आस-पास के महासागरों की िुलना में गमश और इस प्रकार दबाव है
अपेक्षाकृ ि कम। यही कारण है टक नमी वाली हवाएं के पास से चलिी हैं
पटिम प्रर्ांि से टहंद महासागर िक और वहां से भूटम िक।
2. गमश भारिीय भूटम पर दबाव की िुलना में बहुि कम है
टहंद महासागर। यह मानसूनी हवाओं के संचलन को सुगम बनािा है
टबना टकसी महत्वपूणश मोड के समुद्र से भारिीय भूटम िक।
7. द बॉय
1. पे� के िि पर आमिौर पर सिही जल ठं डा होिा है, क्ोंटक
ठं डी पे� की धारा। लेटकन अल नीनो इसे गमश कर देिा है।
जब पानी गमश हो जािा है, व्यापार हवाएं, जो अ�िा
पूवश से पटिम की ओर प्रवाटहि होिे हैं, या िो उनकी टदर्ा को उलि देिे हैं या प्राप्त कर लेिे हैं
खोया हुआ। यह अल नीनो के दौरान पे� के रेटगस्तान में भारी बाररर् का कारण बनिा है
साल।
2. दू सरी ओर, पटिमी प्रर्ांि और एटर्या में पानी ठं डा हो जािा है।
इससे टहंद महासागर के ऊपर सिही दबाव में वृस्ि होिी है,
इंडोनेटर्या, और ऑस्टरेटलया। यह भारिीय उपमहाद्वीप को उससे वंटचि करिा है
मानसून की बाररर् में टहस्सा टजिना अटधक िापमान और
दबाव अंिर, में कमी टजिनी अटधक होगी
भारि में वर्ाश। दटक्षण अमेररका का र्ुष्क पटिमी िि प्राप्त करिा है
भारी वर्ाश, ऑस्टरेटलया और कभी-कभी भारि में सूखा पडिा है
और चीन में बाढ।
8. ला-नीना
1. ला नीना, अल नीनो टवरोधी या के वल एक ठं डी घिना की ठं डक है
पूवी प्रर्ांि महासागर में पानी। पूवी प्रर्ांि में पानी,
जो अ�िा ठं डा होिा है वह सामा� से अटधक ठं डा हो जािा है। इसकी वजह से
भारि में मानसून की मजबूिी
2. इससे अब िक सूखे जैसे टनम्नटलस्खि प्रमुख प्रभाव हुए हैं
इक्वाडोर और पे� में। कम िापमान, पूवी में उ� दबाव
प्रर्ांि, ऑस्टरेटलया में भारी बाढ, पटिमी में उ� िापमान
प्रर्ांि, टहंद महासागर, िि से दू र सोमाटलया और भारि में अ�ी बाररर्।
पूवी अफ्रीका में सूखा।
9. भारि में वर्ाश का थिाटनक टविरण
1. उ� वर्ाश वाले क्षेत्र (200 सेमी से अटधक): उत्तर-पूवश, पवन वाडश
पटिमी घाि के टकनारे और कु छ टहमालयी क्षेत्रों में।
2. मध्यम वर्ाश वाले क्षेत्र (100-200 सेमी.): के दटक्षणी भागों में
गुजराि, पूवी िटमलनाडु, उत्तर-पूवी प्रायद्वीप को कवर करिा है
उडीसा, झारखंड, टबहार, पूवी मध्य प्रदेर्, उत्तरी
उप-टहमालय और कछार घािी के साि गंगा का मैदान।
3. कम वर्ाश वाले क्षेत्र (50-100 से.मी.): अटधकांर् क्षेत्रों में वर्ाश होिी है
महाद्वीपीयिा का प्रभाव जैसे पटिमी उत्तर प्रदेर्, टदल्ली,
Haryana, Punjab, Jammu and Kashmir, eastern Rajasthan, Gujarat
और दक्कन का पठार।
4. अपयाशप्त वर्ाश वाले क्षेत्र (50 सेमी से कम): ये र्ुष्क होिे हैं
प्रायद्वीप के आंिररक भागों में स्थिि क्षेत्र, टवर्ेर् �प से में
आंध्र प्रदेर्, कनाशिक और महाराष्ट्र, लद्दाख और अटधकांर्
पटिमी राजथिान।
10. वर्ाश का टवश्व टविरण