ॐ समबु?ये नमः --- वे सम बुि?वाले हG, पक्षपात नह#ं हG जहाँ ।
ॐ सुमनसे नमः --- उनका मन कैसा, बोले मन सुमन हG, िखले हएु फू ल क' तरह; िखला हआु
फू ल जैसे सब को सुगंध देता हG, ऐसे वे सबको सुगंध , िद?य जीवन जीने क' ूेरणा देते हG,
इसिलये गुरु क' यह मन्ऽ बोलकर ःतुित क'- ॐ सुमनसे नमः - उनके संपकर् मE आते रहने से
हमारा मन भी सुमन हो जाता हG । फू ल क' तरह िखला हआु रहता हG; उदास, बेचैन, उि??न,
परेशान नह#ं रहता ।
ॐ ःवयं ज्योितषे नमः --- माने साधक का भिवंय कै से सुखद होगा, वो बता देते हG ।
ॐ शािन्तूदाय नमः --- वो सबको शािन्त का दान करते हG, मन क' शािन्त ।
ॐ ौुितपारगाये नमः - ौुित माने वेद-उपिनषद ।
ॐ सवर्िहतिचन्ताकाय नमः --- सबके िहत का ?याल करने वाले और सबके िहत क' बात
करनेवाले गुरु को ूणाम हG ।
ॐ साधवे नमः --- जो सच्चे साधु हG, सच्चे संत हG वाःतव मE, उन्हे हमारा ूणाम हG ।
ॐ सुहृदे नमः --- जो सबके सुहृद हG, जैसे भगवान सबके सुहृद हG, ऐसे स?रुु भी सबके सुहृद हG ।
ॐ क्षमाशीलाय नमः --- जो क्षमाशील हG, हमारे दोषI को माफ कर देते हG, ऐसे गुरु को हमारा
ूणाम हG ।
ॐ िःथतूज्ञयाय नमः
ॐ कृतात्माने नमः
ॐ अि?तीयाये नमः --- अि?तीय हG, माने उनसे ौे? कोई नह#ं हG, ऐसे गुरु को हमारा ूणाम हG ।
ॐ करुणासागराये नमः --- जो करुणा के सागर हG, ऐसे गुरु को हमारा ूणाम हG ।
ॐ उत्साहवधर्काय नमः
ॐ उदारहृदयाय नमः --- िजनका हृदय उदार हG, ऐसे गुरु को ूणाम हG ।
ॐ आनंदाय नमः --- आनंद और शांित का दान करनेवाले गुरु को ूणाम हो ।
ॐ तापनाशनाय नमः --- आिददैिवक ताप, आिदभौितक ताप, आ?याित्मक ताप - इन तीन तापI
को दरू करनेवाले गुरु को ूणाम हG ।
{गुरु क' वाणी वाणी-गुर, वाणी िवच अमॄत सारा}
ॐ दृद िन?याय नमः ------दृद िन?य होने क' ूेरणा देने वाले गुरु को ूणाम हG ।
ॐ जनिूयाय नमः --- जो सबके िूय हG, ऐसे गुरु को ूणाम हG ।
ॐ िछन्नसंषयाय नमः
ॐ िजतेिन्ियाय नमः --- जो िजतेिन्िय हG, िजनके सुिमरन से हम भी िजतेिन्िय हो सकते हG ।
इिन्ियI को जीतनेवाले ऐसे गुरु को ूणाम हG ।
ॐ ?न्?ातीताय नमः --- जो ?न्?I से परे हG, ऐसे गुरु को ूणाम हG ।
ॐ धमर्संःथापकाय नमः --- धमर् का रहःय बताने वाले और जन-जन के हृदय मE धमर् क'