चार दोस्तों की कहानी हिन्दी में by Kahanizone

kahanizoneinfo 194 views 1 slides May 02, 2025
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रमेश के घर पर उसके तीन दोस्त आए हुए थे। सभी दोस्त बहुत समय बाद इकठ्ठा हुए थे। उस दिन मौसम बहुत सुहाना था। आसमान में क�...


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चार दोस्तों की कहानी
रमेश के घर पर उसके तीन दोस्त आए हुए थे। सभी दोस्त बहुत समय बाद
इकठ्ठा हुए थे। उस ददन मौसम बहुत सुहाना था। आसमान में काले-काले बदल
उमड़ रहे थे। बाररश का मौसम बन चुका था। रमेश की मम्मी ने घर के आँगन
में कु सी और मेज लगाकर उसके दोस्तों को गरमा-गरम चाय और पकौड़े तल
कर ददए जा रही थी। उसके दोस्त आपस में गप्पे मारे जा रहे थे।

तभी रमेश के पापा आफिस से घर आ गए। रमेश और उनके दोस्तों की
जुगलबंदी देख कु सी लेकर उनके दोस्तों के पास बैठ गए। कु छ समय बाद तेज
मूसलाधार बाररश शुरू हो गई। रमेश के पापा ने एक टेबल पर चम्मच, कप,
फगलास और बाल्टी रखते हुए। रमेश और उनके दोस्तों से कहा- ”आप चारों
लोग एक-एक बततन को उठा कर उसमें पानी भरकर ले आओ।”

सभी बततन को उठाकर पानी भरने चले गए। सबसे पहले चम्मच में पानी भर
गया फिर कप, फगलास और आखखर में बाल्टी में पानी भरा। रमेश के पापा
चारों दोस्तों को समझाते हुए कहते हैं। बाररश सबके ललए बराबर हो रही थी।
फकसी ने चम्मच में पानी भरा तो फकसी ने बाल्टी में पानी भरा।

ठीक इसी प्रकार इस दुफनया में कु छ करने के ललए मौके सब के पास हैं। उस
मौके का लाभ कौन फकतना और फकस तरीके से उठता हैं। अगर आप लोग
कु छ बड़ा करना चाहते हो तो सब्र रखना सीखो कड़ी मेहनत करो। क्योंफक,
बड़ी बाल्टी भरने में समय लगता हैं।

कहानी से सीख:
बड़ी सिलता ममलने में समय लगता हैं। जोफक लंबे समय तक लाभ देता हैं।
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