Story in Hindi with Moral - राजा और वैद्य की कहानी
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Apr 24, 2025
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चंदनपुर में एक राजा रहता था उसका साम्राज्य बहुत दूर तक फैला हुआ था। उसकी प्रजा उसकी हर आज्ञा का पालन करती थी। एक दिन...
चंदनपुर में एक राजा रहता था उसका साम्राज्य बहुत दूर तक फैला हुआ था। उसकी प्रजा उसकी हर आज्ञा का पालन करती थी। एक दिन राजा की पत्नी को बहुत तेज बुखार हुआ। बहुत सारे वैद्य से इलाज कराया गया। लेकिन, रानी की तबीयत ठीक नहीं हुई। राजा के एक मंत्री ने बोला महाराज रामनगर में एक वैद्य रहता हैं जो इसी बीमारी का इलाज करने के लिए प्रसिद्ध हैं। एक बार हमें उसको भी बुला कर देखना चाहिए।
राजा ने वैद्य को बुलाने का आदेश दे दिया। जब वैद्य जंगल के रास्ते राजा के महल में जा रहा था तो कुछ बंदरों ने मिलकर उसके सिर पर रखी पगड़ी को छीन कर खेलने लगे और फाड़ दी। जिसके लिए वैद्य बहुत क्रोधित हुआ और बंदर के साम्राज्य को खत्म करने के लिए कसम खा ली। जब राजा के महल में वैद्य पहुँचा और रानी की हालत को देखा तो राजा से बोला। यह बीमारी ठीक तो हो जाएगी लेकिन, इसके लिए हमें एक तेल चाहिए जो बंदरों के अंदर पाया जाता हैं।
राजा ने साम्राज्य के सारे बंदरों को मारने का आदेश दे दिया। राजा को ऐसा करते हुए देख एक मंत्री राजा के पास गया और राजा से बोला महाराज बंदरों के अंदर ऐसा कोई तेल नहीं पाया जाता हैं। जो यह वैद्य मांग रहा हैं इसमें जरूर कोई साजिश हैं। राजा के कहने पर दरबारियों ने वैद्य को बंदी बना लिया। और उसका कारण जानना चाहा तब वैद्य ने सारी बातें बता दी कि,”महल आते समय किस प्रकार से बंदरों ने मुझे परेशान किया, जिसका बदला मैं लेना चाहता था”। जिसके लिए वैद्य को दंड दिया गया।
नैतिक सीख:
अपने स्वार्थ के लिए किसी की मजबूरी का फ़ायदा नहीं उठाना चाहिए। हमारे अंदर बदले की भावना कभी नहीं होनी चाहिए।
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Added: Apr 24, 2025
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राजा और वैद्य की कहानी
चंदनपुर में एक राजा रहता था उसका साम्राज्य बहुत दूर तक फै ला हुआ था। उसकी
प्रजा उसकी हर आज्ञा का पालन करती थी। एक ददन राजा की पत्नी को बहुत तेज
बुखार हुआ। बहुत सारे वैद्य से इलाज कराया गया। लेककन, रानी की तबीयत ठीक
नहीं हुई। राजा के एक मंत्री ने बोला महाराज रामनगर में एक वैद्य रहता हैं जो इसी
बीमारी का इलाज करने के ललए प्रलसद्ध हैं। एक बार हमें उसको भी बुला कर देखना
चाकहए।
राजा ने वैद्य को बुलाने का आदेश दे ददया। जब वैद्य जंगल के रास्ते राजा के महल में
जा रहा था तो कु छ बंदरों ने ममलकर उसके लसर पर रखी पगडी को छीन कर खेलने
लगे और फाड दी। जजसके ललए वैद्य बहुत क्रोमित हुआ और बंदर के साम्राज्य को
खत्म करने के ललए कसम खा ली। जब राजा के महल में वैद्य पहुुँचा और रानी की
हालत को देखा तो राजा से बोला। यह बीमारी ठीक तो हो जाएगी लेककन, इसके
ललए हमें एक तेल चाकहए जो बंदरों के अंदर पाया जाता हैं।
राजा ने साम्राज्य के सारे बंदरों को मारने का आदेश दे ददया। राजा को ऐसा करते
हुए देख एक मंत्री राजा के पास गया और राजा से बोला महाराज बंदरों के अंदर ऐसा
कोई तेल नहीं पाया जाता हैं। जो यह वैद्य मांग रहा हैं इसमें जरूर कोई साजजश हैं।
राजा के कहने पर दरबाररयों ने वैद्य को बंदी बना ललया। और उसका कारण जानना
चाहा तब वैद्य ने सारी बातें बता दी कक,”महल आते समय ककस प्रकार से बंदरों ने
मुझे परेशान ककया, जजसका बदला मैं लेना चाहता था”। जजसके ललए वैद्य को दंड
ददया गया।
अपने स्वाथथ के ललए ककसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाना चाकहए। हमारे अंदर
बदले की भावना कभी नहीं होनी चाकहए।
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