PARMANU KI SANRACHNA - ATOMIC STRUCTURE - CHAPTER - E-CONTENT - CLASS 9TH UP BOARD - NCERT
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Added: Jun 18, 2022
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परमाणु की संरचना हर परमाणु नाभिक से बना है और नाभिक एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन्स से सीमित है। नाभिक आम तौर पर एक या एक से अधिक न्यूट्रॉन और प्रोटॉन की एक समान संख्या से बना है। प्रोटान और न्यूट्रान न्यूक्लिऑन कहलाता है। परमाणु के द्रव्यमान का 99.94% से अधिक भाग नाभिक में होता है।
परमाणु का आकार क्या है? परमाणु का आकार लगभग 10 -10 मीटर होता है। अत: हम कह सकते है कि परमाणु का आकार बहुत ही कम होता है या आकार की दृष्टि से परमाणु बहुत ही सूक्ष्म होता है। इसे पिकोमीटर के रूप में 100 पिकोमीटर कहा जाता है अर्थात परमाणु का आकार लगभग 100 पीकोमीटर अर्थात 100 ×10 −12 m होता है।
परमाणविक तत्व रमाणु का निर्माण परमाणविक तत्वों से मिलकर होता है जिनके नाम हैं – प्रोटान, न्यूट्रान तथा इलेक्ट्रान | प्रोटान व न्यूट्रान परमाणु के नाभिक में पाए जाते हैं और इलेक्ट्रान इस नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाता है | इलेक्ट्रान परमाणु के नाभिक के चारों ओर बहुत तेज गति से चक्कर लगता है | विभिन्न तत्वों को उनमें पाई जाने वाली प्रोटान व इलेक्ट्रान की संख्या के आधार पर अलग किया जाता है, जैसे-सोने ( Gold) के परमाणु नाभिक में प्रोटानों की संख्या 79 होती है और कार्बन के परमाणु नाभिक में केवल 6 प्रोटान होते हैं |
परमाणु में कौन कौन से कारण होते हैं? परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z ( प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A( प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A = Z + N। नाभिक के व्यास की परास "फर्मी" के कोटि की होती है।
सबसे छोटा परमाणु कौन सा है? व्याख्या-हीलियम परमाणु की त्रिज्या ( Radius) 31 पीकोमीटर है तथा यह सबसे छोटा परमाणु है।
परमाणु बम नाभिकीय अस्त्र या परमाणु बम एक विस्फोटक युक्ति है जिसकी विध्वंसक शक्ति का आधार नाभिकीय अभिक्रिया होती है। यह नाभिकीय संलयन ( Nuclear fusion) या नाभिकीय विखण्डन ( nuclear fission) या इन दोनो प्रकार की नाभिकीय अभिक्रियों के सम्मिलन से बनाये जा सकते हैं। दोनो ही प्रकार की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप थोड़े ही सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। आज का एक हजार किलो से थोड़ा बड़ा नाभिकीय हथियार इतनी ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है जितनी कई अरब किलो के परंपरागत (परम्परागत) विस्फोटकों से ही उत्पन्न हो सकती है। नाभिकीय हथियार महाविनाशकारी हथियार ( weapons of mass destruction) कहलाते हैं।
परमाणु का आकार क्या है? परमाणु का आकार लगभग 10 -10 मीटर होता है। अत: हम कह सकते है कि परमाणु का आकार बहुत ही कम होता है या आकार की दृष्टि से परमाणु बहुत ही सूक्ष्म होता है। इसे पिकोमीटर के रूप में 100 पिकोमीटर कहा जाता है अर्थात परमाणु का आकार लगभग 100 पीकोमीटर अर्थात 100 ×10 −12 m होता है।
परमाणु में कौन कौन से कारण होते हैं? परमाणु का लगभग सारा द्रव्यमान नाभिक के कारण ही होता है, इलेक्ट्रान का योगदान लगभग नगण्य होता है। सामान्यतः नाभिक की पहचान परमाणु संख्या Z ( प्रोटॉन की संख्या), न्यूट्रॉन संख्या N और द्रव्यमान संख्या A( प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन संख्या) से होती है जहाँ A = Z + N। नाभिक के व्यास की परास "फर्मी" के कोटि की होती है।
नाभिकीय बंधन ऊर्जा क्या है? बंधन ऊर्जा ( Binding Energy ) की परिभाषा क्या है | Binding Energy in hindi . नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न्यूट्रॉन को न्यूक्लिऑन ( Nucleon ) कहते हैं । अतः न्यूट्रॉन और प्रोटॉन के संयोग से किसी नाभिक के बनने में जो ऊर्जा विमुक्त होती है , उसे नाभिक की बंधन ऊर्जा कहते हैं
परमाणु की संख्या कितनी होती है? किसी तत्व का परमाणु क्रमांक उसके तत्व के नाभिक में स्थित प्रोटॉनों की संख्या के बराबर होता है। इसे Z प्रतीक से प्रदर्शित किया जाता है और प्रत्येक तत्व को उसके विशेष चिन्ह से प्रदर्शित किया जाता है। किसी आवेशरहित परमाणु पर इलेक्ट्रॉनों की संख्या भी परमाणु क्रमांक के बराबर होती है।
परमाणु का मालिक कौन है? परमाणु में मूल रूप से तीन तरह के कण पाये जाते हैं। इन प्राथमिक कणों से ही परमाणु बनता है, ये हैं- प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन। सन् 1900 तक वैज्ञानिकों द्वारा यह खोज कर ली गई थी कि परमाणु में धनावेश व ऋणावेश से युक्त दो कण क्रमशः प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं। इस समय तक न्यूट्रॉन की खोज नही की गयी थी।
परमाणु क्रमांक व द्रव्यमान संख्या किसी तत्व के परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटानों की संख्या को परमाणु क्रमांक कहते हैं | किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटानों और न्यूट्रानों की कुल संख्या को द्रव्यमान संख्या कहते हैं |
परमाणु उदासीन है, इस तथ्य को टॉमसन के मॉडल के आधार पर स्पष्ट कीजिए। टॉमसन के मॉडल के अनुसार: i) परमाणु में चरों और धनात्मक आवेश होते है और इलेक्ट्रॉन उसमे धँसे होते हैं। ii) धनात्मक और ऋणात्मक आवेश परिणाम में समान होते हैं इसलिए वे विद्युत् रूप में उदासीन होते हैं। i) परमाणु के भीतर का अधिकतर भाग खली है क्योंकि अधिकतर अल्फ़ा-कण बिना विक्षेपित हुए सोने कि पन्नी से बाहर निकल जाते हैं।
न्यूट्रॉन की खोज कब हुई थी? न्यूट्रॉन की खोज ब्रिटिश भौतिक वैज्ञानिक जेम्स चैडविक ने 1932 में की थी।। न्यूट्रॉन एक आवेश रहित मूलभूत कण है, जो परमाणु के नाभिक में प्रोटॉन के साथ पाये जाते हैं। इसे n से दर्शाया जाता है। न्यूट्रॉन एक उपपरमाण्विक कण है जो की सभी प्रकार के पदार्थों के परमाणु के नाभिक में पाया जाता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन मिलकर परमाणु के नाभिक का निर्माण करते हैं।
न्यूट्रॉन की संख्या कैसे ज्ञात की जाती है? तत्व का परमाणु मॉस ढूंढें: न्यूट्रान्स की संख्या ज्ञात करने के लिए, आपको पहले तत्व का परमाणु मॉस ज्ञात करना होगा। किसी तत्व का परमाणु मॉस (जिसे परमाणु भार भी कहते हैं), उसका भारित औसत मॉस ( weighted average mass) होता है [४] X रिसर्च सोर्स परमाणु मॉस, तत्व के सिंबल के नीचे लिखा पाया जा सकता है।
परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण हैं: १. प्रोटॉन २. न्यूट्रॉन ३. इलेक्ट्रॉन
अगर किसी परमाणु का K और L कोश भरा है, तो उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या K कोश में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 2 L कोश में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 8 इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = K कोश में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या + L कोश में इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या = 2 + 8 = 10 उस परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी 10।
बोर के परमाणु मॉडल की व्याख्या कीजिए। बोर के परमाणु मॉडल की अवधारणा: (१) इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन की विविक्त कक्षा कहते हैं। (२) विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते समय, इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा का विकिरण नहीं होता है। ये कक्षाएं या कोश K, L, M, N, ……… या संख्याओं 1,2,3,4, …… के द्वारा दिखाई जाती हैं।
पहले अठारह तत्वों के विभिन्न कक्षों में इलेक्ट्रॉन वितरण के नियम को लिखिए। तत्व का नाम K L M N हाइड्रोजन H 1 – – – हीलियम He 2 – – – लीथियम Li 2 1 – – बेरिलियम Be 2 2 – – बोरान B 2 3 – – कार्बन C 2 4 – – नाइट्रोजन N 2 5 – – ऑक्सीजन O 2 6 – – फ्लोरिन F 2 7 – – नियॉन Ne 2 8 – – सोडियम Na 2 8 1 – मैग्नीशियम Mg 2 8 2 – एल्युमिनियम Al 2 8 3 – सिलिकॉन Si 2 8 4 – फॉस्फोरस P 2 8 5 – सल्फर S 2 8 6 – क्लोरीन Cl 2 8 7 – ऑर्गन Ar 2 8 8 –
परमाणु द्रव्यमान इकाई को परिभाषित कीजिए 2 एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है ?`? एकक परमाणु इकाई द्रव्यमान वह इकाई द्रव्यमान है जो कार्बन-12 के एक परमाणु के द्रव्यमान के 1 /12 भाग के बराबर होता है। एक परमाणु को आँखों द्वारा देखना क्यों संभव नहीं होता है? क्योंकि यह आकार में बहुत ही सूक्ष्म होते हैं इन्हें आँखों से नहीं देखा जा सकता।
दो या दो से अधिक परमाणुओं का समूह क्या कहलाता है? रसायन विज्ञान में अणु दो या दो से अधिक , एक ही प्रकार या अलग अलग प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बना होता है। परमाणु मजबूत रसायनिक बंधन के कारण आपस में जुड़े रहते हैं और अणु का निर्माण करते हैं। अणु की संकल्पना ठोस, द्रव और गैस के लिये अलग अलग हो सकती है।
परमाणु भार की इकाई क्यों नहीं होती है? एक अल्फा कण दो प्रोटॉन और दो न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है इसलिए तत्व से एक अल्फा कण निकलने से तत्व का भार चार इकाई कम हो जाएगा। दूसरी ओर, बीटा कण एक इलेक्ट्रॉन है। तत्व से बीटा कण के निकलने से परमाणु भार पर तो कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन ऋणावेश एक इकाई कम होने के कारण एक इकाई धनावेश बढ़ जाता है।
किसी भी तत्व का परमाणु भार कैसे निकाले? ऐसी एक विधि पियरे ड्यूलौंग (1789-1838) तथा ऐलैक्सिस पेटिट (1791-1820) के द्वारा प्रस्तावित की गई। उन्होंने 1819 में एक सम्बन्ध खोजा जिसे एक नियम के रूप में व्यक्त किया जा सकता था : किसी धातु के परमाणु भार को उसकी विशिष्ट ऊष्मा से गुणा करने पर उनका गुणनफल लगभग 6.4 के बराबर होता है।
परमाणु बम के खोजकर्ता कौन है? Parmanu bomb ka avishkar kisne kiya ? तो हम बता दे कि विश्व के इस पहले नाभिकीय हथियार का आविष्कार अमेरिकी मूल के वैज्ञानिक जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर ( J. Robert Oppenheimer) ने किया था।
परमाणु बम का असर क्या होता है? इस प्रकार परमाणु बम से घरों पर आघात पड़ने से वे टूट जाते हैं। विस्फोटी यूरेनियम अन्य तत्वों में बदल जाता है, उससे रेडियो ऐक्टिवेधी किरणें निकलकर जीवित कोशिकाओं को आक्रांत कर उन्हें नष्ट कर देती हैं। बम का विनाशीकारी कार्य (1) आघात तरंगों, (2) वेधी किरणों तथा (3) अत्यधिक ऊष्मा उत्पादन के कारण होता है।