हिन्दी कहानी : चतुर किसान और भालू की कहानी

kahanizoneinfo 208 views 1 slides Apr 28, 2025
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एक बार एक किसान अपने खेतों की जुताई कर रहा था। अचानक कही एक एक भालू आया और किसान के ऊपर हमला करने ही वाला था। किसान ने...


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हिन्दी किानी: हकसान की चतुराई
एक बार एक हकसान अपने खेतों की जुताई कर रिा था। अचानक किी एक एक
भालू आया और हकसान के ऊपर िमला करने िी वाला था। हकसान ने किा- “मुझे
क्यों मारते िो भालू भाई, फसल आने दो जो किोगे विी खखलाऊँ गा” भालू ने
िोशियारी ददखाते हुए किा- “जमीन के ऊपर की फसल मेरी, नीचे की तुम्िारी”
हकसान भालू की बातों को मान गया।

हकसान ने अपने खेत में आलू लगवा ददए जब फसल आई तो हकसान को ममले
आलू, जबहक भालू को ममले पत्ते। भालू खीझ कर रि गया। भालू ने हकसान से किा
इस बार जमीन के नीचे की फसल मेरी और ऊपर के फसल तुम्िारी। हकसान उसकी
बातों को मान गया। हकसान ने अपने खेतों में धान लगवा ददए। फसल तैयार हुई तो
हकसान को ममले, चमचमाते चावल। जबहक, भालू को ममला सुखी जड़। भालू गुस्से
से लाल पीला िो गया।

इस बार भालू हकसान को मजा चखाना चाि रिा था। उसने हकसान को बोला इस
बार जमीन के नीचे और सबसे ऊपर की फसल मेरी िोगी। बाकी के फसल तुम्िारी
िोगी। हकसान भालू की बातों को मान गया। इस बार हकसान ने अपने खेतों में गन्ना
लगवाया जब फसल की कटाई हुई तो भालू को ममला जड़ और पत्ते। भालू का शसर
चकरा गया वि जगल की तरफ तेजी भाग गया।

सोच समझकर शलया गया फै सला िमेिा कामयाबी की ओर ले जाता िैं। बल्कक,
आवेि में आकर शलया गया फै सला गतत की ओर ले जाता िैं।
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