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तिथि एक विशेष समय का संकेत होता है जो वर्ष, महीना और दिन को दर्शाता है। यह कैलेंडर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ह�...


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तिथिएकविशेषसमयकासंकेतहोताहैजोवर्ष,महीनाऔरदिनकोदर्शाताहै।यहकैलेंडरसिस्टमकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहैजोसमयकीमापनऔरव्यवस्थितकरनेमेंमददकरताहै।तिथियाँविभिन्नप्रकारके
कैलेंडरोंमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितकीजासकतीहैं,जैसेकिग्रेगोरियनकैलेंडर,हिजरीकैलेंडर,विक्रम
संवत्,आदि।
हिंदूधर्ममेंतिथियाँमहत्वपूर्णरूपसेआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिपरआधारितहोतीहैं।हिंदूपंचांगमें,दिन
कीशुरुआतऔरसमापनकोतिथिकहाजाताहै।यहतिथियाँपुर्णिमा,अमावस्याऔरदशमीजैसेविशेषदिनोंके
साथजुड़ीहोतीहैं।
हिंदूपंचांगमें,दोप्रमुखप्रकारकीतिथियाँहोतीहैं:शुक्लपक्षऔरकृष्णपक्ष।शुक्लपक्षकीतिथियाँवयापीहोती
हैं,जबकिकृष्णपक्षकीतिथियाँकमहोतीहैं।
इसकेअलावा,हिंदूपंचांगमेंआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरकईअन्यतिथियाँभीहोतीहैं,जैसे
प्रतिपदा,द्वितीया,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,
आदि।येतिथियाँविभिन्नपर्वोंऔरव्रतोंकेअवसरपरमहत्वपूर्णहोतीहैं।
हिंदूधर्ममें,तिथियोंकोशुभयाअशुभदर्शानेमेंविशिष्टनियमनहींहोतेहैं।यहतिथियाँविभिन्नसंदर्भोंमें
अधिकमहत्वपूर्णहोसकतीहैं।उन्हेंकार्योंकीयोग्यताऔरसमयकेसाथसंबंधितदेखाजाताहै।
अधिकांशपर्वों,त्योहारों,व्रतोंऔरमहत्वपूर्णघटनाओंकीतिथियाँशुभमानीजातीहैं,जैसेकिपूर्णिमा,एकादशी,
द्वादशी,नवमी,आदि।इनदिनोंपरधार्मिककार्य,पूजा,व्रतऔरसामाजिकगतिविधियाँआयोजितकीजातीहै।
विपरीत,कुछतिथियाँकिसीकार्यकेलिएअशुभमानीजासकतीहैं,लेकिनयहभीआधारितहोताहैकिउन्हें
किससंदर्भमेंदेखाजारहाहै।ध्यानदेंकियहआमतौरपरआधारितधार्मिकविश्वासोंपरनिर्भरकरताहैऔर
व्यक्तिगतआदतोंमेंभिन्नताहोसकतीहै।
तिथिक्याहोतीहै
तिथिएकविशेषसमयकासंकेतहोताहैजोवर्ष,महीनाऔरदिनकोदर्शाताहै।यहकैलेंडरसिस्टमकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहैजोसमयकीमापनऔरव्यवस्थितकरनेमेंमददकरताहै।तिथियाँविभिन्नप्रकारके
कैलेंडरोंमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितकीजासकतीहैं,जैसेकिग्रेगोरियनकैलेंडर,हिजरीकैलेंडर,विक्रम
संवत्,आदि।
तिथिकेप्रकारहिंदूधर्ममैंक्याहै

हिंदूधर्ममेंतिथियाँमहत्वपूर्णरूपसेआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिपरआधारितहोतीहैं।हिंदूपंचांगमें,दिन
कीशुरुआतऔरसमापनकोतिथिकहाजाताहै।यहतिथियाँपुर्णिमा,अमावस्याऔरदशमीजैसेविशेषदिनोंके
साथजुड़ीहोतीहैं।
हिंदूपंचांगमें,दोप्रमुखप्रकारकीतिथियाँहोतीहैं:शुक्लपक्षऔरकृष्णपक्ष।शुक्लपक्षकीतिथियाँवयापीहोती
हैं,जबकिकृष्णपक्षकीतिथियाँकमहोतीहैं।
इसकेअलावा,हिंदूपंचांगमेंआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरकईअन्यतिथियाँभीहोतीहैं,जैसे
प्रतिपदा,द्वितीया,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,
आदि।येतिथियाँविभिन्नपर्वोंऔरव्रतोंकेअवसरपरमहत्वपूर्णहोतीहैं।
शुभतिथिअशुभतिथि
हिंदूधर्ममें,तिथियोंकोशुभयाअशुभदर्शानेमेंविशिष्टनियमनहींहोतेहैं।यहतिथियाँविभिन्नसंदर्भोंमें
अधिकमहत्वपूर्णहोसकतीहैं।उन्हेंकार्योंकीयोग्यताऔरसमयकेसाथसंबंधितदेखाजाताहै।
अधिकांशपर्वों,त्योहारों,व्रतोंऔरमहत्वपूर्णघटनाओंकीतिथियाँशुभमानीजातीहैं,जैसेकिपूर्णिमा,एकादशी,
द्वादशी,नवमी,आदि।इनदिनोंपरधार्मिककार्य,पूजा,व्रतऔरसामाजिकगतिविधियाँआयोजितकीजातीहै।
विपरीत,कुछतिथियाँकिसीकार्यकेलिएअशुभमानीजासकतीहैं,लेकिनयहभीआधारितहोताहैकिउन्हें
किससंदर्भमेंदेखाजारहाहै।ध्यानदेंकियहआमतौरपरआधारितधार्मिकविश्वासोंपरनिर्भरकरताहैऔर
व्यक्तिगतआदतोंमेंभिन्नताहोसकतीहै।
तिथिकामहत्वक्याहैहिंदूधर्ममैं
हिंदूधर्ममेंतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहैक्योंकियेधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेआयोजन,पूजा,
व्रत,त्योहारऔरकईधार्मिककार्योंकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहैं।
तिथियाँहिंदूपंचांगमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितहोतीहैंऔरयेधार्मिकआयोजनोंकेलिएसहायकहोतीहैं,
जैसेकिपूजा,व्रत,यज्ञ,आदिकीतिथिकानिर्धारणकरनेमें।

विशेषतिथियाँजैसेपूर्णिमा(अमावस्याकेबादकीपूर्णिमा)औरएकादशी(ग्यारहवींतिथि)आदिकोपुण्यकालके
रूपमेंमानाजाताहैऔरइनदिनोंपरविशेषपूजा,ध्यानऔरदानकामहत्वबतायाजाताहै।
इसकेअलावा,तिथियोंकापालनकरनेकेमाध्यमसेव्यक्तिअपनेआचरणऔरधार्मिकजीवनकोसंयमितऔर
आदर्शपूर्णबनानेकाप्रयासकरताहै।
समग्ररूपसेतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहिंदूधर्ममेंधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेसमयबद्ध
आयोजनऔरव्यक्तिगतआध्यात्मिकविकासमेंहोताहै।
बिनातिथियोंके,समयकीमापनऔरव्यवस्थासंभवनहींहोती।तिथियाँवर्ष,महीनाऔरदिनकेसंबंधमेंहोती
हैंऔरकैलेंडरकीमददसेसमयकीप्रबंधनकीजातीहै।
तिथियाँआमतौरपरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरनिर्धारितहोतीहैं,जिससेचंद्रमाकीप्रकाशकीपरिमाणित
स्थितिदेखनेमेंमददमिलतीहै।अधिकांशसंस्कृतियोंमेंतिथियाँचंद्रमाकीदिनांककोदर्शातीहैं,जबकिकुछ
कैलेंडरोंमेंसूर्यमाकीदिनांककेआधारपरभीतिथियाँनिर्धारितहोतीहैं।
तिथियाँसामाजिक,धार्मिकऔरआध्यात्मिककार्योंकेआयोजन,व्रत,पर्व,उत्सवऔरआचरणकोमान्यतादेती
हैं।यहलोगोंकोअपनेधार्मिककर्तव्योंकीयाददिलानेमेंमददकरतीहैऔरधार्मिकजीवनकोअनुकूलबनानेमें
सहायकहोतहै
बिनाआपकीसहायतासेमैंआपकोवर्तमानतिथिकीजानकारीनहींदेसकता,क्योंकिमेरेपासआपकीडिवाइस
परपहुँचनेकीक्षमतानहींहै।आपकीडिवाइसपरतिथिकोदेखनेकेलिएआपकेडिवाइसकीसेटिंग्समेंजाकर
देखसकतेहैं।
तिथिक्याहोतीहै
तिथिएकविशेषसमयकासंकेतहोताहैजोवर्ष,महीनाऔरदिनकोदर्शाताहै।यहकैलेंडरसिस्टमकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहैजोसमयकीमापनऔरव्यवस्थितकरनेमेंमददकरताहै।तिथियाँविभिन्नप्रकारके
कैलेंडरोंमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितकीजासकतीहैं,जैसेकिग्रेगोरियनकैलेंडर,हिजरीकैलेंडर,विक्रम
संवत्,आदि।
तिथिकेप्रकारहिंदूधर्ममैंक्याहै

हिंदूधर्ममेंतिथियाँमहत्वपूर्णरूपसेआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिपरआधारितहोतीहैं।हिंदूपंचांगमें,दिन
कीशुरुआतऔरसमापनकोतिथिकहाजाताहै।यहतिथियाँपुर्णिमा,अमावस्याऔरदशमीजैसेविशेषदिनोंके
साथजुड़ीहोतीहैं।
हिंदूपंचांगमें,दोप्रमुखप्रकारकीतिथियाँहोतीहैं:शुक्लपक्षऔरकृष्णपक्ष।शुक्लपक्षकीतिथियाँवयापीहोती
हैं,जबकिकृष्णपक्षकीतिथियाँकमहोतीहैं।
इसकेअलावा,हिंदूपंचांगमेंआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरकईअन्यतिथियाँभीहोतीहैं,जैसे
प्रतिपदा,द्वितीया,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,
आदि।येतिथियाँविभिन्नपर्वोंऔरव्रतोंकेअवसरपरमहत्वपूर्णहोतीहैं।
शुभतिथिअशुभतिथिकोणसीहोतीहै
हिंदूधर्ममें,तिथियोंकोशुभयाअशुभदर्शानेमेंविशिष्टनियमनहींहोतेहैं।यहतिथियाँविभिन्नसंदर्भोंमें
अधिकमहत्वपूर्णहोसकतीहैं।उन्हेंकार्योंकीयोग्यताऔरसमयकेसाथसंबंधितदेखाजाताहै।
अधिकांशपर्वों,त्योहारों,व्रतोंऔरमहत्वपूर्णघटनाओंकीतिथियाँशुभमानीजातीहैं,जैसेकिपूर्णिमा,एकादशी,
द्वादशी,नवमी,आदि।इनदिनोंपरधार्मिककार्य,पूजा,व्रतऔरसामाजिकगतिविधियाँआयोजितकीजातीहै।
विपरीत,कुछतिथियाँकिसीकार्यकेलिएअशुभमानीजासकतीहैं,लेकिनयहभीआधारितहोताहैकिउन्हें
किससंदर्भमेंदेखाजारहाहै।ध्यानदेंकियहआमतौरपरआधारितधार्मिकविश्वासोंपरनिर्भरकरताहैऔर
व्यक्तिगतआदतोंमेंभिन्नताहोसकतीहै।
तिथिकामहत्वक्याहैहिंदूधर्ममैं
हिंदूधर्ममेंतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहैक्योंकियेधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेआयोजन,पूजा,
व्रत,त्योहारऔरकईधार्मिककार्योंकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहैं।
तिथियाँहिंदूपंचांगमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितहोतीहैंऔरयेधार्मिकआयोजनोंकेलिएसहायकहोतीहैं,
जैसेकिपूजा,व्रत,यज्ञ,आदिकीतिथिकानिर्धारणकरनेमें।

विशेषतिथियाँजैसेपूर्णिमा(अमावस्याकेबादकीपूर्णिमा)औरएकादशी(ग्यारहवींतिथि)आदिकोपुण्यकालके
रूपमेंमानाजाताहैऔरइनदिनोंपरविशेषपूजा,ध्यानऔरदानकामहत्वबतायाजाताहै।
इसकेअलावा,तिथियोंकापालनकरनेकेमाध्यमसेव्यक्तिअपनेआचरणऔरधार्मिकजीवनकोसंयमितऔर
आदर्शपूर्णबनानेकाप्रयासकरताहै।
समग्ररूपसेतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहिंदूधर्ममेंधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेसमयबद्ध
आयोजनऔरव्यक्तिगतआध्यात्मिकविकासमेंहोताहै
बिनातिथियोंके,समयकीमापनऔरव्यवस्थासंभवनहींहोती।तिथियाँवर्ष,महीनाऔरदिनकेसंबंधमेंहोती
हैंऔरकैलेंडरकीमददसेसमयकीप्रबंधनकीजातीहै।
तिथियाँआमतौरपरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरनिर्धारितहोतीहैं,जिससेचंद्रमाकीप्रकाशकीपरिमाणित
स्थितिदेखनेमेंमददमिलतीहै।अधिकांशसंस्कृतियोंमेंतिथियाँचंद्रमाकीदिनांककोदर्शातीहैं,जबकिकुछ
कैलेंडरोंमेंसूर्यमाकीदिनांककेआधारपरभीतिथियाँनिर्धारितहोतीहैं।
तिथियाँसामाजिक,धार्मिकऔरआध्यात्मिककार्योंकेआयोजन,व्रत,पर्व,उत्सवऔरआचरणकोमान्यतादेती
हैं।यहलोगोंकोअपनेधार्मिककर्तव्योंकीयाददिलानेमेंमददकरतीहैऔरधार्मिकजीवनकोअनुकूलबनानेमें
सहायकहोतीहै।
तिथिकैसेबनतीहै

तिथिकैसेबनतीहैयहबातचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतीहै।यहाँमूलरूपसेचंद्रमाऔरसूर्यके
संबंधितआवर्तनोंकेसाथतिथियोंकागठनकैसेहोताहै,वोसमझायाजारहाहै:
चंद्रमाकीस्थिति:चंद्रमाकाग्रहणऔरविमोचनसेतिथियाँबनतीहैं।चंद्रमाकाएकपूर्णचक्रकार्यक्रमितहोताहै
जिसमेंचंद्रमाकापूर्णसत्रसमाप्तहोताहैजोपूर्णिमाकेबराबरहोताहैऔरफिरअमावस्याकेपहलेकासत्र
आरंभहोताहै।इसकेबाद,चंद्रमाकाफिरसेदिखाईदेनाशुरूहोताहैजिससेतिथियाँबनतीहैं।
सूर्यकीस्थिति:सूर्यकीस्थितिकेआधारपरतिथियाँभीनिर्धारितहोतीहैं।जबसूर्यकापूर्णसत्रकार्यक्रमित
होताहै,तोवहतिथिकेपूर्णसत्रकेबराबरहोताहै,औरफिरउसकासत्रनीचेआनेलगताहै,जिससेनईतिथियाँ
बनतीहैं।
चंद्रमाऔरसूर्यकेआवर्तनोंकीइनआंखोंदेखीजानेवालीस्थितियोंसेतिथियाँबनतीहैंऔरयहतिथियोंकाचक्र
आगेबढ़तारहताहै।
तिथिकेनामऔरउनकेस्वामीक्याहै
हिंदूपंचांगमेंविभिन्नतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामीचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतेहैं।
निम्नलिखितहैंकुछप्रमुखतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामी:
पूर्णिमा:पूर्णिमाकोफुलमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेपूर्णसत्रकोदर्शातीहै।यहचंद्रमाकी
पूजाऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहै।
अमावस्या:अमावस्याकोन्यूमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेअदृश्यसत्रकोदर्शातीहै।यह
तिथिपूजा,तपस्याऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।

एकादशी:एकादशीतिथिको"ग्यारहवीं"भीकहाजाताहैऔरयहचंद्रमाकेदृश्यसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔर
अमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।एकादशीकोविशेषआदरदिलानेऔरपूजाकरनेकेलिएमहत्वपूर्णमाना
जाताहै।
चतुर्दशी:चतुर्दशीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यह
तिथिप्राय:देवीऔरदेवताओंकीपूजाकेलिएचुनीजातीहै।
नवमी:नवमीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यहतिथि
देवीऔरदेवताओंकीपूजाऔरउनकेआशीर्वादकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।
इनतिथियोंकेनामऔरस्वामीहिंदूपंचांगकेअनुसारविभिन्नरूपोंमेंप्रकटहोतेहैंऔरइन्हेंधार्मिकआयोजनों
मेंउपयोगकियाजाताहै
तिथिक्याहोतीहै
तिथिएकविशेषसमयकासंकेतहोताहैजोवर्ष,महीनाऔरदिनकोदर्शाताहै।यहकैलेंडरसिस्टमकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहैजोसमयकीमापनऔरव्यवस्थितकरनेमेंमददकरताहै।तिथियाँविभिन्नप्रकारके
कैलेंडरोंमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितकीजासकतीहैं,जैसेकिग्रेगोरियनकैलेंडर,हिजरीकैलेंडर,विक्रम
संवत्,आदि।

तिथिकेप्रकारहिंदूधर्ममैंक्याहै
हिंदूधर्ममेंतिथियाँमहत्वपूर्णरूपसेआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिपरआधारितहोतीहैं।हिंदूपंचांगमें,दिन
कीशुरुआतऔरसमापनकोतिथिकहाजाताहै।यहतिथियाँपुर्णिमा,अमावस्याऔरदशमीजैसेविशेषदिनोंके
साथजुड़ीहोतीहैं।
हिंदूपंचांगमें,दोप्रमुखप्रकारकीतिथियाँहोतीहैं:शुक्लपक्षऔरकृष्णपक्ष।शुक्लपक्षकीतिथियाँवयापीहोती
हैं,जबकिकृष्णपक्षकीतिथियाँकमहोतीहैं।
इसकेअलावा,हिंदूपंचांगमेंआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरकईअन्यतिथियाँभीहोतीहैं,जैसे
प्रतिपदा,द्वितीया,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,
आदि।येतिथियाँविभिन्नपर्वोंऔरव्रतोंकेअवसरपरमहत्वपूर्णहोतीहैं।
शुभतिथिअशुभतिथिकोणसीहोतीहै

हिंदूधर्ममें,तिथियोंकोशुभयाअशुभदर्शानेमेंविशिष्टनियमनहींहोतेहैं।यहतिथियाँविभिन्नसंदर्भोंमें
अधिकमहत्वपूर्णहोसकतीहैं।उन्हेंकार्योंकीयोग्यताऔरसमयकेसाथसंबंधितदेखाजाताहै।
अधिकांशपर्वों,त्योहारों,व्रतोंऔरमहत्वपूर्णघटनाओंकीतिथियाँशुभमानीजातीहैं,जैसेकिपूर्णिमा,एकादशी,
द्वादशी,नवमी,आदि।इनदिनोंपरधार्मिककार्य,पूजा,व्रतऔरसामाजिकगतिविधियाँआयोजितकीजातीहै।
विपरीत,कुछतिथियाँकिसीकार्यकेलिएअशुभमानीजासकतीहैं,लेकिनयहभीआधारितहोताहैकिउन्हें
किससंदर्भमेंदेखाजारहाहै।ध्यानदेंकियहआमतौरपरआधारितधार्मिकविश्वासोंपरनिर्भरकरताहैऔर
व्यक्तिगतआदतोंमेंभिन्नताहोसकतीहै।
तिथिकामहत्वक्याहैहिंदूधर्ममैं
हिंदूधर्ममेंतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहैक्योंकियेधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेआयोजन,पूजा,
व्रत,त्योहारऔरकईधार्मिककार्योंकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहैं।
तिथियाँहिंदूपंचांगमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितहोतीहैंऔरयेधार्मिकआयोजनोंकेलिएसहायकहोतीहैं,
जैसेकिपूजा,व्रत,यज्ञ,आदिकीतिथिकानिर्धारणकरनेमें।
विशेषतिथियाँजैसेपूर्णिमा(अमावस्याकेबादकीपूर्णिमा)औरएकादशी(ग्यारहवींतिथि)आदिकोपुण्यकालके
रूपमेंमानाजाताहैऔरइनदिनोंपरविशेषपूजा,ध्यानऔरदानकामहत्वबतायाजाताहै।

इसकेअलावा,तिथियोंकापालनकरनेकेमाध्यमसेव्यक्तिअपनेआचरणऔरधार्मिकजीवनकोसंयमितऔर
आदर्शपूर्णबनानेकाप्रयासकरताहै।
समग्ररूपसेतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहिंदूधर्ममेंधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेसमयबद्ध
आयोजनऔरव्यक्तिगतआध्यात्मिकविकासमेंहोता
बिनातिथियोंके,समयकीमापनऔरव्यवस्थासंभवनहींहोती।तिथियाँवर्ष,महीनाऔरदिनकेसंबंधमेंहोती
हैंऔरकैलेंडरकीमददसेसमयकीप्रबंधनकीजातीहै।
तिथियाँआमतौरपरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरनिर्धारितहोतीहैं,जिससेचंद्रमाकीप्रकाशकीपरिमाणित
स्थितिदेखनेमेंमददमिलतीहै।अधिकांशसंस्कृतियोंमेंतिथियाँचंद्रमाकीदिनांककोदर्शातीहैं,जबकिकुछ
कैलेंडरोंमेंसूर्यमाकीदिनांककेआधारपरभीतिथियाँनिर्धारितहोतीहैं।
तिथियाँसामाजिक,धार्मिकऔरआध्यात्मिककार्योंकेआयोजन,व्रत,पर्व,उत्सवऔरआचरणकोमान्यतादेती
हैं।यहलोगोंकोअपनेधार्मिककर्तव्योंकीयाददिलानेमेंमददकरतीहैऔरधार्मिकजीवनकोअनुकूलबनानेमें
सहायकहोतीहै।
तिथिकैसेबनतीहै

तिथिकैसेबनतीहैयहबातचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतीहै।यहाँमूलरूपसेचंद्रमाऔरसूर्यके
संबंधितआवर्तनोंकेसाथतिथियोंकागठनकैसेहोताहै,वोसमझायाजारहाहै:
चंद्रमाकीस्थिति:चंद्रमाकाग्रहणऔरविमोचनसेतिथियाँबनतीहैं।चंद्रमाकाएकपूर्णचक्रकार्यक्रमितहोताहै
जिसमेंचंद्रमाकापूर्णसत्रसमाप्तहोताहैजोपूर्णिमाकेबराबरहोताहैऔरफिरअमावस्याकेपहलेकासत्र
आरंभहोताहै।इसकेबाद,चंद्रमाकाफिरसेदिखाईदेनाशुरूहोताहैजिससेतिथियाँबनतीहैं।
सूर्यकीस्थिति:सूर्यकीस्थितिकेआधारपरतिथियाँभीनिर्धारितहोतीहैं।जबसूर्यकापूर्णसत्रकार्यक्रमित
होताहै,तोवहतिथिकेपूर्णसत्रकेबराबरहोताहै,औरफिरउसकासत्रनीचेआनेलगताहै,जिससेनईतिथियाँ
बनतीहैं।
चंद्रमाऔरसूर्यकेआवर्तनोंकीइनआंखोंदेखीजानेवालीस्थितियोंसेतिथियाँबनतीहैंऔरयहतिथियोंकाचक्र
आगेबढ़तारहताहै।
तिथिकेनामऔरउनकेस्वामीक्याहै
हिंदूपंचांगमेंविभिन्नतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामीचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतेहैं।
निम्नलिखितहैंकुछप्रमुखतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामी:
पूर्णिमा:पूर्णिमाकोफुलमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेपूर्णसत्रकोदर्शातीहै।यहचंद्रमाकी
पूजाऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहै।

अमावस्या:अमावस्याकोन्यूमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेअदृश्यसत्रकोदर्शातीहै।यह
तिथिपूजा,तपस्याऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।
एकादशी:एकादशीतिथिको"ग्यारहवीं"भीकहाजाताहैऔरयहचंद्रमाकेदृश्यसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔर
अमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।एकादशीकोविशेषआदरदिलानेऔरपूजाकरनेकेलिएमहत्वपूर्णमाना
जाताहै।
चतुर्दशी:चतुर्दशीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यह
तिथिप्राय:देवीऔरदेवताओंकीपूजाकेलिएचुनीजातीहै।
नवमी:नवमीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यहतिथि
देवीऔरदेवताओंकीपूजाऔरउनकेआशीर्वादकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।
इनतिथियोंकेनामऔरस्वामीहिंदूपंचांगकेअनुसारविभिन्नरूपोंमेंप्रकटहोतेहैंऔरइन्हेंधार्मिकआयोजनों
मेंउपयोगकियाजाताहै।
हरतिथिकेदेवताकौनसेहैं
हरतिथिकेदेवताविभिन्नहिंदूपंचांगोंऔरपरंपराओंकेअनुसारभिन्न-भिन्नहोसकतेहैं।यहदेवताओंकीपूजा
औरआदरणीयताकेलिएमहत्वपूर्णहोतेहैं।निम्नलिखितहैंकुछप्रमुखतिथियोंऔरउनकेसंबंधितदेवता:
पूर्णिमा:पूर्णिमाकोदेवीमाताकीपूजाकेलिएअत्यंतअद्यतनमानाजाताहै।

अमावस्या:अमावस्याकेदिनतर्पणऔरपितृतर्पणकीपूजाकीजातीहै,औरइसदिनपितृगणकीआत्माकी
शांतिकेलिएआहुतियाँदीजातीहैं।
एकादशी:एकादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहैऔरभक्तउनकेलिएउपवासरखतेहैं।
द्वादशी:द्वादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहैऔरभक्तउनकेलिएउपवासरखतेहैं।
पंचमी:पंचमीकेदिनगणेशभगवानकीपूजाकीजातीहै।
सप्तमी:सप्तमीकेदिनदुर्गामाताकीपूजाकीजातीहैऔरउनकीआराधनाकीजातीहै।
तिथिकीजानकारीनहींहै।
तिथिकेबारेमैं
बिनाआपकीसहायतासेमैंआपकोवर्तमानतिथिकीजानकारीनहींदेसकता,क्योंकिमेरेपासआपकीडिवाइस
परपहुँचनेकीक्षमतानहींहै।आपकीडिवाइसपरतिथिकोदेखनेकेलिएआपकेडिवाइसकीसेटिंग्समेंजाकर
देखसकतेहैं।

तिथिक्याहोतीहै
तिथिएकविशेषसमयकासंकेतहोताहैजोवर्ष,महीनाऔरदिनकोदर्शाताहै।यहकैलेंडरसिस्टमकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहैजोसमयकीमापनऔरव्यवस्थितकरनेमेंमददकरताहै।तिथियाँविभिन्नप्रकारके
कैलेंडरोंमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितकीजासकतीहैं,जैसेकिग्रेगोरियनकैलेंडर,हिजरीकैलेंडर,विक्रम
संवत्,आदि।
तिथिकेप्रकारहिंदूधर्ममैंक्याहै
हिंदूधर्ममेंतिथियाँमहत्वपूर्णरूपसेआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिपरआधारितहोतीहैं।हिंदूपंचांगमें,दिन
कीशुरुआतऔरसमापनकोतिथिकहाजाताहै।यहतिथियाँपुर्णिमा,अमावस्याऔरदशमीजैसेविशेषदिनोंके
साथजुड़ीहोतीहैं।
हिंदूपंचांगमें,दोप्रमुखप्रकारकीतिथियाँहोतीहैं:शुक्लपक्षऔरकृष्णपक्ष।शुक्लपक्षकीतिथियाँवयापीहोती
हैं,जबकिकृष्णपक्षकीतिथियाँकमहोतीहैं।
इसकेअलावा,हिंदूपंचांगमेंआदित्यऔरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरकईअन्यतिथियाँभीहोतीहैं,जैसे
प्रतिपदा,द्वितीया,तृतीया,चतुर्थी,पंचमी,षष्ठी,सप्तमी,अष्टमी,नवमी,एकादशी,द्वादशी,त्रयोदशी,चतुर्दशी,
आदि।येतिथियाँविभिन्नपर्वोंऔरव्रतोंकेअवसरपरमहत्वपूर्णहोतीहैं।

शुभतिथिअशुभतिथिकोणसीहोतीहै
हिंदूधर्ममें,तिथियोंकोशुभयाअशुभदर्शानेमेंविशिष्टनियमनहींहोतेहैं।यहतिथियाँविभिन्नसंदर्भोंमें
अधिकमहत्वपूर्णहोसकतीहैं।उन्हेंकार्योंकीयोग्यताऔरसमयकेसाथसंबंधितदेखाजाताहै।
अधिकांशपर्वों,त्योहारों,व्रतोंऔरमहत्वपूर्णघटनाओंकीतिथियाँशुभमानीजातीहैं,जैसेकिपूर्णिमा,एकादशी,
द्वादशी,नवमी,आदि।इनदिनोंपरधार्मिककार्य,पूजा,व्रतऔरसामाजिकगतिविधियाँआयोजितकीजातीहै।
विपरीत,कुछतिथियाँकिसीकार्यकेलिएअशुभमानीजासकतीहैं,लेकिनयहभीआधारितहोताहैकिउन्हें
किससंदर्भमेंदेखाजारहाहै।ध्यानदेंकियहआमतौरपरआधारितधार्मिकविश्वासोंपरनिर्भरकरताहैऔर
व्यक्तिगतआदतोंमेंभिन्नताहोसकतीहै।
तिथिकामहत्वक्याहैहिंदूधर्ममैं
हिंदूधर्ममेंतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहैक्योंकियेधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेआयोजन,पूजा,
व्रत,त्योहारऔरकईधार्मिककार्योंकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहैं।

तिथियाँहिंदूपंचांगमेंअलग-अलगतरीकोंसेचिह्नितहोतीहैंऔरयेधार्मिकआयोजनोंकेलिएसहायकहोतीहैं,
जैसेकिपूजा,व्रत,यज्ञ,आदिकीतिथिकानिर्धारणकरनेमें।
विशेषतिथियाँजैसेपूर्णिमा(अमावस्याकेबादकीपूर्णिमा)औरएकादशी(ग्यारहवींतिथि)आदिकोपुण्यकालके
रूपमेंमानाजाताहैऔरइनदिनोंपरविशेषपूजा,ध्यानऔरदानकामहत्वबतायाजाताहै।
इसकेअलावा,तिथियोंकापालनकरनेकेमाध्यमसेव्यक्तिअपनेआचरणऔरधार्मिकजीवनकोसंयमितऔर
आदर्शपूर्णबनानेकाप्रयासकरताहै।
समग्ररूपसेतिथियोंकामहत्वपूर्णयोगदानहिंदूधर्ममेंधार्मिकऔरसामाजिकगतिविधियोंकेसमयबद्ध
आयोजनऔरव्यक्तिगतआध्यात्मिकविकासमेंहोताहै।
बिनातिथियोंके,समयकीमापनऔरव्यवस्थासंभवनहींहोती।तिथियाँवर्ष,महीनाऔरदिनकेसंबंधमेंहोती
हैंऔरकैलेंडरकीमददसेसमयकीप्रबंधनकीजातीहै।
तिथियाँआमतौरपरचंद्रमाकीस्थितिकेआधारपरनिर्धारितहोतीहैं,जिससेचंद्रमाकीप्रकाशकीपरिमाणित
स्थितिदेखनेमेंमददमिलतीहै।अधिकांशसंस्कृतियोंमेंतिथियाँचंद्रमाकीदिनांककोदर्शातीहैं,जबकिकुछ
कैलेंडरोंमेंसूर्यमाकीदिनांककेआधारपरभीतिथियाँनिर्धारितहोतीहैं।
तिथियाँसामाजिक,धार्मिकऔरआध्यात्मिककार्योंकेआयोजन,व्रत,पर्व,उत्सवऔरआचरणकोमान्यतादेती
हैं।यहलोगोंकोअपनेधार्मिककर्तव्योंकीयाददिलानेमेंमददकरतीहैऔरधार्मिकजीवनकोअनुकूलबनानेमें
सहायकहोतीहै।

तिथिकैसेबनतीहै
तिथिकैसेबनतीहैयहबातचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतीहै।यहाँमूलरूपसेचंद्रमाऔरसूर्यके
संबंधितआवर्तनोंकेसाथतिथियोंकागठनकैसेहोताहै,वोसमझायाजारहाहै:
चंद्रमाकीस्थिति:चंद्रमाकाग्रहणऔरविमोचनसेतिथियाँबनतीहैं।चंद्रमाकाएकपूर्णचक्रकार्यक्रमितहोताहै
जिसमेंचंद्रमाकापूर्णसत्रसमाप्तहोताहैजोपूर्णिमाकेबराबरहोताहैऔरफिरअमावस्याकेपहलेकासत्र
आरंभहोताहै।इसकेबाद,चंद्रमाकाफिरसेदिखाईदेनाशुरूहोताहैजिससेतिथियाँबनतीहैं।
सूर्यकीस्थिति:सूर्यकीस्थितिकेआधारपरतिथियाँभीनिर्धारितहोतीहैं।जबसूर्यकापूर्णसत्रकार्यक्रमित
होताहै,तोवहतिथिकेपूर्णसत्रकेबराबरहोताहै,औरफिरउसकासत्रनीचेआनेलगताहै,जिससेनईतिथियाँ
बनतीहैं।
चंद्रमाऔरसूर्यकेआवर्तनोंकीइनआंखोंदेखीजानेवालीस्थितियोंसेतिथियाँबनतीहैंऔरयहतिथियोंकाचक्र
आगेबढ़तारहताहै।
तिथिकेनामऔरउनकेस्वामीक्याह
हिंदूपंचांगमेंविभिन्नतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामीचंद्रमाऔरसूर्यकीस्थितियोंपरनिर्भरकरतेहैं।
निम्नलिखितहैंकुछप्रमुखतिथियोंकेनामऔरउनकेस्वामी:
पूर्णिमा:पूर्णिमाकोफुलमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेपूर्णसत्रकोदर्शातीहै।यहचंद्रमाकी
पूजाऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णहोतीहै।

अमावस्या:अमावस्याकोन्यूमूनदिनभीकहाजाताहैऔरयहतिथिचंद्रमाकेअदृश्यसत्रकोदर्शातीहै।यह
तिथिपूजा,तपस्याऔरध्यानकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।
एकादशी:एकादशीतिथिको"ग्यारहवीं"भीकहाजाताहैऔरयहचंद्रमाकेदृश्यसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔर
अमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।एकादशीकोविशेषआदरदिलानेऔरपूजाकरनेकेलिएमहत्वपूर्णमाना
जाताहै।
चतुर्दशी:चतुर्दशीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यह
तिथिप्राय:देवीऔरदेवताओंकीपूजाकेलिएचुनीजातीहै।
नवमी:नवमीतिथिकोचंद्रमाकेपूर्णसत्रकेबादकीपूर्णिमाऔरअमावस्याकेबीचकीतिथिहोतीहै।यहतिथि
देवीऔरदेवताओंकीपूजाऔरउनकेआशीर्वादकेलिएमहत्वपूर्णमानीजातीहै।
इनतिथियोंकेनामऔरस्वामीहिंदूपंचांगकेअनुसारविभिन्नरूपोंमेंप्रकटहोतेहैंऔरइन्हेंधार्मिकआयोजनों
मेंउपयोगकियाजाताहै।
हरतिथिकेदेवताकौनसेहैं
हरतिथिकेदेवताविभिन्नहिंदूपंचांगोंऔरपरंपराओंकेअनुसारभिन्न-भिन्नहोसकतेहैं।यहदेवताओंकीपूजा
औरआदरणीयताकेलिएमहत्वपूर्णहोतेहैं।निम्नलिखितहैंकुछप्रमुखतिथियोंऔरउनकेसंबंधितदेवता:
पूर्णिमा:पूर्णिमाकोदेवीमाताकीपूजाकेलिएअत्यंतअद्यतनमानाजाताहै।

अमावस्या:अमावस्याकेदिनतर्पणऔरपितृतर्पणकीपूजाकीजातीहै,औरइसदिनपितृगणकीआत्माकी
शांतिकेलिएआहुतियाँदीजातीहैं।
एकादशी:एकादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहैऔरभक्तउनकेलिएउपवासरखतेहैं।
द्वादशी:द्वादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहैऔरभक्तउनकेलिएउपवासरखतेहैं।
पंचमी:पंचमीकेदिनगणेशभगवानकीपूजाकीजातीहै।
सप्तमी:सप्तमीकेदिनदुर्गामाताकीपूजाकीजातीहैऔरउनकीआराधनाकीजातीहै।
नवमी:नवमीकेदिनदुर्गामाताकीपूजाकीजातीहैऔरउनकीआराधनाकीजातीहै।
ध्यानदेंकियेदेवताएंविभिन्नसंस्कृतियों,परंपराओंऔरपंचांगोंमेंभिन्न-भिन्नहोसकतीहैं,इसलिएयह
आपकेक्षेत्रियधार्मिकप्रथाओंपरभीनिर्भरकरसकताहै।
प्रतिपदासेपूर्णिमातककीतिथियोंकेदेवताओंकामहत्वहिंदूधर्ममेंअत्यधिकहोताहै।येतिथियाँसंक्रांति(सूर्य
औरचंद्रमाकीस्थितिमेंपरिवर्तन)केसाथजुड़ीहोतीहैंऔरइन्हेंसंक्रांतितिथियाँकेरूपमेंभीजानाजाताहै।
निम्नलिखितहैंप्रतिपदासेपूर्णिमातककीतिथियोंऔरउनकेसंबंधितदेवताओंकेनाम:
प्रतिपदा:प्रतिपदाकेदिनआदित्यदेव(सूर्य)कीपूजाकीजातीहै।
द्वितीया:द्वितीयाकेदिनब्रह्मादेवकीपूजाकीजातीहै।
तृतीया:तृतीयाकेदिनगौमाताकीपूजाकीजातीहै।

चतुर्थी:चतुर्थीकेदिनगणेशभगवानकीपूजाकीजातीहै।
पंचमी:पंचमीकेदिनसरस्वतीमाताकीपूजाकीजातीहै।
षष्ठी:षष्ठीकेदिनकार्तिकेयभगवान(स्कंदपुत्र)कीपूजाकीजातीहै।
सप्तमी:सप्तमीकेदिनकालीमाताकीपूजाकीजातीहै।
अष्टमी:अष्टमीकेदिनदुर्गामाताकीपूजाकीजातीहै।
नवमी:नवमीकेदिनदुर्गामाताकीपूजाकीजातीहै।
दशमी:दशमीकेदिनदशहरा(विजयदशमी)मनाईजातीहैऔरदुर्गामाताकीविजयकेरूपमेंउनकीपूजाकी
जातीहै।
एकादशी:एकादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहै।
द्वादशी:द्वादशीकेदिनविष्णुभगवानकीपूजाकीजातीहै।
त्रयोदशी:त्रयोदशीकेदिनशिवभगवानकीपूजाकीजातीहै।