Emotional short story - झूठी माँ की कहानी 🥲

kahanizoneinfo 85 views 1 slides Apr 19, 2025
Slide 1
Slide 1 of 1
Slide 1
1

About This Presentation

बात बहुत पुरानी हैं। किसी गाँव में नाई उसकी पत्नी और एक बेटा रहते थे। नाई का बेटा अपनी माँ को बहुत प्यार करता था। कु�...


Slide Content

झूठी म ाँकी कह नी
ब त बहुत पुर नी हैं। ककसी ग ाँव में न ई उसकी पत्नी और एक बेट रहते थे।
न ई क बेट अपनी म ाँ को बहुत प्य र करत थ । कु छ समय ब द ककसी
बीम री के क रण उसकी म ाँ की मृत्यु हो ज ती हैं। न ई कु छ ददन शोक में रह ,
किर उसने �सरी श दी कर ली। न ई की �सरी पत्नी उस बच्चे को अपन बच्च
नहीं म नती थी।

एक ब र वह बच्च द्व र पर बैठ थ । उसे उसक कपत अपने प स बुल कर
पूूंछत हैं। तुम अपनी नई म ाँ और पुर नी म ाँ में कु छ अूंतर बत ओ। लड़के ने
बहुत धीरे स्वर में कह - “मेरी पुर नी म ाँ झूठी थी, और नई म ाँ सच बोलती हैं।”
बच्चे की ब तों को सुनकर न ई को त ज्जुब हुआ। वह कहने लग “जजसने
तुझे जन्म ददय प ल-पोष कर इतन बड़ ककय उसी को तू आज झूठी बोल
रह हैं। आज जो ये नई-नई तुम्ह री म ाँ आई हैं, वह तुझे सच्ची लग रही हैं।

लड़क किर बोल - “मेरी पुर नी म ाँ हमेश कहती थी कक अगर तू पढ़ ई नहीं
करेग , अन्य लड़कों के स थ खेलेग तो मैं तुझे ख न नहीं �ाँगी” जबकक, मैं
खूब खेलत और मस्ती करत थ किर भी, वह श म को मुझे बैठ कर अपने
ह थों से ख न खखल ती थी। मेरी नई म ाँ कहती हैं अगर तू खेलने ज एग मस्ती
करेग तो मैं तुझे ख न नहीं �ाँगी। और आज सच यह हैं कक मैं तीन ददनों से
भूख हाँ।

जन्म देनी व ली म ाँ से बढ़कर इस �कनय में कोई और नहीं हो सकत ।
@kahanizone.com
@kahanizone.com