चित्रों को देखकर आपके मन में इस समय के संबंध में क्या क्या कल्पनाएं आती हैं ?
जब सूर्य की पहली किरण निकलती है उस समय को क्या कहते हैं ? प्रातःकाल पौ फटना प्रभात उषाकाल
जब सूर्य की पहली किरण आकाश में आती है तो उसे उषा कहते हैं।
कवि परिचय जन्म 13जनवरी 1911 देहरादून उत्तराखंड मृत्यु 1993 दिल्ली रचनाएं काल तुझ से होड़ है मेरी (कविता संग्रह) कुछ और कविताएँ (कविता संग्रह) कुछ कविताएँ (कविता संग्रह) चुका भी हूँ मैं नहीं! (कविता संग्रह) सुकून की तलाश (कविता-संग्रह) सम्मान साहित्य अकादमी पुरस्कार कबीर सम्मान
शैलीगत विशेषताएँ प्रयोगवादी कविता द्वारा नए प्रयोग बिंबधर्मिता का प्रयोग उर्दू शायरी का प्रभाव सर्वनामों क्रियाओं अव्ययों एवं मुहावरों के प्रयोग पर बल नए प्रतीक प्रयोग नए उपमान प्रयोग नए बिम्ब प्रतीक उपमान कविता के उपकरण पुराने उपमानों में नए अर्थ की चमक
प्रातः नभ था बहुत नीला शंख जैसे
भेार का नभ राख से लीपा हुआ चौका; अभी गीला पडा है
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से कि जैसे धुल गई हो
स्लेट पर या लाल खडिया चाक मल दी हो किसी ने
नील जल में या किसी की गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो
जादू टूटता है उषा का अब; सूर्योदय हो रहा है
भाव-साम्य जयशंकर प्रसाद की कविता बीती विभावरी जाग री लिंक कविताकोष. org