आऩ सााँस छॊड़ते हैं, हाथों की घुटने कॊ कस
लें औय छाती ऩय दफार्व फढाएं। जैसे ही आऩ सांस लेते हैं, ऩकड़ कॊ ढीला कयें। जैसे ही आऩ सााँस छॊड़ते हैं, जभीन ऩय

र्वाऩस आकय आयाभ कयें। इस भुिा कॊ फाएं ऩैय से औय डपय दॊनों ऩैयों से एक साथ दॊहयाएं। आऩ ऊऩय-नीचे मा नीचे
की ओय से 3-5 फाय डहला सकते हैं औय डपय आयाभ कय सकते हैं।

िाब:
ऩर्वनभुिासन गैस औय ऩेट की फीभारयमों कॊ दूय कयती है। मह आऩके ऩाचन भें सुधाय कयेगा औय आऩके ऩेट से
गैस कॊ फाहय क्तनकाल देगा। मह आऩके ऩेट की भांसऩेलशमों कॊ बी भजफूत फनाता है।
4. विकॊणासन (ट्रामंगि ऩॊज़):
कै से कयें:
सीधे खड़े हॊ जाएं औय अऩने ऩैयों कॊ आयाभ से अलग कयें (लगबग तीन से चाय पीट)। अऩने दाडहने ऩैय कॊ
नव्वे डडग्री औय फाएं ऩैय कॊ ऩंिह डडग्री से घुभाएं। अफ अऩने दाडहने ऩैय की एड़ी कॊ अऩने फाएं ऩैय के भेहयाफ के कें ि के
साथ संयेखखत कयें। सुक्तनश्कित कयें वक आऩके ऩैय जभीन कॊ दफा यहे हैं औय आऩके शयीय का र्वजन दॊनों ऩैयों ऩय सभान
�ऩ से संतुललत है। गहयी सााँस लें औय जैसे ही आऩ सााँस छॊड़ते हैं अऩने शयीय कॊ दाडहनी ओय भॊड़ें कूल्हों से नीचे की
ओय से कभय कॊ सीधा यखते �ए अऩने फाएाँ हाथ कॊ हर्वा भें ऊऩय आने दें जफवक आऩका दाडहना हाथ नीचे पशद की
ओय आ जाए। दॊनों फांहों कॊ एक सीध भें यखें। अऩने दाडहने हाथ कॊ अऩने वऩिंडली, टखने मा अऩने दाडहने ऩैय के फाहय
के पशद ऩय आयाभ कयें, जॊ बी संबर्व हॊ र्वह कभय के वकनायों कॊ वर्वकृ त वकए बफना संबर्व है। अऩने फाएं हाथ कॊ अऩने
कं धों के शीषद के साथ छत की ओय फढाएं। अऩने लसय कॊ एक तटस्थ स्थस्थतत भें यखें मा इसे फाईं ओय घुभाएं, आाँखें फाईं
हथेली ऩय धीये से टकटकी लगाए। मह ऩता लगाएं वक आऩका शयीय फग़ल भें है औय आगे मा ऩीछे नहीं है। अक्तधकतभ
खखिंचार्व प्राप्त कयें औय स्थस्थय यहें। लंफी गहयी सांसें लेते यहें। प्रत्येक सााँस छॊड़ने के साथ शयीय कॊ अक्तधक से अक्तधक
आयाभ दें। फस शयीय औय सांस के साथ यहें। जैसे ही आऩ श्वास लें, ऊऩय आएाँ, अऩनी बुजाओं कॊ नीचे की ओय लाएाँ,
औय अऩने ऩैयों कॊ सीधा कयें। दूसयी तयप बी इसे दॊहयाएं।

िाब:
बत्रकॊणासन ऩाचन भें सुधाय कयती है, बूख कॊ उत्तेलजत कयती है औय कब्ज से याहत डदलाती है। मह आऩके गुदे
औय ऩेट के अन्य अंगों के ललए बी पामदेभंद है।
5) नोकासन (फॊट ऩॊज़):

कै से कयें:
एक साथ अऩने ऩैयों के साथ अऩनी ऩीठ ऩय झूठ औय अऩने शयीय के फगल भें हतथमाय। सााँस अंदय लें औय जैसे
ही आऩ सााँस छॊड़ें, अऩनी छाती औय ऩैयों कॊ ज़भीन से उठाएाँ, अऩनी फााँहों कॊ अऩने ऩैयों की ओय फढाएाँ। आऩकी आंखें,
उंगललमां औय ऩैय की उंगललमां एक येखा भें हॊनी चाडहए। ऩेट की भांसऩेलशमों के अनुफंध के �ऩ भें अऩने नाग्नब क्षेत्र भें
तनार्व भहसूस कयें। भुिा फनाए यखते �ए गहयी औय आसानी से सांस लेते यहें। जैसे ही आऩ सााँस छॊड़ते हैं, धीये-धीये
जभीन ऩय र्वाऩस आएं औय आयाभ कयें।

िाब:
नोकासन ऩेट की भांसऩेलशमों कॊ भजफूत कयता है। आंतों कॊ सशि फनाता है। मह ऩाचन यस के स्रार्व भें सुधाय
कयके ऩाचन कॊ उत्तेलजत कयता है।
6) उष्ट्रासन (कै भि ऩॊज़):
कै से कयें:
अऩने घुटने जभीन ऩे यखें औय हाथों कॊ कूल्हों ऩय यखें। आऩके घुटने कं धों के अनु�ऩ हॊने चाडहए औय आऩके
ऩैयों का एकभात्र छत का साभना कयना चाडहए। जैसे ही आऩ श्वास लेते हैं, अऩनी ऩूंछ की हड्डी कॊ ऩबफमों की ओय
खींचते हैं जैसे वक नाग्नब से खींचा जा यहा है। इसके साथ ही अऩनी ऩीठ कॊ आकद कयें औय अऩनी हथेललमों कॊ अऩने
ऩैयों के ऊऩय तफ तक स्लाइड कयें जफ तक वक हतथमाय सीधे न हॊ जाएं। अऩनी गददन कॊ तनार्व मा फ्लेक्स न कयें
लेवकन इसे तटस्थ स्थस्थतत भें यखें। एक-दॊ सांसों के ललए इसी स्थस्थतत भें यहें। सांस छॊड़ें औय धीये-धीये प्रायंग्नबक स्थस्थतत भें
र्वाऩस आएं। अऩने हाथों कॊ र्वाऩस लें औय उन्हें अऩने कूल्हों तक र्वाऩस लाएं जैसा वक आऩ सीधा कयते हैं।

िाब:
उष्ट्रासन ऩेट औय आंतों भें खखिंचार्व हॊता है। ऩाचन के ललए औय कब्ज से याहत डदलाता है। ऩाचन भें सुधाय
कयता है।
7) अधडभत्स्येन्द्रासन (लसटींग हाप स्पाइनि विस्ट ऩॊज़):
कै से कयें:

ऩैयों कॊ सीधे साभने पैलाकय फैठें, ऩैय एक साथ यखें औय यीढ खड़ी यहे। फाएं ऩैय कॊ भॊड़ें औय दाएं कूल्हे के
फगल भें फाएं ऩैय का उऩचाय कयें (र्वैकस्थल्पक �ऩ से, आऩ फाएं ऩैय कॊ सीधा यख सकते हैं)। दाएं ऩैय कॊ फाएं घुटने के
ऊऩय ले जाएं। फाएं हाथ कॊ दाडहने घुटने ऩय औय दाएं हाथ कॊ अऩने ऩीछे यखें। इस िभ भें कभय, कं धे औय गददन कॊ
भॊड़ें औय दाडहने कं धे कॊ देखें। यीढ कॊ सीधा यखें। अंदय औय फाहय कॊभल लंफी सांसों के साथ ऩकड़ॊ औय जायी यखॊ।
श्वास फाहय छॊड़ें, ऩहले दाडहने हाथ कॊ छॊड़ें (आऩके ऩीछे का हाथ), डपय कभय, डपय छाती, अंततभ �ऩ से गददन कॊ छॊड़ें,
औय आयाभ से फैठें। दूसयी तयप दॊहयाएं। सांस फाहय छॊड़ें, साभने की ओय आएं, औय आयाभ कयें।

िाब:
अधदभत्स्येन्द्रासन ऩाचन भें सुधाय कयता है। अधद भत्स्येन्द्रासन ऩाचन के ललए औय अिाशम के स्वास्थ्य भें सुधाय
कयता है।