एक किसान था जो गाजर को बेचकर अपना जीवन यापन करता था। एक दिन उसके खेत में एक चतुर खरगोश आया जो किसान से मीठी-मीठी बाते�...
एक किसान था जो गाजर को बेचकर अपना जीवन यापन करता था। एक दिन उसके खेत में एक चतुर खरगोश आया जो किसान से मीठी-मीठी बातें करने लगा। धीरे-धीरे खरगोश ने किसान से दोस्ती कर ली। एक दिन खरगोश ने जंगल में अपने और सथियों से बताया की उसका एक दोस्त हैं, जो उसे खाने के लिए गाजर देता हैं।
खरगोश के सभी साथी उस दोस्त से मिलने की इच्छा जताते हैं। खरगोश ने एक प्लान बनाया तुम लोग झाड़ी के पीछे छिप कर बस मुझे देखना आज मैं किसान को कैसे मूर्ख बनाता हूँ? अगली सुबह खरगोश किसान के खेत में पहुँचा। उसने किसान से कहा क्या आपको पता हैं कि बगल वाले खेत के मालिक गाजर के बजाए बाजार में गाजर का हलवा बेचते हैं, जिससे उनकी कमाई आप से दुगुनी हैं।
किसान ने खरगोश से कहा हमारे पास गाजर तो हैं पर हमें हलवा बनाना नहीं आता। खरगोश ने कहा गाजर का हलवा बनाने में मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। किसान ने पूछा- कैसे आप कर सकते हो? खरगोश बोला, यह सभी गाजर आप जंगल में रख दो, मैं अपने जंगल के राजा से बोलकर आपका हलवा बनवा दूंगा। आप कल आकर हलुआ ले जाना, किसान मान गया।
उस रात जंगल के सभी खरगोशों ने मिलकर पार्टी की और सारे गाजर खा गये। अगले दिन जब किसान आया, न तो गाजर मिला न ही खरगोश। किसान समझ गया, मैं मूर्ख बन गया।
नैतिक सीख:
किसी अंजान व्यक्ति पर आँख बंद करके विश्वास करना खतरे से खाली नहीं होता।
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Language: none
Added: Apr 24, 2025
Slides: 1 pages
Slide Content
हिन्दी किानी: हकसान और खरगोश
एक हकसान था जो गाजर को बेचकर अपना जीवन यापन करता था। एक ददन
उसके खेत में एक चतुर खरगोश आया जो हकसान से मीठी-मीठी बातें करने
लगा। धीरे-धीरे खरगोश ने हकसान से दोस्ती कर ली। एक ददन खरगोश ने
जंगल में अपने और सथथयों से बताया की उसका एक दोस्त िैं, जो उसे खाने
के थलए गाजर देता िैं।
खरगोश के सभी साथी उस दोस्त से ममलने की इच्छा जताते िैं। खरगोश ने
एक प्लान बनाया तुम लोग झाडी के पीछे थछप कर बस मुझे देखना आज मैं
हकसान को कै से मूखख बनाता हूँ? अगली सुबि खरगोश हकसान के खेत में
पहूँचा। उसने हकसान से किा क्या आपको पता िैं हक बगल वाले खेत के
माथलक गाजर के बजाए बाजार में गाजर का िलवा बेचते िैं, जजससे उनकी
कमाई आप से दुगुनी िैं।
हकसान ने खरगोश से किा िमारे पास गाजर तो िैं पर िमें िलवा बनाना निीं
आता। खरगोश ने किा गाजर का िलवा बनाने में मैं आपकी मदद कर सकता
हूँ। हकसान ने पूछा- कै से आप कर सकते िो? खरगोश बोला, यि सभी गाजर
आप जंगल में रख दो, मैं अपने जंगल के राजा से बोलकर आपका िलवा
बनवा दंगा। आप कल आकर िलुआ ले जाना, हकसान मान गया।
उस रात जंगल के सभी खरगोशों ने ममलकर पार्टी की और सारे गाजर खा
गये। अगले ददन जब हकसान आया, न तो गाजर ममला न िी खरगोश। हकसान
समझ गया, मैं मूखख बन गया।
हकसी अंजान व्यथि पर आूँख बंद करके हवश्वास करना खतरे से खाली निीं
िोता।
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