Early Childhood Care through Ayurveda.pptx

drrcharinkhede 0 views 10 slides Sep 27, 2025
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About This Presentation

1. Digestive Disorders

Ajirna (Indigestion):

Symptoms: Loss of appetite, vomiting, abdominal pain, restlessness.

Ayurvedic Care:

Light diet (rice gruel, moong dal soup).

Warm water with a pinch of ajwain or hing.

Avoid heavy/oily foods.

Atisara (Diarrhoea):

Symptoms: Frequent watery stools, ...


Slide Content

प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिशु आहार – आयुर्वेद दृष्टिकोण Early Childhood Care & Infant and Young Child Feeding – Ayurveda Perspective प्रस्तुतकर्ता का नाम / संस्था

भूमिका • शिशु जीवन = आयुर्वेद में 'सर्वोत्तम संवेदनशील काल' • जीवन की नींव: स्वास्थ्य, बुद्धि, प्रतिरक्षा, संस्कार • आयुर्वेद – 'बालं राष्ट्रस्य भविष्यति' (बच्चा ही भविष्य है)

प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखभाल • गर्भसंस्कार से ही प्रारम्भ • जन्म के बाद: - स्वच्छता (स्नान, वस्त्र, वातावरण) - आहार → आयुर्वेदिक दिनचर्या - नींद → शिशु के लिए पर्याप्त विश्राम - वात्सल्य एवं भावनात्मक पोषण

नवजात शिशु परम्पराएँ • जातकर्म संस्कार • शिशु के मुख में घृत-स्वर्ण-मधु की लघु मात्रा • नाभि की देखभाल • द्रव्य प्रयोग: घृत, तैल, हर्बल धूपन • स्नान हेतु औषधीय द्रव्य (त्रिफला, नीम, नागरमोथा)

शिशु आहार • मातृदूध सर्वोत्तम अमृत • आयुर्वेद: 'क्षीरेण वर्धते बालः' • प्रथम 6 माह केवल स्तनपान • स्तनपान के लाभ: - पोषण + रोग प्रतिरोधक क्षमता - माँ और शिशु में भावनात्मक बंधन

मातृदूध की गुणवत्ता • आहार का प्रभाव दुग्ध पर • माता का सात्त्विक आहार = श्रेष्ठ स्तनपान • अनुशंसित आहार: शाक, फल, घृत, दुग्ध, शाली चावल • वर्जित: अत्यधिक मसाले, मद्य, दु:खद भावनाएँ

अन्नप्राशन संस्कार • 6 माह बाद – अन्नप्राशन संस्कार • प्रथम आहार: - पतला खिचड़ी / शाली चावल + घृत - फल रस, मूंग दाल, सब्ज़ी रस • धीरे-धीरे कठोर आहार का परिचय

बाल्यावस्था देखभाल • दिनचर्या: - स्नान, तैल अभ्यंग (मालिश) - आयुर्वेदिक धूपन - संतुलित आहार (गुनगुना, हल्का पचने योग्य) • मानसिक विकास हेतु: - खेल, कहानी, संगीत, संस्कार

रोग प्रतिरोधक क्षमता • शिशु में ओज की वृद्धि आवश्यक • औषधियाँ (निर्देशन अनुसार): - सुवर्ण प्राशन - च्यवनप्राश • नियमित दिनचर्या, पौष्टिक आहार, सुखद वातावरण

निष्कर्ष • आयुर्वेद: गर्भ से बाल्यावस्था तक – समग्र दृष्टिकोण • उचित स्तनपान + अन्नप्राशन + दिनचर्या = स्वस्थ भविष्य • बाल्यावस्था देखभाल = शारीरिक + मानसिक + सांस्कृतिक विकास
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