Ashwagandha (Withania sominifera)

DrVijayKumarPathak1 644 views 11 slides Jun 27, 2020
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About This Presentation

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Slide Content

अश्वगंधा THE WONDER DRUG

परिचय गण-बल्य , बृंहणीय , मधुरस्कन्ध ( च० ) Family- Solanaceae B. Name- Withania somnifra ( Linn. ) सं-अश्वगंधा , वराहकर्णी , हि .- असगंध

रस पंचक गुण - लघु, स्निग्ध रस - तिक्त, कटु, मधुर विपाक - मधुर वीर्य - उष्ण

पुष्प

फल

मूल

पत्र

अश्वगंधा के प्रयोग कफवातज विकारों में प्रयुक्त होता है । श्वित्र , कुष्ठ आदि में देते हैं । क्षय , शोष , विशेषतः बालशोष में यह अधिक लाभकर हैं प्रदर एवं योनिशुल में देते हैं । श्वास में असगंध का क्षार मधु एव घृत के साथ देने का विधान है । इसके मूल से सिद्ध तैस का अभ्यंग दोर्बल्य और वातव्याधि में करते हैं । गलगण्ड , ग्रन्थिशोथ आदि में इसके पत्र या मूल का लेप करते हैं । वाजीकरण तथा गर्भाशयशोथहर तथा योनिशूल्हर है ।

प्रयोज्य अंग-मुल मात्रा - चूर्ण-३-६ ग्रा० क्षार-१-२ ग्रा०

विशिष्ट योग अश्वगंधादि चूर्ण अश्वगंधारसायन अश्वगंधा घृत अश्वरगंधारिष्ट

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