हिंदी कहानियां प्रेरणादायक : शरारती मेंढ़क और चींटी की कहानी by Kahanizone
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Apr 23, 2025
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एक बार की बात हैं, एक चींटी और तितली के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों साथ-साथ खेलते और एक दूसरे के सुख-दुख में सहायता...
एक बार की बात हैं, एक चींटी और तितली के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी। दोनों साथ-साथ खेलते और एक दूसरे के सुख-दुख में सहायता करते थे। एक बार तितली और चींटी कहीं घूमने गए।
वहाँ से वापस आते समय उन दोनों को नदी में एक टापू दिखाई दिया जहाँ पर बहुत अच्छे-अच्छे फल और फूल-पत्ते लगे थे। तितली ने चींटी से बोला,”मैं तो वहाँ तक घूम कर आती हूँ। क्या आप भी उस टापू पर घूमने चलोगी” चींटी तितली के ऊपर बैठ कर टापू पर पहुँच गई।
उसी टापू पर एक लालची मेंढक रहता था। वह तितली को पकड़ कर खा गया। अब चींटी टापू के उस पार कैसे जाए सोचकर रोने लगी। लालची मेढक ने बोला चलो मै तुम्हें उस पार छोड़ आता हूँ। मेढक ने अपनी पीठ पर चींटी को बैठाया और नदी में तैरते हुए चल दिया।
बीच नदी में पहुंचने पर मेंढक को शरारत सूझी और बोला,”मुझसे अब और नहीं चला जाता”। तुम बहुत भारी हो, तुम अब यही उतार जाओ और शरारती मेढक ने चींटी को पानी में गिरा कर नदी में मस्ती करने लगा। चींटी नदी में बहते-बहते किसी तरह से पत्ते के सहारे किनारे लगी।
कहानी से सीख:
आपको कभी किसी के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। बल्कि उसके साथ किए वादे को हर हाल में पूरा करना चाहिए।
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Added: Apr 23, 2025
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Slide Content
शरारती मेंढक और चींटी की कहानी
एक बार की बात हैं, एक चींटी और तततली के बीच बहुत गहरी दोस्ती थी।
दोनों साथ-साथ खेलते और एक �सरे के सुख-�ख में सहायता करते थे। एक
बार तततली और चींटी कहीं घूमने गए।
वहााँ से वापस आते समय उन दोनों को नदी में एक टापू ददखाई ददया जहााँ पर
बहुत अच्छे-अच्छे फल और फू ल-पत्ते लगे थे। तततली ने चींटी से बोला,”मैं तो
वहााँ तक घूम कर आती हाँ। क्या आप भी उस टापू पर घूमने चलोगी” चींटी
तततली के ऊपर बैठ कर टापू पर पहुाँच गई।
उसी टापू पर एक लालची मेंढक रहता था। वह तततली को पकड़ कर खा गया।
अब चींटी टापू के उस पार कै से जाए सोचकर रोने लगी। लालची मेढक ने
बोला चलो मै तुम्हें उस पार छोड़ आता हाँ। मेढक ने अपनी पीठ पर चींटी को
बैठाया और नदी में तैरते हुए चल ददया।
बीच नदी में पहुुंचने पर मेंढक को शरारत सूझी और बोला,”मुझसे अब और
नहीं चला जाता”। तुम बहुत भारी हो, तुम अब यही उतार जाओ और शरारती
मेढक ने चींटी को पानी में तगरा कर नदी में मस्ती करने लगा। चींटी नदी में
बहते-बहते तकसी तरह से पत्ते के सहारे तकनारे लगी।
आपको कभी तकसी के साथ धोखा नहीं करना चातहए। बल्कक उसके साथ
तकए वादे को हर हाल में पूरा करना चातहए।
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