रमेश के घर पर उसके तीन दोस्त आए हुए थे। सभी दोस्त बहुत समय बाद इकठ्ठा हुए थे। उस दिन मौसम बहुत सुहाना था। आसमान में क�...
रमेश के घर पर उसके तीन दोस्त आए हुए थे। सभी दोस्त बहुत समय बाद इकठ्ठा हुए थे। उस दिन मौसम बहुत सुहाना था। आसमान में काले-काले बदल उमड़ रहे थे। बारिश का मौसम बन चुका था। रमेश की मम्मी ने घर के आँगन में कुर्सी और मेज लगाकर उसके दोस्तों को गरमा-गरम चाय और पकौड़े तल कर दिए जा रही थी। उसके दोस्त आपस में गप्पे मारे जा रहे थे।
तभी रमेश के पापा आफिस से घर आ गए। रमेश और उनके दोस्तों की जुगलबंदी देख कुर्सी लेकर उनके दोस्तों के पास बैठ गए। कुछ समय बाद तेज मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। रमेश के पापा ने एक टेबल पर चम्मच, कप, गिलास और बाल्टी रखते हुए। रमेश और उनके दोस्तों से कहा- ”आप चारों लोग एक-एक बर्तन को उठा कर उसमें पानी भरकर ले आओ।”
सभी बर्तन को उठाकर पानी भरने चले गए। सबसे पहले चम्मच में पानी भर गया फिर कप, गिलास और आखिर में बाल्टी में पानी भरा। रमेश के पापा चारों दोस्तों को समझाते हुए कहते हैं। बारिश सबके लिए बराबर हो रही थी। किसी ने चम्मच में पानी भरा तो किसी ने बाल्टी में पानी भरा।
ठीक इसी प्रकार इस दुनिया में कुछ करने के लिए मौके सब के पास हैं। उस मौके का लाभ कौन कितना और किस तरीके से उठता हैं। अगर आप लोग कुछ बड़ा करना चाहते हो तो सब्र रखना सीखो कड़ी मेहनत करो। क्योंकि, बड़ी बाल्टी भरने में समय लगता हैं।
कहानी से सीख:
बड़ी सफलता मिलने में समय लगता हैं। जोकि लंबे समय तक लाभ देता हैं।
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Added: May 02, 2025
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Slide Content
चार दोस्तों की कहानी
रमेश के घर पर उसके तीन दोस्त आए हुए थे। सभी दोस्त बहुत समय बाद
इकठ्ठा हुए थे। उस ददन मौसम बहुत सुहाना था। आसमान में काले-काले बदल
उमड़ रहे थे। बाररश का मौसम बन चुका था। रमेश की मम्मी ने घर के आँगन
में कु सी और मेज लगाकर उसके दोस्तों को गरमा-गरम चाय और पकौड़े तल
कर ददए जा रही थी। उसके दोस्त आपस में गप्पे मारे जा रहे थे।
तभी रमेश के पापा आफिस से घर आ गए। रमेश और उनके दोस्तों की
जुगलबंदी देख कु सी लेकर उनके दोस्तों के पास बैठ गए। कु छ समय बाद तेज
मूसलाधार बाररश शुरू हो गई। रमेश के पापा ने एक टेबल पर चम्मच, कप,
फगलास और बाल्टी रखते हुए। रमेश और उनके दोस्तों से कहा- ”आप चारों
लोग एक-एक बततन को उठा कर उसमें पानी भरकर ले आओ।”
सभी बततन को उठाकर पानी भरने चले गए। सबसे पहले चम्मच में पानी भर
गया फिर कप, फगलास और आखखर में बाल्टी में पानी भरा। रमेश के पापा
चारों दोस्तों को समझाते हुए कहते हैं। बाररश सबके ललए बराबर हो रही थी।
फकसी ने चम्मच में पानी भरा तो फकसी ने बाल्टी में पानी भरा।
ठीक इसी प्रकार इस दुफनया में कु छ करने के ललए मौके सब के पास हैं। उस
मौके का लाभ कौन फकतना और फकस तरीके से उठता हैं। अगर आप लोग
कु छ बड़ा करना चाहते हो तो सब्र रखना सीखो कड़ी मेहनत करो। क्योंफक,
बड़ी बाल्टी भरने में समय लगता हैं।
कहानी से सीख:
बड़ी सिलता ममलने में समय लगता हैं। जोफक लंबे समय तक लाभ देता हैं।
@kahanizone.com
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