हिन्दी कहानी : गिरने का डर हिन्दी में by Kahanizoen
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Apr 30, 2025
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किसी मैदान में कई सारे बच्चे फुटबाल खेल रहे थे। उसी मैदान के पास रोहित बैठकर वह खेल देख रहा था। वह भी फुटबाल खेलना च�...
किसी मैदान में कई सारे बच्चे फुटबाल खेल रहे थे। उसी मैदान के पास रोहित बैठकर वह खेल देख रहा था। वह भी फुटबाल खेलना चाहता था। लेकिन, वह बहुत डरा हुआ था।
वह सोच रहा था कि अगर वह गिर गया तो उसे चोट लग जाएगी। जिसके कारण वह खेल में हिस्सा नहीं लेना चाहता था। वह और बच्चों को गिर कर गोल करते देखता, तो वह अपनी आँखें बंद कर लेता। उसे ऐसा लगता मानो उसे चोट लग गई।
उसे ऐसा करते देख कोच उसके पास आए और उसे समझा-बुझा कर फुटबाल खेलने के लिए राजी कर लिया। वह अपने पहले दिन के खेल को डर-डर कर खेल रहा था।
धीरे-धीरे उसके खेल में निखार आता चला गया और उसका डर भी दिमाग से निकल गया। अब रोहित को इस खेल में मजा भी आने लगा था। इस तरह से आगे चलकर एक दिन वह बहुत बड़ा फुटबाल खिलाड़ी बना।
नैतिक सीख:
डटकर सामना करने वाला इंसान एक दिन अपना नाम रोशन करता हैं।
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Added: Apr 30, 2025
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Slide Content
हिन्दी किानी: हिरने का डर
हकसी मैदान में कई सारे बच्चे फु टबाल खेल रिे थे। उसी मैदान के पास रोहित
बैठकर वि खेल देख रिा था। वि भी फु टबाल खेलना चािता था। लेहकन, वि
बहुत डरा हुआ था।
वि सोच रिा था हक अिर वि हिर िया तो उसे चोट लि जाएिी। जजसके
कारण वि खेल में हिस्सा निीं लेना चािता था। वि और बच्चों को हिर कर
िोल करते देखता, तो वि अपनी आँखें बंद कर लेता। उसे ऐसा लिता मानो
उसे चोट लि िई।
उसे ऐसा करते देख कोच उसके पास आए और उसे समझा-बुझा कर फु टबाल
खेलने के ललए राजी कर ललया। वि अपने पिले ददन के खेल को डर-डर कर
खेल रिा था।
धीरे-धीरे उसके खेल में हनखार आता चला िया और उसका डर भी ददमाि से
हनकल िया। अब रोहित को इस खेल में मजा भी आने लिा था। इस तरि से
आिे चलकर एक ददन वि बहुत बड़ा फु टबाल खखलाड़ी बना।
डटकर सामना करने वाला इंसान एक ददन अपना नाम रोशन करता िैं।