एक बार की बात हैं जंगल के राजा शेर सिंह की अचानक मृत्यु हो गई। जिसके कारण जंगल के जानवरों ने एक नए राजा का चुनाव करना ...
एक बार की बात हैं जंगल के राजा शेर सिंह की अचानक मृत्यु हो गई। जिसके कारण जंगल के जानवरों ने एक नए राजा का चुनाव करना चाहा। एक दिन जंगल में सभी जानवर एकत्र हुए। सभी जानवरों ने अपने-अपने मत प्रकट किए। अधिकतर जानवरों ने बंदर को जंगल का राजा चुनने के लिए अपना प्रस्ताव प्रकट किया। जानवरों ने कहा सबसे पहले बंदर अपनी कला से जंगल के सभी जानवरों का मन मोहित करें।
बंदर ने जानवरों को रिझाने के लिए तरह-तरह के नृत्य सबके सामने पेश किया। जिससे जंगल के सभी जानवर प्रसन्न हुए तथा बंदर की खूब सराहना की। इस प्रकार से बंदर को जंगल का नया राजा घोषित किया गया। लेकिन उन्ही जानवरों में लोमड़ी ने अपना मत बंदर के पक्ष में नहीं दिया। वह बंदर को राजा बनाए जाने के कारण नाखुश थी।
एक दिन एक शिकारी ने किसी पेड़ में जाल के अंदर केले बांध दिए। जिसे देखकर लोमड़ी भागकर बंदर के पास जाती हैं। बंदर से कहती हैं- महाराज की जय हो! आपके राज्य में मैंने आम के पेड़ पर केला लगा हुआ देखा। जब से आप इस जंगल के राजा बने हो चमत्कार पे चमत्कार हो रहे हैं। बंदर अभिमान से भर गया। उसने सोचा कि वह बहुत बुद्धिमान हैं। जिसकी वजह से लोग उसकी जय जयकार कर रहे हैं।
बंदर गुरूर के साथ आम के पेड़ पर लगे केले को देखने के लिए जाता हैं। वहाँ पहुँचकर बिना सोचे समझे केले को लेने के लिए पेड़ पर चढ़ता है। जिसके कारण वह जाल में फँस जाता हैं। जिसे देखकर लोमड़ी बहुत खुश होती हैं। वह बंदर से कहती हैं- “आप दिखावे के चक्कर में अपने आप की अहमियत भूल चुके हो।”
नैतिक सीख:
वास्तविकता दिखावे से नहीं बल्कि उसके मन, कर्म और वचन से पता चलती हैं।
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Added: Apr 28, 2025
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Slide Content
हिन्दी किानी: चील और मुर्ाा
एक बार की बात िैं जंर्ल के राजा शेर ससिंि की अचानक मृत्यु िो र्ई। जजसके
कारण जंर्ल के जानवरों ने एक नए राजा का चुनाव करना चािा। एक ददन जंर्ल में
सभी जानवर एकत्र हुए। सभी जानवरों ने अपने-अपने मत प्रकट हकए। अधिकतर
जानवरों ने बंदर को जंर्ल का राजा चुनने के ललए अपना प्रस्ताव प्रकट हकया।
जानवरों ने किा सबसे पिले बंदर अपनी कला से जंर्ल के सभी जानवरों का मन
मोहित करें।
बंदर ने जानवरों को ररझाने के ललए तरि-तरि के नृत्य सबके सामने पेश हकया।
जजससे जंर्ल के सभी जानवर प्रसन्न हुए तथा बंदर की खूब सरािना की। इस प्रकार
से बंदर को जंर्ल का नया राजा घोहित हकया र्या। लेहकन उन्िी जानवरों में लोमड़ी
ने अपना मत बंदर के पक्ष में निीं ददया। वि बंदर को राजा बनाए जाने के कारण
नाखुश थी।
एक ददन एक लशकारी ने हकसी पेड़ में जाल के अंदर के ले बांि ददए। जजसे देखकर
लोमड़ी भार्कर बंदर के पास जाती िैं। बंदर से किती िैं- मिाराज की जय िो!
आपके राज्य में मैंने आम के पेड़ पर के ला लर्ा हुआ देखा। जब से आप इस जंर्ल
के राजा बने िो चमत्कार पे चमत्कार िो रिे िैं। बंदर अभभमान से भर र्या। उसने
सोचा हक वि बहुत बुजिमान िैं। जजसकी वजि से लोर् उसकी जय जयकार कर रिे
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बंदर र्ुरूर के साथ आम के पेड़ पर लर्े के ले को देखने के ललए जाता िैं। विााँ
पहुाँचकर हबना सोचे समझे के ले को लेने के ललए पेड़ पर चढ़ता िै। जजसके कारण
वि जाल में फाँ स जाता िैं। जजसे देखकर लोमड़ी बहुत खुश िोती िैं। वि बंदर से
किती िैं- “आप ददखावे के चक्कर में अपने आप की अिधमयत भूल चुके िो।”
वास्तहवकता ददखावे से निीं बल्कक उसके मन, कमा और वचन से पता चलती िैं।