दो यात्री और भालू की कहानी हिन्दी में by Kahanizone
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May 01, 2025
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रामू और श्यामू में घनिष्ट मित्रता थी। दोनों कही भी एक साथ आते-जाते थे। रामू थोड़ा डरपोक किस्म का लड़का था। जबकि, श्याम...
रामू और श्यामू में घनिष्ट मित्रता थी। दोनों कही भी एक साथ आते-जाते थे। रामू थोड़ा डरपोक किस्म का लड़का था। जबकि, श्यामू बुद्धिमान तथा तुरंत फैसला लेने वाला लड़का था। फिर भी दोनों में अच्छी दोस्ती थी। एक दिन रामू और श्यामू स्कूल से वापस अपने घर को जा रहे थे। बीच रास्ते में अचानक उन्हें सामने से एक भालू आता दिखाई दिया।
भालू को देख रामू झट से एक पेड़ पर चढ़ गया। श्यामू को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। श्यामू के दिमाग में तुरंत ख्याल आया कि भालू मरे हुए व्यक्ति को नहीं खाता। श्यामू ने अपनी साँसे रोककर जमीन पर लेट गया। भालू श्यामू के पास आया और उसके कानों को सूंघा उसे मरा समझ वह आगे निकाल गया। रामू पेड़ पर बैठा यह सब देख रहा था।
भालू के जाने के बाद रामू ने श्यामू से पूछा, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा? “श्यामू ने उसे जबाब दिया कि “भालू ने कहा मुश्किल घड़ी में अकेला छोड़ने वाले स्वार्थी व्यक्ति का साथ नहीं करना चाहिए।” रामू को अपने आप पर शर्मिंदगी महसूस हुई।
कहानी से सीख:
सुख-दुख में साथ देने वाला व्यक्ति ही सच्चा दोस्त होता हैं।
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Added: May 01, 2025
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Slide Content
दो यात्री और भालूकी कहानी
रामू और श्यामू में घननष्ट ममत्रता थी। दोनों कही भी एक साथ आते-जाते थे।
रामू थोड़ा डरपोक नकस्म का लड़का था। जबनक, श्यामू बुद्धिमान तथा तुरंत
फै सला लेने वाला लड़का था। नफर भी दोनों में अच्छी दोस्ती थी। एक ददन
रामू और श्यामू स्कू ल से वापस अपने घर को जा रहे थे। बीच रास्ते में
अचानक उन्हें सामने से एक भालू आता ददखाई ददया।
भालू को देख रामू झट से एक पेड़ पर चढ़ गया। श्यामू को पेड़ पर चढ़ना नहीं
आता था। श्यामू के ददमाग में तुरंत ख्याल आया नक भालू मरे हुए व्यक्ति को
नहीं खाता। श्यामू ने अपनी सााँसे रोककर जमीन पर लेट गया। भालू श्यामू के
पास आया और उसके कानों को सूंघा उसे मरा समझ वह आगे ननकाल गया।
रामू पेड़ पर बैठा यह सब देख रहा था।
भालू के जाने के बाद रामू ने श्यामू से पूछा, भालू ने तुम्हारे कान में क्या कहा?
“श्यामू ने उसे जबाब ददया नक “भालू ने कहा मुश्श्कल घड़ी में अके ला छोड़ने
वाले स्वाथी व्यक्ति का साथ नहीं करना चानहए।” रामू को अपने आप पर
शर्मिंदगी महसूस हुई।
सुख-दुख में साथ देने वाला व्यक्ति ही सच्चा दोस्त होता हैं।
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