वैयक्तिकअध्ययन पद्धति
[ case study]
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द्वारा- डॉक्टर ममता उपाध्याय
एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान
कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय
बादलपुर, गौतम बुध नगर, उत्तर प्रदेश
उद्देश्य-
●सामाजिक राजनीतिक शोध में वैयक्तिक अध्ययन पद्धति कीउपयोगिता का ज्ञान
●वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की विशेषताओं की जानकारी
●केस स्टडी मेथड में तथ्य संकलन हेतु प्रयोग में लाएजाने वाले स्रोतों की जानकारी
●केस स्टडी की सीमाओं का ज्ञान
●केस स्टडी के माध्यम से सामाजिक राजनीतिक घटनाओं केअध्ययन के प्रति रुचि का विकास
वैयक्तिकअध्ययनपद्धतिगुणात्मकशोधकाएकरूपहै।सामाजिक-राजनीतिकशोधकार्य
मेंशोध-प्रारूपकेनिर्माणकीयहअत्यंतलोकप्रियपद्धतिहै।ज्यादातरइसपद्धतिकाप्रयोग
प्राकृतिकविज्ञानों,समाजशास्त्रीयअध्ययनएवंसरकारीयोजनाओंकेमूल्यांकनकेलिएकिया
जाताहै।समसामयिकदौरमेंशिक्षणकीएकमहत्वपूर्णतकनीककेरूपमेंभीयहपद्धति
सामनेआईहै।पीएचडी.उपाधिहेतुशोधप्रबंधयालघुशोधप्रबंधकेलेखनमेंभीइसी
पद्धतिकोअपनायाजाताहै,जिसमेंशोधकर्ताकिसीभौगोलिकक्षेत्रयासंस्थाकोअध्ययनकी
इकाईकेरूपमेंचुनकरउसकाबहुआयामीगहनविश्लेषणकरताहै।इसपद्धतिकेअंतर्गत
किसीघटना,क्षेत्र,व्यवहारयाव्यक्तिसमूहकाअध्ययनउसकेसमग्ररूपमेंकियाजाताहै,
ताकिउससेजुड़ेकारण,परिणामऔरविशेषताएंपूरीतरहस्पष्टहोसके।इसपद्धतिके
अंतर्गतकिसीव्यक्ति,परिवार,आदत,घटना,जातियासंस्थाआदिकागहनगुणात्मक
अध्ययनकियाजाताहै।श्रमिकवर्गकीसमस्याओंकाअध्ययन,आतंकवादजैसीघटना,
कोविड-19महामारीकेसामाजिकआयामोंकाविश्लेषणआदिवैयक्तिकअध्ययनकेउदाहरण
है।व्यक्तिगतअध्ययनपद्धतिकायहतात्पर्यनहींहैकिइसकेअंतर्गतकुछचुनेहुएव्यक्तियों
सेहीतथ्यइकट्ठेकिएजाएंगे,बल्किसंबंधितकेससेजुड़ेहुएबहुतसारेव्यक्तियोंतथा
संस्थाओंसेनानाप्रकारकेतथ्यसंकलितकरउनकाविश्लेषणकियाजाताहै।वैयक्तिक
अध्ययनविधिकेजन्मदाताफ्रेडरिकप्ले[1806-1881]थे।हरबर्टस्पेंसरएवंहेलीआदि
विचारकों ने इस पद्धति को उपयोगी बनाने का प्रयास किया।
परिभाषाएं-
कॉमवे[1986]वैयक्तिकअध्ययनपद्धतिकोएकलंबेसमयकेअंदरसामाजिकपर्यावरण
केअभिन्नअंगकेरूपमेंकुछखासघटनाओंएवंव्यक्तिसमूहअध्ययनकेरूपमेंपरिभाषित
किया है।
यिनकेअनुसार,‘’व्यक्तिगतअध्ययनपद्धतिकिसीसमसामयिकघटनाकाउसके
वास्तविक संदर्भ में आनुभविक विश्लेषण है। ‘’
यंगकेअनुसार,’’वैयक्तिकअध्ययनवहविधिहैजिसकेद्वारासामाजिकइकाईकेजीवनकी
खोजऔरविवेचनाकीजातीहै।यहइकाईएकव्यक्ति,एकपरिवार,एकसंस्था,एक
सामाजिक वर्ग या समुदाय कुछ भी हो सकता है।
सिंनपाओयंगकेअनुसार,‘’वैयक्तिकअध्ययनविधिकोएकछोटेसंपूर्णऔरगहन
अध्ययनकेरूपमेंपरिभाषितकियाजासकताहैइसमेंअनुसंधानकर्ताकिसीव्यक्तिकेसंबंध
मेंपर्याप्तसूचनाओंकाव्यवस्थितसंकलनकरनेकेलिएअपनीसमस्तक्षमताओंऔरविधियों
काऐसेउपयोगकरताहैकियहस्पष्टहोसकेकिएकस्त्रीयापुरुषसमाजकीइकाईकेरूपमें
कैसे कार्य करते हैं। ‘’
गुडेएवंहट्टकेअनुसार,‘’यहसामाजिकतथ्योंकोसंगठितकरनेकीएकऐसीविधिहै
जिससेअध्ययनकिएजानेवालेसामाजिकविषयकीएकात्मकप्रकृतिकीपूर्णतारक्षाहोसके।
दूसरेशब्दोंमेंयहऐसादृष्टिकोणहैजिससेकिसीसामाजिकइकाईकाउसकेसंपूर्णस्वरूपमें
दिग्दर्शन हो जाता है। ‘’
विशेषताएं-
हार्ट्सफील्ड ने वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की निम्नांकितविशेषताओं का उल्लेख किया है-
●किसी इकाई का संपूर्ण अध्ययन करने की दृष्टि से यहअध्ययन पद्धति अत्यंत उपयोगी है।
उदाहरण- उत्तर प्रदेश में कोविड -19 महामारी का सामनाकरने के लिए किए गए प्रयत्न
1. उत्तर प्रदेश महामारी की चपेट मेंकब आया।
2. सरकार द्वारा किए गए नीतिगत प्रयासक्या हैं।
3. हॉस्पिटल , दवाओं, डॉक्टर्स की उपलब्धता कैसी है।
4. कोविड -19 लॉक डाउन की स्थिति कासमाज के विभिन्न वर्गों पर कैसा प्रभाव पड़ा।
5. लॉक डाउन की स्थिति में अर्थव्यवस्था को संचालित करने हेतु क्या प्रयास किए गए।
6. प्रदेश में वैक्सीनेशन की क्या स्थितिहै।
7. सरकार द्वारा केंद्र सरकार के निर्देशोंके अनुपालन में क्या कदम उठाए गए
8.राज्यकीस्वायत्तता कोसुनिश्चित करतेहुएसरकारद्वाराअपनीपहलपरक्याकदम
उठाए गए।
9. विद्यार्थियों की शिक्षा का क्याप्रबंध किया गया।
10 आम जनता का सहयोग कैसा रहा।
11.कोविड -19टीकासामनाकरनेकेमार्गमेंप्रशासनऔरआमजनताकोकिन
समस्याओ ं का सामना करना पड़ा।
12. कोविड -19 समस्याओ ं के समाधान केमौजूद विकल्प कौन-कौन से हैं।
●सामाजिक घटनाओंकेगुणात्मक अध्ययन कीदृष्टिसेयहपद्धति अत्यंतउपयोगीहै।जटिल
एवंपरिवर्तनशीलविषयोंकेबारेमेंअध्ययन परिमाणात्मकविधिसेनहींकियाजासकता,ऐसे
मेंयहप्रविधिकिसीसामाजिक इकाईकेजीवनकाएकप्रक्रियाकेरूपमेंअध्ययन करतीहैऔर
उसकेविभिन्न पक्षोंकेसाथसंबंधोंकीजानकारीप्रदानकरतीहै।एम.एच.गोपालनेलिखाहै,
‘’सामाजिक समस्याओ ंकोठीक-ठीकसमझनेकेलिएतथाउनकासहीमूल्यांकनकरनेके
लिएविकासमानतथाविस्तृतदृष्टिकोण कीआवश्यकता होतीहै।उसकेलिएएकप्रकारके
गुणात्मकविश्लेषणकीआवश्यकता होतीहै।उसकाअर्थकेवलउससामाजिक पृष्ठभूमि,
घटनाओंतथासमूहतत्वोंकेसंदर्भमेंहीसमझाजासकताहै,जिन्होंन ेउसेउत्पन्नकियाहै।
सामाजिक वास्तविकता को केवल एक सांख्यिकी सारणी के रूपमें समझना कठिन है।
●यहअध्ययन पद्धति अनुसंधानकर्ता कोकिसीविषयकेबारेमेंउपकल्पनानिर्मितकरनेमें
सहायक होती है जिसके विषय में अन्वेषणात्मक अनुसंधानकिया जाना हो।
●इसपद्धति केअंतर्गततथ्यसंकलनकेलिएअनेकप्रविधियों काप्रयोगकियाजाताहै,ताकि
किसी प्रकार की गलती या तथ्यों को तोड़ -मरोड़ कर पेशकरने की प्रवृत्ति से बचा जा सके।
●इसपद्धति केअंतर्गतएकसमयविशेषमेंएककेसपरहीअध्ययन केंद्रितहोनेकेकारण
विषयकागहनऔरसूक्ष्मअध्ययन संभवहोपाताहै।कूलेनेउचित हीलिखाहैकि‘’
वैयक्तिक अध्ययन हमारेबोधकोगहनबनाताहैतथाजीवनमेंहमेंअधिकस्पष्ट अंतर्दृष्टि
प्रदान करता है। ‘’ बरगेस ने इसे ‘सामाजिक सूक्ष्मदर्शीयंत्र’ [ social microscope]कहा है।
●इसपद्धति केअंतर्गततथ्यसंकलनहेतुचुनेगएउत्तरदाताओंकोकेवलतत्वकेस्रोतनसमझ
करउन्हेंवास्तव मेंज्ञानीसमझाजाताहै।दूसरेशब्दोंमें,यहपद्धति उत्तरदाताओंकोसमुचित
सम्मान देती है।
●जटिल सामाजिक -राजनीतिक समस्याओ ं के अध्ययन में यहपद्धति विशेष उपयोगी है।
●दोभिन्न केसअध्ययनों केमाध्यम सेउनकेपरिणामों कीतुलनाकीजासकतीहैएवंनिष्कर्षों
कोसत्यापित करनासंभवहोपाताहै।किसीविषयकेवैज्ञानिक अध्ययन केलिएतुलनात्मक
विश्लेषण एवं तथ्यों का सत्यापन अत्यंत आवश्यक एवं उपयोगीहोता है।
●फ्लाईबर्ग[2006]काअभिमत हैकिसामाजिक औरमानवीयव्यवहारसंबंधीविज्ञानमेंसंदर्भ
युक्तज्ञानऔरअनुभवकाविशेषमहत्व हैऔरवैयक्तिक अध्ययन पद्धतिकिसीकेसका
अध्ययन सामाजिक परिस्थिति और समय के संदर्भ में करतीहै।
●समयऔरसंसाधनों कीसीमाकोदेखतेहुएभीयहपद्धति उपयोगीहै,क्योंकिइसमेंअध्ययन
कर्ताअपनेसंसाधनों केअनुरूपकिसीअध्ययनविषयकाचयनकरताहै।व्यवहारिकदृष्टिसे
किसीभीशोधकर्ताकेलिएयहसंभवनहींहोताहैकिवहएकहीसमयमेंबहुतसारेविषयोंपर
ध्यान केंद्रित करते हुए तथ्यों का विश्लेषण कर किसीनिष्कर्ष पर पहुंच सकें।
●वैयक्तिक अध्ययन शोधकर्ता केस्वयंकेशिक्षण कीदृष्टिसेभीउपयोगीहैजोउसकेअंदर
शोधसेसंबंधित कौशलकाविकासकरतीहैक्योंकियहशोधकर्तामेंएकठोससंदर्भआधारित
अनुभव का विकास करती है।
●वैयक्तिक अध्ययन पद्धति उत्तरआधुनिकप्रवृत्तिकेअनुरूपभीहै,जोयहमानतीहैकिकिसी
भीविषयकेबारेमेंकोईभीधारणाअंतिमनहींहैऔरएकघटनायाकेसकेकईपक्षहोसकते
हैं।व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति केअंतर्गतभीशोधकर्ताविषयसेसंबंधित सभीपक्षोंकोसमग्र
रूप में प्रस्तुत करता है एवं इसके औचित्य की तार्किकव्याख्या करता है।
●यहपद्धति ‘थ्योरी ऑफफलसिफिक ेशन’केअनुरूपहै,जिसकाप्रतिपादनकालप्रॉपरकेद्वारा
कियागयाथाऔरजोयहमानतीहैकिकिसीसिद्धांतकेवैज्ञानिकता इसबातपरनिर्भर
करतीहैकिउसकी तार्किकआलोचनाकेकितनेमजबूतआधारउसमेंमौजूदहै।किसीएक
व्यक्तिगत अध्ययन केआधारपरभीयदिकिसीसिद्धांतकोगलतसिद्ध करदियाजाताहै,
तो यह वैज्ञानिक सिद्धांत निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्णप्रयास होता है।
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के प्रकार-
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के प्रमुख प्रकार निम्न वत है-
●सामुदायिक अध्ययन- [ collective case studies ]
वैयक्तिक अध्ययन केइसरूपमेंव्यक्तियों केकिसीसमूहकाअध्ययनकियाजाताहैऔर
उससमूहकीसभीविशेषताओंकोस्पष्ट करनेकाप्रयासकियाजाताहै।किसीगांव,नगर,
प्रजाति,धर्म,लिंगऔरव्यवसायसेसंबंधित समुदायकोअध्ययनविषयकेरूपमेंचुनाजा
सकता है।
●वर्णनात्मक वैयक्तिक अध्ययन-[ descriptive case studies]
वैयक्तिक अध्ययन कायहवहप्रकारहैजिसकाप्रारंभएकवर्णनात्मकसिद्धांतकेसाथकिया
जाताहै।किसीव्यक्तियाघटनाकेविषयमेंविद्यमानसिद्धांतकोध्यानमेंरखतेहुएउसघटनाका
वास्तविक धरातलपरअवलोकनकियाजाताहैऔरसंकलित तथ्योंकीतुलनात्मकविवेचनाप्रस्तुतकी
जातीहै।तथ्योंकेआधारपरपूर्वमेंविद्यमानसिद्धांतकीपुष्टिकीजातीहैयाउसेगलतसाबित
कियाजाताहैऔरइसप्रकारवर्तमानपरिस्थितियों केसंदर्भमेंउसकीप्रासंगिकतास्पष्ट कीजातीहै।
जैसे-यदिकिसीक्षेत्रकेविकासकामूल्यांकनकरनेहेतुकिसीवैयक्तिक अध्ययन काआयोजनकिया
जाताहै,तोविकासकेविषयमेंमौजूदसिद्धांतों एवंधारणाओंजैसे-सततविकासकीधारणा,निर्भरता
सिद्धांतयाविकासप्रशासनकेअंतर्गतप्रस्तुतसैद्धांतिकरूपरेखाकोध्यानमेंरखतेहुएउसीक्षेत्रके
विकास का वर्णन आत्मक विश्लेषण किया जाएगा।
●अन्वेषणात्मक वैयक्तिक अध्ययन-[exploratory case Studies]
प्रकारकाअध्ययनकिसीविषयकेबारेमेंगहनअध्ययन करनेसेपूर्वविषयकेबारेमेंवास्तविक
तथ्योंकीजांचकरनाहोताहै,ताकिशोधसंबंधीमहत्वपूर्णप्रश्नउठायाजासकेयाउपयोगी
उपकल्पनाओ ंकानिर्माणकियाजासके।इसप्रकारकेअध्ययन मेंशोधकार्यसेपूर्वकाअन्वेषण
आत्मक कार्य संपन्न किया जाता है।
●इंस्ट्रुमेंटल केस स्टडी-[ Instrumental Case Studies]
इसप्रकारकीकेसस्टडीमेंकोईव्यक्तियाव्यक्तिसमूहशोधकर्ताकोइसबातकीअनुमतिप्रदान
करताहैकिवहसमुदाययाव्यक्तिकेविषयमेंपहलेसेमौजूदतथ्योंसेआगेबढ़करकुछअन्य
महत्वपूर्णतथ्योंकाभीअवलोकनकरेंऔरउन्हेंअपनेअध्ययन काआधारबनाएंताकिव्यक्तिया
समूह के अनछुए पहलू स्पष्ट हो सके।
●रुचिआधारित वैयक्तिक अध्ययन-[Intrinsiccasestudies]-इसप्रकारकीकेसस्टडीमें
शोधकर्ताअपनीव्यक्तिगतरूचिकेआधारपरकेसकाचयनकरताहै।जीनपियाजेद्वारा
स्वयंअपनेबच्चोंकाअवलोकनकियाजानाइसकाएकअच्छा उदाहरणहैजिसमें
मनोवैज्ञानिकसिद्धांतों केनिर्माण मेंमहत्वपूर्णयोगदानदिया।एकमनोवैज्ञानिक केरूपमें
पियाजटने‘कॉग्निटिव डेवलपमेंटथ्योरी’काप्रतिपादनकियाजिसकेअनुसारबच्चेवयस्कों की
तुलनामेंभिन्न तरहसेसोचतेहैं।इससिद्धांतनेबच्चोंकेमानसिकविकासकीदिशामेंनए
तरह के शोध को प्रोत्साहित किया।
वैयक्तिक अध्ययन हेतु प्राप्त किए जाने वालेतथ्यों के स्रोत-
वैयक्तिक अध्ययन पद्धति कोअपनानेवालाशोधकर्तानिम्नांकितस्रोतोंसेतथ्योंकोसंकलित
करता है-
●पुरातात्विक दस्तावेज-
इसमेंजनगणनासंबंधीरिकॉर्ड,सर्वेक्षणरिकॉर्डएवंव्यक्तियों केनामोंकीसूचीआतीहै।
शोधकर्ता आवश्यकतान ुसार इन रिकॉर्ड से तथ्य संकलित करताहै।
●प्रत्यक्ष अवलोकन-
अवलोकनकेमाध्यम सेशोधकर्ताकिसीविषय,व्यक्तियाघटनाकोउसकेस्वाभाविकरूपमें
देखताहै।इसतरहकेअवलोकनहेतुअवलोकनकर्ताओ ंकाएकसमूहगठितकियाजाताहै।
ऐसेअवलोकनकाउद्देश्यहोताहैकिविषयसेसंबंधित सभीपक्षोंसेसंबंधित तथ्योंको
संकलित किया जा सके।
● अन्य दस्तावेज-
शोधकर्ताअन्यदस्तावेजोंजैसे-व्यक्तिगत पत्र,डायरी ,समाचारपत्रोंकेलेखएवंप्रशासनिक
रिकॉर्डकेमाध्यम सेभीशोधकर्ता तथ्यसंकलित करताहै।व्यक्तिगत जीवनकेविषयमें
तथ्यएकत्रित करनेकासर्वाधिकविश्वसनीयस्रोतडायरी हैजिसमेंगोपनीयसमझीजानेवाले
तथ्य भीमिलजातेहैं।डायरी मेंव्यक्तिकीआंतरिक भावनाओं,गोपनीयक्रियाओं,
प्रतिक्रियाओ ं,संकल्प इच्छाओं,सफलताओंऔरअसफलताओंकेसाथ-साथगुणात्मकव्यवहार
औरमानसिक झुकावसेसंबंधित जानकारी भीमिलजातीहै,अतःवैयक्तिक अध्ययनप्रणाली
मेंडायरी अत्यंतउपयोगीस्रोतहै।पी.वी.यंगकेअनुसार,’’व्यक्तिगतप्रलेखअनुभवकी
निरंतरताप्रकटकरतेहैंजोनिष्पक्षवास्तविकता तथाआत्मविवेचनमेंअभिव्यक्त लेखकके
व्यक्तित्व ,सामाजिक संबंधों तथा जीवन दर्शन पर प्रकाशडालने में सहायक होते हैं। ‘’
●साक्षात्कार -
यदिअध्ययन कीइकाईव्यक्तिहैतोउससेतथाउससेसंबंधितव्यक्तियों सेसाक्षात्कार केमाध्यम से
सूचनाएंएकत्रकरनेकाप्रयासकियाजाताहैऔरयदिअध्ययन कीइकाईकोईघटनायापरिस्थिति है
तोउससेजुड़ेहुएएवंउससेप्रभावित होनेवालेव्यक्तियों सेसाक्षात्कार करकेसूचनाएंएकत्रित कीजा
सकतीहै।साक्षात्कार पूर्वनियोजित एवंपूर्वसंरचित होसकताहैअथवाअसंरचित याखुलेप्रश्नवाला
हो सकता है।
●जीवनी-
किसीव्यक्तिकीजीवनीमेंलेखककेद्वाराउसकेजीवनसेसंबंधित महत्वपूर्णघटनाओंऔरअनुभवों
काक्रमिक ढंगसेवर्णनकियाजाताहै।परिवारकीपृष्ठभूमि,प्रभाव,पारिवारिक घटनाओंका
महत्वपूर्णप्रभाव,जीवनकेअनुभव,व्यक्तिकेअपनेविचारऔरदृष्टिकोण जीवनीकाअंगहोते
हैं,अतः जीवनी किसी व्यक्ति के विषय में तथ्य संकलित करने का महत्वपूर्ण स्रोत बन जाती है।
● भौतिक वस्तुएं-
वैयक्तिक अध्ययन केअंतर्गतएकशोधकर्ताव्यक्तिकेजीवनसेसंबंधितविभिन्न वस्तुओं,औजारों
एवंहस्तशिल्प कीवस्तुओंकाअवलोकनकरकेभीआवश्यक तथ्यसंकलित करताहै।जैसे-महात्मा
गांधीकेविषयमेंतथ्यसंकलित करनेहेतुसंग्रहालय मेंरखीउनकेजीवनसेसंबंधित एवंउपयोगमें
लाई जाने वाली वस्तुओं का अवलोकन करके शोधकर्ता आवश्यक तथ्य संकलित कर सकता है।
आलोचना या सीमाएं-
●वैयक्तिक अध्ययन पद्धति कीसबसेबड़ीसीमायहहैकिइसमेंएकहीकेसकेअध्ययन के
आधारपरसामान्यसिद्धांतप्रस्तुतकरनेकाप्रयासकियाजाताहै,जोवैज्ञानिकसिद्धांत
निर्माण कीदृष्टिसेउचित नहींहै।अक्सर यहविश्वासव्यक्तकियाजाताहैकिप्रत्येककेस
इतनाविशिष्ट होताहैकिउसकेविषयमेंकोईसार्थकसामान्यीकरण करनासंभवनहींहोताहै,
इसलिए शोधकर्ताओ ंकीप्रवृत्तिवैयक्तिक अध्ययन केबजायपरिकल्पना केपरीक्षण केलिए
औरसिद्धांतनिर्माण केलिएअन्यपद्धतियों कोअपनानेकीतरफदिखाईदेरहीहै।हालांकि
यहआलोचनाबहुतसहीनहींहै,क्योंकिव्यक्तिगत अध्ययन पद्धति शोधकर्ताकोविषयके
बारेमेंनईपरिकल्पना केनिर्माण याविद्यमानसिद्धांतों केपरीक्षण कामहत्वपूर्णअवसर
उपलब्ध करातीहै।डार्विनका‘विकासवादीसिद्धांत‘व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति काही
परिणाम था जिसका उल्लेख उन्होंन े ईस्टर्न आईलैंड केयात्रा वृतांत में किया है।
●व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति मेंभीयहदोषपायाजाताहैकिशोधकर्ताअध्ययन कार्यसे
अपनेपूर्वाग्रह कोअलगनहींरखपाताहैऔरघटनाओंकाअवलोकनकरतेसमयकिसीन
किसी पक्षपात का शिकार हो जाता है, जिसका दुष्प्रभावअध्ययन के निष्कर्षों पर पड़ता है।
●वैयक्तिक अध्ययन पद्धति मेंझूठेसामान्यीकरण काखतराबनारहताहैक्योंकि तथ्योंका
संकलनकिंन्हीनिश्चितनियमोंकेआधारपरनहींकियाजाता,उसमेंलचीलापनबरताजाता
है एवं अध्ययन से संबंधित कुछ ही इकाइयों का अध्ययनकिया जाता है।
●यहअध्ययन पद्धतिसिद्धांतनिर्माण हेतुसामान्यीकरण तोकरसकतीहै,किंतुसंख्यात्मक
तथ्यों को विश्लेषित करने में यह सक्षम नहीं है।
●यहअध्ययन पद्धति खर्चीली एवंसमयसाध्यभीहोजातीहै,क्योंकिविषयसेसंबंधित सभी
पक्षों का समग्र अध्ययन करने हेतु तथ्यों के संकलन एवंविश्लेषण में समय लगता है।
●व्यक्तिगत अध्ययन पद्धति काप्रयोगकेवलसीमितक्षेत्रमेंकियाजासकताहै,व्यापकरूप
सेसमाजकेअध्ययन केलिएयहपद्धति उपयुक्तनहींहै।इसअध्ययन पद्धति केअंतर्गत
निदर्शन विधि का प्रयोग भी व्यापक रूप मे नहीं कियाजा सकता।
●केसस्टडीमेंप्रतिनिधित्व कागुणभीनहींपायाजाताहै,क्योंकि हरकेसस्टडीअलगतरहकी
होतीहै।एकतरहकाअध्ययन दूसरेकाप्रतिनिधित्व नहींकरसकता।इसलिए इसपद्धति के
आधार पर निकाले गए निष्कर्ष सार्वभौमिक रूप में लागूनहीं किए जा सकते।
●इसअध्ययन पद्धति मेंतथ्यसंकलनहेतुजिनस्रोतोंकाप्रयोगकियाजाताहै,वेबहुत
अधिकविश्वसनीय नहींहोते।जैसे-जीवनी,जिसमेंतथ्योंकोबढ़ाचढ़ाकरबतायाजाताहै।
केससेसंबंधित गोपनीयतथ्योंकोप्राप्तकरनाऔरभीमुश्किल होताहै।संकोच,डरएवं
लज्जा के कारण कई बार उत्तर दाता सही जानकारी नहीं देतेहैं।
मुख्य शब्द-
केसस्टडी,गुणात्मक अध्ययन,सहभागीअवलोकन,सामाजिक सूक्ष्मदर्शीयंत्र,
सामाजिक घटनाओं का अमूर्त एवं जटिल रूप
References And Suggested Readings
●PrabhatKumar,ResearchMethodology;Priciplesand
Practices, S.K. Book Agency,New Delhi
●Marc Widdowson ,Case Study Research
Methodology,www.researchgate.net
●Case Studies-Research Methodology,research
-methodology.net
●www.pressacademia.org
प्रश्न-
निबंधात्मक -
1.वैयक्तिक अध्ययन पद्धति कोपरिभाषित कीजिए एवंइसकीप्रमुखविशेषताओंकाउल्लेख
कीजिए .
2.सामाजिक राजनीतिक घटनाओंकेगुणात्मक अध्ययन कीदृष्टिसेवैयक्तिक अध्ययन
पद्धति सर्वाधिक उपयोगी है, विवेचना कीजिए।
3.वैयक्तिक अध्ययन पद्धति केप्रमुखप्रकारोंकाउल्लेखकरतेहुएइसकी सीमाओंकीविवेचना
कीजिए।
वस्तुनिष्ठ-
1. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का प्रयोग किस तरह केशोध में किया जाता है।
[ अ ] मात्रात्मक शोध [ ब ] गुणात्मक शोध [ स ] अन्वेषणात्मक शोध [ द ] ब और स सही है।
2. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का जन्मदाता किसे माना जाताहै?
[ अ ] हरबर्ट स्पेंसर [ ब ] डार्विन [ स ] हेली [द ] फ्रेडरिक प्ले
3. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति के अंतर्गत किए जाने वालेशोध कार्य की क्या विशेषता होती है?
[ अ ] विषय का सतही अध्ययन किया जाता है।
[ ब ] गहन और सूक्ष्म अध्ययन किया जाता है।
[ स ] किसी एक केस पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता है।
[ द ]’ ब ‘ और ‘स’ सही है।
4.वैयक्तिक अध्ययन पद्धति काप्रयोगकरतेहुएनिम्नलिखित मेंसेकिससिद्धांतकाप्रतिपादन
किया गया।
[अ]कॉग्निटिव डेवलपमेंटथ्योरी [ब]विकासवादीसिद्धांत[स]उपर्युक्तदोनों[द]उपर्युक्तमें
से कोई नहीं।
5. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति किस तरह के शोध के लिए उपयुक्त नहीं होती है?
[अ]अन्वेषणात्मक शोध[ब]मात्रात्मक शोध[स]क्रियात्मक शोध[द]सभीतरहकेशोधके
लिए उपयुक्त होती है।
6. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति में शोध कार्य के लिए केसके रूप में किसका चयन किया जाता है?
[ अ ] सामाजिक घटना [ ब ] सामाजिक - राजनीतिक व्यवहार[ स ] किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व
[द ] उक्त सभी
7. निम्नलिखित में से क्या वैयक्तिक अध्ययन पद्धति का एक प्रकार नहीं है?
[अ]सामुदायिक अध्ययन [ब]वर्णनात्मक अध्ययन [स]रुचिआधारित अध्ययन [द]
सांस्कृतिक अध्ययन
8. वैयक्तिक अध्ययन पद्धति की सबसे बड़ी सीमा क्या है?
[ अ ] एक केस के अध्ययन के आधार पर सार्वभौमिक सिद्धांत-निर्माण संभव नहीं है।
[ ब ] विषय का गहन अध्ययन संभव नहीं है।
[ स ] शोधकर्ता का पक्षपात एवं पूर्वाग्रह से बचनासंभव नहीं है।
[ द ] ‘अ ‘ और’ स’ सही है।
9. वैयक्तिक अध्ययन में तथ्य संकलन हेतु किन स्रोतोंका प्रयोग किया जाता है?
[ अ ] डायरी [ ब ] पुरातात्विक दस्तावेज [ स ] अवलोकन[ द ] उक्त सभी
10. इंस्ट्रुमेंटल केस स्टडी की विशेषता क्या होती है?
[ अ ] यह विषय के नवीन पहलुओं को स्पष्ट करती है।
[ ब ] विषय से संबंधित व्यक्ति समूह शोधकर्ता को अध्ययन के लिए आमंत्रित करते हैं।
[ स ] अध्ययन विषय की समग्र विशेषताओं को स्पष्ट करतीहै।
[ द ] उपर्युक्त सभी
11.शोधकर्ताद्वाराअपनीपहलऔररुचिकेआधारपरकीजानेवालीकेसस्टडीवैयक्तिक अध्ययन
का कौन सा प्रकार है।
[अ]अन्वेषणात्मक केसस्टडी[ब]रुचिआधारित केसस्टडी[स]इंस्ट्रुमेंटलकेसस्टडी[द]
निदानात्मक केस स्टडी
उत्तर- 1. ब 2. द 3. द 4. स 5. ब 6. द7.द 8. द 9. द 10.द 11. ब