AWPL Panch Tulsi oil Uses & Ingrients with details
RajendraKhatri10
19 views
11 slides
Dec 27, 2024
Slide 1 of 11
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
About This Presentation
Benefits :-
पंच तुलसी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है!
तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है ! श्याम तुलसी, राम त�...
Benefits :-
पंच तुलसी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है!
तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है ! श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत सुरसा तुलसी, वन तुलसी, और नींबू तुलसी !
इन पांच प्रकार की तुलसी का अर्क विधि द्वारा अर्क निकाल कर पंचतुलसी का निर्माण किया गया है ।
यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी- बैक्टीरियल, एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू, एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी - डिजीज है.
पंचतुलसी की एक बून्द एक ग्लास पानी में या 3 से 4 बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विषाणुओं और रोगाणुओ से मुक्त होकर स्वास्थ्यवर्धक पेय हो जाता है ।
Size: 5.03 MB
Language: none
Added: Dec 27, 2024
Slides: 11 pages
Slide Content
Our mission is to spread Health, Wealth & Happiness!!!
Benefits :- पंच तुलसी एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है! तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है ! श्याम तुलसी , राम तुलसी , श्वेत सुरसा तुलसी , वन तुलसी , और नींबू तुलसी ! इन पांच प्रकार की तुलसी का अर्क विधि द्वारा अर्क निकाल कर पंचतुलसी का निर्माण किया गया है । यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट , एंटी- बैक्टीरियल , एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू , एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी - डिजीज है. पंचतुलसी की एक बून्द एक ग्लास पानी में या 3 से 4 बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विषाणुओं और रोगाणुओ से मुक्त होकर स्वास्थ्यवर्धक पेय हो जाता है । पंच तुलसी २०० से अधिक रोगो में लाभदायक है. जैसे के फ्लू , स्वाइन फ्लू , डेंगू , जुखाम , खासी , प्लेग , मलेरिया , जोड़ो का दर्द , मोटापा , ब्लड प्रेशर , शुगर , एलर्जी , पेट के कीड़ो , हेपेटाइटिस , जलन , मूत्र सम्बन्धी रोग , गठिया , दम , मरोड़ , बवासीर , अतिसार , आँख का दर्द , दाद खाज खुजली , सर दर्द , पायरिया नकसीर , फेफड़ो सूजन , अल्सर , वीर्य की कमी , हार्ट ब्लोकेज आदि .
तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक तथा शरीर के विष ( toxins ) को बहार निकलती है.! तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है.! तुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स ( RBC/Hemoglobin) को बढाने में अत्यंत सहायक है. तुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारिया बहूत ही कम होने लगती हैं । तुलसी के 4-5 बुँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है. तुलसी आग से जलने अथवा किसी जहरीले कीड़े के कांटने पर इस्तेमाल करने पर विशेष ही नहीं अपितु तुरंतराहत मिलती है । दमाँ व खासी में पंचतुलसी के दो बुँदे थोड़े से अदरक के रास तथा शहद के साथ मिलकर सुबह - दोपहर - श्याम सेवन करने पर तुरन्त लाभ मिलता है . यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो पंचतुलसी के एक बूँद मुँह में दाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी. दांत दर्द , दांत में कीड़ा लगना , मसूड़ों में खून आना पंचतुलसी के ४-५ बुँदे पानी में डालकर कुल्ला करन चाहिए.
कान का दर्द अथवा कान का बहना पर तुलसी को हल्का गरम करके एक बूंद कान में डाले . नाक में पिनूस रोग की परिशानी इसके अतिरिक्त फोड़े फुंसिया आदि रोगो में तुलसी को हल्का सा गरम करके एक बूंद नाक में डाले । गले में दर्द , गले व मुँह में छाले , आवाज़ बैठ जाना तुलसी के ४ -५ बुँदे गरम पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए . सर दर्द , बाल झड़ना , बाल सफ़ेद होना व सिकरी की स्थिति में तुलसी की ८ से १० मि.ली। हेयर आयल के साथ मिलाकर सर , माथे तथा कनपटियो पर लगाये तुरंत लाभ मिलता है । तुलसी के ८-१० बुँदे मिलकर शरीर में मलकर रात्रि में सोये , मछर नहीं काटेंगे कूलर के पानी में तुलसी के ८से १० बुँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है , तथा मक्खी - मच्छर भी घर से भाग जाते है . तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है. यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनाती है ।
तुलसी की दो बुँदे किसी भी अच्छी क्रीम में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धन्ने , छयीअन , कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है । सफ़ेद दाग : 10 मि.लि. नारियल के तेल में २० बुँदे तुलसी डालकर सुबह व रात सोने से पहले अच्छी तरह से मले । तुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है , रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है , व हार्ट अटैक और कोलेस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है । तुलसी को किसी भी अछि क्रीम में मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने ( स्ट्रेच मार्क्स ) दूर हो जाते है ! जुएं व लिखे होने पर तुलसी और नीमू का रास सामान मात्रा में मिलाकर सर के बालो में अच्छे तरह से लगाये! ३-४ घंटे तक लगा रहने दे। और फिर धोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोए।। जुएं व लिखे मर जायेंगे । त्वचा की समस्या में निम्बू रास के साथ तुलसी के ४-५ बुँदे डालकर प्रयोग करे ।
For More Detail Adviser AWPL Rajendra Khatri (Ex-Army) Mob : 9837411802