भारत सरकार की राजभाषा नीति उद्देश्य, कार्यान्वयन एवं प्रचार-प्रसार
प्रस्तावना भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है। हिंदी को संविधान के अनुच्छेद 343 के तहत संघ की राजभाषा घोषित किया गया। राजभाषा नीति का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में हिंदी का प्रगतिशील प्रयोग सुनिश्चित करना है।
संवैधानिक प्रावधान अनुच्छेद 343(1): संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी। अनुच्छेद 343(2): अंग्रेज़ी का प्रयोग 15 वर्षों तक जारी रखने की अनुमति। अनुच्छेद 344: राजभाषा आयोग एवं संसदीय समिति का गठन। अनुच्छेद 351: हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु निर्देश।
राजभाषा अधिनियम एवं नियम राजभाषा अधिनियम, 1963 राजभाषा नियम, 1976 (संशोधित 1978) राजभाषा संकल्प, 1968 इन नियमों के तहत हिंदी के प्रयोग की श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं।
कार्यालयों में अनुपालन के दिशा-निर्देश हिंदी दिवस (14 सितंबर) एवं हिंदी पखवाड़ा का आयोजन। नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियाँ (नराकास) की स्थापना। हिंदी में पत्राचार, फाइल नोटिंग, रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन। राजभाषा निरीक्षण एवं वार्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से मॉनिटरिंग।
हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु सरकारी उपाय शिक्षा प्रणाली में हिंदी को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करना। डिजिटल माध्यमों पर हिंदी सामग्री का निर्माण। साहित्यिक महोत्सव, पुस्तक मेले, हिंदी फिल्म एवं संगीत का प्रोत्साहन। हिंदी में शोध कार्य एवं अनुवाद को बढ़ावा देना।
चुनौतियाँ एवं समाधान अहिंदी भाषी क्षेत्रों में हिंदी के प्रयोग में कठिनाई। समाधान: प्रशिक्षण कार्यक्रम, तकनीकी शब्दावली निर्माण, अनुवाद टूल्स का विकास।
निष्कर्ष हिंदी केवल भाषा नहीं, हमारी सांस्कृतिक पहचान है। राजभाषा नीति का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सहजता और एकरूपता लाना है। सभी कार्यालयों को हिंदी के प्रगतिशील प्रयोग हेतु सतत प्रयास करने चाहिए।
धन्यवाद प्रश्नोत्तर सत्र संपर्क: राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय