Bachhe kaam par ja rahe hain Class IX Hindi poem

DillipKumarBadatya 1,917 views 22 slides Jul 16, 2020
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About This Presentation

Bachhe kam par jaa rahe hain.Class IX A course..PPT prepared by D.K.Badatya.PGT (Hindi)jnv boudh


Slide Content

विषय –ह िंदी (कविता)
कक्षा –नौि िं (अ–पाठ्यक्रम)
प्रकरण –“ बच्चे काम पर जा र े ैं ”

•इसकविताकेअध्ययनकेबादविद्यार्थी–
(क)कविताकीबातोंकोअपनेदैननकजीिनकेसंदर्भ
मेंजोड़करदेखसकेंगे।
(ख)कवितामेंिर्णभतअंतकभथाओंकोस्पष्टसकेंगे।
(ग)कविताकीविषयिस्तुकोपूिभमेंसुनीहुईघटनासे
संबद्धस्थावपतकरसकेंगे।
(घ)समाजमेंफैलीबालमजदूरीसमस्यासेरूबरूहो
सकतेहैं।

•उपयुभक्त चित्रों में आप क्या देखरहे हो ?
•बच्िे क्या-क्या काम कर रहे हैं?
•बच्िे क्यों काम कर रहे हैं?

उद्देश्य कर्थन
•आजकेबच्िेकलकेसुनागररकहोतेहैं।बच्िोंके
शारीररकऔरमानससकविकासपरहीर्ारतका
विकासननर्भरकरताहै।बच्िोंकेसपनोंमेंपंखलगे
होतेहैं।हमेंउन्हेंखेल,सशक्षा,तथाबिपनकेउमंगसे
िचिंतनहींकरनािाहहए।आजहमइसीर्ािकी
कविताबच्चेकामपरजार े ैंकाअध्ययनकरेंगे
जोकविराजेशजोश द्िारारचितहै।

कवि पररचय
•राजेशजोश (जन्म१९४६)साहहत्यअकादमी द्िारा
पुरस्कृतहहन्दीसाहहत्यकारहैं।उनका जन्ममध्य
प्रदेशकेनरससंहगढ़जजलेमेंहुआ।उन्होंनेसशक्षापूरीकरनेकेबाद
पत्रकाररताशुरूकीऔरकुछसालोंतकअध्यापनककया।राजेश
जोशीनेकविताओंकेअलािाकहाननयााँ,नाटक,लेखऔर
हटप्पर्णयााँर्ीसलखीं।राजेशजोशीकेिारकविता-संग्रह-एकहदन
बोलेंगेपेड़,ममट्टीकाचे रा,नेपथ्यमें ँस औरदोपिंक्ततयोंके
ब च,दोकहानीसंग्रह-सोमिारऔरअन्यकहाननयााँ,कवपलका
पेड़,तीननाटक-जादूजिंगल,अच्छेआदम ,टिंकाराकागाना।

बच्चे काम पर जा र े ैं
को रेसेढँकीसड़क
परबच्चेकामपरजार े ैं
सुब –सुब
बच्चेकामपरजार े ैं
प्रस्तुतपिंक्ततयोंमेंकविराजेशजोश ज
ने मारेसमाजमेंमौजूदबाल-मजदूरीकी
समस्याकोहदखाया ैऔर माराध्यान
इससमस्याकीओरआकवषितकरनेकी
कोमशशकी ै।कविनेकविताकीप्रर्थम
पिंक्ततयोंमें ीमलखा ैककब ुत ीठण्ड
कामौसम ैऔरसुब -सुब काितत ै।
चारोंतरफको राछाया ुआ ै।सड़केंभ
को रेसेढकी ुई ैं।परन्तुइतन ठण्ड
मेंभ छोटे-छोटेबच्चेको रेसेढकीसड़क
परचलते ुए,अपने-अपनेकामपरजाने
केमलएमजबूर ैं,तयोंककउन् ेंअपन
रोज -रोटीकाइिंतजामकरना ै।कोई
बच्चाकारखानेमेंमजदूरीकरता ै,तो
कोईचायकेदुकानमेंकामकरनेकेमलए
मजबूर ै।जबककइनबच्चोंकीउम्रतो
अभ खेलने-कूदनेकी ै।

हमारेसमयकीसबसेर्यानकपंजक्तहैयह
र्यानकहैइसेवििरणकीतरहसलखाजाना
सलखाजानािहहएइसेसिालकीतरह
कामपरतयोंजार े ैंबच्चे?
इनपंजक्तयोंमेंकविनेसमाजमें
व्याप्तबाल-मजदूरीजैसीसमस्या
परचिंतनकरतेहुएकहाहैकक
हमारेसमयकीसबसेर्यानकबात
यहहैककछोटे-छोटेबच्िोंकोकाम
परजानापड़रहाहै।इसबातको
हमजजससरलतासेकहरहेहैं,यह
कविकोऔरर्यानकलगरहाहै।
जबककहमेंइसकीओरध्यानदेना
िाहहएऔरयहजाननायापता
लगानािाहहएककपढ़ने-खेलनेकी
उम्रमेंबच्िोंकोअपनापेटपालने
केसलएयूाँकामपरक्योंजानापड़
रहाहै।इसेहमेंसमाजसेएकप्रश्न
कीतरहपूछनािाहहएककइनछोटे
बच्िोंकोकामपरक्योंजानापड़
रहाहै?जबककइनकीउम्रअर्ी
खेलने-कूदनेऔरपढ़ने-सलखनेकी
है।

तयाअिंतररक्षमें
गगरगई ैं
सारीगेंदे?

तयादीमकोंनेखामलया ैसारीरिंग–
बबरिंग ककताबोंको?

तया काले प ाड़ के न चे दब गए ैं
सारे खखलौने

क्याककसीर्ूकंपकेनीिेढहगईहैंसारेमदरसों
कीइमारतें?
शब्दाथभ :
मदरसा –इस्लासमक
पाठशाला
ढह जाना-ध्िस्त होना
मकान का चगरना
इमारत-महल

तयासारेमैदान, सारेबग चेऔरघरोंके
आँगनखत्म ोगए ैंएकाएक

कविबालमजदूरोंकोसुबहर्ीषणठण्डएिंकोहरेकेबीिअपने-अपने
कामपरजातेदेखताहै,जजससेकविहताशाएिंननराशासेर्रजाता
है।इसीकारणिशकविकेमनमेंकईतरहकेसिालउठनेलगतेहैं।
कविकोयहसमझनहींआरहाहैककक्योंयेबच्िेअपनामनमारकर
इतनीसुबह-सुबहठण्डमेंकामपरजानेकेसलएवििशहैं।कविसोिता
हैककक्याखेलनेकेसलएसारीगेंदेंखत्महोिुकीहैयाआकाशमें
िलीगईहैं?क्याबच्िोंकेपढ़नेकेसलएएकर्ीककताबनहींबिीहै?
क्यासारीककताबोंकोदीमकोंनेखासलयाहै?क्याबाकीसारीर्खलौने
कहींककसीकालेपहाड़केनीिेदबगएहैं?जोअबइनबच्िोंकेसलए
कुछनहींबिा?क्याइनबच्िोंकोपढ़ानेिालेमदरसेएिंविद्यालय
र्ूकंपमेंटूटिुकेहैं,जोयेबच्िेपढ़ाईएिंखेल-कूदकोछोड़करकाम
परजारहेहैं?
र्ािाथभ

तोकफरबिाहीक्याहैइसदुननयामें?
ककतनार्यानकहोताअगरऐसाहोता
र्यानकहैलेककनइससेर्ीज्यादायह
ककहैंसारीिीज़ेंहस्बमामूल

परदुननयाकी जारोंसड़कोंसेगुजरते ुएबच्चे,
ब ुतछोटे-छोटेबच्चेकामपरजार े ैं।

बच्चे काम पर जा र े ैं
कविनेअचधकर्यानकउसजस्थनतकोमनाहै।
जबसर्ीसुख–सुविधाएाँमनोरंजनकेसाधनोंकी
उपलब्धताकेबािजूदबच्िोंकोवििशतापूिभक
मजदूरीकरनेकेसलएजानापड़है।बालमजदूरी
कीसमस्यालगर्गपूरेविश्िकीसमस्याहै
हमेंसर्ीदेशोंमेंबालश्रसमकदेखनेकोसमलजातेहैं
अतःयहककसीएकविशेषदेशकीनहीं,िरनपूरे
विश्िकीएिंपूरीमानिजानतकीसमस्याहै।

कविता का भािार्थि
ककसीर्ीबच्िेकीबिपनकोननछननेकीर्ािना
कोकवितामेंमहत्िहदयागयाहै।पररिारऔर
समाजसेउसेर्रपूरप्यार,संरक्षण,औरसुविधाएाँ
समलनीिाहहए।देशऔरसमाजमेंसर्ीकुछहोते
हुएककसीर्ीबच्िेद्िारामजदूरीकरनाउनकी
वििशताकोदशाभताहै।अगरगंर्ीरतापूिभकचिंतन
ककयाजाएतोबालमजदूरीहमारेदेशकीएक
र्यानकजस्थनतहै।बच्िोंकेप्रनतसंिेदनाकेसाथ-
साथसमाजकोइसजजम्मेदारीसेपररचितकराना
कविकामुख्यउद्देश्यहै।

गृह-कायभ
•कामपरजातेककस बच्चेकेस्र्थानपरअपने-आप
कोरखकरदेखखए।आपकोजोम सूस ोता ैउसे
मलखखए।
•ककस कामकाज बच्चेसेसिंिादकीक्जएऔरपता
लगाइएकक–
•(क) ि अपनेकामकरनेकीबातकोककसभािसे
लेता/लेत ै?
•(ख) जबि अपनेउम्रकेबच्चोंकोखेलने-पढ़ने
जातेदेखता/देखत ैतोकैसाम सूसकरता/करत
ै?

“ बच्चे काम पर जा र े ैं ”
•https://docs.google.com/forms/d/1RGGjQA7s
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प्रस्तुनत
हदलीप कुमार बाड़त्या
स्नतकोत्तर मशक्षक (ह िंदी)
जिा र निोदय विद्यालय ,पालझर,
बौध ,ओडडशा
Prepared By-
DILLIP KUMAR BADATYA
PGT (HINDI)
Jawahar Navodaya Vidyalaya ,Paljhar,
Boudh, Odisha.
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