babylon-ka-sabse-amir-aadmi-the-richest-man-in-babylon-hindi-clason-george-s_.pdf

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About This Presentation

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Slide Content

बैिबलॉन
का
सबसे
अमीर
आदमी

बैिबलॉन
का
सबसे
अमीर
आदमी
आ?थEक सफलता के शा?त रहmय
धन-दौलत पर िलखी सबसे ?ेरक पुmतक
जॉजE एस. Mलासन
अनुवाद : डॉ. सुधीर दीिCत
मंजुल पिcल?शंग हाउस

First published in India
Manjul Publishing House
Corporate and Editorial Office
• 2
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Floor, Usha Preet Complex, 42 Malviya Nagar, Bhopal 462 003 - India
Sales and Marketing Office
• 7/32, Ground Floor, Ansari Road, Daryaganj, New Delhi 110 002 - India
Website: www.manjulindia.com
Distribution Centres
Ahmedabad, Bengaluru, Bhopal, Kolkata, Chennai,
Hyderabad, Mumbai, New Delhi, Pune
This edition published by arrangement with Dutton,
a member of Penguin Group (USA) Inc.
This edition first published in 2005
Seventh impression 2016
Copyright George S. Clason, 1926, 1930, 1931, 1932, 1936, 1937, 1940, 1946, 1947, 1954, 1955
ISBN 978-81-8322-019-4
Translation by Dr. Sudhir Dixit, Rajni Dixit
All rights reserved. No part Nopart of of this this publication maybe reproduced, rपproduced
stored in or introduced into a retrieval system, or or transmitted, in in any form, or by any means
(electronic, mechanical, photocopying, recording or otherwise) without the prior permission of
the publisher. Any person who does any unauthorized act in relation to this publication may be
liable to criminal prosecution and civil claims for damages.

1920 के दशक मv िलखी गई पुmतक इ??सवm सदी के आधुिनक िनवेशक? को उनक? आ?थEक िmथित के बारे
मv Mया िसखा सकती है? ब_त कुछ, अगर यह पुmतक जॉजE Mलासन क? “बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी” हो।
इस पुmतक मv धन के मूलभूत िस?ांत िवmतार से बताए गए हy। यह हर कॉलेज के िव?ाथn या आम आदमी के
िलए बेहतरीन तोहफ़ा है, जो धन क? दुिनया मv ख़द को दुिवधा?mत पाता है। साथ ही, यह अनुभवी िनवेशक? के
िलए भी अ^भुत hप से पठनीय है।
लॉस एंजेिलस टाइeस
आपके सामने आपका भिवlय फैला _आ है, दूर जाने वाली सड़क क? तरह। इस सड़क पर मह\वाकांCाएँ हy,
िज`हv आप हािसल करना चाहते हy... इRछाएँ हy, िज`हv आप पूरी करना चाहते हy।
अपनी मह\वाकांCा? और इRछा? को पूरा करने के िलए आपके पास धन होना चािहए। इस पुmतक मv
?दए गए आ?थEक िस?ांत? का ?योग करv। उनसे सीखv ?क अपने ख़ाली पसE को कैसे भरा जाता है और इसके ?ारा
xयादा सुखद जीवन का आनंद कैसे िलया जाता है।
गुg\वाकषEण के िनयम क? तरह धन के ये िनयम भी शा?त और अप?रवतEनीय हy। वे ब_त से लोग? को
लाभ प_ँचा चुके हy... और आपको भी लाभ प_ँचाएँगे। इस पुmतक को पढ़ने के बाद िनि?त hप से आपका बyक
बैलvस बढ़ जाएगा और आपक? आ?थEक ?गित तेज़ी से होने लगेगी।

उन लोग? के िलए इस दुिनया मv बेशुमार धन मौज़ूद है, जो इसे
हािसल करने के आसान िनयम? को जानते हy:
1.अपने पसE को मोटा करv
2. अपने ख़चE को िनयंि?त करv
3. अपने धन को कई गुना बढ़ाएँ
4.अपनी पूँजी न गँवाएँ
5.अपने घर को लाभकारी िनवेश बनाएँ
6.भावी आमदनी सुिनि?त करv
7.अपनी कमाने क? Cमता बढ़ाएँ
बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी
धन से सांसा?रक सफलता का आकलन ?कया जाता है।
धन से इस दुिनया क? सारी अRछी चीज़? का आनंद िलया जा सकता है।
धन उन लोग? के आसानी से आता है, करने पास जो इसे हािसल के आसान िनयम? को जानते हy।
आज भी धन के िनयम वही हy, जो छह हज़ार साल पहले बैिबलॉन के अमीर लोग? के समय थे।

िवषय-सूची
1.अमीर बनने क? इRछा
2.बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी
3.ख़ाली पसE के सात इलाज
4.सौभाOय क? देवी से िमलv
5.धन के पाँच िनयम
6.बैिबलॉन का सा`कार
7.बैिबलॉन क? दीवारv
8.बैिबलॉन का ऊँट? का ?ापारी
9.बैिबलॉन के मृदाप?
10.बैिबलॉन का सबसे खुश?क़mमत आदमी
11.बैिबलॉन का ऐितहािसक वणEन

?क
?mतावना
सी देश क? समृि? इसके नाग?रक? क? पर िनभEर करती है।
यह पुmतक सफलता के बारे मv है। सफलता का अथE है हमारे ?यास? और योOयता? के प?रणामmवhप
िमलने वाली उपलिcधयाँ। हमारी सफलता क? कुंजी है। उिचत तैयारी। हमारे काम हमारे िवचार? िजतने
ही बुि?मkापूणE हो सकते हy और हमारे िवचार हमारे Dान िजतने ही बुि?मkापूणE हो सकते हy।
ख़ाली पसE का इलाज करने वाली इस पुmतक को आ?थEक Dान क? मागEद?शEका कहा गया है। दरअसल यही
इसका लoय है। यह मह\वाकांCी लोग? को आ?थEक सफलता का ऐसा Dान देती है, िजसक? मदद से वे धन
हािसल कर सकते हy, उसे अपने पास रख सकते हy और उससे xयादा धन कमा सकते हy।
आगे के पृ?? मv हम बैिबलॉन मv चलvगे, जहाँ धन के मूलभूत िस?ांत िवकिसत ?कए गए थे, िज`हv आज
दुिनया भर मv जाना और माना जाता है।
लेखक यह आशा करता है ?क इस पुmतक मv पाठक? को अपने बyक अकाउंट मv वृि? करने, अिधक िवkीय
सफलता पाने और मुिkकल िवkीय समmया? के समाधान क? ?ेरणा िमलेगी। दुिनया भर के हज़ार? पाठक? ने
इसके बारे मv यही राय ?? क? है।
लेखक उन सभी िबज़नेस एMज़ीMयू?टjज़ को ध`यवाद देना चाहता है, िज`ह?ने अपने िम??, ?रkतेदार?,
कमEचा?रय? और सहयोिगय? को यह पुmतक बड़ी संNया मv बाँटी है। इस पुmतक को सफल लोग? ने पसंद ?कया,
Mय??क ये सफल लोग भी इ`हm िस?ांत? क? बदौलत सफल बने थे।
बैिबलॉन ?ाचीन िव? का सबसे दौलतमंद शहर इसिलए था, Mय??क इसके नाग?रक ब_त अमीर थे। वे
धन का मूhय समझते थे। वे धन को हािसल करने, उसे बनाए रखने और उससे अिधक धन कमाने के दमदार
आ?थEक िस?ांत? पर अमल करते थे। इन िस?ांत? क? बदौलत वे दौलतमंद बन गए और हम भी यही तो चाहते
हy।
जॉजE एस. Mलासन

बं
अमीर बनने क? इRछा
िज़र बैिबलॉन मv रथ बनाता था। इस समय वह अपने घर के अहाते क? दीवार पर उदास बैठा था। वह अपने
ख़mताहाल घर और आँगन को उदासी से देख रहा था। आँगन मv एक रथ अधूरा पड़ा था।
बंिज़र क? प?ी बार–बार घर के बाहरी दरवाज़े पर आकर झाँक रही थी। अपनी प?ी के देखने के अंदाज़ से
वह समझ गया ?क घर मv खाने को कुछ नहm है और उसे जhदी से रथ पूरा कर लेना चािहए। वह जानता था ?क
इस समय उसे हाथ पर हाथ धरकर बैठने के बजाय हथौड़ा चलाना चािहए, कुhहाड़ी से काट–छाँट करना चािहए,
पॉिलश और पvट करना चािहए, पिहय? के ?रम पर चमड़ा चढ़ाना चािहए और रथ को ?ाहक तक प_ँचाना
चािहए, ता?क उसे अमीर ?ाहक से पैसे िमल सकv।
बहरहाल, सुग?ठत और मांसल देह वाला बंिज़र दीवार पर अलसाए अंदाज़ मv बैठा रहा। उसका ?दमाग़
ब_त मंद गित से काम कर रहा था। कुछ समय से उसके मन मv एक ऐसी उलझन थी, िजसका उसे जवाब नहm
िमल रहा था। यू?ेटस नदी क? इस घाटी मv सूरज आम तौर पर शोले बरसाता था। आज भी यह िनमEमता से शोले
बरसा रहा था। इस वजह से बंिज़र क? भ?ह पर पसीने के मोती छलछला आए थे, जो वहकर उसके सीने के बाल?
मv गुम हो गए।
दूर उसे स?ाट के महल क? बाहरी ऊँची दीवारv ?दखाई दे रही थm। पास मv नीले आसमान को छूती बेल
मं?दर क? मीनार थी। इतनी भ?ता क? छाया मv उसका छोटा सा घर था। उसके आस–पास कई और लोग? के घर
भी थे, िजनक? हालत उसके घर से भी xयादा ख़राब थी। बैिबलॉन का यही माहौल था। यहाँ भ?ता और
मिलनता साथ–साथ रहती थm। यहाँ ?चुर दौलत और बेहद गरीबी पास–पास रहती थm। अमीर और गरीब दोन?
तरह के लोग शहर क? सुरCा\मक दीवार? के भीतर िबना ?कसी योजना या ?वmथा के साथ–साथ रहते थे।
बंिज़र के पीछे अमीर? के रथ शोर कर रहे थे, ता?क जूते पहने ?ापारी और नंगे पैर चल रहे िभखारी राmते
से हट जाएँ। बहरहाल, जब पानी लाने वाले ग़लाम सड़क पर नज़र आते थे, तो उ`हv राmता देने के िलए अमीर? के
रथ नािलय? क? तरफ़ हट जाते थे। वे ऐसा इसिलए करते थे, Mय??क ये गुलाम “स?ाट का काम” कर रहे थे। इन
सबक? पीठ पर पानी क? भारी मशकv लदी थm, जो हy?गंग गाडE`स मv डालने के िलए ले जाई जा रही थm
बंिज़र अपनी समmया पर सोच–िवचार करने मv इतना खोया _आ था ?क उसने ?mत शहर के कोलाहल को
न तो सुना, न ही उसक? तरफ़ _यान ?दया। उसक? तं?ा तभी टूटी, जब उसे एक प?रिचत वा?यं? क? तानv सुनाई
दm। उसने पलटकर देखा ?क उसका सबसे प?ा दोmत कोबी पास मv खड़ा था। कोबी संगीतकार था और इस समय
उसका संवेदनशील चेहरा मुmकरा रहा था।
कोबी ने झुककर सलाम करते _ए कहा, “देवता आप पर मेहरबान ह?, मेरे अRछे िम?। ले?कन ऐसा लगता
है ?क देवता आप पर पहले से ही इतने मेहरबान हो चुके हy ?क अब आपको मेहनत करने क? कोई ज़hरत ही नहm
है। आपक? ख़श?क़mमती देखकर मुझे भी खुशी हो रही है। इतना ही नहm, मy तो यह भी चाहता `ँ ?क आपक?
ख़श?क़mमती से मेरी भी ?क़mमत बदल जाए। आपका पसE ज़hर भारी होगा, Mय??क अगर यह िस?? क? वजह से
भारी नहm होता, तो आप रथ बनाने का काम कर रहे होते। मेहरबानी करके आप अपने पसE मv से दो िस?े
िनकालकर मुझे उधार दे दv। मy आज रात को सामंत क? दावत के बाद उधार चुका दूँगा। आपको पता भी नहm
चलेगा, इससे पहले ही आपका उधार वापस लौट आएगा।”
बंिज़र ने उदासी से जवाब ?दया, “अगर मेरे पास दो िस?े होते, तो मy उ`हv ?कसी को भी उधार नहm देता –
तुeहv भी नहm, मेरे सबसे प?े दोmत। इसका कारण यह है ?क वे दो िस?े मेरी ?ज़ंदगी भर क? दौलत होते, मेरी पूरी
दौलत। कोई भी अपनी पूरी दौलत ?कसी को उधार नहm देता, भले ही वह उसका सबसे प?ा दोmत ही Mय? न
हो।”
“Mया ?” कोबी ने हैरान होकर कहा। “तुeहारे पसE मv एक भी िस?ा नहm है, इसके बावज़ूद तुम दीवार पर
बुत बने बैठे हो! उस रथ को पूरा Mय? नहm करते ? तुeहारी तेज़ भूख को शांत करने के िलए भोजन कहाँ से
आएगा ? तुम ऐसे तो नहm थे ? तुम तो ?दन–रात मेहनत करते थे? Mया कोई चीज़ तुeहv दुखी कर रही है? Mया
देवता? ने तुम पर कोई मुसीबत लाद दी है ?”
“यह मुसीबत ज़hर देवता? ने ही लादी होगी,” बंिज़र ने हामी भरते _ए कहा। “सारा झमेला एक सपने से

शुh _आ था। यह बेिसरपैर का सपना था। इसमv मyने देखा ?क मy अमीर बन गया था। मेरे बेhट से खनखनाते
िस?? से भरा पसE लटक रहा था और मy िभखा?रय? क? तरफ़ लापरवाही से िस?े उछालता जा रहा था। मy चाँदी
के िस?? से अपनी प?ी के िलए व? और अपने िलए मनचाही चीजv ख़रीद रहा था। मेरे पास सोने के िस?े भी थे,
इसिलए मy भिवlय को लेकर आ?mत था और मुझे चाँदी के िस?े ख़चE करने मv कोई डर नहm लग रहा था। मy ब_त
ही संतु? और सुखी महसूस कर रहा था! मुझे देखकर तुम यह नहm कह सकते थे ?क मy तुeहारा वही मेहनती िम?
`ँ। तुम मेरी प?ी को भी नहm पहचान सकते थे, Mय??क उसके खुशी से दमकते चेहरे पर झु?रEय? का नामोिनशान
नहm था। वह एक बार ?फर से उतनी ही सुंदर और ख़शिमज़ाज. लग रही थी, िजतनी हमारी शादी के समय
लगती थी।”
कोबी ने कहा, “सचमुच ब_त ब?ढ़या सपना था। परंतु इतने अRछे सपने क? वजह से तुम दुखी होकर दीवार
पर Mय? बैठे हो ?”
“Mय??क जागने पर मyने देखा ?क मेरा पसE ख़ाली था। मेरे अंदर िव?ोह क? भावना सुलगने लगी। आओ, हम
इस बारे मv िवmतार से बातv करv, Mय??क जैसा समु?ी या?ी कहते हy, हम एक ही नाव मv सवार हy। बचपन मv हम
दोन? ने धमEगुg? से एक साथ िशCा हािसल क?। ?कशोरावmथा मv हमने साथ–साथ मौज–मmती क?। बड़े होने
पर साथ–साथ हम दोन? गहरे िम? बन गए। हम संतु? लोग? क? तरह रहते हy। ?दन–रात मेहनत करने और
अपनी पूरी कमाई ख़चE करने के बावज़ूद हम संतु? रहे हy। इतने साल? मv हमने ब_त पैसा कमाया, परंतु हमv कभी
दौलत क? खुशी का ज़रा भी एहसास नहm _आ। इसके िलए हमv सपन? का सहारा लेना पड़ता है। अब मेरे मन मv
यह िवचार आता है ?क Mया हम गूँगी भेड़? िजतने मूखE हy? हम दुिनया के सबसे अमीर शहर मv रहते हy। या?ी
कहते हy ?क इतनी दौलत दुिनया मv और कहm नहm है। हमारे आसपास बेशुमार दौलत िबखरी पड़ी है, परंतु हमारे
पास कुछ भी नहm है। मेरे aयारे दोmत, आधी ?जंदगी कड़ी मेहनत करने के बाद भी तुeहारा पसE ख़ाली है और तुम
मुझसे कहते हो, ‘मेहरबानी करके आप अपने पसE मv से दो िस?े िनकालकर मुझे उधार दे दv। मy आज रात को
सामंत क? दावत के बाद उधार चुका दूंगा।’ इसका मy Mया जवाब देता `ँ। Mया मy यह कहता `ँ, ‘यह रहा मेरा
पसE। इसमv से िजतने िस?े चाहो, ख़शी–ख़शी िनकाल लो।?’ नहm, इसके बजाय मy यह कहता `ँ ?क मेरा पसE भी
तुeहारे पसE क? तरह ही ख़ाली है। आिख़र इसक? Mया वजह है ? हमारे पास धन ?टकता Mय? नहm है ? हम संपिk
Mय? नहm जोड़ पाते हy ? हम इतना ही Mय? कमा पाते हy, ता?क हम ?ज़ंदा रह सकv और हमारे भोजन तथा व??
क? मूलभूत ज़hरतv ही पूरी हो सकv?”
बंिज़र ने कहा, “और इस बारे मv भी सोचो ?क हमारे बेटे भी हमारे ही पदिच`ह? पर चल रहे हy? Mया वे
और उनके पु? भी इस सोने क? नगरी मv हमारी ही तरह गरीब रहvगे? Mया उ`हv भी बकरी के दूध और दिलए से
पेट भरना होगा?”
कोबी ने हैरान होकर कहा, “बंिज़र, हमारी दोmती को इतने साल हो चुके हy, परंतु तुमने पहले कभी ऐसी
बातv नहm क?।”
“अब तक मyने कभी इस तरह से सोचा ही नहm था। सुबह होते ही मy काम मv जुट जाता था और अँधेरा होने
तक जुटा रहता था। मyने अपनी मेहनत से दुिनया के सबसे शानदार रथ तैयार ?कए। मुझे आशा थी ?क मेरे
बेहतरीन काम को देखकर देवता ?कसी ?दन ख़श ह?गे और मुझे अमीर बनने का आशीवाEद दvगे। परंतु देवता? ने
ऐसा कभी नहm ?कया। अब मुझे यह एहसास हो चुका है ?क वे ऐसा कभी करvगे भी नहm। इसीिलए मेरा ?दल
उदास है। मy अमीर बनना चाहता `ँ। मy चाहता `ँ ?क मेरे पास ज़मीन हो, मवेशी ह?, सुंदर कपड़े ह? और िस?? से
भरा पसE हो ।
“इन चीज़? को पाने के िलए मy डटकर मेहनत करने को तैयार `ँ। इन चीज़? को पाने के िलए मy अपनी पूरी
योOयता और Cमता से मेहनत करने को तैयार `ँ। परंतु मy यह भी चाहता `ँ ?क मेरी मेहनत का मुझे उिचत
पुरmकार िमले। मy एक बार ?फर तुमसे पूछता `ँ, आिख़र बात Mया है? दुिनया मv इतनी सारी अRछी चीजv हy,
परंतु वे हमv Mय? नहm िमलती हy ? हमारे पास इतना पैसा Mय? नहm है ?क हम अपनी मनचाही चीजv खरीद सकv?”
कोबी ने जवाब ?दया, “काश मुझे इस सवाल का जवाब पता होता! मy भी उतना ही असंतु? `ँ, िजतने ?क
तुम। संगीत बजाकर मy िजतना भी कमाता `ँ, त\काल ख़चE हो जाता है। मेरे प?रवार को भूख? मरने क? नौबत न
आए, मुझे अMसर इसक? योजना बनाना पड़ती है। मेरे ?दल मv एक ?बल इRछा ब_त समय से है। मy एक ऐसा
वा?यं? ख़रीदना चाहता `ँ, िजससे मy अपने मन मv तैर रही संगीत क? धुन? को सचमुच बाहर िनकाल सकूँ। ऐसा
वा?यं? ख़रीदने के बाद मy इतना बेहतरीन संगीत वजा सकता `ँ, जो स?ाट ने भी कभी नहm सुना होगा।”

“इस तरह का वा?यं? तुeहारे पास होना चािहए। बैिबलॉन मv तुमसे xयादा मधुर संगीत कोई नहm बजा
सकता है। न िसफ़E स?ाट, बिhक देवता भी खुश ह?गे। परंतु तुम उसे ख़रीदोगे कैसे? हम दोन? तो स?ाट के गुलाम?
िजतने गरीब हy ? घंटी क? आवाज़ सुन रहे हो! वह देखो, स?ाट के ग़लाम आ गए।” उसने पसीना–पसीना हो रहे
अधनंगे िभिkतय? को देखा, जो नदी से पानी ला रहे थे और सँकरी सड़क पर बोझ लादकर चल रहे थे। पाँच
ग़लाम एक साथ चल रहे थे और हर एक क? पीठ पर पानी क? भारी मशक का बोझ लदा था।
“जो आदमी सबसे आगे चल रहा है, उसका शरीर ?कतना सुग?ठत है।” कोबी ने सबसे आगे घंटी लेकर
चलने वाले ?ि? क? तरफ़ इशारा ?कया, िजसक? पीठ पर मशक नहm थी। “साफ़ नज़र आता है ?क वह अपने
देश मv ?िति?त आदमी रहा होगा।”
बंिज़र ने सहमत होते _ए जवाब ?दया, “इन गुलाम? मv xयादातर लोग हमारी तरह हy। लंबे और गोरे
गुलाम उkरी देश? के हy, हँसमुख अ?ेत दिCण के हy और नाटे भूरे गुलाम आस–पास के देश? के हy। सभी ग़लाम
एक साथ नदी से बगीचे तक और बगीचे से नदी तक आते–जाते हy। ये लोग ?दन भर, साल भर यही काम करते हy।
उनके जीवन मv सुख नहm है, न ही सुख िमलने क? ज़रा भी आशा है। वे भूसे के िबmतर पर सोते हy। घ?टया अनाज
का दिलया खाते हy। बेचारे गुलाम? पर तरस खाओ, कोबी!”
“मुझे भी उन पर तरस आता है। परंतु तुeहारी बात? से मy समझ गया `ँ ?क हमारी हालत भी उ`हm जैसी है,
हालाँ?क पहले मy खुद को mवत`? मानता था”
“यह सच है कोबी, हालाँ?क यह िवचार सुखद नहm है। हम यह नहm चाहvगे ?क हम भी हर ?दन, हर साल
ग़लाम? जैसी ?ज़ंदगी िजएँ। काम करना, काम करना, काम करना! और इसके बाद भी कोई ?गित, कोई तर??
नहm होना।”
कोबी ने पूछा, “Mया हम यह पता नहm लगा सकते ?क अमीर लोग अमीर कैसे बनते हy? इसके बाद शायद
हम भी उसी तरीक़े पर चलकर अमीर बन सकते हy?”
“अगर कोई ?ि? दौलत का रहmय जानता हो और वह हमv बता दे तो शायद हम भी उस रहmय को सीख
सकते हy,” बंिज़र ने सोचते _ए जवाब ?दया।
कोबी ने सुझाव ?दया, “आज ही मुझे अपना पुराना िम? अरक़ाद ?दखा था। वह अपने सुनहरे रथ पर सवार
था। उसने मुझे देखकर अनदेखा नहm ?कया, िजस तरह बाक़? अमीर लोग करते हy। इसके बजाय उसने अपना हाथ
मेरी तरफ़ िहलाया‚ ता?क सब लोग यह देख लv ?क वह संगीतकार कोबी का मुmकराकर अिभवादन कर रहा है।”
बंिज़र ने कहा, “लोग कहते हy ?क अरक़ाद बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी है।”
कोबी ने जवाब ?दया, “इतना अमीर ?क स?ाट भी ख़ज़ाने के िलए समय–समय पर उसक? मदद लेता रहता
है।”
बंिज़र बीच मv बोल पड़ा, “इतना अमीर! अगर वह मुझे कहm रात के अँधेरे मv िमल जाए, तो मुझे डर है ?क
मेरा हाथ उसके मोटे पसE पर चला जाएगा।”
कोबी ने िझड़कते _ए कहा, “बकवास। इंसान क? दौलत उसके पसE मv नहm होती है। अगर पसE मv लगातार
धन न आए, तो मोटे से मोटा पसE भी जhदी ही ख़ाली हो जाएगा। अरक़ाद क? आमदनी इतनी xयादा है ?क वह
?कतना ही ?दल खोलकर खचE करे, उसका पसE हमेशा भरा रहता है।”
“आमदनी ही तो सबसे बड़ी बात है,” बंिज़र बोला। “मy चाहता `ँ ?क मेरे पसE मv भी आमदनी आती रहे,
भले ही मy दीवार पर बैठा र`ँ या दूर देश? क? या?ा करने चला जाऊँ। अरक़ाद को मालूम होगा ?क आमदनी कैसे
बढ़ाई जा सकती है। Mया तुeहv लगता है ?क वह मेरे जैसे मंदबुि? ?ि? को यह बात mप?ता से समझा सकता
है?”
कोबी ने कहा, “मyने सुना है ?क उसने अपने पु? नोमािज़र को यह Dान ?दया था। इसके बाद नोमािज़र
िननेवा गया और अपने िपता क? सहायता के िबना ही ब_त अमीर बन गया!”
“कोबी, तुमने एक ब_त बेहतरीन िवचार ?दया है।” बंिज़र क? आँख? मv एक नई रोशनी चमकने लगी।
“अRछे िम? क? समझदारी भरी सलाह मु?त मv िमलती है। और अरक़ाद हमेशा हमारा अRछा िम? रहा है। इस
बात से कोई फ़क़E नहm पड़ता है ?क हमारे पसE ख़ाली हy। हमारी गरीबी अब हमv नहm रोक सकती है। हम सोने क?
नगरी मv ग़रीब? क? तरह रहते–रहते तंग आ चुके हy। हम अमीर बनना चाहते हy। आओ, अरक़ाद के पास चलकर
उससे यह सीखv ?क हम अपनी आमदनी और दौलत कैसे बढ़ा सकते हy।”

“तुमने मेरे ?दल क? बात कह दी। तुeहारी बात? से मेरे मन मv एक नया िवचार आया है। अब मy यह समझ
गया `ँ ?क हम कभी अमीर Mय? नहm बन पाए। सच तो यह है ?क आज से पहले हमने कभी अमीर बनना ही नहm
चाहा। तुeहारा लoय यह था ?क तुम बैिबलॉन के सबसे मज़बूत रथ बनाओगे और तुम लगन से उस ?दशा मv
मेहनत करते रहे। तुमने अपने सवE?े? ?यास उस लoय को सम?पEत कर ?दए। इसिलए तुम उस काम मv सफल
_ए। मेरा लoय बेहतरीन संगीतकार बनना था और मyने उस ?दशा मv मेहनत क?। अंतत: मy अपने लoय तक
प_ँचने मv सफल _आ।
“िजन लoय? क? ?दशा मv हमने मेहनत क?, उन तक प_ँचने मv हमv सफलता िमली। देवता? को इस िmथित
के यूँ ही चलने से कोई ?दMक़त नहm है। बहरहाल, अब हमv उगते सूरज क? ?करण ?दख गई है। यह हमv आमंि?त
कर रही है ?क हम अमीर बनने का तरीक़ा सीखv। अगर हम अमीर बनने का तरीक़ा सीख लvगे, तो हमारी सारी
इRछाएँ चुटक? बजाते ही पूरी हो जाएँगी।”
बंिज़र ने आ?ह ?कया, “हम आज ही अरक़ाद के पास चलते हy। इसके अलावा हम अपने बचपन के उन
दोmत? को भी ले चलvगे, िजनका हाल भी हमारी ही तरह है। मy चाहता `ँ ?क वे भी अरक़ाद के Dान का लाभ
उठाएँ।”
“बंिज़र, तुम हमेशा अपने िम?? का ब_त rयाल रखते हो। इसीिलए तुeहारे इतने सारे िम? हy। तुम जैसा
कहते हो, हम वैसा ही करvगे। हम आज ही चलvगे और अपने बचपन के िम?? को भी साथ ले चलvगे।”

?ा
बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी
चीन बैिबलॉन मv कभी अरक़ाद नाम का ब_त अमीर आदमी रहता था। उसक? अपार दौलत के चचw दूर–दूर
तक फैले थे। इसके अलावा उसक? उदारता भी मश`र थी। वह ?दल खोलकर दान देता था और परोपकार
के काम करता था। वह अपने प?रवार के ?ित भी उदार था और खुले हाथ से ख़चE करता था। ?फर भी हर
साल वह िजतना ख़चE करता था, उसक? दौलत उससे xयादा तेज़ी से बढ़ जाती थी।
उसके बचपन के कुछ िम?? ने एक ?दन उसके पास आकर कहा “अरक़ाद, तुम हमसे xयादा ख़श?क़mमत हो।
तुम बैिबलॉन के सबसे अमीर आदमी बन गए हो, जब?क हम मुिkकल से गुज़ारा कर पा रहे हy। तुम बेहतरीन
कपड़े पहन सकते हो और बेहतरीन भोजन का आनंद ले सकते हो, जब?क हमारा हाल यह है ?क अगर हमारे
प?रवार को भरपेट भोजन और तन ढँकने को कपड़े िमल जाएँ, तो हमारी खुशी का ?ठकाना नहm रहता है।
“परंतु कभी हम एक जैसे थे। हमv एक ही अ_यापक ने पढ़ाया है हम एक साथ खेले हy। पढ़ाई या खेल मv तुम
हमसे आगे नहm थे। और इसके बाद भी कई साल तक तुeहारी हालत हमसे बेहतर नहm थी।”
“जहाँ तक हम जानते हy, तुमने हमसे xयादा कड़ी मेहनत भी नहm क? है। ?फर ऐसा Mय? है ?क ?क़mमत तुम
पर मेहरबान हो गई और उसने तुeहv ?ज़ंदगी क? सारी ख़िशयाँ दे दm, जब?क उसने हमv नज़रअंदाज़ कर ?दया,
हालाँ?क हम भी तुeहारे ही िजतने के हक़दार थे?”
इस पर अरक़ाद ने कहा, “अगर तुम लोग? को पैसे क? ?दMक़त आ रही है, तो इसका कारण यह है ?क या तो
तुम दौलत इक?ी करने के िनयम? को नहm जान पाए हो, या ?फर तुम उनका पालन नहm करते हाे।
“?क़mमत एक ऐसी. दु? देवी है, जो ?कसी का भी mथायी hप से भला नहm करती है। िजस पर भी यह िबना
मेहनत के धन क? बरसात कर देती है, वह लगभग हमेशा बबाEद हो जाता है। उसक? मेहरबानी के बाद इंसान
बेतहाशा ख़चE करने लगता है और कुछ ही समय मv अपनी सारी दौलत गँवा बैठता है। दौलत तो चली जाती है,
परंतु उसके अंदर ब_त सी इRछा? क? भूख बाक़? रह जाती है, िज`हv संतु? करने का अब उसके पास साधन नहm
है। िजन लोग? पर ?क़mमत मेहरबान होती है, उनमv से कई कंजूस बन जाते हy और अपनी दौलत को सvतकर रखते
हy वे ख़चE करने से डरते हy, Mय??क वे जानते हy ?क अगर उनक? दौलत चली गई, तो इसके बाद उनमv दौलत
कमाने क? योOयता नहm है। इसके अलावा उ`हv चोर? और डाकु? का डर भी सताता है। इस तरह उनक? ?ज़ंदगी
खोखली और क?कारी हो जाती है।”
“शायद ऐसे लोग भी ह?गे, जो मेहनत के िबना कमाई दौलत को लेकर उसे बढ़ा लv और सुखी नाग?रक के
hप मv जीवन िजएँ। परंतु ऐसे लोग ब_त कम ह?गे। मyने आज तक ऐसे ?कसी ?ि? को नहm देखा है, हालाँ?क मyने
इस बारे मv कई अफ़वाहv ज़hर सुनी हy। अगर तुम लोग? को यक़?न नहm हो रहा हो, तो अपनी जान–पहचान के
उन लोग? के बारे मv सोचो, िज`हv िवरासत मv अचानक दौलत िमली थी। Mया ऐसा ही नहm होता है?”
अरक़ाद के िम?? ने mवीकार ?कया ?क िजन लोग? को िवरासत मv दौलत िमली थी, उनके बारे मv यह सच
था। परंतु िम?? ने अरक़ाद से कहा ?क वह अपने दौलतमंद बनने क? कहानी िवmतार से बताए। इसके जवाब मv
अरक़ाद बोला,
“अपनी जवानी मv मyने अपने चार? तरफ़ सुख और संतुि? देने वाली ब_त सी अRछी चीज़v देखm। इसके बाद
मyने यह भी देखा ?क दौलत इन सबक? शि? को बढ़ा देती है।”
“दौलत मv शि? होती है। दौलत हो, तो ब_त सी चीजv संभव हy।”
“आप अपने घर को सबसे महँगे सामान से सजा सकते हy।”
“आप दूर देश? क? या?ा कर सकते हy।”
“आप दूर के देश? के जायकेदार ?ंजन? का mवाद चख सकते हy।”
“आप सुनार और जौहरी से आभूषण ख़रीद सकते हy।”
“आप ई?र के भ? मं?दर भी बनवा सकते हy।”
“आप ये सारे काम कर सकते हy और इसके अलावा अनेक ऐसे काम कर सकते हy, िजनसे इं??य? को आनंद
तथा आ\मा को सुख िमले।”

“और जब मुझे इन सब बात? का एहसास _आ, तो मyने यह संकhप ?कया ?क मy ?ज़ंदगी क? तमाम अRछी
चीजv हािसल करके र`ँगा। मy उन लोग? जैसा नहm बनूंगा, जो दूर खड़े रहते हy और सुखी लोग? से ईlयाE करते हy।
मy सmते कपड़? मv संतु? नहm र`ंगा, िजनमv लोग सeमानजनक ?दखने क? कोिशश करते हy। मy गरीब आदमी क?
?ज़ंदगी से संतु? नहm र`ँगा । इसके िवपरीत, मy बेहतरीन चीज़? के इस ज? मv खुद को एक सeमािनत अितिथ
बनाऊँगा।”
“जैसा तुम लोग जानते हो, मेरे िपता एक छोटे ?ापारी थे और हमारा प?रवार बड़ा था, इसिलए मुझे
िवरासत मv कुछ िमलने क? ज़रा भी उeमीद नहm थी। जैसा तुम लोग? ने कहा है, मुझमv ती? बुि? या िवशेष
योOयता भी नहm थी। इसिलए मyने फ़ैसला ?कया ?क अगर मy अपनी इRछा पूरी करना चाहता _ँ, तो इसके िलए
मुझे समय और Dान क? ज़hरत हy।”
“जहाँ तक समय का सवाल है, यह सबके पास ?चुरता मv होता है। तुम सबके पास दौलतमंद बनने के िलए
काफ़? समय था, िजसे तुमने बबाEद कर ?दया है। तुम लोग? के अनुसार तुeहारे पास संपिk के नाम पर िसफ़E
तुeहारे प?रवार हy, जो सचमुच गवE करने लायक हy।”
“जहाँ तक Dान का सवाल है, तुeहv याद होगा, हमारे बुि?मान अ_यापक ने हम सबको यह िसखाया था ?क
Dान दो तरह का होता है : एक तरह का Dान वह होता है, जो हम सीखते और जानते हy। और दूसरी तरह का
Dान यह ?िशCण है ?क हम उस चीज़ का पता कैसे लगाएँ, िजसे हम नहm जानते हy?”
“इसिलए मyने यह पता लगाने का फैसला ?कया ?क दौलत का सं?ह कैसे ?कया जा सकता है। मyने यह
संकhप ?कया ?क इसका तरीक़ा मालूम होते ही मy दौलत का सं?ह करने मv जुट जाऊँगा और इस काम को अRछी
तरह कhंगा। समझदारी इसी मv है ?क जब तक हम इस दुिनया मv हy, तब तक ?जंदगी का आनंद लv, Mय??क इस
दुिनया से जाने के बाद हमv पयाE? दुख िमलvगे।”
“मुझे ?रकॉडE hम मv नक़लनवीस का काम िमल गया। मy हर ?दन कई घंट? तक मृदाप? (िम?ी क? टेबलेWस)
पर मेहनत से िलखता रहा। महीन? मेहनत करने के बावज़ूद मy दौलत के नाम पर कुछ भी इक?ा नहm कर पाया।
भोजन, कपड़े, देवता? के ?ायि?त और न जाने ?कतनी चीज़? पर मेरी सारी कमाई ख़चE हो जाती थी। ले?कन
इसके बावज़ूद मेरा संकhप कम नहm _आ।”
?फर एक ?दन सा`कार अhग़ेिमश िसटी माmटर के घर पर आए। उ`ह?ने नवv िनयम क? नक़ल माँगी और
मुझसे कहा, ‘मुझे यह दो ?दन मv चािहए, और अगर यह काम उस समय तक पूरा हो गया, तो मy तुeहv ताँबे के दो
िस?े दूँगा।’
मyने कड़ी मेहनत क?, परंतु वह िनयम लंबा था और जब अhग़ेिमश आए, तो काम अधूरा पड़ा था। वे नाराज़
होकर बोले ?क अगर मy उनका गुलाम होता, तो वे मेरी खाल उधेड़ लेते। बहरहाल, मy जानता था ?क िसटी
माmटर उ`हv मुझ पर हाथ नहm उठाने दvगे, इसिलए मुझे इस बात का डर नहm था। मyने उनसे कहा, ‘ अhग़ेिमश,
आप ब_त अमीर हy। मुझे बताएँ ?क मy भी अमीर कैसे बन सकता `ँ। अगर आप ऐसा करने का वायदा करv, तो मy
सारी रात मृदाप? पर िलखूँगा और सूरज उगने तक आपका काम पूरा हो जाएगा। ’
वे मेरी तरफ़ देखकर मुmकराए और बोले, “तुम ब_त ही दुmसाहसी हो, परंतु मुझे यह सौदा मंजूर है।’
“मy पूरी रात िलखता रहा, हालाँ?क मेरी कमर मv ददE हो रहा था, तेल क? बदबू से मेरा िसर घूम रहा था
और मेरी आँख? के सामने अँधेरा छा रहा था। ले?कन जब वे सुबह आए, तो िनयम क? पूरी नक़ल तैयार हो चुक?
थी।”
?फर मyने उनसे कहा, ‘अब आप अपना वायदा पूरा करv।’
“वे दयालुता से बोले, ‘तुमने सौदे का अपनी तरफ़ वाला िहmसा पूरा कर िलया है, बेटे! और मy अपना
िहmसा पूरा करने के िलए तैयार `ँ। मy तुeहv वे सब बातv बताऊँगा, जो तुम जानना चाहते हो, Mय??क मy बूढ़ा हो
रहा `ँ और बूढ़े लोग? को मुँह चलाना अRछा लगता है। जब युवक बूढ़े लोग? के पास सलाह लेने आते हy, तो उ`हv
अनुभव से हािसल Dान िमलता है। परंतु अMसर युवक यह मान लेते हy ?क बूढ़े लोग? के पास जो Dान है, वह गुज़रे
जमाने का Dान है और वतEमान मv उससे कोई लाभ नहm होगा। यही वजह है ?क वे उस Dान का लाभ नहm उठाते
हy। मगर एक बात हमेशा याद रखना, आज जो सूरज चमक रहा है, यह वही सूरज है जो तुeहारे िपता के जमाने
मv चमकता था और यह सूरज तब भी चमकता रहेगा, जब तुeहारे नाती–पोते इस दुिनया से चले जाएँगे।”
“उ`ह?ने आगे कहा, ‘युवा? के िवचार उन धूमकेतु? क? तरह होते हy, जो अMसर आसमान को चमकदार

बना देते हy, जब?क बुढ़ापे का Dान िसतार? क? तरह होता है, िजनक? चमक मv कोई फ़क़E नहm आता है। इसीिलए
समु?ी या?ा करने वाले लोग िसतार? के आधार पर अपनी ?दशा िनधाE?रत करते हy, धूमकेतु? के आधार पर नहm
करते।”
“मेरे शcद? को अRछी तरह से गाँठ बाँध लो, Mय??क अगर तुम मेरी बात? मv िछपी स?ाई को नहm समझ
पाओगे, तो तुeहv लगेगा ?क तुeहारी रात भर क? मेहनत बेकार चली गई।”
?फर उ`ह?ने अपनी मोटी भ?ह के नीचे से मुझ पर तीखी िनगाह डाली। इसके बाद वे धीमे परंतु सश?
लहज़े मv बोले, ‘मy दौलत क? राह पर तब प_ँचा, जब मyने यह फ़ैसला ?कया ?क मy अपनी कमाई का एक िहmसा
ख़द रखूँगा। अगर तुम भी ऐसा ही करो, तो तुम भी दौलत क? राह पर प_ँच जाओगे।’
?फर वे मेरी तरफ़ पैनी िनगाह से देखते रहे, पर बोले कुछ नहm।
मyने पूछा, ‘बस इतना ही ?’
उ`ह?ने जवाब ?दया, ‘भेड़ चराने वाले ?कशोर को सा`कार मv बदलने के िलए बस इतना ही काफ़? था।’
मyने पूछा, ‘परंतु मy िजतना कमाता `ँ, वह सब मy ही तो रखता `ँ। Mया यह सच नहm है?’
उ`ह?ने कहा, ‘िबलकुल नहm है। Mया तुम दजn को पैसे नहm देते हो ? Mया तुम मोची को पैसे नहm देते हो?
Mया तुम भोजन पर ख़चE नहm करते हो? Mया तुम बैिबलॉन मv िबना ख़चE ?कए ?ज़ंदा रह सकते हो? तुeहारी
िपछले महीने क? कमाई कहाँ है? िपछले साल क? कमाई ? मुखE! तुम बाक़? सबको पैसे देते हो, परंतु खुद को नहm
देते हो। बेवकूफ़, तुम अपने िलए नहm, दूसर? के िलए मेहनत करते हो। इससे अRछा तो यह है ?क तुम गुलाम बन
जाओ और मािलक तुeहारी मेहनत के बदले मv तुeहv खाने तथा पहनने को दे। अगर तुम अपनी कमाई का दसवाँ
िहmसा अपने पास रखोगे, तो तुeहारे पास दस साल मv ?कतनी दौलत जमा हो जाएगी?’
मेरा गिणत ठीक–ठाक था, इसिलए मyने त\काल जवाब ?दया, ‘मेरी एक साल क? आमदनी के बराबर।’
वे बोले, ‘तुeहारी बात आधी सच है। देखो, तुम जो भी mवणE मु?ा बचाते हो, वह तुeहारी ग़लाम बनकर
तुeहारे िलए काम करती है। यह mवणE मु?ा िजतने भी ताँबे के िस?े कमाती है, वे सब इसक? संतानv हy और वे भी
तुeहारे िलए धन कमा सकते हy। अगर तुम दौलतमंद बनना चाहते हो, तो तुeहv अपनी बचत का िनवेश करना
चािहए, ता?क तुeहारी बचत और इसक? संतानv धन कमाएँ तथा तुeहv तुeहारी मनचाही दौलत ?दान करv।’
उ`ह?ने आगे कहा, ‘तुeहv शायद यह लग रहा होगा ?क मy तुeहारी रात भर क? मेहनत के बदले मv तुeहv गलत
सलाह दे रहा `ँ। परंतु यक़?न करो, मy तुeहv हज़ार गुना xयादा भुगतान कर रहा `ँ, बशतw तुममv मेरी बात? के पीछे
िछपी स?ाई को समझने क? बुि? हो।’
अपनी कमाई का एक िहmसा खुद रखो। चाहे तुeहारी कमाई ?कतनी ही कम Mय? न हो, तुeहv इसके दसवv
िहmसे यानी दस ?ितशत से कम नहm बचाना चािहए। तुम इससे िजतना xयादा बचा सकते हो, बचा लो। सबसे
पहले ख़द को भुगतान करो। बची _ई कमाई मv अपना ख़चE चलाओ। दजn और मोची से इतना सामान मत ख़रीदो
?क तुम अपनी बची _ई आमदनी मv से उनका भुगतान न कर पाओ। इसके अलावा, तुeहv बची _ई कमाई मv से ही
भोजन, परोपकार और ई?र के ?ायि?त के िलए भी ख़चE करना होगा।
“पेड़ क? तरह ही दौलत भी एक छोटे से बीज से उगती है। तुeहारे ?ारा बचाया गया ताँबे का पहला िस?ा
वह वीज है, िजससे तुeहारी दौलत का पेड़ उगेगा। िजतनी जhदी तुम यह बीज बो दोगे, पेड़ उतनी ही जhदी
उगेगा। तुम िजतनी िन?ा और िनरंतरता से उस पेड़ मv अपनी बचत का पानी सmचोगे, उतनी ही जhदी तुम
उसक? छाया के नीचे आराम कर सकते हो।”
यह कहकर उ`ह?ने अपने मृदाप? उठाए और चले गए।
मyने उनक? सलाह पर काफ़? समय तक िवचार ?कया और वह मुझे तकEपूणE लगी। इसिलए मyने उस पर
अमल करने का फ़ैसला ?कया। जब भी मy कुछ कमाता था, तो ताँबे के दस िस?? मv से एक िनकालकर अलग रख
देता था। और अजीब बात यह थी ?क मुझे ख़चE चलाने मv पहले से xयादा ?दMक़त नहm _ई। मुझे कोई फ़क़E महसूस
नहm _आ और मy अपनी आमदनी के दसवv िहmसे के िबना ही गुज़ारा करने लगा। धीरे–धीरे मेरी बचत का आकार
बढ़ने लगा। अपनी बढ़ती बचत को देखकर मेरा मन ललचाता था ?क मy इसे ख़चE करके ?ापा?रय? से वे अRछी–
अRछी चीजv खरीद लूँ, जो ऊँट? और जहाज़? से फ़?िनिशय`स के देश से आती हy। परंतु मyने समझदारी से काम
िलया और ऐसा नहm ?कया।
एक साल बाद अhग़ेिमश दुबारा आए और उ`ह?ने मुझसे पूछा, ‘बेटे, तुमने िपछले साल िजतना कमाया है,

Mया तुमने उसका कम से कम दसवाँ िहmसा अपने िलए बचाया है?’
मyने गवE से जवाब ?दया, ‘हाँ, मyने ऐसा ?कया है।’
उ`ह?ने मुmकराकर कहा, ‘यह तो ब_त अRछी बात है। और तुमने उस पैसे का Mया ?कया?’
“मyने इसे ईट बनाने वाले अज़मर को दे ?दया, िजसने मुझसे कहा था ?क वह दूर देश? क? या?ा करने जा
रहा है और वह टायर से मेरे िलए फ़?िनिशय`स के दुलEभ र? ख़रीद लाएगा। उसके लौटने के बाद हम उन र?? को
xयादा क़?मत पर बेचकर मुनाफ़ा कमाएँगे और मुनाफ़े को आपस मv बाँट लvगे।”
वे गुराEकर बोले, ‘हर मूखE अपनी ही गलती से सीखता है। परंतु तुमने र?? के बारे मv ईट बनाने वाले पर
भरोसा Mय? ?कया? Mया तुम ?ेड बनाने वाले से Tयोितष क? भिवlयवाणी पूछते हो ? नहm, अगर तुममv ज़रा भी
बुि? है, तो तुम इसके िलए Tयोितषी के पास जाते हो। तुeहारी पूरी बचत अब चली गई है। बेटे, तुमने अपनी
दौलत के पेड़ को जड़ से उखाड़ ?दया है। परंतु तुम इसे दुबारा बो सकते हो। दुबारा कोिशश करो। और अगली
बार अगर तुeहv र?? के बारे मv सलाह क? ज़hरत हो, तो जौहरी के पास जाना। अगर तुeहv भेड़? के बारे मv स?ाई
जानना हो, तो गड़?रए के पास जाना। सलाह एक ऐसी चीज़ है, िजसे लोग मु?त मv बाँटते हy, परंतु इस बारे मv
सतकE रहने क? ज़hरत है। वही सलाह मानो, जो मानने योOय हो। जो ?ि? अपनी बचत के बारे मv अनुभवहीन
?ि?य? से सलाह लेता है, वह गलत सलाह के कारण अपनी बचत गँवा देता है।‘ इतना कहकर वे चले गए।
और जैसा उ`ह?ने कहा था, वैसा ही _आ। Mय??क बदमाश फ़?िनिशय`स ने अज़मर को र?? क? तरह ?दखने
वाले काँच के सmते टुकड़े पकड़ा ?दए। परंतु जैसा अhग़ेिमश ने मुझसे कहा था, मyने दुबारा अपनी कमाई का दसवाँ
िहmसा बचाया। अब मेरी बचत करने क? आदत पड़ चुक? थी, इसिलए यह काम मुिkकल नहm था।
एक साल बाद अhग़ेिमश ?फर से नक़लनवीस? के कमरे मv आए और मुझसे पूछने लगे, ‘हमारी िपछली
मुलाक़ात के बाद तुमने ?कतनी तर?? कर ली है?‘
मyने जवाब ?दया, ‘मyने खुद को भुगतान ?कया है और अपनी आमदनी का दसवाँ िहmसा बचाया है। मyने
अपनी बचत ढाल बनाने वाले अगर को काँसा ख़रीदने के िलए दे दी है। वह मुझे हर चौथे महीने cयाज देता है।’
“यह तुमने अRछा ?कया। परंतु यह तो बताओ, तुम उस cयाज का Mया करते हो ?”
“मy उससे बेहतरीन ज? मनाता `ँ। मy शहद, बेहतरीन शराब और केक का लु\फ़ उठाता `ँ। मyने एक लाल
जैकेट भी ख़रीद ली है। और जhदी ही मy सवारी करने के िलए एक ख?र भी ख़रीदने वाला है।”
इस पर अhग़ेिमश हँसे, ‘तुम अपनी बचत क? संतान? को खा रहे हो। ?फर तुम यह उeमीद कैसे कर सकते हो
?क वे तुeहारे िलए काम करvगी। और ?फर उनक? संतानv कैसे ह?गी, जो तुeहारे िलए काम कर सकv? ? सबसे पहले
िस?? के गुलाम? क? सेना बनाओ। इसके बाद तुम िबना पछताए बेहतरीन ज? मना सकते हो।‘ इतना कहकर वे
चले गए।
इसके बाद मyने उ`हv दो साल बाद देखा। बुढ़ापे के कारण उनके चेहरे पर झु?रEयाँ पड़ चुक? थm और उनके
कंधे झुक गए थे। उ`ह?ने मुझसे पूछा, ‘अरक़ाद, Mया तुeहv वह दौलत िमल चुक? है, िजसका तुमने सपना देखा
था?’
मyने जवाब ?दया, ‘उतनी तो नहm िमली, िजतनी मy चाहता था, परंतु मेरे पास कुछ संपिk जमा हो गई है।
यह संपिk cयाज कमाती है तथा इसका cयाज और cयाज कमाता है।’
“और Mया तुम अब भी ईट बनाने वाल? से सलाह लेते हो?”
मyने जवाब मv कहा, “इंट? के बारे मv वे अRछी सलाह देते हy।”
यह सुनकर वे बोले, ‘अरक़ाद, तुमने मेरे सबक़ अRछी तरह से सीख िलए हy। पहले तो तुमने यह सीखा ?क
अपनी आमदनी से कम मv अपना ख़चE कैसे चलाया जाए। ?फर तुमने उन लोग? से सलाह लेना सीखा, जो उस Cे?
का अनुभव और Dान रखते ह?। और अंत मv तुमने यह सीखा ?क धन से अपने िलए काम कैसे करवाया जाता है।
“तुमने यह सीख िलया है ?क धन को कैसे हािसल ?कया जाता है, इसे अपने पास कैसे रखा जाता है और
इसका ?योग कैसे ?कया जाता है। इसिलए तुम िज़eमेदारी का पद सँभालने के योOय बन चुके हो। मy अब बूढ़ा हो
रहा `ँ। मेरे पु? हमेशा ख़चE करने क? योजनाएँ बनाते रहते हy और कमाने के बारे मv ज़रा भी नहm सोचते हy। मेरी
जायदाद ब_त फैली _ई है और मy उसे नहm सँभाल सकता `ँ, Mय??क अब मy बूढ़ा हो चुका `ँ। अगर तुम िनaपर
जाकर मेरी जांयदाद सँभाल लो, तो मy तुeहv अपना पाटEनर बना लूंगा।”
“इस तरह मyने िनaपर जाकर उनक? जायदाद सँभाल ली, जो काफ़? बड़ी थी। चूँ?क मुझमv ?बल

मह\वाकांCा थी और मyने दौलत सँभालने के तीन िनयम? मv िनपुणता हािसल कर ली थी, इसिलए मyने उनक?
जायदाद के लाभ को ब_त बढ़ा िलया। प?रणाम यह _आ ?क मेरे पास काफ़? पैसा आ गया और जब अhग़ेिमश
इस दुिनया से चले गए, तो मुझे उनक? वसीयत के मुतािबक़ उनक? जायदाद का कुछ िहmसा भी िमल है गया।”
अरक़ाद ने जब अपनी कहानी ख़\म क?, तो एक िम? ने कहा, “तुम सचमुच ख़श?क़mमत थे ?क अhग़ेिमश ने
तुeहv अपना वा?रस बनाया।”
“मy िसफ़E इस मामले मv ख़श?क़mमत था ?क उनसे िमलने से पहले मेरे मन मv दौलतमंद बनने क? इRछा थी।
Mया मyने चार साल तक अपनी आमदनी का दसवाँ िहmसा बचाकर यह सािबत नहm ?कया था ?क मुझमv अपने
लoय तक प_ँचने क? लगन थी? Mया आप उस सफल मछुआरे को ख़श?क़mमत कहvगे, िजसने बरस? तक मछिलय?
क? आदत? का अ_ययन ?कया है, ता?क वह हर बदलती हवा के साथ उन पर अपना जाल फvक सके ? अवसर एक
घमंडी देवता है, जो उन लोग? पर समय बबाEद नहm करता, जो तैयार न ह?।”
एक और िम? बोला, “आपमv इतनी दृढ़ इRछाशि? थी ?क आप पहले साल क? बचत डूबने के बाद भी यह
काम करते रहे। इस मामले मv आप असाधारण हy।”
अरक़ाद ने कहा, “इRछाशि? बकवास! Mया तुeहv लगता है ?क इRछाशि? मनुlय को वह बोझ उठाने क?
शि? दे सकती है, जो ऊँट नहm उठा सकता ? Mया इRछाशि? मनुlय को वह भारी बैलगाड़ी खmचने क? शि? दे
सकती है, िजसे बैल नहm िहला सकता ? इRछाशि? और कुछ नहm, बिhक वह काम करने का दृढ़ संकhप है, िजसे
पूरा करने का आपने फ़ैसला ?कया है। अगर मyने कोई काम करने का फ़ैसला ?कया है, तो चाहे वह ?कतना ही
छोटा Mय? न हो, मy उसे पूरा करता `ँ। वरना मुझमv मह\वपूणE काम करने के िलए आ\मिव?ास कैसे आएगा ?
अगर मy ख़द से यह क`ँ, ‘शहर जाने वाले पुल को पार करते समय मy सौ ?दन तक हर ?दन सड़क से एक कंकड़
उठाकर नदी मv डालूँगा,‘ तो मy ऐसा हर ?दन कgँगा। अगर सातवv ?दन पुल पार करते समय मy कंकड़ डालना भूल
जाऊँ, तो मy लौटकर यह नहm क`ँगा, ‘कल मy दो कंकड़ डाल दूँगा । इससे कोई फ़क़E नहm पड़ेगा।‘ नहm, मy दुबारा
पुल तक जाऊँगा और कंकड़ डालूँगा। न ही बीसवv ?दन मy खुद से यह क`ँगा, ‘अरक़ाद, यह बेकार का काम है। हर
?दन एक कंकड़ डालने से Mया फ़ायदा होगा ? इससे अRछा तो यह है ?क मु?ी भर कंकड़ उठाकर नदी मv एक साथ
डाल दो और इस झंझट को ख़\म करो।‘ नहm, मy ऐसा नहm क`ँगा, मy ऐसा नहm कhँगा । जब मy ?कसी काम को
करने का फैसला करता `ँ, तो मy उसे पूरा करके ही दम लेता `ँ। इसिलए मy इस बात का _यान रखता `ँ ?क मy
क?ठन और अ?ावहा?रक काम शुh न कhँ, Mय??क मुझे फुरसत मv रहना और आराम करना पसंद है।”
?फर एक और िम? बोला, “आपक? बातv तकEपूणE हy। और अगर ये सच हy, तो यह काम ब_त आसान है।
अगर सब लोग ऐसा ही करने लगv, तो ?फर दौलत इस हाथ से उस हाथ तक कैसे प_ँच पाएगी ?”
अरक़ाद ने जवाब ?दया, “जहाँ भी मनुlय ?म करते हy, वहाँ दौलत बढ़ती है। अगर कोई अमीर आदमी एक
नया महल बनाता है, तो Mया उसका ख़चE ?कया _आ पैसा गायब हो जाता है ? नहm, इंट वाले को इसका एक
िहmसा िमलता है, मज़दूर? को इसका एक िहmसा िमलता है, कारीगर को इसका एक िहmसा िमलता है। जो भी
उस महल को बनाने मv मेहनत करता है, उसे उस धन मv से िहmसा िमलता है। और जब महल बनकर तैयार हो
जाता है, तो Mया यह इसक? लागत िजतना मूhयवान नहm होता है? Mया महल बनने के कारण उस भूिम का मूhय
नहm बढ़ जाता है, िजस पर यह बना है? और Mया महल बनने के कारण इसके पास वाली भूिम क? क़?मत भी नहm
बढ़ जाती है ? दौलत जादुई तरीके से बढ़ती है। कोई भी ?ि? इसक? सीमा क? भिवlयवाणी नहm कर सकता।
फ़?िनिशय`स के समु?ी जहाज़ दूसरे देश? के ?ापार से जो धन कमाकर लाते हy, Mया उस धन से उ`ह?ने वीरान
समु?ी तट? पर बड़े शहर नहm बना िलए हy?”
एक और िम? ने पूछा, “तो ?फर आप हमv अमीर बनने के िलए Mया करने क? सलाह देते हy? हमारे ब_त
साल बबाEद हो चुके हy। हमारी जवानी चली गई है। और हमारे पास बचत के नाम पर कुछ भी नहm है।”
मy सलाह देता `ँ ?क आप अhग़ेिमश क? समझदारी से सीख लv और खुद से कहv, ‘मy िजतना कमाऊँगा, उसका
एक िहmसा खुद रखूँगा।’ इस वाMय को सुबह उठते समय दोहराएँ। इसे दोपहर मv दोहराएँ। इसे रात मv दोहराएँ।
इसे हर ?दन, हर घंटे दोहराएँ। आप ख़द से तब तक यह कहते रहv, जब तक ?क ये शcद आसमान मv आग के अCर?
क? तरह साफ़ नज़र न आने लगv
अपने मन पर इस िवचार क? मोहर लगा लv। अपने मिmतlक मv इस िवचार को भर लv। ?फर आमदनी का
िजतना िहmसा तकEसंगत लगता हो, उतना बचाएँ। आपक? यह बचत आपक? आमदनी के दसवv िहmसे यानी दस
?ितशत से कम नहm होना चािहए। ?फर इस िहmसे को अलग रख दv। अगर आवkयक हो, तो अपने बाक़? ख़चE कम

कर दv। परंतु सबसे पहले दसवv िहmसे को अलग रख दv। जhदी ही आप खुद को एक ऐसे खज़ाने का mवामी पाएँगे,
िजस पर िसफ़E आपका हक़ होगा। इससे आपको ब_त सुख िमलेगा। जब आपका ख़ज़ाना बढ़ेगा, तो इससे आपको
?ेरणा िमलेगी। ?जंदगी का एक नया आनंद आपको रोमांिचत करेगा। ?फर आप Tयादा कमाने के िलए xयादा
कोिशश करvगे, Mय??क आपक? आमदनी िजतनी बढ़ेगी, आपक? बचत भी उतनी ही बढ़ेगी।
इAके बाद अपने ख़ज़ाने से अपने िलए काम करवाना सीखv। इसे अपना गुलाम बनाएँ। इसक? संतान? और
इसक? संतान? क? संतान? से अपने िलए काम करवाएँ।
भिवlय क? आमदनी सुिनि?त कर लv। बूढ़े लोग? को देखv और यह याद रखv ?क ?कसी ?दन आपक? िगनती
भी इ`हm लोग? मv होगी। इसिलए अपने ख़ज़ाने का िनवेश ब_त सावधानी से करv, ता?क आप इसे गँवा न दv। बदले
मv ब_त xयादा मुनाफ़ा वह धोखेबाज़ जलपरी है, जो अपने मधुर गीत से असावधान ?ि? को मोिहत करके
च?ान? क? ओर आक?षEत करती है, जहाँ वह नुक़सान और प?ाताप क? च?ान? से टकराकर _वmत हो जाता है।
इस बात क? ?वmथा भी कर लv ?क अगर देवता आपको अपने पास बुला लv, तो आपके प?रवार पर आ?थEक
संकट न आए। समय–समय पर बीमे का थोड़ा भुगतान करने से ऐसी सुरिCत ?वmथा करना संभव है। इसिलए
समझदार ?ि? ऐसे समझदारीपूणE उ?ेkय के िलए धन ख़चE करने मv देर नहm करता है
बुि?मान लोग? से सलाह लv। धन संबंधी काम करने वाले लोग? से सलाह लv। वे आपको उस तरह क? ग़लती
से बचा लvगे, जो मyने अपने धन को ईट बनाने वाले अज़मर के हवाले करते समय क? थी। कम परंतु सुरिCत लाभ
जोिखम लेने से बेहतर है।
“जब तक आप इस दुिनया मv हy, इसका आनंद लv। अपनी Cमता से xयादा मेहनत न करv। ब_त xयादा धन
बचाने क? कोिशश भी न करv। अगर आप अपनी आमदनी के दसवv िहmसे को आराम से बचा सकते हy, तो इतना
बचाकर ही संतु? रहv। इसके अलावा, अपनी आमदनी के िहसाब से ?ज़ंदगी गुज़ारv। ब_त xयादा कंजूस न बनv, न
ही ख़चE करने से डरv। ?ज़ंदगी ब_त अRछी है और ?ज़ंदगी मv ऐसी ब_त सी चीजv हy, िजनका आनंद िलया जाना
चािहए।”
अरक़ाद के िम?? ने उसे ध`यवाद देकर उससे िवदा ली। लौटते समय कुछ िम? तो ख़ामोश थे, Mय??क उनमv
कhपनाशि? नहm थी और वे अरक़ाद क? बात? का पूरा मतलब नहm समझ पाए थे। कुछ आलोचना कर रहे थे,
Mय??क वे सोच रहे थे ?क इतने अमीर आदमी को अपनी दौलत का कुछ िहmसा अपने गरीब दोmत? मv बाँट देना
चािहए। परंतु कुछ क? आँख? मv एक नई चमक थी। वे जानते थे ?क अhग़ेिमश हर बार नक़लनवीस? के कमरे मv
लौटा था, Mय??क वह अरक़ाद को अंधकार से िनकलकर ?काश क? ओर जाते देख रहा था। जब अरक़ाद को Dान
का ?काश िमल गया, तो एक अवसर, एक पद उसका इंतज़ार कर रहा था। कोई भी उस जगह को नहm भर
सकता था, जब तक ?क वह अपने Dान को बढ़ा न ले और अवसर के िलए तैयार न हो।
बाद वाले लोग कई साल? तक अरक़ाद से बार–बार िमलने गए, िजसने खुशी से उनका mवागत ?कया। उसने
उ`हv काफ़? समझदारी भरी सलाह दी, जैसा अनुभवी लोग हमेशा खुशी–खुशी करते हy। और उसने उनक? बचत के
िनवेश मv मदद भी क?, ता?क उ`हv सुरिCत cयाज िमल सके और उनका मूलधन सुरिCत रहे या वे ऐसे िनवेश? मv
न उलझ जाए, िजनमv उ`हv कोई लाभ न हो।
इन लोग? क? ?ज़ंदगी मv बदलाव का Cण उस ?दन आया, जब उ`हv उस स\य का एहसास _आ, जो
अhग़ेिमश से अरक़ाद ने और अरक़ाद से उ`ह?ने सीखा था।
अपनी आमदनी का दसवाँ िहmसा खुद के िलए बचाकर अलग रखv।

बै
ख़ाली पसE के सात इलाज
िबलॉन ब_त ही समृ? शहर था। इतने युग? बाद भी यह दुिनया के सबसे समृ? शहर के hप मv मश`र है,
िजसका ख़ज़ाना हमेशा भरा रहता था।
परंतु हमेशा से ऐसा नहm था। बैिबलॉन क? अमीरी का कारण यह था ?क इसके नाग?रक बुि?मान थे।
उ`ह?ने अमीर बनने का फ़ॉमूEला सीख िलया था।
जब स?ाट सागEन अपने श?ु? को परािजत करने के बाद बैिबलॉन लौटे, तो उ`हv एक गंभीर िmथित का
सामना करना पड़ा। उनके वज़ीर ने उ`हv बताया,
“महामिहम ने ?संचाई के िलए बड़ी नहरv और पूजा–अचEना के िलए ऊँचे मं?दर बनवाए, िजस वजह से
?जाजन कई साल तक समृ? रहे। परंतु अब ये काम पूरे हो गए हy, इसिलए xयादातर नाग?रक अपनी गुज़र–
बसर नहm कर पा रहे हy।”
“मज़दूर बेरोज़गार हy। ?ापा?रय? क? ?ाहक? ब_त कम हो गई है। ?कसान? क? फ़सल नहm िबक रही है।
लोग? के पास सामान ख़रीदने के िलए पयाE? धन नहm है।”
राजा ने पूछा, “हमने नहर और मं?दर बनवाने मv इतना सारा धन ख़चE ?कया था। आिख़र वह धन गया
कहाँ?”
वज़ीर ने कहा, “महाराज, वह धन हमारे शहर के मु?ी भर अमीर लोग? के पास चला गया है। वह धन
हमारे अिधकांश नाग?रक? क? ऊँगिलय? मv से उसी तरह ?फसल गया, िजस तरह बकरी का दूध छलनी मv से
?फसल जाता है। चूँ?क अब धन क? न?दयाँ बहना बंद हो गई हy, इसिलए xयादातर लोग? क? आमदनी भी ख़\म
हो गई है।”
स?ाट कुछ समय तक सोचते रहे। ?फर उ`ह?ने पूछा, “इतना सारा धन मु?ी भर लोग? के पास कैसे चला
गया?”
वज़ीर ने जवाब ?दया, “Mय??क वे इसका तरीक़ा जानते थे। हम सफल लोग? क? इस कारण ?नंदा नहm कर
सकते, Mय??क वे सफल होने का तरीक़ा जानते हy। इसके अलावा यह भी उिचत नहm होगा ?क वैध hप से कमाए
धन को ज़बदEmती छीनकर कम योOय ?ि?य? मv बाँट ?दया जाए।”
स?ाट ने पूछा, “सब लोग यह Mय? नहm सीखते ?क धन इक?ा कैसे ?कया जाता है, ता?क मेरे शहर का हर
आदमी अमीर बन जाए? ? Mया यह संभव नहm है?”
“िबhकुल संभव है, महाराज। परंतु उ`हv िसखाएगा कौन ? पुरोिहत और पुजारी तो िनि?त hप से ऐसा
नहm कर सकते, Mय??क उ`हv धन कमाने के बारे मv रkी भर भी Dान नहm है।”
स?ाट ने पूछा, “वज़ीर, दौलतमंद बनने का तरीक़ा हमारे शहर मv सबसे अRछी तरह कौन जानता है?”
“आपके सवाल मv ही जवाब िछपा है, महाराज। बैिबलॉन मv सबसे xयादा दौलत ?कसके पास है ?”
“मेरे क़ािबल वज़ीर, तुमने ब_त अRछी बात कही है। अरक़ाद के िसवा और कौन हो सकता है। वह बैिबलॉन
का सबसे अमीर आदमी है। उसे कल मेरे सामने पेश करो।”
अगले ?दन स?ाट के आदेश के अनुसार अरक़ाद उनके सामने उपिmथत _आ। हालाँ?क उसक? उ? सkर वषE
हो चुक? थी, परंतु वह अब भी चुmत और फुतnला था।
स?ाट ने कहा, ‘‘अरक़ाद, Mया यह सच है ?क तुम बैिबलॉन के सबसे अमीर आदमी हो ?”
“लोग ऐसा कहते हy, महामिहम, और कोई भी इसका िवरोध नहm करता है।”
“तुम इतने दौलतमंद कैसे बने ?”
“उन अवसर? का लाभ लेकर, जो हमारे ?े? शहर के सभी नाग?रक? के िलए उपलcध हy।”
“तुeहारे पास शुh मv तो कुछ नहm था ?”
“िसफ़E दौलत कमाने क? ?बल इRछा थी। इसके अलावा और कुछ भी नहm था।”
स?ाट ने आगे कहा, “अरक़ाद, हमारे शहर क? िmथित ब_त गंभीर है। िसफ़E मु?ी भर लोग ही दौलत कमाने

का तरीक़ा जानते हy, इसिलए धन पर उनका एकािधकार हो गया है, जब?क हमारे अिधकांश नाग?रक यह नहm
जानते हy ?क वे अपनी आमदनी मv से बचत करके दौलतमंद कैसे बन सकते हy।”
“मy चाहता `ँ ?क बैिबलॉन दुिनया का सबसे अमीर शहर बन जाए। इसिलए इसमv ब_त से दौलतमंद लोग
होना चािहए। इसके िलए हमv सब लोग? को यह िसखाना होगा ?क अमीर कैसे बना जाता है। मुझे बताओ
अरक़ाद, Mया दौलतमंद बनने का कोई रहmय या फ़ॉमूEला है ? Mया इसे िसखाया जा सकता है?”
“महामिहम, जो एक ?ि? जानता है, उसे दूसर? को भी िसखाया जा सकता है।”
स?ाट क? आँख? मv चमक आ गई, “अरक़ाद, तुमने वही शcद बोल ?दए, जो मy सुनना चाहता था। Mया तुम
इस महान काम मv अपना सहयोग दोगे ? Mया तुम कुछ लोग? को िसखा सकते हो, जो आगे चलकर दूसर? को
िसखाएँ, जब तक ?क हम अपने शहर के हर नाग?रक को अमीर बनने का फ़ॉमूEला न िसखा दv ?”
अरक़ाद ने िसर झुकाकर कहा, “मy आपका िवन? सेवक `ँ और आपके आदेश का पालन कhँगा। मेरे पास
िजतना भी Dान है, मy उसे अपने साथी नाग?रक? क? बेहतरी और स?ाट क? संतुि? के िलए ख़शी–ख़शी दूँगा।
अगर वज़ीर साहब मेरी कCा के िलए सौ लोग? का ?बंध कर दv, तो मy उ`हv ख़ाली पसE के सात इलाज बताऊँगा।
कभी मेरा पसE बैिबलॉन का सबसे ख़ाली पसE था, परंतु मyने इन सात इलाज? से उसे मोटा कर िलया।”
पं?ह ?दन बाद स?ाट के _qम से सौ लोग िशCण मं?दर के बड़े हॉल मv एकि?त _ए। वे अधEवृk के आकार मv
बैठे थे। अरक़ाद एक छोटे चबूतरे के पास बैठा था, जहाँ पिव? दीपक जल रहा था, िजसमv से एक अजीब और
अRछी ख़शबू आ रही थी।
जब अरक़ाद उठा, तो एक िव?ाथn ने अपने पड़ोसी को कोहनी मारते _ए कहा, ”बैिबलॉन के सबसे अमीर
आदमी को देखो। परंतु वह भी हम लोग? क? तरह ही इंसान है।”
अरक़ाद ने बोलना शुh ?कया, “हमारे महान स?ाट के आDाकारी सेवक के hप मv मy आपके सामने खड़ा `ँ।
चूँ?क मy भी कभी धन क? ?बल इRछा रखने वाला ग़रीब युवक था और चूँ?क मyने अपने Dान क? बदौलत ?चुर
दौलत हािसल क? है, इसिलए स?ाट चाहते हy ?क मy आपको वह Dान ?दान कhँ, ता?क आप भी दौलतमंद बन
सकv।”
“मेरी जीवनया?ा ब_त ग़रीबी मv शुh _ई थी। मेरे पास ऐसा कोई लाभ नहm था, जो आपके या बैिबलॉन के
बाक़? नाग?रक? के पास न हो।”
“उस समय मेरे पास एक ब_त पुराना पसE था। वह हमेशा ख़ाली रहता था और मुझे इस बात से ब_त िचढ़
होती थी। मy चाहता था ?क मेरा पसE मोटा रहे और इसमv सोने के िस?े खनखनाते रहv। इसिलए मy ख़ाली पसE के
इलाज खोजने मv जुट गया। मुझे कुल सात इलाज िमले।”
“आज मy आप लोग? को ख़ाली पसE के सात इलाज बताऊँगा। जो लोग ब_त दौलतमंद बनना चाहते हy, मy
उ`हv सलाह देता `ँ ?क वे इन इलाज? पर अमल करv। सात ?दन? तक हर ?दन मy आपको ख़ाली पसE के सात
इलाज? मv से एक–एक इलाज बताऊँगा।”
“मेरी बात? को _यान से सुनv। मेरे साथ बहस करv। आपस मv चचाE करv। ये सबक़ अRछी तरह से सीख लv,
ता?क आप भी अपने पसE मv दौलत का बीज बो सकv। सबसे पहले तो आपको इस Dान से लाभ उठाकर दौलतमंद
बनना होगा। इसके बाद ही आप इस क़ािबल बनvगे ?क आप ये सबक़ दूसर? को िसखा सकv।”
“मy आपको पसE मोटा करने के आसान तरीक़े िसखाऊँगा। यह दौलत के मं?दर क? पहली सीढ़ी है। कोई भी
आदमी बाक़? सी?ढ़याँ तब तक नहm चढ़ सकता, जब तक वह इस पहली सीढ़ी पर दृढ़ता से अपने क़दम न रख ले

“अब हम पहले इलाज पर िवचार करते हy।”
पहला इलाज
अपने पसE को मोटा करना शुh करv
अरक़ाद ने दूसरी पंि? मv बैठे एक िवचारम? ?ि? से पूछा, “मेरे ि?य िम?, आप Mया करते हy?”
उस आदमी ने जवाब ?दया, “मy एक नक़लनवीस `ँ और मृदाप?? पर ?रकॉडE िलखता `ँ।”

“मyने भी यहm से शुgआत क? थी। इसिलए आपके पास भी दौलतमंद बनने का उतना ही अवसर है, िजतना
मेरे पास था।”
?फर अरक़ाद ने पीछे क? तरफ़ बैठे एक लाल चेहरे वाले आदमी से पूछा, “आप अपनी आजीिवका कैसे
कमाते हy ?”
उस आदमी ने जवाब ?दया, “मy माँस बेचता `ँ। मy ?कसान? से बक?रयाँ ख़रीदकर उ`हv िजबह करता `ँ और
?फर उनका माँस गृिहिणय? को तथा उनक? खाल जूते बनाने वाल? को बेचता `ँ।”
“चूँ?क आप भी मेहनत करके कमाते हy, इसिलए आपके पास भी सफल होने का उतना ही अवसर है, िजतना
मेरे पास था।”
इस तरह अरक़ाद ने यह पता लगाया ?क हर आदमी कौन सा काम करके अपनी आजीिवका कमाता है। सब
लोग? से सवाल पूछने के बाद उसने कहा,
“अब मेरे िव?ा?थEय?, आप देख सकते हy ?क ऐसे ब_त से काम और ?म होते हy, िजनसे इंसान धन कमा
सकता है। कमाई का हर तरीक़ा धन क? नदी क? तरह है। काम करने वाला अपनी मेहनत से उस नदी का gख़
अपने पसE क? तरफ़ मोड़ लेता है। इसिलए आपके पसE मv आपक? योOयता के अनुसार धन क? छोटी या बड़ी धारा
बहती है। Mया यह सच नहm है?”
सब लोग? ने कहा ?क यह सच है।
अरक़ाद ने कहा, “अगर आप दौलतमंद बनना चाहते हy, तो Mया यह समझदारीपूणE नहm है ?क आप दौलत
के उस ?ोत का उपयोग करना शुh करv, िजसे आपने पहले से mथािपत कर रखा है ?”
इस पर भी वे सहमत हो गए।
?फर अरक़ाद अंड? के एक ग़रीब ?ापारी क? ओर मुड़ा। अरक़ाद ने उससे पूछा, “अगर आप ?कसी डिलया
मv हर सुबह दस अंडे रखv और हर शाम को उसमv से नौ अंडे िनकालv, तो कुछ समय बाद Mया होगा ?”
“कुछ समय बाद वह डिलया पूरी भर जाएगी।”
“Mय? ?”
“Mय??क मy हर ?दन उसमv िजतने अंडे डालता `ँ, उससे एक अंडा कम िनकालता `ँ।”
अरक़ाद मुmकराते _ए कCा क? ओर मुड़ा, “Mया आपमv से ?कसी का पसE ख़ाली है ?”
वे लोग पहले तो िखिसयाकर हँसे, ?फर उ`ह?ने मज़ाक़ मv अपने ख़ाली पसE लहराकर अरक़ाद को ?दखाए।
अरक़ाद आगे बोला, “ठीक है। अब मy आपको ख़ाली पसE का पहला इलाज बताता `ँ। आप वही करv, िजसका
सुझाव मyने अंडे के ?ापारी को ?दया था। अपने पसE मv डाले गए दस िस?? मv से िसफ़E नौ िस?े बाहर िनकालv।
जब आप अपनी िसफ़E नcबे ?ितशत आमदनी ही ख़चE करvगे, तो जhदी ही आपका पसE मोटा होने लगेगा। पसE
भारी होने से आपको अRछा लगेगा और आपके कलेजे को ठंडक प_ँचेगी।”
यह सबक़ ब_त साधारण लगता है, परंतु साधारण होने के कारण मेरी कही बात को हhकेपन से न लv। स\य
हमेशा साधारण होता है। मy आपको बताऊँगा ?क मyने दौलत कैसे इक?ी क?। मyने भी इसी तरह शुgआत क? थी।
पहले मेरा पसE भी हमेशा खाली रहता था और मy इसे कोसा करता था, Mय??क इसमv मेरी इRछा? को संतु?
करने के िलए धन नहm रहता था। ले?कन जब मyने अपने पसE मv दस िस?े डालकर िसफ़E नौ िस?े बाहर िनकालना
शुh ?कया, तो यह भारी होने लगा। इस उपाय पर चलने से आपका पसE भी भारी हो जाएगा।
अब मy आपको एक िविच? स\य बताता `ँ, िजसका कारण मy नहm जानता `ँ। जब मyने ख़चE के िलए िसफ़E
नcबे ?ितशत आमदनी रखी, तब भी मेरा ख़चE उतनी ही अRछी तरह से चलता रहा। मy पहले िजतनी कड़क? मv
रहता था, लगभग उतनी ही कड़क? मv रहा। इसके अलावा कुछ समय बाद धन मेरे पास पहले से xयादा आसानी
से आने लगा। िनि?त hप से यह देवता? का िनयम है ?क जो ?ि? अपनी आमदनी का एक िनि?त िहmसा
बचाकर रखता है और उसे ख़चE नहm करता है, उसके पास धन xयादा आसानी से आता है। इसी तरह यह भी सही
है ?क धन ख़ाली पसE वाले पर मेहरबान नहm होता है।
आप ?कस चीज़ को पाने के xयादा इRछुक हy ? Mया आपके िलए रोज़मराE क? ता\कािलक इRछा? क?
संतुि? xयादा मह\वपूणE है आभूषण, व?, सजावट क? चीज़v, बेहतरीन ?ंजन ? ये चीजv जhदी ही चली जाती हy
और भुला दी जाती हy। या ?फर आपके िलए दूरगामी इRछाएँ xयादा महkवपूणE हy – िवशाल जायदाद, mवणE,

भूिम, मवेशी, ?ापार, आमदनी देने वाले िनवेश ? आप अपने पसE मv से जो िस?े िनकालते हy, उनसे आपक?
ता\कािलक इRछाएँ पूरी होती हy। आप अपने पसE मv जो िस?े बचाते हy, उनसे आपक? दूरगामी इRछाएँ पूरी होती
हy।
“मेरे िव?ा?थEय?, यह ख़ाली पसE का पहला इलाज था, िजसे मyने खोजा था। मy पसE मv दस िस?े डालता था
और उनमv से िसफ़E नौ िस?े ख़चE करता था ।” आप लोग इस पर आपस मv चचाE करv और अगर ?कसी को इसमv
कोई गड़बड़ नज़र आए, तो वह कल मुझे बता दे।”
दूसरा इलाज
ख़चE को िनयंि?त करv
अरक़ाद ने दूसरे ?दन अपने िव?ा?थEय? को संबोिधत करते _ए कहा, आपमv से कुछ लोग? ने मुझसे यह पूछा
है : ‘जब कोई अपनी पूरी आमदनी मv अपना ख़चE नहm चला पाता है, तो वह अपने पसE मv डाले गए दस िस?? मv
से एक िस?ा कैसे बचा सकता है ?’
“कल आपमv से ?कतन? के पसE ख़ाली थे ?”
सबने जवाब ?दया, “हम सबके।”
परंतु आपक? आमदनी समान नहm है। कुछ लोग दूसर? से xयादा कमाते हy। कुछ का प?रवार xयादा बड़ा है,
इसिलए उनका पालन–पोषण करने मv वे xयादा ख़चE करते हy। परंतु आमदनी और ख़चE अलग–अलग होने के
बावज़ूद आप सबके पसE एक जैसे यानी ख़ाली थे। अब मy आपको इंसान? के बारे मv एक असामा`य स?ाई
बताऊँगा। वह स?ाई यह है : हमारे ‘ ‘आवkयक ख़चE‘ हमेशा हमारी आमदनी के अनुपात मv बढ़ते रहvगे, जब तक
?क हम इ`हv रोकने क? कोिशश न करv।
आवkयक ख़चE और अपनी इRछा? के बीच के फ़क़E को नज़रअंदाज़ न करv। आपक? आमदनी से आपक?
िजतनी इRछाएँ संतु? हो सकती हy, आपक? और आपके प?रवार क? इRछाएँ उससे कहm xयादा होती हy। उन
इRछा? क? संतुि? के िलए आमदनी कम पड़ जाती है और ब_त सी इRछाएँ ऐसी रह जाती हy, जो संतु? नहm हो
पातm।
सभी लोग? के पास उससे xयादा इRछाएँ होती हy, िजतनी वे संतु? कर सकते हy। आप सोचते ह?गे ?क मy
अपनी दौलत के कारण अपनी हर इRछा पूरी कर सकता `ँ? यह सही नहm है। मेरे समय क? सीमा है। मेरी शि?
क? सीमा है। मy िजतनी या?ा कर सकता `ँ, उसक? दूरी क? सीमा है। मy जो खा सकता `ँ, उसक? भी सीमा है। मy
िजतने उ\साह से आनंद ले सकता `ँ, उसक? भी सीमा है।
?कसान खेत मv जहाँ भी ख़ाली जगह छोड़ता है, वहाँ पर खरपतवार उग आती है, उसी तरह जहाँ भी
इRछा? के संतु? होने क? संभावना होती है, वहाँ इंसान? के मन मv इRछाएँ पैदा हो जाती हy। इRछाएँ असीिमत
होती हy, परंतु िजन इRछा? को आप पूरा कर सकते हy, वे सीिमत होती हy।
अपनी जीवनशैली और ख़चE क? आदत? के बारे मv अRछी तरह सोचv। ऐसा करने पर आपको कुछ ऐसे ख़चE
ज़hर िमलvगे, िज`हv कम या ख़\म ?कया जा सकता है। यह लoय बना लv ?क आप जो भी िस?ा ख़चE करv, उसके
बदले मv आपको शत–?ितशत संतुि? िमले।
इसिलए आप िजन चीज़? के िलए ख़चE करना चाहते ह?, उ`हv िलख लv। िसफ़E आवkयक चीज़? को चुनv। इसके
अलावा िसफ़E उ`हm चीज़? को चुनv, जो आपक? नcबे ?ितशत आमदनी मv संभव ह?। बाक़? सब चीज़? को हटा दv
और उ`हv अपनी असीिमत इRछा? का िहmसा मान लv, जो संतु? नहm ह?गी। उनका अफ़सोस न करv।
?फर अपने आवkयक ख़चE का बजट बना लv। उस दसवv िहmसे को छुएँ भी नहm, जो आपके पसE को मोटा कर
रहा है। इसे अपनी ?बल इRछा बना लv, जो संतु? हो रही है। अपने बजट पर मेहनत करते रहv और इसमv
फेरबदल करते रहv। अपने पसE को मोटा बनाए रखने क? ?दशा मv बजट को अपना पहला सलाहकार बनाएँ।
इस पर लाल और सुनहरे व? वाले एक आदमी ने खड़े होकर कहा, ”मy एक mवतं? ?ि? `ँ। मy मानता `ँ
?क मुझे ?ज़ंदगी क? अRछी चीज़? का आनंद लेने का हक़ है। इसिलए मy बजट क? ग़लामी का िवरोध करता `ँ, जो
यह तय करता है ?क मy ?कतना ख़चE कर सकता `ँ और ?कन चीज़? के िलए कर सकता `ँ। मy महसूस करता `ँ ?क

इससे मेरी ?ज़ंदगी का आनंद कम हो जाएगा और मy बोझ उठाने वाले ख?र क? तरह बन जाऊँगा।”
इस पर अरक़ाद ने जवाब ?दया, “मेरे िम?, आपका बजट कौन बनाएगा ?”
उस आदमी ने कहा, “मy ख़द।”
मान लv ?क कोई ख?र अपने बोझ का बजट बनाए, तो वह इसमv Mया शािमल करेगा ? Mया वह इसमv र?,
कालीन और सोने क? भारी िसिhलयाँ शािमल करेगा ? िबhकुल नहm। वह इन क़?मती चीज़? को अपने बोझ मv
शािमल नहm करेगा। इसके बजाय वह उस बोझ मv घास, अनाज और रेिगmतान के िलए पानी क? मशक रखेगा।
बजट का उ?ेkय यह है ?क आपका पसE मोटा बने। बजट आपक? आवkयकता? को संतु? करने मv आपक?
मदद करता है। आवkयकता? के अलावा यह आपक? कुछ इRछा? को पूरा करने मv भी आपक? मदद करता है।
बजट ?ारा आप साधारण इRछा? से अपनी सबसे ?बल इRछा? क? रCा करते हy, ता?क वे पूरी हो सकv।
आपका बजट अँधेरी गुफा मv चमकती मशाल क? तरह आपको ?दखाता है ?क आपके पसE मv कहाँ छेद हो रहे हy।
यह उन छेद? को िसलने मv आपक? मदद करता है। बजट आपके ख़चE को इस तरह से िनयंि?त करता है, ता?क
आप िसफ़E िनि?त और संतुि?दायक उ?ेkय? के िलए ही ख़चE करv।
“ख़ाली पसE का यह दूसरा इलाज है। अपने ख़चE का बजट बना लv, ता?क आपके पास अपनी आवkयकता?
को पूरा करने के िलए पैसा रहे और आप नcबे ?ितशत आमदनी मv ही अपनी बाक़? महlवपूणE इRछा? का आनंद
ले सकv तथा उ`हv संतु? कर सकv।”
तीसरा इलाज
अपने धन को कई गुना बढ़ाएँ
अरक़ाद ने तीसरे ?दन अपनी कCा को संबोिधत करते _ए कहा, “अब आप देखvगे ?क आपका ख़ाली पसE
मोटा होता जा रहा है। और ऐसा ज़hर होगा, Mय??क आप खुद को अनुशािसत कर चुके हy। अब आप अपनी
आमदनी का दसवाँ िहmसा बचाने लगे हy। आपने अपने ख़चE को िनयंि?त कर िलया है, ता?क आपके बढ़ते _ए
ख़ज़ाने क? रCा हो सके। इसके बाद हम इस बात पर िवचार करvगे ?क आप अपनी बचत से कैसे मेहनत करवा
सकते हy और इसे कैसे बढ़ा सकते हy। पसE मv रखा धन है और कंजूस आदमी को संतोष देता है, परंतु यह आमदनी
अRछा लगता को बढ़ाता नहm है। अपनी आमदनी मv से धन बचाना तो िसफ़E शुgआत है। उस बचत से जो
आमदनी होगी, उसी से हम दौलतमंद बनvगे।”
हम अपने धन या बचत से मेहनत कैसे करवा सकते हy ? िनवेश करके! मेरा पहला िनवेश दुभाEOयपूणE था
और उसमv मेरी सारी बचत डूब गई थी। वह कहानी मy आपको बाद मv बताऊँगा। मyने अपना पहला लाभकारी
िनवेश तब ?कया, जब मyने ढाल बनाने वाले अOग़र को कज़E ?दया। वह ढाल बनाने के िलए हर साल समु? पार से
ब_त सारा काँसा ख़रीदता था। चूँ?क इतना काँसा ख़रीदने के िलए उसके पास पयाE? पूँजी नहm रहती थी,
इसिलए वह उन लोग? से उधार ले लेता था, िजनके पास अित?र? धन होता था। अOग़र एक सeमािनत और
भरोसेमंद ?ि? था। जब उसक? ढालv िबक जाती थm, तो वह अपना कज़E तो चुकाता ही था, उस पर उदारता से
cयाज भी देता था।
उसे दुबारा कज़E देते समय मy उसके चुकाए गए cयाज को भी कज़E मv जोड़ देता था। इस तरह से न िसफ़E मेरी
पूँजी बढ़ती थी, बिhक मेरी आमदनी भी बढ़ जाती थी। जब मेरी पूँजी सूद समेत मेरे पसE मv लौटती थी, तो मुझे
ब_त संतुि? िमलती थी।
“मेरे िव?ा?थEय?, मy आपको बता दूँ, दौलत पसE मv खनखना रहे िस?? से नहm बनती है। दौलत तो िनवेश से
?ा? आमदनी से बनती है। दौलत का अथE धन क? वह धारा है, जो लगातार पसE मv बहकर आती है और उसे
हमेशा मोटा करती रहती है। हर इंसान यही तो चाहता है। आपमv से हर एक क? भी यही इRछा तो है ?क आपके
पसE मv आमदनी लगातार आती रहे, भले ही आप मेहनत करv या कहm सैर–सपाटे पर चले जाएँ।”
“मेरी आमदनी ब_त xयादा है। इतनी xयादा ?क मुझे ब_त अमीर आदमी कहा जाता है। अOग़र को मyने जो
कज़E ?दया था, वह लाभकारी िनवेश के Cे? मv मेरा पहला ?िशCण था। इस अनुभव से मुझे जो Dान हािसल
_आ, वह मेरे ब_त काम आया। मेरी जमापूँजी बढ़ने पर मyने दूसर? को भी कज़E ?दया और लगातार िनवेश करता
रहा। पहले तो कुछ जगह? से और बाद मv ब_त सी जगह? से मेरे पसE मv धन क? सुनहरी धाराएँ बहकर आने लगm,

िजनका मy अपनी सूझबूझ से मनचाहा ?योग कर सकता था।”
“देिखए, अपनी छोटी सी आमदनी से मyने सुनहरे सेवक? क? सेना तैयार कर ली, िजनमv से हर िस?ा या
सैिनक मेरे िलए काम करता था और धन कमाता था। उ`हm क? तरह उनक? संतानv भी मेरे िलए काम करती थm
और ?फर उनक? संतानv... जब तक ?क उनके संयु? ?यास? से मुझे काफ़? आमदनी नहm होने लगी।”
जब आमदनी अRछी हो, तो धन तेज़ी से बढ़ता है, जैसा आप इस उदाहरण मv देखvगे। एक ?कसान ने अपने
पहले पु? के ज`म के समय एक सा`कार के पास चाँदी के दस िस?े cयाज पर जमा करा ?दए। उसने सा`कार से
कहा ?क जब उसका पु? बीस साल का हो जाए, तो वह मूलधन को सूद सिहत लौटा दे। सा`कार हर चार साल मv
प?ीस ?ितशत cयाज देने के िलए तैयार हो गया। ?कसान अपने पु? के िलए यह धन अलग रख रहा था, इसिलए
उसने सा`कार से कहा ?क वह cयाज को भी मूलधन मv जोड़ता रहे।
जब वह लड़का बीस साल का _आ, तो ?कसान एक बार ?फर सा`कार के पास गया और अपनी जमा क?
गई रािश के बारे मv पूछताछ क?। सा`कार ने बताया ?क चूँ?क उसक? रक़म च?वृि? cयाज से बढ़ रही थी,
इसिलए उसने चाँदी के जो दस िस?े जमा ?कए थे, वे अब बढ़कर साढ़े तीस िस?े हो गए हy।
यह सुनकर ?कसान ब_त ख़श _आ। चूँ?क उसके पु? को अभी धन क? ज़hरत नहm थी, इसिलए उसने वह
धन सा`कार के पास ही जमा रहने ?दया। जब पु? पचास साल का _आ (इस दौरान उसका िपता इस दुिनया से
जा चुका था), तो सा`कार ने िहसाब चुकता करते _ए पु? को चाँदी के एक सौ पचहkर िस?े ?दए।
इस तरह पचास साल मv यह िनवेश च?वृि? cयाज के कारण लगभग स?ह गुना बढ़ गया।
यह ख़ाली पसE का तीसरा इलाज है : “हर िस?े से मेहनत करवाते रहv, जब तक ?क यह और िस?े पैदा न
करे, ठीक उसी तरह िजस तरह मवेशी करते हy। यह सुिनि?त करv ?क हर िस?े का िनवेश आपको आमदनी देता
रहे और धन क? धारा लगातार आपके पसE मv बहकर आती रहे।”
चौथा इलाज
अपनी पूँजी क? रCा करv
अरक़ाद ने चौथे ?दन अपनी कCा से कहा, “दुभाEOय को चमकता िनशाना अRछा लगता है। इंसान को अपने
पसE मv रखे धन क? दृढ़ता से रCा करना चािहए। अगर वह ऐसा नहm करेगा, तो धन उसके पास से चला जाएगा।
इसिलए समझदारी इसी मv है ?क पहले हम छोटी रक़म को सुरिCत रखना सीखv, तभी देवता? को यह िव?ास
होगा ?क हम बड़ी रक़म को सुरिCत रख पाएँगे।
िजसके भी पास धन होता है, उसके सामने ब_त से ?लोभन आते हy। उसे कई ऐसे अवसर ललचाते हy, जब
उसे लगता है ?क वह ब_त अRछी योजना? मv िनवेश करके ब_त लाभ कमा सकता है। अMसर उसके िम? और
?रkतेदार ऐसे िनवेश? मv उ\साह से ?वेश करते हy और उसे भी ऐसा ही करने के िलए ?े?रत करते हy।
िनवेश का पहला दमदार िस?ांत है आपके मूलधन क? सुरCा। अगर मूलधन के चले जाने का ख़तरा हो, तो
Mया xयादा कमाई के लालच मv पड़ना समझदारी है ? मुझे इसमv ज़रा भी समझदारी नज़र नहm आती है। अगर
आप इतना बड़ा जोिखम उठाते हy, तो इसक? सज़ा यह होगी ?क शायद आप अपना मूलधन भी गँवा दv। अपनी
जमापूँजी का िनवेश करने से पहले सावधानी से जाँच–पड़ताल करv। पहले पूरी तरह आ?mत हो जाएँ ?क आपक?
पूँजी सुरिCत लौट आएगी। फटाफट अमीर बनने क? हवाई इRछा? से ग़लत ?दशा मv न चले जाएँ।
?कसी ?ि? को कज़E देने से पहले आपको यह यक़?न कर लेना चािहए ?क उसमv कज़E चुकाने क? साम]यE है।
यह भी देख लv ?क कज़E चुकाने के बारे मv उसक? ?ित?ा कैसी है, ता?क कहm अनजाने मv आप उसे अपनी मेहनत
क? कमाई तोहफ़े मv न दे रहे ह?।
?कसी भी Cे? मv िनवेश करने से पहले अपने मूलधन पर मँडराने वाले ख़तर? के बारे मv जान लv।
“मेरा पहला िनवेश दुभाEOयपूणE और दुखद था । एक साल तक मyने मेहनत से जो पैसा बचाया था, उसे मyने
अज़मर नामक ?ट बनाने वाले को दे ?दया था, जो दूर देश? क? या?ा पर जा रहा था। वह इस बात के िलए तैयार
हो गया ?क वह टायर से मेरे िलए फ़?िनिशय`स के दुलEभ र? ख़रीद लाएगा। हमारी योजना यह थी ?क हम उन
र?? को xयादा दाम? मv बेचकर मुनाफ़े को आपस मv बाँट लvगे। फ़?िनिशय`स बदमाश थे और उ`ह?ने अज़मर को

र?? के बजाय काँच के टुकड़े पकड़ा ?दए। मेरी पूरी जमापूँजी चली गई थी। आज मेरे पास इतना Dान आ चुका है
?क मy त\काल समझ लूँगा ?क र? ख़रीदने के िलए ईट बनाने वाले पर भरोसा करना मूखEता है।”
“मy अपने अनुभव? क? समझदारी से आपको यह सलाह देना चाहता `ँ : अित आ\मिव?ास मv आकर अपनी
पूँजी का ऐसी जगह पर िनवेश न करv, जहाँ उसके डूबने का ख़तरा हो। बेहतर यह है ?क आप धन के ?बंधन मv
अनुभवी लोग? क? समझदारी भरी सलाह लv। इस तरह क? सलाह माँगने पर मुbत िमल जाती है। हो सकता है
यह सलाह उतनी ही मूhयवान सािबत हो, िजतनी रक़म का आप िनवेश करने जा रहे हy। सच तो यह है ?क अगर
यह सलाह आपक? पूँजी को डूबने से बचाती है, तो यह आपक? पूँजी िजतनी ही मूhयवान होती है।”
यह ख़ाली पसE का चौथा इलाज है। यह इलाज ब_त मह\वपूणE है Mय??क पसE के भर जाने के बाद यह उसे
ख़ाली होने से बचाता है। “अपनी जमापूँजी को नुक़सान से बचाएँ। िसफ़E वहm िनवेश करv, जहाँ आपका मूलधन
सुरिCत रहे, जहाँ आप जब चाहv, इसे दुबारा वापस पा सकv और जहाँ आपको उिचत cयाज लगातार िमलता रहे।
बुि?मान लोग? से सलाह लv। धन के लाभकारी ?बंधन मv अनुभवी लोग? से सलाह लv। असुरिCत िनवेश? से अपने
धन क? बुि?मkापूवEक रCा करv।”
पाँचवाँ इलाज
अपने घर को लाभकारी िनवेश बनाएँ
अरक़ाद ने अपनी कCा को पाँचवाँ सबक़ िसखाते _ए कहा, “इंसान अपनी कमाई का दसवाँ िहmसा इसिलए
अलग रखता है, ता?क वह भिवlय मv जीवन का आनंद ले सके। बहरहाल, अगर वह अपनी आमदनी के बचे _ए
नौ िहmस? मv से भी कुछ बचा सके और उसका लाभकारी िनवेश कर सके, तो उसका ख़ज़ाना xयादा तेज़ी से
बढ़ेगा।”
बैिबलॉन के ब_त से लोग अपने प?रवार? के साथ ?कराए के मकान? मv रहते हy, हालाँ?क उनके आस–पास
का माहौल अRछा नहm रहता है। वे हर महीने ?कराए के hप मv मकान मािलक को ब_त सा धन देते हy। अMसर
उनके मकान? मv बाग़-बगीचे के िलए जगह नहm होती है। उनक? पि?याँ पेड़–पौधे नहm लगा पाती हy, िजनसे हर
औरत को खुशी िमलती है। उन मकान? मv ब?? के खेलने के िलए कोई जगह नहm होती है, इसिलए वे गंदी गिलय?
मv खेलते रहते हy।
?कसी भी ?ि? का प?रवार तब तक ?ज़ंदगी का पूरा आनंद नहm ले सकता, जब तक ?क उसके मकान मv
इतनी जगह न हो ?क उसके ब?े साफ़–सुथरी धरती पर खेल सकv और उसक? प?ी न िसफ़E सुंदर फूल उगा सके,
बिhक प?रवार को िखलाने के िलए अRछी सिबज़याँ भी उगा सके।
अपने पेड़? के अंजीर और अंगूर खाकर हर इंसान ख़श होता है। अपने घर का mवामी बनने मv उसे गवE का
एहसास होता है। इससे उसका आ\मिव?ास बढ़ता है और वह अपने सभी ?यास? मv xयादा मेहनत करता है।
इसिलए मy यह सलाह देता `ँ ?क हर आदमी के पास अपना खुद का मकान होना चािहए, िजसमv वह और उसका
प?रवार रह सके।
अपने घर का मािलक बनना कोई ख़ास मुिkकल काम नहm है। िजस ?ि? मv भी इRछाशि? हो, वह ऐसा
कर सकता है। हमारे महान स?ाट ने बैिबलॉन क? दीवार? को इतनी दूर तक फैला िलया है ?क इसके भीतर ब_त
सी ख़ाली ज़मीन पड़ी है, िजसे ब_त उिचत क़?मत पर ख़रीदा जा सकता है।
“मेरे िव?ा?थEय?, मy आप लोग? से यह भी कहता `ँ ?क सा`कार ख़शी–ख़शी उन लोग? को उधार दे देते हy,
जो अपने प?रवार के िलए ज़मीन और मकान ख़रीदना चाहते हy। इस नेक काम के िलए आपको रक़म आसानी से
उधार िमल जाएगी। आप ईट बनाने वाले और मकान बनाने वाले को पैसे देने के िलए उधार ले सकते हy, बशतw
आप अपनी तरफ़ से भी थोड़ी सी जमापूँजी लगाएँ और यह िव?ास ?दला सकv ?क आप कज़E चुका सकते हy।”
“तब आपको स?ी खुशी का एहसास होगा, Mय??क आप एक ब_मूhय जायदाद के mवामी बन जाएँगे और
उस पर आपका इकलौता ख़चE यह होगा ?क आपको स?ाट को टैMस देना होगा।”
“इसके अलावा, आपक? प?ी आपके कपड़े धोने के िलए xयादा बार नदी तक जाएगी, ता?क हर बार लौटते
समय वह पौध? मv डालने के िलए एक मशक पानी ला सके।”
इस तरह गृहmवामी बनने वाले ?ि? को ब_त से लाभ होते हy। इससे उसका ख़चE भी ब_त कम हो जाता

है, िजससे उसक? आमदनी का अिधक िहmसा उसक? इRछा? क? संतुि? तथा आनंद के िलए उपलcध होता है।
यह ख़ाली पसE का पाँचवाँ इलाज है : अपने घर के मािलक बनv।
छठवाँ इलाज
भावी आमदनी सुिनि?त करv
अरक़ाद ने अपनी कCा को छठवv ?दन संबोिधत करते _ए कहा, “हर ?ि? क? ?ज़ंदगी बचपन से बुढ़ापे क?
तरफ़ चलती है। यह ?ज़ंदगी का मागE है और इस पर हर एक को चलना पड़ता है, जब तक ?क देवता उसे असमय
ही अपने पास न बुला लv। इसिलए मy आपसे कहता `ँ ?क इंसान को अपने भिवlय या बुढ़ापे के िलए उिचत
आमदनी क? ?वmथा कर लेना चािहए। इसके अलावा उसे इस बात क? भी ?वmथा कर लेना चािहए ?क अगर
वह इस दुिनया मv न रहे, तो भी उसके प?रवार को सहारा तथा आराम िमलता रहे। आज का सबक़ आपको
िसखाएगा ?क बुढ़ापे मv भी आपका पसE कैसे भरा रह सकता है।”
धन के िनयम? के Dान से जो ?ि? धन इक?ा कर लेता है, उसे अपने भिवlय के बारे मv िवचार करना
चािहए। उसे कुछ ऐसे िनवेश? क? योजना बनाना चािहए, जो कई साल तक सुरिCत hप से बढ़ते रहv और ज़hरत
के समय काम आएँ, िजसक? उसने समझदारी से पहले ही कhपना कर ली थी।
इंसान कई तरीक़? से अपने भिवlय के िलए धन को सुरिCत रख सकता है। वह अपने ख़ज़ाने को ?कसी गु?
जगह पर ज़मीन मv गाड़ सकता है। परंतु चाहे ख़ज़ाने को ?कतनी भी चतुराई से छुपाया गया हो, अंत मv चोर उसे
लूटकर ले जाएँगे। इस वजह से मy इस योजना क? सलाह नहm देता `ँ।
भिवlय के िलए धन सुरिCत रखने के उ?ेkय से इंसान घर या ज़मीन ख़रीद सकता है। अगर समझदारी से
घर या ज़मीन को चुना जाए, ता?क भिवlय मv भी उसक? उपयोिगता तथा मूhय मv वृि? हो, तो ऐसा करना
लाभकारी है। भिवlय मv इस जायदाद को बेचकर अपने लoय को हािसल ?कया जा सकता है।
इसके अलावा, इंसान िनयिमत hप से सा`कार के पास छोटी-छोटी रािशयाँ जमा करके अपने धन को बढ़ा
सकता है। सा`कार ?ारा ?दया जाने वाला cयाज जब मूलधन मv जुड़ जाएगा, तो धनरािश ब_त बढ़ जाएगी। मy
अंसान नाम के मोची को जानता `ँ। कुछ समय पहले उसने मुझे बताया था ?क आठ साल से हर स?ाह वह
सा`कार के पास चाँदी के दो िस?े जमा कर रहा है। सा`कार ने उसे हाल ही मv उसका िहसाब बताया, िजसे
सुनकर वह ब_त ख़श _आ। उसने जो छोटी–छोटी रािशयाँ जमा क? थm, वे हर चार साल मv प?ीस ?ितशत
cयाज क? आम दर से बढ़कर अब चाँदी के एक हज़ार चालीस िस?? मv बदल गई हy।
मyने ख़श होकर उसे आगे भी बचत करने के िलए ?ो\सािहत ?कया। अपने अंक? के Dान से मyने उसे बताया
?क अगर वह बारह साल तक हर हbते चाँदी के दो िस?े जमा करता रहेगा, तो सा`कार उसे चाँदी के चार हज़ार
िस?े देगा और इतनी रक़म उसक? पूरी ?ज़ंदगी के ख़चE के िलए पयाE? होगी
जब िनयिमत hप से जमा करने पर छोटी रािश इतने लाभकारी प?रणाम देती है, तो ?कसी ?ि? का
?वसाय या िनवेश ?कतना ही समृ? हो, उसे यह ?वmथा कर लेना चािहए ?क उसके बुढ़ापे और प?रवार क?
रCा के िलए पयाE? दौलत हो।
मेरी इRछा होती है ?क मy इसके बारे मv और भी कुछ क`ँ । मेरा यह िव?ास है ?क ?कसी ?दन समझदारी से
सोचने वाले लोग मौत के िखलाफ़ प?रवार को सुरिCत रखने क? योजना बनाएँगे। इस योजना मv ब_त से लोग
िनयिमत hप से छोटी सी रािश जमा करvगे और उस जमा रािश से एक अRछी रक़म मृत सदmय के प?रवार को दी
जाएगी। मy चाहता `ँ ?क ऐसा हो और मy ऐसा करने क? ?बल सलाह देता `ँ। परंतु आज यह संभव नहm है,
Mय??क यह काम ?कसी इंसान या पाटEनरिशप क? ?ज़ंदगी तक सीिमत नहm है। इस तरह क? योजना को स?ाट के
?संहासन क? तरह िmथर होना चािहए। मुझे लगता है ?क ?कसी ?दन इस तरह क? योजना बनेगी और यह ब_त से
लोग? के िलए वरदान सािबत होगी, Mय??क िसफE पहले छोटे भुगतान के बाद ही ?ि? के मर जाने पर उसके
प?रवार के िलए दौलत क? ?वmथा हो जाएगी।
परंतु चूँ?क हमारे समय मv इस तरह क? योजना नहm है और हमारे जीवनकाल मv ऐसी योजना होगी भी
नहm, इसिलए हमv अपने संसाधन? का लाभ उठाकर अपने लoय को हािसल करने के दूसरे तरीक़े खोजना चािहए।
इसी वजह से मy सब लोग? को सुझाव देता `ँ ?क वे अRछी तरह सोचकर समझदारीपूणE तरीक़? से अपने बुढ़ापे के

िलए धन क? ?वmथा कर लv। Mय??क जब कोई आदमी कमा नहm सके या जब प?रवार का मुिखया चला जाए, तो
ख़ाली पसE ब_त दुख का कारण बन जाता है।
तो ख़ाली पसE का छठवाँ इलाज यह है : अपने बुढ़ापे और अपने प?रवार क? रCा के िलए पहले से ही
?वmथा कर लv।
सातवाँ इलाज
अपनी आमदनी क? Cमता बढ़ाएँ
अरक़ाद ने सातवv ?दन अपनी कCा को संबोिधत करते _ए कहा, “मेरे िव?ा?थEय?, आज मy आपको ख़ाली
पसE का एक सटीक उपचार बताने जा रहा `ँ। परंतु आज मy धन के बारे मv नहm, बिhक आपके बारे मv बातv कhँगा,
जो अलग–अलग रंग? के कपड़? मv मेरे सामने बैठे हy। मy इंसान के ?दमाग़ और ?ज़ंदगी क? उन चीज़? के बारे मv
बातv कhँगा, जो उसक? सफलता के समथEन या िवरोध मv काम करती हy।”
कुछ समय पहले एक युवक मेरे पास उधार माँगने आया। जब मyने उससे पूछा ?क उसे इसक? ज़hरत Mय?
पड़ी, तो उसने जवाब ?दया ?क उसके ख़चE उसक? आमदनी से xयादा हy। इस पर मyने उससे कहा ?क ऐसी िmथित
मv कोई भी सा`कार उसे कज़E नहm देगा, जब तक ?क उसके पास अित?र? धन कमाने क? Cमता न हो, िजससे
वह अपना कज़E चुका सके।
मyने उससे कहा, ‘तुeहv अपनी आमदनी बढ़ाना चािहए। कमाने क? अपनी Cमता को बढ़ाने के िलए तुमने
Mया ?कया है?’
युवक ने कहा, ‘मyने वह सब ?कया है, जो मy कर सकता `ँ। दो महीन? मv छह बार मyने अपने मािलक के पास
जाकर अपनी तनrवाह बढ़ाने का आ?ह ?कया, परंतु मुझे सफलता नहm िमली। कोई भी ?ि? इससे xयादा बार
यह अनुरोध नहm कर सकता।’
हम उसके भोलेपन पर हँस सकते हy, परंतु उस युवक मv आमदनी को बढ़ाने के िलए आवkयक एक मह\वपूणE
गुण था। उसमv xयादा कमाने क? ?बल इRछा थी, जो ब_त उिचत और सराहनीय है।
“उपलिcध से पहले उसक? इRछा होना चािहए। आपक? इRछाएँ ?बल और िनि?त होना चािहए।”
सामा`य इRछाएँ िसफ़E कमज़ोर चाहत होती हy। अगर ?कसी इंसान मv िसफ़E अमीर बनने क? चाहत है, तो उससे
कोई फ़ायदा नहm होगा। परंतु िजस ?ि? मv पाँच m>णEमु–?ाएँ कमाने क? इRछा है, उसक? इRछा िनि?त है और
वह इसे पूरा कर सकता है। जब वह इसे हािसल करने के िलए लoय क? शि? का ?योग करेगा और सफल हो
जाएगा, तो अगली बार वह दस mवणE-मु?ाएँ कमाने के िलए उ`हm तरीक़? का ?योग कर सकता है। ?फर बीस
मु?ा? के िलए और बाद मv एक हज़ार मु?ा? के िलए। और देखते ही देखते वह अमीर बन जाएगा। अपनी एक
िनि?त छोटी इRछा को पूरी करना सीखकर उसने बड़ी इRछा पूरी करने का ?िशCण पा िलया है। इसी ???या
से दौलत हािसल क? जाती है : पहले छोटी रािश, ?फर उससे बड़ी रािश, जब तक ?क इंसान सीखकर xयादा
सCम नहm बन जाता।
इRछाएँ आसान और िनि?त होना चािहए। अगर वे ब_त xयादा या ब_त ज?टल ह? या ऐसी ह?, िज`हv
हािसल करने का ?िशCण उस ?ि? के पास न हो, तो सफलता नहm िमलती है।
जब मनुlय अपने काम मv xयादा कुशल बनता है, तो वह अपनी कमाने क? Cमता को भी बढ़ा लेता है। जब
मy ग़रीब नक़लनवीस था और हर ?दन कुछ िस?? के बदले मv मृदाप? पर िलखता था, तो मyने देखा ?क कुछ
नक़लनवीस मुझसे xयादा काम करते थे और इस कारण उ`हv मुझसे xयादा आमदनी होती थी। इसिलए मyने यह
संकhप ?कया ?क मy भी उनके िजतना काम कhँगा । उनके xयादा सफल होने का कारण जानने मv मुझे xयादा
समय नहm लगा। मyने अपने काम मv xयादा gिच ली, एका?ता से काम ?कया, अपने ?यास मv Tयादा लगन का
?योग ?कया। और देखते–ही देखते मy िजतने मृदाप?? पर िलखता था, ब_त कम लोग उससे xयादा िलख सकते
थे। जhदी ही मुझे अपनी बढ़ी _ई Cमता क? वजह से पुरmकार िमला। अपनी तनrवाह बढ़वाने के िलए मुझे अपने
मािलक के पास छह बार जाने क? ज़hरत भी नहm पड़ी।
हमारे पास िजतना Dान होता है, हम उतना ही xयादा कमा सकते हy। जो ?ि? अपनी कला मv xयादा
िनपुणता हािसल करने क? कोिशश करता है, उसे उसके अRछे पुरmकार िमलते हy। अगर वह कारीगर है, तो वह

अपने ?वसाय के सवाEिधक योOय ?ि? से सीख सकता है। अगर वह कानून या उपचार के Cे? मv मेहनत करता
है, तो वह अपने ?वसाय के बाक़? लोग? से िवचार–िवमशE कर सकता है या उनक? सलाह ले सकता है। अगर वह
?ापारी है, तो वह लगातार अRछी चीज़? क? तलाश कर सकता है, िज`हv कम क़?मत? पर ख़ारीदा जा सके।
मनुlय? क? िmथितयाँ हमेशा बदलती और सुधरती रहती हy, Mय??क बुि?मान लोग नई योOयताएँ सीखते
रहे हy, ता?क वे बेहतर ढंग से उनक? सेवा कर सकv, िजनके संरCण पर उनक? ?गित िनभEर है। इसिलए मy सभी
?ि?य? से यह आ?ह करता `ँ ?क वे ?गित क? पहली क़तार मv खड़े रहv और िmथर न रहv, Mय??क िmथर खड़े
रहने पर वे पीछे रह जाएँगे।
ब_त सी चीज़v इंसान क? ?ज़ंदगी को लाभकारी अनुभव? से समृ? बनाती हy। अगर ?कसी ?ि? मv
आ\मसeमान है, तो उसे नीचे ?दए गए काम करना चािहए :
“उसे अपना कज़E यथासंभव शी?ता से चुकाना चािहए और ऐसी चीज़v नहm ख़ारीदना चािहए, िजनका वह
भुगतान न कर पाए। ”
“उसे अपने प?रवार क? अRछी देखभाल करना चािहए, ता?क वे उसके बारे मv अRछे िवचार रख और
अRछी बातv कहv।”
“उसे अपनी वसीयत कर देना चािहए, चािहए ता?क जब देवता उसे अपने पास बुला लv, तो उसक?
जायदाद का उिचत और ग?रमापूणE बँटवारा हो सके।”
“उसे दुभाEOय के िशकार लोग? पर दया करना चािहए और ता?कEक सीमा? के भीतर उनक? मदद करना
चािहए। उसे अपने ि?यजन? के ?ित िवचारपूवEक काम करना चािहए।”
इस तरह खाली पसE का सातवाँ और अंितम इलाज है : “अपनी शि?य? का िवकास करना, अिधक
बुि?मान तथा योOय बनने के िलए अ_ययन करना, आ\मसeमान से काम करना।” ऐसा करने पर आपमv यह
आ\मिव?ास आ जाएगा ?क आप सावधानीपूवEक सोची गई इRछा? को पूरा सकते हy।
तो ख़ाली पसE के सात इलाज ये हy, जो मyने लंबे और सफल जीवन के अनुभव से सीखे हy। मy दौलत चाहने
वाले सभी लोग? से इन पर अमल करने का आ?ह करता `ँ।
“मेरे िम??, बैिबलॉन मv इतना सोना भरा पड़ा है, िजसक? आप कhपना भी नहm कर सकते हy। यहाँ पर
सबके िलए ?चुर दौलत है।”
“आगे बढ़े और इन स?ाइय? पर अमल करv, ता?क आप समृ? और दौलतमंद बन सकv, जो आपका अिधकार
है।”
“आगे बढ़े और इन स?ाइय? को दूसरे लोग? को भी िसखाएँ, ता?क हमारे स?ाट का हर सeमािनत नाग?रक
हमारे ि?य शहर क? अपार दौलत मv सहभागी बन सके।”


सौभाOय क? देवी से िमलv
अगर कोई इंसान भाOयशाली है, तो उसके सौभाOय क? सीमा के बारे मv कोई
भिवlयवाणी नहm क? जा सकतm। अगर उसे नदी मv भी फvक ?दया जाए, तो न िसफ़E वह
तैरकर बाहर िनकल आएगा, बिhक उसके हाथ मv एक मोती भी होगा।
बैिबलॉन क? कहावत
र ?ि? सौभाOयशाली बनना चाहता है। आज से चार हज़ार साल पहले ?ाचीन बैिबलॉन मv भी मनुlय? के
मन मv सौभाOयशाली बनने क? इRछा उतनी ही ?बल थी, िजतनी ?क आज के मनुlय? के मन मv है। हम सब
चाहते हy ?क सौभाOय क? चंचल देवी हम पर मेहरबान हो जाए। Mया कोई ऐसा तरीक़ा है, िजससे हम उस देवी
को अपनी ओर आक?षEत कर सकv और उसके कृपापा? बन सकv ? Mया कोई ऐसा तरीक़ा है, िजससे न िसफ़E हम
उस देवी का _यान खmच सकv, बिhक उसके उदार वरदान भी पा सकv?
Mया सौभाOयशाली बनने का कोई तरीक़ा है ?
?ाचीन बैिबलॉन के ?ि?य? के मन मv भी यही सवाल उठा। उ`ह?ने यह पता लगाने का फैसला ?कया। वे
चतुर और िवचारशील थे। इसी वजह से उनका शहर अपने समय का सबसे समृ? और शि?शाली शहर बना।
उस पुराने समय मv mकूल या कॉलेज नहm थे। बहरहाल बैिबलॉन मv Dान का एक कv? था और वह सै?ांितक
नहm, बिhक ब_त ?ावहा?रक था। बैिबलॉन क? ऊँची इमारत? मv एक इमारत स?ाट के महल, हy?गंग गाडEस और
देवी–देवता? के मं?दर? िजतनी मह\वपूणE थी। आपको इितहास क? पुmतक? मv इसका ब_त कम िज़? िमलेगा।
इस बात क? ब_त संभावना है ?क आपको इसका िज़? िमलेगा ही नहm, बहरहाल इस इमारत का उस युग के
?चंतन पर ब_त ?बल असर _आ।
यह इमारत Dान का मं?दर थी, जहाँ mवयंसेवी िशCक Dान ?दान करते थे। यहाँ सावEजिनक gिच के िवषय?
पर खुले मंच पर िवचार–िवमशE होता था। इसक? दीवार? के भीतर सभी ?ि? बराबर होते थे। सबसे ग़रीब
सेवक भी अपने तक? से शाही घराने के राजकुमार के िवचार? को ग़लत सािबत कर सकता था।
Dान के मं?दर मv कई लोग िनयिमत hप से जाते थे। इनमv से एक अरक़ाद नामक बुि?मान आदमी था, िजसे
बैिबलॉन का सबसे अमीर आदमी कहा जाता था। उसका अपना िवशेष हॉल था, जहाँ लगभग हर शाम को ब_त
से लोग रोचक िवषय? पर चचाE और बहस करने के िलए इक?े होते थे। इन लोग? मv कुछ वृ? और कुछ युवा भी
थे, परंतु अिधकांश अधेड़ थे। बेहतर होगा ?क हम उनक? बातv सुनv, ता?क हम यह जान सकv ?क Mया वे सौभाOय
या ख़श?क़mमती को आक?षEत करने का तरीक़ा जानते थे।
जब अरक़ाद अपने मंच पर आया, तो सूरज रेिगmतानी धूल क? धुंध के बीच आग क? बड़ी लाल गvद क? तरह
चमकते _ए अभी–अभी डूबा था। अmसm लोग उसके आने का इंतज़ार कर रहे थे और फ़शE पर िबछे कालीन? पर
बैठे _ए थे। बाक़? लोग आते जा रहे थे।
अरक़ाद ने पूछा, “आज शाम को हम ?कस िवषय पर चचाE करvगे ?”
थोड़े संकोच के बाद कपड़े बुनने वाले एक लंबे ?ि? ने खड़े होकर कहा,“मy चाहता `ँ ?क एक ख़ास िवषय
पर चचाE हो। परंतु मy इसे बताने मv डरता `ँ अरक़ाद ?क कहm यह आपको और मेरे िम?? को मूखEतापूणE न लगे।”
जब अरक़ाद और बाक़? लोग? ने उससे वह िवषय बताने का आ?ह ?कया, तो उसने कहा, “आज के ?दन मy
ख़श?कmमत था, Mय??क मुझे mवणEमु?ा? से भरा एक पसE िमल गया। मेरी ?बल इRछा है ?क मy हमेशा
ख़श?क़mमत र`ँ। मुझे लगता है ?क हर ?ि? क? यही इRछा होगी, इसिलए मy सुझाव देता `ँ ?क हम इस िवषय
पर बहस करv ?क सौभाOय या ख़श?क़mमती को कैसे आक?षEत ?कया जाता है, ता?क हम ख़श?क़mमत बनने के
तरीके खोज सकv।”
अरक़ाद ने कहा, “यह ब_त ही रोचक िवषय है। इस पर हमv चचाE करना ही चािहए। कुछ लोग? के िलए
अRछी ?क़mमत का मतलब संयोग या कोई अकmमात घटना है, जो िबना ?कसी उ?ेkय या कारण के हो सकती है।
बाक़? लोग? को यह िव?ास होता है ?क हमारी ख़श?क़mमती हमारी सबसे उदार देवी अ?र क? कृपा पर िनभEर
है, जो उन लोग? को उदारतापूवEक पुरmकार देती है, जो उसे ख़श करते हy। िम??, आप लोग? क? Mया राय है ?

Mया हम यह पता लगाएँ ?क हम ?कन तरीक़? से ख़श?क़mमती को आक?षEत कर सकते हy, ता?क हम सब
ख़श?क़mमत बन सकv ?”
“हाँ! हाँ! ब_त ब?ढ़या रहेगा!” उ\सुक ?ोता? के बढ़ते समूह ने जवाब ?दया।
इस पर अरक़ाद ने आगे कहा, “चचाE शुh करने से पहले आप लोग मुझे बताएँ ?क आप मv से ?कन लोग? को
हमारे िम? कपड़? के बुनकर क? तरह के अनुभव _ए हy, जब उ`हv िबना कोिशश के ब_मूhय ख़ज़ाने या र? िमले
ह?।”
एक चुaपी छा गई। सबने एक–दूसरे क? तरफ़ देखा, परंतु कोई भी कुछ नहm बोला।
अरक़ाद ने पूछा, “Mया ऐसा और ?कसी के साथ नहm _आ? ?फर तो इस तरह क? ख़श?क़mमती ब_त ही
दुलEभ होगी। अब आप मv से कोई यह सुझाव दे ?क हम अपनी खोज कहाँ से शुh करv ?”
अRछे कपड़े पहने _ए एक युवक ने कहा,“मy बताता `ँ। जब कोई ?ि? ख़श?क़mमती के बारे मv बातv करता
है, तो Mया यह mवाभािवक नहm है ?क उसके िवचार जुए क? टेबल (गे?मंग टेबल) क? ओर मुड़v ? Mया वहाँ हमv ऐसे
लोग नहm िमलते हy, जो जीतने के िलए देवी क? कृपा चाहते हy?”
उसके बैठने के बाद एक आवाज़ सुनाई दी, “gको मत! अपनी बात पूरी कैरो! हमv बताओ, Mया जुए क?
टेबल पर देवी ने तुम पर कृपा क? थी ? Mया Mयूब मv लाल िहmसा ऊपर आाया था और तुमने जुएघर के मािलक से
ढेर सारा धन जीत िलया था ? या ?फर Mयूब का नीला िहmसा ऊपर आया था, िजससे जुएघर का मािलक तुeहारा
मेहनत से कमाया गया धन बटोरकर ले गया था ?”
युवक ने हँसकर जवाब ?दया,“मुझे यह mवीकार करने मv कोई संकोच नहm है ?क सौभाOय क? देवी को तो
शायद यह मालूम ही नहm था ?क मy वहाँ पर था। परंतु आप मv से बाक़? लोग? के साथ तो ऐसा _आ होगा ? Mया
आपने पाया है ?क देवी ऐसी जगह? पर आपका इंतज़ार कर रही थी और Mयूब को फ़ायदे के िलए पलट रही थी ?
हम यह सुनने और सीखने के िलए उ\सुक हy।”
अरक़ाद ने कहा, “ब_त ही समझदारीपूणE शुgआत है। हम यहाँ पर हर ?? के सभी पहलु? पर िवचार–
िवमशE करने के िलए इक?े _ए हy। जुए क? टेबल को नज़रअंदाज़ करना अिधकांश लोग? क? उस ?बल भावना को
नज़रअंदाज़ करना है, िजसमv ?ि? कुछ चाँदी के िस?े दाँव पर लगाने के बाद ढेर सारी mवणE–मु?ाएँ जीतने क?
आशा करता है।”
एक अ`य ?ोता ने कहा, “इससे मुझे कल क? घुड़दौड़ क? याद आ गई। अगर सौभाOय क? देवी जुएघर मv
िमल सकती है, तो िनि?त hप से वह घुड़दौड़? को भी नज़रअंदाज़ नहm करती होगी, जहाँ सजे _ए रथ और तेज़
गित से दौड़ते घोड़े ब_त xयादा रोमांच ?दान करते हy। हमv ईमानदारी से बताएँ अरक़ाद ?क Mया उसने आपके
कान मv धीरे से यह फुसफुसा ?दया था ?क आप कल िननेवे के भूरे घोड़? पर अपना दाँव लगाएँ। मy आपके ठीक
पीछे ही खड़ा था और जब मyने सुना ?क आप उन भूरे घोड़? पर दाँव लगा रहे हy, तो मुझे अपने कान? पर यक़?न
नहm _आ। हम सब जानते हy, िजनमv आप भी शािमल हy, ?क िनlपC दौड़ मv पूरे एसी?रया मv कोई भी घोड़ा हमारे
ि?य घोड़? को नहm हरा सकता।”
“Mया देवी ने आपके कान मv चुपके से कह ?दया था ?क भूरे घोड़? पर दाँव लगा दो ? Mय??क आिखरी च?र
मv अंदर वाला काला घोड़ा लड़खड़ा गया था, िजससे हमारे घोड़? क? राह मv बाधा आ गई और भूरे घोड़े रेस मv
जीत गए, हालाँ?क वे इस योOय नहm थे।”
अरक़ाद ने इस ?ठठोली पर मुmकराते _ए कहा, “हमारे पास यह महसूस करने का Mया कारण है ?क
सौभाOय क? देवी घुड़दौड़ मv ?कसी ?ि? के दाँव मv इतनी gिच लvगी ? मेरे िलए वे ?ेम और ग?रमा क? देवी हy,
जो ज़hरतमंद लोग? क? मदद करती हy और योOय लोग? को पुरmकार देती हy। मy जुएघर या घुड़दौड़? मv उनक?
तलाश नहm करता `ँ, जहाँ xयादातर लोग धन कमाने के बजाय गँवाते हy। इसके बजाय मy दूसरी जगह? पर
उनक? तलाश करता `ँ, जहाँ इंसान? के काम xयादा मह\वपूणE और पुरmकार के योOय होते हy।”
“चाहे ख़ेती हो या ईमानदारी से ?कया जाने वाला ?वसाय, सभी काम? मv इंसान के पास अपनी कोिशश?
और सौद? से लाभ कमाने का अवसर होता है। शायद हमेशा उसे पुरmकार नहm िमलेगा, Mय??क कई बार उसका
िनणEय गलत हो सकता है और कई बार हवाएँ तथा मौसम उसक? कोिशश? पर पानी फेर सकते हy। बहरहाल,
अगर उसमv लगन होगी, तो आम तौर पर उसे हमेशा लाभ होगा, Mय??क लाभ का अवसर हमेशा उसके पC मv
होता है।”

“परंतु जब कोई ?ि? जुए क? टेबल पर जुआ खेलता है, तो िmथित उhटी होती है। यहाँ पर लाभ का
अवसर हमेशा जुएघर के मािलक के पC मv होता है। जुआ इस तरह से िखलाया जाता है, ता?क वह हमेशा
मािलक के पC मv रहे। यह उसका ?वसाय है, िजसमv वह िखलािड़य? के दाँव से लाभ कमाने क? योजना बनाता
है। जुआ खेलने वाले ब_त कम लोग यह बात जानते हy ?क जुएघर के मािलक का लाभ ?कतना सुिनि?त होता है
और उनके जीतने क? संभावना ?कतनी अिनि?त होती है।”
“उदाहरण के िलए, हम Mयूब पर लगाए गए दाँव? के बारे मv िवचार करv। जब भी इसे फvका जाता है, तो
हम इस बात पर दाँव लगाते हy ?क कौन सा िहmसा सबसे ऊपर आएगा। लाल िहmसा आने पर जुएघर का मािलक
हमv दाँव पर लगे धन का चार गुना देगा। परंतु अगर बाक़? पाँच िहmस? मv से कोई भी िहmसा ऊपर आता है, तो
हमने दाँव पर जो पैसा लगाया था, वह डूब जाएगा। इस तरह हर दाँव मv हमारे हारने क? संभावना पाँच गुनी है,
परंतु चूँ?क मािलक जीतने पर िसफ़E चार गुना पैसा देता है, इसिलए हमारे जीतने क? संभावना चार गुनी है। एक
रात के खेल मv जुएघर का मािलक दाँव पर लगाए गए पूरे धन का पाँचवाँ िहmसा या बीस ?ितशत लाभ मv कमाने
क? उeमीद कर सकता है। जब िmथित इस ?कार क? हो, िजसमv ?ि? अपने लगाए गए सभी दाँव? पर बीस
?ितशत धन गँवा दे, तो वह िसफ़E कभी–कभार ही जीतने क? उeमीद कर सकता है!”
एक ?ोता ने कहा, “बहरहाल, कई बार कुछ लोग ब_त बड़ी रक़म जीत लेते हy।”
अरक़ाद ने कहा, “हाँ, ऐसा भी होता है। सवाल यह है ?क Mया उन ख़श?क़mमत लोग? के िलए इस तरह से
हािसल ?कए गए धन का कोई mथायी मह\व होता है ? मy बैिबलॉन के कई सफल लोग? को जानता `ँ, परंतु उनमv
से एक भी ऐसा नहm है, िजसने अपनी सफलता क? शुgआत जुएघर क? टेबल से क? हो।”
“आप लोग भी कई धनवान लोग? को जानते ह?गे। मy यह जानना चा`ँगा ?क हमारे सफल नाग?रक? मv से
?कतने अपनी सफलता क? शुgआत का ?ेय जुएधर को दे सकते हy। Mया आप ऐसे लोग? को जानते हy ?”
लंबी ख़ामोशी के बाद एक मसखरे ने पूछा, “Mया हम जुएधर के मािलक? को इस जाँच मv शािमल कर सकते
हy ?”
अरक़ाद बोला, “अगर आप ?कसी और के बारे मv नहm सोच सकते, तो ?फर अपने बारे मv कहv ? Mया हमारे
बीच मv ऐसे लोग हy, जो जुए मv लगातार जीतते हy, परंतु अपनी आमदनी के िलए इस तरह के ?ोत क? सलाह देने
मv िझझक रहे हy ?”
इस चुनौती पर पीछे से आह भरने क? आवाज़v आई और ?फर लोग हँसने लगे।
अरक़ाद ने कहा,“ऐसा लगता है ?क हमv ख़श?क़mमती उन जगह? पर नहm िमलती है, जहाँ देवी अMसर रहती
हy। इसिलए अब हम दूसरे Cे?? क? तलाश करते हy। हमने पाया है ?क ख़श?क़mमती का ग़म हो गए पसE उठाने से
कोई संबंध नहm है, न ही इसका संबंध जुए से है। जहाँ तक घुड़दौड़ का सवाल है, मy यह mवीकार करना चाहता `ँ
?क मyने इसमv िजतना धन जीता है, उससे ब_त xयादा धन गँवाया है।”
“अब हम अपने ?वसाय? पर िवचार करते हy। जब हम कोई लाभकारी सौदा करते हy, तो Mया यह
mवाभािवक नहm है ?क हम इसे ख़श?क़mमती मानने के बजाय अपनी मेहनत का उिचत पुरmकार मानते हy ? मy
सोचता `ँ ?क ऐसा करके हम देवी के उपहार? को नज़र अंदाज़ कर देते हy। शायद वे सचमुच हमारी मदद करती
हy, परंतु हम उनक? उदारता के िलए उनके शु?गुज़ार नहm होते हy। कौन इस िवषय पर चचाE आगे बढ़ा सकता है
?”
इस पर एक वृ? ?ापारी उठा और अपने सफ़ेद व? क? सलवटv ठीक करते _ए बोला, “अरक़ाद, आपक?
और अपने िम?? क? अनुमित से मy एक सुझाव देना चाहता `ँ। जैसा आपने कहा है, अगर हम अपने ?ापार क?
सफलता के िलए अपनी मेहनत और योOयता को ?ेय देते हy, तो उन सफलता? और ब_त लाभदायक चीज़? के
बारे मv Mय? न सोचv, जो हमv लगभग िमलने वाली थm, परंतु आिख़री िमनट पर नहm िमलm। अगर वे सचमुच हो
जातm, तो वे ख़श?कmमती का दुलEभ उदाहरण होतm। चूँ?क वे पूणE नहm हो पा?, इसिलए हम उ`हv अपना उिचत
पुरmकार नहm मान सकते। िनि?त hप से यहाँ बैठे कई लोग इस तरह के अनुभव बता सकते ह?गे।”
अरक़ाद ने सहमत होते _ए कहा, “यह समझदारी भरा सुझाव है। ख़श?क़mमती आप मv से ?कतन? क? मु?ी
मv थी, परंतु आिख़री िमनट पर ?फसल गई ?”
कई हाथ उठे, िजनमv उस ?ापारी का हाथ भी था। अरक़ाद ने उसे बोलने का मौक़ा ?दया, “चूँ?क आपने ही
यह सुझाव ?दया है, इसिलए हम सबसे पहले आपके मुँह से इसके बारे मv सुनना चाहvगे।”

?ापारी ने कहा, “मy ख़शी–ख़शी अपने जीवन क? एक घटना बताऊँगा। इससे आप यह जान जाएँगे ?क
ख़श?क़mमती के क़रीब आने पर भी इंसान अंध? क? तरह उसे अपने हाथ से िनकल जाने देता है, िजससे उसे
नुक़सान होता है और वह बाद मv पछताता है।”
“कई साल पहले मy युवा था और मेरी कुछ समय पहले ही शादी _ई थी। उन ?दन? मy कमाना शुh कर रहा
था। एक ?दन मेरे िपताजी मेरे पास आए और उ`ह?ने ज़ोर देकर मुझसे कहा ?क मy एक योजना मv अपने धन का
िनवेश कर दूँ। उनके एक अRछे िम? के पु? ने भूिम का एक ख़ाली टुकड़ा देखा था, जो हमारे शहर क? बाहरी
दीवार? से xयादा दूर नहm था। वह टुकड़ा नहर के काफ़? ऊपर था और वहाँ पानी नहm प_ँच सकता था ।”
“मेरे िपता के िम? के पु? ने एक योजना बनाई ?क वह इस ज़मीन को ख़रीद लेगा, बैल? ?ारा चलने वाले
तीन बड़े रहट बनाएगा और इस तरह से जीवनदायी पानी को उपजाऊ भूिम तक प_ँचाएगा। उसक? योजना यह
थी ?क ऐसा करने के बाद वह इस ज़मीन के aलॉट काट देगा और शहर के नाग?रक? को सcज़ी उगाने के िलए बेच
देगा।”
“मेरे िपता के िम? के पु? के पास इस काम के िलए पयाE? धन नहm था। मेरी ही तरह उसक? आमदनी भी
सामा`य थी। उसके िपता भी मेरे िपता क? तरह ही बड़े प?रवार और कम संसाधन? वाले थे। इसिलए उसने कुछ
लोग? को अपना पाटEनर बनाने का फ़ैसला ?कया। उसे बारह लोग? क? ज़hरत थी, िजनमv से हर एक कमाता हो
और वह अपनी कमाई का दसवाँ िहmसा उस अिभयान मv तब तक देने के िलए सहमत हो, जब तक ?क ज़मीन
िबकने के िलए तैयार न हो जाए। योजना यह थी ?क ज़मीन िबकने के बाद सब लोग अपने िनवेश के अनुपात मv
लाभ को आपस मv बाँट लvगे।”
मेरे िपता ने मुझसे कहा, ‘बेटे, तुम अभी जवान हो। मेरी यह ?बल इRछा है ?क तुम अपने िलए ब_मूhय
जायदाद बना लो, ता?क लोग तुeहारा सeमान करv। अपने िपता क? नासमझी और ग़लितय? के Dान से लाभ
उठाओ।’
मyने जवाब ?दया, ‘मेरी भी यह ?बल इRछा है।’
“तो मy तुeहv यह सलाह देता `ँ। वह करो, जो मुझे तुeहारी उ? मv करना चािहए था। अपनी आमदनी के
दसवv िहmसे को लाभकारी िनवेश? के िलए अलग रख दो। अपनी आमदनी के इस दसवv िहmसे और इससे िमलने
वाले cयाज क? मदद से मेरी प_ँचने से पहले तुम ब_मूhय उ? तक जायदाद बना सकते हो।”
“िपताजी, आपने ब_त समझदारी क? बात कही है। मy अमीर बनना चाहता `ँ। परंतु मेरी आमदनी के साथ
ब_त से ख़चw भी जुड़े हy इसिलए मy आपके सुझाव पर अमल करने से िझझक रहा `ँ। मy अभी जवान `ँ। अभी मेरे
पास ब_त समय है।”
“तुeहारी उ? मv मyने भी यही सोचा था, परंतु देखो, साल गुज़रते चले गए और मy शुgआत भी नहm कर
पाया।”
“अब ज़माना बदल गया है, िपताजी। मy आपक? ग़लितय? से बचूँगा।”
“अवसर तुeहारे सामने खड़ा है, बेटे। यह तुeहv एक ऐसा मौक़ा दे रहा है, जो दौलत क? ओर ले जा सकता है।
मेरा तुमसे यही कहना है, देर मत करो। कल सुबह ही मेरे िम? के पु? के पास जाओ और उससे यह सौदा कर लो
?क इस िनवेश मv तुम अपनी दस ?ितशत आमदनी लगाओगे। त\काल कल सुबह चले जाना। अवसर ?कसी का
इंतज़ार नहm करता। आज यह सामने होता है, परंतु कल दूर चला जाता है। इसिलए देर मत करो!”
“अपने िपता क? सलाह के बावज़ूद मy िझझकता रहा। पूवn देश? से ?ापारी नए सुंदर व? लाए थे, जो
इतने आकषEक और ब?ढ़या लग रहे थे ?क मyने और मेरी प?ी प?ी ने ने महसूस ?कया ?क हमv उ`हv ख़रीद लेना
चािहए। अगर मy उस अिभयान मv अपनी दस ?ितशत आमदनी का िनवेश करने के िलए तैयार हो जाता, तो हम
उन व?? को नहm ख़रीद पाते और कई अ`य आनंद? से भी वंिचत रह जाते, िज`हv हम ब_त चाहते थे। मyने िनणEय
लेने मv तब तक देर लगाई, जब तक ?क ब_त देर नहm हो गई। बाद मv मy इस पर ब_त पछताया। वह अिभयान
उeमीद से xयादा फ़ायदेमंद सािबत _आ। मेरी कहानी यह बताती है ?क मyने ?कस तरह ख़श?क़mमती को अपने
पास से िनकल जाने ?दया।”
रेिगmतान से आए एक साँवले आदमी ने कहा, “इस कहानी मv हम देखते हy ?क ख़श?क़mमती उस ?ि? के
पास आती है, जो अवसर को mवीकार करता है।” जायदाद बनाने के िलए हमेशा एक शुgआत करना पड़ती है।
शुh मv यह सोने या चाँदी के कुछ िस?? तक सीिमत होती है, िज`हv इंसान अपनी आमदनी मv से बचाकर अपना

पहला िनवेश करता है। मy ख़द कई मवेिशय? का मािलक `ँ। मवेशी पालने क? शुgआत मyने बचपन मv ही कर दी
थी, जब मyने चाँदी के एक िस?े से एक बिछया ख़रीदी थी। चूँ?क यह मेरी दौलत क? शुgआत थी, इसिलए मेरे
िलए यह ब_त मह\वपूणE थी।
“पहली शुgआत के बाद जायदाद बनाना ख़श?कmमती से हर इंसान के बूते क? बात है। पहला क़दम ब_त
मह\वपूणE है। इस क़दम को उठाने के बाद इंसान मेहनत से धन कमाने वाले ?ि? के बजाय अपने िनवेश से लाभ
कमाने वाले ?ि? मv बदल जाता है। सौभाOय से कुछ लोग कम उ? मv ही यह क़दम उठा लेते हy। इसी वजह से वे
आ?थEक Cे? मv उन लोग? से xयादा सफल हो जाते हy, जो यह क़दम बाद मv उठाते हy। वे उन दुभाEOयशाली लोग? से
तो ब_त xयादा सफल होते हy, जो यह क़दम कभी नहm उठाते हy, जैसा इस ?ापारी के िपता के साथ _आ था।”
“अगर मेरे ?ापारी िम? ने अवसर सामने आने पर अपनी जवानी मv यह क़दम उठा िलया होता, तो आज
उसे दुिनया क? ब_त सी अRछी चीज़? का वरदान िमला होता। अगर हमारे बुनकर िम? ने उस समय यह क़दम
उठा िलया होता, तो आज उसके पास काफ़? दौलत होती।”
दूसरे देश से आए एक अजनबी ने खड़े होकर कहा, ,”ध`यवाद! मy भी कुछ बोलना चाहता `ँ। मy सी?रया का
`ँ। मy आपक? भाषा अRछी तरह नहm बोल पाता `ँ। मy इस ?ापारी िम? को एक नाम से पुकारना चाहता `ँ।
शायद आप सोचvगे ?क यह शालीन नाम नहm है। परंतु मy ?फर भी उसे उस नाम से पुकारना चाहता `ँ। परंतु मुझे
आपक? भाषा का वह शcद नहm मालूम। अगर मy इसे सी?रया क? भाषा मv बोलूँ, तो आप उसे समझ नहm पाएँगे।
इसिलए मेरे िम??, मुझे बताएँ ?क आप उस आदमी को Mया कहते हy, जो अपने िलए फ़ायदेमंद सािबत होने वाले
काम? को भी टालता रहता है है।”
एक आवाज़ आई, “टालमटोल करने वाला।”
“विह,” सी?रया के िनवासी ने अपने हाथ? को रोमांच से लहराते _ए कहा, “जब अवसर आता है, तो वह
उसे mवीकार नहm करता है। वह इंतज़ार करता है। वह कहता है मेरे सामने अभी ब_त काम पड़ा है। मy धीरे–धीरे
यह काम कhँगा। अवसर इस तरह के ढीले आदमी का इंतज़ार नहm करेगा। अवसर सोचता है ?क अगर इंसान
ख़श?क़mमत बनना चाहता है, तो उसे त\काल क़दम उठाना चािहए। अवसर सामने आने पर जो ?ि? त\काल
क़दम नहm उठाता है, वह हमारे ?ापारी िम? क? तरह टालमटोल करने वाला होता है।”
?ापारी उठकर खड़ा _आ और िसर झुकाकर लोग? क? हँसी पर ?ित??या करते _ए बोला, “अजनबी, आप
हमारे मेहमान है! मy आपक? ?शंसा करता `ँ, जो आपने स?ी बात बोलने मv ज़रा भी िहचक नहm ?दखाई।”
अरक़ाद ने कहा, “खोए _ए अवसर क? एक और कहानी हमv कौन सुनाएगा ?”
लाल व? पहने एक अधेड़ ?ि? ने कहा, “मy सुनाऊँगा। मy मवेिशय? का ख़रीदार `ँ, ख़ास तौर पर ऊँट?
और घोड़? का। कई बार मy भेड़–बक?रयाँ भी ख़रीद लेता `ँ। एक रात को अवसर मेरे सामने अचानक आया, जब
मy इसक? िबलकुल भी उeमीद नहm कर रहा था। शायद इसी वजह से मyने इसे अपने हाथ से ?फसल जाने ?दया।
बेहतर होगा ?क फैसला आप ही करv।”
मy ऊँट ख़रीदने के िलए शहर से बाहर गया था। दस ?दन? क? िनराशाजनक या?ा के बाद जब मy लौटा, तो
मुझे यह देखकर गुmसा आया ?क रात होने क? वजह से शहर का ?ार बंद हो चुका था और उस पर ताले भी लग
चुके थे। मेरे नौकर? ने रात काटने के िलए तंबू लगाए। बहरहाल हम सोच रहे थे ?क हमारे पास ब_त कम भोजन
है और पानी तो िबhकुल भी नहm है, इसिलए यह रात मुिkकल से कटेगी। उसी समय एक बूढ़ा ?कसान मेरे पास
आया, जो शहर के ?ार का ताला बंद हो जाने के कारण हमारी ही तरह बाहर रह गया था।
उसने मुझसे कहा, ‘आदरणीय ?ीमान्, आपके _िलए से मुझे लगता है ?क आप मवेिशय? के ख़रीदार हy।
अगर ऐसा है, तो मy आपको अपनी ब_त अRछी भेड़v बेचना चा`ँगा, िज`हv मy अभी–अभी लाया `ँ। मेरी प?ी
ब_त बीमार है और उसे बुखार है। मुझे त\काल लौटना होगा। आप मेरी भेड़v ख़रीद लv, ता?क मy और मेरे नौकर
ऊँट? पर सवार होकर िबना देर ?कए त\काल घर लौट जाएँ।’
इतना अँधेरा था ?क मy उसक? भेड़? को नहm देख सकता था, हालाँ?क उनक? आवाज? से मy समझ गया ?क
रेवड़ ब_त बड़ा होगा। मyने ऊँट? क? तलाश मv अपने दस ?दन बबाEद कर ?दए थे, परंतु मुझे अRछे ऊँट नहm िमल
पाए थे, इसिलए मy उसके साथ ख़शी–ख़शी सौदेबाज़ी करने लगा। वह मुिkकल मv था, इसिलए उसने ब_त ही
वािजब दाम माँगा। मyने वह सौदा मंजूर कर िलया, Mय??क मy अRछी तरह जानता था ?क मेरे नौकर सुबह भेड़?
को हाँककर शहर मv ले जाएँगे और उ`हv बेचने से हमv काफ़? लाभ होगा।

सौदा होने के बाद मyने अपने नौकर? से मशालv लेकर आने को कहा, ता?क हम ?कसान क? 900 भेड़? को
िगन सकv। िम?ो, मy आपको यह वणEन सुनाकर बोर नहm कhँगा ?क इतनी सारी aयासी, भूखी और बेचैन भेड़? को
िगनने मv हमv ?कतनी मुिkकलv आ?। यह एक असंभव काम सािबत हो रहा था। इसिलए मyने उस ?कसान से साफ़–
साफ़ कह ?दया ?क सुबह होने के बाद मy भेड़ िगनूँगा और तभी उसे पैसे दूँगा।
उसने आ?ह ?कया, ‘मेहरबानी करके आप आज रात को मुझे दो ितहाई क़?मत ही दे दv, ता?क मy अपने घर
लौट सकूँ। मy अपने सबसे समझदार और िशिCत सेवक को आपके पास छोड़ जाऊँगा, जो सुबह भेड़ िगनने मv
आपक? मदद करेगा। वह िव?सनीय है और आप बाक़? का एक–ितहाई पैसा उसे दे सकते हy।’
“परंतु मyने िजद पकड़ ली और रात को पैसे देने से इंकार कर ?दया। अगली सुबह मेरे उठने से पहले ही शहर
का ?ारा खुला और चार ख़रीदार भेड़? क? तलाश मv बाहर भागते _ए आए। वे ब_त उ\सुक थे और ऊँची क़?मतv
देने को तैयार थे, Mय??क शहर पर यु? क? घेराबंदी का ख़तरा मंडरा रहा था और भोजन पयाE? नहm था। ?कसान
मुझे िजतनी क़?मत पर भेड़v देने के िलए तैयार _आ था, उसे उससे लगभग तीन गुना xयादा क़?मत िमली। यह
ब_त ही ब?ढ़या अवसर था, जो मyने अपने ही हाथ? से गँवा ?दया।”
अरक़ाद ने ?टaपणी क?, “यह ब_त ही असामा`य कहानी है। इससे हमv Mया िशCा िमलती है ?”
घोड़े क? जीन बनाने वाले ने कहा, ”इससे हमv यह िशCा िमलती है ?क जब हमv िव?ास हो ?क हमारा सौदा
समझदारीपूणE है, तो हमv त\काल पैसे दे देना चािहए। अगर सौदा अRछा है, तो आपको दूसर? के अलावा ख़द क?
कमज़ो?रय? से भी अपनी रCा करने क? ज़hरत होती है। इंसान? के िवचार बदलते रहते हy। मy तो यह क`ँगा ?क
हम अपना मन तेज़ी से बदल लेते हy और ऐसा तब अिधक होता है, जब हम गलत नहm, बिhक सही होते हy। गलत
िनणEय? के बारे मv हम िज़?ी होते हy, परंतु सही िनणEय लेने के बाद हम िहच?कचाते हy और अवसर को अपने हाथ
से ?फसल जाने देते हy। मेरा पहला िनणEय मेरा सवE?े? िनणEय होता है। परंतु मyने हमेशा यह पाया है ?क अRछा
सौदा करने के बाद मy िहच?कचाता `ँ और टालमटोल करता `ँ। इसिलए अपनी कमज़ोरी से बचने के िलए मy
त\काल उस सौदे का बयाना दे देता `ँ। इससे मy ख़श?क़mमती के अवसर? को गँवाने के प?ाताप से बच जाता `ँ।”
सी?रया के िनवासी ने एक बार ?फर खड़े होकर कहा, “ध`यवाद! मy एक बार ?फर बोलना चाहता `ँ। ये
कहािनयाँ लगभग एक सी हy। हर बार अवसर एक ही कारण से दूर भाग जाता है। हर बार वह टालमटोल करने
वाले के पास आता है और एक अRछी योजना पेश करता है। हर बार टालमटोल करने वाला िहच?कचाता है। वह
यह नहm कहता ?क अभी सबसे अRछा समय है, मy यह काम त\काल कर देता `ँ। इसके बजाय वह टालमटोल
करता है। आदमी इस तरह सफल कैसे हो सकता है ?”
ख़रीदार ने कहा, “आपके शcद? मv समझदारी है। ख़श?क़mमती इन दोन? ही कहािनय? मv टालमटोल करने
के कारण दूर भाग गई थी। बहरहाल, यह असामा`य नहm है। टालमटोल करने क? ?वृिk सबमv होती है। हम
दौलत चाहते हy, परंतु जब अवसर हमारे सामने आता है, तो टालमटोल क? ?वृिk के कारण हम उसे त\काल
mवीकार नहm करते हy और इस तरह हम अपने सबसे बड़े दुkमन बन जाते हy।”
“अपनी जवानी मv मy टालमटोल शcद को नहm जानता था, जो हमारे सी?रया के िम? को इतना पसंद आया
है। मy पहले तो यह सोचता था ?क मेरे गलत िनणEय? के कारण मेरे हाथ से कई लाभदायक सौदे िनकल गए। बाद
मv मyने अपने िज़?ी mवभाव को इसके िलए दोष ?दया। बहरहाल, अंत मv मुझे स?ाई का पता चल गया। मyने जान
िलया ?क जब मुझे काम करना चािहए था, जब मुझे त\काल और िनणाEयक काम करना चािहए था, तब मy
अनावkयक hप से देर कर रहा था। जब मुझे स?ाई पता चली, तो मुझे ब_त िचढ़ _ई। जंगली ख?र को ?कसी
रथ मv जोतने पर वह ब_त कटु हो जाता है। उतनी ही कटुता से मyने अपनी सफलता के इस दुkमन से अपना पीछा
छुड़ाया।”
“ध`यवाद! मy अब अपने ?ापारी िम? से एक सवाल पूछना चाहता `ँ। आप अRछे कपड़े पहनते हy। आपके
कपड़े गरीब? जैसे नहm हy। आप सफल ?ि? क? तरह बोलते हy। हमv बताएँ, जब टालमटोल आपके कान? मv कुछ
कहती है, तो Mया आप अब भी उसक? बात सुनते हy ?”
?ापारी ने जवाब ?दया, “ख़रीदार िम? क? तरह मुझे भी टालमटोल को पहचानना और जीतना पड़ा। यह
मेरी दुkमन थी, जो हमेशा मेरी सफलता? मv बाधा डालने क? ताक मv रहती थी। मyने जो कहानी सुनाई है, उस
तरह के ब_त से उदाहरण हy, िजनके ?ारा मy बता सकता `ँ ?क टालमटोल क? वजह से मेरे अवसर ?कस तरह दूर
चले गए। एक बार समझ लेने के बाद टालमटोल को जीतना मुिkकल नहm होता। कोई भी ?ि? mवेRछा से चोर
को अपना अनाज चुराने नहm देता है। न ही कोई ?ि? श?ु? को अपने ?ाहक? को दूर भगाने क? छूट देता है,

Mय??क इससे उसका मुनाफ़ा कम हो जाएगा। जब मyने यह पहचान िलया ?क मेरा दुkमन इस तरह के काम कर
रहा है, तो मyने संकhप के साथ उस पर िवजय पाई। अगर कोई ?ि? बैिबलॉन क? ?चुर दौलत मv िहmसेदार
बनना चाहता है, तो सबसे पहले उसे अपनी टालमटोल क? भावना पर िवजय पाना होगी ।”
“अरक़ाद, आप Mया कहते है? चूँ?क आप बैिबलॉन के सबसे अमीर ?ि? हy, इसिलए कई लोग कहते हy ?क
आप सबसे xयादा ख़श?क़mमत ?ि? भी हy। Mया आप मेरी इस बात से सहमत हy ?क कोई भी आदमी जब तक
टालमटोल क? भावना को पूरी तरह न? नहm कर देता, तब तक वह बड़ी सफलता नहm पा सकता ?”
अरक़ाद ने mवीकार ?कया, “जैसा आप कहते हy, िबhकुल वैसा ही है। मेरे लंबे जीवन मv मyने कई पी?ढ़य? को
?वसाय, िवDान और Dान के उन Cे?? मv आगे बढ़ते देखा है, जो ?ज़ंदगी मv सफलता क? राह पर ले जाते हy।
अवसर उन सब लोग? के पास आए थे। बहरहाल, कुछ ने अपने सामने आए अवसर? का लाभ उठाया और अपनी
गहनतम इRछा? क? संतुि? क? ओर आगे बढ़ते रहे, परंतु अिधकांश लोग िझझके, लड़खड़ाए और पीछे रह गए।”
अरक़ाद कपड़े के बुनकर क? ओर मुड़ा, “आप ही ने यह सुझाव ?दया था ?क हम ख़श?क़mमती पर बहस करv।
अब आप इस बारे मv Mया सोचते हy ?”
“अब मy ख़श?क़mमती को एक अलग रोशनी मv देख रहा `ँ। मyने सोचा था ?क ख़श?क़mमत होने के िलए
इंसान को कोई कोिशश नहm करना पड़ती। अब मुझे यह एहसास हो गया है ?क इंसान िबना कुछ ?कए
ख़श?क़mमती को अपनी ओर आक?षEत नहm कर सकता। इस चचाE से मyने यह सीखा है ?क ख़श?क़mमती को
आक?षEत करने के िलए अवसर? का लाभ उठाना ज़hरी है। मy अपने सामने आने वाले अवसर? का अिधकतम
लाभ उठाने क? कोिशश कgँगा।”
अरक़ाद ने जवाब ?दया, “आपने हमारी चचाE के स\य को ब_त अRछी तरह से पकड़ िलया है। हमने यह
पाया है ?क अMसर ख़श?कmमती अवसर के पीछे आती है। यह शायद ही कभी ?कसी दूसरे hप मv आती है। हमारा
?ापारी िम? ब_त ख़श?क़mमत होता, अगर उसने सौभाOय क? देवी ?ारा ?दए गए अवसर को mवीकार कर
िलया होता। इसी तरह हमारा ख़रीदार िम? भी ख़श?क़mमत होता, अगर उसने मवेिशय? को समय पर ख़रीद
िलया होता और उ`हv तीन गुने लाभ पर बेचा होता।”
हमने यह चचाE इसिलए शुh क? थी, ता?क हम ख़श?क़mमती को अपनी ओर आक?षEत करने का तरीक़ा
खोज सकv। मुझे लगता है ?क हमने वह तरीक़ा खोज िलया है। दोन? ही कहािनय? से यह िनlकषE िनकलता है ?क
ख़श?क़mमती अवसर मv छुपी होती है। चाहे ख़श?क़mमती का लाभ उठाया गया हो या नहm उठाया गया हो, इस
स\य को बदला नहm जा सकता : अवसर? को mवीकार करके ख़श?क़mमती को आक?षEत ?कया जा सकता है।
जो लोग ?गित के अवसर? का लाभ लेने के िलए त\पर रहते हy, उनमv सौभाOय क? देवी gिच लेती है। वे
हमेशा उन लोग? क? मदद करने क? इRछुक होती हy, जो उ`हv ख़श करते हy; और कमEशील ?ि? उ`हv सबसे
xयादा ख़श करते हy।
“कमE आपको सफलता क? ओर ले जाएगा।”
सौभाOय क? देवी कमEशील ?ि?य? पर कृपा करती हy।

“अ
धन के पाँच िनयम
गर आपके सामने एक तरफ़ सोने क? मोहर? से भरी थैली रख दी जाए और दूसरी तरफ़ बुि?मkा के शcद?
से भरा मृदाप? रख ?दया जाए, तो आप दोन? मv से ?कसे चुनvगे ?”
रेिगmतानी झािड़य? क? आग क? िहलती रोशनी मv ?ोता? के झुलसे चेहर? पर ?दलचmपी क? चमक साफ़
नज़र आ रही थी।
सkाईस लोग? ने एक साथ कहा, “सोने क? मोहर? से भरी थैली।”
बूढ़ा कालाबाब समझदारी से मुmकराया।
उसने अपना हाथ उठाकर उ`हv चुप कराया और कहा, “रात मv आवारा कुk? के भ?कने क? आवाज़ सुनो। वे
इसिलए िचhला रहे हy और रो रहे हy, Mय??क वे भूख से ?ाकुल हy। परंतु अगर उ`हv खाना िमल जाए, तो उसके
बाद वे Mया करvगे ? वे लड़ने लगvगे और घमंड से इतराते _ए चलने लगvगे। वे आने वाले कल क? तरफ़ _यान नहm
दvगे, जो िनि?त hप से आएगा ही।”
इंसान भी यही करते हy। अगर उ`हv सोने और बुि?मानी मv से ?कसी एक को चुनने के िलए कहा जाता है, तो
वे Mया करते हy? वे बुि?मानी को नज़रअंदाज़ कर देते हy और सोने को बबाEद कर देते हy। आने वाले कल मv वे
दुबारा रोएँगे, Mय??क उनके पास अब सोना नहm बचा है।
“सोना या धन उन लोग? को ही िमलता है, जो इसके िनयम जानते हy और उनका पालन करते हy।”
कालाबाब ने अपने सफ़ेद दुशाले को अपने दुबले पैर? पर समेटा, Mय??क रात क? ठंडी हवा बह रही थी।
“तुम लोग? ने इस लंबी या?ा मv वफ़ादारी से मेरी सेवा क? है। तुमने मेरे ऊँट? क? अRछी देखभाल क? है।
तुमने रेिगmतान क? गमE रेत पर िबना िशकायत ?कए मेहनत क? है। तुमने उन डकैत? का बहादुरी से मुक़ाबला
?कया है, जो मेरा सामान लूटना चाहते थे। इसिलए मy आज रात को तुeहv धन के पाँच िनयम? क? कहानी
सुनाऊँगा। तुमने इस तरह क? कहानी पहले कभी नहm सुनी होगी।”
“_यान से सुनो, मेरे शcद? को ब_त _यान से सुनो, Mय??क अगर तुम उनका मतलब समझ लोगे और उनका
पालन करोगे, तो भिवlय मv तुम भी धनवान बन सकते हो।”
?भाव डालने के िलए वह थोड़ी देर gका। ऊपर बैिबलॉन के नीले आसमान मv िसतारे चमक रहे थे। उन
लोग? के पीछे तंबू बँधे थे, ता?क रेिगmतान के संभािवत तूफ़ान? से रCा हो सके। तंबु? के पास ?ापा?रक सामान
क़रीने से रखा था और जानवर? क? खाल? से ढँका था। पास मv ही ऊँट? का रेवड़ रेत मv बैठा था। कुछ ऊँट संतुि?
के साथ जुगाली कर रहे थे, बाक़? खराEटे ले रहे थे।
“आपने हमv ब_त सी अRछी कहािनयाँ सुनाई हy, कालाबाब,” सामान बाँधने वाले ?मुख ?ि? ने कहा,
“हम चाहते हy ?क कल जब आपके साथ हमारी सेवा ख़\म हो, तो उसके बाद आपके शcद? का मागEदशEन हमारे
साथ रहे।”
कालाबाब ने कहा, ”मyने तुeहv अजीब और सुदूर देश? के अपने अनुभव सुनाए हy, परंतु आज रात को मy तुeहv
समझदार और अमीर अरक़ाद क? बुि?मानी के बारे मv बताना चाहता `ँ।”
सामान बाँधने वाले ?मुख ?ि? ने कहा, “हमने उनके बारे मv काफ़? सुना है, Mय??क वे बैिबलॉन के सबसे
अमीर आदमी थे।”
“वे सबसे अमीर आदमी इसिलए बने, Mय??क वे धन के िनयम? को जानते थे। धन के िनयम उनसे पहले
?कसी को भी इतनी अRछी तरह से मालूम नहm थे। आज क? रात मy तुeहv ब_त समझदारी क? बातv बताऊँगा, जो
उनके बेटे नोमािज़र ने कई साल पहले िननेवे मv मुझे बताई थm, जब मy छोटा था।”
“मेरे मािलक और मy नोमािज़र के महल मv देर रात तक gके थे। मy सुंदर कालीन? के बड़े बंडल लाने मv अपने
मािलक क? मदद कर रहा था। नोमािज़र ने हर क़ालीन क? जाँच क?, जब तक ?क वह रंग? के चयन से पूरी तरह
संतु? नहm हो गया। आिखरकार वह ब_त खुश _आ और उसने हमv अपने पास िबठा िलया। उसने हमv ब_त दुलEभ
और ख़सबूदार शराब िपलाई, िजसे पीने के बाद मेरे पेट मv गमn दौड़ गई, Mय??क मेरे पेट को इस तरह के पेय
पदाथE क? आदत नहm थी।”

“?फर उसने हमv अपने िपता अरक़ाद क? समझदारी क? यह कहानी सुनाई, जो मy तुeहv सुनाने जा रहा `ँ।”
जैसी परंपरा है, बैिबलॉन मv दौलतमंद िपता? के पु? हमेशा उनके साथ रहते हy और उनक? जायदाद
िवरासत मv पाने क? आशा करते हy। । अरक़ाद को यह परंपरा पसंद नहm थी। इसिलए नोमािज़र के वयmक होने
पर अरक़ाद ने उससे कहा :
“मेरे बेटे, मेरी यह इRछा है ?क तुम मेरी जायदाद के वा?रस बनो। परंतु पहले तुeहv यह सािबत करना होगा
?क तुम समझदारी से इसे सँभाल सकते हो। इसिलए मy चाहता `ँ ?क तुम दुिनया मv बाहर िनकलो और धन
कमाने तथा लोग? के बीच सeमान पाने क? अपनी योOयता को सािबत करो।”
“तुeहv अRछी तरह से शुgआत करने के िलए मy दो चीज़े देता `ँ, जो मुझे नहm िमली थm। जब मyने दौलत
इक?ी करना शुh क? थी, तब मy ब_त गरीब था।”
“सबसे पहले तो मy तुeहv सोने क? मोहर? से भरी यह थैली देता `ँ। अगर तुम इसका समझदारी से उपयोग
करोगे, तो यह तुeहारी भावी सफलता क? नmव बन जाएगी।”
“दूसरी बात, मy तुeहv यह मृदाप? देता `ँ, िजस पर धन के पाँच िनयम िलखे हy। अगर तुम इन िनयम? के
अनुसार चलोगे, तो तुeहv योOयता और सुरCा ज़hर िमलेगी।”
“आज से दस साल बाद तुम घर लौटकर अपने अनुभव बताना। अगर तुम खुद को योOय सािबत कर दोगे,
तो मy तुeहv अपनी जायदाद का वा?रस बना दूँगा। वरना मy यह जायदाद पुरोिहत? को दान कर दूँगा, ता?क वे मेरी
आ\मा क? शांित के िलए देवी-देवता? से ?ाथEना करv।”
“इस तरह नोमािज़र ?ज़ंदगी मv कुछ कर ?दखाने के िलए चल पड़ा। उसने धन क? थैली और मृदाप? को
रेशमी कपड़? मv लपेट िलया। ?फर वह घोड़े पर बैठकर अपने नौकर के साथ या?ा पर चल ?दया।”
“दस साल गुज़र गए और जैसा तय _आ था, नोमािज़र अपने िपता के घर लौटा। उसके आने क? खुशी मv
उसके िपता ने बेहतरीन दावत दी थी, िजसमv कई ?रkतेदार? और िम?? को बुलाया गया था। ज? ख़\म होने के
बाद नोमािज़र के माता-िपता बड़े हॉल के एक और ?संहासन जैसी कु?सEय? पर बैठे और नोमािज़र उनके सामने
खड़े होकर अपने अनुभव सुनाने लगा, जैसा उसने अपने िपता से वायदा ?कया था।”
“रात हो चुक? थी। कमरे मv तेल के दीपक? का धुआँ भरा था। रोशनी मि?म थी। सफ़ेद जैकेट पहने नौकर
खजूर के लंबे पk? से हवा कर रहे थे। पूरे दृkय मv शाही ग?रमा थी। नोमािज़र क? प?ी और उसके दो छोटे पु?,
प?रवार के िम?? तथा ?रkतेदार? के साथ क़ालीन? पर बैठे थे। वे सभी नोमािज़र क? बातv सुनने के िलए उ\सुक
थे।”
नोमािज़र ने कहा, “िपताजी, मy आपक? बुि?मkा के सामने िसर झुकाता `ँ। दस साल पहले जब मy
युवावmथा क? दहलीज़ पर खड़ा था, तो आपने मुझसे कहा था ?क मy बाहर िनकलूँ और मदE बनकर ?दखाऊँ,
बजाय इसके ?क मy आपक? दौलत िवरासत मv िमलने का इंतज़ार करता र`ँ।”
“आपने मुझे काफ़? धन ?दया था। आपने मुझे काफ़? बुि?मkा भी दी थी। जहाँ तक धन का सवाल है, मy यह
mवीकार करता `ँ ?क मy उसे ठीक से सँभाल नहm पाया। सच तो यह है ?क मेरे अनुभवहीन हाथ? से धन उसी तरह
?फसल गया, िजस तरह जंगली खरगोश पहला मौक़ा िमलते ही उसे पकड़ने वाले ब?े के हाथ से िनकल भागता
है।”
िपता ने मुmकराते _ए कहा, ‘आगे बोलो बेटे, तुeहारी कहानी ब_त ?दलचmप है।‘
“मyने िननेवे जाने का फ़ैसला ?कया, Mय??क उस शहर मv तर?? क? संभावनाएँ xयादा ?दख रही थm। मुझे
िव?ास था ?क मुझे वहाँ ब_त से अवसर िमलvगे। मy एक कारवाँ मv शािमल हो गया और उसमv मेरे ब_त से दोmत
बन गए। उनमv दो मधुरभाषी लोग भी थे, िजनके पास एक ब_त सुंदर सफ़ेद घोड़ा था, जो हवा क? गित से
भागता था।”
“या?ा के दौरान उ`ह?ने मुझे िव?ास मv लेकर बताया ?क िननेवे मv एक दौलतमंद आदमी है, िजसके पास
इतना तेज़ घोड़ा है ?क वह कभी नहm हारा है। उसके मािलक को यक़?न है ?क दुिनया का कोई घोड़ा उससे तेज़
नहm भाग सकता। वे लोग अपनी रक़म को दाँव पर लगाने जा रहे हy ?क वह घोड़ा बैिबलॉन के सारे घोड़? से
xयादा तेज़ भाग सकता है। मेरे िम?? ने कहा ?क उस घोड़े के सामने उनका घोड़ा तो एक कमज़ोर ख?र है, िजसे
ब_त आसानी से हराया जा सकता है।”
“उ`ह?ने मुझ पर कृपा ?दखाते _ए मुझे भी उस दाँव मv िहmसेदार बना िलया। मy इस योजना पर मोिहत

था।”
“हमारा घोड़ा बुरी और xयादातर तरह हार गया मyने अपना धन गँवा ?दया।” यह सुनकर अरक़ाद को हँसी
आ गई। “बाद मv मुझे पता चला ?क वह उन धोखेबाज़? क? चालाक? भरी योजना थी और वे लगातार कारवाँ मv
अपने िशकार क? तलाश मv या?ा करते हy। िननेवे का वह आदमी उनका पाटEनर था और वे लोग दाँव पर लगाए
गए पैसे को आपस मv बाँट लेते थे। इस चालबाज़ी ने मुझे सतकE रहने का पहला सबक़ िसखाया।”
“जhदी ही मुझे एक और इतना ही कटु अनुभव होने वाला था। कारवाँ मv एक और युवक मेरा िम? बन गया
था। उसके माता-िपता दौलतमंद थे और वह भी मेरी ही तरह ?वसाय करने के िलए िननेवे जा रहा था। हमारे
प_ँचने के कुछ समय बाद ही उसने मुझे बताया ?क एक ?ापारी क? मृ\यु हो गई है, िजस वजह से उसक? दुकान
मv भरा पूरा सामान और उसक? दुकान का नाम ब_त कम क़?मत? पर िमल रहा है। उसने कहा ?क हम बराबरी के
पाटEनर ह?गे, परंतु पहले उसे बैिबलॉन जाकर धन लाना होगा। उसने मुझे राज़ी कर िलया ?क मy अपने धन से उस
दुकान को ख़रीद लूँ और वह बाद मv जाकर अपने िहmसे का धन ले आएगा। चूँ?क दुकान मv बाद मv भी धन क?
ज़hरत पड़ना थी, इसिलए मy इसके िलए तैयार हो गया।”
“वह बैिबलॉन जाने मv टालमटोल करता रहा। काफ? समय बीत गया। इस दौरान उसने यह सािबत कर
?दया ?क उसमv ख़रीदने और ख़चE करने क? समझ नहm थी। मyने उसे आिख़रकार बाहर िनकाल ?दया, परंतु तब
तक ?वसाय क? हालत इतनी िबगड़ चुक? थी ?क हमारे पास िसफ़E वही सामान बचा था, जो िबक नहm सकता
था। अब हमारे पास बाक़? सामान ख़रीदने के िलए धन भी नहm बचा था। बचे _ए सामान को मyने इज़राइल के
एक ?ि? को ब_त ही सmते दाम? पर बेच ?दया।”
“िपताजी, जhदी ही मेरे बुरे ?दन शुh हो गए। मyने नौकरी क? तलाश क?, जो मुझे नहm िमली, Mय??क मेरे
पास कोई ऐसा Dान या ?िशCण नहm था, िजसके मा_यम से मy कमा सकूँ। मyने अपने घोड़े बेच ?दए। मyने अपना
गुलाम बेच ?दया। मyने अपने अित?र? कपड़? को भी बेच ?दया, ता?क मुझे भोजन और सोने क? जगह िमल सके,
परंतु हर ?दन घोर गरीबी मेरे क़रीब आती जा रही थी।”
“ले?कन उन दुख भरे ?दन? मv भी यह याद रहा ?क आपको मुझ पर िव?ास था। आपने मुझे मदE बनने के
िलए भेजा था और मy मदE बनने के िलए संकhपवान था।” नोमािज़र क? माँ ने दोन? हाथ? से अपना चेहरा छुपा
िलया और सुबकने लगी।
“उस समय मुझमv आपका ?दया वह मृदाप? याद आया, िजस पर धन के पाँच िनयम िलखे थे। मyने आपक?
समझदारी के शcद? को ब_त _यान से पढ़ा। उ`हv पढ़ने के बाद मुझे यह एहसास हो गया ?क अगर मyने इन
समझदारी के शcद? को पहले पढ़ िलया होता, तो मेरा धन नहm डूबता। मyने हर िनयम याद कर िलया और यह
संकhप ?कया ?क जब सौभाOय क? देवी मुझ पर मेहरबान ह?गी, तो मy जवानी क? अनुभवहीनता से नहm, बिhक
उ? क? बुि?मkा से अपनी ?दशा तय कhंगा।”
आज रात जो लोग यहाँ पर बैठे हy, उनके लाभ के िलए मy अपने िपता के बुि?मkापूणE िनयम? को पढ़ना
चा`ँगा, जो उ`ह?ने मुझे दस साल पहले ?दए मृदाप? पर िलखे थे :
धन के पाँच िनयम
1.धन उस आदमी के पास ख़शी-ख़शी आता है और बढ़ती मा?ा मv आता है, जो अपनी आमदनी क
कम से कम दसवv िहmसे का ?योग अपने तथा अपने प?रवार के भिवlय के िलए जायदाद बनाने मv
करता है।
2.धन उस समझदार मािलक के िलए जमकर मेहनत करता है, जो इसके िलए लाभकारी काम खोजता
है। यह मवेिशय? क? तरह तेज़ी से बढ़ता है।
3. धन उस सावधान मािलक के संरCण मv रहता है, जो इसका िनवेश िसफ़E समझदार लोग? क?
सलाह से करता है।
4.धन उस आदमी से दूर चला जाता है, जो इसका िनवेश उन ?वसाय? या उ?ेkय? के िलए करता है,
िजनसे वह प?रिचत नहm है या िजनक? अनुशंसा समझदार लोग नहm करते हy।
5.धन उस आदमी से दूर चला जाता है, जो इसके मा_यम से असंभव आमदनी हािसल करना चाहता

है या जो चालबाज़ लोग? क? लुभावनी सलाह मानता है या जो इसे अपनी अनुभवहीनता और
hमानी इRछा? के अधीन िनवेश करता है।
“ये धन के वे पाँच िनयम हy, जो मेरे िपताजी ने िलखे थे। मy उ`हv सोने से भी xयादा मूhयवान मानता `ँ,
जैसा मy आपको आगे क? कहानी मv बताऊँगा।”
वह एक बार ?फर अपने िपता क? ओर मुड़ा, ‘मyने आपको बता ?दया है ?क अपनी अनुभवहीनता के कारण
मy ग़रीबी और िनराशा क? गहराई मv प_ँच गया था।’
“बहरहाल, संकट? क? कोई ?ृंखला ऐसी नहm होती, जो कभी ख़\म न हो। मेरे संकट? का दौर भी
आिख़रकार तब ख़\म _आ, जब मुझे एक नौकरी िमल गई। मुझे शहर क? नई बाहरी दीवार पर काम करने वाले
ग़लामो का मैनेजर बना ?दया गया।”
“धन के पहले िनयम के Dान का लाभ उठाते _ए मyने अपनी पहली आमदनी मv से दसवाँ िहmसा यानी ताँबे
का एक िस?ा बचा िलया और मौक़ा िमलते ही इसमv िस?े जोड़ता रहा, जब तक ?क यह चाँदी के िस?े मv नहm
बदल गया। यह ब_त धीमा काम था, Mय??क इंसान को ?ज़ंदा रहने के िलए ख़चE करना पड़ता है। मyने ब_त
?कफ़ायत से ख़चE ?कया, Mय??क मy यह संकhप कर चुका था ?क दस साल बाद मy आपको उतना धन लौटा दूँगा,
िजतना आपने मुझे ?दया था।”
“गुलाम? के मािलक से मेरी िम?ता हो गई। एक ?दन उसने मुझसे कहा, ‘तुम एक ?कफ़ायती युवक हो, जो
अपनी कमाई को उड़ाते नहm हो। Mया तुeहारे पास ऐसा धन है, जो काम मv न आ रहा हो ?”
मyने जवाब ?दया, ‘हाँ, मेरी सबसे बड़ी इRछा यही है ?क मy उतना धन कमा लूँ, िजतना मेरे िपताजी ने मुझे
?दया था, परंतु िजसे मyने अपनी मूखEता से गँवा ?दया है।’
“यह ब_त अRछी मह\वाकांCा है! परंतु Mया तुम जानते हो ?क तुमने िजतना धन बचाया है, वह तुeहारे
िलए मेहनत करके और xयादा धन कमा सकता है ?”
“इस मामले मv मेरा अनुभव बुरा रहा है, Mय??क मेरे िपता का ?दया धन मुझसे दूर चला गया है और मुझे
डर है ?क कहm मेरी बचत का भी यही हाल न हो।” ”
उसने जवाब ?दया, ‘अगर तुeहv मुझ पर भरोसा हो, तो मy तुeहv धन के लाभकारी ?बंधन के बारे मv एक
सबक़ िसखाना चा`ँगा। एक साल मv शहर क? बाहरी दीवार पूरी बन जाएगी और ?वेश ?ार पर लगाने के िलए
काँसे के बड़े दरवाज़? क? ज़hरत होगी, ता?क शहर श?ु? से सुरिCत रहे। इन दरवाज़? को बनाने के िलए िननेवे
मv पयाE? धातु नहm है और राजा ने इस बारे मv सोचा ही नहm है। मेरी योजना है ?क हम लोग अपना धन इक?ा
करके ताँबे और ?टन क? खदान? तक कारवाँ भेजv, जो ब_त दूर हy। वहाँ से हम िननेवे के दरवाज़? के िलए धातु
मँगवाएँगे। जब राजा कहेगा, “बड़े दरवाज़े लगाओ,” तो िसफ़E हमारे पास ही उतनी धातु होगी, िजससे दरवाज़े
बन सकv। इसके बदले मv राजा हमv ऊँचे दाम देगा। और अगर हम यह मान भी लv ?क राजा हमसे धातु नहm
ख़रीदेगा, तो भी हमारे पास धातु तो रहेगी, िजसे हम ऊँचे दाम? पर बेच सकते हy।‘
नोमािज़र ने कहा, ‘उसके ?mताव मv मुझे तीसरे िनयम क? झलक ?दखाई दी। तीसरे िनयम के अनुसार
अपनी बचत का िनवेश समझदार लोग? के मागEदशEन मv करना चािहए। ऐसा करने के बाद मy िनराश नहm _आ।
हमारी योजना सफल _ई और उस सौदे क? सफलता के बाद मेरा छोटा सा धन-सं?ह िवशाल सं?ह बन गया।’
बाद मv इस समूह ने मुझे अ`य िनवेश? मv भी िहmसेदार बना िलया। वे लोग धन के लाभकारी ?बंधन मv
िनपुण थे। कोई भी काम करने से पहले वे ब_त सावधानी से योजना बनाते थे। वे इस बात का _यान रखते थे ?क
उनके मूल धन पर ज़रा भी आँच न आए। वे ऐसे िनवेश? मv भी हाथ नहm डालते थे, जहाँ से उनका धन वापस न
लौट सके। घुड़दौड़ या दुकान मv पाटEनरिशप जैसी मूखEतापूणE चीज़? पर, िजनमv मyने अपनी अनुभवहीनता के
कारण हाथ डाला था, वे िवचार भी नहm करते थे। अगर मyने उनके संपकE मv आने के बाद ये काम ?कए होते, तो
उ`ह?ने मुझे त\काल इनके ख़तरे बता ?दए होते।
इन लोग? के संपकE मv आने से मyने धन का सुरिCत और लाभकारी िनवेश करना सीख िलया। समय गुज़रने
के साथ मेरा ख़ज़ाना बढ़ा और तेज़ी से बढ़ा। मyने न िसफ़E अपना गँवाया _आ धन दुबारा कमा िलया, बिhक मyने
उससे ब_त xयादा कमाया।
“िपताजी, मेरे दुभाEOय?, परेशािनय? और सफलता? के ?ारा मyने बार-बार धन के पाँच िनयम? क?
बुि?मkा को परखा है और वे हर इeतहान मv खरे उतरे हy। िजस ?ि? को धन के इन पाँच िनयम? का Dान नहm

है, उसके पास धन वैसे तो आता ही नहm है और आता भी है, तो जhदी ही चला जाता है। परंतु जो इन पाँच
िनयम? का पालन करता है उसके पास धन आता है और उसके वफ़ादार सेवक क? तरह काम करता है। ”
नोमािज़र ने बोलना बंद कर ?दया और कमरे मv पीछे खड़े गुलाम को इशारा ?कया। गुलाम एक-एक करके
चमड़े के तीन भारी थैले लेकर आया। नोमािज़र ने उनमv से एक को उठाकर अपने िपता के सामने रखा और कहा :
“आपने मुझे सोने क? एक थैली दी थी, िजसमv बैिबलॉन का सोना था। उसके एवज मv मy आपको उतने ही
वज़न क? िननेवे के सोने क? थैली लौटा रहा `ँ। सब लोग यह बात मानvगे ?क यह िबलकुल बराबरी का सौदा है।”
“आपने मुझे बुि?मkा से भरा मृदाप? ?दया था। उसके एवज मv मy आपको सोने क? दो थैिलयाँ लौटा रहा
`ँ।” यह कहते _ए उसने गुलाम से बाक़? दोन? थैिलयाँ लm और उ`हv भी अपने िपता के सामने फ़शE पर रख ?दया।

“िपताजी, इस तरह मy आपके सामने यह सािबत कर रहा `ँ ?क मy आपक? बुि?मkा को आपके धन से
xयादा मूhयवान मानता `ँ। बहरहाल, बुि?मkा के मूhय को सोने क? थैिलय? मv नहm तौला जा सकता। बुि?मkा
न हो, तो धन अमीर आदमी से भी जhदी ही दूर चला जाता है। ले?कन बुि?मkा होने पर गरीब आदमी भी धन
हािसल कर सकता है, जैसा सोने क? मोहर? से भरी इन तीन थैिलय? से सािबत होता है।”
“िपताजी, मुझे आपके सामने खड़े होकर यह कहने मv ब_त संतोष हो रहा है ?क आपक? समझदारी के
कारण मy अमीर और सeमािनत बनने मv सफल _आ।”
िपता ने नोमािज़र के िसर पर अपना हाथ ?फराया और बोले, “तुमने अपने सबक़ अRछी तरह से सीख िलए
हy और मy ख़श?कmमत `ँ, जो मुझे इतना योOय पु? िमला है। अब मy तुeहv अपनी दौलत स?प सकता `ँ।”
कालाबाब ने अपनी कहानी ख़\म क? और ?ोता? को देखा।
उसने पूछा, “नोमािज़र क? कहानी से तुमने Mया सीखा ?”
“तुममv से कौन अपने िपता या ससुर के पास जाकर अपनी आमदनी के बुि?मkापूणE ?बंधन का िहसाब दे
सकता है?”
ये सeमािनत लोग Mया सोचvगे, अगर तुम यह कहोगे, ‘मyने काफ़? या?ा क? है, काफ़? कुछ सीखा है, काफ़?
मेहनत क? है और काफ़? कमाया है, परंतु मy xयादा धन बचा नहm पाया `ँ। कुछ धन मyने समझदारी से ख़चE ?कया,
कुछ मूखEता से और बाक़? मyने नासमझी मv गँवा ?दया।’
“Mया तुम अब भी सोचते हो ?क यह ?कmमत का खेल है ?क कुछ लोग? के पास ब_त दौलत होती है, जब?क
बा?क़य? के पास िबलकुल भी नहm होती है ? अगर तुम ऐसा सोचते हो, तो तुम ग़लत सोचते हो।”
“लोग? के पास दौलत तब आती है, जब वे धन के इन पाँच िनयम? को जानते हy और उनका पालन करते
है।”
“चूँ?क मyने ?कशोरावmथा मv ही ये पाँच िनयम सीख िलए थे और उनका पालन करने लगा था, इसिलए मy
संप? ?ापारी बन गया। मyने अपनी दौलत जादू से इक?ी नहm क? है।”
“जhदी आने वाली दौलत जhदी ही चली जाती है।”
“अपने मािलक को खुशी और संतुि? देने वाली mथायी दौलत धीरे-धीरे आती है, Mय??क यह Dान तथा
सतत संकhप क? संतान होती है।”
“दौलत कमाना िवचारशील ?ि? के िलए एक हhका बोझ होता है। इस बोझ को लगातार हर साल
उठाकर वह अपने अंितम उ?ेkय को हािसल कर लेता है।”
“मy तुम लोग? को पुरmकार मv सोने के पाँच िनयम देता `ँ, िजनका तुeहv पालन करना चािहए।”
“इन पाँच िनयम? मv से हर एक का गहरा अथE है। हो सकता है तुमने कहानी सुनते समय इनके गहरे अथE को
नज़रअंदाज़ कर ?दया हो, इसिलए अब मy सभी िनयम? को दोहराऊँगा। मुझे ये िनयम अRछी तरह याद हy,
Mय??क मyने अपनी जवानी मv उनका मह\व समझ िलया था और मy तब तक चैन से नहm बैठा, जब तक ?क वे मुझे
पूरी तरह से याद नहm हो गए।”
धन का पहला िनयम

धन उस आदमी के पास ख़शी-ख़शी आता है और बढ़ती मा?ा मv आता है, जो अपनी
आमदनी के कम से के भिवlय के िलए जायदाद बनाने मv करता है।
“जो आदमी अपनी आमदनी का दसवाँ िहmसा लगातार बचाता है और उसका समझदारी से िनवेश करता
है, वह जhदी ही अRछी-ख़ासी जायदाद बना लेगा, िजससे भिवlय मv उसे आमदनी होती रहेगी और जो उसक?
मृ\यु क? िmथित मv उसके प?रवार क? सुरCा क? गारंटी होगी। यह िनयम कहता है ?क धन हमेशा ऐसे आदमी के
पास ख़शी-ख़शी आता है। मy अपने जीवन मv इसका ?माण कई बार देख चुका `ँ। मy िजतना xयादा धन इक?ा
करता `ँ, यह मेरे पास उतनी ही xयादा मा?ा मv और xयादा तेज़ी से आता है। जो धन मy बचाता `ँ, वह और
xयादा कमाई करता है, िजस तरह तुeहारा भी करेगा। िनवेश से िमलने वाले cयाज का दुबारा िनवेश करने पर
तुम और xयादा कमाओगे। यही पहले िनयम का सार है।”
धन का दूसरा िनयम
धन उस समजझदार मािलक के िलए जमकर मेहनत करता है, जो इसके िलए
लाभकारी काम खोजता है। यह मवेिशय? क? तरह तेज़ी से बढ़ता है।
सचमुच धन एक इRछुक सेवक है। यह मौक़ा िमलते ही कई गुना होने के िलए हमेशा उ\सुक रहता है। जो
भी धन को बड़ी मा?ा मv इक?ा कर लेता है, उसे इसके सबसे xयादा लाभकारी ?योग का अवसर िमलता है।
समय गुज़रने के साथ धन आ?यEजनक तेज़ी से कई गुना हो जाता है
धन का तीसरा िनयम
धन उस सावधान मािलक के संरCण मv रहता है, जो इसका िनवेश िसफ़E समझदार
लोग? क? सलाह से करता है।
“धन सावधान मािलक के संरCण मv बढ़ता है और लापरवाह मािलक से दूर भागता है। जो ?ि? धन के
?बंधन मv समझदार लोग? क? सलाह लेता है, वह जhदी ही यह सीख लेता है ?क अपने धन को जोिखम मv डालने
के बजाय उसे सुरिCत रखने और लगातार बढ़ते देखने मv ही स?ा आनंद िमलता है।”
धन का चौथा िनयम
धन उस आदमी से दूर चला जाता है, जो इसका िनवेश उन ?वसाय? या उ?ेkय? के
िलए करता है, िजनसे से वह प?रिचत नही है या िजनक? अनुशंसा समझदार लोग नही
करते हy।
“िजस ?ि? के पास धन तो होता है, परंतु वह इसे सँभालना नहm जानता है, उसे ब_त से लाभकारी सौदे
नज़र आते हy। अMसर उनमv धन गँवाने का जोिखम होता है। समझदार ?ि?य? के अनुसार उनमv लाभ क? ब_त
कम संभावना होती है। परंतु धन का अनुभवहीन मािलक अपनी बुि? पर ज़hरत से xयादा भरोसा करता है और
वह अपने धन को ऐसे ?वसाय? तथा उ?ेkय? मv लगाता है, िजनके बारे मv वह कुछ नहm जानता। अMसर बाद मv
जाकर उसे पता चलता है ?क उसका िनणEय गलत था। इस तरह वह अपनी अनुभवहीनता के कारण अपना धन
गँवा देता है। सचमुच समझदार ?ि? वह है, जो अपनी बचत का िनवेश उन लोग? क? सलाह से करता है, जो
धन के ?बंधन मv िनपुण होते हy।”
धन का पाँचवाँ िनयम
धन उस आदमी से दूर चला जाता है, जो इसके मा_यम से असंभव आमदनी हािसल

करना चाहता है या जो चालबाज़ लोग? क? लुभावनी सलाह मानता है या जो इसे
अपनी अनुभवहीनता और hमानी इRछा? के अधीन िनवेश करता है।
“नए-नए धनवान बने ?ि? के सामने रोमांचक और कhपना क? हवाई उड़ान? वाली योजनाएँ हमेशा
आती हy। ऐसा नज़र आता है ?क जादुई शि? से उसका ख़ज़ाना बढ़ जाएगा और उसे असंभव आमदनी होने
लगेगी। बहरहाल, समझदार ?ि?य? क? बात? पर _यान दv, Mय??क वे फटाफट दौलत कमाने क? हर योजना के
पीछे िछपे जोिखम? को जानते है।”
“िननेवे के अमीर लोग? को न भूलv, जो अपने मूलधन को गँवाने का कोई जोिखम नहm लेना चाहते थे या इसे
अलाभकारी िनवेश? मv फँसाना चाहते थे।”
“यहाँ पर धन के पाँच िनयम? क? मेरी कहानी ख़\म होती है। इसमv मyने अपनी सफलता के रहmय भी बता
?दए हy।
“बहरहाल, ये रहmय नहm, बिhक स?ाइयाँ हy, जो हर इंसान को पहले सीखना ह?गी और ?फर इन पर अमल
करना होगा। तभी वह xयादातर लोग? के समूह से बाहर िनकल सकता है, जो आवारा कुk? क? तरह हर ?दन
अपने भोजन के बारे मv ही ?चंता करते हy।”
“कल हम बैिबलॉन मv ?वेश करvगे। देखो। बेल के मं?दर के ऊपर हमेशा जलने वाली Tयोित को देखो!
सुनहरा शहर हमारे सामने है। कल तुममv से हर एक के पास धन होगा, िजसे तुमने अपनी वफ़ादारी भरी सेवा से
कमाया है।”
“आज से दस साल बाद तुम इस धन के बारे मv Mया कहोगे?”
“अगर तुम नोमािज़र क? तरह अपने धन के एक िहmसे से जायदाद बनाना शुh करोगे और अरक़ाद क?
बुि?मkा से मागEदशEन लोगे, तो यह तय है ?क दस साल बाद अरक़ाद के पु? क? तरह ही तुम भी अमीर और
सeमािनत बन जाओगे।”
“हमारे समझदारी भरे काम हमv ?ज़ंदगी भर खुशी देते हy और हमारी मदद करते हy। इसी तरह हमारे
नासमझी भरे काम हमv ?ज़ंदगी भर दुख देते हy और सताते हy। हम उ`हv भुला नहm पाते हy। हमv जो चीजv सबसे
xयादा सताती हy, वे उन चीज़? क? यादv हy, जो हमv करना चािहए थm, उन अवसर? क? यादv हy, जो हमारे सामने
आए, परंतु हम उनका लाभ नहm उठा पाए।”
बैिबलॉन के ख़ज़ाने भरे _ए हy। इनमv इतनी बेशुमार दौलत है ?क कोई ?ि? सोने क? मोहर? मv उनक?
िगनती नहm कर सकता। साल ये ख़ज़ाने xयादा भर जाते हy। हर देश के ख़ज़ान? क? तरह इस मv भी पुरmकार उन
संकhपवान लोग? का इंतज़ार कर रहा है, जो अपना उिचत िहmसा लेने का संकhप कर चुके हy।”
“आपक? इRछाशि? मv ताक़त होती है। अगर तुम धन के पाँच िनयम? के Dान से इस शि? को राह
?दखाओगे, तो तुम भी बैिबलॉन के ख़ज़ाने मv िहmसेदार बन जाओगे। ”

सो
बैिबलॉन का सा`कार
ने क? पचास मोहरv! बैिबलॉन मv भाले बनाने वाले रोडन के चमड़े के पसE मv इससे पहले कभी इतनी मोहरv
नहm रही थm। वह राजमहल से िनकलकर राजमागE पर चलने लगा। उसके हर क़दम के साथ उसके बेhट मv
बँधे पसE मv मोहरv खनक रही थm – जो उसे दुिनया का सबसे मधुर संगीत लग रहा था।
सोने क? पचास मोहरv – सब क? सब उसक?! उसे अपनी ख़श?क़mमती पर यक़?न ही नहm हो रहा था। सोने
क? इन खनकती मोहर? मv ?कतनी शि? है! इनसे वह जो चाहे ख़रीद सकता है – बड़ा घर, ज़मीन, मवेशी, ऊँट,
घोड़े, रथ, जो भी वह चाहे।
वह इनका ?योग कैसे करेगा ? उस शाम को जब वह अपनी बहन के घर क? तरफ़ जाने वाली गली मv मुड़ा,
तो वह ?कसी और चीज़ के बारे मv नहm सोच पा रहा था। उसके मन मv िसफ़E यही rवािहश थी ?क वह सोने क?
उन चमकती, भारी मोहर? का mवामी बना रहे – हमेशा।
इसके कुछ ?दन? बाद क? बात है। शाम के समय परेशान रोडन मैथन क? दुकान के भीतर गया। मैथन
सा`कार था और लोग? को धन उधार देता था। वह हीरे–जवाहरात तथा दुलEभ व?? का ?ापारी भी था। रोडन
ने दाएँ–बाएँ कुछ नहm देखा, जहाँ रंगीन वmतुएँ ख़ूबसूरती से सजी थm। वह सीधा पीछे क? तरफ़ बने _ए घर क?
ओर गया। वहाँ पर उसे मैथन एक क़ालीन पर बैठा ?दखा। मैथन भोजन कर रहा था और एक अ?ेत गुलाम उसे
खाना परोस रहा था।
रोडन सीधे उसके सामने जाकर पैर फैलाकर खड़ा हो गया। उसक? चमड़े क? जैकेट के बीच से बाल? भरा
सीना ?दख रहा था। उसने कहा “मy आपसे एक चीज़ के बारे मv सलाह लेना चाहता `ँ। मy समझ नहm पा रहा `ँ ?क
इस मामले मv Mया कhं।”
मैथन के पतले और पीले चेहरे पर एक िम?ता भरी मुmकान आ गई, “तुमने कौन सी गलती कर दी है,
िजसक? वजह से तुeहv सा`कार के पास उधार लेने आना पड़ा है? Mया जुए क? टेबल पर तुeहv बद?क़mमित का
सामना करना पड़ा है? या ?फर ?कसी जवान ख़ूबसूरत मिहला ने तुeहv अपने जाल मv फँसा िलया है ? मy तुeहv कई
साल? से जानता `ँ, परंतु तुम मदद माँगने के िलए मेरे पास पहले कभी नहm आए।”
“नहm, नहm। वह बात नहm है, जो आप सोच रहे हy। मy आपसे धन उधार नहm लेना चाहता। इसके बजाय मy
आपक? समझदारी भरी सलाह लेना चाहता `ँ।”
“सुनो! सुनो! यह आदमी Mया कह रहा है ? सा`कार के पास सलाह लेने कौन आता है ? शायद मेरे कान
मुझे धोखा दे रहे हy।”
“नहm, वे सच सुन रहे हy।”
“Mया ऐसा हो सकता है ? भाले बनाने वाला रोडन बाक़? सब लोग? से xयादा चतुर है, Mय??क वह मैथन के
पास धन नहm, बिhक सलाह लेने आया है। ब_त से लोग मूखEतापूणE ख़चE के िलए मुझसे धन उधार लेने आते हy,
परंतु वे सलाह नहm चाहते हy। बहरहाल, सा`कार से xयादा अRछी सलाह और कौन दे सकता है, िजसके पास
लोग अपनी मुिkकल मv उधार लेने आते हy?”
“रोडन, आज तुम मेरे साथ खाना खाओगे। आज शाम को तुम मेरे मेहमान बनोगे। ए`डो!” उसने अपने
अ?ेत गुलाम को आदेश ?दया, “मेरे िम? रोडन के िलए एक क़ालीन िबछाओ। वह मुझसे सलाह लेने आया है।
वह मेरा सeमािनत अितिथ है। उसके सामने ब_त सा भोजन परोसो और मेरा सबसे बड़ा िगलास लेकर आओ।
सबसे अRछी शराब चुनना, ता?क रोडन को उसे पीने मv मज़ा आ जाए।
“अब मुझे बताओ, तुम ?कस मुिkकल मv हो।”
“मy स?ाट के उपहार क? वजह से मुिkकल मv `ं।”
“स?ाट के उपहार क? वजह से ? स?ाट ने तुeहv एक उपहार ?दया है और उसक? वजह से तुम मुिkकल मv हो
? ?कस तरह का उपहार ?”
“मyने शाही रCक? के भाल? पर नई नोक का नमूना पेश ?कया था, िजससे स?ाट ब_त ख़श _ए और उ`ह?ने
मुझे पुरmकार मv सोने क? पचास मोहरv दे दm। इससे मy ब_त दुिवधा मv `ँ।”

“?दन भर ऐसे लोग मुझे तंग करते हy, जो मुझसे यह दौलत हिथयाना चाहते हy।”
मैथन ने कहा, “यह mवाभािवक है। xयादातर लोग धन चाहते हy, जब?क यह ब_त कम लोग? के पास होता
है। xयादातर लोग उस दौलतमंद ?ि? को खोजते हy, िजसने आसानी से दौलत कमाई हो, ता?क वे उसका धन
हड़प सकv। परंतु तुम उनसे ‘नहm’ Mय? नहm कहते हो ? Mया तुeहारी इRछाशि? तुeहारी मु?ी िजतनी सश? नहm
है ?”
“xयादातर लोग? से मy ‘नहm’ कह देता `ँ, परंतु कई बार हाँ कहना xयादा आसान होता है। Mया कोई अपनी
ब_त ही aयारी बहन को दौलत देने से इंकार कर सकता है ?”
“िनि?त hप से तुeहारी बहन तुeहv इस पुरmकार के आनंद से वंिचत नहm करना चाहती होगी।”
“परंतु वह यह धन अपने पित अरमान के िलए चाहती है, िजसे वह एक अमीर ?ापारी के hप मv देखना
चाहती है। उसे लगता है ?क अरमान को कभी मौक़ा नहm िमला है। उसने मुझसे आ?ह ?कया है ?क मy उसके पित
को यह धन दे दूँ, ता?क वह एक समृ? ?ापारी बन जाए। वह यह भी कहती है ?क सफल होने के बाद उसका पित
मेरा सारा कज़E चुका देगा।”
मैथन ने कहा, “मेरे िम?, तुम िजस िवषय पर सलाह लेने आए हो वह ब_त ही ब?ढ़या िवषय है। धन अपने
साथ िज़eमेदारी भी लाता है। धन के mवामी क? िज़eमेदारी बढ़ जाती है। उसके सािथय? के साथ उसक? िmथित
बदल जाती है। धन के साथ यह डर भी आता है ?क कहm यह धन चला न जाए या कोई चालबाज़ी से उसे ले न
जाए। पैसे से नेक काम करने क? शि? और साम?य िमलती है। इसी तरह, धनवान आदमी के सामने ऐसे अवसर
भी आते हy, जब ब_त अRछे इराद? के बावज़ूद वह मुिkकल मv पड़ सकता है।”
“Mया तुमने कभी िननेवे के उस ?कसान के बारे मv सुना है, जो जानवर? क? भाषा समझ सकता था ? मुझे
लगता है तुमने नहm सुना होगा, Mय??क काँसा ढालने वाले क? वकEशॉप मv लोग इस तरह क? कहानी नहm सुनाते
हy। मy तुeहv यह कहानी सुनाऊँगा, ता?क तुम यह समझ जाओ ?क उधार लेना और देना िसफ़E एक ?ि? के हाथ से
पैसा िनकलकर दूसरे ?ि? के पास पैसा जाने तक ही सीिमत नहm है।”
वह ?कसान जानवर? क? बातv समझ लेता था। वह हर शाम को जानवर? क? बातv सुनने के िलए उनके दड़बे
के पास gक जाता था। एक शाम को उसने सुना ?क बैल ख?र से िशकायत कर रहा था ?क उसक? ?जंदगी मv क?
ही क? हy, ‘मy सुबह से शाम तक जुताई मv ही लगा रहता `ँ। चाहे ?कतनी ही गमn हो, चाहे मy ?कतना ही थका `ँ
या चाहे मेरी गदEन ?कतनी ही दुख रही हो, मुझे काम करना पड़ता है। दूसरी तरफ़, तुम हमेशा आराम करते रहते
हो। तुeहv रंगीन कंबल से सज़ाया जाता है, जब?क तुम मािलक को मनचाही जगह पर ले जाने के अलावा कुछ नहm
करते हो। जब मािलक को कहm नहm जाना होता है, तो तुम आराम करते हो और सारा ?दन हरी घास खाते रहते
हो।’
ख?र ब_त दयालु था। उसने बैल के साथ सहानुभूित ?दखाते _ए कहा, ‘मेरे ि?य िम?, तुम ब_त कड़ी
मेहनत करते हो और मy तुeहारे क? दूर करने मv मदद कhँगा। मy तुeहv बताता `ँ ?क तुम कैसे आराम कर सकते हो।
सुबह जब नौकर तुeहv जोतने आए, तो तुम ज़मीन पर िगर जाना और ददE से कराहने लगना, ता?क वह मािलक से
जाकर कहे ?क तुम बीमार हो और काम नहm कर सकते।’
बैल ने ख?र क? सलाह मान ली। अगली सुबह नौकर ने ?कसान से जाकर कहा ?क बैल बीमार है और वह
जुताई का काम नहm कर सकता।
?कसान ने कहा, “जुताई का काम तो होना ही है, इसिलए तुम बैल क? जगह पर ख?र को बाँध दो।”
“ख?र क? इRछा िसफ़E अपने िम? क? मदद करने क? थी, परंतु इसका प?रणाम यह _आ ?क पूरे ?दन उसे
बैल के िहmसे का काम करना पड़ा। रात होने पर जब वह दड़बे मv वापस आया, तो उसके ?दल मv कड़वाहट भरी
थी, उसके पैर थके थे और उसक? गदEन दुख रही थी।”
“?कसान उनक? बातv सुनने के िलए वहm ठहर गया।”
बैल ने कहा, ‘तुम मेरे अRछे िम? हो। तुeहारी समझदारी भरी सलाह के कारण मुझे ?दन भर पूरा आराम
िमला।’
“ख?र ने जवाब ?दया, ‘और मy मूखE `ँ, Mय??क मy तो िसफ़E िम? क? मदद करना चाहता था, परंतु बदले मv
मुझे ही उसके िहmसे का पूरा काम करना पड़ा। आज के बाद तुम अपना काम खुद करना, Mय??क मyने मािलक को
सेवक से यह कहते सुना था ?क अगर तुम दुबारा बीमार _ए, तो वह तुeहv क़साई के पास िभजवा देगा। यह ठीक

भी रहेगा, Mय??क तुम ब_त आलसी हो।’ इसके बाद उ`ह?ने एक–दूसरे से कभी बातचीत नहm क? – उनक? दोmती
ख़\म हो गई। इस कहानी से तुeहv Mया िशCा िमलती है, रोडन ?”
रोडन ने कहा, “कहानी अRछी थी, परंतु मुझे इसमv िशCा या सबक़ जैसी कोई चीज़ नहm ?दखी।”
“मुझे लगा भी नहm था ?क तुeहv ?दखेगी। परंतु सबक़ है और ब_त आसान है। अगर तुम अपने िम? क? मदद
करना चाहते हो, तो इस तरह से करो, ता?क तुeहारे िम? का बोझ तुeहारे ऊपर न आ जाए।”
“मyने इस बारे मv तो सोचा ही नहm था। यह ब_त समझदारी भरा सबक़ है। मy अपनी बहन के पित का बोझ
अपने ऊपर नहm लेना चाहता `ँ। परंतु मुझे एक बात बताएँ। आप ब_त से लोग? को उधार देते हy। Mया उधार लेने
वाले हमेशा उधार चुका देते हy ?”
मैथन ब_त अनुभवी आदमी क? तरह मुmकराया। ?फर उसने कहा, “अगर कज़Eदार कज़E चुका नहm सकता,
तो Mया सा`कार उसे कज़E देगा ? सा`कार को सावधानी और समझदारी से यह तय करना होता है ?क उसका
धन उधार लेने वाले के काम आएगा तथा उसका पैसा दुबारा लौट आएगा। अगर उसका धन मूखEतापूणE काम मv
लगेगा, तो उसका मूलधन भी डूब जाएगा, Mय??क कज़E लेने वाला कज़E नहm चुका पाएगा ? मy तुeहv अपनी संदूक
मv रखी िनशािनयाँ बताता `ँ। हर िनशानी मv एक कहानी छुपी _ई है।”
वह कमरे मv एक बड़ा संदूक लेकर आया, िजस पर सुअर क? लाल खाल चढ़ी थी और उस पर काँसे क?
आकृित बनी थी। संदूक को फ़शE पर रखकर वह उसके सामने बैठ गया। ?फर वह अपने दोन? हाथ? से उसे खोलने
लगा।
“मy िजसे भी उधार देता `ँ, उससे अपनी इस संदूक के िलए कोई न कोई िनशानी ज़hर ले लेता `ँ। वह
िनशानी तब तक यहाँ रहती है, जब तक ?क पूरा कज़E नहm उतर जाता। जब कज़Eदार पूरा कज़E चुका देता है, तो मy
उसे वह िनशानी लौटा देता `ँ। बहरहाल, अगर वह कज़E नहm चुका पाता है, तो वह िनशानी मुझे हमेशा यह याद
?दलाती रहती है ?क अमुक ?ि? मेरे िव?ास पर खरा नहm उतरा।”
“िनशानी वाला संदूक मुझे बताता है ?क सबसे सुरिCत कज़Eदार वे होते हy, िजनके पास कज़E क? रक़म से
xयादा संपिk होती है। उनके पास ज़मीन, हीरे–जवाहरात, ऊँट या अ`य चीजv होती हy, िज`हv बेचकर कज़E
चुकाया जा सकता है। मुझे िनशानी के hप मv कई ऐसे र? ?दए जाते हy, िजनका मूhय कज़E से xयादा होता है।
बा?क़य? मv इस तरह के वादे होते हy ?क अगर कज़E न चुकाया गया, तो वे अपनी जायदाद का एक िनि?त िहmसा
मेरे नाम कर दvगे। इस तरह के कज़E देते समय मुझे िव?ास होता है ?क मेरा धन सूद समेत वापस लौट आएगा,
Mय??क कज़E जायदाद के आधार पर ?दया गया है।”
“दूसरी ?ेणी मv ऐसे लोग आते हy, िजनमv कमाने क? Cमता होती है। वे तुeहारी तरह के लोग होते हy, जो
मेहनत या सेवा करते हy और उ`हv बदले मv वेतन या पा?र?िमक िमलता है। उनके पास आमदनी का िनयिमत
साधन होता है। अगर वे ईमानदार ह? और उन पर कोई िवपिk न आए, तो वे कज़E और सूद दोन? को चुका सकते
हy। इस तरह के कज़E इंसान क? मेहनत पर आधा?रत होते हy।”
“बाक़? लोग ऐसे होते हy, िजनके पास न तो जायदाद होती है, न ही कमाने क? िव?सनीय Cमता होती है।
िज़दगी मुिkकल है और कुछ लोग ?ज़ंदगी के साथ तालमेल नहm िबठा पाते हy। इन लोग? को मy जो कज़E देता `ँ,
भले ही वह एक gपए का भी Mय? न हो, मेरा िनशानी वाला संदूक आगे आने वाले साल? मv मुझे िचढ़ाता रहेगा,
जब तक ?क कज़E लेने वाले के साथ उसके अRछे िम?? क? गारंटी न हो, जो उसे िव?सनीय मानते ह?।”
मैथन ने संदूक खोला। रोडन उ\सुकता से आगे झुका।
संदूक मv सबसे ऊपर लाल कपड़े पर काँसे का नेक–पीस पड़ा था। मैथन ने उसे उठाकर aयार से थपथपाया,
“यह मेरे संदूक मv हमेशा रहेगा, Mय??क इसका मािलक अब इस दुिनया से जा चुका है। मy इस िनशानी को
सँभालकर रखता `ँ और मy उसक? याद? को भी सँजोकर रखता `ँ, Mय??क वह मेरा अRछा िम? था। हमने साथ–
साथ सफलतापूवEक ?ापार ?कया या, जब तक ?क वह पूवाn देश क? एक मिहला को cयाह कर नहm ले आया। वह
सुंदर थी, परंतु हमारी मिहला? जैसी नहm थी। वह औरत नहm, िबजली थी! मेरे िम? ने अपनी प?ी क? इRछा?
को संतु? करने के िलए पानी क? तरह पैसा बहाया। जब उसका धन ख़\म हो गया, तो वह क? मv मेरे पास आया।
मyने उसे सलाह दी। मyने उससे कहा ?क मy उसे एक बार ?फर हालात ठीक करने का मौक़ा दूँगा। उसने नए िसरे से
शुh करने क? क़सम खाई। ले?कन ऐसा हो नहm पाया। एक ?दन आपसी झगड़े मv उसक? प?ी ने उसके सीने मv
चाकू घुसा ?दया, Mय??क उसके पित ने उसे ऐसा करने क? चुनौती दी थी।”

“और वह मिहला ?” रोडन ने सवाल ?कया।
“हाँ, ज़ािहर है, यह उसी का है।” मैथन ने लाल व? उठाते _ए कहा, “पछतावे मv वह नदी मv कूद गई। ये दो
कज़E कभी नहm चुकाए जाएँगे। रोडन, यह संदूक बताता है ?क जो लोग ब_त भावुक होते हy या भावना\मक
तूफ़ान? मv िघरे रहते हy, वे सा`कार के िलए सुरिCत नहm होते हy।
“यह! यह अलग चीज़ है।” उसने बैल क? ह?ी से बनी अँगूठी को उठाते _ए कहा। “यह एक ?कसान क? है।
मy उसक? मिहला? से ग़लीचे ख़रीदता `ँ। उस ?कसान के खेत पर ?ट?ी दल ने धावा बोल ?दया। उसके घर मv
फाके पड़ने क? नौबत आ गई। ऐसे समय मv मyने उसक? मदद क?। नई फसल आने पर उसने त\काल अपना कज़E
चुका ?दया। इसके बाद एक ?दन वह मेरे पास आया और उसने एक दूर देश क? बक?रय? के बारे मv बताया,
िजनका वणEन उसने एक या?ी से सुना था। उन बक?रय? के लंबे बाल इतने सुंदर और नमE थे ?क वह उनसे इतने
बेहतरीन गलीचे बना सकता था, जैसे आज तक बैिबलॉन मv देखे नहm गए। वह ऐसी बक?रय? का रेवड़ चाहता
था, परंतु उ`हv ख़रीदने के िलए उसके पास धन नहm था। इसिलए मyने उसे या?ा करने और बक?रयाँ लाने के िलए
धन उधार ?दया। अब उसने रेवड़ ख़रीद िलया है और अगले साल मy बैिबलॉन के अमीर? को हैरान कर दूँगा,
Mय??क मy उ`हv ब_त शानदार और महँगे ग़लीचे बेचूँगा। जhदी ही मुझे उसक? अँगूठी लौटाना होगी। वह त\काल
कज़E चुकाने पर ज़ोर दे रहा है।”
रोडन ने पूछा, “कुछ उधार लेने वाले समय से पहले भी कज़E चुका देते हy ?”
“अगर वे ?कसी ऐसे उ?ेkय के िलए कज़E लेते हy, िजससे उ`हv पैसा िमल जाता है, तो वे ऐसा करते हy। परंतु
अगर वे अपनी नासमिझय? के िलए उधार लेते हy, तो मy तुeहv यह चेतावनी देता `ँ ?क तुeहारा धन तुeहारे हाथ मv
दोबारा लौटकर नहm आएगा।”
रोडन ने दुलEभ कारीगरी वाले र?? से जड़े सोने के भारी कंगन को उठाते _ए पूछा, “मुझे इसके बारे मv
बताएँ।”
मैथन ने हँसते _ए कहा, “मेरे अRछे िम? को मिहलाएँ कुछ xयादा ही पसंद हy।”
रोडन ने कहा, “आिखर मy आपसे अिधक युवा `ँ।”
“मy मानता `ँ, परंतु इस बार तुम ख़ामrवाह रोमांस का शक कर रहे हो। इस कंगन क? माल?कन मोटी और
बूढ़ी है। वह ब_त xयादा बोलती है, परंतु उसक? बातv इतनी अथEहीन होती हy ?क वह मुझे पागल कर देती है।
कभी उन लोग? के पास ब_त पैसा था और वे अRछे ?ाहक थे, परंतु ?फर वे बद?क़mमती के िशकार हो गए। उस
मिहला का एक बेटा है, िजसे वह ?ापारी बनाना चाहती है। इसिलए वह मेरे पास आई और मुझसे धन उधार
िलया, ता?क उसका पु? एक कारवाँ के मािलक का िहmसेदार बन सके, जो या?ा करते समय एक शहर से ऊँट
ख़रीदता है और दूसरे शहर मv बेच देता है।”
“कारवाँ का मािलक बदमाश िनकला, Mय??क उसने बेचारे लड़के को दूर के एक शहर मv िबना धन और
िबना िम?? के छोड़ ?दया। वह उस युवक को सोता _आ छोड़ गया। युवक कुछ साल बाद शायद इस कज़E को चुका
सकता है। तब तक मुझे अपना cयाज नहm िमलेगा, िसफ़E हवाई बातv ही सुनने को िमलती रहvगी। वैसे असली बात
यह है ?क यह कगन कज़E क? रक़म से xयादा क़?मती है।”
“Mया इस मिहला ने आपसे कज़E क? समझदारी के बारे मv सलाह माँगी थी ?”
“मामला िबhकुल ही उhटा था। उसने कhपना मv अपने पु? को बैिबलॉन का दौलतमंद और सश? आदमी
मान िलया था। इसका िवरोध करने का मतलब उसे गुmसा ?दलाना था। उसने मुझे अRछी तरह फटकारा। मy
जानता था ?क इस अनुभवहीन युवक को धन देने मv जोिख़म है, परंतु चूँ?क उसने यह कंगन िगरवी रखा था,
इसिलए मy उसे कज़E देने से इंकार नहm कर सकता था।”
मैथन ने रmसी क? गाँठ? को ?दखाते _ए आगे कहा, “यह ऊँट? के ?ापारी नेबाटूर क? है। जब वह कोई बड़ा
रेवड़ ख़रीदता है और उसे इसके िलए पैस? क? ज़hरत होती है, तो वह मुझे यह रmसी दे जाता है और मy उसे
ज़hरत के मुतािबक़ उधार दे देता `ँ। वह एक समझदार ?ापारी है। मुझे उसके सही िनणEय लेने क? Cमता पर
भरोसा है और मy उसे उदारता से उधार दे सकता `ँ। बैिबलॉन के कई अ`य ?ापा?रय? पर भी मुझे भरोसा है,
Mय??क उनका ?वहार िव?सनीय है। उनक? िनशािनयाँ मेरे संदूक मv आती–जाती रहती हy। अRछे ?ापारी
हमारे शहर क? शान हy। ?ापार मv उनक? सहायता करने से मुझे तो लाभ होता ही है, बैिबलॉन भी समृ? होता
है।”

मैथन ने फ़?रोज़े मv उभरी _ई बीटल क? आकृित को उठाया और उसे िहक़ारत से फशE पर फvक ?दया। “िम?
का क?ड़ा। यह िजस लड़के का है, उसे मेरा पैसा लौटाने क? ज़रा भी परवाह नहm है। जब मy उसे याद ?दलाता `ँ,
तो वह जवाब देता है, ‘मy आपका कज़E कैसे चुका सकता `ँ, जब?क बद?क़mमती मेरे पीछे हाथ धोकर पड़ी है ?
आपके पास ब_त पैसा है।’ मy Mया कर सकता `ँ ? यह िनशानी उसके िपता क? है। उनक? आमदनी सीिमत थी,
परंतु उ`ह?ने अपने पु? के ?ापार के िलए अपनी ज़मीन और मवेशी िगरवी रख ?दए। युवक को पहले तो
सफलता िमली परंतु बाद मv वह ढेर सारी दौलत हािसल करने के च?र मv अित उ\साही बन गया। उसमv अनुभव
क? कमी थी, इसिलए उसका धंधा चौपट हो गया।”
“युवक मह\वाकांCी होते हy। वे दौलत तथा अ`य मनचाही वmतु? के िलए शॉटEकट अपनाते हy। फटाफट
दौलत हािसल करने के िलए युवक अMसर नासमझी भरे कज़E ले लेते हy। उनके पास अनुभव नहm होता, इसिलए
उ`हv यह एहसास ही नहm होता है ?क िनराशाजनक कज़E एक गहरा ग?ा है, िजसमv कोई भी आसानी से उतर तो
सकता है, परंतु उसमv से िनकलना आसान नहm है। कज़E से उबरने के िलए लंबा संघषE करना पड़ सकता है। यह
दुख और प?ाताप क? खाई है, जहाँ सूरज क? रोशनी मि?म हो जाती है और रात? क? नmद उड़ जाती है।
बहरहाल, मy यह नहm कहता `ँ ?क उधार लेना ही नहm चािहए। मy कज़E लेने को हतो\सािहत नहm, बिhक
?ो\सािहत करता `ँ। अगर कज़E समझदारीपूणE उ?ेkय के िलए िलया जा रहा है, तो मy कज़E लेने क? सलाह देता `ँ।
मुझे भी ?ापारी के hप मv अपनी पहली सफलता कज़E लेने के बाद िमली थी।”
“बहरहाल, ऐसे मामले मv कज़E देने वाला Mया कर सकता है? यह युवक िनराश हो चुका है और उसक?
आमदनी शू`य है। वह हताश हो चुका है। वह कज़E चुकाने क? कोई कोिशश नहm कर रहा है। मेरा ?दल नहm
चाहता ?क मy उसके िपता क? ज़मीन और मवेशी छीन लूं।”
रोडन ने कहा, “आपने मुझे ब_त कुछ बताया है और आपक? बातv मुझे ब_त ?दलचmप लगी हy। ले?कन मुझे
अब भी मेरे सवाल का जवाब नहm िमला है। Mया मुझे अपनी बहन के पित को अपनी पचास सोने क? मोहरv
उधार देना चािहए ? ये मोहरv मेरे िलए ब_त मह\वपूणE हy।”
“तुeहारी बहन ब_त ब?ढ़या मिहला है, िजसका मy काफ़? सeमान करता `ँ। अगर उसका पित मेरे पास आए
और मुझसे सोने क? पचास मोहरv उधार माँगे, तो मुझे उससे यह पूछना होगा ?क वह इनका Mया करेगा।”
“अगर वह जवाब देता है ?क वह मेरी ही तरह ?ापारी बनना चाहता है और हीरे हीरे–जवाहरात तथा
दुलEभ सजावटी सामान का कारोबार करना चाहता है, तो मy उससे यह पूछूँगा, ‘तुeहv इस ?वसाय का ?कतना
Dान है ? Mया तुम जानते हो ?क सबसे कम क़?मत पर यह सामान कहाँ ख़रीदा जा सकता है ? Mया तुम जानते हो
?क अRछी क़?मत पर यह सामान कहाँ बेचा जा सकता है ?’ Mया वह इन सवाल? का जवाब ‘हाँ’ मv दे सकता है?”
“नहm, वह नहm दे सकता,” रोडन ने mवीकार ?कया। “हालाँ?क उसने भाले बनाने मv मेरी काफ़? मदद क? है
और कई दुकान? मv भी मदद क? है।”
“?फर मy उससे क`ँगा ?क उसका उ?ेkय समझदारीपूणE नहm है। ?ापा?रय? को ?ापार करना आना
चािहए। हालाँ?क उसक? मह\वाकांCा उिचत है, परंतु यह ?ावहा?रक नहm है, इसिलए मy उसे धन उधार नहm
दूँगा”
परंतु मान लv, वह यह कहे, ‘हाँ, मyने ?ापा?रय? क? काफ़? मदद क? है। मy जानता `ँ ?क mमनाE तक क? या?ा
कैसे क? जाती है और वहाँ जाकर गृिहिणय? के हाथ से बुने ग़लीच? को कम क़?मत पर कैसे ख़रीदा जा सकता है।
मy बैिबलॉन के कई अमीर लोग? को भी जानता `ँ, िज`हv मy भारी मुनाफ़े पर ये ग़लीचे बेच सकता `ँ।’ इस पर मy
उससे क`ँगा, ‘आपका उ?ेkय समझदारीपूणE है और आपक? मह\वाकांCा सeमानजनक है। मy आपको ख़शी–ख़शी
सोने क? पचास मोहरv दे दूँगा, परंतु बदले मv मुझे कोई ऐसी चीज़ चािहए, जो इन मोहर? के लौटने क? गारंटी दे
सके।’ ले?कन अगर वह कहे, ‘मेरे पास िगरवी रखने के िलए कोई चीज़ नहm है। मy एक सeमािनत ?ि? `ँ और मy
आपको कज़E के बदले मv अRछा सूद दूँगा ।’ तो मेरा जवाब यह होगा, ‘मy सोने क? हर मोहर का rयाल रखता `ँ
अगर mमन क? या?ा मv जाते समय डाकू आपसे सोने क? मोहरv छीन लv या लौटते समय अगर वे आपसे ग़लीचे
छीन लv, तो आप मेरा कज़E नहm चुका पाएँगे और मेरा सारा पैसा डूब जाएगा।’
रोडन, धन से सा`कार का ?ापार चलता है। इसे उधार देना आसान है। अगर इसे नासमझी से उधार ?दया
जाता है, तो इसका वापस लौटना मुिkकल होता है। समझदार सा`कार उधार देते समय जोिख़म नहm लेता है।
वह सुरिCत भुगतान क? गारंटी चाहता है।
उसने आगे कहा, “मुिkकल मv फँसे लोग? क? मदद करना अRछी बात है। दुभाEOय के िशकार लोग? क? मदद

करना अRछी बात है। उन लोग? क? मदद करना भी अRछी बात है, जो अपना ?वसाय शुh कर रहे हy, ता?क वे
?गित कर सकv और सeमािनत नाग?रक बन सकv। परंतु मदद समझदारीपूणE तरीके से क? जाना चािहए, वरना
मदद करते समय ?कसान के ख?र क? तरह हम भी दूसर? का बोझ अपने ऊपर लाद लvगे।”
“एक बार ?फर मy तुeहारे मूल सवाल से दूर भटक गया `ँ रोडन, परंतु मेरा जवाब सुन लो : ‘ अपनी सोने
क? पचास मोहरv अपने ही पास रखो। जो तुमने अपनी मेहनत से कमाया है और जो तुeहv पुरmकार मv िमला है, वह
तुeहारा है और कोई ?ि? इस पर तब तक हक़ नहm जमा सकता, जब तक ?क तुम ऐसा न चाहो। अगर तुम इसे
उधार देते हो, ता?क यह तुeहारे िलए सूद कमा सके, तो इस काम मv सतकE रहना और कई जगह? पर इसका
िनवेश करना। मुझे पसE मv पड़ा रहने वाला आलसी सोना पसंद नहm है। बहरहाल, मुझे जोिखम तो उससे भी
xयादा नापसंद है।”
“तुeहv भाले बनाने का काम करते _ए ?कतने साल हो गए हy?”
“पूरे तीन साल ।”
“राजा के उपहार के अलावा तुमने ?कतना बचा िलया है ?”
“सोने क? तीन मोहरv ”
“हर साल तुमने मेहनत क?, हर साल तुमने सोने क? एक मोहर को बचाने के िलए अपनी इRछा? पर क़ाबू
रखा और अRछी–अRछी चीज़े ख़रीदने के बजाय बचत क? ?”
“िबhकुल सही बात है।”
“इस तरह तुम खुद क? इRछा? पर क़ाबू रखकर पचास साल मv सोने क? पचास मोहरv बचा सकते हो ?”
“इस काम मv ?जंदगी भर क? मेहनत लगेगी।”
“ज़रा सोचो ?क Mया तुeहारी बहन तुeहारी पचास साल क? मेहनत क? बचत को जोिखम मv डालना
चाहेगी, िसफ़E इसिलए Mय??क उसका पित ?ापारी बनने का ?योग करना चाहता है ?”
“अगर मy आपके शcद? मv बोलूँ, तो वह ऐसा कभी नहm चाहेगी।”
“तो उससे जाकर कह दो, ‘तीन साल तक मyने हर ?दन सुबह से रात तक मेहनत करके और अपनी इRछा?
पर क़ाबू रखकर बचत क? है। साल भर क? मेहनत और ?कफ़ायत के बाद मy सोने क? एक मोहर बचा पाया `ँ। तुम
मेरी ि?य बहन हो और मy चाहता `ँ ?क तुeहारा पित ?कसी ऐसे ?वसाय मv लग जाए, िजसमv वह ब_त अमीर
बन सके। अगर वह मेरे सामने कोई ऐसी योजना रखता है, जो मेरे िम? मैथन को समझदारीपूणE और संभव
लगती है, तो मy ख़शी–ख़शी उसे अपनी एक साल क? बचत उधार दे दूँगा, ता?क उसे यह सािबत करने का अवसर
िमले ?क वह सफल हो सकता है।’ अगर उसके पित के मन मv सफल होने क? ?बल इRछा है, तो वह सफल हो
सकता है। अगर वह असफल भी हो जाता है, तो भी उस पर इतना xयादा कज़E नहm होगा, िजसे वह कभी न चुका
पाए।”
“मy धन इसिलए उधार देता `ँ, Mय??क मy अपने ?ापार मv िजतने धन का ?योग कर सकता `ँ, मेरे पास
उससे xयादा धन है। मy चाहता `ँ ?क मेरा अित?र? धन दूसर? के िलए मेहनत करे और उससे xयादा पैसा
कमाया जा सके। मy धन गँवाने का जोिखम नहm लेना चाहता `ँ Mय??क मyने इसे हािसल करने के िलए काफ़?
मेहनत क? है और ब_त सी इRछा? का \याग ?कया है। इसिलए मy इसे वहाँ उधार नहm दूँगा, जहाँ मुझे यह
िव?ास न हो ?क यह सुरिCत रहेगा और मेरे पास वापस आएगा। मy इसे वहाँ भी उधार नहm दूँगा, जहाँ मुझे यह
िव?ास न हो ?क इसका cयाज मुझे समय पर ?दया जाएगा।”
“रोडन, मyने तुeहv अपनी िनशानी वाली संदूक के कुछ रहmय बताए हy। उनसे तुम इंसान? क? कमज़ो?रयाँ को
समझ सकते हो और यह भी ?क कज़E चुकाने के साधन न होने के बावज़ूद लोग कज़E लेने के िलए ?कतने उ\सुक
रहते हy। लोग यह सोचते हy ?क अगर उनके पास ?वसाय शुh करने के िलए पैसा आ जाए, तो दौलत उनके घर
मv बरसने लगेगी। परंतु इस तरह क? आशा झूठी होती है, Mय??क उनके पास सफल होने क? योOयता या ?िशCण
नहm होता है।”
“रोडन, तुeहारे पास अभी धन है। उससे तुeहv cयाज हािसल करना चािहए। तुम भी मेरी ही तरह धन उधार
दे सकते हो। अगर तुम अपने ख़ज़ाने को सुरिCत रखोगे, तो यह तुeहv ब_त सा धन कमाकर देगा। यह तुeहारे िलए
?ज़ंदगी भर सुख और लाभ का ?ोत होगा। परंतु अगर तुम इसे गँवा देते हो, तो यह ?ज़ंदगी भर सतत दुख और
प?ाताप का ?ोत रहेगा।”

“अपने पसE मv रखे इस धन के बारे मv तुeहारी सबसे xयादा इRछा Mया है ?”
“इसे सुरिCत रखना। ”
मैथन ने ?शंसा के अंदाज़ मv कहा, “ब_त समझदारी का जवाब ?दया। तुeहारी पहली इRछा सुरCा क? है।
Mया तुम यह सोचते हो ?क तुeहारी बहन के पित के पास प_ँचने पर यह धन सचमुच संभािवत नुक़सान से
सुरिCत रहेगा ?”
“मुझे डर है ?क यह सुरिCत नहm रहेगा। उसमv धन को सुरिCत रखने क? समझदारी नहm है।”
“ऐसे ?ि? पर धन के मामले मv िव?ास Mय? करते हो ? ?रkते–नात? क? मूखEतापूणE भावना? से िवचिलत
होना ठीक बात नहm है। अगर तुम अपने प?रवार या िम?? क? मदद करना चाहते हो, तो धन गँवाने का जोिख़म
लेने के अलावा दूसरे तरीके खोजो। यह मत भूलो ?क जो लोग धन क? सुरCा करने के मामले मv कुशल नहm होते
हy, धन उनके पास से अ?\यािशत तरीक़? से चला जाता है। दूसर? को देकर धन गँवाने से तो अRछा है ?क तुम खुद
ही ख़चE करके इसे उड़ा डालो।”
“सुरCा के बाद इस धन के बारे मv तुeहारी Mया इRछा है ?”
“यही ?क इससे xयादा धन आए।”
“एक बार ?फर तुमने समझदारी भरा जवाब ?दया है। इसे अित?र? धन कमाने के काम मv लगाया जाना
चािहए, तभी यह बढ़ेगा। समझदारी से उधार ?दया गया धन इंसान के बूढ़े होने से पहले दोगुना हो सकता है।
अगर तुम मूलधन गँवाने का जोिख़म लेते हो, तो तुम उसके cयाज को भी गँवाने का जोिखम लेते हो, जो यह कमा
सकता है।”
“इसिलए अ?ावहा?रक लोग? क? काhपिनक योजना? से मत डगमगाओ, जो सोचते हy ?क उ`हv आपके
धन से ब_त बड़ी रक़म कमाने के तरीके मालूम हy। इस तरह क? योजनाएँ हवाई सपने देखने वाले लोग बनाते हy,
िज`हv ?वसाय के सुरिCत और िव?सनीय िनयम? का Dान नहm होता है। अपने धन पर तुम ?कतने ?ितशत
cयाज चाहते हो, इस बारे मv तुम ज़मीन पर ही रहना, ता?क तुeहारा मूलधन सुरिCत रह सके और तुम उसका
आनंद ले सको। ब_त xयादा लाभ कमाने के लालच मv आकर उधार देना नुक़सान को आमंि?त करना है।”
“खुद को ऐसे लोग? और योजना? से जोड़ो, िजनक? सफलता ?मािणत हो चुक? है, ता?क तुeहारा मूलधन
उनके कुशल ?योग से अRछी कमाई करे और उनक? समझदारी तथा अनुभव ?ारा सुरिCत रहे।”
“इस तरह तुम उन दुभाEOय? से बच सकते हो, जो अिधकांश इंसान? पर उस समय आते हy, जब ई?र उ`हv
धन ?दान करता है ।”
जब रोडन ने मैथन क? समझदारी भरी सलाह के िलए उसे ध`यवाद ?दया, तो मैथन ने कहा, “स?ाट का
तोहफ़ा तुeहारा काफ़? Dान बढ़ाएगा। अगर तुम सोने क? पचास मोहर? को सुरिCत रखना चाहते हो, तो तुeहv
ब_त समझदारी से काम लेना होगा। तुeहारे सामने कई ?लोभन आएँगे। तुeहv ब_तेरी सलाहv दी जाएँगी। तुeहv
अिव?सनीय लाभ देने वाले असंNय अवसर? क? योजनाएँ बताई जाएँगी। िनशािनय? वाले संदूक क? कहािनय?
से तुeहv सचेत हो जाना चािहए। जब तुम अपने पसE से सोने क? मोहरv िनकालकर ?कसी को उधार दो, तो पहले
यह सुिनि?त कर लेना ?क वे सुरिCत hप से तुeहारे पास लौट आएँगी। अगर तुeहv आगे कभी मेरी सलाह क?
ज़hरत पड़े, तो िबhकुल मत िहच?कचाना। सलाह देने मv मुझे खुशी होती है।”
जाने से पहले उस वाMय को पढ़ते जाओ, जो मyने अपने िनशािनय? वाले संदूक के नीचे िलख रखा है। यह
कज़Eदार और सा`कार दोन? पर लागू होता है :
बड़े प?ाताप के बजाय थोड़ी सी
सावधानी बेहतर है।

बां
बैिबलाॅन क? दीवारv
ज़र नामक वृ? सैिनक बैिबलॉन क? दीवार? तक ऊपर जाने ?ा वाली सी?ढ़य? पर पहरा दे रहा था। ऊपर
बहादुर रCक दीवार? क? रCा करने के िलए यु? कर रहे थे। उन पर इस महान शहर और इसमv रहने वाले
लाख? नाग?रक? का भिवlय िनभEर था।
दीवार? के पार से हमलावर सेना का शोर सुनाई दे रहा था। ब_त से लोग? के चीख़ने क? आवाज़v आ रही
थm, हज़ार? घोड़? क? टापv सुनाई दे रही थm और मेढ़? क? कानफोडू आवाज़v आ रही थm, जो अपने िसर से काँसे के
?ार पर ?हार कर रहे थे।
नगर के ?ार के पीछे वाली सड़क पर सैिनक भाले लेकर तैयार थे। ?ार टूटने क? िmथित मv वे दुkमन से
मुक़ाबला करने के िलए तैयार खड़े थे। परंतु इस काम के िलए तैयार सैिनक? क? संNया आवkयकता से ब_त कम
थी। बैिबलॉन क? xयादातर सेना स?ाट के साथ इलेमाइWस के िख़लाफ़ पूवE ?दशा मv लड़ने गई थी। उनक?
अनुपिmथित मv शहर पर हमले क? कोई आशंका नहm थी, इसिलए रCा करने वाली सेना ब_त कम थी।
अ?\यािशत hप से उkर ?दशा से एसी?रय`स क? शि?शाली सेना ने हमला कर ?दया। और अब रCा क?
िज़eमेदारी इन दीवार? पर आ गई थी, वरना बैिबलॉन न? हो जाता।
बूढ़े सैिनक बांज़र के आसपास नाग?रक? क? भीड़ लगी थी। दहशत के मारे सबके चेहरे सफ़ेद थे और वे यु?
क? ताज़ा िmथित जानना चाह रहे थे। ख़ामोशी से उ`ह?ने घायल और मृत सैिनक? क? क़तार को देखा, िज`हv उस
राmते से लाया जा रहा था।
यह हमले का मह\वपूणE मोड़ था। दीवार? के तीन ?दन तक च?र लगाने के बाद दुkमन ने अचानक अपनी
पूरी ताक़त इस िहmसे और इस दरवाज़े पर लगा दी थी।
दुkमन मंच बनाकर और सीढ़ी लगाकर ऊपर चढ़ने क? कोिशश कर रहे थे। उधर दीवार के ऊपर मौज़ूद
बैिबलॉन के सैिनक तीर? और खौलते _ए तेल का ?योग करके दुkमन? को ऊपर प_ँचने से रोक रहे थे। अगर
इसके बावजूद कोई दुkमन ऊपर प_ँच जाए, तो सैिनक भाले लेकर तैयार खड़े थे। सैिनक? पर दुkमन? के हज़ार?
तीरंदाज़ तीर? क? घातक बौछार कर रहे थे।
बूढ़े बांज़र क? िmथित यु? क? ख़बर देने के िहसाब से ब_त अनुकूल थी। वह यु? के सबसे क़रीब था और
उ\साही आ?मणकताE? के हर ताज़े हमले के बारे मv उसे सबसे पहले पता चलता था।
एक बूढ़े ?ापारी ने क़रीब आकर अपने कमज़ोर और काँपते हाथ? को िहलाते _ए पूछा, “मुझे बताओ! मुझे
बताओ! दुkमन अंदर तो नहm घुस आएँगे। मेरे बेटे स?ाट के साथ गए हy। मेरी बूढ़ी प?ी क? रCा करने वाला कोई
नहm है। दुkमन मेरा सारा सामान लूटकर ले जाएँगे। मेरा भोजन भी ले जाएँगे। हमारे पास कुछ भी नहm बचेगा।
हम बूढ़े हy, इतने बूढ़े ?क हम अपनी रCा नहm कर सकते और हमv गुलाम के hप मv बेचा भी नहm जा सकता। हम
भूख? मर जाएँगे। हम तबाह हो जाएँगे। मुझे बताओ ?क कहm वे अंदर तो नहm आ जाएँगे।”
सैिनक ने जवाब ?दया, “शांत रहv, अRछे ?ापारी। बैिबलॉन क? दीवारv ब_त मज़बूत हy। घर जाकर अपनी
प?ी को तसhली दो ?क दीवारv आपक? तथा आपके सामान क? सुरCा उसी तरह करvगी, जैसे वे स?ाट के
बेशक़?मती ख़ज़ाने क? रCा करती हy। दीवार के पास खड़े रहv, ता?क कहm कोई उड़ता _आ तीर आपको न लग
जाए!”
बूढ़े ?ापारी के चले जाने के बाद गोद मv ब?ी िलए एक मिहला वहाँ आकर खड़ी हो गई। “सैिनक, ऊपर से
Mया ख़बर है ? मुझे सच-सच बताना, ता?क मy अपने पित को तसhली दे सकूँ । वह गहरे घाव? क? वजह से बुखार
मv पड़ा है, परंतु वह मेरी रCा करने के िलए िज़रहबrतर और भाला उठाकर बाहर िनकलने के िलए तैयार है।
मुझे ब?ा होने वाला है। वह कहता है ?क अगर दुkमन? क? सेना अंदर घुस आई, तो उनका ?ितशोध भयानक
होगा।”
“तसhली रखो, एक ब?े क? माँ और दूसरे ब?े क? होने वाली माँ, Mय??क बैिबलॉन क? दीवारv तुeहारी तथा
तुeहारे ब?? क? रCा करvगी। वे ऊँची और मज़बूत हy। Mया तुमने हमारे बहादुर सैिनक? क? आवाजv नहm सुनm, जब
उ`ह?ने सी?ढ़य? पर चढ़ने वाल? पर खौलते _ए तेल के ?म फvके थे ?”
“हाँ, मyने वह आवाज़ सुनी थी। और मyने हमला करने वाले मेढ़? क? आवाज़ भी सुनी थी, जो हमारे ?ार पर

?हार कर रहे हy।”
“अपने पित के पास लौट जाओ। उसे बता दो ?क दरवाज़े मज़बूत हy और इन मेढ़? के ?हार से उनका बाल
भी बाँका नहm होगा। यह भी बता दो ?क अगर सीढ़ी लगाकर कुछ दुkमन सैिनक दीवार? पर चढ़ने मv सफल हो
भी जाते हy, तो भाल? क? न?क ऊपर उनका इंतज़ार कर रही है इन इमारत? के पीछे से सँभलकर जाना।”
बांज़र सैिनक? क? टुकड़ी को राmता देने के िलए एक तरफ़ हट गया। काँसे क? आवाज़ करती ढाल? और
भारी क़दम? से जब सैिनक पास से गुज़रे, तो एक छोटी लड़क? ने बांज़र के कमरबंद को खmचा।
उसने आ?ह ?कया, “सैिनक मुझे बताओ, हम सुरिCत तो हy ? मyने भयानक आवाज़े सुनी हy। मyने सैिनक? को
ल`लुहान देखा है। मy ब_त डर गई `ँ। हमारे प?रवार, मेरी माँ, छोटे भाई और ब?े का Mया होगा ?”
ब?ी को देखकर बूढ़े सैिनक ने अपनी आँखv झपका? और अपनी ठु?ी को आगे िनकाल िलया।
“बेटी, डरो मत। बैिबलॉन क? दीवारv तुeहारी और तुeहारी माँ, तुeहारे छोटे भाई और ब?े क? रCा करvगी।
शहर को सुरिCत रखने के िलए महारानी सेिमरैिमस ने सौ साल पहले ये दीवारv बनवाई थm। आज तक दुkमन
उनके पार नहm आ पाए हy। जाकर अपने प?रवार वाल? से कह दो ?क बैिबलॉन क? दीवारv उनक? रCा करvगी और
उ`हv डरने क? ज़hरत नहm है।”
हर ?दन बूढ़ा बांज़र अपनी जगह पर खड़ा होता था और गिलयारे मv से सैिनक? को ऊपर जाते देखता था,
जो वहाँ पर तब तक लड़ते रहते थे, जब तक ?क वे घायल न हो जाएँ या मर न जाएँ। उसके बाद उ`हv एक बार
?फर नीचे लाया जाता था। उसके चार? तरफ़ डरे _ए नाग?रक? क? भीड़ हमेशा लगी रहती थी, जो यह जानने के
िलए उ\सुक थे ?क Mया दीवारv हमले को सहन कर पाएँगी। वह बूढ़ा सैिनक ग?रमापूणE अंदाज़ मv उन सबसे यही
कहता था, “बैिबलॉन क? दीवारv आपक? रCा करvगी।”
तीन स?ाह और पाँच ?दन तक उसी ?बलता से लगातार हमला होता रहा। बांज़र का चेहरा सrत होता
गया, जब उसने अपने पीछे के गिलयारे को घायल सैिनक? के ख़ून से लाल होते देखा। उसने देखा ?क ऊपर-नीचे
आने-जाने वाले सैिनक? के कारण क?चड़ सा मच गया था। हर ?दन मरे _ए दुkमन? का ढेर दीवार के सामने लग
जाता था। हर रात को उनके साथी उ`हv ले जाकर दफ़ना देते थे।
चौथे स?ाह क? पाँचवm रात को बाहर का शोर थम गया। ?दन के उजाले क? पहली ?करण मv लोग? ने देखा
?क लौटती सेनाएँ धूल के िवशाल बादल उड़ाती जा रही थm।
रCा करने वाल? ने जमकर शोर मचाया। इसका मतलब समझने मv कोई गलती नहm हो सकती थी। दीवार?
के पीछे इंतज़ार कर रही टुकिड़य? ने इस शोर को दोहराया। शोर क? गूँज सड़क? पर इंतज़ार कर रहे नाग?रक? ने
भी दोहराई। शोर ?कसी तूफ़ान क? तरह पूरे शहर मv फैल गया।
लोग अपने-अपने घर? से िनकलकर बाहर आ गए। सड़क? पर भारी भीड़ जमा हो गई। कई स?ाह क?
दहशत खुशी के ज़बदEmत कोलाहल मv बदल गई। बेल के मं?दर क? ऊँची मीनार पर िवजय क? मशाल जला दी
गई। नीला धुआँ आसमान मv उड़ने लगा, ता?क संदेश दूर-दूर तक प_ँच सके।
बैिबलॉन क? दीवार? ने एक बार ?फर शि?शाली और दु? दुkमन के इराद? को नाकामयाब कर ?दया था,
जो उसके समृ? ख़ज़ाने को हिथयाना चाहता था और इसके नाग?रक? को लूटना तथा ग़लाम बनाना चाहता था।
बैिबलॉन स?दय? तक इसीिलए सुरिCत रह पाया, Mय??क इसक? दीवार? के कारण यह पूरी तरह सुरिCत
था। इसके अलावा कोई उपाय भी नहm था।
बैिबलॉन क? दीवारv मनुlय क? सुरCा क? ज़hरत और इRछा का उ\कृ? उदाहरण हy। यह इRछा समूची
मानव जाित मv होती है। यह हमेशा क? तरह आज भी उतनी ही ?बल है, परंतु हमने इस उ?ेkय को पूरा करने के
िलए बड़ी और बेहतर योजनाएँ बना ली हy।
आज हम बीमे, बचत ख़ात? और िव?सनीय िनवेश? क? अभे? दीवार? से खुद को अ?\यािशत ?ास?दय? से
बचा सकते हy, जो ?कसी भी दरवाज़े से अंदर आ सकती हy और ?कसी भी घर पर हमला कर सकती हy।
पयाE? सुरCा के िबना रहना
समझदारी नहm है।

इं
बैिबलॉन का ऊँट? का ?ापारी
सान को िजतनी xयादा भूख लगती है, उसका ?दमाग़ उतनी ही xयादा mप?ता से काम करता है - इसके
अलावा वह भोजन क? ख़शबू के ?ित उतना ही xयादा संवेदनशील भी हो जाता है।
अज़योर का पु? तरक़ाद िनि?त hप से ऐसा ही महसूस कर रहा था। दो ?दन से उसके मुँह मv अ? का दाना
भी नहm गया था। उसने िसफ़E दो छोटे अंजीर खाए थे, जो उसने एक बगीचे क? दीवार के ऊपर से चुराकर तोड़े
थे। वह इससे xयादा इसिलए नहm तोड़ पाया, Mय??क तभी बगीचे क? माल?कन गुmसे मv बाहर िनकल आई और
उसे पकड़ने के िलए सड़क पर भागने लगी। उसक? तीखी चीख़ अब भी तरक़ाद के कान? मv गूँज रही थी, हालाँ?क
इस समय वह बाज़ार से गुज़र रहा था। इसी कारण वह खुद पर इतना संयम रख पा रहा था ?क बाज़ार मv फल
बेचने वाली मिहला? क? ललचाने वाली टोक?रय? तक अपनी बेचैन उँगिलय? को न प_ँचने दे।
इससे पहले उसे कभी यह एहसास नहm _आ था ?क बैिबलॉन के बाजार? मv खाने-पीने का इतना सामान
आता है और उसक? ख़शबू इतनी अRछी होती है। बाज़ार छोड़कर वह सराय क? तरफ़ चल ?दया। वह सराय के
भीतर जाकर कुछ खाना चाहता था और इसी आशा मv सराय के सामने इधर से उधर घूमने लगा। काश कोई
जान-पहचान वाला िमल जाए, िजससे वह ताँबे का एक िस?ा उधार ले सके। वह जानता था ?क ताँबे के िस?े को
देखकर ही सराय का मािलक मुmकराएगा और उसे भरपेट खाना िखलाएगा। वह यह भी जानता था ?क ताँबे के
िस?े के िबना सराय का मािलक उसे दु\कार कर भगा देगा।
वह सोच-िवचार मv इतना खोया _आ था ?क उसे अपने आस-पास क? ज़रा भी सुध-बुध नहm रही। अचानक
उसने अपने सामने एक ऐसे ?ि? को खड़े देखा, िजससे वह सबसे xयादा बचना चाहता था। वह ऊँट? का
?ापारी देबेिज़र था। उसने िजतने भी दोmत? और अ`य लोग? से उधार िलया, उनमv देबेिज़र सबसे xयादा
परेशान करता था, Mय??क तरक़ाद त\काल कज़E चुकाने के अपने वादे को पूरा नहm कर पाया था।
तरक़ाद को देखकर देबेिज़र के चेहरे पर चमक आ गई। ‘‘अरे वाह! यह तो तरक़ाद है। मy तुeहv ही तो ढूँढ़
रहा था, ता?क तुम मुझे ताँबे के वे दो िस?े चुका दो, जो मyने तुeहv पं?ह ?दन पहले उधार ?दए थे; इसके अलावा
चाँदी का वह िस?ा भी, जो मyने तुeहv इससे पहले उधार ?दया था। तुम अRछे िमल गए। आज वे िस?े मेरे ब_त
काम आ सकते हy। तुम Mया कहते हो, ब?े ? Mया कहते हो ?”
तरक़ाद हकलाने लगा और उसका चेहरा लाल पड़ गया। उसके ख़ाली पेट मv कुछ भी नहm था, िजससे उसे
मुँहफट देबेिज़र के साथ बहस करने क? शि? िमले। वह कमज़ोर mवर मv बुदबुदाया, “मुझे अफ़सोस है, मुझे ब_त
अफ़सोस है। परंतु आज मेरे पास ताँबे या चाँदी का एक भी िस?ा नहm है, िजससे मy आपका उधार चुका सकूँ।’’
देबेिज़र ने ज़ोर देकर कहा, “तो ?फर उनका इंतज़ाम करो। िनि?त hप से तुम ताँबे और चाँदी के कुछ िस??
का इंतज़ाम तो कर ही सकते हो, ता?क अपने िपता के पुराने िम? का कज़E चुका सको, िजसने ज़hरत के समय
तुeहारी मदद क? थी ?’’
“चूँ?क बद?क़mमती मेरा पीछा कर रही है, इसिलए मy आपका कज़E नहm चुका सकता।’’
“बद?क़mमती! अपनी कमज़ोरी के िलए देवी-देवता? को दोष Mय? देते हो ? बद?क़mमती हर उस ?ि? का
पीछा करती है, जो कज़E चुकाने के बजाय कज़E लेने के बारे मv xयादा सोचता है। मy सराय मv खाना खाने जा रहा
`ँ, Mय??क मुझे ब_त भूख लग रही है। तुम भी मेरे साथ आ जाओ। मy तुeहv एक कहानी सुनाना चाहता `ँ।’’
तरक़ाद को देबेिज़र का मुँहफट अंदाज़ पसंद नहm था, परंतु सराय के अंदर जाने के िवचार से उसे खुशी _ई,
Mय??क अब उसके मन मv भोजन िमलने क? आशा जाग गई थी।
देबेिज़र उसे कमरे के दूर वाले कोने मv ले गया, जहाँ वे छोटे क़ालीन? पर बैठे।
जब सराय का मािलक कासकोर उनके पास मुmकराते _ए आया, तो देबेिज़र ने उससे मज़ा?कया अंदाज़ मv
कहा, “रेिगmतान क? मोटी िछपकली, मेरे िलए बकरे क? टाँग लाओ, िजसमv ब_त सारा गोkत हो और जो
िबलकुल भूरी हो। इसके अलावा ?ेड और सिcज़याँ भी लाओ, Mय??क मy ब_त भूखा `ँ और डटकर भोजन करना
चाहता `ँ। मेरे िम? को भी मत भूलना। उसके िलए एक जग भरकर पानी लाना। पानी ठंडा होना चािहए,
Mय??क आज ब_त गमn है।”
तरक़ाद िनराश हो गया। Mया यहाँ पर बैठकर वह िसफE पानी िपएगा और इस आदमी को बकरे क? मोटी

टाँग खाते _ए देखेगा ? उसने कछ नहm कहा। वह यह सोच नहm पा रहा था ?क वह Mया कहे।
बहरहाल देबेिज़र ने तो चुप रहना कभी सीखा ही नहm था। वह दूसरे ?ाहक? क? तरफ़ देखकर मुmकराने
लगा और िम?तापूणE अंदाज़ मv हाथ िहलाने लगा। वे सब उसे अRछी तरह जानते थे। इसके बाद देवेिज़र ने आगे
कहा।
“आफ़ाE से हाल ही मv एक या?ी लौटा है। उसने मुझे एक अमीर आदमी के बारे मv बताया, िजसने प\थर के
एक टुकड़े को इतना बारीक तराश िलया है ?क इंसान उसके आर-पार देख सकता है। उसने इसे अपने घर क?
िखड़क? मv लगा ?दया है, ता?क बा?रश से बचा जा सके। या?ी के अनुसार यह प\थर पीला है। या?ी ने जब इसके
आार-पार देखा, तो बाहर क? दुिनया िविच? ?दख रही थी और अपने वाmतिवक रंगhप मv नज़र नहm आ रही
थी। इस बारे मv तुम Mया कहते हो, तरक़ाद ? Mया तुeहv लगता है ?क इंसान को दुिनया वाmतिवकता से अलग
?दख सकती है ?”
“शायद । ।” युवक ने कहा। उसक? ?दलचmपी कहानी से xयादा बकरे क? मोटी टाँग मv थी, जो देबेिज़र के
सामने रखी थी।
‘‘मy जानता `ँ ?क यह सच है, Mय??क मyने दुिनया को वाmतिवकता से िभ? रंग मv देखा है। मy तुeहv एक
कहानी सुनाने जा रहा `ँ। उससे तुम यह जान जाओगे ?क मy दुिनया को ?फर से सही रंग? मv कैसे देख पाया।’’
पड़ोस मv खाना खा रहे एक ?ि? ने अपने पड़ोसी से फुसफुसाते _ए कहा, “देबेिज़र कहानी सुना रहा है।”
वह अपने क़ालीन को पास खmच लाया। भोजन करने वाले बाक़? लोग भी अपना भोजन लेकर वहm आ गए और
एक अधEवृk बना िलया। उनके चबर-चबर खाने क? आवाज़े तरक़ाद के कान? मv गूँज रही थm। िसफ़E तरक़ाद ही
था, िजसके सामने भोजन नहm था। देबेिज़र ने उसके िलए भोजन नहm मँगाया था। न ही उसने तरक़ाद को ?ेड का
वह टुकड़ा उठाने का इशारा ?कया था, जो aलेट से फ़शE पर िगर गया था।
देबेिज़र ने बकरे क? टाँग का एक बड़ा िहmसा काटने के बाद कहा, “आज जो कहानी मy सुनाने जा रहा `ँ,
वह मेरे शुgआती जीवन के बारे मv है। इस कहानी मv यह बताया गया है ?क मy ऊँट? का ?ापारी कैसे बना। Mया
?कसी को मालूम है ?क मy कभी सी?रया मv गुलाम था ?”
?ोता आ?यE से बुदबुदाने लगे, िजसे सुनकर देवेिज़र संतु? _आ।
देबेिज़र ने बकरे क? टाँग को एक बार ?फर कुतरते _ए कहा, “युवावmथा मv मyने अपने िपता का ?वसाय
यानी काठी बनाना सीखा। मy उनक? दुकान मv उनके साथ काम करता था और ?फर मेरी शादी हो गई। मy युवा
था, परंतु मुझमv xयादा योOयता नहm थी, इसिलए मy ब_त कम कमा पाता था, िसफ़E इतना ?क मy जैसे-तैसे अपनी
प?ी का ख़चE उठा पाता था। मy ब_त सी अRछी चीज़? क? लालसा करता था, परंतु मेरे पास उ`हv ख़रीदने के िलए
पैसे नहm थे। जhदी ही मyने पाया ?क पैसे न होने के बावजूद दुकानदार मुझे उधारी पर सामान देने के िलए तैयार
थे।’’
“युवा और अनुभवहीन होने के कारण मy यह नहm जानता था ?क जो ?ि? अपनी कमाई से xयादा ख़चE
करता है, वह अनावkयक भोग-िवलास के बीज बोता है और आगे चलकर उसे मुिkकल? और अपमान क? फ़सल
काटना पड़ती है। चूँ?क मy यह नहm जानता था, इसिलए मyने अपने अरमान? को पूरा ?कया और अपनी प?ी तथा
घर के िलए िवलािसता क? वmतुएँ उधारी पर ख़रीद लm।’’
‘‘मy िजतना उधार चुका सकता था, उतना चुकाता रहा। कुछ समय तक तो सब कुछ ठीक चला। परंतु बाद
मv मyने पाया ?क मy अपनी आमदनी से एक साथ दोन? काम नहm कर सकता था; मy अपनी आमदनी मv या तो
अपना ख़चE चला सकता था या ?फर अपना कज़E चुका सकता था। कज़Eदार अपना उधार वसूल करने के िलए मेरा
पीछा करने लगे और मेरी ?ज़ंदगी दुखद बन गई। मyने अपने िम?? से उधार िलया, परंतु उनका कज़E भी नहm चुका
पाया। चीजv बद से बदतर होती ग? । मyने अपनी प?ी को मायके भेज ?दया और खुद बैिबलॉन छोड़कर दूसरे
शहर मv जाने का फ़ैसला ?कया, जहाँ मुझे बेहतर अवसर िमल सकv।’’
“दो साल तक मyने कारवाँ के ?ापा?रय? के यहाँ काम ?कया। इस दौरान मy ब_त बेचैन और दुखी रहा।
इसके बाद मy डकैत? के िगरोह मv शािमल हो गया, जो रेिगmतान मv िन:श? कारवाँ क? तलाश मv भटकते हy। इस
तरह के काम हमारे ख़ानदान के नाम पर कलंक थे, परंतु मy दुिनया को रंगीन प\थर से देख रहा था और मुझे यह
एहसास नहm था ?क मेरा ?कतना पतन हो गया है।”
“हमv अपने पहले अिभयान मv सफलता िमली। हमने ब_त सा सोना, रेशमी कपड़े और अ`य मूhयवान

वmतुएँ लूट लm। हम लूट के सामान को िगिनर ले गए और ख़चE कर डाला।”
“दूसरी बार हमारी ?क़mमत उतनी अRछी नहm रही। जैसे ही हमने सामान लूटा, कुछ सश? लोग? ने हम
पर हमला कर ?दया। ये भाले वाले उस क़बीले के मुिखया ने भेजे थे, िजसे कारवाँ संरCण के िलए पैसे देते थे।
हमारे दो लीडसE मारे गए और बाक़? सब लोग? को पकड़कर दिमkक ले जाया गया, जहाँ हमारे कपड़े उतारकर
हमv ग़लाम? के hप मv बेच ?दया गया।”
“मुझे सी?रया के रेिगmतानी क़बीले के मुिखया ने चाँदी के दो िस?? मv ख़रीदा। मेरे बाल उतरवा ?दए गए
और मेरे शरीर पर िसफ़E एक कपड़ा था, जो कमर पर िलपटा _आ था। मy बाक़? ग़लाम? से xयादा अलग नहm था।
लापरवाह युवक क? तरह मyने सोचा ?क यह अनुभव भी रोमांचक होगा। परंतु मy तब दहल गया, जब मेरे मािलक
ने मुझे अपनी चार पि?य? के सामने पेश करके कहा ?क वे मुझे अपना ?क?र बना सकती हy।”
“दरअसल तब जाकर मुझे अपनी िनराशाजनक िmथित का एहसास _आ । रेिगmतान के ये लोग जंगली और
यो?ा थे। उनक? इRछा? का पालन करना मेरी मजबूरी थी, Mय??क मेरे पास न तो हिथयार थे, न ही बचाव के
साधन ।”
“जब उन चार? मिहला? ने मुझे ग़ौर से देखा, तो मy दहशत मv खड़ा रहा। मy सोच रहा था ?क Mया मुझे
उनसे दया क? आशा करना चािहए। पहली प?ी सीरा बाक़? तीन? पि?य? से बड़ी थी। मेरी तरफ़ देखते समय
उसका चेहरा भावहीन था। मुझे उससे दया क? क़तई उeमीद नहm थी। मyने दूसरी प?ी क? तरफ़ आशा भरी नज़र
डाली। वह एक घमंडी सुंदरी थी, जो मेरी तरफ़ इतनी उदासीनता से देख रही थी, जैसे ज़मीन पर रvगने वाले
?कसी क?ड़े को देख रही हो। बाक़? दोन? छोटी पि?याँ हँस रही थm, जैसे यह कोई ?दलचmप मज़ाक़ हो।’’
सज़ा का इंतज़ार करते _ए मुझे ऐसा लगा, जैसे एक युग बीत गया हो। हर मिहला चाहती थी ?क दूसरी
मिहला फ़ैसला करे। अंत मv सीरा ने ठंडी आवाज़ मv कहा,
“हमारे पास ब_त से ?क?र हy, परंतु ऊँट? क? देखभाल करने वाले गुलाम ब_त कम हy। जो हy, वे ?कसी काम
के नहm हy। आज ही मy अपनी बीमार माँ से िमलने जाना चाहती `ँ, परंतु ऐसा कोई गुलाम नहm है, िजस पर मy
भरोसा कर सकूँ ?क वह मेरे ऊँट को ठीक से ले जाएगा। इस गुलाम से पूछो ?क Mया वह ऊँट? क? देखभाल कर
सकता है।”
इस पर मेरे मािलक ने मुझसे पूछा, ‘तुम ऊँट? के बारे मv Mया जानते हो ?’
अपनी खुशी को छुपाने क? कोिशश करते _ए मyने जवाब ?दया, ‘मy उ`हv िबठा सकता `ँ, उन पर बोझ लाद
सकता `ँ, उ`हv िबना थके लंबी या?ा? पर ले जा सकता `ँ। अगर ज़hरत हो, तो मy उनके साज़ोसामान क?
मरeमत भी कर सकता `ँ।’
“मेरे मािलक ने कहा, ‘ऐसा लगता है गुलाम को ऊँट सँभालने का अनुभव है। सीरा, अगर तुम चाहो तो तुम
इस आदमी को अपने ऊँट? क? देखभाल के िलए रख सकती हो।”
“इस तरह मुझे सीरा के हवाले कर ?दया गया। उसी ?दन मy उसे ऊँट पर बैठाकर उसक? बीमार माँ से
िमलवाने ले गया। या?ा लंबी थी और मुझे उसक? मदद के िलए उसे ध`यवाद देने का अवसर िमल गया। मyने उसे
यह भी बताया ?क मy ज`म से ग़लाम नहm था और मेरे िपता बैिबलॉन के एक सeमािनत काठी बनाने वाले थे। मyने
उसे अपने बारे मv ब_त कुछ बताया। ले?कन उसके जवाब सुनकर मy उलझन मv पड़ गया और बाद मv मyने उसक?
बात? पर काफ़? िवचार ?कया ।’’
‘‘तुम ख़द को mवतं? ?ि? कैसे कह सकते हो, जब तुeहारी कमज़ोरी ने तुeहारा यह हाल कर ?दया है?
अगर ?कसी ?ि? मv गुलाम क? आ\मा है, तो चाहे वह ज`म से कुछ भी हो, अंततः वह गुलाम ही बन जाएगा।
इंसान भी पानी क? तरह अपने mतर पर प_ँच जाता है। अगर ?कसी ?ि? मv mवतं? नाग?रक क? आ\मा है, तो
अपने दुभाEOय के बावज़ूद अंततः सeमािनत नाग?रक बन जाएगा!”
मy एक साल से xयादा समय तक बाक़? ग़लाम? के साथ रहा, परंतु मy उनसे उनसे जुड़ जुड़ नहm पाया। एक
?दन सीरा ने मुझसे पूछा, ‘शाम को बाक़? ग़लाम ‘‘आपस आपस मv िमलते हy और एक-दूसरे के साथ हँसी-मज़ाक़
करते हy। परंतु तुम अपने तंबू मv अकेले Mय? बैठे हो ?’
“इस पर मyने जवाब ?दया, ‘मyने आपक? कही बात? पर िवचार ?कया है। मुझे नहm लगता ?क मुझमv गुलाम
क? आ\मा है। मy उनमv से एक नहm बन सकता, इसिलए मy अलग बैठता `ँ ।’’
उसने मुझे िव?ास मv लेकर कहा, ‘मुझे भी अलग बैठना पड़ता है। मेरे माता-िपता ने ब_त दहेज ?दया था

और इसी कारण मेरे पित ने मुझसे शादी क? थी। बहरहाल उ`हv मुझसे ज़रा भी ?ेम नहm है। हर औरत क? हसरत
होती है ?क वह माँ बने। परंतु मेरी यह हसरत अधूरी है। मy बाँझ और िनmसंतान `ँ, इसिलए मुझे अलग बैठना
पड़ता है। अगर मy ‘‘मदE’’ होती, तो इस तरह ग़लाम? जैसी ?ज़ंदगी जीने के बजाय आ\मह\या कर लेती, ले?कन
हमारे क़बीले क? परंपरा? मv औरत और ग़लाम मv कोई ख़ास फ़क़E नहm है ।’
मyने सीरा से अचानक पूछा, ‘अब आप मेरे बारे मv Mया सोचती हy ? मुझमv मदE क? आ\मा है या ग़लाम क? ?’
उसने जवाब ?दया, ‘तुमने बैिबलॉन मv जो कज़E िलए थे, Mया तुम उ`हv चुकाना चाहते हो ?’
“हाँ, मy चाहता तो `ँ, परंतु मुझे ऐसा करने का कोई राmता ?दखाई नहm देता।’’
“अगर तुम समय गुज़र जाने दोगे और उ`हv चुकाने क? कोिशश नहm करोगे, तो तुममv ग़लाम क? घृिणत
आ\मा है। जो ?ि? ख़द का सeमान नहm करता है, वह ग़लाम ही होता है। और जो ?ि? अपने कज़E नहm
चुकाता है, वह खुद का सeमान नहm कर सकता है।’’
“परंतु मy Mया कर सकता `ँ, मy तो सी?रया मv ग़लाम `ँ ?”
“कमज़ोर आदमी, तुम ?ज़ंदगी भर सी?रया मv ही गुलाम बने रहोगे।”
“मy कमज़ोर नहm `ँ,” मyने गुmसे से कहा ।
“इसे सािबत करके ?दखाओ।”
‘‘कैसे ?’’
“Mया हमारा महान स?ाट अपने दुkमन? से हर संभव तरीक़े से और पूरी ताक़त से नहm लड़ता है ? तुeहारा
कज़E ही तुeहारा दुkमन है। उसी ने तुeहv बैिबलॉन से खदेड़ ?दया है। तुमने उससे लड़ना छोड़ ?दया है, इसिलए अब
वह तुमसे xयादा ताक़तवर बन गया है। अगर तुम मदE क? तरह लड़ते, तो तुम जीत सकते थे। तब शहर के लोग
तुeहारा सeमान करते। परंतु तुममv उससे संघषE करने का हौसला नहm था और देखो आज तुeहारा यह हाल है ?क
तुम गुलाम हो ।’’
“मyने उसके िनदEयी आरोप? के बारे मv काफ़? सोचा। मyने अपनी रCा मv कई बातv सोचm, िजनसे मy सीरा के
सामने यह सािबत कhँ ?क मy ?दल से गुलाम नहm था। बहरहाल, मुझे ऐसा करने का अवसर नहm िमल पाया।
तीन ?दन बाद सीरा क? दासी मुझे अपनी माल?कन के पास ले गई।”
सीर ने कहा, ‘मेरी माँ ब_त बीमार हy। मेरे पित के रेवड़ के दो सबसे अRछे ऊँट को तैयार करो। उन पर लंबी
या?ा के िलए पानी क? मशकv और खाने का सामान बाँध लो। मेरी दासी तुeहv रसोई से भोजन दे देगी।’ मyने ऊँट?
को तैयार ?कया। मy इस बात पर हैरान था ?क दासी ने खाने का इतना xयादा सामान Mय? बाँधा था Mय??क सीरा
क? माँ जहाँ रहती थm, वहाँ प_ँचने मv एक ?दन से भी कम समय लगता था। दासी सबसे पीछे वाले ऊँट पर सवार
थी और मy अपनी माल?कन के ऊँट को राmता ?दखा रहा था। उनक? माँ के घर प_ँचते-प_ँचते काफ़? अँधेरा हो
चुका था। सीरा ने दासी को अंदर भेजने के बाद मुझसे कहा,
“देबेिज़र, तुममv mवतं? नाग?रक क? आ\मा है या गुलाम क? ?”
मyने ज़ोर देकर कहा, “mवतं? नाग?रक क?।”
“अब तुeहारे सामने यह सािबत करने का अवसर आ गया है। इस व? तुeहारे मािलक शराब के नशे मv धुk
हy और उनके िसपहसालार भी मदहोश हy। इन ऊँट? को लेकर यहाँ से भाग जाओ। इस थैले मv तुeहारे मािलक क?
पोशाक है, िजससे तुeहv वेश बदलने मv मदद िमलेगी। मy क`ँगी ?क जब मy अपनी बीमार माँ के पास थी, तब तुम
ऊँट चुराकर भाग गए ।”
मyने उससे कहा, “आपमv महारानी क? आ\मा है। मेरी ब_त इRछा होती है ?क आप भी मेरे साथ चलv, ता?क
मy आपको खुशी ?दान कर सकूँ ।”
उसने जवाब ?दया, “खुशी उस भागने वाली प?ी को नहm िमलती, जो दूर देश? मv अनजान लोग? के बीच
इसक? तलाश करती है। अब तुम अपने राmते जाओ। रेिगmतान के देवता तुeहारी रCा करv, Mय??क तुeहारी मंिज़ल
दूर है और राmते मv तुeहv खाने-पीने को कुछ नहm िमलेगा।”
“भागने के िलए मुझे xयादा ?ो\सािहत करने क? ज़hरत नहm थी। मyने उसे ?दल से ध`यवाद ?दया और रात
के अँधेरे मv दूर चल ?दया। मुझे उस अजीब mथान का कोई Dान नहm था और िसफ़E एक हhका सा आभास था ?क
बैिबलॉन ?कस ?दशा मv है। बहरहाल, मy बहादुरी से पहािड़य? क? ?दशा मv रेिगmतान के पार चल ?दया। मy एक

ऊँट पर सवार _आ और दूसरे को अपने पीछे-पीछे चलने का इशारा ?कया। मyने पूरी रात या?ा क? और अगले पूरे
?दन भी। मy जानता था ?क मािलक का सामान चुराकर भागने वाले ग़लाम? को ब_त सrत सज़ा दी जाती है।”
“उस शाम को मy एक उजाड़ सी जगह पर प_ँचा। रेिगmतान क? तरह ही यहाँ भी कोई नहm रहता था।
नुक?ली च?ान? ने मेरे वफ़ादार ऊँट? के पैर ज़rमी कर ?दए थे। वे ब_त धीमे-धीमे और कराहते _ए चल रहे थे।
मुझे राmते मv इंसान तो Mया, जानवर तक नहm िमला। मy अRछी तरह समझ सकता था ?क इस उजाड़ जगह पर
कोई Mय? नहm रहता था।”
“उसके बाद क? या?ा इतनी भीषण थी ?क ब_त कम लोग उसे करने के बाद ?ज़ंदा बचे ह?गे। हर ?दन हम
धीरे-धीरे चलते रहे। हमारे पास िजतना भोजन और पानी था, वह सब ख़\म हो गया। सूरज क? गमn िनमEमता से
हमv झुलसा रही थी। नौवv ?दन शाम को मy अपने ऊँट से ?फसलकर िगर पड़ा। मy जानता था ?क मy इतना कमज़ोर
था ?क दुबारा ऊँट पर नहm चढ़ पाऊँगा और इसी उजाड़ जगह पर मर जाऊँगा।”
“मy ज़मीन पर ही पसर गया और सो गया। मेरी आँख जो लगी, तो सूरज क? पहली ?करण िनकलने पर ही
खुली।”
“मyने उठकर अपने चार? तरफ़ देखा। सुबह क? हवा मv ठंडक थी। पास मv ही मेरे ऊँट लेटे थे, जो ब_त उदास
?दख रहे थे। मेरे आस-पास बबाEदी का आलम था, जहाँ च?ानv, रेत और काँटेदार चीजv थm। वहाँ पर पानी का
नामोिनशान नहm था। इसके अलावा वहाँ पर इंसान या ऊँट के खाने के िलए भी कुछ नहm था।”
“Mया यह हो सकता है ?क इस वीराने मv ही मy इस दुिनया से चला जाऊँगा ? उस समय मेरा ?दमाग िजतनी
mप?ता से सोच रहा था, उतनी mप?ता से इसने पहले कभी नहm सोचा था। अब मेरा शरीर ब_त कम मह\वपूणE
लग रहा था। मेरे ह?ठ सूखे थे और उनसे ख़ून िनकल रहा था, मेरी जीभ सूखी और सूजी _ई थी, मेरा पेट ख़ाली
था, परंतु िपछले ?दन? इन सबसे मुझे िजतना भीषण ददE हो रहा था, अब वह ग़ायब हो चुका था ।”
“मyने एक बार ?फर खुद से यह सवाल पूछा, ‘मुझमv mवतं? नाग?रक क? आ\मा है या गुलाम क? ?’ ?फर
mप?ता के साथ मुझे एहसास _आ ?क अगर मुझमv ग़लाम क? आ\मा होती, तो मyने हार मान ली होती, रेिगmतान
मv ही पसरकर मर गया होता, जो एक भगोड़े ग़लाम का उिचत अंत होता।”
“परंतु अगर मुझमv mवतं? नाग?रक क? आ\मा है, तो ?फर ? िनि?त hप से मy बैिबलॉन तक प_ँचने क?
कोिशश कhँगा, अपने पर भरोसा करने वाले लोग? का कज़E चुकाने क? कोिशश कhँगा, अपनी ?ेमपूणE प?ी को
खुशी दूँगा और अपने माता-िपता को शांित तथा संतुि? ?दान कhँगा।’’
सीरा ने कहा था, ‘तुeहारा कज़E ही तुeहारा दुkमन है। उसी ने तुeहv बैिबलॉन से खदेड़ ?दया है।’ हाँ, यह सही
था। मदE क? तरह उसका मुक़ाबला Mय? नहm ?कया ? मyने अपनी प?ी को मायके Mय? भेज ?दया ?
“?फर एक अजीब चीज़ _ई। पूरी दुिनया अलग नज़र आने लगी ऐसा लग रहा था, जैसे पहले मy दुिनया को
?कसी रंगीन प\थर के मा_यम से देख रहा था, जो अब अचानक हट गया था। आिख़रकार मुझे स?े जीवन मूhय
नज़र आने लगे।”
“मy और रेिगmतान मv मर जाऊँ! कभी नहm। अब मेरे मन मv एक नया सपना जाग चुका था। अब मy जानता
था ?क मुझे कौन से क़ाम करने ही थे। सबसे पहले तो मy बैिबलॉन जाऊँगा और कज़E देने वाले लोग? से िमलूँगा । मy
उ`हv बताऊँगा ?क बरस? तक भटकने और दुभाEOय का िशकार होने के बाद मy उनका कज़E उतारने के िलए आ गया
`ँ। िजतनी जhदी देवता इजाज़त दvगे, मy उनका कज़E उतार दूँगा। ?फर मुझे अपनी प?ी को खुशी देना चािहए और
एक ऐसा नाग?रक बनना चािहए, ता?क मेरे माता-िपता मुझ पर गवE कर सकv।”
“मेरे कज़E मेरे दुkमन थे, परंतु िजन लोग? से मyने कज़E िलया था, वे मेरे िम? थे। आिख़र उ`ह?ने मुझ पर
िव?ास ?कया था।”
“मy लड़खड़ाते _ए अपने पैर? पर खड़ा _आ। भूख से Mया फ़क़E पड़ता था ? aयास से Mया फ़क़E पड़ता था ? वे
तो बैिबलॉन क? राह पर होने वाली घटनाएँ भर थm। मेरे भीतर एक mवतं? ?ि? क? आ\मा िहलोरv मारने लगी,
जो अपने श?ु? को जीतने और अपने िम?? को पुरmकार देने के िलए जhदी से बैिबलॉन प_ँचना चाहती थी। मy
महान संकhप से रोमांिचत हो गया।”
“मेरी भराEई आवाज़ मv अब एक नई खनक आ गई थी, िजसे सुनकर मेरे ऊँट? क? थक? आँख? मv भी चमक आ
गई। ब_त कोिशश? के बाद वे उठकर खड़े _ए। कराहते _ए लगन के साथ वे उkर ?दशा मv बढ़ते गए। मेरी
अंतरा\मा क? आवाज़ यह कह रही थी ?क इस ?दशा मv हमv बैिबलॉन िमल जाएगा।”

जhद ही हम उपजाऊ इलाके मv प_ँच गए। यहाँ हमv पानी, घास और फल िमले। हमv बैिबलॉन का राmता
िमल गया। तब जाकर मुझे यह एहसास _आ ?क mवतं? ?ि? क? आ\मा ?ज़ंदगी को ऐसी समmया? क? ?ृंखला
के hप मv देखती है, िज`हv सुलझाया जाना है और ?फर वह उ`हv सुलझा देता है, जब?क गुलाम क? आ\मा रोती है,
‘मy Mया कर सकता `ँ, मy तो गुलाम `ँ।’
“तरक़ाद, तुम अपने बारे मv कुछ कहो ? Mया तुeहारे पेट क? भूख ने तुeहारे ?दमाग को ब_त mप? कर ?दया
है? Mया तुम उस राह पर चलने के िलए तैयार हो, जो तुeहv दुबारा आ\म-सeमान ?दला सके ? Mया तुम दुिनया
को इसके स?े रंग मv देख सकते हो ? Mया तुममv अपने कज़E चुकाने क? इRछा है, चाहे वे ?कतने ही xयादा Mय? न
ह? ? Mया तुम दुबारा बैिबलॉन के सeमािनत नाग?रक बनना चाहते हो ?”
“तरक़ाद क? आँख? मv नमी आ गई। वह अपने घुटन? पर उ\साह से उठा। “आपने मुझे ?ज़ंदगी जीने का एक
नया नज़?रया ?दया है। मुझे यह लगने लगा है ?क मेरे भीतर mवतं? ?ि? क? आ\मा िहलोरv मार रही है।”
“परंतु देबेिज़र, यह तो बताओ ?क वापस लौटने के बाद तुeहारा Mया हाल _आ। ?" एक ?दलचmपी लेने
वाले ?ोता ने पूछा।
देवेिज़र ने जवाब ?दया, “जहाँ संकhप होता है, वहाँ राह िनकल आती है। मुझमv संकhप था, इसिलए मy राह
खोजने िनकल पड़ा। सबसे पहले तो मy हर कज़E देने वाले से िमला। मyने सबसे यही आ?ह ?कया ?क वे तब तक
और धैयE रखv, जब तक ?क मy उनका कजE उतारने लायक कमा न लूं। उनमv से xयादातर मुझे देखकर खुश _ए।
हालाँ?क कुछ ने मुझे खरी-खोटी सुनाई, परंतु बा?क़य? ने मेरी मदद करने का वचन ?दया। उनमv से एक ने तो मेरी
वह मदद क?, िजसक? मुझे सrत ज़hरत थी। वह मैथन नामक सा`कार था। जब उसे यह पता चला ?क मy
सी?रया मv ऊँट? क? देखभाल करता था, तो उसने मुझे ऊँट? के ?ापारी नेवाटूर के पास भेज ?दया। नेवाटूर को
हमारे स?ाट ने एक महान अिभयान के िलए अRछे ऊँट? के ब_त से रेवड़ ख़रीदने का ठेका ?दया था। उसके यहाँ
मyने अपने ऊँट? के Dान का ब_त अRछा उपयोग ?कया। धीरे-धीरे मyने अपने ऊपर चढ़े ताँबे और चाँदी के एक-एक
िस?े का कज़E उतार ?दया। अब मy एक बार ?फर अपना िसर उठाकर जी सकता था और यह अनुभव कर सकता
था ?क मy भी एक सeमािनत इंसान `ँ।”
एक बार ?फर देबेिज़र अपने भोजन क? ओर मुड़ा। उसने ज़ोर से िचhलाकर कहा, ता?क उसक? आवाज़
रसोई तक सुनाई दे, “कासकोर तुम ब_त ढीले हो। खाना ठंडा हो गया है। मेरे िलए गमाEगमE माँस लेकर आओ।
मेरे िम? के बेटे तरक़ाद के िलए भी एक बड़ा टुकड़ा लेकर आना, Mय??क वह भूखा है और मेरे साथ खाना खाएगा
।”
इस तरह ?ाचीन बैिबलॉन के ऊँट? के ?ापारी देवेिज़र क? कहानी सूख\म _ई। उसे अपनी अंतरा\मा क?
आवाज़ उस समय सुनाई दी, जब उसे एक महान स?ाई का एहसास _आ – एक ऐसी स?ाई का, िजसे उससे
पहले के सभी समझदार लोग जानते थे और उसका इmतेमाल करते थे।
इसने हर युग के लोग? को मुिkकल? से बाहर िनकाला है और सफलता क? राह ?दखाई है। जो बुि?मान
लोग इसक? जादुई शि? को समझते हy, उ`हv यह भिवlय मv भी सफलता ?दलाती रहेगी। इसका ?योग नीचे ?दए
गए शcद? को पढ़ने वाला हर ?ि? कर सकता है :
जहाँ संवकhप होता है,
वहाँ राह, िनदकल आती है।

बैिवलॉज के मृदाप?
सvट िmव?दcस कॉलेज
नॉ?टंघम यूिनव?सEटी
नेवाकE-ऑन-?ेट
नॉ?टंघम
21 अवटुबर, 1934
?ोफ़ेसर ?vकिलन काhडवेल,
केयर ऑफ़ ि??टश साइं?ट?फ़क एMसपीिडशज,
िहhला, मेसोपोटािमया।
ि?य ?ोफ़ेसर,
_वmत वैिब\लॉज के अवशेष? मv हाल मv _ई खुदाई मv िमले जो पाँथ मृदाप? पल भेजे है, वे आपके प? के
साथ ही ?ा? _ए। मy उळछे देठत? मं?मुOध रह गया। मैले उठनदी िलिप का हैिडलॉन का सबसे अमीर आदमी
अपळी भाषा मv अCुवाद कर मv कई सुfतद घंटे िबताए। मुझे आपके प? का त\काल जवाब दे देता थािहए था,
परंतु मैॐओ जाल–बूझकर देर क?, Mयो?क मy चाहता था ?क अCुवाद का काम पूरा कट? के बाद ही आपको प?
िलfढूं।
मृदाप? िबठा ?कaसी Cित के सुयिCत प_ंच गए थे, Mय??क आपके उलछ ब_त अRछी तरह पैव ?कया था
और उस पर सुरिCत टतळो काले पदाथ? का िछड़काव कर ?दया था।
इळ मृदाप?? क? कहाळी मv आप भी उत? ही हैरान रह जाएँग, िजत? ?क हम लोग ?योगशाला मv _ए
थे। तीत वी धली छाया से हम रोमांस और रोमांच क? उeमीद करते है। “अरेिबयल व्◌ाइWस” क? तरह वी पीजv।
परंतु इस व?ाळभी मv देबेिजट जामदा ?ि? अपळी कजाE युवा? क? समmया के बारे मv बताता है। इळ मृदाप??
को पढ़दकट हमv यह एहसास होता है ?क हमारी दुिनया क? प?रिmथितयाँ पाँच हज़ार साल मv उतनी xयादा
व्◌ाहm बदली है, िजतळा हम सोचते हy।
यह अजीब है, परंतु इळ पुरा मृदाप?? के कारण मy पशोपेश मv पड़ गया `ं। कॉलेज का ?ोफेसर ढोले के छाते
मुझे Dाठी माला जाता है, िजससे अिधवयांश िवषय? का ठीक–ठाव Dात है। बहरहाल, इन मृदात?? मv बैिबलाॅन
के रवंडहराv मv दफ़न एक आदमी कज़E युवा? और थल -उसं?ह कर? का ऐसा तटीया सुझाता है, जो मैले पहले
कभी नहm सुळा।
मy कहता `ं ?क यह ब_त सुfतद िववाट है। मेरी ?दलचmपी यह सािबत करठ मv है ?क ?ाचीन बैिबhलूॉल का
यह ती?ता Mया आज भी उतनी ही अRछी तरह वाम द? सदकता है। िमटसेज़ भूजबेटी और मy इस योजळा पर
अमल क?? क? योजळा बना रहे है, ता?क हमारी आ?थEक प?रिmथितय? मv सुधार हो सके।
आपके सफल अिभयान पर मy आपको शुभकामनाएँ देता `ँ । मy आपक? मदद कटले के ?कसी और अवसर का
उ\सुकता से इंतजार कर रहा `ँ।
आपका
अh?ेड एच. ?ुज़बेरी,
पुरात\व िवभग।
पहला मृदाप?
आज पू?णEमा है। मy देबेिज़र `ँ। सी?रया मv गुलाम क? ?ज़ंदगी िबताने के बाद मy हाल ही मv अपने शहर लौटा
`ँ। मyने संकhप कर िलया है ?क मy अपने सारे कज़E चुका दूँगा और बैिबलॉन के अपने पैतृक शहर मv संप? बनकर
?दखाऊँगा। मy मृदाप?? पर अपनी प?रिmथितय? का mथायी ?रकॉडE िलखना चाहता `ँ, ता?क मुझे अपनी ?बल

इRछा को पूरा करने मv मागEदशEन और सहयोग िमल सके।
मेरे अRछे िम? सा`कार मैथन क? समझदारीपूणE सलाह के अनुसार मy एक िनि?त योजना पर चलने का
संकhप कर चुका `ँ। उसका कहना है ?क यह योजना ?कसी भी ?ि? को कज़E से मुि? ?दला सकती है और उसे
संप? तथा सeमािनत बना सकती है।
इस योजना के तीन उ?ेkय हy, िज`हv मy चाहता `ँ और िजनक? मy आशा करता `ँ।
पहला, यह योजना मेरी भावी समृि? सुिनि?त करती है।
इसिलए मy अपनी आमदनी का दसवाँ िहmसा अपने िलए अलग रख दूँगा। Mय??क मैथन ने समझदारीपूवEक
यह कहा था :
“जो ?ि? अपने पसE मv सोना और चाँदी रखता है, िजसे ख़चE करने क? उसे ज़hरत नहm है, वह अपने
प?रवार के ?ित ?ेमपूणE और स?ाट के ?ित वफ़ादार होता है ।’’
“िजस ?ि? के पसE मv ताँबे के कुछ िस?े ही होते हy, वह अपने प?रवार और स?ाट के ?ित उदासीन होता
है।”
“परंतु िजस ?ि? के पसE मv कुछ नहm होता है, वह अपने प?रवार के ?ित िनदEयी और अपने स?ाट के ?ित
दग़ाबाज़ होता है, Mय??क उसका aदय कटुता से भरा होता है।”
“इसिलए जो ?ि? सफल होना चाहता है, उसके पसE मv धन खनकना चािहए, ता?क उसके aदय मv अपने
प?रवार के ?ित ?ेम और अपने स?ाट के ?ित वफ़ादारी हो।”
दूसरी बात, यह योजना सुिनि?त करती है ?क मy अपनी अRछी प?ी के ख़चE पूरे कhँगा और उसके िलए
व? ख़रीदूँगा, Mय??क वह वफ़ादारी के साथ अपने िपता के घर से मेरे पास लौटी है। मैथन ने कहा है ?क वफ़ादार
प?ी क? अRछी देखभाल करने से मनुlय के मन मv आ\म–सeमान पैदा होता है, उसके उ?ेkय? मv शि? आती है
और उसके संकhप मv वृि? होती है।
इसिलए मy अपनी सkर ?ितशत आमदनी का इmतेमाल घर, कपड़े और भोजन पर कhँगा । इसके अलावा
मy इसी आमदनी मv अपना सामा`य ख़चE चलाऊँगा, ता?क हमारी ?ज़ंदगी मv खुिशय? क? कमी न रहे। परंतु मैथन
ने इस बारे मv सावधानी बरतने को कहा है ?क हमv इन अRछे उ?ेkय? के िलए अपनी सkर ?ितशत आमदनी से
अिधक का इmतेमाल नहm करना चािहए। इसी मv इस योजना क? सफलता िनिहत है। मुझे सkर ?ितशत आमदनी
मv ही गुज़ारा करना चािहए और कभी इससे xयादा का इmतेमाल नहm करना चािहए, न ही मुझे कोई ऐसी चीज़
ख़रीदना चािहए, िजसका भुगतान मy अपनी आमदनी के इस िहmसे से न कर सकूँ।
दूसरा मृदाप?
तीसरी बात, इस योजना मv यह बताया गया है ?क अपनी आमदनी मv से मy अपना कज़E कैसे चुकाऊँ।
इसिलए हर पू?णEमा के ?दन मy अपनी महीने भर क? कमाई मv से बीस ?ितशत िनकालकर उससे अपना कज़E
चुकाता `ँ । िजन लोग? ने मुझे कज़E ?दया है, उ`ह?ने मुझ पर भरोसा ?कया है, इसिलए मy सeमानपूवEक उनमv
बराबरी से अपनी बीस ?ितशत आमदनी बाँट देता `ँ। इस तरह समय के साथ मेरा सारा कज़E उतर जाएगा।
मy यहाँ पर हर उस ?ि? का नाम िलख रहा `ँ, िजसका मy कज़Eदार `ँ । साथ ही मy यह भी िलख रहा `ँ ?क
मyने ?कस ?ि? से ?कतना कज़E िलया है ।
फेहh, बुनकर, चाँदी के 2 िस?े, ताँबे के 6 िस?े।
?संजार, फ़नnचर बनाने वाला, चाँदी का 1 िस?ा।
अहमर, मेरा िम?, चाँदी के 3 िस?े, ताँबे का 1 िस?ा।
जvकार, मेरा िम?, चाँदी के 4 िस?े, ताँबे के 7 िस?े।
अmकािमर, मेरा िम?, चाँदी का 1 िस?ा, ताँबे के 3 िस?े।
है?रनैिज़र, आभूषण बनाने वाला, चाँदी के 6 िस?े, ताँबे के 2 िस?े।
डायरबेकर, मेरे िपता के िम?, चाँदी के 4 िस?े, ताँबे का 1 िस?ा।

अhकाहद, मकान मािलक, चाँदी के 14 िस?े।
मैथन, सा`कार, चाँदी के 9 िस?े।
बीरेिज़क, ?कसान, चाँदी का 1 िस?ा, ताँबे के 7 िस?े।
(यहाँ से मृदाप? Cित?mत था। पढ़ा नहm जा सका।)
तीसरा मृदाप?
इन कज़Eदार? को मुझे कुल िमलाकर चाँदी के 119 िस?े और ताँबे के 141 िस?े चुकाना है। चूँ?क मुझ पर
इतना भारी कज़E चढ़ा था और उसे चुकाने का मुझे कोई राmता नहm सूझ रहा था, इसिलए मूखEतावश मyने अपनी
प?ी को मायके भेज ?दया और अपने पैतृक शहर को छोड़कर आसान दौलत क? तलाश मv परदेस चला गया।
बहरहाल, वहाँ पर मy संकट मv फँस गया और गुलाम बन गया।
अब जब मैथन ने मुझे ?दखा ?दया है ?क अपनी कम आमदनी के बावजूद मy अपना कज़E कैसे चुका सकता `ँ,
तो मुझे यह एहसास होता है ?क अपनी ?फ़ज़ूलख़चn के प?रणाम? से भागना मेरी ब_त बड़ी मूखEता थी।
इसिलए मy उन लोग? के पास गया, िजनसे मyने कज़E िलया था। मyने उ`हv बताया ?क मेरे पास कोई संपिk या
जायदाद नहm है, िजससे मy उनका कज़E चुका सकूँ । मyने उनसे कहा ?क मेरे पास िसफ़E कमाने क? Cमता है और मy
अपनी आमदनी का बीस ?ितशत िहmसा कज़E चुकाने मv लगाऊँगा। मy पूरी ईमानदारी और बराबरी से अपने कज़E
चुकाऊँगा। मy कज़E चुकाने के िलए बीस ?ितशत से xयादा आमदनी का इmतेमाल नहm कर सकता `ँ। इसिलए
अगर वे धैयE रखv, तो समय के साथ मy पूरा कज़E उतार दूँगा।
अहमर को मy अपना सबसे अRछा िम? समझता था, परंतु उसने मुझे बुरा–भला कहा और मेरा अपमान
?कया। बीरेिज़क नामक ?कसान ने मुझसे अनुरोध ?कया ?क मy सबसे पहले उसका कज़E चुकाऊँ, Mय??क उसे पैसे
क? ब_त xयादा ज़hरत है। यह योजना सुनकर मकान मािलक अhकाहद ब_त गुmसा हो गया और उसने साफ़
कह ?दया ?क अगर मyने जhदी से उसका कज़E नहm उतारा, तो प?रणाम ब_त बुरा होगा।
बाक़? सबने खुशी–खुशी मेरे ?mताव को मान िलया। इसिलए अब मy इस योजना पर अमल करने के िलए
पहले से xयादा संकhपवान `ँ। अब मुझे िव?ास हो चुका है ?क कज़E चुकाने से बचने के बजाय उ`हv चुकाना कहm
xयादा आसान है। हालाँ?क मy अपने कुछ कज़Eदाता? क? आवkयकता? और माँग? को पूरा नहm कर पाऊँगा,
परंतु मy उन सबके साथ िनlपCता से ?वहार कhँगा।
चौथा मृदाप?
एक बार ?फर पू?णEमा है। मyने कड़ी मेहनत क? है। मेरी अRछी प?ी ने कज़E उतारने के मेरे इराद? मv मेरा पूरा
साथ ?दया है। हमारे बुि?मkापूणE संकhप के कारण इस महीने मyने नेबाटूर के िलए मज़बूत देह और अRछे पैर?
वाले ऊँट ख़रीदे, िजसके एवज मv मुझे चाँदी के 19 िस?? क? आमदनी _ई।
इस आमदनी को मyने योजना के अनुसार बाँट ?दया। इसका दस ?ितशत मyने अपने िलए अलग रख िलया।
इसका सkर ?ितशत मyने जीवन–यापन के िलए अलग रख िलया। और इसका बीस ?ितशत मyने अपने
कज़Eदाता? मv बराबरी से बाँट ?दया।
मy जब अहमर के घर गया, तो वह नहm िमला, परंतु मy वह रािश उसक? प?ी को दे आया। बीरेिज़क तो
इतना खुश _आ ?क उसने मेरा हाथ चूम िलया। िसफ़E बूढ़ा अhकाहद ही बड़बड़ाया और बोला ?क मुझे अपना कज़E
xयादा जhदी चुकाना चािहए। इस पर मyने जवाब ?दया ?क अगर मy ठीक से खाऊँगा और ?चंता नहm कhँगा, तभी
मy xयादा तेज़ी से कज़E चुका पाऊँगा। बाक़? सबने मुझे ध`यवाद ?दया और मेरे ?यास? क? सराहना क?।
इस तरह एक महीने मv मyने चाँदी के 4 िस?? का कज़E उतार ?दया। इसके अलावा मy चाँदी के 2 िस?? का
mवामी भी बन गया `ँ, िजन पर ?कसी ?ि? का कोई हक़ नहm है। मy खुश `ँ और मy ब_त लंबे समय बाद खुश
_आ `ँ।
एक बार ?फर पू?णEमा आ गई है। कड़ी मेहनत के बावजूद इस महीने मुझे xयादा सफलता नहm िमली। मy

ब_त कम ऊँट ख़रीद पाया। मy चाँदी के िसफ़E 11 िस?े ही कमा पाया। बहरहाल मेरी अRछी प?ी और मy योजना
के अनुhप चले। हमने एक भी नया व? नहm ख़रीदा और िसफ़E सिcज़याँ खाकर गुज़ारा ?कया। एक बार ?फर मyने
अपनी आमदनी का दस ?ितशत खुद के िलए अलग रख िलया और सkर ?ितशत से अपना ख़चE चलाया। मy
हैरान रह गया, जब अहमर ने कज़E चुकाने के िलए मेरी तारीफ़ क?, हालाँ?क जो रक़म मy चुका रहा था, वह छोटी
थी। बीरेिज़क ने भी ऐसा ही ?कया। अhकाहद आग–बबूला हो गया, परंतु जब मyने उससे कहा ?क अगर वह इस
रक़म को नहm लेना चाहता तो वापस कर दे, तो वह ठंडा पड़ गया। पहले क? तरह बाक़? सभी लोग संतु? _ए।
एक बार ?फर पू?णEमा आ गई है और मy ब_त खुश `ँ। इस बार मुझे ऊँट? का ब_त अRछा रेवड़ िमल गया
और मyने कई बेहतरीन ऊँट ख़रीद िलए, िजस वजह से मुझे चाँदी के 42 िस?? क? आमदनी _ई। इस पू?णEमा को
मेरी प?ी और मyने जूते तथा कपड़े ख़रीदे, िजनक? हमv ब_त ज़hरत थी। इसके अलावा, हमने गोkत और मुगाE
खाकर ज? मनाया।
हमने चाँदी के 8 िस?? से xयादा का कज़E उतार ?दया। अhकाहाद तक ने कोई उhटी बात नहm क?।
वह योजना महान है, जो हमv कज़E से बाहर िनकालती है और बचत कराती है।
तीन महीने बाद मy एक बार ?फर िलख रहा `ँ। हर बार मyने अपनी आमदनी का दस ?ितशत िहmसा अलग
बचाकर रखा। मyने और मेरी अRछी प?ी ने हर बार सkर ?ितशत आमदनी मv अपना ख़चE चलाया, हालाँ?क कई
बार ऐसा करने मv काफ़? मुिkकलv आ? । हर बार मyने अपनी बीस ?ितशत आमदनी से अपने कज़Eदाता? का कज़E
चुकाया।
मेरे पसE मv अब चाँदी के 21 िस?े हy, जो िसफ़E मेरे हy। इससे मेरा िसर तन जाता है और मy अपने दोmत? के
बीच गवE के साथ उठ–बैठ सकता `ँ ।
मेरी प?ी घर को ब_त अRछी तरह से सँभालती है और अRछे कपड़े पहनती है। हम साथ-साथ रहकर ख़श
हy।
यह योजना अनमोल है। इसने एक पूवE गुलाम को सeमािनत ?ि? मv बदल ?दया है।
पाँचवाँ मृदाप?
एक बार ?फर पू?णEमा है। मy जानता `ँ ?क मyने ब_त समय से कुछ नहm िलखा है। दरअसल बारह महीने
गुज़र चुके हy। बहरहाल, आज मy अपना ?रकॉडE िलखने से नहm चूकुँगा, Mय??क आज मyने अपना आिख़री कज़E चुका
?दया है। आज के ?दन मyने और मेरी प?ी ने ज? मनाया, Mय??क हमारा संकhप पूरा हो गया है।
जब मy अपने कज़Eदाता? से आिख़री बार िमला, तो ऐसी कई वातv _?, िज`हv मy हमेशा याद रखूँगा। अहमर
ने अपने कठोर शcद? के िलए मुझसे माफ़? माँगी और कहा ?क वह चाहेगा ?क हमारी दोmती हमेशा क़ायम रहे।
बूढ़ा अhकाहद भी आिख़र इतना बुरा नहm था, Mय??क उसने कहा, “तुम कभी नमE िम?ी क? तरह नाज़क थे,
िजसे कोई भी छूकर दबा सकता था और मनचाहे आकार मv ढाल सकता था, परंतु अब तुम काँसे के टुकड़े क? तरह
हो, जो ?कसी का भी मुक़ाबला कर सकता है। अगर तुeहv कभी चाँदी या सोने क? ज़hरत पड़े, तो बेिहचक मेरे
पास चले आना।”
बाक़? लोग? ने भी मुझसे सeमानपूवEक बात क?। मेरी अRछी प?ी ने मुझे इतने गवE से देखा ?क ?कसी भी
आदमी मv आ\मिव?ास आ जाएगा।
बहरहाल, मुझे सफलता अपनी योजना क? बदौलत िमली। इस योजना ने ही मुझे इस क़ािबल बनाया ?क मy
अपना सारा कज़E चुका दूँ और मेरे पसE मv सोना–चाँदी जमा होता रहे। मy सफलता चाहने वाले हर आदमी को यह
सलाह दूँगा ?क वह इस योजना पर चले। जब इसक? बदौलत एक पूवE गुलाम अपने कज़E चुका सकता है और अपने
पसE मv सोना इक?ा कर सकता है, तो इस पर अमल करके कोई भी ?ि? ऐसा कर सकता है। मy अब भी इस
योजना पर चल रहा `ँ, Mय??क मुझे िव?ास है ?क अगर मy इस पर अमल करता र`ँगा, तो मy जhदी ही अमीर
बन जाऊँगा।
सvट िmव?द`स कॉलेज

ऩॉ?टंघम यूिनव?सEटी
नेवाकE-अॉन-?vट
नॉ?टंघम
7 नवंबर, 1936
?ोफ़ेसर ?yकिलन काhडवेल,
केयर ऑफ़ ि??टश साइं?ट?फ़क एMसपीिडशन,
िहhला, मेसोपोटािमया।
ि?य ?ोफ़ेसर,
अगर बैिबलाॅन के अवशेष? मv खुदाई करते समय आपको वहाँ के ऊँट? के ?ापारी देबेिज़ट का भूत िमले, तो
मुझ पर एक मेहरबानी करv। उसे बता दे ?क उसने मृदाप?? पर ब_त समय पहले जो िलया था, उसके िलए इंOलyड
के दो ?ोफ़ेसर आजीवन उसके आभारी रहvगे।
आपको शायद याद होगा, एक साल पहले मैने िलखा था ?क िमसेज ?ूज़बेरी और मै कज़E से बाहर िनकलने
क? इस योजना क? आवाज़ भी सुनना चाहते हy। शायद आपने अनुमान लगा िलया होगा ?क हमारी आ?थEक
िmथित ख़राब थी, हालाँ?क हम इसे अपळ दोmत? से छुपाने क? कोिशश कर रहे थे।
हम कई साल? से अपमान भरा जीवन जी रहे थे, Mय??क हमारे िसर पर पुराने कज़? का पहाड़ था और नए
कज़E चढ़ते जा रहे थे। हम दहशत मv थे ?क कहm ?ापारी लोग कोई फसाद न खड़ा कर दv, िजसक? वजह से मुझे
कॉलेज से िनकाल ?दया जाए। ऐसा नहm है ?क हम कज़E चुकाने क? कोिशश नहm कर रहे थे। अपनी आमदनी मv से
हम िजतना भी बचा सकते थे, उतना बचाने क? कोिशश करते थे। परंतु आमदनी मv अपना ख़चE चलाना भी
मुिkकल पड़ रहा था । इसके अलावा हमv मजबूरन उन जगह? से सामान ख़रीदना पड़ता था, जहाँ हमv उधार िमल
सके, भले ही वहाँ हमv महँगे दाम? पर सामान िमलता था।
इससे एक दुlच? शुg हो गया, िजससे चीज़v बेहतर बनने के बजाय बदतर बनती चली ग? । हमारी िmथित
िनराशाजनक होती जा रही थी। हम कम ?कराए वाले मकान मv नहm जा सकते थे, Mय??क हम पर मकान मािलक
का कज़E चढ़ा _आ था। ऐसा लगता था ?क हम िmथित को सुधारने के िलए कुछ नहm कर सकते थे।
?फर आपके बैिबलाॅन के ऊँट? के ?ापारी ने हमे एक ऐसी योजना सुझाई, िजस पर अमल करके हम अपनी
मनचाही चीज़ हािसल कर सकते थे। उसने हमv अपनी योजना पर अमल करने क? सूची बनाई और मyने वह सूची
अपने सभी कज़Eदाता? को ?दखाई।
मyने उ`हv यह mप? बता ?दया ?क वतEमान िmथित मv मy उनका कज़E त\काल नहm चुका सकता `ँ। आँकड़ो को
देखकर वे यह बात खुद ही समझ सकते थे। ?फर मyने उ`हv बताया ?क पूरा कज़E चुकाने का इकलौता राmता यही
था ?क मy हर महीने अपनी बीस ?ितशत आमदनी सभी कज़Eदाता? मv बराबरी से बाँट दूँ । इस तरह से मy
लगभग दो साल मv सारे कज़E उतार दूँगा। इस दौरान हम अपना सारा सामान नक़द ख़रीदvगे, िजससे उ`हv
अित?र? लाभ होगा।
कज़Eदाता सचमुच ब_त स?न थे। हमv सcज़ी देने वाला बूढ़ा आदमी समझदार था। उसने एक ऐसी बात
कही, िजसके ?ारा मुझे दूसर? को समझाने मv आसानी _ई। उसने कहा, अगर आप आगे से सारा सामान नक़द
खरीदvगे, और अपने कज़E का कुछ िहmसा भी चुकाएँगे, तो यह उससे बेहतर रहेगा जो आपने आज तक ?कया है।
आपने तीन साल से मुझे एक पैसा भी नहm ?दया है।
अंत मv मyने उन सबसे यह अनुबंध करवा िलया ?क जब तक मy िनयिमत hप से अपनी बीस ?ितशत
आमदनी से उनके कज़E चुकाता र`ँगा, तब तक वे मुझे ?कसी ?कार से तंग नहm करvगे। ?फर हमने सkर ?ितशत
आमदनी मv गुज़ारा करने क? योजना बनाई । हम अपनी दस ?ितशत आमदनी बचाने के िलए संकhपवान थे।
चाँदी और संभवत: सोने के िस?े बचाने का िवचार ब_त आकषEक था।
ख़द को बदलने मv हमv रोमांच का अनुभव_आ । अपनी सkर ?ितशत आमदनी मv आराम से ख़चE चलाने के
तरीक़े खोजने मv हमv ब_त मज़ा आया। हमने यह काम मकान के ?कराए से शुh ?कया और हम मकान का ?कराया
कम करवाने मv कामयाब हो मामल? मv हमv अRछा सामान कम क?मत पर िमल सकता है।

यह इतनी लंबी कहानी है ?क एक प? मv पूरी नहm हो सकती। संCेप मv, इसमv हमv xयादा क?ठनाई नही _ई
और हमने खुशी-खुशी यह काम कर ?दया। अपनी आ?थEक समसया? को इस तरह सुलझाने से हमv ब_त राहत
िमली और अब हम पुराने कज़E के कारण आतं?कत नहm थे।
बहरहाल, मy आपको उस दस ?ितशत आमदनी के बारे मv बताना नहm भूलूँगा, िजससे हमने खनकाने के
िलए अलग रखा था। हमने कुछ समय तक तो अपनी जमापूँजी को देखने का आनंद िलया। कृपया यह सुनकर
हँसने न लगv। देिखए, यही असली बात है। असली आनंद इसी मv है ?क आप धन बचाना शुg कर दे, िजससे आप
ख़चE नहm करना चाहते। धन ख़चE करने के बजाय उसे इक?ा करने मv xयादा आनंद िमलता है।
जब हमने मन भरकर धन खनकाने का आनंद ले िलया, तो हमने इसका एक xयादा लाभकारी ?योग खोज
िलया। हमने एक ऐसी जगह पर इसका िनवेश कर ?दया, जहाँ हमv इससे हर महीने दस ?ितशत cयाज िमलने
लगा। यह हमारे प?रवतEन का सबसे संतोषजनक िहmसा सािबत हो रहा है। अपनी आमदनी मv से हम सबसे पहले
इसी दस ?ितशत िहmसे का भुगतान करते हy।
हमv यह जानकर सुरCा का ब_त ही संतोषजनक एहसास होता है ?क हमारा िनवेश िनयिमत gप से बढ़
रहा है। हमारे ?रटायरमvट तक हमारे बचत ख़ाते मv काफ? धनरािश इक?ी हो जाएगी। यह धनरािश इतनी xयादा
होगी ?क इससे बाद मv हमारे ख़चE पूरे होते रहvगे।
मज़े क? बात यह है ?क यह सब मेरी पुरानी आमदनी मv ही संभव _आ है। हालाँ?क इस बात पर यक़?न
करना मुिkकल है, परंतु यह िबलकुल सच है। हम धीरे–धीरे आपके सारे कजाE युवा रहे है। इसके अलावा हमारा
िनवेश बढ़ रहा है और हमारी आ?थEक िmथित पहले से बेहतर है। कौन िव?ास कर सकता है ?क िबना क? वजह से
प?रणाम? मv इतना अंतर आ सकता है?
अगले साल के अंत तक हमारे सारे कज़E उतर जाएँगे। तब हम xयादा धनरािश का िनवेश करने क? िmथित मv
होगी। इसके अलावा हमारे पास इतना धन होगा ?क हम बाहर घूमने–?फरने जा सके। बहरहाल, हमळो संकhप
कर िलया है ?क हम ?कसी भी िmथित मv अपळओ जीवन–यापन के ख़चE को अपनी सkर ?ितशत अामदनी से
xयादा नहm होने दvगे।
अब आप समझ सकते है ?क हम बैिबलॉन के उस आदमी को ?ि?गत gप से ध`यवाद Mय? देना चाहते है,
िजसक? योजना ने हमv “धरती पर नारक?य जीवन” से बचाया है। उसके पास Dान था, Mय??क वह इन िmथितय?
से गुज़र चुका था। वह चाहता था ?क उसके कटु अनुभव? से दूसर? को लाभ िमले। इसीिलए उसको अपना संदेश
िलखने मv इतने घंट? क? मेहनत क?।
अपनी ही तरह क? उठाने वाले लोग? के िलए उसके पास एक स?ा संदेश था। यह संदेश इतना मह\वपूणE
था ?क पाँच हज़ार साल बाद यह बैिबलॉन के अवशेष? से बाहर िनकला और आज भी यह उतना ही स?ा तथा
?भावी है, िजतना यह ?ाचीन बैिबलॉन मv था।
आपका
अh?ेड एच. ?ूज़बेरी,
पुरात\व िवभाग

बै
बैिबलॉन का सबसे ख़श?क़mमत आदमी
िबलॉन का समृ? ?ापारी शाh नादा अपने कारवाँ मv सबसे आगे चल रहा था। उसे अRछे व? पसंद थे,
इसिलए वह बेहतरीन व? पहनता था। उसे अRछे जानवर पसंद थे और वह ब_त तेज़ भागने वाले अरबी
घोड़े पर सवारी करता था। उसे देखकर कोई उसके बुढ़ापे का अंदाज़ा नहm लगा सकता था। िनि?त hप से
लोग? को यह शक नहm _आ होता ?क अंदर से वह परेशान है।
दिमkक से वापस लौटने क? या?ा लंबी है और इसमv रेिगmतान? क? कई मुिkकल? का सामना करना पड़ता
है। बहरहाल, शाh नादा को ख़ास मुिkकल? का सामना नहm करना पड़ता है। खूँख़ार अरब जनजाितयाँ कारवाँ?
को लूटने क? ?फराक मv रहती हy, परंतु उसे इस बात का कोई डर नहm था, Mय??क उसके पास घुड़सवार रCक? का
समूह था, जो कारवाँ क? रCा करने के िलए पयाE? था।
शाh नादा के साथ एक युवक चल रहा था, िजसे वह दिमkक से ला रहा था। उसी क? वजह से शाh नादा
परेशान था। उस युवक का नाम हादान ग़ला था, जो उसके पुराने पाटEनर अरद ग़ला का पोता था। वह ग़ला का
इतना कृतD था ?क उसके कज़E को कभी नहm उतार अरद सकता था। वह अरद ग़ला के पोते के िलए कुछ करना
चाहता था, परंतु उसने इस बारे मv िजतना सोचा, यह काम उसे उतना ही मुिkकल लगा। सबसे बड़ी मुिkकल वह
युवक mवयं था।
उस युवक ने हाथ? मv अँगू?ठयाँ और कान मv छhले पहन रखे थे। यह देखकर शाh नादा ने सोचा, “वह
सोचता है ?क आभूषण मद? के िलए होते हy, परंतु उसके पास अपने दादा का संकhपवान चेहरा भी है। उसके दादा
ने इस तरह के भड़क?ले व? कभी नहm पहने। बहरहाल, मy चाहता था ?क वह मेरे साथ आए, Mय??क मुझे आशा
थी ?क वह कोई ढंग का काम शुh करे और अपने िपता से दूर रहे, िज`ह?ने िवरासत मv िमले धन को गँवा ?दया
था।”
हादान ग़ला ने उसके िवचार? मv बाधा डाली, "आप इतनी कड़ी मेहनत Mय? करते हy ? अपने कारवाँ के साथ
लंबी या?ा? पर Mय? जाते हy ? आप कभी ?ज़ंदगी का आनंद लेने के िलए समय Mय? नहm िनकालते?”
शाh नादा मुmकराया, “?जंदगी का आनंद ? ... अगर तुम शाh नादा क? जगह होते, तो तुम ?ज़ंदगी का
आनंद लेने के िलए Mया करते ?”
अगर मेरे पास आपके िजतनी दौलत होती, तो मy राजकुमार क? तरह राहता। । मy कभी गमE रेिगmतान? क?
या?ा नहm करता। धन मेरे पसE मv िजतनी तेज़ी से आता, मy उसे उतनी ही तेज़ी से उड़ा डालता। मy सबसे महँगे
कपड़े और सबसे दुलEभ र? पहनता। मy इसी तरह क? ?ज़ंदगी जीता, Mय??क इसी तरह जीने मv तो आनंद है।”
दोन? ही हँसे।
शाh नादा के मुँह से बरबस िनकल गया, “तुeहारे दादाजी आभूषण नहm पहनते थे।” ?फर उसने कुछ
सोचकर मज़ाक़ मv कहा, “Mया तुम कभी काम नहm करते?”
हादान ग़ला ने जवाब ?दया, “काम तो नौकर करते हy।”
शाh नादा ने अपने ह?ठ काट िलए, परंतु कोई जवाब नहm ?दया। वे ख़ामोशी से सवारी करते रहे, जब तक
?क पगडंडी उ`हv ढाल पर नहm ले आई। यहाँ उसने अपने घोड़े क? रास खmची और दूर ?दखने वाली हरी घाटी क?
तरफ़ इशारा करते _ए कहा, “वह राही घाटी। और नीचे देखो, वहाँ पर तुeहv बैिबलॉन क? दीवारv धुँधली-धुँधली
?दख सकती हy। वह मीनार बेल का मं?दर है। अगर तुeहारी आँखv तेज़ हy, तो तुम इसके ऊपर अमर Tयोित का धुँआ
भी देख सकते हो।”
हादान ग़ला बोला, "तो बैिबलॉन यह है ? मy हमेशा दुिनया के सबसे दौलतमंद शहर को देखना चाहता था।
बैिबलॉन, जहाँ मेरे दादाजी ने दौलत कमाई थी। काश वे अब भी ?ज़ंदा होते! अगर वे ?ज़ंदा होते, तो हमारी
आ?थEक हालत इतनी ख़राब नहm होती।”
“तुम यह Mय? चाहते हो ?क वे इस धरती पर अपने िनधाE?रत समय से xयादा रहते ? तुम और तुeहारे िपता
भी तो उनके पदिच`ह? पर चल सकते हो|”
“परंतु हम दोन? मv ही उनके िजतनी ?ितभा नहm है। िपताजी और मy दोन? ही धन को आक?षEत करने का
रहmय नहm जानते हy।"

शाh नादा ने कोई जवाब नहm ?दया, पर अपने घोड़े क? रास ढीली छोड़ दी। ?फर वह कुछ सोचता _आ
घाटी क? पगडंडी से उतरने लगा। उनके पीछे कारवाँ लाल धूल का बादल उड़ाता आ रहा था। कुछ समय बाद वे
राजमागE पर प_ँच गए और ?संिचत खेत? मv से होते _ए दिCण ?दशा मv मुड़ गए।
तीन बूढ़े ?कसान एक खेत क? जुताई कर रहे थे। शाh नादा का _यान उनक? तरफ़ गया। वे उसे जाने-
पहचाने लगे। ?कतनी अजीब बात है ?क चालीस साल बाद आप ?कसी खेत से गुज़रv, और आपको वही लोग वहm
पर खुदाई करते िमलv। बहरहाल, उसके ?दल ने कहा ?क वे वही थे। उनमv से एक हल को कमज़ोरी से पकड़े था।
बाक़? बैल? के पास चल रहे थे और उ`हv क?च रहे थे, ता?क वे ढंग से काम करv।
चालीस साल पहले उसे इन लोग? से ईlयाE होती थी! उस समय इनक? ?ज़ंदगी से अपनी ?ज़ंदगी क? अदला-
बदली करने मv उसे ?कतनी खुशी _ई होती! परंतु अब ?कतना फ़क़E था! उसने गवE से अपने पीछे आते कारवाँ,
बेहतरीन ऊँट? और गध? को देखा, िजन पर दिमkक के क़?मती सामान का ऊँचा ढेर लदा _आ था। यह सब उसका
था और यह उसक? दौलत का िसफ़E एक िहmसा था।
उसने जुताई करने वाल? क? तरफ़ इशारा करते _ए कहा, “ये लोग चालीस साल पहले जहाँ थे, अब भी
वहm पर हy। वे अब भी उसी खेत को जोत रहे हy।”
“ऐसा लगता तो है, परंतु आप ऐसा Mय? सोचते हy ?क ये वही लोग हy ?”
शाh नादा ने जवाब ?दया, “मyने उ`हv पहले भी यहm पर देखा है।”
उसके ?दमाग़ मv यादv सरपट भाग रही थm। वह अतीत को दफ़न Mय? नहm कर सकता ? वह वतEमान मv Mय?
नहm रह सकता? ?फर उसके ?दमाग मv अरद गुला के मुmकराते चेहरे क? तmवीर क?ध गई। उसके और युवक के
बीच का अवरोध त\काल गायब हो गया।
परंतु वह इस अिभमानी युवक क? मदद कैसे कर सकता है, िजसके ?दमाग़ मv ?फ़ज़ूलखचn के िवचार भरे थे
और िजसके हाथ? मv र? थे ? काम करने के इRछुक लोग? के िलए उसके पास ब_त काम था, परंतु उन लोग? के
िलए उसके पास कोई काम नहm था, जो काम करने को हेय दृि? से देखते ह? और खुद को ?े? मानते ह?।
बहरहाल, वह अरद ग़ला का इतना आभारी था ?क उसे कुछ न कुछ तो करना ही था। उसे पूरी कोिशश करना ही
थी। उसने और अरद ग़ला ने कभी आधी-अधूरी कोिशश नहm क? थी। वे ऐसे लोग नहm थे।
उसके ?दमाग़ मv त\काल एक योजना क?ध गई। ?फर आपिkयाँ आई। उसे अपने प?रवार और अपनी ?ित?ा
का rयाल आया। उसने सोचा ?क इस योजना पर अमल करने से उसक? ?ित?ा पर आँच आ सकती है। परंतु
त\काल िनणEय लेने क? आदत के कारण उसने इस आपिk को दर?कनार कर ?दया और कमE करने का फैसला
?कया।
उसने सवाल पूछा, "Mया तुम यह जानना चाहते हो ?क तुeहारे योOय दादाजी और मy पाटEनर कैसे बने, िजस
वजह से हम दोन? ही दौलतमंद बन गए?”
युवक ने उतावलेपन से कहा, “इसके बजाय आप मुझे सीधे-सीधे यह Mय? नहm बता देते ?क आपने धन कैसे
कमाया? मy बस इतना ही जानना चाहता `ँ!”
शाh नादा ने उसक? बात को नज़रअंदाज़ करते _ए आगे कहा, “हम इन जुताई करने वाले लोग? से शुh
करते हy। तब मy तुeहारी ही उ? का था। मेरे साथ मेिगडो नाम का ?कसान था। इन लोग? को जुताई करते देखकर
उसने नाक-भ? िसकोड़ी थी और कहा था ?क वे लापरवाही से खेत जोत रहे थे। मेिगडो मेरे पास ही जंज़ीर से बँधा
था। उसने कहा, ‘इन आलसी लोग? को देखो। हल पकड़ने वाला गहराई से जोतने क? कोिशश नहm कर रहा है।
बैल? को साधने वाले बैल? को सही मागE पर नहm रख पा रहे हy। इतनी ख़राब जुताई के बाद वे अRछी फ़सल
उगाने क? उeमीद कैसे कर सकते हy?” ?”
हादान ग़ला ने हैरानी से पूछा, “आप और मेिगडो जंज़ीर से बँधे थे?”
हाँ, हमारी गदEन पर काँसे के प?े थे और हमारे बीच मv भारी जंज़ीर थी। उसके पास मv ही भेड़? का चोर
ज़ैबेदो था, िजससे मy पहले हाhन मv िमला था। सबसे अंत मv जो ?ि? था, उसे हम समु?ी डाकू कहते थे, Mय??क
उसने हमv अपना नाम नहm बताया था। हमारे ख़याल से वह जहाज़ी था, Mय??क जहािज़य? क? तरह ही उसके
सीने पर भी दो साँप गुदे _ए थे। जंज़ीरv इस तरह से बँधी थm, ता?क चार लोग एक साथ चल सकv।”
“आप गुलाम क? तरह जंजीर? मv जकड़े थे?” हादान ग़ला ने हैरानी से पूछा।
“Mया तुeहारे दादाजी ने तुeहv कभी नहm बताया ?क मy कभी गुलाम था?”

“वे अMसर आपके बारे मv बातv करते थे, परंतु उ`ह?ने कभी इस बात क? ओर संकेत नहm ?कया।"
“वे ऐसे इंसान थे, िज`हv सबसे गहरे रहmय पूरे िव?ास के साथ बताए जा सकते थे। मy तुम पर भी भरोसा
कर सकता `ँ, है ना?” शाh नादा ने उसक? आँख? मv झाँकते _ए कहा।
“आप मुझ पर भरोसा कर सकते हy ?क मy चुप र`ँगा। परंतु मy हैरान `ँ। मुझे बताएँ ?क आप ग़लाम कैसे
बने?”
शाh नादा ने अपने कंधे उचकाए, “कोई भी आदमी कभी भी ग़लाम बन सकता है। जुए और शराब के
कारण मुझ पर यह संकट आया था मy अपने भाई क? ग़लितय? का िशकार _आ था। एक झगड़े मv उसने अपने िम?
को मार डाला। मेरे िपता यह नहm चाहते थे ?क मेरे भाई पर क़ानून के मुतािबक़ मुकदमा चले, इसिलए उ`ह?ने
मुझे ‘ क बनाकर मृत ?ि? क? िवधवा के हवाले कर ?दया। जब मेरे िपता मुझे मु? कराने के िलए पयाE? धन
नहm जुटा पाए, तो उस िवधवा ने गुmसे मv आकर मुझे गुलाम? के ?ापारी के हाथ? बेच ?दया।”
हादान गुला ने कहा, “?कतनी शमE और अ`याय क? बात है! परंतु मुझे बताएँ, आप दुवारा कैसे mवतं? _ए?”
हम उस मु?े पर बाद मv आएँगे। अभी हम इस कहानी को आगे बढ़ाते हy। हमारे वहाँ से िनकलते समय खेत
जोतने वाल? ने हमारी िखhली उड़ाई। एक ने अपना फटेहाल टोप उठाकर और िसर झुकाकर हमारा अिभवादन
?कया और कहा, ‘स?ाट के अितिथय?, बैिबलॉन मv आपका mवागत है। वे शहर क? दीवार? पर आपका इंतज़ार
कर रहे हy, जहाँ पर दावत का आयोजन ?कया गया है। दावत मv िम?ी क? ईटv और aयाज का सूप है।‘ इसके साथ
ही वे ज़ोर से हँस पड़े।
“समु?ी डाकू यह सुनते ही आपे से बाहर हो गया और उ`हv गािलयाँ देने लगा। मyने उससे पूछा, ‘इन लोग?
ने यह Mय? कहा ?क स?ाट दीवार? पर हमारा इंतज़ार कर रहे हy?‘”
वह बोला, “शहर क? दीवार? तक ईट ढोने वाले अपनी कमर टूटने तक ?ट ढोते रहते हy। यह भी संभव है ?क
कमर टूटने से पहले ही सैिनक िपटाई करके उनक? जान ले लv। पर वे मेरी िपटाई नहm कर पाएँगे। मy उ`हv जान से
मार दूँगा।"
?फर मेिगडो बोला, “मािलक अपने इRछुक और मेहनती सेवक? क? िपटाई करके उनक? जान Mय? लvगे?
मािलक अRछे ग़लाम? को पसंद करते हy और उनके साथ अRछा ?वहार करते हy।”
ज़ैबेदी ने ?टaपणी क?, “मेहनत कौन करना चाहता हy? ये खेत जोतने वाले समझदार हy। ये अपनी कमर नहm
तोड़ रहे हy। ये िसफ़E काम चला रहे हy।”
मेिगडो ने िवरोध करते _ए कहा, “आप काम टालकर ?गित नहm कर सकते। अगर आप ?दन मv एक हेMटेयर
खेत जोतते हy, तो यह ब_त अRछा काम है और हर मािलक यह बात जानता है। परंतु अगर आप एक ?दन मv िसफ़E
आधा हेMटेयर जोतते हy, तो यह काम को टालना है। मy काम नहm टालता। मुझे काम करना पसंद है और मुझे
अRछी तरह से काम करना पसंद है, Mय??क मyने पाया है ?क काम इंसान का सबसे अRछा िम? होता है। इसी क?
बदौलत मुझे अपनी सारी अRछी चीजv िमली हy - मेरा खेत, मवेशी और फ़सल, सब कुछ।"
ज़ैबेदो ने ताना मारते _ए कहा, "अRछा! और इस समय वे सारी चीज़v कहाँ हy? मुझे लगता है ?क आदमी को
चालाक बनना चािहए और िबना मेहनत ?कए आगे बढ़ना चािहए। यही बेहतर नीित है। तुम देखना, अगर हमv
दीवार? पर काम करने के िलए बेच ?दया जाएगा, तो मy पानी का थैला उठाऊँगा या ऐसा ही कोई आसान काम
कhँगा, जब?क तुम, जो काम करना पसंद करते हो, ईटv ढोकर अपनी कमर तोड़ लोगे।" वह मूखEतापूणE अंदाज़ मv
हँसा ।
उस पूरी रात मy दहशत मv रहा। मy सो नहm पाया। मy गाडE क? रmसी के क़रीब िखसक आया। जब बाक़? लोग
सो गए, तो मyने पहरा देने वाले गाडE गोडोसो का _यान आक?षEत ?कया। वह उन लुटेरे अरबवािसय? मv से था, जो
आपका पसE लूटते समय यह सोचते थे ?क उ`हv आपका गला भी काट देना चािहए।
मyने फुसफुसाकर पूछा, “गोडीसो, मुझे बताओ, जब हम बैिबलॉन प_ँचvगे, तो Mया हमv दीवार? के काम मv
लगाने के िलए बेचा जाएगा?”
उसने सावधानी से पूछा, "तुम Mय? जानना चाहते हो?"
मy िगड़िगड़ाया, “Mया तुeहv समझ मv नहm आता है? मy जवान `ँ। मy ?ज़ंदा रहना चाहता `ँ। मy दीवार? पर
काम करते _ए नहm मरना चाहता। मy िपटाई से नहm मरना चाहता। Mया अRछा मािलक िमलने क? कोई
संभावना है?”

उसने धीमे से कहा, “मy बताता `ँ। गोडोसो को कोई ?दMक़त मत दो। अMसर हम सबसे पहले गुलाम? के
बाज़ार मv जाते हy। अब _यान से सुनो। जब ख़रीदार आएँ, तो उनसे कहो ?क तुम अRछे मेहनती आदमी हो और
तुम अRछे मािलक के िलए कड़ी मेहनत करोगे। पूरी कोिशश करो, ता?क ख़रीदार तुeहv ख़रीद लv। अगर तुम इसमv
कामयाब नहm हो पाए, तो अगले ?दन तुम इ?टv उठाओगे, जो ब_त कठोर काम है।"
उसके जाने के बाद मy गमE रेत मv लेट गया और िसतार? क? तरफ़ देखते _ए काम के बारे मv सोचने लगा।
मेिगडो ने कहा था ?क काम उसका सबसे अRछा िम? है। मy सोच रहा था, Mया वह मेरा भी सबसे अRछा िम?
होगा। िनि?त hप से होगा, अगर वह मुझे इस संकट से िनकाल ले।
जब मेिगडो जागा, तो मyने उसके कान मv फुसफुसाकर यह अRछी ख़बर दी। जब हम बैिबलॉन क? ओर बढ़
रहे थे, तो हमारे िलए यह आशा क? इकलौती ?करण थी। शाम को हम दीवार? के पास प_ँचे। हमv ?दख रहा था
?क लोग? क? लंबी क़तारv काली चm?टय? क? तरह ऊँचे राmत? पर ऊपर-नीचे आ-जा रही थm। क़रीब प_ँचने पर
हमv यह देखकर हैरानी _ई ?क हज़ार? लोग काम कर रहे थे। कुछ खंदक मv खुदाई कर रहे थे, कुछ िम?ी क? इ?ट? मv
िम?ी िमला रहे थे। ब_संNयक लोग ईट? को बड़ी बाmकेट? मv लेकर मैस`स तक जाने वाली ऊँची पगडंिडय? पर
चल रहे थे।*
ठेकेदार ढीले मज़दूर? को गािलयाँ दे रहा था और क़तार मv न चलने वाले लोग? क? पीठ पर चाबुक चला
रहा था। थके _ए कमज़ोर लोग अपनी भारी बाmकेट के बोझ से लड़खड़ाकर िगर जाते थे और दुबारा नहm उठ
पाते थे। अगर चाबुक के बावज़ूद वे उठकर खड़े नहm होते थे, तो उ`हv राmते मv एक तरफ़ धकेल ?दया जाता था
और वहm पर तड़पता छोड़ ?दया जाता था। जhदी ही उ`हv दूसरे कायर? के पास प_ँचा ?दया जाता था, जहाँ क़?
उनका इंतज़ार कर रही होती थी। मyने सोचा, अगर मy गुलाम? के बाज़ार मv नहm िबकूँगा, तो मेरा भी यही हाल
होगा।
गोडोसो ने सही कहा था। हमv शहर के ?ार से गुलाम? क? जेल तक ले जाया गया और अगली सुबह हमv
बाज़ार मv खड़ा कर ?दया गया। मेरे बाक़? साथी डरे _ए थे। वे िसफ़E गाडE के चाबुक क? वजह से, ही िहल-डुल रहे
थे, ता?क ख़रीदार उनक? जाँच कर सके। मेिगडो और मy उ\सुकता से हर ख़रीदार से बातv कर रहे थे, बशतw वह
हमv ऐसा करने क? अनुमित दे।
गुलाम? के ?ापारी ने राजा के सैिनक बुलवाए, िज`ह?ने समु?ी डाकू को जंज़ीर? से बाँधा और जब उसने
?ितरोध ?कया, तो उसक? ?ूरता से िपटाई क?। जब वे उसे पकड़कर ले गए, तो मुझे उस पर दया आई।
मेिगडो को महसूस _आ ?क हम जhदी ही एक-दूसरे से जुदा हो जाएँगे। जब आस-पास कोई ख़रीदार नहm
था, तो उसने मुझसे गंभीरता से बातv क? और मुझे बताया ?क काम भिवlय मv मेरे िलए ?कतना ब_मूhय सािबत
होगा। ‘कुछ लोग काम से नफ़रत करते हy और इसे अपना दुkमन बना लेते हy। बेहतर होगा ?क इसके साथ िम?
क? तरह ?वहार करो और इसे पसंद करो। इस बात क? परवाह मत करो ?क यह मुिkकल है। अगर तुम कोई
बेहतरीन मकान बना रहे हो, तो तुeहv यह परवाह नहm होती है ?क ल?े भारी हy और कुआँ दूर है, जहाँ से पानी
लाना पड़ता है। मुझसे यह वादा करो ?क अगर तुeहv कोई ख़रीद ले, तो तुम उसके िलए अपनी पूरी मेहनत से
काम करोगे। अगर वह तुeहारे काम से ?भािवत न हो, तो भी परवाह मत करना। याद रखो, अगर काम अRछी
तरह से ?कया जाए, तो काम करने वाले को इससे हमेशा लाभ होता है। इससे वह बेहतर इंसान बन जाता है।‘”
उसी समय वहाँ पर एक सुग?ठत ?कसान आकर हमारी जाँच करने लगा, इसिलए मेिगडो ने अपनी बात यहm पर
ख़\म कर दी।
मेिगडो ने उसके खेत तथा फसल? के बारे मv पूछा और उसे जhदी ही यह िव?ास ?दला ?दया ?क वह ब_त
ही उपयोगी ग़लाम सािबत होगा। काफ़? देर तक गुलाम? के ?ापारी से भाव-ताव करने के बाद ?कसान ने अपने
व? के नीचे से अपना मोटा पसE िनकाला और जhदी ही मेिगडो अपने नए मािलक के साथ आँख? से ओझल हो
गया।
कुछ और लोग भी सुबह ही िबक गए। दोपहर मv गोडोसो ने मुझे िव?ास मv लेकर बताया ?क गुलाम? का
?ापारी उकता गया था। इस िmथित मv वह रात भर इंतज़ार नहm करेगा, बिhक शाम होते ही बचे _ए गुलाम? को
स?ाट के आदिमय? को बेच देगा। यह सुनकर मy ब_त छटपटाने लगा। उसी समय एक मोटा और अRछे mवभाव
वाला ?ि? दीवार के पास आया। उसने पूछा ?क Mया हममv से कोई बेकर (नानबाई) है।
मyने उससे पूछा, "आप जैसा अRछा बेकर ?कसी दूसरे घ?टया बेकर को Mय? खोज रहा है ? Mया मेरी तरह के
?कसी इRछुक युवक को अपनी कला िसखाना xयादा आसान नहm होगा ? मेरी तरफ़ देखv, मy युवा `ँ, शि?शाली

`ँ और मुझे काम करना पसंद है। मुझे एक मौक़ा तो दv, मy आपके िलए धन कमाने का सवE?े? ?यास कhँगा।"
वह मेरी इRछा से ब_त ?भािवत _आ और गुलाम? के ?ापारी के साथ सौदेबाज़ी करने लगा। हालाँ?क
?ापारी ने मेरी तरफ़ पहले कभी _यान नहm ?दया था, परंतु इस समय वह मेरी योOयता?, मेरी अRछी सेहत
और मेरे अRछे mवभाव क? तारीफ़? के पुल बाँध रहा था। मुझे लगा, जैसे मy कोई मोटा बैल `ँ, िजसे ?कसी क़साई
के हाथ? बेचा जा रहा हो। आिख़रकार जब सौदा पूरा हो गया, तो मुझे ब_त खुशी _ई। मy अपने नए मािलक के
साथ चल ?दया और यह सोचने लगा ?क मy बैिबलॉन का सबसे ख़श?क़mमत आदमी `ँ।
मेरा नया घर मुझे काफ़? पसंद आया। मेरे मािलक नानानेद ने मुझे िसखाया ?क अहाते मv रखी जौ को प\थर
क? िसल पर कैसे पीसना है, ओवन मv आग कैसे जलाना है और ?फर शहद वाले केक के िलए ितल को ब_त बारीक
कैसे पीसना है। मेरा िबmतर अनाज के भंडार वाले शेड मv लगा था। यहाँ पर एक बूढ़ी गुलाम मिहला हाउसक?पर
थी। mवािmत नाम क? इस मिहला ने मुझे अRछी तरह खाना िखलाया और जब मyने भारी काम? मv उसक? मदद
क?, तो वह खुश हो गई।
मy यही अवसर तो चाहता था, ता?क मy अपने मािलक क? नज़र? मv मूhयवान बन सकूँ। मy आशा कर रहा था
?क mवतं?ता हािसल करने का कोई न कोई राmता िनकल आएगा।
मyने नानानेद से कहा ?क वह मुझे िसखाए ?क आटे को कैसे गूँथा जाता है और बे?कंग कैसे क? जाती है। उसने
मुझे यह िसखा ?दया और वह मेरे सीखने क? इRछा से ब_त खुश _आ। बाद मv जब मy इस काम को अRछी तरह
करने लगा, तो मyने उससे कहा ?क वह मुझे शहद के केक बनाना भी िसखा दे। जhदी ही मy बे?कंग का सारा काम
करने लगा। मेरे मािलक को अब पूरा आराम िमल गया था। वे आलस क? ?जंदगी से ब_त खुश थे, परंतु mवािmत ने
अ?स?ता मv अपना िसर हलाया, “इंसान के पास कोई काम न होना बुरी बात है।”
मyने महसूस ?कया ?क अब मुझे कोई ऐसा राmता खोजना था, िजससे मy अपनी mवतं?ता ख़रीदने के िलए
कुछ िस?े कमा सकूँ। बे?कंग का काम दोपहर तक ख़\म हो जाता था। मyने सोचा ?क अगर मy दोपहर के बाद कुछ
कमाई कhँ और उसे अपने मािलक के साथ बाँट लूँ, तो नानानेद राज़ी हो जाएँगे। ?फर मेरे मन मv यह िवचार
आया, Mय? न शहद के केक xयादा बना लूँ और उ`हv शहर क? सड़क? पर भूखे लोग? को बेचूँ ?
“मyने नानानेद को यह िवचार इस तरीके से बताया, “दोपहर तक मेरा बे?कंग का काम ख़\म हो जाता है।
अगर मy उसके बाद आपके िलए धन कमा सकूँ, तो Mया आप मेरी आमदनी का कुछ िहmसा मुझे दे दvगे? मy चाहता
`ँ ?क मेरे पास भी कुछ पैसा रहे, िजसक? ज़hरत हर इंसान को अपनी इRछा? और ज़hरत? के िलए होती है?"’
Mय? नहm, Mय? नहm,” उसने mवीकार ?कया। जब मyने उसे अपनी योजना बताई ?क मy बाज़ार मv शहद के
केक बेचने के बारे मv सोच रहा `ँ, तो वह ब_त ख़श _आ। उसने सुझाव ?दया, “हम यह कर सकते हy। तुम एक
पेनी मv दो केक बेचना। िजतनी कमाई होगी, उसमv से आधी तो आटे, शहद और इ?धन क? लकड़ी के ख़चE के hप मv
मy ले लूँगा। बाक़? बची आधी कमाई मv से आधा मेरा और आधा तुeहारा होगा।"
मy उसके इस उदार ?mताव से ब_त ख़श _आ ?क मुझे िब?? का चौथाई िहmसा िमलेगा। उस रात मyने देर
तक काम करके एक ?े बनाई, ता?क मy उस पर केक रख सकूँ। । नानानेद ने मुझे अपने पुराने कपड़े दे ?दए, ता?क
मेरा _िलया ठीक ?दखे। mवािmत ने मािलक के कपड़? पर पैबंद लगाकर उ`हv धोकर साफ़ कर ?दया।
अगले ?दन मyने शहद के xयादा केक बनाए। मyने सोचा, ?े पर रखे _ए भूरे केक देखकर लोग? का मन ललचा
जाएगा। मy सड़क पर जाकर ज़ोर-ज़ोर से अपने केक? के बारे मv िचhलाने लगा। पहले तो ?कसी ने भी gिच नहm
?दखाई और मy हताश हो गया। बहरहाल मy जुटा रहा। बाद मv जब दोपहर को लोग? को भूख लगी, तो केक
धड़ाधड़ िबकने लगे और जhदी ही मेरी ?े ख़ाली हो गई।
नानानेद मेरी सफलता से ब_त खुश _आ और उसने ख़शी-ख़शी मुझे मेरी कमाई का चौथा िहmसा दे ?दया।
मy धन का mवामी बनकर आनं?दत था। मेिगडो सही था, िजसने कहा था ?क मािलक अपने गुलाम? के अRछे काम
क? ?शंसा करता है। मy अपनी सफलता पर इतना रोमांिचत था ?क उस रात को मुझे नmद नहm आई। मy यह
अनुमान लगा रहा था ?क मy एक साल मv ?कतना कमा सकता `ँ और अपनी mवतं?ता ख़रीदने मv मुझे ?कतने साल
लगvगे।
जब मy हर ?दन अपनी ?े मv केक रखकर बेचने लगा, तो जhदी ही मेरे िनयिमत ?ाहक बन गए। उनमv से एक
तुeहारे दादा अरद गुला थे। वे क़ालीन? के ?ापारी थे, िज`हv वे गृिहिणय? को बेचते थे। वे शहर के एक कोने से
दूसरे कोने तक जाते थे। उनके साथ-साथ एक गधा चलता था, िजस पर क़ालीन? का ऊँचा ढेर रखा रहता था।
इसक? देखभाल के िलए उनके साथ एक अ?ेत गुलाम भी रहता था। वे दो केक अपने िलए ख़रीदते थे और दो

अपने गुलाम के िलए। उ`हv खाते समय वे मुझसे बातv करने के िलए हमेशा ठहर जाते थे।
तुeहारे दादाजी ने एक ?दन मुझसे एक ऐसी बात कही, जो मुझे हमेशा याद रहेगी। “मुझे तुeहारे केक पसंद
हy, परंतु मुझे तुeहारी मेहनत इससे भी xयादा पसंद है, िजसके साथ तुम उ`हv बेचते हो। अगर तुम इसी तरह से
काम करते रहोगे, तो तुम सफलता क? राह पर ब_त आगे तक जाओगे।”
‘हादान ग़ला, तुम यह बात नहm समझ सकते ?क ?ो\साहन के ये शcद उस ग़लाम लड़के के िलए Mया मायने
रखते ह?गे, जो एक बड़े शहर मv अपनी पूरी ताक़त से अकेला संघषE कर रहा था, ता?क अपनी ग़लामी से बाहर
िनकलने का कोई तरीक़ा खोज सके?
महीने गुज़रते गए और मेरे पसE मv िस?े इक?े होते गए। मेरे बेhट मv लगे पसE का वज़न बढ़ता गया। जैसा
मेिगडो ने कहा था, काम मेरा सबसे अRछा िम? सािबत हो रहा था। मy ब_त ख़श था, परंतु mवािmत ?चंितत थी।
उसने कहा, “मy मािलक क? वजह से ?चंितत `ँ। मुझे डर है ?क वे अपना xयादातर समय जुए क? टेबल? पर
िबताते हy।"
एक ?दन मुझे मेरा िम? मेिगडो सड़क पर िमल गया, िजससे िमलकर मुझे ब_त खुशी _ई। वह तीन गध?
पर सिcज़याँ लादकर बाज़ार ले जा रहा था। उसने कहा, “मy ब_त अRछी तरह से `ँ। मेरे मािलक ने मेरे अRछे
काम से खुश होकर मुझे ?भारी बना ?दया है। वह सामान बेचने के मामले मv भी मुझ पर भरोसा करता है और
उसने मेरे प?रवार को भी बुलवा भेजा है। काम िवपिk से उबरने मv मेरी मदद कर रहा है। ?कसी ?दन यह
mवतं?ता खरीदने मv भी मेरी मदद करेगा और भिवlय मv मy अपने खेत का मािलक बन जाऊँगा।”
समय गुज़रता गया । नानानेद मेरे लौटने का बेस?ी से इंतज़ार करने लगा। जब मy लौटता था, तो वह
इंतज़ार करता िमलता था, ता?क वह उ\सुकता से हमारे धन को िगने और बाँट ले। वह मुझे नए बाज़ार तलाशने
के िलए ?े?रत करता था, ता?क मy xयादा केक बेच सकूँ।
अMसर मy शहर के दरवाज़े के बाहर भी जाता था, ता?क दीवार बनाने वाले ग़लाम? के ठेकेदार? को अपने
केक बेच सकूँ। हालाँ?क मुझे वह अि?य दृkय िबलकुल पसंद नहm था, परंतु ठेकेदार ब_त उदारता से ख़रीदते थे।
एक ?दन मy जैबेदो को देखकर हैरान _आ, जो ईट? को अपनी बाmकेट मv भरने के िलए क़तार मv लगा था। वह
ब_त दुबला हो गया था, उसके कंधे झुक गए थे और उसक? कमर पर चावुक? के घाव और फोड़े साफ़ नज़र आ रहे
थे। उस पर तरस खाकर मyने उसे एक केक दे ?दया । वह भूखे जानवर क? तरह केक को चबा गया। उसक? आँख?
मv लोभ क? चमक देखकर मुझे डर लगा ?क कहm वह मेरी पूरी ?े न छीन ले, इसिलए मy वहाँ से भाग खड़ा _आ।
अरद गुला ने एक ?दन मुझसे पूछा, “तुम इतनी कड़ी मेहनत Mय? करते हो?” Mया तुeहv याद है, यही सवाल
आज तुमने मुझसे पूछा था? मyने उ`हv बताया ?क मेिगडो ने काम के बारे मv Mया कहा था और यह भी ?क काम
मेरा सबसे अRछा िम? सािबत हो रहा था। मyने उ`हv गवE से िस?? से भरा अपना पसE बताया और यह कहा ?क मy
अपनी mवतं?ता ख़रीदने के िलए उ`हv बचा रहा था।
उ`ह?ने पूछा, "mवतं? होने के बाद तुम Mया करोगे?"
मyने जवाब ?दया, "मy ?ापारी बनना चाहता `ँ।"
इस पर उ`ह?ने मुझे िव?ास मv िलया। उ`ह?ने मुझे एक ऐसी बात बताई, जो मy सपने मv भी नहm सोच
सकता था। उ`ह?ने कहा, "तुम शायद यह नहm जानते हो ?क मy भी ग़लाम `ँ, परंतु मy अपने मािलक का पाटEनर
भी `ँ।"
हादान ग़ला ने कहा, “gक जाओ। मy अपने दादाजी का अपमान करने वाली झूठी बातv नहm सुनूँगा। वे
गुलाम नहm थे।" उसक? आँखv गुmसे से दहकने लगी थm।
शाh नादा शांत रहा। “मy उनका सeमान करता `ँ, Mय??क वे अपने दुभाEOय से बाहर िनकलकर ऊपर उठे
और दिमkक के अ?णी नाग?रक बने। Mया तुम, उनके पोते, भी उसी िम?ी के बने हो ? Mया तुम मदE हो, जो स?े
त]य? का सामना कर सके या तुम झूठे ?म? मv जीना पसंद करते हो?”
हादान गुला तनकर बैठ गया। गहरी भावना से hँधी आवाज़ मv उसने जवाब ?दया, “मेरे दादाजी से सब ?ेम
करते थे। उ`ह?ने अनिगनत अRछे काम ?कए थे। जब अकाल आया, तो उ`ह?ने िम? मv अनाज ख़रीदने के िलए धन
?दया और उनका कारवाँ इसे दिमkक लेकर आया। उ`ह?ने सारा अनाज लोग? मv बाँट ?दया, ता?क कोई भूखा न
मरे। अब आप कहते हy ?क वे बैिबलॉन मv एक अपमािनत गुलाम थे।"
शाh नादा ने जवाब ?दया, "अगर वे बैिबलॉन मv गुलाम ही बने रहते, तो उ`हv अपमािनत कहना उिचत

होता। परंतु जब वे अपने ?यास? से दिमkक के महान ?ि? बन गए, तो दरअसल देवता? ने उनके दुभाEOय? को
माफ़ कर ?दया और उनका सeमान ?कया।"
शाh नादा ने आगे कहा, “मुझे यह बताने के बाद ?क वे एक गुलाम हy, उ`ह?ने यह कहा ?क वे mवतं? होने के
िलए बेताब थे। अब उनके पास अपनी mवतं?ता ख़रीदने के िलए पयाE? धन आ गया था, परंतु वे इस दुिवधा मv थे
?क Mया उ`हv ऐसा करना चािहए। उन ?दन? उनक? िब?? पहले िजतनी अRछी नहm हो रही थी और उ`हv अपने
मािलक का सहारा छोड़ने मv डर लग रहा था।”
मyने उनके अिनणEय का िवरोध ?कया, “अपने मािलक से बँधकर न रहv। एक बार ?फर से mवतं? ?ि? बनने
क? भावना का अनुभव करv। mवतं? ?ि? क? तरह काम करv और सफल बनv! यह फैसला करv ?क आप Mया
हािसल करना चाहते हy और ?फर काम करके आप उसे हािसल कर लvगे।” वे यह कहकर अपने राmते चले गए ?क
मyने उनक? कायरता पर उ`हv लि?त कर ?दया था और इससे उ`हv ख़शी _ई थी।*
एक ?दन मy एक बार ?फर शहर के ?ार के बाहर गया। मुझे यह देखकर हैरानी _ई ?क वहाँ पर भारी भीड़
जमा थी। जब मyने एक ?ि? से इसका कारण पूछा, तो उसने जवाब ?दया, “Mया तुमने सुना नहm है ? एक भगोड़े
गुलाम ने स?ाट के सैिनक को मार डाला था। उसे पकड़कर सज़ा सुना दी गई है और आज उसे उसके अपराध के
िलए कोड़े मारकर मार डाला जाएगा। स?ाट mवयं यहाँ पर आने वाले हy।”
कोड़े मारने वाले mथान के आस-पास इतनी xयादा भीड़ थी ?क मy घबरा गया। मुझे डर था ?क अगर मy वहाँ
गया, तो मेरी शहद के केक वाली ?े िगर जाएगी। इसिलए मy एक अधूरी दीवार पर चढ़ गया, ता?क लोग? के िसर
के ऊपर से नज़ारा देख सकूँ । मyने वहाँ पर स?ाट को देखा, जो अपने सुनहरे रथ पर सवार थे। इससे पहले मyने
कभी इतना वैभव नहm देखा था - सुंदर व?, सुनहरे कपड़े और मख़मल के पदw।
मy कोड़? क? मार नहm देख पाया, हालाँ?क मुझे बेचारे गुलाम क? चीख़v सुनाई दे रही थm। मyने सोचा ?क
हमारे आकषEक स?ाट िजतना उदार ?ि? इतने क? को देखना कैसे सहन कर सकता है, परंतु जब मyने उ`हv अपने
सामंत? के साथ हँसी-मज़ाक़ करते देखा, तो मy जान गया ?क वे ?ूर थे और मy यह भी समझ गया ?क दीवार बनाने
मv गुलाम? से ऐसे अमानवीय काम Mय? करवाए जाते हy।
गुलाम के मर जाने के बाद उसका शरीर एक खंभे पर रmसी से लटका ?दया गया, ता?क सब उसे देख सकv।
भीड़ छँटने के बाद मy क़रीब गया। उसके बाल भरे सीने पर मyने दो साँप गुदे देखे। वह और कोई नहm, बिhक मेरा
प?रिचत समु?ी डाकू था।
अगली बार जब मy अरद गुला से िमला, तो वे बदले _ए इंसान थे। उ\साह भरे mवर मv उ`ह?ने मुझसे कहा,
“देखो, िजस ग़लाम को तुम जानते थे, वह अब mवतं? इंसान बन चुका है। तुeहारे शcद? मv जादू था। मेरी िब??
और मुनाफ़ा अब बढ़ने लगे हy। मेरी प?ी ब_त खुश है। वह मेरे मािलक क? भतीजी थी और एक mवतं? मिहला
थी। उसक? ब_त इRछा है ?क हम ?कसी अजनबी शहर मv चले जाएँ, जहाँ ?कसी को भी मेरी ग़लामी के बारे मv
जानकारी न हो, ता?क हमारे ब?? को अपने िपता के दुभाEOय के िलए ताने न झेलना पड़v। काम मेरा सबसे बड़ा
सहयोगी बन चुका है। इसने मुझे आ\मिव?ास ?दलाया है और मेरी बेचने क? Cमता को बढ़ाया है।"
मy ब_त ख़श _आ ?क उनके ?दए ?ो\साहन के बदले मv मyने थोड़ा सा ही सही, योगदान तो ?दया था।
एक शाम को mवािmत ब_त दुखी अंदाज़ मv मेरे पास आई और बोली, “मािलक संकट मv हy। मुझे उनक? ?चंता
हो रही है। कुछ महीने पहले वे जुए क? टेबल पर ब_त xयादा रक़म हार गए थे। वे ?कसान को अनाज या शहद के
पैसे नहm दे रहे हy। वे सूदख़ोर का cयाज नहm चुका रहे हy। ये लोग गुmसा हy और उ`ह?ने मािलक को धमक? भी दी
है।”
मyने िबना सोचे-समझे कहा, “हम अपने मािलक क? मूखEता पर ?चंता Mय? करv ? हम उनके रखवाले नहm
हy।"
“मूखE युवक, तुम समझ नहm रहे हो। उ`ह?ने सूदख़ोर से जो धन िलया था, उसके बदले मv उ`ह?ने तुeहv बंधक
बना ?दया था। क़ानून के मुतािबक़ वह सूदख़ोर तुम पर दावा कर सकता है और तुeहv बेच सकता है। मy नहm
जानती ?क मy Mया कhँ। वे अRछे मािलक हy। Mय? ? आिख़र उन पर ऐसी मुिkकल Mय? आई?”
mवािmत के डर िनराधार नहm थे। जब मy अगली सुबह केक बना रहा था, तो सूदख़ोर सासी नाम के एक
आदमी के साथ वहाँ आया। उस आदमी ने मुझे देखकर कहा ?क मy ठीक `ँ।
सूदख़ोर ने मेरे मािलक के लौटने का इंतज़ार भी नहm ?कया। इसके बजाय उसने mवािmत से कहा ?क वह

मािलक को बता दे ?क वह मुझे ले गया है। मेरे पास िसफ़E तन के कपड़े और मेरे बेhट मv बंधा िस?? से भरा पसE
था। केक अधूरे छोड़कर मy उसके साथ चल ?दया।
“मेरी सारी आशाएँ उसी तरह उजड़ गई, िजस तरह तूफ़ान ?कसी पेड़ को जंगल से उखाड़कर उफनते समु?
मv डाल देता है। एक बार ?फर जुए और शराब ने मेरे जीवन मv संकट उ\प? कर ?दया था।"
सासी एक hखा ?ि? था। जब वह मुझे शहर के पार ले गया, तो मyने उसे बताया ?क मyने नानानेद के िलए
?कतना अRछा काम ?कया था और मy उसके िलए भी अRछा काम करने क? कोिशश कhँगा। उसके जवाब मv कोई
?ो\साहन नहm था :
“मुझे यह काम पसंद नहm है। मेरे मािलक को भी यह पसंद नहm है। मािलक को स?ाट ने कहा ?क वह बड़ी
नहर का एक िहmसा बनाने के िलए मुझे भेजे। मािलक ने मुझसे कहा ?क मy ढेर सारे गुलाम ख़रीदूँ, कड़ी मेहनत
कhँ और काम जhदी ख़\म कhँ। बाप रे, कोई आदमी इतने बड़े काम को जhदी ख़\म कैसे कर सकता है?”
कhपना करो, हर तरफ़ रेिगmतान हो, एक पेड़ तक न हो, िसफ़E छोटी झािड़याँ ह?। सूरज इतनी तेज़ी से
चमक रहा हो ?क हमारे पीपे का पानी इतना गमE हो जाता था ?क हम उसे पी नहm सकते थे। ?फर कhपना करो,
आदिमय? क? क़तारv लगी ह?, जो सुबह से रात तक गहराई मv जा रही ह? और िम?ी क? भारी बािhटयाँ धूल भरी
गमE पगडंिडय? से ऊपर ला रही ह?। भोजन एक तरह क? नाली मv ?दया जाता था, िजसमv से हम सुअर? क? तरह
खाते थे। हमारे पास न तो तंबू थे, न ही िबmतर। मyने खुद को इस तरह क? िmथित मv पाया। मyने अपने पसE को
ज़मीन मv गाड़कर छुपा ?दया और सोचने लगा ?क Mया मy इसे कभी खोदकर दुबारा िनकाल पाऊँगा।
पहले तो मyने उ\साह से काम ?कया, परंतु कई महीने गुज़रने के बाद मेरा मनोबल टूटने लगा। ?फर बुखार ने
मेरे थके शरीर को िगरbत मv ले िलया। मेरी भूख ख़\म हो गई और मुझसे मटन या सिcज़याँ नहm खाई जाती थm।
रात को मy जागता रहता था और दुखी होता रहता था।
दुखी मन से मyने सोचा ?क कहm ज़ैबेदो क? योजना ही तो सबसे अRछी नहm थी ?क काम को टालो और
अपनी पीठ को टूटने से बचाओ। ?फर मुझे याद आया ?क मyने उसे िपछली बार ?कस हाल मv देखा था। मy समझ
गया ?क उसक? योजना अRछी नहm थी।
?फर मुझे ग़mसैल समु?ी डाकू याद आया और मyने सोचा ?क लड़ने और मार डालने का तरीक़ा भी इतना
बुरा नहm था। परंतु ?फर मुझे उसक? ख़ून से लथपथ देह याद आ गई और मy समझ गया ?क उसक? योजना भी
बकवास थी।
?फर मुझे मैिगडो क? आिखरी झलक याद आई। कड़ी मेहनत के कारण उसके हाथ? मv छाले पड़ गए थे, परंतु
उसका ?दल हhका था और उसके चेहरे पर ख़शी थी। उसक? योजना सबसे अRछी थी।
बहरहाल मy भी मेिगडो क? तरह मेहनत करना चाहता था; मेिगडो मुझसे xयादा कड़ी मेहनत नहm कर
सकता था। ?फर काम क? बदौलत मुझे ख़शी और सफलता Mय? नहm िमली ? मेिगडो को खुशी काम क? बदौलत
िमली थी या ?फर खुशी और सफलता िसफ़E देवता? क? इRछा पर िनभEर करती थी? ? Mया मy पूरी ?ज़ंदगी
मेहनत करने के बाद भी अपने लoय तक नहm प_ँच पाऊँगा? Mया मुझे कभी खुशी और सफलता नहm िमलेगी ? ये
सारे सवाल मेरे ?दमाग मv गूँजते रहे और मेरे पास इनका कोई जवाब नहm था। दरअसल मy ब_त दुिवधा मv था।
कई ?दन? बाद जब ऐसा लगा ?क मy अपनी सहनशि? के छोर पर प_ँच गया था और मेरे सवाल? का कोई
जवाब नहm िमल रहा था, तो सासी ने मुझे बुलवाया। एक संदेशवाहक मेरे मािलक के पास से मुझे बैिबलॉन ले
जाने के िलए आया था। मyने अपने क़?मती पसE को ज़मीन से खोदकर बाहर िनकाला, अपने तन पर अपने फटे
कपड़े डाले और उस संदेशवाहक के साथ चल ?दया।
या?ा के दौरान मेरे बुखार से तपते मिmतlक मv यह िवचार आया ?क तूफ़ान मुझे उठाकर इधर से उधर
पटक रहा था। मेरा जीवन अपने पैतृक क़mबे हाhन के गीत के िविच? शcद? के अनुhप था :
बवंडर क? तरह इंसान को घुमाते _ए,
तूफ़ान क? तरह उसे उड़ाते _ए,
िजसक? राह का कोई अनुसरण नहm कर सकता,
िजसके भाOय क? कोई भिवlयवाणी
नहm कर सकता।
Mया मेरी ?क़mमत मv इसी तरह सज़ा पाना िलखा था, न जाने ?कन पाप? क?? न जाने कौन सी िनराशाएँ

और दुख मेरा इंतज़ार कर रहे ह?गे ?
जब हम मािलक के घर के अहाते मv प_ँचे, तो मेरे आ?यE क? कhपना करv ?क वहाँ मyने अरद ग़ला को अपना
इंतज़ार करते देखा। उ`ह?ने नीचे उतरने मv मेरी मदद क? और मुझे इस तरह गले लगाया, जैसे उ`हv उनका
िबछड़ा _आ भाई िमल गया हो।
अंदर जाते समय मy उनके पीछे-पीछे चलने लगा, जैसे ग़लाम को मािलक के पीछे चलना चािहए, परंतु
उ`ह?ने इसक? इजाज़त नहm दी। उ`ह?ने मेरी कमर मv हाथ डालकर कहा, “मyने तुeहv हर जगह ढूँढ़ा। जब मेरी
आशा ख़\म हो गई, तब कहm जाकर mवािmत से मेरी मुलाक़ात _ई। उसने मुझे उस सूदख़ोर के बारे मv बताया,
िजसने मुझे तुeहारे मािलक तक प_ँचाया। उसने ब_त xयादा क़?मत माँगी और मyने ब_त महँगा सौदा ?कया,
परंतु तुम सचमुच ब_त मूhयवान हो। तुeहारे जीवनदशEन और तुeहारी मेहनत ने ही मुझे इस सफलता तक
प_ँचने क? ?ेरणा दी थी।"
मyने बीच मv कहा, “मेरा नहm, मेिगडो का जीवनदशEन।”
“मेिगडो का भी और तुeहारा भी। तुम दोन? को ध`यवाद। हम दिमkक जा रहे हy और मy तुeहv अपना पाटEनर
बनाना चाहता `ँ। एक िमनट मv तुम mवतं? ?ि? बन जाओगे!” इतना कहकर उ`ह?ने अपने व? के नीचे से एक
मृदाप? िनकाला, जो मेरी ग़लामी का दmतावेज़ था। इसे उ`ह?ने अपने िसर के ऊपर उठाया और जमकर प\थर?
पर पटक ?दया। इसके सैकड़? टुकड़े हो गए। खुशी से वे उन टुकड़? पर तब तक कूदते रहे, जब तक ?क वे धूल नहm
बन गए।”
“मेरी आँख? मv कृतDता के आँसू छलक आए। मy जानता था ?क मy बैिबलॉन का सबसे ख़श?क़mमत आदमी
था।”
“इस कहानी मv तुमने देखा ?क मेरी सबसे बड़ी िवपिk मv भी काम मेरा सबसे अRछा िम? सािबत _आ।
काम करने क? मेरी इRछा क? बदौलत ही मy दीवार? पर काम करने वाले ग़लाम? क? िगनती मv आने से बचा। मेरे
काम ने ही तुeहारे दादाजी को ?भािवत ?कया। इसी वजह से उ`ह?ने मुझे अपना पाटEनर बनाया।"
?फर हादान ग़ला ने पूछा, “Mया काम ही मेरे दादाजी क? दौलत का रहmय था ?”
शाh नादा ने जवाब ?दया, “यह उनक? सफलता का इकलौता रहmय था। तुeहारे दादाजी काम करने से ?ेम
करते थे। देवता? ने उनक? मेहनत से ख़श होकर उ`हv उदारतापूवEक पुरmकार ?दया।"
हादान गुला ने सोचते _ए कहा, “मy अब देख सकता `ँ। काम ने उनके ब_त से िम? बनाए, जो उनक?
मेहनत और इससे िमलने वाली सफलता से ?भािवत थे। काम ने उ`हv दिमkक मv सeमान ?दलाया। काम ने ही
उ`हv वे सारी चीजv ?दलाइ?, जो मy चाहता `ँ। और मy सोचता था ?क काम िसफ़E गुलाम करते हy।”
शाh नादा ने कहा, “?जंदगी मv ब_त से आनंद हy, िजनका उपभोग आदमी को करना चािहए। हर आनंद क?
अपनी जगह है। मy ख़श `ँ ?क काम िसफE नौकर? या ग़लाम? के िलए आरिCत नहm है। अगर ऐसा होता, तो मy
अपने सबसे बड़े आनंद से महhम रह जाता। मy ब_त सी चीज़? का आनंद लेता `ँ, परंतु काम क? जगह कोई और
चीज़ नहm ले सकती।"
शाh नादा और हादान ग़ला ऊँची दीवार? क? छाया से िनकलकर बैिबलॉन के काँसे के बड़े ?ार से ?िव?
होने लगे। उनके पास आते ही ?ार के रCक सावधान क? मु?ा मv आ गए और उ`ह?ने एक सeमािनत नाग?रक को
सलाम ?कया। शाh नादा ने िसर तानकर अपने लंबे कारवाँ को ?ार से ?िव? कराया और शहर क? सड़क? पर ले
गया।
हादान ग़ला ने उसमv िव?ास जताते _ए कहा, “मy हमेशा अपने दादाजी क? तरह बनना चाहता था। परंतु
पहले कभी मुझे यह पता ही नहm था ?क वे ?कस तरह के इंसान थे। आज आपने मुझे यह बता ?दया है। अब मy
समझ गया `ँ और मy उनक? पहले से xयादा ?शंसा करता `ँ। अब मेरा संकhप बढ़ चुका है और मyने यह ठान
िलया है ?क मy उनके जैसा बनूँगा। मुझे डर है ?क मy कभी आपका ऋण नहm चुका पाऊँगा, Mय??क आपने उनक?
सफलता क? स?ी कुंजी मुझे स?प दी है। आज से ही मy उनक? कुंजी का ?योग कhँगा । मy उतनी ही छोटी शुgआत
कhँगा, िजतनी उ`ह?ने क? थी, जो मेरी हैिसयत को xयादा स?ाई से बताएगी, जो र?? और अRछे व?? से पता
नहm चलती है।”
यह कहकर हादान गुला ने अपने कान? से र?? के छhले और अपनी उँगिलय? से अँगू?ठयाँ उतार दm। ?फर
अपने घोड़े क? रास छोड़ते _ए वह कारवाँ के लीडर के पीछे-पीछे चलने लगा।

* ("?ाचीन बैिबलॉन के मश`ंर काम ग़लाम? के ?म से _ए थे, िजनमv इसक? दीवारv, मं?दर, हy?गंग गाडEन और
बड़ी नहरv शािमल हy। xयादातर गुलाम यु?बंदी थे, इससे यह समझना आसान है ?क उनके साथ अमानवीय
?वहार Mय? ?कया जाता था। इन मज़दूर? मv बैिबलॉन और इसके ?ांत? के कई नाग?रक भी शािमल थे, िज`हv
अपराध? या आ?थEक मुिkकल? के कारण गुलाम के hप मv बेच ?दया गया था। यह एक आम परंपरा थी, िजसमv
लोग अपनी पि?य? या ब?? को कजE, क़ानूनी िनणEय या अ`य एहसान? के बदले बंधक बना देते थे। जब वादा पूरा
नहm होता था, तो बंधक बने लोग? को ग़लाम? क? तरह बेच ?दया जाता था।)
*(?ाचीन बैिबलॉन मv ग़लाम? क? परंपराएँ कानून ?ारा िनधाE?रत थm, हालाँ?क आज हमv वे असंगत ?तीत ह?गी।
उदाहरण के िलए, गुलाम ?कसी भी तरह क? जायदाद का mवामी बन सकता था। वह अ`य ग़लाम? का mवामी भी
बन सकता था, िजन पर उसके मािलक का कोई अिधकार नहm होता था। ग़लाम mवतं? लोग? के साथ िववाह कर
सकते थे। mवतं? माता? के ब?े भी mवतं? होते थे। शहर के अिधकांश ?ापारी गुलाम थे। उनमv से कई अपने
मािलक? के पाटEनर थे और अमीर भी थे।)


बैिबलॉन का ऐितहािसक वणEन
ितहास के प?? मv और कोई शहर बैिबलॉन िजतना वैभवशाली | नहm है। इसका नाम सुनते ही हमारे सामने
दौलत और वैभव क? तmवीर ?खंच जाती है। यहाँ सोने और र?? का भरपूर ख़ज़ाना था। mवाभािवक है ?क यह
सुनकर हम सोचvगे ?क शायद यह समृ? शहर ?कसी उlणक?टबंधीय भूिम पर िmथत होगा, जहाँ जंगल? और
खदान? जैसे ?चुर ?ाकृितक संसाधन ह?गे। परंतु यह सच नहm है। दरअसल यह यू?ेटस नदी के ?कनारे पर िmथत
था। यह एक सपाट और शुlक घाटी मv िmथत था। यहाँ न तो जंगल थे, न ही खदानv। यहाँ तो इमारत बनाने के
िलए प\थर तक नहm थे। यह ?ाकृितक ?ापा?रक मागE पर भी िmथत नहm था। बा?रश इतनी कम होती थी ?क
फसलv उगाना संभव नहm था।
बैिबलॉन एक उ\कृ? उदाहरण है, जो हमv िसखाता है ?क उपलcध संसाधन? का ?योग करते _ए मानवीय
Cमता से महान लoय हािसल ?कए जा सकते हy। इस भ? शहर के सभी संसाधन मनुlय? ?ारा िवकिसत ?कए
गए थे। इसक? समृि? इसके नाग?रक? क? मेहनत का प?रणाम थी।
बैिबलॉन के पास िसफ़E दो ?ाकृितक संसाधन थे – उवEर भूिम और नदी का पानी। बैिबलॉन के इंजीिनयर? ने
इंजीिनय?रंग क? एक महान योजना बनाकर बाँध? और बड़ी नहर? के ?ारा नदी के पानी क? ?दशा बदल दी। ये
नहरv शुlक घाटी मv दूर तक गई और उवEर भूिम को जीवनदायी पानी से ?संिचत ?कया। यह इितहास मv
इंजीिनय?रंग के सबसे पहले कारनाम? मv से एक था। इस ?संचाई तं? के प?रणामmवhप अभूतपूवE और ज़बदEmत
फ़सल पैदा होने लगी।
सौभाOय से बैिबलॉन के स?ाट? ने सा?ाTय के िवmतार और यु? करके लूटपाट करने मv xयादा gिच नहm
ली। हालाँ?क यहाँ के शासक? ने कई यु? लड़े, परंतु उनमv से अिधकांश mथानीय थे या दूसरे देश? के मह\वाकांCी
िवजेता? के िखलाफ़ थे, जो बैिबलॉन क? अथाह संपिk पर नज़रv गड़ाए _ए थे। बैिबलॉन के उ\कृ? शासक
इितहास मv अपनी बुि?, आ?थEक िनयोजन और `याय के िलए िवNयात हy। बैिबलॉन का कोई स?ाट इतना
मह\वाकांCी नहm था ?क वह पूरी दुिनया को जीतने का rवाब देखे।
शहर के hप मv बैिबलॉन का अिmत\व अब नहm है। िजन मानवीय शि?य? ने हज़ार? साल? तक शहर को
क़ायम रखा था और इसका िवकास ?कया था, उनके हटने के बाद शहर जhदी ही वीरान खंडहर मv बदल गया।
इस शहर का mथान एिशया मv mवेज़ नहर के छह सौ मील पूवE मv और प?शEयन खाड़ी के उkर मv है। इसका अCांश
लगभग 30 िड?ी है, जो यूमा, ए?रज़ोना का अCांश भी है। बैिबलॉन का मौसम भी इस अमे?रक? शहर क? तरह
ही गमE और सूखा था।
यू?ेटस क? घाटी, जो कभी आबाद और ?संिचत थी, जहाँ कभी भरपूर फ़सल पैदा होती थी, आज बबाEद
और वीरान हो चुक? है। रेतीली हवाएँ इतनी तेज़ी से बहती हy ?क घास और रेिगmतानी झुरमुट भी ब_त कम
?दखाई देते हy। उपजाऊ खेत, िवशाल शहर और सामान के लंबे कारवाँ अब अतीत मv दफ़न हो चुके हy। अब यहाँ
पर िसफ़E अरब? के कुछ घुमंतू दल ही रहते हy, जो छोटे रेवड़? को पालकर अपना जीवनयापन करते हy। यह िmथित
लगभग दो हज़ार साल से है।
इस घाटी मv िम?ी क? कुछ पहािड़याँ भी हy। स?दय? से या?ी उ`हv पहािड़याँ ही मानते थे। आिख़रकार
पुरात\विवद? का _यान उनक? ओर आक?षEत _आ, Mय??क कभी-कभार आने वाले बा?रश के तूफ़ान? मv यहाँ पर
बतEन? और ईट? के टूटे _ए टुकड़े िमले। यूरोपीय और अमे?रक? सं?हालय? ने इस अिभयान के िलए धन ?दया। इन
पहािड़य? पर खुदाई का काम इस आशा मv शुh _आ ?क शायद यहाँ पर कुछ िमल जाए। खुदाई करने से जhदी ही
यह सािबत हो गया ?क ये दरअसल पहािड़याँ नहm, बिhक ?ाचीन शहर थे। उ`हv शहर? के मक़बरे भी कहा जा
सकता है।
बैिबलॉन भी इनमv से एक था। लगभग बीस स?दय? तक हवा? ने इस पर रेिगmतानी धूल डाली थी। यह
मूलतः ईट का बना था, परंतु यह िम?ी मv िमल चुका था। बैिबलॉन का अमीर शहर आज इस हाल मv है। यह िम?ी
के ढेर मv बदल चुका है। जब तक इसक? सड़क?, मं?दर? और महल? के खंडहर? पर से स?दय? क? धूल नहm हटाई
गई, तब तक ?कसी को भी इसका नाम मालूम नहm था।
कई वैDािनक मानते हy ?क बैिबलॉन और इस घाटी के अ`य शहर? क? सdयता दुिनया क? सबसे पुरानी
सdयता है, िजसका िनि?त उhलेख िमलता है। यह सािबत ?कया जा चुका है ?क यह सdयता लगभग 8,000 साल

पुरानी हो सकती है। इस ितिथ के िनधाEरण के पीछे भी एक रोचक त]य है। बैिबलॉन के अवशेष? मv सूयE?हण का
एक वणEन िमला। आधुिनक खगोलिवद? ने त\काल उस समय क? गणना कर ली, जब इस तरह का सूयE?हण
बैिबलॉन मv ?दखा होगा। इस तरह उ`ह?ने बैिबलॉन के कैलvडर तथा आधुिनक कैलvडर मv एक संबंध mथािपत कर
िलया।
इस तरह से अब यह सािबत हो चुका है ?क 8,000 साल पहले बैिबलॉिनया मv रहने वाले सुमेरवासी दीवार?
से िघरे शहर? मv रहते थे। हम िसफ़E अनुमान ही लगा सकते हy ?क इससे पहले इन शहर? का अिmत\च ?कतनी
स?दय? से रहा होगा। रCा करने वाली दीवार? के भीतर रहने वाले ये लोग बबEर नहm थे। वे िशिCत और
बुि?मान थे। िलिखत इितहास के अनुसार वे दुिनया के पहले इंजीिनयर, पहले खगोलिवद्, पहले गिणतD, पहले
फ़ाइनyससE और िलिप का ?योग करने वाले पहले लोग थे।
?संचाई तं? का उhलेख पहले ही ?कया जा चुका है, िजसने शुlक घाटी को कृिष के mवगE मv बदल ?दया था।
इन नहर? के अवशेष अब भी िमलते हy, हालाँ?क उनका xयादातर िहmसा िम?ी से भरा है। उनमv से कुछ का
आकार तो इतना बड़ा है ?क अगर उनमv पानी न हो, तो एक दजEन घोड़े एक साथ दौड़ सकते हy। आकार मv वे
कोलोरेडो और यूटा क? सबसे बड़ी नहर? से भी xयादा बड़ी हy।
घाटी क? भूिम को ?संिचत करने के अलावा बैिबलॉन के इंजीिनयर? ने एक और बड़ी योजना पूरी क?। एक
वृहद ?ेनेज िसmटम ?ारा उ`ह?ने यू?ेटस और ?टग?रस न?दय? के मुहान? क? दलदली ज़मीन के एक बड़े टुकड़े का
पानी िनकालकर उसे कृिष के उपयोग मv ले िलया।
यूनानी या?ी और इितहासकार हेरोडोटस ने बैिबलॉन क? या?ा उस समय क?, जब यहाँ क? सdयता िशखर
पर थी। हेरोडोटस ऐसे इकलौते बाहरी ?ि? हy, िजनके ?ारा िलखा गया बैिबलॉन का वणEन उपलcध है। उ`ह?ने
शहर का िच?ा\मक वणEन ?कया है और नाग?रक? क? कुछ असामा`य परंपरा? का उhलेख भी ?कया है। उ`ह?ने
यहाँ क? भूिम क? उhलेखनीय उपजाऊ Cमता का उhलेख ?कया है और इसके ?ारा उ\प? गे`ँ तथा जौ क? ?चुर
फ़सल का भी।
बैिबलॉन का वैभव धुँधला पड़ चुका है, परंतु इसका Dान अब भी सुरिCत है। इसके िलए हम उनके ?रकॉडE
रखने के तरीके के आभारी हy। उस ?ाचीन युग मv काग़ज़ का आिवlकार नहm _आ था। इसके बजाय वे गीली िम?ी
पर िलखते थे। पूरा िलख लेने के बाद िम?ी को आग मv पकाया जाता था, ता?क वह सrत हो जाए। आकार मv ये
मृदाप? 6 x 8 इंच के लगभग होते थे। उनक? मोटाई एक इंच होती थी।
िलखने मv इन मृदाप?? का उसी तरह से ?योग होता था, िजस तरह आज हम कागज़ का ?योग करते हy।
उन पर दंतकथाएँ, किवताएँ, इितहास, राजाDा, देश के कानून, जायदाद के दmतावेज़, ?ॉिमसरी नोट और यहाँ
तक ?क प? भी िलखे जाते थे, िज`हv संदेशवाहक दूसरे शहर? तक प_ँचाते थे। इन मृदाप?? से हमv इन लोग? के
अंतरंग और ?ि?गत मामल? क? जानकारी िमलती है। उदाहरण के िलए, एक मृदाप? मv एक दुकानदार का
?रकॉडE िमलता है। इसमv यह उhलेख है ?क एक िनि?त तारीख़ को एक ?ाहक एक गाय लेकर आया और उसके
बदले मv उसने सात बोरे गे`ँ िलए, िजनमv से तीन बोरे वह उसी समय ले गया और बाक़? चार बोरे वह बाद मv ले
जाएगा ।
शहर? के मलवे मv सुरिCत hप से दफ़न लाख? मृदाप? पुरात\विवद? को िमले हy।
बैिबलॉन का एक उhलेखनीय आ?यE शहर के चार? तरफ़ क? िवशाल दीवारv थm। ?ाचीन लोग उ`हv िम? के
िपरािमड? क? तरह ही “दुिनया के सात आ?य?” मv से एक मानते थे। महारानी सेिमरैिमकस को शहर क? पहली
दीवार बनवाने का ?ेय ?दया जाता है। आधुिनक खुदाई करने वाल? को मूल दीवार? का कोई अवशेष नहm िमला
है। उनक? ऊँचाई के बारे मv भी कोई जानकारी उपलcध नहm है। शुgआती लेखक? के वणEन के आधार पर यह
अनुमान लगाया जाता है ?क उनक? ऊँचाई पचास से साठ फ़ुट के बीच होगी, िजसमv बाहरी ओर जली _ई ईटv थm
और पानी क? गहरी खंदक बनाकर सुरCा का अित?र? ?बंध ?कया गया था।
बाद वाली मश`र दीवारv लगभग 600 ई.पू. मv स?ाट नाबोपोलैज़र ने बनवाना शुh क? थm। उसने इतने
बड़े पैमाने पर दीवार? के पुन?नEमाEण क? योजना बनाई थी ?क वह इसे अपने जीवनकाल मv पूरा नहm करवा
पाया। यह काम उसके पु? नेबूशैडनेज़र ने पूरा ?कया, िजसका नाम बाइबल के इितहास मv पाया जाता है।
इन बाद वाली दीवार? क? ऊँचाई और लंबाई अिव?सनीय थी। िव?सनीय सू?? के अनुसार वे एक सौ
साठ फ़ुट ऊँची थm, यानी ?कसी आधुिनक ऑ?फ़स क? पं?ह मंिज़ली इमारत बराबर ऊँची। इनक? कुल लंबाई नौ
से Oयारह मील के बीच होगी। दीवार? का ऊपरी िहmसा इतना चौड़ा था ?क छह घोड़? का रथ उस पर आसानी से

चल सकता था। इस िवराट तं? का ब_त कम अवशेष िमला है। िसफ़E नmव और खंदक बचे हy। ?कृित के क़हर के
अलावा अरबवािसय? ने इसक? ईटv िनकाल लm, ता?क उनका ?योग करके दूसरी जगह पर इमारत बना सकv। इस
तरह ये दीवारv अब पूरी तरह से न? हो चुक? हy।
बैिबलॉन क? दीवार? पर लगभग हर िवजेता क? सेना ने आ?मण ?कया। ब_त से राजा? ने बैिबलॉन क?
घेराबंदी क?, परंतु उ`हv हमेशा असफलता ही हाथ लगी। उस समय क? आ?मणकारी सेना को हमv कम नहm
आँकना चािहए। इितहासकार बताते हy ?क उसमv आम तौर पर 10,000 घुड़सवार, 25,000 रथ, पैदल सैिनक? क?
1,200 रेिजमvट होती थm, िजनमv से हर रेिजमvट मv 1,000 सैिनक होते थे। अMसर यु? के सामान और राmते मv
सेना के भोजन क? ?वmथा करने मv दो–तीन साल क? तैयारी क? ज़hरत पड़ती थी।
बैिबलॉन का शहर ?कसी आधुिनक शहर क? तरह ?विmथत था। यहाँ पर सड़कv और दुकानv थm। फेरी वाले
अपना सामान ?रहाइशी इलाक़? मv बेचा करते थे। पुजारी भ? मं?दर? मv पूजा–अचEना करते थे। शहर के भीतर
शाही महल? के िलए एक आंत?रक परकोटा था, िजसक? दीवारv शहर क? दीवार? से भी xयादा ऊँची थm।
बैिबलॉन के िनवासी कला? मv िनपुण थे। इनमv mथाप\य कला, िच?कला, बुनाई, सोने का काम और धातु
के हिथयार? तथा कृिष उपकरण? का िनमाEण ?मुख थे। उनके आभूषण–िनमाEता? के बनाए अिधकांश आभूषण
कला\मक थे। आभूषण? के कुछ नमूने बैिबलॉन के अमीर नाग?रक? क? क़?? मv से िमले हy और संसार के शीषEmथ
सं?हालय? मv देखने के िलए रखे गए हy।
जब बाक़? क? दुिनया प\थर क? न?क वाली कुhहािड़य? से पेड़ काट रही थी, या प\थर क? न?क वाले भाल?
से िशकार कर रही थी और तीर? से लड़ रही थी, तब बैिबलॉन के िनवासी धातु क? कुhहािड़य?, भाल? और तीर?
का ?योग कर रहे थे।
बैिबलॉन के लोग चतुर फ़ाईनyसर और ?ापारी थे। उपलcध ?माण? के आधार पर वे धन के मूल
आिवlकारक थे और इसका आदान–?दान करते थे। इसके अलावा वे ?ॉिमसरी नोWस और जायदाद के िलिखत
टाइटhस के भी आिवlकारक थे।
बैिबलॉन मv श?ु सेनाएँ 540 वषE ई.पू. तक कभी ?वेश नहm कर पा?। जब श?ु सेना? ने नगर मv ?वेश
?कया, तब भी वे दीवार? को नहm जीत पाई। बैिबलॉन के पतन क? कहानी ब_त असामा`य है। उस समय के
महान िवजेता साइरस ने बैिबलॉन पर हमला करने क? योजना बनाई। वह इसक? अजेय दीवार? को जीतना
चाहता था। बैिबलॉन के स?ाट नैबोिनडस के सलाहकार? ने उसे सलाह दी ?क वह शहर क? घेराबंदी होने का
इंतज़ार न करे, बिhक शहर से बाहर िनकलकर साइरस का मुक़ाबला करे। इस यु? मv बैिबलॉन क? सेना परािजत
हो गई और शहर छोड़कर भाग गई। इसके बाद साइरस शहर के खुले ?ार से घुसकर बैिबलॉन मv दािख़ल _आ
और उसने िबना ?कसी ?ितरोध के शहर पर क़cज़ा कर िलया।
इसके बाद शहर क? शि? और ?ित?ा धीरे–धीरे कम हो गई, जब तक ?क कई स?दय? मv यह शहर पूरी
तरह वीरान नहm हो गया। इसे हवा? और तूफ़ान? के िलए छोड़ ?दया गया, ता?क वे एक बार ?फर इसे
रेिगmतानी िम?ी से ढँक दे, िजससे यह मूलतः बना था। बैिबलॉन िम?ी मv िमल चुका है। अब इसका पुनg\थान
कभी नहm हो सकता, परंतु सdयता इसक? ब_त ऋणी है।
समय ने इसके मं?दर? क? गवnली दीवार? को िम?ी मv िमला ?दया है, परंतु बैिबलॉन का Dान आज भी
क़ायम है।

जॉजE सैeयुअल Mलासन का ज`म लूिसयाना, िमसूरी मv नवंबर 1874 मv _आ । उ`ह?ने ने?ाmका यूिनव?सEटी मv
िशCा ली और mपेिनश–अमे?रकन यु? के दौरान अमे?रक? सेना मv काम ?कया। वे एक सफल ?वसायी थे और
उ`ह?ने डेनवर, कोलोरेडो मv Mलासन मैप कंपनी शुh क?, िजसने अमे?रका तथा कनाडा का पहला रोड एटलस
?कािशत ?कया। 1926 मv उ`ह?ने बचत और आ?थEक सफलता क? पहली कहानी िलखी, िजसके पा? ?ाचीन
बैिबलॉन के थे। इन कहािनय? को बyक? तथा बीमा कंपिनय? ने बड़ी संNया मv अपने ?ाहक? मv बाँटा। लाख? लोग?
ने इन कहािनय? को पढ़ा और इनसे लाभ उठाया। इन कहािनय? मv सबसे ?िस? कहानी “बैिबलॉन का सबसे
अमीर आदमी” है, जो इस पुmतक का शीषEक है। बैिबलॉन क? ये कहािनयाँ आधुिनक युग क? ?ेरक Mलािसक का
दजाE पा चुक? हy।