How to do bitilasana (cow pose) and what are its benefits

Shivartha 11 views 2 slides Feb 04, 2022
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About This Presentation

Sanskrit: Bitilasana; bitil - cow, asana - posture; Pronounced As-bee-tee-LAHS-uh-nuh. Bitilasana derives its name from the Sanskrit word Batila, which means cow. It is so named because the posture of this asana resembles the physical position of a cow. This asana is almost always practiced with the...


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How to do Bitilasana (Cow Pose) and what are its Benefits
काउ ऩॊज़ यीढ़ कॊ गभम कयने का एक कॊभल औय आसान तयीका है।

करें बबटिलासना (काउ पॊज़) और क्या हैं इसके फायदे
संस्कृ त: बफटिलासना; बफटिल - गाम, आसन - भुद्रा; उ�ायण As - bee-tee-LAHS-uh-nuh। बफटिलासना इसका नाभ
संस्कृ त शब्द फिीला से ललमा गमा है, लजसका अथम है गाम। इसका नाभ इसललए यखा गमा है क्योंटक इस आसन का
�ख गाम की शायीरयक स्थितत से मभलता जुलता है। इस आसन कॊ लगबग हभेशा बफल्ली की भुद्रा के साथ अभ्यास
टकमा जाता है।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चाहहए
मॊग भें सबी आसनों के साथ, अऩने आंत्र औय ऩेि कॊ साप यखना भहत्वऩूणम है। सुमनश्चित कयें टक आऩके वकम आउि से
कभ से कभ चाय से छह घंिे ऩहले आऩका बॊजन हॊ ताटक आऩ अऩने लसस्टभ कॊ बॊजन कॊ ऩचाने के ललए ऩमामप्त
सभम दे सकें औय वकम आउि के ललए आवश्यक ऊजाम उत्पन्न कय सकें ।
मॊग का अभ्यास कयने का सफसे अ�ा सभम आभतोय ऩय सुफह मा शाभ कॊ हॊता है।
 स्तर: फुमनमादी
 शैली: टवनमसा
 अवधि: 10 से 15 सेकं ड
 पुनरावृत्ति: 5-6 फाय भाजमयासन के साथ संमॊजन भें
 स्ट्रेच: गदमन, साभने धड़
 मजबूती: ऩीछे
2. कै से करें बबटिलासना (काउ पॊज़)
 अऩने चायों तयप आसन कॊ िेफलिॉऩ की स्थितत भें शु� कयें।
 सुमनश्चित कयें टक आऩके घुिने आऩके कूल्हों के नीचे यखे गए हैं, औय मह टक आऩकी कलाई आऩके कं धों के
सभान है।
 अऩने लसय कॊ एक तिि स्थितत भें लिका दें। धीये से पशम ऩय िकिकी लगाए।
 अऩने सीने कॊ खॊलते �ए अऩने मनतम्बों कॊ ऊऩय की ओय उठाएँ औय अऩने मनतम्बों कॊ छत की ओय उठाएँ।
अऩने ऩेि कॊ ज़भीन की ओय डूफने दें। अऩना लसय ऊऩय की ओय उठाएं औय छत की ओय देखें।
 कुछ सेकं ड के ललए भुद्रा ऩकड़ॊ। फपय, साँस छॊड़ें औय िेफलिॉऩ स्थितत भें वाऩस आएं।
 मह आसन दॊ आंदॊलनों का एक संमॊजन है। प्रतत-आंदॊलन मनम्नानुसाय है: साँस छॊड़ते। अऩनी ठॊड़ी कॊ अऩनी
छाती ऩय यखें जैसे ही आऩ अऩनी ऩीठ कॊ भॊड़ते हैं औय अऩने मनतंफों कॊ आयाभ देते हैं। इसे बफटिलासना कहा
जाता है।

 टवश्राभ कयने से ऩहले लगबग ऩांच से छह फाय भूवभेंि औय काउंिय-भूवभेंि कयें।
3. साविाधनयाां और अांतटविरॊि
 अगय आऩके ऩास संवेदनशील गदमन है, तॊ गदमन के टऩछले फहस्से कॊ ज्यादा ऊऩय की ओय न उठाएं। मह तनाव
से फचने के ललए तत्पय है। इसके अलावा, सुमनश्चित कयें टक आऩके कं धे आऩके कानों से दूय हैं।
 गदमन भें चॊि लगने की स्थितत भें इस भुद्रा कॊ कयने से ऩहले डॉक्टय से सलाह लें। टकसी टवशेषज्ञ की देखयेख भें
मॊग का अभ्यास कयना सफसे अ�ा है।
4. शुरुआत के टिप्स
एक शु�आत के �ऩ भें, आऩकॊ इस आसन भें जाने ऩय अऩनी गदमन की यक्षा कयनी चाफहए। उसके ललए, अऩने कं धे के
ब्लेड कॊ चोड़ा कयें औय उन्हें अऩने कानों से दूय, नीचे खींचें।
5. एडवाांस्ट्ड पॊज़ वहरएशन्स
भुद्रा कॊ गहया कयने के ललए औय इसे एक प्रभुख जागयण अभ्यास के �ऩ भें फनाने के ललए, आऩ फस अऩने टवऩयीत ऩैय
औय हाथ कॊ गाम की भुद्रा भें पैला सकते हैं। फपय, कै ि ऩॊज़ भें कॊहनी कॊ ऩीछे औय घुिने से नाक तक खींचें।
6. बबटिलासना (काउ पॊज़) के लाभ
गाम के कुछ अद्भ

त लाबों ऩय एक नज़य डालें।
 मह आसन गदमन औय धड़ के साभने के बाग कॊ पैलाने भें भदद कयता है।
 मह एक तनाव से याहत देने वाला भुद्रा बी है।
 मह आंतरयक अंगों की भाललश कयता है औय ऩूये शयीय भें यक्त ऩरयसंचयण कॊ फढ़ाने भें बी भदद कयता है।
 भुख्य �ऩ से एक स्पाइनल भूवभेंि हॊने के कायण, मह ऩीछे से तनाव कॊ दूय कयता है औय इसे िॊन कयता है।
मह ऩीठ ददम कॊ कभ कयने औय साइटिका (कटिस्नामुशूल) कॊ ठीक कयने भें बी भदद कयता है।
7. बबटिलासना (काउ पॊज़) के पीछे का टवज्ञान
 ऩेि के अंगों की भाललश औय उत्तेलजत कयता है।
 कूल्हों, ऩेि औय ऩीठ कॊ स्ट्रेच कयता है।
 अऩनी यीढ़ कॊ भजफूत कयता है।
 भालसक धभम के ददम से याहत फदलाता है।
 लचीलाऩन फढ़ाता है।
8. प्रारांधभक पॊज़
 टवऩयीता कयणी
9. फॉल-अप पॊज़
 भायजायीसाना

आऩ भें सवमश्रेष्ठ लाने के ललए इस भुद्रा भें जाएं। अऩने भन, शयीय औय आत्मा कॊ आयाभ औय फपय से जीवंत
कयना मनश्चित है।