बैरम खान क मौत के बाद जब अकबर सतनत चलाने के लए पूरी तरह से आजाद हुआ तो अकबर ने अपने नवरन म से एक वजीर ■जसका नाम अबुल फजल
था उससे मशवरा कर के एक नए िदन क थापना क ■जसका नाम Din-i Ilahi | दीन-ए इलाही था। अकबर का यह मानना था िक हर मजहब म कोई न कोई
अछी बात ज?र है तो इसीलए य? ना हर मजहब क कुछ कुछ अछी बात? को िनकाल कर एक नया मजहब तैयार िकया ■जसके जरए तमाम मजहबी झगड़े
भी खम हो जाएंगे अकबर ने इसी सोच को मेनजर रखते हुए िदन-ए-इलाही नाम के ने एक नये मजहब को तैयार िकया इस मजहब म इलाम के साथ-साथ और
दूसरे मजहब क बहुत सारी चीज? को भी शािमल िकया गया था ■जसे अकबर अछा मानता था अकबर के इस मजहब को सबसे पहले बीरबल और अबू फज़ल ने
ही कुबूल िकया था लेिकन अकबर के इस मजहब को हदुतान म रहने वाले लोग? ने पसंद नह िकया था अकबर के दौर मे हदू धम से तालुक रखने वाले लोग
अकबर को बहुत यादा अछा मानने लगे थे बहुत से लोग अकबर क पूजा िकया करते थे और अकबर के दरबार के बाहर लोग मत मांगने आया करते थे
य?िक अकबर का यह नजरया था िक हर मजहब म अछाई और बुराई दोन? चीज होती ह इसीलए वो ईसाइयो के साथ भी पूजा िकया करता था और हदुओं
के साथ भी पूजा िकया करता था और मुसलमान? के साथ मजद म नमाज भी अदा िकया करता था।
Battle of Haldighati | हदीघाटी का यु
Haldighati ka yudh: महाराणा ताप के अलावा हदुतान के तमाम राजपूत? ने अकबर क बहादुरी और होशयारी देखते हुए अकबर क बादशाहत को
कुबूल कर लया था लेिकन महाराणा ताप एक ऐसे राजा थे जो आखर तक अकबर को बादशाह मानने के लए तैयार नह थे भले ही महाराणा ताप अकबर
के खलाफ कामयाब नह हो पाए लेिकन वह अपनी आखरी ↓जदगी तक अकबर के खलाफ लड़ते रहे ■जससे यकनन उनक बहादुरी सािबत होती है।
आज बहुत से लोग हदीघाटी के यु को हदू vs मुलम के तौर पर देखते ह
लेिकन साई इसके िबलकुल उलट है आपको जानकर शायद थोड़ी हैरानी होगी
िक ■जस व महाराणा ताप क मुगल? से जंग हुई थी उस व फौज म अकबर खुद
मौजूद नह थे अकबर क फौज को उस व अकबर क 9 खास वज़ीरो म से एक
वज़ीर ■जसका नाम मान↓सह था वह लीड कर रहा था जो एक हदू था इससे से यह
बात तो ियर हो जाती है िक इस जंग म दोन? फौ■जय? के कमांडर हदू ही थे ■जससे
हदू vs मुलम का तो सवाल ही पैदा ही नह होता और दूसरी हैरानी क बात यह है
िक जहां एक तरफ मुग़लो क फौज मे बहुत सारे हदू मौजूद थे जो महाराणा ताप
के खलाफ लड़ रहे थे तो वह दूसरी तरफ महाराणा ताप क फौज म भी बहुत से
मुलम मौजूद थे बक महाराणा ताप क फौज म तो हकम खान सूर जैसे बड़े-
बड़े मुलम सरदार भी मौजूद थे जो इस बात को सािबत करते ह िक यह लड़ाई हदू
vs मुलम क नह थी लेिकन अगर बात क जाए इस लड़ाई के नतीजे के बारे म तो ये लड़ाई मान↓सह यानी मुग़ल फ़ौज़ ने जीत ली थी और महाराणा ताप क
इस जंग म हार हुई थी और इस हार के साथ ही मुग़लो के राते क सबसे बड़ी ?कावट यानी महाराणा ताप भी हट चुका था।
Akbarnama | अकबरनामा
अकबरनामा, या द बुक ऑफ अकबर, अकबर के शासनकाल का इतहास है, तीसरा मुगल साट,■जसे खुद अकबर ने
बनवाया था और इसे दरबारी इतहासकार और जीवनी लेखक अबुल-फजल इन मुबारक ने लखा था। अकबरनामा
का पहला शद अकबर के जम, तैमूर क पारवारक इतहास ,बाबर और हुमायूँ के शासनकाल और िदी के सूरी
सुतान? के बारे म है। दूसरा खंड 1602 के बाद से अकबर के शासनकाल के साथ-साथ उसके पूरे शासनकाल म हुई
घटनाओं के बारे मे बताता है।
Death of Akbar | अकबर क मौत कैसे हुई | Tomb of Akbar
मुगल साट अकबर क मृयु 27 अटूबर, 1605 को हुई थी। महान मुगल बादशाह अकबर क उनके 63व जमिदन के दस िदन बाद उनक राजधानी आगरा म
पेचश से मृयु हो गई थी। अकबर को ■सकंदरा (आगरा) के मकबरे म दफनाया गया था।
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Battle of Haldighati
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