मानव पाचन तंत्र (Human Digestive System ).pdf

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About This Presentation

Purvanchal


Slide Content

KNOWLEDGEकाHUB
मानव पाचन तं (Human Digestive System )
महवपूण ब
( 1 ) पाचन तं ( Digestive system ) - भोजन के अत हण से लेकर मल ाग तक एक तं जसम
अनेक अंग , थयाँ आद स मलत ह , सामंजय के साथ काय करते ह । यह पाचन तं कहलाता है ।
( 2 ) पाचन ( Digestion ) - जटल पोषक पदाथ व बड़े अणु को वभन रासायनक या तथा
एंजाइम क सहायता से सरल , छोटे व घुलनशील पदाथ म परवतत करने क या को पाचन
कहते ह

( 3 ) आहार नाल ( Alimentary Canal ) - इसे पोषण नाल भी कहते ह । इसक लबाई करब 8 - 10
मीटर होती है । आहार नाल के मुख भाग नन ह —
( i ) मुख
( ii ) सनी
( iii ) ासनली
( iv ) आमाशय
( V ) छोटी आँत
( vi ) बड़ी आँत
( vii ) मल ार ।
( 4 ) पाचन थयाँ - ये तीन कार क होती ह -
( i ) लार थ
( ii ) यकृ त थ
( iii ) अनयाशय
( 5 ) संवरणी पेशयाँ ( Sphincters ) - वभन तर पर संवरणी पेशयाँ भोजन , पाचत भोजन रस व
अवश क गत को नयं त करती ह ।
( 6 ) दाँत - मुख म चार कार के दाँत पाये जाते ह –
1 . कृ तक ( Incisors )
2 . रदनक ( Carines )
3 . अ चवणक ( Premolars )
4 . चवणक ( molars )
मानव म मसूड़ तथा दाँत क थत को गतदती ( Thecodont ) कहते ह । मनुय म बारदंती (
Diphyodont )व वषमदंती दाँत पाये जाते ह | मुख गुहा म 32 दाँत पाये जाते ह
। ( उपर जबड़े म 16
व नचले जबड़े म 16 )

( 7 ) सनी ( Pharynx ) अपनी संरचना से ये सुन चत करती है क भोजन वास नाल म तथा वायु
ास नाल म व ना हो पाए । सनी को तीन भाग म वभ कया गया है -
( i ) नासासनी ( nasopharynx )
( ii ) मुख सनी ( Orophar ynx )
( iii ) कं ठ सनी ( Laryng opharynx )
( 8 ) आमाशय ( Stomach ) - इसका आकार J जैसा होता है । यह 1 से 3 लीटर तक आहार को धारत
कर सकता है । आमाशय को तीन भाग म वभ कया गया है -
( i ) काडयक या जठरागम भाग
( ii ) जठर नगमी भाग
( iii ) फं डस भाग
( 9 ) छोटी आँत ( Small Intestine ) - भोजन का सवा धक पाचन तथा अवशोषण छोटी आँत म होता
है । छोटी आंत को तीन भाग म वभ कया गया है — हनी , अ ुां तथा ुां ।
( 10 ) बड़ी आँत ( Large Intestine ) - यह मुय प से जल व खनज लवण का अवशोषण कर
अपचत भोजन को मलार से उ जत करती है । बड़ी आँत भी तीन भाग म वभ होती है -
( i ) अधा अथवा अंधनाल
( ii ) वृहदा
( iii ) मलाशय
( 11 ) पाचन थयाँ ( Digestive Glands ) - पाचन तं म कु छ पाचन थयाँ भी पाई जाती ह , जैसे
– लार थ , यकृ त तथा अनाशय । ये थयाँ पाचक रस ारा भोजन के पाचन म सहायता करती ह
। छोटी आँत आद अंग भी पाचक रस का ावण करते ह ।
( 12 ) लार थ ( Salivary Gland ) - इनके ारा लार का ावण कया जाता है । लार का मुय काय
भोजन म उप थत टाच का पाचन करना
, भोजन को चकना व घुलनशील बनाना तथा दाँत ,
मुखगुहका व जीभ क सफाई करना है । लार थ तीन कार क होती है -
( i ) कणपूव थ
( ii ) अधोजभ / अवचबुकय लार थ
( iii ) अधोजा थ
वतृत ववरण
मानव भोजन के ारा शरर के लए आवयक ऊजा एंव कायक पदाथ ात करता है । भोजन वभन
घटक जैसे ोटीन , कोबहाइेट , वसा , वटामन , खनज व लवण आद से बना होता है । भोजन म
इनम से अधकतर घटक जटल । अवथा म होते ह । शरर म अवशोषण हेतु इहे सरलीकृ त कया
जाता है । इस या को संपादत करने हेतु भोजन के अतगहण
से लेकर मल ाग तक एक तं
जसम अनेक अंग , ंथयाँ आद स मलत ह , सामंजय के साथ काय करते है । यह तं पाचन तं

कहलाता है । पाचन म भोजन के जटल पोषक पदाथ व बड़े अणु को वभन रासायनक या
तथा एंजाइम क सहायता से सरल , छोटे व घुलनशील पदाथ म परवतत कया जाता है ।
मानव पाचन तं
पाचन तं म स मलत अंग व ंथयां ननलखत ह -
( अ ) अंग
( 1 ) मुख ( Mouth )
( 2 ) सनी ( Pharynx )
( 3 ) ासनली ( Oesophagus )
( 4 ) आमाशय ( Stomach )
( 5 ) छोटी आंत ( Small intestine )
( 6 ) बड़ी आंत ( Large intestine )
( 7 ) मलार ( Rectum )
( ब ) थयाँ
( 1 ) लार थ ( Salivary gland )
( 2 ) यकृ त थ ( Liver )
( 3 ) अनाशय ( Pancreas )
सभी अंग मल कर आहारनाल ( Alimentary Canal ) का नमाण करते ह जो मुख से शु हो कर
मलार तक जाती है ।यह करब 8 - 10 मी . तक लंबी होती है । इसे पोषण नाल ( Digestive canal )
भी कहा जाता
है ।
आहार नाल के तीन मुख काय होते है -
( क ) आहार को सरलीकृ त कर पचाना ( ख ) पचत आहार का अवशोषण ( ग ) आहार को मुख से मलार तक पंचाना
पाचन काय को करने के लए आहार नाल म पाए जाने वाली थय या अय उप थत थय ारा
उपन पाचक रस ( Digestive Juices ) उरदायी होते ह । ये पाचक रस वभन रसायनक या

ारा भोजन को सरलीकृ त कर उसे शरर ारा हण कए जाने वाले प म परवतत करते ह । पाचत
भोजन रस म कई घटक पाए जाते ह जैसे ोटीन , काबहाइेट , वसा , खनज , लवण , वटामन ,
जल आद । इन पोषक तव को आहार नाल के वभन घटक वशेष कोशका क मदद से
अवशोषत करते ह । मुख से सत भोजन अपनी लंबी याा म वभन पेशय के संकु चन व
वतार से
गत करता है । वभन तर पर संवरणी पेशयाँ ( Sphincters ) भोजन , पाचत भोजन रस तथा अवश क गत को नयं त करती है ।
✺[I] पाचन काय म *Pb? होने वाले अंग ( Organs used in
Digestive System )
जैसा क आपको वदत है क पाचन काय म मुख से लेकर मलार तक अनेक अंग काय करते ह (
च) । अब हम इन अंग के बारे म वतृत प से चचा करगे ।

1.मुख ( Mouth )
आहारनाल का अ भाग मुख से ारंभ होकर मुख - गुहा म खुलता है । यह एक कटोरे नुमा ( Boul
shaped ) अंग है । इसके ऊपर कठोर तथा नीचे कोमल तालु पाए जाते है । मुख गुहा म ही चार ओर
गत कर सकने वाली पेशी नमत जा पाई जाती है । जा मुख गुहा के पृ भाग म आधार तल से
फे नुलम लगुअल ( Frenulum lingual ) या जा ऐनुलम के ारा जुडी जाती है तथा मुख गुहा के मय
भाग तक जाती है |
मुख दो मॉसल होठो से घरा रहता है जो मुख को खोलने - बंद करने तथा भोजन को पकड़ने म सहायक
होते है । मुख के ऊपर व नीचे के भाग म एक - एक जबड़े म 16 - 16 दाँत पाए जाते है । सभी दाँत जबड़े
म पाए जाने वाले एक साँचे म थत होते ह ।
इस साँचे को मसूड़ा ( Gum ) कहा जाता है । मसूड़ो तथा दाँत क इस थत को गतदंती ( Thecolout
) कहा जाता है । मानव म बारदंती ( Diphyodont ) दाँत यवथा पाई जाती है जसम जीवन काल
म दो कार के दाँत – अथायी ( ध के दाँत ) तथा थायी पाए जाते ह ।
दाँत चार कार के होते ह -
( अ ) कृं तक ( Incisors ) - ये सबसे आगे के दाँत होते है । जो कु तरने तथा काटने का काय करते है । ये
छः माह क उ म नकलते ह ।
( ब ) रदनक ( Canines ) - ये दाँत भोजन को चीरने – फाड़ने का काय करते ह । ये 16 - 20 माह क उ
म नकलते ह । ये ेक जबड़े म 2 - 2 होते है । मांसाहार पशु म ये ादा वकसत होते ह ।
( स ) अ - चवणक ( Premolars ) - ये भोजन को चबाने म सहायक होते ह तथा ेक जबड़े म 4 - 4
पाए जाते ह । ये 10 - 11 वष क उ म पूण प से वकसत होते ह ।
( द ) चवणक ( Molars ) - ये दंत भी भोजन चबाने म सहायक होते ह तथा ेक जबड़े म 6 - 6 पाए
जाते ह । थमतः ये 12 से 15 माह क उ म नकलते ह ।

✧ 2.सनी ( Pharynx )
मुख गुहा जा व तालु ( Palate ) के पछले भाग म एक छोटी सी कु पीनुमा ( Sac or flask shaped )
सनी से जुड़ी होती है । सनी से होकर भोजन आहार नलका या ासनाल तथा वायु वासनाल म
जाती है । सनी अपनी संरचना से ये सुनचत करती है क कसी भी सूरत म भोजन वासनाल म तथा
वायु भोजन नाल म वेश ना कर सके । इन दोन नाल के मुख सनी
के नीचे क तरफ होते ह - अ
भाग म वासनाल तथा पृ भाग म ासनाल थत होती ह । सनी क संरचना को तीन भाग म वभ कया जाता ह -
( अ ) नासासनी ( Nasopharynx ) ( ब ) मुख – सनी ( Oropharynx ) ( स ) कं ठ - सनी या अधो - सनी ( Laryngopharynx or Hypopharynx )

3.ासनली ( Ocsophagus )
यह एक संकर पेशीय नली ह जो करब 25 सटीमीटर लंबी होती है । यह सनी के नचले भाग से
ांरभ होकर ीवा ( Cervix ) तथा व थल से होती ई मयपट ( Diaphragm ) से नकल करउदरगुहा म वेश करती है । इस का मुय काम भोजन को मुख गुहा से आमाशय म पंचाना है ।
ासनली म कु छ लेमा ं थयाँ मलती है । इन थय से ावत लेम भोजन को लसदार
बनाता है
। ासनली म । उप थत भ याँ भोजन को एक कार क गत ं माकु चन गत ( Peristalsis ) दान
करती है जसके मायम से भोजन आमाशय तक पंचता है । ासनली के शीष पर ऊतक को एक
पला ( Flap ) होता है । यह पला घाटी ढकन या एपलॉटस ( Epiglottis ) कहलाता है ।
भोजन नगलने के दौरान यह पला बंद हो जाता है तथा । भोजन को वासनली म वेश करने से
रोकता है ।
✧ 4.आमाशय ( Stomach )
आहारनाल का ासनली से आगे का भाग आमाशय ह । यह एक पेशीय J – आकार क संरचना है जोासनली हणी ( Duodenum ) के मय तथा उदरगुहा ( Abdominal Cavity ) के बाएं हसे तथा
मयपट के पीछे थत होता है । यह एक लचीला अंग है जो एक से तीन लीटर तक आहार धारत कर
सकता है आमाशय को तीन भाग म बाँटा जा सकता है -
( अ ) काडयक या जठरागम भाग : यह बांया बड़ा भाग है जहाँ से सका आमाशय म व
होती है ।
( ब ) जठर नगमी भाग : यह आमाशय का दाहना छोटा भाग है जहाँ से आमाशय छोटी आँत से
जुड़ता है ।
( स ) फं डस भाग : यह उपरो वणत दोन भागो के मय क संरचना है ।
आमाशय म दो अवरोधनी या संकोचक पेशयाँ ( Sphincters ) पाई जाती है । ये दोन पेशयाँ आमाशय क सागी को अंतव करती ह -

( अ ) ास नलका अवरोधनी ( Cardiac or lower sophageal sphincter ) - यह सका व
आमाशय को वभाजत करती है तथा आमाशय से अलीय भोजन को सनी म जाने से रोकती है

( ब ) जठरनगमीय अवरोधनी ( Pyloric sphincter ) - आमाशय व छोटी आँत को वभाजत
करती है तथा आमाशय से छोटी आं म भोजन नकास को नयं त करती है ।
✧ 5.छोटी आंत ( Small intestine )
छोटी आँत पाचन तं का एक अंत महवपूण अंग है । जो आमाशय के जठरनगमी ( Pyloric ) भाग
से शु होकर बड़ी आंत पर पूण होती है । मानव म इसक औसत लंबाई सात मीटर होती है तथा आहारनाल के इस अंग ारा ही भोजन का सवा धक पाचन तथा अवशोषण होता है । छोटी आंत को तीन
भाग म वभ कया गया है -
( अ ) हनी ( Duodenum ) - आमाशय से जुड़ा आ यह छोटी आंत का पहला तथा सबसे छोटा भाग
है जो भोजन के रसायनक पाचन ( एंजाइम ारा ) म सबसे महवपूण भूमका नभाता ह ( सारणी ) ।
( ब ) अ ुदां ( Jejunum ) - यह छोटी आंत का मय भाग है । यहाँ हणी म पाचत आहार रस का
अवशोषण कया जाता है । मुयतः अवशोषण का काय वशेष कार क कोशका जहे आ कोशका ( Enterocyte ) कहा जाता है के ारा संपादत कया जाता है ।
( स ) ुदां ( Ileum ) - यह छोटी आंत का अंतम भाग है जो बड़ी आँत म खुलता है । यह भाग उन
पोषक तव [ वशेष प से प लवण ( Bile Salts ) व वटामन का अवशोषण करता है जो अ ुदा म अवशोषत नह हो पाते ।

6.बड़ी आंत ( Large intestine )
ुदां आगे बड़ी आंत से जुड़ा होता है । यहां कु छ वशेष जीवाणु पाए जाते ह । ये जीवाणु छोटी आंत से
शेष बचे अपाचत भोजन को कवन या ( Ferimentation ) ारा सरलीकृ त कर पाचन म मदद
करते ह । बड़ी आँत का मुय काय जल व खनज लवण का अवशोषण तथा अपाचत भोजन को
मलार से उ जत करना ह । मनुय म बड़ी आँत को तीन भाग
म वभ कया गया है -
( अ ) अधा अथवा अंधनाल ( Cecium ) - यह भाग ुदां से जुड़ा होता है । यहाँ ुदां से आने वाले
पाचत आहार रस का अवशोषण होता है तथा शेष बचे अपश को आगे वृहदां म पंचा दया जाता है । अंधनाल के थम भाग ( जो ुदां से जुड़ा होता है ) से थोड़ा नीचे भीतर क ओर चार - पांच इंच लंबा
नली के आकार का अंग नकला रहता है । इसे कृ मप परशेषका ( Vermiform appendix ) कहा
जाता है

( ब ) वृहदा ( Colol ) - आहार नाल म बड़ी आँत का अंधा के आगे वाला भाग वृहदा कहलाता है ।
यह उटे U के आकार क करब 1 . 3 मी . लबी नलका होती है । वृहदां चार भाग म वभ होती है
-
( 1 ) आरोही वृहदा ( Asending colon ) - करब 15 से . मी . लबी नलका

( 2 ) अनु थ वृहदा ( Transverse colon ) - करब 50 से . मी . लबी नलका
( 3 ) अवरोही वृहदा ( Descending colon ) - करब 25 स . मी . लबी नलका
( 4 ) समाकार वृहदा ( Sigmoid colon ) - करब 40 से . मी . नलका
( स ) मलाशय ( Recturn )- मलाशय आहारनाल का अंतम भाग होता है । यह करब 20 से . मी .
लबा होता है । मलाशय के अंतम 3 से . मी . वाले भाग को गुदानाल ( Anal canal ) कहा जाता है ।
गुदानाल मलार ( Anus ) के राते बाहर खुलता है । मलारा पर आकार आहारनाल समात होती ह ।
गुदानाल म दो संवरणी बहः और अंतः सवंरणी ( Sphicters ) पाए जाती है । पाचत आहार रस के अवशोषण के पचात् शेष रहे अपश पदाथ
के बाहर नकलने क या को ये संवरणी पेशयाँ
नयं त करती है ।
✺[II] पाचन थयाँ ( Digestive glands )
मनुय म आहारानाल के अंग म उप थत थय के अलावा तीन मुख पचन ंथयां यथा लार थ
( Salivary gland ) , यकृ त ( Liver ) व अ याशय ( Pancrease ) पाई जाती है ।
✧ 1.लार थ ( Salivary Gland )
यह थ मुंह म लार उपन करती है । लार एक सीरमी तरल तथा एक चपचपे लेमा का मण होता
है । तरल भाग भोजन को गीला करता है तथा लेमा लु क ट के तौर पर काय करता है । लार का मुय
काय भोजन म उप थत टाच का मुख म पाचन शु करना , भोजन को चकना व धुलनशील बनाना
तथा दाँत , मुख हका व जीभ क
सफाई करना है । लार थ तीन कार क होती है ।
( अ ) कणपूव थ ( Parotid gland ) - यह सीरमी तरल का ाव करती है तथा गालो म पाई
जाती है ।
( ब ) अधोजंभ / अवचबुकय लार ं थ ( Sub mandibular salivary gland ) - यह एक
म त थ है । जससे तरल तथा ले मक ावण होता है ।
( स ) अधोजा थ ( Sublingual gland ) - यह जा के नीचे पाई जाती है तथा ले मक
ावण करती है ।
✧ 2.अ याशय ( Pancrease )
यह एक म त थ है जो अंतः ावी हॉमन इंसुलन ( Insulin ) व लुके गोन ( Glucagon ) तथा
बहः ावी अ याशयी रस का ावण करती है । यह थ यकृ त , सनी तथा तली से घर होती है ।यह 6 से 8 इंच लबी तथा U आकार क होती है। इस थ के ारा ावत एंजाइम ( सारणी ) आंत म
ोटीन , वसा तथा काबहाइेट के पाचन म मदद करते है । इंसुलन तथा लुके गोन हॉमन
मल कर
शरर म र शक रा के तर को नयं त करते ह ।
यह मानव शरर म उप थत सबसे महवपूण पाचक ंथ है |यह मयपट के नीचे थत लगभग
कोणाकार अंग है इसका अधकतम वजन दाय ओर होता है । सामने से देखने पर यकृ त दो भाग – दाय और बांयी पालय म वभाजत नजर आता है । अ सतह से तल क तरफ देखने पर दो अतर

पालयाँ दखाई देती है । यकृ त करब 100 , 000 छोटी षकोणीय संरचनामक और काया मक
इकाइय जहे यकृ त पालकाएँ ( Liver lobules ) कहा जाता है से नमत होती है । यह थ प का
नमाण करती है । यहाँ से पत यकृ त वाहनी उपतं ( Hapatic duct system ) तथा प वाहनी (
Bile duct ) ारा पाशय ( Gall bladder ) म चला जाता है । पाशय यकृ त के अवतल म थत
होता है । पाशय प का भंडारण / संचय करता है । यहाँ से पाशयो
नलका ारा प सनी म
चला जाता है ।
✺[III] भोजन का पाचन ( Digestion of food )
भोजन के पाचन क या कई यां क एंव रसायनक य ारा संपन होती है । आहारनाल के
भीतर वभन अंग एवं थय से ावत एजाइम भोजन के पोषक तव का जल अपघटन कर
सरलीकृ त करते ह । ये एजाइम सामायतः हाइोलेसेज वग के ह । पाचन म काय करने वाले मुख
एजाइम नन कार से है -
( i ) काबहाइेट पाचक - एमलेज , माटेज , सुे ज आद ।
( ii ) ोटीन पाचक - सन , काइमो - सन , पे सन आद ।
( iii ) वसा पाचक - लाइपेज ।
( iv ) यू लएजज - यू लयोटाइटेज , यू लएजेज ।
भोजन को चबाने व लार के साथ मलाने का काय मुख गुहा म संपादत कया जाता है । लार का लेम
भोजन के कणो को चकना कर उहे चपकाने म मदद करता है । भोजन अब बोलस के प म
माकुं चन ( Peristalsis ) गत ारा सनी से सका
तथा सका से आमाशय म पंचता है ।
आमाशय म भोजन के वेश को जठर - सका अवरोधनी नयं त करती है । लार म उप थत एंजाइम
टायलन या एमाइलेज मुख - गुहा म ही काबहाइेट का जल अपघटन शु कर देते है । यहाँ करब 30 तशत टाच को माटोज म अपघटत कर दया जाता है । आमाशय म तीन कार के ाव - यूकस ,
ोएजांइम पे सनोजन तथा हाइोलोरक अल पाए जाते
है । यूकस लेमा ीवा कोशका ारा
ावत कया जाता है । ोएंजाइम पे सनोजन हाइोलोरक अल ारा तैयार अलीय वातावरण म स य एंजाइम पे सन म परवतत हो जाता है । तथा भोजन म उप थत ोटीन का अपघटन करता है । नवजात शशु म पे सन के साथ जठर रस म रेनन नामक एंजाइम भी पाया जाता है । यह ध
ोटीन के पाचन म मदद करता है ।
ऑ स टक कोशकाएँ ( Oxyntic Cells )
हाइोलोरक अल का ावण करती ह । आमाशय म
भोजन कु छ घंट तक संाहत रहता है तथा पेशीय संकु चन ारा जठर रस से म त होकर काइम ( Chyme ) का नमाण करता है ।
आमाशय से भोजन छोटी आँत म पँचता है । सवा धक पाचन या हणी म संपन होती है । यहाँ
वभन नलका ारा अ याशयी रस , प लवण तथा आं रस छोड़े जाते ह । | इन रस म वभन
एंजाइम होते ह जो भोजन म उप थत वभन पोषक तव का पाचन करते ह ।
प वसा का पायसीयन ( Emulsification ) करता है । | यह वसा पाचन के लए आवयक है । साथ
ही प लाइपेज एंजाइम को भी स य करता है । हणी म सरलीकृ त पदाथ छोटी आंत के अ ुांत

और ुांत भाग म अवशोषत कए जाते है । अवशेषत पदाथ को वभन कोशका क सहायता से
र म पँचाया जाता है ।अपचत तथा अनावशोषत पदाथ ुदां से बड़ी आंत म जाते ह । बड़ी आंत
का मुय काम जल तथा लवण का अवशोषण तथा शेष रहे अपचत भाग का उजन है । अपचत भाग
ठोस होकर अथायी प से मलाशय म रहता है । एक तां क तवत ( neural reflex ) के
कारण
मलार से मल का बहेपण होता है ।
वभन पाचन अंग ारा ावत पाचन रस तथा उनके काय

. सं
.
पाचन रस को
ावत करने वाला
अंग या थ
ावत एंजाइम काय ( जटल → सरलीकृ त )काय थल
1.लार थ
टायलन ( Ptylin ) या एमलेज ( Amylase )
पॉलसैकराइड ( जैसे टाच , लाइकोजन ) → छोटे पॉल सैके राइड , माटोस
मुख गुहा
2.
आमाशय ( जठर रस )
1 . पे सन ( Pepsin ) 2 . रेनन ( Renin )
1 . ोटीन → पेटाइड 2 . के सीन → पैराके सीन
आमाशय
3.अ याशय
1 . एमलेज ( Armylase ) 2 . सन ( Trypsin ) 3 . काइमो सन ( Chymotrypsin )
4 . काब सपेटाइडेज ( Carboxypeptidase ) 5 . लाइपेज ( Lipase ) 6 . यू लएजेज ( Nucleases )
1 . टाच → माटोस 2 . ोटीन → पेटाइड
3 . ोटीन → पेटाइड
4 . ोटीन , पेटाइड अमीनो अल
5 . वसा → मोनो लसराइड , वसीय अल

6 . डी . एन . ए . व आर . एन . ए . → यू लओटाइड
छोटी आँत
4.आ ीय रस 1 . माटेज ( Maltose ) 2 . लैटेस ( Lactase ) 3 . सुे स ( Sucrase ) 4 . लाइपेज ( Lipase
1 . माटोस → लूकोस 2 . लैटोस → लूकोस 3 . सुोस → लूकोस 4 . वसा → वसीय अल तथा लसरोल 5 . यू लक अल व यू लओटाइड →
छोटी आँत

)
5 . यू लएजेज (
Nucleases )
6 . डाइपेटाइडेज (
Dipeptidase )
7 . फोफे टेज (
Phosphatase )
यू लओसाइड व शक रा
6 . डाइपेटाइड → अमीनो अल
7 . यू लओटाइड →
नाइोजन ार , राइबोज
5.यकृ त प लवण
वसा → वसीय अल / वसा
गोलका
छोटी
आँत
Disclaimer - यह पीडीएफ वभन ोत से तय एक त करके बनाय गयी है , यद इसम कोई ुट पायी जाती है तो नॉलेज हब
संचालक क जमेदार नह होगी ।
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भगवान के भरोसे मत बैठो , या पता वो हमारे भरोसे बैठा हो ।