�पविज्ञान(Morphology)
अमित कुिार झा
पीएचडी(आईएलई)
[email protected]
भाषा (Language)
भाषा िनुष्य की एक स्वाभामवक प्रमिया है। ऐसा कहा जा सकता है िनुष्य जब से
सिाज िें रहना शु� मकया तभी से वह मकसी-न-मकसी भाषा िें कुछ न कुछ बोलना शु� मकया
या हि यह भी कह सकते है भाषा बोलने से ही इस सिाज �पी संस्था का मनिााण हुआ। भाषा
क्या है? इसकी उत्पमि कैसे हुई? आज हि मजस �प िें भाषा का प्रयोग कर रहे है क्या शु� से
भाषा की यहीं �प थी या इसिें सिय के साथ कुछ पररवतान हुआ? अगर सिय के साथ इसिें
कुछ पररवतान हुआ तो इस पररवतान के क्या-क्या कारण है। उपरोक्त सभी बातों का अध्ययन
हि भाषामवज्ञान नािक मवषय िें करते है।
दूसरे शब्दों िें हि यह कह सकते है भाषा मवज्ञान वह है मजसिें हि भाषाओं का
वैज्ञामनक अध्ययन करते है।
भाषा मवज्ञान िें हि भाषाओं का अध्ययन मनम्न स्तरों पर करते है। प्रत्येक स्तर पर
भाषाओं का अध्ययन करने के मलए भाषामवज्ञान की एक अलग शाखा बनाया गया है जो मनम्न
है :-
1. स्वन/ ध्वमन स्तर पर स्वनमवज्ञान
2. शब्द/ �प स्तर पर �पमवज्ञान
3. वाक्य स्तर पर वाक्यमवज्ञान
4. अथा स्तर पर अथामवज्ञान
1. स्िनविज्ञान (Phonetics) - स्वनमवज्ञान /ध्वमनमवज्ञान भाषामवज्ञान की वह
शाखा है मजसिें ध्वमनयों का सूक्ष्िमत-सूक्ष्ि अध्ययन मकया जाता है। ध्वमन मवज्ञान
के तीन भाग होते है – औच्चाररक ध्वमन मवज्ञान, संवहक ध्वमनमवज्ञान, श्रवण
ध्वमनमवज्ञान ।
2. �प विज्ञान)Morphology) - �पमवज्ञान भाषा मवज्ञान की वह शाखा है मजसिें
�प, �मपि, शब्द मनिााण प्रमिया के बारें िें अध्ययन मकया जाता है।
3. िाक्यविज्ञान (Syntax) - वाक्यमवज्ञान भाषा मवज्ञान की वह शाखा है मजसिें
वाक्य, वाक्य रचना, वाक्य का भेद आमद का अध्ययन मकया जाता है।