bhasa kaushal ppt describing its definition and its types with appropriate diagrams and figures.
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Size: 17.1 MB
Language: none
Added: Aug 10, 2022
Slides: 18 pages
Slide Content
ASSIGNMENT हिंदी का शिक्षण शास्त्र-2 ( प्राथमिक स्तर ) " भाषा कौशल "
पठन कौशल साधारण अर्थ में पठन कौशल से तात्पर्य है कि लिखित भाषा को पढ़ना। भाषा कौशल में पठन कौशल का अर्थ है लिखी हुई भाषा को उच्चारित करना तथा भाग को ग्रहण करना। भाषा शिक्षण में पठन कौशल पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है। पठन ज्ञान प्राप्त करने का सबसे आसान एवं सरल तरीका है। • पठन कौशल का महत्व यह विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक है छात्र शुद्ध उच्चारण सीख सकते हैं। शब्द भंडार में वृद्धि करने में सहायक होता है। व्याकरणिक ज्ञान में वृद्धि करने में सहायक। महान व्यक्तियों की जीवनी एवं आत्मकथा ए पढ़कर उनके आदर्श गुणों का आत्मसात कर सकता है। नवीन पुस्तकों को बहकर नवीन जानकारी प्राप्त कर सकता है। पढ़कर समय का सदुपयोग कर सकता है। •
पठन कौशल के उद्देश्य बालकों को सही स्वार्थ तथा भाव के अनुसार पढ़ाना सिखाना तथा भाव को ग्रहण करना चाहिए। शुद्ध पठन सिखाना। पठान के द्वारा छात्र विराम चिन्ह, अर्धविराम आदि चिन्हों का प्रयोग समाज जाता है। पठन से स्वाध्याय की प्रवृत्ति जागृत करना। सही उच्चारण,, ध्वनि, उचित बल आदि पठन से छात्र सीख जाता है। पठन से शब्द भंडार में वृद्धि होती है।
लेखन कौशल मौसखक रूप के ऄन्तगथत भाषा का ध्वन्यात्मक रूप एवं भावों की मौसखक ऄसभव्यसक्त है। जब आन ध्वसनयों को प्रतीकों के रूप में व्यक्त दकया जाता है और आन्हें सलसपबऊ करके स्थासयत्व प्रदान करते हैं, तो वह भाषा का सलसखत रूप कहलाता है। भाषा के आस प्रतीक रूप की सशक्षा, प्रतीकों को पहचान कर ईन्हें बनाने की दिया ऄथवाध्वसन को सलसपबद्ध करना सलखना है। • लेखन कौशल का महत्व •लेखन कौशल (राइटिंग स्किल) जीवन के हर क्षेत्र में काम आता है। •लिखने से-मानसिक स्मृति क्षमता शॉर्प होती है •लिखना यह एक व्ययाम है •इस लेखन कौशल सीखने की क्षमता में वृद्धि, •इस लेखन कौशल से लॉजिकलथिकिंग बढ़ती है •लेखन कौशल से रचनात्मकता बढ़ती है, खास कर लिखने से शांति, ख़ुशी मिलती है।
•एक शोध के अनुसार लिखने की प्रक्रिया से मस्तिष्क में बेहतर तरीके से चीजें छप जाती-जाती है। •अपनी समस्याओं को पेपर पर लिखने से प्रतिरक्षा प्रणाली मज़बूत होती है साथ ही साथ शरीर के ज़ख़्म भी बहुत तेजी से भरते हैं और जो व्यक्ति लिखते नहीं हैं वह तनाव एवं चिंता से ग्रस्त होते हैं। लेखन कौशल के उद्देश्य •वर्णों को ठीक-ठीक लिखना सीखना। •सुन्दर लेख का अभ्यास करना। •शुद्ध अक्षर विन्यास का ज्ञान कराना। •वाक्य रचना के नियमों से परिचित होना। •विचार तार्किक क्रम में प्रस्तुत करना। •अनुभवों का लेखन करना। •लिपि, शब्द, मुहावरों का ज्ञान होना। •वाक्य रचना, शुद्ध वर्तनी, विराम चिन्हों का प्रयोग सिखाना। •छात्रों को सृजनात्मक शक्ति और मौलिक रचना करने में निपुण बनाना।