भेड़िया और चरवाहे की कहानी
रामस िंह नाम का एक चरवाह था, उ के पा बहुत ारे भे़ि थी। जि े उ का
िीवनयापन होता था। चरवाहा एक दिन अपने भे़ि़ों को लेकर िंगल में चराने के
ललए ले गया था। उ ी िंगल में एक बहुत ही ख ंखार भेड़िया रहता था िो रामस िंह
के भे़ि़ों को झा़िी के पीछे लछप कर कई दिऩों े िेख रहा था तथा अपना लिकार
करने का प्लान बना रहा था। लेककन चरवाहा बहुत ही चौकन्ना रहता था।
प्रकतदिन रामस िंह अपने भे़ि़ों को िंगल लेकर िाया करता था। िंगल में कभी
उ को कोई ख ंखार िानवर नहीं दिखा जि के कारण चरवाहा अब कनश्चिंत रहने
लगा। उ ने ोचा इ िंगल में ऐ ा कोई खतरनाक िानवर नहीं हैं िो मेरे भे़ि़ों को
हाकन पहुुँचा के । एक दिन रामस िंह अपनी भे़ि़ों को िंगल लेकर गया था।
िब भे़ि घा चर रही थी तो वह ोच चलो थो़िा आराम कर लेते हैं और वह खेत में
लेट गया और वह कनश्चिंत होकर ो गया। ख ंखार भेड़िया मौका पाकर झा़िी े
कनकल कर भे़ि़ों के पा आया और भी भे़ि़ों को एक-एक कर के मार डाला। िब
चरवाहा नीि े िगा तो िेखा उ के ारे भे़ि मरे प़िे थे। चरवाहा अपनी लापरवाही
के ललए बहुत पछताया।
कभी भी हमें एकिम कनश्चिंत होकर नहीं रहना चाकहए। कक ी भी चुनौकतय़ों े
कनपटने के ललए, हमें हमेिा तकक रहना चाकहए ।
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