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र्ड्ढा हो जाना, बलंर् दोष, नामदी, इन्द्री में लूजपन, नसों में टेढ़ापन,
छोटापन, उिेजना की कमी, मंदिुन्डद्ध वीयग की कमी, िुढ़ापे की
कमजोरी, बमर्ी चिर, एकांर् में रहना आबद।
िफ रोग ििण – िार-िार सदी, खांसी, छीकें आना, एलजी,
ईयोबसनोबिबलया, नजला, टी.िी., सीने में ददग, घिराहट, मृत्यु भय, हाटग
अटैक के लक्षण, स्वास िू लना, र्ले में ददग र्ांि, सूजन, टांन्डन्सल, कैं सर
के लक्षण, थायराइ़ि, ब्ल़ि प्रेर्र, बिस्तर में पेर्ाि करना, र्रीर मुंह से
िदिू, लीवर बक़िनी, का ददग सूजन, सेक्स इ�ा कमी, चेहरे का
कालापन, मोटापा, जांघों का आपस में जु़िना, र्ुप्तांर् में खुजली, घाव,
सुजाक, कान िहना, र्रीर िू ल जाना, र्भग नली का चोक होना, कमजोर
अण्डाणु आबद।
षदनचयाप
रार् को दाूँर् साि करके सोये। सुिह उि कर र्ुनर्ुना पानी
बिना कु ल्ला बकए िैिकर, घूंट-घूंट करके पीये। एक दो बर्लास
बजर्ना आप सुबवधा से पी सकें उर्ने से र्ु�आर् करके , धीरे-
धीरे िढ़ा कर सवा लीटर र्क पीना हैं।
भोजनान्ते बवषमिारी अथागर्् भोजन के अंर् में पानी पीना बवष
पीने के समान हैं। इस बलए खाना खाने से आधा घंटा पहले और
िेढ़ घंटा िाद र्क पानी नहीं पीना। िेढ़ घंटे िाद पानी ज�र
पीना।
पानी के बवक� में आप सुिह के भोजन के िाद मौसमी िलों
का र्ाजा रस पी सकर्े हैं, दोपहर के भोजन के िाद छाछ और
अर्र आप ह्रदय रोर्ी नहीं हैं र्ो आप दहीं की लस्सी भी पी