आयुर्वेद (Ayurveda) _ आयुर्वेद क्या है _ .pdf

SameerHusain15 2,185 views 14 slides Mar 21, 2023
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आयुर्वेद भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो व्यापक रूप से उपचार, स्वास्थ्य और जीवन शैली के लिए संबंधित है। इसे सबसे पुरा...


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|आयुर्वेदक्याहै?|आयुर्वेदकेमूलसिद्धांतक्याहैं?|
आयुर्वेदमेंरोगनिदानकैसेकियाजाताहै?|आयुर्वेदमें
इलाजआयुर्वेदकेअनुसारजीवनशैलीसुधारवरोग
नियंत्रणआय ुर्वेदकितनासुरक्षित है?|
आयुर्वेदकाजन्‍मलगभग3हजारवर्षपहलेभारतमेंहुआथा।विश्वस्वास्थ्यसंगठन(WHO)
द्वाराभीआयुर्वेदकोएकपारंपरिकचिकित्साप्रणालीकेरूपमेंस्वीकारकियागयाहै।
आयुर्वेदक्याहै?
आयुर्वेद(AyurvedinHindi)विश्वकीसबसेपुरानीचिकित्साप्रणालियोंमेंसेएकहै,
जिसकाशाब्दिकअर्थहै“जीवनकाज्ञान”।इसकाजन्मलगभग3हजारवर्षपहलेभारतमेंही
हुआथा।इसेविश्वस्वास्थ्यसंगठन(WHO)द्वाराभीएकपारंपरिकचिकित्साप्रणालीकेरूप

मेंस्वीकारकियागयाहै।आयुर्वेदचिकित्सापद्धति(Ayurvedicmedicine)कीतुलना
कभीभीमॉडर्नमेडिसिनसिस्टमसेनहींकीजासकतीहै,क्योंकिइनकाशरीरपरकामकरनेका
तरीकाएक-दूसरेसेकाफीअलगरहाहै।जहांएलोपैथिकदवाएंरोगसेलड़नेकेलिएडिजाइनकी
जातीहैं,वहींआयुर्वेदिकऔषधियांरोगकेविरुद्धशरीरकीप्रतिरक्षाप्रणालीकोमजबूतबनाती
हैं,ताकिआपकाशरीरखुदउसरोगसेलड़सके।आयुर्वेदिकचिकित्साकेअनुसारशारीरिकव
मानसिकरूपसेस्वस्थरहनेकेलिएशरीर,मनवआत्मा(स्वभाव)काएकसहीसंतुलनरखना
जरूरीहोताहैऔरजबयहसंतुलनबिगड़जाताहैतोहमबीमारपड़जातेहैं।जैसाकिहम
आपकोऊपरबताचुकेहैं,आयुर्वेदिकचिकित्साकईहजारसालपुरानीहै।इसीलिए,आजभी
इसमेंकिसीरोगकाउपचारयाउसकीरोकथामकरनेकेलिएहर्बलदवाओंकेसाथ-साथविशेष
प्रकारकेयोग,व्यायामऔरआहारबदलावआदिकीभीमददलीजातीहै।
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●डाइट
●एक्‍सरसाइज
●वेटलोस्स
●सेलिब्रिटी
आयुर्वेदकेमूलसिद्धांतक्याहैं?
आयुर्वेदकेसिद्धातों(Ayurvedaprinciplesinhindi)केअनुसारहमाराशरीरमुख्यतीन
तत्वोंसेमिलकरबनाहै,जिन्हेंदोष,धातुऔरमलकहाजाताहै।इनतत्वोंकेबारेमेंपूरी
जानकारीदीगईहै,जोकुछइसप्रकारहै-दोष(Dosha)-आयुर्वेदिकसाहित्योंकेअनुसार
मानवशरीरदोषोंकेमिलकरबनाहै,जिन्हेंवात,पितऔरकफदोषकहाजाताहै।येतीनोंदोष
प्रकृतिकेमूलपांचतत्वोंअग्नि,जल,वायु,पृथ्वीऔरआकाशसेमिलकरबनेहोतेहैं।प्रत्येक

दोषमेंइनमूल5तत्वोंमेंसेकोई2तत्वहोतेहैंऔरउन्हींतत्वोंकेआधारपरशारीरिककार्य
प्रक्रियानिर्धारितहोतीहै।जिन्हेंबारेमेंनिम्नटेबलमेंबतायागयाहै-
धातु-ठीकदोषोंकीतरहधातुभीपांचतत्वोंसेमिलकरबनीहोतीहैं।शारीरिकसंरचनाका
निर्माणकरनेवालेमुख्यतत्वोंमेंएकधातुभीहै।आयुर्वेदकेअनुसारहमाराशरीरसातधातुओं
सेमिलकरबनाहोताहै,इसलिएइन्हेंसप्तधातुभीकहाजाताहै।इनसभीधातुओंकाशरीरमें
अलग-अलगकार्यहोताहै,जोक्रमानुसारकुछइसप्रकारहै-
रसधातु(प्लाज्मा)-
रसधातुकाप्रमुखतत्वजलहोताहै,जोमुख्यरूपसेप्लाज्माकोसंदर्भितकरताहै।इसके
अलावालिम्फनोडऔरइंटरस्टीशियलफ्लूइडभीरसधातुकेअंतर्गतआतेहैं।वातकीमददसे
यहपूरेशरीरमेंहार्मोन,प्रोटीनवअन्यपोषकतत्वोंकोसंचारितकरतीहै।यहसप्तधातुकी
प्रथमधातुहोतीहै।
​रक्तधातु(रक्तकोशिकाएं)-
सप्तधातुकीदूसरीधातुरक्तहै,जिसकामुख्यतत्वअग्निहोताहै।रक्तधातुमेंलालरक्त
कोशिकाएंहोतीहैं,जोशरीरकेसभीहिस्सोंमेंप्राण(लाइफएनर्जी)संचारितकरतीहै।शरीरके
सभीहिस्सोंमेंऑक्सीजनपहुंचानाभीरक्तधातुकाकार्यहै।
​मांसधातु(मांसपेशियां)-
यहधातुशरीरकीमांसपेशीप्रणालीकोगतिप्रधानकरतीहै।मांसधातुशरीरकेवेऊतकहोतेहैं,
जोनाजुकअंगोंकोकवचप्रदानकरतेहैं।मांसधातुकोरक्तधातुकीमददसेपोषणमिलताहै।
​मेदधातु(फैट)-
यहधातुशरीरमेंऊर्जाएकत्रकरतीहैऔरफिरइसकाइस्तेमालकरकेशरीरकोशक्तिप्रदानकी
जातीहै।जलऔरपृथ्वीइसकेप्रमुखतत्वहोतेहैं,इसलिएमेदठोसऔरमजबूतहोताहै।मेद
धातुशरीरकेजोड़ोंकोचिकनाईप्रदानकरतेकाकामभीकरतीहै।

​अस्थिधातु(हड्डियां)-
इसधातुमेंशरीरकीसभीहड्डियांऔरउपास्थि(कार्टिलेज)शामिलहैं,जिसकीमददसेयह
शरीरकोआकारप्रदानकरतीहै।यहमांसधातुकोभीसमर्थनप्रदानकरतीहै।अस्थिधातुको
भोजनसेपोषणमिलताहै,जिससेयहमानवशरीरकोमजबूतबनातीहै।
​मज्जाधातु(बोनमैरो)-
यहधातुअस्थिमज्जाऔरतंत्रिकाप्रणालीकोसंदर्भितकरतीहै।मज्जाधातुशरीरकोपोषण
प्रदानकरतीहैऔरसभीशारीरिककार्योंकोसामान्यरूपसेचलानेमेंभीमददकरतीहै।
मस्तिष्कऔररीढ़कीहड्डीमेंचयापचयप्रक्रिया(मेटाबॉलिकप्रोसेस)कोनियंत्रितकरनाभी
मज्जाधातुकेमुख्यकार्योंमेंसेएकहै।
​शुक्रधातु(प्रजननऊतक)-
सप्तधातुकीसातवींऔरअंतिमधातुशुक्रधातुहै,जोव्यक्तिकीप्रजननशक्तिकोपोषण
प्रदानकरतीहै।इसधातुकेअंतर्गतशुक्राणुऔरअंडाणुभीआतेहैं।शुक्रधातुकफदोषसे
संबंधितहोतीहै।येसभीधातुएंआपसमेंएक-दूसरेसेजुड़ीहोतीहैंऔरइनमेंसेकिसीएकके
ठीकसेकामनकरनेपरउसकाअसरकिसीदूसरीधातुपरभीपड़सकताहै।येसभीधातुएंपांच
महाभूतों(यातत्वों)सेमिलकरबनीहोतीहैं।यदिआपकेशरीरकेतीनोंदोषठीकहैं,तोइनसातों
धातुओंकोसंतुलितरखनेमेंमददमिलतीहैऔरइससेसंपूर्णस्वास्थ्यबनारहताहै।इसके
विपरीतइनधातुओंकासंतुलनबिगड़नेसेविभिन्नप्रकारकेरोगविकसितहोनेलगतेहैं।मल-
मलमानवशरीरद्वारानिकालागयाएकअपशिष्टपदार्थहै।मलशारीरिकप्रक्रियाकाएक
महत्वपूर्णहिस्साहै,जिसकीमददसेशरीरसेगंदगीनिकलतीहै।आयुर्वेदकेअनुसारमलके
मुख्यदोप्रकारहैं-
​आहारमल-आहारमलमेंमुख्यरूपसेपुरीष(मल),मूत्र(पेशाब)औरस्वेद(पसीना)
शामिलहै।

​धातुमल-धातुमलमेंमुख्यत:नाक,कानवआंखसेनिकलनेवालेद्रवशामिलहैं।
इसकेअलावानाखून,बाल,कार्बनडाईऑक्साइडऔरलैक्टिकएसिडआदिभीधातुमल
मेंशामिलकिएजातेहैं।
शारीरिककार्यप्रक्रियाकोसामान्यरूपसेचलाएरखनेकेलिएमलकोनियमितरूपसे
उत्सर्जितकरनाजरूरीहोताहै।मलत्यागप्रक्रियाठीकसेनहोनेपरयहधातुकोप्रभावितकरता
हैऔरइसकेपरिणामस्वरूपदोषोंकासंतुलनबिगड़जाताहै।किसीभीदोषकासंतुलनबिगड़ने
सेअनेकबीमारियांविकसितहोनेलगतीहैं।
आयुर्वेदमेंरोगनिदानकैसेकियाजाताहै?
(DiagnosisinAyurveda)आयुर्वेदकेरोगनिदानकीअवधारणामॉडर्नमेडिसिन
डायग्नोसिससेकाफीअलगहै।आयुर्वेदमेंनिदानएकऐसीप्रक्रियाहैजिसकीमददसेनियमित
रूपसेशरीरकीजांचकीजातीहै,ताकियहनिर्धारितकियाजासकेकीशरीरकीसभीकार्य
प्रक्रियासंतुलितहैं।वहींवेस्टर्नमेडिसिनमेंडायग्नोसिसप्रोसीजरआमतौरव्यक्तिकेबीमार
पड़नेकेकारणकापतालगानेकेलिएकीजातीहै।हालांकि,आयुर्वेदमेंभीव्यक्तिकेबीमार
पड़नेपरउसकेकारणकापतालगानेऔरव्यक्तिकेशरीरकेसाथउचितइलाजप्रक्रिया
निर्धारितकरनेकेलिएनिदानकियाजाताहै।आयुर्वेदकेअनुसारकोईभीशारीरिकरोगशरीर
कीमानसिकस्थिति,त्रिदोषयाधातुओंकासंतुलनबिगड़नेकेकारणहोतीहै।रोगनिदानकी
मददसेइसअंसतुलनकापतालगायाजाताहैऔरफिरउसेवापससंतुलितकरनेकेलिएउचित
दवाएंनिर्धारितकीजातीहैं।निदानकीशुरूआतमेंमरीजकीशारीरिकजांचकीजातीहै,जिसमें
आयुर्वेदिकचिकित्सकमरीजकेप्रभावितहिस्सेकोछूकरवटटोलकरउसकीजांचकरतेहैं।
इसकेबादकुछअन्यजांचकीजातीहैं,जिनकीमददसेशारीरिकस्थितिवशक्तिकाआकलन
कियाजाताहै।इसदौरानआमतौरपरनिम्नस्थितियोंकापतालगायाजाताहै-
●वाया(उम्र)

●सार(ऊतकगुणवत्ता)
●सत्व(मानसिकशक्ति)
●सम्हनन(काया)
●सत्यम(विशिष्टअनुकूलनक्षमता)
●व्यायामशक्ति(व्यायामक्षमता)
●आहरशक्ति(आहारसेवनक्षमता)
सरलभाषामेंकहेंतोचिकित्सकमरीजकीरोगप्रतिरोधक्षमता,जीवनशक्ति,पाचनशक्ति,
दैनिकदिनचर्या,आहारसंबंधीआदतोंऔरयहांतककिउसकीमानसिकस्थितिकीजांचकरके
रोगनिदानकरतेहैं।इसकेलिएशारीरिकजांचकेसाथ-साथअन्यकईपरीक्षणकिएजातेहैं,
जिनमेंनिम्नशामिलहैं-
​नाड़ीपरीक्षण
​श्रवणपरीक्षण(सुननेकीक्षमताकीजांचकरना)
​स्पर्शपरीक्षण(प्रभावितहिस्सेकोछूकरदेखना)
​मल-मूत्रपरीक्षण
आयुर्वेदमेंइलाज
(TreatmentinAyurveda)आयुर्वेदिकमेंइलाजकेनियमएलोपैथिकट्रीटमेंटसे
पूरीतरहसेअलगहैं।आयुर्वेदिकनियमोंकेअनुसारहरव्यक्तिकेशरीरमेंएकविशेष
ऊर्जाहोतीहै,जोशरीरकोकिसीभीबीमारीसेठीककरकेउसेवापसस्वस्थअवस्थामें
लानेमेंमददकरतीहै।इसमेंकिसीभीरोगकाइलाजपंचकर्मप्रक्रियापरआधारितहोता
है,जिसमेंदवा,उचितआहार,शारीरिकगतिविधिऔरशरीरकीकार्यप्रक्रियाकोफिरसे
शुरूकरनेकीगतिविधियांशामिलहैं।इसमेंरोगकाइलाजकरनेकेसाथ-साथउसेफिर
सेविकसितहोनेसेरोकनेकाइलाजभीकियाजाताहै,अर्थात्आपयहभीकहसकतेहैं
किआयुर्वेदरोगकोजड़सेखत्मकरताहै।आयुर्वेदिकचिकित्सामेंरोगसेलड़नेकी
बजाएउसकेविरुद्धशरीरकीप्रतिरोधकक्षमताकोमजबूतबनायाजाताहै,ताकिरोगके
कारणसेलड़नेकीबजायशरीरकेस्वस्थहोनेपरजोरदियाजाए।शरीरद्वाराअपनीही
ऊर्जासेस्वस्थहोनेकीइसतकनीककोआयुर्वेदमें“स्वभावोपरमवाद”कहाजाताहै।
आयुर्वेदिकइलाजमेंनिम्नशामिलहै-जड़ी-बूटियां(AyurvedicHerbs)-आयुर्वेदिक

चिकित्सककिसीभीजड़ीयाबूटीकाइस्तेमालउसकीनिम्नविशेषताओंकेआधारपर
करताहै-
●स्वाद(रस)
●सक्रियप्रभावशीलता(विर्या)
●पचनेकेबादशरीरपरप्रभाव(विपक)
●आयुर्वेदमेंजड़ी-बूटियोंवइनकेमिश्रणसेबनेउत्पादोंकाइस्तेमालकई
अलग-अलगकारकोंकीजांचकरकेकियाजाताहै,जैसे-
●जड़ीकेपौधेकाज्ञान,विज्ञानऔरउसकीउत्पत्ति
●पौधेकाजैवरसायनिकज्ञान
●मानवशरीरवमानसिकस्थितियोंपरजड़ीकाअसर

​नस्य(नाकसंबंधीरोगोंकाइलाज)
●मालिश
●भापप्रक्रियाएं
●बस्ती(आयुर्वेदिकएनिमाप्रक्रिया)
●रक्तनिकालना
●वमनविधि(उल्टियांकरवाना)
●विरेचन(मलत्यागकरनेकीआयुर्वेदिकप्रक्रिया)
●किसीभीजड़ी-बूटीकाइस्तेमालकरतेसमयइसबातकाध्यानरखाजाताहैकि
लाभकारीप्रभावोंकेअलावाइसकेइस्तेमालसेशरीरपरक्याअसरपड़ताहै।
पंचकर्म(Panchkarama)-शरीरसेविषाक्तपदार्थोंकोनिकालनेकेलिए
पंचकर्मप्रक्रियाकाइस्तेमालकियाजाताहै।इसइलाजप्रक्रियाकोभिन्न
स्थितियोंकेअनुसारअलग-अलगप्रकारसेकियाजाताहै,जोनिम्नहैं-
शिरोधरा(Shirodhara)-इसआयुर्वेदिकचिकित्साप्रक्रियामेंविशेषऔषधिय

तेलयाकईतेलोंकेमिश्रणकोआपकेमाथेपरडालाजाताहै।आपकेरोगव
स्वास्थ्यकेअनुसारआयुर्वेदिकचिकित्सकनिम्ननिर्धारितकरतेहैं-
​इस्तेमालमेंलाएजानेवालेतेलवउनकीमात्रा
​थेरेपीकरनेकीकुलअवधि
●आहारवपोषण(NutritioninAyurveda)-आयुर्वेदमेंरोगकेइलाजऔर
उसकेबादपूरीतरहसेस्वस्थहोनेकेलिएआहारवपोषणकीभूमिकाकोकाफी
महत्वपूर्णहिस्सामानाजाताहै।इसमेंव्यक्तिकेरोगऔरउसकीशारीरिक
आवश्यकताओंकेअनुसारआहारकोनिर्धारितकियाजाताहै।हालांकि,इसमें
आमतौरपरछहस्वादोंकेअनुसारआहारतैयारकियाजाताहै-
​नमकीन-शरीरमेंपानीवइलेक्ट्रोलाइटकेसंतुलनकोबनाएरखनेके
लिए
​मीठा-ऊतकोंकोपोषणवशक्तिप्रदानकरनेकेलिए
​तीखा-पाचनवअवशोषणप्रक्रियामेंसुधारकरनेकेलिए
​खट्टा-पाचनप्रणालीकोमजबूतबनानेकेलिए
​अम्लीयस्वाद-पाचनतंत्रमेंअवशोषणप्रक्रियासुधारनेकेलिए
​कड़वा-सभीस्वादोंकोउत्तेजितकरनेकेलिए
●आयुर्वेदकेअनुसारजीवनशैलीसुधारवरोगनियंत्रण
आयुर्वेदकेअनुसारशारीरिकवमानसिकसंतुलनबनाएरखनेकेलिएएकस्वस्थ
जीवनशैली(विहार)जरूरीहै।इसमेंआपकीआदतों,व्यवहार,आहारऔरउस
वातावरणकोशामिलकियाजाताहैजिसमेंआपजीरहेहैं।आजकलबड़ीसंख्या
मेंलोगजीवनशैलीसेसंबंधितबीमारियोंजैसेमधुमेह,मोटापाऔरहृदयसंबंधी
रोगोंआदिसेग्रस्तहैं।येरोगआमतौरपरअधूरेपोषणवालाआहार,शारीरिक
गतिविधियाव्यायामकीकमीआदिकेकारणविकसितहोतेहैं।आहारआयुर्वेद

केअनुसारआहारकोदोअलग-अलगश्रेणियोंमेंबांटागयाहै,जिन्हेंपथ्यऔर
अपथ्यकेनामसेजानाजाताहै-
​पथ्य-
●आयुर्वेदकेअनुसारऐसाआहारजोआपकेशरीरकोउचितपोषणदेऔरकोईभी
हानिनपहुंचाए,उसेपथ्यकहाजाताहै।येआहारऊतकोंकोपोषणवसुरक्षा
प्रदानकरतेहैं,जिससेशारीरिकसंरचनाएंसामान्यरूपसेविकसितहोपातीहैं।
​अपथ्य-
●वहींजोआहारशरीरकोकोईलाभप्रदाननहींकरतेहैंयाफिरहानिपहुंचातेहैं,
उन्हेंअपथ्यकहाजाताहै।हालांकि,सभीखाद्यपदार्थोंसेमिलनेवालेलाभव
हानिहरव्यक्तिकेअनुसारअलग-अलगहोसकतेहैं।स्वास्थ्यरोगोंवअन्य
स्थितियोंकोध्यानमेंरखतेहुएहीआहारलेनेवसेवननकरनेकीसलाहदी
जातीहै,जोकुछइसप्रकारहैं-अर्श(पाइल्स)-
​पथ्य-छाछ,जौ,गेहूं,आदि।
​अपथ्य-कब्जकाकारणबननेवालेरोगजैसेकालाचना,मछलीऔर
सूखेमेवेआदि
●आमवात(रूमेटाइडआरथराइटिस)-
​पथ्य-अरंडीकातेल,पुरानेचावल,लहसुन,छाछ,गर्मपानी,सहजन
आदि।
​अपथ्य-मछली,दहीऔरशरीरद्वारासहननकिएजानेवालेआहार
लेना,भोजनकरनेकाकोईनिश्चितसमयनहोना
●कुष्ठ(त्वचारोग)-
​पथ्य-हरीगेहूं,मूंगदाल,पुरानेजौंंऔरपुरानाघी

​अपथ्य-कच्चेयाअधपकेभोजन,खट्टेयानमकवालेखाद्यपदार्थोंका
अधिकमात्रामेंसेवन
●मधुमेह(डायबिटीज)-
​पथ्य-पुरानीगेहूं,पुरानेजौंऔरमूंगदालआदि
​अपथ्य-मीठेखाद्यपदार्थ,दूधवदूधसेबनेप्रोडक्टऔरताजेअनाज
●आयुर्वेदिकसाहित्योंकेअनुसाररोगमुक्तशरीरप्राप्तकरनेकेलिएदिनचर्या,
ऋतुचर्याऔरसद्वृत(अच्छेआचरण)अपनानाजरूरीहैं,जोएकअच्छी
जीवनशैलीकाहिस्साहैं।जीवनशैलीकेइनहिस्सोंपरविस्तारसेचर्चाकीगईहै,
जोइसप्रकारहै-दिनचर्या-आयुर्वेदमेंकुछगतिविधियांकोरोजानाकरनेकी
सलाहदीजातीहै,जोआपकेजीवनकोस्वस्थरखनेमेंमददकरतीहैं।इन
गतिविधियोंमेंनिम्नशामिलहैं-
​रोजानासुबह4से5:30केबीचबिस्तरछोड़दें,इसअवधिकोब्रह्ममुहूर्त
कहाजाताहै।
​नियमितरूपसेअपनेबालवनाखूनकाटतेरहें।
​करंजयाखदिरकीटहनियोंसेबनेब्रशसेअपनीजीभसाफकरतेरहें,
जिससेजीभसाफहोनेकेसाथ-साथपाचनमेंभीसुधारहोताहै।
​रोजानाव्यायामकरें,जिससेआपकेरक्तसंचारण,सहनशक्ति,रोगोंसे
लड़नेकीक्षमता,भूख,उत्साहऔरयौनशक्तिमेंसुधारहोताहै।
​कोल,यवयाकुलथसेबनेपाउडरसेरोजानाअपनेशरीरकीमालिशकरें
●ऋतुचर्या-आयुर्वेदमेंसालकोछहअलग-अलगमौसमोंमेंविभाजितकियाजाता
हैऔरहरमौसमकेअनुसारविशेषआहारनिर्धारितकियाजाताहै-
​वसंतऋतु-

●इसमौसममेंअम्लीयवकड़वेस्वादवालेऔरतासीरमेंगर्मखाद्यपदार्थोंको
चुनाजाताहै,जैसेआमवकटहलआदि।अधिकमीठे,नमकीनऔरखट्टेखाद्य
पदार्थोंसेपरहेजकरनेकीसलाहदीजातीहै
​गर्मीऋतु-
●तरल,मीठे,चिकनाईवालेऔरतासीरमेंगर्मखाद्यपदार्थलेनेकीसलाहदी
जातीहैजैसेचावल,मीठा,घी,दधऔरनारियलपानीआदि।अधिकतीखे,
नमकीन,खट्टेयातासीरमेंगर्मखाद्यपदार्थनखाएं।
​वर्षाऋतु-
●खट्टे,मीठे,नमीकस्वादवाले,आसानीसेपचनेवालेऔरगर्मतासीरवालेखाद्य
पदार्थलेनेकीसलाहदीजातीहैजैसेगेहूं,जौं,चावलऔरमटनसूप।
​शीतऋतु-
●खट्टे,मीठेऔरनमकीनस्वादवालेवतासीरमेंगर्मखाद्यपदार्थलेनेकोसलाह
दीजातीहै,जैसेचावल,गन्ना,तेलऔरवसायुक्तखाद्यपदार्थलें।
​हेमंतऋतु-
●स्वादमेंकड़वे,तीखेऔरमीठेखाद्यपदार्थोंकासेवनकरेंजैसेकड़वीऔषधियों
सेबनेघीआदि।आयुर्वेदमेंअच्छेआचरणों(सद्वृत्त)कापालनआयुर्वेदकी
जीवनशैलीमेंसद्वृत्तिएकमहत्वपूर्णहिस्साहै,जिसकेअंतर्गतआपकोहरसमय
औरहरजगहअच्छेआचरणअपनानेकीसलाहदीजातीहै।आयुर्वेदिकसाहित्यों
केअनुसारअच्छेआचरणअपनानेसेमस्तिष्कसंतुलितरहताहै।सद्वृत्तिके
नियमोंमेंनिम्नशामिलहैं-
​हमेशासचबोलें
​धैर्यरखें
​अपनेआसपाससाफ-सफाईरखें

​स्वयंपरनियंत्रणरखें
​क्रोधपरनियंत्रणरखें
​अपनीदिनचर्याकाकुछसमयबुजुर्गोंऔरभगवानकीसेवामेंबिताएं
​रोजानाध्यानलगाएं(मेडिटेशनकरें)
●आयुर्वेदकहताहैकिशरीरमेंहोनेवालीकिसीभीप्राकृतिकउत्तेजनायाहाजतको
दबानानहींचाहिएऔरनहीउसेनजरअंदाजकरनाचाहिए,इसेअनेकबीमारियां
पैदाहोसकतीहैं।प्राकृतिकरूपसेशरीरमेंहोनेवालीहाजतऔरउनकोदबानेसे
होनेवालीशारीरिकसमस्याएंकुछइसप्रकारहोसकतीहैं-
​ज्महाई-उबासीकोदबानेसेकान,आंख,नाकऔरगलेसंबंधीरोगपैदा
होसकतेहैं।
​छींक-छींकआनेसेरोकनेयाउसेबलपूर्वकदबानेसेखांसी,हिचकीआना,
भूखनलगनाऔरसीनेमेंदर्दजैसीसमस्याएंपैदाहोसकतीहैं।
​मलत्याग-मलकोलंबेसमयतकरोकनेसेसिरदर्द,अपच,पेटदर्द,पेटमें
गैसबननेजैसीसमस्याएंहोसकतीहैं।
​पेशाब-पेशाबआनेसेरोकनाबादमेंपेशाबबंदहोनेकाकारणबनसकता
है।इसकेअलावाइससेमूत्रप्रणालीमेंपथरीऔरमूत्रपथमेंसूजनजैसी
समस्याएंहोसकतीहैं।
​आंसू-आंसूआनेसेरोकनेपरमानसिकविकार,सीनेमेंदर्दऔरपाचन
संबंधीसमस्याएंहोसकतीहैं।
​भूखवप्यास-भूखयाप्यासकोरोकनेयानजरअंदाजकरनेपरपोषण
संबंधीविकार(कुपोषणयाकुअवशोषण)होसकतेहैंऔरगंभीरमामलोंमें
व्यक्तिदुर्बलहोसकताहै।
●इसकेअलावाआयुर्वेदकुछभावनाओंकोदबानेकीसलाहदेताहै,जिमेंआमतौर
परभय,लालच,अभिमान,घमंड,शोक,ईर्ष्या,बेशर्मीऔरअत्यधिकजोशआदि

शामिलहैं।इसलिएकिसीभीऐसीगतिविधिमेंशामिलनहों,जिनमेंआपकोऐसी
कोईभावनामहसूसहोनेलगे।
आयुर्वेदकितनासुरक्षित है?
(isayurvedasafe)भारतमेंआयुर्वेदकोवेस्टर्नमेडिसिन,ट्रेडिश्नलचाइनीज
मेडिसिनऔरहोम्योपैथिकमेडिसिनकेसमानमानाजाताहै।भारतमेंआयुर्वेद
केचिकित्सकसरकारद्वारामान्यताप्राप्तसंस्थानोंसेप्रशिक्षितहोतेहैं।
हालांकि,अमेरीकासमेजकईदेशोंमेंआयुर्वेदिकचिकित्सकोंकोमान्यताप्राप्त
नहींहोपातीहैऔरराष्ट्रीयस्तरपरआयुर्वेदकेलिएकोईसर्टिफिकेटया
डिप्लोमाभीनहींहै।हालांकि,कईदेशोंमेंआयुर्वेदिकस्कूलोंकोशैक्षणिक
संस्थानोंकेरूपमेंस्वीकृतिमिलचुकीहै।भारतसमेतकईदेशोंमेंआयुर्वेदपर
किएगएशोधोंमेंपायागयाकिरोगोंकाइलाजकरनेंमेंयहचिकित्साप्रणाली
काफीप्रभावीहै।हालांकि,आयुर्वेदकीसुरक्षापरकिएगएअध्ययनोंसेमिले
आंकड़ेनिम्नदर्शातेहैं-
​कुछआयुर्वेदिकउत्पादोंमेंपारा,सीसाऔरआर्सेनिकजैसीधातुएंहो
सकतीहैं,जोशरीरकोनुकसानपहुंचासकतीहैं।
​2015मेंप्रकाशितएककेसरिपोर्टकेअनुसारऑनलाइनखरीदेगएएक
आयुर्वेदिकउत्पादकासेवनकरनेसे64वर्षीयमहिलाकेरक्तमेंसीसा
कीमात्राबढ़गईथी।
​2015मेंएकसर्वेक्षणकियागयाजिसमेंपायागयाआयुर्वेदिकउत्पादोंका
इस्तेमालकरनेवाले40प्रतिशतलोगोंकेरक्तमेंसीसावपाराकीमात्रा
बढ़गईथी।
​कुछअध्ययनयहभीबतातेहैं,किकुछलोगोंकोआयुर्वेदिकउप्तादलेने
केकारणआर्सेनिकपॉइजनिंगहोनेकाखतराबढ़जाताहै।

●हालांकि,कोईभीआयुर्वेदिकदवायाउत्पादव्यक्तिकेशरीरपरकैसेकामकरती
है,वहहरशरीरकीतासीर,रोगवउत्पादकीमात्रापरनिर्भरकरताहै।इसलिए,
किसीभीउत्पादकोलेनेसेपहलेकिसीप्रशिक्षितआयुर्वेदिकचिकित्सकसेसलाह
लेलेनीचाहिए।
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