shivanandjaiswal1
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Jun 30, 2022
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About This Presentation
Assignment :- Write A film Review
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Language: none
Added: Jun 30, 2022
Slides: 12 pages
Slide Content
UNIVERSITY OF ALLAHABAD (A CENTRAL UNIVERSITY) CENTER OF MEDIA STUDIES INSTITUTE OF PROFESSIONAL STUDIES 1.
INTRODUCTION D Assignment :- Write A film Review Under the guidance of Mr. Vidyasagar Mishra Name :- Achutanand Jaiswal Course :- B.A.M.S. :- 6th Semester Sub :- Film studies Roll no. :- 03 Faculty :- Mr. Vidyasagar Mishra Date :- 22 July 2022 Examinor S ign :- 2 .
CONTENTS Sr. No. Title Page No. 1. एक्नॉलेजमेंट 4. 2. सर्टिफिकेट 5. 3. प्रस्तावना 6. 4. फिल्म समीक्षा : तलवार 7. 5. रेफरेंसेस 11. Place :- Prayagraj 22 July 2022 Achutanand Jaiswal B.A.M.S. IVth (Semester) University Of Allahabad 3.
ACKNOWLEDGEMENTS This Assignment work has been made possible through the direct and indirect co-operation of various people for whom I wish to express my gratitude. In the beginning, I would like to express my sincere gratitude to Dr. Dhananjay Chopra, Dean Center Of Media Studies, Institute Of Professional Studies, University Of Allahabad, Prayagraj , Uttar Pradesh, India and Subject Faculty of ‘Film Stuies ’ Mr. Vidya Sagar Mishra for his immense support and vital encouragement. I express heartfelt thanks to the most respected Mr. Vidya Sagar Mishra for his excellent guidance, valuable advices, critical comments and inspiration throughout the Assignment. Of great importance, I would also like to give my special thanks to my classmates, friends and my family for cooperating and helping me in the completion of this Assignment. Place :- Prayagraj 22 July 2022 Achutanand Jaiswal B.A.M.S. IVth (Semester) University Of Allahabad 4 .
5 . CERTIFICATE This is certified that Mr................................................................ student of B.A. in media studies semester VI at centre of media studies, Institute of Professional Studies, University of Allahabad, completed his assignment on the topic 'Write a film review' under the guidance of 'Mr. Vidyasagar Mishra' Faculty of 'Film studies' at centre of media studies, Institute of Professional Studies, University of Allahabad , During this year 2022. This report is a result of her efforts and endeavors. The report is found worthy of acceptance as the final project report for Film studies Assignment . Place :- Prayagraj July 2022 Examinor Sign. ....
6 . प्रस्तावना फिल्म समीक्षा एक प्रकार का क्रिएटिव लेखन है, जिसमें समीक्षक के संस्कार , परिवेश , ज्ञान और जानकारी का पता चलता है। हिंदी में ब्लॉग की लोकप्रियता के बाद फिल्मों पर बहुत अच्छा लिखा जा रहा है । एक फिल्म फिर चाहे उसमे कितना भी ख़राब काम किया गया हो या फिर वह कला का एक शानदार नमूना हो ; यदि लोग इसे देख रहे हैं, तो यह रिव्यु के लायक है। एक अच्छी फिल्म रिव्यु वो है जो मनोरंजन करे, समझाए और जानकारी दे, साजिश से दूर असली और निष्पक्ष विचार दे। एक महान फिल्म रिव्यु अपने आप में कला का काम हो सकता है । आप जब किसी फिल्म के बारे में अपने कोई भी विचार रखते हैं तो आप उस फिल्म की समीक्षा ही कर रहे होते हैं। मगर अच्छे और प्रोफेशनल समीक्षक बनने के लिए फिल्मी कला के सभी आयामों की समझ होना आवश्यक है। इसके लिए अच्छे निर्माताओं और निर्देशकों की फिल्म देखिए और अभिनय , कैमरा, निर्देशन , कहानी, स्क्रिप्ट और संपादन आदि सभी विधाओं पर ध्यान दीजिए। फिल्म की हर विधा में आपको कुछ कला मिलेगी । बस उस सब के बारे में लिखना ही फिल्म की समीक्षा करना कहा जा सकता है।
7 . फिल्म समीक्षा ‘ तलवार ’ कानून अव्यवस्था पर आघात करती है 'तलवार' फिल्म का नाम : - तलवार डायरेक्टर : - मेघना गुलजार स्टार कास्ट : - इरफान खान, कोंकणा सेन शर्मा, नीरज कबी, तब्बू, सोहम शाह, गजराज राव और अतुल कुमार इत्यादि। अवधि : - 132 मिनट। सर्टिफिकेट : - U/A मूवी टाइप : - सस्पेंस रेटिंग : - 4.5/5 स्टार
8 . निर्देशन मेघना गुलजार फिल्म इंडस्ट्री की जानी - मानी फिल्म निर्देशकों में से एक हैं। इन्होंने ड्रामा, सस्पेंस जैसे कई विधाओं की यूनिक फिल्मों को निर्देशित किया है। ये मशहूर गीतकार गुलजार और अभिनेत्री राखी की बेटी हैं। मेघना ने 'फिलहाल', 'जस्टमैरिड' और 'दस कहानियां' जैसी मशहूर फिल्में निर्देशित की हैं। मेघना की फिल्म 'तलवार' मशहूर आरुषि मर्डर केस जांच के मद्देनजर बनाई गई है और यह एक वास्तविक घटना पर आधारित फिल्म है। आइए जानते है फिल्म 'तलवार' की समीक्षा। स्क्रिप्ट फिल्म की कहानी विशाल भारद्वाज ने लिखी है। स्क्रिप्ट लेवल पर स्क्रिप्ट राइटर ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। उन्होंने अपनी पुरजोर कोशिश करते हुए स्क्रिप्ट में आरुषि हत्या कांड से जुड़े हुए प्रमुख बिंदुओं पर गहनता से प्रकाश डाला है। पिता-बेटी , मां-बेटी , माता-पिता , माता-पिता-बेटी और नौकर, इन सभी के फिल्मांकन को देखकर लगता है की इस फिल्म की लिखावट के पीछे काफी रिसर्च हुई है। कहानी में 3 अलग-अलग फैसलों पर भी विशेष टिप्पणी की गई है । आखिरी के 12 मिनट और दिलचस्प हो जाते है क्योंकि संवाद कुछ इस तरह से रचे गए है जो ऐसे सस्पेंस फिल्म में कभी-कभी आपको हंसने पर भी विवश करते हैं ।
9 . फिल्म की कहानी 2008 में दिल्ली से सटे नोएडा में हुए आरुषि मर्डर केस की जांच पर आधारित है। जिसमें रमेश टंडन (नीरज कबी ), नूतन टंडन (कोंकणा सेन) अपनी बेटी श्रुति टंडन के साथ रहते हैं। श्रुति का मर्डर घर के नौकर खेमपाल के साथ एक ही रात होता है जिसकी जांच पहले पुलिस और बाद में सीबीआई ऑफिसर अश्विन कुमार (इरफान खान) करते है और तीन तरह की जांच रिपोर्ट पेश की जाती है। कहानी शुरु होती है उस सुबह से जब डॉ. रमेश टंडन (नीरज कबी) के घर साफ - सफाई करने वाली एक मेड उनके घर पहुंचती है। घंटी की आवाज सुन कर रमेश की पत्नी नूतन टंडन (कोंकणा सेन शर्मा ) दरवाजा खोलने के अपने कमरे से बाहर आती है। दरवाजे पर अंदर से ताला (डोर लॉक) लगा है । नूतन अपने नौकर खेमपाल को पहले आवाज देती है। वो नहीं आता तो उसका फोन लगाती है। इतने में मेड कहती है कि मैडम आप डुप्लीकेट चाबी बॉलकनी से बाहर फेंके ताला मैं बाहर से खोल दूंगी । मेड द्वारा चाबी लगाने से पहले ही दरवाजा धक्के से अपने आप खुल जाता है, तभी नूतन एक कमरे से चिल्लाती हुई बाहर निकलती है और मेड हाथ खींच कर अपनी बेटी श्रुति (आयशा परवीन) के कमरे तक ले जाती है। बेड पर श्रुति की लाश पड़ी है। नूतन रोते - चिल्लाते मेड से कहती है, 'देख खेमपाल क्या करके भाग गया '। इसके बाद इस केस में पुलिस की एंट्री होती है जो की इस केस को अपने लापरवाही के चलते सॉल्व नहीं कर पाती और फिर यह केस सीबीआई को सौंप दिया जाता है और सीबीआई भी अपना रिपोर्ट पेश करती है लेकिन मामला तब भी नहीं सुलझता जिसके कारण इस फिल्म में सस्पेंस बढ़ जाता है। फिल्म की कहानी
10. तलवार में अभिनय के मामले में कही चूक नहीं रही। इरफ़ान खान, कोंकणा सेन शर्मा, तब्बू हर किसी ने बेहतरीन अभिनय किया है। और अभिनय ही फ़िल्म की यूएसपी है। एक पिता के किरदार में नीरज कबी और मां का रोल कर रही कोंकणा ने काफी मार्मिक अभिनय किया है। वही एक स्पेशल रोल में तब्बू ने साबित कर दिया कि उन्हें एक बेहतरीन एक्ट्रेस क्यों कहा जाता है। जांच कार्य में जुटे इरफान खान की एक्टिंग लाजवाब है। फिल्म में एक्टर्स की खासियत ही इसे कम गंभीर और ज्यादा दिलचस्प बनाती है। इस फिल्म में वैसे तो कोई भी लिप सिंक वाला गीत नहीं है। लेकिन जब भी बैक ग्राउंड में आलाप आते हैं, तो आप कहानी से बंध जाते हैं।रेखा भारद्वाज का गाया गीत भी हृदय भावुक कर जाता है। गुलजार साहब की लिखावट ने फिल्म के संगीत में काफी अहम रोल निभाया है । अभिनय और संगीत क्यों देखें यह फिल्म तलवार फ़िल्म हमारे समाज के लिए एक बेहतरीन फ़िल्म है। ये हमारी ढीली कानून अवस्था पर एक थप्पड़ है। यह फ़िल्म हर किसी को देखनी चाहिए। पुलिस किस तरह संवेदनहीन और लापरवाह होकर जांच करती है। अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए कैसे अपने मन से मनगढ़ंत झूठे केस बना लेते हैं, यह इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। ये फिल्म पुलिस और जांच एजेंसियों के काम करने के ढंग पर से पर्दा उठाती है। यह फिल्म उन संजीदा दर्शकों के लिए है, जिनकी दिलचस्पी यह जानने में है कि आखिर हमारी पुलिस तथा जांच एजेंसियां कैसे काम करती हैं।
11. फिल्म की मात्र एक कमजोर कड़ी तब देखने को मिलती है, जब एक जांच से दूसरे जांच के बीच का स्विच होता है। तीसरे लेवल की जांच कमजोर सी लगती है। इरफान खान की जांच प्रक्रिया के बाद अतुल कुमार का ट्रैक हल्का प्रतीत पड़ता है। कमजोर कड़ी बॉक्स ऑफिस यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर एक मध्यम सफलता वाली फिल्म रही । इस फ़िल्म ने ₹ 302 मिलियन ( US $4.0 मिलियन) की कमाई की। इस फिल्म के लिए भारद्वाज को 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में 'तलवार' के लिए सर्वश्रेष्ठ रूपांतरित पटकथा का पुरस्कार मिला और प्रसाद को 61वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ संपादन का पुरस्कार मिला । रेफरेन्सेस 1. नोट्स . 2. अध्यापक . 3. अखबार . 4. इंटरनेट .
SAVE EARTH SAFE LIFE The End...... ''SAVE GREEN TREES''... 12.