Solar eclipse

AmitKumar101057 23 views 2 slides Dec 16, 2021
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About This Presentation

हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण लगना शुभ नहीं माना ज�...


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सूर्य ग्रहण व इसकी मान्यतार्े

वैज्ञानिक दृनिकोण से सूर्य ग्रहण एक महत्वपूणय और अिोखी खगोलीर् घटिा है। जब चंद्रमा सूर्य और
पृथ्वी के बीच से गुजरता है और सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कु छ
समर् के नलए ढक जाता है, इसी घटिा को सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
जबनक नहंदू धानमयक माि्र्ताओं के अिुसार, इस समर् राहु और के तु की बुरी छार्ा धरती पर पड़ती है,
नजससे ग्रहण लगता है। मान्यता है नक सूर्य ग्रहण के दौराि सूर्य राहु और के तु द्वारा प्रतानड़त नकर्ा जाता
है, इसनलए सूर्य कमजोर हो जाता है।
वैनदक ज्योनतष में, सूर्य ग्रहण का बहुत महत्व है क्ोंनक र्ह एक िए जीवि की शु�आत जैसा नदखता
है। इस साल का आखखरी सूर्य ग्रहण 4 नदसंबर, शनिवार को लगेगा। र्ह नदि मागयशीषय मास के कृ ष्ण पक्ष

की अमावस्या है। र्ह सूर्य ग्रहण वृनिक रानश में अिुराधा और ज्येष्ठ िक्षत्र में लगेगा। वृनिक रानश पर
सूर्य, चंद्रमा, बुध और के तु का कब्जा रहेगा। सूर्य ग्रहण वृनिक रानश में लगेगा जो काल पु�ष कुं डली के
आठवें भाव में पड़ता है। र्ह रहस्य, अज्ञात, अप्रत्यानशत पररखथिनतर्ों और बाधाओं का घर है। मंगल भी
5 नदसंबर को वृनिक रानश में इि ग्रहों में शानमल होगा। ग्रहों की र्ह र्ुनत जीवि के नवनभन्न पहलुओं में
बदलाव लाएगी।
मान्यताये
नहन्दू पंचांग के अिुसार सूर्य ग्रहण को बहुत महत्वपूणय मािा जाता है। धानमयक दृनि से ग्रहण लगिा शुभ
िहीं मािा जाता, इसनलए ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचिे के नलए कई तरह के उपार् नकर्े जाते हैं. ऐसी
मान्यता है नक सूर्य ग्रहण के दौराि कोई भी शुभ कार्य िहीं करिे चानहए। इसी के साि ग्रहण के दौराि
नकसी भी तरह के धानमयक अिुष्ठाि पूजा आनद भी िहीं की जाती है। देवताओं की पूजा करिे का कोई
कार्य िहीं होता है।
सूर्य ग्रहण से संबंनधत र्ह तो एक धानमयक मान्यता है, लेनकि नजस समर् ग्रहण का स्पशय हो उस समर्
मोक्ष के समर् पुिः स्नाि करिा चानहए। सूतक लगािे के बाद मंनदर में प्रवेश करिा, मूनतय को छू िा, भोजि
करिा, र्ात्रा करिा आनद वनजयत है। बच्चे, बुजुगय रोगी, तत्काल आवश्यकता में आहार ले सकते हैं। ग्रहण
से मुखि के बाद पीिे का पािी भी ताजा पीिा चानहए। लेनकि ग्रहण के ि नदखिे की खथिनत में धानमयक
मान्यताओं का पालि करिा ज�री िहीं है। ग्रहों का महत्व होिा चानहए। इसनलए गभयवती मनहलाएं गार्
के गोबर का पतला पेस्ट पेट पर लगा सकती हैं। ग्रहण काल में श्रद्धा के साि श्राद्ध, दाि, जप और मंत्र
नसखद्ध करिा अत्यंत फलदार्ी होता है।

सूययग्रहण का समय
सूयय ग्रहण की ततति: 4 नदसंबर, शनिवार
सूयय ग्रहण का आरंभ: प्रातः11:00 बजे
सूयय ग्रहण समाप्त: दोपहर 03:07 नमिट पर
लेनकि भारत में सूर्य ग्रहण िहीं लग रहा है, इसनलए र्हां सूतक काल मान्य िहीं होगा।