Motivational Hindi Kahaniya - कब्रिस्तान में छोटे बच्चे की कहानी
kahanizoneinfo
47 views
1 slides
Apr 25, 2025
Slide 1 of 1
1
About This Presentation
यह कहानी आपको सीखाती हैं कि मानो या न मानो भगवान हर किसी का साथ जरूर देता हैं, वह जरिया बनता हैं, बस उसको सच्चे मन और म�...
यह कहानी आपको सीखाती हैं कि मानो या न मानो भगवान हर किसी का साथ जरूर देता हैं, वह जरिया बनता हैं, बस उसको सच्चे मन और मासूमियत से याद करें तो। यह कहानी एक गरीब छोटे बच्चे की हैं। जोकि, लगभग दस साल का हैं। उस बच्चे के पिता की मृत्यु हुए कुछ महीने हुए थे।
एक बार वह बच्चा कब्रिस्तान में किसी कब्र के पास बैठ कर बोल रहा था कि पापा उठिए न, पता हैं आपको आज मेरे टीचर ने मुझे बहुत डांटा और कहा अगर तुम्हारी फीस 2 दिन में नहीं जमा हुई तो मैं तुम्हें स्कूल से निकाल दूँगी। मुझे फीस चाहिए पापा, अब आप बताओ न, मैं किससे पैसे मांगू। आप जल्दी से आ जाइए न।
वही पास में एक आदमी फोन पर किसी कब्र पर फूल चढ़ाने की बात कर रहा था। तभी उसने इस बच्चे की बात सुनी और तुरंत उसने फोन पर बोला की मुझे अब फूलों की जरूरत नहीं हैं, फूल मुझे मिल गए हैं। वह व्यक्ति उस बच्चे के पास गया और बोला, बेटा मुझे आपके पापा ने भेजा हैं। आपको फीस चाहिए न, ये लो पैसे।
कई बार जब हम मुसीबत में होते हैं, परेशान होते हैं तो लगता हैं कि क्या ईश्वर हैं। लेकिन जब किसी के साथ इस तरह से घटनाएं घटती होती हैं तब विश्वास होता हैं कि हाँ, ईश्वर हैं।
नैतिक शिक्षा:
यह कहानी हमें सिखाती हैं कि पूरे मन और आस्था के साथ की गई प्रार्थना जरूर स्वीकार होती हैं। बस जरूरत इस बात की होती हैं कि आप का विश्वास कितना हैं। आपका विश्वास जितना मजबूत होगा, आपकी प्रार्थना उसी के अनुसार स्वीकार होगी।
Size: 507.38 KB
Language: none
Added: Apr 25, 2025
Slides: 1 pages
Slide Content
कब्रिस्तान में छोटे बच्चे की कहानी
यह कहानी आपको सीखाती हैं ब्रक मानो या न मानो भगवान हर ब्रकसी का साथ
जरूर देता हैं, वह जररया बनता हैं, बस उसको सच्चे मन और मासूममयत से याद करें
तो। यह कहानी एक गरीब छोटे बच्चे की हैं। जोब्रक, लगभग दस साल का हैं। उस
बच्चे के ब्रपता की मृत्यु हुए कु छ महीने हुए थे।
एक बार वह बच्चा कब्रिस्तान में ब्रकसी कि के पास बैठ कर बोल रहा था ब्रक पापा
उठठए न, पता हैं आपको आज मेरे टीचर ने मुझे बहुत डाांटा और कहा अगर तुम्हारी
फीस 2 ठदन में नहीं जमा हुई तो मैं तुम्हें स्कू ल से ब्रनकाल दूँगी। मुझे फीस चाब्रहए
पापा, अब आप बताओ न, मैं ब्रकससे पैसे माांगू। आप जल्दी से आ जाइए न।
वही पास में एक आदमी फोन पर ब्रकसी कि पर फू ल चढाने की बात कर रहा था।
तभी उसने इस बच्चे की बात सुनी और तुरांत उसने फोन पर बोला की मुझे अब फू लों
की जरूरत नहीं हैं, फू ल मुझे ममल गए हैं। वह व्यक्ति उस बच्चे के पास गया और
बोला, बेटा मुझे आपके पापा ने भेजा हैं। आपको फीस चाब्रहए न, ये लो पैसे।
कई बार जब हम मुसीबत में होते हैं, परेशान होते हैं तो लगता हैं ब्रक क्या ईश्वर हैं।
लेब्रकन जब ब्रकसी के साथ इस तरह से घटनाएां घटती होती हैं तब ब्रवश्वास होता हैं ब्रक
हाूँ, ईश्वर हैं।
यह कहानी हमें क्तसखाती हैं ब्रक पूरे मन और आस्था के साथ की गई प्राथथना जरूर
स्वीकार होती हैं। बस जरूरत इस बात की होती हैं ब्रक आप का ब्रवश्वास ब्रकतना हैं।
आपका ब्रवश्वास जजतना मजबूत होगा, आपकी प्राथथना उसी के अनुसार स्वीकार
होगी।
@kahanizone.com
@kahanizone.com