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AKSHAY157600 69 views 184 slides Aug 30, 2022
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About This Presentation

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भाई बहन का शारीरिक रिश्ता
कहानी के पात्र:
1. आशना, 20 यियर्ज़ ओल्ड, 5फीट 6" {आक्युपेशन- एयिर्हसटेस्स}
2. वीर�...


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भाईबहन का शारीरिक रिश्ता

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Contact
1. बहनका शारीरिक रिश्ता

4

बहन का शारीरिक रिश्ता
कहानीके पात्र:
1. आशना, 20 यियर्ज़ ओल्ड, 5फीट{आक्युपेशन- एयिर्हसटेस्स}
2. वीरेंदर, 33 यियर्ज़ ओल्ड, 5 फीट 11" {आक्युपेशन- सक्सेस्फुलबिज़्नेसमॅन}
कहानीमैं काफ़ी कॅरेक्टर्स ऐसे हैं जोवक्त आने पर अपनीछाप छोड़ेंगे बट मेन करेक्टर्सआशना और वीरेंदर
के ही रहेंगे.तो आइएशुरू करते हैं..........
काफ़ी लंबी कहानी है,धीरज रखेेयगा.
पिछले दस दिनों से बदहाल ज़िंदगी मे फिर से एक किरण आगई थी. वीरेंदर को होश आ चुका था, आइसीयू
से वॉर्ड मे शिफ्ट करने की तैयारियाँ शुरू हो गई थी, आशना का ठिकाना ना था, वो जल्द से
जल्द वीरेंदर सेमिलनाचाहती थी,उसे होश मे देखनाचाहती थी.उसकी दुआ ने असर दिखाया था.वो उससे
मिलके उसे अपनी नाराज़गी बताना चाहतीथी. वो पूछनाचाहती थी कि ज़िंदगीके इतने ख़तरनाकमोड़ पर आने
के बावजूदउसे वीरेंदरने कुछबतायाक्यूँ नहीं.वो जानना चाहतीउसकी इस हालत के पीछे के हालात. बहुत
कुछ थाउसको पर सबसे पहले वोवीरेंदरसे मिलना चाहतीथी. बसकुछ ही पलों बाद वो उससे मिल
सकेगी,अपने भाई को 12 साल बाददेख सकेगी.
वीरेंदर की ज़िंदगी इस नाज़ुक मोड़ पर कैसे पहुँची औरदोभाईबेहन 12 सालों मिले क्यूँ नहीं,जानने के लिए
पढ़ते रहे...........................

जब तक वीरेंदर जी आइक्यू से कॅबिनमें शिफ्ट होते हैं,आइए चलते हैं 12 साल पहले.
आशना तब*****साल की छोटी सी बच्ची थी.अपने माँ-बाप की इक्लोति संतानहोने के कारणवो काफ़ी
ज़िद्दी थी.ज़िंदगीकीहर खुशी उसके कदमों में थी. उसकेपितायूँ तो एक मामूली वकीलथे पर अपनीबेटी की
हर ज़िद करना उनका धरम जैसा बन गया था.पत्नी की मौत के बाद वो दोनो एक दूसरे का सहारा थे.
आशना की माँ उसे 2 साल पहले ही छोड़ करचली गई थी.हाइ BP कीशिकार थी.जबआशना 8 साल कीहुई

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तो उसके पिता ने उसे डलहोजी मैं एक बोरडिंग स्कूल में दाखिल करवा दिया. आशनाकीज़िद के आगे उन्हे
झुकना पड़ा और यहाँ से शुरूहुआ आशना की ज़िंदगी का एक नया सफ़र. वोअपने पापा से दूर क्या गई कि
उसके पापा हमेशा के लिए उससे दूर हो गई.
हुआ यूँ कि आशना के पिता जी और वीरेंदर के पिता जी सगेभाई थे.वीरेंदरउस वक्त 25 साल का नवयुवक
था.मज़बूत बदनऔर तेज़ दिमाग़ शायदभगवानकिसीकिसी को ही नसीबमे देता है.वीरेंदरएक ऐसी
शक्शियत कामालिक था.मार्केटिंग मे एमबीए करने के बाद उसने पापा के बिज़्नेस कोजाय्न कर लिया था.
वीरेंदर की माता जी एक ग्रहिणी थी और उसकी छोटी बेहन सीए की तैयारी कर रही थी. पूरा परिवार हसी खुशी
ज़िंदगी गुज़ार रहाथा परऋतु (आशना की माँ) की मौत के बादउन्होने काफ़ी ज़ोर दिया कि (आशना के
पापा)दूसरी शादी कर लें या उनके साथ सेट्ल हो जाए.राजेश दूसरी शादी करनानहीं चाहता था और अपनी
वकालत का जो सिक्काउसने अपने शहरमे जमाया था वो दूसरे शहरमे जाके फिर से जमाने कावक्त नहीं
था.इसी सिलसिले मे एक बार वीरेंदर के माता-पिता औरछोटी बेहनएक बारराजेश के शहर गये ताकि वो किसी
तरह उसे मनाकर अपने साथ ले आए परहोनीकोकुछ और ही मंज़ूर था. उन्होने राजेश कोमनातो लिया और
अपने साथ लाए भी पररास्ते मैं एकसड़क दुर्घटनामें सब कुछख़तम हो गया.
वीरेंदर को जब यहपता चल तोवो अपने आप को संभालनहीं पाया और दम सेखामोशी के अंधेरे मेडूब
गया.आशना और वीरेंदर नेमिलकर उनका अंतिम संस्कार किया परवीरेंदरकिसीहोश-ओ-हवास मे नहीं था.
आशना की उम्रछोटी होने के कारण वीरेंदरकीकंपनी के पीए नेसमझदारी दिखाते हुए उसे जल्दीहुए बोरडिंग
भेजदिया ताकि वो इस दुख कोभूल सके परवीरेंदरकोतो जैसे होशही नहीं था कि वो कॉन और उसे उस
बच्ची को संभालना है. आशनाके दिल-ओ-दिमाग़ पर वीरेंदर की शक्शियत काकाफ़ी गहरा असर पड़ा. वोउससे
नफ़रत करनेलगी और इसनफ़रत का हीअसर थाकि दोनो भाई बेहन 12 सालो तक एक दूसरे से नहीं मिले
या कहे कि आशना ने कभी मिलने का मोकाही नहीं दिया. धीरे-धीरे वीरेंदर की ज़िंदगी मेठहरावआता चला
गया.वो सब से कटनेलगा परअपने बिज़्नेस कोबखूबीअंजाम देता और आशना की फी और बाकीकीज़रूरतों
का भी ध्यानरखता परआशना को इसकीभनक भी नहीं लगने दी.
वोजानता था कि आशना उसे पसंद नहींकरतीऔर उसने भीउसे मनाने की कोशिश नहीं की.ज़िंदगीसे कट सा
गया था उसे कोईफ़र्कनहीं पड़ता था कोई उसके बारे मैं क्या सोचता है.दिन भर कामऔर शामको घरमे
जिम यहीउसकी रुटीन रह गई थी.
लेकिन उसकी ज़िंदगी मे कोई था जिसे वोअपना हर हाल सुनाता, मेरा मतलबलिख के बताता.जी हां सही
समझा आपने वीरेंदर को तन्हाईयो मे डाइयरी लिखने की आदत थी.वो घंटो बैठ कर लिखता रहता. उस डाइयरी
मे क्या लिखताकिसी को भीपता नहीं था.किसीकोकुछ पताभी लगता इतने आलीशानबंग्लॉमे
उसके अलावा उनका पुराना नौकर बिहारी हीरहता था जो कि अनपढ़ था. पहले वो भी बाहर सर्वेंट क्वार्टेरमे
रहताथापर अबवो ग्राउंड फ्लोर मे बने एक स्टोर मे सोजाता था ताकिवीरेंदर को रात को भीकिसीचीज़
की ज़रूरत पड़े तो वोफॉरन उसे पूरा कर दे. अक्सरवो रात को उठकरवीरेंदरके कमरे तक जाता और अगर
वीरेंदर डाइयरी लिखते लिखते सो गया होता तो उसे अच्छे से चादर धक कररूम बंदकर देता.ऐसा
अक्सर होता किवीरेंदर जिम करने के बादकुछ देर आरामकरता,फोन परबिज़्नेसकी कुछ डील्सकरता और
फिरडिन्नर के बाद अपनेरूममें डाइयरी लिखने बैठ जाता.लोगों की नज़रमे उसकी इतनी ही ज़िंदगी थीपर
उसकी ज़िंदगी मे और भी काफ़ी तूफान थे जिनकी सर्द हवा से वीरेंदरही वाकिफ़ था.
मिस आशना डॉक्टर. आपसेमिलनाचाहते हैं.......इस आवाज़ नेआशनाकीतंद्रा को तोडा.

6
आशना:भैयाकोशिफ्ट कर दिया आपने
वॉर्ड बॉय: हां, वोडॉक्टर. साहबआपसे मिलना चाहते हैं.
आशना:तुमचलो मैं अभी आती हूँ.वॉर्डबॉय के जाने के बाद आशना ने अपनी जॅकेट कीज़िप बंद की, आज
काफ़ी ठंड थी.सर्द हवाएशरीर को झिकज़ोररही थी.आशना डॉक्टर.रूमकी तरफमूडी हीथी किउसके कदम
रुक गये. वो फिर से मूडी और कॅबिन के ग्लाससे उसने वीरेंदर को देखा फिरतेज़ीसे मुड़कर डॉक्टर. रूमकी
तरफ चलदी.

डॉक्टर के कॅबिन से बाहर निकलते ही आशना ने कुछ डिसिशन्स ले लिएथे, वैसे यह उसकीआदतसमझ
लीजिए या उसकी नेचरकि वोहर डिसिशन खुदहीलेती थी. बचपन मेमाँ के गुज़र जाने के बादऔर उसके
बादहॉस्टिलकी ज़िंदगी ने उसे एक इनडिपेंडेंटलड़की बना दिया था जो किअपने डिसिशन खुद लेसके और
उनपे अमलकर सके.
सबसेपहला डिसिशन तोउसने अपनी छुट्टी बढ़ाने का सोच लिया था, उसने सोच लिया था किवो कलही
एरलाइन्समे फोन करके अपनीलीवएक्सटेंडकरवा देगी और अगर लीव एक्सटेंड ना तो वोएयिर्हसटेस्स
की नोकरी छोड़ने को तैयार भीथी. आख़िर कितना ग़लत समझा उसने उसइंसानकोजिसने उसकी हर खुशी की
कीमतचुकाईवो भी बिना उसे किसी भनकलगने के. यहतोडॉक्टर. मिसेज़. & मिस्टर.गुप्ता वीरेंदर की
फॅमिलीके फॅमिली डॉक्टर.थेतोउन्होने आशनाकोइससब की जानकारी दे दी वरना वोतो ज़िंदगी भरइस
सचसे अंजान रहती. डॉक्टर दंपति से आशना को कुछ ऐसी बातों के बारे मे पता लगा जो शायद उसे कभी
मालूम ना पड़ती औरवो वीरेंदर को हमेशा ग़लत ही समझती.हॉस्टिल कीटफ ज़िंदगी जीने के बाद भी आज
आशना की आँखों मे ज़रा सी नमी देखी जा सकती थी.इससे पहले किवोटूट जाती डॉक्टर के. कॅबिन से
बाहर निकलआई और सीधाउस कॅबिन वॉर्ड की ओर चल पड़ी वीरेंदरअपनी साँसे समेटरहा था.वो अभी
भी सोया हुआ था. उसके आस पास की मशीनो की बीपआशना को वहाँ ज़्यादा देर तक ठहरने नहीं देती है और
वोकॅबिनसे बाहर आ जाती है. बाहर आते हीउसे बिहारीकाकादिखे जो किएक में आशना के लिए
खाना लेकर आए थे. बिहारी काका नेरोज़ की तरह टिफिन उसके पासरखा और जाने के लिएमुड़े ही थे कि
आशना ने उन्हे पुकारा.
आशना:आप कॉन है जोपिछले तीन दिन से मेरे लिए खाना ला रहे
बिहारी कुछदेर के लिएथीट्काऔर फिर आशनाकीतरफ मुड़ा बोला,बिटिया मैं छोटे मालिकके घरका
नौकरहूँ. जिस दिन आप आई तोडॉक्टर. बाबू ने बतायाकि कोई लड़कीवीरेंदरबाबू के लिएहॉस्पिटल आई है.
मुझे किउनके क्लाइंट्समें से कोई होगीपर यहाँ आके जब आपकाहाल देखातो लगा कि आप उनकी
कोई रिश्तेदारहोंगी.आप उसदिन सारा दिनआइक्यू के बाहर खड़ी रहीं, डॉक्टर. ने बताया पर आपने किसी से
कोई बात नहीं की. मैने भीआपको बुलाने कीकोशिशकी परआप किसी की आवाज़ सुनही नहीं रही थी.
आशना:वो मैं परेशान थीपर अब वीरेंदर ठीकहै, डॉक्टर.कहतेहैं कि अब वोठीक हैं.
बिहारी: वीरेंदर बाबू तो पिछलेसालसे ऐसे ही हैं.किसीसे कुछ बोलते नहीं,ना कोई बात करते हैं.सिर्फ़
काम और फिर हवेली आके अपने रूम मे डाइयरीलिखने बैठ जाते हैंऔर कई बारतो बिना खाना ख़ाके ही सो
जाते हैं.अच्छा बिटिया अब मैं चलता हूँ,घर पर कोई नहीं है.किसीचीज़ हो तो मुझे बुला लेना.

7
आशना:जीकाका.
बिहारी: बिटिया तुम्हारा वीरेंदर बाबू के साथ क्या रिश्ताहै ?
आशना:हड़बड़ाते हुए,जीवो काका मैं आपको फोनकरके दूँगी जबकोई कामहोगा. पतानहीं क्यूँ पर आशना
उसको बताना नहीं चाहतीथी किवोवीरेंदरकीछोटीबेहनहै.
बिहारी काका जाने के लिए मुड़े हीथे कि आशना ने पूछा: काका, यहाँ से कितनीदूर है.
बिहारी: बेटागाड़ी से कोई 15-20 मिनट.लगते हैं और बिटिया तुम हवेली का लॅंडलाइन नंबर. लेलो ताकि कोई
भी कामपड़ने पर तुममुझे बोल सको.
आशना ने नो. नोट किया और बिहारीवहाँ से चलागया. आशनाने टिफिनकीतरफ देखाऔर उसे उठा कर
वेटिंगहॉलमे जाकर लंच करने लगी.आजकितने दिनों बाद उसने मन खाया था. खाना ख़ाके वो वीरेंदरके
कॅबिन मे गई तो पायावीरेंदरअभी भी सोया हुआथा. आशना ने मोबाइल मे टाइम देखा, 3:30 बजने को आए
थे. आशनाडॉक्टर. रूम की तरफ चलपड़ी.नॉक करने परडॉक्टर. मिसेज़. गुप्ता ने उसे अंदरआने के लिए
कहा.
आशना:वीरेंदरकोअभी तक होश नहीं आया है डॉक्टर.
मिसेज़.गुप्ता: मुस्कुराते हुए,डॉन'टवरी माइ डियर.ही ईज़ आब्सोल्यूट्लीओके नाउ. दवाइयों का असर है 15
से 20 घंटो मे वीरेंदर पूरीतरह नॉर्मल हो जाएगा. हां पूरी तरह से नॉर्मललाइफ जीने के लिए उसे कुछ 8-10
दिन लग जाएँगे. इतने दिन उसकाकाफ़ीध्यान रखना होगा. आइ थिंक उसे इतने दिनहॉस्पिटल मे हीरख लेते
हैं यहाँ नर्ससउसकाध्यान अच्छे से रख सकेंगी.
आशना:नहीं डॉक्टर. आप जितनी जल्दीहो सके भैया को डिसचार्ज कर दें. मुझे लगता है किभैया पर
जल्दी ठीकहो जाएँगे.

मिसेज़.गुप्ता: ओके तोफिर हम कल सुबह हीवीरेंदर को डिसचार्ज कर देते हैं और उनके साथ एक नर्स
अपायंट कर देते हैं जो घर पर उनकाख़याल रखेगी.
आशना:डॉन'टवरी डॉक्टर."भैयाकाख़याल मैं रखूँगी".
डॉक्टर.: आर यू श्योर?
आशना:आब्सोल्यूट्ली
डॉक्टर., आपभूल रहे हैं कि मैं एक एयिर्हसटेस्सहूँ आंडआइ कॅन मॅनेजदट.
डॉक्टर.ओकेदेन फाइन, वी विलडिसचार्ज हिम टुमॉरो मॉर्निंग.
आशना:थॅंक्स डॉक्टर.
मिसेज़.गुप्ता: आशना, अगर तुमशाम कोफ्री हो तोहमदोनो कहीं बाहर कॉफी पीने चलते हैं, तुमसे कुछबातें
भी डिसकसकरनी हैं.

8
आशना:नो प्राब्लम.डॉक्टर.
मिसेज़ गुप्ता: ओके देन, ठीकमुझे मेरे कॅबिन मेआकरमिलो. आशना बाहर आते हुएसोच रही थी कि
मिसेज़.गुप्ता उन्हे क्याबतानाचाह रहीहै. अभी उसे डॉक्टर.कि पिछलीमैं खड़े सवालो के जवाबभी
ढूँढने थे. यही सोचते सोचते वोवीरेंदरके कॅबिन से बाहररखे सोफे पे बैठ गई औरकाफ़ी हल्काकरने
परकुछ हीपलोमे उसकीआँख लग गई.
आशना सपनोकीदुनियासे बाहर आईमिसेज़. गुप्ता(डॉक्टर. बीना) की आवाज़ से.
डॉक्टर.बीना: आशना उठो शाम होने को है. आशना हड़बड़ा के उठ गई और थोड़ा साजेंपगई.
डॉक्टर.बीना: अरे सोनाथातो गेस्ट रूम यूज़ करलेती,यहाँ सोफे पर बैठ कर थोड़े ही सोया जाता है.
आशना:नहीं डॉक्टर. वोमैं भैया को देखने आईथीतो सोचा यहींबैठ कर इंतज़ार कर लूँ, पता नहीं आँख
लगगई.डॉक्टर.:इतने दिन से तुमसोई कहाँ हो. मेरी मानोआज रात को तुम हवेली चलीजाओ. सुबह अच्छी
तरह से फ्रेशहोके वीरेंदर को अपने साथ ले जाना.
आशना:सोचूँगी डॉक्टर. पहले आपकहीं चलनेकीबात कर रही थी, क्याहो आशना ने उड़ती हुई
नज़र अपनी मोबाइलकी स्क्रीन पे देखते हुए पूछा.ओह माइ गॉड, 6:00 बज गये. सॉरीडॉक्टर. वो मैं नींद में
थी तो पता नहीं चला टाइमका.
डॉक्टर:मुस्कुराते हुए,इट्सओके आशना.मैं भी अभीफ्री हुई हूँ.रूम मे जाकर देखा तोतुमवहाँ नहीं मिली,
इसीलिए तुम्हे ढूँढती यहाँ आगई. चलोअबचलते हैं.
दोनोहॉस्पिटल से बाहर आके पार्किंग की तरफ चलदेते हैं.डॉक्टर. ने गाड़ी का लॉक खोलाऔर आशना बीना
की बगल वाली सीट पेर बैठ गई. बीना नेएंजिन स्टार्ट किया और गियर डाल कर गाड़ी को हॉस्पिटलकॉंपाउंड
से गई. लगभग 15 मिनट कारास्ता दोनो ने खामोशी काटा. आशनाके मन मे ढेर सारे सवालथे.
डॉक्टर.ने उसे जो बताया था अभी वोउससे नहीं उभरपाईथीकि डॉक्टर.ने उसे कॉफी शॉप पे चलने के लिए
बोलके उसे औरपरेशान कर दिया था.पता नहीं डॉक्टर.मुझसे क्या डिसकस चाहती हैं. वहीं ड्राइवर सीट
परबैठी बीनासोच रही थी किकैसे मैं आशना को सब कुछ समझाऊ. आख़िर है तो वो वीरेंदरकीबेहन ही ना.
इसी उधेरबुन मे रास्ता कट गया औरआशना अपने ख़यालोकीदुनियासे बाहर आई जबकार का एंजिन ऑफ
हो गया. गाड़ीबंद होते हीदोनो ने एक दूसरे को देखा,दोनो ने एक दूसरे को हल्की सी स्माइल दी और गाड़ीसे
उतर गई. आशना डॉक्टर. के चेहरे पे परेशानीसॉफ पढ़ सकती थी वहीं डॉक्टर. भी आशना की आँखो मे उठे
सवालो सेअंजाननहीं थी.दोनो नेस्केफे कॉफी शॉप परएंटर करती है.इस ठंडे माहौल भी अंदरके गरम
वातावरण मे दोनो को सुकून मिला औरबीना एक कॉर्नर टेबल कीतरफ बढ़ गई. आशना भी उसके पीछे चल
पड़ी. दोनो ने अपनी अपनी चेर्सखींचीऔर बैठ गई.

कुछतक दोनो एक दूसरे की आँखोमे देखती रहीफिर जैसे ही आशना कुछ बोलना चाहती थी किवेटर
ने आकर उनकाऑर्डर नोट कियाऔर चलागया.
आशना:डॉक्टर. आपयहाँ अक्सर आती रहती हैं.

9
डॉक्टर.: हां मैं अक्सर अभय (डॉक्टर.अभय गुप्ता, बीना के हज़्बेंड)केसाथ यहाँ आती हूँ.यहाँ कुछ देर बैठ
कर हम हॉस्पिटल के वातावरण से दूर आने की कोशिश करते हैं और दिनभर केससकी डिस्कशन करते हैं.
आशना:यहाँ पर भीहॉस्पिटल की ही बातें करते हो आपलोग?.
डॉक्टर.: रोज़ नहीं परकुछ ज़रूरीकेससजो उलझे हुए हों जैसे किवीरेंदर का.के चेहरे का रंग एकदम
उड़ गया.आशना: क्या मतलब डॉक्टर.भैयाठीक तो हो जाएँगेना?
डॉक्टर.: डॉन'ट वरीही ईज़ आब्सलूट्लीनॉर्मलनाउ बट उसकी कंडीशन्स फिर से ऐसी हो सकतीहै, अगर
............
.आशना: डॉक्टर.कीतरफ देखते हुए, अगर ?.
डॉक्टर.: बताती हूँ. यह कहकरडॉक्टर. कुछ देर के लिए खामोश हो जाती है औरआशना के चेहरे को ध्यानसे
देखती है.उसके चेहरे से उड़ाहुआ रंग सॉफ बता रहा था किआशनाकाफ़ीपरेशान है को लेकर.
आशना:डॉक्टर. बताइए ना, मेरी जाननिकलती जा रहीहै, आख़िर ऐसा क्या हुआ है भैया को.
डॉक्टर:आशना, यहाँ तक हम(बीनाअभय) जानते हैं कि तुमने वीरेंदर को 12 सालबाद देखा है. इससे पहले
तुम कबऔर कहाँ मिले हमे नहीं पता. क्यातुमने कभी कहीं से यह सुना कि वीरेंदर की ज़िंदगी मे कोई लड़की
आई थी?इतना सुनते हीआशना का चेहरा एकदम सफेद पड़ गया. इसका मतलब भैया की यह हालत किसी
लड़कीकेपीछे है. पर आशना को इस सब के बारे मे कुछ भी पता नहीं था. होता भीकैसे, पिछले 12 सालो से
तो वो एक बार भीवीरेंदरसे नहीं मिली, हालाँकि वीरेंदर ने कईबारकोशिशकी परआशना ने हरबार पढ़ाई का
बहाना बना दिया. अभी दो सालपहले ही जब आशना ने12थ के एग्ज़ॅम्स क्लियर किएतो वीरेंदर ने काफ़ी
ज़ोर दिया किउसकाअड्मिषिन मेडिकलकॉलेज मे कर दे परआशनाअपना रास्ताखुदचुनना चाहतीथी. उसने
फ्रांकफिंनइन्स्टिट्यूट से एयिर्हसटेस्सकी ट्रैनिंग ली और पिछले सालहीउसे एक एरलाइन्स काऑफर मिला
तो उसने झट से जाय्नकरलिया.

आशना:डॉक्टर. मुझे इसबारे मे कुछपता नहीं, क्या भैया की हालत का इससे लिंक
डॉक्टर:है भी और नहीं भी.
आशना:मैं समझी नहीं डॉक्टर.
बीना:मे समझातीहूँ आशना. देखो आशनाबुरामत माननावो तुम्हाराभाई है पर औरकोई नहीं है ऐसा जिससे
मैं बात के बारेमे डिसकस करसकूँ. अभय ने मुझे मनाकियाथातुमसे इसबारे मे बात करने से,इसीलिए
मे यहाँ लाई हूँ.
आशना:यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर,यह कहते हुएआशना का दिल ज़ोरों से धड़करहा था)
बीना:देखोआशना, वीरेंदर एकहेल्ती इंसान है और इस अमर मे आकर इंसान के शरीर की कुछ ज़रूरतें होतीहैं
जो उसमे एक उमंग, एक नयी उर्जा का संचार करतीहैं. यह आशना की नज़रें नीचे झुक गई.
बीना:देखोआशना, इस वक़्त तुम्हारे भैया को शादी की शख्त ज़रूरत है. मुझे नहीं लगता किवो अपने आप को
रिलीव करते हैं तभीतो उन्हे यहप्राब्लम हुई.डॉक्टर. बीनाने यह लाइन एक ही सांसमे बोल दी.

10
आशना जो किआँखें झुकाके यह सबसुनरही थी,डॉक्टर.कि यह बात सुनके एक दम से डॉक्टर. की तरफ़
देखती है,उसका मूहखुलजाता है और गाललाल हो जाते हैं.
बीना:इसीलिए मेने पूछा था कि अगरवीरेंदर की ज़िंदगी मे कोई लड़की है तो जल्द से जल्द उन दोनो की शादी
करवादेनी चाहिए.ताकिवीरेंदर की शारीरिक ज़रूरतें पूरी हो औरउसके बॉलो की थिकनेसकम जिसकी वजह
से प्रोबलमहुईहै. इसके बाद बीना खामोश हो गई औरएकटकआशना लगी. तभी वेटरउनका
ऑर्डर ले आया. दोनो ने अपना अपनाकॉफी का मग लियाऔर वेटर से चलदिया. आशनाने चारोतरफ
नज़र घुमाई, काफ़ी भीड़ हो गई थी वहाँ,पर उनका टेबल एक कॉर्नर मे होने के कारणउन्हे शायद ही कोई सुन
सके.
आशना:ब्लड थिकनेस ? मैं समझी नहींडॉक्टर.
बीना:आशना, जैसे हमऔरतो मे नये सेल्सबनते हैं औरफिर म्सी मे रिलीस होते हैं जिससे बॉडीपार्ट्स सुचारू
रूपसे काम करते रहते हैं औरअक्सर एग्ज़ाइट्मेंटमे हम अपने बॉडी पार्ट्ससे खेलते है जब तक हमारी
शारीरिक भूख ना मिट जाए, उसी तरह पुरुषोमे भी ऐसा होताहै. जबउनके शरीरमे सेमेंस कीक्वांटिटी ज़्यादा
हो जातीहै, वो या तोनाइटफॉल मे रिलीसहोजातेहैं, यासेल्फ़ रिलीफ (मास्टरबेशन)से या फिर किसी के
साथ सेक्स के दौरान. और यहाँ तकमुझे लगता है तुम्हारेभैयाने आज तकसेल्फ़ रिलीफ कासहारा नहीं लिया
और सेक्सका तो सवालहीनहीं उठता.यही कारण है किउनके शरीर मे ब्लड बहुत ज़्यादाथिक हो गयाहै
और उन्हे यह प्राब्लमहुई. इसका सीधाअसर हार्ट पर पड़ता है.
यह सारीबातें सुनकर आशना काफ़ी शरम महसूसकर रही थी पर वो भीजानती थी कि वो यह सबएक
डॉक्टर.से डिसकस कररही है.
आशना:बाकी सब तो ठीक है पर नाइटफॉलसे तो कुछफरक पड़ता ही होगा ब्लड थिकनेस पर.
डॉक्टर.: ज़रूर पड़ता है,जबशरीर मे सेमेंसज़्यादाहो जाते है तो उनका बाहर निकलजाना लाज़मी है पर वीरेंदर
की तंदुरुस्तीके हिसाब से उतना सीमेननाइटफॉल मे नहीं निकल पाता शायद तभी उसे यह प्राब्लमहुई. वैसे मैं
कोई सेक्सस्पेशलिस्ट नहींहूँ बट एक फिज़ीशियान होने के नाते इतनातो समझ ही सकती हूँ.
आशना:तो डॉक्टर. इसका इलाज क्या है.
बीना आशना की तरफदेखती रही औरकुछ समय बाद बोली.सिर्फ़ दोही इलाज मेरीसमझ मे आते हैं या तो
वीरेंदर शादीकरले याफिर मास्टरबेशन.
इस बारडॉक्टर. ने डाइरेक्ट मास्टरबेशन वर्ड यूज़ किया तो आशना की साँस ही अटकगई कॉफी की चुस्की
लेतेहुए. बीनाने जल्दी से उसे पानी ऑफर किया जिसे पीकरआशना नॉर्मल हुई.
बीना:आइ आम सॉरी मुझे तुमसे यह डिसकसनहीं करनाचाहिएथा बट आइ डॉन'ट हॅवएनी अदर ऑप्षन.
वीरेंदर कब तक मेडिसिन्स का सहारा लेगा. कुछ हफ़्तोकीबात तोठीक है पर तुम्हे जल्द ही कोईरास्ता ढूँढना
पड़ेगा कि वो शादी के लिए राज़ी हो जाए. बातों- बातों मे दोनो की कोफ़ी ख़तम हो गई थी.बीना ने बिल पे किया
और वो दोनोउठकर जाने लगी.
बीना नेकार अनलॉककी और दोनों उस मे बैठ गई.बीना ने जैसे ही एंजिन स्टार्ट किया तोआशना ने चौंक
कर उसकी तरफदेखा जिसे बीना ने नोटीस कर लिया.

11

बीना:क्या हुआ आशना,तुमकुछ पूछनाचाहती हो.
आशना का चेहरासुर्ख लाल हो गयाउसने नज़रेनीचे करके ना मे इशारा किया.
बीना:कम ऑन आशना, टेलमी व्हाट यू वॉंटटू नो.
आशना:नज़रें नीचे झुकाएहुए,आप इतने यकीन से कैसे कह सकती है भैया मास्ट...... मेरा मतलबसेल्फ़
रिलीफनहीं करते या उनकाकभी किसी लड़की से कोई से......क्ष......अल रीलेशन नहीं रहा.
अब शरमाने की बारी बीना की थीबट उसने अपने आप को संभालते हुएकहा आशना तुम भूल रही हो किमैं
एक डॉक्टर.हूँ.
आशना उसका जवाब सुनकर चुप चाप उसे देखती रही. दोनो की नज़रें मिली परबीना ज़्यादा देर तक उसकी
नज़रोकासामना नहीं कर पाई और सिरकोझुकाके बोली: जब अभय ने वीरेंदर की ब्लड रिपोर्ट मुझे दिखाई
तो मुझे कुछ समझ नहीं आयाकि इतनी थिकनेसब्लू मे कैसे होसकती है.फिर अभय ने मुझे इसके रीज़न्स
बताए. मैं सुनकेरहैरानथीकिएक 33 सालका सेहतमंद मर्द जिसने कभी ना किया होऔर इतना
खूबसूरत साथ मे इतना बड़ाबिज़्नेसमॅन जिसका कभी किसीलड़की से कोई रीलेशनना रहा हो नामुमकिन सा है.
वीरेंदर की ब्लड रिपोर्टपढ़ने के बाद मुझे यकीन तो होगया परफिर भी मेरे दिमाग़ मे काफ़ी सवाल थे. इतना
कहकर बीना चुप हो गई.
आशना ने सवालिया नज़रोसे उसेदेखा, जैसे वो और जानना चाहतीहो.
बीना नेउसकी तरफ देखा फिर सिरझुकाकेबोली, आशनाजोमैं तुम्हे बताने जा रही हूँ वो प्लीज़ किसी को
मत बताना.
आशना:यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर.
बीना:कल रात को जबवीरेंदरकी हालत मे कुछसुधार आया तो रात कोमैं आइक्यू मे चुप चाप चलीगई.मैं
काफ़ी डरीहुई थी पर अपने दिमाग़ मे उठे सवालो का जवाब पाने के लिए मेने यह उठाया.मेने उसके
ट्राउज़र को हटा कर देखा तोमुझे उसकी पेनिसनज़र आई. मेने ध्यानसे उसे देखा तोमुझे यकीनहुआ कि
अभयवाज़ राइट.वीरेंदरने कभीअपने पेनिस कायूज़ ही नहीं किया. ही ईज़ प्योरमॅन.इतना कहकर
बीना नेसिर उठा कर आशना को देखा,जिसकी आँखूंसे आँसू मोतीबनकर बह रहे थे.बीना का दिल एक दमसे
धक करउठा. बीना ने उसे अपने पास खेचकर उसकेसर पर हाथ फेरते हुएकहा"आइ आम सॉरी आशना"और वो
दोनों एक दूसरे के गले लग कर रो पड़ीं.
आशना ने अपने आप को संभालाऔर डॉक्टर.से बोलीआप बहुत गंदी हो और हंस दी.
बीना नेभी मुस्कुराकरउसे जवाबदिया"वैसे वो जो भीहो परतुम्हारे भाईसे बहुत खुशहोगी".
आशना ने सवालिया निगाहो से बीना को देखा.
बीना एकशरारती मुस्कान के साथ बोलती है,युवरब्रोईज़ वेलएंडोड.
इस बारशरमाने की बारीआशना की थी. इतनी बातें होने के बादवो दोनो काफ़ी खुलगई थी.

12
बीना:रियली मे मेने अपनी ज़िंदगी मे ऐसा इंसान नहीं देखा जो 33 साल तक भी प्योर् वर्जिन हो.
आशना:पर आपको कैसे पताचलकिभैया वर्जि.....
.बीना: रहने दोतुमसे नहीं बोला जाएगा,मैं हीबोल देतीहूँ. तुम्हारे भैयआ इसलिएहैं क्यूंकी अभी
उनकी सीलइनटॅक्ट है.
आशना:सील?????.
बीना:जैसे जब लड़की विर्जिनहोती है तो उसकीनिशानीहै उसकी वेजाइना की सील उसी तरह एक मर्द की
पेनिस पर भी एक सील होती है जो कि उसकी चमड़ीकोपूरापीछे नहीं होने देती.
आशना:धत्त,आप कितनी बेशरम हो.
बीना:शादी कर लो तुम भीहो जाओगी औरदोनो हंस दी.
बीना:मुझे लगताहै वीरेंदरकाकोई ना कोईराज़ तो होगा नहीं तो अभी तक वो शादी कर चुका होता.
राज़ का सुनके ही आशना को डाइयरी का ख़याल आयाजोबिहारी काका उसे बता रहे थे.
आशना:चौंकतेहुए. आप मुझे हवेली छोड़ दीजिएमैं कुछ पता करने कीकोशिशकरती हूँ.
एक बार के लिए तोबीनाभीचौंकीपर फिर उसने गियर डाला और 10 मिनट्स मेही आशना को गेट के बाहर
ड्रॉप कर दिया.
बीना:कुछ पतालगे तो फोनकरना, यह कहकरउसने अपना कार्ड आशनाकीओर बढ़ाया.
आशना ने कार्ड अपने हॅंडबॅग मे रखाऔर डॉक्टर.कोबाइबोला
.डॉक्टर.: बाइ टेक केर आंड प्लीज़ टेक रेस्ट टू.यू नीडइटवेरी बॅड. यहकहकरबीनाने गाड़ी आगे बढ़ादी.
शामके 7:30 बज रहे थे , पूरा बंगलो रोशनीसे जगमगा रहा था.बाहरसे देखने परकोई नहीं कह था
किइस बंगलो के अंदररहने वालोपर क्यागुज़रीहोगी. आस पासका इलाक़ा भी काफ़ी सॉफ सुथराऔर शांत
था.चारो ओरकाफ़ी बड़ीबड़ी बिल्डिंग्स थी. आशनाने इधर उधर देखा तो उसे गेट के पिल्लर परमरबेलका
साइग्नबोर्ड दिखाई दिया. जिसपर सॉफ लिका था "शर्मानिवास"मार्बलके साइन बोर्ड के लेफ्टसाइड मे
लगीबेलपे उसने उंगलीदबाई औरकुछ सेकेंड्सरुकनेपर उसे बंगलो का बड़ा सा दरवाज़ाखुलता हुआ दिखाई
दिया. बिहारी काका सिर पर टोपीपहने और एक मोटा साकंबलओढ़े गेट की तरफ आए.गेटसे बंगलो के
दरवाज़ेतक का सेफर तय करने मे उन्हे एक मिनट से भीज़्यादा का समय लगा. काफ़ी ज़मीन खरीदरखी थी
वीरेंदर के पिता जी ने. इतनी बड़ी ज़मीनकेबीचो बीच एक शानदार बंगलो उनकी शानोशोकत को चीख चीख
कर बयान कर रहथा.
आशना ने अपने ज़िंदगी मे इतना बड़ा बंगलोकभी नहीं देखा था.उसका अपने घर इस बंगलो आगे तो कुछ
भी नहीं जिस स्कूल और हॉस्टिल मे वो पढ़ी वो भी इस बंगलो के आगे छोटा था.और फिरस्कूलके बाद
वोकिराएका फ्लॅट तो उसके घरसे भी छोटा था.तभीबिहारी काका ने थोड़ी डोर से लगाई. कॉन है?
आशना ने हड़बड़ाते हुए जवाब दिया"जीकाकामे हूँ हम हॉस्पिटलमे थे". बिहारी ने एकनज़र उसपरडाली
और फिर दौड़कर गेट खोला.

13

बिहारी काका: अरे बिटिया, कुछ चाहिए था तो मुझे बुला लेती मेंतोबस निकलने ही वालाथा आपका खाना
लेकर.
आशना:नहीं काका,आज मे ख़ानयहीं खाउन्गीऔर कुछ दिन यहीं रुकूंगी आशना ने अंदर आते हुएकहा.
बिहारी ने गेट बंद कियाऔर पीछे मुड़कर देखा तो आशनाकाफ़ीआगे निकल गईथी. आशना ने अपनी नज़र
चारोतरफ घुमाई. सामने पेव्मेंट के लेफ्ट और राइट साइड दोनों तरफरंगबिरंगे गार्डेन्स थे.चारदीवारी के चारो
तरफ काफ़ी बड़े बड़े अशोकाट्रीस लगे हुए थे.चार दीवारी भी इतनीबड़ी कि बाहरसे कुछ मकान ही दिख रहे
थे. बंगलो के राइटसाइडपर एक बड़ा सा स्विम्मिंग पूल और उसके बॅकसाइड पर बड़ासा गॅरेज जहाँ 4
चमचमाती गाड़ियाँखड़ी थी.आशनाबाहरसे पूरे बंगलोकामुयायना करना चाहती थीलेकिनबाहर की सर्द
हवाओं ने उसे ठिठुर कर रख दियाथा. तभी बिहारीकाका उसके पासपहुँचे और बोले बिटिया बाहर बहुत ठंड है,
आपअंदर चलो मैं आग काइंतज़ामकरता हूँ. आशना नेबिना कोई जवाब दिएबंगलो की तरफअपने कदम मोड़
लिए.पेव्मेंट परकाफ़ीसुंदर मार्बलकी परत चढ़ि थी जिसपे चल कर आशना मेन दरवाज़े तक पहुँची. दरवाज़े
के अंदरघुसते ही उसे उसबंगलो की भव्यताकापता चला. उसकीआँखें चुन्धिया गई ऐसी नक्काशी देख कर
मेन हाल कीदीवारो पर. फर्शपर काफ़ी मोटा लेकिन सॉफ और करीने से सज़ाहुआ कालीन और हालके चारो
तरफ फैलाफर्निचरदेख कर आशनाकोऐसालगा जैसे वो किसी रियासत के महल मेहो. हालके चारोतरफ12
कमरे, किचन,वॉशरूम्ससब कुछ देखकरवो एक दम से दंग रह गई. हालकी एकदीवार पर इतनी
एलसीडी को देख कर ऐसा लगरहा था कि वो किसी मिनी थियेटरमें आ गई हो. बिल्कुल बीचो बीच सोफो का
एक बड़ा सेसर्क्युलर अरेंज्मेंट.आशना की तंद्रा टूटी जब बिहारी काका ने कहा बिटिया यहाँ बैठो.आशना ने
उसतरफदेखा तोवहाँ हालके एक कोने मे बिहारी काका ने वहाँ बनी एक अंगीठी मे आग जला दी थी.आशना
वही अंगीठी के सामने एकसोफा चेर पर बैठ गई अपनी जॅकेट उतार कर एक साइड पर रखी और अपने ठंडे हो
रहे शरीरकोगरमकरनेकीकोशिशकरने लगी. बैठते ही उसकी नज़रहॉलकी छत पर पड़ीजहाँ एक बड़ा सा
झूमरझूलरहा था जिसमे लगे छोटे छोटे मोती रोशनी से चमक कररंग बिरंगीरोशनी चारो और फैला रहे थे.
बिहारी काका वहाँ से चले गये और आशना के लिए एक सॉफ्ट साशॉल लेकरआ गये.
बिहारी काका: जबभूख लगे या किसी चीज़ की ज़रूरत हो तोमुझे बुला लेना,मे उस कमरे मे हूँ. यह कहकेर
बिहारी काका ने किचनके साथ बने एक कमरे कीतरफ इशारा किया.
आशना ने धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिलाईऔर शॉलअच्छे से ओढ़केर बैठ गई.काफ़ी देर आग के पास बैठने
के बाद औरदिमाग़ मे काफ़ी सवाल लेकर वो उठी और वॉश रूममें चलीइतना बड़ा वॉशरूमउसने आज तक
नहीं देखाथा. उनके पुराने घर की मेनलॉबी से भी बड़ा बाथरूम देख के वोअपने आपकोराजकुमारी समझने
लगी. बाथरूमकी टाइल्सऔर वहाँ लगी हरचीज़ को ध्यान से देखने लगी.बाथरूम के लेफ्ट साइड मे जक्कुज़ी
को देख कर वो अपने आप को नहाने से रोक नही पाही और जक्कुज़ीकामिक्स्चर ऑनकरदिया.आशना ने
वहाँ पर रखे टवल्ज़ मे से एकटवलउठायाऔर उसे जक्कुज़ीके साथ लगे एक हॅंडल पर टाँग दिया. जक्कुज़ी
भर जाने के बादउसने उसमे लिक्विडसोपडाला और पानीकोहिलाकर उसमे काफ़ी झाग बनाया.फिर एक
बड़ेसे शीशे के आगे जाकर उसने अपनी जॅकेट उतारी औरफिर अपनी टी-शर्ट उतारने लगी. आईने मे अपनी
परछाई देख करवो शरमासीगई और फिर पलट कर उसने अपनी टी-शर्ट औरफिर अपनी ब्राऔर पॅंट उतार
दी. आशनाने टी-शर्ट के अंदर एक वाइट कलर का फ्रंट ओपन वॉर्मर पहना था,आशना ने धीरे धीरे से उसके

14
सारे बटन अलगकिए. उसे काफ़ी शरमआ रही थी,वो मूड कर शीशे मे अपने आपको देखने लगी और शरमा
कर एकदमपलट गई.
फिरउसे ख़याल आयाकि वो एक्सट्रापैंटी तो लाई नहीं अपने साथ इसलिए उसनेअपनी पैंटीऔर फिर बाद मे
वाइट अंडरशर्टभी निकालदी.
आशना का दिल ज़ोरो से धड़क रहाथा, वोअपने आपसे हीशरमा रही थी. उसके काफ़ी लालहो गये थे
और उसकीसाँसे काफ़ी तेज़ चलरही थी. उसने फिरसे पलट कर अपने आपको देखा तो एक पलके लिए वो
चौक गई. इस नज़र से शायद ही उसनेअपने आपकोदेखाहो. हाइट तो काफ़ी अच्छीथी आशना की, अबतो
शरीर भी अपना आकार ले चुकाथा. खूबगोरी थी आशना, शरीर पर कोई दाग नहीं. ब्रेस्ट 36 सी इतने बड़े कि
दो हाथोमे नासमा पाए और एकदम कड़क.आख़िर हो भी क्यूँ ना, उन्हे आज तक कोई दबा जो नही पाया था.
आशना ने पलट कर अपनी आस 36 की तरफ देखा तो धक से उसका दिल धड़क कररह गया.उसकी विशाल
आस, आज पहली बार उसने इतने गौर से उसे देखा.आशना की कुलीग्स हमेशा कहती कितो हर
डिपार्टमेंट (ब्रेस्ट & आस) मे हम से आगे (बड़ी) है तोफिर यह बाय्फ्रेंड क्यूँ नहीं आशना हरबार
उन्हे टालने के लिए कहती " यहतोमेनेकिसीऔर के नाम कर दिएहैं". उसकी फ्रेंड्स काफ़ी पूछती कोई
हो तोआशना बतातीपर उसकीसारी फ्रेंड्स यही समझती कि उसका कोई सीक्रेट बाय्फ्रेंड है परआशना
बताती नहींआशना भी उनकी ग़लतफहमी को दूर करने की कोशिश नहीं करतीक्यूंकीवो जानती थी किएक
बार वो हां कर दे तो उसके मेलकुलीग्स और यहाँ तक कि उसके एरलाइन्स पाइलट्स भीलाइन मे लग
जाएँगे.वो इनसबसे दूर ही रहना चाहती थी. यह सोचते सोचते आशना जकुज़ी मे उतर जाती है और इतने
दिनों बाद गरम पानी का एहसास उसे अंदर तक रोमांचित कर देता है.

काफ़ी दिनों के बाद अच्छे से नहाने के बाद आशना काफ़ी अच्छा महसूस कर रही टवल से अपने आप को
अच्छीतरह से पोछने के बादउसने वोही अपने कप्पड़े पहने और वो फिर से जाकर आग के पास बैठ
गई. कोईपाँच मिनट के बादबिहारी काका अपने कमरे से बाहर आए.
बिहारी काका: नहा लियाबिटिया?
आशना एकदम चौंक गई.
बिहारी: वो मे कुछ देर पहले बाहर आयाथापर आप यहाँ नहीं मिली.बाथरूम की लाइट जली हुई देखीतो लगा
शायद नहारही होंगी.
आशना:जीकाका.
बिहारी: अच्छा बिटियाअबखानाखा लो, 9 बज गये हैं. आशना ने चौंक करदीवार घड़ी की तरफ देखा जो कि
9:10 का टाइमबतारही थी. आशना (मन मे): बापरे पिछले एक घंटे से नहा रही थी मे.
आशना:जीकाकाखाना लगा दो और आप भी खा लो.
बिहारी: आइए बिटिया, आपडाइनिंग टेबलपर बैठें मे खानापरोसदेता हूँ.यह कहकर बिहारी आगे आगे चलने
लगाऔर आशना उसके पीछे डाइनिंग रूमकीतरफ चल पड़ी. डाइनिंग रूम क्या यह तो एक बहुत बड़ा हालथा
कमरे के बीचो बीच एक बड़ासाटेबलऔरउसके इर्द-गिर्दआरामदायक कुर्सियाँ. हालके एक साइड

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परएक बड़ीसी मेज और उसके इर्द-गिर्द 8 सोफा चेर्स. आशना ने चारो तरफनज़रें घुमाके सामने
दीवार पर एक बहुत बड़ी एलसीडी लगीथी.
आशना:काकाक्या वीरेंदर भाई......., मेरा मतलबकि क्या वीरेंदर भी खानायहीं खातेहैं. (आशनाने बड़ीसफाई
से से वीरेंदर का अपनारिश्ता छुपालिया था).
बिहारी काका: नहीं बेटी यहाँ तो आएहुए भी उन्हे 8 साल हो गये.जब से परिवार के साथ यह हादसा हुआ
है वोयहाँ आए ही नहीं.अक्सर वो अपना खाना उपर अपने रूम मे खाते हैं.
आशना:उपर?????
बिहारी: हां बिटिया यह जोकमरे से बाहर की तरफ सीडीयाँ हैं ना यहउपर के फ्लोरकोजातीहैं. वीरेंदर बाबू का
कमरा वहीं है. आशना एकदम पलटी और कमरे से बाहर आकरपहली सीडी परखड़ी हो
आशना:काकातुममेरा खाना वीरेंदर के रूम मे ही लेकर आ जाओ.
बिहारी: नहीं बिटियावीरेंदरबाबू अगर पता लगा तोउन्हे बहुत दुख होगा.बोलेंगे तो वोकुछ नहीं पर मे
उनका दिल दुखाना नहीं चाहता.
आशना:आप चिंता ना करिए काका,मे संभाललूँगीउन्हें.
बिहारी अजीब सी कशमकश मे पड़ गया औरफिर बोला, आपठहरिएमे उनके रूम की चाबीलेकर आताहूँ.
बिहारी यह कहकर अपने रूममे चलागया और एकबड़ा सा चाबियोकागुच्छा लेकर सीडीयाँ उपर चढ़ने लगा.
आशना भी उनके पीछे पीछे सीडीयाँ चढ़ने लगी, उपरपहुँच कर बिहारीकाका पाँचवें रूमके दरवाज़े के पास जाकर
रुक गये और एक चाभीसे ताला खोल दिया. दरवाज़ाखोलने के बाद उन्होने मूड कर आशनाकीतरफ़ देखाजो
किदूसरी तरफ देख रहीथी.
तभीआशना ने पूछा: काका नीचे कीतरह यहाँ भी हर कमरेपर ताला क्यूँ है?
बिहारी: वीरेंदर बाबू का आदेश है. सारे रूम हफ्ते मे एक ही बार खुलते है भी सिर्फ़ सफाई के लिए.
आशना:काकाक्या सारा घर आप अकेलेसॉफ करते हो.
बिहारी: नहीं बिटियामे तो वीरेंदर बाबू जी का रसोइया हूँ और कभी कभीउनकाकमरा कर लेता हूँ क्यूंकी
उनके कमरे मे जाने की किसी औरकोइजाज़त नहीं.बाकी का घर सॉफ करने के लिए 3नौकर हैं जो पहले यहीं
पीछे सर्वेंटक्वॉर्टर्स मे रहतेथे पर अब वीरेंदर बाबू के कहने परयहीं पास मे हीरहते हैं.उनके रहने का सारा
खर्चा वीरेंदर बाबू हीदेखते हैं. वोहफ्ते मे एक बार आकर बाहर स्विम्मिंग पूल, लॉन और बाकीकमरो की
सफाई करदेते हैं.
आशना:हूंम्म्मम. अच्छा काका बहुत भूख लगीहै, आपजाकर खानाले आओ.
बिहारी: जी बिटिया परवीरेंदर बाबू जी के आने के बाद आपको ही जवाबदेना पड़ेगा कि आप उनके रूम मे क्यूँ
ठहरीहैं.
आशना:आप चिंता ना करें.मे उन्हे कल ही यहाँ ले आउन्गी और हम मिलकर यहाँ उनका ध्यानरखेंगे.

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बिहारी काका ने यहजबसुना किवीरेंदर बाबू कलआरहे हैं तो खुशी से उनकीआँखें चमक उठी और आशनासे
पूछ के क्या तुम भीयही रुकोगीउनकाख़याल रखने के लिए. आशना ने हां मे सिरहिलाया.
काका:जीतीरहो बेटी, मुझे नहीं पता कितुम वीरेंदरबाबू कोकैसे जानती पर विश्वासहो गया किअब
वोपूरी तरह से ठीकहो जाएँगे. कह कर बिहारीनीचे खाना लेने चला गया. आशना ने पूरा कमरा बड़े गौर से
देखा. हर एक चीज़ करीनेसे सजीहुई. आशनाने एलसीडी ऑन की उसपर स्तर स्पोर्ट्स चॅनेलचल रह था.
आशना वहीं बेडपर बैठगई और चारोतरफ देखने लगी.उसकी नज़र बेडपोस्ट पर पड़ी डाइयरी पर पड़ी. वो
जैसे हीउसे उठाने के लिएबेड से उठनेलगी तभीबिहारीकाकाखाने की ट्रे लिएकमरे मे आए.आशना वहीं
बैठीरही.काका ने खाना परोसा.
आशना:काकाआप भी खा लीजिएकुछदेर बाद बर्तनलेजाइयेगा. बिहारी नीचे चला गया.
आशना ने खाना खाया. करीब आधे घंटे के बाद बिहारी ने रूमनॉक किया.
आशना:आ जाइए काका.बिहारीअंदरआया औरबर्तनउठाने लगा.
आशना:क्या वीरेंदर जी स्पोर्ट्स चॅनेलपसंद करते हैं.
बिहारी: बिटिया भैया को कार रेसिंगऔरWWF बहुत पसंद थी पर उसहादसे के बाद तो वो सबकुछभूलही
गये. आजसाल बादआपने यहटीवी ऑनकियाहै.
बिहारी: अच्छा बिटियाअबआप आराम करो मे बर्तन साफ करने के बादआवने कमरे मे सो जाउन्गा. किसी
चीज़ की ज़रूरत होतोमुझे बुला लेना.
आशना:जीकाका.
बिहारी काका: पर बिटियाआप अपने साथ कोईबॅग तो लाई नहीं तोक्या आप यही पहन के सोजाओगी.
आशना:जीकाकाआज मॅनेज कर लूँगी, कलकुछ शॉपिंगकर लूँगी.
बिहारी: बिटिया वैसे मधु (वीरेंदर की छोटीबेहन जो आक्सिडेंट मे मारी गई थी) मेमसाहबकीअलमारी कपड़ो से
भरी पड़ी है पर अगर मेने उसमे से आपको कुछ दे दिया तो साब लग सकता है.
आशना:कोई बात नहीं काका,आजकीरात मे मेनेज कर लूँगी. काका ने अलमारी सेआशनाकोएक क्विल्ट
निकालके दिया और वो नीचे चले गये. आशना ने अंदर से दरवाज़ाबंद कियाऔर अपनीजॅकेट उतार दी.फिर
उसने डाइयरी उठाई औरबेड परबैठ गई. उसने पिल्लोस कोबेड पोस्ट परखड़ा करके उससे टेक लगा कर अपने
उपर क्विल्टले लिया.नरम मुलायम क्विल्ट के गरमएहसाससे वो एक रोमांचित हो गई. उसने डाइयरी
उठाकर कवर खोला, पहले पेज पर वीरेंदर की सारी डीटेल्सथीजैसे नाम, अड्रेस्स, कॉंटॅक्ट नंबर.एट्सेटरा
एट्सेटरा. वो अगला पेज पलटनेवाली थी किउसकीनज़र पेज के लास्ट मे पड़ी.वहाँ लिखा था "विथ लवफ्रॉम
रूपालीटूवीरू." यह लाइन पढ़ते हीआशना के दिल कीधड़कने तेज़ होगई. यह रूपाली कॉन हो सकती है उसके
मन मे सवाल आया. खैर अगलापन्ना पलटने से पहलेआशनाने क्विल्ट के अंदरही अपनीपॅंट और टी-शर्ट
उतार कर एकसाइडमे रख दी क्यूंकी वो काफ़ी अनकंफर्टबल फीलकर रही थी इतनेटाइट कपड़ो मे. अपने
आपकोपूरी तरह क्विल्ट से कवर करने के बादउसने डाइयरी पढ़ना शुरू किया.

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१स्ट पेज: 20-04 2000.(यह तारीख उसआक्सिडेंट के 3 दिन पहले की है)
वीरू, आज मे बहुत खुश हूँ. मुझे लगा कि लंडनजाने के बाद तुम मुझे भूलजाओगे परको जब
तुमने मुझे शादी के लिए प्रपोज़ किया तो मे एक दमहैरान रह गई. मे उस वक्त तुमसे बहुत बातें करना
थी लेकिन मुझे जान पड़ा. मेरा लास्टसेमेस्टर था औरमे मिस नहीं करना चाहती थी. तुमभी तो यही चाहते थे
किमे इंजिनियर बनू.इतने महीनो से ना मे तुमसे कॉंटॅक्टकर सकी और ना तुमने कोई फोन किया. मे जानती
हूँ कितुम मुझसे नाराज़ होंगे. लेकिन अबमे आ गई हूँ,सारी नाराज़गी दूर करने. मेने अपनी एक मंज़िलपा ली
है और अबमे वापिसआगई हूँ तुम्हे हासिलकरने.
यह डाइयरीमेरीतरफ से एकछोटीसी भेंट है. तुम्हारीजोभी नाराज़गी है तुम मुझे इसपरलिख करबता सकते
हो क्यूंकीमुझे पताहै तुममुझे कुछ बोलॉगे नहीं औरकिसीके सामने बात करने से तोतुमरहे.लगता है
हमारी शादी की बात भीमुझे हीअपने घरवालो से करनी पड़ेगी.मे 3 दिन बाद घर मधुसे मिलने
आउन्गि,तुमजो लिखना चाहते होइसडाइयरीमे लिख कर मुझे चोरी से पकड़ देना.
वैसे एक बात बोलूं "आइ लव यू टू वीरू".
आशना एकएक लफ्ज़ कोध्यान से पढ़ रहीथी. उसने अगला पन्ना पलटा.
20-04-2000:
वोहूऊऊऊ,आइ लव यू रूपाली. तुम नहीं जानती आज मे कितना खुश हूँ. तुमको लंडन मे हमेशामिसकिया और
घर पर पता लगाकि तुमबॅंगलॉरमे इंजीनियरिंग. करनेचली गई हो. मे जनताथा कितुम मुझसे प्यार
करती होपर कहने से डरतीहो, इसीलिएमेनेहिम्मत करके तुम्हे उस दिन प्रपोज़उस दिन अचानक
तुम मिली तोमे रह नहीं पाया,मेने अपने प्यार का इज़हारकरदिया पर तुम बिना कुछबोले ही चली गई. मैं
काफ़ी डर गयाथा किशायद तुम मुझसे प्यार नहींकरती. अगर उसदिनतुम्हारे पापा साथ ना होते तो मे भी
तुम्हारे साथ बॅंगलॉर आ जाता.खैर कोई बात नहीं, मे तुमसे कभी नाराज़ नहीं था और ना ही कभीहोऊँगा.
कलमोम-डॅड औरमधु, चाचूके घर जा रहे हैं,उनके आते ही मे उनसे बात कर लूँगा हमारीशादी की. तुममेरी
हो रूपाली.मे तुम्हे हर हाल मे पा कर रहूँगा.मैने अभी तक अपने आपको संभाल कर रखा है और आशाकरता
हूँ कितुम भीमेरे जज़्बातों की कदरकरोगी और मुझे रुसवा नहीं करोगी.बस इतना हीलिखूंगाइसडाइयरीमे.
अपने दिलका हालमे तुम्हे मिलके तुम्हारी आँखो मे देख करकहूँगा
और हां हो सके तोयह डाइयरी मुझे जल्द वापिसकर देना ताकि मे उन पलोके बारे मे लिख सकूँ जो अब मुझे
तुम्हारे बिन गुज़ारने हैं जबतक तुममेरी नहीं हो जाती.
आशना ने बेड के साथ रखे स्टूल से पानी का ग्लासउठाया और उसे पीने लगी. पानीइतना ठंडाथा किवो सीप
करके उसे पीना पड़ा. आशनाकाशरीर क्विल्ट की वजह से काफ़ी गरमहो गया था.सीपबाइ सीपपानी पीने से
उसे काफ़ी सुकून मिल रहा थाआशनाने मोबाइलमे टाइमदेखा अभी सिर्फ़ 11:00 ही बजे थे.उसने सारी
डाइयरी आज रात ही पढ़नेकी ठान ली और फिरसे बेड पर क्विल्ट के अंदर घुस करअगला पन्ना पलटा.
27-05 2000.
आज काफ़ी दिनो के बाद डाइयरी लिखने बैठा हूँ.इन बीते दिनोमे मेने बहुतकुछ खोया है. मेरे माँ-बाप,मेरी
छोटी लाडली बेहन, मेरे चाचू सबमुझे अकेलाछोड़ कर हमेशा के लिए इसदुनिया से चले गये हैं.
का दिन कभीनहीं भूलसकता. उस दिन मे काफ़ीखुशथा.अपने फॅमिली मेंबर्ज़ कावेट कर रहाथाऔर

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उन्हें खुशख़बरीदेना चाहता थाकि मेने उनकीबहू ढूँढ लीहै पर शायद भगवान को यह खुशीमंज़ूर नहीं थी. मेरा
पूरा परिवार इस हादसे का शिकारहो गया था.वोदिन मुझसे सब कुछछीनकरगुज़रगया था. मे इस कदर
सदमे मे चला गया थाकि मेरी चचेरी बेहन आशना का भी मुझे कोईख़याल ना रहा. मे उसे ज़रा भी संभालनहीं
पाया.कोवो भी मुझसे नाराज़ होकेर चली गई. मे उसे रोकना चाहता थापर मुझमे इतनी हिम्मत
नहीं थी किमे उसका मासूम चेहरादेख सकता. उस बेचारीने इतनीछोटीउम्र मे कुछ ही मे अपने माँ-
बाप को खो दिया था.मे उसकीहर ज़रूरत तो पूरी कर सकताहूँ पर उसकेमाँ-बापकीकमी को पूरा नहीं कर
सकता. इसीलिए मेने उसे रोकने की कोशिशभी नहीं की. शायद अगर उसे मैं रोक लेतातो उसे मुझे और मुझे
उसे संभालनाबहुत मुश्किलहोता. इतने साल घर से बाहररहने के कारणमुझ मे कुछ सोशियल कमियाँ थी
जिस कारण मे उसे खुश ना रख पाता,इसीलिए उसका दूर जाना ही उसके ठीक था.
यह पढ़तेपढ़ते आशना की आँखो से आँसू टपककर डाइयरीपर गिरपड़े.जिसइंसानकोवो मतलबी समझती
थी वो उसके लिए इतना सोचता है उसे इस चीज़ का कभी एहसासहीनहीं हुआ. जिस गुनाह के लिए वो वीरेंदर
को सज़ादे रही थी वो गुनाह वीरेंदर नेकभी किया ही नहीं और अगर किया भी तो उसकी भलाई के लिए.
आशना का मन ज़ोर ज़ोरसे रोने को कर रहाथा. उसने किसी तरह अपने आप को संभाला और डाइयरी पढ़ने
लगी. हर एक पन्नापढ़ कर वीरेंदर की इज़्ज़तआशनाकीनज़रो मे बढ़ने लगी. उसे पता चलाकि कैसे वीरेंदर
ने उसे कई बार मिलने की कोशिश कीपर आशनाने हमेशा उसे किया. यहाँ तक किएक बार वीरेंदर खुद
उससे मिलने उसके बोरडिंग स्कूल मे आया परउसने अपनी सहेली को यह कहकेवीरेंदर को वापिसभेज दिया
किआशना एजुकेशनल टूरपर गई है.आशना इन सब के लिएअपने आप जा रहीथी.कुछ पन्ने पढ़ने
के बाद आशना को पता लगाकि रूपालीके बार बार समझाने पर वीरेंदर वो हादसा नहीं भूल पा रहा था. रूपाली
ने फिर उससे शादी की बात की तो वीरेंदर ने सॉफ मना कर दिया किउसेएक साल तक वेट करना पड़ेगा. मगर
रूपालीने उसे 4 महीनो का वक्त दिया और चली गई. वीरेंदर ने काफ़ीबारउससे मिलने की कोशिश कीपर वो
हर बार शादी की ज़िद करती और इस तरह धीरे-धीरे दोनोमे डिफरेन्ससबढ़ते गये.वीरेंदर को यकीन था कि
रूपालीधीरे धीरे मानजाएगी. मगर उसका यकीनउसदिनटूटा जिसदिनरूपाली उसके घर उसे अपनी शादी का
कार्ड देने आई. उन लम्होकोवीरेंदरने कैसे बयान किया उसे पूरा पढ़ना आशना के बस का नहीं था..वीरेंदर
उसे बेन्तेहा मोहब्बत करता था पर रूपालीउसकी मोहब्बत ठुकरा कर किसी और वालीथी. वीरेंदर ने
दिल पर पत्थर रखकर उससे शादी करने को भी कहा पररूपाली ने उसे यह कहकर ठुकरादिया कि वो एक
नॉर्मल ज़िंदगी शायद ही दोबारा जी पाए.वीरेंदरने उसे लाख समझानेकी किवो धीरे धीरे नॉर्मल
हो रहा है औरउस हादसे कोभूलने की कोशिशकर रहा है.वीरेंदरने उसे यहाँ तक कहा किअगर रूपालीसाथ दे
तो वो जल्द से जल्दएक नॉर्मलज़िंदगी जीसकेगा. मगररूपाली ने उसका दिल यह कह कर तोड़ दिया कि
वीरेंदर अब काफ़ी देर होचुकीहै. जब तुम मुझसे दूर जाने लगे तोअविनाश(रूपाली'सवुडबी) ने मुझे सहारा
दिया. उसने मुझे बताया कि एक नॉर्मल मर्द एक लड़की को कैसे खुशरख सकता है. मुझे तो शकहैं कि तुम
इसकेलायकभी होया नहीं.

चाबी लेकर आशनागॅरेजकी तरफभागी औरबिहारी काकाने अपने कमरे से चाबियो का गुच्छालेकर घरको
लॉक करना शुरू कर दिया. गॅरेज पहुँच कर एक पलके लिएआशना के कदम ठितके क्यूंकी यहचाबी किसगाड़ी
की थी उसे पता नही था और वहाँ पर 4 गाड़ियाँ खड़ीथी. आशना ने बिना वक्त गवाए सबसे पिछली वाली गाड़ी
के लॉकमे चाबीघुसाइ और घुमा दी.गाड़ी अनलॉक कर दी. जब तक आशना गाड़ीकोमेन परलातीबिहारी
काका दौड़ते हुएवहाँपहुँच चुके थे.गाड़ी उनके पासरुकीतो बिहारीकाकाने मेन गेटलॉक कियाऔर पिछला

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दरवाज़ाखोलकरवो उसमे बैठ गये.तभीआशनाकेफोन की घंटी बजी. आशना ने जल्दीसे बॅगखोलकर
उसमे नंबर. देखा.डॉक्टर. बीना की कॅल आई थी.आशना ने कॉल पिककी और इससे पहले किडॉक्टर. कुछ
बोलती,आशना ने काका की तरफदेखकर डॉक्टर.से पूछावीरेंदरकोहोश आ गया क्या डॉक्टर.
बीना:हां, वीरेंदर को अभी कुछदेर पहलेही होश आयाहै बस अभी कुछ देरमे उसका चेकपकरने जा रहीहूँ.
डॉक्टर.अभय कलसे आउट ऑफ स्टेशनगये हैं. आशनाने एक गहरी साँस ली और कहा डॉक्टर.एक बहुत
ज़रूरीबात करनीहै आपसे, इस लिए मेरे आने तक आपउनसे कोईबात नहीं करेंगी, यह कहकरआशना ने फोन
काटा और गाड़ी दौड़ा दी.
बिहारी काका रास्ता बताते गये और 15 मिनट मे ही गाड़ी हॉस्पिटलकी पार्किंग मे खड़ी थी.बिहारी काकाको
टॅक्सी का किरायादेकर आशनाहॉस्पिटल कीओर भागी. एंटरकरते ही उसने डॉक्टर. रूमकी तरफ अपने कदम
मोड़ लिए.कॅबिनमे डॉक्टर.बीना अपनीचेरपर बैठ करउसका वेट कर रही थी. जैसे ही आशना रूमके अंदर
घुसी, बीनाउसे देख कर चौंक गई. आशना के बिखरे बाल,लालआँखें औरअस्त व्यस्त हालत यह बता रहीथी
किआशना सारी रात सोई नहीं और काफ़ी परेशान भी है.अंदर आते ही आशना ने बीना से कहा डॉक्टर.मुझे
आपसे बहुत ज़रूरी बात करनी है.
बीना:कूल डाउन आशना, वीरेंदर को होश आ गया है औरअबउसका हार्ट नॉर्मलीवर्क कर रहाहै. घबराने की
कोई ज़रूरत नहीं. पहले तुमअटॅच वॉशरूममे जाकर अपनी हालत सुधारो, तबतकमैं चाइ बनाती हूँ.
आशना बिनाकुछ बोले वॉशरूममे घुस गई और ठंडे पानी के छींटो से अपनी सुस्तीमिटाने लगी.अच्छी तरह से
हाथ मूह धोकर औरअपने बालऔरकपड़ो की हालत सुधारकर वोबाहरआई. बाहर आतेही उसने देखाकि
डॉक्टर.बीना चाइ बना रहीहैं एक कॉर्नर मे छोटी सी किचनमे.आशनाभी साथ उसी मे आ
गई.
डॉक्टर.बीना: होगईफ्रेश?,गुड, चलोअबचाइ पीते हैं और मुझे सबकुछ डीटेल मे बताओ.यह कह कर
उन्होने एक कप आशना की तरफबढ़ाया.आशना ने कप पकड़ा और बाहर कॅबिन मे आकर एक चेर पर बैठ गई.
बीना भी अपनीचेर पर बैठ गई अपने रूम को लॉक करने के बाद.
बीना:हां आशना अब बोलो ऐसा क्या हुआजोतुमइतनीसुबह सुबह परेशानदिख रहीहो. जबतुमने मुझे कॉल
किया तो मेतबवॉशरूम मे थी, बाहर आकर अननोन नंबर. देखा तोपहले तो इग्नोरकरदिया पर फिर
मेने कॉलकिया तो तुम्हारी डरीहुई आवाज़ ने मुझे चौंका दिया.बोलो क्या बात है.
आशना:डॉक्टर.,वीरेंदर भैयाकीडाइयरी मेने पढ़ी,उन्हे डाइयरी लिखने का शौक है और इस तरह से आशना ने
उन्हे सारीबाते बतादी. सब कुछ जानने के बादडॉक्टर. के चहरे परभी चिंता की लकीरें देखी जा सकती थी.
डॉक्टर.: आशना सब कुछ जानने के बादमैं बस इतना कह सकती हूँ किवीरेंदर ने पिछले कुछ सालोमे बहुत
कुछ है और शायद उसका दिल अब और दर्द बर्दाश्त ना कर पाए. उसेकिसीभी तरह खुशरखना होगा
ताकि उसके दिलपर ज़्यादा दवाब नापड़े औरसबसे ज़्यादा ज़रूरी है किउसकीशादी होजानी चाहिए जिससे
उसके जिस्ममे दौड़ता लहू अपनीलयमे दौड़ सके.
आशना:लेकिनडॉक्टर.,क्या भैया परशादी के लिएदवाब डालना ठीक रहेगा?

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डॉक्टर.बीना: कुछ देरचुप रहने केबाद, आशनाशायदतुम ठीक कह रहीहो, दवाब मे हो सकता है कि उसके
दिल पर बुरा असर पड़े.लेकिन इसके अलावाकोई चाराभी तोनहीं.उसकी कोई गर्लफ्रेंड भीनहीं है जो उसे
एग्ज़ाइट करे और वो मास्तरबेट या सेक्सकरने पर मजबूर हो जाए.
आशना:डॉक्टर.,आप कैसेकह सकती है किअगर भैया की कोई गर्लफ्रेंड होतोवो उसे मास्टरबेशन यासेक्स
परमजबूर कर सकती है?(अब आशना बिल्कुल खुलके डॉक्टर.से बात कर रही थी).
डॉक्टर.बीना: मुस्कुराते हुए, आशनायह जो औरत का जिस्म होता हैं ना यह तो बूढो मे भी जान देता है और
वीरेंदर तो अभीकाफ़ी जवान और हॅटा-कटा पुरुष है.मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ किऐसा ही होगा.
आशना कुछ देरडॉक्टर. की बातों पर गौर करती रही.
डॉक्टर.बीना: अच्छा आशना तुम चाहो तो यहाँ बैठो या मेरे साथ चलसकतीहो मुझे एमर्जेन्सीवॉर्डकाएक
राउंड लेनाहै उसके बाद वीरेंदर का चेकप करके तुम्हें दवाइयाँ समझाकर उसे डिसचार्ज करदूँगी.आशना की
कोई प्रतिक्रिया ना पाकर बीनाने अपनाहाथ आशना के हाथोपर रखा. डॉक्टर.बीना के गरमहाथोहाथो का
स्पर्श जबआशना के ठंडे हाथोपर पड़ा तो दोनो ने अपने अपने हाथ खेंच लिए. आशना इस लिए चौंकी कि
बीना के गरमहाथो ने उसकोख़यालो की दुनिया से बाहरखैंच और डॉक्टर. बीना इसलिए चौंकीक्यूंकी
आशना के हाथ बरफ कीतरह ठंडे थे.बीना एक सयानीडॉक्टर. थी वो जानती थीकि आशना यातो डरीहुई है
या नर्वसहै.

बीना:आशना तुममुझसे कुछ कहना चाहतीहो?
आशना एकदम हड़बड़ाई न..ना..नही डॉक्टर.वो मे सोच रही थी कि . इतनाकहकरआशनाखामोशहोजाती है.
डॉक्टर.बीना: बोलोआशना, जो भी बोलनाहै बोल दो . मुझपर रखो मैं तुम्हारीबात सुनूँगी और
समझूंगी.
आशना:डॉक्टर.,भैयाकेसाथ जो भी हुआ उस मे कुछ दोष शायद मेरा भीहै, मेरे कारण भी उन्होने काफ़ी
तकलीफ़ झेली है,में उन्हे इससिचुयेशन से बाहरनिकालना चाहती हूँ परवो अंजाने मे ही सही मुझ से नफ़रत
करने लगे हैं. तो क्याइसवक्त मेराउनके पास जाना उनकी सेहत के लिए ठीक रहेगा.
डॉक्टर.बीना उसकी बात सुनकरगहरी सोच मे पड़ गई.कुछदेर सोचने के बाद बीना बोली,आशना तुमआख़िरी
बार भैया से कबमिलीथी. आशना को कुछ समझ मे नहीं आयापर फिर भीबोली पापा के अंतीमसंस्कार के
वक्त.
डॉक्टर:क्या उसवक्त की तुम्हारे पास तुम्हारी कोई तस्वीरहै.
आशना ने सवालिया नज़रोसे उसेदेखाऔर फिरअपने बॅग से एक आल्बमनिकाली. आशना ने कुछपन्ने पलट
कर एक पन्ना डॉक्टर. के सामने रखा "यह फोटो तबकीहै जबपापा मुझे बोरडिंग स्कूल मे अड्मिट करवाके
आएथे.यह उनके साथ मेरी आख़िरी फोटो थी.बीना ने फोटो को गौरसे देखा फिरआशना की तरफ देखा. बीना
की आँखो मे चमक आ गई जिसे आशना नेभी महसूसकिया पर कुछ समझ नहीं पाई.बीना ने जल्दीसे
आल्बम बंद की और आशना की तरफबढ़ा दी. आशना ने आल्बमलेकर बॅग मे डालदी और डॉक्टर. की तरफ
देखने लगी. डॉक्टर.के चहरे पर मुस्कानदेखकरआशनाने उसका कारण पूछा.

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डॉक्टर.: यार तुमतोपहचानीही नहीं जा रहीहो, काफ़ी सेक्सीहो गई हो.
आशना का चेहराशरमसे लाल हो गया. ऐसा पहलीबार नहीं था कि किसीने उसे सेक्सी बोला हो.उसकी
फ्रेंड्स तो हमेशा उसे सेक्सीही बुलातीपर एक अधेड़ उम्रके मूह से ऐसा सुनने से वो शरमके मारे गढ़ गई.
बीना:आओ मेरे साथ,इतना कहकर बीनाउठ खड़ीहुई. बीनाने वॉशरूम से लेकर उसे एकस्काइ-ब्लू कलर का
शॉर्ट गाउन दियाजोकि डॉक्टर.यूज़ करतीहैं. आशनाने गाउन पकड़ते हुएडॉक्टर. की तरफ सवालिया नज़रो
से
बीना:तुमवीरेंदर की मदद करनाचाहती हो.
आशना ने धीरे से सिरहां मे हिलाया.
बीना:तो इसे पहन लो और मेरे साथ चलो.
आशना को अभी भीकुछ समझ नहीं आयाथा.
बीना नेउसकी मनोदशा को समझते हुए कहा: देखोजबवीरेंदरने तुम्हे देखाथा तुमएक छोटीसी बच्ची थी
और आजतोतुम माशाअल्लाह एक कयामत का रूप ले चुकी हो.तो ज़ाहिरसी बात है किवो तुम कोनहीं
पहचान पाएगा और मुझे पूरा यकीन है कि तुमभी उससे उसकी बेहन बनके मिलना पसंद नहीं करोगी.इसी लिए
यह गाउन पहन लो जिससे तुम इस हॉस्पिटल कीएक. डॉक्टर.लगो औरमे तुमकोवीरेंदरके घर यह कहकर
भेजदूँगी कितुम उसकी केर के लिए वहाँ जा रही है.
यह सुनते हीआशना की आँखो मे चमक आ गई और उसने झट से अपनी जॅकेटउतार गाउन पहन
लिया. आशना को सब समझ आ गयाथा. वो डॉक्टर. बीनाके एहसान तलेगईउसकी इस मदद के
दोनोहॉस्पिटल के राउंड के लिए निकलपड़ी. करीब 8:00 बजे वो वीरेंदर के कॅबिन के बाहर पहुँची.
डॉक्टर.बीना ने नॉककिया.अंदर से वीरेंदर की आवाज़ आई. यस, कम इन. बीनाने दरवाज़ाखोलाऔर अंदर
आ गई उसके पीछे-पीछे आशना ने भीधड़कते दिलसे अंदर कदम रखा. आशनाने एक नज़र वीरेंदर के चेहरे पर
डाली,चेहरे पर दाढ़ीकाफ़ीआ गई थी. वीरेंदर काफ़ी बदलगया थाइतने सालोमे. उसका शरीर काफ़ी मज़बूत हो
गया था जिम करने से और हाइट तो उसकीपहले ही काफ़ी थी.कुलमिलाकर वो एक बेहद ही तंदुरुस्त पर
कमज़ोरदिलका गबरू जवान था. आशना की तंद्राटूटी जबबीनाने वीरेंदर से कहाकि डॉक्टर, आशनाहैं, मेरी
असिस्टेंट हैं.आजहमतुम्हें डिसचार्ज कर रहे हैं यह तुम्हारे साथ कुछदिन तुम्हारे घर पर रुकेंगी जब तक
तुम बिल्कुलठीक नहीं हो जाते.
वीरेंदर: क्याडॉक्टर. आंटी मे बिल्कुल ठीक हूँ, आपइन्हेंपरेशानी मे मत डालिए.इतना सुनते ही आशनाएक
दमघबरा गई.
बीना:मुझे पताहै तुमकितने ठीक हो,डॉक्टर. मैं हूँ तुमनहीं और अंकल ने जाने से पहले मुझे ख़ास
हिदायत दी है किकुछ दिनोतकतुमको अब्ज़र्वेशन मे रखनापड़ेगा.
वीरेंदर: बाप रे अंकल काहुकुमहै,फिर तो मानना ही पड़ेगा नहीं तो पता नहीं क्या-क्या पाबंदियाँ लग जाएँगी
और उनका बसचले तो मुझे यहीं पर रोक लें. इतनाकहतेही बीना और दोनो हँस पड़े.आशना के चेहरे
परभी स्माइलआगई.

22
बीना:डॉक्टर. आशना आप मेरे साथचलिएमैं आपको इनकी दवाइयों के बारे मे बता देती हूँ औरफिर आपइन्हे
डिसचार्जकरवा के इनका चार्ज अपने हाथोमे ले लें.
आशना:जीडॉक्टर. चलिए.
आशना जाने के लिएमूडीही थी कि वीरेंदर बोला: एकमिनट डॉक्टर.
आशना.आशना के कदम ठिठक गये और उसने मुड़ते हुए हीवीरेंदर की तरफदेखा.
वीरेंदर: डॉक्टर. आशना आपकहाँ की रहने वाली हो.
इससे पहले कि आशना हड़बड़ाहट मे कोईजवाब देती,बीना बीचमे बोलपड़ी. यह मेरे कीबेटी है.इसके
माँ-बाप बचपन मे ही चलबसे.इसीलिए यह बचपन से मेरे पास ही रही और फिर यहाँ के गँवरमेंट. हॉस्पिटलसे
इसने इसी सालएमबीबीएसकिया और अबमुझे असिस्ट कर रही है.आशनाने एक ठंडीसांस छोड़ी औरवीरेंदर
की तरफ़ देखा.
वीरेंदर: आइआमसॉरीडॉक्टर. आशना मेने ऐसी ही पूछा था.आपके पेरेंट्सका सुन के मुझे काफ़ी दुख हुआ.
बीना:ओकेअबतुमआरामकरोआज दोपहर तक तुमकोडिस्चार्ज कर देंगे, टेक केर.
वीरेंदर: बाइ डॉक्टर.आंटी, बाइ आशना.

कॅबिन से बाहर आकरआशना ने एक लंबीसांस लीऔर बीना की तरफ देखा.बीना ने भी उसकी तरफदेखा और
उसे आँखमारदी. दोनो हंसते हंसते बीना के रूम तक पहुँचे. चलोएक कामहो गया,अब तुम्हे सोचना है कि
तुम उसके साथ कितने दिन रह सकती होऔर इन दिनों मे कैसे उसे शादी के लिए मना लो.
आशना:आइ विलडू इटएनी कॉस्ट डॉक्टर.
.बीना: तुम कितने दिनकीछुट्टी लेकरआई हो.
आशना ने घड़ी की तरफ देखा औरबोली रूको अभी पताकरती हूँ एरलाइन्ससे किवोकितने दिनकीछुट्टी
एक्सटेंडकरसकते हैं. आशनाने नंबर. मिलायाऔर कुछ देरबाद उसके एरलाइन्सओफीसर से उसके सीनियर
ने फोनउठाया.
आशना:सर,आइ आम आशना शर्मा, फ्लाइटअटेंडेंट फ्रॉम ----------टू ------------- ऑफ युवरएरलाइन्स. सर,
आइ आम सॉरी टू इनफॉर्मयू बट आइ कॅन'ट रेज़्यूमे माइ ड्यूटी अगेन.आइ हॅव सम प्रॉब्लम्स, बाइ.
आशना ने बिना किसी प्रतिक्रिया जानने केपहले ही फोन काट दिया.
आशना:लो जी डॉक्टर. आंटी छुट्टी मंज़ूर हो गई, अब बोलोक्या करना
डॉक्टर.बीना उसे हैरानी से देखती रह गई.
बीना:करना क्या है, कुछ दिन तक तुमवीरेंदर की केर टेकर बनकररहो उस घर मे उसके बाद तो तुम्हें वहाँ
रहने काकिराया देना पड़ेगा. इतना कहकरआशना और बीनादोनो खिलखिलाकर हंसपड़ी.

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दोपहर तकआशनाने अपनीकुछ ज़रूरीशॉपिंग भी कर लीथी. उसने अपनीज़रूरत के हिसाब से सबकुछखरीद
लियातह और उसे वीरेंदर की गाड़ीमैं डालकर उसे हवेलीछोड़ आई थी.बिहारीकाकाकोउसने कह दिया थे कि
वोउपर वाले फ्लोर मे से कोई एककमरा उसके लिएतैयार कर दे औरउसका सारा समान वहाँ पर रख दे.
बिहारी काका को उसनेबतायाके वो डॉक्टर.बीना के दोस्त की बेटी और अब वो यहीं रहकर वीरेंदर का इलाज
करेगी. बिहारी काका को सब कुछ समझा कर और गाड़ी को अपनी लगाकरवो टॅक्सीसे हॉस्पिटलपहुँची
तो दोपहर के 12:30 बज गये थे.
हॉस्पिटलपहुँचतेही वोडॉक्टर. बीना के रूम मे गई.बीना: आओआशना, मैने वीरेंदर की डिसचार्ज स्लिप बना
दी है.अबतुमउसे घर ले जासकती हो. आशना की आँखों में आँसू आ जाते हैं और वो गले लग करडॉक्टर.
बीना को ज़ोर से गले लगा लेतीहै. आशना:थॅंक यू डॉक्टर. अगर आपनहींहोती तो मेरे लिए यह सबमुमकिन
नहीं था.
डॉक्टर.बीना, इट्स ओके आशना, पर तुम्हे किसीतरह वीरेंदर को फिर से नयीज़िंदगीदेनी होगी.
आशना- ज़रूर ऐसा करूँगी. इतना कहकर उसने स्लिप डॉक्टर.से ली,
डॉक्टर.ने उसे सारीदवाइयों के बारे मे समझा दिया और आशना ही जाने के लिएमूडीके बीनाने कहा:
"आशना काश तुम सचमुच वीरेंदर की बेहनना होती". आशना के कदम यह सुनकर एकदम ठिठक गयी पर वो
मूडी नहीं, शायद यह बात तो उसने भुला ही दी थीकि वो वीरेंदर की बेहन है.
हॉस्पिटलसे वीरेंदर को लेके वो एक टॅक्सी मे वीरेंदर के घरके बाहर पहुँचे. बिहारी काका उनका गेट खोलकर
बाहर ही वेट कररहे थे. टॅक्सीसीधा कॉंपाउंड मे घुसीऔर बंग्लॉ के दरवाज़े के पासआकर रुकी. वीरेंदर ने
टॅक्सी वालेके पैसे देकर उसे वहाँ से रवाना किया और एकठंडी सांसछोड़ी. वीरेंदर ने धीरेसे कहा "फिर से वही
ख़ालीपनमुबारक हो वीरेंदर" और इतना कहकर वोअंदर चला गया.आशना ने उसे सुना पर उसवक्त
उसने कुछ बोलना ठीक नहीं समझा.
अंदर आने पर वीरेंदरसीधाअपने कमरे मे चला गया औरआशनाकिचन की तरफ चल दी. बिहारीकाका ने
दोपहर के खाने की तैयारी कर रखीथी. आज बिहारी काका ने चिकन,मटन, डाल, वेजिटेबल,,खीर और चावल
बनाए थे.आशना के पीछे पीछे बिहारी काका भी किचनमे आ गये.
काका:बिटिया भूख लगी है क्या.
आशना ने बिना पीछे देखे जवाब दिया: नहीं काका बस आपके खाने कीखुश्बू तक खींच लाई. वैसे वीरेंदर के
आने पर आज तो अपने पूरी दावत की तैयारी कर रखी है.
बिहारी काका झेन्प्तेहुए: नहीं बिटिया ऐसी बात नहीं है,आज बड़े दिनो बादमालिक ठीक होकरघर आएहैं तो
सारी उनकी पसंद की चीज़े बनाई हैं.छोटे मालिक को खाने मे मीट-मुर्ग पसंद है.
आशना मन मैंसोचते हुए(तभीइतनी सेहत बनारखी है जनाब ने).
आशना:पर काका कुछ दिन वीरेंदर के खाने काथोड़ा ध्यान रखनापड़ेगा क्यूंकी इस तरह के खाने मे काफ़ी फॅट
होताहै जोवीरेंदरकीसेहत के लिए अच्छा नहीं है.
काका:पर बिटिया, मालिक तो रोज़ाना शामको जिममे खूब कसरत करके सारीचर्बी बहा देते हैं.

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आशना:बहती कहाँ है काका वो तोउनके अंदर हीरहती है.आशना ने यह बोल तो दिया पर उसे इसका एहसास
काका के होंठों पर आईकुटिलमुस्कानसे हुआ कि उसने अंजाने मे यह क्याकह दिया.आशना का चेहरा शरम
से हो गयाऔर आँखें झुक गईं.
काका ने बात संभालते हुए कहा:परबिटिया मालिक तो मीट -मुर्गके बिनाखाना खाते ही नहीं
आशना कुछ ना बोलसकी उसके पासऔरकुछ बोलने के लिएकुछबचा ही नहीं था.वो अपनी पिछली बात के
बारे मे ही सोच रही थी.
काका:वैसे भी अब तुम आ हीगई हो तो मालिक काख़याल तो तुमरख ही लॉगी. यह बात काका ने बड़े ज़ोर
देके कही. इससे पहलेआशनाकुछ समझ पाती, काकाने कहा : जबभूख लगेगी देना,मैं रोटियाँ बना दूँगा.
आशना ने नज़रें नीचे करके ही हां मैं गर्दन हिलाई. काका वहाँ से चले गये औरइन सारी बातों का
मतलब निकालने लगी. आशना सोचने लगीकि काका ने कितनी जल्दी मेरी बात पकड़ ली और मुझे वीरेंदर की
चर्बी का इलाज भी बता दिया.
आशना:छि मैं भी क्या सोच रही हूँ,वो मेरे भैया हैं,मैं उनका ख़यालरखूँगीपर एकबहन होने के नाते.मैं
उनके लिए खुद एक अच्छी सीलड़की ढूँढ लाउन्गी जो उनकी इस अजीबबीमारीमे इनकीमदद करे. यह सोचते
सोचते आशना कब सीडीयाँ चढ़ कर उपर पहुँचीउसे पता ही ना लगा. उपरआकर वो अपने कमरे मे चलीगई
और अपनी न्यू ड्रेस लेकर बाथरूममे चलीगई.यह बाथरूम सेम नीचे वाले बाथरूम जैसा था बसटाइल्सअलग
कलर्सऔरडिज़ाइनकीथीं. अच्छे से नहाने के बाद आशना ने नये कपड़े औरअपने कमरे से बाहर आकर
वीरेंदर के कमरे की तरफचल दी. आशना ने डोर नॉक किया.उसके कानों फिरभारी मर्दाना आवाज़
गूँजी 'आ जाओ".
आशना ने दरवाज़े को हल्कासाधक्का दिया तो वो खुलतागया. अंदर वीरेंदर एक सफेदलोवरऔर ग्रीनटी-
शर्टमे सोफे पे बैठाकुछ फाइल्सदेख रहा था.उसने एक उड़ती सी नज़र आशनापर डाली और फिर फाइल्स
मे गया.
आशना:यह क्या वीरेंदर जी,आपने आते ही ओफिसे का काम देखना शुरू करदिया.

वीरेंदर ने एकबार उसे देखाऔर फिरदोबारा फाइल्सपरनज़रें गढ़ादी. कुछ देरचुप रहने के बाद वीरेंदरबोला,
काम कीचिंता नहीं है मुझे. मेरा मेनेज़रसबसंभाल रहा है.यह तो वो कुछ फाइल्स दे है जिसे साइन
करनाहै ताकिडिसट्रिब्युटर्सको उनकी रुकी हुई पेमेंटदे सकें.
आशना:पर काम तो काम ही है ना, आपकुछ दिनसिर्फ़ आराम ही करेंगे और सारा काम उसके बाद.
इतनाकहकर आशनाने फाइल्सउसके हाथ से ली और उन्हे मेज़ पर रख दिया.
वीरेंदर हैरानी से उसे देखता रहा. पहली बार उसने आशना के मासूम चेहरे को देखा तो देखता हीरह गया.आशना
अपनीही धुन मे कुछबड़बड़ाये जा रहीथी. फाइल्सको मेज़ पर रखने के बाद उसने वो दवाइयाँ निकाली जो
वीरेंदर को दोपहरमे लेनी थी.उसनेदवाइयाँ निकाली औरजग से ग्लास मे पानी डालकर वीरेंदर की तरफ़ मूडी.
जैसे हीउसने वीरेंदर को देखा उसके कदम वहीं ठिठक गये.वीरेंदर एकटक उसे देखे जारहा था. आशना एकदम

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शांत खड़ी होगई.उसकी इस हरकत से वीरेंदर को होशआया, उसने जल्दी से अपनी नज़रें आशना के चेहरे से
घुमाई औरग्लास पकड़ने के लिएहाथ आगे बढ़ाया.
आशना ने उसे ग्लास दियाऔर दवाइयाँ खिलाने लगी.वीरेंदरएक अच्छे बच्चे की तरह सारी दवाइयाँ खा गया.
आशना(मुस्कुराते हुए): शाबाश, रोज़ ऐसे ही अच्छे बच्चेकीतरह दवाई तो जल्दी ठीक होजाओगे.
वीरेंदर: डॉक्टर. अगरआप इतनी डाँट खिलाने केबाद दवाइयाँ खिलाओगी तोमैं ठीक बेशक हो जाउ पर डर के
मारे कमज़ोरज़रूर हो जाउन्गा.इतना कह कर वीरेंदर हंस पड़ाऔर आशना के चेहरे पर भीस्माइल आ गई.
आशना:प्लीज़ आप मुझे आशना कहें, डॉक्टर.ना कहें.वीरेंदरने उसकी तरफ सवालिया नज़रो से देखा तो
आशना बोली. डॉक्टर.वर्ड थोड़ा फॉर्मलहोजाता है नाइसलिए.
वीरेंदर: जैसा तुम्हे ठीक लगे आशना.
अपनानाम वीरेंदरकेहोंठों से सुनकरआशनाएक दमसिहरउठी.
आशना- आपजल्दी से फाइल्स साइन कर लीजिएऔर अपने मेनेज़र को कह दीजिएकि वोअबकुछ
दिन आपको आरामकरने दें.वीरेंदरसिर्फ़ मुस्कुरायाबोला कुछ नहीं.आशना अपने कमरे की तरफ चलदी.
रास्ते मेउसने उपर से ही काकाकोआवाज़ लगाकरबता दिया किवीरेंदर को दवाइयाँ दे दी हैं,एक घंटे के बाद
खाना लगा दें.
अपने रूममे आने के बादआशनाअपने बेड पर लेटगई औरवीरेंदरके साथ होने वाली बातों को सोच कर
रोमांचित होने लगी. बीच में उसे काकाकेसाथ हुईकिचन की भीबात याद आ गई तो वो और सिहर उठी.ना
जाने क्यूँ दिलके किसी एक कोनेमे वोउनबातोंकोसहेज कर रखने लगी. आशनाकाध्यान भंग हुआ जब
उसके दरवाज़व परनॉक हुई.आशनाने घड़ीकीतरफ देखा, खाने काटाइमहो गया था.
आशना:काकाआप ख़ान लगाइएमैं आती हूँ.
काका:जीबिटिया.
कुछ आशना नीचेपहुँची तो देखा काकाखाना लगा रहे थे.आशना ने इधर उधर देखा और फिर काका से
पूछा वीरेंदर नहीं आएनीचे.
काका:उन्होने कहा है कि वो उपर ही खाएँगे.
इतनासुनते ही आशना सीडीयाँ चढ़कर उपर पहुँचीऔर बिना नॉक किए दरवाज़ खोल दिया.वीरेंदरवहाँ नहीं था.
तभीउसे बाथरूमके अंदर से आवाज़ आई,काका आपखाना रख दोमैं अभीआता हूँ.आशना कुछना बोली,वो
वहीं खड़ी रही. कुछ दो-तीनमिनिट के बादबाथरूम कादरवाज़ा खुला औरवीरेंदर सिर्फ़ लोवर मैंबाहर निकला.
बाहर निकलते ही उसने आशना को देखा जो हैरानीसे कभीउसकी बालों से भरी चौड़ी छातीदेख रही थी तो कभी
उसके चेहरे की तरफ.उसके बालगीले थे शायदवो बालधोके आयाथा. इतने दिन हॉस्पिटलरहने के बाद शायद
उसे अपने सर से बदबू सी आरही होगी. कुछ पलों तक दोनो एक दूसरे को देखते रहे उसके बाद पहली हरकत
वीरेंदर ने की.वीरेंदेट ने अपने दोनो बाज़ू अपनीछातीपर रख करउन्हे छुपानेकीकोशिशकी.
यह देख कर आशना की हसी छूट गई. वो फॉरन मूडी औरकमरे से बाहर भागी.दरवाज़े पर पहुँचकर उसने धीरे
से देखा और मुस्कुराते हुए बोली: क्या लड़कियो की तरह खड़े हो. जल्दी कपड़े पहनो और नीचे आ

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जाओ,आजखाना नीचे ही मिलेगा. वीरेंदर ने अग्याकारी बच्चे की तरहहां में गर्दन हिलाई और लपक कर
अलमारीखोली. आशना नीचे पहुँची तोउसके होंठों पर मुस्कान अभी भी थी जिसे देख करबिहारी काका ने पूछा
"क्यूँ देख लिया वीरेंदर बाबू को टॉपलेस. आशना ने हैरानी से काका को देखा जैसे पूछ रहीहो उन्हे कैसे मालूम.
काका:यह तो मालिक कीपुरानी आदत है,जबभीवो दोपहर को घरपर होते खाना खाने से पहले वोअपनी
टी-शर्ट उतार देते हैं.
आशना:बापरे, फिर तो रात के खाने में तो.......इतना कहना थाकि दोनो कर हंस दिए.तभी वीरेंदर
ने डाइनिंगहॉलमें कदम रखा.दोनो एकदम चुप होगये.
वीरेंदर अंदरआते ही:काकातुमनेतोपता है ना, फिर तुमने इसे रोका क्यूँ नहीं.
काका:मुझे पताही कब लगायह कब उपरगई, मैं तोइसे बता रह थाकि तुमने खाना उपर मँगवाया है,ये तो
पलक झपकते ही उपरपहुँच गई.
वीरेंदर: आशना , आइ आम सॉरी.
आशना:आइ आम सॉरी, मुझे नॉक कर के आनाचाहिएथा.
बिहारी काका: चलो आपबैठ जाएँ मैं खानापरोसदेता हूँ.
आशना:काका, तुम जाकरखानाखा लोआज इनको खानामैं परोसुन्गि.चले गये तो वीरेंदर बोला: देखो
डॉक्टर.बन कर आईथीऔर क्याक्या करना पड़ रहाहै?
आशना:देखते जाओअभी औरक्या क्या करूँगी औरहँसदी.
आशना ने दो प्लेट्स में खाना डाला औरदोनो खाना खाने लगे. खाना कहते हुए बार बार दोनोकी नज़रें मिल
रहीथी.आशनाटाइट पिंक स्वेट शर्टऔर ब्लॅक स्किनटाइट जीन्समें काफ़ी सेक्सी लगरही थी औरवीरेंदर
भी आशना सेनज़रें चुराकर बार बार उसकी खूबसूरतीकारस पी रहा था. आशनापूछना तो चाहती थी वीरेंदर से
किवो खानाइसडाइनिंग हॉलमें ना ख़ाके अपने रूम मे क्यूँ ख़ाताहै पर फिर उसे उसकी आदत (टी-शर्ट
उतारकर खाना खानेकी आदत)याद आ गई औरउसने अपने दिमाग़ से वो सवालझटक दिया.लेकिन आशना
ने एक और सवाल वीरेंदरसे कर दिया.
आशना:वीरेंदरजीबुरा मत मानीएगापर यहटी-शर्ट उतारकरखाना खाने की आदत कुछसमझ नही आई
और यह सवालपूछ करवो हँस दी.
वीरेंदर आशना के इस सवालसे झेंप गयाऔर हड़बड़ाते हुएजवाब दिया "अक्सर जब मैं घर होता था और
दोपहर का खानाखाने बैठताथा तो खाना खाते खाते मुझे बड़ीबेचैनी सी होती थी, मेरा शरीरएकदमपसीने से
नहाजाता, मेरा गला सूखने लगता तो फिर मैं अपनी कमीज़ या टी-शर्ट उतार फेंकता. बसअब आदत सी हो
गई है.जबभी परहोता हूँ तोदोपहर को खाना ऐसे ही ख़ाता हूँ.
आशना:क्या आज भीऐसा ही फील हो रहा है खाना खाते वक्त.
वीरेंदर: तुम तो पूरी जासूस की तरह पीछे पड़ गई हो. तुम्हे डॉक्टर. नहीं जासूस होना चाहिए.
आशना:वोहीसमझ लोपर अभीतकआपने मेरे सवाल काजवाबनहीं दिया.

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वीरेंदर कुछदेर उसकोदेखतारहा फिर बोला ऐसाकभी कभीही होताहै और फिरतो मुझे उसके कुछहोश
ही नहीं रहता. उसके बाद तो कई घंटो तक मैं सोयाही रहताहूँ.
आशना (चिंता भरे स्वर में): क्याअपने कभीडॉक्टर. से कन्सल्ट नहीं किया?
वीरेंदर: डॉक्टर. आंटी को एक बार मैने अपनीबेचैनीके बारे मे बताया तो उन्होने चेकपकियाऔर बताया कि
सब नॉर्मल है बस थकान से ऐसाहोता है.

आशना को कुछ गड़बड़ लगरही थी पर वोडॉक्टर. तो थीनहीं जो इस बीमारी का कारण जानसकती. उसने
खाना खाने के बादप्लेट्स संभाली और काका को आवाज़ लगा कर कहाकि बर्तन उठा कर सॉफकर दें.फिर
वीरेंदर अपने कमरे की तरफ चलपड़ा औरआशनाअपने कमरे में चली गई.
काफ़ी दिनो से थकि होने के कारणआशना को बेड पर लेटते हीगहरी नींदने अपने आगोश में ले लिया.आशना
की नींदखराब की उसके मोबाइलकी रिंगटोन नेज़रा-ज़रा टच मीटच मी टच मीओ ज़रा- ज़राकिसमी
किस मीकिसमी". आशनाने अलसाए हुए रज़ाई(क्विल्ट) से अपने चेहरे को कसके ढक लिया ताकि रिंगटोन
की आवाज़ उसके कानों तक ना मगरमोबाइल लगातारबजे जा रहा कुछ देरबाद झल्ला कर उसने फोन
उठायाऔर स्क्रीन परनंबर. देखने लगी. जैसे हीउसकी नज़र स्क्रीन पर पड़ी कॉलडिसकनेक्ट होगई.
आशना का मन आनंदित हो गया.आशना ने मोबाइलतकिये के पास रखा और सोने के लिए आँखें बंदही की थी
किएक बार फिर से मोबाइल बजने लगा.अब तक आशना की नींद टूट चुकीथी, उसने स्क्रीन परनंबर. देखा,
डॉक्टर.बीना का फोन था.फिर आशना ने घड़ी की तरफदेखा,बज चुके थे.आशनाने कॉल रिसीव
और बीनाने उसका औरवीरेंदरकाहालजानने के बाद फोनकाटदिया. उनकी बातचीत कुछज़्यादादेर
नहीं चली पर बीना ने उसे एक हिदायत देते हुए कहा कि जोभी करना है जल्द से जल्द और सोच समझ कर
करना. उसने इसबात पर खासज़ोरदिया कि वीरेंदरकोना पताचले किवो उसकी बेहन है क्यूंकी होसकता है
वीरेंदर ज़्यादा गुस्से में आ जाए औरउसकी सेहत पर इसकाउल्टा असरपड़े.
फोन अपनी पॅंट की पॉकेटमे रखने के बाद आशना ने अपनी न्यू जॅकेट जोकि लाइट ब्राउनकलर की थी उसे
पहन लिया.शामको काफ़ी ठंड हो गई थी. आशनाअपने कमरेसे बाहर नहीं निकली, वो अपने रूममे ही बैठ
कर टीवीदेखने लगी औरआगे क्या करना है वो सोचने लगी. करीबघंटे तक काफ़ी सोचने के बाद उसके सिर
में होने लगा. उसे समझ में नहीं आरहा थाकि वो अबक्या करे. कैसे वीरेंदरसे उनकी शादी की बात
करे और सबसे बड़ासवालकि शादीकरने के लिए लड़कीकहाँ से लाई जाए. अंत में आशना ने वीरेंदरकोही
कुरेदना ठीकसमझाऔर उसके कमरे में जाने कीसोची.
आशना टीवी ऑफ करके अपने कमरे से बाहर निकली ही थी के उसे बिहारी काका वीरेंदर के रूमसे खानेकी ट्रे
लिए निकलते हुए दिखे.
आशना:काकावीरेंदरने खानाखा लियाक्या?
काका:हां बिटिया, तुम्हारे लिए उपरही ले आउ. आज बहुत ठंडहै, अपने कमरे में ही खा लो.
आशना कुछ देरसोचतीरही फिर बोली ठीक है काका,आपखाने मेरे रूम में लगादें,मैं थोड़ी देर वीरेंदर के रूम
से आती हूँ,उन्हे दवाईखिला दूं.

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काका:ठीक है.
आशना आगे बढ़ी ही थी किउसकेपैर एक दम रुक गये,
उसके रुके कदमों को देख कर काका ने उसे सवालियानज़रो से देखते हुए इशारे से पूछा किक्याहुआ.
आशना:वो काका वीरेंदर जी पूरे कपड़े तो पहने हैं ना?
काका:हां तुमसुरक्षित हो जाओ.काका के इसजवाब से आशना शरमके मारे ज़मीन मे गढ़ी जा रहीथी.
उसके बाप समानएक आदमीउसे यह समझारहा था कि जिस आदमी के पासवो जा रहीहै वो उसे कुछ भी
नहीं करेगा.
काका:बिटिया,जबवीरेंदरबाबू काहो जाएतोहमारा भी एक काम करना.
आशना एकदम चौंकी काका की बात सुनकर.बिहारीने बहुत जल्दीबात संभालते हुएकहा किबिटिया मेरा
मतलब है कि जब वीरेंदर बाबू दवाइयाँ खा लें तो तुममेरे कमरे में नीचे आना,तुमसे कुछज़रूरी बातेंकरनी हैं.
आशना जल्दसे जल्द यहाँ से निकलनाचाहती थी उसने अपनीगर्दनहां में हिलाई औरवीरेंदर के रूमकी तरफ
चलदी.
बिहारी नीचे आ गयाऔर अपने मोबाइल कोऑन करके एक नंबर. डाइयल किया. कुछदेर बाद वहाँ से किसी ने
फोन उठाया. बिहारी धीमी आवाज़ में "चिड़िया के मन में आगडालरहा हूँ,अबआगे बोलो जब वो मेरे कमरे में
आएतो क्या करनाहै. कुछ देरबिहारीचुपचाप उसकीबात सुनता रहा और फिर बोला ऐसा ही होगा.फिर
बिहारी बोला:बहुत दिनहो गये हैं,अबतो दिनमें मिलना भी मुस्किल है जब तक इस के परना कट
जाएँ,अगरमूड है तोआज रात को आ जाओ नहीं तो मुझे आज फिर से हिलाकर हीसोना पड़ेगा.थोड़ी देर
सामने वाले की बात सुनकर बिहारी बोला:तो मैं क्या यहाँऐशकर रहा हूँ.पिछले 10 दिन तो खूबऐश की
दोनोने. कभी तुमयहाँ तो कभी मैं वहाँ.पर अब मेरा घर से निकलना ख़तरे से खालीनहीं होगा. चिड़िया चालाक
लगतीहै, थोड़ासाभी इधरउधरहुआ तो ख़तराहोगा, इसी लिएअबकुछदिन तो तुमकोही यहाँ पर आना
होगा.बिहारीने कुछदेर सुनने बाद सामने वालेकोबोला: मैं दरवाज़ादूँगा तुम सेधे मेरे कमरे में आ
जाना. वीरेंदर को तो नींदकी गोलियाँ दे चुकाहूँ दूध में. चिड़िया को भीदूध पिलाकर सुला दूँगा फिरजशन होगा.
तुम ठीक 12:00 बजेपहुँच जाना.इतनाकह कर उसने फोन काटा,उसे स्विचऑफकिया औरआशना के लिए
खाना लेने किचन में चला गया.
बिहारी काका पिछले 25 साल से शर्मा परिवार के घर पर नौकर था, काफ़ी ईमानदारऔर काम मे लगनहोने के
कारणउसके साथ शर्मा परिवार में एक फॅमिली मेंबर की तरह बिहेव किया जाता.वो कभीकिसी को कोई
शिकायत का मोका नहीं देता. दिखने मे कोई 45 का एक तगड़े शरीर का मालिक था.बचपन मे गाँव मे पला बढ़ा
होने के मेहनत उसके खून मे थी और वो थोड़ीमेहनत अपने शरीर पर भीकिया करता. इस उम्र मे भी
वोसुबह जल्दी उठ कर घर मे बनेपीछे जिम मे कुछ देरशरीर के लिए मेहनत करता औरकाफ़ी हेल्तीभी
ख़ाता.बस उसकी यही आदत केकारण वोआज भी किसी भी औरत या लड़की पे भारी पड़ता.उसने शादी नहीं
की क्यूंकी उसे शादी की ज़रूरत ही नहीं पड़ी,क्यूंकी जब तक शर्मा परिवार मे सबठीक था, वो घर की
नौकरानियों को खूब रगड़ता. फिर उसआक्सिडेंट के बाद वीरेंदर ने घर के सभी नौकर को घर से दूर
एक बस्ती मे बसा दिया जिससे बिहारी वीरेंदर से नफ़रत करने लगा था.उसने को बहुत समझायाकि कम
से एक नौकरानी को यहीं रहने देताकि वोघर के काम मे उसकी मददकरे पर कोई भी नौकरानी रुकने को

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तैयारनहीं हुई. उन्हे रहने के लिए बस्ती मे मकान, वीरेंदर से पगार और बिहारी से छुटकारा जो मिलरहा था.

बिहारी तो पहले, पूरा दिन भरसर्वेंट क्वॉर्टर्स मे ही रहता.कभी किसी को तो कभीकिसीनोकरानी
को अपने कमरे मे बुलाकरबहाल कर रहाहोता.वो घर मे सर्वेंट्स का हेड था तो किसी की हिम्मत नहीं
हुई उसकीशिकायत करने की.एक बारएक नोकरानी नेशिकायत करके उसे घर से निकालनेकीकोशिशभी की
परबिहारी ने उसके पति कोपैसे देके उसीनोकरानी को बदचलन साबित घर से धक्के देके निकलवा दिया
था.बाद मे पता लगाकि उसके पति ने भी उसे तलाक़ दे दिया था. इस डर से कोई भीउसके खिलाफ नहीं
बोलता.सारे नोकरोके जाने के बिहारीतो जैसे भूखे शेरकी हो गयाथा. वो रोज़ रात कोअपना पानी
निकालकर सो जाता पर इस से उसकी आगऔरभड़क रही थी.लेकिनजल्द ही उसकी ज़िंदगी मे एक ऐसी
औरत आई जोअपनी नज़रशर्मा परिवार की जायदादपर रखती थी. एक बार वोहवेली मेआई तो बिहारी से
उसकी मुलाकात हुई. उस औरत ने जल्दही बिहारीकीआँखों मे हवस देख ली औरउसे फसा
बस यहाँ से शुरू हुआ उनका वीरेंदर की जायदादको हथियाने काएक चक्रव्यूह. वो भीबिहारी जैसा
दमदारमर्द पाकर खुशथी. दोनोअक्सर घर पर मिलने लगे जब वीरेंदर ऑफीस होता और धीरे धीरे उन्होने
वीरेंदर की जायदाद हड़पने के प्लान पर अमल करना शुरू कर दिया. लेकिन आशना के यूँ जाने से
उन्हे अपना प्लान असफल होतानज़र आ रहाथा क्यूंकी वीरेंदर की वसीयत के मुताभिक अगरघर
वापिसलौट आती है तो 50% शेर उसकाहोगा औरअगर वो लौट ना आए तोसारा शेयर वीरेंदर की वाइफ
और बच्चों को जाएगा (यह वसीयत वीरेंदर नेअपने परिवार की मौत के बाद बनवा ली थी और तब तक
उसे यही लगताथाकि रूपालीउससे शादी करेगी). वसीयत मे एक यहक्लॉज़ भीथाकिअगर किसी कारण
वीरेंदर की मौत आशना के लौटने से पहले यावीरेंदरकीशादी होने से पहले हो जाती है तो सारी ज़ायदाद एक
ट्रस्टको सौंप जाएगी.
आशना के आ जाने से बिहारी और उस औरत की एक मुश्किल बढ़ गई थी औरएक आसानी भी हो गई थी.
मुश्किल यह थी कि अगरआशनावीरेंदरके सामने उसकी बेहन बनकर जाएगी तो 50% शेयरउसका हो जाएगा
और तबउनका सारी जायदादपर हाथ सॉफ करने का सपनाअधूरारह जाएगा आसानीयह हो गई कि
आशना वीरेंदर के सामनेउसकी बेहनबनकर नहीं जानाचाहती थी (जीहां, ठीक अपने, बिहारी जानता है
किआशना वीरेंदर की बेहन है.वो यह सबकैसे जानताहै उसके लिए पढ़ते रहिए), जिस कारण उनके दिमाग़ में
एक नया प्लान बना.वीरेंदरजैसे चालाक और समझदार आदमी को तो अपने बसमे करना उनके लिए
नामुमकिन था पर आशना को इस झूठ के ज़रिएवो ब्लॅकमेल कर सकते थे.तोउनदोनो ने प्लान किया कि
किसी तरहआशनावीरेंदरकीसेक्षुयलनीड्सको पूरा करे यावो ऐसे हालत पैदा करेंकि आशना मजबूर हो जाए
अपने भैयाकाबिस्तर गरम करने के लिए तो फिर वो वीरेंदर का काम तमामकरके आशना को वीरेंदर की बीवी
साबित करके उससे वसीयत बदलवा सकते हैं.इससे दो फ़ायदे होंगे,एक तो यह आशना कभीअपना मूह नहीं
खोल पाएगी और दूसरा यह कि अगरआशनाना होती तो उन्हे किसी औरलड़की की मददलेनीपड़ती जो कि
ख़तरनाक भी साबित हो सकता था.
तो यहथाउनका नयाप्लान, जो उन्होने आशना के आने के बाद बनाया,उनकापहले का प्लान भी काफ़ी
ख़तरनाक और दमदारथा. वीरेंदर के खाने में वो कभी कभीकुछ अफ़रोडियासिक का एक मिश्रण मिला दिया
करते थे जिससे वीरेंदर की सेक्स करने की इच्छा भड़क उठे और वोफ्रस्टेट होके किसी भी औरत यालड़की को

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अपनाशिकार बना डाले. इस से यह होता कि सेक्षुयलअसॉल्ट के जुर्म में वीरेंदर जैलजाता और यह दोनो
पीछे से सारा माल सॉफ कर जाते मगरइसमें किस्मत उनका साथ नहीं दे रही थी क्यूंकी वीरेंदर ऑफीस सेघर
और घर से ऑफीसबस इन्ही दो जगहजाताथा और दोनो ही जगह कोई भी लड़कीकामनहीं करती थी.बिहारी
ने कई बार वीरेंदर को किसी औरत या लड़कीकोनौकरानी रखने के लिया मनाना चाहा परवीरेंदरने हर बार
मना कर दिया. वीरेंदर अपनी सेक्षुयलज़रूरतें खुदभी पूरी करने में असमर्थ था,शुरू शुरू में एक बारउसने
काफ़ी एग्ज़ाइटेड होकरअपने लिंग को हाथोसे ठंडा करने कीकोशिशभी की परउसके लिंग बरकरार
होने से यहउसके लिए काफ़ी कष्टदायक रहा. उसके बाद तो वीरेंदर ने तोबा कर ली थी. जिसभी दिनबिहारी
काका को उसदवाई की डोज दे देते, वोकाफ़ी उत्तेजित रहता औरयही वजह है किकई बार उसे दोपहर का
खाना खाते खाते एकदम बैचनी लगतीऔर वोअपने कपड़े उतारफैंकता.बिहारीकाकाअक्सर उसे 10-15
दिन बाद एक डोजदोपहर के खाने में दे देते जबभी कभी वीरेंदर घर पर लंचकरता. उन्होने दोपहर ही
वक्त इसलिए चुनाथाकिजब डेढ़ दो घंटे बाद इसका असर बिल्कुल ज़्यादा हो तो उस वक्त वीरेंदर के बाहर
जाकर कोई ग़लती करने के चान्ससज़्यादारहते परवीरेंदरपर तो रूपाली का धोखा इसकदर हावी हो चुका था
के वो घंटोअपने कमरे में हीखोया खोया बैठा रहताऔर अपनीउत्तेजनाकोदबाने की कोशिश करता रहता.इसी
फ्रस्टेशन के चलते हीकुछ दिनपहले उसे एक माइनर साअटॅक आयाथाजिस कारण वोहॉस्पिटल पहुँचा.
दवाइयों के सहारे कुछ दिन तक तो उसे ठीकरखा जा सकता थापर अब यह सिचुयेशन उसके लिए काफ़ी
ख़तरनाक साबित होरही थी.बिहारीजानता था अगर इससे पहले कुछ ना किया तो वीरेंदर की वसीयत के
मुताबिकउसकासारा पैसा एकट्रस्ट में चला जाएगा जिसे वोहरगिज़ मंजूरनहीं करता. उसीचालके सिलसिले
में आशना को उसने अपने कमरे में बात करने के लिएबुलाया था.
आशना को वीरेंदर के कमरेसे अपने कमरे मे आए हुएएक घंटे के करीब होगया था.बिहारी सोच रहाथा कि
अब तक आशना ने खाना खालिया होगा.बिहारीअपने कमरे के परखड़ा होकर उपर की तरफ ही देख
रहाथा किउसे आशनाके रूमका दरवाज़ा खुलने का आभासहुआ, वोफॉरन अपने में घुसगयाऔर
दरवाज़ाधीरे से बंद कर दिया. करीबपाँच मिनिट तकवेट करने के बाद भी जब आशना उसकेमे नहीं आई
तो उसेहैरानीऔर परेशानी दोनोहोने लगी. अब तोबिहारी को डर भीलगने लगाथाक्यूंकी 11 वाले थे
और करीब 12 बजे उसऔरत ने भीआना था.
बिहारी अजीब की कशमकशमें थाकिउसका दरवाज़ा धीरे से नॉकहुआ. बिहारी एक दमअपनी जगह से उठा
और दरवाज़ा खोल दियाजोकि पहले से ही थोड़ाखुला था.
बिहारी: नॉक करके क्यूँ शर्मिंदा करती होबिटिया यह तुम्हारा हीकमरा,मेरा मतलब घरहै जब चाहे किसी भी
कमरे में आ-जा सकती हो.आशना को झटका लगा जबबिहारी ने उसे कहा कियह उसका ही है.बिहारी को
भी अपनी ग़लती का एहसास हो चुका था.उसने जल्दीसे बात बदलते कहा कि दिनो तकतक
मालिक ठीक नहीं हो जाते तब तक तो तुम यहीं पर रुकेगी तो तब यहघर उसीकाहुआ ना.बिहारीने बड़ी
चालाकी से अपनी बात पलट दी थी.
अंदर आते ही आशनाकीनज़र बिहारीके कमरे परपड़ी,बड़ाही सॉफ सुथरा घर के बाकी कमरोकीतरह
काफ़ी आकर्षककमरा था.सुख-सुविधाओसे सुसज्जित कमरे मे हरएक वस्तु मौजूद थी.हर एक चीज़ जो
इंसान की ज़रूरत होती है वोसबउस कमरेमे मौजूदथीजोकि बिहारीकारुतबाघरमे बयान कर रही थी.
आशना हैरान थी कि एक नौकर का कमरा भी इतनासुंदर होसकता है.खैर वीरेंदर को इसका होशही कहाँ था
किघर मे क्याहो रहाहै, उसे तो बस कामऔरसिर्फ़ कामसे मतलब था.

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बिहारी: बैठो बिटियामैं तुम्हारे लिएपानी लाता हूँ.
आशना:नहीं काका अभी पीकरही आई हूँ.
बिहारी: बहुत लेट हो गई तुम, मुझे लगा शायद सो गई होगी.मैं भी सोने ही वालाथा कितुम आ गई.
आशना:नहीं काका वो डॉक्टर.बीना का फोन आया था, वीरेंदर के ट्रीटमेंटके बारे मे समझा रहीथी..आशना ने
बड़ी सफाईसे झूठ बोलदिया जबकिवो यहीसोचे जा रही थी कि बिहारी काका ने उसे अपनेकमरे मे क्यूँ
बुलायाहै.
बिहारी: कोई बात नहीं, बैठो.
आशना बेड के पास लगे सोफे पर बैठ गई.उसके आगे मेज़ पर एक शराब की बोतल खाली ग्लासरखाथा.
शराब काफ़ीमहँगी लगतीथी और ग्लासमें कुछशराबहोनेके कारण आशना समझ चुकी थी किकाका
पीरहे थे. आशना बड़ा अनकंफर्टबल फीलकर रही थी काका के आगे.वो डररही थी कि अगरकाकाने कोई
ग़लत हरकत की तोवो कैसे अपने आप को सच्चा साबित करपाएगीक्यूंकीवीरेंदरतो उससे यही पूछेगा इतनी
रात कोआशनाउसके कमरे मे क्या कर रही थी.
बिहारी: वो माफ़ करना बिटियाकभी कभी पी लेता हूँ जबबहुत ज़्यादा खुश होता हूँया बहुतज़्यादा उदास. आज
तो मेरी लिएखुशी का दिन है, मालिक ठीक होकरघर परआ चुके हैं.
आशना:कोई बात नहीं काका.
बिहारी उसके लेफ्ट साइड परआके सोफे के साथ लगे बेडपर बैठगया. आशना ने वोहीदोपहरवाली पिंक टी-
शर्टपहनीथीऔर जॅकेट वो उपरही भूल आई थी.बिहारीउसके लेफ्ट साइड परबैठा था जिससे बिहारीकी
नज़र आशना के क्लीवेज परपड़ी जो कि आशना के बैठने से बाहर की तरफ उभर आई थी. आशना ने झट से
काका की नज़रें पढ़ ली पर वोइसीवक्त कुछ रियेक्शनकरती तो उसे खुद भी ज़िल्लत उठानी पड़तीऔर काका
भी झेन्प जाते.
आशना:बोलिएकाका, क्या कम था आपकोमुझसे.
बिहारी उसकी आवाज़ सुनकरएक दम अपनाध्यान आशनाके बूब्स से हटाताहै और बोलता है.
बिहारी: अब तुम्हें ही कुछ करना होगा मालिकके लिए.
आशना:मैं समझी नहीं.
बिहारी: देखो मैं ज़्यादा पढ़ा लिखा तो नहीं पर जितना डॉक्टर.ने मुझे बतायाउससे मैं यह अंदाज़ा तो लगा ही
सकताहूँ कि वीरेंदर बाबू को कोई बीमारी नहीं है. बसउनकी कुछ ज़रूरतें हैं जो पूरी नहीहो रही.
आशना ने सिर झुका कर कहा: लेकिनकाकामैं इस बारे मे उनकी क्यामदद करसकती हूँ.
बिहारी: देखो आशना, इतनीनासमझ तो तुम हो नहीं किमेरी बात का मतलब नासमझो परखैर कोई बात नहीं
मैं समझाताहूँ. आशना एक दम हैरान होकर बिहारी काका की तरफ देखने लगीक्यूंकी दिन भर बिटिया-
बिटियाबुलाने वाले काका एकदम उसका नामलेकर बात कररहे थे.

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आशना डरके मारे काँपने लगी. बिहारी उसकी हालत समझते हुए डरो नहीं, मैं तुमसे कोई भीकाम
ज़बरदस्ती नहीं करवाउंगा परअगर तुम वीरेंदर बाबू को पूरीतरह ठीक करनेमे मेरी मदद करो तोमैं वादा
करता हूँ कि तुम्हें ज़िंदगी भर काम करने की ज़रूरत हीनहीं रहेगी. आशना मूह फाडे बिहारी की बातेंसुन रही
थी,उसके गले से शब्द हीनही निकलपा रहे थे.वो काका की बातों का मतलबभली भाँतिसमझ रही थी.
उसके दिल के किसी कोने में यह ख़यालतो कुछ दिनों से घरकरही गया था वोइसे नकार रहीथी, आख़िर
वीरेंदर भाई था उसका.पता नहीं काका क्या क्याबोले जा रहे थे पर उनकी आख़िरी बात ने उसे चौंका
"आशना अगर तुमने मेरीबात मान ली तो मैं वादाकरताहूँ किवीरेंदर बाबू तुम्हे अपनाएया नाअपनाएपर मैं
तुम्हें समाज मे इज़्ज़त दिलवाउन्गा और ज़रूरत पड़ने पर तुम्हारे को मैं अपना नामदेने को तैयार हूँ.
आशना का पहले तोमन किया किखैंच के एक ज़ोरदार थप्पड़ बिहारीके गाल पर मारे पर उसने अपने आपको
रोकलिया, क्यूंकी अगर बात बिगड़ गई तोफिर आशना को अपनी सफाई देनी मुश्किल हो जाएगीकि वोइतनी
रात कोबिहारी के कमरे में बिहारी काका से साथ क्याकररही थीजबकि बिहारी इस समय शराब पी कर धुत
था.
बिहारी अपनीीबात बोलकरचुपहो गयाऔर आशना की तरफ देखने लगा. आशना की साँसे तेज़ चल रही थी
जिससे उसके उन्नत वक्ष उसकीटी-शर्टमे हिलरहेथे.बिहारीबड़े ही ध्यान से उन्हे एकटक देखे जा रहा था.
आशना ज़्यादा देर तक वहाँ बैठ ना सकीक्यूंकीअबउसे बिहारी काका की हवसभरी नज़रोमे उतावलापन नज़र
आ रहा था.वो उठकर जैसे हीजाने को हुई.बिहारी बोला: कोई जल्दीनहीं है, तुम सोच समझ कर फ़ैसले लो.
लेकिन इतनायाद रखना कितुम्हे मालामाल करदेंगे औरतुम्हे अपनाने के लिए मैं तो हूँ ही ना अगर वीरेंदर
बाबू ने तुम्हे बादमे ठुकरा भी दियातो. एक एक शब्दआशनाकीआत्मा को छल्नि कररहा था.आशना दौड़
कर सीडीयाँ चढ़ने लगी तो बिहारी ने आवाज़ लगाकरकहाकि उपर आपके रूम मे दूध भी है.अगर पिया
नहीं तो अब पीकर सोजाना,नींद अच्छीआ जाएगी.आशना ने कोई जवाब नहीं दियाऔर भागकर अपने कमरे
मे और अंदर आते ही आशनाधडामसे बेड पर पेट के बल गिरीऔर सिसकउठी.
यह उसके साथ क्या हो रहाहै. क्यूँ वो इस जगह आई, वोतोबहुत खुश थी अपनीउस छोटी सी दुनिया मे.
वहाँ उसे कोई पाबंदी नहीं थी,वो वहाँ परएक आज़ाद ज़िंदगी जी रहीथीमगर यहाँ आते ही उसकी ज़िंदगी ने
एक अलगा ही रुख़ ले लिया था.पहले उसे अपने ही भाई के घर मे झूठ बोलकर घुसना पड़ा और फिर अब वो

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अपनीनौकरी भी छोड़चुकी थी. हालाँकि आशनाकेलिए नयीनौकरी ढूँढनाकोई बड़ामुश्किलकाम नहीं था.
अभीभी एक एरलाइन्स का ऑफर उसके पास थामगर वो यहाँसे जा भी तो नहीं सकती थी वीरेंदर को इस
हालत मे छोड़कर. वोयह भी जानती थी कि यहाँ रुकना भी उसके लिए ठीकनहीं रहेगा.आख़िर वो कबतक
वीरेंदर से सच छुपाकर रखेगी.उसे वीरेंदर से सच बोलने मे भीअबकोई प्राब्लम थी पर वोपरेशान थी तो
बिहारी की बातों से.कैसे उसइंसान ने सॉफ शब्दों मे आशना को समझा दिया किउसे वीरेंदर की रखैलबनकर
इस घर में रहनापड़ेगा और अगर वीरेंदर नेआशनासे बेवफ़ाई की औरइससौदे मे वो प्रेग्नेंटहो गई तो
बिहारी उससे शादी करके उसके बच्चों कोअपना नाम दे देगा आशना काफ़ी देर तक सोचती रहीऔर घुट घुट
कर रोतीरही.फिर उसे नीचे मैन दरवाज़ाखुलने की आवाज़ आई.आशना ने सोचा बुड्ढ़ाशराब पीकरकहीं जा
रहाहोगा.आशनाजोकि बिहारी की इज़्ज़तकरतीथी उसकी इस हरकत से बिहारी उसकीनज़रो से गिर चुका
था.वो जानचुकी थीबिहारी की गंदी नज़रउसके जिस्म परहै. उसने बिहारी मे हवसके लाल डोरे
तैरते देखे थे जब वोउससे बात कर रहाथा. आशनामन मैं सोचने लगी कि हवस इंसान को कितनाअँधाबना
देती है.वो इंसान यह भीनही सोचता किसामने उसकी बेटी है या बेटी जैसी कोईऔर.
काफ़ी देर यूँही अपना मन हल्का करने के बाद आशनाउठीऔर मूह धोने के लिए बातरूम मे चली गई. वॉशरूम
मे धोते हुएउसकी नज़र अपने चेहरे परपड़ी.उसनेअपने आपको से देखाऔर सोचने लगीक्या
मैं खूबसूरत हूँ कि एक बूढ़ा इंसान भी मेरी तरफ आकर्षित होसकता है.ऐसा सोचतेसोचते आशना रूममे
आई औरशीशे के सामने खड़ी होकर अपने आप को देखने लगी. अपने जिस्म को प्यासीनज़रो से देखते हुए
उसके गाल लाल होने लगे और उसकीसाँसे भारी होने लगी.आज कितने दिनहो गये थे उसे अपने आप से प्यार
किएहुए.यह सोचते ही आशना के शरीर मे एक बिजलीकीलहर सी दौड़ गई औरअनायासही उसके हाथ
अपनीटी-शर्ट के सिरो को पकड़ कर उपरउठाते चले गये.
आशना ने टी-शर्टसिरसे निकाल करउसे एक तरफ़ उछालदिया और अपनीपॅंट के बटन खोलने लगी.
आशना का दिल काफ़ी ज़ोरों से धड़क रहाथा, उसने पॅंट भी टी-शर्ट केपास उछाल दी और टेबलपररखे दूध
को एक हीघूँट मे पीकर रज़ाई मे घुस गई.आशना ने जैसे ही आँखे बंदकी उसके अपने आपही उसके
अन्छुए कुंवारे बदन पर हर जगह छाप छोड़ने लगे.आशनाकीएग्ज़ाइट्मेंट बढ़ती ही जा रहीथी. अपने ब्रा कप
अपने बूब्स से हटा कर उसने अपने गुलाबीनिपल्स को अपनीउंगलियोमे कसलिया जिससे वो और भी तन
कर खड़े होगये जैसे चीख चीख कर बोल रहे हों कि आओ और घोंट दोहमारा गला. जैसे हीआशना ने निपल्स
परअपनी गिरफ़्त बढ़ाई उसके गलेसे एक आहनिकली जो किएक घुटि चीख का रूपलेकर उसके होंठों तक आ
पहुँची. आशना बहुत ही ज़्यादाएग्ज़ाइटेड हो चुकी थी.वो सेक्सके नशे मे अपने बूब्स को लगातार मरोड़ रही
थी.आशना ने हाथपीछे लेजाते हुएअपने ब्रा के हुक्सखोलदिएऔर ब्रा को अपने कंधे से निकालकर एक
ओर उछाल दिया. अब आशना केवल एक पैंटीमे रज़ाईके अंदर रहगई थी. आशना ने पैर पंजोपर वेट
डाल कर अपनीआसको हवा मे उठाया औरधीरे धीरे से अपनीपैंटी भी उतार दी. जैसे जैसे पैंटी उसके बदन का
साथ छोड़ रहीथीआशना की साँसें तेज़ होने लगी.पैंटी को एक साइड पर फैंकते ही उसने अपनी दोनोटाँगे ज़ोरे
से ली जैसे कोईउसकी इस हरकत कोदेख रहा हो.वोइसवक्त ऐसामहसूसकर रही थी कि इस कमरे
मे नहींकोई और भी उसके साथ है. इस सोच ने उसे औरभी रोमांचित कर दिया. उसकाचेहरा एकदम
आग उगल रहाथाऔर निपल्सतनकरडाइमंड की तरह हार्ड हो गये थे.आशना जानती थीकि अब वोनहीं
रुक पाएगी. धीरे धीरे आशना के थाइसका फासला बढ़ता गया और वक्त ऐसा आयाकि आशना की दोनो
टाँगो के बीच काफ़ी जगह बनगई. आशना ने अपने बाएँ हाथ की छोटी उंगलीअपनी पुसीकीदर्रार मे चलानी
शुरू कर दी. लेकिन उसकीपुसी के बाल उसे पूरी तरह उलझाए हुएथे. धीरे धीरे उसनेबालों को एक साइड करके

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अपनीउंगली के लिए जगह बनाई और जैसे ही उसने दरार मे उंगली उतारनेकी वोदर्दसे कराह
उठी. एग्ज़ाइट्मेंट मे उसने उंगली ज़्यादाअंदर घुसा दी थी. आशना नेफॉरन उंगली बाहर निकाली और उंगली
की तरफ देखने लगी. आशना मन मेसोचते हुए: यह छोटी सी उंगलीअंदर घुसने मे इतनीतकलीफ़ करती है तो
तब क्याहोगा जब इस मे कोई अपना पेनिसडालेगा. यह ख़याल आते ही उसे वीरेंदरकीयाद आ गई. आजतक
आशना ने सिर्फ़ अपने आपकोही प्यार किया था पर आज उसे एक दम वीरेंदर की याद आ जाने से उसके तन
बदन मे आग बढ़ने लगी. आशना ने लाख कोशिश की किवो वीरेंदरके मे ना सोचे परइसवक्तदिल-
दिमाग़ पर हावीहो रहाथा. वीरेंदर का ख़यालआते हीउसकी हथेली अपनी पुसीपर चलने लगी. जैसे हीआशना
ने अपनी आँखें बंदकी उसे वीरेंदरकाचेहरा दिखाई दियाऔर बस इतनाकाफ़ीथा उसे उसके अंजाम तक
पहुँचाने के लिए.उसकी आस हवा मे 5-6 बारउठीऔर फिरधीरे धीरे उसकाशरीर ठंडा पड़ने लगा. जैसे ही
आख़िरी धारउसकी पुसी ने छोड़ी आशना की आँखों के आगे बिहारी का चेहरागया. आशना ने डर कर
एकदम आँखे खोल दी. धीरे धीरे उसने अपनी सांसोपर काबू पाया और फिरअच्छे से रज़ाई लेकरनींद की
आगोश मे चली गई.
अपने ही घर मे आशना का अपने साथ यह पहला प्यार था.वो जानतीथी किऐसे कई दिन आएँगे जब उसे
अपनासहारा बनना पड़ेगा क्यूंकी आशना जब भी फ्री होती उसे मास्टरबेशन करने का मन करता. उसे देख कर
कोई सोच भीनहीं सकता था किइतनी भोलीभली सीदिखने वालीलड़की सेक्समे इतना इंटेरेस्ट रखती होगी.

चलिए दोस्तो इस पॉइंटको भी देख लेतेहैं
पहला तोयह किजब आशनाने रात को मैन दरवाज़े केखुलने की आवाज़ सुनी तो उसवक्त वो औरत दबे पाँव
बिहारी के रूममे घुस गई. उसऔरत केरूममे घुसते ही बिहारी ने जल्दी से कमरे का दरवाज़ा बंदकिया और
फिरटूट पड़ा उसऔरत पर.बिहारी केवलएक अंडरवेर मे बैठ कर शराब पी रहाथा और शराबके मे चूर
था.उसका लिंग तो आशना के झूलते हुए वक्षों कोदेखकरही अकड़ने लग गयाथा.जब उस औरत ने कमरे में
कदमरखाथातो बिहारी दरवाज़े की तरफलपका औरजैसे ही दरवाज़ा बंद हुआउस औरत को अपनी गोद मे
उठा कर नरममुलायमबेडपर पटक दिया. दिखने मे वो औरत ज़्यादाउम्र की नहीं थी. कोई 36-37 सालकी
उम्रकीवो औरत दिखने मे एक अच्छे घरसे लगतीथी. उसके ड्रेसिंग स्टाइल से यही लगता थाकि वोकाफ़ी
मॉडर्नफॅमिली से बिलॉंग करती होगी. उसऔरत ने बिहारी को रोकते हुआ कहा पहले काम कर लें
मेरे राजा.
फ्रेंड्स यहाँ से आगे मैं कुछ ऐसे वर्ड्स यूज़ करने जा रही हूँ जो मेरे नेचर मे तो नहीं पर कहानी को देखते हुए
या टेस्ट को ध्यानमे रखते हुएउन्हे यूज़ करनापड़ेगा. शायद इसके द्वारामैं आपसबकोबिहारी और
उसऔरत कीमानसिक स्तिथि के अवगत करवा सकूँ और आपअपने मन मे उनकीएक छविबनाने मे
कामयाबहो सकें.
बिहारी: वो बातें भी होती रहेंगी,पहले इसे तोसंभाल,यह कहते हीउसने अपना अंडरवेरउतार फैंकाऔर उस
औरत के मूह परदे मारा.

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बिहारी: देख सालीपिछले दो दिन से तेरे नामकी मूठ मारमारकरयह अंडरवेर भीभरदिया पर तुझे इस
दया नहीं आई.
उसऔरत ने मुस्कुराते हुएकहा: तुम्हे देख कर लगता है कि तुम्हारा हमेशा खड़ा ही रहता है और यह कहकर
बिहारी के आधे खड़े लंडकोपकड़ कर कहने लगी, देखो तो क्याहाल रखा है तुमने इसका. बिहारीने एक
गरमसांस छोड़ी औरउसकी ओर एक कदम बढ़ाया. एक कदमआगे आने से उसका लंड उसऔरत के मूह से
थोड़ाही दूर रह गया. बिहारी अपनाहाथ उसके सिर पर रखते हुएउसके मूह को अपने लंड पासखींचने की
कोशिस करने लगा.उसऔरत ने कामुक नज़रों से बिहारी को देखा और फिर नज़रें उसके लंड पररखकर अपने
होंठों पर जीभ फेरने लगी.
बिहारी: ले खा जा साली, पूरा खा ले.
इतनासुनते ही उसऔरत ने अपनामूह खोला औरगप्प से उसका लंड अपने मूह मे ले लिया.बिहारीखड़े खड़े
ही काँपगया.उसका लंडउस औरत के मूह मे अपनी औकात दिखाने लगा और कुछहीसेकेंड्स मे वो अपनी पूरी
औकात मे आ गया.उस औरत को लंड मूह मे रखने मे काफ़ी कठिनाई होरही थी. 4" मूह के अंदर और करीब
2-2.5" बाहर रखते हुए वोअपना मूह आगे पीछे करने लगी.बिहारी तोजैसे सातवें आसमानमे उड़ रहा था.
उसने आगे झुक कर उस औरत की कमीज़ मे हाथ डाल कर उसकी 36" तनी हुई चूचियाँ कस करपकड़ ली. उस
औरत ने भीपैंतरा बदला और उसके टॅट्टोकोहाथो से मरोड़ने लगी.
बिहारी: धीरे से साली,
उसऔरत ने लंड मूह से बाहर निकालते हुएकहा: इतने से हीडर गये क्या.फोन परतो बड़ीबातें छोड़ रहा था.
बिहारी: फोनपर बातें छोड़ रहाथासाली अबतुझे चोदुन्गाफिर देखता हूँ तेरा दम. यह कह कर उसने उस औरत
को बेड से उठायाऔर उसकी कमीज़ कासिरा पकड़ कर उसे उतार दिया. कमीज़ के बाद उसने उसऔरत को
बाहों मे भर कर उसकेब्रा स्ट्रॅप्स को नीचे सरका दिया.कुछ पलों के लिए वो औरत थोड़ी कसमसाई और फिर
अपने आप को ढीला छोड़ दिया. बिहारी ने धीरे धीरे स्ट्रॅप्स पर दबाव बनाते हुए उसकीसफेद ब्राउसकी कमर
तक पहुँचा दी और उसके नंगे सीने मे उस औरत की चुचियों के नुकेले निपल्स धँस गये. बिहारी ने उसे और कस
कर पकड़ लिया और उस औरत ने भी अपनी बाहों की गिरफात में उसे बाँध लिया.बिहारी ने पीछे से उसकी 38"
गान्ड पर अपने हाथ रख लिए और उसे अपनी तरफ दबानेलगा. जिससे उसका 8" का लोड्ा उस औरत की चूत
परअपनी दस्तकदेने लगा. वो औरत पूरी तरहसे गीली हो गई थी.उसकी चूत से रसटपक कर उसकी पैंटी
पूरी भिगो चुका था. बिहारी नेउसे एकदमपलटा दिया औरउसकी पीठ चिपक गया. उसने अपने होंठ उस
औरत के कानके पिछलेहिस्से पर रखे तो वो औरत औरसिहर गई. उसकीआँखें बंद होगई थीऔर होंठों पर
एक हल्की सीमुस्कान तैर रही थी.बिहारी ने उसकी सलवार का नाडा खोल करढीला किया तो उसकी सलवार
एक दम उसके पैरो में गिर पड़ी. उस औरत ने एककदम आगे बढ़ाया और सलवार को पैरों से आज़ाद कर के
वोबेड की तरफ चल दी. अब वोसिर्फ़ एक लसेदर पैंटीमे रह गई औरउसकी ब्रा उसकी कमर मे झूल रही
थी.बिहारी ने उसे पीछे से पकड़ा घुमा कर बाहों मे उठालिया.बिहारी की ताक़त का अंदाज़ा इस से ही लग
जाता है कि कैसे उसनेएक औरत को अपनी बाहों मे उठा रखा था. बेड तक लेजाने मे उसे थोड़ी भी दिक्कत
ना और फिरउसने उसे बेड परपटक दिया.वो औरत तो बस किसी दासी की तरह उसकी हर हर्केत
बर्दाश्त कर रहीथी. बिहारी ने बेड के किनारे परखींच कर उसकी टाँगे घुटनोसे मोड़ दी और खुद उसकी
टाँगो के बीच मूह रखकर फरश पर बैठ गया.

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बिहारी ने उसकी चूत की खुसबु की एकलंबीसांस लीऔर फिरधीरे से उसकी सफेद पैंटी को उसकीचूत के एक
साइड परकरदिया. एक बार के लिए तो वो औरत थोड़ा चिहुनकिपरफिर शांत पड़ गई.उसे आने वाले क्षण
का इंतज़ार था. बिहारी को चूत चूसनासबसे ज़्यादापसंद था.उसका बस चले तोवो पूरी रात चूत ही चूस्ता रहे.
तभीउसऔरतके हलक से एकछोटीसी चीख निकली जब उसे महसूसहुआ कि बिहारी अपने होंठ उसकी
तपतीहुई चूत पर रख दिए हैं. बिहारी पहले तो होंठों से उसकीचूत रहाऔर वो औरत अपनी सिसकारिओ
को रोकने कीनाकाम कोशिशकरती रही. काफ़ीदेरतक चूत चूसने के बाद वोऔरत बोली " 69 मे आओ".
बिहारी उसकी बात सुनकरज़मीन से उठा और अपने कपबोर्ड से वीडियो कॅमरा लेकर सर के पीछे आ
गया.वो औरत भीसीधा हुई और अपनी टांगे खोलकर घुटनो से मोड़ ली.बिहारी बिल्कुलउसके सिर से पीछे
खड़ा था. उसऔरत ने अपने शरीरकोथोड़ा पीछे खिसकाया औरअपना मूह उसकी टाँगो मे फसा दिया.उस
औरत ने झट से अपनामूह खोलाऔर बिहारीकेटॅट्टो को अपने मूह मे ले लिया. बिहारी इस के तैयार
नहीथा वोतोवीडियोकॅमरा की सेट्टिंग मे लगाथा.
कॅमरा अड्जस्ट करने के बादबिहारी ने उसे टेबलपर बेड कीतरफ ज़ूम करके रखा औरबेड के पास आकर
बिहारी ने अपने दोनो पैरउसके कंधोकेइर्द गिर्द रखे औरअपने शरीर को झुकाने लगा.अपने लोड् को ठीक
उसके होंठों पर रखकरउसने अपना मूह उसकी चूत की तरफ बढ़ा दिया. बिहारी का लोड्ा अपने मूहमे लेते ही वो
औरत किसी कुतिया की तरह उस परबुरीतरह से टूट पड़ी. बिहारी ने भी अपनी जीभनिकाल करउसकी चूत पर
हमलाशुरू कर दिया. काफ़ीदेरतकएक दूसरे को चूसने के बाद बिहारी बोला.क्या लगती हो चूत पर आज भी
वैसे की वैसे ही टाइट माल है साली.
उसऔरत ने मूह से लंड निकालते हुएकहा किमेरी चूत टाइट नहीं है यह तो तुम्हारा लोड्ा ही इतना बड़ा और
मोटा है किहरबार ऐसालगता है कि मैं पहली बार चुद रहीहूँ. बिहारी काफ़ी देर उसे इसमुद्रा मेचूस्ता रहा.
उसके लंड मे उबालआने लगा तो वो उसके उपर से हट गया और उठाकर सोफे साइड्स पर उसके
घुटने रखकरउसे उल्टा बिठा दिया.बिहारी ने पलटकर अपने चेहरे को उसकी गान्ड के नीचे रखाऔर उसकी
बड़ी गान्ड का सहारालेकर सोफे से अपनी पीठ कीटेक लगा लीजिससे उसका चेहरा सीधाउस औरत की चूत
तक पहुँच गया.वो औरत तो बिहारी के इसआसन से निढालहो और लगातार अपनी चूत उसके होंठों पर
रगड़ने लगी.
करीबपाँच मिनिट तकऐसे ही उसकी चूत चूसने के बाद जब वोऔरत और बर्दाश्त ना कर सकीतो वो वहाँ से
उठ खड़ी होगई.बिहारीभीमन मार कर उठ गया.चूत चुसाइसे उसका मन कभीभरताही नहीं. उसऔरत ने
बिहारी का लंडपकड़ा औरउसे बेड की तरफले गई. बेडके पास उसे लेजाकरउसे पीठके बललिटा दिया और
अपने होंठों परजीब फिरने लगी.फिर उसने भीबेड पर अपने लिएजगह बनाई और बिहारीके लंड को चूसना
शुरू कर दिया. बिहारी की आँखें बंद होने लगी.उसका लंड काफ़ी सख़्त हो गया और नसें भी उभरआई.
चूत चुसाइ से वो औरत तो पहले से ही बहाल थी. बिहारी भी अब और तड़पेने के मूड मे नहीं था.उसने बालोसे
पकड़ कर उसे अपने उपर खींच लिया औरउस औरत ने अपने नाज़ुक हाथोसे रास्ता दिखाते हुए उसका लंड
अपनीचूत मे प्रवेश करवाना शुरू किया.लंड कोअंदर लेते ही उस ने ज़ोरदार तरीके सेउसकी सवारी
करनीशुरू कर दी पर बिहारीजैसे चूत के रसिया पर इसका कोई असरना हुआ.
करीबमिनिट की ज़ोरदार चुदाईके बाद वो औरत थकने लगी तो बोली,"मुझे अपने नीचे लो मैं थकगई हूँ".

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इतनासुनकर बिहारी उपरसे हटा औरउसकी टाँगों मे आकरअपनी पोज़िशन ले ली.बिहारीने अपने लंड को
उसकी चूत के मुहाने पर रखा औरएक ज़ोरदारधक्का लगादिया. यह तोशूकर है किउपर दोनो नीद की
गोलियाँ सोचुके थे वरना इसचीख से तो अब तक उनकी नींदटूट चुकी होती.

औरत:हरामी थोड़ा धीरे कर ना, बीवी थोड़े हूँ तेरी.
बिहारी: रानी कुछ टाइमकी ही बात रह गई है फिर तू मेरी बीवीभी बनेगी.
औरत:ऐसा सोचना भी मत.मैं तोअपने पति के साथ ही रहूंगी.कामहोने के बाद हम दोनो अलगहो जाएँगे.
और फिर तभीमिलाकरेंगे जबमुझे तुम्हारे लोड् की ज़रूरत पड़ेगी.
बिहारी: वाह साली, तुझे तो तेरे पतिका लंड मिलजाएगा परमेराक्या. मुझे इसउम्र मे अबलड़की कहाँ
मिलेगी. चलकोईबात नहीं मैं अपना जुगाड़ कर ही लूँगा लेकिन कभीकभी टेस्टचेंज करने तुझे बुला लिया
करूँगा.
औरत:मेरे बसमे होतातो तुझे कभी छोड़करनहीं जाती पर समाज का क्या करूँ.इतनी इज़्ज़त कमाने के बाद
ऐसी कोई हरकतकरूँगीतोलोगोंकोशक हो सकताहै हम दोनो पर, इसीलिए हममिला तो करेंगे मगर ऐसे ही
जैसे अभी मिलते हैं.
बिहारी लगातार धक्के लगाए जा रहा था. उस औरत ने भी अपनी गान्ड उठाकर उसकेधक्कों का जवाब देना शुरू
कर दिया था.
औरत:आज कादिन कैसा रहाहमारे प्लान का.
बिहारी: मैने उसके दिमाग़ मे बात डाल दी है,कुछ दिनतोवो नकारेगी फिर वो ज़रूर मान जाएगी, मुझे पूरा
यकीनहैं.
औरत:इतना आसाननहीं है,वोभाई हैउसका. इसके लिए हमे कलसे ही एक औरप्लान परअमलकरना
होगा और उसने साराप्लान बिहारी को समझा दिया.
बिहारी: साली तू बड़ीछिनाल है.बेहन को भाई से चुदवाकर हीरहेगी.
औरत:तभीतो हमारा सपनापूराहोगा. लेकिन मुझे एक बात काडर है
बिहारी ने सवालिया नज़रो से उसे देखा औरधक्के लगाने जारी रखे
औरत:आशना अभीबहुत छोटी है या यूँ समझ लो किवो अभी बच्ची है, सिर्फ़सालकी ही तो है वोऔर
वीरेंदर एक पागल घोड़ा. क्याआशना वीरेंदरकोझेलपाएगी ?
बिहारी ने हैरानी से उसे देखते हुए पूछा " क्या मतलब"?
औरत:मैने खुदअपनी आँखोंसे हॉस्पिटलमे उसका ट्राउज़र उतार कर उसकादेखाथा ( जी हां वो औरत
कोई औरनहीं बीना ही है, डॉक्टर, बीना.आगे से मैं उसका नाम ही यूज़ करूँगी).
बिहारी: साली छीनाल, अपने सारे पेशेंट्स के लोड् चेक करतीहो क्या.

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बीना:नहीं वो तो अभयने मुझे बतायाकि वीरेंदर के लोड् कीसील अभी तक टूटी नहीं है तो मुझे यकीन नहीं
हुआ.इसलिएएक रातको मैने चेक किया तो वाकईउसके लोड् कीसील अब तक बरकरार है.इससे यह साफ
पताचलती है कि ना तो उसने अभीतक मूठ मारी है नाही कभीकिसी लड़की को चोदाहै.
बिहारी: मुझे तो लगा थाकि वीरेंदर ने रूपाली को चोद दियाहोगा परवो तो ऐसे हीहाथ से निकलगई साली.
(जी हां बिहारी जोके अनपढ़होने का नाटककरताथाउसने वीरेंदर की सारी डाइयरी पढ़ी थी और उसदिनभी
जान भुज करउसने यहडाइयरी वीरेंदर के कमरे मे बेड पोस्ट पर रख दी थी कि जबआशना वहाँ आए तोवो
उसे पढ़े वीरेंदर की ऐसी हालत जान कर वो उसके लिए परेशान हो ताकि बिहारीऔर बीना उसे अपने प्लान
के मुताबिक ढाल सकें).बिहारीअबतकबीनाकोचोदे जारहा था.बीना दो बार झाड़ चुकी थी पर बिहारी था कि
रुकने का नामनहीं ले रहा था.
बीना:आजक्या बात है आधा घंटा होगया तुमरुकने कानाम नहीं ले रहे.
बिहारी अपने चेहरेपे कुटिल मुस्कान लाते हुए:जोदवाई मैं अपने दुश्मन को खिलाताहूँ आज थोड़ी सी मैने भी
चख लीहै.
बीना:क्या?.
बिहारी: हां, मेरी जान आज तो तेरा बॅंड बजा कर छोड़ूँगा.
बीना जानतीथी किबिहारी अभीजल्दी झड़ने वालानहीं है. वोदवाई थी ही ऐसी किएकमामूलीआदमी भी
बिना रुके किसी भी औरत कोघंटो चोद सकता था.
बीना:मेरातो बुराहाल हो गया है.थोड़ीदेररुक जाओ, फिरबाद में करलेना.
बिहारी: चुपचाप लेटीरह नहीं तो गान्ड भी चोद दूँगा. याद है ना वोदिन जब मैने पहली बार तेरी गान्ड मारी
थी,उस दिन से लेकरआजतक तूने गान्ड कोहाथ भी नही लगाने दिया.
बीना:गान्ड कोई ऐसे मारी जातीहै जैसे तू उसदिन मार रहाथा. कितनी बुरी तरह रगडीथीमेरी गान्ड तूने,मैं
तो 4-5 दिनठीक से बैठ भी नहीं पाई थी.
बिहारी: आज तो हमे अपने प्लान की ढालभी मिल गई है, आज तो तेरी गान्ड बनती हीहै.
बीना जो किकाफ़ीथक गई थी और उसकी चूत भी छीलनी शुरू हो गई थी अजीब सी कशमकशमें पड़ गई थी.
अगर "ना" करती है तो चूत का बुरा हालहोजाताऔर अगर "हां" करती है तो गान्ड का. लेकिन उसकीचूत
उठ रहे दर्द को देखते हुए उसे अपनी गान्ड देना ही बेहतर समझा.
बीना:चल आज इस खुशी के मोके पर तू मेरी गान्ड भीमारले मगरतेललगाकरऔर प्यार से, नहीं तो आज
के बाद मेरी गान्डकोभूल ही जाना.
बिहारी तो जैसे एकदम खिल उठा. उसेगान्ड मारनाबहुत पसंद था और वैसे भी बीना की गान्डएकदम38"की
गोल गदराई हुई गान्ड थी,
बिहारी: ठीक है चल कुतियाबन जा मैं तेललेकर आता हूँ.इतना कर बिहारी उसके उपरसे उठा औरअपना
लंड बीना की चूत से खींच लिया.

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बीना नेराहत की साँसली.बिहारी नंगाही किचनमे गया औरतेलएककटोरीमे डालकर ले आया.बिहारी ने
ढेर सारा तेल उसकी गान्डमें डालकर उंगली से उसे खूबचिकना किया और फिर अपने लोड् को तेल लगा कर
भिड़ा दिया उसे बीनाकीगान्ड से. बीना का पहलागान्ड एक्सपीरियंस भीबिहारी के साथ काफ़ी दर्दनाक था
उसे अपनी गान्ड को रिलॅक्स रखने में मुश्किल आ रहीथी.
बिहारी: थोड़ा रिलॅक्सकरोऔर यकीनरखो आज मैं तुम्हें गान्डमे वोमज़ा दूँगा कितुम हर बार मुझसे अपनी
गान्ड मरवाने की विनतीकरोगी. बीना ने अपनी गान्ड के सुराख कोढीला और तकिये मे मूह छिपा लिया.
उसने दाँतों से बेड की चद्दरकोपकड़ रखा थाऔर अपने हाथो से कर तकिये को पड़के हुए वोआने वाले
पल के लिए तैयार थी.

बिहारी ने लंड का सुपाडा बीनाकीगान्ड के सुराख मे लगा कर हल्के हल्के दबावडालना शुरू किया. हल्का
हल्कादबावडालने से औरतेलकी चिकनाहट से उसकासुपाडा बीना की टाइट गान्ड मे उतारने लगा.बीना दर्द
से लगी पर यह दर्द अब तक सहन करने लायक था. ही लंड का सुपाडा एक दम सेउसके गान्ड
मे बीना का सरउछल करउपर को हुआ और गान्ड पीछे दबगई जिससे बिहारी का लोड्ा और अंदर घुस
गया.
बीना:बिहारी बसऐसे हीआहिस्ता-आहिस्ता उफुफूफफफफफफफफ्फ़.थोड़ा रूको, सांसलेने दो अहााहह.
इस बारबिहारी ने कोई जल्दबाज़ीनहीं दिखाई औरवहीं रुकगया. वोबीना की गान्ड से हाथ नहीं धोना चाहता
था.उसे बीना की गान्डसे बेहदप्यारथा. ऐसी फैली हुई गान्डदेख कर एक बार होश खो चुका था
लेकिन इस बारवो काफ़ी सावधान था,बीना को थोड़ा रिलॅक्स होते देख कर उसने एक ज़ोर का झटका मारा और
आधा लंड उसकी गान्ड कीगहराई मे उतार दिया. बीना का सिरसे लेकरकमर तक का हिस्सा कुछदेर हवा मे
झूल मगर उसने कोई शिकायत नहीं की,शायदउसे भी मज़ा आनाशुरू हो गया था.
बिहारी ने ज़्यादा देर ना करते हुए एक और ज़ोरदारशॉट मारा और जड तकअपने पूरालंड बीनाकीतंगगान्ड
मे दिया.बिहारीके बड़े बड़े टटटे बीना की चूत को चूमरहे थे. इस आख़िरी धक्के से बीना की गान्ड मे
एक तेज़ दर्द कीलहरदौड़ गई मगर इस मीठे दर्द ने उसे स्वर्ग मे पहुँचा दिया और वो एक बार फिरसे
झड़ने लगी. बीनातोपहले ही बिहारी के चोदने की कलाकीकायलथीलेकिनआज जिसतरह से बिहारी ने
ताक़त और सूझबूझ से बीना की गान्ड मे अपनालंड उतारा था बीना तो जैसे स्वर्ग मे ही पहुँच गई. कुछ देर
बादबीनाकीगान्ड से सुपाडे तक लंड निकाल करबिहारी ने एक और ज़ोरदार शॉटके साथ पूरालंड पेलदिया.
बीना तो हर धक्के के साथ आगे कोखिसकजाती. बिहारी ने उसकी गोलगान्ड को अपने हाथो से थाम
कर उसकी सवारी करनीशुरू कर दी.बीना के टाइट छेद ने उसका लंडफँसा कर रखाथा और उस पर बीना ने
अपने सुराखकोखोलना सिकोड़नाशुरू कर दिया जिससे बिहारी भी पागल हो उठा औरउसने बीना की ज़ोरदार
चुदाई शुरू कर दी. बीना मस्ती में कराह रही थी. अगर बिहारीपहली बार ही इतना सयमबरतते हुए उसकी
गान्ड चोदतातो अब तक बीना कई बारउसे अपनीगान्ड दे चुकी होती.
बिहारी जैसा दमदार मर्द पाकर बीनाधन्य हो गई थी.वहीं बिहारी भी बीना जैसी हसीन औरहाइ सोसाइटी की
औरत को पा कर सातवें आसमान परथा. उसने कभी सोचा भी नहीं था किउसे कोई हाइ सोसाइटीकी

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औरत भी मिलेगी, वो तो बस नौकरानियो को चोद कर ही खुश था, बीनाजैसी औरत के बारे मे तो उसने सोचा
भी नही
बीना:अबहमे जल्द ही कुछ करना पड़ेगाताकि हम सारा मालहथिया सकें, मैं अबतंग आ गईहूँ इसरोज़ की
ज़िंदगी से. उमर ढलती जा रहीहै, अब बसऐशकरनीहै.
बिहारी: काम हो जाने के बाद आशना का क्या करनाहै?
बीना:तुमक्या कहते हो?
बिहारी: मैं तो चाहता हूँ कि वीरेंदरकीमौतके बाद मैं उसेअपनी रखैल बना कर रखूं,साली बहुत गरमचीज़ है.
क्या मम्मे और गान्ड पाईहै साली ने.
बीना:कुत्ताकहीं का, जहाँ हड्डी देखी वहीं लार टपकनाशुरू.
बिहारी: डार्लिंग तुम्हे जलने की ज़रूरत नहीं है, तुम्हारे हिस्से का प्यार तुम्हे मिलतारहेगा.
बीना:अपने हिस्से काप्यार तो मैं छीन ही लूँगी मगर मुझे इस बात का डर कि कहीं वीरेंदर का लोड्ा लेने के
बादवो वीरेंदर से पहलेही ना मर जाए. उसका साइज़ कोई मामूली नहीं है.
बिहारी: अरे यार तुम बार बार उसके साइज़ को लेकरडर क्यूँ रही हो,कहीं तुम्हे उसे लेने कामन तो नहीं कर
रहा. वैसे भी आज तककोईऔरत चुदने से मरी है क्या?
बीना:मैं तो मर हीजाउउसके साइज़ से. ढीलेपन में भीकोई 6 इंच लंबा औरमोटा था.मैं यकीन के साथ
कह सकती हूँ कि खड़ा होने के बाद कमसे कमलंबा औरमोटाज़रूर होगा.आशना की उम्र
हिसाबसे यह उसके लिए बहुत बड़ाहोगा. हां अगरवो पहले से खेली होती तोफिर डरने की कोई बात नही
होती, मगर मुझे यकीनहै कि भाई की तरह बेहन भी पूरी कुँवारीहै.
बिहारी: फिरतो आशना मेरे किसी काम कीनहीं रहेगी.
बीना:क्या तुमसचमुच में आशना को रखैल बनाकररखनाचाहते हो.
बिहारी: मैं तो यह सोच कर ही रोमांचित होजाताहूँ किएक 20 सालकी लड़की जो किएयिर्हसटेस्सहै मेरे
नीचे होगी और मैं उसे चोदुन्गा.
बीना की गान्डचोदतेचोदते बिहारी को करीबआधा घंटाहो चुका था. आशनाकाख़याल आते ही वो उसे मन ही
मन नंगा करने लगता है और बीनाकीज़ोरदार चुदाई शुरू कर देता है.पिछले एक,सवाएक घंटे की चुदाई से
बीना बहालसी होगईथी. उसमे अब बोलने कीहिम्मत भी नहीं बची थी.वो बसगान्ड हवामे उठाए बिहारी के
झड़ने का इंतज़ार कर रहीथी. बिहारी की स्पीड से वो समझ गई कि बिहारी करीब है.
बीना:यॅ, कम ऑन, कम ऑन रज्जा,भर दो अपना सारा रसआशना की गान्ड मे(बीना जैसी खेली खाईऔरत
ने ताड़ लिया था कि बिहारीके मन मे इसवक्त आशनाकाजिस्मघूम रहा मार लो उसकी कुँवारी नरम
गान्ड और बनालोउसे अपनीरंडी.
इतनासुनते ही बिहारीके वीर्यकाबाँध टूट गया और वो झर झर करताबीना की गान्ड में अपना लावा उगलने
लगा. करीबडेढ़ मिनिट तक उसके लंडसे वीर्य निकलकर बीनाकीगान्ड भरता रहाऔर फिरउसके बाद पहले

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बीना बेड पर औरफिर उसके उपरबिहारीधडामसे गिर गया. इतनीठंड में भी दोनोके शरीर पसीने से नहा गये
थे. 10 मिनिटतक दोनो अपनी अपनी साँसेठीक करने में लगे रहे.थोड़ी देर बादबीनाउठीऔर अटॅच्ड बाथरूम
मे गई.उसने अच्छे से अपनेआपको को सॉफ किया. गान्ड औरचूत कोधोया औरबाहरआ गई.
बिहारी उसे देखते हुए सोच रहाथा किकैसी किस्मत पाई है उसने पहले तो एक डॉक्टर.मिलीचोदने को और
अब कुछ ही दिनों मे उसकीझोलीमे एकसालकी लड़की होगी जिसे वो दिन रात चोदता ही रहेगा.
बीना बाथरूमसे बाहर आने के बाद अपने कपड़े पहनने लगी. बिहारी उसे देखे जा रहा था. एकदम साफ रंग और
दाग रहित शरीर की मल्लिका अभीकुछ देर पहले उसके बेड परनंगी लेटी हुई थी और वो उसे चोद रहाथा. उसे
अपनीकिस्मत परगुरूर हो रहा था.कपड़े पहनने के बाद बीना ने अपने बॅग से एक पॅकेट निकाल कर बिहारी को
दे दिया.
बीना:यह लो और कल से काम शुरू कर दो.वीरेंदरकीतरह आशना को भी इस पाउडरकीपहले थोड़ी थोड़ी सी
डोज हीदेना ताकिकुछ ही दिनों में वो इसकी आदिहो जाए औरफिर जैसे ही इसकीडोज बढ़ाई जाएतो उसके
पासनंगीहोकर वीरेंदर के पास जाने के सिवाऔर कोई रास्ताही ना रहे. कुछ ही दिनों मे वीरेंदर के दमदार
लोड् से तुम्हे एक सील पॅक चूत चुदते हुएदेखने को मिलेगी,और हां मुझे सारी रेकॉर्डिंगचाहिए आशनाकीचूत
उधघाटन की.
बिहारी: जो हुकुम मेरीसरकार और उसने वो पॅकेटउससे ले लिया.
बीना:अभय 15 दिन के टूर परहै, तबतकमैं रोज़ कुछ रातो के लिएतुम्हारे पास आउन्गी तुम्हे अपनी गान्ड
देने और अगर इस बीचही हमारा प्लानकामकर गयातोहमदोनो ही मिलकर उनके मिलनकोअपनी आँखों
से और रेकॉर्ड करेंगे.
बिहारी केवल मुस्कुरा कर रह गयाआने वाले दिनों को सोच कर.
बीना 3:30 बजे तकहॉस्पिटल मे अपने रूममे लेटी हुई आगे के प्लान के बारे सोच रही थी.




अगली सुबह सबसे पहले जागने वालो मे बिहारीथा बाकीदोनो तो नींद कीगोलियो के असरसे अभीभी सपनो
की दुनिया में खोए हुएथे. जहाँ वीरेंदर पिल्लो को अपने साथ ऐसे चिपकाएसोया था जैसे कि वो किसी लड़की
को अपने बदन के अंदर समालेनाचाहता होवहीं आशनाने भी एक पिल्लो अपनी टाँगों के दरमियाँ ऐसे जाकड़
रखाथाजैसे वोउसे अपनासारा रस पिला देनाचाहती हो. सुबह के करीबबजे बिहारी की नींदखुली. घड़ी
की तरफ देखते ही वो हड़बड़ा कर उठा और नंगाही बाथरूममें जाकर अपने सुबह के कृत्य करनेमे मसरूफ़ हो
गया.करीब 20 मिनिट मे वोनहा धोकरबाथरूम से बाहर निकलाऔर कपड़े पहन कर कमरे को अस्त-व्यस्त
छोड़ कर किचनकीतरफ चल दिया चाइ बनाने.

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बिहारी के कमरे मे कोई जाता नहीं था सो इसलिए उसने कमरे की हालत सुधारने का नहीं सोचा. चाइ को गॅस
पररखने के बादवो उपर की तरफपहुँचा वीरेंदर को जगाने.
जैसे हीवो वीरेंदर के दरवाज़ेको नॉक करने को हुआ,उसे एक झटका लगा. उसने देखाकि आशना का दरवाज़ा
हल्कासाखुला है (आपनेपढ़ा ही होगाकि रात कोजबआशना अपने कमरे मे आई तो वो सीधा आकरबेड पर
लेटगई थी.वो दरवाज़ा लॉक करना भूलगई थी). बिहारी के चेहरे परकुटिलमुस्कानगईऔर वोदबे पावं
वहाँ पहुँचा.उसनेधीरे से दरवाज़े को धकेला तोदरवाज़ा खुलता चला गया. ने झाँक करदेखातो पाया कि
आशना बेसूध होकर सोई है.
उसका पूरा शरीर रज़ाई से ढका है औरवो काफ़ी सिकुड कर सो रही है.शायदठंडके कारण वो ऐसीहालतमे
सोई थी.बिहारी के दिमाग़ मे रात को बीना के द्वारा बताया हुआ प्लानदौड़ गया और वो फॉरनकमरे मे प्रवेश
कर गया.तेज़ीसे आगे बढ़ते हुएउसके पैर किसीचीज़ मे फँसे औरवो मूह के बल गिरते गिरते बचा. लेकिन
फिरभी वो हाथोके बलनीचे गिर हीगया .गिरते ही उसके हाथोमे किसी चीज़ का एहसाह हुआ.रूममे हल्की
हल्कीरोशनी थी,उसने अपने हाथ से उस चीज़ को पकड़ा तोउसके हाथो मे एक ऐसी चीज़ लगीजिससे उसकी
आँखें चमकउठी और उसने उस चीज़ कोपास ले जा कर उसे चूमलिया. जी हां,वो आशनाकीब्रा थीजोरात
को उसने उतार कर फैंकदी थी.काफ़ी देर उसे चूसने के बाद उसेध्यान आया किवो गिरा कैसे.
तेज़ी से उठ कर देखा तोउसके लंड मे करेंट दौड़ गया.उसके पैरों मे पड़ी आशना की पैंटी चीख चीख पर गवाही
दे रहीथीकि आशना रज़ाईके अंदर बिल्कुल नंगी सोई है.बिहारी दिमाग़ ने काम करना बंद करदिया.
उसका मन हुआ कि अभी रज़ाई मे घुस कर आशना से लिपट जाए औरउस कमसिनकली को फूलबनाकर
उसके जिस्मपर अपनीपहली मोहर लगादेपर किसी तरहउसने अपने आप पर काबू पाया.पहले वो कामतो
कर ले जोवो करने आया है.
उसने इधर उधर नज़र घुमाई औरजल्द ही उसेअपनी मंज़िल मिलगई. एक मेज़ परपड़े आशना के बॅग की
तरफ वोलपकाऔर उसके पासपड़े हॅंडबॅग को उठा कर उसने उसकी ज़िपखोली और उसके अंदर से एक छोटा
सा हॅंड बॅग निकाल करअपने कुर्ते की जेब मे रख लिया.बॅग की ज़िपबंद करके उसने वो बॅग दोबारा वही उसी
जगह रख दिया. काम हो जानेके बाद बिहारीआशनाकेबेड की ओर मुड़ा तो उसे झटकासा लगा. आशना ने
रज़ाई से अपनीगोरी बाजुए बाहर निकालली थी,कंधे से थोड़ा से नीचे तक उसका मखमली शरीर बिहारी की
आँखों के सामने था. ऐसापहली बार हो रहा था किबिहारी के सामने एक खूबसूरत लड़कीरज़ाई के अंदर
बिल्कुल नंगी पड़ी थी परवो हिम्मत नहीं जुटा पा रहाथा आगे बढ़ने की.बिहारी का पूरा शरीरकाँपने लगा और
इस से पहले कि वो अपने होश खो देता उसने तेज़ी से आशना की ब्रा और पैंटी उठाई और झट से कमरे के
बाहर आकर धीरे से कमरे कादरवाज़ा वैसे हीबंद कर दियाजैसे वोपहले था. वो जानता थाकि सुबह की ठंडी
हवा मे आशना अबज़्यादा देर तक सो नहीं सकेगी.दरवाज़ाबंद करके वो नीचे किचन मे तो चाइ तैयार
थी.उसने गॅसबंद कीऔर अपने कमरे मे जाकरअपनी अलमारी की सेफमे वो हॅंड बॅग रख दिया और साथ ही
अपने साथ लाई हुई आशनाकीपिंक जालीदार पैंटीऔर ब्रा भी रख दी.
अलमारीकोबंद करके उसने सेफ कीचाबी छुपादीऔर दो कप मे चाइ डालकर, कपकोट्रे मे रखकर वो उपर
की तरफ चलपड़ा.वीरेंदरके दरवाज़े की ओर जाकर उसने वीरेंदर को आवाज़ लगाई.
बिहारी: छोटे मलिकउठिए चाइ तैयार है.कुछ देर वहाँ खड़े रहने के बाद उसने फिर आवाज़ लगाई और फिर धीरे
से परनॉक की परउसे कोई हलचलमहसूस नहींहुई. उसने इस ज़ोरसे दरवाज़ा पीटातो वीरेंदरकी

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अलसाई भरी आवाज़ आई, काका"एक मिनिट अभी खोलता हूँ". इतना कहकरजबवीरेंदर उठा तो एक बार तो
सर्द लहर से वोवहीं तिठुर कर रहगया. फिरउसे ख़यालआया किरात कोबाथरूम से आके तो वो बिल्कुल
नंगा हीसोगया था. उसने झट से अलमारी से एक पॅंट और टी-शर्ट निकालीऔर उसे पहन कर दरवाज़ा खोल
दिया.
वीरेंदर: आइए काका, वो आज नींदबहुत गहरी आई थीइसलिएआपकी आवाज़ सुन नही पाया.
बिहारी: कोई बात नहीं मालिक,यह लीजिएचाइ पीजिए मैं आशना बिटियाकोभी जगा कर आताहूँ.
वीरेंदर: काका तुम ट्रे मुझे दे दो आशना को चाइ मैं दे देता हूँ.
इतनासुनते हे बिहारी को जैसे साँपसूंघगया. उसने तो सोचा था कि वीरेंदर चाइ पीने के बाद बाथरूमचला
जाएगा और वो आशनाके कमरे मेजाके पहले तोउसके रूप को निहारेगाऔर फिरउसे जगाकरउसके नंगे
शरीर का मुयायना करेगा परयहाँ तोसारा खेलही उलट गया.
वीरेंदर: क्याहुआ काका?
बिहारी (वर्तमानमे आते हुए): नहीं मालिक,जैसा आपको ठीक लगे औरयह कह कर उसने चाइ की ट्रे
वीरेंदर को थमदी.
वीरेंदर ने ट्रे साइड मे रखी औरजल्दी से बाथरूम मे घुसगया.जैसे ही बाथरूम मे घुसा,बिहारी मन मार
कर नीचे जाने कोहुआ तो एकबार फिर वो लड़खड़ाते हुए नीचे गिरने हीवाला था के उसने अपने आपको
संभाल लिया.उसने सीधे खड़ाहोकर देखा तो वीरेंदर के अंडरवेर मे उसकापैर फँसा हुआ था.बिहारी ने झल्ला
कर अपने पैर को हवा मे उछाल दिया जिससे वीरेंदरकाअंडरवेर सीधा एक के उपर जाकर गिरा, आधा मेज़
परआधा हवामे झूलने लगा. बिहारी(मन में): साले दोनो रात को अंडरवेर उतार कर सोते हैं,क्या भाई -बेहन
की जोड़ी है? बाथरूममे पानी की आवाज़बंद हुई ही थीकि बिहारीलपककर कमरे से आगया और चुपके
से के पासबने एक छोटे से स्टोर मे जाकर वीरेंदरकाआशना के कमरे मे घुसने का इंतज़ार करने लगा.
वोदेखना चाहता थाकि वीरेंदर कैसा रिएक्ट करता है जबवो आशना को नंगीसोते हुए देखेगा
उधर जिस वक्त बिहारीवीरेंदरके रूमका डोर नॉक कर रहा था, उसी वक्त आशना की नींदखुलगई थी. उसका
सिर काफ़ी दर्द कर रहा था.नींद खुलते हीउसे कलरात वाले सारे वाक्यात याद आ गये.उसका दिल बिहारीके
लिए नफ़रत से भर गया औरफिर रात कोअपने शरीर के साथ खेलीप्रेम क्रीड़ा का ख़याल आते ही उसे एक
झटका लगा.वो तोबिल्कुलनंगीही सोगईथी. वो फॉरन बेड से उठी औरअपने कपड़े ढूँडने लगी.जैसे ही
उसकी नज़रदरवाज़े परपड़ी.आशना के दिल ने धड़कना बंदकर दिया था,उसे यादआया किकैसे वो रात को
कमरे मे आते हीबिस्तर पर गिर पड़ी औरफुट-फुट कर रोने लगी थी.वो इतनी लापरवाह कैसेहो गई किउसे
दरवाज़ालॉक करने काख़याल ही नहीं रहा.कहीं कोई आजातातो?.
आशना ने झट से दरवाज़ा लॉक किया और अपने कपड़े ढूँडने लगी. सर्दी और शरम कीवजह से वो कांप रही
थी.आशना ने रात कोउतारे कपड़ो पर ध्यानना देते हुए जल्दीसे बॅगसे दो एक जोड़ी नये कपड़े और
अंडरगार्मेंट्सका सेट निकाला औरबाथरूम की तरफ भागी. बाथरूममैं आकर उसने जल्दी सेलपेटा और
चैन की सांसली.आशना का दिल ज़ोरों से धड़करहा था.वो सोच रही थी किआज नाजाने क्या होजाता
अगर वो टाइमपरना जागती तो.अभी वो ब्रशकरके टाय्लेट यूज़ करने ही वालीथीकिउसके दरवाज़े पर
नॉकहुआ.

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आशना ने गुस्से से चिल्लाकरकहा: क्या है काका?
एक पलके लिए तो वीरेंदर भी सहमगया, लेकिन फिरउसने कहा.आशना दरवाज़ा खोलो मैं हूँ"वीरेंदर", आओ
दोनोचाइ पीते हैं. वीरेंदर की आवाज़ सुनते ही आशना का मन खिल उठा. आज वीरेंदर खुद उसके लिए चाइ
लाया था.उसका चेहराशरमसे लाल हो उठा.उसने बड़े शर्मीले अंदाज़ कहा,वीरेंदर मैं नहा रही हूँ थोड़ी देर
मे रूममे ही आतीहूँ. वीरेंदर उसेबाइ बोल करअपने रूम मे चला गया.
वहाँ बिहारीकीहालत ना खुश होने लायक थी औरना दुखी होने लायक. खुश वो इसलिए नहीं था क्यूंकी आशना
ने दरवाज़े पर वीरेंदर को बिहारी समझ कर काफ़ी गुस्से से बात की थी औरदुखीवो इसलिए नहीं था क्यूंकी
जो वोदेखना चाहता थावो वीरेंदर भी नहीं देख पायाथा क्यूंकी आशना नींदसे जाग चुकीथीऔर उसने
दरवाज़ाभी लॉक कर दिया था.
बिहारी ने मन मे सोचा:फुदक ले साली अगर अपने लंड परतुझे ना नचाया तो मेरा भी नाम बिहारी नहीं और
वैसे भीकुछ दिनकीबात हीरह गई है तब तक तो तेरी पैंटी मे ही मूठ मारूँगा और तेरे मम्मों से लगी तेरी
अंगियाकोचूस चूसकर खाजाउन्गा. बिहारी नीचे चला गया औरथोड़ी देर बाद आशना भीतैयार होकरवीरेंदर
के रूम मे चली आई.
आशना ने दरवाज़ा नॉककिया तो वीरेंदर ने उसे कहा कि " अंदर आ जाओ दरवाज़ा खुलाहै". आशना ने
दरवाज़ाखोला और अंदर आ गई.आजवीरेंदर ने फुल स्लेव वाइट टी-शर्ट और ब्लॅक जीन्स पहनी थी और
आशना भी एक टाइट वाइट टी-शर्ट और स्किन टाइट ब्लॅक जीन्स मे थी.दोनो एक दूसरे को देख कर चौंके
और दोनो ही मुस्कुरादिए.
आशना:लगता है आज सनडे के दिन यह हमारा ड्रेस कोड है.

वीरेंदर, जो कि टाइट कपड़ों मे आशना के हुश्नकोनिहार रहाथा, आशना को सुनकर भी इग्नोरकर दियाऔर
एकटक उसे देखता ही रहा.वीरेंदर के ज़हन मे रात वाली बात आगईकि कैसे ज़िंदगी मे पहली बार इस
ने उसे मास्टरबेट करने पर मजबूर कर दिया. आशना ने जबवीरेंदरकीनज़रों का पीछा कियातो उसका दिल
ज़ोरोसे धड़कने लगाऔर उसका गुलाबीरंग और निखर गया.उसकी नज़रें नीचे कोझुकगई औरहोंठों पर
हल्कीसीशर्मीली मुस्कान तैर गई.आशना ने जैसे ही फिर से नज़रें उठानी चाही तोउसे एक और झटका लगा,
उसकी नज़रवीरेंदरके पीछे पड़े मेज़ पर गई जहाँ पर उसका अंडरवेर झूलरहा था (याद है ना ने झल्ला

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के जब पैरहवा मे उछालाथा)..आशना की साँसें तेज़ चलने लगी और मूह फेर कर वीरेंदरकीतरफ पीठ
करके खड़ी होगई.वीरेंदर की तो जैसे सांस ही अटकगई.कहाँ पहले उसकी नज़रेंआशनाकेगोल सुढ़ॉलउभारों
का जायज़ा ले रहीथीऔर कहाँ अबउसकी नज़रें आशना के गोल भारी नितंबो पर आकर अटकगई थी.वीरेंदर
के लिंग मे हलचलहोनी शुरू हुई तो उसे ख़याल आयाकि वो तोजल्दी मे अंडरवेर पहनना ही भूल गया है.
वीरेंदर को इसकाआभासहोतेही वोशरम से आँखेंझुकाकरवहीं बैठा रहा, लेकिन आशना के नितंब बार बार
उसे न्योता दे रहेथे.जब काफ़ी देर तक कोई कुछ ना बोला तोआशना को अपनी ग़लती का एहसास हुआ,उसे
एकदम वीरेंदर की नज़रें अपने नितंबोंमें गढ़तीहुई महसूस हुई और पहलीबारउसकी पुसी ने अपने भाई के
कारणएक छोटी सीलहरबहा दी.
वहीं वीरेंदरकालिंग भी कहाँपीछे रहने वाला था,वो भी प्रेकुं की बूँदें टपकाने लगा. कुछ ही थोड़ी देर सब
शांत रहा.वो दोनो होश मे आए जब वीरेंदर के मोबाइल की घंटी बजी"कहताहै पल-पल तुमसे होके दिल यह
दीवाना,एक पल भीजान-ए-जाना मुझसे मुझसे दूर नहीं जाना. प्यार किया तो निभाना". वीरेंदर ने हड़बड़ाहट मे
फोन उठाया (तबतक आशना भी सम्भलचुकी थी और वीरेंदरकेसामने वाले सोफे पर बैठ चुकी थी).
वीरेंदर: हेलो डॉक्टर.आंटी, .................,जीहां मैं बिल्कुलठीकमहसूसकर रहा हूँ. ................हां-हां आइएना,
आज लंच साथ ही करते हैं. जी वोअपने रूम मे होगी, मैं बात कर्वाऊआपसे.......ओके आंटी सी यू लेटर,और
फोन काट दिया.
वीरेंदर आशना की तरफ देखते हुए:वो डॉक्टर. आंटी का फोनआया था,वो कह रही थी कि आजदोपहर को वो
आएँगी, चेकप भी हो जाएगाऔर साथ मे लंच भीकरलेंगी.
आशना:आप उन्हें डॉक्टर. आंटी क्यूँ कहते है,वो इतनी एज्ड थोड़े हैं( आशना बात पलटते हुएकहा). इस
बार वीरेंदर मुस्कुरा पड़ा जिस से कमरे मे फैला तनावथोड़ा हल्का होने लगा.
वीरेंदर: यह तो मैं उन्हें चिडाने केलिए कहता था,लेकिनअबतो आदत हो गई है.ऐकचुलीजब वोअभय अंकल
से करके नयी नयीआई थी तो मैं उन्हें आंटी कहता थाऔर वोकाफ़ीचिड़ती थी. बस उनको चिडाने के
चक्करमे मेरे मुँह पर यह शब्दबैठ सागया है.
आशना(स्माइलकरते हुए):आप ऐसे हीहँसते रहा करो,आप पर स्माइल बहुत सूट करती है.
वीरेंदर उसके चेहरे की तरफदेखता रह जाता है.वो सोचने लगताहै कि जब से आशना से उसकीमुलाकात हुई है
वोकाफ़ीखुशरहने लगा है और रात को तोउसने आशना के बारे मे सोच कर वो कर दियाजोउसने कभी सोचा
भी ना था.वीरेंदर के दिलमे आयाकि कहीं रात कोआशना ने उसकी दर्द भरी चीख और आहें सुन तो नहीं ली
तभीआज वो इतना शरमा रही है जबकि आशना यह सोच कर शर्मिंदाथी किशायद रातको वीरेंदर ने उसे देख
लियाथावो सब करते हुए, क्यूंकी दरवाज़ा तो खुला ही रह गया था,इसीलिए वीरेंदर इतनीबेशर्मी से उसे घूर
रहाथा.
काफ़ी देर तक फिर कोईकुछ नाबोला. उनकी चुप्पी को आशनाने तोड़ते हुएकहा किआपने डॉक्टर.को
झूठ क्यूँ बोला कि मैं अपने रूममे हूँ.वीरेंदर आशनाकासवालसुन कर हड़बड़ा गयाऔर इस से पहले कुछ
जवाबदेता , आशना का फोनबज उठा " ज़रा-ज़राटच मी टच मी मी ओ ज़रा-ज़रा किस मीकिसमी
किस मी".आशना ने फॉरन अपनी पॅंट कीजेबसे मोबाइल निकाला और उसे ऑन कर दिया. हेलो डॉक्टर.
आंट..........मेरा मतलब डॉक्टर. बीना (वीरेंदर ने उसकी तरफ देखा औरदोनो के चेहरे खिलउठे)...........जीहां मैं

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ठीक हूँ,आप बताइए.......................ओह यहतोकाफ़ी अच्छाहै, नहीं अभी मैं अपने रूममे ही हूँ,आप आ
जाइएफिर मिलकरबात करेंगे.ओके यू टू,बाइऔर यह कह कर फोनकाटदिया.
इस बारवीरेंदरने गला सॉफ करते हुए कहा"आहें...आहेंम.... तोआप अपने कमरे मे हो".
आशना को कोई जवाब देते नहीं बना. आशना थोड़ीदेरबाद चुप्पी तोड़ते हुएबोलती है:आपने झूठ बोला तो
आपकोबचाने के लिएमुझे भी झूठ बोलनापड़ा और शिकायत भरी नज़रोसे वीरेंदर को देखने लगी.
वीरेंदर आशना की इस मासूमियत से निहाल हो उठा. पता नहीं क्यूँ पर पिछलेकुछ ही घंटोमे वो उसकी तरफ
तेज़ी से आकर्षित हो रहाथा. आशना ने जबउसे यूँघूरते पाया तो जल्दीसे सोफे से उठ खड़ी हुई और बोली"
चाइ तो हो गई,चलिए आपनहा लीजिएमैं आपके लिए दूसरीचाइ बना देती हूँ.
वीरेंदर: तुम क्यूँ बनाओगी, काका को बोल दोवो बना देंगे. आशना ने के सांसली वोभी अकेले नीचे नहीं
जानाचाहती थी.
आशना वीरेंदर के रूम से बाहर निकलीऔर तेज़ आवाज़ मे कहा "काका 15- 20 मिनिट मे दो कपचाइ लेकर
उपर साहबकेरूममे आ जाना".
तभीउसे अपनेपीछे से कुछ आवाज़आई. वीरेंदर बिल्कुल उसके करीबआ खड़ा हुआ वोएक दमसहमगई
तभीवीरेंदरबोला: काकाचाइ बाहर लॉन मे ले आनाआज हमलॉन मे बैठ कर सनडे एंजाय करेंगे और फिरधीरे
से "इन नज़ारो का जी भरकरलुफ्त लेंगे".
इतनासुनते ही आशना के जिस्ममे एक और लहर दौड़ीऔर उसकी पैंटीथोड़ी सी और गीली होगई.वो तेज़ी
से रूम के के पास पहुँचीऔर फिरमूड कर देखते हुआ बड़ी अदा सेकहा"बड़े आएलुफ्त लेने
वाले". इतना कह कर आशना ने अपने रूम कादरवाज़ा खोला और वीरेंदरकीतरफ देखताहुए कहा " अंदर से
कुछ लेना,सुबह सुबह काफ़ी ठंड होगीबाहर". आशना नेतोवीरेंदरकीकेरकरते हुए यहथा पर
नहीं पता थाकि जब वीरेंदर अपने रूममे जाएगा तो उसेएक झटका वाला है.

वीरेंदर अभी उसकी बात का कुछ मतलब निकालता हुआ अपने रूममे घुसा ही था कि उसका ध्यान अपने झूलते
हुए अंडरवेर पर गया औरवो एकदम चकरा सागया. अच्छा तो आशना ने इसलिए यह कहा था. लड़की काफ़ी
स्मार्टहै वीरेंदर ने सोचा.
वोनहाने के लिएबाथरूम मे घुसगया. नहाने के बाद उसने जान बूझ कर अंडरवेर नहीं पहना और फिर वोही
कपड़े पहन कर तैयार होनेलगा. आजवो बहुत खुश था,काफ़ीहल्का महसूसकर रह थाअपने आपको. शीशे
के सामने बाल बनातेहुए वोगुनगुनाने लगा"कितना प्यारावादा है इन मतवालीआँखों का".
वहीं दूसरीतरफ आशना ने रूम मे आते ही रात के बिखरे हुए अपने कपड़े उठाना शुरू किया. अपनी पॅंट और शर्ट
उठा कर उसने उन्हे अलमारी मे हॅंगर मे टांगाऔर फिर उसे ख़याल आया कि उसकी पैंटी काफ़ीभीग चुकी है
वीरेंदर की शरारतों से तो वोशरम से लाल हो गई.वो काफ़ी अनकंफर्टबल फीलकर रही थी गीली पैंटी मे. उसने
दो सेटपैंटीज ही लीथी. एक उसने पहन रखी थीऔर एक उसने रात को हीउतारी थी जो कि इसपहनी हुई
पैंटी के मुक़ाबले पहनने लायक तो थी ही पर वोमिलनहीं रहीथी. सारा कमरा छानने के बाद भी आशना को
अपनीरात को उतारीहुई ब्रा और पैंटीनहीं दिखी. फिर उसनेबाथरूम मे जाकर चेक किया परवहाँ भी उसे वोही

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पैंटी मिली जो उसने 10 दिन से पहन रखीथी. उसे पहनना भीबेकार था. आशना ने सबसे पहले तो अपनी
जीन्स खोल करअपनी पैंटीउतारी औरफिर पुरानीपैंटी के साथ उसे भीदिया. फिर आशनाने टवल लपेटा
और रूममे आकर फिर से पैंटी खोजने लगी परपैंटी वहाँ होतीतोउसे मिलती ना.
आशना को तभी यादआया किरात को वो दरवाज़ा बंद करना ही भूलगई थी.तो क्या उसकीपैंटी किसी ने?
यह ख़याल आते ही उसे एक झटका सा लगा. कही बिहारी उसके रूम मे तोनही आया था? आशनाने खुद को ही
इसकाजवाबदिया" नहीं, नहीं अगरवो कमीना इसकमरे मे आया होता तोवो ज़रूरकोई ऐसी वैसी हरकत करता
क्यूंकी मैं तो बिल्कुल नंगी सोरही थी" तोक्या फिर वीरेंदर ने?यह ख़यालआते ही उसके चेहरे पर शरमऔर
हयाके झूले भावआने लगे.हां ज़रूररात को वीरेंदर मेरे कमरे मे आयाहोगा और हो सकता है उसने मुझे
मास्टरबेट करतेदेख भी लियाहो औरएग्ज़ाइट्मेंट मे वो मेरी ब्रा और पैंटीअपने साथ ले गयाहो, मुझे होश
ही कहाँ रहता है मास्टरबेट करते हुए.आशना का शक़ यकीनमे तबबदलाजबउसे ख़यालआया किइसीलिए
वीरेंदर उसे सुबह सुबह चाइ देने केलिए आयाहोगा क्यूंकी वोजानता था कि मैं बिल्कुल नंगी सो रहीहूँ तो
मुझेकीनज़रो मे शर्मिंदा होने से बचाने के लिएवो खुद चाइ देने आया होगा.आशना (मन मे सोचते
हुए): मिस्टर. वीरेंदर अब मैं क्या पहनुँगी?.अभी आशना इससब का निचोड़ निकालही रही थीकि उसके रूम का
डोरनॉक हुआ.
वीरेंदर: डॉक्टर. साहिबा का मूड हो तो अबचाइ पीने चलें.
आशना ने अपनी कमर पर बँधे टवलकी ओर देखते हुए कहा "आपचलिए मैं आती हूँ"
वीरेंदर: जल्दीआना कहीं चाइ फिर से ठंडी नाहो जाए.
आशना:इन जस्ट 5 मिनिट्स.
आशना जल्दी से बाथरूममे घुसी और अपनी टी-शर्ट उतार कर अपनी ब्राभी उतारदी. फिरसे टी-शर्ट पहनी
और टवलउतार कर पॅंटपहन ली.बिना पैंटी के पॅंट पहननाउसे काफ़ी अनकंफर्टबल रहापर अब
कोई चारा ही नहीं था.दोनो पॅंटीसधोने से गीली थी और एक पर तो जनाब ने क़ब्ज़ाकररखा था.आशना मन
ही मन मुस्कुरा रही थी वीरेंदर की इस हरकत परफिर भी उसे यकीन नहीं हो रहाथा. बिनाब्राके उसके ब्रेस्ट
परकुछ ज़्यादा असर नहीं पड़ाथावो अभी भीएग्ज़ाइट्मेंट के कारण सिरउठाकरखड़े थे बस अबउनके
निपल्सआसानीसे देखे जा सकते थे.आशना ने सोचा किअगर जॅकेटना पहनूं तो जनाबकोइसबार मेजर
हार्टअटॅक ना आ जाएइस लिए जॅकेट पहन ही लेती हूँ.वैसे भी भी नीचेही होगा इसलिए उसने जॅकेट
पहनना हीबेहतर समझा..आशना ने लाइट पिंक लीपग्लॉस लगाई अपने बालों और मेकपको फाइनल टच
दिया और अपने रूमसे बाहर आकर वोवीरेंदरके रूमकी तरफ गई औरवहाँ से वीरेंदरकीदवाइयाँ अपनी जॅकेट
मे कर नीचे को आ गई. आशनाने किचन की तरफ झाँक कर देखा तो बिहारी को वहाँ नापा कर उसने
राहत कीसांस ली. वोतेज़ीसे मैन डोरसे बाहर को निकलीऔर बाहर खिली धूप देखकर उसमे एक नयी
खुशी का संचारहुआ.
सर्दी के इसमौसममे खिली धूप का अपना ही मज़ा होताहै. आज मौसम भी काफ़ी खुशदिख रहा था. शर्मा
निवास के हर एक शख्सकी तरह. सबके अपने अपने खुशहोने के अलग अलग कारण थे.आशनालॉनमे पहुँची
तो वहाँ वीरेंदर उसे झूले केपास रखी चेर्स परबैठा मिला. दोनो की नज़रें मिली और दोनो ने एक दूसरे को जी
भर कर स्माइल दी और एकदूसरे की गेटअपकोनज़रों से सराहा.वहीं पासमे खड़े बिहारी ने भी आशना का
खिला हुआचेहरा देखा तोउसके जिस्म का X-रे कर डाला.उसकी पैनीनज़रों ने पहचान लियाकि

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आशना ने पैंटी नहीं पहनीक्यूंकी टाइट जीन्स मे पैंटीलाइनमिस्सिंग थी औरफिर उसके चलने से हुए झूलते
उभारों से यह भी पुख़्ता हो गया किउसने ब्रा भीनही पहनीहै.
बिहारी(मन मे सोचते हुए): लगताहै साली के पासएक ही सेटहै.कोई बात नहीं कुछ ही दिनों मे तो उसे दिन
भर नंगी ही रखना है.आशना वीरेंदर के सामने वाली चेयर पर बैठ गई औरएक टाँग पर दूसरी टाँग चढ़ाकर
बैठ गई.वीरेंदरभी उसकेनितंबों की गोलाईयों को देखकर प्रभावित हुए बिना ना रह सका. उस जगह आशना
सामने दोमर्द थे दोनोकीआँखों मे हवस थी लेकिन एक को वो खुद सब कुछ सौंप सकतीथी ज़रूरत पड़ने पर
और एक कोतो वो देखनाभीपसंद नहीं करती थी.
वीरेंदर: काका चाइ डाल दें और मेरे रूमकी सफाई कर दें.
आशना:काकागॅरेज कीसफाई कर दें काफ़ी गंदा हो गयाहै. चाइमैं डाल देती हूँ और रही बात रूमकी तोमैने
उसे सही कर दिया है आपबस उसे बादमे झाड़ दें.
बिहारी ने मन परपत्थर रखते हुएहां बोलाऔर वहाँ से चल दिया.बिहारी(मनमे सोचते हुए,फुदक लेचिड़िया.
तेरे तो ऐसे पर काटुंगाकि तू दिनभर मेरे हीनीचे लेट कर चुदती रहेगी).आशना ने चाइ डाली औरएक कप
वीरेंदर की ओर बढ़ादिया. वीरेंदर ने मुस्कुराते हुए आशना से कपलिया और दोनो चाइ पीने लगे. थोड़ी देर दोनो
चुप चापचाइ पीते रहे.दोनो अपने अपने ख्यालों मे गुम थे. आशना, वीरेंदर द्वाराअपनी ब्रा-पैंटी को चुराने के
बारे मे सोच रहीथी और वीरेंदर,आशना द्वारा अपने अंडरवेर की बात कोलेकर सोच रहाथा. सच तो यह था
किदोनो ही अपने उपर लगे इल्ज़ामो से अंजानथे और एक दूसरे कोमन ही मनकसूरवार बना बैठे थे.उनकी
इस चुप्पीकोवीरेंदरने तोड़ा.
वीरेंदर: आपने मेरा कमरा कब ठीक किया.
आशना:वो आते हुएमैं आपके रूममे दवाइयाँ लेने गई तो आते हुए करदिया.
वीरेंदर:ओह, अच्छा. लेकिन रहने देती ना, आपने क्यूँ तकलीफ़ की.
आशना (मन मैं सोचते हुए) शायद जनाबइसलिएडर रहे हैं कि मैने उनके पास अपनी तो नही देख ली.
काश मैं जनाबकाबाथरूम भी चेक करलेती तोजनाब की चोरी पकड़ी
वीरेंदर: क्याहुआ? कहाँ खोगईआप?
आशना ने एकदम से अपने आप कोसंभालाऔर पूछा "अब कैसा फील कररहे हैं आप"?

खूँगी
वीरेंदर उसका मतलबतो समझ गया लेकिन फिरभीउसको चिडाने के लिए बोला "काफ़ी कंफर्टबल फीलकर रहा
हूँ मैं तो और लगताहै कितुम भी काफ़ीकंफर्टबल हो गई होअब". वीरेंदर ने यह बात इस लिए कहीकि उसे
लगाकि काका की मौजूदगी मैं शायद आशनाकंफर्टबलफील नहीकररही थी और अब उनके जाने के बादतो
वोज़रूर अच्छामहसूसकर रही होगी लेकिन

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आशना ने सोचा कि शायदवीरेंदर ने भाँपलियाहै कि उसने ब्रा-पैंटी नही पहनी है क्यूंकी उसकी ब्रा-पैंटी तो
उसने चुरा ली है. आशनाकोवीरेंदरकायह बिहेवियर काफ़ी अजीबलग रहाथा. उसे मज़ा भी आ रहाथा और
शरमभी.आशनाने नज़रें नीचे झुकाकरएक बार वीरेंदरकीटाँगों केबीच देखा किक्याउसने भी अंडरवेर नहीं
पहना है लेकिन उसे कोई पुख़्ता यकीन नहीं हुआ. आशनाके मन मे एक शरारत आई.उसने यह कहकरअपनी
जॅकेटउतारदीकि धूप बहुत तेज़ है.
आशना की जॅकेटउतरने कीदेरथी किवीरेंदर की नज़र उसकेउन्नत आज़ाद उभारों की तरफ पड़ी. बिना ब्रा के
उसके उरोज ऐसे झूल रहे थे जैसे पके हुएआम टहनियोपर झूलते हैं. वीरेंदर आशना के निपल्ससाफ महसूस
कर सकताथा. आशना चोरनज़रों से वीरेंदरके चेहरे पर आएइस बदलाव को देख कर मनही मन खिलखिला
कर हंस दी. उसने वीरेंदरकीपॅंट मे सॉफ हलचल महसूस की. कुछ देरतकवीरेंदर को अपने उन्नत वक्ष
दिखाने के बाद आशना ने बड़ी अदा से कहा" मुझे नहीं दिखाओगे".
वीरेंदर आशना के इस सवालसे चौंका और हैरानीसे पूछा"क्या"?
आशना मुस्कुरातेहुए अपनापूराबंगला.
वीरेंदर भीआशना की चालाकी समझ गया औरकुछ सोच कर बोला " बहुत है".
इस बारचौंकने की बारी आशना की थी.वो हैरानीसे उसे देखती हुई बोली"क्या"?
वीरेंदर: बंगला.
इतनासुनते ही आशना का चेहरासफेद पड़ गयाऔर वीरेंदर खिलखिलाकर हंस दिया. आशना अपनी हारको
देखते हुए बोली"वो तो देखने से ही पता लगरहा है किकितना बड़ा होगा,लेकिन मुझे पूरा देखनाहै".
वीरेंदर: दिखा दूँगा, इतनीजल्दी भी क्या है.अबदोनोमे खुल डबल मीनिंग बातेंहो रहीथीपर पीछे हटने
वाला कोईनहीं था.तभीबिहारीकाकावहाँ आगये और वीरेंदर से बोले मालिक आपगाड़ियाँ अगर गॅरेज से हटा
दें तो गॅरेज सॉफकरने मे आसानीहोगी.
वीरेंदर: जाओ और अंदरसे सारीचाबियाँ ले आओ. बिहारी ने एक नज़र भरकरआशना को देखा जो किजॅकेट
उतार कर बैठी थी.उसके खड़े निपल्स देख कर उसके पाजामे मे भी हलचल होने लगी. वोमन मार कर वहाँ से
चलदिया.
वीरेंदर: आओआशना पहले गाड़ियाँ निकाललेता हूँ फिर तुम्हे सारे शर्मा निवास की सैरकरवाता हूँ. आशना भी
वीरेंदर के पीछे चल दी. वीरेंदर की मर्दाना चाल पर आशनाफिदा हो गई.हाइट औरसेहतमंद का
मालिक उसका भाई उससे डबल मीनिंग बातें कररहा है और वो भी उसका साथ बखूबी निभा रहीहै. यहसोच
कर ही आशनाके जिस्म मे एकतरंगसी उठने लगी.
बिहारी ने वीरेंदर को गाडियो की चाबियाँ लाकरदीऔर वीरेंदर ने एकएक करके सारीगाड़ियाँ गॅरेज से निकाल
कर एक लाइन मे लगा दी.
वीरेंदर: आइए राजकुमारी जी अबआपको दिखाते हैं अपना............बंगलो.
आशना ने वीरेंदर की तरफएक स्माइल दीऔर चलपड़ी उसके साथ. करीब दो घंटे तक वो दोनो बंगलो के चारो
ओर चक्कर लगाते रहे. बंगलो जितना शानदार आगे से देखने मे थाउतना ही खूबसूरत पीछे से भी था.चारो

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तरफ फैले अशोका ट्रीस उसे एक मॉडर्नफार्महाउसका एहसासकरा रहे थे और हर फैले रंग-बिरंगे फुलो
के पौधे औरनरम घास उसके मनकोआनंदित कर रहे थे. चलते आशना कभीअपनी जॅकेट लेफ्ट हाथ मे
पकड़ती तोकभी राइट हाथ मे.
वीरेंदर: इसे पहनना हीनहीं चाहिएथातुमको,देखोकितनीतेज़ धूपहै.
आशना शिकायतभारी नज़रो से उसे देखते हुए सोचने लगी "एक तो आपने मेरी ब्रा-पैंटीकासेट चुरा लिया
और उपर से मुझे जॅकेट पहनने के लिए भी मना कर रहे हैं, इरादे नेक नहीं लगते इनके"
वीरेंदर: क्यासोचने लगती होयार तुम.
आशना ने चौंककर वीरेंदर की तरफदेखा.
वीरेंदर: सॉरीआक्च्युयली यारनहीं डॉक्टर. आशना.
आशना वहीं रुक गई और वीरेंदर की तरफ देखते हुएबोली "यार गंदा सा लगता है,तुममुझे "फ्रेंड का
दर्जा दे सकते हो".
वीरेंदर चलते चलते रुक गया और बोला. वीरेंदर:फ्रेंड क्यूँ, गर्लफ्रेंड क्यूँ नही?यह कह कर वीरेंदर उसकी तरफ
देखता रहाऔर आशना वहाँ से शरमा कर चली गई. वीरेंदर उसे जाते हुएदेखता रहा,उसका दिमाग़ काम करना
बंद कर गयाथा.उसे कुछ समझ नहींआ रहा थाकि यह उसके मूह से क्या निकल गया.इसीउधेड़बुन मे वो
काफ़ी देर तक वहीं खड़ा रहाऔर जब उसे होश आया तो आशनाकाफ़ीदूरनिकल गई थी. वो दौड़ कर उसका
पीछाकरने लगा पर आशना ने अपने कदमऔरतेज़ कर लिए. चलते चलते जब वोथक गई तो एक जगह नरम
घासपरबैठ गई. थोड़ी देर के बाद वीरेंदर भी हांफता हुआवहाँ पहुँचा और बैठ गया. उसकीसाँस काफ़ी फूली
हुई थी.दोनोने एक दूसरे कोदेखातो आशना की आँखे शरम से झुक गई.
वीरेंदर: आशना तुम बहुत खूबसूरत हो.
आशना ने नज़रें उठाकर वीरेंदर की तरफ देखा. अगर वीरेंदर उसका भाई नाहोता तो अबतकवो उसके सीने से
लिपट गई होतीऐसा असरथावीरेंदरकीशक्शियत का आशना पर. मगर वो अपने आप को काबू मे रखने की
कोशिशरही थी.
वीरेंदर उसकी चुप्पी को देखते हुए सोचने लगा शायद वो जल्दबाज़ी कर रहाहै. उसने बात पलटते हुएकहा देखो
कितना थकादिया तुमने मुझे. मैं तुम्हारी तरह जवान नही हूँ अब बुढ़ापा आ गयाहै मुझमे.
आशना ने फॉरन उसके होंठों को अपने हाथ से बंद कर दिया और उसकीआँखों मे देखते हुए उसे "ना"का इशारा
किया. उस एक पल मे दोनोकीआँखों ने एक दूसरे मे क्या देखा कोई नहीं समझ सकता था. आशना ने उसे
खींच कर अपनी गोद मे उसकासिर रख दिया और उसके बालों मे उंगलियाँ फिराने लगी. काफ़ी देर तक कोई
कुछ बोला.जहाँ वीरेंदर को आशना की गोद मे सिररखकर काफ़ी आराममिल रहाथावहीआशना यह सोच
कर परेशानथी किक्यावो सही कर रहीहै. क्याउसे आगे बढ़ने से पहले वीरेंदरकोसच बतादेना चाहिए.
उनके ख्यालो की दुनिया टूटी वीरेंदर का मोबाइल बजने से "कहता है पल-पल............." वीरेंदर ने स्क्रीन पर
नंबर. देखा तोएक दमहड़बड़ा कर उठ खड़ा हुआ. वीरेंदर: हेलो,डॉक्टर. आंटीयीईयियैआइयैआइयैयाइयैआइ.
................हां, हां बिल्कुलमैं आपका ही वेट कर रह हूँ. ........ओके,बाइ टेक केयर.

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वीरेंदर: आशना, डॉक्टर. आंटीआने वाली थीमेरे तोदिमाग़से ही निकलगयाथा.
आशना को भी एकदमअचानकयाद आया.आशना:क्या टाइम हुआ है?
वीरेंदर: 12:00 बजने वाले हैं. वो 2-2:30 बजे तक आ जाएँगी.काकातो आज सारा दिनगॅरेजही सॉफकरते
रहेंगे.चलो हम खानाहोटेलसे ऑर्डरकरदेते हैं.
आशना:होटेलसे क्यूँ? मैं बनाती हूँ ना.
वीरेंदर: तुम?
आशना:हां जी, मैं?
आशना:बोलो क्या खाना पसंद करोगे.
वीरेंदर: जो आपप्यार से खिलाएँगी हम खा लेंगे.

आशना का दिल खुशहो गया वीरेंदर के इस जवाब से और चेहरा शरमसे लाल हो गया.
आशना : तो चलें.
वीरेंदर: चलो, फिर तो हमे भीआपकी हेल्प करनी चाहिए. कुछ ही मिनिट्समैं दोनो किचन मे पहुँच चुके
आशना ने देखाकि मटरछिले हुएहैं तो उसने आलू-मटर,चिकन और चावल कीसोच ली.आशना को
पताथाकिवीरेंदर को नोन-वेग बहुत पसंदहै. जहाँ वीरेंदर आशना को काम करते हुए देखे जा रहा था वहीं
आशना पूरा मन लगा कर खाना बना रहीथी, आख़िर वो पहल बार वीरेंदर को अपने हाथों से बना कर खाना
खिलाने वाली थी.
मीठे मे उसने ड्राइ फ्रूट्सऔर दूध का एक लज़ीज़ मिक्स्चर तैयार किया.
एक- डेढ़ घंटे मे खानातैयार करके दोनोअपने अपने रूममे चले गये फ्रेश होने के लिए. इस दौरान दोनो के
बीचनॉर्मलबातें ही होती रहीं.
जब वो दोनो खाना बना रहे थे तभी बाहर बीना आचुकीथीऔर अपनी गाड़ी पार्क करके जैसे ही गाड़ी से उतरी
तो उसेबिहारी गॅरेज मे दिखा जो कि उसकी गाड़ी की आवाज़ सुनकरगॅरेजसे बाहर आ गया था.
बीना:आजबूढ़ा बड़ाकामकर रहा है,क्या बात है, नयी मालकिनने हुकुम दिया है
बिहारी: चुपकरमालकिनहोगी वोतेरी मेरी तो लंड की गुड़िया है जिसे मैं जल्दसे जल्द चोद कर बच्चे
पैदा करने कीमशीन बना दूँगा.
बीना:ओहो,मेरे रात के सैयाँ, गुस्सा थुको औरमेरीबात ध्यान से सुनो,कामका क्या हुआ.
बिहायर: बिहारी ने कोईकामअधूरा नहीं छोड़ा आजकल जानेमन.
बीना:शाबाशतोलाओवो हॅंडबॅग मुझे देदो.

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बिहारी: तो चलो मेरे कमरेमैं.
बीना:रात को आतीहूँ ना राजाउतावलापनठीक नहीं,तब तक छोटी मालकिनके नाम कीमूठ मार लो.
बिहारी: तुझे तो रात को ही बजाउन्गाऔर रहीबात मेरे मूठ मारने की उसकी तू चिंता मत कर मैने उसका
इंतज़ाम भी कर लिया है.बिहारीने उसे बतादियाकि कैसे उसने उसकी ब्रा-पैंटीचुराई है.
बीना:साले तू कमीना पननही छोड़ेगा. ऐसा करनेसे पहले अपने लंड से ही सोचा होगा ना तूने , ज़रा दिमाग़ से
सोच अगर आशनाकोशक हो गयातो हमारा बना बनायाखेलबिगड़ जाएगा.इसघर में दो ही तो मर्द हैं, यह
काम करने के लिए.एक तो वीरेंदर जो ऐसा घिरा हुआकामकरेगा नहीं तो सोच आशना का शक़ तेरेउपर ही
जाएगा ना और वो तुझसे चौकान्नी हो जाएगी.
बिहारी: साला उसवक्त मैं होश मे हीनही रहा, साली मेरे बिल्कुलकरीब बिल्कुल नंगी पड़ी थी. मुझे और कुछ
सूझानहींतोमैं उसकीब्रा-पैंटी हीउठा लाया. अब क्याकरें?
बीना:रुक मैं कुछ सोचतीहूँ. थोड़ीदेरबाद बीना बोली: अभीकहाँ है दोनोभाई
बिहारी: दोनो कुछदेर पहले ही अंदरगये है. आज खाना शायद आशना बना रही है.
बीना:अच्छा एक कामकर.अपने कमरेमे जा और वो बॅग औरवो ब्रा-पैंटीकासेट उठा ला.
बिहारी: उससेट का तू क्या करेगी.
बीना:रत को पहनकरआउन्गी, मुझे आशना समझ कर मेरी चूत और गान्डदोनो चोद लेना मेरे राजा, जा
अब.
बिहारी ने उसे घूर कर देखा और वहाँ से चलदिया. अपने हाथ पावं धोकर वो हाल मे घुसा औरसीधाअपने
कमरे मे चला गया. आशना- वीरेंदर मे से किसी ने भी उसे अंदर जाते नहीं देखा. बिहारी ने जल्दी से सारासमान
लियाऔर बाहर की तरफ आया. चुपके से वो घर से बाहर आया और हॅंडबॅग बीना को थमादिया.
बीना नेहॅंडबॅग उससे लेकर गाड़ीमे रखाऔर फिरहाथ आगे बढ़ा दिया. बिहारी ने आशनाकीपिंकब्रा उसके
हाथों मे थमा दी. बीना ने उसे पलट करदेखाऔर बोली"ह्म्म्म्म 36" औरफिर उसके हुक लगाकरचेक करने
लगी.पहली जगह हुक मुश्किल से फँसी पर दूसरी जगह हुक आसानी से लग गई. बीना: 36"बी, नाइस साइज़.
बिहारी हैरानी से उसे देख रहा था.बीना ने फिर से हाथ आगे बढ़ाया.
बिहारी: अब क्याहै?
बीना:उस कच्चीकली की कच्छी भी दे दे मेरे साईयाँ.
बिहारी: वो तो मैने टाँग रखी है.
बीना नेबिहारी की तरफसवालिया नज़रों से देखा तो बिहारी ने उसे अपनी टाँगों की तरफइशारा किया. बीना ने
बिहारी की टाँगों की तरफ देखा तो बिहारी ने अपने खड़े लंडपर आशना की पिंक पैंटी टाँग रखीहै.
बीना:यह तो बिल्कुल सॉफ है.
बिहारी: मतलब?

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बीना:साले इसपर मूठ तेरा बाप मारेगा?.
बिहारी की आँखों मे चमक आ गई.
बिहारी: मेरा बाप क्यूँ मारेगा,मैं मर गया हूँ क्या?. चल गॅरेज मे और मेरी मददकर. उसने बीनाकाहाथ पकड़ा
और उसे गॅरेजमे लेगया.
बीना:मेरे कपड़े गंदे होजाएँगे. तू एककाम कर इसपर ढेर सारीमूठ मार कर इसे धूप मे सूखा कर अंदर ले
आना. तबतक मैं अंदरकाहालजानती हूँ.बिहारी उसकीबात नहीं समझा पर वो तोआशना की मुलायम पैंटी
का एहसास अपने सख़्त लंडपर पाकरपागल हो गया था.उसनेबीनाके से ब्रा छीनीऔर बोला. साली
उसके मम्मे तो देती जा. बीना मुस्कुराते हुए वहाँ से गान्ड मटकातीहुई चलीगई बिहारीअपने काम मे
मसरूफ़ होगया.
अभीबीना अंदरभी नही पहुँची थी किबिहारी के लंडने वीर्य की झड़ी दी और उस नन्हीसी पैंटी को पूरा
अपने रससे भिगोदिया. बिहारीकेलंड नेइतना मालछोड़ा किबिहारी की आँखों के आगे अंधेरा छा गया.
अंदर आते ही बीना को खाने की खुश्बू किचन तक खींच लाई, लेकिनकिचन खाली था.वो दबे पावंउपर की
तरफ गई ताकिवो देख सके किदोनो क्या कर रहे हैं. वीरेंदर के कमरे के बाहर कुछ देर खड़े रहने के बाद जब
उसे कुछ सुनाई नहीदियातोउसने डोर का नॉब मरोड़ा औरदरवाज़ा खुल गया.अंदर कोईनही था.बीना के
चेहरे पर शरारती स्माइलआगई.
बीना(मन मे सोचते हुए): यहाँ तो बिना कुछकिए ही प्लान सफल होता नज़र आरहा है. बीना जाने के लिएजैसे
ही मूडी कि उसके कदम वहीं रुक गये. शायद बाथरूमसे पानी गिरने कीआवाज़ आ रही थी.बीना ने दबे कदमों
से तक का रास्ता तयकिया औरवहाँ तक पहुँची. वहाँ पहुँचते ही उसे ज़ोरकाझटका लगा जब उसने देखा
किअंदर से दरवाज़ा बंदहै. बीना मन मसोस कर रह गई औरवो निराशमन से वहीं रूम मेसोफे परबैठ गई.
सोफे पर बैठते ही उसकी नज़रबेड पररखे कपड़ों पर पड़ी जो किशायद वीरेंदर ने अभी पहननने के लिए निकाले
होंगे. बीनाकोयह तो यकीन हो गयाकि अंदरवीरेंदरअकेला ही है नहीं तो अंदर से कुछ नाकुछ आवाज़ तो
आती ही. कोई 10 मिनट. बाद पानी की आवाज़ बंद हुई तो बीनाउठकर सोफे के पीछे छुप गई.वो देखनाचाहती
थी कि कपड़े बदलने के बाद वीरेंदर आशना के रूम कीतरफ जाता है या नहीं.थोड़ी देर बाद वीरेंदर बाथरूम से
निकला औरशीशे का सामने खड़े होकर अपने बाल संवार रहा था.वो बाथरूमसे हाथ मूह धोकर निकला थाऔर
उसने कमर पर टवललपेट रखाथा.
आगे से टवलउपर उठाहुआ था जो किसॉफ बतारहा था कि वीरेंदरकुछ सोच कर एग्ज़ाइटेड था.वीरेंदर ने
झटकेसे अपनाटवलखोलदिया और अपने लिंग कोहाथ मे पकड़ते हुए बोला"यार तू फिरखड़ा हो अभी
रात कोही तो सुलाया था" बीना उसकी बातें सुन कर हैरानथी, अभी भीवो सोफे के पीछे छुपी हुई थी. उसे पता
ना किवीरेंदर किस से बातें कर रहा है. \\
उसने धीरे सेअपनी गर्दन उपरउठाकरदेखातो उसके होश ही उड़ गये.सामने वीरेंदर बिल्कुल नंगा उसके
सामने खड़ा था.उसके हाथ मे उसका विकराल लिंगथाऔर वो लिंग से बातें कर रह था.वीरेंदरकीनज़र
अपने लिंग पर थी इस लिए उसे बीनाकाअपने रूम मे होने का आभासनहीं हुआ. वीरेंदर (अपने लिंगसे बात
करते हुए): थोड़े दिन की बात है साले, धीरज रख और मुझे इंप्रेशन बनाने दे उसके अगर वोमानगई तो
तुझे रात-दिन उसकीगहराईयोकीसैर कर्वाउन्गा.बीनाउसकी बातें सुनकर एकदम हैरान थी. वीरेंदर जैसा

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दिखता थावैसा नहीं था. उसेतोवो हमेशाएक सभ्य औरसुशीललड़का ही था मगरवीरेंदरके मूह से
ऐसी बातें सुनकरबीना एकदमहैरान थी.

वीरेंदर( अपने आप से बात करते हुए):चल बेटा अबजल्दी से कपड़े पहन ले और चल नीचे,तेरी रानी भी तैयार
होके नीचे ही आने वाली होगी.नीचे चलते हैंऔर फिर उछललेनाउसे देख करजितना उछलना है.यह कह कर
वीरेंदर कपड़े पहनने लगा. वीरेंदर ने अंडरवेर पहना,फिर शर्ट पहनी और फिरपॅंट पहनकरअपने आपको
आईने मे देख कर बोला "आज तो बहुत चमक रहाहै यारतू, बस यारवो एकबार हां कर दे तो फिर अपने तो
वारे-न्यारे औरहमारा लंड उसकी चूत के सहारे".
बीना नेवीरेंदर के मूह से ऐसे शब्दो की कभी कल्पना भी नहींकीथी. वोतो उसे एकबेहद ही डिसिप्लिंड और
बेरूख़ा इंसान समझती थी.उसे यहतो कुछदिन पहले पतालग ही चुका था कि वीरेंदर के पासलौडाबहुत ही
तगड़ा है पर आज पहली बार एहसास हुआ किवो जल्द से जल्द इसका इस्तेमालभी करनाचाहता है.
बीना(मन मे खुशहोते हुए):आशना तो हिलभी नहीं पाएगी इस सांड के नीचे.
वीरेनेदर भी अपने आप सेबातें करते हुए: लेकिन यार एक प्राब्लम मेरा लंड इतना क्यूँ दुख़्ता हैजबफूल
जाता है,अब यह किसीसे पूछ भी नहीसकता.यार अपना सालाकोई दोस्त भी डॉक्टर.नहीं है जोउसकी राय
लेता. फिरवीरेंदरकुछ ऐसा बोलदेता है जिससे बीना की चूत एकदमरसछोड़ देती है.
वीरेंदर: किसी तरह आज बीना को बातों ही बातों मे पूछ ही लूँगाइसका इलाज और अगर ज़रूरत तो सबसे
पहले अपनेलंड का उद्घाटन उसकीचूत से ही करूँगा.साली मुझे देखती भीललचाई नज़रों से है,ज़्यादा नखरे
किएतो पटक कर चोद दूँगासबके सामने.
बीना वीरेंदर की यहबात सुनकर एक दमहैरान रह जाती है,बीनाने शुरू शुरू मे वीरेंदर परभी डोरे डालने चाहे
थे परवो उसे हर बारबीना आंटी कह कर चिड़ाता रहताथा. अगर बीना को पता होता कि वीरेंदरकीफीलिंग्स
उसके लिए इतनी हॉटहै तोवो तो कबकीटाँगे खोलकर उसके सामने नंगी लेटगई होती. इतना सोच करही
उसका स्खलनहो गया).

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वीरेंदर तैयारहोकर नीचे चला गया.बीना कुछ देरवहीं बैठी रहीऔर जो कुछ उसने सुना उसके के बारे मे सोचने
लगी. उसे यकीननहींहो रहाथाकिवीरेंदर जैसाइंसान भीऐसी गंदीबातें बोलसकता है. उसे तो लगता थाकि
गंदी गालियाँ बकने मे उसकाऔर बिहारीकाकोई मुकाबलानहीं कर सकता मगर वीरेंदर के इस रूप से वो
बिल्कुल अंजान थी.वो हर हालमे वीरेंदर-आशना को एककरना चाहती थीताकिवोपूरीजायदाद कोहथिया सके
लेकिन साथ ही उसेवीरेंदर के लौडे का सुख भी चाहिएथा. एकबार तो उसके मन मे आयाकि क्यूँ ना वीरेंदर
को फँसाकरउससे शादी कर लूँ लेकिन फिर उसे ख़याल आया अपनी रेप्युटेशनका, अपने पतिअभय का. अगर
वोवीरेंदर के साथ कहीं भाग भीजातीहै तो बिहारी या अभय कहीं नाकहीं उन्हे ढूँढ ही लेते वैसे भीउसकी
प्यासभुजाने को बिहारी तो था ही. वो यह रिस्क लेने का सोच भीनहीं सकती थी. वीरेंदर के साथ भागने मे उसे
एक रिस्क औरथा. होसकता वीरेंदर उसे अपना दिल बहला कर अपनाता यानहीं औरफिर उसवक्त वो कहाँ
जाती.उसने अपने दिमाग़ से बातों को झाड़ाऔर सोफेके पीछे से खड़ीहोकर वीरेंदर के कमरे से निकल आई.
अभीवो कमरे से निकलीही थी कि उसे बिहारीसीडीयाँ चढ़ता हुआ बीनाने उसे अंदर आनेका इशारा
किया.
बिहारी (अंदर आकर):यहाँ क्या कर रहीहै साली,कहीं वीरेंदरकालंड तोनहीं चूस रही थी, अभीअभी उसे बाहर
जाते हुए देखावो अपना लंडअड्जस्ट करकरता हुआ बाहर निकला है. बीना ने हुए बिहारी की तरफ
देखा और बोली: मेरे सैयाँ उसकालंड तो मैं झट से चूस लूँ वोकहे तो सही, अभीअभी उसकालंड देखा है. कम
से 8-9"लंबाऔर4.5'-5' मोटा तो होगाही.
बिहारी: तो तू यहाँ उसका लंड नापने आईथी.
बीना:नहीं मेरे रज्जा,आई तो उससे मिलने थी पर .......औरफिर उसेसब कुछ बतादिया.
बिहारी: साला, दिखने मे तोऐसानहीं लगता परवो भी क्या करे,लंड तोने उसे भी दिया है और वो भी
तगड़ा.माल तो तू भी कुछकम नहीं है और आशना जैसाटाइट माल घर मे हो तो कौन साला साधु बना रह
सकताहै.बिहारी, बीना को देखते हुए: अब तेरी चूत मे तो लार रही होगी कि वो भी तुझे चोदनाचाहता है.
बीना:अभी इसके बारे मे मैने कुछसोचा नहीं है,पर इतना यकीन रखो जो भीकरूँगीतुम्हारा कोई नुकसान नहीं
होगा.जायदाद तो हमारे बीच ही बँटेगी.अच्छासुन,मैने तुझे आशनाकीपैंटी दी थी,क्या हुआ उसका.
बिहारी ने जेब से ब्राऔर पैंटी कर बीना को देते हुए:यह ले, मगर तू इसका करेगी क्या.
बीना नेआशनाकीपैंटी देखी जो कि अबसूखने लगी थी औरमुस्कुरा कर बिहारीकीओर देख कर बोली:क्या
हाल कियाहै बेचारी की कच्छीका.लगताहै तू उस बच्ची की जानलेकर हीरहेगा अपने मूसल से.
बिहारी: मैं तुझे नहीं रोकुंगावीरेंदरसे चुदने से तोतू मुझे मत रोकना आशनाकोचोदने से,हिसाब बराबर.
बीना:चल देखते हैं क्या होता है. कुछ सोच करतुझे बताती हूँ कि क्या करना
बिहारी: तूने बतायानहीं कि इसपैंटीकाक्या करेगी?.
बीना:बता दूँगी रज्जा,तेरी रानी की कच्छीउसे ही देने जा रही हूँ,बाकी सब बाद मे समझा दूँगी.अच्छा एक
कमकर,तू मुझे आशना का कमरा बता और नीचे जामुझे अपना काम करने दे. बिहारी ने गंदी स्माइलउसे
दी और उसके मम्मों को कस करदबाते हुएकहा "तू साली बहुत बड़ीछीनाल है, पता नहीं डॉक्टर. कैसे बन गई"
और यह कह करवहाँसे चलागया.जाते-जाते उसने इशारे से बीना को आशना का कमरा दिखादिया.

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बीना उसे जातेहुए मुस्कुराते हुएदेखती रही.उसे फकर हो रह था अपनीकिस्मत पर. उसका प्लानअपने आप
ही सफलहोरहा था.
बिहारी के सीडीयाँ उतरते हीबीना आशना के रूम कीतरफ चलदी. नॉक करने से उसने आशना की ब्रा-
पैंटी अपने बॅग मे रखी और डोर नॉककिया.
आशना:आती हूँ मेरे बाय्फ्रेंड जी.
इतनासुनते ही बीना का सिर चकराने लगा,उसे लगा जैसे आशना उसकी सौत बनने की राहमे काफ़ी आगे
निकलगई है.
उसने अपने आपकोसंभालते हुए कहा "आशना दरवाज़ा खोलो, मुझे तुमसे कुछबात करनी है".
अब बारी आशनाके चौंकने कीथी, उसने सोचाथा किवीरेंदर उसे नीचे जाने के लिए लेने आया होगा मगर
उसने तो डॉक्टर. बीनाकोवीरेंदरसमझ करमज़ाक मे यह क्या कह दिया, आशना को अपने आप पर गुस्सा
आने लगा. उसे काफ़ीशरम आ रही थी किडॉक्टर. बीना उसके बारे मे क्या सोचेगीक्यूंकी वो तोयह जानती
थी कि वीरेंदर उसकाभाईहै. उसने शरमाते हुएदरवाज़ाखोलाऔर एक तरफ सहमकर खड़ी हो गई.
बीना (अंदर आते हुए):अबतुम्हें क्याहुआ?
आशना ने कोई जवाब नहीं दिया, वो चुप चापनज़रें नीचे झुकाखड़ी रही.
बीना:मैं तुमसे बात कररही हूँ
आशना:जीकुछ नहीं, वो मुझे लगा के वीरेंदरहोगा तो मैने ग़लती से......
बीना:ग़लती से क्या? तुमने क्या कहाथाज़रा फिरसे बोलना.
आशना को लगाशायदडॉक्टर. बीना ने उसकी बात नहीं सुनी थी.उसने से दिमाग़ लगाया और बोली: मुझे
लगाके वीरेंदर नॉककररहे हैं तो मैने कहा "अभीखोलतीहूँ, दरवाज़ा पीटोमत".
बीना आशना के झूठ पर मुस्कुरा दी.
बीना:घर के मालिकसे इस तरह की बात, ओह मैं तो भूलहीगईथीकि तुम तो घर की मालकिन हो.
आशना कुछ नॉर्मल हुई और बोली: कहिएडॉक्टर. कबआईं आप?.
बीना:अभी कुछ देरपहले ही आईहूँ, नीचे हॉलके बाथरूम मे हाथ मूह धो रही थी तो बाहर आकर बिहारी काका
ने बताया कि वीरेंदरअभी अभी तैयारहो कर बाहर खड़ी गाड़ियाँ मे पार्क के लिए गया है तोमैं
उपर चली आई.वीरेंदरकेरूमका दरवाज़ा खुला देखा तो अंदर चलीगई.वहाँ से सीधा तुम्हारे कमरे मे आईहूँ.
आशना:वीरेंदरतैयार होभी गये?हे भगवान मैने तो अभीकपड़े ही पहने हैं बस.आशनाने एक लाइट ऑरेंज
कलरली लोंग स्कर्ट औरस्काइ कलर की स्लीवेलेस्सटी-शर्ट पहनी थी.उसने अंदर से वाइट ब्रा पहन रखी थी
जिसके स्टारप्सउसके शोल्डर परदिख रहे थे.आशना ने जल्दी ब्लॅक कलर की शॉर्ट जॅकेटपहनी और
अपने आप को शीशे में देखने लगी.इस ड्रेसमे आशना काफ़ी हॉटलग रही थी. उसके लंबे बालखुले हुए थे,
उसने झटसे रब्बर बॅंड से उन्हे संभालाऔर डॉक्टर.बीनाकीतरफ देखकरबोली चलें.बीना उसे घूरकरदेख
रहीथी और हल्के हल्के मुस्कुरारही थी.आशना ने बीनाकीतरफ देखातो शरमा कर वहीं खड़ीहो गई. \

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बीना:सोच रही हूँ कितुम वीरेंदर की कितनीकेयर करती हो, उसके लिए फटाफट तैयार गई. उसके लिएइस
घर आई औरअबउसकी बीमारी का इलाज करने मे भी मेरी मददरही हो. काश सचमुच उसकी
बेहन ना होती तो मैं वीरेंदरकी तुमसे हीकरवा देती.बीना की इस तरह की बात से आशना एक दम शरमा
गई और उसके गाल एक दमलाल हो गये.थोड़े देर कोई कुछ ना बोला.फिर बीना बोली: मगर लगता है कि
वीरेंदर की ज़िंदगी मे कोईऔर लड़कीआ गई है. इतना सुनते ही आशना के दिल को ज़ोर का झटका लगा.
उसकी आँखों केआगे अंधेराछाने लगा.उसने बड़ी मुश्किलसे आप को गिरने से बचाया. उसके मूह से
कुछ निकला.उसकी हालत देख करबीना मनही मन मुस्कुरा उठी.
बीना:श्योर नहीं हूँ पर लगता है ऐसा.आशनाकेचेहरे के भावको देखता हुए वो बोली:अभी जब मैं उसके रूम
मे तोमुझे वहाँ उसके बाथरूमसे पानी चलने कीआवाज़ आरही थी.मैने अंदर जा कर देखा तोवॉश-बेसिन
का नल पूरीतरह से बंद नहींथा. मैं उसे बंद करके जैसे हीमूडीतोहॅंगर पर कुछ देख करएक दमहैरान रह
गई. आशनासवालिया नज़रों से बीना को देखनेलगी. बीनाने अपने बॅगकी ज़िप खोली औरउसमें से आशना
की ब्रा- पैंटीनिकाल कर आशना को दिखाई और पूछा.
बीना:इन्हे पहचानती हो?

आशना का दिल एक दमधड़कना रुक गया औरखुशी के मारे उसकी आँखों मे पानी आगया मगर उसने नामें
सिर हिलाया.आशना का जवाबसुनकरबीनाभीमन हीमनमुस्कुरा उठी.
बीना:यह उसके बाथरूमसे मिलेहैं. वोतो इसे पहनतानही होगातो ज़रूर रात कोकोई लड़कीयहाँ आईहोगी
और फिर जाते हुए वीरेंदर को गिफ्ट कर गई होगी.बीना बेशर्मी से उसे आशना की आँखों के आगे लहरा रही
थी.
आशना शरमसे गढ़ी जा रही थी. आशना ने हाथ आगे बढ़ाकर उसे पकड़ लिया.जैसे हीउसने अपनी पैंटी हा
हाल देखा, उसे अपनी पुसीमे गीलेपन का एहसासहुआ. (आशना सोचने लगी, की वीरेंदर कितने लापरवाह हैं,
इन्हे यूज़ करके उन्हे वहीं बाथरूम मे टाँग दिया. कहीं छुपा देना चाहिए था.)
बीना:इसका मतलबजनाब कहीं अपना दिलखो बैठे हैं और रात को उन्होनेअपनी हसरतें भी पूरी कर ले होंगी
क्यूंकी इस से पहले की तोमैं गॅरेंटी लेती हूँ कि"ही वाज़ प्योर वर्जिन".

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आशना ने ब्रा-पैंटी को फोल्ड करके अपने पासरखलिया,यह सोच करके इसमे उसके भाईउसके प्रेमी का
पहला वीर्य गिरा है.
बीना:इसे वहीं रख देते हैं,हो सकताहै आज रात को फिरवो लड़की आए और अपने कपड़े वहाँ ना पाकरवीरेंदर
से तो उसे कहीं शक ना होजाए.
आशना:आप फिकरना करें, मैं बादमे रख दूँगी.
बीना मन मेंसोचते हुए: रख ले साली,यह तेरे होने वाले बच्चोकेके लंड से निकला वीर्य है,संभाल के
रख ले. वीरेंदर की एक बात जो आशना ग़लतीसे जान चुकी थीबीना अभीभी नहीं जानतीथी किवीरेंदर ने
सचमूच रात मे आशना का नामलेकरमास्टरबेट किया था.
बीना:चलो अब नीचे चलें,बहुत भूक लगी है.
आशना:आप चलिएमैं अभीआती हूँ.बीना के जाते ही आशना नेब्रा-पैंटी का सेटआलामरी मे रखा और
अलमारीलॉक कर के रूम बंद करके नीचे आ गई.सबने डाइनिंग हॉल मे बैठ कर खानाखाया और बीना-वीरेंदर
ने आशनाके खाने की काफ़ी तारीफभी की.आशना काफ़ी खुशहुई जबवीरेंदर ने खाने कीइतनी तारीफ
की.खाने के बाद वीरेंदर ने डॉक्टर. बीना को अपने रूममे आने को कहा.
वीरेंदर: डॉक्टर. आंटी, मुझे आपसे कुछ बात करनीहै, आपमेरे रूम में आ सकतीहैं.
बीना की चूत यहसुनकर रिसने लगी औरबोली:हां, हां क्यूँ नहीं.हम अभी आते हैं.
वीरेंदर: मुझे सिर्फ़ आपसे बात करनी है.आशना को यह सुनकर अजीब सा लगामगर उसने ज़्यादा ज़ोर नहीं
दिया अपने दिमाग़ पर. उसे लगा किशायद वीरेंदर उसके सामनेकंफर्टबल फील नहीं कर रहा होगा,आख़िर
जनाबने रात कोउसके कमरे मे आकर चोरीजोकीहै.
आशना:डॉक्टर. बीना आप ही जाइए, मुझे वैसे भीबड़ी नींद आ रहीहै, मैं अबथोड़ी सोउंगी.
बीना:ओके, तो वीरेंदर तुम चलो,मैं अभीआती हूँ कुछ ज़रूरी कॉल्सकरनी हैं. हॉस्पिटलसे पेशेंट्सकी जानकारी
ले हूँ.
आशना उपरजाने लगी तोवीरेंदरभी उसके पीछे पीछे सीडीयाँ चढ़ने लगा.आगे जाती हुई आशना की बलखाती
कमरपर नज़र रखकर वीरेंदरसीडीया चढ़ने लगा और चक्की की तरह घूमती हुईउसकी मांसल गान्ड देख मन
मे लगा "तेरे लिए ही साली डॉक्टर. से सलाह लेने वाला हूँ,कुछहीदिनोमैं इसकीथिरकन और बढ़ा दूँगा
मेरी रानी".
उपर पहुँचते ही आशना ने पीछे मूड कर देखा और अपनी आस पर वीरेंदर की नज़रकरते हीउसके होंठों
परमुस्कान तैर गई औरउसके दिलसे आवाज़निकली "कमीना, अपनी ही बेहन के जिस्मको घूररहा है".
नीचे खड़े बिहारी और बीना यह देख कर मुस्कुरारहे थे. वीरेंदर औरआशनाअपने अपनेमे घुस गये.
बीना:कितनी डोज डाली थी?
बिहारी: 10-15 मिनिट रुकजा साली तब तक वोशायदतेरे आने से ही अपने कपड़े उतार कर तेरा इंतज़ार
कर रहाहोगा.

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इतनासुनते ही बीना की चूत मे चीटियाँ रेंगना शुरू हो गई.
बीना:मैं वॉशरूमहोकर आती हूँ, क्यापता साला सीधा मेरी गान्ड पर ही अटॅक ना करे, आशनाकीगान्ड को
तो बड़े चाव से देखरहा था.
जब तक बीना वॉशरूमयूज़ करती,बिहारीने बर्तनसॉफ कर दिए और उस अफ़रोडियासिक कीथोड़ी डोजखुद
खा ली.जैसे ही वो बाहर हॉल मे आया, बीनाभी वॉशरूमसे बाहर निकली.
बीना:मैं उपर जा रही हूँ,तुमध्यान रखना, कहीं आशनाबीच मे ना टपक पड़े.
बिहारी: तू बेफिकर होकर चुदवाउसके मूसलसे, वो अब शामतक नहीं उठेगी.मैने उसे नींदकी गोलियाँ दे दीहैं
पानी में.
बीना:ओह, बिहारी तुम मेरे लिएकितनाकुछ रहे हो और यह कहकरबिहारी के गलेमे बाहें डाल दी.
बिहारी ने उसकी बाहें झटक करकहा: साली तेरे लिएनहीं अपने लिए खिलाई गोली उसे. जब तू अपने यार से
चुदेगि, मैं उसके कमरेमें जाकर उसकी सील तोड़ूँगा,मैने तोडोज भी ले ली है. \
बीना(घबराते हुए):ऐसा मत करना मेरे सैयाँ,उस नाज़ुक कली के साथ, उसकी सील तो वीरेंदर को ही तोड़ने देना
और मैं वादाकरती हूँ किमैं भीवीरेंदर से चुदवाउन्गी नहीं बस उसे तडपा कर इतना और ख़ूँख़ारबनादूँगी
किवो आशना परझपट पड़े.अगरतूने उसकी सीलपहले ही तोड़ दी औरआशना ने हंगामा कर दिया तो सारा
प्लान फैल हो जाएगा.
बिहारी: अब आई ना लाइन पर साली, मुझे पता था तू ऐसे नहीं मानेगी. जा तू बेफिकर होके उसका लौडाचूस
मैं अपना मालआशनाकोपिला कर आताहूँ.

दोनोसीडीयाँ चढ़ने लगेऔर उपर जाकर बीनाबोली: हो सके तो एक ही बार झड़ना तू,वीरेंदरकोगरमकरके
अगर मैं भी गरम हो गई तो तेरे कमरे मे आजाउन्गी.
बिहारी ने कुटिल मुस्कान के साथ उसे देखा और बोला "कुतिया कहीं की".
बीना नेवीरेंदर का डोर नॉककिया.
वीरेंदर: एकमिनिट डॉक्टर., अभीखोलताहूँ, वीरेंदर की आवाज़ से लग रहा था वो काफ़ी पीड़ामे है.दो
मिनिट के बाद वीरेंदरने दरवाज़ाखोला और बीना अंदर आईऔर कमरेमे वीरेंदर के बिखरे कपड़े देख कर हैरान
हो गई.वीरेंदरके सारे कपड़े बेड पर बिखरे पड़े थे.उसने फॉरन वीरेंदर की तरफ देखा जो किएकवाइट पाजामे
कुर्ते मे हुआ था और उसकी आँखें काफ़ी लाल हो रखीथी.
बीना नेअंजानबनते ह्यू पूछा "अरे योउ ओक वीरेंदर"? बीना ने अपने चेहरे पर चिंताकीलाकारीन लाकर उसकी
तरफ देखा.
वीरेंदर: नहीं डॉक्टर.कुछ ठीक नहीं है.(वीरेंदरने डॉक्टर.आंटी की बजाएसिर्फ़ डॉक्टर. बोलाजिसेजैसी
चालाक औरत ने एक दम उसकी मनोदशा भाँप ली).उसने झट से दरवाज़ा बंद करके लॉक किया और वीरेंदर का
हाथ पकड़ करउसे बेड पर बिठाया. बीना फॉरन उसके कपड़े बेड से उठा कर सोफे पर रखती है और उसकेपास
जाकर बैठजातीहै.

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बीना उसकी आँखों मे देखते हुए: बोलोवीरेंदर क्याबात है.
वीरेंदर ने अपनी निगाहें झुका लीऔर चुप रहा.
बीना नेदेखाके पाजामे मे वीरेंदर का लौडा विकराल रूपले चुका था, जानतीथीकिअब वीरेंदर दिमाग़ से
ज़्यादा लंड की बात सुनेगा.
बीना:बोलो वीरेंदर आख़िर बात क्याहै, कुछ बताओतो सही. आख़िर मैं डॉक्टर. हूँ, मुझसे छिपाओ
नहीं.
वीरेंदर ने निगाहें उठाकर बीना की तरफदेखाऔर कहते कहते खामोशहोगया.
बीना नेदेखाके वीरेंदर की आँखों मे खूनआ गया है.वो जानतीथी किलोहा गरम हो चुका है,किसी भीवक्त
पिघल सकता है.आशना की तरफ सेवो निसचिंत थी. उसे पता था कि अब तक वो सपनोकीदुनिया मे काफ़ी
आगे निकल गई होगी.बीना ने फिरसे वीरेंदर को कुरेदना शुरू किया.
बीना:वीरेंदर मूज़े बताओक्या हो गयाहै तुम्हें,क्यूँ इतना परेशान हो.तुम्हारी आँखे इतनी लालक्यूँ हैं,क्या
तुम रो रहे थे.बताओमुझे, आजमैं जान कर हीरहूंगी.
इतनासुनते ही वीरेंदरएक दमपागलो सा खड़ाहुआ और अपने पाजामे को एक ही मे करके अपनी
कमीज़ उठा ली.और........
वीरेंदर(चिल्लाते हुए): यह प्राब्लम है मुझे.
बीना उसके लंड को देखती ही रह गई, 9" लंबा और करीबमोटा लौडाउसकी आँखों के आगे कुतुबमीनारकी
तरह खड़ा था. उस पर नसें ऐसे उभरआई थी किथोड़ा सादबाने से ही फट पड़ता.उसने अपनी पूरी ज़िंदगी मे
कभीइतने बड़ेलंड की कल्पना भी नहीं की थी.उसका हाथ अनायासही उसके मूह पर चला गया.
बीना( बनावटीगुस्सादिखाते हुए):यह क्या बदतमीज़ी है वीरेंदर.
बीना के रियेक्शनसे वीरेंदर को अपनीग़लती का एहसासहुआ.वीरेंदरधम्म से फिरसे बेड पर बैठ गया.
वीरेंदर: डॉक्टर. मैं क्याकरूँ, यहमुझे हमेशा परेशन करता है.देखोइसे कैसे अकड़ गयाहै. मुझे दर्द हो रहाहै,
मैं करूँ इसका.
बीना( चोर नज़रो से उसके लौडे को निहारते हुए): तुम जवानहो वीरेंदर और काफ़ी सेहतमंदशरीरके मालिक हो
और सबसे बड़ीबात अभी तक कुंवारे हो, इसलिए ऐसा है. मेरी बात मानो जल्द सेजल्द शादी कर लो,इसका
इलाज करने वाली ढूँढ लो.
बीना के इस जवाब से वीरेंदर थोड़ानॉर्मलहुआ, उसे लगा किबीना ने शायदउसकीग़लती माफ़ कर दी है.
वीरेंदर: प्राब्लम इसका खड़ा होनानहीं हैडॉक्टर.,प्राब्लम है इस मे उठ रहादर्द जबयह हार्ड हो जाता
पतानहीं क्यूँ यह ऐसे ही दर्द करता रहताहै. घंटोतक यहखड़ा ही रहता है औरहोता रहता है. मुझे तो
लगताहै मुझे कोई बीमारी है,तभीतो मैं शादी करने से डरता
बीना:इसका खड़ाहोनातो तुम्हें हेल्ती प्रूव करताहै और रहीदर्द तो तुम इसकी सफाई तो करते ही
हो ना.

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वीरेंदर ने सवालिया नज़रो से बीना को देखा.
बीना:मेरामतलब, इसकी चमड़ी के अंदरगंदगी जमाहो जाती है जिसे अगर टाइम टाइमपर सॉफ किया
जाए तोइन्फेक्षन होसकती है.जिस कारण खारिश या दर्द होता है.
वीरेंदर: इसकी चमड़ी ही तो पीछे नहींहोती,बहुत दर्द होता है यहाँ.
बीना अंजान बनते हुए उसे देखतीरहती है.
वीरेंदर: डॉक्टर. प्लीज़ इसकाकुछ इलाज करो,देखोइसकी चमड़ी पूरी पीछे नहीं होती. यह कह कर उसने अपने
सुपाडे की चमड़ी को पीछेकरने की कोशिशकी . थोड़ा सा ही लाल सुपाडा बाहर आया था कि वीरेंदर के मूह से
एक दर्द भरी आह निकली.
बीना नेमोके का फ़ायदा उठाते हुए फॉरन अपना हाथउसकेलंड पर रख दिया जैसे जतानाचाहती होकि वो
उसके दर्द को दूर करने की कोशिश मे इसे पकड़ बैठी. बीना ने जितनीतेज़ीसे उसलौडे को पकड़ा उतनी ही
तेज़ी से अपना हाथ पीछे भीखैंच लिया.बीना की चूत रसबहा बहा कर बहालहो गई थी पर वो इस लौडे से चुद
नहीसकती थी अभी. उसने बहुत कोशिशकी अपने आप को रोकने की.
बीना नेअपना हाथ पीछे खैंचते ही वीरेंदर की तरफ देखा औरधीरे से बोली "आइ आम सॉरी".
वीरेंदर: इट्स ओके, आपही बताइए के अब इसका मैं क्याकरूँ.
बीना नेमुस्कुरा कर उसे देखा औरबोली: तुम तो एक दम वर्जिन हो.
इतनासुनते ही वीरेंदरकीआँखें शरमके मारे झुक गईं.

बीना:शरमाओ मत, इसका इलाज है पागल लड़के.पहले बता देते तो अब तक यह कई घोड़ियो की सवारीकर
चुका होता.
वीरेंदर शरमके मारे अपनाचेहरे भी नहीं उठा पा रहाथा.
बीना:शरमाने से काम नहीं चलेगामिस्टर.वीरेंदर.
वीरेंदर ने अपना चेहराउठाकरबीना की तरफ देखा जो किउसके लंड को ललचाई नज़रो से देख रही थी.
वीरेंदर: तोक्या मैं ठीकहो सकता हूँ.मेरा मतलब है कि इसका दर्द ठीक होसकता है.
बीना:बिल्कुलठीकहो सकता है.आक्च्युयली मैं तुम्हें समझातीहूँ. शरमाना मत कोई भी सवाल मन मे उठे तो
बेहिचक पूछ लेना, मुझे अपनादोस्त समझना.
वीरेंदर ने हां मे गर्दन हिलाई

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बीना--.ऐसा है कि जबतक लड़की कुँवारी (वर्जिन)होतीहै तो उसकी वेजाइना मे एक परदाजैसा होता है, जिसे
"हाइमेन" कहते हैं.जबउनकीशादीहोती है या शादीसे पहले अगर वोकिसीके साथ सेक्सकरती हैं तो वो
परदाफट जाता जिससे उन्हें थोड़ीदेरतेज़ दर्द होता है और खूनभी निकलताहै. ठीकउसी तरस मर्दों के
पेनिस मे भी एक फ्लेशी सील होती है जो कि पेनिसके अगले हिस्से पर होती है जैसे कि तुम्हारी है.यह सील
ना के कारणतुम्हारी पेनिस कीचमड़ीपीछे तक नहीं जा पाती औरअगर तुम कोशिशभी करते होतो
तुम्हें तेज़ दर्द होताहै.
वीरेंदर: तोइसका इलाज? मेरा मतलबयह कैसे टूटेगी.
बीना(मुस्कुराते हुए): बड़ी जल्दी है तुम्हें अपनी सील तुड़वाने की.
वीरेंदर बीना के इस जवाब से झेंप गया.
वीरेंदर: नहीं मेरा मतलब वो.....
बीना(हंसते हुए): कोईबात नहीं, मैं तुम्हें इसका इलाज बतातीहूँ.
बीना:शादी के बाद जबतुमसुहागरात मे अपनीअपनी वाइफ की सीलतोड़ोगे तो तुम्हारी भी सीलटूट जाएगी,
सिंपल.
वीरेंदर(शरमाते हुए): इतना सिंपलनहीं है.मैं तो दर्दके मारे कुछ करभी नही पाउन्गा.
बीना:रहने दो यह सब. जब तुम्हारीबीवी तुम्हारे सामने बेड परनंगी लेटीहोगी ना तोतुमसब दर्द भूल
जाओगे और उसे चोद........
बीना:आइ आम सॉरी.
वीरेंदर: बोलोना बीना.
बीना हैरानी से उसकी आँखों मे देखती है.आज पहली बार वीरेंदरने उसे सिर्फ़ बीनाकहपुकारा था. बीना
एक दम गई किबकरा घास खाने को तैयार है.बीना ने शरमाने का नाटक करते हुएअपने हाथ अपने चेहरे
पररख दिएऔर धीरे से बोली:मुझे शरमआती है.

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वीरेंदर को बीना की यहअदा घायल करगई.
वीरेंदर: बोलोना बीना,जब मेरी बीवी नंगीहोगी तो क्या?
बीना नेहाथो से चेहरा छुपाकरना मे गर्दनहिलाई.बीना जानती थीकि वीरेंदरकोजितना तडपाया जाएगा वो
उतना हीख़ूँख़ार होगा.
वीरेंदर: बताओ ना, प्रॉमिस मैं यह बातें किसी से नहीं कहूँगा.
बीना नेअपनी आँखों से अपने हाथो की उंगलियाँ खोल कर देखा और बड़ी अदा सेपूछा कि" अभयकोभी नहीं
बताओगेना"?
वीरेंदर: नहीं, गॉडप्रॉमिस.
बीना:पर मुझे शरम आती है.वीरेंदर
एकदम भड़क उठा और बोला: तो मुझसे सुन मैं बताता हूँ. जब सुहागरात पर मेरी दुल्हननंगी लेटीहोगी तो मैं
उसे चोदे बिनारह नहीं पाउन्गा,यहीकहना चाहती थीना तू.
बीना नेएकदम से अपने हाथ चेहरे से हटा कर अपना बायाँ हाथअपने मूहपर रख दिया.
वीरेंदर: क्यूँ अब क्या हुआ, तू बोले तो सबसही, मैं बोलूं तो इतनाबड़ा मूह खुल गया.
बीना:यह बातें कहने की होती हैं क्या (बीना हरबात बड़ी अदा से बोल थी और वीरेंदरउसके जालमे फँसता
जा रहाथा).
बीना:वीरेंदर को उकसाना चाहती थी, वो चाहती थीकि वीरेंदर एक बार उसे पकड़े तो सही, उसके बाद तो उसके
लंड कोछोड़ेगी ही नहीं.
वीरेंदर: बाकी सब रहने दोमगर जब तक मेरी शादी नहींहो जाती,तब तक इसका क्याकरूँ. यह वीरेंदर ने
अपने लंड की तरफ इशाराकरके कही.
बीना:वोहीजोअभी तक करते आएहो.
वीरेंदर: खाककिया है अभी तक कुछ, कल पहली बार तो मूठ मारी रातको मैने,वो भी दर्द के मारे जान
निकलगई.
बीना नेदेखावीरेंदर अबखुलने लगा है तो उसने भीशरम का नाटक चोएड दिया. बीना ने उसकी आग कोहवा
देते हुए कहा:क्या कलपहलीबारमूठ मारीतुमने?.
बीना के मूह से ऐसी बातें सुनकर वीरेंदरकेलंड मे और जोश आ गया.
वीरेंदर: हां, प्लीज़ कुछ करदे ना.
बीना:मैं क्या करूँ,मैं कोईतेरी गर्लफ्रेंड या बीवीथोड़ी हूँ जो इसे ठंडा करूँ (यह बात बीना ने उसके लंड की
तरफ इशारा करते हुए कहा),मैं तोतेरी बीना आंटी हूँ ना.
वीरेंदर: बीवीतो तू अभय की है तोमेरीगर्लफ्रेंड बन जा ना.

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बीना:अच्छा जी अब मतलब निकालनेके लिएबीना आंटी को गर्लफ्रेंड बनारहे हो.
वीरेंदर: बन जा नाक्या फरक पड़ता है. तेरी कॉन सीसील है जो अभयकोपता चल जाएगा.
बीना:ना बाबा ना, इतने बड़े ल.......वाले कीगर्लफ्रेंड नहीं बनना मुझे. मैं तो मरही जाउन्गी.
वीरेंदर: क्यूँ,क्या अभयकालंड ऐसानहीं है क्या?. अबवीरेंदर बिल्कुलगंदे वर्ड्स परआया थातो बीना
भी कहाँ पीछे हटने वाली थी.
बीना:अभय का क्या मुझे तो लगताहै तेरे सेबड़ा लंड शायद ही किसी का हो. तेरीदुल्हन तो शायदहीझेल
पाए तुझे अगरवो वर्जिनहुई तो.
वीरेंदर: क्यासच मुचमेरा बहुत बड़ाहै.
बीना:इतना बड़ा किमुझ जैसी औरत भीमुश्किलसे ले पाए बिना तेललगाए.
वीरेंदर की आँखों मे चमक आ गई.वीरेंदर(शरारती लहजे मे): तैलतोहै मेरे बाथरूम, तू तैल की चिंता ना
कर.
बीना:अच्छा


वीरेंदर बीना को बाहों मे भरते हुए: तूने ही तो कहा है कि कुँवारीलड़की मेरा लौडा शायदझेल ना पाए.तू
चिल्लाएगी सही परमेराले तो लेगी ना अपनी चूत में.
बीना:हटबेशरमकहीं का,कितनीगंदी लॅंग्वेज यूज़ करता है अपनी माँ समान चाची के साथ.
वीरेंदर: चाची?
बीना:और नहीं तो क्या?, तुमअभय को चाचू नहीं बोलते हो क्या.
वीरेंदर: वो तो मैं ऐसे ही बोलता हूँ.तुमतोमेरीरानीहो.
बीना:मुझे भी तो बीना आंटी बुलाते थे.
वीरेंदर: सबके सामने बुलाना पड़ता है,दिलमे तो तू हमेशामेरीरानीबनके रहीहै.
बीना:अच्छा,फिर रूपाली का क्या?
वीरेंदर ने एकदम उसे झटका देकरअपने से दूरकरदिया.
वीरेंदर: तू रूपाली के बारे में कैसे जानती है.
बीना एकदम घबरा गई, यहउसने क्याकह दिया.वीरेंदरने तो कभीबीना से या किसी से रूपाली का ज़िक्र
किया ही नहीं.

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बीना:हड़बड़ाते हुए वो ...वो..वो. रूपाली की सहेलीमेरीमौसी के बेटे की बीवीहै. उसीने मुझे तुम्हारे और रूपाली
के बारे मे बताया था.
रूपालीकानाम आने से वीरेंदरकाफ़ीउखड़ गया था.बीनाने मोके कीनज़ाकत कोसमझते हुए वीरेंदर का लंड
पकड़ लिया और बोलीबेचारादेखो अभीतक सलामी दे रहा है. इसका कुछ करना ही वीरेंदर के लौडे पर
पहली बार किसी औरत काहाथ लगते हीउसके दिमाग़के सारे फ्यूज़ उड़ गये और उसकेमूह से एक आह
निकली.
बीना:अगर मेरे पीरियड्स ना होते तोमैं आज इसे बिना तेल लिए भी अपने अंदर लेने को तैयार थीलेकिनकोई
बात नहीं मैं इसेठंडा तो कर हीसकती हूँ.
वीरेंदर: क्यायार तेरे पीरियड्स बीचमे कहाँ से आ गये.
बीना:क्या करूँ रोमीयोआज से हीस्टार्ट हुएहैं. अब तो किसी तरह निकाललो उसके बाद तो तेरी
सीलमैं अपनीचूत से ही तोड़ूँगी.
वीरेंदर(खुशी से चहकते हुए):सच.
बीना:मुच.
बीना:अच्छा एक कामकरो तुम आरामसे बेड परबैठ जाओ,मैं अभी आती हूँ.वीरेंदरबेड पर टेकलगाकर बैठ
गया औरबीना बाथरूममे चली गई.थोड़ी देर बाद बीना अपने हाथ मे हेरआयिल की बॉटल लेकरआ गई.
वीरेंदर तैलकी बॉटलदेख कर बोलताहै: यहतैलकिस लिए,चूत कालाल दिवसहै तो क्यागान्ड देने का
इरादाहै.
बीना(शरमाते हुए): वो भीले लीजिएगा पर पहले चोदने के लायक तो बन जाइए
वीरेंदर: हाए कुर्बान जाउ तेरी इस अदा पर रानी.
बीना:तुमलेटजाओ, और देखो मेरा जादू.
वीरेंदर: दिखाएगी तो देखूँगा ना.
बीना:क्या मतलब?
वीरेंदर अपने कपड़े तो उतार.
बीना:नहीं मुझे शरमआतीहै.
वीरेंदर: तोचूत क्याकपड़े लगाकरदेगी.
बीना:जाओ मैं नहीं करती कुछ. तुम इतने बेशरम बनजाओगे मुझे पता भी नाथा.
वीरेंदर: अभी तुमने मेरीबेशर्मीदेखीकहाँ है.एक बारतुम्हारी चूत ग्रीन सिग्नल दे दे, सारे घर मैं नंगी घुमा-
घुमा कर चोदुन्गा.
बीना:जबघूमाओगे तब देखेंगे. अब तुम लेट जाओ जल्दीसे,मुझे क्लिनिकभी जानाहै.

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वीरेंदर: अच्छा अपनीकमीज़ तो उतार दो.कमसे कम अपने मम्मों से तो खेलने दो.
बीना जानतीथी किएकबार वो गरमहो गई तो उसे अपने आप को रोकना थोड़ामुश्किलहो जाएगा.वो नहीं
चाहती थीकि आशना से पहले वो वीरेंदर से चुदे.
बीना:जानू प्लीज़ समझा करो,दिन की बात है,फिर सब देख लेना.
वीरेंदर: चल जा, तू भी क्या यादकरेगी. आ जा औरकरठंडा मेरा लौडा.
बीना नेबॉटलसे तैल निकाल कर अपनीहथेलियो परलिया औरउन्हे अच्छीतरह से तरकरदिया. फिर बेड
परआकर वो वीरेंदर की टाँगो के बीच बैठ गई और बोलीजानू देखो जब होने लगे तो बता देना.मेरे उपर मत
कर देना,यहाँ से सीधा हॉस्पिटल जानाहै.
वीरेंदर: तोएक कामकर मेरा मूह मे ले ले और सारा माल पी जा.
बीना:छी, छी कितने गंदे हो तुम. इसे कोई मुँह मे लेता है क्या?
वीरेंदर: रानी इसे मूह मे लेकर तो प्यार किया जाता है,क्या तुम्हे नहीं पता.
बीना:लेकिनमैने कभी भी नहीं लिया,अभय नेमुझे कभीकहा ही नहीं.
वीरेंदर : तोआजट्राइ कर ले.
बीना:आजनहीं,मेरामन खराब होजाएगा,मुझे पारीोड्सचल रहे हैं.
वीरेंदर मनमारकररह गया और बोला:चलझट से हीझाड़ दे.
बीना नेउसके सुलगते हुए लौडे को अपने हाथों से पकड़ा तो एक पलके लिए उसकेहाथ कांप गये.वीरेंदर का
लौडा आग उगलरहाथा. गरम लोहे की सलाख के जैसे वो एक दमआकड़ाखड़ा था.बीना ने उसके सुपाडे की
चमड़ी को अच्छीतरह तैलसे चुपडाऔर धीरे धीरे उसका सारा लंड तैल से चुपडदिया.
वीरेंदर: अरे वाह बड़ा मज़ाआ रह है.
बीना:अबथोड़ा दर्द होगा, जहाँ तक हो सके बर्दाश्त करना औरअगर ज़्यादाहो तो बता देना.
वीरेंदर ने हां मे गर्दन हिलाई.

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बीना नेएक हाथ से उसके लौडे कीजड़ मे छल्ला बनाया और एक हाथ से उसके सुपाडे से चमड़ी लगी.
बीना धीरे धीरे से दवाब बनाती रही औरजैसे ही सूपड़ाबाहरनिकलने को हुआ,वीरेंदर कराह पड़ा"बस".
बीना नेहाथ वहीं रोक लियापर चमड़ी उपर नहीं की.
बीना:शाबाश, लंबी सांसलो औरफिर छोड़ो. वीरेंदर ने वैसा हीकिया.
बीना:हां ऐसे ही,बिल्कुलठीक.बीना उतनी हीचमड़ीकोउपर करती और नीचे दबाती, जिससे वीरेंदरका
सुपाडाकभी चमड़ी से बाहरझाँक रहा होता तो कभीचमड़ी मे छुप जाता.वीरेंदरकोमज़ा आने लगा.कुछ देर
बादजबवीरेंदर नॉर्मलहुआतो बीना ने उसकीचमडी नीचे दबा कर वीरेंदर को उसकी सील के बारे मे बताया.
वीरेंदर ध्यानसे सब देख रहाथा.
वीरेंदर: तोतोड़ दे ना इसे, आज हीसह लेता हूँ यहदर्द.दिन बाद तो ऐश करसकते हैं.
बीना नेइसबार एक चाल चली.
बीना:कैसा लगेगा अगर तुम्हें एक ऐसी बीवीमिले जिसकी सीलपहले से टूटीहो.
वीरेंदर: मैं उससालीकीगान्ड की सीलतोड़कर उसे घरसे बाहर निकालदूँगा.
बीना:इसीलिए कहती हूँ कि अपनी सील तुम उसे गिफ्ट करनाजोतुम्हें अपने सील गिफ्ट करे.
वीरेंदर: इसका मतलब 4-5 दिन बाद वालाप्रोग्रामकॅन्सल.
बीना:केन्सल क्यूँ? 4-5 दिनों मे अपने लिए कोई दुल्हन ढूंड लोना,तुम्हारे लिए तो लड़कियो की लाइन लग
जाएगी एक बारहां तो करो,शादीचाहे बादमे करना मगर उससे सेक्सतोकरही सकते हो.
वीरेंदर: इतनी जल्दी कोई लड़की सेक्स के लिए तैयार होगी क्या?चाहे उससे शादीकावादा कर लूँ पर कोई भी
लड़कीसेक्सके लिएइतनी जल्दीतैयार नहीं होगी.
बीना:तुमजानते नहीं आजकलकी लड़कियाँ सेक्स के प्रति काफ़ीइंट्रेस्टेड हैं.
बीना:एक अड्वाइज़ फ्रीमे देती हूँ,हो सके तोसालकी लड़की ढूंडना, क्यूंकी एक तो उनकाबदन करारा
बड़ा होगा औरनयी नयी जवानी के चलते उसमे सेक्स के प्रति इंटेरेस्टबहुत होता है, मुझे पूरा यकीन है वो
मना नहीं करेगी.
वीरेंदर:20-21 सालकी लड़की कहाँ से मिलेगी मेरे लिए तुम्हें पताहै मैं 33+ हूँ.इतनीलड़की मेरे से क्यूँ
पटेगी.
बीना वीरेंदर के लंडकोलगातारमुठियाएजारही थीऔर बोली:इसलिए, आज कलकी लड़कियो को लंबे लंड
बहुतशोक होताहै. बसएक बार उसेदिखा देना,फिर देखनाकैसे तेरे पीछे
वीरेंदर कुछदेर खामोश रहाऔर कुछ सोचने लगा.बीनाजानती थी कि वीरेंदरक्या और किसके बारे मे सोच
रहाहै.
बीना:क्या सोच रहे हो.क्या कोई लड़की है तुम्हारीनज़र मे.

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वीरेंदर(एकदम से अपने ख्यालों की दुनिया से बाहरआते हुए):क्या?..... ना.......नहीं तो.
बीना नेउसकी तरफ देख करमुस्कुरा दियाऔर बोली: तो फिरयह (वीरेंदर के लंड कोदेखते इतना ठुमक
क्यूँ रहाहै.
दरअसल वीरेंदर आशना के बारे मे सोच रहाथातो उसके लौडे ने ठुमक करवीरेंदर को शाबाशीदे दी.
वीरेंदर: ऐसी कोई बात नहीं बस ऐसे ही.
बीना:अरे यार बोलो, अब मुझ से क्याशरमाना. कुछ दिनों कीबात है फिरतो हम दोनो एकहो ही जाएँगे.
वीरेंदर: आक्च्युयली,वो एक लड़की हैपर शायद वो माने या नामाने.
बीना:मानेगीक्यूँ नहीं?तुमने उसे बोला क्या?.
वीरेंदर: नहीं, वो, आक्च्युयलीअभी हम कुछ दिन पहले हीमिले हैं तो इतनी ज़्यादा बात नहीं हो पाई.
बीना:कॉन है वोमेरे राजा मुझे भी तो बताओ.
वीरेंदर: नहीं, शायद आपको बुरालगे.
बीना नेवीरेंदर के लंड को दबा दिया,जिससे वो बुरी तरह तड़प उठा.बीना ने उसके लौडे से अपने हाथ खींच
लिए और बोली:नहीं बताओगे तो मैं इसे नहीं पाकडूँगी.
वीरेंदर काफ़ी करीबआ चुका था झड़ने के.बीना की इस बात से उसे काफ़ी गुस्सा आया पर वो अभीबात को
बिगाड़नानहीं चाहता था.
वीरेंदर: पहले प्रॉमिस करो कि तुम मेरी हेल्प करोगी.
बीना:अगर मेरे बसमे हुआ तो मैं तुम्हारी हेल्प क्यूँ नहीं करूँगी, तुम बताओ तोसहीकि वो कॉन है ?.
वीरेंदर:मुझे आशना अच्छीलगने लगीहै और उस से शादी करना चाहता हूँ,वीरेंदर ने एक ही सांसमे सारी बात
बोलदी.
बीना नेएक दम हैरानी के भाव अपने चेहरे परलाते हुएगुस्से से वीरेंदर को देखा. बीनाबेड से उठ कर खड़ी हो
गई और बोली: मिस्टर. वीरेंदर आपहोश मे तो हैं,वो मेरी दोस्त की इक्लोतिनिशानी है,वो मेरी बेटी समान
है,अभी उसकी उम्र ही क्याहै.
वीरेंदर: तोतेरी बेटी की शादी नहीं करनी क्यातूने? मुझमे क्या है.
बीना नेकुछ देर तक कुछ नाबोला बस वीरेंदर के चेहरे की भावनाओं को पढ़ती रही.
बीना:ऐसा नहींहो सकता.अगरवो मेरी बेटीजैसी है तोतुम्हे भी मैने अपने बेटे जैसा ही मानाहै. इस रिश्ते
से तुम्हारी बेहन लगी ना.
वीरेंदर: तुम हाँ कर दो मैं बेहन्चोदबनने को भी तैयार हूँ.
बीना के चेहरे पर मुस्कान आगई और बोली:माँ समान चाची को चोद कर मदर्चोद तो बनोगेही, बेहन्चोद भी
बनना चाहतेहो.

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वीरेंदर: हां मुझे बेहन्चोद भीबनना हैं.
बीना:लेकिनवो अभी बहुत छोटीहै, शायद शादीकेलिए ना माने.यह फ़ैसला मैने उसपर छोड़ा है. यह भी हो
सकताहै कि वो किसीऔर को चाहती हो.
वीरेंदर: तुम यह कैसे कह सकती हो कि वो किसी औरकोचाहती होगी.
बीना:मैने बहुत दुनिया देखी है.आशना अभीसिर्फ़ 20 साल की पर उसका देखा है कभी. उसके बूब्स
और गान्ड कितने भरे हैं,मुझे तो शक है किकोई तोउन्हे मसलता ही होगा.

यह सुनकर वीरेंदर की आँखों के आगे आशना का जिस्म नाच उठा.बीनाकाकहना तो ठीकही था, 20 सालकी
उम्रमे ही आशनाकाफ़ीग्रूमकर चुकी थी लेकिन यह ग्रूमिंग उसकी एयिर्हसटेस्स ट्रैनिंगके दौरान हुई थी.
जिस से वो एक परफ़ेक्ट एयिर्हसटेस्स बनसके.
बीना नेवीरेंदर को ख्यालों मे खोया देखा तो उसने अपनापैंतरा और बोली:यह सिर्फ़ मेरा शकहै. हो
सकताहै कि ऐसा नाहो. आशनाकीमाँ भी ऐसी ही थी. छोटीसी उम्र मे हीउस परजवानी कहरबनकर टूटी
थी.आशना आख़िरअपनी माँ पर ही तो जाएगी ना.
वीरेंदर: यार मुझे सहीसही बताओ,गुमराहमत करो.
बीना:उसके दिल मे कोई है या नहीं इसका तो पता नहीं मगर इतना मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ किवो
अभीतकबिल्कुल कुँवारी है.
वीरेंदर: वो कैसे?
बीना:डॉक्टर. हूँ,उड़ती चिड़ियाके पर गिन सकती हूँ.जितना कसाव आशना जिस्म मे है,उतना कसावचुदि
हुई लड़की के जिस्ममे देखने कोनहीं मिलता.चुदि हुई लड़की का पेट अक्सर थुलथुला हो जाता है,जैसे कि
मेरा और मम्मे भी झूलजाते है.मैं यकीन के साथ कह सकती हूँ किआशनाके मम्मे बिना ब्रा के भी वैसे ही
खड़े रहते होंगे जैसे ब्रा के अंदर.
वीरेंदर उसका यहतर्क सुन कर बहुत खुशहुआ. उसने भी तोआज आशना को बिना ब्रा के देखा था औरकाफ़ी
कसाव था उसके मम्मो मे.
वीरेंदर: चल मानलेते हैं कि वो कुँवारी है,लेकिन उसके दिल मे कोईऔर होगा तो.
बीना:क्या तुमवाकई आशना से शादी करना चाहते होया सिर्फ़ कुछ दिन तक खेलना चाहते हो. बीना के इस
सवाल से वीरेंदर सोच में पड़ गया औरफिर बोला.
वीरेंदर: अगर मैं उस से केवलमन बहलानाचाहूं तो?
बीना:यह तो मैं समझ सकती हूँ कि तुमजो दिखते हो वैसे हो नहीं मगर इतने बड़े कमीने होंगे मैने कभी सोचा
भी नहीं
वीरेंदर: इतनी तारीफमत करो कि मैं खुद को भगवान समझ बैठू,चलोतेरी बेटी से शादीकरके उसे अपनी पत्नी
बना लूँगा.

70
बीना:तो ठीक है, आजही उससे बात कर लो शादी की. मैं नहीं कर सकता, तुम करके देख लो.
बीना:बेटा मेहनत मैं करूँ और अनार तुम खाओ.मैने उसे उसके माँ-बाप के बाद संभाला है,मेरा कहा तो वो टाल
नहीं पाएगी. मैं यह भी नहींचाहती किवो किसी दबावमे आकर करे, इसलिए ठीक रहेगाकि तुमउसे
प्रपोज़ करो.अगरवो मान गई तो ठीक नहीं तो मैं बात करके देखूँगी. लिए इतनातो कर ही सकतीहूँ.
वीरेंदर: अभी नहीं. मैंउस से शादी की बात अभी नहीं कर सकता.
बीना:क्यूँ?
वीरेंदर: बसऐसे ही, 3-4 महीने तक मैं उसेअपनी गर्लफ्रेंड बना कर रखनाचाहता हूँ ताकि उसे भी सोचने और
परखने का समय मिल जाए.
बीना:लेकिनमैं कैसे यकीन करूँ कितुम 3-4 महीनो के बादउस से शादी करोगे.हो सकता हैतुम उसे यूज़ करने
बादमे धोखा दे दो.
वीरेंदर कुछदेर सोचता रहा और फिर बोला तोतुम बताओ कितुम्हें कैसे यकीनआए.
बीना:यकीन तुम्हें दिलाना है, तुम बताओ.
वीरेंदर: एककामकरता हूँ,अपने हिस्से की प्रॉपर्टीउसके नाम कर देता हूँ, फिर तो तुम्हें यकीन होजाएगा.
बीना के मन मे लड्डू फुट पड़े यहसुनकर.अपने चेहरे के भावों कोछुपाते हुएबीना बोली:इसके अलावा और
कोई रास्तानहीं है क्या?.
वीरेंदर: अगर हो तोभीमुझे यहीरास्ता सही लगता है. प्रॉपर्टीउसके नाम हो यामेरे,रहेगी तो हमारी ही
ना.वैसे भीमेरे बाद मेरी प्रॉपर्टी पर मेरी बीवी का हीहक होगा ना.
बीना नेसहमतिमे सिर हिलाया.
वीरेंदर: मगर मेरी एक शर्त है किआशना को इस बारे मे हमारी शादीके बाद ही पता चले.

बीना भी तो यही चाहती थीकि आशना के इसके बारे मे पता ही ना लगे. वीरेंदर ने तो उसकाकामआसान कर
दिया था. आधीप्रॉपर्टी तोवैसे भी आशना के नामकी थीऔर वीरेंदर द्वाराअपने हिस्से की प्रॉपर्टी भी
उसके नामकर देने से आशना पूरी प्रॉपर्टी की मालकिन बन जाती.उसके बाद वीरेंदर चाहे आशनासे शादी करे
या करे सारी प्रॉपर्टी तो आशना के नामहीरहने वालीथी. बीना और बिहारीआशना को ब्लॅकमेल करके
उससे सारी प्रॉपर्टीहथिया सकते थे. यह भीहो सकताथाकि आशना वीरेंदर को सब कुछसच सच बता दे
इस लिए बीना औरबिहारीके लिएअबसबसे ज़रूरी यह था कि वीरेंदरकोआशना का सच पता चलने से पहले
वोउन्दोनो को सेक्षुयली इतनाफ्रस्टेट करदेंकि वो एक दूसरे के अलावा कुछ सोच ही ना पाएँ.
बीना:ऐसीशर्त क्यूँ?
वीरेंदर:क्यूंकी मैं आशना का सच्चाप्यार पाना चाहताहूँ.यहभी हो सकता है कि दौलत के लालच मे आकर वो
मुझसे शादी कर ले.इसलिएयह राज़सिर्फ़ मेरे और आपके बीच ही रहेगा.

71
बीना:इज़राज़ को मैं अपनी चूत मे छुपाकर रखूँगी जिसे तुमअपने लौडे से अंदर ही दफ़न कर देना.
वीरेंदर: तोउसके लिए तो मुझे तेरी चूत मे अपना लौडाघुसाना पड़ेगाना.
बीना:मन तोमेराभी बहुत है परक्या करूँ अगरपारीोड्स ना होते तो आज मैं तुमसे ज़रूरचुदवाती, फिर चाहे
तुम चचिचोद बनते,चाहे मदर्चोद या सासू चोद.क्यूंकीचाची तो मैं तेरी पहले से हूँ तो माँ के बराबर हीहुई ना
और आशनामेरीबेटी जैसीहै तो मैं तुम्हारी सासभी हुई.
वीरेंदर: मैं तुम्हें तीनों रूपों मे चोदुन्गालेकिन तेरी शर्त के मुताबिक पहले मुझे बेहन्चोदबननापड़ेगा.
बीना:बसएक बारतू उस से अपने लौडे कीसील तुड़वा ले फिर देख मैं कैसे तेरा लौडा अपनी चूत और गान्ड मे
लेतीहूँ.
वीरेंदर की आँखें चमकउठी बीनाके ऐसाकहने से.
वीरेंदर: क्यातू मुझे अपनी गान्ड भी देगी.
बीना:अपने प्यारे बेटे और जवाई के लिएमैं अपनी गंदभी कुर्बान कर दूँगी.
वीरेंदर का लौडा इतनासुनतेही फिर से अकड़ गया.
वीरेंदर: चल पहले आज तो इसे ठंडा कर दे.
बीना:अबतो मैं इसे देख कितना प्यार करती हूँ यह मेरीबेटी की चूत में जोजाने वाला है.
वीरेंदर के लौडे ने एक ठुमकालगायाइतना सुनते ही.
वीरेंदर: चल अबजल्दी कर वरना तेरी बातों से हीमेरारस निकल जाएगा.
बीना:चल फिर आराम से बेड पर लेट जाऔर देख मेरा कमाल.
वीरेंदर के लंड पर लगातैल सुख गया था.
बीना:यह तो सारातैल पीगया.
वीरेंदर: बहुत प्यासाहै यह, चूत रसनहीं मिलेगा तोतैलही पिएगा ना.बीना: चल अबमैं इसका ही तैल
निकलती हूँ,देखें ज़रा कितना तैलभरा है तेरे टट्टो मे.
वीरेंदर: तैल तो तेरीऔर तेरी बेटी की चूत भरने केलिए ही बचा रखा है,आ जा देख ले कितना तैल है मेरे
टट्टोमे.वीरेंदर बेड परलेट गया औरबीनाबेड पर चढ़करउसकी टाँगो के बीच आ गई.बीना ने अपने
मुलायमहाथोसे उसकालौडापकड़ा तोवीरेंदर की कमर अपने आप उठ गई.
वीरेंदर: इतने मुलायम हाथ हैं तेरे तोपहले तैलक्यूँ लगाया था.
बीना तेरे लौडे की चमड़ी को ज़्यादा दर्द नाहो इस लिए इसे गीलाकरना ज़रूरीथा.
वीरेंदर: लेकिन अबतो तैलसूख गया है,अबक्या करेगी.

72
बीना:सोचतीहूँ कुछ,तुम बस आँखें बंद कर के लेटजाओऔर मेरा कमालदेखो.वीरेंदर को लगा शायद अब
बीना उसका लौडामूह में लेगी.वीरेंदरकेदिलकी धड़कने बढ़ गईऔर उसनेआँखें बंद कर ली, उसे लगा कि
शाया बीना उसका लौडा मूह मे लेने से शरमा रहीहै इसलिए उसे आँखे बंद करने के लिए बोलरही है.
काफ़ी देर तक बीना उसे अपने हाथो से हिलाती रही औरजबवीरेंदरकोलगा किशायदउसने ग़लत सोचा है,
उसे अपने लंड पर गरम सांसो का एहसास हुआ.
बीना:तुम्हारे लिए मैं सिर्फ़ इन्हें (वीरेंदरकीटेस्ट्सपरहाथ रख कर)एक बारचूसलेती हूँ,लेकिनप्लीज़ इस
से कुछ भीकरने के लिए मत बोलना.
वीरेंदर ने हां मे गर्दन हिलाई.
बीना नेहाथ से पकड़ करवीरेंदरके नरमपड़ रहे लंड को उपर की ओरउठाया औरउसके टेस्ट्सपर मूह
लगाया.
बीना के ऐसा करनेसे ही वीरेंदर का लंड जो किथोड़ा नरम पड़ गयाथा एक दमसे ख़ूँख़ार हो गया और बीना
की गिरफत से छूटने लगा. बीना: यह तोएक दमसे ही तन गया,अभी तोबस एक ही बार इसको मूह लगाया
है.
वीरेंदर: बसबीना एक बार मूह मैं ले ले ना,मैं ज़िंदगी भर तेरा गुलामबन कर रहूँगा.
बीना यहबात सुनकर काफ़ी खुश हो गई.
बीना:तुमकुछ बोलो मत और मुझे अपना काम करने दो. इतना कहते ही बीना ने अपना मूह वीरेंदर के सुपाडे के
बिल्कुल करीब कर दिया.
वीरेंदर के दिलकी धड़कनें रुक गई.वो बीनाकीगरमसाँसें सॉफ महसूस कर सकता था अपने लौडे के सिरे पर.
बीना भी जानतीथीकि वीरेंदर के मनमें क्या चल रहा है. वोउसे पहली बार मे ही अपनादीवाना बना देना
चाहती थीताकिआगे आने पर वोउसकी कोई भी बात टालनासके. उसने अपनीजीब बाहर निकालीऔर
वीरेंदर के सुपाडे परफेरदी. वीरेंदर की कमरउछल गईऔर उसके मूह से सिसकारी निकलगई.
बीना:प्लीज़ अपनी आँखे मत खोलना,मुझे शरमआती है.

73
वीरेंदर कुछना बोला,वो सातवे आसमान में उड़ रहा था.बीना ने अपनी जीभ निकाल और अपना मूह उसके लौडे
की जड पर ले गई. बीना ने अपनी जीब से उसकेलौडे की जड से लेकर सिरे तकएक लंबी चुस्की ली.
वीरेंदर की तो मानो मन की मुराद पूरी होने वाली थी.उसके लंड को किसी या लड़की ने आजतक पकड़ा
भी नहीऔर आज पहली हीबारमे कोई औरत उसे अपने मूह में लेकर चूसने वाली थी.वीरेंदर की साँसें तेज़
चलने लगी,बीना का भीबुराहालथा. आज उसे पहलीबार एक लंड को केवल सुख देना था, वो उसलौडे से
सुख पा सकती थी.
बीना:वीरेंदर तुम्हारे लिए मैं आजयह सबपहली बार करने जा रही हूँ,लेकिनप्लीज़ जबनिकलने वाला होगा
तो बता देना(बीनाने वैसे तो कई बार अभय और बिहारीकालंड चूसा था मगरउसने कभी भीकिसी के लंड का
मालपियानहीं था).
वीरेंदर ने बसहांमैं हामी भरी.

बीना नेअपने मनकोकाबू मे रखकर अपनामूह खोला,जीब अंदर ली और वीरेंदर के सुपाडे को अपने लाल होंठों
की गिरफ़्त में ले लिया. वीरेंदर ने कस करबोस्टर को पकड़ लिया. उसेसमझ मे नहीं आया कि वो स्वर्ग मे है
या पर, उसकीटाँगे अपने आप और खुलतीगई,उपर उठी औरबीना की कमर पर लिपटगई.बीना ने
अपनीजीभसे उसका सुपाडे को चुबलाना शुरू किया, वीरेंदर किसी मछली की तराहा तड़प रहा था.बीना ने धीरे
धीरे वीरेंदर का लंड गटकाना शुरू कियाऔर जितना हिस्सा अंदरजारहा थाउसपर जीभफिराना शुरू कर
दिया.वीरेंदर जन्नत मे हिचकोले खा रहा था,उसकी कमरबेड परटिक ही नहीं रही काफ़ी देर तक चूसने के
बादबीनाके मूह मे दर्दहोने लगा. इतनामोटा लंड बीना ने आज तक नहीं चूसाथा. आधे से भीकम लंडही
उसके मूह मे जाकर उसकेगले मे ठोकरें माररहा था.बीना जल्द से जल्द वीरेंदरकोसखलित करनाचाहती थी,
उसके जबड़े दुखनेलगे थे.
बीना नेवीरेंदर के लंड को मूहमे रखते हुएउसपरजीब चलाना जारी रखा औरअपने लेफ्ट हॅंड से उसके
टोस्टिसको आराम से पकड़कर सहलाने लगी.
वीरेंदर जैसे कच्चे खिलाड़ीके लिएइतना काफ़ी था. उसे अपने लंड मे उबाल महसूस इस से पहले कि वो
कुछ पाता या बीना को बोलपाता उसके पहले ही उसके लंडसे वीर्य की ज़ोरदार एक धार बीनाके हलक
मे गई. पिचकारीइतनी ज़ोरदार थी किबीनाकीसांस ही रुक गई.बीनाकीआँखें बाहर को निकल आई,वो
पीछे हटना चाहती थीमगर उसकी कमर परबनीवीरेंदर की टाँगो की कैंची औरमज़बूत हो गई. इसके पहले कि
वोअपने हाथोकाज़ोर लगा कर उठने की कोशिश करती,वीर्यकीएक और धारउसके मूहमे गिरी. बीना को
सांसलेना भी मुश्किलहो गया. सांसलेने के लिए जैसे ही उसने प्रयासकिया उसीवक्त वीरेंदरऔर बीना ने
एक आवाज़ सुनी "उउल्क",फिर दोबारा उउल्क औरफिर 7-8 बार उउल्क,उउल्क की आवाज़के बाद सबकुछ
शांत पड़ गया.
बीना , वीरेंदरके लंड से निकला सारा वीर्य पी गई. बीना ने उसके लंडकीएक एक बूँद पीली.वीरेंदर ने अपनी
टाँगे उसकी कमरसे निकाली और बीना ने अपने मूह से उसकालंड निकाला और थोड़ा आगे होकर धडामसे
उसके उपर गिर गई. बीना गहरी साँसें लेती हुई उसके उपर कुछदेर पड़ी रहीऔर फिरसांसो को संभालकर
वीरेंदर की ओर नज़रउठाकरदेखाऔर अपनी मुट्ठी से उसकी छाती पर धीरे से एक मुक्का मार दिये.

74
बीना:तुमबहुत गंदे हो, मेरे से वो कामकरवायाजोमैने कभी सपने मे भी सोचा था औरसारा मालभी
पिलादिया.
वीरेंदर: बीनाअगर तू मेरे चाचा की बीवीना होती तो मैं तुझ से शादीकरलेता,कसम से तूने जो मज़ा आज
दिया है मैने वो कभी सोचा भीनहीं था.
बीना मुस्कुरा करवीरेंदर की तरफदेखती है और कहती है:तुमखुश हो ना,तुम्हें अच्छा लगा?
वीरेंदर ने उसे अपनी तरफ खींचाऔर उसके होंठों पर एक ज़ोरदार किस कर दिया.
बीना नेशरमा कर अपनाचेहरा छुपालिया.
वीरेंदर: आइलव यू बीना, आइ लवयू.
बीना:अच्छा अच्छा अब छोड़ो, मुझे क्लिनिक भीजाना है.
वीरेंदर: अगर आज तुम्हारे पारीोड्सनाहोते तो आज की रात तो तुम्हेंजाने नहीं देतामगर आज तू बच
गई. तुझे तो बाद मैं निपट हीलूँगा.
बीना:अबतुमआराम करो, कुछ देरऔर कुछ देरके लिएसोजाओ,मैं चलती हूँ.
वीरेंदर: बाइ बीना,टेक केर ऑफ युवर चूत.
बीना:तुमभी जल्दी से इसकी सील तुडवाओआशना से,फिर तो मैं सारी सारी रात तुम्हें छोड़ने वाली नहीं हूँ.
वीरेंदर खामोशरहा बसमुस्कुरातारहा.बीना ने उसकीआँखों मे सॉफ संतुष्टिदेखी थीलेकिनबीना की चूत मे
आग लगी थीजिसे ठंडा करने के लिए अबउसे बिहारीकीबहुत ज़्यादा ज़रूरत थी.
वहीं दूसरीओर जब बिहारी आशना के रूम के पास पहुँचातोउसे बहुत झटका लगा. आशना ने दरवाज़ा अंदर
से कररखा था.बिहारीने काफ़ी कोशिश कीपर दरवाज़ा नहींखुला.वो आशना को गालियाँ देता हुआ वीरेंदर
के रूम के बाहर ही खड़ा होकरवीरेंदरऔर बीना की बातें सुनकरमूठ मारने लगा.
जैसे हीबीना बाहर आई,बिहारी उसकेपीछे हो गया. बीना बिनापीछे देखे ही सीडीयूं कीतरफ चलदी. पीछे से
बिहारी ने उसे धीमे से पुकारातोबीना ने हड़बड़ा कर पीछे देखा.
बिहारी (धीमी आवाज़ मैं):क्यूँ खल्लास करदियासाले को.
बीना नेबड़ी अदा से एक अंगड़ाई लीऔर धीमे से बोलीसाला बहुत दमदार है, खूब चूसायाउसने,अबतो मूह
भी दर्द कररहा है.बीना सीडीयाँ उतरने लगीतोबिहारी भी उसके पीछे पीछे नीचे चल दिया.
बिहारी: तो नये लौडे का सारा मालपी कर आ रही है छीनाल.
बीना:माँ का पहलादूध और लौडे कापहला मालबहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है रज्जा.
बिहारी: साली तुझे तो नयालौडा मिलगयाहिलानेको और कुछही दिनोमैं तू उसे अपनी चूत सेनिगलभी
लेगीपर मेरा तो कलपद हो गया.
बीना:तुम्हें किसने बताया कि कुछ दिनों मेमैं उसका लौडालेने वालीहूँ और तेराचेहरा क्यूँ उतरा है.

75
बिहारी ने उसे सारीकहानी बता दी. बीनाकाहंस-हंसकर बुरा हालथा.
बिहारी: हँस ल्ले सालीजितना हँसनाहै. मेरा लौडा एक बारमाल उगल चुकाहै, इस बार तेरी चूत की धज्जियाँ
ना तो मेरा नामभी बिहारीनहीं.
बीना:चूत तोकबसे गीली होरखी है यहसोच कर.उसका मालनिगलते निगलते मेरी भी चूत पानी छोड़ चुकी
है.मेरीचूतकीधज्जियाँ उड़ा यागान्ड की मगरसच मे आजअगर तुझसे वादा ना कियाहोता तो वीरेंदर से
चुद करमैं दुनिया की सबसे खुशकिस्मत औरत बनजाती. ऐसालौडा तो नसीब वालियों कोही नसीब होता है.
बिहारी: बड़ी जल्द तेरीबेटी यानी वीरेंदर की बेहननसीब वालीबनने वाली है फिर तो.
बीना:जलन होती है मुझे उस से मगरएक बार उनकी चुदाई का वीडियो हमेंजाए तोफिर आशना को
ब्लॅकमेल करके सारी जायदाद अपने नाम करवा दूँगी और अगर वीरेंदर ने आशनाकोसच जानने के बाद ज़िंदा
छोड़ दिया तो वो हमेशा के लिए तेरी और वीरेंदर को तो मैं मुट्ठीमें कर ही लूँगी.

बिहारी: यहक्या कह रहीहै साली,लौडे के नशे मे यह भी भूल गई किअगर वीरेंदर को ज़िंदा छोड़ दिया तो
क्या अंजाम हो सकताहै.
बीना:उसे तो मैं ऐसा गुलाम बनाउन्गी किवोकुत्ते की तरह हर तरफ मेरी गान्डके पीछे ही रहेगा.
बिहारी: देख ले साली मैं तो अपनाहिस्साऔर लौंडिया लेकरयहाँ से निकल जाउन्गा पर तुझे तो यहीं रहना है.
कैसे कर पाएगी यह सबकुछ.मेरीबात मान जब तक दिल चाहे वीरेंदर के लौडे से चुद लेपर उसे सच पता
लगने पर उसकी मौत हीहमे चैनसे जीने देगी.
बीना:चल यार तेरे लिए यह भीमानलिया,आख़िरतो तू मेरे पास है ही.
बिहारी: बसअब जल्दीसे आशना की चूत मे वीरेंदरठप्पालगा दे उसके बादतोमैं उसे ब्लॅकमेलकरके उसकी
गान्ड पर सबसे पहले अपनी मुहर लगाउन्गा.
बीना:तुमसब मर्दो को गान्ड मे इतनी दिलचस्पी क्यूँ होती है. अभी वीरेंदर भीकाफ़ीखुशहोगया था जब
मैने उसे अपनी गान्ड देने की बात कही थी.
बिहारी: यहबात तू नहीं समझेगी. बड़ी गान्डवाली औरत को कुतिया बनाकर चोदने मे जोमज़ा है वो तो शायद
स्वर्ग मे भी नहीं मिले.
बीना:चल अब जल्दीसे मेरी चूत की प्यासभुजा दे मुझे काफ़ी देर होगईहै.
बिहारी उसे हालसे उठाके घर के बाहरले गया.शामहोने को आई थी.अंधेरा होने लगा था,शायद
बजे का टाइम था. आसमान मे बदल छागये थे,काफ़ी घने थे.आज शायदजम करबारिश होने वालीथी.
मौसम भीकाफ़ी ठंडा होगया था.
बीना:बाहरकहाँ ले जा रहा है.

76
बिहारी: आज हम बाहर लॉन मे प्यारकरेंगे.
बीना:पागलहो गया है क्या, इतनीठंड मे तो मेरी कुलफी ही जम
बिहारी: तू चिंता ना कर,अपनी कुलफीसे मैं तेरी भट्टीमे आग लगा
बीना नाना करती रही परबिहारीने उसे लॉन मे पड़े एकटेबलपररखा औरअपने कपड़े उतारने लगा.देखते ही
देखते बिहारीबिल्कुलनंगाहो गया.बीना ने उसकाआकड़ा हुए लंड देखा तो हैररानी से उसे पूछा "क्या खाते हो
तुम हर वक्त तुम्हारा खड़ा रहता है".
बिहारी: दूध पीता हूँ औरतोकावो भी डाइरेक्ट मम्मो से.
बीना:लेकिनमेरे मम्मों में तो दूध है नहीं.
बिहारी: तेरीतो चूत के रसमे ही इतना नशा है किमम्मो तक आने का दिलही नहीं करता.
बीना:चल अब जल्दीसे मेरे भीकपड़े उतार औरदिखा दे अपनादम.
बिहारी ने फॉरनउसके कपड़े उतार कर एकचेरपर रख दिए.बिहारी बीना की टाँगोंमे बैठ कर उसकीचूत का
रास्पान करने लगा.
कुछ बीना बोली: जल्दी से चोद दे मेरे रज्जा,अबऔर मत तडपा.
बिहारी उठा और बीना की दोनो टाँगे अपने कंधे पररख कर अपनाकामूसलबीना की चूत मे पेल दिया.
बिहारी बीना की चूत की गर्मीसे हीसिहर उठा.
बिहारी: आआहह, साली क्या गरम चूत पाई है तूने.
बीना:तेरा लौडा हीतो इसकीगर्मी बढ़ाता है.
बिहारी तेज़ धक्को से उसकी चुदाई कर रहथा. थोड़ीही देर मे बीना की सांसफूलने लगी.
बिहारी बिल्कुलकिसीकुत्ते की तरह बिना रुके ताबड तोड़ धक्के लगाएजारहा था.
बीना:धीरे कर साले,कल भी तुझे ही चोदनीहै यह चूत. इतनी बुरी हालत भीमत कर किअभय को शक हो
जाए.

77
बिहारी: भाड़ मे गया अभय,अभी तोमेरे नीचे है तू तो बसमेरा सोच.
बीना को साँसलेने में भीप्राब्लम हो रही थी.
बीना:अच्छा सुन तो.
बिहारी रुक गया औरउसे देखने लगा.
बीना:तुझेमेरी गान्ड पसंद है?
बिहारी: अब मेरे पासइतना टाइम नहीं हैकि तैललेने अंदर जाउ और फिरतेरी गान्ड मारूऔर यह कहते ही
उसने फिर से ज़ोरदार तरीके से बीना की चुदाई शुरू कर दी.
बीना:मेरीबात का जवाब तो दे.
बिहारी: हां मुझे तेरीगान्ड पसंद है
बीना:तो फिर तू मुझे कुतियाबनाकरचोदना अभी.
बिहारी की आँखों मे चमक आ गई.
बिहारी: चल बन जा कुतिया, मज़ा आ जाएगा.
बिहारी उपर से हटा तो बीना टेबल से नीचे उतरी औरअपने घुटने ज़मीन परटिका कर टेबल पर झुक गई जिस
से गान्ड एकदम फैल कर बिहारी की आँखों के आगे आ गयी.बीना की गान्ड बिहारी की कमज़ोरी थी या
यूँ कह लीजिएकि औरत की भरपूर मांसल गान्ड बिहारी की कमज़ोरीथी. बिहारी ने बीनाकीगान्ड के पीछे
पोज़िशनसेट करके अपने लंड उसकी चूत से भिड़ा दिया लेकिन वो रास्ताभटक गया.उसने दोबारा कोशिश की
मगरफिर सेअसफलरहा.

बीना:क्या हुआ रज्जा,गान्ड देख कर चोदना भूल गये या लंड मे दम रहा.
बिहारी: कुतिया बनी है तो औकात मे रह.दम की बात करती है, तेरे पूरे खानदान की चूतें एक दिनमे ठोक डालूं
ऐसा दमहै मेरे लंड मैं. यह साला टेबल काफ़ी छोटा है,ठीक से निशाना नहीं लग रहा.
बीना:तो ये ले, ऐसा कह कर बीना ने अपने हाथ ज़मीन पररख दिएऔर कुतिया की तरह गान्ड हिलाने लगी.
बिहारी ने उसकी कमर मे पीछे से हाथ रखकर दबाया तो उसकी पीछे को निकलआई और बिहारी को चूत
का रास्ता दिखने लगा.बिहारीने लंडकोचूतके मुहाने पर सेटकिया औरएक तगड़ा शॉटमाराऔर बीना
चिल्लाती हुई ज़मीन परगिर पड़ी.
बीना:आराम से मेरे रज्जा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.
ताबड तोड़ धक्कों के साथ बिहारी बीना की चूत चोदने लगा. बीनाने धीरे धीरे अपने हाथऔर घुटने फिरसे
ज़मीन पर टिकादिए.बिहारीउसकी गान्ड को दोनो साइड से पकड़ कर उसकी ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था.बीना
के मूह से सिसकारियाँ निकल कर दूर कहीं गुम हो रहीथी. बिहारी ने अपने लेफ्ट हॅंड के अंगूठे को बीनाकी
गान्ड के सुराख मे डाला तो बीना सिहर उठी और चरमोत्कशके शिखर पहुँच गई.

78
करीबमिनिट तक बीना को इसअवस्था मे चोदकर बिहारीबोला: चल अब बैठ जा, आज तुझे मेरे लंड का
पानी पिलाउन्गा. बिहारी ने पहले भी कई बार बीना से ऐसा करने के लिएथा परने उसे सॉफ कह
दिया कियह कामउसे पसंद नहीं. बीना लंड चूसने मे काफ़ी माहिर थी पर वीर्य कभीभी वो मूह मे गिरने नहीं
देती. बीनाजानती थी कि बिहारी आजनहीं मानेगा. आख़िर उसने उसके दुश्मन वीरेंदर का वीर्य भी तो पिया
था.
बीना उठ कर टेबल पर बैठ गई. बीना नेअपना मूह खोला और बिहारी ने लंड सीधा उसके मूहमे उतार
दिया. बिहारी ने अपना पूरा लंडबीना के गले तक डाल दिया.
बीना को उबकी आने लगी तोबिहारी ने लंड थोड़ा बाहर निकालकर उसेरिलॅक्सहोने का टाइमदिया.बीना
जानतीथीकि अगर बिहारीजल्दी नहीं झडा तो बीना के लिएमुश्किलहो जाएगी . बीना ने बिहारी के लंड से
उसका हाथ हटा कर अपने हाथ रख दिएऔर उसे चूसने लगी.बीना अपनीजीभउसके लंड परफिराने लगी और
अपने हाथ से उसका लंड मुठियाने भी लगी.इसदोहरी चोट से बिहारी निहाल हो गयाऔर उसके लंड ने बीना के
मूह मे वीर्य की बौछार कर दी.
बीना नेबिहारी का लंड मूह मे फसाए हीबिहारी की तरफदेखाकि शायद उसे तरस आ जाए पर बिहारीने उसे
आँख के इशारे से पी जाने कोकहा.
जहाँ तक हो सकता था बीना नेउसे मूह मे इकट्ठा होने दिया फिर इसके बादउउल्क,उउल्कउउल्क की
आवाज़ करते हुए बिहारी के टट्टो का रसउसके गलेसे होताहुआ उसके पेट मे चला गया.
बीना,जिसने कि आज तक कभी वीर्य का स्वादभी नहीं चखा था,आज कुछ हीसमय मे दूसरी बार उसके ना
चाहते हुएभीउसे सारा माल गटकना पड़ा.बिहारी ने खींच कर अपनालंड बीना के मूह से निकाला तो उसके लंड
से भी वीर्य निकलरहा था.बिहारी ने सीधाउसके लाल सुर्ख होंठों पर वीर्य की बूँदें गिरा कर बीना को
उन्हें भी पीजाने को कहा.
बीना को बिहारी के लंडसे निकली वीर्यकोदेख कर घिंन आने लगी पर वो अपना मन मार कर उसे भी पीगई
और चाटचाट कर उसके लंड को एकदम सॉफ कर दिया.
अपने अपने कपड़े पहन कर बिहारीघर में और बीना हॉस्पिटलचली गई. जाते जाते बीनाने उसे आगे के लिए
क्या करना है बतादिया था.
रात काखाना बिहारी ने बनाया. रात केकरीब नौबजे वीरेंदर और आशना डाइनिंग हालमे पहुँच गये थे.आशना
का अभीभी नींद के मारे बुरा हालथापर वीरेंदर काफ़ी ताज़गी महसूस कर रह था और ऐसा हो भी क्यूँ ना. एक
तो पहली बार उसने किसी औरत के साथ ओरल सेक्स कियाथा और वो भीबीना जैसी हसीनऔर
एक्सपरशेन्स्ड औरत के साथ जिसके जिस्म कोवीरेंदरहमेशा निहारता रहता था औरचोर नज़रोसे उसके
जिस्मके कटावोकीझलक देखता रहता था. उसपर बीना नेयह वादाभी कर दिया था कि वो कुछ ही दिनो मे
उससे चुदवायेगी भी.वीरेंदरतोजैसे हवा मे उड़ रहा था.वीरेंदर जानता था किबीनाजैसी कामुकऔरत ज़्यादा
देर तक उसके लंडबिना ना रह सकेगी.उसने बीना की आँखों मे उसके लंड के लिए सॉफ भूख देखी थीऔर यह
सचभी था.
वहीं आशना भी वीरेंदरके खिले चेहरे से अंजान ना थी. उसे लगा किशायद भैया इस लिए खुश हैं कि कल
रात कोउन्होने पहलीबार मास्टरबेट कियाऔर अब काफ़ी हल्का महसूस कर रहे होंगे.वो समझ सकती थी कि

79
मास्टरबेशनके बाद दिमाग़ से कितनाबोझ हटजाताहै. आशना इस बात से परेशान थी किअगर आज रातको
वीरेंदर को अपने बाथरूम मे उसकी पैंटी ना दिखी तो वीरेंदर को पतालग जाएगा कि आशना ने उसकी चोरी पकड़
ली है. तोक्या फिर से आज रात वीरेंदर उसके कमरे मे आने की हिम्मत करसकेगा. अगर नहीं भी तो
कलसुबह वो मुझ से कैसे नज़रें मिला पाएगा जबउसे पतालगेगा किमैने अपनीब्रा-पैंटी उसके बाथ-रूम से ले
ली हैं. आशनाइसीउधेड़बुन मे खोई थी किउसकीप्लेटखालीहो गई. उसने चौंक करपहले प्लेट कीतरफ
देखा और फिर वीरेंदर की तरफ देखा जो किमुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था.

वीरेंदर: क्यासोच रही हो?.
आशना:कुछ नहीं. आशना ने पानी का ग्लास उठा लियाऔर मूह से लगाया हीथाकिवीरेंदर ने उस से पूछा.
वीरेंदर: तुमने मेरी बात काजवाब नहीं दिया .
आशना ने हैरानीसे उसेदेखाऔर इशारे से ही पूछा " किसबात का".
वीरेंदर: क्यातुममेरी गर्लफ्रेंड बनोगी?.
आशना को पानी पीते पीते हे ठन्स्कालगा औरखांसने लगी.
वीरेंदर जल्दी से अपनी जगह से उठकर उसके पास गया और उसकीपीठ थपथपानेलगा. थोड़ी देर के बाद
आशना जब नॉर्मलहुईतोउसने वीरेंदर की ओरदेखकर कहा"इट'सओके". वीरेंदर की समझ मे नहीं आया कि
यह उसके सवालका जवाब था याउसे पीठ थपथपाने से रोकने का इशारा.वीरेंदर उस से इस बारे मे पूछ पाता
उससे पहले ही बिहारी हालमे आया औरखालीबर्तनसमेटने लगा.
वीरेंदर: बिहारी,सुबहमुझे जल्दी जगा देना, बहुत दिन हो गये हैं कसरत किएहुए.सुबहजिमका लॉक भी खोल
देना.कल सेफिर से कसरत शुरू कर दूँगा.
बिहारी: लेकिन छोटे मालिक आप तोशाम को कसरत करते होतो कलसुबह क्यूँ.
वीरेंदर: सोच रहाहूँ किकलथोड़ी देर ऑफीस हो आउ और डॉक्टर. आशना को भी घुमा लाउ. हॉस्पिटलकी
ड्यूटीकरतेकरते बोर हो जाती होंगी.
आशना ने चमकती आँखों से वीरेंदरकोदेखा. सबसे ज़्यादा हैरान तो बिहारी था क्यूंकी पहली बार 12 सालोमें
वीरेंदर ने कहीं घूमनेकीसोची थी.
बिहारी: ठीक है मालिक मैं आपको सुबह 6:00 बजे तक उठादूँगा.यह कह कर बिहारी बर्तनलेकर किचनमे
चलागया.
आशना ने वीरेंदर की तरफदेखा जोकि उसके उपर चलने का इशारा करताहै. आशना उठी और जैसे ही सीडीयाँ
चढ़ने लगी उसे आभासहुआकि वीरेंदरने उसे आगे जानेके लिएइसलिएबोला है ताकि वो खुद उसके पीछे आ
सके औरउसके नितंबो को लहराताहुआ देख सके. आशनाने जान भुजअपने नितंबो को औरज़्यादा
मटकाते हुएसीडीयाँ चढ़नाशुरूकरदिया.वीरेंदरकातो जैसे कलेजा ही मूहकोगया और उसी वक़्त उसके
लिंग ने उसे अपने होने का अहसास कराया.

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अपने नितंबो पर वीरेंदर की नज़रकोमहसूसकरते हीआशना को भीएक अजीब सा नशा छाने लगा. बिहारी ने
वीरेंदर और आशना के खाने में ज़रूरत के हिसाब से डोज मिलादीथी. किचनके दरवाज़े पर बिहारीउन
दोनोकोउपर जाते हुएदेख कर मुस्कुरारहा था.
बिहारी(मन मे सोचते हुए): वीरेंदर तू इसकी चूत पर एक बार ठप्पा तोलगा,कसमसे इसकीगान्ड मैंही सबसे
पहले ठोकुन्गा.
आशना , वीरेंदरके रूमके पासपहुँच कररुक गई.वीरेंदरने तेज़ी से अपना चेहरा दूसरीतरफ मोड़लिया ताकि
आशना को पता ना लगे कि वोउसकी बलखाती हुईकमर के नीचे भारीगान्ड देख रह था.
आशना : गुडनाइट.
वीरेंदर: इतनी जल्दी!.
आशना:मुझे बहुत नींद आ रहीहै, मैं तो चली सोने.
वीरेंदर: कुछ देर अंदरचलो बैठ करबातें करते हैं.
आशना:अच्छा तुम चलोमैं थोड़ीदेरबाद आती हूँ. मूह हाथ धो लूँ, बहुत नींद आ रहीहै.
वीरेंदर: मेरे रूम में भी वॉशरूमहै.
आशना,वीरेंदरकीतरफ देखते हुएबोलती है:पर वहाँ मेरे कपड़े थोड़े हैं, मुझे चेंजभी करनाहै. यह बात बोलते
हुए आशनावीरेंदरकीआँखों मेंहै कि शायद वीरेंदरकोरात की चुराई हुई पैंटी की याद आ जाए मगर
वीरेंदर के चेहरे परकोई भाव नादेख कर उसे बहुत हैरानी हुई. आशना मन मैंसोचे लगी"कहीं कोई डर कोई
पछतावा ही नहीं है जनाबके चेहरे पर".
कुछ आशना वीरेंदर के रूम मे एक नाइटसूट पहनकर बैठीहुई थी.आशनाने इस वक़्त ब्रापहनी थी
क्यूंकी नाइट सूट की शर्टफ्रंट बटन्सवालीथी और वो शर्टउसके बूब्स पर काफ़ी टाइटथी. आशना अगर
ब्रा नहीं पहनतीतो एक तो उसके निपल्सऔर दूसराउसके बूब्सका काफ़ी हिस्सा नज़र आता. वीरेंदर ने जब
आशना को देखा तो देखता ही रह गया. लालसिल्की नाइटसूट में वो सेक्स कीदेवी लगरही थी.वीरेंदर का मन
किया किवोउसे अपनीबाहों मे उठा ले और उसके होंठों का रस चूसले मगर उसे हिम्मत ना हुई.

आशना भी नहीं जानती थी कि उसे क्या होरहा है. वोक्यूँ यह ड्रेस पहनकरवीरेंदरके कमरे मे आशना
परअफ़रोडियासिक पाउडर ने अपना असर दिखना शुरू करदिया थाजोकि बिहारीने उसके खाने मे मिला दिया
था.उसके तन बदन मे आग भड़क गई थी.वीरेंदरकातो पहले से ही बुराहाल था. आशना का जिस्म गरमहोने
लगा, उसने अपने सीने पररखी चुन्नी उतार कर एक साइड पर रख दी औरवीरेंदर से बातेंकरने लगी.वीरेंदर
बेशर्मी से उसके सीने कोसाँस के साथ उपर नीचे होते देख रहा था.आशना भीजान भुजकर अंजान बनी हुई
थी.आशना के जिस्म की आग इस कदर भड़क उठी थी किउसकीपैंटी गीली होने लगी थी.
आशना ने सोचा कि अगरयहीं बैठी रहीतो कुछग़लत ना हो जाएइसलिए वो भारी मनसे वहाँ से उठी और
वीरेंदर को बोला:अबचलतीहूँ, बहुत देरहो गई है.मुझे नींदआ है.

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वीरेंदर का दिल टूट सा गया.वीरेंदर: आशना क्यातुममुझसे नाराज़ हो?
आशना ने चौंककर वीरेंदर की तरफदेखा.उसे लगाकि वीरेंदर ने बाथरूममे ज़रूर चेक कर लिया कि वहाँ
उसकी पैंटीनहीं है जबकि वीरेंदर को लग रहा था किउसने आशना को प्रपोज़ करके उसका दिलदुखायाहै.
आशना को समझ मे नहीं आरहा थाकि वो क्याबोले मगर जाते जाते उसने कह दिया: "तुमबहुत गंदे हो" और
वीरेंदर की तरफ पीठ करके वो मुस्कुरातीहुई बाहर निकल गई.
वीरेंदर अगरउसकी मुस्कुराहट देख लेता तो शायद वोचैनकीनींद सो जाता मगर आशनाकीमुस्कुराहट तो वो
नहीं देखपाया. हां आशनाकीयह बात के"तुम बहुत गंदे हो"उसके अंदर एक डरपैदा कर गई. उसेलगा कि
शायद दोपहरकोउसके और बीना के बीच जोकुछ हुआ आशनाकोज़रूर पता गया होगा.वीरेंदर के दिलमें
ना कब तक बुरे ख़यालआते रहे और यही सोचते हुए नाजाने कब उसे नींद ने अपनीआगोशमे ले लिया.
वहीं आशना जब वीरेंदर के कमरे से अपने कमरे मे आई तो वोमुस्कुराती हुई आईऔर जैसे हीदरवाज़ा
बंद करने लगी उसके दिल मे आया किदरवाज़ा बंद ना करे. उसने सोचाकि देखते हैं वीरेंदर आज उसके रूम में
आता है नहीं..उसने रूम का नाइट लॅंप ऑनकरदिया ताकि अगरवीरेंदररूममें आएवो जानबूझ कर
आँखे बंदरख करभीकन्फर्मकर सके.आशना ने सोचा कि लाइट जलाए रखने से उसे भीनहीं आएगी
और अगर वीरेंदर उसके रूम मैं आता है तो वो आँखे बंद करके सोने का नाटक करेगी औरवीरेंदर की चोरी पकड़ी
भी जाएगी.उसने जल्दीसे अपनीपैंटी औरब्रा उतारकरज़मीन पर फैंक दी खुद नाइट सूटपहन कर
रज़ाई मे घुस जाती है.दिन भर तेज़ धूपरहने के बावजूद भीरात को काफ़ी ठंड गई थी. शरीरतो उसका
पहले से ही काफ़ी गरम हो रखाथाऔर रज़ाईकाटेंपॅरेचर बढ़ते हीउसकी आँखे बोझलहोती चली गईं.काफ़ी
कोशिशो के बाद भी उसे पताही नालगा किवो कब सो गई.
उधर बिहारीकिचन का काम ख़तमकरके अपने कमरे मे आ चुकाथा.रात कोबीना की चुदाई, फिर सुबह से
गॅरेज का कामउपर से आशना पैंटी को अपने माल से भरना और फिर अभी कुछही घंटो पहले बीना की फिर
से करने से वो काफ़ी थका सा महसूस कररहा था.हालाँकिबिहारी एक ताकतवर मर्दथापर था तो
इंसान ही. अपने कमरे मे आते ही उसने दोपेग लगाएऔर खाना खा लिया. बीना के आनेमे अभीलगभग एक

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घंटा बचा था. बिहारी नेअपने कमरेकीएलसीडीओं की और चॅनेल बदल बदलकर देखने लगा. काफ़ी देर तक
अलग अलग चॅनेल्सबदलने के बादउसे नींद आने लगी. बिहारी बेडपर लेट और बीना का इंतज़ार करने
लगा. एक तो दिन भरकीथकान और उसपर शराबकानशा, उसे पता ही नहीं लगा कि वो कब सो गया. रात
को उसकी नींद खुली तोवो हडबडा कर उठ गया.सपने में वो आशना की चूत चाट रहाथा. उठते ही उसे अपने
मूह पर कुछ गीलागीला लगा. उसने होंठों के साइडपर हाथलगाया तोउसने पाया के सोते हुए उसकी लार टपक
रहीथी.
बिहारी: साली ने सपने में ही मेरी लार टपका दी,जब सचमें चूत चटवाएगीसाली की सारीलारचूस चूसकर
बहालकर दूँगा.तभी उसकाध्यान दीवार घड़ी की तरफ गया.घड़ी 4:30 बजे का टाइम बता रही थी. एक
दमबेड से खड़ाहो गया और अपनामोबाइल निकाल कर उसे ऑनकिया.मोबाइल ऑन होते ही उसने बीना का
नंबर. मिलाया. काफ़ी देर तक बेल जाती रहीमगर बीना ने फोन नहीं उठाया.बिहारी ने फोन बेड पटक दिया.
बिहारी: साली छीनाल, मुझे आने का वादा कर के खुद साली मज़े से सोरही होगी. बिहारी गुस्से मे बड़बड़ाता हुआ
बाथरूमकी तरफबढ़ाकि दरवाज़ेपर पहुँचा ही था कि उसका फोन बजा"बीड़ीजलाइएले जिगर से पिया,जिगर
मा बड़ीआगहै".बिहारीने लपक करफोन बेडसे उठायाऔर बीना का नंबर. देख कर ऑनकरदिया.
बिहारी: कहाँ रह गई तू कुतिया,रास्ते में कोईकुत्तामिलगया क्या?बिहारी ने फोन उठाते ही बोलदिया.
उधेर से आवाज़ आई.कॉन बदतमीज़ है.
इतनासुनते ही बिहारीहे होश उड़ गये. सामनेसे किसी लड़की की आवाज़ सुन कर बिहारी एक दमहैरान रह
गया.उसने अपने मोबाइल स्क्रीन परएक बारफिर से नंबर. देखा और फिर मोबाइल को कान से लगा कर
बोला,यह कमला का नंबर.नहीं है क्या?
सामने वाली लड़कीने रॉंगनंबर.बोल करफोन काट दिया. बिहारी की तो सांसहीफूल गई थी. फोन काट ते ही
उसने गहरी सांसली औरफिर सोचने लगाजिसलड़की की आवाज़ इतनी मीठी थी उसकी चूत कितनी मीठी
होगी.बिहारीने एक बार फिरसे नंबर, डाइयल करदिया. काफ़ी देर बादभी किसी ने फोन नहीं उठाया.बिहारी
ने एक बार फिर से नंबर.डाइयलकिया. इस बार एक बेल बजते ही पिक
बिहारी: हेलो कॉन है. बिहारी के कानो में बीना की आवाज़आई, "कुतिया बोल रहीहूँ बोल क्या काम है".
बिहारी: पहले फोनकिसने उठाया था.
बीना:मेरे नर्सिंग होम कीनर्स है, बोलक्याकामहै.
बिहारी: साली मुझे आने कावादा कर के सो गई थी क्या.
बीना:एक एमर्जेन्सी आ गई थी.ऑप्रेट करनाबहुत ज़रूरीथा. अभी फ्री हुई हूँ. बाहर आई तो
ने मुझे बताया किएकशराबी बार बार फोन कर रहा है और गंदी गंदी बातें कररहा है.
बिहारी: उसमैनाकानाम रागिनी है?
बीना:मैनानहीं चिड़िया बोल.
बिहारी वो कैसे?

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बीना:कुछ दिनपहले अपने प्रेमी के साथ घर से उड़ कर आई है.अभी अभी अट्ठारह को पार किया है. प्रेम के
चक्करमे घरसे तो निकल आई पर उसकेप्रेमी ने इसे धोखा देकर इसके सारे पैसेऔर गहने लेलिए और इसे
देल्हीरेलवे स्टेशन परही छोड़ दिया. वहाँ से यह घरतो जा नहींसकती थी तो किस्मत इसे मुझ तक ले आई.
यादहै जिसदिनवीरेंदरहॉस्पिटल मे अड्मिट हुआ था उसी दिन अभय को टूर परजाना था और मैं उसे ड्रॉप
करने रेलवे स्टेशनतकगई थी.
बिहारी: हां, हां याद है.
बीना:मुझे यह वहीं मिली थी.इसे देख कर हीमैं पहचान गई थी कि लड़कीघर से भागी हुई है. इस को
नौकरी का झांसा देकरमैं इसे अपने साथ ले आई और अब यह यहीं मेरे क्लिनिक मे काम कररही है.
बिहारी: झांसा???.
बीना:पहले मैने यही सोचा था की इस लड़कीकोवीरेंदरकीज़िंदगीमें लाउन्गी और यह हमारे एहसानोके तले
दबी ही होगी तो हमारी बात टालेगी भी नहीं.वैसे भीइसका कोईसहारा तो था नहीं तो अगर यह वीरेंदर का
सहारा बन जाती तोहमारा भीकामहोजाता.
बिहारी: तो फिर प्लान क्यूँ बदल दिया.
बीना:अगले ही दिनआशनाकेआजाने के बाद मैं एक दमबोखलागईथीउसवक़्त मेरा दिमाग़
काम करना बंद कर गयाथा, कोई प्लान सूझ हीनहीं रहा था.क्यूंकी वीरेंदरकीआधी जायदाद की मालकिन
अचानक नाजाने कहाँ से आ गईऔर यह भी तय थाकि आशना के होते हुएना तो हमवीरेंदर की जायदाद
हड़पसकते थे और ना ही आशना से उसके हिस्से कीमगर जब आशनाने कहा किवो वीरेंदर से उसकीबेहन
बनकरनहीं मिल सकतीतोमैनेप्लान मे चेंज कर दिया.
सबसेबड़ी बात किआज वीरेंदर ने खुद कहा है कि वो अपने हिस्से की जायदादअपनी होने वालीीबीवी यानी कि
आशना के नामकर देगा. उसे नहीं पता किऐसा करने से आशना सारीप्रॉपर्टी की मालकिन बन जाएगी और
वीरेंदर को रास्ते से हटाकरहमआशनाकोब्लॅकमेलकरके सारी जायदादअपने नाम कर देंगे.
वीरेंदर: क्यावो ऐसा करेगी?.

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बीना:मेरे चोदु राजा, हमेशालंड से ना सोचो कभी कभी दिमाग़ का भी इस्तेमाल किया करो. सोचो क्याकोई भी
लड़कीयह चाहेगी के समाजको यह पता लगे कि वोअपने ही भाई की बीवी है.
बिहारी: साली तू बहुत बड़ी खिलाड़ी है, कहीं मुझे हीधोखा तो नहीं देगी.
बीना:वीरेंदर का लंड तो मैं खो हीदूँगी,तेरे जैसे लंड वाले को तो संभालके ही रखूँगीकुत्ते.एक दूसरे पर शक़
करनाअपने आपपर शक़ करना होगा.
बिहारी: इस चिड़िया की आवाज़ से तो लगता है कि इसकी चूत भी इतनीही मीठी होगीजितनी इसकी आवाज़
है.
बीना:हीरे की पहचान तो ज़ोहारी ही कर सकता है.
बिहारी: तो फिर इस हीरे को तराशने के लिएमेरेपास कबलारही हो.
बीना:अभी बच्चीहै, अभी कुछसावनऔर देख लेने दोउसके बाद तो तुझे हीगिफ्टकरने वाली हूँ इसे.
बिहारी: यहाँ मेरा लंडखड़ा है औरतुझे अभी इसे और सावनदिखाने हैं,क्या पता इसके प्रेमीने इसे सोहलवें
सावन मे ही सब कुछ दिखा दिया हो.
बीना:इतना उतावला ना हो कुछ करती हूँ औरहां सुनअभी सो जा आज बहुत गई हूँ अब सोने हूँ,
तू भी सोजाऔर रागिनी के नामपर मूठ ना मारना.हो सका तो जल्द हीतुझे तुम्हारा गिफ्ट भी दे दूँगी.
ज़्यादा मूठ मारेगा तो इस कली को पहलीही बार में तसल्ली कैसे करवाएगा.
बिहारी: बड़ा दमहै इसलौडे में, तू उसे तैयार तो कर मैं अपनी तलवारतैयार रखूँगा.
बीना:वो तो मेरी मुट्ठी में है, तू फिकर ना कर. कल सुबह किसी बहाने से मैं वहाँ आ जाती हूँ फिरमिलकर
कुछ करते हैं.
बिहारी: कलवीरेंदर आशनाकोघुमाने जा रहाहै. तू 10:00 बजे तक आ जाना, फिर तेरी चूत चाट चाट कर
दिमाग़ हल्का करके कुछ सोचताहूँ.
बीना:यह तो बहुत बढ़िया होगा.बहुत टाइम हो गयातुझसे चिल्ला चिल्ला कर और तेरी गलियाँ सुनकर चुदवाये
हुए.
बिहारी: तू कल आ तो सही फिर देख कैसे तेरी चूत और गान्डके चीथड़े उड़ाता हूँ.
बीना:मैं ज़रूर आउन्गीमेरे रज्जा.यह कहकर बीना ने फोन काट दिया.

बिहारी ने घड़ी पर टाइमदेखा तो सुबहके 5:00 बजने वाले थे.
बिहारी: अब साला सोना भी बेकार है. आजसुबह सुबहसाहबज़ादे कोउठाना भी है.फिर उठते ही अगर चाइ का
कप नामिला तोसुबह सुबह लेक्चर भी सुननापड़ सकताहै. अब कुछ है भीनहीं करने को, क्या किया जाए.
तभीबिहारीके दिमाग़ मे एक बात आई "चलउपर चलकर देख ज़रा क्या आज भी आशना नंगी सोई हैक्या".
बिहारी ने अपना फोन स्विचऑफकिया औरउसे अपनीअलमारी में रखकर उपर की ओरचलदिया. बिहारी(मन

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मे हुए): साली ने बहुत तडपाया है आज पूरा दिन,इसकोतोमैं ऐसे घुमा घुमा कर चोदने वाला हूँ कि
सालीकोचक्कर आ जाएँ. यही सोचते हुए बिहारी उपर पहुँचा और सबसे पहले वीरेंदर का दरवाज़ाचेक किया जो
किअंदर से लॉक था.बिहारीदबे पावं आशना के कमरे के पासपहुँचा.दरवाज़े को धक्कादेकरदेखातो वो
खुलता चलागया.
अंदर का नज़ारादेखते ही बिहारीकीआँखें चमक उठी. रूममे फैली रोशनी से वो आशना को सोए हुएदेख सकता
था.आशना का पूराशरीर रज़ाई के अंदर था.बिहारी आगे बढ़ातो उसकी नज़रज़मीन पर पड़ीआशना की वाइट
पैंटी और ब्रापर पड़ी.
बिहारी: यहसाली रोज़ऐसे ही नंगी होकरदरवाज़ा खोलकर सोएगी तो मेरा तोदिमाग़ ही सटाक जाएगा. बिहारी
ने आहिस्ता से आशनाकीपैंटी उठाई औरउसे सूँघा. कुँवारी चूत की महक से हीबिहारी के लौडे ने बग़ावत कर
दी और पाजामे मे तन्कर बाहर आने कीज़िद करने लगा. बिहारी ने अपने कानाडाढीला किया और
पाजामे को उतार दिया,अंडरवेर तोवो पहनता हीनहीं था.इस वक्त बिहारी के शरीरकासारा खून उसके लंड मे
बह रह था.इतना अकड़ गया था कि उसे पकड़ कर कोई झूल भीजाता तो वोझुकतानहीं.आशना जैसीहसीन
लड़कीकेसामने नंगा होना हीबिहारी के लिएबहुत बड़ी बात थीफिर चाहे वो सोई हुई क्यूँ ना हो.बिहारी ने
आशना की पैंटीअपने लौडे परलपेटीऔर उसके चेहरे को देखते हुएमूठ मारने लगा.
बिहारी ने काफ़ी कोशिश कीकि वोआशना के नंगे शरीर को देख सके मगरउसे रज़ाई हटा कर देखनेकी
हिम्मत ना हुई.अपने ख़यालोमें ही उसके नंगे शरीर की कल्पना कर बिहारी मूठ मारेजा रहा था.बिहारीजैसा
ताकतवरऔर तजुर्बेकारमर्द भी कुछ ही मिंटो मे आशना ने नंगे जिस्मकी कल्पनासे अपनेअंदर उबाल
महसूस करने लगा और झड कर अपने लावा को आशना की पैंटी मे उडेलने लगा. को अच्छीतरह अपने
वीर्य से तर करके उसने आशनाकीब्रा और पैंटी एकटेबलपरअच्छे से रख दी और खुद अपना पाजामा लेकर
आशना के रूम का दरवाज़ा बंद करनंगा ही नीचे आ गया.नीचे आते हीवो धडामसेअपने बेड पे गिर गयाऔर
आशना के चेहरे को याद करने लगा.
करीबबजे आशना के मोबाइलका अलार्म बजा.आशनाने अलसाएहुए अलार्मबंद औरएक
अंगड़ाई ली. बीच अंगड़ाई में ही वो झटके से उठी और सीधाफर्शपर नज़र डाली.आशना के चेहरे परहैरानी
और मुस्कुराहट दोनो का मिश्रण देखते हीबनते था.अपनी पैंटी वहाँ ना पाकर वो काफ़ी खुशथी औरहैरान थी
किवीरेंदर कब रूममे आया उसे तो पता ही नहीं लगा.बड़ी गहरीनींद ने दबोच लिया था उसे. इस बारउसका
वीरेंदर को रंगे हाथोपकड़ने का प्लानफैल हो गयाथा. आशना ने उठ कर सबसे पहले दरवाज़ालॉक किया और
रूम की लाइटऑन कर दी. लाइट ऑन करके जैसे ही वोमूडी उसकीआँखे फटीकीफटी रह गई. एकटेबलपर
रखीउसकी ब्राऔर पैंटी देख कर उसकीतो सांसहे अटक गई.वो समझ गई के भैया ने रात को उसके कमरे
मे मास्टरबेटकरके इन्हें यहाँरख दिया. आशना इस ख़याल से शरमा गई कि उसके भैयाने उसके सामने
ही मास्टरबेट कर दिया. आशना को यकीन ना हुआ कि उसके भैया ने देख करमास्टरबेट किया है. आशना
ने जल्दीसे पैंटी उठाई तो वीर्य की कुछ बूंदे पैंटी से टपक करएक लंबा सा धागा बना कर नीचे की ओरगिर
पड़ी.
आशना:इसका मतलबभैयाअभी सुबहही आएहोंगे, तभीतो यह इतनी गीली है. एक तरह सेदेखाजाए तो वो
काफ़ी खुश थीकिवीरेंदर अब नॉर्मलज़िंदगी की राह पर चल पड़ाहै. चाहे वो अपनीबेहनके कारण हो पर
उसकी बीमारी का इलाज तो होही रहाहै और दूसरी तरफ आशना यहसोच रही थी किवीरेंदर को यह बताना
बहुतज़रूरी हो गयाहै किवोउसकी बेहन है. कहीं ऐसा ना होजाए किबहुत देर होज़ाये. अभीतकआशना खुद

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भी डिसाइडनहीं कर पाई थी कि वो वीरेंदर की मदद किस हद तक करेगी. उसनेबसयही सोचा था कि
को एग्ज़ाइटेड किया जाए ताकि वोअपने स्पर्ंस रिलीस करने परमजबूरहो जाए लेकिन उसकेआगे बढ़ने के
लिए वो शायद सोच भी नहीं सकतीथी. वोजानती थी कि वीरेंदरउस से प्यारकरने लगा है, लेकिन वोयह नहीं
जानताथाकि जिस लड़कीसे वोप्यार कर बैठाहै वो उसकीबेहन है.इस लिए आशना चाहतीथी किउनका
रीलेशन बस यहाँ तक हीरहे, इस से आगे बढ़े तो वो अपने आप को कभी माफ़ नहीं कर पाएगी.
उसने डिसाइड कर लिया किजैसे हे वीरेंदरभैयाठीक हो जाएँगे,वो उनके लिएकोई अच्छी सी लड़की देख कर
उनकी शादी करवादेगी और उनकी ज़िंदगी से ऐसे निकलजाएगी जैसे वोअबतक थी. उसने मनमे ठानलिया
किजबतक होउसे वीरेंदर की दोस्त बनकर रहना होगा औरअगरवीरेंदर आगे बढ़ने कीकोशिशकरेगा तो कोई
भी बहाना बना कर उसकी ज़िंदगी से हमेशा के लिए चली जाएगी. वो अबइसकदर फसगई थीकि वीरेंदर को
नहीं बता सकती थी किवो उसकी बेहन है.अपने दिमाग़ मे सारीप्लॅनिंग करने के बादउसने अपनी पैंटी उठाई
और उसे भी वहाँ रख दिया जहाँ दूसरी पैंटी को रखा था.वोअपने दिमाग़ मे उठे इस सवालका जवाब नहीं दे पा
रहीथी किजब उसे यहाँ से जानाही है तो वो क्यूँ यह पॅंटीससंभालकर रख रही है.
उसने इससवाल को अपने दिमाग़ से झटकाऔर बाथरूममे घुस गई.करीबबजे तक वो बिल्कुलतैयार
थी.उसने पिंक ब्रा और वोही पुरानीवाली पैंटीअपनी ड्रेसके अंदरपहनली थी.आज आशना ने लोंग येल्लो
स्वेटर-शर्ट पहनी थी जिस परवाइट कलर्सका फ्लवर पॅटर्न था और नीचे गरमकपड़े कीफ्लेक्सिबल वाइट
कलरकीचूड़ीदार पजेयमी पहनीथी. शर्ट उसके घुटनो के उपर थी और साइड्ससे बिल्कुल बंद थी. शर्ट
उसके वक्षों और नितंबोपर काफ़ी कसी हुई थीऔर उसकी फिगरकोऔर भीअट्रॅक्टिव बना रही थी. नीचे
पहनी पजेयमी भी उसकी जाँघो परकाफ़ीटाइट थी परफ्लेक्सिबल होने के कारणउसके जिस्म से ऐसीचिपक
गई थी जैसे कि उसकी स्किन.ठीक 6:30 बजे आशना तैयार होकरसे बाहर निकली तो देखा के बिहारी हाथ
मैं लिए दो कपचाइ लेकर आ रहाहै.
आशना के कदमवहीं ठिठक गये औरफिर उसने सारे ख्यालों को झटकतेहुए बिहारी को आवाज़ लगाई.
आशना:काकायह ट्रे मुझे देदो और जिम कालॉक खोल दो, वीरेंदर जी को मैं चाइ दे देती हूँ.
बिहारी उसकी आवाज़ सुनकरएक दम उपर की तरफदेखनेलगा जहाँ आशना खड़ी थी. सुबह सुबहउसे इतना
फ्रेशदेख कर तो एक पल के लिएबिहारीके मन हीडोलगया. कर्ली बालउसपर पानी की बूँदें और फिर

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उसपर एकदमउजलीहुई ड्रेस देख करबिहारीसोचनेलगा के अगरकोई स्वर्ग कीअप्सरा भीयहाँ आजाए
तो आशना से जलनेलगे.
बिहारी: हां, हां बिटिया,यह लो.
आशना:थॅंक यू काका. बिहारी का मनप्रसन्न होगया.
बिहारी: लगताहै इसने मुझे माफ़ कर दियाहै. आख़िर करती क्यूँ ना?.दौलत का लालच तो अच्छे अच्छोंको
हो जाताहै. पैसे चीज़ ही ऐसाहै. बिहारी मन मे अपनी जीत की खुशी लेकर पीछे बने जिमका लॉक खोलने चल
देता है.
आशना भी हैरान थी किआजबिहारी की नज़रोमें उसे गंदगी नहीं दिखी.क्यूंकीअक्सर बिहारी की नज़र उसपर
पड़ते ही वोजान जाती किबिहारी उसके कॉनसे हिस्से कोदेखरहा है पर आज तो बिहारी ने उसके चेहरे
नीचे देखाही नहीं और नामेरे मुड़ने का इंतज़ारकिया ताकि वो पीछे से घूर सके.

आशना(मन में सोचते हुए):शराब इंसान को क्याबना देती है, शायद शराब के नशे में बिहारी काका उसदिन
सब भूल गये. फिर उसे बिहारी परदया भीआई किकैसे एक नौकर अपनी उमरऔर इज़्ज़त कीपरवाह ना
करते हुएएक लड़की से उसके मालिक से शारीरिक संबंध बनाने को कह रहाथाताकिउसकामालिक ठीक हो
जाए.आशना ने सोचा शायद बिहारी काका ने वीरेंदर को शादी करने पर मजबूरकियाहोगा परवीरेंदर ही नहीं
माना होगा. इस लिए काका को यह सबकरना पड़ा.
अपने दिलमैं बिहारीकोमाफ़ करके आशना वीरेंदर के रूम कीतरफ चलदी. आशनाने नॉक किया तो वीरेंदर
की आवाज़ आई. काका:बस दोमिनिट,बाथरूम मे था, कपड़े पहन रहा हूँ.हैरानरह गई किवीरेंदर खुद
ही टाइमपरउठ गयाहै. थोड़ी देर बादवीरेंदर ने दरवाज़ा खोला तोसामने खड़ीआशना के मुस्कुराते हुए चेहरे
को देख कर हैरानरह गया.उसवक़्त आशना सचमुच किसी अप्सराके कम नहीं लग रही थी. गोलचेहरा, बड़ी
बड़ी हिरनी जैसेआँखे, चमकता हुआ बेदाग गोराचेहरा,शीलनी गुलाबी होंठ और सिरके बालों पर कहीकहीं पानी
की बूंदे,वीरेंदरतोमंत्रमुग्ध होकर उसे देखता हीरहा.
आशना(मन मैं सोचते हुए):शायदजनाब का दिल रात को मेरे सोए चेहरे कोदेखकरभरानहीं जो अब यहीं बुत
बनगये.
आशना:ज़मीन पर आइएराजकुमार वीरेंदरशर्मा.
वीरेंदर एक दमहड़बड़ागया और बोला: तुम तोतैयार भी होगई.
आशना:मैं तो कब की तैयार हूँ,जनाबहैं कि अभीतक सो रहे थे.
वीरेंदर: नहीं ऐसा है कि रात को नींदअच्छी नहीं आई,बार बार नींद टूट रही थी.
आशना कमरे मे अंदर आ जाती और ट्रे टेबल पर रख देतीहै. आशना सोचने लगती है "जनाब को रात को
नींदकहाँसे आएगी, चोर जो है मन में". सो जाते तो वोकैसे कर सकते थे जो दो दिनसे कर रहे

88
वीरेंदर आशना को चुप देखता हुए सोचता किवोआशना से किसतरहमाफी माँगे और उसे कैसे यकीन दिलाए
किबीनाके साथ जो भी कियाउसपरउसका कोई कंट्रोल नहीं था.उसके साथ अक्सर होताहै जबभीउसके
लिंग में तनाव आताहै और वोजानवरबन जाताहै. वीरेंदर को पताथाकिआशना इस बात कोनहीं मानेगी
और ना ही कभी समझ पाएगी. वो तो उसे ही ग़लत मानेगी क्यूंकी डॉक्टर.बीना तो उसकी मोम कीफ्रेंड है
और अबवो भी उनको माँ की तरह हीमानती है.
फिरभी वीरेंदर नेहिम्मत करके कहा:आशना मुझे तुमसे कुछ बात करनी है.
आशना चौंक कर अपनेख़यालो से बाहर आतीहै. आशनाने चाइ का कप वीरेंदर को दिया और एक खुदले
लिया.
आशना:पहले मुझे अपना जिम दिखाओ.दोपहरकोजबघूमने जाएँगे तो जितनी मर्ज़ी बातेंकर लेना. आशना
को लगाकि शायद वीरेंदरउस से कल के सवालका जवाब माँगेगा इसलिएउसने उसे टाल दिया. आशना का
जवाबसुनकरवीरेंदर का मन थोड़ा हल्काहुआ. उसे लगा किशायद आशना उसे माफ़ कर देगी. उसने मन मे
ठान लिया किआजकुछ भीहो जाए आशनासे माफी माँगकर वो उसे प्रपोज़ कर ही देगा.
चाइ पीने के बाददोनो जिम मे पहुँच गये. वीरेंदर ने बिहारी को नाश्ते मे आलू के परान्ठे बनाने के लिएबोल
दिया और बिहारी सीधा किचन मे चला गयालेकिन इस बार वो जैसे ही आशना के पास सेसिर झुका कर
निकला उसने मूडकरपीछे से आशनाकीलहराती औरबलखाती हुई गान्डकोदेख कर हवा मे एक चुम्मि
उछालदी.
बिहारी जैसे हीआशनाकेपास से सिरझुकाकरगुज़रातोआशना के दिल मे उसके लिएइज़्ज़त औरभी बढ़
गई. उसने मनमें सोचा किबेकार हीउसने बिहारी के बारे मैं ग़लत सोचा.उसे क्या मालूमथा कि बिहारी जैसा
कमीना आदमी कभी सुधर हीनहीं सकता.
आशना:वीरेंदरआपने तो अपने लिए आलू के परान्ठे बनाने के लिए बोल दिया पर मैंक्या खाउन्गी.
वीरेंदर: क्यूँ?? तुम परान्ठे नहीं खाती क्या??.
आशना:परान्ठे! ईयीई. कितना फॅट होता है उनमे.मैं मोटी हो जाउन्गी.
वीरेंदर: अगर थोड़ीसीमोटी होभीगई तोज़्यादा अच्छीलगोगी.
आशना:जीनहीं मैं तो ऐसे ही ठीकहूँ, पहले हीकाफ़ीमोटी हूँ.
यह सुनते हीवीरेंदरने आशना के पेट की तरफ देखा औरबोला: इतनी पतली कमरहै तुम्हारी और तुम कहती
हो कि तुममोटी हो.
आशना:पतलीअरे पहले तो यहथी अब शायद 24" कीतो हो हीगई होगी.
वीरेंदर:मैं नहीं मानता, 20"-22" तो बिल्कुल भीज़्यादा नहीं लगती.
आशना ने वीरेंदर को अपनी कमरकीतरफ घूरते हुएपाया तो उसने शरमा कर दूसरी तरफ मूह फेरलिया.
आशना:अच्छा चलो अब,जल्दी से एक्सररसाइज़ कर लो औरतैयार होकरनाश्ता कर लो, फिर पूरा दिन मुझे
घुमानाभी तोहै.

89
आशना-वीरेंदर दोनो जिम पहुँचे.जिमक्या, हरतरह की बड़ीबड़ीमशीनो से घिरा एक बहुत बड़ाहॉलथा. पूरा
हाल काफ़ी वेंटिलेटेड और हाइगियेनिक था.इतनी मशीन्सदेखने के बाद तो आशना हैरान रह गई.
आशना:आप सारी मशीन्स यूज़ करते हो.
वीरेंदर: अभी 10-12 दिन पहले तो मैं 2-3 घंटे डेलीवर्काउट करही लेता था.
आशना:बापरे, इतना टाइम? किसी बॉडी बिल्डिंग चॅंपियन्षिप हिस्सा लेना है क्या.
वीरेंदर(ठहाकामारते हुआ):बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगितामें हिस्सा लेने की कभीसोची नहीं पर अब तुमने
आइडिया दिया है तोज़रूर सोचूँगा.
आशना:जीनहीं,आप बसअपनी सेहतका ख़याल रखें और कुछ भीकरने की ज़रूरत नहीं है.
वीरेंदर: मेरी सेहत का ख़याल तो तुम्हें ही रखना है.
आशना ने चौंककर वीरेंदर की तरफदेखा तोवीरेंदरझट से बात पलट कर बोला: क्यूँ??डॉक्टर. हीतो अपने
पेशेंट्सकी सेहत का ख़याल रखते हैं.
आशना बसमुस्कुरा दी और आँखें झुका कर हां मे हामी भरी.
वीरेंदर: तुमने तो नहा भी लिया वरनामैं तुम कोभी दो तीन एक्सरसाइज़ज़ सिखाही देता.
आशना:ना बाबा ना, इतनी भारी मशीनो को तो दूर से ही प्रणाम. मैं तो फिट रहने के लिए कभी कभी योगा
कर लेतीहूँ.
वीरेंदर: ओहहो तो मेडमजी "बाबारामदेवजीकीफॅनहैं.
आशना यहसुन कर हँसने लगी.
आशना:आपको देख कर लगता था कि आप इतनी बातेंबनाना भीजानते हैं.
वीरेंदर: बातें बनाना तोबहुत आती हैंइसबंदे को मगर कभीकोई मिला नहीं सुनने वाला.
आशना:वाला यावाली??
वीरेंदर: कुछ भीसमझ लो.
आशना:अच्छा,चलो अबमैं आ हीगईहूँ तो सारी बातें मुझे हीबता देना.
वीरेंदर: जो हुकुम सरकार.
आशना:अच्छा तुम एक्सररसाइज़ करलोमैं किचन मे जाकर अपने लिएकुछलाइट सा बनालेती हूँ. तुम भी
जल्दी से आ जाना.
वीरेंदर: बसआधे घंटे मैं बंदा आपके सामने हाज़िर होगा.बड़े दिन बाद एक्सररसाइज़ करनीहै तो थोड़ा ही करूँगा
ताकि बॉडीथोड़ी खुल जाए.
आशना जिम सेसीधा किचन मे आगई.बिहारीकाकाकिचन मे बाय्ल्ड पटेटोज को मेशकर रहे थे.

90
आशना:काकाक्या कर रहे हो.
काका ने बिना उसकी तरफ देखे जवाबदिया. काका: दबा रहाहूँ........... मेरा मतलबआलू उबालगये हैं इन्हे
मसल रहा हूँ.

आशना ने एक बारबिहारी की बात परगौर कियाऔर फिरसिर झटककर उसकीबात कानसे निकालदी.
आशना:देसी घीमें बनानावीरेंदरके लिएपरान्ठे. इतनी कसरत करते हैं तोशरीर को घी भी तो चाहिएऔर
वैसे भीबीमारीकीवजह से काफ़ीकमज़ोर भी हो गये हैं.
बिहारी: बहुत घी है उनके अंदर, तभी तो इतनी कसरत करनी पड़तीहै उन्हे.
आशना बिहारी की बात सुनकर सोच में पड़ जाती है.उसे लगताहै शायद बिहारी जानता नहीं कि किसी के साथ
कैसीबात की जाती है, वोउसे गँवारसमझ करउस की डबल मीनिंग बातों को लाइट्लीलेने लगती है.
काका:वीरेंदर ने शादीक्यूँ नहीं की,अबतो उनकी उमरभी काफ़ी गई है.
बिहारी: पता नहींबिटिया,पर जब से छोटे मालिकके परिवार के साथ वो हादसा हुआ है वो काफ़ी टूट गये हैं.
पहले तो फिर भीमेरीबात सुनते थे परजबमैनेउनकोशादी के लिएज़ोर देना शुरू किया तो वोमुझसे भी कम
ही बात करते है.अबतो ऐसा है कि वीरेंदरबाबू सिर्फ़ कम होने पर हीमुझसे बात करते हैं.
आशना:लेकिनइससे तो कोई हल नहीं निकलेगा.
बिहारी: मैं जानता हूँ बिटिया. इसी लिएउस दिन परेशान होकरनशे मे तुमसे ऐसी बात करबैठा.मालिककी यह
हालत अब मुझसे देखी नहीं जाती.मुझे तो यह लगता है कि वीरेंदर बाबूशायदहीकभी शादी करेंगे.
आशना:ऐसा क्यूँ??.
बिहारी: सुना है कि वीरेंदरबाबू किसीलड़की से प्यार करते थे, उस लड़की ने इन्हे धोखादे तबसे वीरेंदर
बाबू अकेले ही जिए जा रहे हैं और अंदर ही अंदर घुटे जा रहे हैं.
आशना:काका, क्या अपने उसलड़की को देखा था?
बिहारी: अब इतना यादतोनहीं लेकिन यहीं पासमें ही रहतीथी. काफ़ी छोटी थीजबमैने उसे देखा था.फिर वो
अपनीपढ़ाई करने कहीं चलीगयी और उसके बाद तो कहीं मिली भीहोगी तो मैं नहीं जानता. आशनाबिहारी की
बातें सुनकर अंदाज़ा लगाती है किबिहारी को इस मामले में ज़्यादा नहीं होगा.
आशना:लेकिनकभी ना कभी तोउन्हे शादीकरनी हीपड़ेगी ना. आज नहींकल उन्हे सहारे की ज़रूरत तो
पड़ेगी ना.
बिहारी: मैने लाख समझायापर वीरेंदर बाबू है कि टस से मसनहीं होते.इसी लिए उसदिन वीरेंदर बाबू को
तुमसे अच्छीतरह से बात करते देखा तोमैं रह नहीं पाया औरतुम्हारे सामने इसतरह का प्रस्ताव रखा. मैं
जानताहूँ कि किसी भी लड़कीके लिएइसतरह का प्रस्तावमानना बहुत मुश्किलहै. मगरमैं समझता हूँ कि
एक औरत कोचाहिएही क्या.दो वक़्त की रोटीऔर रहने कोछत.मुझे पता है कितुम बहुत महत्वाकान्छि
लड़कीहो मगरमैं यहभी जानता हूँ किवीरेंदर बाबू का ख़यालतुमसे ज़्यादा और कोई नहीं रख सकता.

91
आशना,बिहारी की इसबात से चौंक जाती है.आशना:वो कैसे?.
बिहारी ने बात संभालते हुए कहा डॉक्टर.जी ने बताया के तुमने खुद ज़िद करके वीरेंदर बाबू की देख-भाल करने
के लिए अपना नाम उन्हे सुझायाहै. भगवान करे तुम एक बहुत अच्छी डॉक्टर.बनो.
आशना सोचती है कि डॉक्टर. बीना को शायद बिहारी से झूठ बोलना पड़ा होगा ताकि बिहारीकोकोई शक़ ना
हो.
आशना:वो तो ठीक है काकापर हमे कुछ तोकरना हीहोगा.
बिहारी: देखो बिटिया, इतने सालो मे वीरेंदर बाबू की ज़िंदगी में कोईलड़की नहीं आई तो इतना तो तय हैकि
वीरेंदर बाबू किसी भी लड़कीकोअपने पासफटकने भीनहीं देंगे.तुम इसघर में इसलिए हो क्यूंकी तुमएक
डॉक्टर.हो, तोफिर बताओ भला वीरेंदर बाबू की ज़िंदगी मे तुम्हारे सिवा कोईलड़की कैसे आ सकती है.
आशना को भी बिहारी की बातों मे सच्चाई लगी.
बिहारी: बेटीमेरीबात ग़लत ज़रूरहै पर इसके अलावा मुझे कोई और रास्ता नज़र नहीं आता. होसके तो मेरी
बातों को अब ठंडे दिमाग़ से सोचना.
तभीवीरेंदरघर में एंटर होताहै. वीरेंदर:काकाऑरेंज जूसलाओ,बहुत पसीना निकल रहाहै.
आशना ने किचन से ऑरेंज जूस ग्लास मे डालकर हालमे बैठे वीरेंदर की तरफ बढ़ाया जो की आँखें बंदकरके
चेर परटेक लगाए बैठा था. आशनाके प्रफ्यूम कीखुश्बू से उसने आँखें खोली तो सामने आशना को खड़ा पा
कर मुस्कुराते हुएबोला.लगता है आपने मेरी आदतें बिगाड़ने की ठान ही ली है.
आशना:मैं कुछ समझी नहीं.
वीरेंदर: डॉक्टर. आप भूल रही हैं कि आप बसकुछ दिन हीमेरीदेखभाल के लिए आई हैं,सोचिए जबआप चली
जाएँगी तोमेराक्या होगा.यह सुनकर आशना को वास्तविकता का आभास हुआ. वो तो वाकई यहाँ कुछ दिनोके
लिए ही आई है.
आशना:अच्छा तो अबआप मुझे जल्दी से यहाँ से भेजनाचाहते हैं.
वीरेंदर:क्यूँ,आप नहीं जानाचाहती क्या?
वीरेंदर के इससवालसे आशना के दिलकी धड़कनेंबढ़ गईऔर उसे कुछ जवाबदेते ना बना.
आशना ने बात बदलते हुए कहा.बादकी बात बादमे करेंगे मिस्टर.वीरेंदर, आप से फ्रेश होकर नीचे आ
जाइए, काका ने आपका नाश्ते की तैयारी पूरी कर दी है.जल्दी से जाइएऔर जल्दीसे आकर गरम गरम
नाश्ता कर लीजिए.
वीरेंदर: आज तो हमे आपके हाथ केपरान्ठे ही खाने हैं. बना दोगितोपेट भरकरखा लेंगे वरना आजतो पूरा
दिन उपवास और इतना कह करवीरेंदरसीडीयाँ चढ़ने लगा.

आशना जूसका खालीग्लास उठाकर किचन की तरफ चल दी. किचन के बाहर खड़े मंद मंद मुस्कुराते हुए
बिहारी काका को देख करउसके कदम वहीरुक गये.

92
बिहारी: लगताहै अब मेरी नौकरी ख़तरे में आ गईहै.चलो भाई हमकोईऔर काम करलेते हैं.आज तो आप ही
बना कर खिला दो वीरेंदर बाबू को देसीघी के परान्ठे.आशना सिर झुकाएकिचन मे घुसगई.
बिहारी ने दरवाज़े के पास खड़े होकर हीकहा"आज इतने सालोंबाद छोटे मालिकखुश दिख रहे भगवान इनकी
खुशी को नज़र नालगाए".बिहारीचला गया अपना जाल बिछाकरऔर आशना भी मुस्कुरातीऔर शरमाती हुई
वीरेंदर के लिए देसीघी के परान्ठे बनाने लगी.आशनासोच रही थी किअगर भैया इसी मे खुशहैं तो
ऐसा करनाकि उनकी खुशी को सच में नज़र नालगाना.
सुबह लिए हुए सारे डिसिशनआशनाकोबेबुनियाद लगने लगे और वो एक प्रेमिका की तरह अपने प्यार के लिए
दिल लगा कर नाश्तातैयार करनेलगी. वीरेंदर ने उंगलियाँ चाट चाटकर परान्ठे खाए औरआशना की खूब
तारीफ की. आशना ने अपने लिए नाश्ते में दूध और बिस्किट लिए. वीरेंदर की तारीफसे आशना का चेहराशरम
से हो गया था. वोवीरेंदर से ढेर सारी बातें करना चाहती थी मगरजैसे ही वो वीरेंदर की तरफ देखती
शरमसे उसकी आँखें झुक जाती.आशना ने कई बार हिम्मत करके को कुछ कहने के लिए उसके चेहरे की
तरफ देखा परहर बार वोशरमा जाती.नाश्ता करने के बाद वीरेंदर तैयार होने उपर चला गया औरआशना भी
अपने रूममे जाकर अपने मेकप को फाइनल टच देने लगी.
करीबपरदोनो इकट्ठे ही सीडीयों से उतररहे थे. वीरेंदर ब्लू जीन्स और ब्लॅक ब्लेज़र मैं काफ़ी स्मार्ट
लगरहा था.अंदर से पहनी हुई वाइट टी-शर्ट भीउसपरकाफ़ीजच रही थी . आशना ने आँखोंही आँखों मे
वीरेंदर की लुक्स कीतारीफ की.
बिहारी काका ने आशना की तरफदेख कर उसके आगे हाथ जोड़ करउस से प्रार्थना की, कह रहे हों कि
"सबऐसा ही चलने दे", जिसे आशना ने अपनी दोनोआँखे झुका कर स्वीकार किया.जैसे ही आशना -वीरेंदरबाहर
निकले, खुशी से झूमउठा.
बिहारी: साली बहुत भोली है रे यहतो इसकीलेने मैं बहुत मज़ा आने वालाहै. काश वीरेंदरइसकी गान्ड छोड़ दे
मेरे लिए.मैं तो अभी से परेशान हूँ कि यह तो चीख चीख कर घर उठा लेगी. बिनातैलके ही चोदुन्गा मैं
तो इसकी गदराई मांसल गान्ड.
वीरेंदर गाड़ी निकाल करगेट परपहुँचा जहाँ आशना उसका वेट कर रही थी.आशना के पास पहुँच कर वीरेंदर ने
गाड़ी की ब्रेक लगाईऔर गियरन्यूट्रल करके हॅंडब्रेकलगा दी. वो झट से अपनी खिड़की खोलकर बाहर
निकला औरआशना की तरफ जाकर उसकी तरफका डोर खोल दिया.
वीरेंदर: राजकुमारीजीअपने पावं इस नाचीज़ की गाड़ीपर रखकरइसे बेशक़ीमती बना दीजिए.

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आशना को वीरेंद्र की यहहरकत बहुत रोमांचित कर गई. वोमुस्कुरा कर गाड़ी मे बैठ गई औरसोचने लगी कि
वोतो पहले ही इस गाड़ी मे बैठ चुकी है जबवीरेंदर हॉस्पिटल मे था.वीरेंदर जल्दीसे गाड़ी मे बैठ गयाऔर
आशना की तरफ देख कर बोला:तो कहाँ चलें??
आशना ने वीरेंदर की तरफहैरानीसे देखा औरबोली: मुझे क्या पता?. तो इस शहर में नयी हूँ.
वीरेंदर उसकी बात सुनकरचौंक
आशना भी अपनीग़लती ताड़ गई और झट से बोली: मेरा मतलब,पूरादिन डॉक्टर.बीना के साथहॉस्पिटल में
रहकर मुझे ज़्यादा घूमने का मोका हीनहीं मिला इस शहरमे, क्या बताऊ.
वीरेंदर: तोफिर क्या किया जाए, घुमा तो मैं भीनहीं हूँ काफ़ी अरसे से. बस ऑफीससे घर और घर से ऑफीस.
आशना:तो पहले आपके ऑफीस ही चलते हैं.
वीरेंदर: थ्ट्सग्रेट.तो चलोपहले वहीं चलते हैं, ऑफीसका काम भीदेख लूँगा और फिर कहीं घूम भीलेंगे.
इतनाकहकर वीरेंदर ने गाड़ी ऑफीस की तरफ दौड़ा दी.
आशना ने गाड़ी का सीडी प्लेयरऑन कियातो जगजीत सिंग की ग़ज़लबजने लगी "प्यार का पहला खत
लिखने में वक़्त तो लगताहै, नये परिंदो को उड़ने में वक़्त तो लगता है"
आशना(वीरेंदर की तरफदेखते हुए): आपको ग़ज़ले पसंद हैं.
वीरेंदर: तन्हाई मैं यही तोसहारा बनती हैं. इतना सुनकर आशना खामोश हो गई.
थोड़ीदेरबाद आशना ने सीडीपिलेइरबंद करदिया.
वीरेंदर ने सवालिया नज़रों से उसे देखा तोआशनाबोली:अबआप तन्हा नहीं हैं और यह कर उसने अपने
चेहरासामने करके निगाहें झुका ली. कुछ देरगाड़ी में खामोशी छाइतभी वीरेंदर का मोबाइलबजा "कहताहै
पल पल तुमसे". वीरेंदर ने फोन कीतरफ देखातो बीना का नंबर. था.वीरेंदर के दिमाग़ में फॉरन कल वाली बात
दौड़ गई.उसने ठानलिया था कि वो अबकभी बीना से बात नहीं करेगा.आख़िर आशनाने उसे माफ़ कर दिया
है तो उसके लिएइतना ही काफ़ी था.(वीरेंदरयही समझताथा किआशना को उसके और बीना के बारे मे पता
लगगयाहै).
आशना:कितनी देर से फोन बजरहा है उठाते क्यूँ नहीं.
वीरेंदर:वो घड़ीचलाते वक़्त फोनपर बात करूँगा तो चालान होजाएगा.
आशना उसे देख कर मुस्कुरादीऔर बोली लाओ मुझे दे दो.
वीरेंदर एक दमपशोपेशमे पड़ गया. अगर आशना नेबीनासे बात कर लीतो उसका आज का दिन खराब हो
जाएगा.अभी वो यह सब सोच ही रहा था कि फोन कट गया. वीरेंदर ने चैनकीसांस लीऔर फोन डॅशबोर्ड पर
रख दिया.अभी वीरेंदर की साँसें नॉर्मलभी नहीं हुई थी किएक बार फिर सेफोन बज उठा. आशनाने झट से
फोन उठाया और पिक कर के अपने कानों से लगा लिया.वीरेंदरकाकलेजा एक दम को आ गया.

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आशना:हेलो..........जीहां.........वो गाड़ीचला रहे हैं, आप बतादीजिए मैं उन्हें मेसेज दे देतीहूँ................ थोड़ी
देर बादआशनाने फोन कट किया.आशना ने वीरेंदर की तरफदेखा,वीरेंदर को तो हार्टअटॅक आने वाला था.
पसीने की बूँदें उसके माथे पर उभरआई थी. इससे पहले कि वोकुछ बोलता,
आशना बोलपड़ी:यह क्या होरहा है?
वीरेंदर को तो मानो काटोतोखून नहीं.
वीरेंदर ना हिम्मत जुटा कर पूछ हीलिया:क्या?
आशना:वकील साहब का फोन था,उन्होने कहाकि तुमने आज कीअपायंटमेंटली है दोपहर 1:00 बजे की.
इतनासुनते ही वीरेंदरकीजान में जान आई.
वीरेंदर:हां,हां वो यादआया आज तो उनसे मिलने जाना है,वो,वो तो भूलहीगया था.
आशना:आप ठीक तोहैं, पसीना क्यूँ आ रहाहै आपको.
वीरेंदर: नहीं वोशायदबहुत दिन बाद गाड़ी चला रहाहूँ ना इसलिए शायद, ने बात संभालते हुएकहा.
आशना:गाड़ी ही चला रहेहो कोई बैल गाड़ी नहीं औरइतना कह कर हंस दी.
वीरेंदर भीथोड़ा नॉर्मलहोगया.
आशना:वकील साहब से क्याकामहै??
वीरेंदर: तुम सवाल बहुत पूछती हो, तुमसे जो शादी करेगा बेचारा ज़िंदगी भर तुम्हारे सवालो के जवाबही देता
फ़िरेगा.
इतनासुनते ही आशना शरमागई.वीरेंदरने आशना को शरमाते हुए देखा तो बोला "वैसे वो बड़ा ख़ुसनसीब भी
होगा".आशना ने झट से नज़रउठाकर उसकी ओरदेखा.
वीरेंदर ने नज़रें सामने करके जवाबदिया: तुमजैसी लड़कीतो किसी की भी ज़िंदगी संवार दे.

आशना ने बात टालते हुए पूछा: आपने मेरेसवालका जवाब नहीं दिया, आप वकीलसाहबसे क्यूँ मिलना चाहते
हैं?
वीरेंदर आशना के ज़िद्दी स्वहबाव से हैरानरह गया.
वीरेंदर: कोर्टमॅरेज करनी है.
आशना ने हैरानीसे वीरेंदर की तरफ देखा.
आशण ने काँपते होठों से पूछा:लड़की कॉनहै?
वीरेंदर: फिर से सवाल.
आशना ने वीरेंदर की आँखों में देख कर पूछा"लड़की कॉन है".

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एक बार तो आशना काचेहरा देख कर वीरेंदर भीखो गया.
वीरेंदर: लड़की नहीं मिलीअभी तक कोई.
आशना ने मुस्कुराते हुए कहा"क्या"?
वीरेंदर: लड़की नहीं मिलीअभी तक पर लगता है अब जल्दीही मिल वीरेंदर ने उसे चिडाने के लिए कहा:
क्या तुम मेरे लिए लड़कीढुंढोगी.
इतनासुनते ही आशना के दिल कोधक्का लगा. वो खुशभी थी कि वीरेंदर शादी करना चाहता है लेकिन उसे
दिल ही दिल मैंकहीदुख भी होरहा थाकि वो खुदउसे ही अपने लिएलड़की ढूँडने के बोलरहाहै. आशना
के चेहरे के भावों को देखता हुएवीरेंदरसमझ नहीं पा रहाथा किआशना के दिल मैंक्या चलरहा है. उसे तो
लगाकि शायद इसबात की रियेक्शनसे पतालग जाएगा कि वो उस प्यार करती हैया नहीं मगर उसके
चेहरे पर आते जाते भावों को वो समझ नहीं पा रहा था.
वहीं आशना यह सोच कर परेशान थी किवो वीरेंदर को किसी और का होने भी नहीं देना चाहती हूँ और उसे बिना
सचबताए अपना कर उसकी और अपनीनज़रों मैं गिरनाभी नहीं चाहतीथी. पतानहीं क्यूँ पर आशना के मन
में बैठ गयाथाकिवीरेंदर को उसके अलावा कोईसमझ ही नहीं सकता और ही कभी कोई उसे खुशरख
पाएगा उसके बिना.
लेकिन वोइससच को भीनहीं नकारना चाहती थी के वीरेंदर उसका बड़ा भाई है. इसी सोच मैंकबऑफीसआ
गया,उसे पताही नहीचला.उसकी तंद्रा तोतबटूटीजबवीरेंदर ने घड़ी की ब्रेक लगाई और एंजिन ऑफ
किया. आशना ने हड़बदा कर सीट बेल्ट खोली और डोर खोलकरघड़ी से नीचे उतर गई.सामने एकबड़ी सी
बिल्डिंग और उस पर एक बड़ा सा बोर्ड लगा था"शर्मा एलेक्ट्रॉनिक'सवर्ल्ड".आशना वीरेंदर का इंतज़ार किया
बिना ही बिल्डिंग में दाखिलहोने लगी.वीरेंदरगाड़ी को पार्क करके शोरुमके सामनेआया तो देखा आशनाअंदर
जा चुकी थी.
वीरेंदर: यह लड़की भी ना, अजीब हीहै. इसके मनमैं क्या है कैसे पता करूँ.यह सोचते सोचते वीरेंदर अंदर
दाखिलहुआ.
सामने आशना खड़ी होकरएक एक चीज़ को बड़े ध्यान से देख रही थी.वीरेंदरकोदेख कर उसकामेनेज़र फॉरन
उसके पासआया और वो दोनोबातों में बिज़ी हो गये.आशना सारे शोरुमको बड़े गौर से देख रही थी.ग्राउंड
फ्लोर को अच्छीतरह से देखनेके बाद वो सेकेंड और थर्डफ्लोर पर चलीगई.उसे वीरेंदर की होशही नहीं थी.
इतनीआधुनिक एलेक्ट्रॉनिक चीज़ें उसने कभी देखी ही नहीं थी.वो हरएक एक्विपमेंट कोदेख कर हैरान थी.
उसे लगा वो किसीऔर ही दुनिया मैं आ गई है.चलते हुएउसकी नज़र एक पिंक लॅपटॉप पर पड़ी तो उसे छुए
बगैर वो रह ना सकी.नीचे बैठा वीरेंदर उसे अपने सामने लगीसीसीटीवी स्क्रीन परदेख रहा था.उसने मेनेज़र
को उसलॅपटॉपकोपॅक करवाकरगाड़ी में रखने को कहा.उसके बाद तो आशना ने जिस चीज़को हाथ लगाया
वोगाड़ी मेंपॅक होती गई.गाड़ी में लॅपटॉप,डिजिटल कॅमरा,मोबाइल, एकबहुत ही खूबसूरत झूमर औरपता नहीं
क्या क्यालोडहो चुका था. करीब दो घंटे तक आशना पूरा स्टोरदेखतीरही और उसकी ब्यवस्था को मनमे
बसती रही. उसके बाद आशना ग्राउंड फ्लोर पर आई तो वीरेंदर के कॅबिनमे चलीआई.
आशना:तुमजहाँ बैठे हो औरमैं कब से तुम्हारा वेट कर रही थी कि तुम मुझे शोरुम दिखाओगे.
वीरेंदर: वो थोड़ाकामदेखने लग गया था.

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आशना:अभी कुछ दिन नोकाम,बस आराम.
वीरेंदर: जो हुकुम.
वीरेंदर: बैठो मैने चाइ मँगवाई है,आती हीहोगी. चाइ पीकर निकेलते हैं, रास्ते मे वकील भी मिललेंगे.
आशना:लड़की से बात हो गई क्या?
वीरेंदर: होजाएगी, जल्दी क्या है.
आशना:बिल्कुलजल्दीहै, आपमुझे उसकानंबर. दीजिएमैं अभीउस से करती हूँ.
वीरेंदर: नंबर???.मेरे पास तोउसका नंबर. भी नहीं है.
आशना:ऐसा कैसे होसकता है,तुमशादी करने वाले हो लेकिन जिस लड़की से तुम्हें करनी है उसलड़की
का नंबर. भी नहीं पता.
वीरेंदर: उस से फोन पर बात करने की ज़रूरत हीनहीं पड़ी.
आशना:अच्छा तो जनाब फेस- टू-फेसबात कर चुकेहैं उस लड़कीसे.
वीरेंदर:फेस टू फेस ही बात हुई है उससे, मोबाइलनंबर.कातो मैने सोचाभी नहीं.
आशना:यह तो कोई बात नहीं हुई, उस बेचारीसे कभी कभीफोन पर भी बात कर ही लियाकरो.
वीरेंदर: नंबर से याद आया, मेरे पासतो तुम्हारानंबर. भी नहींहै.
आशना वीरेंदर के इस तरह की बात से शरमाजाती है.
आशना:मेरानंबर. क्या करोगे,उसी का नंबर. लो जिस से तुम शादी करने वाले हो.
वीरेंदर:तुम अपनानंबर तोदो, उसका नंबर.लेके मैं तुम्हें दे दूँगातुमखुद ही उस से बात करलेना.
यह सुनकर आशना को एक बारफिर झटका लगा,उसके दिल मैं आया किशायद वीरेंदर किसी और हीलड़की के
बारे मे बात कर रहाहो.
वीरेंदर: अब जल्दी से दे दो.
तभीपीयान चाइलेकर आ गया. चाइ के दो कप औरकुछ स्नॅक्सरखने के बाद पीयान चला गया.आशना ने
एक कप उठाकर वीरेंदर की तरफबढ़ाया "यहलीजिए".
वीरेंदर: दीजिए. इतना कह कर वीरेंदर आशना की तरफ देखने लगा.
आशना:अबक्या है?
वीरेंदर: नंबर.दीजिए.
आशना ने उसे अपना नंबर.नोट करवाया.वीरेंदरने उसे अपने मोबाइल मे फीड कर लिया.
आशना:अबउसलड़की से नंबर.लेके मुझे भी देनाताकि मैं उस से बात करके आपकी शादी की बात आगे चला
सकूँ.

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वीरेंदर: अब तोउसका नंबर. मिल ही गयासमझो.
वीरेंदर के ऐसा कहने से एक बारफिर से आशना कन्फ्यूज़ सीहो गई. आशनावीरेंदर के मन को समझ नहीं पा
रहीथी और वीरेंदर भी इतने सालों से बुरे दौर से गुजरने के बाद अपने एमोशन्स को आशना के सामने रख नहीं
पारह था.

आशना भी एक बार कन्फ्यूज़ हो कर रह गई कि आख़िर उसे करनाक्या चाहिए.वो जानतीथी किवीरेंदर के
साथ रहके तो वोकभी भी सही निर्णयनहीं ले पाएगी. एक तो की हालत औरफिर घरपर बिहारी काका
का दबाव. वो दवाबमे आकर ऐसाकोई कदम नहींउठाना चाहतीथीजिस से किबाद मे उसे सारी उम्र
पछताना पड़े.वो एक इनडिपेंडेंट लड़कीथी, आज तक अपने सारे डिसिशनउसने खुद हीलिए. लेकिनबार
उसकी हिम्मत भी जवाबदेने लगी थी,आख़िरइतने नाज़ुक मामले मेंकॉन अपने होशनहीं खो देता. आशनाको
समझ नहीं आ रहाथाकिवोक्या करे. एक बारके लिएउसके दिमाग़ मे आता कि उसे वीरेंदर को छोड़ कर
चलाजाना चाहिएऔर फिर वीरेंदर की हालत,उसका अकेलापन देखकरवो अपने मनमे परिवेर्तन लाते हुए
सोचती "क्या हुआ अगर यहग़लत है तो, अपने भाई केभले के लिएही तो कर रही हूँ". पशोपेश वो
काफ़ी परेशान हो गई थी.
आशना-वीरेंदर चाइ पी कर वकीलसाहबके घर की ओर निकलगये.करीबबजे उनकी गाड़ीवकील साहब
के चेंबर के सामने खड़ी थी.आशना ने सामने बोर्ड पर नज़रडाली जहाँ लिखा था"सीनियर आड्वोकेट बी.एस.
त्रिवेदी आंड असोसीयेट्स".
वीरेंदर ने घड़ी रोक कर आशना से कहा:तुम यहीं बैठो मैं अभीआता हूँ.
आशना:मैं भी चलतीहूँ ना.
वीरेंदर: अभी तुम्हारी ज़रूरत नहीं है.
आशना:तो मेरी ज़रूरत कब पड़ेगी???यह पूछते हुएआशना का दिल धड़क रहा था.
वीरेंदर: जब तुम्हे विटनेस के रूप मे पेशकरूँगा तबतुमचल सकती हो.
वीरेंदर के इसमज़ाक ने आशना के मासूम दिल पर सूइयांचुभा दी औरउसे लगा कि वीरेंदरउस के साथ सच मे
फ्लर्टकर रहा है.उसे लगा कि शायद वीरेंदर किसीऔर ही लड़की से प्यारकरता है और उसी से शादी करना
चाहता है. आशना मन मे सोचते हुएही अपने आप से बातें करती रहती है,कभी वो वीरेंदरके लिए खुशहोती तो
कभीउसका मनखिन्नहो उठता.उसके सिर मे काफ़ीदर्दहोने लगा. वो बंद करके सीट के साथ टेक
लगाकरबैठ गई और पिछले दिनो हुएघटनाक्रम एक के बाद एकउसकीआँखों के सामने लगे.अचानक
आशना को कुछ याद आया. आशना ने जेबसे मोबाइलनिकाला और एक नंबर. डाइयलकिया. कुछ देर बादएक
अलसाई सी आवाज़ आई: हेलो.
आशना:हाई प्रिया!!!
वहाँ से एकदम चोन्कने की आवाज़ आई:आशना तू, कहाँ मर गई थी तू,तुझे पता है मैने कितनी बार तुझे
कॉल करने की कोशिशकी लेकिनतेरा फोन लगता ही नहीं था,तू कहाँ है. अभीआकर मिलऔर बता
यह सब क्याहो रहाहै.

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आशना:मेरीमाँ,साँसतो ले और मुझे भीबोलने का मोकादे.
आशना:पहले यह बतातू अभी कहाँहै?
प्रिया: रूम मैं हूँयार,कल नाइट कीफ्लाइट थी अभी अभी सोई हूँ तूने कॉलकर दिया.
आशना:अच्छा चल ठीक तू सोजाऔर हां हो सके तो वेडनेसडे को लीव ले मैंवेडनेसडे को आ रही हूँ,
फिरमिलकर ही सब बताउन्गी.
प्रिया: बाइ, जल्दीआना मुझे तुझ से काफ़ी बातें करनी हैं.
आशना:ओके, बाइ टके केर औरआशना ने फोनकाटदिया.
प्रियासे बात करके आशना थोड़ा हल्का महसूस कर रहीथी, प्रिया उसी के साथ फ्लाइट-अटेंडेंट थी औरवो
दोनोरूमपार्ट्नरभी थे.दोनो मे काफ़ी अंडरस्टॅंडिंग थी.आशनाकोजहाँ अभी एरलाइन्स जाय्न किए हुएकेवल
7 महीने ही हुए थे वहीं प्रिया उससे 4 सालसीनियर थी.आशना और प्रिया एकदूसरे ही हर राज़ से वाकिफ़
थीं.आशना के भाईके बारे मे प्रिया के अलावा और कोई नहीं जानता था तोवहीं आशनाभी जानती थी कि
प्रियाने इतने सालों मैं क्या कुछकिया है.प्रिया आशनाकीनेचर के बिल्कुल विपरीत,खुले अंदाज़ वाली
मदमस्त हसीना और सेक्सको एंजायकरने वाली लड़की थी.इन दोनोमैं इतनी कैसी पट गई वो यह दोनो कभी
समझ ही नहीं पाई. प्रिया का अफेर एरलाइन्सके ही पाइलट के साथ था.जबभीकभी प्रिया का ऑफ होता
तो वो दोनो उस छुट्टी का खूबफ़ायदा लेते.आशना हमेशाअपनी ड्यूटीसउसीदिन रखवाती जिसदिनप्रिया
ऑफ रखती.वो दोनो को मिलने का खूब मोका देती थी.
प्रियाकेबारे मैं सोचते सोचते आशना को वक़्त का पता ही ना लगा.उसे होशतो तबआया जब वीरेंदर गाड़ी
मे औरउसे देख करबोला "मेरे बारे मे इतनामत सोचो,कहीं अपना दिलनाखो बैठो".आशना का चेहरा
एकदम सुर्ख होगया लेकिन फिरभी वो बोली "अपने दिलको ही समझा रहीहूँ लेकिन यह कुछ मानने को
तैयारही नहीं".
वीरेंदर, इतना सुनते ही खुश हो गया.वीरेंदर: काश यह भीतुम्हारी तरह पर अड़ जाएअपना तो
कल्याण हो जाएगा.
आशना ने ज़ोर से ठहाका लगाया और बोली: सोच लोऐसे ज़िद्दीदिलको संभालपाओगे.

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वीरेंदर: हमे संभालने का ज़िम्माआपका है तोआपके लिए इतना तो कर ही सकता हूँ.धीरे धीरे दोनो एक नये
रिश्ते के करीबआ रहे थे.
आशना का मन किया किअभीवीरेंदरकोबाहों मे जकड ले मगर उसके दिमाग़ पर भाई का रिश्ता अभी भी
भारी था.
आशना ने मोबाइल मे टाइम देखा "ओह गॉड,बज गये,इतना टाइम लगा दिया तुमने. घर से घुमाने लाए
थे और आधादिन तो तुम्हें काम मे ही लग गया. क्याकररहे थे अंदर?
वीरेंदर: वो कुछपपर्स वकील साहब को तैयार करवाने के लिए बोला थातो उन्हे ही स्टडी करने मे टाइम लग
गया.सारे पेपर्सस्टडी करके साइन कर दिएहैं, अपना काम तो हो गया.
आशना:तुमतो कोर्टमॅरेज करने वालेथे.
वीरेंदर: एकही तो शादी करनी है तोसोचाक्यूँ ना धूमधामसे करूँ.
आशना:वैसेख़याल बुरानहीं है.
वीरेंदर: तोकबकीतारीख निकलवाऊ?.
आशना ने वीरेंदर की बात सुनी तो एकदम धड़कने एकदमबढ़ने लगी औरकाँपते हुएउसने जवाब दिया "उसी से
पूछ लेना फोनपर".
वीरेंदर: यह भी ठीक रहेगा, हो सकता है सामने वोकुछ बोलना पाए, शामको फोन पर ही उससे बात कर
लूँगा. आशना जान गई थीकि आज शाम को कुछ ना कुछ होने वालाहै. शाम बारे मे सोच कर वो घबराई भी
थी औररोमांच भीमहसूसकर रही थी.उसने सोचा किअगर वीरेंदर ने शाम कोउसे प्रपोज़ कर दिया तो वो
क्या करेगी,क्या जवाबदेगीउसको. एक तरफ से उसे अपने पर गुस्सा भी आ रहा था औरएक तरफ वो वीरेंदर
को खोना भीनहीं चाहती थी. इसघरमे आई तोवीरेंदरकीज़रूरत बनकर थीमगर अब उसे लग रहाथा कि
वीरेंदर ही उसकीज़रूरत बनगया है.

आशना ने दिमाग़ मे उठ रहे सवालों को झटका और बोली: मुझे भूख लगीहै.
वीरेंदर: शूकर है तुम्हें भी भूख लगी,मुझे तो लगा कितुम डाइयेटिंग हो. मेरा तो भूख के मारे बुरा हालहै.
वीरेंदर ने होटेल की तरफ गाड़ी दौड़ादीऔर करीबमिंटोमे वोएक बड़े से होटेल "दा लयंज़" की पार्किंग मे
गाड़ी खड़ी करके उतरगये.
आशना:यही होटेल क्यूँ????
वीरेंदर: इस होटेल कानोन-वेज बहुत मशहूर है.
आशना:आजफिर से नोन-वेज, नाबाबा ना,तुमहीखाओ.मैं तो कुछ वेज ही खाउन्गी.
वीरेंदर:अरे एक बारटेस्ट करके तोदेखो, खाने वाले की उंगलियाँ ना चाट जाओ तोबोलना.
आशना:खाने वाली कीउंगलियाँ चाटूँगी तोखिलाने वाले का क्याक्या चाटना पड़ेगा. यह बात आशनाके मूह से
एकाएक निकल गई. अपनीबात समझ मे आते ही उसकीआँखें झुक गई और वो शरम से दोहरी हो गई.

100
वीरेंदर: बड़ी जल्दी है तुम्हें,सबररखो,सबर का फलमीठा होता है.
आशना ने वीरेंदर की तरफदेखा और शरमा कर अपने चेहरे को अपने से ढक लिया.
वीरेंदर: अभी से इतना शरमाना,उस वक्त क्या होगा?
आशना:वीरेंदरप्लीज़,मैं मर जाउन्गी.
वीरेंदर: मैं तुम्हें मरने नहीं दूँगा, बिल्कुल प्यार से करूँगा.
वीरेंदर की बात सुनकर आशनाने अपने चेहरेसे अपने हाथ हटाए औरउसकी छाती पर प्यार सेमुक्के मारने
लगीऔर बोली:तुमबड़े गंदे हो. उसफोनवाली से ही करना जो करना है,मैं तो कल जारही हूँ.
वीरेंदर उसकी बात सुनकरएकदमनिराश हो गया.
आशना:हां वीरेंदर, मैं कलवापिसजा रही हूँ.
वीरेंदर: लेकिन क्यूँ?.
आशना:वीरेंदरअभी मुझे और पढ़नाहै, तुम भूल रहे होमैं कुछ दिन की छुट्टी पे आई कुछ ही दिनों मे
मेरी 5थ सेमकी क्लासस शुरू होने वाली है. डॉक्टर. बीना के कहने पर मैं कुछ दिनों तकतुम्हारीहेल्पकी है
मगरअबमुझे जानाहै.
आशना का एकएक शब्द वीरेंदर की आत्मा को झिंजोड़ रहा था. वीरेंदर ने सोचा किवो भी कितनापागलहै.
बिना कोईरिश्ता बनाए वो इस लड़की पर अपनाहक़ मानने लगा था. उसका खाना खाने कादिलज़रासा भी
नहीं था लेकिन आशना को भूख लगी थी तोउसने भी उसे कंपनी दी. खाना खाते हुए दोनो ही अपने अपने
ख़यालो मे खोएथे.आशना यह सोच रहीथी किक्याउसे वीरेंदर को सच बता देना चाहिए कि वो बसएक-दो
दिन के लिएवहाँजारही है ताकि अपनासमान वहाँ से ला सके. फिर उसकेमन मे वीरेंदरकोथोड़ा औरतड़पाने
का ख़यालआया
वहीं वीरेंदरयह सोच कर परेशानथाकि आशना के चले जाने केबाद वो फिर से हो जाएगा. कितने सालों
बादउसे फिर से जीने की चाह जागी थीऔर फिर कुछ ही दिनो की खुशी के बाद उसकी ज़िंदगी अंधेरे मे डूबने
वाली थी. वीरेंदर ज़ोर ज़ोरसे रोना चाहताथा, वोकिसी की बाहों मे सुकून पाना चाहताथा मगर वो बिल्कुल
अकेला होगया था.वीरेंदर अपने ख़यालों से बाहरआता है जब वेटर बिलके लिए पूछता है. वीरेंदर ने बिल पे
किया और दोनो होटेल से बाहर आ गये.
आशना:तुममुझे किसीशॉपिंग मालमे ले चलोगे? मुझे अपनी फ्रेंडके लिएकुछ शॉपिंग करनी है.जब
जाउन्गी तो मेरा दिमाग़ चाट देगीअगरउसके लिए कुछ ना लियातो.
वीरेंदर: हां माल्स तो काफ़ी हैं, लेकिनयहाँ पासमे ही एक नया माल खुला है, मैं भी कभी नहीं गया, चलो वहीं
चलते हैं.
आशना:तो चलो.
मालमे पहुँच कर आशना ने कुछ शॉपिंग कीजिसकी पेमेंट वीरेंदर ने की.आशना ने अपनी फ्रेंड के लिए एक
ड्रेस और वीरेंदर के लिए एक ब्लेज़रखरीदा.वीरेंदर से नज़रें बचाकरउसने दो सेट ब्रा-पैंटी के भी लिए.एक

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बार तो उसके मन मे आया कि से पूछ लूँ कि एक सेटतुम्हें भी लेकर दे दूं ताकि चुराने कीज़रूरत
ना लेकिन फिरउसने कुछ सोच कर यह ख़याल मनसे झटक दिया. उसे लगाकि शायद मालमे वीरेंदर को
शर्मिंदा करना ठीकनहीं होगा,पहले ही काफ़ीपरेशान कर चुकी हूँ.आशना ने क्या क्या शॉपिंग की वीरेंदर ने
भी नहींउसका ध्यानतो कहीं और ही था. आशनाजानती थी कि वो उसके जाने कोलेकर परेशान है.
आशना ने सोचा घर पहुँच कर उसे सच बतादेगी कि वो जल्दही वापिस आ जाएगी. शॉपिंगके बादआशनाने
वीरेंदर को घर चलने के लिए बोला. जैसे ही आशना ने गाड़ीकापीछे का दरवाज़ा खोल करसमान रखना चाहा,
वहाँ पड़े समान को देख करहैरानरह गई.
आशना:यह किसका समान है.
वीरेंदर: घर के लिए थोड़ासमान लियाथा अपने शोरुम से.
आशना:सब कुछ तो है तुम्हारे पास, फिरऔर समानकीक्या ज़रूरत है.
वीरेंदर: "हांसब कुछ तो है मेरे पास" और यह कहकरगाड़ी मैं बैठ गया.
आशना ने महसूसकिया किवीरेंदर काफ़ी परेशनहै, वो उसे औरपरेशान नहीं करना थी मगरवो उसे
इतनीजल्दी बताना भी नहींचाहती थी किवो तो सिर्फ़ अपना समानलेने जा रही है.
आशना:अच्छा एककामकरो मेरे लिएबॅंगलॉर की कलशामकी टिकेट बुककरवा दो. वीरेंदर ने दुखीमनसे
फोन मिलायाऔर बॅंगलॉर की एकएरटिकिटबुक करवा दी.
आशना:एर-टिकेटक्यूँ करवाई,ट्रेन से जातीतो परसों सुबह आरामसे पहुँचजाती.
वीरेंदर: ट्रेनमे रात के सफ़र से अच्छा है कि तुमफ्लाइट से जाओ.कल शामबजे की फ्लाइटहै. अपनी
फ्रेंड को कॉल करके बता देनाकि तुम्हे टाइमपररिसीवकरले.
आशना:थॅंक यू.
वीरेंदर भारी मन से घर की ओर चल दिया. घरमे आते हीवीरेंदर गाड़ी पार्ककरके गाड़ीसे उतरा और सीधा
अंदर की तरफ चलदिया. आशनाने अपनासमान उठाया और वीरेंदर को आवाज़ देकर पूछा: आपका समान तो
गाड़ी में ही रह गया.
वीरेंदर: रहने दो, अबइसकी कोईज़रूरत नहीं है. आशना को वीरेंदर का जवाब बड़ाअजीब सालगा.
उसने अपना समान लियाऔर घर के अंदर आ गई.अंदर आते ही उसने देखाकि वीरेंदरअपने रूम मे घुसरहा
है.आशना ने सोचा किवीरेंदर को थोड़ी देर अकेला छोड़ना ठीक रहेगा.आशना ने हालमे समान रखाऔर किचन
की तरफ चलदी जहाँ बिहारी दो ग्लासोमे ऑरेंजजूस डाल रह था.
बिहारी: आ गये बिटिया तुम दोनो.
आशना:जीकाका.
बिहारी: छोटे मालिक कोक्या हुआ,बड़े गंभीर लग रहे हैं.
आशना:शायदथक गये हैं,आप जाकर उन्हे जूस दे दीजिए.
बिहारी ने आशना को जूस काएक ग्लास पकड़ाते हुए कहा "जी बिटिया".

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आशना ने बिहारी की तरफदेखा तोउसे देख करबोली:काका, आपकीतबीयत तोठीक है ना.
बिहारी आशना के इस सवालसे हड़बड़ा गया.
बिहारी: हां, हां बसथोडा थक गया हूँ बेटी.
आशना:आप आरामकीजिए,रात का खाना मैं बना लूँगी.

बिहारी भीदिन भर बीना की चुदाई करके काफ़ी थक चुकाथा. आशना ऐसा कहने पर वो जूसका ग्लास
लेकरउपर चलागया वीरेंदर को देने और फिर अपने रूम मे जाकरबेड परलेट गया.आशना ने अपना समान
उठा कर अपने रूममे रखा औरफ्रेशहोकररात के खाने की तैयारी शुरू कर दी. फ्रिड्ज से कुछ सब्ज़ियाँ
निकालकर उसने वेज- बिरयानीके लिएसमान इकट्ठा कर लिएऔर सोचा किजब का टाइम होगा उससे
पहले गरम-गरमबना देगी. रात के खाने की सारीतैयारीकरके वो अपने रूममे चली आई. उसे चैननहीं आ रहा
था कि वो वीरेंदर को कैसे बताए लेकिन फिर भीउसने आज की रात एक बार फिर से पूरे घटनाक्रमके बारे मे
सोचने का फ़ैसला किया.
बिहारी अपने कमरे मे लेटा काफ़ी खुशथा. उसने सोच रखा था किवीरेंदर जैसे ही आशना से शादी कर लेगा, वो
रागिनी को अपने घर ले आएगा.बिहारी, बीना के साथ हुई आज की मुलाकात के बारे मे सोचने लगा.
सुबह करीबबजे बीना की गाड़ी वीरेंदर के गॅरेज मे खड़ीथी. बीना ने हॉर्नदबायातो बिहारीदौड़ता हुआ
गाड़ी की तरफआया और जैसे ही बीना गाड़ी से बाहर निकली, बिहारी ने उसे गोद मे उठालिया औरघर के अंदर
आ गया.
बीना:नीचे तो उतार,आज क्या पूरा दिन गोदी मे ही उठाकर रखोगे.
बिहारी: आज तो पूरा दिनतुझे नंगा करके कुतियाकीतरह चोदुन्गा.
बीना:मैं तो कब से तैयारहूँ राजा,मगर पहले एक कामकी बात सुनो. तुमने रागिनी के लिए बोला था तो मुझे
तुमपर तरस आ गया,अबसोच रही हूँ कि उस कलीकोफूल बनाने का जिम्मातुझे जल्द ही दे दूं.
बिहारी: वाह रे मेरी छमिया, यह हुईना बात. लेकिन यहतो बता,मालअसली है या किसी ने चख लियाहै.
बीना:अबयह तो तू ही चेक करलेना, तुझे कॉन सा पैसे देकरखरीदना है. फ्री का माल है, जब तक मन चाहे
दिल बहला लेना औरफिर दोबारा मेरे पासछोड़देना.
बिहारी: अरे बच्चीहै, 3-4 सालतोरागडूंगा ही उसे. इतनीजल्दी थोड़े हीछोड़ दूँगा.
बीना:तो फिर आशना का क्या होगा.
बिहारी: आशना को तोमैं पूरी उम्रअपने साथ रख सकता हूँ लेकिनअपनी रखैलबना कर.
बीना:साले तू मर्द है या टार्ज़ॅन.
बिहारी: घोड़ा जब बूढ़ाहोने लगता है तो औरताकतवर होजाता है. तू तोमेरीप्रेमिका रहेगी, रागिनी को मैं
अपनीबीवी बना कर रखूँगा औररही बात आशना की तो वो बस मेरे बच्चों की माँ कहलाएगी मगर मैं उसे दर्जा
रखैल का दूँगा.

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बीना:तो सुनफिर राघिनी के लिए क्या प्लान है. बीनाजैसे जैसे उसेरागिनी के प्लान के लिए बता रही थी,
बिहारी उसके दिमाग़ कीदाद देते जा रहा था.
बिहारी: साली उसे मालकिन बनाने के खवाब दिखाकरएक नौकर की बीवीबनादेगी तू तो.
बीना:दोदिन बादमैं उसे लेकर आउन्गि,आगे तू संभाल लेना.
बिहारी: आने दे साली को, उसे ऐसा फसाउन्गाकि वो मेरे टटटे पकड़ कर रहम कीभीखमाँगेगी.
उसके बाद बिहारी औरबीना की चुदाई का जो सिलसिला शुरू हुआ शामके करीबबजे तक चला. इस
दौरान बिहारीने 4 बार बीना के जिस्मको रौंदा और बीनाके सारे कस बल ढीले कर दिए. जाते जाते बीना कह
गई, मैं आज ही अपना कामशुरू कर देती हूँ,तुमकिसी तरह दो दिन बाद इन दोनोकोकहीं बाहर भेज देना
थोड़ीदेरके लिए.
बिहारी: तू उसकी चिंता नाकर, बस भगवान से दुआकरकि मालअसली हो. सालासाल हो गये लेकिन कोई
कुँवारी चूत नहींखोली.
बीना:साले चूत नहींखोलीतो क्या,गांडे तो बहुत खोली हैंइन सालों मे.
बिहारी: हां यह बात तो है तुझे मिलाकरकरीब 8 गान्डो पर अपनीमुहरलगा चुका हूँ.अबलग रहाहै कि जल्द
ही इसगिनती मे दो गांडे और जुड़ने वाली है.
बीना:बच्चियों की गान्डोकोध्यान से चोदना,नहीं तो अगली बारथूकने भी नहीं देंगी.
बिहारी: एकबार ग़लती कर चुकाहूँ, बार बार थोड़े करूँगा.
रात करीब 8:00 बजे वीरेंदरके पर बीना की कॉल आई.वीरेंदरने नंबर. देखा तो झट से फोन उठा लिया.
बीना:क्या हुआ रोमीयो, सुबहतुम्हे कॉल कियाथा, तुमने रिसीवही नहीं किया.

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वीरेंदर: वो मैं तबउससमय ऑफीसमे था, पता ही नहीं लगा.
बीना:क्या??? तुमने ऑफीसशुरू कर दिया? देखो जानू अभी तुम्हें आराम की ज़रूरत है,वैसे भी अभी तुम्हारे
लिए आशनाहै, काम तो होताही रहेगा.थोड़ा टाइमउसे भी दो ताकि वो तुम्हारे करीब आ सके.
वीरेंदर: उसे ही घुमाने के लिएले गया थाऔर जाते जाते शोरुमपर थोड़ीदेररुक करवहाँ के काम का जायज़ा
लिया.
बीना:ओके, तो कहाँ तक बात पहुँची.
वीरेंदर:आ जाएगी धीरे धीरे लाइन पर, टाइम तो लगेगा थोड़ासा.
बीना:जल्दी से मना ले ना उसे राजा,मैं अब तेरे बिना नहीं रह सकती.
वीरेंदर: मेरा हालभी तेरे जैसा है मगर मुझे नहीं लगता किवो इतनीजल्दी हां करेगी.
बीना:खैर तुमलगे रहो,मुझे पूरा यकीनहै किवो तुम्हे ना नहीकरेगी, कोशिश करतेरहो,फल ज़रूर मिलेगा.
वीरेंदर जो किआज आशना के जाने की बात सुनकर टूटगयाथा, बीना बातें सुनकर उसे थोड़ाहॉंसला हुआ.
वीरेंदर:मैं कलशामको बॅंगलॉरजारहा हूँ कुछ बिज़्नेस डीलहै, सोच रहा हूँ आशना को भी साथले जाऊ.
बीना एकदम खुशहोते हुए:यह तो बड़ी अच्छीबात है.हो सकता है इसी ट्रिपमें वो तुम्हे आक्सेप्ट करले.
ऑल दाबेस्ट,लेकिन एक बात याद रखना, जल्दीआ जाना औरअपनी सुहागरातअपने घर पर ही आकर
मानना, कहीं बॅंगलॉर मे ही हनिमून शुरू ना कर देना.
वीरेंदर: डॉन'त वरी,, तुम्हारी बेटीकेसाथ जो कुछ भीकरूँगा, सबसे पहले"शर्मा निवास" में हीकरूँगा.
बीना:अच्छा चल बाइ,टेककेर ऑफयुवरसेल्फ आंड आशनाइन जर्नी.
वीरेंदर ने फोन काटदिया. वीरेंदर आशनाकोइतनी आसानीसे अपनी ज़िंदगी से जाने नहीं देनाचाहता था.उसने
ठान लिया था कि वो भी आशना को बिनाबताएबॅंगलॉर चला और उसे मनाने की कोशिशकरेगा.वो कम
से एक बार तो आशना को अपने दिल कीबात बताना हीचाहता था.

उधर बीना को अपने हर प्लान मे कामयाबीमिलने से वो काफ़ीथी.वीरेंदर कुछ दिनो के लिए बॅंगलॉर जा
रहाथा, जिससे बिहारी का रास्तासॉफ था.बीना की इतनीमदद करने के लिए वो बिहारीसे काफ़ी खुश थी
और तोहफेके रूप मे रागिनीकोउसके लिए परोसने वाली थी.बीना का इस मे भी स्वार्थथा. वोबिहारी के
उपर एहसान करके उसे अपने काबू मे करना चाहती थीताकिवक़्त आने पर वो बिहारीसे वीरेंदर का कत्ल
करवासके. बीनाजानती थी कि बिहारी चाहे कितना भी कमीना क्यूँ ना हो लेकिन एक वक़्त ऐसा था किवो
"शर्मा निवास" का एकवफ़ादार कुत्ता था तो उसके लिए वीरेंदर को अपने हाथो से मारना इतनाआसान नहीं
होगा.रागिनी द्वारा वोबिहारी को इसकाम केलिए मनाने वालीथी. बीना जानती थी किवीरेंदर को अगर यह
पताचल गया कि रागिनी बिहारीकेसाथ उसके घर मे रह रही है तोवीरेंदरऔर बिहारी के बीच झगड़ा होना
निश्चित है, वो इसेझगड़े मे घी का कम करेगीऔर बिहारी को भड़काकरवीरेंदर करवाइससे
दो फ़ायदे होतेएक तो वीरेंदर के कत्ल के इल्ज़ाम मे बिहारी यातो कहीं छुप जाता या पोलीस उसे पकड़ लेती

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तो दोनो ही सुरतों मे बीना उसकी मददकरतीतोबिहारीहमेशा बीना का गुलामबना रहता. बीना नहीं चाहती थी
किकाम हो जाने के बाद बिहारीउस परहावीरहे.
बीना नेएक नर्स केद्वारा रागिनीकोमेसेज भिजवा दिया किखाना खाने के बाद वो यहीं आ जाए, उसके
कॅबिन मे.
उधर आशना को अपनेरूममे आए काफ़ीसमय हो चुका था.वीरेंदरके लिएसोचकर उसका बुराहाल था. वो
वीरेंदर को बताना चाहतीथीकि वोकुछ दिनों के लिए जा रही है ताकिहमेशा के लिए उसके पासआ
लेकिन वीरेंदर ने उसे एक बारभी रुकने को नहींकहा. आशना चाहती थी किएक बसएकबार वीरेंदर उसे
रुकने के लिए तोबोले वो हमेशा के लिए उसके पासही रहेगी उसकी के सामने.आशना लड़कीथीइसलिए
पहलवीरेंदर सेचाहती थी औरवीरेंदरयह सोच रहा थाकि आशना अपने कॅरियर को दावपर लगाकर उसके
लिए यहाँ कैसे रुकसकती थी.वो जानताथाकिआशना एक बहुत ही महत्वाकान्छिलड़की है वोकिसीभी
कीमतपर अपनी पड़ाई अधूरी छोड़ कर यहाँ नहींरुक सकती. फिर वीरेंदर ने अपने से हे सवालकिया
"आशना यहाँ रुके भीतोकिसके लिए, क्या मैने एकबार भी उसको रुकने केलिए बोला,क्या हमारा रिश्ता यहाँ
तक पहुँचा है कि मैं उसपे हक़ जता कर रोक लूँ".
वीरेंदर भीसोच सोच कर परेशान था मगरउसका कोई हल नहीं निकलरहा था.वो बार बार अपने आप को दोष
दे रहाथाकि शायद अगरकल उसने बीनाकेसाथ वो सबना किया होताऔर आशना को इसका पता ना लगता
तो ऐसे उसे छोड़ करनहीं जाती. वीरेंदर उसे किसी भी तरहमनालेता मगर वो यह भीजानता था कि किसीभी
लड़कीकेलिए यह बात बर्दाश्त करनाबहुत मुश्किल है. वीरेंदर ने सोचा कि एक बार आशना से बात कर लूँ
उसके बाद जोउसका फ़ैसला होगा वो उसे मंज़ूर कर लेगा.यही सोच कर वीरेंदर आशना के रूम की तरफ चल
दिया. आशना के रूम के दरवाज़े के पासपहुँच करउसे नॉककरने ही वाला थातो उसने सोच कर वोआशना के
सामने बीना के साथ गुज़ारे लम्हे कैसे कन्फेसकर पाएगा औरअगर आशनाने उसे माफ़ नहीं किया तो वो क्या
करेगा. यही सोच कर वीरेंदरअपने कमरे मे आया और अपना मोबाइलउठाकर आशना का नंबर.मिला दिया.उसे
यह जानकार गहरा आघात पहुँचा किआशना ने अपना मोबाइलस्विचऑफ कररखा है.उसे पताथा एक आशना
समझ चुकी है किउसने आशना से नंबर. क्यूँ लिया,लेकिन आशना नेमोबाइल ही स्विचऑफ कर दिया. क्या
आशना सच मे उससे नफ़रत करने लगी है??क्या वोअबकभी उसे माफ़ नहीं करेगी??यह सोचते सोचते
उसका मन काफ़ी उदास हो गया.
थोड़ीदेरबाद बिहारी ने वीरेंदर का दरवाज़ानॉक कर के कहा किआशनाबिटिया नेखाना बना दिया है,आ कर
खा लीजिए.
वीरेंदर: काका मुझे भूख नहीं है औरनींद भीबड़ीआ रही है, आपखा लीजिए.
आशना को जब यह पता लगा किवीरेंदर खाना नहीं खाएगा तो दिल और उदासहोगया. वो भी बिना
खाना खाए उपर आ गई और काकाकोबोल दियाकि आप खाना खा समेट लेना.
बिहारी दोनो के इस रवैये से परेशान हो उठा.उसने तोसोचा थाकि आज के खाने मे इतनी डोजडालूँगा कि
दोनोसेक्सकिए बिनारह नहीं पाएँगे लेकिनयहाँ तो साराकामउल्टाहो गया.उसने झट से अपने कमरे मे
जाकर मोबाइलऑनकिया और बीना का नंबर. लगा दिया.
बीना:बोलो राजा, आज भीमन नहीं भरा क्या.

106
बिहारी: मन तो मेरा कभी नहींभरतालेकिनलगता है किउन दोनो का मन एक दूसरे से भर गया है.यह कह
कर बिहारी ने बीना को सारीबात बता दी.
बीना:तू भी ना कितनीफिकर करता है अपनी होने वाली रखैल की. अरे आज दोनो घूमने गये थे तो हो सकता
है वीरेंदर ने उसे अपने दिल का हाल कहा हो.यह तो तू भी जानताहै कि आशना उसकी सग़ी बेहन है तो उसे
थोड़ातो अटपटा लगेगा हीना. तू टेन्षन मत ले,मेरे पास तेरे लिए एक बहुत अच्छीखबर है.
बिहारी: रागिनीमानगईक्या?
बीना:वो भी मान जाएगी, लेकिन अच्छीखबर यह है किभाई -बेहन कल बॅंगलॉर जा रहे हैं 2-3 दिन के
लिए.मैं शाम कोरागिनी को लेकरआ जाउन्गी, बाकी तू वहीकरना जैसाबताया गया था.
बिहारी(खुश होते हुए): यहतो बड़ीअच्छी खबर है.
मैं बेकार ही इनकी परेशानी ले रहा था,इन भाई-बहनोने तो हनिमून का प्रोग्रामभी बना लिया. मुझे यकीन
है किबॅंगलॉरमे कुछ ना कुछ तो ज़रूर होगा.
बीना:मुझे भी यहीलगता है,चलअब रखती हूँ तेरी चिड़िया को बुलायाहै आज अपने कमरे मे.आजरात ही
उससे बात करके तेरे लिएतैयारकरलेता हूँ.
बिहारी: ओके,ऑलदा बेस्ट ऑफ लक.
बीना:चल गँवारकहीं का और फोन काटदिया.
उधर आशना औरवीरेंदर दोनो ही अपने अपने बेड पर लेटे हुए करवटें बदल रहे थे,नींद दोनोकीआँखों सेदूर
थी.आज भी आशना ने अपने रूम का दरवाज़ाबंद नहीं किया थालेकिनआज उसने अपनी पैंटी नहीं उतारी थी.
वोचाहती थी कि जबवीरेंदरउस के रूम मे आएतो वोउस से बात करेगी, उसकामन हल्का करने की कोशिश
करेगी. उसे यह सोच कर वीरेंदरपर गुस्सा आरहा थाकि उसने वीरेंदर को अपना नंबर. भी दिया था मगरवो
उसे फोनक्यूँ नहीं कर रहा. मानतीहूँ किवोमेरेकमरे मे आकर मुझसे बात करने मे हिचकिचाएगामगर फोन
परतो बात कर ही सकता है.आशना बार बार अपने सेलको देखे जा रही थी.उसने भी दिन मैं वीरेंदर का
नो. ले लिया होतातो दिल के हाथून मजबूर होकर वो उसे फोनकरही देती.ऐसे हीकाफ़ीरात बीत गई मगर
किसी को नींदनहीं आ रही थी.अजीबबात थीकि दो रातों से जागने वाला बिहारी आज चैन की नींद सो रहा था
और आने वाले कलके हसीन सपनेदेख रहा था औरदोदिलइसकाली रात मे चैन से सांस भीनहीं ले पा रहे
थे.

काफ़ी देर करवटें बदलते हहे अचानक आशनाकोयाद आयाकि वीरेंदरने गाड़ी मे कुछसमान रखा था. उसके
दिल मे बेचैनी होने लगी कि ऐसा क्या था उसमे जो वीरेंदर ने कहाथाकि "अब इसकीज़रूरत नहीं है" आशना
को पताथाकिवीरेंदर उससे पहले ही घर मे दाखिलहो गया था तो गाड़ी तो खुली ही होगी. इतनीसर्दी मे
और इतनी गहरी रात मे उसे बाहरजाते डर भी लग रहा था लेकिन उसने हिम्मत बाहर जाकर देखने
सोची. उसके जॅकेट पहनी और दबे पावं नीचे सीडीयाँ उतरने लगी.हालमे काफ़ी अंधेरा था,वो अंदाज़ा लगाकर
आगे बढ़ने लगी तो बिहारी के कमरे से उसे रोशनीआती दिखाईदी. वोवही ठिठक कररुक गई. उसे लगा कि
बिहारी अभी भी शायद जाग रहाहै या शायद आज फिर से शराब पी रहा है. आशना दबे पाँव उसके कमरे के पास

107
पहुँची, कमरे कादरवाज़ा थोड़ा सा खुलाथा. उसने झाँक कर देखा तो बिहारी अपने बेड पर आँखें मून्दे हुआ
दिखाई दिया. आशना ने राहत की सांसली.उसने सिर अंदर करके देखा तो काका के कमरे की एलसीडी चलरही
थी,उसी की रोशनीबाहरहाल मे आ रही थी.आशनाने पहले तो एलसीडी बंद करने की सोची मगर यह सोच
कर रहने दीकि शायद सुबह काका को शक़ होजाए किउनके रूम मे आया था. आशना ने धीरे से दरवाज़ा
फिरसे वैसे हे बंद किया और मेन दरवाज़े कीतरफ चलदी.
जैसे हीआशना ने दरवाज़ा खोला, ठंडी हवाकीएक तेज़ लहर उस से टकरा गई.एक बारके तो आशना का
शरीर वहीं जमगया. उसने झट बाहर आकर दरवाज़ा बंद किया और अपने हाथ जॅकेटमे डाल करजॅकेट की
कॅप पहन ली. काफ़ी डरते हुए वो गाड़ी तक पहुँचीऔर डोरकाहॅंडल पकड़ कर उसे खींचा. क्लिक कीआवाज़ के
साथ गाड़ी का दरवाज़ा खुलगया. आशना फ्रंट सीट पर घुटनों के बल बैठ गई और गाड़ीके अंदर की टॉपलाइट
ऑन कर दी और पीछे रखे समान को देखने लगी. समानदेखतेदेखते उसकीआँखें फटीकीफटी रह गई. आशना
को यादआया किजिसजिस चीज़ को उसने वीरेंदर के शोरुम मे हाथलगा कर देखा और सराहा था वोसब वहाँ
मौजूदथी.आशना की आँखों मे आँसू आ गये.
आशना(मन मे सोचते हुए):इतना प्यार करते हैं आप मुझे वीरेंदरकि हर वो चीज़ जिसे मैने सिर्फ़ हाथ लगाया
आपने मेरे कदमों मे रख दी. ऐसा मत करो वीरेंदर, शायद मेरी असलियत जानने के बाद आप मुझसे उतनी ही
नफ़रत करोगे.मैं सब कुछ बर्दाश्त करसकती हूँ पर आपकी आँखों मे मेरे लिए नफ़रत नहीं देख पाउन्गी.
वीरेंदर अगरआप मेरे भाई नाहोते तो मैं आपको इतना प्यार देती किआपके सबगम भुला देती.आप मुझसे
प्यार करते हैं तोमैं भी तो आपसे प्यार करने लगी हूँ यहजानते हुए भी कि मेरे कॉन हैं.आइ लव यू
वीरेंदर, आइलव यू वेरीमच. आशनाकाफ़ी एमोशनलहोगईथी. उसकाकिया किअभी वीरेंदर के कमरे मे
जाकर उससे लिपट जाएऔर उससे अपने दिल का हाल बयान कर दे. फिरउसने डिसाइड किया कियहसारा
समानअपने रूम मे रखकरवो सुबह वीरेंदर को अपने रूममे बुलाएगी उसकी मोहब्बत को स्वीकार करेगी.
तीनफेरों मे आशना ने सारा समानअपने कमरे मे एकटेबलपररख दिया.
फिरउसने उससमान से वो मोबाइलउठाया जो वीरेंदरउसके लिए लाया था. उसने अपने पुराने मोबाइलसे सिम
निकालकर नये मोबाइल मे डालीऔर मुस्कुराने लगी.वो मन मे सोचने लगी "जनाब ने मेरे सर्प्राइज़
रखाथा, सुबह उनके रूम मे जाकर उनसे उनका नंबर. लूँगी और जबउनके सामने इस मोबाइल में फीड करूँगी वो
खुद ही सर्प्राइज़ हो जाएँगे".आशना के सीने से कुछ बोझ तोहल्का होही गया था रज़ाई के गरम एहसास
ने उसे सपनों की दुनिया मे धकेल दिया.
वहीं रागिनी खाना खा कर औरपेशेंट्स को दवाई वगेरह देकरजबबीना के कॅबिन मे आईतो बीना अपने टेबल
परबैठी किसी फाइलको पढ़ रही थी.
बीना:आओ रागिनी,मैं तुम्हाराहे वेट कर रहीथी, उसने फाइलहो एक साइड रख के कहा.
रागिनी:जीमॅम बोलिए.
बीना:तुमफ्री हो ना अभी? मुझे तुमसे कुछ ज़रूरीबात करनी है.
रागिनी:जीमॅम मैने सभी पेशेंट्सको स्टडी कर लिया है और उन्हें दवाइयाँ भी दे दी हैं.
बीना:गुड,तुम्हारे रहते मुझे कोई चिंतानहीं.

108
रागिनी:ऐसा कह कर आप मुझे शर्मिंदाकररही हैं मॅम, अगर आप उस दिन मेरी हेल्प ना करती तो आज मैं
शायद ज़िंदा भी ना होती.
बीना:अबकभी दोबारामरने कीबात भी मतकरना, तुम मेरी बेटी जैसी हो.मैने तुम परकोई एहसान नहीं
किया बस तुम्हे काम दियाहै जिस से तुम आत्म-निर्भर बन सको.
रागिनी खामोश रही.
बीना:रागिनी एक बात पूछूँ बुरा तो नहीं मनोगी?
रागिनी:पूछिएना,मुझे आपकी किसी भीबात का कभी बुरा नहींलगेगा.
बीना नेअपने चेहरे पर गंभीरता लाते हुए पूछा: रागिनी देखो मेरी बात का बुरा मत मानना मगर तुम एक अच्छे
घर लड़की लगतीहो तो फिर यह सब क्यूँ किया.
रागिनी जानती थी किकभी ना कभी उससे यह सवाल ज़रूर पूछाजाएगा, वो इस के तैयारथी. आख़िर
कोई लड़की जब अपनेघर से भागने का सोचती है तो वो आगे होने वाले सारे ख़तरों का सोच कर ही निकलती
है.
रागिनी:मॅम, मैने यह फ़ैसलाकाफ़ीसोच समझ कर लिया था.मैं और जावेद एक दूसरे से प्यार करते थे मगर
मेरे माँ-बाप कभीहमारी शादीनहीं करवाते. मैं एक हिंदू लड़की औरवो एकमुस्लिम. मॅमजे&के मे रहकर
शादी नहींकरसकते थे, इसलिए हमने भाग करशादी करने कीसोचीमगर मुझे क्या पता थाकि जावेद भी
मुझे दे जाएगा.
बीना बड़े ध्यान से उसे सुन रहीथी.
बीना:तो इसका मतलब तुमजे&के से बिलॉंगकरतीहो.
रागिनी:जीमॅम.
बीना:तभी तुम इतनीसुन्दर हो. मैने सुना था कि जे&के कीलड़कियाँ काफ़ी सुंदर होती है, आज देख भी लिया.
बीना के ऐसा कहने से रागिनी शरमाजाती है.
बीना:अच्छा यह बताओकि क्या तुम्हारे घरवालों को पताहै कितुम जावेद के साथ भागी हो.

aरागिनी:शायद अबतकपता लगगयाहोगा. मेरे भाई ने एक दिन हमे घूमते हुए देख लिया थाऔर उसने
रास्ते मेही जावेद की काफ़ी पिटाई भी की थी.घर लाकर मुझे भी काफ़ी मारागया और मुझे एक कमरे मे बंद
करके यह फ़ैसला सुनाया गया किआजसे मेरा बाहर निकलनाबंद.मेरे पापा औरभाई कट्टर राजपूत हैं, वो
किसी भी कीमत पर हमारा मिलनाबर्दाश्त नहीं कर सकते थे.उन्होने मेरीशादी करने काभी फ़ैसलाकरलिया
था लेकिन मैं उसवक़्त 18 सालकी नहीं हुई थी तो उन्होने मेरे 18 साल पूरेहोने का वेटकिया.उस घटना के
दो महीने बाद जबमैं 18 की हुई तो उन्होने मेरा रिश्ताएक राजपूताना घरमे कर दिया. अगर मैं वहाँ से भागी
ना तो आज तक मेरी शादीहो चुकी होती.

109
मगरमैने तोजावेद कोही अपना सबकुछ मान लिया था.एक रात जब सब घरवाले कहीं शादी परगये थे तो
जावेद दीवार फाँद कर हमारे घरमे आ गया. उसने मुझे बंद कमरे से बाहर निकाला और बोला किमैं तुम्हारे
बिना नहीं रहसकता, मैं भीइतने दिनों मे उस से मिले बिना पागलहो गई थी. मैने घर से जेवरात (जोउन्होने
मेरी शादी के लिए बनवा रखे थे)और कैफ़ सारे पैसे लिए और जावेद के साथ घरसे भाग गई.वहाँ से हम सीधा
बस स्टॅंड से बस पकड़ कर देल्ही आ गये. हमजानते थे कि अगर हमजे&के मे रहेंगे तो कभीना कभीपकड़े
जाएँगे.वहाँ से वो मुझे रेलवे स्टेशन के पासएक होटेलमे छोड़ गया औरमेरासारा समान लेकर यह कह कर
चलागया किवो टिकेट्सअरेंज करने के लिएजारहा है.शामतक हम यहाँ से निकल कर भोपाल चले
जाएँगे.उसने बताया किभोपाल मे उसका एक दोस्त रहताहै कुछ दिनहमवहीं रुकेंगे.उसने कहा किमैं अच्छी
तरह से नहालूँ और अपनी सफाई वागेहरा कर लूँ वो कुछ ही देर मे आएगा और इसी होटेल मेहमअपनी
सुहागरात मनाएँगे औरफिर भोपालजाकर हम शादी कर लेंगे.
इतनाकहकर रागिनी के गालसुर्ख लालहोगये और जैसे हीबीना ने उसे देखारागिनी ने नज़रें झुका ली.
बीना:तो इसका मतलब कितुम तब तक कुँवारी......,मेरामतलब किउसने कभी तुम्हारे साथ..........
इस से पहले कि बीना अपनासेंटेन्स पूराकरती, रागिनी बोल पड़ी:जी मॅम तब तक मैने उसे कुछ भी नहीं करने
दिया था. हालाँकि हमारा अफेर पिछले दो साल से चल रहा था,उसने काफ़ीबार मुझे टच करने की कोशिशकी
मगरअपने भाई और पापाके डरसे मैं हमेशा उसे रोक देती. मैं उसे हर बार यही कहती किशादी के बादतो मैं
हमेशा के लिएतुम्हारी हो ही जाउन्गी और वो हर बार मुझे कहताकि हमारी शादी होकररहेगी. इतना कह कर
रागिनी चुपहो गई.
बीना:लेकिनतुमउसके चुंगल मे फसीकैसे, तबतो तुमकाफ़ीथी.
रागिनी:वो हमारेघर के ड्राइवर का बेटाथा, कभी कभी अपने पापा के साथ हमारे घर आ जाताथा. भैया की
शादी के दौरान वो हमारे घरमे हीरुका और इसी दौरान हमारी नज़दीकियाँ बढ़ी.
बीना:ह्म्म्म्म मम, छोटीउम्र की अट्रॅक्षन.
रागिनी चुपरही.
बीना:तो फिर वो उसदिनवापिस नहीं आया क्या?
रागिनी:उसके जाने के बादमैं नहाने चली गई औरउसके कहे अनुसार अपने आपको अच्छी तरह सॉफकिया.
उसदिन पहली बार मैने अपने बदनकोहेर रिमूवर क्रीम से सॉफ कियाऔर उसके बाद रेशमी एहसास से
रोमांचित होने लगी. काफ़ी देर तक मैं कमरा सजाती रही और उसके बाद खुद भी तैयार हो गई.दोपहरकोकरीब
2:00 बजे मेरे मोबाइल पर उसका फोनआया कि उसे शायद थोड़ा टाइमऔर लग जाएगा,उसने कहा कि तुम
खाना खा लो और अगर मैं नहीं आपायातो अपने एक दोस्त को भेजूँगा जो तुम्हें लेकर स्टेशन आ
जाएगा.अपनी सुहागरात हमभोपालमें जाकर शादीकेबाद ही मनाएँगे.उसवक़्त उसकीआवाज़ कुछ कुछ
बहकरही थी,ऐसा लग रहा था किवो नशे मे है लेकिन मैने इस पर ध्यान नहीं दिया.

110
मैं से हीहमारे पहले मिलनकोलेकर रोमांचित थी तो भूख तो मुझेही नहीं. मैने खाना नहीं खाया और
बिस्तरपर लेटेलेटे ही सो गई. शाम कोकरीब 5:00 बजे मेरी नींद खुली जब कोई डोर नॉककर रहा था.मैं
खुशी से चहक उठी किशायद जावेदआगया है लेकिन दरवाज़ा खोलकरदेखातो जावेद नहीं कोई और था. कोई
40-45 साल का एक आदमीसूट बूट मैं दरवाज़े पर खड़ा था.मेरी तरफ देख करऔर फिर की सजावट
देख कर बोला:लगता है जावेदभाई ने आज बहुत कुछ मिसकर दिया है. घबरा कर ओर देखा तो वो
बोला:अरे परेशान मत होइए भाभीजीमैं जावेद का दोस्त हूँ, उसी ने मुझे आपको लेने के लिए भेजा है. मैने
उससे पूछा कि कहाँ है तो उसने कहा किवो मेरे घर पर है, मैने हीउसे ज़िद करके वहाँ रोक लिया और
कहा कि होने वाली भाभी को मैं खुद लेकर आउन्गा. उस आदमी के बार बार मुझे भाभी कहने से शरमआ
रहीथी. उम्र के हिसाब से वोमेरे पापाके बराबर था जिस से मैं काफ़ी अनकंफर्टबलकर रही थी.
बीना:ऐसा होता है जबएक लड़कीकीशादी हो जाती है तो नये रिश्तों मे अड्जस्ट होनेमे उसे शुरू शुरू मे थोड़ा
अजीब लगताहै.
बीना:तो फिर तुम चलीगई.
रागिनी:जीहां,मैने जो लाल जोड़ा पहन रखा थावो बाथरूममे जाकर चेंज कियाऔर वहीकपड़े पहन लिए जो
घर भागतेवक़्त पहने थे.
आदमी: भाभीजीचेंजक्यूँ किया,ऐसे ही चलपड़ती आपकाफ़ी अच्छी रही मैने कहा किट्रेनके
मे ड्रेस काफ़ी अनकंफर्टबलहो जाता.
आदमी: हां वो तो है ही. मैने अपनाबॅग उठाया और उसआदमी को चलने लिएबोला. काउंटर पर जाकर उस
ने पेमेंट की और हमबाहर आ गये.

111
बाहर एक बड़ी सी गाड़ी हमारावेट कर रहीथी. मैने मनमे सोचा किजावेद तो बड़ीपहुँची हुईचीज़
इतने मालदार लोगों से दोस्ती है उसकीतो. थोड़ीदेरकेबाद हम एक आलीशान बंगले बाहर जाकर गाड़ी से
उतर गये.
मैने उससे पूछा किजावेद कहाँ है तो उसने कहा किअंदर तो चलो वो वहीं है.मैं घर के अंदर आगई.अंदर
आते ही आँखें चौंधिया गई. कोठी देखनेमे जितनी बाहर से सुंदर थी, से तो बिल्कुल स्वर्ग थी.
मैने हैरानहोकर पूछा: यह कोठीआपकी है??
आदमी: कोठी कहाँ भाबी जी, यह तो छोटा सा मकानहै, ऐसे हीकईमकान हैं मेरे इस शहर और यहाँ से बाहर
भी.
मैने पूछा किआपके बीवी बच्चे नहीं हैं क्या घर पर?
आदमी: बीवी तोकबकी छोड़ कर चलीगईभगवान को और बच्चापैदा करने लायक शायद वो थीही नहीं.
शादी के 15 साल तक भी जब वो माँ ना बनसकी तोयह गमउसे भी ले गया.इतना कह कर वोचुप हो गया.
मैने पूछा जावेददिखाई नहीं दे रहा.
आदमी: यहीं तो छोड़ कर गयाथा, पतानहीं कहाँ चला गया. अभीउसे फोन करता हूँ. उसने नंबर. डाइयलकरके
फोन कानसे लगाया तो बोला"यह लोतुम्हारे जावेद का तो फोन स्विचऑफ होगया है, शायदबॅटरी डेड हो
गई होगी."तुम चिंताना करो अभी आ जाएगा.
आदमी: तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए चाइ/कॉफी का इंतज़ाम करता हूँ.
मैने कहा कितकलीफ़ कीकोई ज़रूरत नहीं है.
आदमी: अरे इस मे तकलीफ़ कैसी.
तो मैने बोला:आप मुझे किचन दिखा दीजिए, मैं खुदहीबनादेतीहूँ अपने लिए औरआपके लिए भी.मैं
उसके साथ किचन मे आ गई और बोली: आपसारा काम खुदहीकरते हैं तो शादी क्यूँ नहीं कर लेते दोबारा.

112
आदमी: नहीं आज नौकर छुट्टी पर है और रहीबात बीवीकीतोउसकी कमीतो पूरीकरही लेता हूँ. उसकी बात
सुनकर मेरे दिलकी धड़कनएक दम तेज हो गई. मैने चाइबनाईऔर वोवहीं खड़ा रहा.उसके वहाँ खड़ा रहने
से काफ़ी अनकंफर्टबल फीलकर रही थी.मैने झट से चाइ बनाकर एक कप उसे औरएक कप खुद
लेकरसिट्टिंगहॉलमे आ गई. चाइपीते हुएमैं उसकी नज़र सॉफअपने बदन पर महसूसकर रही थी.
मैं से जल्द यहाँ से निकलना चाहती थी. मैने बोला आपएक काम करो आपमुझे रेलवे स्टेशन ही छोड़ दो
शायद जावेद वहीं चलागया होगा.
आदमी: वोवहाँभी नहीं मिला तो? मैने कहा कि जबहमेघर परनहीं देखेगा तो वो भीवहीं आजाएगा.
आदमी: लेकिन अब तक तो ट्रेननिकल भीगई होगी.
मैं से उसेदेखतीरही.
आदमी: मैं खुदउसे ट्रेन मे चढ़ाकरआपको लेने आयाथा.
मैं से वहाँ से खड़ीहो गई और बोलीतो अपने मुझे पहले क्यूँ नहीबताया.
आदमी: चुप चाप बैठीरह, ज़्यादाआवाज़ की तोज़ुबान खींच लूँगा. उसके चहरे केबदलते तेवर से मैं कांप उठी
और रोने लगी.
आदमी: रोले जितना रोना है साली. तेराआशिक़तुझे 2 लाखमे बेच कर यहाँ से गया है और तेरा सारा
समानभी ले गया है.उसने मुझ से वादा किया है कितू एकदम कोरा माल है, औरअगर साला झूठ हुआ तो
भोपला मेजाकरउसकी गान्ड मार लूँगा.
इतनासुनते ही मेरे होश उड़ गये.जिस लड़के के लिए मैने अपना घर छोड़ावो मुझे एक आदमीकोबेच कर मेरा
सब कुछलेके निकल गया.मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं क्या करूँ.
मैने रोते हुएउसआदमी से अपनी इज़्ज़त कीभीखमाँगी "देखिएमैं आपकी बेटी जैसी हूँ, प्लीज़ मुझे छोड़
दीजिएमैं किसी को मूह दिखाने लायक नहीं रहूंगी".

113
वोआदमी ज़ोरसे हंसा और बोला: चिंता ना कर आज से मैं तुझे मेरी बीवी बना कर रखूँगा. बेटी जैसी है तो
क्या हुआ, मेरे बच्चे पैदा करके मुझे बापबनने कासुख दे दे, यकीनमानमैं तुझे रानी की तरहरखूँगा. उसकी
बातें सुनकर मुझे चक्करआने लगे.वो फिर बोला:अगर प्यारसे मान जाएगीतो ठीक वरना तेरे दोनो छेदोको
उधेड़ कर तुझे किसी कोठे परबिठादूँगा.मैं रोए जा रही थी मगरवो कमीना इंसानहँसता ही जा रहाथा. वो
मेरी तरफ झपटा तोमैं खिसक कर उससे दूरहट गई.

आदमी: वाह, तीखी मिर्च है तू तो,आज तेरी चूत का खून अपने इसलोड् को पिलाकर तुझे अपनीबना लूँगा. तू
चाहे जो भी कर, गिडगिडा, चाहे रो, अपने 2 लाख तो मैं तुझ से वसूलकरके ही रहूँगा.
उसवक्त मुझे अपने आपसे भी घिंन आ रही थी कि कैसे मैं उस इंसान के झाँसे आ गई जिसने सिर्फ़ पैसो
से किया और जब उसे वो सब मिलगयातो वोमेरे जिस्म कोबेचने से भीनहीं चुका.उस आदमीने एक
बार फिर मुझ परझपटने की कोशिशकी मगर मेरे हाथ मेकोई भारी सी चीज़ आ गई और मैने ज़ोर से उसके
सिर पर दे मारी. वो आदमीएक घुटिहुई चीख के साथ फर्श पर लेट गया. मैं फटी आँखों से उसे देखती रही,
मुझेनही आ रहा था कि यह क्या होगया.
मैं से वहाँ से भागी लेकिन फिरतेज़ीसे चाइ के कप उठाकर किचन मे सारे बर्तन सॉफ करके फिर से वहीं
रख दिए जहाँ से उठाए थे. बाहर आकरदेखाकि वोआदमी अभी भीबेसूध पड़ाथा लेकिन उसकी साँसें
चलरही थी.मैनेदेखाकि मैने उसके सिर परएक गुल्दानमारा था. उस गुल्दान को कपड़े से साफ करके मैने
उसे भी अपनी जगहरख दिया. अपने सारासमान उठाकर मैं वहाँ से चोरी से निकलथोड़ी दूर आतेही मैं
एक ऑटो मे बैठीऔर रेलवे स्टेशन पर आ गई. मेरे पासकेवलरुपे थे, मैने ऑटो का किराया दिया और
रिज़र्वेशन काउंटरकीतरफ चलदी.
मैने सोच लिया था कि अबघर तोजानही सकतीतो भोपाल जाकर जावेद को ढूंढूँगीऔर उससे बदला लूँगी.
भोपाल के लिए अगली ट्रेन 3 घंटे बाद थीलेकिन ऑटो का किराया देने के बादमेरे पाससिर्फ़ 325 रुपये बचे
थे जबकिभोपालके लिएट्रेन की टिकेट 405 रुपये की थी. मेरे पास आत्महत्या के सिवा और कोई रास्तानहीं
बचा था. मैं काफ़ीपरेशान हो कर रेलवे स्टेशन के एक कोने मे खड़ी होकरआत्महत्या का सोच रही थीजब
आपकीनज़र मुझ पर पड़ी. अगर आपउस वक्त मुझे ना मिलती तो आज मैं ज़िंदाना होती.

114
बीना नेउसकी कहानीख़तम होते ही झूठा रोने का नाटक कियाऔर रागिनी को अपने सीने से चिपका कर अपने
गले लगा लिया.
बीना:मेरे होते हुए कभी मरने का सोचना भी मत.
रागिनी बीनासे लिपटकर औरज़ोर से रो पड़ी.
बीना:अबतुमने क्या सोचा है? क्यातुमवापिसअपने घर जानाचाहती हो?
रागिनी ने रोते रोते ही नामे अपनासिर हिलाया और बोली: मैं अबकभीभी उन्हें मूह नहीं दिखा सकती.
अगर मैं वहाँ चली भीजाऊतो वो लोग मुझे मार ही देंगे, मैं जीना चाहती हूँ और भोपालजाकर कम से कम एक
बार जावेद से मिलकर उसके मूह परथूकना चाहती हूँ.
बीना:मेरे होते हुए कोईभी तुम्हे हाथ भी नहीं लगा सकतामगर यहाँ तुमकबतकदिन रात काम करती रहोगी.
जब तक मैं हूँतबतक तो ठीक है लेकिन मेरे बादतुम क्या करोगी.
रागिनी ने बीना के सीने से अपना सिर उठा कर बीना की ओर देखा और बोली: आपकहाँ जा रहीहैं क्या?.
बीना:अभय शायद ये क्लिनिक बेच कर अपनीमेडिकलप्राक्टिज़ के लिए अब्रॉड शिफ्टहोना चाहते हैं, उसी
सिलसिले मे वो डीलकरने के लिएगये हुए हैं.अबअभयजाएँगे तो मुझे भी उनके साथ जाना पड़ेगा. अगर
हमने यह क्लिनिक बेच दियातो फिर तुम्हारा क्या होगा.
रागिनी:आप हीमुझे बताइए मैं क्या करूँ,मैने तो12थ के पपर्सभी मिस कर दिए हैं इसचक्कर मे.
बीना:खैर तुमदो चाइ बनाकरले आओ मैं कुछसोचती हूँ.
इतनासुनकर रागिनीबीना के रूमके साथ बने किचन मे घुसगई औरचाइ बनाने लगी. एक कप बीनाकोदिया
और एक कपखुद लेकर दोनो चाइ पीने लगी. बीना गहरीसोच मे होने का नाटककरने लगी.
काफ़ी सोचने के बादबीना बोली: देखो रागिनी, जहाँ तक मुझे लगता है कितुम्हारे घर जाने के सिवा और
कोई रास्तानहीं है क्यूंकी देल्ही जैसे बड़े शहर मे बिनाकिसी क्वालिफिकेशन के ज़िंदगी गुज़ारना बहुत मुश्किल

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काम है और अकेली लड़की के लिए तोयह शहर सेफ भी नहीं है. मान लो किमैं तुम्हारी सिफारिश करके अपने
किसी डॉक्टर दोस्त के पास तुम्हें काम दिला भी दियातो क्या गॅरेंटी है कि वो मेरे जाने के बादतुम्हे निकाल
ना या तुम्हे कोई4थ क्लास काम ना दे दें.
रागिनी:मैं छोटा मोटा काम करने को भी तैयारहूँ.
बीना:अरे छोटामोटाकामक्यूँ करोगी तुम? मैने तुम्हे अपनी बेटीबोला है तो मेरा फ़र्ज़ है कि तुम्हे कहीं
अच्छाकामदिलाऊ जिस से तुम अपनी आने वाली ज़िंदगी अच्छे से जी सको.
बीना:अरे हां, एक आइडिया है मेरे पास,क्यूँ ना मैं तुम्हारी शादी ही करवा दूं जिससे तुम्हें कामकरने की
ज़रूरत हीना पड़े. रहने केलिए घर भी मिल जाएगा औरसेक्यूरिटी के लिए हज़्बेंड भी.
रागिनी कुछ ना बोलीऔर शरमाकरअपनी आँखेंझुकाली.
बीना:लेकिनउस मेभी प्राब्लम है किआजकेलके लड़के पढ़ी लिखी औरजॉब करने वाली लड़कियाँ ढूँढते है तो
ऐसा लड़का कहाँ मिलेगाजोतुम्हे बिनाकिसी शर्तके अपना ले. मुझे कोईऐसा लड़का ढूंडना पड़ेगा जिसे जॉब
वाली लड़की की ज़रूरत ना हो बसघरसंभालने केलिए बीवी चाहिए हो.
बीना:ओह, मैने तो तुमसे पूछाही नहीं, क्यातुम शादी करना चाहोगी?
रागिनी के गाल सुर्ख लाल हो गये इतनासुनते ही.
बीना:अरे यार शरमाने से कामथोड़े ही होगा.अच्छातुम मुझे अपना दोस्त समझो और बताओ कितुम्हे कैसा
लड़काचाहिए.
रागिन कुछ ना बोली बसशरमाती रही.
बीना:इतना शरमाओगी तो शादी के बाद क्या करोगी?
बीना के इतनाकहने से हीरागिनी के दिल कीधड़कने तेज़ हो गई.

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बीना:लगता है मुझे ही ढूंडनापड़ेगा अपने हिसाब से कोई लड़कातुमतो बताने से रही कि तुम्हे कैसा लड़का
चाहिए.
रागिनी (शरमाते हुए): आपखुद ही ढूंड लीजिए,मुझे क्यापता.

बीना:देखोरागिनी बात ऐसी है किमुझे तुम्हारे लिए उसलड़के की तलाशकरनी है जो काफ़ी अमीर परिवार से
हो हो या जिसका बिज़्नेस वेल हो क्यूंकी उसलड़के को यह फरक नहीं पड़ेगा कि तुम जॉब करोया ना
करो औरना हीउसके लिए तुम्हारीक्वालिफिकेशन मायने रहेगी.उसे बसघरसंभालने के लिए बीवी चाहिए
होगी.
रागिनी बड़े ध्यान से बीना की बात सुनऔर समझ रहीथी.
बीना:लेकिन, प्राब्लम यह है किएक आदमी को वेलसेटल्ड होने मैं काफ़ी टाइमलगजाताहै और इसी
चक्करमे उसकीशादी की उम्र भीनिकल जाती है.तुम समझ तो रही हो ना किमैं क्या कहना चाहती हूँ?
रागिनी ने गर्दनझुकाकरहां मे जवाब दिया.
बीना:तो मान लोकि तुम्हारी शादी अगर किसी ऐसे लड़केसे करवादूंजोतुमसे मेसालबड़ा होगा
तो तुम्हे कोई प्राब्लमतोनहीं.
रागिनी को लगा किबीना जो भी करेगी उसके भले के लिएही करेगी और वैसे भी और कोईतो था नहीं जिस
परवो भरोसा कर सके तोउसने कहा:आप को जैसा ठीक लगे.
बीना( मुस्कुराते हुए): यह हुईना बात. वैसे इस मैं फ़ायदातुम्हारा ही है.
रागिनी ने सवालिया नज़रो से बीनाकीओर देखा.

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बीना:एक तो तुम उस घर मे रानी बनकररहोगी औरदूसरा यह कि मर्द उम्र मे जितना बड़ा होता है उसे उतने
ही एक्षपरिएन्सभी होताहै. मान लो कि अगर तुम्हारीशादीसालबड़े आदमी से होतीहै तो
तुम्हे काफ़ीखुशरखेगावो.बीना के इसतरह कहने से रागिनीशरम से दोहरी होगई.
बीना:हाए रे मेरीबन्नो, अब शरमाना छोड़ और शादी की तैयारियाँ शुरू
रागिनी:इतनी जल्दी, मेरा मतलब अभी तो आपने लड़काभीढूंडना है.
बीना:वो तो मैने तुमसे बात करते करते ढूंड भीलिया.
रागिनी उसे ऐसी नज़रो से देखती है जैसे उससे पूछ रही हो कि कॉन है.
बीना:तुम्हे यादहै कुछ दिनपहले यहाँ वीरेंदर शर्मा नाम का एक पेशेंट अड्मिट था.
रागिनी(कुछ देर सोचते हुए):हाँ,जिन्हे माइनर अटॅक आया था?
बीना:हां वोही,वीरेंदर का एक सौतेला भाई है विराट.(बिहारी का नाम जो बीना ने उसे दिया इसखेल के लिए)
अब दोनो भाइयों के नामपर कितने करोड़ों की प्रॉपर्टरी है यह तो भी पता लेकिन सुना है किकम
से दोनो के हिस्से मे 100-100 करोड़ तो आएँगेही. अभी सारी प्रॉपर्टी वीरेंदरने अपने नामपर कर रखी
है,उसकी शर्त है कि जब तक विराट शादी ना कर ले वोउसके नाम पर प्रॉपर्टी नहीं करेगा.
रागिनी:ऐसा क्यूँ???
बीना:सुनाहै किअपनी जवानीमे विराटकाफ़ीअयाशकिस्म काआदमी था,उसने अपनी पढ़ाई भीपूरी नहीं
की.दिन भर बस आवारगार्दी करता औररात को नशे की हालत मे घर आ जाता.इसीलिए उसके पिता जी ने
सारी प्रॉपर्टी वीरेंदर के नाम करदीकेजबकभी विराट अपनी हर्कतोसे बाज़ आएगा तो आधीप्रॉपर्टी विराट
के नाम कर दी जाएगी.इससे विराट की हैसियत अपने ही घर मे नौकरो जैसीहो गई, दोनो भाइयो मे प्रॉपर्टी
को लेकरझगड़ेहोने लगे,विराट को बात बात पर वीरेंदर के आगे हाथ फैलाना पड़ताऔर एक दिन एक हादसे मे
उनके पिताजी गुज़रगये. अपनेके गुज़र जाने के बाद विराट एक दमबदलगया.वो काफ़ी सुधर गया
लेकिन वीरेंदर को लालच नेघेर लिया. उसे पता था किविराट जैसे इंसान को कोई भी अपनी लड़की नहीं देगा
इसलिए उसने विराट के सामने ऐसीशर्त रखी.

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रागिनी:लेकिन विराट जी वीरेंदर जी के सौतेले भाई कैसे हैं??
बीना:विराट की माँ वीरेंदरके पिताजी के शोरुम मे काम करती थी औरवहीं दोनो मेप्यारहुआ और जबविराट
पैदा हुआ तो उसवक्त तक वीरेंदर के पिताजी की भीशादी नहीं हुई थी.
विराट एकनाजायज़ औलाद थी तो वीरेंदर ने अपने बापकीसारी दौलतअपने नाम करवाली और यह शर्त रख
दी किअगर विराट शादी कर लेगातो वो यह जायदाद उसके बच्चे के नामकर देगा.
बीना:विराट तब से वीरेंदरके ही घर मे रह रहा है.वीरेंदर उस केसाथ नौकरो वाला बर्ताबकरता है, घर के
सारे काम विराट को ही करनेपड़ते हैं.जबसे विराट उस घर मे आया वीरेंदर ने सारे नौकरो को घरसे
निकालदिया है.बीना की बातेंसुनकर रागिनीकोवीरेंदरसे नफ़रत होने लगी.कैसे एक भाई अपने दूसरे भाई से
ऐसा कर सकताहै.
बीना:अबविराट एक बहुत ही सुलझा हुआ इंसान बनगया है मगर मेवो तुमसे 10-15 साल बड़ा
होगा.
रागिनी:मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता. आपने अगरविराट जी को मेरे लिए चुनाहै तो कुछसोच कर ही चुना
होगा.
बीना:गॉड ब्लेस्स यू माइ चाइल्ड.

बीना:कल मैं उनसे बात करलूँगी तो होसकता है कि कल शामको हमे उनके घर चलना पड़े. मैं तुम्हे बता
दूँगी तुमतैयार रहना.
रागिनी:हमें उनके घरजाना पड़ेगा?

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बीना:अरे बड़े लोग हैं, वो थोड़े हीआएँगे और उनके माँ-बाप तो इस दुनिया मे हैं ही नहीं जो वो तुम्हें देखने के
लिए आएँ.
रागिनी:जी.
रागिनी के जाने के बाद बीना ने चैन की सांस ली और मनमें बोली: साली बिहारी की तो किस्मत खुलगई,
बिल्कुल अनच्छुईकली मिल गई साले को. अबवो मेरी मुट्ठी मे होगा.
अगली सुबह आशनाजबजागी तो टेबल पर रखे समान को देख कर उसे वीरेंदर का ख़यालआया और उसके मूह
से ही निकला "लव यू वीरेंदर". उसने घड़ीकीतरफ देखाऔर चौंक के उठ करबैठ गई. नौ बजने वाले
थे, रात को देर से नींद आने के कारण वो सुबह उठ नही पाई.जल्दी सेसुबहके कार्यो से निपट करऔर तैयार
होकर उसने अपनानया मोबाइल उठाया औरवीरेंदरके रूमकी तरफ चल दी. आशना ने आजएकवाइट कलर
का सिल्कीवाइट टॉपऔर नीचे डार्क ब्लू कलर की लोंग स्कर्ट पहनी थी.उसकी वाइट शर्ट के अंदर पहनी
उसकी लाइट क्रीम कलर की ब्रा दूर से ही देखी जा सकती थी. आशनाने वीरेंदर के कमरे का दरवाज़ा खोला तो
वहाँ किसी को ना पाकर उसे बड़ी हैरानी हुई. उसने वीरेंदरकोआवाज़ लगाई किशायद वीरेंदर बाथरूममे हो.
आशना को जब कोईजवाब ना मिलातो उसने बाथरूम का दरवाज़ा खोलकर देखा लेकिन वहाँ भी कोई नहीं था.
आशना(मन मे सोचते हुए):आज जनाब बड़ी जल्दी उठ गये औरतैयार होकरनीचे भी चले गये.आशना नीचे
आई तो काका को आवाज़ लगाई. बिहारी अपने कमरे से बाहर निकला.
आशना:काकावीरेंदरकहाँ है, कहीं दिखाई नही दे रहा.
बिहारी आशना के उभारों को टाइट शर्टमे देख करएक दमबौखलागया, उसे पता हीनहीं चला किआशनाउस
से पूछ रहीहै. शर्ट के अंदर उसकीब्रादूरसे नुमायाहो रही थी जिस से उसके गोल वक्षोकाकटाव
सॉफ दिख रहाथा.
आशना:क्या हुआ काका,अभी भी तबीयत ठीक नहीं हुई क्या??
बिहारी (हड़बड़ाते हुए): नहीं बिटिया, अब ठीकहूँ बसथोड़ी थकावट महसूस हो रही है.
आशना:वीरेंदरकहाँ गये सुबह सुबह.

120
बिहारी: वो तो सुबह सवेरे हीनिकल गये. बोलकर गये है कि आशना जागे तो उसे यह टिकेट दे देना. बिहारी ने
आशना को टिकेट्स दे दी.
आशना का दिल एकदमतेज़ी से चलने लगा.यह वीरेंदर को क्या होगया है. सुबह सुबह कहाँ चले गये.
आशना:अच्छा काका तुम काम करो और हां मेरे लिएनाश्ता मत मैं शोरुमजा रही हूँ,शायदवीरेंदर
वहीं गये होंगे हम दोनो वहीं नाश्ता कर लेंगे.
बिहारी: ठीक है बिटिया.आशनाटॅक्सी लेकरशोरुममे पहुँची तो भी वीरेंदर नहीं पहुँचा था. आशना को कुछ
समझ नहीं आ रहाथाकिक्या करे.वो वहीं उसके कॅबिन मे आकर बैठ गई.दोपहर 12:00 बजे तक वीरेंदर का
कोई आतापता नहीं था.किसीकोकुछ पतानहीं थाकि वोकहाँ गया था.




वीरेंदर अपनाटूटा हुआ दिल लेकर कभीइसचौराहे तो कभी उसचौराहे गाड़ी रहा.अंत मे उसने आशना
को भुला देनाही ठीक समझा और शोरुमकी तरफचल पड़ा.जैसे हीवो शोरुम पहुँचा उसे पता लगा किआशना
उसका वेट करके अभी अभीनिकली है. वीरेंदर के शरीर मे एक बार फिरसे जान आगई.घर पहुँचा तो बिहारी ने
उसे बताया कि आशना कुछदेर पहले ही अपनासमान लेकर निकल गई है. वीरेंदर ने बिहारी से कहा किवो कुछ
दिन के लिएबॅंगलॉर जा रहाहै तो घर का ध्यान रखे.वीरेंदरवहाँ से टॅक्सी लेकर सीधा एरपोर्ट आ गया.
एरपोर्टपहुँच करउसने आशनावेटिंग लाउंज मे बैठा देखाखुशी से झूमउठा. वो आशनाके बिल्कुलपीछे
खड़ा था. उसका मन किया किअभी जाकर आशना से अपने दिल की बात कह दे लेकिन वो आशना को सबके
सामने रुसवा नहीं करना चाहताथा.
उसने आशना से काफ़ी दूर जाकरआशनाकानंबर. डाइयलकिया लेकिन यह क्या"आशना का नंबर. फिर से
स्विच ऑफ". उसे आशना परकाफ़ीगुस्साआ रहाथा. तभी उसकी नज़रआशना पर वो फोन पर किसी से
बात कररही थी.यह देख कर वीरेंदर का गुस्सा औरभी बढ़गया. वो यह सोच कर गुस्से मे था कि आशना ने
उसे ग़लत नंबर.क्यूँ दियाजोकि हमेशा स्विचऑफ ही रहताहै. उसे किशायद आशना उसे इग्नोर कर
रहीहै. वीरेंदर को यकीनहोनेलगा किशायद आशना की ज़िंदगी मे कोई और है.

121
दरअसल उसवक़्त आशना अपनी फ्रेंड प्रिया को यहबता रही थी किवो शामतक पहुँच जाएगीऔर वोउसे
लेने एरपोर्ट परआ जाए.उसे तो पता भीनही थाकि वीरेंदरउसे फोन कर रहा है और नंबर. स्विचऑफ
आ रहा है.खैर वीरेंदरअबदोराहे पर खड़ाथा. क्यावो आशना के पीछेतकजाएया नहीं. अगर आशना
उसे इग्नोर कर रहीहै तो इसकासाफ मतलबथा किवो उससे प्यार नहीं करती. वीरेंदर ने सोचा किउसे
बॅंगलॉर जाकर यह देखना चाहिए कि क्या आशना सचमे किसी और से प्यार करती है या नहीं.
वहीं आशना वेटिंगलाउंज मे बैठी यह सोच रहीथी किवीरेंदर आज सारा दिन गायब रहे है ऐसा क्यूँ. क्या उन्हे
नहीं पता कि मुझे उनकी कितनी चिंताहो सकती है, मेरा नंबर. भी लियालेकिन फिर भी एकबार फोनकरके भी
नहीपूछा किमैं कहाँ हूँ.फ्लाइट के टाइम केआधे घंटे पहले ही वीरेंदर एकॉनमी क्लास मे बैठ चुका था. आशना
के लिए उसने बिज़्नेसक्लासकी टिकेट बुककरवाई थी.आशना को यकीनथाकिवीरेंदर उससे मिलने ज़रूर
आएगाइसलिएवो अंत तक उसका वेट करती रही.लेकिनजबउसके नाम की फाइनल अनाउन्स्मेंट हुईवो
भी अपनी फ़्लाइट की ओर चल दी. शाम कोकरीब 7:15 बजे दोनो बॅंगलॉरकीधरती परकदम रख चुके थे.
आशना,प्रिया के साथ एक टॅक्सी मे अपने फ्लॅटकी तरफजा रही थी औरवीरेंदर दूसरी टॅक्सीसे उसका पीछा
करते हुएउनके फ्लॅटसे थोड़ापहले ही उतर गया.अंधेरा काफ़ी होने से आशना वीरेंदर को नहीं देख सकती थी
लेकिन उसे लग रहा थाकि वीरेंदर उसके आस पास ही कहीं है. प्रिया, आशना की खामोशी से परेशान थी.दोनो
अपने फ्लॅटमे पहुँचीजोकि उन्होने रेंट पर लिया था.2बीएचके कायह फ्लॅट ज़्यादातर खालीही रहताथा
क्यूंकी कभीआशना तो कभीप्रिया ड्यूटी परहोती.वीरेंदर ने उनके सामने वाली बिल्डिंगमे ग्राउंड फ्लोरपर
एक रूम किराए पर ले लिया.आशनाकाफ्लॅट भी ग्राउंडफ्लॉर पर ही था. उनके फ्लॅट की सारी गतिविधियाँ
वीरेंदर के रूमसे देखी जा सकतीथी. अंदर आते हीवीरेंदर ने एक चेर उसखिड़की की तरफ लगादी
उनके फ्लॅट के ठीक सामने खुलती थी.बॅंगलॉर मे वैसे तोमौसम सर्दनहीं था लेकिन रात की ठंडी हवा
से फिर भीएक बार कांप उठा.
अंदर आते ही प्रिया ने सबसे पहला सवाल जो आशना से किया वो था " सबसे पहले यह बता वो कॉन खुशनसीब
है जिसे तू अपनादिलदे आईहै".आशना ने हैरानीसे उसे देखा.

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प्रिया: झूठ बोलेगी तोमारखाएगी मेरे से, मैं तुझे कबसे जानतीहूँ. तेराउतरा हुआ चेहराऔर आँखोंमे किसी
का इंतज़ार साफ बतारहा है कि तू अपना दिलकिसी के पासछोड़आई है. इतना सुनते ही आशना की आँखें
झर झर कर बह गई और उसने प्रियाकोसब कुछ बतादिया शुरू से लेकर अंत तक बस उस से यह नहीं
बताया किवीरेंदर उसकाभाईहै.
प्रिया: यार, इस मामले मे तोमैं तेरीहेल्पकरही सकतीहूँ, चल दे मुझे उसका नंबर. हूँ उसको अपनी
अमानत ले जाए.
आशना:मैं उसका नंबर.नहीं जानती, मैने उसे अपना नंबर. भी दिया लेकिन उसने एक बार भीफोन नहीं
किया.
प्रिया: नंबर. से याद आया, तूनेअपना नंबर.चेंज किया कमसे कममुझे तो नयानंबरतोदे देती,पता है
कितना परेशानथीमैं.
आशना:क्या मतलब?
प्रिया: अच्छा जी मेडम ने अपना नंबर. चेंज कर लियाऔर उन्हे याद ही नहीं.
आशना:लेकिनमैने तोनंबर. चेंज नहीं किया,मेरानंबर. तो वोही है.अभी शाम कोही तो कॉल की थी नातुझे.
प्रिया: बिल्कुल की थी और कल भीकीथीपर नंबर.वो नहीं था जो किआपका है.वो नंबर.कोई और ही
था,तुम्हारा नंबर तो फीड है मेरे पास.
आशना:ऐसा कैसे होसकता है?
प्रिया: अरे यार यकीन कर मेरा, तेरा वो नंबर. तोकितने दिनों से स्विचऑफ है. खुद चेक करले.

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प्रियाने आशना का पुरानानंबर. डाइयलकर के आशना को दिखाया तोआशना ने नंबर. ध्यान से देखा, नंबर.
तो उसीकाथा लेकिन स्विचऑफ आरहा था.आशना का पूरा शरीर कांपगया. उसने तो वीरेंदर को यहीनंबर.
दिया था. इसका मतलबउसका नंबर. किसी नेचेंज कर दिया लेकिन यहकैसे हो सकताहै और कोई ऐसाक्यूँ
करेगा.आशनाने अपने मोबाइलसे प्रियाके नंबर.पर डाइयल कियातोअपना नंबर.देख कर उसका सिर
चकराने लगा.
आशना:यह नंबर. मेरा नहीं है,पता नहीं किसने यह किया.तभी तोमैं सोच रही थीकि तुमने मुझे फोनक्यूँ
नहीं कियाइतने दिन तक.
प्रिया: यार मुझे तोकुछ समझ नहीं आ रहा. मेरे ख़याल से तू नंबर.लेकर भूलगई है मेरी जानलेकिन
आशना को तो कोईहोश ही नहीथा. वो तो बस कुछसोचे जा रही थी. वीरेंदर ने तो उसे काफ़ी बार फोन किया
होगा लेकिन उसका नंबर. ही स्विच ऑफ था तो उनका कॉंटॅक्ट कैसे होता. शायद इसीलिए वीरेंदर जाते हुए उस
से मिला. वीरेंदर के लिएउसके दिलमे गिले शिकवे एक दमसॉफ हो गये.
आशना:प्रिया लगता है किकोई बहुत बड़ीचालहमारे साथ खेली जा रहीहै.
प्रिया: यह फिल्मी डायलॉगमारने बंद कर और यहसोच कि यह नंबर. तूने कबचेंजकिया.आशना जानती थी
किप्रिया उसका यकीन नहीं करेगी.
आशना:अच्छा चल छोड़ और कुछ खाने के लिएबना दे.
प्रिया:ऑल्वेज़ अटयुवर सर्विस मेडम, बसकुछ देरइंतज़ाकरो और यह कह करकिचन की तरफ चल दी.
आशना सोच रहीथीकिऐसा कॉनहो सकताहै जिसने यह किया हो लेकिन वो किसी नतीजे पर नहीं पहुँच सकी

वहीं वीरेंदरभी अपनी यादों से बाहर आया जब उसके दरवाज़े पर नॉक हुई. एक 15-16 सालका दिखने वाला
लड़कावीरेंदरकेलिएखानालेकर आया था.

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अंदर आते ही लड़के ने बोला: आपकाऑर्डर सर.
वीरेंदर रख दो,बाद मैं आकरबर्तनले जाना. वीरेंदर को खिड़कीके बैठा देख कर पहले तो वो लड़का कुछ
कहने को हुआलेकिनफिर चुप चाप चलागया.वीरेंदर वहीं खिड़कीपर बैठा पिछले दिनसे हुई के बारे मैं
सोचने लगा. थोड़ीदेरबाद उसे याद आया कि उसने तो कल शाम से कुछ खायाही नहीं है. वीरेंदर ने ना चाहते
हुए भी खाना खाया, वो मनमैं यही सोचे जारहा था कि "वीरेंदरइतना कमज़ोरदिलनहीं किएक लड़की के
लिए खाना पीना छोड़ दे".खाना खाकरवो फिर से वहीं अपनी जगहबैठ गया.
रात के करीब 9:30 बज रहे थे, लेकिन बाज़ार की रौनक ऐसी थी कि यहाँ के लोगों को पता ही ना होकि रात
किसे कहते हैं. सड़क पर ज़्यादातर पैदल चलने वालेलोग ही थे,बीच बीच मे इक्का दुक्का गाड़ियाँ और बाइक्स
भी नज़र आ रही थी.सबअपने आपमे ही मसरूफ़थे और वीरेंदरइतनी भीड़ के बावजूद भी बिल्कुलअकेला,
बिल्कुल तन्हा.वीरेंदरने अपनाफोन उठा कर एक बार फिरसे आशना का नंबर. कियालेकिन फिर से
स्विचऑफ.वीरेंदरने झल्ला कर फोनकोबिस्तर परपटक दिया.
वीरेंदर (अपने आप से): कोईफ़ायदा नहीं होगा यहाँ रुकने का, वो लड़कीतुझसे फ्लर्टकरके चली गई और तू
फिरभी उसके पीछे यहाँतक आ गया. वीरेंदर ने डिसाइड किया किवोयहाँ से जल्द ही निकलजाएगा. वीरेंदर
ने एरपोर्ट फोन करके पूछा किबांदलोरे की आगे फ्लाइटकबकीहै तो उसे मालूम हुआ कि सुबह 7:00 बजे की
एक फ्लाइट है. वीरेंदर ने अपने लिए एक टिकेटबुक करवा दी औरअपना क्रेडिट नंबर. बताकरपेमेंटकर दी.
वीरेंदर जैसे हीखिड़की को बंद करने लगा तभी वोलड़का बर्तन उठाने आ गया.
लड़का: बाबू जी खिड़की बंद कर दीजिएमौसम काफ़ीठंडा है औरयहाँ मच्छर भीबहुत हैं.इतनी ठंडमैं भी
मच्छरसिर्फ़ इसीएरिया मे ही मिलते हैं. सालेरात भर सोने नहीं देते.
वीरेंदर: कोई बात नहीं मेरा खून बहुत कड़वा है,मुझे काटेंगे तो मर जाएँगे.
यह सुन कर वो लड़काहँसने लगा और बोला"साहबमेरे साथ भी ऐसा हीहै, जो मच्छरमुझ पर हमला करताहै
सुबह तक अपनी जान गँवा चुका होताहै. अबतोइनको मेरे से वाकफियत होगईहै, कोई मेरे पासफटकता ही
नहीं.
वीरेंदर: क्यानाम है तुम्हारा.
लड़का: जी मोनू.

125
वीरेंदर: मोनू तुम यहाँ कबसे काम कर रहे हो.
मोनू: मैं तो इस बिल्डिंग मैं सिर्फ़ खाना सप्लाइ करता हूँ,मेरे पिताजीकाहोटेलयहाँ पासमे ही है.दिन भर
पढ़ता हूँ रात को पिताजीकाहाथ बँटाता हूँ.
वीरेंदर: कॉनसी क्लास मे हो.
मोनू: 11थ साइन्स.
वीरेंदर: वाह यह बहुत बढ़िया है कि तुमपढ़ाई भीकरते हो और अपने पिता जी का हाथ भी बाँटते हो.
मोनू:अबएक दूसरे के सिवा हमारा है ही कॉन तो एक दूसरे की मदद करनातो हमारा फ़र्ज़ है.
वीरेंदर (गहरीसोच मे डूबते हुए):वो तो है.
मोनू: बाबूजी अगर बुरा नामानो तो एकबात पूछूँ?
वीरेंदर:हां पूछो.
मोनू: बाबूजी आप कहाँ के हैं औरयहाँ क्याकररहे हैं.
वीरेंदर ने मोनू की तरफदेखा और बोला:मोनू मेरानाम वीरेंदरशर्मा है औरमैं देल्हिी से हूँ, किसी काम
से था.
मोनू: तोफिर आपखिड़कीके पास ही क्यूँ बैठे होजबसे आए हो.
वीरेंदर उसके इस प्रश्न से हडबडागया.

126
मोनू: सॉरी, बाबू जी ऐसे हीपूछ लिया.वो क्याहै ना कि जबआप टॅक्सीसे उतार कर किसी से छुप रहे थे तो
मेरी नज़र आपपर पड़ी थी.आप उस वक्त हमारे होटेल के आगे ही खड़े थे. आप को देख कर लगता है कि आप
एक अच्छे घर से हो तो फिरआप छुपक्यूँ रहे थे??
वीरेंदर मोनू के सवालो से परेशान हो गया.
वीरेंदर: तुम अपने काम से मतलबरखो औरजाओ यहाँसे. सुबहबजे चाइ ले आनातो तुम्हारा हिसाब कर
दूँगा.
मोनू: माफ़ कीजिएगा बाबू जी लेकिन मैने पहले ही कहा थाके बुरा मत मानना.
विरेडनेर: इट्स ओके, नाउगो.
मोनू: ऐज यू विशमिस्टर. वीरेंदर जी.
मोनू जैसे ही जाने के लिए बर्तन उठानेलगा, वीरेंदर ने बोला: यार नाराज़ मतहोना,मेरा मूड ही नहीं है बात के
लिए.
मोनू के चेहरे पर स्माइल आ गई.
मोनू: मुझे तो पहले हीआप सब से अलग लगे थे, अबतोयकीन भी हो गया.
वीरेंदर: मतलब?
मोनू: रहने दीजिए, आपफिर नाराज़ होजाएँगे.
वीरेंदर: अच्छा मेरे भाई बोल क्या कहनाचाहता है तू,मैं नाराज़ नहीं होऊँगा.
मोनू: मुझे पताहै कि आपआशना दीदी या प्रिया दीदी का पीछा कर रहे थे,मैने देख लिया था. (वीरेंदरयह
सुनकर हैरानरह गया कि एक छोटा सा बच्चा उसपर नज़र रख रहा था).

127
वीरेंदर: तोक्या हुआ, मैने तुम्हारीदीदियोकोकुछ बोला थोड़े ही.
मोनू: तभी तोमुझे लगाकि आप अलगहैं. आशना दीदी औरप्रिया दीदी लिएतो यह रोज़ कीबात है.
कितने ही आवारा लड़के उनकेपीछे आते हैं,उनसे बात करने की कोशिश करते हैं लेकिन मूहउठाए चलदेते हैं.
कई बार तो वोहमारे होटेल पर बैठकरचाइ वागेहरा पीते हैं और आशना-प्रिया दीदी के लिए गंदी गंदी बातें
बोलते हैं.
वीरेंण्दर:तो क्या तुम्हारीदीदिया इतनी सुंदरहैं कि हमेशा उनके पीछे की लाइन लगी रहती है.
मोनू: और नहीं तो क्या, वो दोनोतो बहुत ही सुंदर हैंतभी तो आप भी उनका पीछाकरते हुए आ गये.
वीरेंदर के पास कोई जवाब नहीं था.
मोनू: लेकिनप्रिया दीदी की तोएंगेज्मेंट हो गई है,लड़का उनके साथ ही काम करता है औरआशना दीदी तो
बस पूछो हीमत.
वीरेंदर : क्यूँ??
मोनू: अगर रास्ते मे उनका कोई दोस्त भी पास से गुज़र जाए तो पता हीनहीं लगता. कभी नज़र उठाकर
किसी को देखती हीनहीं.
वीरेंदर: होसकता है वो किसी को चाहतीहो तो उसे किसी और को देखने की ज़रूरत हीक्या है.
मोनू: मैं आशना दीदी को अच्छे से जानताहूँ, अफेर होना तो दूर अगर कोई लड़का उन्हे रास्ते मे बुला भीले तो
उसकी बॅंड बज जाती है.
वीरेंदर: तबतो बड़ीख़तरनाक है तेरी आशना दीदी.

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मोनू हंसा और बोला: ख़तरनाक नहीं मगर हां उनके साथ जो कुछबीता है उसे देख कर कोईनहीं कह सकताकि
वोइसमुकामतक पहुँच सकती है.
वीरेंदर: कॉनसा मुकाम भाई,हमेभी तोपता लगे कि तुम्हारी आशना दीदी किसखेत की मूली है.
मोनू: मेरी दीदीएयरहोस्टेस है.
वीरेंदर एक दमअपनी सीट से उछलपड़ा.वीरेंदर:क्या??????.
मोनू: क्यूँ??????आपको नहीं पता थाक्या?
वीरेंदर: लेकिन्न्न्न्न्न...........
मोनू: अरेआप इतनाचौंक क्यूँ गये?????? सच में आशनादीदीएक एयरहोस्टेसही हैं . करीबकरीब साल होने
को है जब उन्होने ............एरलाइन्सजाय्नकी थी और तबसे वो प्रियादीदीके साथ इसी फ्लॅट को शेयर
कर रहीहैं.
वीरेंदर का पूरा शरीर ठंडापड़ गया था.वीरेंदर को एक अंजानी आशंका ने घेर लिया.
वीरेंदर: औरउनकीफॅमिली के बारे मे कुछ जानते हो????.
मोनू: ज़्यादा तो पतानहीं लेकिन इतना ज़रूर सुना है कि इनकी माँ तो बचपन मे ही चलबसीथीऔर छोटी सी
ही उम्र मे इनके पिताजीऔर उनके भाई का पूरापरिवारकिसी आक्सिडेंट में मारा गयाथा.
वीरेंदर धडाम से चेयरपर गिरपड़ा,उसका सर घूमने लगा, उसे सारीधरती हिलती हुई लगने लगी. उसका गला
सूख था, वो खुली आँखों से बेहोश सा हो गयाथा. उसका दिलधड़क रह थालेकिनशरीर मे नही रही
थी.मोनू उसे झिझोड़ता रहामगर वीरेंदर तो जड़ बन चुका था.सारी रात उसकीएक ही जगह पर बैठे कट
गई, उसे पता हीनहीं चला किकबसुबहहुई और कबमोनू चाइ लेकरवापिस भी आगया.

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मोनू ने अंदर आते हीपूछा: अरेआप तो सुबह सुबहही उठ गये.
वीरेंदर का ध्यानउसकी तरफ गया तो एक दम चौंका.
वीरेंदर: क्या?????,सुबह हो गई?
मोनू ने अजीबनज़रों से वीरेंदरकोदेखाऔर बोला:क्या बाबू जी सुबह सुबह मुझसे हीमज़ाक.
वीरेंदर को एहसास हुआ किवो सारी रात एक ही जगह परबैठा बैठा अपने में खोगया था, उसे तो पता
ही नहीं लगाकि रात कबबीत गई औरसुबहभी हो गई.
वीरेंदर ने मोनू से चाइ ली और बोलाकि :तुम्हारे पैसे मैं कलदे दूँगा, आज मेरे जाने का प्रोग्राम कॅन्सलहो
गया है.
मोनू: बाबूजी आप चाहे जबभी जाओमगर अब तक का हिसाबकर दीजिए तो पिता जी सुबहसुबह भड़क
उठेंगे.
वीरेंदर ने उसे पैसे दिए और मोनू ने जाते जाते उसे बताया कि अगर और कुछचाहिएहोगा तो किसी से भी
"..........होटल"का पूछ लेना, मैं तो अब शामको हीआउन्गा.
वीरेंदर: यार शामको जल्दीआ जानातुमसे बहुत सारी बातें करनी हैं.
मोनू: जीबाबू जी.
मोनू के जाने के बादवीरेंदर फिर से सोच मे पड़ गया "आख़िर आशना ने ऐसा क्यूँ किया",उसे यह सब करने से
क्या मिला होगा.उसनेमेरे साथ ऐसा विश्वासघात क्यूँ किया.ऐसे ही ना जाने कितने ही सवालवीरेंदर के
दिमाग़ मे घूमरहे थे.

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दूसरी तरफ आशना भी पूरीरात यही सोचती रहीकि आख़िरउसका सिम किसने चेंजकिया होगा. आख़िर किस
इंसान को इस से फ़ायदाहो सकताहै. उसेअपने सवालों का कोई जवाब नहीं मिलरहा था. उसने रात कोही
अपनीपॅकिंग कर ली और सारासमान बाँध दियाथा. पहले वो "शर्मा निवास" सिर्फ़ और वीरेंदर के लिए
जानाचाहती थी मगर अब उसे एक और उद्देश्य से वहाँ जाना था औरराज़ तक पहुँचना था.उसका
शक़ बार बार वीरेंदर की तरफ जाता क्यूंकी उसके मुताबिक बिहारीकाकाकोशायदही मोबाइल सेबात भी करना
आता हो लेकिन फिर वो यह ख़याल दिमाग़ से झटकदेती औरसोचतीकि ऐसा करने से वीरेंदर को क्या मिलता.
इन सब सवालो के जवाब जाननेके लिएउसे "शर्मा निवास" ज़रूर जाना था.सारी रात आशनाकीआँखों में ही
कट गई और उसे पता ही नालगा एकदिन कब निकलगया.प्रियाअपने रूम से बाहर आई और आशना को देखते हुएबोली: आजतो मेडम जीबड़ी जल्दी उठ गई,क्या
वीरेंदर के ख़यालो ने सोने नहीं दिया???
आशना ने फीकीसी मुस्कानदी और बोली: खुद तो सारी रात सोती रही और मुझे खुद हीअपनी सारीपॅकिंग
करनीपड़ी.
प्रिया: क्या यार इतनी जल्दी क्या है, कलचली जानाअपने ससुराल.
प्रियाकेइसतरहछेड़ने से आशनाशरमा गई.
प्रिया: कभीहमें भी मिलानाअपने उसराजकुमार से जिसने कुछही दिनों मे हमारी खूबसूरत और हसीन
दोस्ततोहमसे छीन लिया.
आशना ने कोई जवाब नहीं दिया और बाथरूम मे घुस गई.

प्रिया: जल्दी करना, मोनू चाइ लेकर आने ही वालाहोगा.
आशना:इन 15 मिनिट्स ओन्ली.

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नहाने और तैयार होने केबाद आशना बाथरूमसे बाहर आई तो प्रिया कहीं जाने के लिएतैयार हो रहीथी.
आशना:तुमने तोआजछुट्टी ली थी तो सुबह सुबह कहाँ चलदी.
प्रिया: वोतुम्हारे जीजू काआजसुबहसुबह मूड बन गया है. यहाँ तो उसे बुला नहीं सकतीथीतो उसने अपने
फ्लॅट परही प्रोग्राम रखा है.
आशना:इतनी सुबह सुबह,यारकुछ तो शरम करो.
प्रिया: शरमक्यूँ,अरे दो महीने मे हमशादी करने वालेहैं तो अपने होने वाले पति के लिए मैं तो हमेशा
अवेलबल रहूंगी.
आशना:जोतेरे मनमे आएकर, जब मुझे निकलना होगा मैं तुम्हे कॉल
प्रिया: ओके यह ले तेरे रिटर्न टिकेट आंड फोनकरतीरहना. इस बारनंबर. चेंज नही कर देना.
आशना:बाइ.
आशना ने देखाटेबलपर एक कप मे चाइ पड़ी है और एक कपप्रिया ने पी लया है. आशना ने झटसे कप
उठायामगर चाइ तोठंडी हो गई थी.आशना ने कपकोउठाकरफिर से वहीं रख दिया किचन मे अपने
लिए चाइ बनाने चलीगई.चाइ को कप मे डालकर वोअभी बैठी ही थी कि दरवाज़ा नॉक हुआ.
आशना:कम इन.
मोनू ने दरवाज़ा खोला औरएक बड़ीसी स्माइलआशनाकोदी.
आशना:आओ मोनू भैया, आजतोसुबह सुबह ही बड़े खुशदिख रहे हो क्याबात है.
मोनू: इतने दिन बाद आपको देख रहा हूँ तो बड़ी खुशी हो रही है.

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आशना:सुबह सुबह मस्का....क्या बात है?.
मोनू: नहीं दीदी सच मे.मैने प्रिया दीदी से कईबारआपके लिए पूछामगर उन्होने बताया किआपका फोन
हमेशा बंद ही रहताहै.
आशना(मोनू से झूठ बोलते हुए): वो मेरा फोन हीखराबहो गया था.
सोनू ने आशनाके हाथ मे बड़ा सा मोबाइल देखा तो बोला: वाउदीदी तो बहुत सुंदरऔर महंगावाला
मोबाइललियाहै.
आशना ने फोन उसे दिखाते हुए कहा "यहकिसीने मुझे गिफ्ट दिया है".
मोनू: काशहमे भीकोई ऐसा मोबाइल गिफ्ट कर दे हमतोबहुत ही खुश हो जाएँगे.
आशना:जबतुमबड़े हो जाओगे औरअच्छी सी नौकरी करोगे तो तुम खुदहीखरीद लेना.
मोनू: तबतो मैं लूँगा हीमगर गिफ्ट का अपनाही मज़ाहोता है,है ना दीदी?
मोनू की बात सुनकरआशनाहंसपड़ी.
आशना:जबतू बड़ाहो जाएगा और तेरी शादी होगीतोमैं तुम्हे ऐसा ही एक मोबाइल गिफ्टकरूँगी.
मोनू की आँखें चमक उठी, मोनू: साची दीदी.
आशना : बिल्कुल,और है हीकॉन जो मुझे दीदीबोले.
मोनू ने जल्दीसे चाइके कपउठाए तो देखा किआशनाने चाइ तो पी ही नहीं.

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मोनू: दीदीआपकी चाइतोठंडी पड़ी है.
आशना:कोई बात नहीं, मैने अपने लिए चाइ बना ली है.
मोनू वहीं खड़ा रहा और आशनाने अपने कपसे एक घूँट भरा.
आशना:ओह मैं तोभूल ही गई थी कितुम्हे चाइ के पैसे भी देने हैं.
मोनू: अरेक्या बात करतीहो दीदी,पहले कभी आपसे अड्वान्स मे पैसे लिए क्या, मैं पैसे लेने के लिएनहीं
खड़ा था.
आशना:तो फिर जनाब को कुछ और भीकहना है शायद.
मोनू: जी, वोदीदी, एक साहबकल रात को आपकी टॅक्सी का पीछा करते हुए आए थे.
आशना ने उसकी बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, उसे लगाकि शायद कोई आवारा होगा.

आशना:चल छोड़ औरतू स्कूलजा,लेट होरहा है ना तू.
मोनू: दीदीउन्होने ने सामने वाले होटेलमे ही ग्राउंड फ्लोर पर कमरा लिया है बिल्कुल आपके फ्लॅटके
सामने और यह कह कर मोनू वहाँ से चलदिया.
आशना ने उसकी बात पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया और चाइ पीती रही. अचानक उसे ध्यान आया किउसे काफ़ी
ज़ोरों से भूखलगी है.उसने फ्रीज़रमे देखा तो वहाँ उसे खाने को कुछभी नही दिखा.आशना ने मोनू के होटेल
मे नाश्ता करने की सोची.उसने झट से स्लीपरपहने और होटेल दी. होटेल उसके फ्लॅट से बस
दो मिनिट कीही दूरी पर था.वो होटेल पहुँची तोवहाँ काफ़ीभीड़

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तकरीबन सारे टेबल्सफुलथे.मोनू के पिताजीने आशना को देखा तो हाथ जोड़ कर नमस्ते किया और उन्होने
एक कोने मे रखीदो चेयर्सऔर एक मेज़ की तरफइशाराकिया. आशना ने भी उनकी नमस्ते काजवाब
मुस्कुरा कर दिया औरफिर वोउस टेबल के पास रखी कुर्सी परबैठ गई. आशना पहलेभी कई बार यहाँ नाश्ता
कर चुकी है.उसने मेनू की तरफ देखा तो वहाँ लिखे "आलूके परान्ठे" पर नज़र पड़ते ही उसके चेहरे पर मुस्कान
आ गई और मन मे सोचने लगी "मिस्टर. वीरेंदर आपके लिएआलू के परान्ठे बनाने वाली का पर्मानेन्ट
समाधानहो गया है".पता नहीं क्यूँ लेकिन आशना ने आज आलू के परान्ठे ऑर्डर में दिए.
थोड़ीदेरबाद उसे काउंटर परखड़े एक इंसान की आवाज़ आई " चाचा आलू की परान्ठे मिलेंगे क्या"? यह
आवाज़ सुनते ही आशना का दिल धकधक कर उठा.यह आवाज़ तो उसने पहले सुनी है, उसने दिमाग़ पर
ज़ोर दिया तो उसे याद आयाकि यह आवाज़ तो वीरेंदर की है.आशना ने तेज़ी से उस आदमीकीतरफ देखातो
वहाँ कोई और ही खड़ा था.आशना को काफ़ी मायूषी हुई औरफिर अपने पर हँसी भीआई किवीरेंदर यहाँ कैसे
आ सकतेहैं और अगर यहाँआ भीगये तोवो यहाँ इस छोटे से होटेल मे खाना खानेथोड़े ही आएँगे.आशना ने
नाश्ता किया और अपने फ्लॅट की तरफ चलदी.अपने फ्लॅट की तरफ जाते हुएउसे मोनू की बात याद आ गई
किजो आदमी कलशाम कोपीछा कर रहा था वो सामने वाले होटेलमे ही ठहरा है.एक पल के लिएतो आशना
के कदम उसहोटेल की तरफ मूडगये लेकिनफिर कुछ सोच कर सड़क पार करके अपने फ्लॅट मे आ गई.
जब तक आशना जाने की तैयारी करतीहै, तबतकआइए आपकोफिर से एक दिन पहले देल्ही वापिसलेकर
चलतीहूँ.
प्लेस:देल्ही(बीना'स हॉस्पिटल)
दिन: जिस दिन आशना और वीरेंदरबॅंगलॉर के लिए रवानाहोने वाले थे.
सुबह होतेही बीना ने हॉस्पिटलकाएक राउंड लगाया औरपेशेंट्स कोदवाइयाँ वागेहरा लिख कर उनसे फ्रीहुई.
करीबबजे बीना ने इंटरकम पर रागिनीकोअपने कॅबिन मे आने कोकहा. रागिनीधड़कते दिलसे बीना
के कॅबिनमे आई.
बीना:सारी तैयारी हो गई.
रागिनी:जीमॅम. आपबताइए कब चलना है.

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बीना:लंच के बाद मुझे जूनियर डॉक्टर्स के साथ एक ज़रूरीमीटिंग करनी है.तुमकरीबबजे मुझे
कान्फरेन्सरूम के बाहरतैयार ही मिलना, वहीं से चले जाएँगे.
रागिनी:ओके मॅम.
रागिनी हॉस्पिटलके कॉंपाउंड के अंदर ही एक छोटे से रूममे रहती थी.रागिनी अपनी रुटीन के बाद अपने रूम
मे गई.आजरागिनीकाफ़ी खुशभी थी औरकाफ़ी डरीहुई भीथी. उसका से सपना रहा थाकि वो
किसी बड़े घर मे ब्याही जाए ताकि वो ज़िंदगी के सारे ऐश- ओ- आराम का मज़ाले सके.ऐसा नहीं था कि
रागिनी खुद एक ग़रीब परिवार से थी, उसका परिवार भी सुख सुविधाओं से संपन्न थापर एकराजपूताना लड़की
होकर उसपर काफ़ी पाबंदियाँ थी और जैसे जैसे वो जवानहोने लगी उसपर पाबंदियाँ बढ़ने लगी. देर रात तक
टीवीमत देखो,उँचीआवाज़ मे मत बोलो, ढंग के कपड़े पहनो. 18 बरस के होते हीउसे सिर्फ़ सलवार-सूट
पहनने का आदेश सुनादियागया था. उसकेभैयाऔर पिता जी ने सख़्त हिदायत दी थी किरागिनीजबतक
मैके मे है वोयही पहनेगी और किसीभी कमरे मे रात 9:00 बजेके बाद टीवी नहीं चलेगा. और भी नाजाने
कितनी पाबंदियों के बीच रागिनी अपने घर मे रह रहीथी. रागिनीहमेशा मन मे सोचती किभगवानमुझे आगे
जिस भीघर मे भेजोगे काशवहाँ यहसब ना करनापड़े. लंच करने के बादरागिनीने तैयारहोना शुरू किया.
करीबबजे तक वोलाइटयेल्लो कलरकाढीला सा सलवार सूटपहनकर औरहल्का सा मेकपकरके तैयार
हो गई थी.कच्चापीला रंग उसके गोरे रंगपर काफ़ी जच रहाथा. वोशीशे में अपने आपको कर हीशरमा
उठी थी.
करीबबजे तक वोहॉस्पिटल केकान्फरेन्स रूमके बाहर पहुँच चुकीथी. डॉक्टर.बीना कोई 5:45 तक
कान्फरेन्सरूम से बाहर निकलीऔर रागिनी को देखते हीरागिनी को अपने पीछे आने का इशारा किया.रागिनी
सर झुकाए बीना के पीछे चल दी और बाहर निकलते ही दोनो गाड़ी मे बैठ गई. बीना ने गाड़ी स्टार्टकी और
"शर्मा निवास" की ओरचल दी. करीब 6:10 मिनिट तक वो दोनो शर्मा निवासके मेन गेटके सामने पहुँची.
बीना नेगाड़ी से उतरते हुएमेनगेट खोला औरगाड़ी अंदर घुसा दी. गाड़ीकोएक साइड परपार्क करके वो
दोनोगाड़ी सेउतरीऔर रागिनी ने उतरते ही चारोतरफ नज़र दौड़ाईतो इतनी भव्यता देख करउसकी आँखें
फटी की फटीरह गई. रागिनीने अपने लिएजैसा ससुरालसोचा था तो उससे भीकईगुना ज़्यादा था.
बीना नेरागिनी की हालत ताड़ ली थी औरबोली.
बीना:रागिनी देखो तुम पर कोई ज़बरदस्ती नहीं है.अगर तुम्हे विराट अपनेके रूपमे ठीकनहीं लगेगा तो
तुम इनकार कर सकतीहो.
रागिनी:मॅम, मुझे पता है कि आपने मेरे लिएजिसे भी चुनाहोगा काफ़ी सोच समझ कर ही चुनाहोगा.

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बीना नेप्यारसे मुस्कुराते हुए उसके सिर पर हाथ फेराऔर बोली:बस एक बार विराट तुम्हे पसंदकर
ले तो जल्दहीतुमदोनो की शादीकरवा दूँगी.
शादी की बात सुनते हीरागिनी के गाललाल सुर्ख होगये और होंठों पर एक हल्की से शर्मीली हँसी आ गई.
बीना नेमेन दरवाज़े पर लगी चैन से नॉक कियाऔर बाहर लगे इंटरकम का रिसेवर उठा कर अपने कानसे
लगातेहुए कहा "मिस्टर. विराट डॉक्टर.बीना ईज़ हियर,आपसे आज सुबहही बात हुई थी". बीना "ओके"कह
कर रिसेवर रख दिया. रागिनीयह सब देख कर बहुत ज़्यादाहैरान इतनीसंपन्नता की उसने कभीउम्मीद
ही नहीं की थी.वो डॉक्टर. बीना का मन ही मन शुक्रियाअदा थी जिसने लिए इतनाबड़ा घर
चुना.थोड़ी देर के बाद बिहारी (विराट ) नेदरवाज़ा खोला.
विराट:आइए डॉक्टर. बीना, मैं तो भूलहीगया था किआप आनेवाली हैं.
बीना नेध्यान से बिहारीकीतरफ देखा. सामने खड़े इंसान को देख कर तो एक बार बीना भी हैरान हो गई.
सामने बिहारी बिल्कुलक्लीन शेवमे एक बहुत ही बढ़ियापॅंट कोट मे खड़ा था. उसके ब्लॅक लेदर जूते भी एक
दमचम चमा रहे थे. बिहारी के सफेद पड़ रहे बाल भीएक दमकाले नज़र आ रहे थे और उसके बालभी पहले
के मुक़ाबले काफ़ी छोटे छोटे लगरहे थे (बीना समझ गई किबिहारी ने अपनी एक बिज़्नेस मॅन इमेज बनाने के
लिए बाल कटवा दिएहैं). सबसे बड़ीबात उसने आज पहली बार बिहारीके को एक बहुत ही अच्छे तरीके
से किएहुए देखा.एक बारतो बीना भी उसे पहचान नहीं पाई. रागिनी तोबिहारी को पहलीनज़र मेदेख
कर ही खुश हो गई.इसड्रेसअप मैं बिहारीकोई 29- 30 साल कागबरू जवान लग रहा था. बदन तो उसका
पहले से ही घातीलाथातो आज सूट बूट मे उसका यहरूप तो वाकई रागिनी जैसी लड़की को इंप्रेस करने के
लिए काफ़ीथा.
विराट:अंदर आइए नाडॉक्टर. बीना.
बीना:हां हां,इनसे मिलिए,यह हैं मिस रागिनी, मेरे क्लिनिक मे सबसेहोनहार नर्स.
बिहारी ने रागिनी की तरफदेखाऔर फिर उसे हेलोबोला. रागिनीने भी हाथ जोड़ कर उन्हेनमस्कार कहा.
सब लोगहालमे रखे सोफा चेयर्स पर बैठ गये. रागिनीऔर बीना एक डबलसोफा पर बैठे औरबिहारी उनके
ठीक बिल्कुल सामने एक सोफे पर टाँग पर टाँग चढ़ा कर आरामसे बैठ गया.बिहारी हरकतें बीना को भी
अचम्बित कर रहीथी.

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बिहारी: क्यालेंगी आपडॉक्टर. बीना,कुछठंडाया गरम.
बीना:अरे तकलीफ़ की कोई बात नहीं है
बिहारी ; आपबताइए तो सही.
बीना नेरागिनी की तरफ देखा और पूछाकॉफी चलेगी.रागिनी ने हां मैं सिर हिलाया.रागिनी को शरमाता देख
बिहारी के लंड ने बवालमचा दियाथा. उसकालंड पॅंट फाड़ने को बेकरार था. बिहारी ने ज़िंदगी मे आज पहली
बार पॅंट पहनी थी.हालाँकियह ड्रेस उसपरकाफ़ीजच रही थी मगरवो इसमेकाफ़ीअनकंफर्टबलथा.
बीना(बिहारी की तरफ देखते हुए): आपबैठिए मैं कॉफीबनाकरलातीहूँ.
रागिनी ने बीना का हाथ पकड़ लिया और बोली किआपलोग बैठ करबातें कीजिए, मैं बनालातीहूँ.
बिहारी: चलिए हमआपको किचन के समानके बारे मे बताते हैं. रागिनी अकेले मे विराट से बात करने मे शरमा
रहीथी मगर इसबार तो वो फँसहीगई थी.
रागिनी:जी.
बिहारी अपनीसीट से उठाऔर किचन की ओर जाने लगातो बीना की नज़र उसकीपॅंट में फूले हुए लंड पर पड़ी
तो अनायास ही उसके मूह से निकला"कमीना".वैसे भी बंदर को जितने मर्ज़ी ज़ेवरो से लाद दो वो गुलाटी

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मारनानहीं छोड़ताठीक उसी तरह बिहारीचाहे जितनामर्ज़ी सभ्यदिखने की कोशिश करे लेकिन उसका लंड
उसकी औकात बता हीदेताहै.
बीना:विराट जी, रागिनी को किचन दिखा कर आप मेरे पासआईएगा, कुछ ज़रूरी बात करनी है.
बिहारी: जी डॉक्टर.बीना (मन मे तो उसके आयाथा"कुतिया तू मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी").
बिहारी ने रागिनी को किचन के बाहरछोड़ा और बीनाकापास आ गया.
बिहारी: बोलकुतिया क्याकामहै.
बीना:कुत्ते की तरह उसके आगे पीछे मत भाग,कच्ची कली है डर जाएगी.
बिहारी की आँखें यह सुनते हीचमक उठी.
बिहारी: तेरे मूह मे घी शक्कर,अगरयह सचमुच कच्चीकली निकली तो.
बीना:घी शक्कर कॉनमाँगता है ज़ालिमबस जल्दी से अपनालोड्ादे मेरे मूह मे.बिहारी ने पॅंट की ज़िप
खोली और अपना फनफनातालोड्ा बाहर निकालदिया.
बीना:साले तूने कच्चा नहीं पहनाक्या???

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बिहारी: पहले कभी पहना है क्या जो आजपहनूगा.
बीना:लगता है चिड़िया ने दानाचुगना शुरू करदियाहै और यह कहते हीउसने बिहारी का लंड गॅप से मूह मे ले
लिया.
बिहारी: उसे देख कर लगता तो मुझे भी यही है किमुझे रईस आदमी समझकर मेरी बीवी बनने कोयह चिड़िया
तैयारहै. माल तो तूने बहुत तगड़ाचुना है.इतनी छोटी उम्र मे हीजवानीइसपर भीआशना की तरह टूट कर
आई है.बीना ने अपने मूहसे उसके लंड को निकाला और उसे चूम करबोली तुझे साले आजकलआशना का भूत
सवार हो गया है.
बिहारी ने बीना के सिर पर हाथ रखकरअपना लंड उसके मूह मे डालने कीकोशिसकी तो बीना ने मना कर
दिया और बोली: आशना से ही करवाना यह सब.
बिहारी ने लंड पॅंट मेडालकरज़िप बंदकी और अपनीजगह पर बैठ गया.
बिहारी: तू साली आशना से इतना जलतीक्यूँ है.
बीना:जलन तो होगी ना,जिस लोड् को सबसे पहली बार मैने सुख दिया उसे चूत मे वो रांड़ लेगी.
बिहारी: तो तेरा भीतो नंबर. लगेगा.
बीना:यही सोच कर तो मन को मार के बैठीहूँ.
बिहारी: अच्छा उसे छोड़ लेकिनयह बताकि तू इसे यह कॉन सी ड्रेस मे लाई है.इतनी कूल है यह कि इसके
बदन के कटाव दिख ही नहीं रहे.
बीना:तीखी मिर्ची है साले यह.इसके जिस्म के कटावदेखेगा तोवहीं पर तेरे लंड से धारनिकल जाएगी.तेरा
बस चले तोतूइसे कपड़े पहनने ही नादे.
बिहारी: एकबार यह मेरेबिस्तर तक पहुँच जाएफिर देख इसके सारे कपड़े ही जलादूँगा.

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बीना:लड़की प्यारमे धोखा खाई हुई है लेकिन है एकदम कोरी और सबसे बड़ी बात इसे अपने जिस्मके कहर
का पताहै इसलिएहमेशा काफ़ी ढीले कपड़े पहनती है ताकि लोगों कीगंदी नज़रसे बचसके.
बिहारी: लेकिन कुछ तो ढंगका पहनाकरलातीइसे,इसके बदनकोयाद करके मूठ हीमारता आज रात.
बीना:मूठ मारे तेरादुश्मन.
मैं मर्ज़ की दवा हूँ.आती हूँ ना आज रात को तू चिंता क्यूँ करता है?
बिहारी: साली मेरी चिंता कर रही है याअपनी चूत के लिएजुगाड़?
बीना:कुछ भी समझ ले.
तभीउन्हे ट्रे के खनकने की आवाज़ आती है.
बीना:चिड़िया आने वाली है,अबचुप चापबैठ जा और जो कुछ सिखायाथा शुरू करदे.
थोड़ीदेरबाद रागिनी एकट्रेमे तीन कपकॉफी और कुछ स्नॅक्स लेकर आगई.उसनेएक कपबीना को और
एक कप बिहारी को दिया. दोनो को स्नॅक्ससर्व किए और अपना कप लेने के बादवो बीना के साथ ही बैठ
गई.
बिहारी: वाह कॉफी तो बहुत अच्छीबनी है.
बीना नेभी सिरहिलाकर हां मे हामी भारी. रागिनी अपनी तारीफसे मुस्कुरा दी.
बीना:मिस्टर.विराट, बताइए अबअपने क्या सोचा है.
बिहारी फिर से टाँग पर टाँग चढ़ाकर ऐसे बैठ गयाजैसे किवो किसी रियासत काराजकुमार हो औररागिनी को
उसके सामने बेचने के लिएपरोसा गयाहो.

141

बिहारी: देखिएडॉक्टर.बीनाऐसा है किहमाराबिज़्नेसइतना बड़ाहै कि हमे किसी नौकरीपेशालड़की की
ज़रूरत नहीं है और रही बात क्वालिफिकेशन की तो वो भीकोई मायने नहीं रखती मेरे लिए. मेरे लिए सबसे
ज़रूरीहै कि जो भीलड़की मुझ से शादी करके इस घर मे आए वो मेरा ख़याल रखे औरमुझे कभीकिसी
शिकायत का मोका नादे.रागिनी विराट के ख़यालो से काफ़ी प्रभावित हुई.
बीना:रागिनी एक बहुत ही अच्छीऔर सुलझी हुई लड़की है. हॉस्पिटलके सारे पेशेंट्सका यह ख़याल बड़ी
बखूबी रखतीहै, मुझे पूरायकीन है कि आपको कभी किसी शिकायत का मोका नहीं मिलेगा.
रागिनी शरम से सिर झुकाएउनकी बातें सुने जा रही थी.
बिहारी: एकबात और,शादीके बाद जब हम लोग कहीं बाहर जाएया कोई अटेंड करे तो मैं चाहता हूँ कि
यह हाइ स्टेटस के कपड़े पहने, मुझे ऐसे कपड़े बिल्कुलपसंद नहीं जोआपके शरीर को पूरी तरहढक दें.
बीना:बिहारी की चालाकी को एकदम ताड़ गई.
बीना:आप बिल्कुल भीचिंता मत करें, आपको कभी किसीशिकायत का मोकानही देगी यह. इतना कह कर
बीना नेरागिनी की तरफ देखा और पूछा: मैं ठीक कहरही हूँ ना बेटी.
रागिनी की तोजैसे साँसहीरुक गई यह सुनकर. उसने शरमाकर जवाब दिया: जी.
बीना:अरे भाई तुम भी तो कुछ कब से मैं हीबोले जारही हूँ. रागिनी की धड़कने एक दम तेज़ चलने लगी.
रागिनी ने बड़ी हिम्मत जुटाकर अपनाचेहरा बिहारी की तरफ किया और नज़रझुकाकरबोली: आपजो चाहेंगे
मैं करूँगी.

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बिहारी: तो ठीक है डॉक्टर. बीना,आप जल्दीसे कोई अच्छा सा मुहूरत देख लीजिए मे बारात लेकर.........इस
से कि बिहारीअपनी बात पूरी करता उसने चौंक करबीना से पूछा: लेकिन आपने इसे मेरे भाई वीरेंदर के
बारे मे तोबता हीदिया है ना.
बीना:जीवो.....वो मैं.....
बिहारी: नहीं बीना जी, जबतकहमरागिनी को सारासच नाबता दें, मैं यह शादी नहीं कर सकता,मैं नहीं
चाहता कि हमारी शादी किसी झूठ की बुनियाद पर हो.
बीना:जीवो मैं बताने ही वाली थी, मेरी कलरात ही इस से बात हुई है.सबकुछबता चुकी हूँ मगर.....
बिहारी: कोई बात नहीं बीना जी, मैं आपकी मदद किए देता हू.
बिहारी ने रागिनी की तरफदेखाऔर बोला:देखो रागिनी बात ऐसा है किवीरेंदर मेरा सौतेलाभाईहै (रागिनी ने
हां मे सिर हिलाकरजताया किउसे पता है), और वो नहीं चाहता कि मैं शादी करूँ क्यूंकी इस से उसे मुझे
प्रॉपर्टीकादेना पड़ेगा.
बीना:लेकिनआपनेतोमुझे यही बताया था कि वीरेंदर ने आपके सामने शर्त रखी है किआपकी शादीहोने के
बादवो आपकोप्रॉपर्टी दे देगा.
बिहारी: बीना जी,आप ही बताइए किअपने घर की बात सड़क तक पहुँच जाएतो किसे अच्छा लगता है.
दरअसल बात यह है किवीरेंदर नेपहले भी मेरी शादी मे काफ़ी रुकावटें डाली.खुद तो शादीकीनहीं मुझे भी
शादी नहींकरने दी. हरबारकोई ना कोई पचड़ा खड़ा करदेताहै. यहतोगनीमत कि आज वो घर पर नहीं है
नहीं तो अब तक वो आपको भी रवाना कर चुका होता.
बीना:माइगॉड.
बिहारी: देखिएबीना जी, मैं रागिन सेशादी तो कर लेता हूँ लेकिन बात का ध्यान रखना होगा किवीरेंदर को
तीनमहीने तकइसबात कापता ना लगे,उसके बाद तो क़ानून भीहमे जुदा नहीं कर सकेगा.
बीना:तो तीन महीने रागिनी कहाँ रहेगी.

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बिहारी: कहीं और क्यूँ रहेगी??? मेरी बीवी मेरे हीघर मे रहेगी मगरतीन महीने इसे घर के पीछे बने सर्वेंट
क्वॉर्टर्समे रहनाहोगा और जबतकवीरेंदर घरमे होइसे वहाँ से बाहरनहीं निकलना होगा.
बीना:यह आपक्या कह ......बीना अपना सेंटेन्सपूरा करती इस बीच रागिनी बोल पड़ी:मुझे मंज़ूर है.
बिहारी और बीना दोनो हैरानी से रागिनी को देखते रहे.
थोड़ीदेरके लिएहॉल मे खामोशी छाई रही फिर बीनाही बोली:तो ठीक है कल ही आप चुपके कोर्टमॅरेज
कर लीजिए.
बिहारी और रागिनी दोनो एक साथ बोले:कल !!!!!!.
रागिनी इस लिए बोली क्यूंकी उसे लगाकि काफ़ी जल्दी है और बिहारीइसलिएबोला किउसने तो सोचा था
किआज हीइसकाली को मसलेगा.
बीना(रागिनीकीतरफ देखते हुए):हां कल,वीरेंदरकेआने से पहलेआपकी शादी हो जानी चाहिए.
रागिनी को असमंजसमे देखते हुए बीना बोली, डॉन'ट वरी सबतैयारियाँ जाएँगी.
बिहारी: डॉक्टर., रागिनीकोआप बस हमे दोकपड़ों मे सौंप दीजिए(बाकीकेवैसे भी इसे पहनने नहीं दूँगा).
रागिनी जैसी लड़कीकोपत्नीके रूप मे पाकर मैं अपने आपकोबहुत खुशनसीब समझूंगा.
रागिनी बिहारी की इस बात से एक दमशरमा गई.
बीना:अच्छा तो अबहमचलते हैं कलसुबह कोर्टमे ही मिलेंगे ठीक 10: 00 बजे.
बिहारी उन्हे बाहर गेट तक छोड़ने आया.बीना बिहारीकीआक्टिंग कीदाद मन हीमन रही थी.जैसे ही बीना
ने गाड़ीआगे बड़ाईतोबिहारीने झट से गेट बंद कियाऔर तेज़ी से के अंदरआकर अपने कपड़े उतारफेंके.

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बिहारी: सालेयह कपड़े लोग कैसे पहनते हैं. बिहारी ने देखाबजने वाले थे उसने फॉरनअपने कमरे मे
जाकर अपना पाजामा कुर्तापहनाऔर अपने लिएखानागर्मकरने लगा. खाने से पहले उसनो दो पेगलगाए
और फिर खानाखाकर आरामकरनेलगा. रागिनीकाचेहरा बार बार उसकी आँखों के आगेघूमरहा था.उसका
लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.

बिहारी(अपने लंड पर हाथ फेरते हुए): बसआज की रात उस बीना की चूत मे है,कल सेतेरे लिए नयी चूत
का इंतज़ाम हो जाएगा. बिहारीने देखा किबजने कोआए मगरबीना अभी तक नही पहुँची.बिहारीने
अपनामोबाइल निकाला और उसे ऑनकरके बीनाकानंबर.डाइयलकर दिया. बीनाने फोन उठाया.
बिहारी: साली क्यूँ नखरे कर रही है,अबआ भी जा.
बीना:साले तेरी ही दुल्हनके साथ बिज़ी हूँ.अभी अभीहॉस्पिटल पहुँचीहूँ उसे ब्यूटीपार्लर छोड़कर. अब फिर
उसे लेने जानाहै.
बिहारी(खुस होते हुए): देख एकदमचिकनी होनी चाहिए,एक भीबाल उसके गले से नीचे नहीं होना चाहिए.
बीना:तू चिंता नाकर, एक दम झक्कास मालबनाकर लाउन्गी उसे.उसे देखते ही तेरापानी नहीं निकला तो
मेरा नामबदल देना.
बिहारी: वो तो कलदेख कर हीपता लगेगा.अच्छातूबता कब तक आएगी??
बीना:शायदही आ पाऊ,तेरी चिड़ियामेरापीछा ही नहीं छोड़ रही.एक काम कर, तू भी सोजाऔर अपने लोड्
को भी सुला दे, कल एक कच्चीकली को मसल्ने के लिए दोनो का आरामकरनाबहुत ज़रूरीहै.
बिहारी: चल ठीक है, लेकिन समझ ले किचिड़िया एक दममस्त लगनी चाहिए औरउसे समझा देनाकि बिस्तर
परज़्यादा ना-नुकर ना करे.

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बीना:सब समझा दूँगीरज्जा, कलतुझे लगेगाकि तू मुझे ही चोद रहा हैबससील पॅक चूत के साथ.
बिहारी: अगर ऐसा हुआतोमैं तुझे वीरेंदर का लोड्ा लेने की इजाज़त दे दूँगा वो भी बिनाकिसीशर्तके.
बीना:सच!!लेकिन अगरतू बदलगयाऔर फिरसे आशना को वीरेंदर से पहले चोदने की शर्त रखी तो??
बिहारी: साली कलकोर्ट से एक स्टंपपेपरले लेना,रागिनी की चूत के खून से अपना वादा लिख दूँगा.
बीना:मुझे तुझ परयकीन है मेरे रज्जा तू बसकलकी तैयारी कर और अब थोड़ाआराम कर ले.
बिहारी: चल तू भी मेरी दुल्हन को सफाचटकरके रख मैं भीअपने लोड् का मुंडन कर लेताहूँ.
बीना:आजतोबड़ायाद आ रहाहै लोड् केबाल साफ करने का, मेरे लिए तो कभी किएही नहीं.
बिहारी: तेरे लिएइतने दमदार लोड् काअरेंज्मेंट कियाहै, खुद ही साफ कर लेना उसे अपने लिए.
बीना:उसके लोड् कोतो अब मैंछोड़ूँगीही नहीं, अच्छा चलबाइ और पर रेज़र मत चलाना, हेयर रिमूवर
क्रीम लगा लेना.
फोन रखकरबिहारी अपने लोड् कोसाफ करने चला गया.
जब तक बिहारीअपने बालसाफ करता है,आइए हमचलतेहैं ब्यूटी पार्लर की तरफ जहाँ बीना ने रागिनी को
छोड़ा है. रागिनी को अंदर गये करीबघंटे होचुके हैं और बीना को भी हॉस्पिटल से आए 15 मिनिट से
उपर हो चुके हैं. जैसे ही रागिनी बाहर आई,बीना उसे देख कर एक दंग रह गई.कहाँ वो साधारण सामेकप
करने वालीलड़की और कहाँ यह हाइ क्लासमॉडेल सी लगने वाली लड़की. रागिनी, बीना को इस तरह देख कर
शरमा दी.
बीना:शरमाने से काम नहीं चलेगारागिनी, आज से मैं तुम्हारीदोस्त हूँ.तुमबिनाझीजकऔर बिना किसी
शरमके मुझे कुछ भी पूछ सकतीहो याकुछ भी शेयर कर सकती हो. रागिनी का गोरा रंग और सॉफ हो गया
था.उसका कंप्लीट बॉडीप्रोफाइलकर दिया गया था. गले से नीचे किसी भी हिस्से मे बालनहीं बचे थे.रागिनी

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को यह सिल्की एहसास बहुत ही रोमांचितकररहा था.दोनो गाड़ी मे बैठकरडॉक्टर. बीना के क्वॉर्टर्समे आ
गये जो किहॉस्पिटलके पासही था.
बीना:रागिनी तुमथोड़ी देर आरामकर लो, कल सुबह जल्दी उठना है. सुबह 6:00 बजे मेहंदी लगवाने और तैयार
होने फिर से जाना है उसी ब्यूटीपार्लर मे. रागिनीकीआँखों से आँसू छलक पड़े. बीना ने उसकी आँखों मैं आँसू
देखे तो उसे गले से लगालिया औरप्यार से उसके सिरपर हाथ फेरते हुए कहा " रोमत मेरी बच्ची, आज से
मैं तेरी माँ,तेरा पिता औरतेरी दोस्त हूँ". बाकीसबभूल जाऔर एक नई ज़िंदगीकीशुरुआत कर. रागिनी
घुट घुट कर रो रही थी तोबीना ने उसे छेड़ते हुएकहा "थोड़े आँसू बचा कर रख अपनी सुहागरात के लिए, वहाँ
काम आएँगे". इतनासुनतेही रागिनी के आँसू तो थमगये मगर उसके गाललाल सुर्ख हो गये.

बीना:देख ज़्यादारोनानही और विराट का पूरा साथ देना. रागिनीशरम से दोहरी होतीजारही थी.
बीना:अरे अबशरमाना छोड़ कलदोपहर बाद तू भी बेशर्मो की गिनती मेआजाएगी. बसएक बार विराट बाबू
खुशहो जाएँ फिर देख तू अपनी किस्मत पर कितना खुशहोगी.
रागिनी:मैं उन्हें दुनिया का हर सुख दूँगी.
बीना:देख रागिनी, मेरा तजुर्बाकहता है किमर्द की हर बात मानो तो अपने आप हीआपका गुलामबन
जाएगा इसलिएतूविराट बाबू कीकिसी भीबात को टालना मत और होसके तो जितनी बेशर्मी दिखा सके तो
दिखादेना आख़िर वो भी तो इतने सालों से तड़प रहे होंगे औरत के बदन लिए.

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रागिनी:लेकिन मैने सुनाहै किपहली बार मे काफ़ी तकलीफ़ होती है तो मैं कैसे बर्दाश्त.......और इतना कहते
ही वो चुप होगई.
बीना:अरे दर्दतोहोगा ही ना जब इतनाबड़ाअंदर जाएगातो. बीना इतना कहाही था के रागिनी ने अपने
हाथ अपने चेहरे पररख लिए.
बीना:तू सोच रही होगी ना किमैं कितनीगंदी हूँ लेकिनदेख लेना कल के बाद तू भीऐसे ही बोलेगी औरतब
तुझे लगेगा कियह सबतो नॅचुरल सीबातें हैं.मुझसे शरमा मत और मुझे अपनी समझ, देख मर्द का
लिंग जब पहली बार अंदर जाता है ना तो काफ़ी दर्द होताहै पर औरत काफ़र्ज़ है उसदर्द को पी जाए
और फिर उसके बादतोजन्नत ही जन्नत है. वैसे भी विराट बाबू काफ़ी सेहतमंद इंसान हैं, तुझे तो बिस्तरमे
काफ़ी खुश रखेंगे. बीना के मूह से ऐसी बातें बार सुनने से रागिनी की शर्मजाती रही और धीरे धीरे वो फिर से
नॉर्मल हो गई.
रागिनी:डॉक्टर.,क्या मैं आपको दीदी बुला सकती हूँ आज से.
बीना:हां, हां क्यूँ नही.
रागिनी:दीदी, मुझे तो कुछभी नहीं पताकि कब, कैसे, क्या करना है तो फिरअगरविराट जीनाराज़हो गये
या अच्छा नहीं लगातो मैं क्याकरूँगी??
बीना नेप्यारसे उसके चेहरे पर हाथ फेरा और बोली: देख............. और फिर उसे वो सारे कामसमझादिए जो
किएक मर्द को बिस्तरतकखींच लाते हैं. रागिनी बड़ी हैरानी औरशरम के भाव लिए उसकीहर एक बात को
अपने दिमाग़ मे बिठा रहीथी.
सब समझाने के बाद बीना बोली,बस इतना काफ़ी है मुझे बिल्कुल बेशरमबना के ही छोड़ेगीयह लड़की, बाकी
सब तो तुझे विराट बाबू सीखा हीदेंगे.
रागिनी:दीदी बाकी सब तोठीक है लेकिन मूहमे लेने वाली बात मुझे बड़ी गंदी लगी.

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बीना:अरे मर्द पर काबू पाना हैतोउसके लिंग कोमूह मे काबू करनाबहुत ज़रूरीहै. विराटबाबूखानदानीरईस
हैं तो यह शौक तो वो ज़रूर हीरखते होंगे, इसलिए मेरी बात मान औरयह सोच करचलकिबिसतर परकुछ
गंदा नहींहोता.तूने बस एक बात दिलमे बाँध कर जानाहै किमहीने तकविराट बाबू कापीछे नहीं छोड़ना,
जब भी मोका मिले टाँगे खोल कर लेटजाना ताकिमहीनो मे वो तेरे इतने गुलाम हो जाएँ किजब 3 महीने
के बाद जब विराट वीरेंदर को तेरे बारे मे बताएँ तो वो किसी भी कीमत पर तेरा ही साथदे.रागिनी, बीनाकीहर
बात बड़े दिल से सुनकर उसेदिलमे बिठा रहीथी.
बीना:अच्छा चल अबसोजाऔर मुझे भी सोनेदे,सुबह जल्दी उठना है.
सुबह 6:30 बजे तकदोनो नहाधो कर फिर से ब्यूटीपार्लर पहुँच गये थे. शादियों कासीज़न था, ब्यूटीपार्लर
मे 24 घंटे भीड़ रहतीथी. रागिनीकोअंदर भेजने के बाद बीना ने हॉस्पिटल जाकर एक राउंड लिया और पेशेंट्स
के चेकपके बाद चार्जजूनियर डॉक्टर्सको देकर फिर से ब्यूटीपार्लर आकरीबपरवो वेटिंग
मे बैठ गई और रागिनीकाइंतज़ार करने लगी. 9:55 पर रागिनीरूमसे बाहर निकली तो बीनाउसे देखते
ही दंग रह गई.रागिनी के चेहरे परजोनिखार आयाथा वो देखते हीबनता था. उसके हाथों मे मेहंदी का रंग भी
काफ़ी निखर कर आया था. लाल चुड़े और पर्पल लहंगा-चोली मे उसका गोरा बदन एकदम उसे अप्सरा का रूप
दे रहाथा. बीना ने अपने काजलसे उसके कान के पीछे टीकालगाया धीरे से उसके कान मे बोली: "आज तो
विराट गये काम से". उसकी बात सुनकर रागिनीने अपने लाल सुर्ख लिपस्टिकवाले खोले और बोली: दीदी
बस कीजिएना प्लीज़, कुछ होताहै.
बीना:आजतोबहुत कुछ होने वाला है तेरे साथ, यहतो कुछभी नहीं.
रागिनी,बीना की इस बात से शरमा गई.
बीना:माइ गॉड, लेटहोगये, जल्दी चलो.
कहीं दूल्हे राजा हमाराइंतज़ार करते करते बेहोशना हो जाएँ. दोनोगाड़ी मेबैठे और गाड़ीतेज़ीसे कोर्ट
कॉंप्लेक्सकी तरफचल पड़ी.ऑफीस टाइमिंग पर सड़को मे काफ़ी ज़्यादा ट्रॅफिक और जगह जगह ट्रॅफिक
सिग्नल होने के कारणकोर्ट पहुँचते पहुँचते उन्हें 11:00 बज गये.
बिहारी, बाहर हीउनकावेट कर रह था.
बीना:विराट जी आप बाहर क्यूँ खड़े हैं??

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बिहारी: कोर्ट मे काफ़ी लोगमेरी जानपहचानवाले हैं तो इस लिए टॅक्सीमे आया हूँ ताकिलोग मुझे देख कर
पहचान नालें, मैं नहीं चाहता किकिसीकोइसशादी के बारे मे पता लगे.
बीना:यह तो अपने बहुत हीअच्छा किया, मेरे तो दिमाग़ से ही निकलगयाकि इतनीबड़ी हस्ती को तो
लाखों लोग जानते होंगे. आइए बैठिए हमारे साथ.
बिहारी पीछे का दरवाज़ा खोलकरपीछे बैठगया. बिहारी ने आज फिरसे एकपॅंट कोटडालाथामगर आज उसने
एक फ्रेंचिए भी डाल रखी थी जिससे उसका लंड इधर उधर भटकने की बजाए एक हीजगह सांस ले रहा था.
बिहारी ने रागिनी को देखातोउसके मूहमे लार टपक गई. इतनी हसीन लड़कीकुछ हीदेरमे उसके बिस्तर पर
नंगी लेटी होगी औरवो जी भर के उसकी चूत का रस्पान करने के बादउस पर अपने लोड् सबसे मुहर
लगाएगा.
बीना नेबिहारी को रागिनीकीतरफ देखते हुए देखा तो मुस्कुरा कर सब्र रखिए विराट जी, आपकीही है,
बस एक बार कोर्ट की मुहर लगजाएफिर घरले जाके जी भर कर देख लीजिएगा.
बीना के ऐसा कहने से बिहारीकेचेहरे पर कमीनीमुस्कान आ गई और रागिनीने शरमके मारे नज़रें नीचे कर
ली. करीबआधे घंटे मे बिहारी औररागिनी क़ानूनकीनज़र मे पतिपत्नी बन गये थे.
कोर्ट से बाहरनिकलते ही बीना नेकहा: विराटजी आपको तो रागिनी के पुराने कपड़े पसंदनहीं होंगे तो क्यूँ ना
पहले इस के लिए आपअपनी मर्ज़ी की कुछ शॉपिंग कर लें.
बिहारी: लेकिन,मैं कैसे.?????
बीना:अरे घबराते क्यूँ हैं, मैं चलूंगी नाआपके साथ और रागिनी को हमगाड़ी मे ही छोड़ देंगे ताकि आप अपनी
मर्ज़ी से इसके लिए ड्रेसस खरीद सकें.गाड़ी को मालके बाहर खड़ाकरके वो दोनोरागिनी को गाड़ी मे बिठाकर
मालमे चले गये.
जब तक ये लोग शॉपिंग करते हैं,आइए बॅंगलॉरकाहाल भी जानलेते हैं.
आशना के अपने फ्लॅटमे जाने के बाद ज़्यादा कुछख़ासनहीं हुआ बस वोअपने सिम के बारे मे सोचतीहुई
अटकलें लगाएजा रहीथीलेकिन किसी भीनतीजे परनहीं पहुँच पा रही थी.जबवो देल्ही जाने के लिएयहाँ से

150
निकली थीतोएरपोर्ट से उसने प्रिया को अपने जाने कीखबर कर दी थी और उसे यहभी कहाकि वोवहाँ
पहुँचते ही उसे खबर कर देगी. लेकिन वहाँ पहुँचने के बाद तो वीरेंदर की हालत देख करउसका क्या हालहुआ वो
तो आपसबजानते ही हैं.
अब आपकेदिमाग़ मे शायद यह सवाल ना आया हो लेकिन मेरा फर्ज़ है कि आपके दिमाग़ में एकसवालपैदा
करूँ और फिर आपको उसका जवाबदूं.तो सवाल यह है कि " आशना वीरेंदर के बारे मे खबर किसने
दी".सवाल सुनकर चौंक गये ना?दाददेती हूँ आपके तेज़ दिमाग़ की,कहानी को ससपेन्स, एरॉटिका,मस्त और
पतानहीं क्या-क्या खिताब दे डाले मगरदिमाग़ लगा कर इस सवालको नहीं सोच पाए. चलिए कोई बात नहीं
अब सवाल पता ही गयाहै तो आपकीआत्मा के कीड़े आपको उसका जवाब जानने केलिए भीउकसा रहे
होंगे. तोसुनिए इसका जवाब.
इसकाजवाबसीधा सीधा आपको बतादूं तोइतनी बड़ी कहानीलिखने का क्या फ़ायदा, चलिए मैं आपको थोड़ा
फ्लॅशबॅक मे लिए चलतीहूँ.

डेट:15-08-2012
ज़्यादा मत सोचिए,आपको शायद याद नहीं होगामगर आशना वो दिन कभी भूलनहीं सकती.उस दिन आशना
की छुट्टीथी, रात कोही ड्यूटीदेकर आई थी तो सुबह उठने मे आलस कर रहीथी. प्रिया सुबह सुबह ही
निकलगई थी आज उसकी फ्लाइट दोपहरकीथी. हमेशाकीतरह पहले वो अपने बॉय फ्रेंड से मिलने गई
फिरउसके बाद ड्यूटीकरने. कोई 12:00-12:30 का टाइम था जब आशना का मोबाइलबजा "ज़रा-ज़रा टच मी
टच मी....................." आशना ने मोबाइलस्क्रीन पर नंबर. देखा "त्रिवेणी" (जी हां यह त्रिवेणी कोईऔर नहीं,
शी ईज़ त्रिवेणी राजपूत, यह नाम इसनाचीज़ का है जो यहस्टोरीआप तक पहुँचारही है).
आशना ने एक दम फोन उठाया और इस से पहले के त्रिवेणी कुछ बोलती, आशना ने पहले बोलदिया "हॅपी
इनडिपेंडेन्सडेत्रिवेणी".
त्रिवेणी: सेमटू यू मेरी जान,और बता क्या कर रही है?
आशना : सो रही थी यार,तूने सारा मज़ाखराबकरदिया,नाइट शिफ्ट थी तो काफ़ी थक गई थी.

151
त्रिवेणी: मैंभी तो अभी अभीउठीहूँ यार, रात कोदेरतक विजय (माइ बाय्फ्रेंड आंड सूनटू बी हब्बी) से चॅट
होतीरही तोकाफ़ीदेरसे सोई. आजछुट्टी थी तो खूबनींद की.
आशना:विजय के साथ अब तक तेरा अफेयरहै क्या??
त्रिवेणी: हां यार,लगता है अब उस से हीशादी करनी पड़ेगी और यह कह कर हीत्रिवेणी हंस दी.
आशना:बेचारा, जानतानहीं क्याकरने जा रहाहै वो.
त्रिवेणी: रहने दे रहने दे, मुझ से अच्छी लड़की उसे मिल भी नहीं सकतीऔर उससे अच्छालड़का मुझे.
आशना:वो तो है, तुम दोनो तो बने हे एक दूसरे के लिए हो. और सुना,कॉलेज कैसाचलरहाहै.बहुत याद आते
हैं कॉलेजके वो दिन.
त्रिवेणी: मुझे भी तेरे साथ बिताएवो दिन नहींभूलते, चाहे तू कुछ ही दिनके लिएकॉलेज आई हो मगर तू मेरी
ज़िंदगी भर की दोस्त बन गई.
आशना:क्या करती यार, कॉलेज मे अड्मिशन लेना तो बस एक मजबूरी थीकि जब तक मंज़िलनामिलजाए
तो तबतकयही सही लेकिन यादहै तेरे बर्त'डे वाले दिन अगर मुझे तेरी मोमने सपोर्ट नहीं किया होता तो मैं
कभीफ्रांकफिंन जाय्नही नहीं करती. उन्होने हीतो हिम्मतदेकर मुझे जाय्न करने कोबोला और आजमैं
अकहूँ.
त्रिवेणी: वोतो है, आख़िर मोम किसकी है.
आशना:अच्छा मोम कैसी है??
त्रिवेणी: मोमठीकहैं और पापा भी.
आशना से बात करते करते त्रिवेणी बोली:अच्छा सुन तूने एक बारबतायाथाकि"शर्मा एलेक्ट्रॉनिक'स
वर्ल्ड" शोरुम तेरे भैया का है.

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आशना:हां, क्यूँ अबवहाँ भी धक्का मारने का इरादा है क्या.
त्रिवेणी: आशना तेरे लिएएक बुरी खबरहै, अभी कुछदेर पहले मेरे रूम मे (त्रिवेणी उस वक्त डीयू एक
हॉस्टिल मे रहती थी) एकलड़की आईथीऔर बोलरही थी कि वीरेंदर शर्मा नाम के बिजिनिसमॅन जिनका
"शर्मा एलेक्ट्रॉनिक'स वर्ल्ड" है उन्हे हार्ट अटॅक आयाहै और वोकाफ़ीसीरीयस हैं.
इतनासुनते ही आशना के हाथ पाँव ठंडे पड़ गये. आशना एक दम बौखला गई.हालाँकिवो वीरेंदरसे काफ़ी
नफ़रत करती थीमगर दिल के किसी कोने मे वो यहभी मानतीथी किआज वोजोकुछ भी है उसका सारा
क्रेडिट वीरेंदर को ही जाता है.उसने कभी उसे पैसो की कोईकमी नही होने और उसके किसी भी फ़ैसले मे
कोई धखल नहीं दिया. वीरेंदर ने चुप रहकर ही सहीलेकिन अपना हर फ़र्ज़ अदा है.
आशना:त्रिवेणी मैं देल्ही आरही हूँ,क्या तू मुझे पता करके बतासकती है कि भैयाकिस मे हैं.
आशना ने जल्दी से अपना कुछ समान , पासपोर्ट,डी/एल, एटीम कार्ड्स एक हॅंडबॅग मे डाले और अपने फ्लॅट
से दी. रास्ते मे उसने प्रिया को फोन किया औरउसे बताया किवो कुछदिनो के लिए देल्ही जा रहीहै
किसी काम से,वहाँ पहुँचते ही उसेफोन करेगी. एयिर्हसटेस्सहोने के कारण उसे टिकेट मे भी प्राब्लम
नहीं हुई और वो शामतक देल्हीपहुँच चुकी थी.देल्ही पहुँच करउसने त्रिवेणी को फोन किया तो त्रिवेणी ने
उसे हॉस्पिटलका पता दिया और बताया कि हॉस्टिलसे पार्मिशननहीं मिली वरना वो उसे खुद लेने वहाँ आ
जाती.

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आशना:त्रिवेणी मेरे लिए जो तुमने किया है उतना हीकाफ़ी है, तुम्हारा यह एहसान मैं ज़िंदगी भर नहीं भूलूंगी.
मैं वहाँ पहुँच के फोन करतीहूँ.
हॉस्पिटलपहुँचआशनाकोतो कोई होशही नहीं रहाजब उसने वीरेंदर की हालत को देखा.
त्रिवेणीने उसे रात कोकाफ़ी बारफोन ट्राइ किया लेकिन उसकाफोन स्विच ऑफ था (शायदतबतकउसका
सिम निकाला जा चुका था या फिर उस वक्त आशना के सेल की बॅटरी डेड थी).रत को करीब 1:00 बजे
त्रिवेणीकोघर फोन आया किउसकेपापा एक कार आक्सिडेंट मे ज़ख़्मी होगये हैं तो वोतुरंत अपने होम
टाउन के लिए रवानाहो गई. जबतकत्रिवेणी वापिस देल्हीआती आशना एकबहुत ही बड़ी साजिश मे फस
चुकी थी.हॉस्पिटल आकर उसे यही पता लगा किवीरेंदर डिसचार्ज चलागया है और आशनाभी दो दिन
के बाद चली गई थी थी.त्रिवेणी नेकई बार आशनाकोफ़ोन मिलाया लेकिन हरबार फोन स्विचऑफही
आया. उसवक्त त्रिवेणी ने भी इस बात पर ज़्यादा गोरनहीं किया आख़िर वोभी अपनी फॅमिलीकोलेके
चिंतित थी, उसकेफादरकोहाथ और टाँग मे फ्रॅक्चरहो गया था.
तो आइए अब आते हैं फिर से प्रेज़ेंट में,
यानी किआशना के फ्लॅटके बिल्कुल सामने जहाँ वीरेंदरने रूम किराएपर था लेकिन यह क्या वीरेंदर तो
गहरी नींद मे है.अब उसे डिस्टर्ब करना अच्छी बात तो नहीं होगी तो चलते हैं आशना के फ्लॅट में.
अरे यह क्याआशना भीसोरही है,आख़िरदोनो रात भरजागे हैं. शामकरीब 5:00 बजे आशना के फ्लॅट का
डोरनॉक हुआ.आशना ने हडबडा कर उठते हुएडोर खोला औरप्रिया को देख कर बोली: बड़ी जल्दी आ गई तू,
प्रोग्राम कॅन्सल हो गयाक्या???
प्रिया: मेडमबज रहे हैं शाम केऔर तुम्हारे जीजू कोई टार्ज़ॅन तो नही.
आशना:क्या 5:00 बज गये????शिट मेरीफ्लाइट मिस हो गई.
प्रिया: मेडमफ्लाइट मिसहो गई तो क्या हुआ, कलदूसरी फ्लाइट से चलीजाना.
आशना:नहीं यार मेरा आज ही जाना बहुत ज़रूरी था.

154
प्रिया: ओह हो इतना उतावलापन,मेडम हमेभी एक बार अपने उन से ज़रूरमिलवाना.अच्छा चल फ्रेशहोजा
फिरचाइ पीने मोनू के होटेलपर ही चलते हैं. थोड़ा घूम भी लेंगे और कुछ बातें भी कर लेंगे.आशना को चैन
नहीं आ रहाथा. उसेवीरेंदर की काफ़ीचिंता होरही थी.उसे मालूम था किवीरेंदर उस से नाराज़ होगा और पता
नहीं कितनापरेशान होगाउस के लिए.एक बारउसके मनमे ख़यालआया किडॉक्टर.बीना को फोन करके
वीरेंदर का नंबर. ले लिया जाए, कमसे कमवीरेंदर की खबर तो हो जाएऔर उसे ग़लतफ़हमियाँ बता सके
लेकिन फिरउसने सोचा किवीरेंदर के सामने जाके ही अब वोसारी ग़लतफेहमियाँ दूरकरेगी. आख़िर कोई ना
कोई राज़ तोहै ही उसके सिम चोरीहोने मे.

अचानक आशना को ध्यान आयाअपने डॉक्युमेंट्स,अपने पासपोर्ट, डी/एल, कार्ड के बारे मेतोउसने
झट से अपना बॅग खोला लेकिन उन्हेवो हॅंडबॅग मे नापाकर उसके पैरों तले से ज़मीन निकलगई. उसे समझ मे
नहीं आ रहाथाकिआख़िर वोबॅग गया कहाँ.उसने याद से उसहॅंडबॅग कोबॅग में संभालकर रखाथा. उसी बॅग
मे सारी आइडेंटिटीसथी. आशना का सिरघूमने लगा,उसे चक्करआने लगा और वो धडामसे बिस्तर पर
गिरगई.प्रियाजबबाथरूम से बाहरनिकली तो उसने देखाकि आशना फिरसे सो रहीहै.
प्रिया: कितना सोती है यह लड़की.आशनाइतनी आलसी कब से हो गई.
प्रिया: आशना उठो औरफ्रेशहोजाओ, यार बहुत भूख लगीहै. जल्दी से तैयारहो जा फिर कुछ खा लेते हैं.
आशना को कोई होशहीनहीं था. प्रियाने आशना को झिन्झोड कर जगायातो आशना हड़बड़ा कर उठ गई,
उसके सिर मे तेज़ दर्दहो रहा
प्रियाने आशना की आँखों मे देखा तो घबराकरबोली: आशना, आर यू ओके?
आशना:प्रिया मेरी तबीयत ठीक नहीं है,तुम चलीजाओ, मैं आराम करना चाहती हूँ.
प्रिया: क्या हुआ तेरी तबीयत को, जबसे आई है तूकुछ बदली बदली सी लग रहीहै. यार टेन्षन मत ले,
देल्हीजाकर उससे बात कर लेना सब ठीक होजाएगा.

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आशना:पता नहीं यारमेरेसाथ क्याहो रहाहै.
प्रिया: ऐसा क्याहो गया अब?
आशना:पहले मेरासिमबदल दिया गया औरअबमेरीसारी आइडेंटिटीसजो कि एक बॅग मे थी, वोखो गई हैं.
प्रिया: परेशान मत होहोसकता है तुम उन्हे देल्ही मे अपने कमरे मे भूल आई हो.
आशना:हो सकता है लेकिनमुझे याद नहीं आताकि मैने वो बॅगकहीं रखा हो कर.
प्रिया: जितना सोचेगीउतनी परेशानीहोगी.अबचलउठ और बाहर चल मेरेतेरा मन भीहल्का हो
जाएगा और मैं तेरी सुबह की ही बुकिंग करवा दूँगी,तू सुबह ही निकलजाना, परेशान होने से तेरीसेहत भी
बिगड़ सकती है.
आशना का मन बाहर जाने को बिल्कुल नहीं था लेकिन वोयह सोच करउठ कि अबक्या पता प्रिया से
कब मिलना हो.
कोई 6:00-6:15 बजे के करीबवोदोनो मोनू के होटेल मे बैठी थी.प्रिया:आज मोनू नहीं दिख रहा कहीं पर,
तभीमोनू की आवाज़ आई " मैं यहाँ हूँ प्रियादी, आशना दी.
प्रियाऔर आशना दोनो ने आवाज़ की तरफ देखा तो मोनू उन के लिए चाइ और स्नॅक्सलेकर आ रहाथा.
मोनू ने उन्हे स्नॅक औरचाइ दी और बोला: आशना दी,आप चाइपीजिए मैं तबतक आपके सामने वाले होटेल
के ग्राउंडफ्लॉर पर जो बाबू जी रुके हैं, उनसे खाने का पूछ कर आताहूँ, बाबाबोल रहे थे किबाबू जी ना तो
सुबह ब्रेकफास्ट के लिए आएथे और नाही दोपहरकोलंच के लिए.
प्रियाने आशना की तरफ सवालिया नज़रो से देखा, जैसे पूछ रहीहो "कॉन है वो".
आशना:पता नहीं, सुबह मोनूने ही बताया थाकि कोई हमारा पीछा करता हुआयहाँ तक आ गया थाऔर हमारे
फ्लॅट के सामने होटेलमे ही ग्राउंड फ्लोर पर रूम लेकर रहरहा है.मोनू बतारहा था कि रात को काफ़ी
देर तक खिड़की के पासबैठ कर हमारे फ्लॅट की तरफ हीदेखे जा रहा था.

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प्रिया: खिड़की तो मैने भीदेखीथी सुबह उसरूमकी खुई हुईऔर अब शामको भी देखा तोखिड़की खुली ही
थी.मुझे भी बड़ाअजीब लगा कि सर्दीके मौसममे भीसारा दिन खिड़की खुली क्यूँ रखी है किसी ने.
प्रिया: मोनू ने और कुछबाते की वोकॉन है,कहाँ से आया है और क्याकरता है???
आशना:मैने उस से ज़्यादा पूछा नहीं. हो सकता है मोनू को ग़लतीलगी हुई हो किवोहमारे पीछे आया है
क्यूंकी अगर ऐसा होतातो हम मे से किसीना किसी से बात करने कीकोशिशतो करता.
प्रियाने आशना का हाथ पकड़ा औरबोली: आशनाउठ जल्दीकर.
आशना:क्या हुआ?? चाइ तो पी ले.
प्रिया: आशना,वो वीरेंदर हीहोगा, तू भी नाकितनीपागलहै, इतनाभी नही समझी.आशना के चेहरे के भाव
एक दम लगे.
आशना:प्रिया यह तू क्या बोलरही है??
प्रिया: मैं ठीक कहरही हूँ आशना, तू चलतोसही मेरे साथ.
आशना को खींचतीहुई प्रियाहोटेलसे बाहर ले आई.
आशना:प्रिया छोड़तोमुझे,तू पागल हो गई है क्या?? वीरेंदरयहाँ कैसे आ सकता है?
प्रियावक्त के हाथो इंसान वो कर देता है जो किसी नेउस से उम्मीद भी नहीं कीहो.
सचही तो थी प्रिया, आशनाभी तो अपने दिल के हाथो मजबूर होकर अपने भाई से हीप्यार करने लगीथी.
क्या उसने कभी सोचा थाकि जिस इंसान को उसनेअपनी ज़िंदगी से निकाल दिया है वो उसकी ज़िंदगी के
लिए................

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तभीउन्हे मोनू सामने से दौड़ताहुआ उनके पास आता हुआदिखाई दिया.मोनू को देख करएकदम
घबरा गई,उसके गला एक दम खुश्क हो गया.
प्रिया: क्या हुआ मोनू तो इतनाहाँफ क्यूँ रहाहै?
मोनू: वो.....वो... दीदी....वो बाबू जी को बहुत तेज़ बुखार है. मैं उनके कमरे मे गयाथा, उनका साराशरीर तप
रहाहै. वो बेहोशहै औरबेहोशी मे आशना दीदी का नामले रहे हैं.इतना सुनते हीने प्रियासे अपने
हाथ छुड़ाया और होटेलकी तरफ भागी.
प्रिया: मोनू तू जाकर टॅक्सीलेकर आ,जल्दी कर.

इतनाकहतेही प्रियाभी होटेलकी तरफ भागी. प्रिया रूम पर पहुँची तो अंदर देख कर उसकी आँखें भर गई.
आशना वीरेंदर से लिपट कर उसके गले लग करमाफी माँग रहीऔर उसे होशमे आने को कहते हुएरोए जा
रहीथी.
आशना:वीरेंदरप्लीज़मुझे माफ़ करदो, प्लीज़ एक बार उठ जाओ,मेरी तो सुनो,तुम्हे नहीं पतामैं किस
मुसीबत मे फसगई हूँ वीरेंदर.एक बार मेरी बात सुन लो,प्लीज़मुझे एक मोका दो. मैं तुम्हेछोड़ करकही नहीं
जाउन्गी, हमेशा तुम्हारे पासहीरहूंगी, तुम प्लीज़ एक बार मेरी बातसुन लो, आँखे खोलोवीरेंदरबस एक बार.
वीरेंदर ने कई बार आँखे खोलने की कोशिश की मगर वो फिर से बेहोशहोगया.
प्रिया: आशना सम्भालो अपने आपको, इस वक्त सबसे ज़रूरी वीरेंदर को डॉक्टर.के पास लेजानाहै. तभी मोनू
टॅक्सी लेकर आ गया.प्रिया ने मोनू और टॅक्सीड्राइवर की मदद से वीरेंदर को टॅक्सी तकपहुँचायाऔर उसे
पिछलीसीट परबैठा दिया.आशना जड बन कर वहीं बैठी रही. वोअपने आपकोही दोषीमानरही थी. प्रिया
ने आशनाकाहाथ पकड़ा और उसे अपने साथ टॅक्सीतक ले आई. आशनाकोजबतक वो आगे बिठाती तब
तक मोनू भीअपनी अक्तिवा लेकरआ गया.प्रिया मोनू के साथ उसकी स्कूटी पर बैठ गई औरटॅक्सी के पीछे
चलदी.टॅक्सी एक प्राइवेटक्लिनिक के बाहरजाकररुकी. ड्राइवर ने अंदर जाकर इनफॉर्मकिया तो दो
कम्पाउन्दर तेज़ी से एक स्ट्रेचर लेकर आ गये औरवीरेंदरकोउसमे लेटा कर एमर्जेन्सी रूम मे ले गये.

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प्रियाने आकर टॅक्सीवाले कोपैसे दिए औरवीरेंदरकीफाइलतैयार करवाई. इस पूरी करवाईके दौरान,आशना
बिल्कुल खामोशखूनके आँसू रोती रही.करीबमिनिट बाद डॉक्टर.एमर्जेन्सी रूम से बाहर आएऔर
आशना-प्रिया को बताया कि पेशेंट अब ख़तरे से बाहर है.
डॉक्टर.: देखिएपेशेंटने शायद दिनो से ठीकसे खानानहीं खाया औरसर्दी की वजह से इन्हे कमज़ोरी
और बुखार होगया है.घबराने की तो वैसे कोई बात नहीं, मैने इंजेक्षन लगादिया और दवाइयाँ भी दे दीहैं.
पेशेंट कोजल्द ही होशआ जाएगालेकिन मुझे लगता है किपेशेंट काफ़ी मेंटल स्ट्रेस मे हैजिसकारण इनके
हार्टपर भी असर हुआ है. मेरा तजुर्बा कहता है किइन्हे पहले भी माइनर अटॅक आया हैतोप्लीज़ जितना हो
सके इन्हे खुशरखने की कोशिशकी जाएऔर ऐसी कोईभी बात ना जाएजिससे इनके दिल परकोई
असरहो. ऐसीअवस्थामे कई बार इंसान साइलेंट्ली कोमा मे चला जाता है.
आशना की धड़कन एकदम रुक गई और हॉस्पिटलआने के बाद पहली बार वोबोली: डॉक्टर. अब वीरेंदर
बिल्कुल ठीक हैं ना??
डॉक्टर:देखिए मिस, अभी तक तो सबठीक है बट उनकी हार्ट पल्सबतारही हैकि उन्हे कोई गहरासदमा
लगाहै. जैसे ही उन्हे होश आता है,हार्टबीट एकदमतेज़ हो जाती और वोफिर से बेहोश हो जाते हैं.कमसे
कमघंटे तक कुछ कहा नहीं जा सकता, तब तक हम उन्हे अब्ज़र्वकरतेरहेगे. आशना की आँखों मे एक
बार फिर से आँसुओं की झड़ी लग गई.प्रियाने आशना के खांडे पर हाथ रख कर कहा.: डॉक्टर. हम उनसे कब
मिल सकते हैं?
डॉक्टर.: मेरी मानिए तो पेशेंट को आराम करने दीजिए और सुबहजैसे ही उन्हे होशआताहै आप उनसे मिल
सकतीहै. इतनाकहकरडॉक्टर. नेबाकी के डॉक्टर्स कोकुछ हिदायते दी और से चला गया.
प्रिया: आशना,क्या तुम्हे पता है कि वीरेंदरकोकिसचीज़ का सदमा लगा है???
आशना ने प्रिया की तरफ देखा और"ना" मैं गर्दन हिलादी. तभी आशना को मोनू की सुबह वालीबात याद आ
गई.
आशना(प्रिया से): मोनू कहाँ है?
प्रिया: मैने उसे भेजदिया है,वोबेचाराऐसे ही परेशानहो रहाथा.

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आशना को अक्तिवा की चाबीदेते हुए प्रियाबोली: वो अपनीस्कूटी यहाँ छोड़ गया है ताकि अगररात को
ज़रूरत पड़े तो किसी काम आ सके.
आशना:प्रिया तू यहीं बैठ,मैं अभी आती हूँ.
प्रिया: कहाँ जा रही है?.
आशना:आकेबताती हूँ प्रिया औरयह कह कर आशना बाहर निकलगई.
बाहर आते हीउसने स्कूटी स्टार्ट की और मोनूके घर की तरफ चलदी.मोनू केघर परपहुँची तो चला
किमोनू और उसके पिता जी अभीहोटेलमे ही हैं.
होटेल पहुँच कर आशना ने मोनू कोअपने पासबुलाया और उस से पूछा: मोनू यादकरके बता किकलवीरेंदर से
तुम्हारी क्याक्या बात हुई थी.मोनू ने आशना को सब सचबता दिया. मोनू की बात सुनकरएक बार तो
आशना भी चकरा गई. उसने सपने मे भीनहीं सोचा था कि वीरेंदरके आगे उसकीसच्चाई इस कदर आएगी.
आशना समझ गई किइसी झूठ के कारणवीरेंदरकोइतना बड़ा सदमा लगा है. आशना ने मोनू कोवापिस भेज
दिया और खुद स्कूटी लेकर हॉस्पिटलकी और चल दी.

रास्ते मेवो वोही सोचती रही किअगर उसनेवीरेंदर को सच बता दिया होता तो आज यह नोबत नाआती.
आशना ने मन मे सोचाकि अगर वीरेंदरकीहालत उसके कारण बिगड़ी है तोवो हीउसकी हालत सुधारेगी
भी लेकिन वोयह समझ नहीं पा रही थी किउसे क्या करनाचाहिए. हॉस्पिटलपहुँच करआशना ने बाहर किसी
होटेल से खाना पॅक करवाया और हॉस्पिटल आ गई.
प्रिया: कहाँ गई थी तू???
आशना:तुझे भूख लगीथीना,तेरे लिए खाना लेने गई थी.
यह सुनते हीप्रिया की आँखें भर आईऔर उसने कस के आशना को गले लगादिया.

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प्रिया: पगली जीजू के लिए तो मैं सारी ज़िंदगी बुखीरह लूं, बस मेरे जीजू ठीक हो जाएँ.
यह सुनकर आशना ने भीप्रिया को कस करपकड़ लिया.काफ़ी देर तक दोनो सहेलियाँ एक दूसरे के गले लग
कर रोतीरही.
प्रियाने नॉर्मल होते हुएकहा: अच्छा चल,अब ज़्यादा रुला मत मुझको,खाना खा लेते है.
आशना ने खामोशी से खानाखा लियावो जानतीथीकिअगर वो नहीं खाएगी तो प्रियाभीनहीं खाएगी. खाना
खानेके बाद आशना बोली:प्रिया तू फ्लॅट मे चलीजाऔर स्कूटी ले जा, अगर कोई प्राब्लम होगी तो मैं तुम्हे
कॉल करलूँगी.
प्रिया: नहीं आशना मेरा इस वक्त तेरे पासरहना बहुत ज़रूरी है.
आशना:समझा कर प्रियामैं कुछ देरअकेला रहना चाहती हूँ,मेरे दिमाग़ काफ़ी सवाल चलरहे हैं और वैसे
भी फ्लॅट भीखुलाहै, हम ने लॉक भीतोनहीं किया.तू जाऔर अगर ज़रूरत पड़ी तो मैं बुलालूँगी.
प्रिया: ठीक हैं मैं चलीजातीहूँ लेकिन अगरतेरा फोननहीं आया तो मैं सुबह सुबह टपक पड़ूँगी.
आशना:ओके, अब तू जा.
प्रियाकेजातेही आशना वेटिंग हालमे जाकर एक चेयरपर बैठ गई.काफ़ी भीड़ थी वहाँ पर सब अपने किसी
के लिए दुआ कर रहे थे.आशना दुआ भी क्या करती वीरेंदर को दिया हुआ दुख भी तो उसीकाथा. सारीरात
आशना यही सोचती रहीकि अब क्या किया जाए, सबसे पहलेउसका सिमचोरी होना, फिर सारे डॅक्यूमेंट्स,
उसकी सारीआइडेंटिटीस और अबवीरेंदर को सच का पता चल जाना.इसवक्त लिए सबसे था वीरेंदर
का होश मे आना औरफिर उससे बात करना लेकिन क्या वीरेंदर उसेमाफ़ कर पाएगा. जानतीथीकि
वीरेंदर उससे प्यार करने लगाहै और वो भीतो वीरेंदरसे प्यार करने लगी है यह जानते हुए के वोउसका
भाई है लेकिन वीरेंदर को तो यहबात अभी-अभीपता लगीहै किआशना उसकीबेहन है.इस सूरत मे वीरेंदरउसे
कभीमाफ़ नहीं कर पाएगा और वो वीरेंदर को दुखी नहीं देख सकती थी.रात को डॉक्टर.सने करीब 3 बार
वीरेंदर की कंडीशन को अब्ज़र्व औरवो उसकीरिकवरी से काफ़ीखुशदिख रहे थे. आशना के पूछने पर
डॉक्टर,ने बताया किवीरेंदर की हालत अब स्थिरहै पर दिल और दिमाग़ पर ज़्यादा दवाब होने से अभीउसे

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आरामकी ज़रूरत है इसलिएउसे बेहोशीवाला इंजेक्षन दे दिया गया है.आशना यह बात सुनकर काफ़ी खुश
हुई.उसने अपना मोबाइलनिकालाऔर प्रिया को फोन परयह खुशख़बरीदी.
सुबह के 5:00 बज चुके थे,डॉक्टर. के मुताबिकवीरेंदर 10:00-11:00 बजे तक होश मे आ जाएगा. अब आशना
को यह चिंता थी कि वो वीरेंदर का सामना कैसे कर पाएगी.सोचते सोचते उसे अचानक त्रिवेणीकाख़याल आ
गया,एक त्रिवेणीही तो थी जिससे वो अपने दिलका हर हाल बताती थी, वीरेंदर उसका भाई है यह भी सिर्फ़
त्रिवेणीकोही पताथा. आशना ने सोच लिया था किउसे क्या करनाहै. आशना ने त्रिवेणी का नंबर.डाइयल
किया, काफ़ी देर तक बेल बजती रही लेकिन त्रिवेणीने फोन नहीं उठाया. आशना ने फिर सेनंबर.डाइयल
किया. इस बार भीकिसीने फोन नहीं उठाया. आशना अब पागलहोगईथीउसे त्रिवेणीसे अभी की अभी बात
करनीथी, उसने फिर से नंबर. डाइयलकिया तो थोड़ी देर बेल बजने के बाद की नींदमे आवाज़ आई
"हेलोकॉन बदतमीज़ इस समय मुझे याद कररहा है".
एक बार के लिए उसकीबात सुनकर तो आशना का चेहरा खिलउठा और मन मे सोचा(यह हमेशाऐसी ही
रहेगी,सुधरेगीनहीं यह).
आशना:त्रिवेणी,मैं बोलरही हूँ.
त्रिवेणी(अलसाई आवाज़ मे) : वाह, मैं भी मैं ही बोल रही हूँ,सेम पिंच यार.
आशना:त्रिवेणी,मैं आशना बोलरही हूँ.
त्रिवेणी: लेकिन मैं त्रिवेणी.........इस से पहले के त्रिवेणीअपनी बात पूरीकरती, उसने ज़ोर से चीख कर कहा
आशना तू,कहाँ मरगईथीतू, तेराफोन भीतब से स्विचऑफ है.पापा का आक्सिडेंट हो गया थातो मैं घर
चलीगईथी, वापिसआकरपता चला किवीरेंदर भैया ठीक होकरअपने घरचले गये है और तू वापिसचली गई,

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लेकिन तुमने मुझे एक बार भी फोननहीं किया.मुझे पताहै तू मुझसे नाराज़ किमैं तुझसे मिलने नहीं आ
सकीलेकिनक्या करती यार उसीरात घरसे फोन आया किपापाकाआक्सिडेंटहो गया है तो मुझे वहाँ जाना
पड़ा. लेकिन नाराज़गी का यहमतलब थोड़े है कि तू अपना फोनही बंद कर दे और मुझे फोन भी ना करे.
त्रिवेणीने एक हीसांस मे सब कुछ बोल दिया. त्रिवेणीकोजबइस बात का एहसाह हुआ तो बोली:हेलो.
आशना:बोल ले बोलले और कुछ बचा हो तो वोभी बोल ले.
त्रिवेणी: चलमाफ़ किया तेरे को और सुना.
आशना:यह मेरा नया नंबर. है,इसे फीडकरले मेरा पुरानानंबर;कहीं खो गयाहै.
त्रिवेणी: ठीक है,यही बताने के लिएइतनी सुबह मुझे फोन किया था क्या?
आशना:नहीं यार ऐकचुली एक काम था तुझसे.
त्रिवेणी: बोलनायार तेरे लिए तो जानभी हाज़िर है.
आशना:विजय इसवक्त कहाँहै.
त्रिवेणी: सॉरी माइ फ्रेंड मैने जानके लिएकहा था जानेमन के लिए नहीं.
आशना:तू नहीं सुधरेगी, सुन मुझे तेरी मददकी ज़रूरत है और इस काममे तेरी मददविजय कर सकता है.
त्रिवेणी: पहले बताक्या काम है?
आशना:मुझे एक आइडेंटिटी कार्डचाहिएआशना शर्मा के नामसे, बॅंगलॉर के किसी भी मेडिकल स्कूलका.
उसमे मेरा पार्मेनेंट अड्रेस्स देल्ही का होना चाहिए औरमाँ-बापका नाम तू खुद रख लेना और याद रहे कि
आइ-कार्ड 5थ सेमीकाहोना चाहिए.
त्रिवेणी: यह सब क्याचक्कर है मेडम, एयिर्हसटेस्स के बाद अब डॉक्टर. बनने का इरादा है क्या?
आशना:यह सब तुझे बहुत जल्दही बताउन्गी तुझ से मिलकर,मगर यार प्लीज़ मेरी हेल्प कर दे.

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त्रिवेणी: हो जाएगा यार, इतनागिड़गिदा मत नहीं तोमैं रोपड़ूँगी.अभी विजय से बात करके तुझे फोन करती
हूँ.
आशना ने फोन रखा औरराहत की साँस ली,वो जानती थी कियह कामअगर कोई कर सकता है तो वो विजय
ही कर सकता है.की एज मे ही विजय देल्ही के ही एक टॉपहॉस्पिटल मे बड़े बड़े सर्जनो मे गिनाजाता है.
विजय के लिंक्ससारे देशमे थे और इतनीजल्दी वोही इस कामको अंजाम दे सकता था.

आशना अभी सोचही रहीथीकिवीरेंदर से किसतरह बात करनी है उसका मोबाइलबजउठा "ज़रा-ज़रा टच
मी......". वेटिंग हॉल मे सो रहे सभीलोग अब तक उठ गये थे और आशना को घूर्ने लगे.आशना ने सबकी
नज़रें जबअपने उपर देखी तोवो शरमागईऔर फोन ऑनकरकेउठ कर बाहर की तरफआगई.
आशना:हेलो.
त्रिवेणी:मेरी जान,मेरेजानेमनने कहा है कि .................. हॉस्पिटल मे जाकर आधेघंटे मे अपनाआइ-कार्ड
कलेक्ट कर लो.
आशना:ओह,थॅंक्स त्रिवेणी तू नही जानती तूने मेरे लिएक्या किया है.
त्रिवेणी: थॅंक्सतो विजय का बोलना चाहिए,लेकिनतू टेन्षन मत ले मैं उससे मिलकर तेरी तरफ से अपने
तरीके से थॅंक्स बोलदूँगी, बाइ टेक केयर और जल्दीमिलके बताना किआख़िर यह चक्कर क्याहै मेडम.
आशना:बाइ.
आशना ने प्रिया को फोन लगायातोपीछे से उसे प्रियाकीआवाज़ आई पुकारा और हमचलेआए, साथ
मैं भीले आएरे"आशना ने पीछे मूड कर देखातोप्रिया को देखकर दौड़ कर उसे गले लगा लिया और
बोली:सबठीक हो गयाप्रिया,बस अबतुझे मेराथोड़ा साथ देना होगाताकिहम सबठीक कर सकें.

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प्रिया: तो चलो फिरचाइ पीते हैं और बैठ कर बात भीकरलेते हैं.दोनो कॅंटीन मे चलीगई,प्रियाने कॅंटीन से
दो स्टफ्ड कुलछालिए और दोनो चाइ के साथ साथ कुलछाखाने लगी.
आशना:प्रिया मेरे कारणतुझे भी इतनी टेन्षनहो गई है.
प्रिया: वोतो है यार, लेकिन क्याकरूँ मजबूरी है.
आशना ने हैरानीसे उसेदेखा.
प्रिया: लगीना मिर्ची. चलअबज़्यादा नाटक मत कर,एमोशनलहोने की ज़रूरत नहीं है,बोल क्या फेवर
चाहिए तुझे मुझसे.
आशना:तू बहुत चालाक है प्रिया, एक दम से पहचान जाती है कि सामने वालाइंसान क्या चाहताहै.
प्रिया: तभी तो,अगर मुझे तूने कलसुबह ही मोनू की बात बता दी होतीतो शायद आज हमयहाँ नहीं होते.
आशना:जोहोनाथावो होगया, अबसोचना यह है कि हमइस मुश्किल से कैसे निकले.
प्रिया: मुश्किल????
आशना:तू चल मेरे साथ मे बताती हूँ. आशनाने बाहर आकर स्कूटी स्टार्ट की और प्रिया को पीछेबैठने का
इशारा किया.
प्रिया: कहाँ जा रहे हैं हम?
आशना:पीछे बैठ सब बताती हूँ,अच्छा यह बता कि ................... हॉस्पिटलकिसरोड परहै और यहाँ से कॉन
सा रोड
प्रिया: क्यूँ क्या इसक्लिनिकके डॉक्टर.सपर तुम्हे विश्वासनहीं है क्या?

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आशना:अबकुछमत पूछनाऔर चुप चापबैठी रह, बसमुझे रास्ता बतातीजा.
प्रियाआशना को रास्ताबताती गई औरदोनो कोईमिनिट मे उस हॉस्पिटल के पास मेडिकलकॉलेज
पहुँचगये थे.सुबह के 7:30 बजे कॉलेज के कारण बाहर कोई ज़्यादा चहल पहल नहीं थी, बससफाई करम्चारी
अपने अपने काममे लगे हुएथे. आशना नेरिसेप्षन काउंटरपर जाकर प्रिन्सिपल ऑफीसके बारे मे पूछा तो
रिसेप्षन काउंटर परबैठी एक अधेड़ उम्र की औरत ने पहले तो दोनो को घूर कर देखा और फिर बोली:
प्रिन्सिपलसर अभी आए नहीं हैं,बजे आना.यह कह कर वोऔरत दोबारा आँखे बंद करके अपनी कुर्सी
परसुसताने लगी.
आशना:जीदेखिए,मुझे देल्ही से ................. हॉस्पिटलसे डॉक्टर. विजय शर्मा ने भेजाहै.
इतनासुनते ही वो औरत एकदमखड़ीहो गई और हड़बड़ाते हुए बोली:आर.. आर..अरे आ.आ.आप ने पहले
क...क्यूँ नहीं बताया. आइए आइएबैठिए ना.
प्रियाउस औरत के बदलते तेवरदेख कर एक दम हैरानथी.
आशना:नहीं मुझे प्रिन्सिपलसाहबसे मिलना है.
औरत:प्रिन्सिपलसाहब ने आपके लिए कुछ रखा है, यहलीजिए.
आशना ने उसके हाथ से एन्वेलप लिया और उसे खोलकरउसमे से आइ-कार्ड निकाललिया, जिसपर लिखा था
"आशना शर्मा, डी/ओ लेट श्री.मनोहर शर्मा, आर/ओ जानकी विहार न्यू देल्ही, सें-5थ,वॅलिड फ्रॉमऔग
2012 टू एप्रिलआशना ने अपने वॉलेट से अपनी स्नॅप निकालउसपर चिपकाई और उसऔरत
कहा किपर स्टंपलगा दो.
औरत ने उन्हे बैठने के लिएबोला औरखुदसीडीयाँ चढ़कर उपर चली गई. प्रिया हैरानी से आशना को देख रही
थी.प्रिया उस से काफ़ी कुछ पूछना चाहती थी मगरइसवक्त उसने चुप रहना हीठीक समझा. कोईमिनिट
के बाद वो औरत आई और आशना के हाथ मे आइ-कार्ड देते हुए बोली:यह लीजिए.
आशना:थॅंक्स और उठ कर जाते हुए बोली: प्रिन्सिपल सरको बोलना.
बाहर आते हीआशनाने अपने मोबाइल पर त्रिवेणीकानंबर. डाइयलकिया औरत्रिवेणी के फोन उठाते ही
आशना बोलीअपने विजयकोमेरीतरफ से ज़ोरसे थॅंक्सकहना, और मैं जल्द ही तुझसे मिलने दिल्ली मे
आउन्गि,बाइथॅंक यू सो मच".

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फोन रखते ही उसके कानोमे प्रिया की आवाज़ पड़ी,"यह सबक्या हो रहा है आशना"?
आशना:बताती हूँ, चलस्कूटीतू चला.प्रियाने स्कूटी स्टार्ट कीऔर आशना उस के पीछे बैठ गई.
कॉलेजसे बाहर निकलते ही प्रिया ने बोला: अब बोलेगी भी यामुझे औरपरेशान करेगी.
आशना:बताती हूँ, सुन.
आशना:तूने परसो रात कोमुजसे पूछा था नाकि मैं वीरेंदर को पहले से कैसे जानतीहूँ.
प्रिया: हां और तूने बताया था कि वो तेरी फ्रेंड का भाई है.
आशना:नहीं वो झूठ था,वीरेंदर मेरी किसीफ्रेंड कानहीं बल्कि मेराही चचेरा भाई है.उसके अलावा जो कुछ
भी तुझे बताया था वोसबसच है.
प्रियाने एकदम स्कूटी की ब्रेक्स दबाई औरचिल्लाई"क्या"? तू होश मे तो है, तू क्या बोलरही है तुझे पता
भी है. तेरा भाई अंजाने मे तुझसे प्यार करने लगा है और तूने उसे सच बताया भी नहीं. कैसी लड़कीहै तू अपने
भाई को ही अपने प्यार मे फसा लिया. आशना मुस्कुराती रहीऔर प्रियाकीबातें सुनती रही.
आशना:जोबोलना है बोलती रह,लेकिनप्लीज़ स्कूटी चलाती रह,वीरेंदरके होशआने से पहले हमे हॉस्पिटल
पहुँचना है.
प्रियाने स्कूटी स्टार्ट की और कुछ देर खामोशरहने के बादबोली: तो इसका मतलब तू भी वीरेंदर से......
लेकिन तुझे तो पता था नाकि वो तेरा भाई है. आशनाचुपरही.
प्रिया: पागल मत बन आशना , जो रिश्ता सबसे पवित्र मानाजाता है उसपर कलंक लगाते हुए तूने ज़रा भी
नहीसोचा.
आशना:बहुत सोच समझ कर यह फ़ैसला लिया है प्रिया, शायद तू नहीं समझेगी. बस एक बार अपने आप को
मेरी जगह रख कर सोच.

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प्रिया: मेरे लिए ऐसा सोचनाभी पापहै. हालाँकि मेराकोई भाई नहीं है मगर फिरभी ऐसाभी इतना
अजीब लगताहै लेकिन तू तो........
प्रिया: चलो मान लेतीहूँ कितू उसके सामने उसकी बेहन बनकरजाना नहीं चाहती थी, लेकिन उसके घरमे
जाकर उसकी सेवाकरने की क्या ज़रूरत थी? वहीं कहीं आस-पासरहकरभी तो उसकी खबर ले सकती थी.
आशना:हां, मगर उसवक्त मुझे यहीसब से सही लगा औरडॉक्टर. बीना ने भीमुझे यही सलाह दी.
प्रिया: शी बिच, तुम नहीं जानती तुमने उसकी बातों मे आकरक्या कर लिया है. वीरेंदर तुम्हारे प्यार मे इतना
पागल हो गयाहै कि वोतुम्हारे पीछे यहाँ तक आ पहुँचा और जब उसे पता लगेगा किलड़की को उसने
प्यार किया वोउसकी ही बेहन है.एक धोखा तोवो पहले हीबर्दाश्त करचुकाहै, इस बार वो शायद बर्दाश्त
नापाए.
आशना:वीरेंदरकोमेरीसच्चाई पता लग चुकी है,उसे मोनू ने मेरे बारे मेसब बता दिया था.
प्रिया: क्या?????? तोइसका मतलबउसकी इस वक्त जोहालत है इसीसच की वजह से है.
आशना:हां.
प्रिया: चलो अच्छा है कि उसे सब कुछ टाइमरहता पताचल गया,लेकिनतूने यह अच्छा नहीं किया.

आशना:करना तो मैं भीनहीं चाहती थी, तू खुद हीसोच क्याकोई लड़की भाई के लिए ऐसा सोच सकती
है भला.उसवक्त हालत ऐसे बनगये और फिरवीरेंदरकामेरे सिवा कोई अपना था भी तो नहीं तो मैंकैसे
किसी परयकीन कर लेती.
प्रिया:शायद मैं इसबात पर तुझे कोई राय दे सकूँ मगर मुझे लगता है किजो हुआ नहीं होनाचाहिएथा.

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आशना:सोचातोमैनेभी यही था कि भैयाके ठीक होते ही उनसे दूर चलीजाउन्गीलेकिनअबउनकी हालत
देख कर लगता है कि वो मेरे बिनाशायदहीरह पाएँगे.
प्रिया: लगतातो मुझे भी कुछ ऐसा ही है,तो अब तूने क्यासोचाहै.
आशना:रात भर सोच करही तो यहएक ही बात मेरे दिमाग़ मे आई है.देख चाहे तू मुझे ग़लत समझ लेकिन
मैं इंसान का साथ कभी नहीं छोड़ सकतीजिसकोमेरीइसवक्त सबसे ज़्यादा ज़रूरत है और जो मेरे लिए
अपने घर-बिज़्नेस कीपरवाह किया बिना मेरे पीछे यहाँ तक आ पहुँचा.
प्रिया: मैं तेरा मतलबनहीं समझी.
तब तक हॉस्पिटलभी नज़दीक आ गया थाऔर सड़कोपर ट्रॅफिकके शोर से वो एक को ज़्यादा सुन भी
नहीं पा रही थी तो आशनाबोली: चल हॉस्पिटल चलसब समझातीहूँ.
हॉस्पिटलपहुँचसबसे पहले आशना ने डॉक्टर. से वीरेंदरकीहालत के बारे मे पूछा तो डॉक्टर. ने कहा कि
एवेरितिंग ईज़ नॉर्मल,अभी 2-3 घंटे मे उन्हे होश आ जाएगा. फिर आप उन्हे मिल सकती हैं.हां एक का
ख़यालरखे कि इसदौरान कोई ऐसाबात नाहो किउनके दिमाग़ परज़्यादा ज़ोर पड़े.
आशना:ओकेडॉक्टर. थॅंक यू.
आशना औरप्रिया डॉक्टर. के रूमसे बाहर निकली औरप्रिया ने आशना से पूछा: अब तू क्याकरने वाली है,
यह भी बता दे.
आशना:चलकॅंटीन मे चलते हैं,सुबह सुबह स्कूटी चलाने से पूरा शरीर ठंडा होगया है, एक एक कॉफी पीते हैं.
प्रियाने दो कॉफी का ऑर्डर दियाऔर वोदोनो दूर एक टेबलपर बैठ गई.
आशना:देख प्रिया अगर तू मेरी जगहहोती तो तू क्याकरती.
प्रिया: मेरा तो दिमाग़ हीकामनहीं कर रहायार.

169
आशना:ठीक मेरेसाथ भी कुछ दिन पहले ऐसा हीहुआ था,कुछ समझ ही आ रहा था.तू तो सिर्फ़ उस
स्थिती को सोच कर इतना परेशान है लेकिन मैने तो सब देखा है और फीलकिया है.देख मैं जानतीहूँ कि
मुझसे ग़लतीहो गई है, तोक्या इस ग़लती की सज़ामैं वीरेंदर को दूं.
प्रियाने गर्दन झुका कर नामे जवाबदिया.
आशना ग़लतीमैने कीहै तो सज़ा भी मुझे ही मिलेगी.
प्रिया: मतलब??
आशना:मतलब यह कि मेरीग़लती के कारणवीरेंदर यहाँ तक पहुँचे हैं तोअब"वीरेंदर का ख़याल मैं ही
रखूँगी".
प्रिया: कैसे??? बहन बनकर.????
आशना:कॉन बेहन? किसकी बेहन?
प्रिया: मुझे तेरी कोई भी बात समझ नहीं आरही.
आशना:प्रिया बड़ा सिंपलसा है,देख वीरेंदर नेआशनायानीमुझे बचपन मे देखाथा, अब कैसीदिखती है
वोनहीं जानता. अब तक वोमुझे मेडिकल स्टूडेंट समझता था जो कि बॅंगलॉर मे एमबीबीएसकर रही है.
प्रिया:तो???

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आशना:तो हम उसे किसी भीलड़की से मिलासकते हैं आशना यानी कि उसकी बेहनबनाकरऔर मैंउसे यह
आइ-कार्ड दिखाकरयकीन दिला दूँगी किमैं उसकी बेहन आशना नहीं हूँ.
प्रिया: लेकिन इस से फ़ायदाक्या होगा.
आशना:डॉक्टर. ने अभी क्या कहा, यहीकि अभीवीरेंदरमेंटलीकाफ़ीस्ट्रेस्ड है तो उसे और ज़्यादा टेन्षन ना
दी जाए.इसलिए मैं चाहती हूँ किउसके दिमाग़ से टेन्षन हटादूं चाहे मूज़े झूठ का सहारा लेना पड़े.
प्रिया: चलमानलेती हूँ कि मैं किसी भी लड़की को उसकी बेहन आशना बनने के लिए मना लेती हूँ,लेकिन
प्राब्लमतोफिर से वहीं की वहीं हीरहेगी ना.
आशना:क्या????
प्रिया: वोतुझ से प्यार करता
आशना:प्यार, यहप्यार क्या होताहै प्रिया?क्या तुमने कभीसे प्यार किया है,मेरीबात मानोतो
प्रियाप्यार का दूसरानाम हवस है और जबइंसान की हवस पूरी हो जाएतो प्यार ख़तम.वीरेंदर की ज़रूरत
प्यार नहीं हवस है औरउसकी वो ज़रूरत पूरीकरने का मैं कोईना कोई तरीकाढूँढ हीलूँगी.आख़िर बेहन हूँ
उसकी,उसे नहीं पता तोक्या हुआ लेकिन मैं तो अपनाफ़र्ज़ निभा कर ही चैनलूँगी. अपने लिए भाभी कहीं ना
कहीं से ढूँढ हीलूँगी.
आशना की बात सुनकरप्रिया बोली: आशना सच मे आज मुझे गर्व है कितू मेरी दोस्त है और यह कह कर
उसने आशना को गले लगालिया.प्रिया के गले लगते ही आशना की आँख से एक आँसू टपक गया. उसके
दिमाग़ मे अब फिर से वही सवाल उठ रहे थे "उसका सिम, उसके डाकुमेन्त्स और जो एकबात प्रियाने उसके
दिमाग़ मे अभी अभी डालीकि बीना नेउसे ऐसा करने से रोका क्यूँ नही".
उसके बाद आशनाने प्रियाकोसमझा दिया किवीरेंदर के सामने क्याकहना है औरआशना ने भी शायद सोच
लियाथाकिअब देल्ही जाकर क्या करना है.

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सुबह करीबबजे वीरेंदरकोहोशआगया था लेकिन उसने फिर से अपनी बंद कर ली, काफ़ी
कमज़ोरी महसूसकररह था वो. उसे याद नहींथाकि उसे हॉस्पिटलकॉनलाया लेकिन उसे धुन्द्ला धुन्द्ला
आशना का चेहरायाद आ रहा था.आशना का ख़याल आते ही उसे आशना की हक़ीकत याद आ गई औरउसके
दिल मे एक टीसउठी.उसके दिलसे आवाज़निकली "आशना तुमने ऐसा क्यूँ कियामेरे साथ". तभी डॉक्टर.
उसके कमरे मे दाखिलहुआजिसे देख कर वीरेंदर ने आँखों ही आँखों मे उसे विश किया. डॉक्टर.ने वीरेंदर को
लेटे रहने का इशारा किया औरपूछा: मिस्टर. वीरेंदर अबआप कैसाफीलकर रहे हैं?
वीरेंदर: मैं ठीक हूँ डॉक्टर.बस सीकमज़ोरी फील हो रही है.
डॉक्टर.: इट्सओके,वो जल्दही ठीक हो जाएगी. अब आप के साथ जोलड़कियाँ आई थीं आपसे मिलने
आएँगी, आपप्लीज़ ज़्यादा बोलने की कोशिश ना करना.
वीरेंदर: मुझे यहाँ कोई दोलड़कियाँ लेकर आई थी???.
डॉक्टर.: हां,ओह तो आपको पता नहीं होगाकि वोकॉन हैं, कोईबात नहीं बस ज़्यादा बोलना मत अभी आपको
बहुतकमज़ोरी है.
वीरेंदर: ओके डॉक्टर.
डॉक्टर.ने बाहर आकर जब आशनाऔर प्रियाकोयह खबरदीकेवीरेंदर को होशआ गयाहै, वो चाहें तो उस
से सकतीहै, आशना एक दम वीरेंदर के वॉर्ड कीतरफ भागी.
डॉक्टर.ने उन्हे सावधानरहनाके लिएकहा किपेशेंट के साथ कोई टॅन्षन वाली बात ना करें. आशना जैसे ही
दरवाज़ेसे अंदर पहुँची,वीरेंदर एक पल उसे देख कर हैरान रह गया. दोनोएक दूसरे के एकटक देखते रहे और
फिरआशनाएक दमभागी और उस से लिपटकर रो पड़ी.वीरेंदर के सारे गीले शिकवेएक पल के लिएजैसे धुल
से और उसनेप्यारसे अपना हाथ आशना के सिरपर रख दिया.
आशना(रोते हुए): आपयहाँ क्याकरने आ गये?मुझे बताया क्यूँ नहीं?क्या हालत बना ली आपने अपनी,पता है
मैं परेशनहो गई थी.? आपसच मुच बहुत गंदे हैं,मैं आपको कभीमाफ़ नहीं करूँगी.
वीरेंदर (मन मेसोचते हुए): आशना माफ़ तो मैं भीतुम्हे ज़िंदगी भर नहीं करूँगा, तुमने मुझ से बहुत बड़ा झूठ
बोला है.

172
आशना:अबचुप क्यूँ हैं,कुछ बोलिए ना. वीरेंदर खामोश रहा.
तभीउसकी नज़र दरवाज़े पर खड़ी प्रियापर पड़ी. आशनाने देखा किवीरेंदर प्रिया की तरफ सवालियानज़रों
से रहा है तो आशना बोली: यह प्रिया दीदीहै एयिर्हसटेस्स आपकीचचेरी बेहन आशना जी की रूम
पार्ट्नर.इतना सुनकर वीरेंदर चौंक गया.
आशना:जीहां, डॉक्टर, बीना नेही मुझे आपकी चचेरी बेहन के बारे मे बताया था. उन्होने बताया था किआपकी
एक चचेरीबेहन है आशनाजोकि बॅंगलॉर मे रहती है औरएक एयिर्हसटेस्स है. मैं भीबॅंगलॉर मे ही मेडिकल
की स्टडीकररही थीतो मैने अपनी फ्रेंड्स से इनका पताकरवाया. मेरी फ्रेंड ने मुझे आशना का नंबर.भी
दिया, मैने उनसे बात की औरमैने उनसे आपके बारे मे भीबतायाकि आपकी तबीयत अचानक खराब होगई
थी.आशना दीदी ने मुझे बस इतना कहा कि "मेराकोई भाई नहीं है".यह बात सुनकरवीरेंदर भी हो
रहीथी और दुख भी किउसकीबेहन आशनाने उसे अभीतकमाफ़ नहीं किया है.
आशना:मेरीफ्रेंड ने मुझे प्रिया दीदी का नंबर.दियातोइन्होने ही मुझ से कहा कि मैं बॅंगलॉर आकरइनसे
करूँ, हो सकता है कि हमदोनो मिलकरकुछ कर सकें.इसीलिए देल्ही से निकालने से मैने इन्हे फोन करके
अपने आने के बारेमे बतादिया थातो यह मुझे लेकर अपने फ्लॅट मे आ
वीरेंदर को कुछसमझ ही नहीआ रहा थाकि क्या होरहा है.वीरेंदर की आसमंजस्ताकोदेख कर प्रिया बोली:
मिस्टर. वीरेंदर, आशना का सच मे कोईभाईभी है मुझे तो कुछ दिन पहले हीपता चला जब इन्होने मुझे फोन
करके बताया वरना मुझे तो यहीलगता था कि शायदलोगों को आशना के बारे मेग़लत पता है.मैने उस दिन
आशना से बात की तो वो मुझसे नाराज़ होकर चली गई.
वीरेंदर: इसमेउस बेचारी का कोई कसूरनहीं हैप्रिया जी,शायदमैने हीउसके साथ अच्छा नहीं कियाहो.
आशना के मन मे आया "भैया आपने तो मेरे लिए वोकिया है जोशायदएक बापभी अपनी बेटी के लिएना
करता,मेरीहर ज़िद,हर ख्वाहिश अपने पूरी की है,मैं हीआपको ग़लत समझी".
वीरेंदर: अब आशनाकहाँ है??
प्रिया: दो दिनसे उसका कोईपता नहीं, एरलाइन्स मे पता कियाकि उसनेनौकरी छोड़दी शायद वो यहाँ से
कहीं औरचली गई है.
वीरेंदर: अगर कभीवो आपसे मिले तो प्लीज़ एकबार मुझे उससे ज़रूर मिलादेना.

173
प्रियाकीआँखों मे पानी आ गया औरघुटे हुए लहजे मे वो बोली:जीज़रूर.
प्रिया: अच्छा, आशना मैं चलतीहूँ, शामको आउन्गि. आशना ने उसे अपनीआँखों से शुक्रिया अदा किया.
प्रियाकेजाने के बाद आशना बोली: तो आपमेरा पीछाकरतेहुए यहाँ तकआगये थे.
वीरेंदर: तोऔर क्या करता?तुमने मेरीबात का जवाब भी नहीं था.
आशना:कॉन सीबात?
वीरेंदर: तुम मेरी गर्लफ्रेंडबनोगी?
आशना:सोच लो बहुत ज़िद्दीहूँ मैं,मेरीसारी ख्वाइशे पूरी कर सकोगे?
वीरेंदर: ज़िद्दी तोमैं भी बहुत हूँ देखोतुम्हे मनाने यहाँ तक आ गया.
आशना:तो फिर ठीकहै, चलोखूब पटेगी हमारीऔर यहकह कर हंसदी. भी उसके साथ ही हंसदिया.
वीरेंदर: तुमने मुझे ग़लत नंबर. क्यूँ दिया था.
आशना:ग़लत नंबर. नहीं दियाथा. नंबर.तोठीक ही था.आक्च्युयली वोमेराप्राइवेट नंबर. था,रीसेंट्ली ही
लियाथा. सबसे पहले वो नंबर.आपको हीदियाथा. मैं आपके फोन का इंतज़ारसारी रात और अगले सारे दिन
करती रही लेकिन कोई फोनही नहीं आया.फिर जब आपकी गाड़ी मे रखा समान मैने अपने रूम मेरखा तो देखा
(वीरेंदर उसकी तरफदेख कर हैरान रहगया)किजिससमान को मैने हाथ लगाया था वोसबआपने मेरे लिए
पॅक करवा लिया है, उसीमे मुझे यह मोबाइलमिला. आशनाने वीरेंदरकोअपनी जेबसे मोबाइलनिकालकर
दिखाया.जबअपने मोबाइलसे सिमनिकाल करइसमोबाइलमे डालने लगीतो मैं यह देख कर हैरान रह गई
किग़लती से वो सिम मैने मोबाइलमे डाली हीनहीं है.उससिम कोलेने के बाद मैने नहीं कहाँ रख दिया
था,वो मुझे मिली ही नहीं. मैने उसे काफ़ी ढूँढा मगरवो सिम नहीं मिली.

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वीरेंदर: तोतुम काका से मेरानंबर. लेकरमुझे तो फोनकरही सकती थीना?
आशना:हाई रामइतने सवाल,हे भगवान यह लड़का तो बहुत ज़िद्दी है.
वीरेंदर: यह मेरे सवालका जवाब नहीं है.
आशना:तो जनाबजवाब सुने बगैरनहीं मानने वाले?
वीरेंदर: बिल्कुल नहीं.
आशना:तो सुनिएजनाब,बात ऐसी थीकि मैं बॅंगलॉरसिर्फ़ अपना समान लेने के लिए आने वाली थी, आपसे
झूठ बस इस लिए बोला थाकि जो लड़कामुझे गर्लफ्रेंड बनने काऑफर दे रहा है वो मेरी कितनी परवाह करता
है,मैं यहदेखना चाहती थी.इस लिए मैने आपका नंबर.किसी से नहीं लियाताकिमेरे वापसआने पर आप
सर्प्राइज़ हो जाएँ.लेकिन यहाँ तो आपने मेरे पीछे आकर मुझे यह तो जता ही कि आप मेरे बाय्फ्रेंड
बनने के लिए बिल्कुल सहीरहेंगे बल्कि मुझे एक बहुत बड़ा सर्प्राइज़ भी दे दिया.
इतनासुनते ही वीरेंदरकाचेहरा खिलगया.
वीरेंदर: तोइसका मतलबकि तुम्हारी हां है?
आशना:किसबात के लिए?
वीरेंदर: यही कितुम मेरी गर्लफ्रेंडबनोगी.
आशना:मैने अभी तक हां तो नही कही.
वीरेंदर: लेकिन अभी तक ना भी तो नही कही.
आशना(अदा से कमर पर हाथ रखतेहुए):सोचेंगे.

175
वीरेंदर ने उसकी पकड़ करउसे अपने पासखींचा तो आशना गुड़िया की तरह उसके सीनपर जा गिरी.
वीरेंदर: अब तूसोचती रहना,मैने तोसोच लिया तेरा क्या करना है.
आशना(शरम से नज़रें नीचे झुकाते हुए): क्याकरना है?
वीरेंदर: घर चलसब बताभीदूँगा औरकरकेदिखा भी दूँगा.
आशना:वीरेंदरप्लीज़छोड़ो ना,कोई आ जाएगा.
वीरेंदर: तोआने दे ना,मैं क्या किसीके बाप से डरता हूँ क्या?
आशना:वीरेंदर प्लीज़ छोड़िएना.
वीरेंदर: पहले बोल, अब कभी मुझे ऐसे सताएगी.
आशना ने झटका देकर अपनेआप को छुड़ाया और भाग करदरवाज़े के पासपहुँच करबोली: अभी सताया ही
कहाँ है,सताउन्गीतो अब और यह कह करबाहरनिकल गई. वीरेंदर के चेहरे परस्माइल आ गई.
वीरेंदर: बड़ी तीखीमिर्ची है यहलड़की तो.
दोपहर को डॉक्टर्स ने वीरेंदरकाचेकपकियातो वीरेंदरकीहालत मे आई इंप्रूव्मेंट को देखकरएकदमहैरान
थे. उन्होने आशना को बताया कि वीरेंदरने काफ़ी जल्दी रिकवर कर लिया है लेकिन फिरभीहमचाहतेहैं कि
कलसुबह तक हम इन्हे अंडरअब्ज़र्वेशन रखे,फिर हम उन्हे डिसचार्ज करदेंगे. आशनाने प्रियाकोफोन
परबता दिया किवो आज रात भी यहीं रुकेगी. उसके बाद सारा दिन ही गुज़र गया.वीरेंदरके डॉक्टर्सने
शामको चाइके साथ बिस्किट्सलेने की पार्मिशनदे दी और शामकी चाइ प्रिया-आशना-वीरेंदरने एक साथ
वॉर्ड मे कर पी.
जब तक यह लोग चाइ का मज़ालेते हैं,आइएहमलोग देल्ही जाकर"शर्मा निवास" कीकुछ खबर लेते हैं.

176
कलबिहारी की शादी रागिनी से हो चुकी थी औरशादी के तुरंत बाद बीना बिहारी को लेकर एक शॉपिंग मालमे
चलीजाती है.नयी नवेलीदुल्हन को माल केबाहरअपनी गाड़ीमे बिठाकर बीना और बिहारीएक शॉपिंगमाल
मे जाते हैं.माल मे लॅडीस की सेक्सी ड्रेस देख करबिहारी एक दम हैरान रह जाता है.
बिहारी: यहतो बिल्कुल फिल्मी हीरोइनोकेजैसे कपड़े हैं.
बीना:रज्जादेख ले जो पसंद है ले ले. तेरीहीरोइन कॉन सी कमहै.
बिहारी: मैं तो अब उसे ज़िंदगी भर कपड़े ही नहीं पहनने दूँगा.
बीना:नयी नवेली दुल्हनहै शुरू शुरू मे तो कपड़े पहनने हीपड़ेंगे, आख़िर उसके भी तो कुछ अरमान होंगे. तेरा
पानी लगते ही वो भी बेशरम हो जाएगी, उसके बाद कपड़ो का खर्च बच जाएगा.
बिहारी: तो वो सब ले ले जिस से उस कली का बदनछुपे कम और दिखे ज़्यादा.
बीना:तभी तोमैं तुझे यहाँ लाईहूँ, इस जगहऐसे ऐसे कपड़े मिलते हैं कि अगर कोईलड़की उन कपड़ो को पहन
कर किसी मर्द के सामने भी आ जाएतोफिर उस मर्द की तो बुरी हालत हो जाए. ऐसे कपड़ेलूँगी तेरी चिड़िया
के लिए किअगर मुर्दा भी इसे उनकपड़ो मे देखेतोउसका लौडा भी खड़ा हो जाए.
बिहारी: तू मेरे लिए यह सबकरेगी?
बीना:और नहीं तो क्या,तू यार हैमेरा और फिर यह कपड़े तो मैं भीपहनूनी ना जबतेरा मन मुझे चोदने को
करेगा.
बिहारी: तू चिंता ना कर,तुझे तेरी चुदाई बराबरमिलती रहेगी. तू घर तो चलउस लोंड़ियाकीसील तोड़ने से
पहले मैं तेरी चूत से ही अपने लोड् की धारतेज़ करने वाला हूँ.
बीना:आह, मेरे रज्जा मैं तो बहुत खुशकिस्मत हूँ जो तेरेदिलमे मेरे लिए जगह कम नहीहुई नहीं तो मुझे
अपनीसौतसे जलनहोने लगी थी.
बिहारी: चल अबजल्दी कर,जो खरीदना है खरीद ताकिघरजाकर पहले तेरी चुदाई करूँऔर फिर उस नाज़ुक
कलीकीचूतकीबलि चढ़ाऊ.गान्ड तो इसकी ऐसे मटकातीहै मनकरताहै किपहले इसकी गान्ड हीचोद लूँ.

177
बीना:तरसखाउस बेचारी पर, अभीकी हीहुई है.तेरा लौडा अपनी चूत मे हीझेलजाएतो बहुत बड़ी बात
है.अभी कच्ची कलीहै, पहले पकने तो दे, गान्डभी देगी वोबस सबर रखना. एक हीदिन मैं उसकी इतनी भी
बुरी हालत ना कर देनाके दूसरी बार वोचुदने कानाम ही नाले.
बिहारी: जैसा तू बोलेगी मैं वैसाही करूँगा.बीना(मनमे सोचते हुए): अब आया ना ऊँट पहाड़ के नीचे, साला
हमेशा अपनी बात ही मनवाता था, आजरागिनीके कारण ज़िंदगी भरकेलिए यह मेरा गुलामबन जाएगा. आज
के बाद जो मैं कहुन्गी यह वैसा करेगा. करीब एक घंटे की शॉपिंग के बाद बीना ने रागिनीके लिएवो हर एक
ड्रेस लेली जो उसके बदनकेहिसाब से उसे सेक्सी बनाए. शॉपिंगकरने के बाद वो 'शर्मा निवास" पहुँचगये.

घर आते हीबीनाने रागिनी का पूरे रस्म-ओ-रिवाज़ो से स्वागत कियाजिससे रागिनी के दिल मे बीना के
लिए इज़्ज़त औरभी बढ़गई.बिहारीने सुहागरात के लिए वीरेंदर का कमरा सजाया था.क्यूंकीवीरेंदरके कमरे
का बेड काफ़ीबड़ा और गोलाई लिए हुएथाऔर सुहागरात के लिए परफ़ेक्ट था.बिहारी ने तो वीरेंदर के
रूम का नक्शाही बदल दियाथा. वीरेंदर के कमरे को उसने सजाकरअपनी सुहाग रात लिएबिल्कुलतैयार
कर लियाथा. कमरे के बीचो-बीच एकबड़ा सा गोल बेड था जिस परएक बहुत हीमोटा लेकिनकाफ़ीनरम
मट्रेस्स था. मट्रेस्स के उपर हल्कीगुलाबी रंग की एक सिल्कीशाइनी चद्दर थी और दो बहुत ही नरमगोल
तकिये जिन परडार्क पिंक कलर के कवर्सथे, रखे हुए थे. पूरे बिस्तरपर गुलाब की पत्तियो के साथ अलग
अलग तरह के महकते हुए फूलथे.कमरे की सारीखिड़कियो परलाइटपिंक कलरके थे और छत से लेकर
ज़मीन तक बिस्तर के हर तरफअलगअलगफुलो की लंबी लंबी लाडियाँ.सारा कमरा रोशनी से जगमगा रहा
था.
बीना नेबिहारी को नीचे बैठने का इशारा कियाऔर रागिनी को लेकर वोउपर रूम मआ गई.बीना और रागिनी
की नज़र जबकमरे के अंदरपड़ीतोदोनो एकदम हैरानरह गई. कमरे मे सुहागरात के लिएबिल्कुलपरफ़ेक्ट
वातावरण था.
बीना:तो विराट जी ने पूरी तैयारी पहले से ही कर रखीहै.
रागिनी ने कस कर बीना का हाथपकड़ लिया.

178
बीना:अरे तुम्हे क्या हुआ???तुमतो खुशकिस्मत होकि तुम्हे इतना दौलतमंद और इतना प्यार करने वाला
पति मिलाहै. मुझे पूरायकीन है कि विराट जी बहुत उतावले होरहे हैं औरमेरे जाते ही तुमपर टूटपड़ेंगे.
रागिनी की आँखेंशरम से झुक गई और होंठ थरथराने लगे.
बीना:अरे तुमतो शरमाती हीजारही हो. माना शरम औरत का गहना होती है,लेकिनमर्द से यह शरमतब
तक ही रखोजबतक कि वो आपका पति ना बन जाए. बिस्तर मर्दो को बेशरमऔरते ही अच्छी लगती हैं.
बस थोड़ाबहुत शरमाना औरफिर एकदम बेशरमहोकरअपना जिस्म ढीला छोड़ देना विराट जी के लिए और
सबसेज़रूरी बात उनकीकिसी भीबात को मना नहीं करना. एक बार तुमने बिस्तर मे उनका पूरा साथ दे दिया
तो समझ लो किफिर वो ज़िंदगी भर के लिए तेरे पल्लू से बँध गये.
रागिनी ने शरमाते हुएहां मे सिर हिलाया.
बीना नेरागिनी को बिस्तर के बीचो बीच बिठाया औरजोनयी ड्रेसमाल से लाई थी वो सबउसे दिखाई. ड्रेस
देख कर रागिनी के गालऔर कान लालहो गये. ऐसे कपड़ों कीतो उसने कल्पना भी नहीं की थी. इतनी
छोटी ड्रेस तो उसने फ़िल्मो मे भीनहीं देखीथी.
बीना:यह तुम्हे विराट जी के लिए सिर्फ़ बेडरूममे ही पहननीहैं और एक दूसरा बॅग दिखाकर उसे बोली कि इस
मे वेस्टर्न ड्रेसहैं जो कि घर पर भी पहनसकती होऔर कहीं बाहर भी. बीनाने रागिनी को शख्त
हिदायत दे केआजके बाद इसघर मे वो सूट-सलवार नहीं पहन सकती.उसे अपने आप को विराट के स्टेटस के
हिसाबसे हीरखना होगा. रागिनीउसकी हर बात मनती चलीजारही थी.

179
बीना:अच्छा अब तुम बैठोमैं थोड़ी देर मे आउन्गि तुम्हारे लिए कुछ हल्का से खाने को लेकर उसके बादमे
क्लिनिकचली जाउन्गी और तुम विराट जी के साथ अपने मिलन मे डूबजाना.रागिनी खामोश रही.बाहर आकर
बीना नेबाहरसे कमरे कादरवाज़ा बंद करदिया.
नीचे आते ही बीना ने देखा कि बिहारीबिल्कुलनंगाहोकर हाल मे बैठ कर शराब पी रहा और बीना का
इंतज़ार कर रहा था.
बिहारी को देख करबीना बोली : कुत्ते तू तोहालमे ही नंगाबैठा शराबपी रहा है,अगर तेरी बीवी भी नीचे आ
गई तो.
बिहारी (जिसपे शराबकानशाहावीहोने लगा था):साली तोक्या आकर मेरी गान्ड मार लेती,आ जाती तो
क्या,चुदवाती तो वो ही ना मेरी गान्ड मे कॉन सा लंडपेल देती.
बीना:देख बिहारी,लड़की बहुत भोली है, इसे जैसा चाहे वैसे ईस्तमालकर सकते हैं, इसलिए एक बात का
बिल्कुल ध्यान रहे किइसे हमारे बारे मे कोईशक ना हो.
बिहारी: मैं कोई कच्चाखिलाड़ी नहीं हूँ,अबतक अलग अलग तरह की 12 चूतेंऔर गान्ड चोद चुका हूँ.
बीना:वो तो मैं भीजानती हूँ कि तू बहुत बड़ा खिलाड़ीहै मगर साला सोचतालंड से है, दिमाग़ नहीं लगता
अपना. बाकी बातें छोड़ बस इतना यादरहे किलड़की अभी बच्ची है, प्यारसे करेगा तो सब करेगी,जोकहेगा
वोमानेगीबस ज़बरदस्ती मत करना.मुझे पूरा यकीन है किबहुत जल्दी तेरे लोड् को अपनी गान्ड का न्योता
भी दे देगी बसतू सबरकरना.
बिहारी: कोई बात नहीं आज पहली बार कोई सीलपॅक चूत चोदने कीखुशी मे मैं इसकी गान्ड बक्ष दूँगा तू
चिंतामत कर.
बीना:काशमैं भी तेरे साथ तेरे कमरे मे होती तो अपनी आँखों से चूत उद्घाटन का लाइव टेल्कास्ट देखती.
बिहारी: तूने मेरे लिएइतना किया है तो मैने भी तेरे लिएएक अरेंज्मेंट करके रखा है.
बीना:क्या??

180
बिहारी: तू आरामसे जा और कल आकर हमारी सुहागरात की सीडी
बीना:क्या मतलब?

बिहारी : मैने कमरे मे दो जगह कमरे लगा दियाहैं पूरीचुदाई उसमे क़ैद होजाएगी.
बीना( खुश होते हुए):वाह मेरे रज्जा मगरदूसराकॅमरा तू लायाकहाँ से.
बिहारी: वीरेंदर का कमरा सॉफ करतेकरतेयह उसकी अलमारी मे मिला. सोचा किबहुत सालोसे इसका
इस्तेमाल तो हुआनहीं होगातो क्यों नाइसे टेस्टकर लिया जाए.
बीना:तू बहुत हरामीहै रे रज्जा, अपनी बीवी की पहलीचुदाई कीवीडियोमुझे दिखाएगा.
बिहारी: तू बसदेखती जा,एक दिन एकही बिस्तर पर तुमदोनो को चोदुन्गा भी.
बीना:तेरे सारे अरमान भगवान पूरे करे.
बिहारी: अच्छा मेरी शादीहुई है तो तूने मुझे कोई गिफ्ट नहीं दिया.
बेना मुस्कुराते हुएबिहारीके कमरे मे घुसगई औरबोली: लाई हूँ ना गिफ्ट तेरे लिए मेरे रज्जा.जाअंदर
आकर लेले,यह कह कर बीना नेअपनी साड़ी कमर तक उठाई और घूमकर अपनी गंददरवाज़े की तरफ कर दी.
बिहारी जैसे हीदरवाज़े तक पहुँचा,बिहारीकीआँखों के सामने जो नज़ारा था उस से उसकी चमक उठी.
बीना:"कैसा लगागिफ्टमेरे आका"?.
बीना की गान्डदेख कर बिहारी का नशा दोगुनाहो गया औरउसके लोड् ने हुंकार भरी.

181
बिहारी: साली तेरी चूत औरगान्ड परतो आज एक भीबाल नहीं है. बीना:मैने सोचा कि मेरा रज्जा अपनीबीवी
की सॉफ चूतऔर गान्ड देख कर मुझे ना भूलजाएइसलिएमैने आज इनकोसॉफ कर दिया ताकियह
नज़ारा तेरी आँखें भूल ना पाएँ.
बिहारी, वाह आज तो मज़ाआ जाएगा तेरी चूत चाटने का.
बीना:राजा छत ले जितनी चाटनीहै और अपना लौडा मेरे हवाले कर दे यह भी तो बिनाबालों के कैसे चमक
रहाहै. बीनालेट जाती है औरबिहारी उसके उपर 69 मैं आ जाता है.बीना की चूत परबिहारी के होंठ लगते ही
बीना के मूह से आह निकलती है और बिहारी का लौडा सीधा उसके मूह मे घुसजाता है. जहाँ दोनो अधेड़ उम्र
के दो जिस्मएक दूसरे को अपने अपने तरीके से सुख दे रहे थे वहीं उनसे कुछ ही दूरीपर बैठी एक अल्हड़
कुँवारी कली अपने पति के मिलन के लिएतड़प रहीथी, रह रह कर उसके जिस्म मे एक टीस उठती और वो
सिहर जाती. वोअपने दिल को बार बारतसल्लीदे रही थी कि बसवो घड़ीआने ही वाली है.
करीबआधे घंटे की चलीलगातारचुदाईमे बिहारी ने बीना की चूत औरगान्ड दोनोकीकस कर ठुकाई की और
फिरजबबिहारी झडा तो ऐसा झडाकि बीना जैसी चूत भीछल छलकरती बह गई. कुछ देरबाद बीना सॅंडविच
और जूस लेकर उपरआ गई. अंदर आकर उसने रागिनी को सॅंडविच और जूसदिया और बोला किथोड़ालाइटही
खाना, हल्की फुल्की रहोगी तो सेक्स के दौरान उछलने मे आसानीहोगी. बीनाकीबात सुनकर रागिनी शरम से
दोहरीहो गई. बीनाने टेबल पर दूध का ग्लास रख दिया (जिसमे उसने अफ़रोडियासिकडोज दी थी)और
रागिनी को हिदायत दी कि विराट केआते ही आधा दूध उसे पिलाना और आधा खुद पीलेना.
रागिनी:मैं दूध नहीं पीती.
बीना:यह तो आधापीनाही पड़ेगाऔर हां अबदूध पीनाशुरू कर दे. पिएगीही विराट को पिला सकेगी.
जब तक रागिनी बीना की बात समझती बीना यह कर कर नीचे चली गई किअब वो कलहीआएगी.बीना की
बात समझ मे आते हीरागिनी का शरीर औरगरमहोउठा. वोजानती थी किउसे बस कुछ ही एक
मर्द के सामने नंगा होना है औरफिर उस मर्द की हरवो बात माननी है जो उसे कही जाएगी.रागिनी अपने
ख़यालो मे खोई थी कि उसे दरवाज़ेके बाहर कदमोकीआहट हुई. रागिनीबिस्तर पर अपनासर घुटनो पर
रखकर बैठी थी औरउसका सरचुनरी से ढकाथा. उसके हाथ अपने घुटनोसे नीचे एक दूसरे मे उंगलियाँ फसाए
हुए थे.दरवाज़े पर किसी की आहट होतेही उसका जिस्म थरथराने लगा और उसके दिलकी धड़कन तेज़ हो गई.
कमरे मे इतनीखामोशीथीकि रागिनी अपने दिल कीधड़कनसॉफ सुन सकती थी.

182

तभीकमरे का दरवाज़ा खुला और बिहारी कमरे मे दाखिलहुआ. रागिनी का शरीरबेड परबैठे बैठे सिकुड़ने
लगा. बिहारीने अंदर आते ही दरवाज़ा बंद किया और लॉक कर दिया. रागिनी चोर नज़रोसे अपने सर पर
पड़ी जालीदार चुनरीसे बिहारी की तरफ देखा तो अनायास ही शरमसे उसकी आँखें बंद गई, उसे
छाने लगा. दिल की धड़कने अस्त-व्यस्त हो गई, उसे समझ मे हीनहीं आरहा था कि उसे क्या हो रहा है.
बिहारी की नज़र बेडपर बैठी हुई छुई-मुई सी लड़कीपर पड़ी तो एकबार तो उसका मनकिया कि शेर की तरह
अपने शिकारपर झपटपड़े लेकिन शराब के नशे के बावजूदउसे बीना की हिदायत याद थी.बिहारी धीमे कदमों
से तक पहुँचा औरउसके पास खड़ा होकरउस नाज़ुक गुड़िया की झलक पाने के लिए लालायत होउठा.
बिहारी के बेड परबैठने का एहसासजैसे ही रागिनी को हुआउसके पैर अपने आप हीपीछे की ओर सरक कर
अपने नितंबो से चिपक गये. बिहारी यहसोच कर फूला नहींसमा रहाकि उसके सामने उसकी बेटी की उम्र
की लड़कीसुहागके जोड़े मे, सुहाग की सेजपर उसको अपना सबकुछसौंपने कोतैयार बैठी है.बिहारी कुछ देर
उसको यूँ ही निहारतारहा.
कुछ बिहारीबोला:रागिनी, तुम खुशतो हो ना?
रागिनी को तोजैसे काटो तो खून नहीं.
रागिनी ने सोचा: यह कैसा सवाल है, यहतो इनसे पूछना चाहिएकि मुझे अपनी बीवी के रूपमे पा कर यह खुश
हैं यानहीं.इन्होने मुझ पर इतनाबड़ा एहसान कियाहै लेकिन फिर भी मुझे से पूछरहे है. रागिनीबिहारी के
इस प्रश्न से बहुत प्रभावित हुई. उसने मनमे ठानलिया किवो विराट को वो हर सुख देगी जिससे वो आज
तक वंचितरहा,चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करनापड़े. उसने मन मे प्रण लिया किआज सुहाग सेज परवो
यह साबित कर देगी किवोविराट से कितना प्यार करतीहै.

183
रागिनी का कोईजवाब ना पाकर बिहारी बोला: देखो रागिनी,तुमपर कोई पाबंदी नहीं है,तुमचाहोतो अभी भी
जा सकतीहो. मैं जानता हूँ कि तुम्हारे मनमे ख़यालआ रहा होगा कि मेरी और तुम्हारीउम्र मे बहुत फरक
है.मैं तुम्हारे दिल की दुविधा समझ सकता हूँ.
कहाँ तुम 18 साल कीऔर कहाँ मैं..........इससे पहले किबिहारी आगे कुछ बोलता, रागिनीने अपनामेहंदी
वाला हाथ बिहारीके होंठों पररख दियाऔर बोली, मुझे आप जैसानेक इंसान पति के मे मिलने की उम्मीद
भी नहीं मेरे बारे मे सब जानतेहुए भी अपने मुझे पत्नीके रूप मे अपनाकर मुझे ज़िंदगीभर लिएअपनी
दासी बनालिया है.आज से मैं आपके चर्नो की दासीहूँ.
बिहारी: तुम मेरीदासी नहीं,मेरीविरासतकी मालकिन हो और तुम्हारीजगह मेरे कदमो पर नहीं मेरे दिलमे
है.
रागिनी,बिहारीकीयह बातें सुनकर गड़-गद हो उठी.
बिहारी: कलसुबहमैं तुम्हे हमारा यहघर दिखाउन्गा, अब से यह सब हम दोनो को मिलकर संभालना है.रागिनी
ने गर्दन हिलाकर सहमति दी.
बिहारी: यहघूँघट कब तक डाले रखोगी,अबतो अपनाचाँद सा मुखड़ा दिखा दो.
रागिनी ने शरमा कर अपनी गर्दन झुका लीऔर नामे सिर हिलाया.

184
बिहारी(गानागाते हुए):"यह जो चिलमनहै दुश्मन है हमारी,कितनीशर्मीली......., कितनी शर्मीली दुल्हन है
हमारी" औरयह गानागया कर बिहारीने धीरे से रागिनी का घूँघटउठाघूँघट हटते ही रागिनीएक दमसे
शरमा गई..
बिहारी: "मेरी ज़िंदगी के मालिक मेरे दिलपरहाथ रख दे,तेरे आने की खुशी मे मेरा दम निकल ना जाए".
बिहारी ने रागिनी की ठोडी को हाथसे उठा कर उसका चेहराउपर किया. रागिनीकामासूम चेहरा,झुकीहुई
आँखें,लाल लरजते होंठ और चेहरेकीलाली देख कर बिहारीभीखुशी से पागल हो उठा.तरहकीलड़की
अपनीमर्ज़ी से उसका बिस्तर गरमकरेगी उसने कभीज़िंदगीमे सोचा भी नहीं थी. आशना के बारे मेउसने
जब भी सोचा था उसने यही सोचा कि उसके साथ ज़ोर-ज़बरदस्ती ही करनी पड़ेगी लेकिन यहाँ तो उस से भी
छोटी और उसी के मुक़ाबले खूबसूरत लड़की आज उसके सामने अपनी सहमतिसे उसे अपनासब कुछ सौंपने
वाली है.
बिहारी ने दिल ही दिलमे बीना का शुक्रिया किया औरअपनी जेबसे एक हीरों का हार निकाला और रागिनी के
चेहरे की तरफकरके कहा:देखिए हमआपके लिएमूहदिखाई मे क्या लाए हैं.रागिनी ने शरमाते हुए आँखे
खोली तो अपनी आँखों के आयेजचमकते हीरून के हार को देख कर उसकी आँखें चमक उठी. उसकी आँखों की
चमक देख कर बिहारी ने सोचा (साली बिल्कुल मेरे जैसी है,मेरीआँखों मेभी ऐसी ही चमक थी जब मैने यह
हारबड़ी के कमरे से चुराया था).
बिहारी: क्यातुम्हे मेरा तोहफापसंद आया.
रागिनी:बहुत खूबसूरत है,बिल्कुल आप औरआपके दिल कीतरह.
बिहारी (मन मे सोचते हुए): मेरा लंड देखेगीतो पता चल जाएगा कि वो भी कितनाखूबसूरत है, भला हो बीना
का जो उसे थोड़ी देर पहले ही ठंडा कर गई वरना अभीतक तो यह मुझे चैनसे बैठने भी देता.
बिहारी: तुमसे ज़्यादा खूबसूरत नहीं है यह हार.
रागिनी अपनी तारीफ से खुश हो गई और शरमाकर नज़रें झुका कर बोली: मैं आपको खूबसूरत लगीमेरीज़िंदगी
सफल हो गई.

185
बिहारी(मन मे सोचते हुए): अभी तेरी खूबसूरतीदेखना बाकीहै, देखने से तो लगताहै माल भारी है पर मज़ातो
पूरा नंगा करके देखने मे ही आएगा.
बिहारी: शादी ही इतनी जल्दी हुईकि तुम्हेशादी मे कोई जेवर नहीं पहना सका. जल्दी जल्दी मे यह हार ही ले
पाया हूँ,कुछहीदिनो मैं तुम्हे पूरागहनो से लाद दूँगा.
रागिनी:आपकी जो मर्ज़ी,आप मेरे साथ करलें सरताज, मैं तो बिल्कुल आपकी हूँ.
बिहारी: तो फिर सबसे पहलेमुझे यह हार पहन कर दिखाओ.
रागिनी(शरमाते हुए):आपलाए हैं तो आपही पहना दीजिए.
बिहारी का मनबल्लियो उछलने लगा. उसने सोचा चलोइसबहाने उसे रागिनी का बदन छूने का मोका ही
मिलेगा. बिहारी बेड से उठा और रागिने के पीछे की ओर आ गया.

बिहारी (मन मे सोचते हुए):साली मम्मे तोघुटनो से छुपा लिएगान्ड का क्या करेगी.रागिनी के पीछे
जाते ही बिहारी की नज़र नीचे की ओर गई तो उसकेलोड् की नींद टूटी. हालाँकिजिसतरहसे रागिनी बैठी थी
उससे उसकी गान्डके आकार का अंदाज़ालगा पाना मुश्किलथा मगर बिहारीजैसा गान्डकाज़ोहरी तो अंदाज़े
से गान्ड का आकार बता सकता था.बिहारी ने रागिनी के गले मे पहनाया तो उसकी उंगलियाँ रागिनीके
गले को छू गई जिस से रागिनीके शरीरमे एकसिहरन दौड़ गई औरबिहारी के लोड् मे करेंट.बिहारीने उसके
पीछे ही अपनालौडापॅंट मे अड्जस्टकिया ताकि उसकी दुल्हनचुदने से पहले हीउसके लोड् कारूप देखकर
बग़ावत ने कर दे. हार पहना कर बिहारी जब आगे आयातो रागिनी के गले मे चमक रहे हार को देख कर वो
हैरान रह गया. हारकासिरा बिल्कुल रागिनी के मम्मों के बीच फस कररह गया था.. रागिनी चलती
सांसके साथ उसके मम्मेउपर नीचे होरहे थे और उनके बीच फसा वो हारअपनी किस्मत पर झूम रहा था.
रागिनी ने विराट की नज़रो का पीछा किया तो उसके लालगाल और सुर्ख हो
रागिनी प्लीज़ लाइट बंद कर दीजिए ना.
बिहारी: आज के दिन जी भर कर देख लेने दो.

186
रागिनी:मुझे शरम आती है.बिहारी ने उठ कर लाइट बंद कर दी.
रागिनी का दिलखुशी जे झूमउठा यहसोच कर के उसका पतिउसकीकितनी इज़्ज़त करता है.
बिहारी(मन मे सोचते हुए): साली एक बार तुझे नंगा कर दूं उसके बादलाइट जलाकरतेरे हर एकअंग की
तस्वीर अपनी आँखोंमे क़ैद करलूँगा.तस्वीर का ख़याल आते हीउसे कमेरे की याद आ गई. बिहारी ने देखा कि
टेबल पर पड़ा कॅमरा फूलोंसे ढका है, उसने अपनाकोट उतारा और उसे टेबलपर रखते हीचालाकीसे कॅमरा का
रेकॉर्डिंग बटन ऑनकरदिया, यह कॅमरा बेडके बिल्कुलसामने था जो किउनके मिलन को बड़ीसफाई से
अपने अंदर क़ैद कर लेतादूसरा कॅमरालेफ्ट साइड पर टेबलपरथा जो किरागिनी के चेहरे के हर एक्सप्रेशन
को क़ैद करने के लिए रखाथा. बिहारी ने उस टेबलके पासरखी चेयर पर बैठ कर अपने जूते उतारने शुरू किए
और जूते उतारते हीआँख बचा कर उसने उसकैमरे को भीऑन कर दिया. लाइट बंद करने बावजूद भीअभी
कमरे मे काफ़ी लाइट थी. दिन के 3:00 हीबजे थे, सूरज अपने पूरे शबाब मे चमक रहाथा.
उसके बाद बिहारी बेड पर जाकरबैठ गया औरबोला: तुम भीउतार दो ना.रागिनी: जी???
बिहारी: अरे इनकपड़ो मे कैसे सोओगी तुम,चेंज करलो ना.
रागिनी:आपनेभी तोपहने हैं अभी.
बिहारी ने अपनी शर्टके बटनखोलना शुरू किया और धीरे धीरे बिहारी की बालों से भरी छाती रागिनीके सामने
आने लगी और उसकादिलरोमांचित होने लगा.बिहारी ने शर्टखोलकर उसे दूर टेबलपरफैंक दिया.
बिहारी: चलो अब तुम्हारीबारी.
रागिनी:मुझे शरम आती है.
बिहारी: तो चलो मैं ही तुम्हारे भी कपड़े उतार देता हूँ.
यह कहते हीबिहारीने अपनाहाथ आगे बढ़ायातो रागिनी नेएक दम उसका हाथ पकड़ लिया बोली"हाए
राम".

187
इतनासुनते ही बिहारीकीहँसीछूट पड़ी और रागिनीभी शरमाकर मुस्कुरातीहुई बिहारीकीतरफ झुकने लगी.
बिहारी ने उसे खींच करउसे आने सीने से लगा लिया और एक ठंडी आह भरी.
बिहारी: तुम नहीं जानती इस दिन के लिए मैने कितने सपने देखे हैं.
रागिनी:अबमैं आगईहूँ, आपकाहर सपनापूरा कर दूँगी.
बिहारी: सच.
रागिनी:हुउऊन्न्ञणणन्.
बिहारी: तो फिर उसके लिए कपड़े तो उतारने ही पड़ेंगे ना.
रागिनी खामोश रही, बिहारी ने रागिनी की तरफसे स्वीकृतिपाकर उसकी चोली की डोरी पकड़ीतो रागिनी बोल
पड़ी "अरे याद आया, डॉक्टर.बीना ने वोदूध बोला था पीने को" यह कह कर उसने अपना हाथ दूध के ग्लास
की तरफ कर दिया.
बिहारी ने दूध के ग्लास कीतरफ नज़र डाली तो बोला: आज तो ग्लाससे दूध नहीं पियुंगा मैं.
रागिनी:धत्त,कितने बेशरमहैं आप.
बिहारी: बेशरम तो बनना हीपड़ेगा,आख़िरसुहागरात एक बारही तो आतीहै ज़िंदगी मे.इसदिन भीअगर
शरमाते तो फिरतो ज़िंदगी भरअफ़सोस ही रहेगा.
रागिनी:वो सब ठीक है,लेकिन डॉक्टर.बीना ने कहा थाकि दोनो आधाआधा ज़रूर पी लेना.
बिहारी को पता थाकि इस दूध मे बीना ने क्यामिलाया है.वो समझ गया थाकि लौंडिया बेशरम बननेके लिए
बिल्कुल तैयार है. अब दूध पिलाकरउसे इस कदर बेशर्मी की राह मे जानाहै कि वोफिर कभीवापिस ना आ
सके.बिहारीने ग्लास उठा कर गरमदूध आधा ग्लास खुदपियाऔर फिररागिनी को भीपिला दिया.

188
बिहारी: मैं फ्रेशा होकर आता हूँ उसकेबाद तुमभी फ्रेश हो जाना. बिहारी ने अलमारी से एकपाजामा निकाला
और बाथरूम मे घुस गया.उसे पताथाकिमिनट मे दूध अपनाअसर दिखाना शुरू कर देगा. बिहारी ने
बाथरूममे अपनापेट सॉफ किया औरकरीब 10 मिनिटमे वोकेवलपाजामापहनकरगया. बाहर आते
ही उसने अपनीपॅंट को कोट के पास रखा औरहाथ मे पकड़ी फ्रेंची का गोला बनाकर रागिनी के पासबेड पर
फैंकरागिनी ने उसे उठाकरदेखातो उसे पता लगा कि वो विराटकी फ्रेंचीथी. रागिनीकाचहरा शरमसे
लालहोउठा.
रागिनी:विराट आप बड़े बेशरम हैं और बेड से उठकर पैरपटकती हुई वहाँ चलीगईजहाँ वो बॅगरखे थे जोकि
बीना औरबिहारी शॉपिंग करके लाएथे. रागिनी ने उस मे से ड्रेस निकाली और बाथरूममे घुसगई.बिहारीने
एलसीडी ऑनकीऔर आरामसे तकिये परटेक लगा कर लेट गया.उसका लिंग अपनीऔकात मे आने लगा
यह सोच कर किअभी कुछ ही देर मे उसे एक कुँवारी कली को औरत बनाना है.

बिहारी ने अपने पाजामा की एलास्टिक मे हाथ डालकरउस परप्यारसे हाथ और बोला"प्यारे अगर सबर
नहीं कियाना तो ज़िंदगी भर इस लोंड़ियाकीचूत के दर्शन भी नसीब नहीं होंगे,इसलिएसबर रख औरआराम
से जो मिले".
बिहारी ने अपने लिंगपर दो चपत लगाई जैसे उसे चुपचाप बैठने के लिए कह रहाहो मगरउसका लिंग भी कोई
मामूली लंड नहीं था. काफ़ी औरतो का स्वाद चख चुकाथाऔर कुँवारी चूत की महकसे तो बिल्कुल बग़ावत पर
ही उतर आया था.
बिहारी काफ़ी देर तक टीवी मे ध्यानलगाए रहा ताकि अपने लिंग को धोका दे सके किआजउसके लिएकोई
काम नहीं है.तभीउसे ध्यानआया कि रागिनी को बाथरूममे गये तो काफ़ी समय हो गया है.बिहारी ने बेड पर
लेटते हीरागिनी को आवाज़ लगाई.रागिनी, कहाँ हो तुम???
रागिनी:जीआ रहीहूँ बस 5 मिनिट.
बिहारी: साली यह लड़कियाँ बाथरूम मे इतना टाइम क्यूँ लगातीहैं???
बिहारी के लिए तो इस वक्त एक एकमिनिट भी एक घंटे के बराबर था

189
करीबमिनिट तक भी जबरागिनी बाहर नहीं आई तो बिहारी बाथरूमके दरवाज़े के पासजाकरनॉक करता
है.
रागिनी:मुझे बाहर आने मे शरमआरही है विराट.
बिहारी: चलो मैं एक कामकरता हूँ, अपनीआँखें बंद कर लेता हूँ तुम आ जाओ.
रागिनी:विराट, आपप्लीज़ बेड पर लेटकर अपने चेहरे परकंबलले लीजिए मैं अभी आती हूँ.
बिहारी(बेडकीतरफ जाते हुए):साला,सीलपॅक चूत के लिए क्याक्या करना पड़ रहाहै. नखरे तो ऐसे कर रही
है किजैसे बिना कपड़े खोले हीचुदवायेगी.
बिहारी बिस्तर पर जाकर कंबल लेकर लेट गया और बोला: आ जाइए मेरी हुस्न की मल्लिका जी.
रागिनी ने धीरे से दरवाज़ा खोला औरअपना चेहरा बाहर निकालकर बाहर देखा और तेज़ी से फिर से सर को
अंदर करके बोली: विराट प्लीज़ मुँह ढक लोना.
बिहारी(मन मैं): सालीअजीब मुसीबत है, अभी थोड़ी देर मे नंगी होकरमस्त चुदेगिपहले नखरे ज़रूर
करेगी.
बिहारी ने अपना मुँहभी ढक लियालेकिनएक आँख से कंबलको तोड़ा साहटा दियाताकिवोरागिनी को देख
सके.
रागिनी:मैं आउ???
बिहारी: कहो तोमैं उठा लाउ???
रागिनी:नहीं बसआरही हूँ.

190
रागिनी ने फिर से सिर बाहर निकालकर देखा तोवो यहनहीं देख पाई किबिहारी की एक आँख अभी भीकंबल
से रागिनी तेज़ी से बाथरूमसे बाहरआई और दरवाज़ा बंद करके तेज़ी से बेड की तरफ भाग आई.
बिहारी को उसकी एक झलक ही मिली लेकिन रागिनी ने अपने शरीर पर चुन्नी रखीथी. वो ज़्यादा कुछ
देख तो नहीं पाया लेकिन वोयह ज़रूर समझ गयाकि रागिनी नेउसकी लाई हुई ही कोईड्रेस पहनीहुई है तभी
तो उसेबाहरआने मे इतनी शर्ममहसूसहो रही है.बिहारीकी की तरफ आकर रागिनीने अपने बदन से
चुन्नीअलग कीऔर उसे दूर फैंक कर कंबल मे घुस गई लेकिन बिहारीसे दूरी
रागिनी:अबआप मुँह बाहर निकाल सकते हो विराट.
बिहारी(धीमी आवाज़ मे):लंडकबबाहरनिकालु.
रागिनी:क्या???
बिहारी: मैने कहा,आजकी रात भी क्या शरमाना.
रागिनी ने अपने पूरे शरीर को कंबल मे ढक रखा था,सिर्फ़ उसका चेहरा ही बिहारी देख पा रहा था.रागिनी का
दमकता मदहोशचेहरा देख कर बिहारीके लंड मे तनावबढ़ने लगा वो समझगयाकिदूध ने असरकरना
शुरू कर दियाहै. रागिनी के चेहरे पर इतनी मासूमियत थीकि बिहारीजैसा लड़कीबाज़ आदमी भी एक बार सोचने
परमजबूर हो गया किक्या वो इसलड़की के साथ ठीककर रहा है??? फिरउसने सोचा कि जो कर रहा हूँ
शादी कर कर ही कर रहा हूँ तो इस मे बुरा हीक्या है.बिहारी के दिल मे रागिनी के लिए एक पलके लिए प्यार
उमड़ आया.
रागिनी ने शरमाते हुएपूछा: क्यादेखरहे हैं??

191
बिहारी: कुछ दिख ही तोनहीं रहा. एक तो तुमने लाइटपहले ही बंद करवादीऔर अब इतना मोटाकंबलभी ले
लिया. लगताहै के मेरी सुहागरात के अरमान अधूरे हीरह जाएँगे.
रागिनी:ऐसा ना कहें विराट,आपके हरअरमानमे,मैं आपकापूरासाथ दूँगी और दिल-ओ-जान से आपको प्यार
दूँगी और खुश रखूँगी. आपकी हर बात मानूँगी.
बिहारी खिसक करउसके पास सरक गया तो रागिनी के चेहरे पर एक दमआ गई.
बिहारी:क्यातुम सचमे मेरी हर बात मनोगी??
रागिनी:आपसे बाद मेरे लिए इसदुनिया मे कोई नहीं विराट, आपकी कसम.
बिहारी: तो फिर लाइट ओन करने दो ना, मैं तुम्हें पहलीही बार मे जी भर कर देख लेना चाहताहूँ, तुम्हारे
जिस्मके हरएक अंग को अपनी आँखों मे बसा लेना चाहताहूँ, तुम्हारे जिस्म कीछविको अपनी रूह मे इस
तरह बसालेनाचाहता हूँ कि अगर आँखें बंद भीकरूँ तो मुझे तुम ही तुम दिखाई दो.
बिहारी की ऐसी बातों से नासमझ रागिनी एकदम पिघल गई और उसे एकदम नशासा छाने लगा.उसे समझ
नहीं आ रहाथाकिउसे यह क्या होने लगा है लेकिनउसकी आँखों की खुमारी से बिहारी को पता चल गया कि
रागिनी पर दूध काअसर हावी होने लगाहै. वोइसमोके को खोना नहीं था.उसने देख लियाथाकिलोहा
गरमहै, अब बसहथोडा मारने की देर है.

बिहारी: तुम नहीं जानती रागिनी,तुम्हारे जैसी बीवीपाने के लिएमैं कितनी राते हूँ,जब भी आँखें बंद
करता था तोजिसलड़की का चेहराआँखों मे आता, तुम बिल्कुल वैसी ही हो. तुमसिर्फ़ मेरे लिएही बनी हो.
रागिनी:ओह....हां विराट,हां, मैं सिर्फ़ आपकीहूँ, मुझे अपना बना लो, अपने मे समा लो विराट ताकि मेरा
कोई वजूद हीना रहे.मैं आपके लिए कुछ भी कर सकती हूँ विराट. मुझे सहारा देकर मुझपर बहुत बड़ा
एहसानकिया है. इसकेबदले आपजो कहोगे मैं मानने के लिएतैयार हूँ.
बिहारी: सच मैं तुम मेरीहर बात मनोगी??

192
रागिनी:हुउन्न्न्न्न, कसमसे विराट, आपकी कसम.
बिहारी: लाइट जलालूँ, मुझे तुम्हे देखना है.
रागिनी:आआहह,जला लीजिएविराट और कर लीजिएमेरा दीदार.भुजा लीजिएअपनी आँखों की प्यास.
बिहारी: प्यास, मेरी प्यासतोरागिनी तुम्हारे करीबआने से और बढ़ गई है.मेरेदिलकी प्यास, मेरे होंठों की
प्यास,मेरे हाथों की प्यास, मेरी आत्मा की प्यास,मेरे.............यह कह कर बिहारी चुप होगया. रागिनीने
सवालियानज़रो से उसे देखा औरमदहोशी मे बोली: बोलिए ना विराट,
बिहारी: रागिनीतुम्हारे जिस्म के लिए मेरे लंडकीप्याससस्स.
रागिनी:श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्श्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआःविराट यह आपनेमुझे क्या कर दिया,
मेरा खुद पर काबू खोता जा रहा है.
बिहारी: होने दो बेकाबू रागिनी तुम अपने आपको, अब मैं तुम्हारे साथ हूँ बेकाबू शरीरकोमंज़िल तक
पहुँचाने के लिए.
रागिनी:प्लीज़ विराट, कुछ करो ना, मुझे मंज़िल दे दोना विराट.
बिहारी तेज़ी से उठा औरलाइटजला दी. लाइट जलते ही सारा कमरा रोशन होगया.शूकर है किलाइट जलते ही
रागिनी ने शरम के मारे अपना चेहरा कंबल मे छुपालिया था वरनाबिहारी के पाजामे मे बने टेंट को देख कर
उसके तो होशहीउड़ जाते.बिहारीने अपने लोड् पर हाथ रखकरमन मे बोला(बसकुछ देर और,फिर सारा
काम तेरा हीहै).
बिहारी रागिनी के पासजाकर बैठ गया और धीरे से उसके चेहरे से कंबल हटाया. कंबल हटते ही रागिनी का
मदहोशसुर्ख चेहराउसके सामने आया. गोरा रंग लिए हुएउसके गालशरम से लालसुर्ख होचले थे. रागिनीके
होंठ और बंद आँखे शरम से फड़फडा रहेथे.बिहारीने झुक करउसके माथे पर किस कियातो रागिनी सिहर उठी
और उसके सुर्ख होंठों से एक आह निकलगई.
बिहारी: कितनी प्यारी और सुन्दरलड़की दी है भगवानने मुझे बीवीके रूप मे.

193
रागिनी (आँखें बंद किएमुस्कुराते हुएबोलती है):तो बना लीजिए ना इस को अपनी बीवी,इसके जिस्म
परअपनी छापछोड़ कर.निचोड़ दीजिए इसके अंग-अंग से जवानी का रसताकि इसजिस्म कोहमेशा आपके
एहसास की ही भूख रहे.
बिहारी ने अपना एक हाथ कंबल मे डालकररागिनी के गले परचलानाशुरू औरफिर धीरे धीरे हाथ को
उसके कान के पिछले और निचले हिस्से पर फिराने लगा.
रागिनी:सस्स्स्स्स्स्शह अह्ह्ह्हविराट मुझे अपनी बना लीजिए अहह.
बिहारी इस खेलका पक्का खिलाड़ी था. हालाँकि वोखुदभी रागिनी जैसी लड़की पा कर अपने होश खो रहाथा
मगरउसे पता थाकि यह लड़की उसकी बीवीहै, इसलिए वो सयमसे कामले रहा था. आज जीवनमे पहली
बार बिहारीकादिमाग़ उसके लोड् पर भारी पड़ रहाथा. बिहारी ने धीरे धीरे अपना दूसराहाथ भीकंबलमे
घुसायाऔर रागिन की बगल मे लेट गया. अब आलम ऐसा था किरागिनीपीठ के बल लेटीहुई अपनीजंघें
आपसमे रगड़ रही थीऔर उसका शरीरकंबलके अंदर तप रहा था जबकि बिहारी बसएक मे अपनी
छाती को तकिये पर रख कररागिनी की बगल मे लेटाहुआ था.
बिहारी के हाथ कंबल मे धीरे धीरे रागिनी की बाजुओ पर पहुँच गये और उस मखमली बदन पर जबबिहारी के
मर्दाना हाथ लगे तो दोनोकीसिसकी एक दूसरे की सिसकीमे खोगई.रागिनी का गलासूखने लगा था.वो बड़ी
मुश्किल से थूक निगलपारही थी.उसकी दाई बाज़ू पर अपनी पकड़ मज़बूत करते हुएबिहारी ने उसे अपनीतरफ
पलटा तो रागिनीअपनी बाई तरफ होतीचली गई अब उसकाबदन बिहारी के हाथो मे ढीलापड़ने लगा था.
बिहारी ने भी अपने आपको अपनीदाई तरफ पलटा और अपना सिर तकिये पर रख दिया.
बिहारी की आँखों मे हवस सॉफझलक रही थीऔर वहीं रागिनी की आँखें भी सेक्स के नशे बंद होने लगी थी.
बिहारी ने अपने बाएहाथ को रागिनी के कंधे पर रखकरउसे अपनी रागिनीकाविरोध अब बिल्कुल
ख़तम हो गया था मगर शरमका घूँघट उसने अभीभीनहीं छोड़ाथा. धीरे धीरे बिहारी ने उसका चेहरा बिल्कुल
अपने चेहरे के करीब कर दिया. रागिनीऔर बिहारी दोनोएक दूसरे की आँखों मे देख रहे थे.दोनो की आँखों मे
लालडोरे तैर रहे थे.बिहारीने अपने चेहरे कोरागिनी के चेहरे के पासले जाते हुए अपनेहोंठ खोले तो रागिनी
शरमा गई.उसकी आँखे बंद हो गई और धड़कते दिल के साथ वो बिहारीके अगलेकदम काइंतज़ार करने लगी.
उसके होंठ लरजने लगे यह सोच करकि पहली बार कोई मर्द उन्हे अपने होंठों मे लेकर उनकारसपीने वाला
है.
काफ़ी देर बाद भी रागिनीने जब बिहारी की तरफ से कोईप्रतिक्रियामहसूसनहीं की तो उसने आँखे खोली
और बिहारी की आँखों मे सवालिया नज़र से देखा.

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बिहारी: सोच रहाहूँ कि तुम्हे ऐसे ही सज़ाकररख लूँ,तुम्हे मैलाकरने का मननहीं कर रहा.
रागिनी यह सुन कर और शरमा गई.
रागिनी ने काँपति आवाज़ मैं कहा:मेरे सरताज, मुझे इंतज़ार है कि आप मुझे मैला करें और अपनी छाप मेरे कोरे
बदन पर लगाए. मैं वादाकरतीहूँ किआपकोहर दिनमैं सजधज कर फिरसे एक नयेपनकाअनुभव
बिहारी, रागिनीकीइसबात से बहुत प्रभावित हुआ.बिहारीने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा: मैंतुम्हे हमेशा
रानी बना कर रखूँगा,तुम्हे कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने दूँगा.
रागिनी:मैं आपके साथ हरहाल मे खुश हूँ मेरे पातिदेव, मैं हमेशा आपकीखुशी के लिएतन और मन सेआपको
समर्पित हूँ.
बिहारी: लेकिन,तन तो तुमने कंबल मे छुपारखा है मुझे दिखती ही नहीं.यह सुनकर रागिनी की आँखें बंदहो
गई और वो मुस्कुराने लगी.
बिहारी ने आगे बढ़कर उसकीबंद आँखों को चूम लिया.
रागिनी:आआहह.
बिहारी ने फिरउसके गालोंकोहल्के से चूमा जो कि काफ़ीगरमथे. रागिनीकीसांस तेज़ चलने लगी. दोनो
गालों पर आहिस्ता से चूमने के बादबिहारी नेरागिनी की नाक परचूमा.
रागिनी:उूउउफफफफ्फ़.
रागिनी जानती थी किअबविराट कहाँ चूमने वाले हैं. जैसे ही बिहारी उसके होंठों के पहुँचा,रागिनी ने नीचे
खिसकते हुए अपना चेहराबिहारी की छातीमे छुपालिया.
रागिनी:उउंम, अपने शराब पीरखी है.

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बिहारी:अगर मुझे पता होताकि तुमइतनी नशीली हो तो मैं शराब को हाथ भी नहीं लगाता.
रागिनी:अच्छा जी,बहाने??.
बिहारी: मैने कहीं सुना थाकि सुहागरात परथोड़ी शराबपीने से सेक्स ज़्यादा देर तक करसकते हैं.
रागिनी ने काँपति आवाज़ मैं पूछा: ज़्यादादेरतकक्यूँ करना है आपको???.
बिहारी: मैं नहीं चाहता कितुम पहली बार मे ही अधूरी रह जाओऔर मैं छूटजाउ.मैं तुम्हे पूरासुख देना
चाहता हूँ.
रागिनी:आआआआहह, तो दीजिए ना मुझे पूरा सुख,बनालीजिए नामुझे अपना.
बिहारी: आज तुम्हे मैं पूरा मज़ादूँगा,तुमआजका दिन कभी भूल नहीं पाओगी. कल सुबह तकमैं तुम्हे इतना
प्यार करूँगा किसुबहतकतुम ठीक से खड़ी भीनहीं होपाओगे.
रागिनी:आआआअहह उूुुउउफफफफफफ्फ़, करिए ना कुछभी करिए लेकिन ज़्यादा दर्द मत करना विराटप्लीज़.
बिहारी: ज़्यादानहीं लेकिन थोड़ा दर्द तो होगा हीतुम्हे,आख़िरतुमपहली बार अपने अंदर
रागिनी ने एकदमअपना चेहरा बिहारी की छाती से उठाकर बिहारी की तरफ देखा और बोली: विराट आपकितने
गंदेहैं ना.
विराट : अपनी बीवीसे गंदी बातेंनहीं करूँगा तो क्यापड़ोसी की बीवीसे करूँगा.
रागिनी ने एकदमकंबल से अपनी बाहें निकालकर बिहारी की नंगी पीठ पर हुए कहा:नहीं मुझ से ही
करनीहैं और जो कुछ करना है मेरे साथ ही करनाहै.
बिहारी की पीठपर रागिनी के मचलते हाथबिहारी को पागलबनाने लगे. एक तो शराबका नशा दूसराउस
अफ़रोडियासिक का असरऔर तीसरा बिस्तर परसालकी कमसिन कलीजोकि बिहारीसे चुदने को बेकरार
है,बिहारी तोस्वर्ग के गोते खाने लगा.बिहारीने भीअपने हाथ कंबल मे डालकर की जलती हुईपीठ

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परअपना हाथ रखकर उसे अपने से सटालिया.रागिनी ने एक हुंकार भरी और बिहारी से चिपक गई. ने
शरमके मारे अपनी कमर को मोड़ कर अपनी टाँगे बिहारीकीटाँगोसे दूर करके रखी थीऔर वहीं बिहारीने भी
अपनीकमर रागिनीसे दूर करके रखी थी. उसे डरथा किउसके के लिंग का रूप जानकार शायद रागिनी डरना
जाए.वो जनताथा किउसकालंड कोई अद्भुत तोनहीं मगर रागिनी जैसीअन्छुइ लड़की के लिएनॉर्मलभी
नहीं है और कुँवारी लड़की के लिए तो इतना बड़ालंड किसी अद्भुत लंड से कम नहीहै.

बिहारी ने महसूस कियाकि रागिनी ने एक बहुत हीपतले कपड़े की ड्रेस पहन है जो किउसके कंधो के नीचे
से होती है.बिहारी को याद आ गया किरागिनीने एक वाइट कलर की ट्रॅन्स्परेंट ड्रेस रखी है जो कि
उसकी कमर के थोड़ा सा नीचे तक हीहोगी. बिहारी का लिंग यह महसूसकरते ही को फाड़ने के लिए
उतावला होउठा. बिहारी जानता थाकि रागिनी ने नीचे सामने कपड़े कीएक बहुत ही महीन और छोटी पैंटी
पहनी होगीजोकि जाँघो के साइड पर डोरियोके सहारे बाँधी जातीहै. बिहारी ने यह ड्रेस खुदपसंद की थी.
बिहारी: रागिनीकरीब आओ ना, दूर क्यूँ जा रही हो.
रागिनी:करीब तोहूँ.
बिहारी: पूरी करीबआओ ना.
रागिनी:उूहुऊँ मुझे शरम आती है.
बिहारी ने एकदम अपने हाथ रागिनीकीकमर से उठकरकंबलको पकड़ा और उसेपीछे फैंक
बिहारी ने यहसब इतनी तेज़ी से किया कि रागिनी कुछसमझ ही ना पाई और जबउसे समझ आयातो आधा
कंबल बेड पर और आधा नीचे नीचे झूल रहा था. बिहारी के हाथ रागिनी की कमर पर फिर रहे थे.रागिनी शरमा
कर पेट के बल हो गई औरशरम से अपना चेहराबिस्तर मे छुपा लिया. बिहारी ने अपनी कोहनीकासहारा लेते
हुए अपना शरीर बिस्तर से उठाया औररागिनी के पूरे शरीरकोनिहारने लगा. रागिनी के लंबे बालएक क्लटचर
मे होकरउसकी पीठसे होते हुए कमरसे दूसरी ओर बिखरे पड़े थे. उसके उपरी बदन पर पतले सफेद कपड़े
की एक्स बहुत हीसेक्सीड्रेस उसके कंधे के नीचे से लेकरपतली कमर तक चिपकी हुई थी.ड्रेस केबिल्कुल
आख़िरी सिरे पर गुलाबी रंगकी तीन इंच की एक झालर लगीथीजोकि उसके नितंबो पड़ी थी. बिहारी ने
अपने शरीरकोबिस्तर से उठाया और रागिनी की कमरकेपास बैठ गया.

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जैसे हीबिहारी बैठने को हुआरागिनी ने धीमे से कहा:विराट प्लीज़, बहुत आ रहीहै.
बिहारी खामोशरहा औरबैठ कर उसके नितंबो पर पड़ी पिंक झालर को उठा कर नज़र रागिनी के नितंबो
परडाली तो उसके गले से एक घुटि हुई आह निकली. रागिनी नेबिहारी की आहसुनीतो अपनाचेहरा उठा कर
विराट को देखा तो उसे अपने नितंबों कोघूरता हुआपाया. रागिनीका बदन गुलाबी हो गया. बिहारी ने भी
उसके गोरे शरीरकोरंग बदलते देखा.रागिनी की नग्न मांसलजांघे और एक छोटी सी पैंटी मे क़ैद उसके गोलाई
लिए हुए विशालनितंब देख कर बिहारी का बुराहाल हो रहाथा.
बिहारी: रागिनीतुम्हारा बुन्दबहुत खूबसूरत है.
यह सुनकर रागिनीके शरीरमे औरगुलबीपन आ गया. वोसमझ गईकि विराट उसके जिस्मके किस हिस्से
की तारीफ कररहा है.बिहारीकीआँखों के सामने रागिनीकेगुलाबीनितंबथरथरा रहे थे. बिहारी की नज़र
रागिनी की पैंटीपर पड़ी.पतलीसी पैंटी रागिनी के नितंबों की दरार मे घुसी हुई थी. बिहारी ने देखा कि पैंटी की
लालडोरियाँ रागिनी की जाँघो के दोनो साइड पर झूल रही हैं.बिहारीने एक डोरी को पकड़कर थोड़ा साझटका
दिया तो रेशमकी डोरी अपने आप हीखुलती चली गई. रागिनीकोडोरीखुलने का पता तब लगा जब उसे अपनी
पैंटी मे ढीलापन महसूसहुआ.रागिनी का दिल एक दमसे धक करउठा.
रागिनी:धत्त!!!! विराट यह क्या कर रहे हैं.
बिहारी: अपनी बीवी के बदन को आँखों मे बसारहा हूँ,उसके एक एक अंग को बारीकी सेदेख कर अपनी रूह मे
उतार रहा हूँ.
रागिनी:अच्छा,अब तो देख लिया, प्लीज़ अब लाइट बंद कर दीजिएना.

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बिहारी: अब इसकमरे कीलाइटसुबहही बंद होगी.
रागिनी:विराट, सच्ची मे मुझे बहुत शरम महसूसहो रहीहै और डर भी लगरहा है.
बिहारी: कलसे सारी शरम चली जाएगीऔर रही डर की बात तो अभीतकतुमने मेरा देखा हीकहाँ है.
रागिनी:धत्त, कैसीबातें करते हैं आप, जाओ हमआपसे नहीं.........इससे पहले किरागिनी आगे बोलतीउसे
महसूस हुआ किविराट ने पैंटी की दूसरी डोरी भीखींच दी है.
रागिनी:आआआहहविराट प्लीज़ीयीईयीई.
बिहारी ने बैठे बैठे हे पैंटी को पकड़ा और उसे एक झटके मे खींच कर रागिनी के जिस्म जुदा कर दिया. झटका
इतनातेज़ थाकि पैंटी के साथ रागिनी का निचलाहिस्सा भी कुछ देर के लिए हवा मे उठा औरफिर बिस्तर पर
स्थिर होगई.हुआ तो यह बस कुछ हीपलों के लिए, लेकिनइसदौरान बिहारी ने रागिनी के नितंबोकी
गोलाईयोंकापूरा मापले लिया. रागिनी ने अपनी जांघे कस के बंद कर रखीथीजिस से उसके मांसल नितंब
और भी ज़्यादागोलाई लिएहुई एक छोटी सी पहाड़ी के आकर मे दिख रहे थे.रागिनी की नसों मे खून ने तेज़ी ले
ली थी और बिहारी का साराखून उसके लिंग मे इकट्ठा होने लगा.
बिहारी: जानएक बारपलटोना.
रागिनी ने ना मैं गर्दनहिलाई औरअपने हाथ अपने चेहरे के आस पास करके चेहरे को छुपादिया.
बिहारी बेड से उठ गया, रागिनीकादिलएक दम से धड़क उठा.उसे लगा शायद विराटनाराज़ होगये हैं. रागिनी
अपने आप को कोसने लगी कि इतना शरमाने की ज़रूरत क्याहै आज तोसबकुछ करने का हकहै विराट को.
रागिनी अपने ख़यालो मे अपने आपकोदोषी मानते हुएअपने आपकोही बुरा भला कह रही थी और बिहारी
रागिनी के पीछे उसके पैरोंकीतरफ चला गयाऔर जैसे हीबिस्तर पर उसने अपना घुटनारखा,रागिनी की
खुश्बू की कोई सीमाना रही. उसे लगा किविराट उसके जिस्मपरफिदा हो गयीहैं और वोज़्यादा देर तक
नाराज़ नही रह सके.
इस बाररागिनी ने विराटका पूरा साथ देने की ठानली.बिहारी परआ गया तो रागिनीने बिना जांघे
खोलेअपनी एक टाँग दूसरी टाँग परचढ़ाकरअपने पैरो को एक दूसरे से कस लिया. रागिनीकीटाँगोके
दोनोतरफ अपने घुटनोके बलखड़ाहो गया.सामने की तरफसे रागिनी के नितंब देख कर बिहारीकीआँखें

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फटी की फटीरह गई. इतनी खूबसूरत गान्ड किसी लड़की की होसकती है उसने कभी कल्पनाभी नहीं की थी.
गुलाबी रंग लिएहुए औरउपर की तरफ उभर लिएहुए वो बिहारीकोलालायित कर रहीथी और बिहारी का लंड
उसका स्वाद चखने के लिएलारटपकाने लगा.बिहारी ने हाथो के बल झुक कर रागिनीके गुलाबी नितंबो
परएक हल्का सा किसकिया.
रागिनी बसएकही किस मे पिघल गई और उसकी चूत ने तड़प्ते हुएआँसू बहानाशुरू कर दिए. रागिनी की चूत
तो पहले से ही काफ़ी गीली होचुकी थीमगर बिहारी की इस हरकत से तो उसने ऐसे बहना शुरू कियाजैसे अब
कभीरुकने का नाम ही नही लेगी. रागिनी केवल एक किस से ही चरमोत्कर्ष तक पहुँच गई.बिहारी ने देखाकि
उसके झुकने से उसका लंड(जो अभीतक पाजामे मे ही सांस ले रहा था) रागिनी विशाल से मात्र 2-3
इंच ही दूर रह गया था.रागिनी इस वक्त अगरअपने नितंबो को ज़राभी हरकत देतीतो बिहारीकालंड उसे
डॅस लेता.
बिहारी ने अपने लंड को रागिनीके नितंबोसे दूर करते हुएउसके नितंबो पर अपने हाथरख कर अपने होंठों से
उसपर चुंबनोकीझड़ी लगादी. रागिनी की तोसांस ही अटक गई और सांसलेना मुश्किलहो गया. अभीवो
एक सखलन से उभरनहीं पाई थी किदोबाराउसकी चूत मे रसभरना शुरू होगया. रागिनीतड़प उठी थी.उसकी
कुँवारी चूत को अब एक दमदार लंड कीज़रूरत थी. बिहारी के चुंबनोसे रागिनी की जाँघो का फासला बढ़ने लगा
और एक वक्त ऐसा आयाकि जब बिहारी को अपनीदोनो जाँघो पे रागिनी जाँघो का एहसास हुआ.
इस एहसास ने रागिनी औरबिहारी दोनो को आनंदित करदिया.

बिहारी(धीमी आवाज़ मैं):रागिनी ओ रागिनी.
रागिनी उूउउम्म्म्म.
बिहारी: पलटो नाअबतो, देखोमेराखड़ा होकर दुखने लगा है.
रागिनी:आप ऐसीबातें करोगे तो मैं पलट नहीं सकूँगीविराट.
बिहारी: रागिनीमैं चाहताहूँ कि तुमभी आज की रात मुझसे खुलजाओ औरहमारे मिलनकापूरामज़ा लो.
रागिनी ने अपने चेहरे को हाथो से छुपाए हुएसिर्फ़ हां मैं गर्दनहिलाई.वो विराट नाराज़ नहीं करना चाहती
थी.

200
बिहारी: चलो आँखें बंद करके पलट जाओ और मुझे अपनाहुस्नदिखा दो. अपने विराट को अपना हुस्नदिखाकर
इतनापागल करदोकि वो तुम परटूट पड़े और कब यहरात गुज़र जाए,पता हीना चले.
रागिनी:विराट मेरा सबकुछआपको समर्पित है लेकिन मुझे दर्द से बड़ा डर लग रहा है.
बिहारी: दर्द होगा तोमैं निकाललूँगा. तुम्हे बड़े प्यारसे प्यार करूँगा औरधीरे धीरेसारा अंदरडालदूँगा.एक
बार अंदरलाने मैं थोड़ी तकलीफ़ होगी, उसके बाद तोजन्नत ही जन्नत है.
रागिनी:मैं भी आपके साथ जन्नत की सैर करनाचाहती हूँ विराटबसप्लीज़ देखनामुझे दर्द कमहोनहीं तो
मेरी चीख निकलजाएगी.
बिहारी: चीख निकल भी जाएतो जी भरकेचीखना आख़िर अपनेका अंडालेनाहै. किसी से डरने की
ज़रूरत नहीं है.तुम्हारी यह चीखेंइसी घर मे ही दफ़नहो जाएँगी,किसी को पता नहीं चलेगाकि इस कमरे मे
एक कली को रौंदा जा रहा है.मैं तुम्हे रौंदूँगा और तुम खूब चीखना. इसी से यह दिनहमेशा हमे याद रहेगा.
रागिनी:अच्छा जी मैं चीखूँगी तो आपमेरी चीखो को मज़े ले ले करयाद करोगे.
बिहारी समझ गया था एक रागिनी अब बहुतआगे निकल आई है, यही मोका है उसे लंड-दर्शन कराने का.
बिहारी: चीख तोहर लड़कीकीनिकलती है पहली रात, चाहे तेज़ चाहे आहिस्ता.मैं यह भी जानता हूँ कितुम
ज़्यादा चीखोगीक्यूंकी तुमअभी बहुत छोटीहो और तुम्हारीअभी बहुत टाइट होगी मेरे लंबे मोटे के लिए.
रागिनी:क्या?????विराट क्या सच मैं वोइतना बड़ा है?
बिहारी: देख लो खुद ही.
रागिनी(शरमाते हुए): नहीं...... मुझे शरमआती है.
बिहारी: अभी कुछदेर मे ही मैं इसे तुम्हारेअंदर डालने वाला हूँ और तुम शरमा रही हो.

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रागिनी:देखिए विराट, आपकीबेशर्मी मे साथ देने से 3 बार तोमैं पिघल ही चुकी हूँ अब और कितना
पिघलाओगे मुझे.
बिहारी: आज तो पूरी रात पिघलाउंगा और तडपाउंगा तुम्हारी"नन्ही को अपने "दुष्टराजा "से.
रागिनी:अपने "दुष्ट राजा " से कहना किमेरी "नन्ही परी" अभी छोटी है,ज़्यादा तंग ना करे.
बिहारी: अरे देख लेना तुम्हे पता भी नही लगेगा जब अंदर जाएगातो.
रागिनी ने एकदमसे चेहरा उपरकिया,गर्दन पलट करविराट कीतरफ देखा और चहकते हुएबोली "सच".
यह तोगनीमत थीकि रागिनी की नज़रबिहारी के पाजामे मे क़ैदखूनउगलते "दुष्ट राजा" परनहीं पड़ी वरना
उसकी चीखेतोउसे अपनी"नन्हीपरी" मे लेनेसे पहले हीनिकल जाती.
बिहारी: मुझ पर यकीन करो औरभरोसा रखो, मैं तुम्हे ज़राभी नहीं होने दूँगा.
रागिनी:अच्छा आप थोड़ीदूरजाओ मैं पलट ती हूँ.
बिहारी उसकी टाँगों के उपर से हटा तो रागिनीबोली "विराट आपके पीछे वाले टेबलपर रखे फूल कितने अच्छे हैं
है ना".
बिहारी ने चौंक कर पीछे देखाऔर तभीउसके कानों मे रागिनी के हँसने की आवाज़ आई "बुद्धू बनाया, बुद्धू
बनाया".
बिहारी ने पलट कर रागिनी की तरफ देखा तो रागिनीउसकी तरफ पीठ किए हुए घुटनो बलबैठ चुकी
रागिनी के घुटने थोड़े से खुले थे और वोअपने चेहरे को एक तरफ करके चोरनज़रो से बिहारीकोदेख कर हंस
रहीथी. अपना पोपट बनते देख बिहारी को भी अपनीमूरखतापर हँसी आई.
बिहारी:मैं तो हूँ ही बुद्धू,तभीतो मेरी आज तक शादी नहीं हो पाई.

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बिहारिी की यह बात सुंतरे ही रागिनीएक दमपलटी औरबिहारी के सीन से चिपकते हुएउसकी आँखोंमे देखते
हुए बोली: आपऐसा मत बोलिएमैं तो मज़ाक कररही थी.
बिहारी(मुस्कुराते हुए):मैं भी तो मज़ाककर रह था, देखोमेरे मज़ाक से तुम मेरीतरफ पलटभी गई और मेरे
सीने से चिपक भी गई.
रागिनी ने बिहारी की छातीपर प्यार से एक मुक्का माराऔर विराटको गले लगा कर मुस्कुराते हुए कहा
"बेशरम के".गले मिलते ही बिहारीने रागिनी की ड्रेसकी डोरी जो किरागिनीकीपीठ पर झूलरही थी
उसे खींचदिया.

रागिनी सिहरउठीऔर बोली: शैतान भीबड़े हैं आप.
बिहारी: शैतानी तोअभी शुरू हुई है,आगे आगे देखतीजाओ.
रागिनी ने उसे और कस के जकड लिया.
बिहारी: थोड़ा धीरे से चिपकोजान दमघुट रहा है.

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रागिनी ने शरमाते हुएअपने बदन को ढीला किया तो बिहारी ने ड्रेसको नीचे से पकड़ते हुए तेज़ी से रागिनीके
शरीर से अलग कर दियाऔर पिंक ब्रामे क़ैद रागिनी के बड़े बड़े मगर सख़्त उरोज उसकी आँखोंके सामने आ
गये. रागिनीबिहारीकीइसहरकत को देखती हीरह गई.
रागिनी(बिहारी के सीने मे प्यार से मुक्कामारते हुए): हटो बेशरम कहीं के!!!! और यह कहते हीरागिनी बिहारी
से हटने ही वालीथीकि बिहारी ने उसे एक बारफिर से अपने सीने से लिया. दोनोके शरीरमिलते ही
एक आग दोनोके बदन मे पैदा हुई औरदोनो हवा मे उड़ने लगे. दोनो के तपते हाथ एकदुसरे की पीठ पर चल
रहे थे.जहाँ रागिनी के कोमलहाथबिहारी को स्वर्ग सा सुख दे रहे थेवही बिहारी के मर्दाना हाथरागिनी को
एक अलगहीदुनियामे ले गये थे. बिहारी जानता थाकि इस वक्त रागिनी उससे कहीं ज़्यादा रोमांचित और
आनंदित महसूसकर रही होगीक्यूंकीवो तो खेला खाया मर्द है लेकिन रागिनी एक दम कच्ची कली जो अभी
पूरी तरह से खिली भी नहीं कि बिहारीजैसे भंवरे के पासचली आई उसेअपना रस पिलाने.
बिहारी ने धीरे धीरे अपने हाथ रागिनी के भारी गान्ड पर रख दिए. रागिनीकीतो सांसहीरुक सी गई और
बिहारी उसरेशमीगान्ड को अपने हाथो सेमसल्ने लगा. रागिनीसचमुचदुनिया से कहीं दूर निकलगई थी.
बिहारी(बड़े प्यार से):जान.
रागिनी:हुउऊउउंम.
बिहारी:क्याखाती हो तुम?
रागिनी के हाथबिहारी की पीठ परचलते चलते रुकगये,उसने बिहारी के सीने सेदूर होकर उसके चेहरे की तरफ
देखा और पूछा: क्यामतलब???
बिहारी ने उसकी गान्ड पर ज़ोरसे हाथमारते हुए कहा:देखोयह कितनी बड़ीहै.
रागिनी ऊउच!!!
बिहारी: इसे देख करतो मेरा नशा चार गुनाहो गया है.
ऐसा सुनते ही रागिनीकीआँखों मे चमक आ गई और शरम से झुक गई. बिहारी ने उसेफिर से अपने सीने से
लगातेहुए कहा:बताओ ना??

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रागिनी:आपको पसंद आई???
बिहारी: बहुत, जी तो करताहै कि पहले यहीं से शुरू करूँ.
रागिनी ने बिहारी की पीठ परमुक्का मारते हुएकहा: धत्त. सच मैं विराटआप बहुतबेशरमहो.
बिहारी ने उसे कस केजकड लियाऔर उसके कानके नीचे किस करते हुए धीरे से पूछा:नहीं क्या???
कान के नीचेविराट केकिसकरने से हीरागिनी मदहोशहो गई औरमदहोश होते हुएबिहारीकीबाहों मे गिरती
हुई बोली: दूँगी ना..
बिहारी ने उसकी गान्ड से अपने हाथ उठाकर उसकी पीठ पररखे और झट से उसकी ब्रा की हुक्सअलगकर दी
और बोला: तो चलो फिरशुरू करें.
रागिनी ने अपनी ब्रा की लाडियां अपनी बाहों मे झूलती हुईदेखीतो बोली:विराट सारे कपड़े उतार दिए मेरे, देखो
मुझे शरम आ रहीहै.
बिहारी: क्यूँ,इसमे शरमकैसी??
अभीमैं भी तो अपना पाजामा उतारने वाला हूँ तोदोनो पूरे नंगे, कोई शरम नहीं.
रागिनी:देखने मैं तोआप बिल्कुल भोले भले लगते हो लेकिन ......
बिहारी: बिस्तर पर तुम जैसीलड़की होतो साधुभी शैतान बन जाए और मैं तो हूँ ही शैतान.
रागिनी:वो तोहो आप,बहुत ही बड़े शैतान हो.
बिहारी: मुझ से बड़ा शैतान तो वो है जो मेरे पाजामे मे है और चिल्लाचिल्ला कर बाहर आने कीज़िद कर रहा
है.

205
रागिनी:तो मैं आँखें बंद कर लेतीहूँ आप उस बेचारे को आज़ादकर दो ना, क्यूँ तडपा रहे उसशैतान को.
बिहारी ने रागिनी को छोड़ा और एकतकिये परसिर रखकर और घुटने उपरकीतरफ करके लेट गया.
इस वक्त बिहारीकाचेहरा रागिनीकीपीठ की तरफ था.
रागिनी(जोकि अभीतक घुटनो के बलही बैठीहुई थी):क्या हुआ??? लेट क्यूँ गये???
बिहारी: जिस ज़रूरत होनिकाल ले,मुझे तोबड़ी शरम आ रहीहै.
रागिनी के चेहरे पर मुस्कान आगईऔर बोली:मुझे तो पूरा नंगाकरदिया और अब आपकोबड़ी शरम आ रही
है,अभी बताती हूँ आपको. यह कर रागिनीघूमीऔर बिहारी की कमरके पास घुटने बेड पर टिका कर अपने
पैरों परबैठ गई. बिहारी की नज़र पहलीबाररागिनी के उरोजो परपड़ी जिसके निपल्सएक दम तने हुए खड़े
थे.इतने कड़कवक्ष देख कर ही बिहारी के मुँहमे पानी आ गया.
बिहारी(चौंकते हुए):यहक्या है?????????
रागिनी ने उसकी नज़र का पीछा करते हुए जबअपने वक्षो की तरफ देखा तो तेज़ी से अपने हाथ अपने चेहरे
पररख दिएऔर फिरउतनीही तेज़ी से अपने बड़े बड़े उरोजो पर.
बिहारी की हसीनिकल गई. बिहारी: क्याक्या छुपाओगीतुम अपने छोटे छोटे दो हाथोसे??? तुम तो पूरीकी
पूरी कयामत हो. अपने हाथो से कोई औरकामलो.

रागिनी ने अपने उरोजो को अपने हाथो से ढकते हुएकहा: पूछ तो ऐसे रहे हो आपने तो कभी किसी के देखे
ही नहीं हैं .
बिहारी: नहीं ऐसा नहीं है, देखे तो बहुतो के हैं हैं लेकिन दूर से ही वो भीकपड़ों मे और इतने बड़े तो किसी के भी
नहीं देखे.

206
रागिनी:यह आपकेलिए हैं विराट,इसीलिए आपके सामने बिना कपड़ों के हैं.
बिहारी: लेकिन मुझे तो तुम्हारे मेहंदी वाले हाथ हीदिख रहे है, वोतो दिख नहीं रहे.अपने हाथोकोकोई और
काम दोऔर मुझेइन्हे जी भर के देखने दो.
रागिनी:अच्छा जी,और हाथो से क्याकामलूँ????
बिहारी: सोच लो, जो तुम्हे इसवक्त ज़रूरी लगरहा हो वोहीकरो.
रागिनी:लगता है कल सुबह तकआप मुझे पूरा अपनी तरहबेशरमबना ही विराट.
बिहारी: अरे सुबह तक की क्या बात है,अभी जब तुम्हारे अंदर घुसाउन्गा ना तो थोड़ीदेरतो तड़पोगीलेकिन
उसके बाद देखना कैसे उछलउछलके कितनी बेशर्मी से औरअंदरडालने केलिए बोलोगि.
इतनासुनते ही रागिनी ने अपने मेहंदीवाले हाथ अपने चेहरे पर रख दिए.
रागिनी:सच मुचआपसे गंदा शायद हीकोई हो,आज तक ऐसी गंदी बातें मैने किसीसे नहीं सुनी.
बिहारी: साला कोई और तुमसे ऐसीगंदी बातें करेगा तो उसकीगान्ड ना चोददूँगा.
रागिनी ने शरम और हैरानी से एकदम अपना हाथ अपने मुँहपर रखलिया.
बिहारी: क्याहुआ???अभी छुआ भी नहीं और उल्टियाँ आनी शुरू भी गई क्या??
रागिनी,बिहारीकीछातीपर लेट गईजिससे रागिनी के नंगे उभारबिहारी की सख़्त नंगी छाती मे दब गये.
रागिनी के होंटोसे एक आहनिकली. दोनो के नंगे जिस्म मिल जाने से दोनो आनंदित हो उठे.
रागिनी:आप तोबहुत गंदी बातें करते हो.
बिहारी: इसी मे तो मज़ा है. इस से सेक्सका मज़ादौगुना हो जाता बोलो मज़ा लेना है ना.

207
रागिनी:हुउऊन्ण.
बिहारी: तो फिर दे देना?
रागिनी:क्या???
बिहारी: अपनी दे दे ना.
रागिनी भी समझ गई थी कि विराट भीयही चाहते हैं कि वो भी उसकापूरा साथ दे.
रागिनी:ले लीजिए.
बिहारी: क्याले लूँ??
रागिनी:जोलेनाहै ले लीजिए.
बिहारी: तो चल पहले पीछे से शुरू करते हैं.
रागिनी एकदम से उसकीछाती से उठ गयी और बोली:ना बाबा ना, मैने तो ऐसे हीकहा था, आप तो सच मुच
मे उसके पीछे पड़ गये.
बिहारी: तुम्हारीवो है हीऐसी किजो देखे वोपीछे ही पड़ जाए.
रागिनी:हटो, नहीं देती मैं.
बिहारी: फिरतो ज़बरदस्त करनी पड़ेगी. क्या सोचोगी तुम भी तुम्हारे पति ने सुहागरात के दिन ही रेप कर
दिया.
रागिनी:ना बाबा ना रेपमत करना. मैं तोसारी आपकीहूँ तो फिर रेप किस लिए.

208
बिहारी: तुम मनाजो कर रहीहो देने के लिए.
रागिनी:वो भी लेलेनालेकिन आज नहीं.धीरे धीरे सबले लेना,मैं कॉन सी कहीं जा रही हूँ.
बिहारी: राजकुमारीजीएक बारमेरेलंड का चस्कापड़ गयाना तो कहीं जाने कादिलभी नहीं करेगा, हमेशा
बेडरूममे ही घुसे रहने कामनकरेगा.
बिहारी ने जैसे ही "लंड" शब्द यूज़ किया, रागिनी एक दम शरमा गई औरबोली: धत्त,कैसे गंदे वर्ड्स यूज़ कर
रहे हो आप.
बिहारी: देखो रानी अबजोजिसका नामहै तोउसे वोही कहेंगे ना.
रागिनी:फिर भी, ऐसे एकदूसरे के सामनेकैसे बोल सकते हैं.
बिहारी: तो चलो फिरबाज़ारचलकर लोगों को बोलते हैं.
रागिनी(शरमाकर मुस्कुराते हुए):विराट आप भी ना.....
बिहारी ने रागिनी को फिर से अपने उपर लिटा दिया.अबआलम ऐसा था कि रागिनी का चेहरा बिहारी के चेहरे
के पास था औररागिनी के बड़े बड़े सख़्त उभार बिहारी की छाती पर. रागिनी के कान के पासअपने होंठ लेजा
कर बिहारी ने उसके कानके निचले हिस्से को धीरे से काटा तो रागिनीएक दमएग्ज़ाइटेड हो उठी. [काफ़ी
लड़कियाँ यह मानती हैं कि यह उनका वीक पॉइंट है.बाकियो का तो पता नहीं पर मेरा तो एक यह भी है].

रागिनी ने अपना बाया हाथ विराट के दाए हाथ पर रख दिया.
बिहारी: निकालो ना.

209
रागिनी(मदहोशी में):क्या???
बिहारी: उसे बाहरनिकालो ना.
रागिनी ने अपना हाथ बिहारी के हाथ पर ज़ोर से दबा दिया औरअपना चेहरा बिहारीके कंधे मे और ज़्यादा छुपा
कर गर्दन हिला कर ना का इशारा किया.
बिहारी: जाननिकालो ना, बहुत दर्दकर रहा है.समझा करो अब तोबहुत हीज़्यादा अकड़गया है.
रागिनी को बिहारी परदया आ गई. रागिनी : प्लीज़ आपभीमेरीहेल्पकीजिए ना, मुझसे अकेले नहीं होगा.
बिहारी ने अपनी टाँगे सीधीकीऔर उसका हाथ (जो किउसके हाथ था) उठाकर पेट की लेफ्ट वाली
साइड पररख दिया और अपना हाथ अपनी राइटसाइड पर रखकर पाजामे एलास्टिक को उठा दिया.
बिहारी: हाथ कोथोड़ा से नीचे ले जाओ.
रागिनी ने अपने हाथ को थोड़ा नीचे सरकायाऔर उसे पाजामे के उपरबिहारीकीकमर परटिका दिया. रागिनी
के दिल कीधड़कनें एक दमतेज़ हो गई थी,जिन्हे बिहारी अपने सीने पर महसूसकर सकताथा.
रागिनी:विराट, बसइस से आगे मैं नहींकरपाउन्गी.
बिहारी: आह, रागिनी बसअब ज़्यादाना तडपाओ, एलास्टिक मे अपनी उंगलियाँ घुसाओ.

210
रागिनी ने अपनी पतली पतलीउंगलियाँजबबिहारीके पाजामे मे फँसाई तो रागिनी के दिल की धड़कने एक दम
तेज़ हो गई. एक बारतोबिहारीकोलगा किकहींलोंड़ियाकाहार्ट ही ना फैलहो
बिहारी:हां रागिनी, बिल्कुल ऐसे ही,बस हो गया.
बिहारी: अब धीरे से एलास्टिक उठा कर पाजामानीचे कर दो, बसहोगया.
रागिनी:विराट मुझसे नहीं होगा प्लीज़.
बिहारी: रागिनीदेखोमैं हमेशासोचता थाकि मेरी बीवी सुहागरात पर मेरे सारे कपड़े उतारे.मैने तोतुम्हे सिर्फ़
एक हीकपड़ा उतारने केलिए बोला है.क्या तुम मेरायह सपनापूरा करने मे मेरी मददनहीं करोगी????
रागिनी ने यह सुनते ही एकझटके मे ही बिहारीकापाजामा नीचे उसके घुटनो तक कर दिया. पाजामानीचे होते
ही बिहारी का लिंग पूरे उफानमे आकर हवा मे झूलता हुआ फनउठाकर एक जगह स्थिर हो गया, जैसे बोल रहा
हो "साले बहुत तडपाया है,देख अबमेरी बारी". बिहारी का लिंग एक दमतन्करछत की ओरदेख रहा था.लिंग
मे तनाव कभीबिहारी ने अपनी जवानी मे भीमहसूसनहीं किया था. बिहारी ने से सर उठाकर अपने
लिंग पर नज़रडाली तो उसका ख़ूँख़ार रूपदेख कर एक बार तोवो भी डर गया. लिंग पर नसें उभर आई थी,एक
एक नस को आसानीसे देखा जा सकताथा.
बिहारी(मन मे सोचते हुए): यहसाला तो मरवाएगा आज,इसे देख कर तो मैं भी डर गया,अगर इसबच्ची ने
इसे देख तो डरके मारे कहीं बेहोश ना हो जाए.
बिहारी: रागिनीउठोऔर आरामसे बेड परलेट जाओ.
रागिनी ने बिहारी को और मज़बूतीसे जकड़ते हुए ना मे सिरहिलाया.
बिहारी: तो क्यातुमहीउपर आओगी मेरे????
रागिनी ने प्यार से बिहारी की छाती मे मुक्का मारा.

211
बिहारी: लगताहै आज केबाद तुममुझे हमेशा मारतीही रहोगी.
रागिनी:नहीं तो, मैने कब मारा.
बिहारी: दो तीनबारतो मार के चुकीहो मेरी छाती पर.
रागिनी:वो तोप्यारसे था.
बिहारी: लेकिन मैं तो प्यार से नहीं मारूँगा.
रागिनी ने अपना चेहरा उपर उठा कर बिहारी की तरफ देखा औरबोली: आप मुझे मारेंगे विराट??
इस वक्त रागिनी के बालउसके चेहरेपर गिरआए थे.बिहारी ने उसके सिर के पीछे हाथ कर उसका
क्लट्चर खोला औरउसके बाल बिखरा कर बोला: तो तुम्हे यहाँ लाया किस लिए हूँ.??
रागिनी ने अपने चेहरे से बाल हटाएऔर बड़ी मासूमियत से पूछा:आप मुझे सच मे मारेंगे विराट???
बिहारी: पगली,तुम्हे थोड़े ही मारूँगा बल्कि तुम्हारी वो मारूँगा.
रागिनी का चेहरा लालसुर्ख हो गया.
बिहारी: इसी लिए तोतुम्हे यहाँ इस घर मे लाया हूँ ब्याह कर.
रागिनी:वो तोचाहे जितनीमर्ज़ी मार लेनाआप विराट.
बिहारी: लेकिन मुझे लगता है कि तुममुझे मारने नहीं दोगि.
रागिनी(आँखे नचाते हुए): क्यूँ,,क्यूँ????

212
बिहारी: मेरा लंड बहुत छोटाहै, शायद तुम्हेमज़ा नाआए औरतुममुझे बार मारने ना दो.
रागिनी:कैसी बाते कर रहे हैं आप. ऐसासोचना भीमत,आप मेरे सरताज हो.आप जब चाहो जैसे चाहो मैं आप
के आगे बिछने कोतैयार होजाउन्गी.
बिहारी: लेकिन क्यामैं तुम्हे अपने छोटे लंडसे मज़ादेपाउन्गा.
रागिनी:प्लीज़ आप अपना मन छोटा ना कीजिए,साइज़ के बड़ा या छोटा होने से प्यार मे कोई फ़र्कनहीं पड़ता
और मैं तो आपके प्यारकीदीवानी हूँ.
रागिनी इस बात से बहुत खुशथी कि जिसबात से वो इतनाडर रही थी वोशायदना हो.उसे लगा कि अगर
विराट का लिंग छोटा है तो कम से कम दर्दहोगा.
उसके दिमाग़ मे उसकेपुराने आशिक ने काफ़ी डरडालाथा किजब वो सुहाग रात पर उसकी सीलतोड़ेगातो उसे
बड़ा दर्द होगा. एक बारतोउसने ज़बरदस्ती रागिनीकोअपना 4.5" का लिंग दिखा भी दिया था जिसे देख कर
रागिनी डरगईथीऔर डरती भीक्यूँ ना उसवक्त रागिनी सोहलवे साल मेही थी और किसीभी लड़की के
लिए इसउम्रमें किसी पुरुष का लिंग देखना उसके दिलमे डर पैदा कर ही देता है . उसके दिलमे तब ऐसा डर
बैठाकि फिर उसने कभीजावेद के साथ शादी से पहले आगे बढ़ने की सोची ही नहीं.

बिहारी: चलो अब आरामसे लेट जाओ औरमुझे अपना काम करने दो.
रागिनी,बिहारीके उपरसे उठी औरपीठ के बल लेटगई.बिहारी,रागिनी की तरफ पासा पलट कर लेटगया
और अपनी एक टाँग रागिनी की टाँगों पर रख दी.बिहारीने कोहनी सहारे रागिनीके चेहरे कीतरफ
देखा. रागिनी की आँखें बंद थी और शरमऔरलज़्जत से फड़फडा रही थी और यही हालउसके होठों का भीथा.
रागिनी का शरमाता हुआ मुस्कुराता चेहरादेख कर बिहारी बोला: रागिनी अपनी आँखें तो खोलयार.

213
रागिनी ने ना मे सिर हिलाया.
बिहारी: देखो कल कोतुमपछताओगीकि इस खूबसूरत रात को,इन हसीन पलों को तुमने आँखें बंद करके ही
बिता दिया. हरइंसान की ज़िंदगी मे यह रात एक ही बार आती है,इसेखूब मज़े से बिताना चाहिए.
रागिनी:लेकिन मैं जब भी आँखेंखोलतीहूँ तो आप कोईऐसी बात कर देते हैं जिस से के कारण मेरी आँखें
खुद ब खुद बंद होजाती हैं.
बिहारी: अच्छा चलोअगर मेरे कारणतुम्हारी आँखें बंद हो जाती है तो फिर मैं ही तुम्हारी आँखें खोलभी देता
हूँ.बिहारी धीरे से उठा औट घुटनो के बल बिल्कुलरागिनीके चेहरे केपास खड़ा हो
बिहारी: चलो एक बार अपनीआँखें खोलो तो सही,फिर देखना तुम आँखें बंद कर हीनही पाओगी.
रागिनी:प्लीज़ विराट कोई शरारत मत करना.
बिहारी: मैं कोई शरारत नहीं कर रहा,देखो मैं तोतुम्हे हाथ भी नही लगारहा हूँ,तुमबसएकबार अपनी आँखें
खोलो लेकिन कोई चीटिंग मत करनाएक दमसे आँखें खोल देना.
रागिनी:ओके, विराट मैं आँखें खोल रही हूँ.
बिहारी: शाबाश,एकदम से खोलदो.

214
रागिनी ने एकदमसे आँखें खोल दी. पहले तो उसे कुछ समझ मे नहीं आया लेकिन जैसे ही उसकी नज़र के
सामने बिहारी के लिंग का लालमोटा सा सुपाडाआया तो रागिनीकीआँखें फटीकीफटी रह गई. उसने डर के
मारे जल्दी से आँखें बंद कर दी औरफिर अचानक से दोबारा खोल करचोर नज़रों से उसविकराल लंड को
शरमाकरदेखने लगी.
बिहारी की हँसीछूट गई.
बिहारी: क्यूँ खुल गईना आँखें??
रागिनी कुछ ना बोलीबस एक टकउस काले नाग कोदेखतीरही.
बिहारी: बोलोना कुछ. रागिनी फिर से खामोश.
बिहारी: क्याहुआ????लेकिन कोई जवाब नहीं.
बिहारी ने धीरे से उसके चेहरे को थपथपाया तो रागिनी को होशआया और उसके होंठों से एक ज़ोरदार चीख
निकली :आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई ईईईईई औरउसने
कसकर आँखें बंद करली.रागिनी की साँसें तेज़ चलने लगी.
बिहारी: क्याहुआ???पसंद नहीं आया क्या??
रागिनी:यह,यह........यह क्या है विराट????
बिहारी: इसे लंडलौडा बोलते हैं और यह तुम्हारे पतिदेव का एकमात्र लौडा है जो ज़िंदगी भर तुम्हे चोदने वाला
है.
रागिन(बिहारी की बेशर्म बातों से बहकते हुए)आइ: लेकिन,लेकिनविराट आपने तो कहा था कि
आपका....................मगर विराट यह तो बहुत बहुत बड़ाहै.
विराट:बसआजकी रात तुम्हे बड़ा लगेगा, कलसे तुमघपा घपअपनीचूत मे लेइसे.बिहारी अबपूरा
बेशर्मी पर उतरआया था.वो जानता था किअगर रागिनीकोजल्दी से गरम ना किया तो वो उसका लौडा लेने
के लिए इनकार कर्देगि और फिर बिहारीकोसारी उम्र रागिनीके कीमूठ हीमारनी पड़ेगी.

215
रागिनी:प्लीज़ विराट ऐसा मत कहो, आपकी ऐसी बातों से मुझे कुछहो जाता है.
बिहारी: अरे अब तोहमपतिपत्नी हैं तो एक दूसरे से कैसी शरम. तुम बसथोड़ीही देर मे सबडर शर्म
भूलकर इसे अपनी चूत का रास्तादिखाओगी.
रागिनी ने अपना चेहरा दूसरीरातरफ़ पलटकर कहा:विराट, इतनाबड़ानहीं ले पाउन्गी.प्लीज़ मुझ पर तरस
खाओ.
बिहारी: तरस तो तुम इसपर खाओ,देखोकब से तुम्हे घूररहा है कि तुमकब इसे प्यार करोगी.
रागिनी:प्यार???यह तो देखनेमे इतनाडरावना है,इसेकोई कैसे प्यार कर सकताहै.
रागिनी की आँखों मे बार बार बिहारी का लहराता हुआलिंगघूमरहा था. उसे एक दमसे जावेद के लिंग
ख़यालआ गया. उसने सोचाकि जावेद का लिंग तो विराट के लिंग के मुक़ाबले तो काफ़ी छोटा था. आज तो
उसकी खैरनहीं.
रागिनी(मन में): भगवान, बसआज मुझे बचा लेना,मुझे इतनीशक्तिदेनाकि मैं अपने पति कापूरासाथ दे
सकूँ औरइनके द्वारा दिएगये दर्दको बर्दाश्त कर सकूँ.
रागिनी ने जैसे ही आँखेंखोलीतो देखा किबिहारी ने अपना काला लौडा बिल्कुल उसके गालों के करीब लाकर
रख दिया है.रागिनी की आँखें शर्मसे बंद होने लगी लेकिनउसकी शर्मीली मुस्कुराहटदेख कर बिहारी समझ
गया कि रागिनी अपने होशगँवाचुकीहै.
बिहारी के लिंगकी गरमाहट से ही रागिनी की चूत झर झरकरबह उठी.रागिनी ने इस बारअपनी आँखें बंद
नहीं कीबस शरमा दी औरशरमाते हुए अपनी निगाहें बिहारी के लिंग टिका दी.
बिहारी: अब बोलो कैसा है यह???
रागिनी:बहुत बड़ा है यहतोमगर बहुत प्यारा भी है.

216
बिहारी: अब देखनायह तुम्हे कितना प्यारकरेगा.
रागिनी:इसे देख कर तो लगता नहीं कि यह किसी को प्यारभी कर सकता है, तो सिर्फ़ दर्द ही दे सकता
है.
बिहारी: तुम्हारायह शकबहुत जल्द दूर हो जाएगा.
बिहारी: चलो अब जल्दी से इसे मुँह दिखाई दो.
रागिनी:मुँह दिखाई?????लेकिन मेरे पास तो कुछ भी नहीं है देने को.
बिहारी: झूठ मत बोलो रागिनी तुम्हारे पास तो ऐसा खजानाहै किजो कभीख़तमहीना हो और जिस पर भी
लूटादोवो दुनिया का सब से खुशनसीबइंसान बनजाए.

रागिनी (शरमा कर,मुस्कुराते हुए): मेरे पतिदेव, आज से यह खजानाआपका है आपको जो चीज़ पसंदहै आप
मुँह दिखाई मे ले लीजिएऔर इस शरारतीकोखुशकर लीजिए.
यह कह कर रागिनीने अपनीबाहें खोलकर दोनो तरफ फैला दी और अपने आपको बिहारीकोसमर्पण कर
दिया.
बिहारी ने अपनी दोनो टाँगें रागिनीके कंधे के इर्द गिर्द रखी और अपना लिंग रागिनी के शरमसे लाल हुए
गाल पर रख दिया.
रागिनी शरमा कर बस मुस्कुरा दी और उसकीआँखें फिर से बंद होने लगी.
बिहारी: यहतो मुँहदिखाई में एक चुम्मा माँग रहा है.

217
रागिनी ने अधखूली आँखोंसे शरमातेहुए कहा:बड़ा शरारती है यह तो. लड़कीदेखीनहीं तोचूमने के लिए
उतावला होगया.
बिहारी ने अपना लौडा उसके गाल से रगड़ कर लंड का सुपाडारागिनी की नाक पररख दिया. बिहारी के लंड की
खुश्बू से रागिनीकातन बदन हिलकोरे खाने लगा.
रागिनी:अगरइसे चूम लूँ तो क्यायह खुश होकर मुझे बक्शदेगा.
बिहारी: बक्शेगा तो यहआजतुम्हे किसी भी कीमत पर नहीं.
रागिनी:तो फिर इसे चूमने से मुझे क्या फ़ायदा होगा?????
बिहारी: अगर इसे चूमकर तुम अगर इसे प्यार से मुँहमे ले लोगि तोइसके गीले होने से यह तुम्हारीचूत मे
आसानीसे चलाजाएगा.
रागिनी:छी, मुँह मैं कभी नहीं लूँगी इसे मैं,चुम्मिदे रहीहूँ क्या यह है.
बिहारी ने भी ज़्यादा ज़ोरना देते हुए कहा:चलोआजचुम्मि लेकर बेचारा गुज़ारा कर लेगा कलसे तो यह
तुम्हारे हरछेड़ की सैर करेगा.
रागिनी बसशरमाकरमुस्कुरा दी.
रागिनी:कल की कलदेखेंगे मुझे तोआजकी चिंता है.यह कह कर रागिनी ने बिहारी का लिंग हल्का साचूम
लिया.

218
रागिनी:बस, अब खुश????
बिहारी: यहभी कोईचुम्मा हुआ??
रागिनी:तो ????
बिहारी: चुंबनक्या होताहै मैं तुम्हे सिखाता हूँ. अच्छीतरह से सीख कर तुम भीचुम्मा लेने कीप्राक्टिज़ कर
लो.
यह कह कर बिहारी रागिनी के उपरसे हटा औरउसकी बगल मे होकररागिनी के होंठों की तरफदेख कर
बोला:कहाँ से शुरू करूँ समझ नहीं आ रहा, तुम्हारातो एक एक अंग चूमने और चाटने लायक है.
रागिनी बिहारी की आँखोंमे देखकर मुस्कुरा दी.रागिनी ने महसूस कियाकि बिहारीकीनज़रें उसके होंठों की
तरफ हैं.बिहारी ने घुटनो के बल बैठे ही झुकना शुरू कियातो रागिनी के दिल की धड़कन तेज़ हो गई. विराटके
पहले चुंबनके लिए उसके लालसुर्ख होंठ थरथराने लगे. जैसे जैसे बिहारी उसके आता जा रहाथा उसकी
साँसों मे तेज़ी आना शुरू हो जाती है औरलज़्जत तथा शर्मसे आँखें अड़खुली हो जाती हैं.बिहारी के होंठ
रागिनी के होंठों के बिल्कुलकरीब आ चुके थे. रागिनीअपने गालों पर बिहारी की गरम साँसें महसूस करसकती
थी.वो बिहारी के मुँहसे आ रही शराब की महक को महसूस करके औरतड़प उठी.उसे अचानक याद आया कि
विराट ने शराब इस लिए पीरखी है ताकि विराट उसे सेक्सका पूरा मज़ा सके.यह सोचते ही रागिनीकीचूत
मे और लहर उठी और उस कली की योनि कारास्ता और चिकना हो गया.

219
दोपहर से रागिनीपाँच बार चरम सीमा तक पहुँचचुकी थी लेकिनहर स्खलन के बादउसकी योनिऔर तड़प
उठती. आजउसकीयोनि ने भी ज़िद ठानली थीकि आज वो बिना किसी नये मेहमान का स्वागत किएबिना
आँसू बहाना बंद नहीं करेगी.
जैसे हीरागिनी अपनाचरमसुख भोगकर धरती पर आई तो उसने खोलके विराटकी तरफदेखाजोकि
उसे आनंद सागर मे गोते लगाताहुआ देख करमुस्कुरा रहाथा. रागिनी शरमसे अपना चेहरे दूसरी तरफमोड़
लिया. बिहारी ने अपनेतपते होंठ अचानक उसके गले पर रखदिए औररागिनी को बेतहाशा चूमने लगा. अपने
गले पर विराट के होंठ महसूसकरते ही रागिनीकेबदन ने एकअंगड़ाईली औरउसकी कमरबिस्तर से एक
धनुषकीतरह उठ गई.

रागिनी:उूुुउउफफफफफफ्फ़ विराट, आपने मुझे पागलकर दिया है.
बिहारी उसके गले के दोनोतरफ और कान के नीचे लगातारचूमे जा रहाथाऔर रागिनी जल बिन मछली की
तरह तड़प रहीथी.
रागिनी:आआअहह ब्ब्ब्बाआअसस्सस्सव्वविराआाटततत्त आआआहह.
जियसे हीरागिनी के मुँह से आह निकली बिहारी नेअपने होठ उसके जलते होंठों पर रख दिए.
विराट के होंठों कोअपने होंठों पर महसूसकरते हीरागिनी ने अपनी बाहें विराट की पीठ पर लपेट दी और दोनो
एक दूसरे को पागलों की तरह चूमने लगे.रागिनी के होंठों कारसअच्छी तरहनिचोड़ने के बाद बिहारी ने अपनी
जीभ उसके मुँह मे उतार दी.रागिनी भीअबकहाँ पीछे हटने वाली थी,उसने भी अपनीजीभविराटकी जीभसे
भिड़ा दी.रागिनी से यह सब बर्दाशकरनामुश्किलहो गया और सांसफूलने लगी.रागिनी की योनिमे
एक अजीब सी कसकउठने लगी और उसकीजांघे आपस मे रगड़ खाने लगी. रागिनी के होंठों कारसनिचोड़ने के
बादबिहारी नेअपना दाया हाथ रागिनी के दूध के शिखर कलश पर रख दबा दिया और रागिनीकीचीख बिहारी
के मुँह मे ही दम तोड़ गई.
बिहारी,रागिनीके बाए उरोजको कस करमसल्नेलगा. बिहारी उसके कड़क निपल कोअपनी उंगलियो से मरोड़ने
लगा. रागिनी हवा मे उड़ने लगी.उसकी बैचैनि बढ़ने लगी, उसे पता नहीं चलरहा था किउसे क्या हो रहा
है.उसके बाएवक्ष को अच्छी तरह मसल्ने के बादबिहारी नेअपने होंठ रागिनीके लाल सुर्ख हो चुके उरोजो

220
पररख दिए. रागिनी के मुँह से बसउूुुुउउफफफफफफफफ्फ़ आआआहह वव्ववीीईईईइइर्रर्राततत्त की आवाज़ें
निकलने लगी.
बिहारी ने उसके बाए निपल को अपनीउंगलियों मे लेकरउसे अपनीजीभसे चुबलना शुरू कर दिया. रागिनी तड़प
उठी. बिहारी नेअपना हाथ उसके दूसरे शिखरकलशपर रख दिया और रागिनीके बदन को मसल्ने लगा.
रागिनी के लिए अबबर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो गया था.
रागिनी:आअहह वVविरात्त,ब्बाआबसस्स्सस्सववीयररतत्ततत्त बासस्स्स्स्स्स्स्सस्स,डाल दो अब विराट,
डाल दो प्लीज़.
बिहारी: क्या????
रागिनी:प्लीज़ विराट मैं मर जाउन्गी,अबडाल दो.
बिहारी: लेकिन क्याडालूं???
रागिनी:विराट आप अपने "दुष्ट राजा" को मेरी "नन्ही परी" मे डालदो प्लीज़.
बिहारी: मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा.
रागिनी ने विराट को अपने उपरखींचा और अपनी टाँगें खोल दी.
रागिनी:आ जाओ विराट,बनालो मुझे अपना.
बिहारी: मुझे समझ नहीं आरहा,सॉफ सॉफ बोलो रागी.
रागिनी(काँपतिआवाज़ मे): प्लीज़ विराटमत तडपाओ प्लीज़ डाल दोना अब.
]
बिहारी: लेकिन क्याडालूं और कहाँ डालूं??

221
रागिनी ने अपने हाथ नीचे ले जाते हुएबिहारीकाख़ूँख़ार लिंग पकड़ लियाऔर अपनी योनिपरटिका कर कहा
"डाल दो इसे" विराट.
बिहारी: मुझे तो समझ नहीं आ रहातुम क्या करना चाह रही हो,तुमखुद ही कर लो जो करनाहै.
रागिनी तड़पउठी.
रागिनी:प्लीज़ विराट, अपना ल्ल्ल्ल्लुऊउन्ड मेरी छcचुउउउत्त्त्त्त्त में डाल दो.
बिहारी(रागिनी को तडपाते हुए): अभी नहींरागिनी, अभी तुमबहुत छोटी हो.शायदअभी तुम इसे झेल ना पाओ.
रागिनी : मैं झेल लूँगी विराट,बस तुमडालदो.
बिहारी: अगर दर्द हुआ तो????अगर तेरी चूत फटगई तो??? बाबा ना मैं इतना बड़ालौडा तेरी चूत में
कैसे घुसा सकता हूँ????
रागिनी:मैं ले लूँगी इसे अंदर, नहीं फटेगी आपडालो तो सही.
बिहारी: नहीं मैं ऐसानहीं कर सकता, तुम मेरीबीवी हो,मेरा फ़र्ज़ है कि तुम्हे कभी कोई दुख नादूं.
रागिनी:विराट मुझे कोईदुख नहीं होगाअगर आपमेरी फाड़ भी दोगे, आपकामुझ पर पूराहक है. आपमुझे
जैसे चाहो रौंदो मैं उफ्फ तक ना करूँगी.
बिहारी: रागिनीसमझा करो,यह ऐसे नहींजाएगा इसे पहले गीला पड़ेगा.
रागिनी:चला जाएगा विराट, मेरी चूत काफ़ी गीली है,आप डालकर देखें तो सही.

222
बिहारी लगातार रागिनी के मम्मेदबाए जा रहा था औरबीच बीच मे उन्हे मुँह से चूस भीलेता.रागिनी ने उसके
लंड कोअपनी चूत के उपररखकर रगड़नाशुरू कर दिया.बिहारी एक पक्काखिलाड़ी था, वोजानता था कि
रागिनी जैसी लड़कीकोजितना तडपा कर चोदेगा वोउतनी ही जल्दीउसकी गुलामी स्वीकारकरलेगी,आख़िर
उसने आशना और बीना को अपने बिस्तर तक लाने का रास्ता तो सॉफ करनाथा. बिहारी चाहता थाकि
रागिनी उसकीकिसीभीगतिविधि मे कोई काँटा ना बने और हर काममे उसका साथ खुशीखुशीरागिनी की
मासूमियत, खूबसूरती,कातिल जवानीऔर सेक्स के प्रति इतना रुझान बड़ा कामआसकता था.रागिनी सचमे
सेक्स के प्रति काफ़ी रुझानरखने वाली लड़की थी.जिस बात से वो हमेशाडरती थी वो डर आजकी रात हमेशा
के लिए निकालने वाला था.और एकबार अगर किसी काम को करने का डरदिलसे निकल जाए तो तो उसे
बार बार करने का दिल चाहता है. बिहारी भीचाहता था कि आज ही रागिनीके दिलका डरभी निकाल
दे और उसे एक ही रात मे इतनाबेशरमबना दे किवक्त आने परवो किसी के भी सामने अपनी चूत परोस
सके.हालाँकिइस बारे मे बिहारी ने बीनासे कोई बात नहीं कीथी लेकिन उसके दिल मे रागिनीकोलेकर एक
अलग साज़िश काअंकुर फुट चुका था.
रागिनी:प्लीज़ विराट, मैं मरजाउन्गी.
बिहारी -- देखो रागिनीमेरायह पहली बार है और मुझे काफ़ी डर लग रहा है, पता नहीं तुमइसे ले भी पाओ या
नहीं. देखो मुझे ग़लत ना समझना, मैं भीतुम्हे प्यारकरना चाहताहूँ लेकिनमुझे नहीं लगता कि मेरालंड
तुम्हारी चूत के लिएबना है.
रागिनी ने दयनीय नज़रो से बिहारी को देखा औरबोली:डालदो ना विराट, से ज़्यादाक्या होगा,मैं
चीखूँगी हीना.तुम मेरी परवाह मत करना,मैं जितना मर्ज़ी चीखू चिल्लाऊ,तुममुझे रौन्द्ते रहना,मैं तुमसे
नाराज़ नही होउंगी.
बिहारी: यहडॉक्टर. बीना ने मुझे कहाँ फसा दिया है, ना वोमुझे तुमसे मिलाती और ना मैं तुम्हारा हुस्नदेख
कर तुमपर फिदा होता.
रागिनी:अबजो हो गयासो हो गया,अबमैं तुम्हारीपत्नीहूँ. मैं खुली टाँगो से आपको आमंत्रित कर रहीहूँ
"विराट, आओ और तोड़दोमेरीसील, मार लो मेरी चूत".
रागिनी अबबिल्कुलबेशर्मी परउतरआई थी.आख़िरएक गरमऔरत सेक्सके नशे मेक्या क्या कर सकती
है बिहारी अच्छे से जानता था.बिहारीने ज़ोर से रागिनी के मम्मे तो रागिनी के हाथो से बिहारी का लंड
छूट गया.
बिहारी (मन मे सोचते हुए): साली ने कितनी ज़ोर से पकड़ा था,मेरी तो सांसही अटक गई थी.

223
बिहारी ने थोड़ानीचे होकररागिनी के पेट को चूमते हुएअपने तपते होंठ रागिनी की नाभि पर रख दिए.रागिनी
के बदन मे तरंगे उठने लगी औरउसका पूराशरीर थर थर काँपने लगा.रागिनी का गलासूख चुका था.नाभिमे
जीभ फिराते हुएबिहारीने अपने लिंग को अड्जस्ट करते हुएअपना शरीरबेड परटिका दिया और रागिनी की
जांघे उठा कर उन्हेघुटनो से मोड़करउसके पैर बिस्तर पर टिकादिए.बिहारीके अगले कदम सोच कर
रागिनी ने शरम के मारे अपने आधे शरीरकोकंबलसे ढक लिया.इस वक्त बिहारी कंबलके अंदर उसकी टाँगो
के बीच था.पेट के बल लेटे होने के कारण बिहारी की छाती के बालरागिनी की कोमलयोनि को तरंगित कर रहे
थे और रागिनीकीयोनि का पानी बिहारी की छाती के बालो को भिगो रहा था.
बिहारी को अपनीछातीपर गीले पनकाएहसासहुआ तो उसनेबेचारी कितनीगीली हो गई है, कहीं यह
लंड ना मिलने सेमर हीना जाए. रागिनी की आँखों से आँसू बहकरउसके गालो से होते हुएउसके गले से नीचे
बह रहे थे. वो चुदना चाहतीथीपर उसकाविराट उसे इस सुख से वंचित रख रहाथा. वो एक दमखामोश हो गई
थी.अपने इन्ही ख़यालो मे रागिनी खोई हुईथीकिकुछ ऐसा हुआ जिस से एक उसकी बड़ीबड़ी आँखे एक दम
और खुल गई, उसकासिर पीछे को मूड गया औरउसके लाल सुर्ख होंठ गोलाई लेते हुए "ऊऊऊऊऊऊओह " करके
खुल
बिहारी ने अपने होंठ रागिनी की योनि के होंठों पररख दिएथे.रागिनी को यहएहसाससीधा उसे जन्नत मेले
गया औरबिहारी ने यूँ तो कितनी हीचूतें चकी थी लेकिनइसअन्छुइ चूत मे तो बातही कुछऔर थी. वो
पागल कुत्ते कीतरह रागिनी की चूत पर कूदपड़ा,उसने यहभी ना सोचा किरागिनी उसके इसहमले के लिए
तैयारभीहै कि नहीं. रागिनी की तोसांस ही अटक गई.काफ़ी देर बादजबउसे सांसआई तोउसके होंठों से बस
एक हीशब्द निकला"आआआआआआआआआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हआआहहहहहहहहहााअ
आआआआआआआआअहह उूुुुुुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़अहाहाआआआआआअहहाहह
ब्ब्ब्ब्ब्बबबस्साब्स्सब्बबससाआआअस" और इतना कहते ही रागिनी का बाँध टूटगया.
बिहारी उसका सारा पानीपी गया.बिहारीरागिनी की कुँवारी चूत ऐसे चाट रहा था कोई बहुत सेभूखा
उंगलियाँ चाट चाट कर खानाखा रहाहो. रागिनीने कसकर तकिये को अपने दाँतों दबोच लिया.
बिहारी ने झट से कंबलएक तरफफैंका औररागिनी की जाँघो पर नीचे की तरफहाथ रखकर बिहारी ने उसके
पैरो को हवामे उठाया और रागिनी की कमर को हवा मे उठाकर चूत से लेकर गान्ड के छेद तकचाटना
शुरू कर दिया.
बिहारी ने अपनी जीब रागिनीकीचूत से भिड़ा दी लेकिन अन्चुदि चूत जीभ अंदर कैसे घुसती. रागिनी का
शरीर काँपने लगा. बिहारीने अपने खुरदुरे हाथ उसकी गान्ड पर फेरते हुएअपनीरागिनी की चूत पर
चलानी जारीरखी औरअपनी जीभ से ही उसकी चूत चोदने लगा. बिहारी की सख़्त जीभ रागिनी की नाज़ुकयोनि
के मुँह पर बार बार ठोकर मार रही थी औररागिनी के नितंबअपने आपहवा मे थिरकने लगे. बिहारी ने उस

224
गुलाबी चूत परआक्रमणतेज़ कर दिया तो रागिनीने भीबिहारी की जीभसे तालमिलाते हुएअपनी गान्ड
उछालना शुरू करदिया.बिहारीने जब देखा कि रागिनी अपनीगान्ड उछालने है तो उसने 4-5 बारउसकी
नन्ही सीचूत पर उपरसे नीचे अपनी जीभ फेरी औररागिनी की क्लाइटॉरिस को अपने होंठों मे लेकर उसे
अपनीजीभसे चुबलाने लगा.
रागिनी जैसी कुँवारी अन्छुइ लड़कीयह सबबर्दाश्त ना कर पाई औरउसकी चूत से कमरसछलक उठाजिसे
बिहारी ने चाट चाट कर सॉफ करदिया.रागिनी निढालहोकरबेड पर गिर गई.शाम से उसकीचूत ने इतना
पानी बहाया थाकि उसके बदनमे अब जानही नहीं रही थी.बिहारीने उसे बिनाचोदे ही निहाल करदिया था.
रागिनी के दिल मे बिहारी के लिए इज़्ज़त औरप्यारऔर भी बढ़ गया था, रागिनी सोचने लगी किविराट कितने
अच्छे इंसानहैं, मेरे डर को देखते हुएउन्होने अपना लंड मेरे अंदर नहीं डाला औरमुझे बिनाचोदेही निहाल कर
दिया.
तभीउसके अंदरसे आवाज़ आई "रागिनी तू इतनी सेल्फिश कबसे होगई, जिस इंसान ने तुझे सड़क से उठाकर
अपने महल कीरानीबनाया, तुझे इज़्ज़त दी और तेरे डर के कारण तुझे बिनाचोदे कामसुख दिया, क्या तू
उसइंसान कोऐसे हे तड़पता छोड़ देगी,धिक्कार है तुझपर रागिनी धिक्कारहै.
बिहारी: रागी.
रागिनी:जी.
बिहारी: थक गई हो क्या?
रागिनी:हुउन्ण,प्यास भीलगी है.

225
बिहारी: आज सारी प्यास भुजा दूँगा तुम्हारी.
रागिनी:आअहह, विराटपानीपीना है, गला सूखगयाहै.
बिहारी: गन्नाचुसोगी???
रागिनी ने शरमा कर अपना चेहरा अपने हाथों से ढक लिया और मे गर्दन हिलाई.
बिहारी ने उठकर उसे पानी का ग्लास दिया तोरागिनी ने झट से उसे खालीकर दिया.
बिहारी: तुम तो बहुत प्यासी हो, लेकिन लगताहै अबतुममे जान ही नहीं रही.
रागिनी:विराट, पता नहीं क्यूँ पर बड़ी थकान महसूस हो रही है.
बिहारी:ठहरो मैं तुम्हारे लिए कुछखाने को लाता हूँ.
रागिनी:नहीं विराट, आपरहने दीजिए, मुझे बताइए मैं ले आती हूँ.
बिहारी:आज तुम कुछ काम नहींकरोगी, आज मैं तुम्हारी सेवा करूँगा औरफिर मेवा खाउन्गा.
रागिनी:मैं तो धन्य हो गई आपकोपति के रूप मे पाकर,आप जब चाहे मेरामेवा खा सकते हैं.
बिहारी:भूख तो मुझे भी लग गईहै, तुम आराम करो मैं कुछ हल्का सालेकर आताहूँ.
रागिनी ने हां मे सिर हिलाया. रागिनीने अपने शरीरकोकंबलमें ढका बिहारीबाहरजाने लगा.
रागिनी:विराट, सुनिए.
बिहारी ने पलट कर रागिनी को देखा औरपूछा: "क्या"??

226
रागिनी:वो आपबिल्कुल नंगे हैं, कुछ पहनलीजिए ना.
बिहारी: अपने ही घर मे कैसीशर्म और वैसे भी हमारे सिवा कोई औरघर में है नही तोफिर अपनी ही बीवी
से शरमाना.
रागिनी(मुस्कुराते हुए): आपसच मुचबड़े बेशरम हैं.
बिहारी: वो तो मैं हूँ ही और देखोतुम्हे भी तो बना दिया ना मैने बेशरम.

रागिनी ने उसकी तरफ सवालियानज़रों से देखा.
बिहारी: अभी कुछदेर पहले ही तो मेरा लौडा अपनी चूत में ठूंस रहीथीऔर मुझ से निवेदन कर रही थी कि
"विराट अपने लंड को मेरी चूत मे डालदीजिए ना"
रागिनी:विराट प्लीज़, ऐसाना कहो वो तो मैंखुदपर काबू खोबैठी थी.
बिहारी: रानी जब भी मेरी बाहों में आओगी तो तुम्हे पागल कर दूँगा. यादहै ना अभी कुछ देर पहले अपनी गान्ड
उछालउछाल करमेरीजीभसे चुदरही थी.
रागिनी ने इतना सुनते ही कंबलसे अपना मुँह ढक लिया.
बिहारी: सुबह तक तुम्हे अपनी तरह बेशर्मना बना दियातो मुझे कभी अपनीगान्ड ना देना और यहबोल कर
बिहारी नीचे चला गया.
रागिनी(मन में सोचते हुए):आप मेरे जिस अंगको भोगना चाहे, मैं खोलकर आपकास्वागत करूँगीविराट.
आपबसमुझे इशारा करते जाएँ मैं हमेशाआपके सामने अपने आपकोपरोस दूँगी.

227
करीबमिनट के बाद बिहारी दो कॉफी और कुछफिंगरचिप्स लेकरउपर आया. उसने रागिनी के कपमे
ज़रूरत से ज़्यादा और अपने कप मेज़ोरूरत के मुताबिक अफ़रोडियासिक मिलाई औरउसे अच्छे से कॉफी मे
मिक्सकर दिया था.बिहारी ने नीचे किचनमे काम करते वक्त एक प्लान सोच लियाथा. अगर इस प्लान मे
रागिनी उसकीमदद करदे तोवो सारीजायदाद काइक्लोतामालिक बन सकता था. बीना से वैसे भी उसकामन
भर चुकाथा. रागिनीऔर आशना जैसी कुँवारीकलियो को काबू मे करके अगरवो बीना को धोखादे भी देता तो
उसे कोईफरकनहीं पड़ता. बिहारी ने सबसे पहले रागिनी को साँचे में ढालने की सोची उसके बाद बीना को तो वो
आसानीसे ठिकाने लगा सकता था, आख़िर उसपर आँख मूंद करविश्वासकरतीबीना.
बिहारी जब कमरे मे घुसा तो उसने देखा रागिनी बेख़बर होकर बेड पर पड़ीहै और थकान के कारणउसे नींदआ
गई है.बिहारी धीरे से उसके पास गया और ट्रे को साइड पर रख दिया. रागिनीकाचेहरा कमरे में फैली तेज़
रोशनीमे चमक रहा था. उसके चेहरे परसंतुष्टि सॉफ झलक रही थी.उसके चेहरे पर इस समय ऐसा निखार
आयाथा जो किसुहाग रात मनाने केबाद लड़कीके चेहरे पर देखा जाताहै.
बिहारी (मन मे सोचते हुए): सिर्फ़ चूत चटवाने से यह लोंड़ियाइतनी संतुष्ट है तो जब मैं इसे चोदुन्गा तो
इसकातो पूरा बदन हीखिल उठेगा.
बिहारी रागिनी के पिछली तरफजाकरधीरे से बेड परचढ़ा और रागिनी के उपर से कंबल हटाकरउसे कमरपर
टिका दिया.बिहारी ने अपने सुस्त पड़चुके लंड को रागिनी के चेहरे की तरफकरते हुएलंडके सुपाडे से रागिनी
के माथे ठोकरे मारने लगा.रागिनी ने एकदम से अपनी आँखें खोली तो बिहारी के लंड कोअपने चेहरे के
करीबपाकर शरमा गई.
रागिनी:आप कब आए???
बिहारी: कब से तुमको उठा रहा हूँ लेकिन तुम उठने का नाम ही नहीं लेरही थी फिर सोचा किजिसको इस वक्त
तुम्हारी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है अगर वो उठाए तोशायदतुम जाग जाओ.
रागिनी(बिहारी की लिंग की तरफ इशाराकरतेहुए):तो इस वक्त मेरीसबसे ज़्यादा ज़रूरत इसशरारती को है.
बिहारी ने रागिनी के लिएजगह बनाई और रागिनी उठ कर बैठ गई.बिहारी ने भी अपनी टाँगों पर कंबलडाल
दिया.
रागिनी:इसे छुपा क्यूँ रहे हो.

228
बिहारी: यहनाराज़ हो गया है,अबइसे मनाना पड़ेगा.
रागिनी:पहले कुछखालेते हैं फिरइसे भी मना लूँगी. होसकता है कि यह इतनाखुशहो जाएके फिर सारी रात
मुझ खेलता ही रहे और आरामनाकरने दे.
बिहारी: हां यह ठीक रहेगा.
रागिनी:आप प्लीज़ वो ट्रे यहाँ रख दीजिए.
बिहारी: मैं तो अब बहुत थक गयाहूँ, तुम खुद ही उठाकर ले आओ.
रागिनी:विराट मैं पूरी नंगीहूँ कंबलके अंदर.
बिहारी: तो मैं कॉन सा कपड़े पहन कर बैठा हूँ.
रागिनी:प्लीज़ पकड़ा दीजिए ना.
बिहारी: जल्दी से उठा लो नहींतोअगरकॉफीठंडी हो गई तोनीचे किचन मे नंगी हीइसे गरम करना
पड़ेगा.
रागिनी यह सुनते ही एकदमकंबलसे बाहरनिकली और बेड से उतर गई.
बिहारी: रूको.
रागिनी(बिहारी की तरफपीठ करके खड़ी होगई):क्याहै??
बिहारी: रागीतुम्हारी गान्डतोबहुत बड़ी है,मैं तो फिदाहो गया औरदेखोमेरे लोड्ने भीगर्दनउठाना शुरू
कर दिया.

229
रागिनी तेज़ी से भागीऔर ट्रे उथाआखाऱबेड पररख दी. भागते हुए रागिनीकीलहराती गंद मे जो सिलवटें पड़ी
तो बिहारी के लंडने ग्रीन सिग्नल देना शुरू कर दिया. रागिनीट्रे उठाकर वापिस आई तो बिहारी की नज़रें
रागिनी के सीने के उभारों की थिरकन पर थी.
बिहारी(मन मे सोचते हुए): सच में बहुत ही टाइट मालहै साली. मेरी बात मान ले तो मुझे पक्का यकीन है कि
वीरेंदर की सारी दौलत मेरीही होगी.
रागिनी(कॉफीकाकपबिहारीकीतरफ बढ़ाते हुए): यहलीजिए और से पिलीजिए.
बिहारी (रागिनी के बूब्सऔर योनिको देखते हुए): आज तो सारी रात ही पियुंगा, जल्दी क्याहै???.
रागिनी बिस्तर पर आकरअपने घुटनों कोमोड़ करअपने पैरों परबैठ गई. रागिनी:कब से तो पी रहे थे, अभी
भी मननहीं भरा क्या?
बिहारी: जब तक इस से एक एक बूँद ना निचोड़लूँ मेरा तो तबतकजी नहीं भरेगा.
रागिनी:सारा रस तो निचोड़ लियाअपने.
बिहारी: तुम चिंता ना करो, तुम्हारी चूत मैं अपना रस भरकरतुम्हारे रस फिरसे भर दूँगा.
रागिनी:धत्त, बेशरम कहीं के.
बिहारी और रागिनी कॉफीपीते हुएफिंगर चिप्सभी खाने लगे. कॉफी ख़तम होते होते दोनो की भूक शांत होने
लगीथी. वैसे भी सेक्स कीभूख के आगे पेट की भूख कम ही लगतीहै.
ट्रे को एक साइड रखने के बाद बिहारी ने रागिनी को अपने पास खींच लिया. रागिनी कटी पतंगकी तरह बिहारी
से चिपकी.इसवक्त रागिनी की पीठबिहारी के सीने से सटी थीऔर रागिनी के नितंब बिहारी के लिंगको
चूमरहे थे. बिहारी का लंडकुछ नरमपड़ चुकाथा.
बिहारी(रागिनी के कान मे):देनी है क्या????

230
रागिनी की आँखेंशरम से बंद हो गई और शरमाते हुए उसने गर्दन हां मे हिलाई.
बिहारी: लेकिन मेरा लौडातोरूठ गया है.
रागिनी(धेमे स्वर मैं): मना लूँगी इसे.
बिहारी: वो कैसे???
रागिनी:इसे इसकी सहेलीसे मिलवाउन्गि तो अपने आपखुशहोजाएगा.
बिहारी: इसकी सहेली से तो यहआजमिलकर ही दम लेगा औरइसकी सहेली ने इसे जितनातंगकिया है उतना
ही उसे रुलाएगा भी.
रागिनी ने पलटकर शरमा कर अपनाचेहरे बिहारीके सीनेमे दे दिया.
बिहारी ने रागिनी के सिरपर हाथफेरते हुए कहा:डरो मत यह अपनी सहेली को बहुत प्यार भी करेगा. रागिनी
ने कस करअपनी बाहें बिहारी के गले मे डालदी और बेड पर लेट गई.उसे साथ साथ बिहारी भी उसके उपर
गिरताचला गया.
रागिनी पर दवाई काअसर बहुत जल्दी शुरू हो गया क्यूंकीबिहारी ने काफ़ीमात्रा मेउसकी कॉफी मे
अफ़रोडियासिक मिलाई थी.बिहारी की नंगीछाती अपने वक्षो परमहसूसकरते ही उसकी चूत गीली होने लगी.
रागिनी ने बिहारी को खींच करअपने उपर करने कीकोशिशकी लेकिन बिहारी ने उसकीकोशिशबेकार कर दी.
रागिनी ने सवालिया नज़रो से बिहारी की तरफ देखा.रागिनी: क्याहुआ विराट, नहीं है क्या???
बिहारी: मन का क्या,मन तोकभी भी नाभरे मेरा तुमसे मगर इसकाक्या करूँ लोडा मुँह लटकाए बैठा है.यह
कह कर बिहारीने अपने लंड की तरफ इशाराकिया.
रागिनी:इसीकोतो मना रहीहूँ.

231
बिहारी: ऐसे थोड़ीमानेगायह.
रागिनी:तो जनाबकैसे मानेंगे???
बिहारी: इसे प्यार करनापड़ेगा,हाथों से सहलानापड़ेगा,चुम्मियाँ भी देनीपड़ेगी और फिर मुँह मैं लेकरइसे
गीला भीकरना पड़ेगा, ताकि यह तुम्हारी सहेली को भीखुशकर सके.
यह सुनते हीरागिनी ने शरमाकरचेहरे परहाथ रख दिएऔर धीरे से सिर ना मेहिलाया.
बिहारी: तो रहने दो, लेकिनयह शायद पहली बार होगा क़ि सुहागरात के दिन कोई दुल्हन बिना चुदे ही रह गई.
रागिनी ने अचानक बिहारी के मुँह परअपना हाथ रख दिया.

रागिनी:प्लीज़ ऐसी बातें मत करो मुझे कुछहोजाता है.मैं फिरसे अपनाकाबू खो दूँगी.
बिहारी: वो तो होके हीरहेगा.
रागिनी:अच्छा जी,यह बात है, तोलगी शर्त.
बिहारी: देख लो, अगर हारगईतो मेरा लंडचूसनापड़ेगा.
रागिनी:छीईईईईईईईईईईई गंदे.
बिहारी(हँसते हुए): तो इसका मतलब तुम्हे अपने पर भरोसानहीं.
रागिनी:भरोसा तोबहुत है मगर आप बातें ही इतनी गंदी करती हो.

232
बिहारी: मेरा दावा है कितुम्हे इतनापागलकर दूँगा कि तुम भी कुछहीसमय मेबातें करोगीऔर मेरा
लौडा चूस चूस कर इसे अपनी चूत के लिएतैयार कर लोगि.
रागिनी ने शरमा कर अपनेहाथ अपने चेहरे पर रख दिए.
बिहारी: तो हो जाए बेट????
रागिनी:तो ठीक है,लेकिनबस 10 मिनट औरइन दसमिनटों मे आपअगरमुझे पागल ना कर पाए तोफिर
कभीआप मुझे चूसने के लिएनही कहोगे.
बिहारी: तुम्हे चूसनेसे इतनाडर क्यूँ लगताहै.
रागिनी:डर नहीं लगता मगर गंदालगता है.खाओ मेरी कसम के अगरमिनट मे आप कुछ ना कर पाए तो
फिरआप कभीमुझे ऐसा करने कोनही कहोगे.
एक बार के लिए तोबिहारी भी परेशान हो गयालेकिनफिर उसने मुस्कुरा कर कहा "रागी तुमने मुझे 10 मिनट
देकर बहुत बड़ी ग़लतीकरदीमैं तो कुछ ही मिनटों मे तुम्हे पागलकर
रागिनी:देखतेहैं.
रागिनी:युवरटाइमस्टार्ट्सनाउ.
बिहारी, रागिनीके वीक पॉइंट से वाकिफ़था, उसने रागिनी का हाथ पकड़ करउसे बिस्तरसे उठा के बिठा दिया
और खुद घुटनो के बल उसके पीछे बैठ गया. बिहारी ने सामने दीवारघड़ी मे टाइम देखा, 10:05 हो रहे थे.
बिहारी: वो देखो सामनेघड़ी,से पहले अगरतुमनेखुदमेरा लौडा अपने मुँहमे नालिया तो समझ लेना
किमैं तुम्हारे लायक ही नही हूँ. इतना कहते ही बिहारी ने अपने होंठ रागिनी के कानके पीछे उसके गले पर
रखकर रगड़ दिए.
रागिनी तड़पउठी, एकही सेकेंड मे उसकी आँखें बंद होती चली गई और उसका शरीरढीला पड़ने लगा. वो समझ
नहीं पा रही थी कि उसे एकदमसे क्या होगया. उसके बदनमे करेंट दौड़नेलगा. बिहारी ने उसके कमज़ोर
अंगको लिया था. वोजानता था कि कुछ हीपलों मे उसकालौडा रागिनी के मुँहकीगहराई को नापने वाला

233
है.यह सोचते ही उसके लोड् मे भी तनाव आने लगा.रागिनी को अपनीपीठ पर बिहारीके लंड की चुभन महसूस
हुई तोउसके मुँह से एक आह निकलीजोसारे कमरे मे गूँज उठी.
बिहारी का लिंग इसमदमस्त आह को सुनकरऔर सख़्त हो गया औररागिनी की पीठ मे हीछेद बनाने लगा.
रागिनी(मदहोशी मे): विराटआपका वोचुभ रहाहै.
बिहारी: अगर इसे सहीजगह ना मिलेगी तोयह तो अपने लिए खुद ही छेद बनाएगा ना.
रागिनी:आआहह ववीरटइसके लिए मेरा छेद तैयारहै.
बिहारी: लेकिन इसे पहले किसी औरछेद मे जाना है.जहाँ जाकर यहअच्छी तरह से गीला हो जाएऔर फिर
तुम्हारे असली छेद के सारे बंधन खोल सके.
रागिनी:उूउउफफफफफ्फ़ विराट, प्लीज़ ऐसी बातें मत करो, मैं पागल हो जाउन्गी.
बिहारी: तो हो जाओ नापागलमेरी रागी, मैं तुम्हे मंज़िल तकपहुँचा दूँगा. तुम्हे मंज़िलइसी से मिलेगी,इसे
जितना प्यार करोगी यह तुम्हे उतनाही खुशरखेगा.
यह कह कर बिहारी ने रागिनीकोपीछे खींच कर बिस्तर के बीचो लिटा दिया. बिहारी ने आगे आकर अपने
दोनोपैर रागिनी के कंधे के इर्द गिर्द रखे और घुटने मोड़ कर रागिनी की कमर के इर्द गिर्दकर दिया.जैसे
ही रागिनीने अपनीकमर के आस पास हलचलको महसूस कियाउसके दिल कीधड़कनबढ़ गई. उसकी जांघे
एक दूसरे से सट गई.बिहारीने अपने हाथ कोबड़े प्यार से रागिनी की मांसलजाँघोकीदरार मे फिराया तो
रागिनी की टाँगे अपने आप खुल गई.रागिनी समझ गई किबिहारी फिरसे उसे मुँहसे सुख देना चाहता
है.
रागिनी के मुँह से यही निकला:विराट प्लीज़, नो.
बिहारी ने घड़ी की तरफ देखा, उसके पास अभी सात मिनट थे.बिहारी ने हुएअपनी कोहनियो को रागिनी
की जाँघोके इर्द गिर्द रखा और अपने हाथो को रागिनी की जाँघोकोनीचे डालकर उन्हें उपरउठाया तो
रागिनी की जांघे उपर उठने लगीऔर घुटने मुड़ते चले गये.बिहारी ने अपने दोनोहाथो नीचे से रागिनी की चूत
के दोनो और रख कर अपने मुँह से एक गरमसांस उसकी चूत पर तो रागिनी कराह उठी. रागिनी अभी तक

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देख नहींपाई थी कि बिहारीउस के उपर "69" के पोज़ मे है.रागिनी धड़कते दिल के साथ विराट के अगले कदम
का इंतज़ार करने लगी.बिहारी ने लपककर अपनी जीभ से रागिनीकीचूत चाटली.
रागिनी के मुँह से निकला:उई माआ.
बिहारी ने एक बार फिरसे उस नाज़ुक चूत पर जीभ चलाईऔर फिर से पीछे हट गया.रागिनी इस बार भी
सिहर उठी.रागिनी की आँखें ज़ोरसे बंद थीऔर साँसगहरीहोती जा रही थी. जबकाफ़ी देर तकबिहारी ने कुछ
ना तोरागिनी बोली:विराट प्लीज़ीयीईयीई.
बिहारी: क्या????
रागिनी:करो ना.
बिहारी: क्याकरूँ???
रागिनी(अबतककाफ़ीगरम हो चुकी थी): चाटो ना.
बिहारी किसे??
रागिनी काफ़ी उत्तेजित होउठी. रागिनी:प्लीज़ विराट मेरी चूत को चाटो ना, बहुतमज़ा आता है.
बिहारी ने लपक कर अपने होंठ रागिनी की रस बहतीचूत पर रख दिए और ज़ोरज़ोर सेचूसने लगा. रागिनी का
शरीर खुद बखुदहवा मे उठने लगा.जैसे ही रागिनीकीकमर हवा मे उठी,उसे अपने पेट पर विराटकी मर्दाना
छाती का आभास हुआ. रागिनीने हैरानी से अपनी आँखे खोलीतो उसका दिल "धक्क" कर उठा.उसकी आँखों के
बिल्कुल सामने बिहारी का काला लंडहवा मे झूलरहा था.बिहारी के बड़े बड़े अंडे रागिनी की नाक के तोड़ा ही
उपर थे औरउसका लौडा पूरे शबाब मे आकड़ा खड़ाझटके ले रहा था.

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बिहारी ने रागिनी की चूत चाटते हुएअपनी एक उंगली उसकी चूत मे घुसादी, लेकिन रास्ता तंग होने के कारण
वोअंदर नहीं जा पाई. अपनी चूत मे विराट कीउंगली महसूस करते ही रागिनी हवा मे उड़ने लगी औरउसके
हाथ खुद ब खुदपीछे आए औरबिहारी के रसभरे आंडोकोसहलाने लगे.बिहारीने झट से अपनी नज़र उठाकर
घड़ीमे देखा,अभी 4 मिनट बचे थे.
बिहारी का मुँहअपनी चूत से हट तेहुए महसूस करते ही रागिनी तड़प कर बोली.विराट प्लीज़ ऐसे अधूरा ना
छोड़ो.
बिहारी ने झट से अपना मुँह फिर से उसकी चूत पररख दियाऔर अपनी जीभसे रागिनी की चूत चोदने लगा.
रागिनी से जब बर्दाश्त नाहुआ तो उसने झटसे बिहारी के सख़्त विशाललोड् को पकड़ होंठों पर
टिका दिया.इसबार कराहने की बारी बिहारी की थी लेकिन उसकी आह रागिनी की चूत मे गुम हो गई. बिहारी
और जोश से रागिनीकीचूत चाटने लगा वो समझ गया था कि रागिनी अब औरज़्यादा देर तक नही रुक
सकेगी.वहींविराट केलंड की खुश्बू से रागिनी पागल हो उठी,उसने ज़ोर अंदर सांसखींची और विराट के लंड
की खुश्बू मे मदहोश हो गई.बिहारी ने रागिनीकीक्लिटको अपने होंठों मे दबाया तो रागिनी का मुँह अपनेआप
खुल और उसने बिहारीके लंड के सुपाडे को अपने सुर्ख होंठों मे क़ैद कर लिया. बिहारी की तो जैसे जान ही
निकलगई उसएकपलमे. रागिनीने उसके सुपाडे पर एक लंबी सी चुस्कीलगाई औरउसपरजीभफिराने
लगी. बिहारीतो सातवें आसमानमे उड़नेलगा, उसने अपने लंड को रागिनी के गले उतारनाशुरू किया तो
रागिनी की सांस फूलने लगी. रागिनी ने अपने होंठ बिहारी के लंड पर कस दिए ताकि वो अंदरना जा पाए.
बिहारी(रागिनी की चूत से मुँह हटाते हुए):और अंदर लोना जान, पूरा मुँहमे लो ना.
रागिनी ने लंड को मुँह मे रखते हुए ही"ना" मे गर्दन हिलाई.
बिहारी: अगर तुम इसे मुँह मे लेने से इतना घबरारही होतो सोचोचूत मे कैसे ले पाओगीजोइतनी छोटी है.
इतनासुनते ही रागिनी की चूत से कमरस कीएक लहरछूट गई जिसे बिहारी ने अपनी उंगली परमहसूसकिया.
बिहारी ने सोचा किआज के लिए इतना ही काफ़ीहै, कहीं ऐसाना हो कि रागिनी को बुरा लग जाएऔर यह वो
नहीं चाहता था.रागिनी को वोसोने की मुर्गीके रूप मे इस्तेमाल चाहता था. वोतो इस मुर्गी के रोज़ के
एक अंडे से ही खुश था. रागिनी भी यही सोच रही थीकि कहीं विराट उस नाराज़ ना होजाएँ. धीरे धीरे
रागिनी ने बिहारी का लंड औरअंदर लेना शुरू किया लेकिन बिहारी एक दमसे उठा और उसके सिरके पीछे बैठ
गया,रागिनी ने अभी भीउसका लंड अपने हाथों से पकड़ करअपने होंठों पर लगारखा था.
बिहारी उठा और रागिनीके मुँह से लंड निकाल करउसकी बगल मे आकर बैठ गया.
रागिनी ने मदहोश आँखों से बिहारीकीतरफ देखाऔर पूछा "क्याहुआ विराट"????

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बिहारी: रागिनी,मैं तुमसे प्यारकरता हूँ और तुम्हे ऐसा कोई भी काम करने परमजबूर नहीं करूँगा जो तुम्हे
अच्छाना लगे.यह तोतुमसे शर्त के कारणमैने तुम्हे मजबूर कर दियाअपना लंड चूसने के वरना मैं तो
तुम्हे कभी कोई तकलीफ़ पहुँचने की सोच भी नहीं सकता.
रागिनी ने विराट को अपने उपरखींच कर उसके कान मे कहा "आइ लव यू विराट,आप जो कहेंगे, चाहेंगे
मैं ही करूँगी".
बिहारी: तो चलो फिरचुदने के लिएतैयार हो जाओ.
रागिनी की आँखेंएकदम बंद होगई और होंठ मुस्कुरादिए.उसने गर्दन हिलाकर हां मे इशारा किया. बिहारी ने
रागिनी की गंद के नीचे पड़ी फूलकी पट्टियों को सॉफ कियाऔर रागिनी के घुटने मोड़ कर उसकी खोल
दी.
रागिनी:यह फूलक्यूँ हटारहे हो????
बिहारी: कली को मसालने के लिए फूलों काक्या काम.
रागिनी:उूउउन्न्ञन्, बताओ ना.
बिहारी: मैं चाहता हूँ कि तुम्हारी औरत बनने की निशानी मैं हमेशा अपने पास संभाल के रखूं, इसीलिएयह फूल
साफ करदिए हैं ताकि तुम्हारी चूत के खून का हरएक कतरा इस बेडशीट परगिरे.
रागिनी ने शरमा कर अपनी गर्दन सहमतिमे हिलाई. बिहारी उसकी टाँगों के बीचबैठ गया और अपने सुपाडे को
नंगा करके रागिनी की चूत के पासलेगया.बिहारी ने रागिनी की आँखों मे देखा तो रागिनी का चेहरा शर्मसे
लालहोगया.
बिहारी: डालदूं. ??
रागिनी ने आँखों से स्वीकृति दी.

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बिहारी: अगर दर्द हुआ तो???
रागिनी ने धीमे से कहा: सह लूँगी.
बिहारी: अगर फट गईतो??
रागिनी(मदहोशी मे): फट जाए.
बिहारी ने अपने लोड् के लाल हो चुके सुपाडे को रागिनी की चूत परफिराया तो रागिनी की आह निकल गई और
बिहारी का बदन भी उसकी चूत की गर्मी से सिहर उठा.इस वक्त दोनोउस दवाईके नशे मे पूरे सुरूर पर थे.
बिहारी ने अपने सुपाडे को अच्छीतरससे रागिनी के चतुरससे गीलाकरदिया और फिर आगे को झुक कर
अपनीकोहनियाँ रागिनी की छातीके आसपासरख करअपने खुरदुरे हाथ रागिनी के सख़्त औरमुलायम वक्षों
पररख दिया. ऐसा होते ही रागिनी की कमर उठी और रागिनीकीचूत बिहारी के लंड से टकरा गई.
बिहारी: बड़ी जल्दी है चुदने की.
रागिनी(शरमाकर मुस्कुराते हुए):हटो, बेशरम कहीं के, पिछलेसात घंटों से मुझे नंगा करके रखा है औरअभी तक
कुछ भी नहीं.
बिहारी: अच्छा कुछनही किया, तोतुम्हारी चूत से रसकी नदियाँ ऐसे ही बह रहीथी.
रागिनी ने शरमाते हुएकहा: मेरा कहने का वो मतलब नहीं था.मेरामतलब............
अभीरागिनी इस के आगे कुछ बोल पाती, बिहारी ने अपने सुपाडे को उसगुलाबीचूत मुंहानेपर सटाकरएक
ताकतवरलेकिनछोटा साधक्का दिया तो रागिनीकीगीली चूत मे बिहारीकासुपाडा दाखिलहोगया. रागिनी
की आँखें बाहर निकलआईऔर जब उसेसमझ आया कि क्या हुआ है उसके मुँह से एक ज़ोरदार चीख
आआआआआआआआआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.
बिहारी: अभी तो सुपाडाभी पूरा नहीं घुसा,ज़्यादा ओवेरक्टिंगमत करो.
रागिनी:उूुउउफफफफफ्फ़ माआआ उूुुुउउफफफफफफ्फ़ आआआहह वविराआआआटततत्ट धीईर्रीईईई
प्पल्ल्ल्ल्ल्ल्लीीआआसस्स्सीईईई.बिहारी ने उसकी चूत परअपना सुपाडा दबाएरखा और एक और हल्का सा

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झटका दियातो आधे से ज़्यादासुपाडा रागिनीकीचूत मे परवेश करगया. रागिनी हालत खराब होगई, वो
छटपटाने लगी, उसकी आँखों से आँसू बहने लगे.बिहारी ने उसके बड़े बड़े मम्मे मसलना शुरू किया. बिहारी उसके
मम्मे इतनी ज़ोरसे मसल रहा थाकि कुछहीपलों मे वो एक दम अनार की तरह लाल दिखने लगे. रागिनी
अपने वक्षो की इस तरह रगड़ाई से तड़पउठी.
रागिनी:आअह विराट क्या कर रहे हो,उूफ़ुउफ्फमुझे दर्द आआअहह.......इस से पहले किरागिनीआगे बोलती,
बिहारी ने कसकर एक धक्का मारातो उसके लंडकासुपाडा जगह बनाता हुआ रागिनीकीचूत मे पूरा घुस
गया.रागिनी का मुँह खुलाकाखुला रह गया. उसे बहुत ज़्यादादर्दहोरहा था. उसने अपने पैरहवा मे उठाकर
अपने घुटने बिहारीकीकमर परकस लिए ताकि वोऔर धक्काना लगासके.
रागिनी:बस विराट बस, बहुत दर्दहो रहा है, प्लीज़ बस.
बिहारी ने नीचे झुक कर रागिनीकीआँसुओं से भीगीपलकों पर अपने होंठ रख दिए औरबोला: बसरागीबस हो
गया,बस अबथोड़ी देर ही दर्द होगा फिरमज़ा हीमज़ा है.
रागिनी:कितने ज़ालिम हो विराटआप, आख़िर कर हीलीना अपने मन की,यह भी नही कि मुझे कितनी
तकलीफ़ होगी, मैं दर्दसे मरी जा रहीहूँ विराट. तुम्हारावो मेरी उसमे फसगयाहै, महसूसकरो कितना टाइट
लगरहा है.बहुत जलनभीहो रहीहै.
बिहारी ने अपने पेट कोथोड़ा सा अंदर कियाजिस से बिहारी का लंड सा फूला तोरागिनी उसे हैरानी से
देखते हुए बोली: यहक्या कर रहे हो???
बिहारी: अपनी बीवी को चोद रहाहूँ और मज़े कररहा हूँ.
रागिनी ने प्यार से उसकीछाती पर मुक्कामारा और बोली: मज़े कररहे हो , मेरीजान निकलरही है और
तुम्हे मज़ा आ रहा है.
बिहारी: सच मे चूत जितनी कसी होती है,मज़ा उतना ही ज़्यादा आता है. मुझे तो तुम्हारी कसीचूत बहुत पसंद
आई.
रागिनी शरमा गई और बोली: चलोअबज़्यादा बातें मत करोऔर उठो.

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बिहारी हैरानी से उसे देखता रहा.
रागिनी:क्या हुआ????
बिहारी: अरे अभी तो कुछ किया हीनहीं,अभी तोसिर्फ़ सुपाडा हीअंदर है लंडतो सारा बाहर है.अभी इसे
पूरा डालना है और फिर ज़ोरज़ोर से चुदाईकरनी है अपनी बीवी की चूत की.
रागिनी:हाई राम,अभी औरभीडालना है क्या.कितनाबाकी है अभी????
बिहारी: अभी तो 2" हीगया है 5-6 " तो अभी बाहर है.
रागिनी(हैरानीसे चिल्लाते हुए): 5-6" इंच, नाबाबा ना, अब औरमत डालना,चाहे तो ऐसे हीकरते रहो मगर
और अंदर नाडालना.
बिहारी: रागी, अभीमैनकामतो पीछे है.
रागिनी:कॉन सा मेनकम.??
बिहारी: अभी तुम्हारी सील तोतोड़ी हीनहीं.
रागिनी:क्या???? तोफिर यह अंदर कैसे गया.
बिहारी: अरे इतना साडालने से थोड़ी सीलटूट ती है.अबजब इसे और अंदर डालूँगा तो यह तुम्हारी सीलतोड़ेगा
और तुम्हे थोड़ासा दर्द होगाऔर हो सकता है थोड़ाखून भीआए.
रागिनी:खून????प्लीज़ विराटमेरे साथ ऐसा मत करो.
बिहारी: मैं ना करूँ तो किसीऔर को बुलाऊ क्या???
रागिनी का चेहरा यह सुनते हीसुर्ख होगया.

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रागिनी:आप कितने बेशरमहैं विराट.
बिहारी: अच्छा एक काम करो, अपनी चूत की ग्रिपको थोड़ाटाइट
रागिनी:आगे ही क्या कम टाइट है???
बिहारी: थोड़ी सीकरो ना मेरे लिए.
रागिनी ने जैसे ही अपनी चूत सिकोडी उसे तेज़ दर्द हुआऔर उसकी आहनिकल गई.रागिनी की ऐसी हालत
देख कर बिहारीकीहँसीछूट गई.
रागिनी:हां बड़ी हँसी आ रहीहै ना मेरी बेबसी पर. अगले जनम मैं भगवान मुझे लड़का बनाएऔर आपको
लड़कीतो पताचले किकितना दर्द होता है विराट.
बिहारी: यार तुम तोऐसे बोल रहीहो किपूरी दुनिया में एक तुम्हे पहली बारचुदरही हो.
रागिनी:यही सोच कर तो चुद रहीहूँ आपसे विराट के मुझ से पहले भी कितनीचुदि है और आगे भी कितनी
चुदेन्गि.बिहारी ने महसूसकिया कि रागिनी फिर से शरमछोड़ कर बेशर्म बातें करने लगी है. इसकामतलब उसे
भी मज़ा आने लगा है.

बिहारी: तो ठीक है, मैं बाहरनिकाल देता हूँ.बाकी का कल करलेंगे.
रागिनी ने झटसे अपने पैर बिहारीकीकमर पर रख दिएऔर शरमाते हुए "ना"मे गर्दन हिलाई.
बिहारी: क्यूँ अभी तो कह रहीथीबस करो अब निकालने भीनहीं दे रही.
रागिनी(मदहोश होकर): विराट, अबअच्छा लग रहा है, प्लीज़ ऐसे ही लेटे रहो.

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बिहारी: लेकिन इतना साडालने मे मुझे मज़ानहीं आ रहा.मेरातुम्हारी चूत की बलिमाँग रहाहै इसका
क्या करूँ.
रागिनी:इसे कहोकि अभीइतने में ही खुशरहे, धीरेधीरे सबमिलेगा.
बिहारी ने सुपाड़ाअंदर रखे ही धीरे धीरे अपनीकमर चलानाशुरू कर दिया. थोड़ासा बाहर निकलता और
फिरअंदर घुसजाता.रागिनी का दर्द और मज़े के मारे बुरा हालथा.उसे समझ नहीं आ रहाथा किवो रोएया
खुशहोये.धीरे धीरे उसकीआँखें बंद होने लगी औरएक वक्त ऐसा आया जब उसे कोईहोश रहीऔर बिहारी
को अपनीबाहों मे जकड कर वोचिल्लाई:आआआआआआआआहहववववववीीईईईईइइर्र्र्र्ररराततत्त,आइ आइ
आइ आअम्म्म ककुउँमिईननगगगगगगगगगगगगगग आआआहहहहाआहह विराट अहहहहा फकमी,फक मी
आहह विराट.
इसकेसाथ हीउसकी चूत ने बिहारी के सुपाडे को अपने पानीसे भिगो दिया. बिहारी, रागिनी की चूत से निकलते
गरमलावे कोअपने सुपाडे पर महसूस कररहा था. एक बार के लिए तो भीलगा किवो भी झड़ने के करीब
है लेकिन उसने अपने आपको कंट्रोलकरते हुए रागिनी से कहा:रागिनी मैं तुम्हारी चूत खोलने जा रहा हूँ.
रागिनी अभी अपने स्खलनसे उभरभी नहीं पाई थी औरइससे पहले के वो कुछ समझ पाती, बिहारी ने उसकी
जाँघोकोपकड़ कर और अपना मुँह उसके मम्मों पर रख करएक ज़ोरदार धक्का मारा.धक्का इतना बलशाली
था कि बिहारी का लंड रागिनी की चूत की झिल्ली फाड़ता हुआ करीब करीब 5" तक खचाक्क से अंदर घुस गया.
रागिनी का कोमार्यभंग होते हीउसकी चूत मे दर्द की एकतेज़ लहर उठी और उसकेगले से एक ऐसी
दर्दनाक चीख निकलीकि पूरा "शर्मा निवास" दहल गया. रागिनी इतनी पीड़ादायकथीकि एक पल के
लिए बिहारी भी कांप गया. रागिनी ने अपने हाथअपने सिर के पासलेजाते हुए तकिये मे अपनी उंगलियाँ गढ़ा
दी. यह तो गनीमत थी किबिहारी ने रागिनीकीजांघे कसकर पकड़ रखी थी वरना इसवक्त ऐसेतड़प
रहीथी किबिहारी कहीं दूर जा गिरता. बिहारी ने रागिनीकास्तन मुँहमे लेकरतेज़ीसे चूसना शुरू कर
दिया.
रागिनी की चीखेंलगातारजारी थी,उसकी आँखें छलछल करबह रही थी औरकुछ देर बादरागिनीके से
आवाज़ निकलना भी बंद होगई.रह रह करउसका बदन बिहारी के नीचे थिरक रहाऔर आँखोंसे आँसू रुकने
का नामही नहीं ले रहे थे. रागिनीकोशांत होते देख बिहारी ने अपना सिरउठाकर रागिनी की तरफ देखा तो
उसके बहालचेहरे कोदेखकरएक बारके लिएतो वोसहम गया. रागिनी का थोड़ा सा खुला मुँह गवाही दे रहा
था कि रागिनी अभी भी तकलीफ़में है औरशायदउसकीसांस अटक जाने से उसे सांस लेने में भीदिक्कतहो
रहीहै. रागिनीकीआँखें छत मे शून्य को घूररही थी और आँखों से पानी ऐसे बह रहा था जैसे कि पानी की
बारीक सीधार किसी नल से बह रहीहो.बिहारी ने रागिनी की दोनो को बारी बारी से चूमलिया. बिहारी ने
अपने शरीरकोअपने घुटनों और कोहनियोपर उठाकर अपने हाथ रागिनी के लालहो चुके वक्षो पर रख दिए

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और उन्हे धीरे धीरे मसल्ने लगा. कुछ देरबाद उसने रागिनी के बाएवक्ष पर अपने होंठ रख दिएतो रागिनी
के गले से एक लंबी आह निकलीऔर कुछ पलों केलिए रुकी हुईसाँसे फिर से लयमे आ गई.
रागिनी की आँखों से आँसू बहना बंद होने लगे थे लेकिन उसकी चूत से खून अभी भीरिस रिसकर बिस्तर पर
बिछी हल्कीगुलाबी चद्दरकोअपने रंग मे रंगरहा था.रागिनी की टाँगो का जोड़ औरउसके विशाल नितंबों का
कुछखून से बिल्कुल लथपथ हो गया था. धीरे धीरे रागिनी का शरीर ढीला पड़ने लगा और रागिनी की
बाहें अपने सिर के पाससे उठकर बिहारीकीपीठ पर आ गई. रागिनीकीबाहों की गिरफ़्त बिहारी की पीठ पर
कसने लगी तो बिहारी ने रागिनीकीआँखों में देखा. काफ़ी देर की खामोशी के बाद रागिनी के गले से आवाज़
निकली.काँपति हुई आवाज़मे रागिनी बोली: चोद दिया ना मुझे आपने विराट.
बिहारी: अभी कहाँ अभीतो सिर्फ़ चूत फटीहै, चोदनातो अभीबाकी है औरयह कह कर बिहारी ने रागिनी को
आँख मार दी.
रागिनी ने बिहारी की पीठ परमुक्का मारा औरबोली:चलो बेशरम कहीं के, अपनी बीवी के साथ कोई ऐसा करता
है क्या.कितनीबुरी हालत कर दी मेरी आपने,मेरीतो सांसहीरुक गई थी.
बिहारी: कोई बात नहीं अभी नीचे से पंप मार के तुम्हारी साँसें फिर से ठीक करदेताहूँ और ऐसा कह कर बिहारी
ने अपनी कमरथोड़ी सी हिलाई.
रागिनी:आउच!!!!
बिहारी: क्याअभी भी दर्द हो रहाहै.
रागिनी(शरमाते हुए):थोड़ा थोड़ा.
बिहारी: अभी ठीक हो जाएगाऔर यहकह कर वो अपने हाथ प्यार से रागिनीके नाज़ुक जिस्म पर फिरानेलगा.
रागिनी के बदनमे सिहरनपैदा होने लगी औरउसे मज़ाआने लगा. बिहारीने देखा किरागिनीमस्त हो रहीहै
तो उसने अपनीकमर तो थोड़ा साउपर उठाकर एकऔर ज़ोरदार धक्का लगाया और सारा लंड रागिनी की
चूत मे जड़ तक फसादिया.सारा लंड घुसते ही बिहारी के बड़े बड़े टटटे रागिनी की गंद से चिपक गये और खून
से होगये. इस धक्के से रागिनी एक बार फिरचीखी लेकिन इस बारउसकी चीख सिर्फ़ कमरे तक
रहीऔर उसके मेहंदी वाले हाथोकीउंगलियाँ बिहारीकीपीठ मे धँसगई जिस से बिहारी भी कराह उठा.
बिहारी: लो जी घुस गया पूरा जड तक अंदर,तुमऐसे हीडर रहीथी किबहुत बड़ा नहीं जाएगा.

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रागिनी:आपनेतोघुसादियालेकिनमैं जानतीहूँ किमुझे कितनी तकलीफ़ हुई इस जंगली को अपने अंदर लेते
हुए.
बिहारी: आज के बादतुम्हे कभीदर्दनहीं होगा बसअबकुछ दिनो की बात है तुम्हारी चूत मे ऐसे सैर
करेगा जैसे तुम्हारीचूत और इसकाजनमजनम का साथ हो.
रागिनी ने शरमा कर बिहारी को अपने साथ कसलिया.
रागिनी:आइ लव यू विराट.
बिहारी: आइलव यू टू रागी.
रागिनी:अबदर्द बिल्कुलकम हो गया है विराट प्लीज़ चोदिये ना और यह कहकरउसने अपनी गान्ड उठा
दी.
बिहारी,रागिनीकीआँखों मे देखनेलगा.
रागिनी:क्या देख रहे हैं विराट.
बिहारी: यही किएकसालकी छुई मुई सीलड़की जो पहलेइतना शरमारही थी अबखुदमुझे कह रहीहै कि
"चोदिये
रागिनी का चेहरा शरमसे लाल हो गयाऔर उसने बिहारीके कंधे परअपना सर छुपा
बिहारी: पता है जब तुम ऐसी बातें करतीहो तो मुझे बहुत मज़ा आता है.
रागिनी के गले से एक आह नीलकी और बोली:विराट चोदिये ना अपनी रागी को अब ज़ोर से चोदिये. मैं चाहे
जितना मर्ज़ीचीखू चिल्लाऊविराट लेकिन मेरी एक ना सुनना औरआज कीरात मुझे इतना चोदनाकि सुबह

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तक मैं चल भी ना पाऊ. बिहारी ने अपने शरीर का भार घुटनो परउठाकरअपने कूल्हेउपर किएऔर अपनासर
उठाकर रागिनी की आँखों में देखते हुएपूछा "तैयार हो"??.
रागिनी ने अपनी आँखें मूंद कर हां मे गर्दनहिलाई.रागिनी अभीअपनी आँखें खोलभी नहीं पाईथीकिबिहारी
ने अपना लंड रागिनी की चूत से करीब 4" निकाल करएक धक्का लगाया.रागिनी का मुँह ऊऊओह करते हुए
"ओ" शेपमे खुल गया.
रागिनी:थोड़ा धीरे धीरे प्लीज़.
बिहारी: अभी तो कह रहीथीके ज़ोर ज़ोर से चोदो चाहे कुछ भी और यह कहते ही बिहारी ने एक धक्का और
लगादिया.
रागिनी:आआआहहउूउउफफफफ्फ़.
बिहारी ने धीरे धीरे अपनालंड सुपाडे से जड तक रागिनी के अंदरपेलना शुरू कर दिया. रागिनी की चूत भी पानी
छोड़ने लगी थी जिस से बिहारी का मूसल उसकी चूत मे आराम से जा रहा था.रागिनी को अब मज़ाआने लगा.
उसकी गान्ड अपने आपचलने लगी. रागिनीकोगान्ड उठाते देख बिहारीरुक गया.
रागिनी ने बिहारी को रुकते हुए देखा तो बोली: क्या हुआविराट रुक क्यूँ गये???
बिहारी: तुम्हे कहा था नाकि एक बार मेरा लंड अपने अंदर ले लो फिर खुद ही गान्ड उठा उठा कर चुदवाओगी.
रागिनी शरमा गई और फिरबोली: मुझे पताहोता किइतना मज़ाआने वाला हैतोमैं तो कबसे चुदवा लेती.
बिहारी: अगर तुम्हे पता होता किइतनामज़ा आताहै तब तो तुम कब से जावेद से भी चुद जाती और फिर उस
आदमीसे भी जो तुम्हे खुदको जावेद कादोस्त बताकरअपने घरले गया था.
रागिनी ने बिहारी के कंधे में दाँत गढ़ा दिएऔर बोली: मुझे क्या ऐसी वैसी लड़की समझ रखा है जोकिसीसे भी
चुदवा लेती.मैने तोसोच के रखाथाकि अपनाकोमारी तो मैं अपने पति को ही दूँगी.
बिहारी: तुम्हाराकोमारी तो मेरे लंडके नाम ही लिखा था.

245
रागिनी ने अबअपनीगान्ड तेज़ी से उछालना शुरू कर दिया था और बिहारी भी अब धक्को मे तेज़ी ला चुका
था.
बिहारी: लेकिन आज से तो तुमआज़ादहो, अब किसीदर्दका डरनहीं रहेगा तुम्हे,आज केबाद तुम्हे कभी
दर्द नहींहोगा.
बिहारी यह बोलरहा था लेकिन रागिनीतो एक औरसखलन के करीब पहुँच चुकीथी.
रागिनी:आइ ईईईईईईई लुवूवाव यू वव्वविराआआआत औरऐसा कहते ही वो झड़ने लगी.
बिहारी रागिनी की चूत से निकला कमरस अपने लंड परमहसूसकर रहा था.बिहारी ने धक्के जारीरखे और
तेज़ी से रागिनी को चोदने लगा. रागिनी एकके बाद एक चरमोत्कर्ष को प्राप्त करने लगी, उसे पता ही नहीं
चलाकि उसे क्याहो रहाहै. करीब 3- 4 मिनट तक वो कई बार झड़ी.रागिनी की सांसपूरी तरह फूलगई थी.
जैसे हीरागिनी अपनाचरमसुख भोगकर वापिस आई उसने बिहारी को अपनी बाहों मेकस के जाकड़ लिया और
ज़ोर से चिल्लाकरबोलने लगी:आइ लव यू विराट,आइ लव यू जान, यू हॅव मेक मी कंप्लीट. यू हॅव फक्डमी
सूऊऊओ गुड विराट. आइआमवेरी थॅंकफुलदट आइ गेव माइ वर्जिनिटी टू यू.
रागिनी की यह बातें बिहारी के सरकेउपर से निकल रही थी लेकिनवो यह था किरागिनी
चरमसुख पाकर बहुत खुश है.
भियारी:जान मज़ा आया ना??
रागिनी:बहुउउउउउउत.
बिहारी: अभी और भी ज़्यादा मज़ा आने वालाहै, मैं पूरीरात तुम्हे ऐसे ही चोदने वालाहूँ.
रागिनी:तो चोदिये ना विराट आपको किसने मना किया है.बिहारी ने अपने झटकेऔर भीतेज़ कर दिए. झटके
सहते सहते रागिनीने महसूस किए कि बिहारी के आँडकोषउसके नितंब सेरहे हैं.
रागिनी ने अपनी टाँगें बिहारी की पीठ पर रखीऔर अपना हाथ नीचे लेजा कर बिहारी के आंडो को पकड़ लिया.
बिहारी के मुँह से एक सिसकारी निकली.

246
रागिनी:बहुत बड़े हैं यह तो आपके.
बिहारी: इतने सालों से इसमें पानी जमाहो रहा था तो यहतो बड़े होंगे ही ना.
रागिनी:तो खाली कर दो इन्हे आज और सारा पानी मेरे अंदर बाहर कर मुझे तृप्त कर दो और मेरी प्यास भुजा
दो.
बिहारी: प्यास कहाँ बुझेगी अब तुम्हारी. नयी नयी चूत चुदि है, अभीतो इसके मुँह मे खून लगा है. अब तो
यह हर वक्त लंडमाँगेगी.
रागिनी:तो आपहो ना मेरी प्यास भुजाने के लिए.
बिहारी: देखो रागी तुमअभी अभीजवान हुईहो, तुम पर तोअभी जवानी पूरी भी नही आई और मैं 40 पार कर
चुका हूँ.
रागिनी:40????लेकिनडॉक्टर. बीनाने तो कहा था कि आप मुझसे कोईसालबड़े हैं.
बिहारी: इस मे उनका भी कोईकसूर नहीं है. मेरी सेहत और शारीरिक बनावटसे वो भी धोखाखा गई होंगी.
रागिनी:आप तोमुझसे काफ़ीबड़े हैं लेकिन इतनी उम्र होते हुए भी आपने मेरे सारे कस बल ढीले कर दिए.
बिहारी: वो तो तुम जैसी जवान लड़कीकोदेख कर मेरे लंड में ऐसा तनाव आया के एक पल के लिए तो मुझे भी
लगाके मैं जवानहूँ.
रागिनी:कोई बातनहीं अब मैं आ गई हूँ तो आपको जवानभी कर दूँगी.
बिहारी: अरे असली जवान तो मैं तभी साबित कर पाउन्गा जब तुम्हारी गान्ड मार पाउन्गा.
रागिनी(शर्मा कर):धत्त, कितने गंदे हैं आप. कोई ऐसे बोलके ले जाती क्या गान्डऔर बिहारी को देख कर
हँसने लगी.

247
बिहारी भीउसे देख करमुस्कुरा दिया.
तभीरागिनी अचानक बोली: लेकिन गंद इतनी जल्दी नही दूँगी.
बिहारी: क्यूँ???
रागिनी:अपने मेरी चूत का जो हाल कियाहै उसके मुताबिकअब 2-3 दिन तक तो ठीकसे चलभी नहीं
पाउन्गीऔर अगर इस दौरान आपने मेरी गान्डभी ले लीतो मैं तोठीक से बैठ भी नही पाउन्गी.
बिहारी: लेकिन मैने तो सोचा था कि जितनीजल्दी हो सके तुम्हारी गान्ड भी मार लूँ क्या पता फिर मैंतुम्हे
चोदने लायक रहूं भी याना रहूं.
रागिनी ने बिहारी को गले लगा लियाऔर बोली: आपचिंता नाकरें मैं आपको इतना उतेज्ज़ित कर दूँगी कि
बिस्तरपर आपहमेशा जवान ही रहेंगे.
बिहारी ने अपना सरउठकर रागिनीकीआँखों मे देखाऔर बोला: सच मे रागी,मुझे यहसोच कर बड़ा दुख हो
रहाहै किमैं तुम्हे कैसे संतुष्ट कर पाउन्गा. देखो कबसे तुम्हे चोद रहा हूँ लेकिनमेराही नहीं निकल
रहा. इस बात से रागिनी भी परेशानहो गई किविराट तोठीक ही बोलरहे हैं, पिछले आधे घंटे से विराटउसे
चोदे जा रहे हैं लेकिन उनकापानी तो निकलही नहीं रहा.
रागिनी ने अपने दिमाग़ से यह बात झटकते हुए कहाकि "विराट, आपचिंता ना करें, अभी निकल जाएगा".

बिहारी ने अपने धक्कों की रफ़्तारऔर तेज़ कर दी, वो यह सोच कर खुशथाकि रागिनी बहुत भोली है.बिहारी
ने अपने प्लान के मुताबिकरागिनीकोतैयार करना शुरू करदिया था. अपने प्लान के पहले चरण की कामयाबी
को देखते हुए बिहारी बहुत खुशहुआ और अपने प्लानकीकामयाबी का सोच कर ही उसके मे उबालआने
लगाऔर उधर रागिनी भी लगातार चलरही इस चुदाई से बहाल अपनी मंज़िल के करीब पहुँचकरीब
सेकेंड्स तक वो दोनो झाड़ते रहे. इस दौरानरागिनी ने बिहारी को अपनीबाहों और टाँगों मे कस लिया थाऔर
बिहारी ने भी अपनापूरावज़न रागिनी पर डाल करउसे कुचलदिया.

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बिहारी के वीरये को पीकररागिनी की चूत फूली नहीं समा रही थी औरउधरबिहारी भी रागिनी की कोख को भर
कर बहुत खुशथा.कुछ देर तक दोनो शांत पड़े रहे. रागिनीकोइसबात की चिंताथीकिजो आग विराट ने
उसके अंदर लगा दी थीवो उसे भी पाएँगे या नहीं और दूसरी तरफ बिहारी यह सोच रहाथा किसाली
डॉक्टर.से कलही गर्भनिरोधक गोलियाँ ले लूँगा, इस सोने के अंडे देने वाली चिड़ियाकोवो इतनी जल्दी माँ
नहीं बनाना चाहताथा.
थोड़ीदेरदोनो यूँ ही सुस्ताते रहे और फिर रागिनीबोली:विराट मुझे बाथरूम जाना है.बिहारी उसके उपर से
और रागिनीभी अपनी चूत परहाथ रखकर तेज़ी से उठी और जैसे खड़ी होने लगी एक दर्दनाक आह के साथ
फिरसे बेडपर बैठगई.
बिहारी: क्याहुआ???
रागिनी:विराट बहुत दुख रही है.
बिहारी: एकबूढ़े आदमी की चुदाई से यह हालहै तो सोचो अगर किसी जवान आदमीने चोदा होता तो फिर तो
बेड से उठना भी मुश्किल हो जाता.
रागिनी:उउउंम्मविराट मुझे बाथरूम ले चलिएना.
बिहारी: अरे मैं तुम्हे कैसे उठासकता हूँ,मेरीउम्र का तो लिहाज़ करो. इस उम्र एक जवान लड़कीकोचोदा
है यह क्या कमहै.खुद ही सोचो किक्या मैं तुम्हे उठा सकता हूँ.
रागिनी:ज़रा बताएँगे आप कहाँ बूढ़े हैं.इतना तंदुरुस्त शरीर,इतना बड़ा लंड और झटके देखाकैसे मार रहे थे
अभीकुछ देर पहले.कोई जवानभी आपके सामने फीका पड़ जाए.
बिहारी: चलो आज यह भी करके देख लेता हूँ और यह कह कर बिहारी बिस्तरसे उठा और रागिनी के पास खड़ा
हो गया.
रागिनी बेड पर टाँगे नीचे लटका कर बैठीहुई थी.रागिनी के पास खड़ा होने पर बिहारी का झूलता हुआ लंड
रागिनी की आँखों केसामने आ गया. बिहारी और रागिनीके मिश्रित वीर्यसे वो चमक रहाथा. रागिनीने
शरमाते अपनाचेहरा फेर लिया.

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बिहारी: अब इससे क्या शरमाना, इसे हीअपनी चूत मे लेकर तुम गान्ड उठा उठा कर चुदवा रही थी अभी थोड़ी
देर पहले.
रागिनी जैसे ही बिहारी को मारने के लिए उठने लगी वो फिर से धडामसे बेड पर गिर गई.बिहारी हँसने लगा.
रागिनी:अच्छा चलो अब हँसो मत, जाओ पहले लाइट बंद करके आओ.
बिहारी: लाइट क्यूँ बंद करूँ????
रागिनी:मुझे शर्म आती है विराट.
बिहारी(मन मे): शरमाले जितना शरमाना है रागिनी,बड़ीजल्दी तेरी सारीशरम ख़तमकरके तुझे इतना बेशरम
बना दूँगाकि तू मेरे लिए अपनी चूत मे अलगअलगलंड लेने को भीतैयार होजाएगी.
बिहारी ने लाइट बंद की और अपनी बाहों मे रागिनी को उठा कर बाथरूमकी ओरचलदिया.
रागिनी:आह, आहिस्ता विराट,दर्दहो रहाहै.
बिहारी: मेरी सांस फूल रहीहै और तुम कहतीहो किआहिस्ता चलो.
रागिनी:आप मुझे बाथरूममे छोड़कर थोड़ा आराम करलें मैं थोड़ी देर गरम पानी से सिकाईकरलेती हूँ.
बिहारी: सिकाई???
रागिनी:वो डॉक्टर. बीना ने कहाथाकिअगर ज़्यादा दर्द हो तोथोड़ी देर गरम पानी मे बैठना औरएक
पेनकिलरभीदीथीखाने के लिए जिससे दर्द मे आराममिलेगा.
बिहारी ने रागिनी को बाथरूम मे छोड़ाऔर खुद आकर बिस्तरपर लेट

250
रागिनी ने बाथरूम की लाइट ऑन की और दरवाज़ा थोड़ासाखोलकर हीरखा.उसने दिल मेसोचा के शायद
विराट उसे छेड़ने बाथरूम मे आएँगे लेकिन बिहारीतो अपने अगले प्लानमे बिज़ी था.
करीबआधे घंटे गरमपानीसे सिकाई करनेके बाद रागिनी को कुछ राहत हुई लेकिनउसके मन मे विराट की
बातें उथल पुथल मचा चुकी थी.रागिनी ने सोचा कि किस्मत उसके साथ क्या खेलखेलरहीहै, पहले जावेद ने
धोखा दिया,फिर उसआदमी के चुंगलसे छूटी और अब शादी भीहुई तो एक ऐसे इंसान से जो उसके बाप की
उम्रकाथा. रागिनी ने सोचाके बेशक विराट की उम्र ज़्यादा है,है तो वोउसका पति ही औरवैसेभी उसे इस
वक्त इस अंजान शहर में एक सहारे कीज़रूरत थी जो किविराट ने उसे इज़्ज़त से दिया.उसके दिलसे विराट
के लिए सारा मैल धुल चुका था लेकिन एकअजीबसा डर उसे खाएजा रहा थाकि क्या विराटउसकी शारीरिक
ज़रूरतोंकोपूरा कर पाएँगे?????
अगर हां तो विराट उसके साथ छेड़खानी करने बाथरूम मे अंदर क्यूँ नहीआए????? उसने तोदरवाज़ा भी बंद
नहीं कियाथा. क्या विराट सच मे उम्र के साथ इतने कमज़ोरहो गये हैं किएक बार चुदाईके बाद उनकेअंदर
फिरसे उत्तेजना नहीं आती??? क्या उनके दिल मैं सुहाग रात कीबस ही उमंगथी?????
उसकी भाभी ने उसेबतायाथाकिउसके भैया ने सुहागरात मे उनके साथ 5 बार चुदाई की थी.क्या वो अपनी
सुहाग रात मे एक ही बार चुदेगि, क्या वो पहलीही रात सेक्सके लिएभूखी सोएगी????

यह सारे सवाललिएवो बाथरूमसे बाहर निकली औरटेबलपर रखा अपना लहंगा पहनलिया.अंदर से उसे पैंटी
पहनने की हिम्मत ना हुई, उसकी चूत मे अभी भी जलनहो रही थी. रागिनीने अपनीब्रापहनीऔर लाइट
जलाकरपानी का ग्लास लेकरदर्दवालीटॅबलेट खाली.रागिनी के बाहर निकलते ही बिहारी ने आँखें करके
सोने का झूठा नाटककिया.
बिहारी को सोता देख कररागिनी की आँखें नम हो गई.दुखीमनसे वोबिस्तर पर पहुँची बिहारीके पास
जाकर लेटगई.रागिनी के शरीर की खुश्बू से बिहारी के लंड ने झटका खायालेकिन अपने प्लानके लिएउसका
सोए रहना बहुत ज़रूरी था.रागिनी ने अपने शरीर परकंबललिया और बिहारी के साथ सट कर लेट गई.
बिहारी के नंगे शरीर को छूते ही उसके अंदर एक आग उठी औट उसने अपने हाथ बिहारी की छाती पर रख दिए
और अपनी उंगलियाँ उसकी छातीपर गोल गोलघुमाने लगी.बिहारी ने बड़े मुश्किल से अपने लंड को खड़ा होने

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से रखा था.रागिनी मन मैं सोच रही थी किक्यावो आगे बढ़े या विराट को आरामकरने दे लेकिन एक 18
सालकी भरपूरजवान लड़की अपनी सुहागरात मे आख़िर कबतक कंट्रोल रखेगी. काँपते हाथो से उसने बिहारी
के लंड कोपकड़ लिया और बिहारीने झट से अपनी आँखें खोल कर कहा:ओह, मुझे तो नींद हीपड़ गई थी,
तुम कबआई??
रागिनी ने कोई जवाबनहीं दिया बस अपने हाथ से बिहारी का लंड सहलाती रही.
बिहारी ने रागिनी का चेहरा उठाकर उसकी आँखों मे देखा तोउसमे उठी सेक्सकी आग देख कर बिहारीकालौडा
भी हरकत मे आने लगा.रागिनी की आँखें इस वक्त सेक्स के बुखारमे तप रही थी औररागिनी इस वक्त
बिल्कुल बेशर्मीपर उतर आईथी. उसने झटकादेकर कंबल को दूर फेंका. इस से पहले बिहारी कुछ समझ
पाता, रागिनीबेड परघुटनो के बल बैठीऔर झुक कर बिहारीके नरमपड़ चुके लोड् कोअपने मुँहमे ले लिया.
बिहारी की आह निकलगई.
रागिनी,बिहारीके लंड के सुपाडे की चमड़ी हटाकर उसे अपनी जीभ से चाटने लगी. वो गप्प से बिहारीकालंड
मुँह मे लेती और होंठों को कसकर लंड बाहर निकाललेती.बिहारी को इससे बेहतर मुख मैथुनकभी किसी ने
नहीं दिया. रागिनी के मुँह द्वाराबिहारी का लंड ऐसे चूसाजारहा थाजैसे बरफके गोले कोचूस चूसकर उसमे
से निकाला जाता है.बिहारीकालौडातनावमे आने लगा.
रागिनी कुतिया के पोज़ में बिहारीकालंड किसी बुखी रांड़ की तरह चूसे जारही थी.उसकी गान्डबिहारी की
तरफ थी.बिहारी ने अपना हाथ आगे लेजा कर उसके लहंगे कानाडाखोलदिया औरलहंगा खींचकर रागिनी को
नीचे से नंगा कर दिया. रागिनीकीचूत बिहारी की आँखों के आगे आते ही उसके मुँह मे पानी आगया.
बिहारी ने रागिनी की गंद परहल्की सी चपत लगाई तो रागिनी ने दहाकतिआँखोंसे बिहारी की तरफ देखा.
बिहारी ने इशारे से उसे अपनी चूत अपने मुँह पर रखने को कहा. ने अपनेदोनो घुटने बिहारी के कंधे के
आस पास रखी तोबिहारी ने उसकी महकतीऔर देहक्तिचूत को चूम लिया.रागिनी की आह निकलगई.
बिहारी का लंडपकड़ कर रागिनी ने फिर से मुँह मे ले लिया. बिहारी की आँखों के सामने रागिनी की गदराई गोल
गान्ड और अभी कुछ देर पहले चुदिहुई चूत थी. बिहारी ने झट से अपनी जीभ निकाल कर रागिनी की चूत को
हल्केसे चाटा.रागिनी ने अपना सरउठाकर एक आह भरी औरफिर से बिहारी लोड्ानिगल लिया.

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बिहारी ने अपने हाथ की उंगली रागिनी की चूत मे घुसा दी और जीभ से उसकेदाने को चुबलाने लगा. इस दोहरी
मार से रागिनी बहालहोगई और वो बिहारी की उंगलीपर हीअपनी चूत उछालकर चुदने लगी.
रागिनी की चूत काफ़ी गीली होगई थीऔर वहीं बिहारीकालंड भी लोहे की सख्ती ले चौका था. रागिनी के थूक
से चमकउठा था.
जैसे हीरागिनी ने अपना स्खलन महसूसकिया वो झट से उठीऔर मूड कर अपनी टाँगे बिहारी की कमरके
इर्द-गिर्द करके बैठ गई. रागिनीने अपने हाथ से बिहारी के लोड् कोसीधा अपनी चूत के मुँहपर लगाया और
तेज़ी से नीचे बैठ गई.रागिनी के नीचे बैठते ही रागिनी औरबिहारी के होंठों से एक साथ चीख निकली. बिहारी ने
आँखें खोल कर देखा तो रागिनीने सेक्स केनशे मे एक ही झटके मे अपनी टाइट चूत मेबिहारी का लंड 5"
तक निगल लिया था.अपनी चूत मे लंडकाएहसास होते ही रागिनीके चेहरे पर दर्द और खुशी के मिले जुले
भाव आने लगे.
बिहारी तो रागिनी के इस रूप से निहाल हो गया.वो समझ गयाकि यह लड़की उसके प्लान के लिएएकदमसही
है.अपनी सांसो को नियंत्रित करजैसे ही रागिनीने अपनीगंद हिलानी शुरू की, बिहारी ने नीचे से एककरारा
धक्कादेकर बाकी का बचालंड भी रागिनीकीचूत मे पेल दिया. रागिनी एकदम से निहाल हो गई औरआँखें
मूंदकर बिहारी की छाती पर गिर गई.बिहारी कीमर्दाना छाती पररागिनी के मुलायम मम्मे पिस गये.
बिहारी ने अपने हाथ रागिनी की गान्डपर रख दिए औरउन्हे प्यार से मसल्ने लगा. थोड़ीदेर बाद जब रागिनी
नियंत्रित हुई तो उसने अपनीगान्ड उठाकर अपनीस्वीकृतिदी. की तरफ से ग्रीन सिग्नलमिलते ही
बिहारी ने रागिनी की गान्ड को अपने हाथों से मसल दियाऔर नीचे झटके शुरू कर दिया. रागिनी भी
बिहारी की छाती से उठीऔर अपनीकमर घुमा घुमा कर और गान्ड उछाल उछाल कर चुदने लगी.

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बिहारी के झटको और रागिनी के उछलने के कारणउसके बड़े बड़े गोलमम्मे हवा मे लहरे खाते एक दूसरे से
टकरा रहेथे.बिहारीने अपने हाथ रागिनी की गान्ड से उठाकर उसके मम्मे पकड़ लिए औरअपनी कमर उठा
उठा कर उसे चोदनेलगा. रागिनीकेमुँह से आह उऊफ़ आह उऊफ़ रहा था.रागिनी स्खलन के बेहद
करीबपहुँच चुकी थी औरवो धडामसे बिहारी पर गिर गई.बिहारी ने फॉरन अपने हाथ पीछे लेजा कर रागिनी
की गान्ड को अपने हाथो से उठा उठा कर उसे चोदनाशुरू करदिया.रागिनी जैसे हीझदने के करीब पहुँची ,
बिहारी ने अपने बाएहाथ की उंगली रागिनी के गान्डके छेद से भिड़ा दी. गान्ड पर उंगलीमहसूसकरते ही
रागिनी का बाँध टूटगयाऔर वोबिहारी के लोड् पर झड़ने लगी.
बिहारी अपनीउंगली से रागिनीकीगान्ड कुरेदे जा रहाथाऔर जैसे ही रागिनी का एक ऑर्गॅज़म ख़तमहुआवो
फिरसे बैठ कर उछलने लगी.बिहारी,रागिनी की काम शक्तिसे हैरान रह गया.रागिनी इस वक्त घायलशेरनी
बनगईथी. रागिनी:येअह कॉम ऑन विराट,कम ऑन फक मी, फक मी,फकयुवर रागी, यॅ फक मीफक दा
हेल आउटऑफमी. जस्ट फक मी लाइक दिसफॉरदाहोल नाइट विराट,इयाअ म्मकमिंग ऑन यू डिक. ओह
गॉड, ओह ,गॉड आइआमकुम्मींन्नननगगगगगगगगगगगगग.
एक के बादएक सखलन से रागिनीकाफ़ी थक गई थी. रागिनी औरबिहारी का बदन पसीने से नहा गयाथा
लेकिन रागिनी थीकि उसका मन ही नहीं भर रहाथा. उसने फिर से अपनी उछालनाशुरू किया,बिहारी की
कमरदुखने लगी थी नीचे से धक्के लगा लगाकरपर रागिनीकिसीरांड़ की तरह चुदि जा रहीथी. बिहारी ने
एक झटके से रागिनी को अपने उपर से हटाया.
रागिनी:आअहह विराट, आइ वाज़ सो क्लोज़ अगेन,जस्ट फक मी . प्लीज़ विराट लीव मी हाइ, आइ
विलडाइ. प्लीज़ विराट फक मी.
बिहारी को कुछज़्यादासमजः तो नही आयालेकिनइतना तो वो समझ ही गयाथा किलौंडिया अभीप्यासी है,
और चुदनाचाहती है.
बिहारी: रागी, चल कुतिया बन जा, अबमैं पीछे से तेरीचूत पेलुँगा.इतना सुनते ही झट से घुटनों के बल
होके झुक गई.
रागिनी ने अपनी कोहनियाँ मोड़ दीऔर अपने शरीर के अगले भाग को तकिये पर रखदिया.बिहारी रागिनी के
पीछे गयातो रागिनी की गान्डकोदेख कर उसकेहोशउड़ गये.रागिनी की चूत कमरस सेपूरी तरह भीग
चुकी थी औरउसकी गोलगान्ड बिल्कुलऐसीलग रहीथीजैसे संगमरमर की तराशिहुई गोलसुडोल पहाड़ी.

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रागिनी ने अपनी गान्ड कोलहराते हुए अपनी गान्ड पर हाथ फिरायाऔर बोली:विराट देखो आपकीरागी आपके
सामने कुतिया बनी लेटी है, इसकी चूत देखिएकितनापानी बहारही है.आइएऔर चोद दीजिएऔर इसकी
प्यासभुजा दीजिए.
रागिनी:विराट अपनीरागी के लिए आपभीकुत्ताबन जाइए और तेज़ तेज़ झटकोसे मेरी चूत चोदिये.
बिहारी , रागिनी की गान्ड के पास घुटनोके बलबैठ गया और अपने लोड् कोउसकी चूत पर सेट करके एक
धक्कादिया. धक्काइतना तेज़ था किएक ही धक्के मे पूरा 7" रागिनी की नन्ही चूत मेसमा गया और
रागिनी का सर थोड़ीदेरकेलिए हवामे उठ गया.बिहारीने बिना किसी देरीके रागिनीकीगान्ड को दोनो
तरफ से ऐसे चोदना शुरू किया जैसे सच मे कोई कुत्ता किसी कुतिया को चोद रहाहो. बिहारी ने रागिनी
की गान्ड को इतने कसके पकड़ाथाकि रागिनी की गान्ड वहाँ सुर्ख लालहो गई.बिहारीके टटटे बिजली
की तेज़ी सेरागिनी की चूत चूमते औरफिर पीछे हटजाते.रागिनी को चोदते चोददे बिहारी ने अपने एक हाथ की
उंगली रागिनीकीगान्ड के छेदपर चलाना शुरू कर दी और रागिनीएकदमसे सखलित होगई.
बिहारी समझ गया किरागिनीकीगान्ड का छेद इसकी कमज़ोरी है.
बिहारी ने रागिनी की गान्ड पर आक्रमण जारी रखा औररागिनी दिल खोल करझड़ती रही. करीबमिनट
के झड़ने के बादरागिनीकेमुँह से निकला:बसस्स्स्सस्स, आआआअहहविराट बस और मतछेड़ोमेरीगान्ड को,
मैं जाउन्गी.
बिहारी: सिर्फ़ उंगलीलगाने से यह हालहै तो सोचो जबमैं इस में अपना लंड डालूँगातो क्या होगा???
रागिनी तोहोशमे ही नहीं थी.थोड़ी देर बाद जबरागिनी को होशआयातो बोली:मैं अपनी गान्ड तुम्हे अपने
मन से दूँगी विराट.पहली ही रात मे अपने मुझे दो बार मल्टिपल देकर मुझे निहाल कर
दिया है. मैने मल्टिपल ऑर्गॅज़म के बारे मे सिर्फ़ पढ़ाथा और मैं यह भी जानती हूँ कि यह बहुत ही रेरअचीव
होताहै लेकिन आपने तो मुझे दोनो ही बार इस मंज़िलतक पहुँचाया है.

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बिहारी: रागिनीतुम हो ही इतनी गरम लड़कीकि तुमअपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिएकिसीभी
हद तक जासकती हो. मुझे तोलगता है किअगर मैं तुम्हे ना चोद पाऊ तो तुम मजबूरहोकर किसी से भी
चुदवा लोगि.
रागिनी:विराट मुझे पता नहीं क्या हो गयाथा. मैं बाथरूममे भी आपका वेट करती रही लेकिन आपनहीं आए.
बाथरूमसे बाहर निकलकर जब आपकोसोतेहुए पाया तो मैं एकदमपागलहोगई. विराट प्लीज़ मुझे जीभर
कर प्यार करिए, अबमैं इसके बिना नहीं रह पाउन्गी.
बिहारी ने अपने धक्कों की रफ़्तारधीमीकरदीथी.
बिहारी: देखो रागिनीमुझ से जबभीहोगा मैं तुम्हे प्यार करूँगा लेकिन मेरी उम्र मेरी मजबूरी है.
रागिनी को फिर से नशा छाने लगा था.
रागिनी:विराट, मैं इसके बिनाअबनहीं रह पाउन्गी, तुमने मुझ मे इतना सेक्सभर दिया है किअब मैं इस
आग मे अकेले नहीं जलना चाहती.
रागिनी को देख कर बिहारी ने भी अपनीस्पीड तेज़ करदी.
बिहारी: तुम्हाराहाल तोउस कुतिया की तरह है जिसे गर्मी चढ़ गईहो और वो गली के हरकुत्ते से चुद्कर
असंतुष्टमहसूसकरे.
रागिनी:हां विराट मैं भीवैसी ही कुतिया बनचुकीहूँ और मुझे ऐसा बनाने के लिए आपज़िम्मेदार हैं.
रागिनी एकबार फिर से ऑर्गॅज़म के करीब थी.
बिहारी: तू फिकर ना कर मेरी कुतियातेरे लिए कुत्तों का इंतज़ाममैं करूँगा.
रागिनी:आआहह.

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बिहारी: तू जितने चाहेगी मैं तेरे लिए उतने लंड लेकर आउन्गा, मैं जलता हुआ नहीं देख सकता.मैं खुद तेरे
लिए मर्द लाउन्गा जो तेरी भूख शांतकरेंगे.
बिहारी ने यहबात बोलतोदीऔर उसे लगाकि रागिनी अभी उसे लात मार देगी लेकिन वो यह महसूस करके
हैरान रह गयाकि उसकी बात सुनते ही रागिनी ने अपनी चूत सिकोड दी और वो उसके लंड पर झड़ने लगी. यह
बात बोलते बोलते बिहारीभी इतना एग्ज़ाइटेड होगया था किउसके लंड सेलावा निकल कर रागिनी की
कोख भरने लगा. बिहारीकावीर्य अपनीचूत में महसूस करते ही रागिनी एक बार फिर सखलितहो गई. अपने
लंड केलावे से रागिनीकीचूत भरने के बाद बिहारी रागिनीपर गिर गया और भीआगे को होकर
बिस्तरपर पसर गई.बिहारीके लोड् की एकएक बूँद निचोड़ कर रागिनी की चूत ने बिहारी के मुरझाए हुए लोड्
को बाहर फैंकदिया औरबिहारीपलट कर बेड पर पीठ के बल गिर पड़ा.
रागिनी ने अपनी छातीबिहारी के सीने पर रखी औरउसकी आँखों मे देख करबोली: लवयू विराट और
उसके होंठों को चूमलिया. बिहारी ने भी अपनी बाज़ू उसकीकमर पररख कर उसे अपने करीब किया औरबोला:
आइ लव यूटू रागी और यहकह कररागिनी के निचले होंठ को काट लिया. रागिनी ने झटके से अपना मुँह पीछे
खींचा और बोली:सस्स्सस्स कितने ज़ालिम हो विराट आप,देखोखून निकला दिया.
बिहारी: आज की रात तुम्हारे हर छेद से खूननिकालूँगा.
रागिनी:जीनहीं,सारे होल्सतोआजमैं हरगिज़ नहीं दूँगी, पता नहींतकचल भी पाउन्गी यानहीं तो
कमसे कमबैठने के लायकतोरहूं.
बिहारी: चलोगिक्यूँ नहीं अभी तोउछल रही थी.
रागिनी:धत्त, वोतोउस वक्त मुझे होश ही नहीं रहता.
बिहारी: जाओ तुम भीक्या यादकरोगीकि तुम्हारी पतिनेसुहागरात पर तुम्हारासबसे नशीला और प्याराअंग
छोड़ दिया.
रागिनी:ऐसा क्या है उस अंग मे.
बिहारी: एकअजीबसा नशा है, जब भी देखता हूँ तो लंड खड़ा होने लगताहै.

257
रागिनी:अच्छा जी,और उसका जिसकीहालत आपने ऐसी जैसा कोई कसाई भी किसी बकरे का ना
करे.
बिहारी: है तोवो भी लाजवाबमगर अब पुरानाहो गया है.रागिनी नेप्यारसे बिहारी की छाती पर मुक्का मारा
और बोली तब तो मैं वोआपको कभीना दूँ, क्यापता कि दोनो छेदों को पुराना करके फिरआप मुझे भूल ही
जाओ.
बिहारी: भूलतोतुम मुझे जाओगीअगरतुम्हे कोई दमदार लंडमिलगया तो.
रागिनी ने शरमा कर अपना चेहरा बिहारी के सीने मे छुपा दिया और बोली: आपकोतो मैं कभी भीनही भूल
सकती.
बिहारी: तो इसका मतलबदूसरों का लंड लेने के बाद भी तुम्हारा मन नहीं भरेगा और तुम्हेमेरे लोड् की ज़रूरत
रहेगी.
रागिनी ने उसके होंठों पर अपनीउंगली रख दी औरबोली:मिस्टर.विराट अबआपरहें औरथोड़ी देर आराम
कर लें, तब तक मैं फिर से सिकाई करलेतीहूँ.
बिहारी: नाबाबा ना इसबार सिकाई मत करना,पिछली बार की तरह तुम इस भी गरम हो गई तो मैं
तो सुबह तक लूड़क ही जाउन्गा.
रागिनी सोचने लगी किविराटतोबसदो बार में ही ठंडे पड़ गये.

शादी से पहले तोउसने मन में सोच रखाथा किजब भी उसकी होगी वोअपनी भाभी का रकोर्डज़रूर
तोड़ेगी लेकिन यहाँ तो उसकेपतिमे ही इतना दमनहीं किवो उसरेकॉर्ड के आस-पास भीआ सके.
रागिनी:आप आराम करलो मुझे जब नींदआएगी मैं सो जाउन्गी,थोड़ी सिकाई करने से सुबह ज़्यादादर्दभी
नहीं होगा.रागिनी इस बार खुद हीधीरे धीरे लड़खड़ा कर नंगीही बातरूम कीतरफ चल दी. वो जानती थीकि

258
विराट अब उसे बाथरूम तक ले जानेके काबिल भीनहीं है.लेकिन वोयह नहीं जानती थी कि बिहारी जैसा मर्द
उसे अपने लंड पर बिठाकर दिनभरसैर करवा सकताहै.
बाथरूमकी तरफजातीहुई रागिनी की गान्डकोदेखकर बिहारी के लोड् ने सिर उठाया तो बिहारी ने उसके सर
परहाथ मारते हुए धीमी आवाज़ मे बोला: सो जा साले,पता है तेरा दिल कुँवारीचूत से अभीभरानहीं लेकिन
जो मैंचाहता हूँ उसके लिएज़रूरी है कि तूभूखा रहे तभीतोसाली की भूख बढ़ेगी और वो बाहर मुँह मारने को
मजबूर हो जाएगी. एक बार यहवीरेंदरके नीचे आ जाए तोफिर देखता हूँ उससाले वीरेंदरकोभी और उस
कुतिया बीना को भी. बसएक बार रागिनीवीरेंदर से चुद जाए फिरदेखोमैं कैसाजालबुनता हूँ.बीना का साथ
देकर तो मुझे प्रॉपर्टी के दो हिस्से करने पड़ेंगे औरपोलीस काख़तरा अलग रहेगा लेकिनअगर रागिनीवाला
प्लान कामयाबरहातो पोलीस का ख़तरा भी नही रहेगा औरसारी ज़िंदगी बिना कोईकिएहर महीने लाखों
रुपेये भीमिलेंगे. यह सोच करबिहारी तकिये पर सर रखकरआराम से लेट और उसके लंड ने भी उसका
एक अग्यकारी लोड् की तरह साथदिया.
थोड़ीदेरबाद जब रागिनीबाथरूम से बाहर निकलीतो वो भी काफ़ी थक चुकी थी. दीवार घड़ीपर टाइम
देखा तो रात के 1:00 बजे थे.रागिनी भीकंबलमे घुस करबिहारी से सट कर लेटगई लेकिन नींद उसकी आँखों
से दूर थी.हालाँकिउसे थोड़ी बहुत संतुष्टि हो गई थी लेकिनवो एकबार फिर से चुदने को बेताब थी.
सोचते सोचते रागिनीके दिमाग़ मे बिहारी की बातें घूमने लगी. बिहारी की बातों कोयाद करके रागिनी की चूत
मे से टीसउठने लगीकि विराट अब बुढ़ापे की दहलीज पर हैं लेकिन वो तो अभी जवान है और जवानी की
आग बुझाने के लिए उसे एक ताकतवर मर्द कीज़रूरत है जो सारी रात उसे नोचतारहे. रागिनी जानती थी कि
विराट मैं अभी काफ़ी दम है लेकिन कब तक, आख़िर कब तक विराट उस साथ सेक्स कर सकेंगे. यहसवाल
उसे बार बार परेशान कर रहाथा. रागिनी ने पहले तो सोचा किडॉक्टर.बीना सेइसबारे मे बात करेगी लेकिन
फिरविराट कीबेइज़्ज़ती के डर से उसने यह ख़याल भीअपने दिमाग़ से निकाल दिया.
रागिनी(मन मे सोचते हुए):हे भगवान, ऐसामेरे साथ ही क्यूँ करताहै. ज़िंदगी के हर मोड़ पर लाकरतू मुझे
एक नये चौराहे पर लाकर खड़ा कर देता है.रागिनी को भी एहसास था किअपने माँ-बाप का घर छोड़ करउसने
सबसेबड़ी ग़लती की थी. अगर समयरहते उसे जावेदके इरादों की भनक जाती तो आज यह दिन ना
देखना पड़ता किवो अपने पतिके बिस्तरपर नंगीलेटी आहें भर रही होतीऔर उसका पतिचैन की नींद सो
रहाहोता.सोचते सोचते रागिनी की भी आँख लग गई.रात को हुईज़ोरदार चुदाई के सपने लेते हुए दोनो पति-
पत्नी एक ही रात मे एक दूसरे की तरफपीठ करके सोए हुएथे.
जब तक बिहारी-रागिनी थोड़ी रेस्टकरते हैं, आइएबंगलोर का हाल जान लेते हैं.
तो बंगलोर मे कहाँ थे हम.

259
हां याद आया,आशना-वीरेंदर औरप्रिया हॉस्पिटलमे वीरेंदर के वॉर्डमे बैठ पी रहे थे. उसवक्त का
समय कोईथा.
चाइ पीने के बाद,प्रिया:आशना अगर तुमचाहो तो मेरे फ्लॅट परचलकर फ्रेश हो लो और चेंज भीकरलो.
वीरेंदर: हां, आशना तुम्हे थोड़ीदेरआराम करलेना चाहिए, मैं अब बिल्कुल ठीक हूँ और वैसे भी सुबह तक मुझे
डिसचार्जभी कर दिया जाएगा.तो तुमएक कामकरो, अपने हॉस्टिलजाकर पॅकिंग भी कर लो औरहो सके तो
रात तोवहींरुक कररेस्ट भी कर लेना. सुबहफ्रेशहोकर तुम आ जाना.
आशना:जीनहीं मुझे कहीं नहीजाना औरना हीमुझे आरामकी ज़रूरत है. आरामकी ज़रूरत है,आप
आरामसे लेट जाइए, मैं रात को यहीं रुकूंगी.
प्रिया: जैसातुम्हे ठीकलगे आशना, वैसे मैने तुम्हारी फ्रेंडकोफोन करके तुम्हारा समानअपने फ्लॅट मे रखवा
दिया है.
सुबह जाते हुएवहीं से ले लेना.मैं चाबी मोनू के पिता जी को दे जाउन्गी, तुम अपनासमान लेकरचाबीउन्हे
वापिसदे देना.यह कह कर प्रियावहाँ से उठी और बाहर चली आई.
आशना:वीरेंदरआप आरामकीजिए मैं अभी आतीहूँ.
आशना जब बाहर पहुँची तो प्रिया उसका वेट कररही थी.
आशना:थॅंक्स प्रिया.
प्रिया: एक खाएगी अब मेरे से, बड़ीआई थॅंक्सकरनेवाली.
आशना प्रिया के गले लगपड़ी.प्रिया नेभी उसे कस कर अपने साथ गले लगा लिया.उन्हे पताथाकिशायद
अब यहउनकीआख़िरी मुलाकात है.सुबह प्रियाड्यूटी परहोगी और आशनाहमेशा के लिए देल्ही निकल
जाएगी.
प्रिया: आशना,आगे काक्या सोचा है???

260
आशना:देखोजबतक भैयाकीप्राब्लमसॉल्वनहींहो जाती तब तो देल्ही मैं उनके साथ ही रहूंगी और
उसके बाद कोई जॉब कहीं भी ढूँढ लूँगी.
प्रिया: आशना,एक बात कहूँ?
आशना:हुउऊँ.
प्रिया: तुम्हे भैयाका ख़याल रखनाहै ना??
आशना ने उसकी आँखों मे देखाऔर हां मे गर्दन हिलाई.
प्रिया: तो इस बात काख़याल रखनाकि आज से तू एयिर्हसटेस्सआशना शरमा नहीं बल्कि मेडिकलस्टूडेंट
आशना शरमाहै. वीरेंदर तुझे बहुत प्यार करता है,मैने उसकीआँखों मे देखाहै. अब तुम्हे तुम्हारे इस झूठ को
तुझे हमेशा के लिएदफ़न कर देनाहै, नहीं तो वीरेंदर के साथ साथ तेरीज़िंदगीभी बर्बाद हो जाएगी.आशना ने
उसे फिर से एक बार कस केगले लगा दिया औरबोली.
आशना:चिंता नाकरो प्रिया, मैं अपना पिछलासारा वजूद ही मिटा दूँगी औरएक नयीज़िंदगीकीशुरुआत
करूँगी.
प्रिया: लेकिन कभी भीतुम्हे लगेकि तुमएयिर्हसटेस्सआशना शर्मा कहीं बेहतर थी तो मेरी तरफका रास्ता
हमेशा खुला रहेगा.
आशना:आइ नो प्रिया बट आइकॅन'ट कम अगेन. विश मी लक.
प्रिया: ऑल दा बेस्ट आशनाआंड हॅव ग्रेट फक. आशना ने अचानक सरप्रिया की तरफदेखा.
प्रिया: सचही तो कह रहीहूँ, तुझे क्यालगता है यह(वीरेंदर) तुझे घर(देल्ही)में सजाने के लिए ले जारहा है?
आशना ने शरमा कर नज़रें नीचे झुकाली.

261
प्रिया:यह शरम अपने उनके लिए रख ले संभालके और मेरी बात ध्यानसे सुन, देल्ही जाकर सबसे पहले अपने
चोरीहुए सिम के बारे मे पतालगाओ औरबीना परज़रूरनज़र रखो. बीना को लेकरमुझे कुछ ना कुछ गड़बड़ तो
लगतीहै.
आशना ने सवालिया नज़रों से उसेदेखा.
प्रिया: तुझे क्या लगा किमैं तेरी परेशानी को नहीं समझी, पगली मैं तो बस तेरा मन हल्का करने के लिए ऐसा
कर रहीथी कितू भी इसे लाइट्ली ले.
आशना:प्रिया,तुमसे बेहतरमुझे और कोईसमझ भी नहीं सकता.
प्रिया: और वीरेंदर से बेहतरतुझे और कोई सच्चा प्यार दे भीनहीं सकता.
आशना:मैं जानतीहूँ प्रिया लेकिनमैं यह भी जानतीहूँ किवीरेंदर मेरा भाई है.
प्रिया: यार तू खुद भीकन्फ्यूज़्ड है और मुझे भी कर दिया है.जाजोकरना है कर मगर फोन करती रहना.
आशना:बाइ प्रिया,टेक केयर.
प्रियाने मोनू की स्कूटी स्टार्ट की और अपने फ्लॅट की तरफ चलदी.पीछे खड़ीआशनासोचने लगी "प्रिया
अगर मैं तुम्हे कन्फ्यूज़ ना करूँ तो फ्यूचरमे शायद ही तुमसे कभी बात करने की हिम्मत भी कर पाती,अब
जो भी करना है मुझे अपने दम पर हीकरना है औरवीरेंदरके लिएही करनाहै.

बाहर का मौसम सुहावनाहो चला था,हल्की हल्की ठंडी हवा चल थी.आशना ने अपने हाथ अपनीबाजुओं
पररगड़ते हुए हॉस्पिटलमे कदम रखा और सीधावीरेंदरके वॉर्ड की तरफचल दी. वॉर्ड मे डॉक्टर. वीरेंदर का
चेकप कर रहे थे.
आशना को देखते ही बोले: मिस आशना आपके फियान्से तो आपसे बातें करके बहुत जल्दी रिकवर कर रहे हैं.

262
आशना हैरानी से डॉक्टर. की तरफ देखतीरही.
डॉक्टर.चौंकिएमत,मुझे अभी अभी इन से हीपता लगा है किआपदोनो जल्दही शादीकरने वाले हैं.
यह सुनते हीआशना का चेहरा शरम से लाल सुर्ख होगया.
डॉक्टर.:मिस आशना जी, अगर आपफ्री हो तोमैं आपसे कुछ देरबात करनाचाहता हूँ.
आशना:आप चलिएडॉक्टर. मैं आती हूँ.
जैसे हीडॉक्टर. बाहर निकले,
आशना:वीरेंदर, यह क्यामज़ाक है???
वीरेंदर: यह तो मुझे पूछना चाहिए था???
आशना:क्या मतलब????
वीरेंदर: गर्लफ्रेंड मेरी हो और अकेले मे डॉक्टर. तुमसे मिलना चाहते हैं.
आशना:युयूयुयूवयू,वीरेंदरमैं तुम्हे देख लूँगी और यह कह करआशना डॉक्टर. के ऑफीसकी तरफ चलदी.
वीरेंदर केवल मुस्कुराता रहगया.
डॉक्टर.के ऑफीसमे पहुँचने पर आशना ने देखाकि ऑफीस खालीहै तो वो वहीं बैठ गई. थोड़ीदेरबाद डॉक्टर.
अपने ऑफीसमे दाखिल हुआ.
डॉक्टर.आइ होप कितुम्हे ज़्यादा देर इंतज़ारनहीं करना पड़ाहोगा.
आशना:नो डॉक्टर., जस्ट अराइव्ड.

263
डॉक्टर.:सिट.
आशना:डॉक्टर. के सामने वाली चेयर पर बैठ गई.
डॉक्टर.: कॉफी लेंगीआप???
आशना:ओके.
डॉक्टर.ने बेल बजा कर अपने लिए एक ब्लॅक टी और आशना लिएएक कॉफी ऑर्डर की.
आशना:बताइएडॉक्टर. क्याबात है,वीरेंदरकीहालत अबकैसी हैं.
डॉक्टर.: ही ईज़ अब्सूट्लीफाइन. आक्च्युयली, शायद वीरेंदरने पिछले कुछ दिनोसे ठीक से खाना नहीं खाया
था जिसकी वजह से वो कमज़ोरी से बेहोश हो गयाऔर फिरसर्दी की वजह से उसेएकदम तेज़ बुखारभी हो
गया.
आशना:थॅंक्स डॉक्टर.,मैं तोडर ही गई थी.
डॉक्टर.: आशना,वीरेंदर के घर मे औरकॉन कॉन है.
आशना:कोई नहीं,वो भी मेरी तरह अनाथ है.
डॉक्टर.: ओह,आइ आम सॉरी.
आशना:इट्सओक डॉक्टर.डॉन'टबी सॉरी.
आशना:वैसेक्यूँपूछ रहे थे आप.
डॉक्टर.: आक्च्युयली मुझे समझ मैं नहीं आ रहा किआपसे कैसे बात करूँ लेकिन वीरेंदर की हालत के बारे मे
उसे किसी अपने को बताना बहुत ज़रूरी है.

264
आशना(घबराते हुए) डॉक्टर. बोलिए क्या बात है,वीरेंदरके करीब मुझ ज़्यादा कोई नहीं.
डॉक्टर.: मैंसमझसकता हूँ किदुनियामे आपही एक दूसरे का सहारा हैं लेकिन फिर भीआप से यह सब कहते
बड़ा अजीब सा लग रहाहै.
आशना:डॉक्टर. प्लीज़,मेरादिलबैठा जा रहाहै.
डॉक्टर.: कूलडाउनमीचाइल्ड,लेट मी टेलयू अबाउट हिज़ कंडीशन.
आशना डॉक्टर.की तरफ जिग्यासा भरी निगाहों से देखने लगी.
डॉक्टर.: आपकाअफेर कबसे है??
आशना(हैरानीसे):व्हाट???
डॉक्टर.(सॉलिड आवाज़ मैं):टेल मी
डॉक्टर.कीतेज़ आवाज़ से आशनासहम उठी और निगाहे झुका कर धीरे बोली:दोस्तीतो अभी कुछ दिन
पहले ही लेकिन अफेरतो यहीं आपके हॉस्पिटलमे ही स्टार्ट
डॉक्टर.: ओह्ह्ह, तो इसका मतलब आपदोनोमैं अभीकाफ़ीदूरियाँ हैं.
आशना सिर झुकाएगर्दन हां मैं हिला देती है.
डॉक्टर.: देखो बेटा, मुझे ग़लत मत समझनालेकिन वीरेंदरकीब्लड रिपोर्ट से लगता है कि ही हॅड बीन टेकिंग
हेवी डोस ऑफ अफ़रोडियासिक रेग्युलर्ली.
आशना(एक दम चौंक कर): क्याअ?? हाउईज़ इट पासिबल???? मेरा मतलब क्यूँ????

265
डॉक्टर.अबइसबात का जवाब तो वोही दे सकते हैं.
आशना:लेकिन
डॉक्टर.: डॉन'ट वरी, ही ईज़ आब्सोल्यूट्ली नॉर्मल नाउ बट ड्यू टूदा परफॉर्मंसे ऑफ सेक्षुयल
आक्टिविटीस, हिज़ ब्लडसेल्सबिकमसो मच थिक दटदेयरईज़ ऑल्वेज़रिस्क ऑफ ब्लडकॉंजेस्षन.
आशना:मीन्स???
डॉक्टर.: वीरेंदर की ब्लड रिपोर्टकहतीहै कि उसके शरीर मे काफ़ी ज़्यादा मात्रा मे वोअफ़रोडियासिक है और
पतानहीं किन कारणों से उसके ब्लड मे काफ़ी थिकनेस है जिस से ख़तरा रहता हैकि उसे कभीभी हार्ट
प्रॉब्लम्स हो सकती हैं.
आशना:डॉक्टर.,तो इसकाइलाज???
डॉक्टर.: बिल्कुल है, लेकिन पहलेतोइसका कारण पताहोना चाहिएकि वो अफ़रोडियासिक क्यूँ लेताहै और
दूसरा यह किअगर लेता है तो फिर उसके बादक्याकारण है कि वो अपने स्प्रेंसरिलीसनहीं कर पाता.
डॉक्टर.कीबात सुनकर आशना शरमसारहो गई.

डॉक्टर.: देखो बेटा, मैं मानताहूँ कितुम से इस तरह की बातें डिसकसकरना ठीक नहीं लेकिनतुमउसकी होने
वाली बीवीहो तो मैं यह समझता हूँ कि तुम्हे यह सबपता होना ज़रूरीहै.
आशना:इट्सओके डॉक्टर., आक्च्युयली अभी कुछदिन पहले भीइन्हे इसी कारणयह प्राब्लमहुई थी. देल्ही
मैं मौसी हैं डॉक्टर.बीना, वो भी एक बहुत बड़ी फिज़ीशियान हैं. उनसे ही मुझे पता लगाथाकिवीरेंदर वाज़
नोटएबल टू रिलीस हिज़ स्पर्ंस थ्रू सेक्षुयलऑरनॉनसेक्षुअलआक्टिविटी.

266
डॉक्टर.: इट मीन्स...........
आशना:येआः, ही इज़्न'त इंडल्ज्डइन मास्टरबेशन ऑर एनीअदरसेक्षुयल आक्टिविटीस.
डॉक्टर.हैरानी से आशना को देखता रहा.
आशना:यआःडॉक्टर., डॉक्टर. बीना हॅडटोल्ड मी अबाउट दिस.
डॉक्टर.: अमेज़िंग,बट हाउ ईज़ इट पासिबल??? आइ मीन इफ़ ही इज़्न'त इंडल्ज इनएनी ऑफ
सेक्षुयलआक्टिविटीदेनव्हाईही टेक्सअफ़रोडियासिक.
आशना:मे बीबाइ मिस्टेक ऑर मे बी दा मेडिसिन्सहीहॅड टेकनकंटेन्स समफ्रॅक्षन्सऑफ इट.
डॉक्टर.: इंपॉसिबल, देयर इज़्न'त एनी मेडिसिन (अदर दॅन अफ़रोडियासिक्स)दट कंटेन्सदा सॉल्टडाइयग्नोस्ड
इन हिज़ ब्लड. दा ब्लड रिपोर्ट शोसदट ही ईज़ टेकिंग तट सॉल्ट फ्रॉमलोंग टाइम.
आशना:बट, फॉर व्हाट????
डॉक्टर.: आर यू बोथ सेक्षुयली आक्टिव???
आशना ने डॉक्टर. की तरफ हैरानी से देखा और फिर शरमा कर नज़रें झुकाकर"ना" मे गर्दन हिलाई.
तभीदरवाज़े पर नौक हुईऔर एक कॉमपाउंडरकॉफीऔर ब्लॅक टीलेकर आगया. दोनो ने अपनेअपने कप
उठाए और एक सीप लिया.
डॉक्टर.: देन यू बोथ मस्ट मॅरीऐज सूनऐज पासिबलमाइ चाइल्ड,अदरवाइज़,देयर ईज़ रिस्क ऑफ ब्लड
कॉंजेस्षन इन हिज़ बॉडी विच मे रिज़ल्ट इन मेजर हार्टअटॅक.
आशना ने घबराकरडॉक्टर. की तरफदेखा.

267
डॉक्टर.: आक्च्युयली,अफ़रोडियासिक्सकंटेन्स सॉल्ट दट आक्टीवेट ऑफ ह्यूमन बीयिंग आंड बॉडी
डिमॅंड्स सेक्षुयलप्लेषर. इफ़ वन डेवाय्ड हिज़/हर बॉडीसच रिलीफ़,इट एफेक्ट हिज़ हार्ट मच ऐज दा
हॉर्मोन्सगेट अकुमूलटेड इनदाबॉडीविच रिज़ल्टइनदाथिकनेस ऑफ ब्लड आंड रिज़ल्ट्सइन स्लो पंपिंग
ऑफ ब्लड. दा पर्सन टेकिंग दिसटाइप ऑफ सॉल्ट सफर्सफ्रॉम हेडएक,चेस्ट पेन, कॉन्स्टिपेशन आंड मोस्ट
ऑफ ऑल ही/शी फेल्टलॉट ऑफ हीट जेनरेटेड इनदाबॉडी.
आशना को एकदम याद आ गयाकि वीरेंदरने भी उससे यही कहाकि कभीकभी उसके शरीरमे इतनी
गर्मी पैदा होजाती है किउसेअपने कपड़े तक उतारने पड़ते हैं.सर्द मौसम मेभी उसके शरीरसे पसीना बहना
शुरू हो जाता है.
आशना:थॅंक्स डॉक्टर. फॉरदाडीटेल्स आंड नाउ प्लीज़टेल मीहाउ टू क्यूर हिमफ्रॉम दिस कंडीशन.
डॉक्टर.: डॉन'ट वरीइट ईज़ नोट आ डिसीज़ बट यू हॅव टू टेक ग्रेट केयरऑफ हिज़ फुड, एक्सेस्साइस आंड
डेली रुटीन्स.
आशना:एनीप्रिकॉशन???
डॉक्टर.: नोप्रिकॉशन बट जस्ट मेक श्योर टू हेल्प हिमरिलीसहिज़ फ्रस्टएशन.
आशना समझ गई किडॉक्टर. क्या कहनाचाहते हैं लेकिन क्या वो इतनीजल्दी सब कुछकरने के लिए तैयार
है.वो अपने दिमाग़ मे यहीसबसोच रही थी जब डॉक्टर. ने उस से कहा कि आजरात को तुमवीरेंदर के ही
वॉर्ड मे कर सकतीहो.
आशना:थॅंक्स डॉक्टर.
डॉक्टर:सुबह एक बार फिर से वीरेंदरकाचेकपकरने के बादउसे डिसचार्ज कर दिया जाएगा लेकिन याद रहे
किउसे मेरीप्रिसक्रिबीडकीहुई दवाइयों के अलावा और कोईदवाई नादीजाए.
आशना,वीरेंदरके वॉर्ड मे पहुँचीतोदेखाकिवीरेंदर की आँख लग गई थी. अभीशाम के 7:30 हीबजे थे, वो
बाहर कॉरिडर मे टहलने लगी और सोचने लगी. उसके मन मे काफ़ीस्वालथे औरहर पल कुछ सवाल जुड़
रहे थे जिनका जवाबउसे मिल नहीं पा रहाथा. इस वक्त सबसेबड़ा सवाल उसके दिमाग़ मे थाकि वीरेंदर
सेक्षुयलस्टिम्युलेशन की दवाई क्यूँ लेताहै जब किवो सेक्षुयलीआक्टिव नहीं है औरना ही मास्टरबेशन मे

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इन्वॉल्व है.वो जानतीथी किवीरेंदर ने कुछ दिन पहलेही पहली बार मास्टरबेट किया है. उसे यह सोच कर
खुशी भीथीकिथोड़ीही सही लेकिन वीरेंदर की सेक्षुयल फ्रस्टएशन उसके कारणदूरतो हुए हीहै.
आशना के मन मे उस वक्त जोसवालोकाजालथावो कुछ इसप्रकार थे.::
1. देल्ही हॉस्पिटल मे उसका सिम किसने बदला और इससे किसीकोक्या फ़ायदा होगा.
2. उसके सारे डॉक्युमेंट्स,उसकी सारी आइडेंटिटीसभी गायबहैं, क्याइससब के पीछे कोई साजिशहै.अगर
हां
तो क्या????
3. डॉक्टर. बीना ने यह जानते हुए भी किवीरेंदर मेरा भाई है एक बार भी मुझे रोकने की कोशिशनहीं की
बल्किहमेशामुझे आगे बढ़ने के लिएही प्रोत्साहित किया, क्या इसमे उनका कोई इंटेरेस्ट है??
4. वीरेंदरअफ़रोडियासिक्सलेता है लेकिन क्यूँ,क्या डॉक्टर.बीनाकीही कोई चाल है क्यूंकी मेडिकल फील्ड
मे
होने के सीधा सीधा शक उसकी तरफही जाता है.
इन सारे सवालो को सोच कर बार बार आशना का शकबीनापर हीजारहा थावो यहसब क्यूँकरेगी,
इसकाजवाबउसे नहींमिलपारहा था. आख़िर बीना को इस सबसे क्या होगा??? यह सारेसवालसोच
सोच करआशना काफ़ी परेशानहो उठी औरअपने आपकोबिल्कुलअकेलामहसूसकरने वो इस मामले
मे से बात करे उसे कुछ भी समझ मेनहीं आ रहा था.आशना बार बारयही सोच रहीथी किक्या"वीरेंदर
परभरोसा किया जा सकताहै?", कहीं वीरेंदरही तो उसके साथ कोई खेल नहीं खेल रहा.एक तरफ उसका दिल
कहता किवीरेंदर पर शक करनाअपने आपपर शक करना है तो वहीं दूसरी तरफ दिमाग़ कहता किवीरेंदर जैसा
आदमीउस परइतनी जल्दीकैसे फिदा होगया जबकिउसेअपनी पहली भूलनेमें सालों लग गये.
तभीउसे अचानक यादआया किएक दिन जब बीनाउनसे मिलने "शर्मा निवास" मे आई थी तो वीरेंदर ने साफ
मना कर दिया था किआशनाउसके रूम मे नाआए.तोक्या वीरेंदर और बीना के बीच कुछहै??? लेकिन यह
कैसे होसकता है,वीरेंदरतो बीना को "आंटी कह कर बुलाता है??" उसके इस सवाल काउसके दिलने ही जवाब
दे दिया"क्याहो गया अगर वीरेंदर बीना को आंटीकहताहै तो, वो खुद भी तोउसकी बेहन है". इस जवाबके
दिमाग़ मे आते ही आशना को वीरेंदर और बीनापर शकगहरा होता चला गया.आशना ने सोचा किइसबारे मे
बिहारी काका से ही चालाकी से पूछूंगीकि उन दोनो मे क्या पकरहा है,शायद कोई रास्ता मिल जाए. अपने मन
मे रहे सवालों कोदेल्ही जाकरसुलझाने के मकसद से आशना नेअपने दिमाग़ से सारे सवालो को झटका
और वीरेंदर के वॉर्ड की तरफ चल दी. अंदरआकर उसनेदेखाकि वीरेंदर बेड पर टॅक लगाए हुए बैठाहै और
सामने लगे टीवीपर मॅच देख रहा है.
वीरेंदर: कहाँ थीइतनी देर???

269
वीरेंदर का सवाल सुनकर आशनाचौंकी और फिरसंभालते हुए जवाबदिया"बसपिछले दिन की हुई घटनाओ को
यादकर रही थी".
वीरेंदर: तोफिर तुमने क्या सोचा??
आशना(हैरानीसे): किस बारे मे??
वीरेंदर: शादी के बारे मैं.
आशना का दिल एक दमसे धड़क उठा.
आशना:अभी आपआराम कीजिए, इस बारे मे हम देल्हीजाकरबात करेंगे.
वीरेंदर: तुम चाहे जितना मर्ज़ीवक्त लो, मगरमुझे तुम्हारी हां ही छाईए. आशना(शरमा कर मुस्कुराते हुए):
और अगर मैने ना कर दी तो??
वीरेंदर: तोमैं मर...इस से पहले कि वीरेंदरआगे कुछ बोलता,आशना ने भाग करउसके होंठोंपर अपने हाथ रख
दिए.वीरेंदर और आशनाकीनज़रें मिलीतो आशना ने भावुकहोकर उसकी आँखोंमे देखते हुए "ना"मे गर्दन
हिलाई. वीरेंदर ने अपने होंठों से उसका हाथहटाया औरबोला: "तो मैं मरथोडे ही जाउन्गा,किसीऔर को पटा
लूँगा"औरयह कह कर वीरेंदर खिलखिलाकर हंस दिया.
आशना भी रोनी सूरत बनाकरहँसने लगी.
आशना:हां हां,तो पतालो किसीऔर को. फिर पछताते रहना सारी उम्र.
वीरेंदर ने उसे कलाई से पकड़ कर अपने उपर खींच लियाऔर आशना भी गुड़िया की तरह उसके उपर गिर
पड़ी.आशना का चेहरा वीरेंदर के चेहरे के पास था औरबाकी शरीरबेड से नीचे.
वीरेंदर: "आअहह ठंडपा दिति कूडीएतू".

270
आशना:ने अपनाहाथ वीरेंदर की छाती पररख दियाऔर बोली: "त्वानू ठंडा कारण ता आई आं".
वीरेंदर ने यहसुनातो चौंका,आशनाने इस बात का फ़ायदालेकर अपने आप को छुड़ाया और पीछे कीतरफ
भागी.
वीरेंदर: भाग ले जितना भागना है,शादीके बाद तो मेरे पीछे पीछे भागेगी.
आशना(अदा से): चल,चल सपने मतदेख आवाराआशिक.
वीरेंदर: सपने को हक़ीकत मे ना बदला तोमेरानाम बदलदेना.

आशना(मन मे सोचते हुए):तुम्हारे सपनो की खातिर हीतो मैने अपना वजूद बदला है लेकिन मैं समझ नहीं पा
रहीहूँ कितुम्हारी मोहब्बत सच्ची है या झूठी.
आशना अपने ख़यालो से बाहर आई जबदरवाज़े पर नॉकहुई. आशना साइड मे रखी एक पर गई और
बोली "कम इन". दरवाज़ा खुलते हीसामने खड़ेइंसानकोदेखकरआशनाकाकलेजा मुँह कोआ गया.
सामने मोनू खड़ा था.मोनू ने आशना के चेहरे का उड़ता हुआ रंग देखा तो बोला"क्याहुआ दीदी??"
आशना:कककुच नहीं,आओ मोनू भैया.
मोनू अपनी सदाबहार स्माइलके साथ कमरेमे आयाऔर बोला"दीदी प्रिया दीदी ने आपका समानऔर कल
दोपहर की प्लेन टिकेट्सभेजी हैं औरखाना भी लाया हुन्न आपदोनो केलिए"
वीरेंदर: अरे वाह, मोनू बॉस मुझे तोकाफ़ीभूख लगीहै, अच्छा कियातुमखाना लेकरआ गये. लेकिन खाने के
पैसे तो तुम्हे कल हॉस्पिटलसे डिसचार्ज होकर ही दे पाउन्गा.
मोनू: क्या भैया, आपतो शर्मिंदा कर रहे हैं.यह तोमैं अपनीखुशी लाया हूँ और इसके पैसे थोड़े ही लूँगा.

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आशना:लेकिनतुमने समान लाने की तकलीफ़क्यूँ की, हम कल आकर खुद ही ले जाते.
मोनू: वो दीदी,बाबा के सामने कोईतोबहाना मारनाही था वरना इसवक्त काम के टाइमवो मुझे थोड़े ही आने
देते. मैने जब उनसे कहा किआपको चेंज करने के लिए कपड़ोकीज़रूरत है तो उन्होने एक दमहां करदी
आपके लिएखाना भी भेज दिया.
वीरेंदर: आशना, जल्दी से खाना दो, मुझे बहुत भूख लगी है.
आशना:वीरेंदरआपकी डॉक्टोरीप अभी शामको हीउतारी गयी है और डॉक्टर. ने सिर्फ़ लाइटफुड खाने को ही
कहा है.
वीरेंदर: डॉक्टर. की ऐसी की तैसी, मैं बिल्कुल ठीक हूँ अब. मुझे खानानहीं मिला तो मैं बूख से पागल हो
जाउन्गा.
मोनू: आप चिंताना करें दीदी मैं खाने मे पतली खिचड़ीही लाया हूँजो बाबूजी के लिएबिल्कुलठीकरहेगी.
वीरेंदर: हे भगवान, यह भाई बेहन तो मिलकर मेरे अरमानो का खून करके रहेंगे.
आशना,वीरेंदरकीबात का मतलबसमझगई लेकिन मोनू ना समझते हुएभी हँसने लगा. आशना चाहती थी कि
मोनू जल्द से जल्द यहाँसे चलाजाए ताकि कोई ऐसा बात ना हो किवीरेंदर को उसपर फिर से शकहो
जाए.बड़ीमुश्किलसे उसनेपहले सिचुयेशनसंभालीथी.
आशना:मोनू भैया, हम सुबह आकर आपके बर्तन दे देंगे, अभीआप जाइए, देखो बाहर ठंडभी काफ़ी हो गई है
और आपको तो सुबह स्कूलभी जानाहै.
वीरेंदर: अरे उसे थोड़ी देर बैठने तो दो,क्या इतनी जल्दीउसे निकालरही हो.
आशना कुछ ना बोलपाई.
मोनू: नहीं भैया मुझे चलनाचाहिए नहीं तो पिता जी की डाँट सुननी पड़ेगी.

272
वीरेंदर: मोनू एक मिनट ज़रा तो इधरआना.
आशना की सांसही रुक गई यह सुनकर.
मोनू वीरेंदर के पास गया.
वीरेंदर: यह भी तुम्हारी दीदी है क्या?
मोनू(हैरानीसे):हां, क्यूँ??
वीरेंदर: बहुत अच्छाहोगा अगरयह दीदी बोलने कीआदत जल्द ही छोड़ दो वरना बहुत पछताओगे औरयह कह
कर वीरेंदर हंस दिया.
आसना जल्दीसे उठी और बोली: मोनू भैया आप जाइएनहीं तो ऐसे ही आपका मज़ाक उड़ाते रहेंगे.हमसुबह
आपके पासबर्तन दे जाएँगे.
मोनू वीरेंदर को हैरानी से देखताहुआ कमरे से बाहर निकलगया.आशना ने दरवाज़ा बंद करके राहत कीसांस
ली और वीरेंदर की तरफ पलटी.
वीरेंदर: इतनी जल्दी भेज दिया उसे अभी कुछ देरऔर बैठने देती.
आशना:ताकिआपउसकी और खिचाई कर सको, है ना??
वीरेंदर: यार इस लड़के ने तो मुझे बहुत बड़ीटेन्षन मे डाल दिया था, तभी तो मैं इसका पोपट बना रहाथा.
आशना(अंजानबनते हुए): वो कैसे???
वीरेंदर: इस साले ने, मेरा मतलब मेरे होने वाले साले ने मुझे यहकहा कितुम वोहीआशना हो जो कि मेरीचहेरी
बेहन है, मेरा तोदिमाग़ ही घूम गया था यह सुनकर.

273
आशना:क्यूँ???
वीरेंदर: क्यूँ क्या, अरे मैंतुमसे शादी के सपने देख रहाथा और यह मुझे ग़लत देकर धरम संकट मे
डाल गया.
आशना:उसने तो सच ही कहा था.
वीरेंदर(एकदम आँखें बाहर निकालते हुए: क्या?????
आशना:कूल डाउन,मिस्टर.वीरेंदर. मोनू ने तोआपसे सच हीकहाथा किउस फ्लॅट मे जो दो लड़कियाँ रहती
हैं उन मे से एक आशना यानी कि आपकी बेहन है औरदूसरीप्रिया,आपकी बेहन की दोस्त.
हो सकता है उसदिन जब मैं प्रिया के साथ उसके फ्लॅट मे गई तो ने मुझे वो वाली आशनासमझ लिया
हो.उसवक्त तो काफ़ीअंधेराहो गया थाना,तोहो सकताहै वो पहचान ना पाया हो.आपने ही ग़लत समझ
लिया.
वीरेंदर:हां ऐसा ही होगाऔर मैं काफ़ीखुशहूँ कि मैं ग़लत था.
आशना:क्यूँ????
वीरेंदर: क्यूँ से क्या मतलब??अगर तुमवो वाली आशनानिकलती तो मैं तो गया था काम से.
आशना:अच्छा चलो मान लो किमैं वो वालीआशना ही होती तो????
वीरेंदर उसे काफ़ी देर तक देखता रहाऔर फिरबोला: तोक्या???
आशना:तो फिर तुम क्या करते????
वीरेंदर: करना क्या है,बस सुहागरात केवक्त तुम्हारे चेहरे को कवर करना पड़ता.
आशना(चौंकते हुए वीरेंदर को आँखें दिखातेहुए):क्याअ?? और यह कह कर वोवीरेंदरकीतरफ झपट पड़ी.

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वीरेंदर ने संभालते हुएउसे कमर से पकड़ कर बेड पर हीखींच लिया उसे अपने उपर लिटा दिया. आशना का
चेहराएक दमसुर्ख हो गयाऔर वोकाँपने लगी. वीरेंदर ने उसकीहालत देखीतो उसकी हँसी निकलगई.
आशना ने शरमा कर अपनाचेहरा वीरेंदर की छाती पर रख दिया. ने प्यार से उसके बालों मे उंगलियाँ
फिरा कर कहा: तुम्हे मैं किसीभी कीमत परखो नहींसकता आशना,चाहे तुमकोईभी हो क्यूंकी "मेराख़याल
तो आज के बादबसतुम्हे ही रखना है". आशनाने कसकर वीरेंदर को जकड लिया.उसके दिल मे ग्लानिऔर
आनंद के दोनोभावआ रहे थे.
वीरेंदर: अब ऐसे ही मेरे उपर लेटीरहोगी तो फिर ना कहना किमैने सुहागरात तक काइंतज़ार नहीं किया.
आशना ने चौंककर वीरेंदर की तरफदेखा और फिर झट से उसके उपर से उठ कर बेड से नीचे आ गई और
बोली:सुहागरात के सपने ही देखते रहना औरअगर इतनी ही जल्दीहै तो जाओ बीना आंटी के पास.
आशना ने यह बातअचानकही बोलदी औरबोलकरपचता भी रहीथी क्यूंकी वोनहीं चाहती थी किवीरेंदर और
बीना मे से किसी को भी आशना पर थोड़ाभी शक हो. आशनाकीबात सुनकर वीरेंदर भीएकदमसे शांत पड़
गया.उसे लगाकि शायद आशना ने उसदिन दोनोकोवीरेंदर के कमरे मे देख यासुन लिया था.वो आशना से
इस बात के बारे मे माफी माँगना चाहता था मगरउसे इसकामोका हीनहीं मिला.
आशना ने जबदेखाकिवीरेंदर ने उसकीबात की कोई प्रतिक्रिया दी तो उसके दिलको भी काफ़ी धक्का
लगायह जान कर के वीरेंदर और बीनाके बीच मे ज़रूरकुछ चल रहा है तभी तो वीरेंदर एकदम से शांत हो
गया.
आशना ने बात संभालते हुए कहा:बीना आंटी को कह दो कि मुझे आशना से शादीकरनी है,मेरीशादी करवाने का
हक तो सिर्फ़ उन्हीकोहै आख़िरउनकीबेटी जैसीहूँ.
हालाँकिआशनाने यह बात पिछलीबात को संभालने के लिए कहीथीमगर इस बात से वीरेंदर का शकयकीन
मे गया कि आशना ने उस दिन हुई सारीबातें सुन ली हैं. वीरेंदर एक दम खामोशहो गया,वो आशना से
नज़रें नहीं मिला पा रहा था औरआशना यहीसमझी किवीरेंदर- बीनाकाकोई ना कोई तोरिलेशनहै हे. वो
इतनातो समझ गई थी किबीना काफ़ीचालाक औरत है और वोवीरेंदरकोयूज़ कररही है लेकिन वो यह नहीं
समझ पारही थी कि अगरवीरेंदरसे मैं शादी कर लेती हूँ तो इसमें बीना का क्या फ़ायदा हो सकता है और फिर
उसकी आइडेंटिटीस चुराने या सिमबदलने का क्यामतलब है.

275
आशना ने देखाकि वीरेंदर अभी भी काफ़ी परेशान है.आशना चाहती थी वो जल्द जल्द देल्ही पहुँचे ताकि
बीना की साजिश का पता लगा सके.उसने वीरेंदर के चेहरे पर हाथ फेरते हुएकहा " मेरे आवाराआशिक, मुँह
लटकाना बंद करो और जल्दी से खाना खाते हैं बहुत भूख लग रहीहै". वीरेंदर ने आशना की बात सुनी तो उसे
चैन की सांसआई . उसेलगा के शायद आशना ने उसे माफ़ कर दिया है वो बसउसे चिड़ा रही है.
वीरेंदर: भूख तो मुझे भी कबसे लगीहै लेकिनतुमतो मेरा खूनपीकर ही खुशहोरही हो.
आशना:मुझसे शादी करने काएक बार फिर से सोच लो क्यूंकी शादी के बादतोतुम्हारा खून ज़िंदगी भर पीती
रहूंगी.
वीरेंदर(धीमे से): शादी के बाद तो तुम्हे कुछऔर ही पिलाउन्गा.
आशना:क्या, क्याकहा अभी आपने वीरेंदर???
वीरेंदर: नहीं तो कुछ भीनहीं.
आशना का चेहरागुलाबी हो चुका था.
वीरेंदर: तुमने क्या सुना??
आशना ने नज़रें नीचे झुका कर कहा "कुछ नहीं".
वीरेंदर:तुम शरमातीबहुत हो.
आशना:तो क्या तुम्हारीतरह बेशरम बन जाउ.
वीरेंदर: बेशरम!!!!! तो इसका मतलब तुमने अभीअभी मेरे दिल की बात ली है.
आशना:जीनहीं,मुझे कोई शौक नहीं है आपके दिल की बात जानने और सुनने का.

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वीरेंदर: तोक्या शौकरखती है आप???
आशना:घर चलो सबपता चल जाएगा.
वीरेंदर: अरे बाप रे, तुम तोअभी से ज़ख़्मी शेरनीबन गई हो, शादी के बाद पतानहीं क्याक्या करोगी.
आशना केवल मुस्कुरा दी.
आशना ने वीरेंदर को प्लेट मे खाना डालकर दिया औरखुदभी ले लिया.दोनो चुपचाप खाना खाने लगे. खाना
खानेके बाद आशना ने बर्तन समेटे और वीरेंदर को मेडिसिन्सदी.डॉक्टर. ने भी वीरेंदर का रुटीनचेक-अप
किया और बता दियाकि अब वीरेंदर बिल्कुल ठीक है, कल सुबह उसे डिसचार्ज करदिया जाएगा.
डॉक्टर.के जाने के बाद वीरेंदर बोला:आशना तुमआराम करलो,कल भी सारी रात जागकर निकाली है.
आशना:मुझे नींदनहीं आ रही, आप सो जाओ. मैं कुछदेर कॉरिडरमें टहलूँगी.
वीरेंदर: मेरे ख़यालसे तुम्हे आराम कीज़रूरत है. तुम थोड़ी देर यहीं बेडपर सो जाओ मैं चेर पर बैठ जाता हूँ.
आशना:इसकी कोईज़रूरत नहीं,जब मुझे नींद आएगी मे चेर परबैठ कर ही थोड़ी देर आरामकर लूँगी, आपसो
जाइए.
वीरेंदर: ऐजयू विश,अगर चेयर पर नींद ना आएतो मेरे साथ बेड परही सो सकती हो.
आशना:नो थॅंक्स.
वीरेंदर: अरे अभी से आदत डाललो तो बेहतर रहेगा.
आशना:मुझे अपनी आदतें बिगाड़नी नहीं हैं और अच्छा रहेगाकि आप अपनी आदतें सुधार लीजिए.
यह कह कर आशना रूमसे बाहर निकल गई.

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वीरेंदर(मन मेसोचते हुए): ऐसी डालूँगा कि मेरे से चिपके नींद हीनहीं आएगी तुझे.
वीरेंदर आरामसे लेट गया औरआने वाले दिनो के हसीन सपने देखने लगा. उसने मनमे ठानलिया थे किअब
वोबीना से अकेले मिलनाअवाय्ड हीकरेगा. वोआशना की नज़रों मे गिरना नहीं चाहता था.
आशना कॉरिडर मे टहलने लगी औरफिर से उसके दिमाग़ मे वहीं बातें रह रह कर आने वो डिसाइड नहीं
कर पारही थीकि वो वीरेंदर पर भरोसाकरे या शक कीसुई उस भी रखे.वीरेंदर से बात करने पर उसे
इतनातो यकीन हो गया था कि वीरेंदरऔर बीना के बीचऐसाकुछ तो ज़रूरहै जिस कारण वीरेंदर का चेहरा
एकदम उतर गया था. वीरेंदर का नज़रियावो समझ सकतीथी लेकिन वोयह सोच करहैरानथीकिबीना जैसी
शादी शुदा औरत कोऐसी क्या मजबूरी आन पड़ीकि अपनीपति के होते हुए उसेकिसीदूसरे मर्द की ज़रूरत
पड़गई.
तभीउसके दिमाग़ मैं एकबात कौंधी "कहीं यहसारी साजिशवीरेंदर की दौलत के लिए तो नहीं". आशना(मन मे
सोचते हुए):शायद यही वजहहै कि बीना नेवीरेंदर को अपने जालमे फँसा हो.शायद बीना की नज़र
वीरेंदर की दौलत पर है.हां, यही हो सकता है वरना एक औरत अपने पतिके होते हुए किसी दूसरे आदमी के
साथ ऐसे रिलेशन्सक्यूँ बनाएगी.
तभीउसे यादआया किबीनाने तो उसे यह भीकहा था किवीरेंदर अभीतकबिल्कुलकुँवारा है,तो क्या उनके
बीचकोई सेक्षुयलरीलेशन नहीं बनाहै. अगर उनके बीच जिस्मानी संभंध होते तो यक़ीनन वीरेंदरकीयह
हालत ना होती और ना ही वो कुँवारा होता.आशना के दिल मे एक दम खुशी की लहर दौड़ गई यह सोच
लेकिन अचानक उसके दिमाग़ मे एक बात औरआई किहोसकता है बीना उसे झूठ बोला हो. क्यूंकी बीना
उन्दोनोकोकिसीभीकीमत परमिलाना चाहती थी.
आशना(अपने आपसे ही बात करते हुए): इसका मतलब बीनाही वीरेंदर को रेग्युलर्लीअफ़रोडियासिक प्रवाइड
करवारही है ताकि वोहमेशा सेक्षुयलीहाइ रहे और बीना उसे अपने वश में रख सके.