सामुदायिकविकास कार्यक्रम
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द्वारा डॉक्टर ममता उपाध्याय
एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान
कुमारी मायावती राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय
बादलपुर, गौतम बुध नगर,उत्तर प्रदेश
यहसामग्रीविशेषरूपसेशिक्षणऔरसीखनेकोबढ़ानेकेशैक्षणिकउद्देश्योंकेलिएहै।आर्थिक/वाणिज्यिकअथवा
किसीअन्यउद्देश्यकेलिएइसकाउपयोगपूर्णत:प्रतिबंधहै।सामग्रीकेउपयोगकर्ताइसेकिसीऔरकेसाथवितरित,
प्रसारितयासाझानहींकरेंगेऔरइसकाउपयोगव्यक्तिगतज्ञानकीउन्नतिकेलिएहीकरेंगे।इसई-कंटेंटमेंजो
जानकारी की गई है वह प्रामाणिक है और मेरे ज्ञान केअनुसार सर्वोत्तम है।
उद्देश्य-
●भारत में सामुदायिक विकास की विचारधारा एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का ज्ञान
●सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी
●समुदायिक विकास कार्यक्रम के स्वरूप एवं संगठन की जानकारी
●सामुदायिक विकास कार्यक्रम के समक्ष चुनौतियां एवं इसकीविफलताओं का विश्लेषण
●सामुदायिक विकास कार्यक्रम की उपलब्धियों का विश्लेषण
●सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु जन सहभागिता को प्रेरित करना
सामुदायिकविकासकार्यक्रमग्रामीणपुनर्निर्माणकीपरियोजनाहैजिसकाउद्देश्यजन
सहभागिताकेमाध्यमसेग्रामीणसमुदायकेजीवनस्तरकोऊपरउठानाहै।इसयोजनाको
‘भारतकीदोतिहाईजनताकीआशातथासुखकाअधिकारपत्र’,‘मुक्तिकाइच्छापत्र’,
दरिद्रता,अज्ञान,गंदगी,रोगके-जिनसेकरोड़ोंलोगपीड़ितहैं-विरुद्धयुद्धकीघोषणाजैसी
संज्ञादीगईहै।सदियोंकीराजनीतिकपराधीनताकाशिकाररहेभारतकीग्रामीणजनता
पारस्परिकसहयोगऔरसहभागिताकीभावना,जोभारतीयसंस्कृतिकामूलआधारथी,खो
चुकीथीऔरउसकेमनमेंसत्ताकेप्रतिसंदेहकीभावनाघरकरगईथी।संदेहकीइसभावना
कोदूरकरग्रामीणअर्थव्यवस्थाऔरसंस्कृतिकेपुनरुत्थानकेउद्देश्यसेस्वतंत्रभारतकी
सरकारद्वाराग्रामस्वराज्यकीस्थापनाकेलक्ष्यकोध्यानमेंरखतेहुए1952मेंइसकार्यक्रम
कीशुरुआतकीगई।इसकार्यक्रमकेपीछेदृष्टियहथीकिजिसदेशकी74%जनतागांवमें
रहतीहै,उसग्रामीणजीवनकोपुनर्गठितकिएबिनाराष्ट्रीयपुनर्निर्माणसंभवनहींथाऔरन
हीकल्याणकारीराज्यकेलक्ष्यकोप्राप्तकियाजासकताथा,अतःएकऐसीयोजनाकेरूपमें
जोग्रामसमुदायमेंव्याप्तअशिक्षा,निर्धनता,बेरोजगारी,कृषिकापिछड़ापन,गंदगीऔर
रूढ़िवादिता को दूर कर सके, सामुदायिक विकास कार्यक्रमको प्रारंभ किया गया।
ग्रामीणविकासकेव्यापकलक्ष्यकोध्यानमेंरखतेहुएसर्वप्रथमसन1948
मेंउत्तरप्रदेशकेइटावातथागोरखपुरजिलोंमेंएकप्रायोगिकयोजनाक्रियान्वितकीगई।
इसकीसफलतासेप्रेरितहोकरजनवरी1952मेंभारतऔरअमेरिकाकेबीचएकसमझौता
हुआजिसकेअंतर्गतभारतमेंग्रामीणविकासकेबहुआयामीस्वरूपकोप्राप्तकरनेकेलिए
अमेरिकाके‘फोर्डफाउंडेशन’द्वाराआर्थिकसहायतादेनास्वीकारकियागया।1952में
महात्मागांधीकेजन्मदिवसअर्थात2अक्टूबरसे55विकासखंडोंकीस्थापनाकरकेइस
योजना पर कार्य प्रारंभ किया गया।
सामुदायिक विकास क्या है?
सामुदायिकविकासकेवलएककार्यक्रमहीनहीं,बल्किएकविचारधाराहैजोइसबुनियादी
विचारपरआधारितहैकिव्यक्तिकेव्यक्तित्वविकासमेंउसकेसमुदायकाबड़ायोगदानहोता
है,अतःसमुदायकेप्रतिव्यक्तिकाउत्तरदायित्वबनताहैकिवहविभिन्नलोगोंऔरसंरचनाके
साथस्वयंकोजोड़तेहुएसमुदायकेसदस्यकेरूपमेंसंपूर्णसमुदायकेउत्थानकाकारकबने
औरस्वयंभीसमुदायकेविकाससेलाभान्वितहो।भारतीयसंदर्भमेंसामुदायिकविकासका
तात्पर्यएकऐसीप्रणालीसेहै,जिसकेमाध्यमसेग्रामीणसमाजकीसंरचना,उसकेआर्थिक
संसाधनों,नेतृत्वकेस्वरूपतथाग्रामीणलोगोंकीसहभागिताकेमध्यसामंजस्यस्थापितकरते
हुएग्रामीणसमाजकाचहुमुखीविकासकरनाहै।कैंब्रिजमेंहुएसम्मेलनमेंसामुदायिक
विकासकोस्पष्टकरतेहुएकहागयाथाकि‘’सामुदायिकविकासएकऐसाआंदोलनहैजिसका
उद्देश्यसंपूर्णसमुदायकेलिएएकउच्चतरजीवनस्तरकीव्यवस्थाकरनाहै।इसकार्यमें
प्रेरणाशक्तिसमुदायकीओरसेआनीचाहिएतथाप्रत्येकसमयइसमेंजनताकासहयोगहोना
चाहिए। ‘’
योजनाआयोगकेप्रतिवेदनमेंसामुदायिकविकासकेअर्थकोस्पष्ट
करतेहुएकहागयाहैकि‘’समुदायिकविकासएकऐसीयोजनाहैजिसकेद्वारानवीनसाधनों
कीखोजकरकेग्रामीणसमाजकेसामाजिकएवंआर्थिकजीवनमेंपरिवर्तनलायाजासकताहै।
‘’
प्रोफेसरए.आर.देसाईकेअनुसार,’’सामुदायिकविकासयोजनाएकऐसी
पद्धतिहैजिसकेद्वारापंचवर्षीययोजनाओंमेंनिर्धारितग्रामोंकेसामाजिकतथाआर्थिक
जीवनमेंरूपांतरणकीप्रक्रियाप्रारंभकरनेकाप्रयत्नकियाजाताहै।‘’इसपरिभाषामेंग्रामीण
विकास को पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से पूरा करनेपर बल दिया गया है।
आर.एन.रैनाकेअनुसार‘’सामुदायिकविकासएकऐसासमन्वित
कार्यक्रमहै,जोग्रामीणजीवनसेसभीपहलुओंसेसंबंधितहैतथाधर्म,जाति,सामाजिकअथवा
आर्थिक असमानताओं को बिना कोई महत्व दिए एक संपूर्णग्रामीण समुदाय पर लागू होता है। ‘’
सामुदायिकविकासकार्यक्रमोंकेप्रशासकएस.के.डेनेसामुदायिकविकास
कार्यक्रमकीतुलनाउसउद्यानसेकीथीजिसकापालनपोषणकिसीप्रशिक्षितमालीनेकिया
हो।उनकेशब्दोंमें,‘’उद्यानसावधानीपूर्वकसंजोयाहुआजंगलहोताहै,जिसमेंएकमहान
कलाकारसबकेलिएउचितस्थानकीव्यवस्थाकरताहैजिससेवेपूर्णतयाविकसितहोकर
फलफूलसकेंऔरउनमेंसेप्रत्येकअपनेस्थानपररहकरब्रह्मांडकीइसलीलामेंएकदूसरे
की पूर्ति कर सकें।’’
‘’जियोऔरजीनेदो’’प्रत्येककोअपनीक्षमताअनुसारविकसितहोनेकापूराअवसरमिले,यह
इसव्यवस्थाकानैतिकसमादेशहै।एकजनसमुदायकोउन्हींआधारभूतसिद्धांतोंका
अनुसरणकरनापड़ेगाजोउद्यानमेंलागूहोतेहैंऔरमहानकलाकारकोअपनेउपकरणोंका
प्रयोग उसी रूप में करना पड़ेगा।
सामुदायिक विकास के विचार का इतिहास-
अपनेवर्तमानरूपमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रमनयाहै,किंतुइसकेमूलमेंविद्यमान
विचारभारतकेलिएनएनहींहै।प्रोफेसरश्रीराममाहेश्वरीकेअनुसार,’’सामुदायिकताका
विचारउतनाहीपुरानाहै,जितनेवेदऔरप्राचीनभारतीयसभ्यता।‘’सामुदायिकसहयोगकी
भावनासभीवैदिकअनुष्ठानोंमें,जिनमेंसमाजकाप्रत्येकसदस्यसम्मिलितहोताथा,व्याप्त
थी।चौथीशताब्दीईसापूर्वमेंमेगस्थनीजनेजोकुछलिखाथाउससेपताचलताहैकिउस
समयकेभारतीयग्रामीणसमाजसहकारिताकेआधारपरफलफूलरहेथे।उससेपहलेवैशाली
केलिच्छवियोंकेशासनकेअंतर्गतअनेकग्राम-समाजएकशिथिलसंघकेरूपमेंपरस्परबंधे
हुएथे।जैनियोंकेधर्मग्रंथोंएवंबौद्धोंकेजातककथाओंमेंभीसहयोगमूलकसामुदायिक
जीवनकेउदाहरणमिलतेहैं।800ईसवीकेबादचोलराजाओंकेअनेकउत्कीर्णलेखऐसे
मिलतेहैंजिनमेंइसबातकाव्यापकवर्णनहैकिप्राचीनतथामध्ययुगीनभारतमेंग्राम-
समाजकिसप्रकारफलफूलरहेथे।किंतुअपनेवर्तमानस्वरूपमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रम
अमेरिकीविचारहै।यहग्रामीणपुनर्निर्माणकेउसअर्थशास्त्रकापरिणामहैजिसेसंयुक्तराज्य
अमेरिकामेंसीखाऔरविकसितकियागयाथातथाभारतीयपरिस्थितियोंकेलिएइसे
उपयुक्तपायागया।तत्कालीनभारतीयप्रधानमंत्रीपंडितनेहरूनेइससेएक‘मौनक्रांति’की
संज्ञा दी थी।
उद्देश्य--
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकामूलउद्देश्यअधिकतमलोगोंकाअधिकतमकल्याणकरनाहै
औरइसरूपमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रमकेउद्देश्यइतनेव्यापकहैंकिइनकीकोई
निश्चितसूचीबनासकनाएककठिनकार्यहै।विद्वानोंनेइसकेउद्देश्योंकोप्राथमिकताके
आधार पर प्रस्तुत किया है।
●ग्रामीणों में मनोवैज्ञानिक परिवर्तन लाना-
प्रोफेसरए.आर.देसाईनेसामुदायिकविकासकार्यक्रमकाउद्देश्यग्रामीणोंमेंएक
मनोवैज्ञानिकपरिवर्तनलानाबतायाहै।ग्रामीणोंकीनवीनआकांक्षाओं,प्रेरणा,प्रविधिऔर
विश्वासोंकोध्यानमेंरखतेहुएमानवशक्तिकेविशालभंडारकोदेशकीआर्थिकविकासमें
लगाना है।
संयुक्तराष्ट्रसंघकेमहासचिवडॉगहैमरशोल्डनेस्पष्टकियाथाकि‘’सामुदायिकविकास
योजनाकाउद्देश्यग्रामीणोंकेलिएकेवलभोजनवआवास,स्वास्थ्यऔरसफाईकीसुविधाएं
देनामात्रनहींहै,बल्किभौतिकसाधनोंकेविकाससेअधिकमहत्वपूर्णइसकाउद्देश्यग्रामीणों
केदृष्टिकोणतथाविचारोंमेंपरिवर्तनउत्पन्नकरनाहै।‘’वास्तवमेंजबतकग्रामीणोंमेंयह
विश्वासपैदानहींहोजाताकिवेअपनेग्रामकीप्रगतिस्वयंकरसकतेहैंतथाअपनी
समस्याओंकोस्वयंसुलझासकतेहैं,तबतकगांवकासमग्रविकाससंभवनहींहै,क्योंकि
विकास के अभिकर्ता स्वयं ग्रामवासी हैं।
●कृषि उत्पादन, शिक्षा एवं ग्रामीण स्वास्थ्य-
प्रोफेसरएस.सी.दुबेनेसामुदायिकविकासकार्यक्रमकाउद्देश्यदेशकाकृषिउत्पादनप्रचुर
मात्रामेंबढ़ानाऔरसंचारकीसुविधाओंमेंवृद्धिकरतेहुएशिक्षाकाप्रसारकरनातथाग्रामीण
स्वास्थ्यऔरसफाईकीदशामेंसुधारकरनाबतायाहै।डॉश्यामाचरणमेंभीसामुदायिक
विकासयोजनाकाप्रमुखउद्देश्यकृषिकाविकासबतायाहैक्योंकिकृषिकेसमुचितविकासके
बिनाग्रामीणसमुदायकाविकाससंभवनहींहै।इसकेसाथ-साथजैसाकिप्रोफेसरमाहेश्वरीने
बतायाहैकिकृषिसेसंबंधितसिंचाईकीव्यवस्था,उन्नतकृषिउपकरणोंकीव्यवस्था,बाजार
तथाऋणसंबंधीसुविधाओंकीव्यवस्था,अंतरस्थलीयमछलीपालनक्षेत्रोंकाविकास,वन
रोपणकीव्यवस्था,यातायातऔरसंचारसाधनोंकाविकास,प्राथमिकस्तरपरअनिवार्यऔर
निशुल्कशिक्षाकीव्यवस्था,सामाजिकतथापुस्तकालयसेवाओंकीव्यवस्था,सफाईएवंलोक
स्वास्थ्यसंबंधीकार्योंकीव्यवस्थातथाग्रामीणकारीगरोंकेकौशलमेंसुधारहेतुपुनश्चर्या
पाठ्यक्रम,,स्वास्थ्यकर्मचारियोंकाप्रशिक्षण,परियोजनाओंकेलिएकार्यकारीअधिकारियोंका
प्रशिक्षणतथाविभिन्नकार्यक्रमोंकेपरिणामोंकामूल्यांकनकरनेकीव्यवस्थासामुदायिक
विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों में सम्मिलित हैं। संक्षेपमें, कहा जा सकता है कि -
●कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र
●संचार साधन
●शिक्षा
●स्वास्थ्य
●प्रशिक्षण
●रोजगार
●आवास
●समाज कल्याण
सामुदायिक विकास कार्यक्रम के व्यापक उद्देश्य में सम्मिलित हैं।
●आर्थिकआत्मनिर्भरता,उत्तरदाईएवंकुशलनेतृत्वतथायुवाओंमेंनागरिकगुणोंका
विकास -
भारतसरकारकेसामुदायिकविकासमंत्रालयद्वाराइसयोजनाकेआठउद्देश्योंको
स्पष्ट किया गया, जो इस प्रकार हैं-
1. ग्रामीण जनता के मानसिक दृष्टिकोण में परिवर्तनलाना।
2. ग्राम वासियों को आत्मनिर्भर एवं प्रगतिशील बनाना।
3.ग्रामीणजनताकेजीवनस्तरकोऊंचाउठानेकेलिएएकओरकृषिका
आधुनिकीकरण और दूसरी ओर ग्रामीण उद्योगों को विकसितकरना।
4.इनसुधारोंकोव्यवहारिकरूपदेनेकेलिएस्त्रियोंएवंपरिवारोंकीदशामेंसुधार
करना।
5.युवाओंकेव्यक्तित्वकेसर्वांगीणविकासकोध्यानमेंरखतेहुएउन्हेंभावीनागरिकों
के रूप में तैयार करना।
6. ग्रामीण शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखना।
7. ग्रामीण समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा करना।
8. गांव में उत्तरदाई तथा कुशल नेतृत्व का विकास करना।
सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएं एवं मान्यताएं-
उपर्युक्तविवेचनकेआधारपरसामुदायिकविकासकार्यक्रमकीकुछप्रमुखमान्यताओंएवं
विशेषताओं का उल्लेख इस प्रकार किया जा सकता है-
●कार्यक्रम का व्यापक रूप-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकाउद्देश्यग्रामीणोंकीसभीसमस्याओंकोहलकरनाहै।
शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार,आर्थिकविकास,मानसिकविकास,सांस्कृतिकविकासइनसभी
आयामोंकोपरस्परसमन्वितकरतेहुएविकासकीप्रक्रियाकोआगेबढ़ानासामुदायिकविकास
कार्यक्रम की विशेषता है।
●आर्थिक पुनरुत्थान- योजना का केंद्रीय तत्व-
ग्रामकेसमग्रविकासकेसाथयोजनामेंआर्थिकविकासकोप्राथमिकताप्रदानकीगईहै।यह
मानागयाहैकिआर्थिकविकासहरतरहकेविकासकेलिएआधारभूतहै,अतःग्रामीणक्षेत्रमें
कृषि एवं उद्योग दोनों की विकास पर जोर दिया गया।
●अवयवी स्वरूप-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीसफलताइसबातपरनिर्भरहैकिसंपूर्णग्रामीणसमुदायएक
सावयवकेरूपमेंकार्यकरें।आमजनताऔरसरकारीअधिकारियोंकापरस्परसंबंधस्थापित
कियाजाएऔरजनताइसकार्यक्रमकोबाहरसेथोपीहुईचीजनमानकरअपनीहीयोजनाके
रूप में स्वीकार करें।
●निम्नतम स्तर पर बहुउद्देशीय कार्यकर्ता-
ग्रामस्तरपरबहुउद्देशीयकार्यकर्ताओंकीउपस्थितिइसकार्यक्रमकीनवीनताहै।क्योंकि
किसानबहुद्देशीयव्यक्तिहोताहैउसकीसमस्याएंविविधप्रकारकीहोतीहैं,जिनकासंबंध
कृषि,पशुपालन,वनस्पतिशास्त्र,उद्यानशास्त्रसेहोताहै,अतःसामुदायिकविकासकार्यक्रमके
अंतर्गतनिम्नतमस्तरपरबहुद्देशीयकार्यकर्ताइसकानिर्देशकहोताहै,ताकिवहकिसानकी
अधिकतमसेवाकरसके।किसानकोभीअपनीविभिन्नसमस्याओंकेसंबंधमेंएकहीव्यक्ति
से संपर्क स्थापित करना पड़ता है।
●स्थानीय आवश्यकता एवं जन सहभागिता-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीप्रमुखमान्यतायहहैकिसामुदायिकविकासयोजनाएं
स्थानीयआवश्यकताओंपरआधारितहोनीचाहिएतथाउद्देश्यप्राप्तिकेलिएयोजनामेंजन
सहभागिताकेवलप्रेरणाऔरसमर्थनसेप्राप्तकीजासकतीहै,शक्तिप्रयोगकेद्वारानहीं।
इसकेलिएसामुदायिकविकासकार्यकर्ताओंकेचयनऔरप्रशिक्षणमेंविशेषसावधानीरखना
आवश्यक है।
●नौकरशाही मुक्त व्यवस्था-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीएकमान्यतायहभीहैकियहपूरीतरहनौकरशाहीव्यवस्था
द्वारासंचालितनहोकरअंततःग्रामीणसमुदायद्वारासंचालितहोनाचाहिएजिसकेलिए
योजना के आरंभ से अंत तक इसमें ग्रामीणों का सक्रियसहयोग आवश्यक है।
सामुदायिक विकास योजना का संगठन
प्रारंभमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रमभारतसरकारकेयोजनामंत्रालयसेसंबंधितथा,परंतु
बादमेंइसकेव्यापककार्यक्षेत्रकोदेखतेहुएइसकेलिएएकपृथकमंत्रालय-’सामुदायिक
विकासमंत्रालय’स्थापितकियागया।वर्तमानमेंयहयोजना‘कृषितथाग्रामीणविकास
मंत्रालय‘केअधीनहै।इसयोजनाकासंगठनतथासंचालनकेंद्रीयस्तरसेलेकरग्रामस्तर
तक होता है । विभिन्न स्तरों पर स्थित संगठन को निम्नांकितरूपों में देखा जा सकता है-
●केंद्र स्तर -
केंद्रीयस्तरपरइसकार्यक्रमकीप्रगतिकेमूल्यांकनऔरनीतिनिर्धारणकेलिएएकविशेष
सलाहकारसमितिकागठनकियागयाहैजिसकाअध्यक्षप्रधानमंत्रीहोताहै।कृषिमंत्रीतथा
योजनाआयोगकेसदस्यसमितिकेसदस्यहोतेहैं।केंद्रीयस्तरपरएकअनौपचारिकरूपसे
गठितपरामर्शदात्रीसमितिभीहोतीहै,जिसकेसदस्यलोकसभाकेकुछमनोनीतसदस्यहोते
हैं।यहसमितियोजनाकीप्रगतिकेसंबंधमेंऔपचारिकसमितिसेसलाहमशवराकरतीरहती
है।
●राज्य स्तर -
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकेसंचालनकीवास्तविकजिम्मेदारीराज्यसरकारकीहोतीहै।
राज्यस्तरपरभीएकसमितिहोतीहैजिसकाअध्यक्षउसराज्यकामुख्यमंत्रीहोताहैतथा
समस्तविकासविभागोंकेमंत्रीइसकेसदस्यहोतेहैं।समितिकासचिवविकासआयुक्तहोता
हैजोसभीविभागोंकेकार्यक्रमोंतथानीतियोंकेबीचसमन्वयस्थापितकरताहै।9669केबाद
सेसामुदायिकविकासयोजनाकेलिएवित्तीयसाधनोंकाप्रबंधराज्यसरकारकेअधीनहोजाने
केकारणविकासआयुक्तकाकार्यअधिकमहत्वपूर्णहोगयाहै।ग्राममेंविकासकेसंबंधमें
विकासआयुक्तकोसलाहदेनेकाकार्यराज्यस्तरपरगठितएकअनौपचारिकसलाहकार
समितिद्वाराकियाजाताहै,जिसकेसदस्यविधानसभातथाविधानपरिषदकेकुछमनोनीत
सदस्य होते हैं।
●जिला स्तर-
जिलास्तरपरसामुदायिकविकासकार्यक्रमकेक्रियान्वयनकासंपूर्णदायित्वजिलापरिषद
काहोताहैजिसमेंजनताकेचुनेहुएप्रतिनिधि,खंडपंचायतसमितियोंकेसभीअध्यक्षतथा
उसजिलेकीलोकसभाकेसदस्यएवंविधानसभाकेसदस्यसम्मिलितहोतेहैं।जिलापरिषद
द्वाराबनाईगईनीतियोंकोक्रियान्वितकरनेकाकार्य‘जिलानियोजनसमिति’केद्वारा
किया जाता है जिसका अध्यक्ष जिलाधीश होता है।
●खंड स्तर-
100सेलेकर120गांवतककेलिएएकविकासखंडकीस्थापनाकीजातीहै,जिसके
प्रशासनकेलिएप्रत्येकखंडमेंएकखंडविकासअधिकारीनियुक्तकियाजाताहै।उसकी
सहायताकेलिएकृषि,पशुपालन,सहकारिता,पंचायत,सामाजिकशिक्षा,ग्रामीणउद्योग,
महिलातथाशिशुकल्याणआदिविषयोंसेसंबंधितप्रसारअधिकारीनियुक्तकिएजातेहैं।खंड
स्तर पर नीतियों के निर्धारण तथा योजना के संचालन कादायित्व क्षेत्र पंचायत का होता है।
●ग्राम स्तर-
ग्रामस्तरपरयोजनाकेक्रियान्वयनकादायित्वग्रामपंचायतकाहोताहैलेकिनग्रामस्तरपर
सबसेमहत्वपूर्णभूमिकाग्रामसेवककेद्वारानिभाईजातीहै।उसकेद्वारासरकारी
अधिकारियोंएवंग्रामीणसमुदायोंकेमध्यसंपर्कसूत्रकाकार्यकियाजाताहै।यद्यपिवह
किसीविषयकाविशेषज्ञनहींहोता,लेकिनसामुदायिकविकासयोजनाकेसभीकार्यक्रमोंकी
जानकारीउसेहोतीहै।साधारणतया10गांवकेऊपर1ग्रामसेवककोनियुक्तकियाजाताहै,
वहग्रामीणोंकीप्रतिक्रियासेसरकारीअधिकारियोंकोअवगतकराताहैऔरविकासकेविभिन्न
कार्यक्रमोंकेमध्यसमन्वयबनाएरखनेकाकार्यकरताहै।इसकेअतिरिक्तग्रामस्तरपर
प्रशिक्षित दाइयाँ एवं ग्राम सेविकाएँ भी महिला औरशिशु कल्याण के लिए कार्य करती है।
मूल्यांकन-
आलोचकोंकीदृष्टिमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रमअपनेवांछितपरिणामकोप्राप्तनहींकर
सकाहै।हालांकिअस्मिनगेरजैसेसमाजशास्त्रीआलोचकोंकोइसबातकेप्रतिसचेतकरतेहैं
किसामुदायिकविकासकार्यक्रमकामूल्यांकनकरतेसमयउन्हेंधैर्यकाप्रयोगकरनाचाहिए।
भारतजैसेविशालदेशमेंजहांलगभग600000गांवहैऔरउनमेंप्रजाति,भाषा,क्षेत्रऔर
संस्कृतिकीजितनीविविधताहै,उसेदेखतेहुए5दशकसेअधिककासमयकिसीक्रांतिकारी
परिवर्तनकेलिएअपर्याप्तहै।कार्यक्रमकेमूल्यांकनमेंएककठिनाईयहभीहैकिग्रामीण
समुदायबहुपक्षीयपरिवर्तनोंकेदौरसेगुजररहाहै,ऐसेमेंकारणऔरपरिणामकेआधारपर
सामुदायिकविकासकार्यक्रमोंकामूल्यांकनकरनाअत्यंतकठिनहै।संक्षेपमेंआलोचकोंने
निम्नांकित आधारों पर सामुदायिक विकास कार्यक्रम कीआलोचना की है-
●सामुदायिकविकासकार्यक्रमराष्ट्रीयस्तरपरआयोजितऔरक्रियान्वितहै।संपूर्णदेश
मेंएकहीजैसेप्रतिमानपरइसकाआयोजनकियागयाहै,ब्लॉकस्तरपरस्थानीय
आवश्यकताओंकोध्यानमेंरखतेहुएइसकागठननहींकियागयाहै।व्यापकरूपमें
ग्रामीण विकास के पक्ष की अनदेखी की गई है।
●राजनीतिकविश्लेषकोंकेअनुसारभारतमेंग्रामीणस्तरपरलोकतंत्रएकव्यवस्थाके
रूपमेंबुरीतरहविफलहुआहै।जातिव्यवस्थाजनतंत्रकामजाकउड़ातेदिखाईदेतीहै।
पारंपरिकरूपमेंजिनजातियोंकेहाथोंमेंशक्तिथी,वेआजभीवर्चस्वकीस्थितिमेंहै
औरअपनेहितोंकेअनुरूपप्रशासनिकतंत्रकोसंचालितकरनेमेंसफलहै।जातियोंके
मध्यदीवारेंदिनप्रतिदिनचौड़ीहुईहैऔरनिम्नजातियांअभीउच्चजातियोंके
शोषणकारीदबावकेअंतर्गतकार्यकरतीहै।ऐसीस्थितिमेंसामुदायिकविकास
कार्यक्रम वांछित परिणाम को प्राप्त नहीं कर सका है।
●समुदायिकविकासकार्यक्रमोंकीविफलताकेलिएनौकरशाहीकादृष्टिकोणभी
उत्तरदाईहै।भारतीयनौकरशाहीकादृष्टिकोणनकारात्मकहै,जोकिसीतरहके
नवोन्मेषकीविरोधीहै।उसकेद्वाराकिएजानेवालेकाममेंदेरीइनकार्यक्रमोंको
विफलबनादेतीहै।ग्रामीणलोगोंकासहयोगऔरविश्वासप्राप्तकरनेकेबजाए
नौकरशाहीउन्हेंअविश्वासकीदृष्टिसेदेखतीहै।दुबे,लेविसएवंअन्यविश्लेषकोंने
आयोजकों को ऐसी विपरीत परिस्थितियों के प्रति सचेतकिया है।
●भारतकेग्रामोंमेंनेतृत्वसंबंधीअध्ययनोंसेयहस्पष्टहोताहैकियद्यपिपंचायतोंऔर
सहकारीसमितियोंमेंयुवाओंकाप्रतिनिधित्वबड़ाहै,किंतुवेअपनेवयस्कोंकेवफादार
समर्थककेरूपमेंकार्यकरतेहैं।महत्वपूर्णएवंउपयोगीनिर्णयवयोवृद्धलोगोंद्वारा
लिए जाते हैं।
●दुबेजैसेलेखकोंनेइसबातकीओरसंकेतकियाहैकिग्रामीणस्तरपरस्वैच्छिक
सेवाओं के नाम पर गरीब लोगों का शोषण किया जाता है।
●सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीसफलताबहुतहदतकग्रामीणमहिलाओंके
सशक्तिकरणपरनिर्भरहैऔरऐसाप्रशिक्षितमहिलाकार्यकर्ताओंकेसक्रियसहयोगसे
ही संभव है। ऐसी प्रशिक्षित महिला कार्यकर्ताओं कीसंख्या अभी कम ही है।
●नौकरशाहीऔरग्रामीणजनतामेंसमन्वयकाअभावभीदिखाईदेताहै।ग्रामीण
जनतामेंइनकार्यक्रमोंकेप्रतिएकसामान्यअरुचिभीदिखाईदेतीहै।उनकेसक्रिय
सहयोगकेबिनासामुदायिकविकासकार्यक्रमवास्तविकअर्थोंमेंजनआंदोलनकारूप
नहीं ले सका है।
सुझाव-
●सामुदायिकविकासकार्यक्रमकोसफलबनानेकेलिएअनेकसुझावदिएजातेहैं
जिनमें से कुछ इस प्रकार है-
●कृषिउत्पादनकीगुणवत्ताऔरमात्राबढ़ानेपरऔरअधिकजोरदियाजाना
चाहिए,ताकितेजीसेबढ़तीहुईग्रामीणजनसंख्याकीआवश्यकताओंकोपूरा
किया जा सके।
●आवश्यकताओंऔरसमस्याओंकोध्यानमेंरखतेहुएसामुदायिकविकास
कार्यक्रमों को क्रियान्वित किया जाना चाहिए।
●स्वयंग्रामीणोंकोअपनेमेसेहीस्त्रीऔरपुरुषकार्यकर्ताओंकोचुननेऔर
नियुक्तकरनेकाअधिकारहोनाचाहिए,उन्हेंसमाजकार्यहेतुसमुचित
प्रशिक्षणदियाजानाचाहिएऔरइसरूपमेंप्रेरितकरनाचाहिएकिवेग्राम
विकास के कार्यों को पूर्ण उत्साह एवं सेवा भावना सेसंपन्न कर सकें।
●सामुदायिकविकासकार्यक्रमकोइसतरहसेनियोजितकियाजानाचाहिएकि
सभी जातियों, वर्गों और दलों का सहयोग प्राप्त हो सके।
●इसदिशामेंप्रतिष्ठितगैरसरकारीसंगठनोंकोप्रोत्साहितकियाजानाचाहिए
औरसरकारीतथागैरसरकारीप्रयासोंमेंसमुचितसमन्वयस्थापितकियाजाना
चाहिए।
●बलवंतरायमेहताकमेटीनेसुझावदियाथाकिग्रामपंचायतऔरपंचायत
समितियोंकोसामुदायिकविकासकार्यक्रमोंकोसफलबनानेहेतुक्रियाशीलहोना
चाहिए।
उपलब्धियां-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीविभिन्नआलोचनाओंकेबावजूदइसकी
उपलब्धियां निम्नांकित कार्यक्रमों में देखी जा सकतीहै-
● समन्वितग्रामीणविकासकार्यक्रम-यहकार्यक्रमविकासखंडोंकेद्वारापूराकिया
जानेवालासबसेमहत्वपूर्णकार्यक्रमहै1978-79मेंप्रारंभकिएगएइसकार्यक्रममें
ग्रामीणबेरोजगारीकोकमकरनाऔरग्रामीणोंकेजीवनस्तरमेंसुधारकरनाप्रमुख
उद्देश्यनिर्धारितकियागया।इसकार्यक्रमकेअंतर्गतप्रत्येकविकासखंडद्वारा
प्रतिवर्षअपनेक्षेत्रमेंसे600निर्धनपरिवारोंकाचयनकरकेउन्हेंलाभप्रदानकिया
जाताहै,जिनमें400परिवारोंकाकृषिसेसंबंधितसुविधाओंद्वारा,100परिवारोंको
कुटीरउद्योगधंधोंद्वारातथाशेष100कोअन्यसेवाओंद्वारालाभदियाजाताहै।
इसयोजनाकासंपूर्णव्ययकेंद्रऔरराज्यसरकारद्वाराआधा-आधावहनकिया
जाताहै।व्ययकीदृष्टिसेसातवींऔरआठवींपंचवर्षीययोजनाकेअंतर्गतयहदेशका
सबसे बड़ा कार्यक्रम रहा।
●राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम-
भारतकीग्रामीणजनसंख्याकोअक्सरमौसमीबेरोजगारीयाअर्थबेरोजगारीकासामना
करनापड़ताहै।इससमस्याकोदूरकरनेकेलिएकिसानोंकोकृषिकेअतिरिक्तआय
केअन्यसाधनउपलब्धकरानेकीआवश्यकतामहसूसकीगई,तोदूसरीओरअधिक
निर्धनकिसानोंकोखालीसमयमेंरोजगारकेनएअवसरप्रदानकरनेकीआवश्यकता
अनुभवकीगई।इसउद्देश्यकीपूर्तिकेलिएप्रारंभमें’कामकेबदलेअनाजयोजना’
प्रारंभकीगईलेकिन1981सेइसकेस्थानपर‘राष्ट्रीयग्रामीणरोजगारकार्यक्रम’आरंभ
कियागया।1989मेंइसकेस्थानपरएकनईरोजगारयोजनाप्रारंभकीगईजिसे
‘जवाहररोजगारयोजना’कहाजाताहै,जिसकाउद्देश्यअत्यधिकनिर्धनऔरभूमिहीन
किसानोंकेपरिवारमेंकिसीएकसदस्यकोवर्षमेंकमसेकम100दिनकारोजगार
प्रदानकरनाहै।वर्तमानमेंरोजगारगारंटीकायहकार्यक्रम‘महात्मागांधीराष्ट्रीय
रोजगार गारंटी कार्यक्रम’[ मनरेगा ] के रूप में प्रचलितहै।
●सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए कार्यक्रम-
देशमेंकईक्षेत्रऐसेहैंजहांबरसातकमहोनेकेकारणसूखेकीसमस्याउत्पन्नहोती
रहतीहै।ऐसीस्थितिमेंयहकार्यक्रमइसउद्देश्यसेआरंभकियागयाकिकिसानोंको
कमपानीकीउपलब्धताकीस्थितिमेंभीउत्पन्नहोनेवालीफसलोंकीजानकारीदीजा
सके,जलसंसाधनोंकाअधिकाधिकउपयोगकियाजासकेऔरवृक्षारोपणमेंवृद्धिकी
जासके।पशुओंकीअच्छीनस्लकोविकसितकरग्रामीणनिर्धनताकोकमकरनेका
लक्ष्य रखा गया।
●मरुस्थल विकास कार्यक्रम-
यहकार्यक्रम1977-78सेआरंभकियागया,जिसकाउद्देश्यरेगिस्तानीऔरबंजरभूमि
परअधिकसेअधिकहरियालीलाना,जलस्रोतोंकोढूंढकरउनकाउपयोगकरनाऔरगांवमें
बिजलीकीआपूर्तिकरट्यूबवेलकोप्रोत्साहितकरनातथाकृषिऔरबागवानीकाविकासकरना
है।
●जनजातीय विकास की योजना-
जनजातिविकासकीयोजनाकेअंतर्गतआंध्रप्रदेश,मध्यप्रदेश,बिहारतथाउड़ीसाकेकुछ
आदिवासीबहुलक्षेत्रमेंजनजातियोंकेविकासकेप्रयत्नमेंकिएगएहैं।विकासखंडोंकेद्वारा
लोगोंकोपशुखरीदने,भूमिसुधारकरने,बैलगाड़ियोंकीमरम्मतकरनेऔरदस्तकारीसे
संबंधित कार्यों के लिए ऋण दिलवाने में सहायता दी जातीहै।
●पर्वतीय विकास योजना-
हिमाचलप्रदेश,उत्तरप्रदेशतथातमिलनाडुकेपर्वतीयक्षेत्रोंमेंकिसानोंकेसर्वांगीणविकासके
लिएयहकार्यक्रमआरंभकियागया।प्रारंभमेंइसकार्यक्रमकोकेवलपांचवीपंचवर्षीययोजना
कीअवधितकहीजारीरखनेकाप्रावधानथा,किंतुबादमेंछठीपंचवर्षीययोजनामेंभीइस
योजना पर कार्य किया गया।
●पौष्टिक आहार कार्यक्रम-
विश्वस्वास्थ्यसंगठनतथायूनिसेफकीसहायतासेकेंद्रसरकारद्वारायहकार्यक्रमशुरूकिया
गयाजिसकाउद्देश्यपौष्टिकआहारकेउन्नततरीकोंसेग्रामवासियोंकोपरिचितकरानातथा
स्कूलीबच्चोंकेलिएदिनमेंएकबारपौष्टिकआहारकीव्यवस्थाकरनाहै।पौष्टिकआहारकी
समुचितजानकारीदेनेकेलिएग्रामपंचायतोंकेयुवकोंऔरमहिलामंडलकीसहायतालीजाती
है।स्कूलीशिक्षासेवंचितरहेछात्रोंकोप्राथमिकशिक्षाकीओरआकर्षितकरनाभीइसयोजना
का उद्देश्य है।
●पशुपालन-
ग्रामीणोंकीपशुपालनकार्यमेंसहायताप्रदानकरनेकेउद्देश्यसेउन्हेंअच्छीनस्लकेपशुओं
कीआपूर्तिकरनेकेलिएइसकार्यक्रमकाप्रारंभकियागया।प्रत्येकविकासखंडद्वारा
औसतन1वर्षमेंउन्नतकिस्मकेबीज,पशुतथालगभग400मुर्गियोंकीसप्लाईकीजातीहै
और औसतन 530 पशुओं का उन्नत तरीकों से गर्भाधान करायाजाता है।
●स्वैच्छिक संगठनों को प्रोत्साहन-
सामुदायिकविकासकार्यक्रमोंमेंजनसहभागिताकोप्राप्तकरनेकेउद्देश्यसेग्रामीणक्षेत्रमें
स्वैच्छिकसंगठनोंकेविकासपरविशेषबलदियाजारहाहै।इसकेलिएऐच्छिकसंगठनोंके
पंजीकरणकेनियमोंकोसरलबनाना,कार्यकारिणीकेसदस्योंकोप्रशिक्षणदेना,विशेष
कार्यक्रमोंकेनिर्धारणमेंसहायतादेना,उन्हेंअनुदानप्रदानकरना,उनकीकार्यप्रणालीका
अवलोकनकरनाऔरमहिलामंडलोंकोप्रेरणापुरस्कारदेनाआदिसुविधाएंप्रदानकरजन
सहभागिता को प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
●स्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन -
गांवमेंछोटेपरिवारोंकेप्रतिजागरूकताउत्पन्नकरनेऔरग्रामीणोंकेस्वास्थ्यस्तरमेंसुधार
करने की दृष्टि से सामुदायिक विकास खंडो ने विशेषसफलता प्राप्त की है।
●शिक्षा तथा प्रशिक्षण-
ग्रामीणोंकोसामुदायिकविकासकार्यक्रमोंकेसंबंधमेंप्रशिक्षितकरनेकेउद्देश्यसेमहिला
मंडल,कृषकदल,युवकमंगलदलआदिस्थापितकिएगएहैं।प्रदर्शनियों,उत्सवोंऔरग्रामीण
नेताओंकेलिएप्रशिक्षणशिविरोंकाआयोजनकरकेउन्हेंकृषिऔरदस्तकारीकीव्यावहारिक
शिक्षादीजातीहै।सामुदायिकविकासखंडप्रौढ़शिक्षाकाविस्तारकरकेभीग्रामीणसाक्षरता
मेंवृद्धिकरनेकाप्रयत्नकररहेहैं।ग्रामवासियोंकेअतिरिक्तविद्यालयकेशिक्षकों,पंचायत
केसदस्यतथाग्रामीणयुवकोंकेलिएभीविशेषगोष्ठियोंऔरशिविरोंकाआयोजनकियाजाता
हैऔरइनकेमाध्यमसेशिक्षाकेप्रतिचेतनाउत्पन्नकीजातीहैतथाविभिन्नसरकारी
योजनाओं से लोगों को परिचित कराया जाता है।
●सामाजिक सुरक्षा योजना-
इसकामूलउद्देश्यवृद्ध,असहाय,विधवा,विकलांगलोगोंकोआर्थिकसहयोगएवंसुरक्षा
प्रदानकरनाहै।जनधनयोजनाकेअंतर्गतप्रत्येकग्रामीणकाबैंकमेंखाताखुलवानेकाप्रयास
किया गया एवं खाते के साथ बीमा की व्यवस्था की गई।
●महिला समृद्धि एवं सुरक्षा योजना-
इसयोजनाकाउद्देश्यग्रामीणमहिलाओंमेंआर्थिकआत्मनिर्भरताविकसितकरनाएवं
उनकेस्वास्थ्यकीसुरक्षाकरनाहै।इसउद्देश्यकेलिएवयस्कमहिलाओंकोखाताखोलने
,बचतकरनेआदिकेलिएप्रोत्साहितकियाजाताहै।उज्जवलायोजनाकेअंतर्गतग्रामीण
महिलाओंकोगैसकनेक्शनप्रदानकियागया,ताकिवेपारंपरिकचूल्हेपरखानाबनानेसेहोने
वाली स्वास्थ्य हानि से बच सकें।
●स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना-
इसयोजनाकेअंतर्गतछोटे-छोटेसंगठनबनाकरग्रामीणोंकोस्वरोजगारकेलिएप्रेरितकरने
का प्रयत्न किया गया है ताकि वे गरीबी रेखा से ऊपर उठकरअपनी आय में वृद्धि कर सकें।
●प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-
यहकेंद्रसरकारद्वाराशुरूकीगईयोजनाहैजिसकेलागूकरनेकीजिम्मेदारीग्रामीणविकास
मंत्रालयऔरराज्यसरकारोंकीहै।इसे2000मेंप्रारंभकियागयाथाऔरइसकाउद्देश्य
2001कीजनगणनाकेअनुसार500सेअधिकमैदानीक्षेत्रोंतथा250सेअधिकपूर्वोत्तर
,पर्वतीय,जनजातीय,रेगिस्तानीक्षेत्रोंकोसभीमौसमोंकेअनुकूलसड़कसंचारसुविधाप्रदान
करना है ताकि क्षेत्र का समग्र सामाजिक आर्थिक विकासहो सके।
प्रधानमंत्रीग्रामीणआवासयोजना-2015मेंकेंद्रसरकारद्वाराशुरूकीगईइसयोजनाका
उद्देश्यगांवमेंआवासइकाइयोंकानिर्माणकरनाऔरगरीबीरेखासेनीचेजीवनयापनकरने
वालेग्रामीणोंकोआवाससुविधाउपलब्धकरानाहै।एकरिपोर्टकेअनुसारइसयोजनाके
अंतर्गत26%बिहारमें,15%उड़ीसामेंऔर8%मध्यप्रदेशएवंतमिलनाडुमेंअबतकआवास
मुहैया कराए जा चुके हैं।
मुख्य शब्द-
सामुदायिक विकास, मॉल क्रांति, फोर्ड फाउंडेशन, आर्थिकआत्मनिर्भरता
References And Suggested Readings
●S. R. Maheshwari, Bharat Me Sthaniya Shasan
●http//egyankosh.ac.in
●AjadiKe Baad Bharat Me Gramin Vikas Ke
Karyakram,m.jagarankjosh.com
प्रश्न-
निबंधात्मक-
1.सामुदायिकविकासकार्यक्रमभारतकेग्रामीणपुनरुत्थानकीएकयोजनाहै,विवेचना
कीजिए।
2.सामुदायिकविकासकार्यक्रमकीप्रमुखमान्यताओंकाउल्लेखकीजिएतथाविभिन्नस्तरों
पर किए जाने वाले इसके संगठन की विवेचना कीजिए।
3.भारतमेंसामुदायिकविकासकार्यक्रमकेक्रियान्वयनकामूल्यांकनकीजिएतथाइसकी
प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित कीजिए।
वस्तुनिष्ठ-
1. सामुदायिक विकास कार्यक्रम का प्रारंभ कब किया गया?
[ अ ] 1950 [ ब ] 1951 [ स ] 1952 [ द ] 1956
2.यहकिसकाकथनहैकि‘’भारतमेंसामुदायिकताकाविचारउतनाहीपुरानाहै,जितनेवेद
और प्राचीन भारतीय सभ्यता। ‘’
[ अ ] जवाहरलाल नेहरू [ ब ] महात्मा गांधी [ स ]श्रीराम महेश्वरी [ द ] वी . एन. गाडगिल
3. भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम का प्रारंभकिस देश के सहयोग से किया गया?
[ अ ] सोवियत संघ [ ब ] संयुक्त राज्य अमेरिका [ स] चीन [ द ] ब्रिटेन
4. सामुदायिक विकास कार्यक्रम वर्तमान में किस मंत्रालयसे संबंधित है?
[अ]योजनामंत्रालय[ब]सामुदायिकविकासमंत्रालय[स]कृषिऔरग्रामीणविकास
मंत्रालय [ द ] युवा मंत्रालय
5. सामुदायिक विकास कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्याहै?
[ अ ] गांव का सांस्कृतिक विकास
[ ब ] केवल आर्थिक विकास
[स ] समग्र एवं समन्वित विकास
[ द ] सामाजिक विकास
6. समुदायिक विकास कार्यक्रमों में केंद्रीय महत्त्वकिस तत्व को दिया गया है?
[अ]आर्थिकविकास[ब]सामाजिकसांस्कृतिकविकास[स]मनोवैज्ञानिकविकास[द]
सूचना एवं संचार साधनों का विकास
7.सामुदायिकविकासमंत्रालयद्वारासामुदायिकविकासकार्यक्रमकेकितनेउद्देश्यबताएं
गए?
[ अ ] 5 [ ब ] 6 [ स ] 8 [ द ] 7
8. सामुदायिक विकास कार्यक्रम के पीछे मूल दृष्टि क्याथी?
[ अ ] नौकरशाही के माध्यम से गांव का विकास
[ ब ] ग्राम वासियों की स्वैच्छिक एवं सक्रिय सहभागिताके माध्यम से ग्राम विकास
[ स ] आर्थिक विकास
[ द ] विदेशी सहायता से गांव का विकास
9. सामुदायिक विकास कार्यक्रम का संगठन कितने स्तरोंपर किया जाता है?
[ अ ] 4 [ ब ] 6 [ स ] 3 [द ] 5
10. सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता मे मुख्य बाधकतत्व क्या है?
[ अ ] नौकरशाही का नकारात्मक दृष्टिकोण
[ ब ] जन सहभागिता एवं सक्रियता का भाव
[स ] ग्राम स्तर पर प्रभावी नेतृत्व का विकास नहोपाना
[ द ] उपर्युक्त सभी
11.बलवंतरायमेहतासमितिनेसमुदायकार्यक्रमकीसफलताकेलिएकिसेउत्तरदायित्व
सौंपने का सुझाव दिया था?
[अ]राज्यसरकार[ब]केंद्रसरकार[स]ग्रामपंचायतएवंपंचायतसमिति[द]उपर्युक्त
सभी
उत्तर- 1. स 2.स 3. ब 4. स 5. स 6.अ7. स 8. ब 9. अ 10. द 11.स