कल्कि अवतार _ गाथा कलयुग से सतयुग की 2024-2047.pdf

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About This Presentation

युगों के चक्र में जब धरती के सारे कोने अधर्म और अनैतिकता से घिरे होते हैं, तो पौराणिक कथाओं में एक अद्वितीय प्रतीक उ...


Slide Content

1
कल्किअवतार-गाथाकलयुगसेसतयुगकी-2024-2047@CopyrightandAllRightReserved
MahadevSena

2
कल्किअवतार
गाथाकलयुगसेसतयुगकी
2024-2047
इसकहानीकेपत्र,स्थान,औरपात्रसभीकाल्पनिक हैंऔरइसेकल्पनाकेआधारपरबनाया
गयाहै।इसकहानीकाप्रयासपाठकोंमेंप्रेरणा,ज्ञान,औरएकसुंदरकहानीप्रस्तुतकरनाहै।यह
कहानीकिसीवास्तविक घटनायाव्यक्तिकीछविनहींहै,औरकिसीभीसमानताया
सांदर्भिकताकाआभासयदिहोताहै,तोयहसंयोजनात्मक है।
इसपुस्तककेसभीसाहित्यिक औरकल्पनात्मक अंशोंकेबारेमेंकॉपीराइट(©)औरसभी
अधिकार (AllRightsReserved)कीशीर्षकएवंविवरणइसपुस्तककेलेखकयासंचारककी
संपत्तिहैं।रीडरइसपुस्तककाइसकहानीकोशेयरसकतेहैं,परकहानीकोतोड़नायाखराबरूप
सेप्रस्तुतनकरनेकीजिम्मेदारीलें।कृपयासमझेंकिइसनोटकाउपयोगऔरसंज्ञानमेंलेते
हुए,किसीभीअनधिक ृतउपयोगकेलिएविधिक कार्रवाईकीजासकतीहै।धन्यवाद।
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3
वर्ष2024,कलयुगकाचारोंओरअधर्मकाबोलबालाथा।धार्मिकमूल्योंमें
गिरावट,पाखंड,औरअनैतिकताकाबोलबालाथा।झूठ,लालच,क्रोध,औरहिंसामें
वृद्धिहुईथी।युद्ध,दंगे,औरसामाजिकअशांतिआमबातहोगईथी।प्राकृतिक
आपदाओंनेभीअपनाकहरबरपायाथा।भूकंप,बाढ़,औरसूखानेलोगोंकाजीवन
तबाहकरदियाथा।अज्ञानता,अंधविश्वास,औरभ्रमनेलोगोंकोअंधाबनादिया
था।
यहकहानीहमेंकलयुगकेअंतमेंभगवानकल्किअवतारकेआगमनकी
भविष्यवाणीऔरउनकेयोगदानकीमहत्वपूर्णताकोबतातीहै।
कलयुगकासमापनहोतेही,जबअधर्म,अन्याय,औरअसत्य कीवृद्धिहोजातीहै,वहांभगवान
कल्किअवतारकाआगमनहोताहै।उनकाप्रमुखउद्देश्यधर्मकीपुनर्स्थापना करनाऔरसत्य
केप्रचार-प्रसारकेमाध्यम सेलोगोंकोमार्गदर्शनकरनाहोताहै।
कहानीएकछोटेगाँवकीहै,जहांलोगअपनेधर्मऔरमूल्योंकोभूलचुकेथे।अधर्मिनराजा
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी नेलोगोंकोअन्यायऔरअनैतिकतामेंडालदियाथा।लोगों
कीजीवनमेंदुखऔरसंकटछाएहुएथे।
इससमय,एकसाधुनेगाँवकोआगाहकियाकिभगवानकल्किअवतारजल्दहीआएंगेऔर
अधर्मकानाशकरेंगे।साधुकीभविष्यवाणी नेलोगोंकोआशाऔरउत्साहसेभरदिया।
कैसेपुरानासतयुगकलयुगमेंबदला
पहलेसतयुगकोस्वर्णयुगभीकहाजाताहै।यहएकऐसासमयथाजबधरतीपरशांति,
समृद्धिऔरधर्मकाबोलबालाथा।
पहलेसतयुगकीविशेषताएं:
●नैतिकता:लोगसत्यवादी ,दयालु,औरउदारथे।वेदूसरोंकीमददकरनेमेंहमेशातैयार
रहतेथे।
●शांति:युद्ध,अपराध,औरहिंसाकानामोनिशान नहींथा।लोगभाईचारेऔरप्रेमकेसाथ
रहतेथे।
●समृद्धि:धरतीअनाजऔरफल-फूलोंसेलदीथी।लोगोंकोभोजनऔरआश्रय कीकोई
चिंतानहींथी।
●ज्ञान:लोगशिक्षित औरज्ञानीथे।वेवेद,शास्त्रों,औरविज्ञानकाज्ञानरखतेथे।
●स्वास्थ्य :लोगस्वस्थ औरनिरोगीथे।उन्हेंकोईबीमारी नहींहोतीथी।
●आयु:लोगोंकीआयुबहुतअधिक होतीथी।वेहजारोंवर्षोंतकजीवित रहतेथे।
●प्रकृति:प्रकृतिकेसाथतालमेलथा।लोगपेड़-पौधोंऔरजानवरों कासम्मानकरतेथे।
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अरबोसालपहलेमेंत्रिदेवोंमहाशदेव,रानूमदेव,एकदवनेपृथ्वीकासृजनकिया.इसदौरान
पृथिवीपरकईसम्भयताजमीऔरख़त्महुई,जैसेजैसेजुगबीततागया,एकनएयुगकी
शुरुआतथीबात26000हजारसालपहलेकीहैयहांप्राणीकीनईजातिमनुष्यकोआदिमन
(पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसावतीदन(पृथ्वीकीपहलीमहिला)केतौरपरजगहमिली.
स्टालीन देव(कर्माकेदेवता)सृष्टिमेंसभीकोउनकेकर्मोंकाफलदेनेकेलिएसृजितकिएगए
थे,
त्रिदेवोंमहाशदेव,रानूमदेव,एकदेवकेद्वारास्टालीन देव(कर्माकेदेवता)Stan,स्तनको
निर्णायक बनायागयाथाऔरउनकाकार्यथान्यायकोदेखनाऔरकर्मोसेहिसाबसेमनुस्यो
कोसजायाप्रगतिदेना
स्टालीन देव(कर्माकेदेवता)देव,Stanकेनामसेभीजानाजाताहै,हिन्दूधर्ममेंनवग्रहों(ग्रहों)
मेंसेएकहैं।उन्हेंकर्मकेदेवताकेरूपमेंभीजानाजाताहै,जोलोगोंकोउनकेकार्योंकेलिए
पुरस्कृतयादंडितकरतेहैं।
स्टालीन देव(कर्माकेदेवता),Stanकापृथ्वीपरकार्यलोगोंकोउनकेकार्योंकेलिएपुरस्कृत
औरदंडितकरनाहै।वेनिष्पक्षता औरन्यायकेदेवताहैं,औरवेयहसुनिश्चित करतेहैंकिलोगों
कोउनकेकार्योंकेलिएउचितप्रदानकियाजाए।यदिकोईव्यक्तिअच्छाकरताहै,तोशनिदेव
उसेपुरस्कृतकरेंगे।यदिकोईव्यक्तिबुराकरताहै,तोशनिदेवउसेदंडितकरेंगे।
स्टालीन देव(कर्माकेदेवता),Stanदेवकर्मकेदेवताभीहैं।वेयहसुनिश्चित करतेहैंकिलोगों
कोउनकेकार्योंकेपरिणामभोगनेहों।यदिकोईव्यक्तिअच्छाकर्मकरताहै,तोउसेअच्छे
परिणाममिलेंगे।यदिकोईव्यक्तिबुराकर्मकरताहै,तोउसेबुरेपरिणाममिलेंगे।
देवताऔरअसुरोंमेंलड़ाईहोतीरहतीथीक्युकीअसुरचाहतेथेसबजगहउनकाराजहोऔरवो
स्वर्गकोभीहथियानाचाहतेथे
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकीनिबिरूएक्सकेगृहनबूरु(NIBIRUX)केराजाथा।उसकी
शक्तिऔरभयानकताकेकारण,वहपृथ्वीलोकपरअपनाशासनस्थापित करनेकेलिएइच्छुक
था।इसकेलिए,उसनेअपनेअसुरोंकेसाथएकबड़ीसेनातैयारकीऔरस्वर्गसेलेकरपृथ्वीतक
कईआकाशगंगाकेग्रहोंकोअपनेअधीनकियाथा।
उसकामाननाथाकिपृथ्वीभीउसकेअधीनहोनीचाहिए,औरउसनेअपनीसेनाकोतैयारकिया
थाकिवहइसमिशनकोपूराकरें।
दैत्यराजकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी केनेतृत्वमें,असुरोंकीसेनानेस्वर्गकेप्रतियुद्ध
काउत्साहबढ़ाया।उन्होंन ेस्वर्गीय देवताओंकेखिलाफधार्मिकऔरआध्यात्मिक युद्धकी
योजनाबनाई,जिसकाउद्देश्यथास्वर्गकोजीतनाऔरउसकेराजाविजेंद्रकोपराजित करना।
त्रिदेवों(महाशदेव,रानूमदेव,एकदेव),देवताऔरअसुरोंकेबीचएकशर्तहुईथी।शर्तयहथीकि
यदिअसुरोंकेसेनापतिदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "देवताओंकोपराजित कर
सकताहै,तोवहदेवताओंकेराजाबनजाएगा।
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त्रिदेवों(महाशदेव,रानूमदेव,एकदेव),देवताओंऔरअसुरोंकेबीचएकशर्तहुईथी।शर्तयहथी
कियदिअसुरोंकेसेनापतिदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "देवताओंकोपराजित
करसकताहै,तोवहदेवताओंकाराजाबनजाएगा।
यहशर्तकईकारणोंसेलगाईगईथी:
●शक्तिकाप्रदर्शन:असुरअपनीशक्तिऔरपराक्रम काप्रदर्शनकरनाचाहतेथे।
●राजसत्ता कादावा:कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी देवताओंकेराजाबननाचाहता
था।
●सम्मान:असुरदेवताओंसेसम्मानप्राप्तकरनाचाहतेथे।
यहशर्तमहत्वपूर्णथीक्योंकिइसकापरिणामदेवताओंऔरअसुरोंकेबीचशक्तिसंतुलनको
बदलसकताथा।यदिकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी जीतजाता,तोअसुरदेवताओंकेऊपर
हावीहोजाते।
हालांकि,देवताओंनेयुद्धजीतलियाऔरकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी हारगया।इसहार
केपरिणामस्वरूप ,असुरोंकोदेवताओंकेअधीनरहनापड़ा।कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी
नेदेवताओंपरहमलाकिया।देवताओंनेभीकड़ामुकाबलाकिया।युद्धलंबेसमयतकचला।
अंतमें,देवताओंनेयुद्धजीतलिया।
मगरत्रिदेवोंमहाशदेव,रानूमदेव,एकदेवकेद्वाराशर्तकेचलतेअसुरोंकेसेनापतिदैत्यराज
"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "नेअपनेगुरुशुक्रलामी,देविलिम (गॉडअंडरग्राउंड)को
पृथ्वीकेकार्यभरसेनिष्कासित करदियागयाथा.
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी औरशुक्रलामीकेपृथ्वीपरकार्यभरसेनिष्कासित केकई
परिणामहुए:
●ईर्ष्या:शुक्रलामीदेवताओंसेईर्ष्याकरताथा।वहचाहताथाकिकलिमराज मोलोचका
अक्कानिकी देवताओंकोपराजित करेऔरदेवताओंकाराजाबने।
●डर:शुक्रलामीकोडरथाकियदिकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी पृथ्वीपररहा,तो
वहदेवताओंकेलिएखतराबनसकताहै।
●सजा:शुक्रलामीऔरकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकीस्वर्गकोजीतनाऔरउसके
राजाविजेंद्रयुद्धहारनेकीसजादेनाचाहताथा।
●मानवताकाखतरा:कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी औरशुक्रलामीनेमानवताके
लिएखतरापैदाकरदिया।
●देवताओंकाहस्तक्षेप :देवताओंकोमानवताकीरक्षाकेलिएहस्तक्षेप करनापड़ा।
●युद्ध:देवताओंऔरअसुरोंकेबीचयुद्धहुआ।
●शांति:अंतमें,देवताओंनेयुद्धजीताऔरपृथ्वीपरशांतिस्थापित हुई।
यहकहानीकईनैतिकशिक्षाएंदेतीहै:
●शक्तिकादुरुपयोगनहींकरनाचाहिए।
●हमेंहमेशाविनम्ररहनाचाहिए।
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●ईर्ष्याएकबुरीभावनाहै।
●डरहमेंगलतनिर्णयलेनेपरमजबूरकरसकताहै।
●हमेंहमेशादूसरोंकीमददकरनीचाहिए।
●अंतमें,अच्छाईहमेशाबुराईपरजीतहासिल करतीहै।
Chapter1
एकनएयुगकीशुरुआतथीबात26000हजारसालपहलेकीहैयहांप्राणीकीनईजातिमनुष्य
कोआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसावतीदन(पृथ्वीकीपहलीमहिला)केतौरपरजगह
मिली.स्टालीन देव(कर्माकेदेवता)सृष्टिमेंसभीकोउनकेकर्मोंकाफलदेनेकेलिएसृजित
किएगएथे,
त्रिदेवोंमहाशदेव,रानूमदेव,एकदवनेबहुतकुछसोचाथा,पृथ्वीकीसम्भ्य धर्मसेकर्मसेसबसे
विकसित होगीऔरउनकी उम्रकईहजारसालहोगी,सभीलोगधर्मऔरकर्माकाज्ञानरखतेहै
औरबहुतकामपापऔरक्राइमथा,
लेकिनइसबातसेलिएइधरअसुरोंकेसेनापतिदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "
नेअपनेगुरुशुक्रलामीकेसाथपृथ्वीपरदैत्योंकेकब्जेकेलिएआदिमन (पृथ्वीकापहला
आदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहलीमहिला)कोखत्मकरनाचाहा.कलिमराज मोलोचका
अक्कानिकी केबहुतसीआधुनकिटेक्नोलॉजीजैसेस्पेसशिप,टाइमट्रेवल,मंदकण्ट्रोल,
जेनेटिक्स,जीनम्युटेशन,क्लोनिंगकीसाथकालाजादूकीशक्तिथी
त्रिदेवों(महाशदेव,रानूमदेव,एकदेव)नेपृथ्वीकोकल्पनाकीथी,जहाँसम्भ्यता धर्मऔरकर्मसे
विकसित होगी,लोगोंकीउम्रहजारोंसालहोगी,औरसभीधर्मऔरकर्मकाज्ञानरखेंगे।
लेकिन,असुरोंकेसेनापतिकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी नेअपनेगुरुशुक्रलामीकेसाथ
मिलकरपृथ्वीपरदैत्योंकाशासनस्थापित करनेकीयोजनाबनाई।
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी केपासअत्याधुनिकतकनीक,जैसेस्पेसशिप,टाइमट्रेवल,
माइंडकंट्रोल,जेनेटिक्स,जीनम्यूटेशन,क्लोनिंगऔरकालाजादूकीशक्तिथी।
उसनेआदिमान (प्रथममानव)औरसावतीदान(प्रथममहिला)कोखत्मकरनेकाफैसलाकिया,
क्योंकिवेउसकी योजनाकेलिएबाधाथे।
आदिमान औरसावतीदानकेपासकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी जैसीशक्तियांनहींथीं,
लेकिनउनकेपासधर्मऔरकर्मकीशक्तिथी।
त्रिदेवों(महाशदेव,रानूमदेव,एकदेव)नेपृथ्वीकोकल्पनाकीथी,जहाँसम्भ्यता धर्मऔरकर्मसे
विकसित होगी,लोगोंकीउम्रहजारोंसालहोगी,औरसभीधर्मऔरकर्मकाज्ञानरखेंगे।
लेकिन,असुरोंकेसेनापतिकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी नेअपनेगुरुशुक्रलामीकेसाथ
मिलकरपृथ्वीपरदैत्योंकाशासनस्थापित करनेकीयोजनाबनाई।
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कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी केपासअत्याधुनिकतकनीक,जैसेस्पेसशिप,टाइमट्रेवल,
माइंडकंट्रोल,जेनेटिक्स,जीनम्यूटेशन,क्लोनिंगऔरकालाजादूकीशक्तिथी।
उसनेआदिमान (प्रथममानव)औरसावतीदान(प्रथममहिला)कोखत्मकरनेकाफैसलाकिया,
क्योंकिवेउसकी योजनाकेलिएबाधाथे।
आदिमान औरसावतीदानकेपासकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी जैसीशक्तियांनहींथीं,
लेकिनउनकेपासधर्मऔरकर्मकीशक्तिथी।
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी ने,स्टालीन देव(कर्माकेदेवता)औरदेविलिम (गॉड
अंडरग्राउंड)कोअभीअपनाबंदीबनालिएथाएंडवोभीविवशथेकलिमराज मोलोचका
अक्कानिकी केआगे
जबकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी परपहुंचउसकी लड़ाईदेवताओसेहुई,लेकिनक्युकी
उसकी शक्तिअबबादचुकीथीऔरउसनेस्टालीन देव(कर्माकेदेवता)औरदेविलिम (गॉड
अंडरग्राउंड)कोअभीअपनाबंदीबनालिएथाऔरसाथमेंगुरुशुक्रलामीभीथा
उसनेदेवताओकोहरादिएऔरपृथ्वीपरअपनाबदलालेनेकेलिए
असुरोंकेसेनापतिदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "नेअपनेगुरुशुक्रलामीके
साथपृथ्वीपरदैत्योंकेकब्जेकेलिएआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वी
कीपहलीमहिला)कोखत्मकरनाचाहा.औरपूरीतरहसेवहकीनयीसंभ्यताकोनस्टकरना
चाहताथा
लेकिनजबउसनेआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहलीमहिला)
कोदेखातोबहुतप्रभावित हुआबेबहुतसुंदर,ज्ञानी,कर्मी,धर्मीऔरलम्बीआयु,बहुत
शक्तिशाली थेउनकेअंदरबीमारी नहींहोतीथीऔरउनकी उम्रहजारोसालथीवोअपनीमर्जीसे
स्वर्गऔरऊपरकेलोक,गैलेक्सीकीयात्राकरसकतेथे,हलाकिउनकाइसकोअभीज्ञाननहीं
हुआथाक्योंकी संभ्यतानईथी
असुरोंकेसेनापतिदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "केमनमेंलालचएंडपावर
काएकविचारआयाउसनेसोचामेंइसनैसंब्याताकोख़त्मक्योंकरूजबमेंइसकामालिक बन
सकताहु
लेकिनआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहलीमहिला)वेत्रिदेवों
केप्रतिसमर्पितथेऔरउनकाधर्म,ज्ञानऔरकर्माबहुतअच्छाथाक्योंकीत्रिदेवोंनेउनकी
जेनेटिक्सएंडडीएनएकोडिज़ाइनकिआथा
क्युकीदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी के
पासअत्याधुनिकतकनीक,जैसेस्पेसशिप,टाइमट्रेवल,माइंडकंट्रोल,जेनेटिक्स,जीनम्यूटेशन,
क्लोनिंगऔरकालाजादूकीशक्तिथी।
उसनेलेकिनआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहलीमहिला)को
जेनेटिकमॉडिफाई करनेकाफैसलालिएताकिवोभूलजायेउनकोत्रिदेवनेबनायाहैऔरवो
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कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी कोहीअपनाभगवानऔरक्रिएटरसमझेवोउनपेराजकर
सके
उसनेआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहलीमहिला)कोघटाकर
केवल१००वर्षकरदिएथा
क्युकीपृथ्वीपरउसनेआदिमन (पृथ्वीकापहलाआदमी)औरसातीदान(पृथ्वीकीपहली
महिला)कोमॉडिफाई करदिएथापरवोत्रिदेवकेबनायेहुएब्रह्माण्डनियम कोचेंजनहींकर
सकताहैऔरब्रह्माण्डनियमकीअनुसारउनकाधर्म,ज्ञानऔरकर्माकरताहैमरनेकेउनकी
आत्माऊपरकेलोकोमेंचलीजातीहै
दैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "कोसमझआगयाकी,कीइनकोकेवलकुछ
समयथागुलामबनायाजासकताहैक्युकीजैसेहीयेमरेंगेक्युकीइनकेधर्म,ज्ञानऔरकर्मा
अछ्हाहैतोयेयहाँसेआजादहोकरदेवलोकमेंचलेजायेंगे
दैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "कोसमझनआयाकीवोक्याकरेउसनेएक
विचारआया,क्युकीयेअभीनएमनुष्यहैऔरइनकोमेनेअभीजेनेटिकमॉडिफाईक्रदिएहैतो
मेंइनकेदिमागकोकण्ट्रोल करकेइनकोउल्टाज्ञानदेकरइस्पेपापकरवुंगाताकिमरनेकेबाद
दोबारापृथ्वीपेजन्मले
लेकिनउसकोयेभीपताथाकीयेकेवलदोलोगहैऔरइनसेमेंअपनासाम्राज्य नहींबड़ासकता
इसेलिएइनकोबढ़ानाहोगा,उसमेउनकोसेक्सप्रजननकाज्ञानदेकरकहाजितनीआबादी
करोगेउतनामेंतुमकोइनामदूंगा
उसनेउनकोएकपापकीकिताबदीऔरजिसमेउल्टाज्ञानथाजोधर्म,ज्ञानऔरकर्माके
विपरीत थाताकिउनकी आत्माकोवोबारबारकैदकरकेउनकापुनर्जमपृत्वीपरकरासकेऔर
उनकी आबादी बड़ासकेताकिउनकी बहुतसीसेनाहोनाजायेजोसबउसकेगुलामहो
औरउसनेउनकोखेतीविज्ञानंकाज्ञानदिएपरसच्चेअध्यात्म सेअलगकरदिए
औरजबसम्भयताबढ़नेलगीतो"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "बहुतखुशहुआ
उसकोसमझआयाकीअभीइनकोविकसति होनेमेंकईहजारवर्षालगेंगेऔरक्युकीस्टालीन
देव(कर्माकेदेवता)औरदेविलिम (गॉडअंडरग्राउंड)कोअभीअपनाबंदीबनालिएथातोवोभी
उनसेगलतकर्मकरनेमेंलगेहुएथेऔरउनकी आत्मापरदेविलिम (गॉडअंडरग्राउंड)राज
करतारहताथाऔरउनकोपुनर्जन्मदेकरपृथ्वीपरभेजताथा,पुनर्जन्मकेकारनवोसबभूल
जातेहैऔरफिरसेनयाजीवनजीनेलगेऔरसमझनेलगेबसयहीएकज़िन्दगीहै
क्युकीदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "नेउनकोविज्ञानंकाज्ञानदिएथाइसलिए
उनकाअध्यात्मज्ञानख़त्महोगयाऔरपृत्वीकेसभीलोगऔरउनकी आत्माबारबारगुलाम
बनानेलगी
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इसतरहक्युकीदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "पृथ्वीपरमानवताकोऔरउनके
आत्माकोगुलामकरकेअपनासाम्राज्य बढ़ानेलगा
दैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "नेअपनेअनुयायीलोगोसेकहाकीजबतुमएक
दिनमेरीसेनातैयारकरलोगेउसदिनमेंवापसपृथ्वीपरआऊंगाऔरमेंयहाँराजकरूँगाऔर
तुममेरीअनुयायीहोतोतुमकोइसकाइनाममेंआकरदूंगा,लोगआजभीउसीकाइंतजारक्र
रहेहैऔरपृथ्वीपरपापबादगयाहैपृथ्वीएकगुलामगृहबनगयाहै
Chapet2-कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी ,निबिरूएक्स(NIBIRUX)सेपृथ्वीपरवापस
आया
हजारोंसालबीतगएथे,पृथ्वीनेअपनेसारेरहस्योंकोबाहरकियाथा,लेकिनलोगोपरइसका
कोईअसरनहींथा।फिरलगभग५०००बर्षपहले,कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी ,निबिरू
एक्स(NIBIRUX)सेपृथ्वीपरवापसआया।कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी काशासन
पृथ्वीपरमजबूतहोगयाथा।लोगपापऔरअधर्ममेंडूबेहुएथे,औरउन्हेंअपनीआत्माओ ंकी
गुलामीकाएहसासभीनहींथा।
वोयेदेखकरबहुतखुशहुआ,कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी नेएकदेशकेसाथसमझौता
करलिआ,कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी उसदेशकोअपनेविज्ञानंऔरटेक्नोलॉजीकोदेने
कावादाहुआऔरउसदेशनेकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी केसाथदोस्तीकरलीपरन्तु
यहबातऔरबाकीदेशोसेगुप्तराखी,कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी उसदेशकोएलियन
टेक्नोलॉजी,टाइमट्रेवल,क्लोनिंग,डीएनएएंडजेनेटिक्स,एनर्जीएंडइलेक्ट्रॉनिक्स काउपयोग,
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंसकोदेताथाताकिवोदेशपावरमेंरहेहै
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी नेउसदेशकोएलियन टेक्नोलॉजी,टाइमट्रेवल,क्लोनिंग,
डीएनएएंडजेनेटिक्स,एनर्जीएंडइलेक्ट्रॉनिक्स काउपयोगसिखाया।उसनेउन्हेंआर्टिफीसियल
इंटेलिजेंसकेजरिएअपनेदेशकोसुधारनेकातरीकासिखाया।उसदेशनेयहबातबाकीदेशोंसे
गुप्तरखी,कलिमराज कादेशकासहयोगनेउसेएकमजबूतनेतृत्वमेंबदलदिया।
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी अपनेगृहसेपृथ्वीपरआताजातारहताथा,वोपृथ्वीकोएक
फसलकीतरहदेखताथाजबफसलतैयारहोजाएगीतोमेंइसकोकाटकरअपनासाम्राज्य
स्थापित करदूंगाऔरवहदेशपावरमेंबढ़तागयाऔरदूसरेदेशोपरज़ुल्मकरनेलगा
जबदैत्यराज"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "नेअपनेअनुयायियों कोवहकालाचौकोर
पत्थर(blackcube)दियाऔरउन्हेंकहाकिवेउसकेलिएनिरंतरबलिदानदेतेरहें,तबउन्हें
ताकतऔरधनप्रदानकियाजाएगा।यहउनकी धार्मिकसिद्धांतों काएकहिस्साबनगया,
जिसमेंदेवताओंसेअलगावऔरएक-दूसरेसेअलगावकाविचारथा।
हजारोंसालबीतगए।कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी काशासनपृथ्वीपरमजबूतहोगया
था।लोगपापऔरअधर्ममेंडूबेहुएथे,औरउन्हेंअपनीआत्माओ ंकीगुलामीकाएहसासभीनहीं
था।
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इसनईधार्मिकधाराको"ईलूमुटी"कहागयाऔरयहबहुतसेलोगोंकेबीचफैलगया।इसका
मुख्यधार्मिकसिद्धांतथाकिमनुष्यकोअपनेदेवताओंसेअलगकरदेनाचाहिए औरएक-दूसरे
कोभीअलगकरदेनाचाहिए। यहधार्मिकसमूहदेवताओंकेभक्तोंकोअन्यायपूर्णऔर
प्रतिबंधकधार्मिकप्रथाओंकेखिलाफउत्तेजितकरताथा।
इसनईधार्मिकसिद्धांतकेबारेमेंबहुतविवादहुआ,क्योंकियहलोगोंकोएक-दूसरेसेअलग
करताऔरउन्हेंअद्वितीयता कीओरलेजाताथा।इसकेपरिणामस्वरूप ,समाजमेंविभाजन
हुआऔरअनेकधार्मिकऔरसामाजिक असंतोषउत्पन्न हुआ।
त्रिदेवोंकेअनुयायियों और"ईलूमुटी"केबीचतनावऔरसंघर्षकेबावजूद,यहनईधार्मिक
सिद्धांतधीरे-धीरेविस्तारपानेलगा।उसनेअपनेसंदेशकीगहराईकोबढ़ातेहुएधार्मिक
सम्प्रदायों कोभीअपनेचारोंओरघेरलिया।त्रिदेवोंकेअनुयायियों मेंभी"ईलूमुटी"केप्रति
विरोधथा।वेइसेएकअवांछित औरअस्वीकृतविचारमानतेथेऔरलोगोंकोधार्मिक
सहिष्ण ुता,सामंजस्य ,औरसामूहिकताकीमहत्वपूर्णताकोसमझातेरहे।
त्रिदेवोंनेइसनएसिद्धांतकेसुधारकेलिएपृथ्वीपरकईगुरु,संत,औरअवतारभेजे,जिनमें
महावतारबाबाजी,बुद्ध,कबीर,कालिदास ,रविदास,गुरुनानक,तीर्थंकर,परमहंसयोगानंद,
रामकृष्णपरमहंस,महर्षिरामन,स्वामीविवेकानंद,श्रीआदिशंकराचार्य ,संततुलसीदास,श्री
चैतन्यमहाप्रभ ु,श्रीसाईंबाबा,संतग्यानेश्वर,स्वामीश्रीयुक्तानंद,आदिशामिल थे।येमहापुरुष
लोगोंकोधर्म,नैतिकता,औरसामाजिक समृद्धिकेमार्गपरचलानेकेलिएप्रेरितकरतेरहे।
लेकिनकुछअन्यायीताकतोंनेइनगुरुओं,संतोंऔरधर्मगुरुओंकोसतायाऔरकईसंतोंकोमार
डाला,जैसेयीशसऔरअन्य।उनकाज्ञानकोमारोरकेपेशकियागयाऔरउनकेआदर्शोंको
नष्टकरदियागया।इससेधार्मिकसंघर्षऔरअसहिष्ण ुताकादौरआया।
त्रिदेवोंकेअनुयायियों मेंभीइसभ्रमकेकारणबातचीतमेंझगड़ेऔरआपसीविरोधबढ़गए।
धर्मकोभीकईसारेपंथऔरसमुदायोंमेंबाँटदियागया,जिसकाकारणकेवलअज्ञानऔर
धार्मिकभ्रांतियाँथीं।लोगअपनेधार्मिकआदर्शोंकेलिएलड़तेरहेऔरधार्मिकसमुदायोंकेबीच
आतंकऔरअसहिष्ण ुताफैलगई।
इसभ्रमऔरअसहिष्ण ुताकेबावजूद,कुछधार्मिकउद्धारकों नेअपनेजीवनकोबलिदानकिया
औरसत्यकेमार्गपरचलनेकासंकल्पकिया।कुछलोगथेजोइसनएसिद्धांतकोसमझते
औरमानतेथे।वेत्रिदेवोंकेज्ञानकोजानतेथेऔरउनकेउपदेशोंकापालनकरतेथे।वेजप,तप,
ध्यान,कुण्डलिनीविज्ञान,औरअन्यआध्यात्मिक अभ्यासों केमाध्यम सेअपनीआत्माकी
ऊर्जाकोउच्चस्तरपरपहुंचानेकाप्रयासकरतेथे।
इसतरह,पृथ्वीपरधार्मिकऔरसामाजिकविवादबढ़गया,जिसनेउसेएकविभाजित समाज
बनादिया।अबलोगोंकेबीचद्वेष,असहमति ,औरसंघर्षकामाहौलबनगया,जोकिउनकी
खुशहाली औरसामूहिकविकासकोबाधित कररहाथा।
ईलूमुटीकेलोगोंकोयहधार्मिकधारासिखातीथीकिसभीकोजबरदस्ती मेरागुलामबनाया
जाए,चाहेवहकोईभीहो।इसकेलिएवेसाम,दाम,दंड,भेदकीनीतिकोअपनातेथे।जोभीमेरे
धर्मकोमानता,उसेउसकी मौतकरदेनाथा।
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यहधर्मत्रिदेवोंऔरब्रह्माण्ड केनियमोंकेबिलकुलउल्टाथा।यहनियमउन्हेंगुलामबनाता
औरउनकी आत्माकोमारकरफिरसेजन्मलेनेकोमजबूरकरताथा।
ईलूमुटीधाराकामुख्यसिद्धांतथाकिवेसभीअन्यधर्मोंऔरविचारोंकोनकारतेऔरअपना
धार्मिकमतऔरविचारप्रस्तुतकरते।इसकेअनुयायीलोगअन्यधर्मोंकेप्रतिसहिष्ण ुतानहीं
दिखातेथेऔरवेकिसीभीकीमतपरअपनेधर्मकोप्रमाणित करनेकेलिएतैयारथे।
इसधाराकेप्रतिनिधि लोगअपनेप्रत्येककदममेंताकतऔरपैसेकाइस्तेमालकरतेथे।वे
अपनेशक्तिशालीस्थानपरबैठकरलोगोंकोअपनीशासनशैलीकेअनुसारबदलदेतेथे।किसी
भीविरोधीकेसाथ,याउनकेधार्मिकमतकोनकारनेवालेकिसीकेसाथ,उन्होंन ेकठोरकार्रवाई
की।उनकाउद्देश्यथाकिवेअपनेधर्मकोबढ़ावादेंऔरउसकाअधिकारस्थापित करें,चाहेउन्हें
दूसरोंकेखिलाफजानकीबाजीलगानीपड़े।
यहधारात्रिदेवोंऔरब्रह्माण्ड केनियमोंकेविपरीत थी,जोधर्म,सहिष्ण ुता,औरसामूहिकताको
प्रोत्साहित करतेथे।इसकेप्रभावसे,समाजमेंअसन्तोष ,विभाजन,औरआत्मिक अस्थिरता बढ़
गई।लोगोंकेबीचद्वेष,असहमति ,औरसंघर्षकामाहौलपैदाहोगया,जिसनेउनकेसामूहिक
विकासऔरखुशहाली कोप्रभावितकिया।
हजारोंसालबीतगए।कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी काशासनपृथ्वीपरमजबूतहोगया
था।लोगपापऔरअधर्ममेंडूबेहुएथे,औरउन्हेंअपनीआत्माओ ंकीगुलामीकाएहसासभीनहीं
था।
लेकिनकुछऐसेभीथेजोइसअंधकारमेंभीप्रकाशकीतलाशकररहेथे।वेऋषि-मुनिथेजो
अध्यात्म औरधर्मकेज्ञानकोजीवित रखनेकेलिएप्रयासरतथे।
एकऐसेहीऋषिथे,जिन्हेंविशेषकहाजाताथा।वेअपनीज्ञानऔरतपस्याकेलिएप्रसिद्ध थे।
उन्होंन ेलोगोंकोपापऔरअधर्मसेमुक्तकरनेकाबीजबोनेकाफैसलाकिया।
Chapter3-ऋषिविशेषनेलोगोंकोसच्चेज्ञानकाप्रचारकरनाशुरूकिया।
"आत्माऔरअवतरण"ज्ञान
आत्मायाजीवात्मा कोसंसारमेंफंसानेकीप्रक्रिया,जिसमेंयहबार-बारजन्मलेताहैऔरअनेक
शरीरोंमेंअवतरित होताहै।इसप्रक्रियामें,आत्मायाजीवात्मा अनगिनत जन्मोंऔरमृत्युओंके
चक्रमेंफंसारहताहैऔरइसेसंसारकाचक्रभीकहाजाताहै।जबतककिआत्मामोक्षकीप्राप्ति
नहींकरती,वहइससंसारमेंबंधीरहतीहै,जिसमेंजन्म,मृत्यु,औरपुनर्जन्मकीसंवृद्धिहोती
है।
मायाकाअर्थहैमिथ्यायाभ्रांति। इसअवस्था में,व्यक्तिअज्ञानमेंफंसजाताहैऔरजीवनको
वास्तविकता सेअलगसमझताहै।मायाकाअर्थहैकियहसंसारऔरजीवनएकमिथ्या,
अस्तित्व रहितस्वप्न केसमानहै।यहधारणाकरतेहुएव्यक्तिअपनीआत्माकीसच्चाईऔर
अंतिमवास्तविकता सेअलगहोजाताहै।मायानेव्यक्तिकोआत्माकेसत्यसेवंचित करदिया
हैऔरउसेइससंसारमेंबंधनेकाकारणबनायाहै।
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मायाकेद्वारा,व्यक्तिअपनेअसली आत्माकाअनुभवनहींकरपाताऔरइसधारणामेंफंस
जाताहैकियहसंसारऔरउसकेअनुभवहीवास्तविकता हैं।जबतककिव्यक्तिमायाकेमोह
मेंफंसारहताहै,वहसंसारिक बंधनोंमेंअटकारहताहैऔरमोक्षकोप्राप्तनहींकरपाता।
कलिय ुगमेंशैतानीतकनीकेंबड़ेप्रभावशाली होतीहैं,जोलोगोंकोगुमराहकरतीहैंऔरउन्हें
दुष्टतामेंलेजानेकेलिएप्रयोगकीजातीहैं।इनतकनीकों काउद्देश्यलोगोंकोउनकी आत्मिक
औरधार्मिकमूल्योंसेदूरकरनाहोताहैऔरउन्हेंअधर्मीऔरदुराचारी बनानाहोताहै।
1.धर्मकीअज्ञानताकाउपयोग:शैतानलोगोंकोअपनेधर्मकीसहीजानकारी सेवंचित
रखताहैताकिवेधर्मसेभटकजाएं।
2.अहंकारऔरअभिमान कोबढ़ावादेना:शैतानलोगोंकोअहंकारमेंडालकरउन्हेंअपनी
गलतीनहींसमझनेदेता।
3.लालचऔरभोगोंमेंइंद्रियोंकोउत्तेजितकरना:शैतानलोगोंकोभोगऔरलालचकेबल
परअपनेधार्मिकमूल्योंकोभूलनेकेलिएप्रेरितकरताहै।
4.भ्रमणात्मकविचारोंकोउत्तेजितकरना:शैतानलोगोंकोभ्रमणात्मकविचारोंकेमोहमें
डालकरउन्हेंविश्वासनहींकरनेकेलिएमजबूरकरताहै।
5.अनियंत्रित मनकोप्रभावित करना:शैतानलोगोंकोअनियंत्रित मनकेसाथखेलनेके
लिएप्रेरितकरताहै,जिससेवेगलतकार्रवाईकरसकतेहैं।
6.असत्य औरभ्रांतियों कोप्रचारित करना:शैतानलोगोंकोअसत्य औरभ्रांतियों को
प्रसारित करकेधोखादेताहै।
7.लोगोंकोदुर्बलऔरनिराशामेंडालना:शैतानलोगोंकोदुर्बलऔरनिराशामेंडालकर
उन्हेंउत्साहहीन औरअसफलबनाताहै।
8.विवादोंकोबढ़ावादेना:शैतानलोगोंकोविवादोंकोबढ़ावादेकरसमुदायकोतोड़नेके
लिएप्रोत्साहित करताहै।
9.अनैतिकताकोप्रोत्साहित करना:शैतानलोगोंकोअनैतिकताकोप्रोत्साहित करकेउन्हें
अपनेधार्मिकमूल्योंसेविचलित करताहै।
10.मनोरंजनऔरव्यक्तिगत संतुष्टिकीभूमिकाबढ़ाना:शैतानलोगोंकोमनोरंजन
औरव्यक्तिगत संतुष्टिकीभूमिकाबढ़ाकरउन्हेंधार्मिकउत्थानसेदूररखताहै।
11.संघर्षऔरआत्मसमर्प णकोकमकरना:शैतानलोगोंकोसंघर्षकीभावनाकोकमकरके
औरआत्मसमर्प णकोबदहालकरकेउन्हेंअपनेलक्ष्योंसेभटकादेताहै।
12.ध्यानऔरमनोनिग्रह मेंकमीउत्पन्न करना:शैतानलोगोंकोध्यानऔरमनोनिग्रह में
कमीउत्पन्न करकेउन्हेंअपनेमनकेदुष्टविचारोंमेंउलझादेताहै।
13.अनावश्यकविवादोंकोउत्पन्न करना:शैतानलोगोंकोअनावश्यकविवादोंकोउत्पन्न
करकेऔरलोगोंकेबीचअसहमति कोबढ़ाकरउन्हेंधर्मसेदूरकरताहै।
14.अपनेआत्माकोपहचाननेकीप्रक्रियामेंविफलता:शैतानलोगोंकोअपनेआत्माको
पहचाननेकीप्रक्रियामेंविफलताऔरअंधविश्वास मेंपड़ाकरउन्हेंमायामेंउलझादेता
है।
15.धार्मिकसम्प्रदायों केबीचअसंतोषउत्पन्न करना:शैतानलोगोंकोधार्मिकसम्प्रदायों के
बीचअसंतोषउत्पन्न करकेऔरधार्मिकआदर्शोंकोविचलित करकेउन्हेंअधर्ममेंले
जाताहै।
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16.भाग्यकोनियंत्रित करना:शैतानलोगोंकोभाग्यकोनियंत्रित करकेउन्हेंअपनेउद्देश्यों
मेंअसफलबनादेताहैऔरउन्हेंदुःखमेंडालताहै।
17.जीतेहुएशरीरऔरमरनेकेबादआत्माकोकण्ट्रोल करना-शैतानचाहताहैकीवो
लोगोकीजीतेहुएभीऔरमरनेकेबादउनकी आत्माकोकण्ट्रोल करेउनकाअपना
गुलामबनायेरखेऔरइसकेलिएवोलोगोसेपापकरवाताहैऔरउनकोलालचदेताहै
ताकिवोअपनीआत्माबेचदेऔरगुलामीस्वीकारकरले
18.भूत-प्रेत,चुड़ैल,जिन्न,राक्षसोंकाउपयोग:कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी के
पासभूतप्रेतचुड़ैलजिन्न राक्षसोऔरतांत्रिक मानवोकीसेनाहैजोबिज़नेस,सरकार,
मीडिया,मिलिट्री ,टेक्नोलॉजीमेंबहुतऊंचेपदपैटकार्यकरतेहै,येशैतानीतकनीकें
लोगोंकोशक्तिऔरपैसेकेलिएतंत्रएंडरक्तकीबलिदेनेकेभ्रमित करताहैजिनसे
ऐसाकरनेवालेकेशरीरपरभूत-प्रेत,चुड़ैल,जिन्न,राक्षसोंकाआध्यात्मिकता आकर
उसकोकण्ट्रोल करतेहै।
19.अत्याधुनिकविज्ञानिक तकनीकों काउपयोग:"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "
विभिन्न अत्याधुनिकतकनीकों काउपयोगकरताहै,जैसेकिस्पेसशिप,टाइमट्रेवल,
माइंडकंट्रोल,जेनेटिक्स,जीनम्यूटेशन,क्लोनिंग,औरकालाजादू,ताकिलोगोंको
विश्वासकेप्रतिसंदेहऔरअसत्य कीदिशामेंलेजायाजासके।
20.आर्टिफिशलइंटेलीजेंट(AI),सोशलमीडिया,औरइंटरनेट-आधुनिकतकनीकी
उपकरणहैंजोलोगोंकोभ्रमित करनेकेलिएइस्तेमालकिएजासकतेहैं।इनतकनीकों
काउपयोगधार्मिकऔरआध्यात्मिक मार्गोंसेलोगोंकोभटकादेनेकेलिएकियाजा
सकताहै।अल्गोरिदमिकफिल्टरि ंग,इनकंपनियोंकालक्ष्यअधिक उपभोक्ता डेटाका
अधिग्रहण करनाहोताहैताकिउनकेविचारऔरआचरणकोप्रभावितकियाजासके।
इससेलोगोंकामार्गभ्रष्टहोसकताहैऔरउन्हेंधार्मिकऔरआध्यात्मिकध्येयसेदूर
खींचाजासकताहै।
इनतकनीकों काप्रयोगकरके,"कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी "लोगोंकोअपनेवशमेंकरता
हैऔरउनकेदिमागमेंअपनेउद्देश्योंकोविचारनेकेलिएउत्तेजितकरताहै।इसतरह,वहलोगों
कोअपनेअधीनतामेंलेजाताहैऔरउनकाविचारऔरनियतिकानियंत्रण करताहै।
कलिय ुगमेंअनेकऔरशैतानीतकनीकेंहोतीहैं,जोलोगोंकोगुमराहकरनेऔरउन्हेंदुष्टतामें
लेजानेकेलिएइस्तेमालकीजातीहैं।यहां20तरीकेहैंजिनसेशैतानलोगोंकोमोहित करताहैं:
1.धर्मकीअज्ञानताकाउपयोगकरना।
2.अहंकारऔरअभिमान कोबढ़ावादेना।
3.लालचऔरभोगोंमेंइंद्रियोंकोउत्तेजितकरना।
4.भ्रमणात्मकविचारोंकोउत्तेजितकरना।
5.अनियंत्रित मनकोप्रभावित करना।
6.असत्य औरभ्रांतियों कोप्रचारित करना।
7.लोगोंकोदुर्बलऔरनिराशामेंडालना।
8.विवादोंकोबढ़ावादेना।
9.अनैतिकताकोप्रोत्साहित करना।
10.मनोरंजनऔरव्यक्तिगत संतुष्टिकीभूमिकाबढ़ाना।
11.लोगोंकोधर्मसेविमुखकरना।
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12.द्वेषऔरक्रोधकोउत्तेजितकरना।
13.अपनेहितकेलिएदूसरोंकोठगना।
14.भयऔरआतंककामाहौलबनाना।
15.आत्मविश्वास कमजोरकरना।
16.परिवारऔरसमाजमेंअसामाजिकव्यवहारकोप्रोत्साहित करना।
17.दूसरोंकेसाथअन्यायपूर्णव्यवहारकरना।
18.सत्ताऔरसम्मानकेलिएदुर्भाग्यपूर्णतरीकेअपनाना।
19.अध्ययन औरध्यानमेंअसफलताकाभावबढ़ाना।
20.भूत-प्रेतकीभावनाकोप्रोत्साहित करना।
येतकनीकेंलोगोंकोभ्रमित करकेउन्हेंअन्धविश्वासों औरअज्ञानमेंलेजातेहैं,जिससेउन्हें
अपनीसच्चीपहचानसेदूरकरदियाजाताहै।
शैतानकामुख्यउद्देश्यलोगोंकोअपनेनियंत्रण मेंकरनाहोताहै।उसेचाहिएकिलोगउसकी
आज्ञाओ ंकापालनकरें,उसकेइच्छानुसारकार्यकरें,औरउसकीप्रेरणामेंहीजीवनबिताएं।
उसकाउद्देश्यहोताहैकिवहलोगोंकोपापकरवाकर,उनकी आत्माकोउजाड़कर ,औरउन्हें
अपनागुलामबनालें।
शैतानलोगोंकोलालचदेकरऔरभ्रमित करकेउन्हेंअपनेवशमेंकरनेकीकोशिश करताहै।
उसकेद्वारालोगोंकोधोखादेकरउन्हेंधर्म,नीतिऔरमूल्योंसेभटकादियाजाताहै।शैतान
लोगोंकोधर्मऔरसत्यसेदूरलेजानेकेलिएउन्हेंविभिन्नप्रकारकेप्रलोभनों सेप्रेरितकरता
है।इसकापरिणामहैकिवेअपनेअच्छेसंस्कारों कोछोड़कर बुराईकीओरपलटजातेहैंऔर
उसकी गुलामीमेंआजातेहैं।
शैतानअक्सरलोगोंकोअपनीबातमेंबांधनेकेलिएउन्हेंअन्धेलालचमेंडालताहैऔरउन्हें
पापकरनेकेलिएप्रेरितकरताहै।उसकाउद्देश्यहोताहैकिवहलोगोंकोअपनीअधीनतामें
रखकरउनकाअपनागुलामबनालें।इससेलोगोंकाजीवनअधर्म,दुःख,औरनिराशासेभर
जाताहै।कुछलोगपरेशानहोकरआत्महत्या करनेकेलिएमजबूरहोजातेहैंऔरइसका
परिणामउन्हेंभुगतनापड़ताहैक्योंकिवेफिरसेआत्माकेमायाजालमेंफंसजातेहैं।
इनसबदुष्परिणाम सेबचनेकेलिएऋषिविशेषनेलोगोंकोसच्चेज्ञानकाप्रचारकरनाशुरू
कियाऔरकलयुगसेबचनेकेउपायबताए।
ऋषिविशेषद्वारागीताज्ञान
1.भक्तियोग:भक्तियोगमेंभगवानकेप्रतिपूर्णभक्तिऔरसमर्पणकाअनुभवकिया
जाताहै।यहयोगमन,शरीर,औरआत्माकेसंयोजनकेमाध्यम सेआत्मिक उन्नतिका
मार्गहोताहै।
2.ज्ञानयोग:ज्ञानयोगमेंआत्माकेस्वरूप औरब्रह्मकीप्राप्तिकेलिएज्ञानकीखोजकी
जातीहै।इसयोगमेंध्यान,विचार,औरआत्म-समर्पणकेमाध्यम सेआत्मज्ञानप्राप्त
कियाजाताहै।
3.कर्मयोग:कर्मयोगमेंकर्मकोनिष्कामभावसेकियाजाताहै।इसयोगमेंकर्मके
माध्यम सेआत्माकीशुद्धिऔरआत्मगत उन्नतिकाप्रयासकियाजाताहै।
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4.मोक्ष:मोक्षयामुक्तिधर्मिकजीवनमेंपरमआत्माकेसाथएकताऔरमुक्तिकीप्राप्ति
काअवस्था है।यहसंसारिक बंधनोंसेमुक्तहोनेकास्थितिहै।निर्वाण संसारिक जीवन
केसमस्त दुखोंऔरभ्रांतियों सेमुक्तिकीअंतिमस्थितिहै।इसमेंअविकल्प समाधि,
अनन्त शांति,औरआत्मानुभवकीप्राप्तिहोतीहै।
5.आसन:आसनशारीरिकस्थितिऔरआत्मिक एकाग्रता कोस्थापित करनेकेलिएहोते
हैं।
6.प्राणायाम:प्राणायामश्वासऔरप्राणकेनियंत्रण कोशिक्षित करताहै,जोशारीरिक और
मानसिकस्वास्थ्य कोबढ़ाताहै।
7.प्रत्याहार:प्रत्याहारमनकोबाहरीविषयोंसेवापसलेनेकीक्षमताहोतीहै।
8.धारणा:धारणामनकोएकस्थिरविषयपरध्यानकेंद्रितकरनेकीक्षमताहोतीहै।
9.ध्यान:ध्यानमेंमनध्येयविषयपरएकाग्रहोताहै,जिससेआत्मज्ञानप्राप्तहोताहै।
10.समाधि:समाधिमेंमनकापूर्णअवलोकनहोताहैऔरआत्माकाअनुभवहोताहै,
जिससेअनंतशांतिऔरपूर्णताप्राप्तहोतीहै।
ऋषिविशेषलोगोकोकुण्डलिनी शक्तिऔरउसकेसक्रिय होनेकीयोगिकक्रियाकेबारेमें
शिखाया
कुण्डलिनी शक्तिऔरउसकेसक्रिय होनेकीप्रक्रियायोगिक औरशास्त्रोंमेंमहत्वपूर्णरोल
निभातीहै।यहशक्तिआत्माकीअध्यात्मिक ऊर्जाकोप्रेरितकरतीहैऔरसाधककोउसके
अंतर्दृष्टिऔरसम्मोहित अवस्था कीओरलेजातीहै।
कुण्डलिनी शब्दसंस्कृतमें"सर्प"काअर्थहै,जिसेआत्माकेऊर्जातंत्रमेंएकएक्षाकेरूपमें
प्रतिष्ठितकियागयाहै।यहशक्तिप्राणायाम,आसन,ध्यानऔरमंत्रोंकेमाध्यम सेजागरूक
कीजासकतीहै।
कुण्डलिनी कोजग्रतकरनेकेलिएध्यानाभ्यास औरअन्यध्यानतंत्रोंकाप्रयोगकियाजाताहै।
इसकेमाध्यम सेशिष्यअपनेअंतर्दृष्टिकोजगातेहैं,सूक्ष्मऊर्जाकोसक्रिय करतेहैं,और
अध्यात्मिक उन्नतिकीओरबढ़तेहैं।
कुण्डलिनी जागरणकेद्वारा,साधककोअपनेशरीर,मन,औरआत्माकीसम्पूर्णजागरूकता
होतीहै,जोउसेअत्यधिक सूक्ष्मअवस्थाओ ंकोअनुभवकरनेकीक्षमताप्रदानकरतीहै।इस
प्रक्रियामेंकईचक्रोंकाउदयहोताहै,जिनमेंमूलाधार,स्वाधिष्ठान ,मणिपुर,अनाहत,विशुद्ध,
आज्ञा,औरसहस्रारशामिल हैं।इनचक्रोंकेजागरणकेसाथही,साधकअपनेअस्तित्व कीगहरी
औरसमृद्धजानकारी कोप्राप्तकरताहैऔरअनन्त शांतिऔरआनंदकाअनुभवकरताहै।
ऋषिविशेषकीमहावतारबाबाजीऔरकल्किअवतारसेमुलाकात
महावतारबाबाजीहिंदूधर्मकेएकप्रमुखआध्यात्मिक गुरुऔरसिद्ध महापुरुषहैं।महावतार
बाबाजीनेऋषिविशेषकोक्रियायोगकाउपदेशदियाऔरउसेधार्मिकसिद्धिकीओर
मार्गदर्शनकिया।महावतारबाबाजीनेअपनेआध्यात्मिकज्ञानऔरसाधनासेलोगोंकोप्रेरित
किया।उन्हेंअनेककथाओंऔरपुराणोंमेंउल्लिखितकियागयाहै।वेअपनेअमित तपके
कारणअमरहोगएहैंऔरअजन्मी हैं।उन्हेंअनदेखाऔरअदृश्य शक्तियों काहासिल करनेका
अद्वितीयक्षमताओंकाधनीमानाजाताहै।उनकापरम्परागतविवरणमुख्यरूपसेयोगिराज
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श्रीशिवनाथजीसेशुरूहोताहै,जोअपनेतपसाधनाकेदौरानउन्हेंअमरत्व कारहस्यसिखाते
हैं।बाबाजीनेअनेकयोगियों,संतों,औरआध्यात्मिक गुरुओंकोअपनेअद्भुतउपदेशोंऔर
मार्गदर्शनकेमाध्यम सेप्रेरितकियाहै।
महावतारबाबाजीनेसंभल,(ज्ञानगंजयाशम्भालायाशांगरिला )मेंउपस्थित कल्किअवतारसे
भीऋषिविशेषकीमुलाकातकराई,कल्किअवतारसेऋषिविशेषसेमिलनाचाहतेथे।
महावतारबाबाजीनेऋषिविशेषकोसूचितकियाऔरदोनोंनेमिलनेकासमयनिर्धारितकिया।
मुलाकातकेदिन,महावतारबाबाजीऔरकल्किअवतारनेएक-दूसरेसेमिलकरआत्मिक चर्चा
की।कल्किअवतारनेबतायाकिउन्होंन ेगुप्तरूपसेकार्यकररहेहैंऔरसमयआनेपरसबके
सामनेप्रकटहोंगे।कल्किअवतारनेध्यानयोगकामहत्व बतायाऔरयहकहाकिवहदेशऔर
दुनियाकीहरघटनाकोध्यानपूर्वकदेखतेहैं।उन्होंन ेसमझायाकिध्यानयोगसेहमअपने
आत्माकोपहचानसकतेहैंऔरसभीकार्योंमेंसाक्षररूपसेसहायकहोसकतेहैं।महावतार
बाबाजीऔरकल्किअवतारकीमुलाकातनेऋषिविशेषकोऔरभीऊँचाईयोंतकपहुँचनेकेलिए
प्रेरितकिया।उनकेबीचकाआत्मिक संवादलोगोंकोआत्माकेमहत्व काअनुभवकरनेमें
सहायकहुआ।
क्रियायोगएकऐसापथहैजोशारीरिकक्रियाओंकेमाध्यम सेमानसिक औरआध्यात्मिक
उन्नतिकोप्राप्तकरनेकाप्रयासकरताहै।इसयोगकेमाध्यम से,अध्यात्मिक उन्नतिकेलिए
अनेकप्राकृतिकऔरशारीरिकक्रियाओंकाउपयोगकियाजाताहै।येक्रियाएंशुद्धि,संयम,और
समर्पणकीभावनाकोबढ़ातीहैं,जोव्यक्तिकोउसकेअध्यात्मिक उद्देश्यकीओरलेजातीहैं।
क्रियायोगकीअभ्यासमें,शिष्यकोशरीर,मन,औरआत्माकीसंतुलनस्थितिमेंलानेकेलिए
अनेकशुद्धिऔरप्राणायामकीक्रियाएंसिखाईजातीहैं।इसकेमाध्यम से,शिष्यकोअपने
विचारोंऔरभावनाओंकोशांतकरने,अधिक संयमऔरध्यानकीक्षमताकोविकसित करने,
औरअन्तमेंआत्माकीसमाधिकोप्राप्तकरनेकीक्षमताप्राप्तहोतीहै।
क्रियायोगअनेकआसनों,मुद्राओं,बंधों,औरप्राणायामों काउपयोगकरताहै,जोशरीर,मन,और
आत्माकीशुद्धिकोबढ़ातेहैंऔरअंतमेंआत्माकीस्थितिमेंसमाहित होनेकीक्षमताप्राप्त
करतेहैं।यहयोगपथउत्कृष्टसमाधान,ध्यान,औरअंतमेंमोक्षकीप्राप्तिकेलिएप्रशस्त है।
उन्होंन ेउन्हेंधर्मऔरकर्मकेमहत्व केबारेमेंबताया।उन्होंन ेउन्हेंसिखायाकिकैसेवेअपनी
आत्माओ ंकोमुक्तकरसकतेहैंऔरकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी कीगुलामीसेछुटकारा
पासकतेहैं।
दुष्परिणाम सेबचनेकेलिएऋषिविशेषनेलोगोंकोकलयुगसेबचनेआभामंडल(Aura)के
उपायबताए
आभामंडल(Aura)वहऊर्जाश्रृंखलाहैजोकिसीव्यक्ति,वस्तु,यास्थानकेचारोंओरस्थित
होतीहै।इसमेंविभिन्न रंगऔरप्रकारकीऊर्जाशक्तियों कासंचारहोताहैजोव्यक्तिकी
मानसिक ,शारीरिक ,औरआध्यात्मिकस्थितिकोप्रतिबिम्बित करतीहै।यहआत्मिक और
मानसिकस्वास्थ्य कोप्रभावित करनेवालीऊर्जाकासंग्रहहोताहै।
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यहां10आभामंडलकोसुधारनेकेउपायहैं:
1.प्राणायामऔरध्यानकाअभ्यासकरें।
2.स्वस्थ आहारलेंऔरतंदरुस्त रहें।
3.सकारात्मक सोचवालेलोगोंकेसाथसमयबिताएं।
4.ध्यानमेंरहेंऔरस्वयंकीसमीक्षा करें।
5.प्राकृतिकऔरशांतिप ूर्णवातावरणमेंरहें।
6.नियमितरूपसेव्यायामकरेंऔरयोगासनकाअभ्यासकरें।
7.अनियंत्रित एवंनकारात्मकविचारोंकोरोकें।
8.प्रतिदिन संगीतसुनेंऔरप्राकृतिकसुंदरताकाआनंदलें।
9.सेवाऔरदानकेमाध्यम सेदूसरोंकीमददकरें।
10.प्रार्थना,मंत्रजापऔरपूजनकानियमितरूपसेअभ्यासकरें।
ऋषिविशेषपरजानलेवाहमला
ऋषिविशेषनेलोगोकाजागरूक करनेकाप्रयासकिआऔरउनकोबतायावैज्ञानिक बहुतजल्दी
हीआर्टिफिशलइंटेलिजेंसकाप्रयोगइंफोरफोर्मशनकण्ट्रोल केलिएकरनाचाहतेथे,उनका
प्लानथासोशलमीडिया एंडवेबसाइट,ऑनलाइनवहीखबरचलसकेगीजोआर्टिफिशल
इंटेलिजेंसएंडवैज्ञानिक केलिएठीकहोगीधर्मकेलिएनहीं,श्लोक,वेदपुराणकीकहानी,
आत्माकीबातें,हटादीजायेंगेजैसेपुराणोंकोमाइथोलॉजीकहाजाताहैवैसेहीअध्यात्म
ऑनलाइनहटानेकीतैयारीमेंहै,लोगफिरवहीदेखेंगेजोवैज्ञानिकदिखानाचाहेंगेऔरआपके
बच्चेऔरआनेवालेपीड़ीइसमानसिकता काशिकारहोगीकितनादुर्भाग्यकीबातहैभारतजैसे
महानदेशकेपासआजअपनासर्चइंजन,सोशलमीडियाप्लेटफार्म,अपनाआर्टिफीसियल
इंटेलीजेंट,वैदिकलाइब्रेरीऑनलाइन,नहींहै
आर्टिफिशलइंटेलिजेंसमाध्यम सेवहइंफोर्फोर्मेशनकंट्रोलकरनाचाहतेहैसोशलमीडिया और
वेबसाइटपरसिर्फवहीखबरेंचलेंगी,जोआर्टिफिशलइंटेलिजेंसऔरवैज्ञानिक केलिएउपयुक्त
होंगी,धर्मकेलिएनहीं,
दिमागइम्प्लांटतकनीककेनुकसान:मेमोरीकोरिमोटकंट्रोलसेफॉर्मैटकियाजासकताहै,
आपकेसभीअनुभवोंकोमिटादियाजासकताहै।झूठीमेमोरीइम्प्लांट:अन्यायपूर्णयादेंआपके
दिमागमेंडालीजासकतीहैं,जोआपकेजीवनकोअवरोधित करसकतीहैं।तकनीकसेआपका
दिमागहैककियाजासकताहैऔरआपकोअनुचितउपयोगकेलिएगुलामबनायाजासकताहै।
निजीताकाउल्लंघन:आपकाव्यक्तिगत जीवनतकनीकी अभिशाप केतहतनहींरहसकता।
इम्प्लांटकेद्वाराआपकामस्तिष्क परफॉर्मेटेडहोसकताहै,जोआपकेस्वतंत्रता कोखतरेमें
डालसकताहै।तकनीकी उपकरणों सेआपकादिमागहमेशाकेलिएप्रभावित होसकताहै,
जिससेआपकीव्यक्तिगतता परअसरपड़सकताहै।धारणाकिएगएझूठेस्मृतियोंकेकारण
आपकी पहचानऔरस्वास्थ्य परसंदेहडालाजासकताहै।तकनीकी उपकरणों केद्वाराआपके
विचारोंकोअन्यायपूर्णरूपमेंप्रभावितकियाजासकताहै।इम्प्लांटकेद्वाराआपकी
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संवेदनशीलताकोशिकारबनायाजासकताहै,जिससेआपबाहरीनियंत्रण मेंचलेजासकतेहैं।
तकनीकी अभिशाप सेबचनेकेलिएअभिनिव ेशकीजरूरतहै,जिससेहमअधिक संवेदनशील,
स्वतंत्रऔरसुरक्षितरहसकें।
ऋषिविशेषकेज्ञाननेलोगोंकेदिलोंमेंक्रांतिलादी।लोगधीरे-धीरेपापऔरअधर्मसेदूरहोने
लगे।उन्होंन ेधर्मऔरकर्मकापालनकरनाशुरूकिया।
कलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी कोऋषिविशेषकेबढ़तेप्रभावकापताचला।वहक्रोधित हो
गयाऔरउसनेविशेषकोरोकनेकाफैसलाकिया।उसनेअपनेराक्षसोंकोऋषिविशेषपरहमला
करनेकेलिएभेजा।
ऋषिविशेषकाजीवनउनकेधर्मऔरसत्यकेप्रतिविश्वासकेसाथभराथा।लेकिन,उनकेधर्म
औरज्ञानकेविरोधीभीथे,जोउन्हेंनुकसानपहुंचानेकेलिएकईबारहमलाकिया।ऋषिविशेष
केविरोधीउनकेज्ञानकोदबानेकीकोशिश करतेथे।वेउन्हेंबाधित करनेकेलिएअलग-अलग
षड्यंत्ररचतेथे।कईबारउन्होंन ेऋषिविशेषकेजीवनकोखतरेमेंडालनेकीकोशिश की,जिससे
उनकेधार्मिककार्योंकोरोकाजासकताथा।कईबारउन्हेंहमलेकेकारणजोखिम मेंडालागया।
उनकेविरोधीउन्हेंनुकसानपहुंचानेकीकोशिश करनेलगे,जिससेउनकेजीवनऔरउनकेज्ञान
कोखतराथाऋषिविशेषकागुप्तहोकरकार्यकरनेलगे
कलिमराज मोलोचकाकीयोजनाथीधरतीकोअपनेअधीनकरनेकी,जिसमेंउन्होंन ेआधुनिक
बीमारियों कोफैलानेऔरलोगोंकोमारनेकेलिएइंजेक्शनबेचनेकीयोजनाबनाईथी।इसके
अलावा,विदेशीताकतोंकासाथलेकरविश्वयुद्धकेहमलेकीसंभावनाथी।
कलिमराज मोलोचकाकीयोजनाओंकेतहत,भारतकेसाथीराज्योंकेलिएखतराबढ़गयाथा।
भारतसरकारकोइससमयविशेषध्यानदेनेकीआवश्यकता थीताकिदेशकोउनकेकरणोंके
खिलाफबचायाजासके।
ऋषिविशेषकेकल्किअवतारसेफिरसेमुलाकात
ऋषिविशेषकोभारतसरकारमेंगुप्तरूपसेकार्यकरनेकीजिम्मेदारीसौंपीगई।उन्हेंकेंद्र
सरकारद्वाराउनकीविशेषज्ञानशक्ति औरयोगदानकीपहचानकीगईथी।जबऋषिविशेष
अपनाकार्यभारशुरूकरतेहैवोयेदेखकरचक्तिहोजातेहैजिसकल्किअवतारसेउनकी
मुलाकातउनकी संभालामेंहुईवोदेशकेप्रधानमत्री केसाथपहचानबदलकरकार्यकररहेथे,
केवलकुछलोगहीउनकेइससचकोजानतेथेउसमेसेऋषिविशेषभीथे,कल्किअवतारऔर
ऋषिविशेष,भारतसरकारकेसाथकार्यकरनेलगेऔरउनकामार्गदर्शनकररहेथे
ऋषिविशेषनेअपनीगहरीध्यानऔरशक्तियों काउपयोगकरकेदेशकीसुरक्षामेंयोगदान
दिया।कल्किअवतारनेअपनेअद्वितीयज्ञानऔरविशेषशक्तियों काउपयोगकरकेविदेशी
अभियांत्रिकों औरशैतानिक ताकतोंकेखिलाफसफलतापूर्वकलड़ा।
कल्किअवतारकेयोगदानसेभारतकीआत्मनिर्भ रताऔरसुरक्षामेंमहत्वपूर्णसुधारहुआ।
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उनकागुप्तकार्यदेशकीसुरक्षाऔरअस्तित्व कोसुनिश्चित करनेमेंमहत्वपूर्णभूमिका
निभाई।कल्किअवतारऔरऋषिविशेषकीसाहसिकता ,विद्वत्ता ,औरनिष्ठाकेबलपरहीदेश
काअपनामहत्वपूर्णस्थानसुनिश्चित होसका।
कलिमराज मोलोचकाकासपनाथाविश्वकेविनाशका,औरउसनेइसेप्राप्तकरनेकेलिए
विश्वयुद्धकीयोजनाबनाई।उसनेअपनेविरोधियों कोबहुतधूरतकपहुंचानेकेलिएअपनी
सेनाकाइस्तेमालकिया,जोबहुतबड़ीताकतथी।
उसनेगृहयुद्धकीयोजनाबनाई,जिसमेंवहअपनेविरोधियों केदेशोंकेअंदरआतंकऔरभय
फैलानेकाप्रयासकरता।उसनेअपनीसेनाओंकोउनदेशोंकेअंदरघुसनेकेलिएउत्तेजितकिया,
जिनमेंभारतभीथा।
उसनेभारतपरविदेशीताकतोंकोअपनीयोजनाकेतहतहमलाकरनेकाआदेशदिया।उसने
भारतकोअपनेअधीनकरनेकीकोशिश की,इसयोजनाकेतहत,कलिमराज मोलोचकानेभारत
कोअपनागुलामबनानेकीकोशिश की,लेकिनभारतीयलोगोंनेउसकेषड्यंत्रोंऔरहमलोंका
मुकाबलाकियाऔरसामूहिकरूपसेलड़ा।युद्धमेंबड़ेबलिदानों केबावजूद,भारतने
कलिमराज मोलोचकाकीयोजनाकोअसफलबनायाऔरअपनीस्वतंत्रता कोबनाएरखा।
पूरीदुनियामेंयुद्ध,उत्पीड़न ,औरप्राकृतिकआपदाओंकाविस्तारहुआ,जिससेलाखोंलोगोंकी
मौतहोगई।विश्वयुद्धकीबढ़तीघटनाओंनेपृथ्वीकोअप्रियस्थितिमेंडालदियाथा।
अपातकालीन आपदाओंनेविश्वकीआधीसेज्यादाआबादी कोनष्टकरदियाथा।हालांकि,बची
हुईआबादी मेंविश्वासीऔरसच्चेलोगथेजोआत्मनिर्भ रता,धार्मिकता,औरसामाजिक सहयोग
कीभावनासेयुगकीअगली पीढ़ीकानिर्माण कररहेथे।
इसअंतिमयुद्धकेदौरान,कल्किअवतारसबकेसामनेप्रत्यक्षरूपसेआचुकेथेफिरकुछऐसे
लोगथेजोइसबातकोकेवलअफवाहमानतेथे,ज्यादातरलोगोंकामनअस्तित्व सेभराथा,
औरवेसच्चेभक्तऔरनेत्रभूतलोगबनगएथे।इसआपातकालमें,वेधर्मकीप्राथमिकता को
समझनेऔरअपनानेकेलिएतैयारथे।
अबजबजीवनकेसभीस्तरोंपरसंकटऔरसंघर्षकासमापनहोगया,तोविश्वशांतिऔर
समृद्धिकीदिशामेंअग्रसरहोनेलगा।सतयुगकीस्थापनाकेलिएएकनयायुगशुरूहुआ,
जिसमेंसच्चाई,धर्म,औरप्रेमकाराजथा।
भारतएककेविश्वगुरु,एकनयीशक्तिरूपमेंपृथ्वीपरउभरा,जोनकेवलअपनीआत्माकी
शक्तिसेप्रेरितथा,बल्किउसकी शांतिऔरप्रेमकीधारानेपूरीदुनियाकोप्रभावितकिया।
भारतएकसोनेकीचिड़िया कीभूमिकानिभाताहुआदिखाईदिया,जोसतयुगकीस्थापनामें
अहमभूमिकानिभाताहुआथा।
कल्किअवतारकीशक्ति,ज्ञान,औरनीतियों नेकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी कोहराया
औरउसकेअधर्मीशासनकोसमाप्त करदिया।कलिमराज कीहारसेसाराविश्वखुशहुआ,और
पृथ्वीपरफिरसेधर्मऔरन्यायकासमयआगया।
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सतयुगकाप्रारंभहुआ,औरइसयुगकेसाथशांति,समृद्धि,औरधर्मकीभरपूरबातेंआनेलगीं।
लोगअपनेआत्माकेमूल्यकोसमझनेलगेथेऔरउनमेंधर्म,सत्य,औरप्रेमकीभावनाफिरसे
जागृतहोगईथी।
सतयुगमेंकल्किअवतारकायोगदानएकमहत्वपूर्णरूपसेव्यक्तिऔरसमाजकेउत्थानका
हिस्साथा।कल्किअवतारकीपहचानउनकी अत्यंतशक्तिशाली ,ज्ञानी,औरन्यायप्रियप्रकृति
केकारणहुईथी।
कल्किअवतारकामुख्यउद्देश्यथाधरतीपरअधर्मिनोंकासमापनकरनाऔरसतयुगकी
स्थापनाकरना।उन्होंन ेकलिमराज मोलोचकाअक्कानिकी कोपरास्त करधरतीपरधर्मऔर
न्यायकीपुनर्स्थापना केलिएअपनीशक्तिकाप्रदर्शनकिया।
कल्किअवतारनेअपनेज्ञान,शक्ति,औरनीतियों काप्रयोगकरकेलोगोंकोधर्मऔरन्यायकी
महत्वपूर्णताकेप्रतिजागरूककिया।उन्होंन ेविभिन्नशिक्षाएंदीं,जिनसेलोगअपनेआत्माके
मूल्यकोसमझकरसहीदिशामेंबढ़सकतेथे।
कल्किअवतारनेसतयुगमेंसच्चेधर्मऔरन्यायकापालनकरनेकीभावनाकोप्रोत्साहित
किया।उनकायोगदानलोगोंकोआत्मिक साक्षरतामेंबढ़ोतरी औरउन्नतिकीदिशामें
मार्गदर्शनकरनेमेंसहायकरहा।
कल्किअवतारकासतयुगमेंयोगदानएकनएसमृद्धिऔरशांतिकेयुगकीशुरुआतकाहिस्सा
बना।उनकेआदर्शोंऔरउपदेशोंनेमानवसमाजकोसच्चेधर्मऔरन्यायकीप्रेरणासेभरदिया
औरउन्होंन ेएकनएआध्यात्मिक उत्थानकीदिशामेंप्रेरितकिया।
सतयुगमेंधार्मिकताऔरनैतिकताकापालनकरनेवालेलोगोंकीसंख्यामेंवृद्धिहोतीगई,और
समाजमेंसामंजस्य औरभाईचाराफिरसेप्रचुरहोगया।लोगएकदूसरेकीमददकरनेमेंसक्रिय
रूपसेशामिल होगएथे।
सतयुगमेंध्यानऔरतपकीमहत्वपूर्णभूमिकाथी।लोगनैतिकताऔरआध्यात्मिकता के
माध्यम सेअपनेआत्माकेसाथमिलकरएकऊचेस्तरपरपहुंचनेकाप्रयासकररहेथे।
इसयुगमें,आत्मिकविकासकेमाध्यम सेसमाजमेंसकारात्मक परिवर्तनआया।लोगोंनेपाप
औरअधर्मसेमुक्तहोकरसच्चेधर्मऔरन्यायकीप्रेरणाकोअपनाया।सतयुगनेमानवताको
एकनएआध्यात्मिक औरनैतिकस्थानपरलेजानेकासमयदियाऔरएकनयेजीवनका
आरंभकिया।
आत्माकोमुक्तकरनेकेलिएमानवताकेलिएसन्देश:
1.आत्म-ज्ञान:आत्माकोमुक्तकरनेकेलिएसबसेमहत्वपूर्णकदमहैआत्म-ज्ञानप्राप्त
करना।अपनेआपकोसमझने,अपनीभावनाओं,विचारोंऔरकर्मोंकोजाननेकेलिएसमय
निकालें।
2.कर्म:अच्छेकर्मोंकाअभ्यासकरें।दूसरोंकीमददकरें,दयालुऔरकरुणामय बनें।निःस्वार्थ
भावसेसेवाकरेंऔरसमाजमेंसकारात्मक योगदानदें।
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3.ध्यान:ध्यानआत्माकोशांतकरनेऔरमनकोएकाग्रकरनेकाएकशक्तिशाली साधनहै।
नियमितरूपसेध्यानकरनेसेआपकोअपनेविचारोंऔरभावनाओंकोबेहतरढंगसेनियंत्रित
करनेमेंमददमिलेगी।
4.योग:योगशरीरऔरमनकोस्वस्थ रखनेकेलिएएकमहत्वपूर्णअभ्यासहै।योगासनऔर
प्राणायामआत्माकोशांतकरनेऔरमनकोएकाग्रकरनेमेंमददकरतेहैं।
5.प्रेम:प्रेमआत्माकोमुक्तकरनेकासबसेशक्तिशाली साधनहै।अपनेआपसेप्यारकरें,
दूसरोंसेप्यारकरेंऔरपूरीदुनियासेप्यारकरें।
6.क्षमा:क्षमाआत्माकोमुक्तकरनेकेलिएआवश्यक है।दूसरोंकोक्षमाकरेंऔरखुदकोक्षमा
करें।क्षमाकरनेसेआपअतीतकेबोझकोछोड़सकतेहैंऔरवर्तमानमेंजीसकतेहैं।
7.आभार:आभारआत्माकोखुशऔरमुक्तरखनेकाएकमहत्वपूर्णतरीकाहै।अपनेजीवनमें
जोकुछभीआपकेपासहैउसकेलिएआभारी रहें।
8.सकारात्मक सोच:सकारात्मक सोचआत्माकोमुक्तकरनेऔरजीवनमेंखुशीलानेकाएक
महत्वपूर्णतरीकाहै।हमेशासकारात्मकविचाररखेंऔरनकारात्मकविचारोंकोदूररखें।
9.आत्म-विश्वास:आत्म-विश्वासआत्माकोमुक्तकरनेकेलिएआवश्यक है।अपनेआपपर
विश्वासरखेंऔरअपनीक्षमताओंपरविश्वासरखें।
10.आत्म-समर्पण:आत्म-समर्पणआत्माकोमुक्तकरनेकाअंतिमचरणहै।अपनेआपको
ईश्वरयाउच्चशक्तिकेसामनेसमर्पितकरें।आत्म-समर्पणसेआपकोअपनेजीवनमेंशांति
औरखुशीमिलेगी।
यहमानवताकेलिएएकसन्देशहैकिआत्माकोमुक्तकरनेकेलिएहमेंआत्म-ज्ञान,अच्छे
कर्म,ध्यान,योग,प्रेम,क्षमा,आभार,सकारात्मक सोच,आत्म-विश्वासऔरआत्म-समर्पणका
अभ्यासकरनाचाहिए।
यहभीध्यानरखेंकिआत्माकोमुक्तकरनेकीयात्राएकनिरंतरयात्राहै।धैर्यरखेंऔरलगातार
प्रयासकरतेरहें
कहानीसे10सीख
1.धर्मऔरकर्मकामहत्व:कहानीधर्म(ईमानदारी )औरकर्म(क्रियाएँऔरउनके
परिणाम)केमहत्व कोएकन्यायपूर्णऔरसंतोषजनकजीवनकेमार्गदर्शकसिद्धांतों
केरूपमेंरेखांकित करतीहै।यहसुझावदेताहैकिइनसिद्धांतों सेभटकनेसेदुखऔर
आध्यात्मिक बंधनहोताहै।
2.ज्ञानऔरशिक्षाकीशक्ति:बुद्धिमानऋषिवशिष्ठ सच्चेज्ञानऔरशिक्षाकीशक्तिका
प्रतिनिधित्व करतेहैं,जिससेदूसरोंकोज्ञानदियाजासकेऔरउन्हेंसहीरास्तेकीओर
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अग्रसरकियाजासके।उनकीशिक्षाएँलोगोंकोअज्ञानताऔरदमनसेमुक्तहोनेका
सशक्त बनातीहैं।
3.अत्याचारकेखिलाफविरोध:कहानीअत्याचारकाविरोधकरनेऔरस्वतंत्रता केलिए
लड़नेकेमहत्व कोउजागरकरतीहै।वशिष्ठ कादुष्टराक्षसराजाकेखिलाफसाहसीरुख
दूसरोंकोअन्यायकोचुनौतीदेनेऔरएकबेहतरदुनियाकेलिएप्रयासकरनेकेलिए
प्रेरितकरताहै।
4.आध्यात्मिकता केमाध्यम सेआंतरिकशक्ति:कहानीइसबातकोरेखांकित करतीहै
किध्यानऔरतपस्याजैसीआध्यात्मिकक्रियाओंकेमाध्यम सेकोईकितनीभारी
आंतरिकशक्तिकानिर्माण करसकताहै।वशिष्ठ कीआध्यात्मिक शक्तिउन्हेंप्रतीत
होनेवालीअत्यधिक कठिन चुनौतियों कोपारकरनेमेंसक्षमबनातीहै।
5.आशाऔरपरिवर्तन:सबसेअंधेरेसमयमेंभी,कहानीसकारात्मक बदलावकीउम्मीद
कीकिरणदेतीहै।राक्षसराजापरवशिष्ठ कीजीतव्यक्तिगत औरसामूहिकपरिवर्तन
कीसंभावनाकाप्रतीकहै,औरएकअधिक शांतऔरन्यायपूर्णसमाजकीस्थापनाका
भी।
6.चुनावोंकेपरिणाम:कहानीहमेंयाददिलातीहैकिहमारेफैसलोंकेपरिणामहोतेहैं,
हमारेलिएऔरदूसरोंकेलिएभी।पात्रोंकेफैसले,चाहेवहलालच,शक्तियाधर्मसे
प्रेरितहों,उनकी अपनीनियतिऔरदुनियाकेभाग्यकोआकारदेतेहैं।
7.विवेकऔरआलोचनात्मक सोच:कहानीपाठकोंकोगंभीररूपसेसोचनेऔरसत्यको
असत्य सेअलगकरनेकेलिएप्रोत्साहित करतीहै।वशिष्ठ काज्ञानलोगोंकोसच्चे
रास्तेऔरबुराईकेभ्रामकआकर्षणकेबीचअंतरकरनेमेंमददकरताहै।
8.एकताऔरसहयोग:कहानीबतातीहैकिजबलोगकिसीसाझाउद्देश्यकेलिएएकजुट
होतेहैंतोवेअधिक मजबूतहोतेहैं।वशिष्ठ कीशिक्षाएँलोगोंकोदमनकेखिलाफ
एकजुटकरतीहैं,यहदर्शाताहैकिसकारात्मक बदलावलानेमेंसामूहिककार्रवाईकी
शक्तिहै।
9.सीखनेकीनिरंतरयात्रा:कहानीअच्छाईऔरबुराईकेबीचचलनेवालेसंघर्षकीसतत
प्रकृतिकीओरइशाराकरकेसमाप्त होतीहै।इसकामतलबहैकिज्ञान,धर्मऔरमुक्ति
कीखोजएकनिरंतरयात्राहै,जिसमेंनिरंतरसतर्कताऔरप्रयासकीआवश्यकता होती
है।
10.व्यक्तिगतजिम्मेदारी-अंततः,कहानीहमारेअपनेजीवनऔरहमारेआसपासकी
दुनियाकोआकारदेनेमेंव्यक्तिगतजिम्मेदारीऔरएजेंसीकेमहत्व परबलदेतीहै।
वशिष्ठ केकार्यपाठकोंकोअपनेफैसलोंकीजिम्मेदारीलेनेऔरएकबेहतरदुनिया
बनानेमेंसक्रियरूपसेयोगदानकरनेकेलिएप्रेरितकरतेहैं।
यहकहानीअध्यात्म औरधर्मकेमहत्व परबलदेतीहै।कहानीहमेंआशाभीदेतीहैकिभलेही
हमकितनीभीगलतियाँ करें,हमहमेशासुधारकरसकतेहैंऔरसहीरास्तेपरवापसआसकते
हैं।
कहानीसेशिक्षाएँ:
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●अध्यात्म औरधर्मकाज्ञानहीमानवताकोपतनसेबचासकताहै।
●सच्चेज्ञानकाप्रचारकरनेवालेलोगसमाजमेंक्रांतिलासकतेहैं।
●बुराईपरअच्छाईकीहमेशाजीतहोतीहै।
●आत्माकोमुक्तकरनेकेलिएआत्म-ज्ञान,अच्छेकर्म,ध्यान,योग,प्रेम,क्षमा,आभार,
सकारात्मक सोच,आत्म-विश्वासऔरआत्म-समर्पणकाअभ्यासकरनाचाहिए।
●धर्मऔरकर्मकामहत्व
●ज्ञानऔरशिक्षाकीशक्ति
●अत्याचारकेखिलाफविरोध
●आध्यात्मिकता केमाध्यम सेआंतरिकशक्ति
●आशाऔरपरिवर्तन
●चुनावोंकेपरिणाम
●विवेकऔरआलोचनात्मक सोच
●एकताऔरसहयोग
●सीखनेकीनिरंतरयात्रा
●व्यक्तिगतजिम्मेदारी
----------------------------------------------------------------------------
इसकहानीकेपत्र,स्थान,औरपात्रसभीकाल्पनिक हैंऔरइसेकल्पनाकेआधारपरबनायागयाहै।इसकहानीकाप्रयास
पाठकोंमेंप्रेरणा,ज्ञान,औरएकसुंदरकहानीप्रस्तुतकरनाहै।यहकहानीकिसीवास्तविक घटनायाव्यक्तिकीछविनहींहै,और
किसीभीसमानतायासांदर्भिकताकाआभासयदिहोताहै,तोयहसंयोजनात्मक है।
इसपुस्तककेसभीसाहित्यिक औरकल्पनात्मक अंशोंकेबारेमेंकॉपीराइट(©)औरसभीअधिकार (AllRightsReserved)की
शीर्षकएवंविवरणइसपुस्तककेलेखकयासंचारककीसंपत्तिहैं।रीडरइसपुस्तककाइसकहानीकोशेयरसकतेहैं,परकहानी
कोतोड़नायाखराबरूपसेप्रस्तुतनकरनेकीजिम्मेदारीलें।कृपयासमझेंकिइसनोटकाउपयोगऔरसंज्ञानमेंलेतेहुए,किसी
भीअनधिक ृतउपयोगकेलिएविधिक कार्रवाईकीजासकतीहै।धन्यवाद।
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