Computer basic Course Hindi Notes

SirajRock 2,337 views 16 slides Nov 14, 2013
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SirajRock


Slide Content

1. कम्पयूटर से पररचय
कम्पयूटर से पररचय
सम्पूर्ण विश्ि मे शायद ही कोई इंसान बचा होगा जो इस शब्द से अभी तक अनजान होगा.
कम््यूटर एक इलैक्ट्रोननक डििाइस है । जो इनपुट के माध्यम से आंकिो को ग्रहर् करता है उन्हे प्रोसेस करता है एिं
सूचनाओ को ननर्ाणररत स्थान पर स्टोर करता है ! कम्पयूटर एक क्रमादेश्य मशीन है । कम्पयूटर की ननम्नललखित
विशेषताएँ है ।
1)कम्पयूटर विलशष्ठ ननदेशो को सुपररभावषत ढंग से प्रनतिाधर्त करता है ।
2)यह पहले संधचत ननदेशो को क्रक्रयान्न्ित करता है ।
ितणमान के कम्पयूटर इलेक्ट्राननक और डिन्जटल है । इनमे मुख्य �प से तार रांन्जस्टर एिं सक्रकण ट का उपयोग क्रकया
जाता है । न्जसे हािणिेयर कहा जाता है । ननदेश एिं िेटा को साफ्टिेयर कहा जाता है । कम््यूटर अपने काम-काज,
प्रयोजन या उद्देश्य तथा �प-आकार के आर्ार पर विलभन्न प्रकार के होते हैं। िस्तुतः इनका सीर्े-सीर्े अथाणत
प्रत्यक्षतः (Direct) िगीकरर् करना कठठन है, इसललए इन्हें हम ननम्नललखित तीन आर्ारों पर िगीकृत करते हैं :
1. अनुप्रयोग (Application )
2. उद्देश्य (Purpose )
3. आकार (Size)
1. अनुप्रयोग के आर्ार पर कम््यूटरों के प्रकार
.यद्यवप कम््यूटर के अनेक अनुप्रयोग हैं न्जनमे से तीन अनुप्रयोगों के आर्ार पर कम््यूटरों के तीन प्रकार होते हैं :
(a) एनालॉग कम््यूटर
(b ) डिन्जटल कम््यूटर
(c) हाईब्रिि कम््यूटर

2. उद्देश्य के आर्ार पर कम््यूटरों के प्रकार
कम््यूटर को दो उद्देश्यों के ललए हम स्थावपत कर सकते हैं- सामान्य और विलशष्ट , इस प्रकार कम््यूटर उद्देश्य के
आर्ार पर ननम्न दो प्रकार के होते हैं :

(a ) सामान्य-उद्देशीय कम््यूटर
(b ) विलशष्ट -उद्देशीय कम््यूटर

3. आकार के आर्ार पर कम््यूटरों के प्रकार
आकार के आर्ार पर हम कम््यूटरों को ननम्न श्रेखर्याँ प्रदान कर सकते हैं –
1. माइक्रो कम््यूटर
2. िकण स्टेशन
3. लमनी कम््यूटर
4. मेनफ्रे म कम््यूटर
5. सुपर कम््यूटर

3. पससनल कम््यूटर
पसणनल कम््यूटर
पसणनल कम््यूटर माइक्रो कम््यूटर समानाथणक से जाने िाले िैसे कम््यूटर प्रर्ाली है जो विशेष �प से व्यन्क्ट्तगत
अथिा छोटे समूह के द्िारा प्रयोग मे लाए जाते हैं। इन कम््यूटरों को बनाने में माइक्रोप्रोसेसर मुख्य �प से सहायक
होते है । पसणनल कम््यूटर ननमाणर् विशेष क्षेत्र तथा कायण को ध्यान में रिकर क्रकया जाता है। उदाहरर्ाथण- घरेलू
कम््यूटर तथा कायाणलय में प्रयोगक्रकये जाने िाले कम््यूटर। बजारमें, छोटे स्तर की कम्पननयों अपने कायाणलयों के
कायण के ललए पसणनल कम््यूटर को प्राथलमकता देते हैं।
पसणनल कम््यूटर के मुख्य कायो में क्रीडा-िेलना, इन्टरनेट का प्रयोग , शब्द-प्रक्रक्रया इत्याठद शालमल हैं। पसणनल
कम््यूटर के कुछ व्यिसानयक कायण ननम्नललखित हैं-

1. कम््यूटर सहायक �परेिा तथा ननमाणर्
2. इन्िेन्री तथा प्रोिक्ट्शन कन्रोल
3. स्प्रेिशीट कायण
4. अकाउन्न्टंग

5. सॉफ्टिेयर ननमाणर्
6. िेबसाइट डिजाइननंग तथा ननमाणर्
7. सांन्ख्यकी गर्ना


पसणनल कम््यूटर का मुख्य भाग
माइक्रोप्रोसेसर िह चीप होती जीस पर कं रोल यूननट और ए. एल. यू. एक पररपथ होता है। माइक्रोप्रोसेसर धचप तथा
अन्य डििाइस एक इकाई में लगे रहते है, न्जसे लसस्टम यूननट कहते है। पी,सी. में एक लसस्टम यूननट, एक मननटर
या स्क्रीन एक की बोिण एक माउस और अन्य आिश्यक डििाइसेज, जैसे वप्रंटर, मॉिेम, स्पीकर, स्कै नर, ्लॉटर ,
ग्राक्रिक टेबलेट , लाइच पेन आठद होते हैं।

पसणनल कम््यूटर का मूल लसद्र्ान्त
पी.सी एक प्रर्ाली है न्जसमें िाटा और ननदेशों को इनपुट डििाइस के माध्यम से स्िीकार क्रकया जाता है। इस इनपुट
क्रकये गये िाटा ि ननदेशों को आगे लसस्टम यूननट में पहुँचाया जाता है, जहाँ ननदेशों के अनुसार सी. पी. यू. िाटा पर
क्रक्रया या प्रोसेलसंग का कायण करता है और पररचय को आउटपुट यूननट मॉनीटर या स्क्रीन पर भेज देता है। यह प्रा्त
पररर्ाम आउटपुट कहलाता है। पी. सी में इनपुट यूननट में प्रायः की-बोिण और माउस काम आते है जबक्रक आउटपुट
यूननट के �प में मॉननटर और वप्रटर काम आते हैं।
कम््यूटर यथाथण मे एक आश्चयणजनक मशीन है। कम््यूटर को विलभन्न पीढी मे िगीकृत क्रकया गया है। समय
अिधर् के अनुसार कम््यूटर का िगीकरर् नीचे ठदया गया है।
प्रथम पीढी के कम््यूटर ( 1945 से 1956)
द्वितीय पीढी के कम््यूटर (1956 से 1963)
तृतीय पीढी के कम््यूटर (1964 से 1971)
चतुथण पीढी के कम््यूटर(1971 से ितणमान)
पंचम पीढी के कम््यूटर (ितणमान से ितणमान के उपरांत)

प्रथम पीढी के कम््यूटर ( 1945 से 1956)

सन् 1946 मे पेननसलिेननया विश्िविर्ालय के दो ईंन्जननयर न्जनका नाम प्रोिे सर इक्रटणऔर जॉन था। उन्होने प्रथम
डिन्जटल कम््यूटर का ननमाणर् क्रकया। न्जसमे उन्होने िैक्ट्यूम ट्यूब का उपयोग क्रकया था। उन्होने अपने नए िोज
का नाम इननक(ENIAC) रिा था। इस कम््यूटर मे लगभग 18,000 िैक्ट्यूम ट्यूब , 70,000 रन्जस्टर और लगभग
पांच लमललयन जोड थे । यह कम््यूटर एक बहुत भारी मशीन के समान था । न्जसे चलाने के ललए लगभग 160 क्रकलो
िाट विद्युत उजाण की आिशयकता होती थी।
द्वितीय पीढी के कम््यूटर ( 1956 से 1963 )
सन् 1948 मे रांन्जस्टर की िोज ने कम््यूटर के विकास मे महत्िपूर्ण भूलमका अदा की । अब िैक्ट्यूम ट्यूब का स्थान
रांन्जस्टर ने ले ललया न्जसका उपयोग रेडियो ,टेललविजन , कम््यूटर आठद बनाने मे क्रकया जाने लगा । न्जसका
पररर्ाम यह हुआ क्रक मशीनो का आकार छोटा हो गया । कम््यूटर के ननमाणर् मे रांन्जस्टर के उपयोग से कम््यूटर
अधर्क उजाण दक्ष ,तीव्र एिं अधर्क विश्िसननय हो गया । इस पीढी के कम््यूटर महंगे थे । द्वितीय पीढी के कम््यूटर
मे मशीन लेंग्िेज़ को एसेम्बली लेंग्िेज़ के द्िारा प्रनतस्थावपत कर ठदया गया । एसेम्बली लेंग्िेज़ मे कठठन बायनरी
कोि की जगह संक्षक्ष्त प्रोग्रालमंग कोि ललिे जाते थे ।
तृनतय पीढी के कम््यूटर (1964 से 1975)
यद्यवप िैक्ट्यूम ट्यूब का स्थान रांन्जस्टर ने ले ललया था परंतु इसके उपयोग से बहुत अधर्क मात्रा मे ऊजाण उत्पन्न
होती थी जो क्रक कम््यूटर के आंतररक अंगो के ललए हाननकारक थी । सन् 1958 मे जैक क्रकलबे ने IC(integrated
cercuit ) का ननमाणर् क्रकया । न्जससे क्रक िैज्ञाननको ने कम््यूटर के अधर्क से अधर्क घटको को एक एकल धचप पर
समाठहत क्रकया गया , न्जसे सेमीकं िकटर कहा गया, पर समाठहत कर ठदया । न्जसका पररर्म यह हुआ क्रक कम््यूटर
अधर्क तेज एिं छोटा हो गया ।
चतुथण पीढी के कम््यूटर
सन् 1971 मे बहुत अधर्क मात्रा मे सक्रकण ट को एक एकल धचप पर समाठहत क्रकया गया । LSI (large scale integrated
circuit ) VLSI(very large scale integratd circuit ) ULSI(ultra large scale integrated circuit ) मे बहुत अधर्क
मात्रा मे सक्रकण ट को एक एकल धचप पर समाठहत क्रकया गया । सन् 1975 मे प्रथम माइक्रो कम््यूटर Altair 8000
प्रस्तुत क्रकया गया ।
सन् 1981 मे IBM ने पसणनल कम््यूटर प्रस्तुत क्रकया न्जसका उपयोग घर, कायाणलय एिं विघालय मे होता है । चतुथण
पीढी के कम््यूटर मे लेपटॉप का ननमाणर् क्रकया गया । जो क्रक आकार मे ब्रििके स के समान था । plamtop का
ननमाणर् क्रकया गया न्जसे जेब मे रिा जा सकता था
पंचम पीढी के कम््यूटर (ितणमान से ितणमान के बाद)

पंचम पीढी के कम््यूटर को पररभावषत करना कुछ कठठन होगा । इस पीढी के कम््यूटर लेिक सी क्ट्लाकण के द्िारा
ललिे उपन्यास अ स्पेस ओडिसी मे िखर्णत HAL 9000 के समान ही है । ये ररयल लाइि कम््यूटर होंगे न्जसमे
आठटणक्रिशल इंटेललजेंस होगा । आर्ुननक टेक्ट्नॉलाजी एिं विज्ञान का उपयोग करके इसका ननमाणर् क्रकया जाएगा
न्जसमे एक एकल सी. पी. यू . की जगह समानान्तर प्रोसेलसंग होगी । तथा इसमे सेमीकं िकटर टेक्ट्नॉलाजी का
उपयोग क्रकया जाएगा न्जसमे ब्रबना क्रकसी प्रनतरोर् के विद्युत का बहाि होगा न्जससे सूचना के बहाि की गनत बढेगी

5. कम््यूटर अपना काम कै से करता है ?
Jan 26, 2011
कम््यूटर अपना काम कै से करता है ?

1.इनपुट के सार्न जैसे की-बोिण, माउस, स्कै नर आठद के द्िारा हम अपने ननदेश,प्रोग्राम तथा इनपुट
िाटा प्रोसेसर को भेजते हैं ।
2.प्रोसेसर हमारे ननदेश तथा प्रोग्राम का पालन करके कायण सम्पन्न करता है ।
3.भविष्य के प्रयोग के ललए सूचनाओं को संग्रह के माध्यमों जैसे हािण डिस्क, फ्लापी डिस्क आठद पर
एकत्र क्रकया जा सकता है ।
4.प्रोग्राम का पालन हो जाने पर आउटपुट को स्क्रीन, वप्रंटर आठद सार्नों पर भेज ठदया जाता है ।



सेन्रल प्रोसेलसंग यूननट – सेन्रल प्रोसेलसंग यूननट को ठहन्दी में के न्रीय विश्लेषक इकाई भी कहा जाता है
। इसके नाम से ही स्पष्ट है, यह कम््यूटर का िह भाग है, जहां पर कम््यूटर प्रा्त सूचनाओं का
विश्लेषर् करता है । सेन्रल प्रोसेलसंग यूननट (सी.पी.यू.) को पुनः तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. कन्रोल यूननट
2. ए.एल.यू.
3. स्मृनत

कन्रोल यूननट
कन्रोल यूननट का कायण कम््यूटर की इनपुट एिं आउटपुट युन्क्ट्तयों को ननयन्त्रर् में रिना है । कन्रोल
यूननट के मुख्य कायण है –
1. सिणप्रथम इनपुट युन्क्ट्तयों की सहायता से सूचना/िेटा को कन्रोलर तक लाना ।
2. कन्रोलर द्िारा सूचना/िेटा को स्मृनत में उधचत स्थान प्रदान करना ।
3. स्मृनत से सूचना/िेटा को पुनः कन्रोलर में लाना एिं इन्हें ए.एल.यू. में भेजना ।
4. ए.एल.यू.से प्रा्त पररर्ामों को आउटपुट युन्क्ट्तयों पर भेजना एिं स्मृनत में उधचत स्थान प्रदान करना


ए.एल.यू.
कम््यूटर की िह इकाई जहां सभी प्रकार की गर्नाएं की जा सकती है, अथणमेठटक एण्ि लॉन्जकल यूननट
कहलाती है ।

स्मृनत
क्रकसी भी ननदेश, सूचना अथिा पररर्ाम को संधचत करके रिना ही स्मृनत कहलाता है । कम््यूटर के
सी.पी.यू. में होने िाली समस्त क्रक्रयायें सिणप्रथम स्मृनत में जाती है । तकनीकी �प में मेमोरी कम््यूटर
का कायणकारी संग्रह है । मेमोरी कम््यूटर का अत्यधर्क महत्िपूर्ण भाग है जहां िाटा, सूचना और प्रोग्राम
प्रक्रक्रया के दौरान न्स्थत रहते हैं और आिश्यकता पडने पर तत्काल उपलब्र् होते हैं ।

इनपुट युन्क्ट्त
आमतौर पर की-बोिण एिं माउस है । इनपुट युन्क्ट्त एक नली के समान है न्जसके द्िारा आँकिे एिं
ननदेश कम््यूटर में प्रिेश करते है ।

आउटपुट युन्क्ट्त

मुख्य �प से स्क्रीन एिं वप्रंटर इसका उदाहरर् है । इसके अलािा िे सभी युन्क्ट्त जो आपको बताए की
कम््यूटर ने क्ट्या संपाठदत क्रकया है आउटपुट युन्क्ट्त कहलाती है ।

संधचत युन्क्ट्त
यह कम््यूटर मे स्थायी तौर पर बहुत अधर्क मात्रा मे आंकिो को संधचत करने की अनुमती प्रदान करता
है । उदाहरर् डिस्क ड्राइि, टेप ड्राइि ।

6. कम््यूटर की विशेषताएँ
Jan 26, 2011
कम््यूटर की विशेषताएँ
प्रत्येक कम््यूटर की कुछ सामान्य विशेषताएँ होती है । कम््यूटर के िल जोि करने िाली मशीन नही है यह कई
जठटल कायण करने मे सक्षम है।कम््यूटर की ननम्न ननशेषताएँ है।

ििण-लेन्थ
डिन्जटल कम््यूटर के िल बायनरी डिन्जट पर चलता है। यह के िल 0 एिं 1 की भाषा समझता है। आठ ब्रबट के समूह
को बाइट कहा जाता है । ब्रबट की संख्या न्जन्हे कम््यूटर एक समय मे क्रक्रयान्न्ित करता है ििण लेंन्थ कहा जाता है ।
सामान्यतया उपयोग मे आने िाले ििण लेन्थ 8,16,32,64 आठद है। ििण लेन्थ के द्िारा कम््यूटर की शन्क्ट्त मापी
जाती है।
तीव्रता
कम््यूटर बहुत तेज गनत से गर्नाएँ करता है माइक्रो कम््यूटर लमललयन गर्ना प्रनत सेकं ि क्रक्रयांवित करता है।


संधचत युन्क्ट्त
कम््यूटर की अपनी मुख्य तथा सहायक मेमोरी होती है। जो क्रक कम््यूटर को आंकिो को संधचत करने मे सहायता
करती है । कम््यूटर के द्िारा सुचनाओ को कुछ ही सेकं ि मे प्रा्त क्रकया जा सकता है । इस प्रकार आकिो को संधचत
करना एिं ब्रबना क्रकसी त्रुठट के सुचनाओ को प्रदान करना कम््यूटर की महत्िपूर्ण विशेषता है

शुद्र्ता
कम््यूटर बहुत ही शुद्र् मशीन है । यह जठटल से जठटल गर्नाएँ ब्रबना क्रकसी त्रुठट के करता है ।

िैविघ्यपूर्ण
कम््यूटर एक िैविघ्यपूर्ण मशीन है यह सामान्य गर्नाओ से लेकर जठटल से जठटल गर्नाएँ करने मे सक्षम है ।
लमसाइल एिं उपग्रहो का संचालन इन्ही के द्िारा क्रकया जाता है। दूसरे शब्दो मे हम कह सकते है क्रक कम््यूटर
लगभग सभी कायो को कर सकता है एक कम््यूटर दूसरे कम््यूटर से सुचना का आदान प्रदान कर सकता है ।
कम््यूटर की आपस मे िाताणलाप करने की क्षमता ने आज ईंटरनेट को जन्म ठदया है ।जो क्रक विश्ि का सबसे बिा
नेटिकण है ।

स्िचलन
कम््यूटर एक समय मे एक से अधर्क कायण करने मे सक्षम है ।

पररश्रमशीलता
पररश्रमशीलता का अथण है क्रक ब्रबना क्रकसी �कािट के कायण करना । मानि जीिन थकान ,कमजोरी,सके न्रर् का
आभाि आठद से वपडित रङता है।मनुष्य मे भािनाए ङोती है िे कभी िुश कभी दुिी होते है । इसललए िे एक जैसा
काम नही कर पाते है । परंतु कम््यूटर के साथ ऐसा नही है िह हर कायण हर बार बहुत ही शुद्र्ता एिं यथाथणता से
करता है .

7. कम््यूटर की मूल इकाईयॉं
Jan 26, 2011
मूल इकाईयॉं

कं्यूटर की मूल इकाइयों का मतलब कं्यूटर की उन बातों से है न्जनसे कं्यूटर की गर्नाओं का काम प्रारंभ होता है.

ब्रबट

ब्रबट अथाणत Binary digT, कम््यूटर की स्मृनत की सबसे छोटी इकाई है । यह स्मृनत में एक बायनरी अंक 0 अथिा 1
को संधचत क्रकया जाना प्रदलशणत करता है । यह बाइनरी डिन्जट का छोटा �प है. यहाँ एक सिाल उठता हैं की ब्रबट ०
और १ ही क्ट्यू होता है ३-४ क्ट्यू नहीं ? तो इसका जिाब दो तरह से आता हैं,

- चूकी गखर्तीय गर्ना के ललये विज्ञाननयों को ऐसा अंक चाहीये था जो क्रकसी भी तरह के गर्ना को आगे बढाने या
घटाने पर गखर्तीय उतर पर असर न िाले तो के िल ० एक मात्र एसी संख्या हैं न्जसे क्रकसी भी अंक के साथ जोडने या
घटाने पर कोई िकण नहीं पडता और १ एक मात्र ऐसी संख्या हैं न्जसे क्रकसी अंक के साथ गुर्ा या भाग देने पर कोई
िकण नहीं पडता.

-दूसरी तरि इलेक्ट्रॉननकस में हम जानते हैं की ० और १ क्रमशः ऑन और ऑि को ठदिलाता हैं. कं्यूटर भी
इलेक्ट्रॉनन लसग्नल को ही पहचानता हैं इस कारर् ० और १ का उपयोग क्रकया जाता हैं.


बाइट
यह कम््यूटर की स्मृनत (memory) की मानक इकाई है । कम््यूटर की स्मृनत में की-बोिण से दबाया गया प्रत्येक
अक्षर, अंक अथिा विशेष धचह्न ASCII Code में संधचत होते हैं । प्रत्येक ASCII Code 8 byte का होता है । इस प्रकार
क्रकसी भी अक्षर को स्मृनत में संधचत करने के ललए 8 ब्रबट लमलकर 1 बाइट बनती है ।
कै रेक्ट्टर
संख्यांको के अलािा िह संके त है जो भाषा और अथण बताने के काम आते है । उदाहरर् के ललए हम देिे
a b c d e f g h i j k l m n o p q r s t u v w x y z A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z 0 1 2 3 4 5
6 7 8 9 ! @ # $ % ^ & * ( ) _ – = + | \ ` , . / ; ‘ [ ] { } : ” < > ?
कम््यूटर लसस्टम सामान्यतः कै रेक्ट्टर को संधचत करने के ललए ASCII कोि का उपयोग करते हैं । प्रत्येक कै रेक्ट्टर 8
ब्रबटस का उपयोग करके संधचत होता है ।
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8. आस्की (ASCII) कोि क्ट्या होता है
Jan 27, 2011

American Standard Code For Information Interchange

आज हम कं्यूटर पर आसनी जो कुछ भी ललिते हैं िो आस्की में ही ललिा होता है. प्रत्येक कं्यूटर प्रयोगकताण अंकों,
अक्षरों तथा संके तों के ललए बाइनरी लसस्टम पर आर्ाररत कोि का ननमाणर् करके कं्यूटर को पररचाललत कर सकता
है! लेक्रकन उसके कोि के िल उसी के द्िारा प्रोग्रामों और आदेशों के ललए लागू होंगे! इससे कं्यूटर के प्रयोगकताण
परस्पर सूचनाओं का आदान प्रदान तब तक नहीं कर सकते जब तक क्रक िे एक -दूसरे द्िारा इस्तेमाल क्रकये हुए कोि
संके तों से पररधचत न हों! सूचनाओं के आदान प्रदान की सुविर्ा के ललए अमेररका मे एक मानक कोि तैयार क्रकया
गया है न्जसे अब पूर विश्ि मे मान्यता प्रा्त है! इसे आस्की (ASCII) के नाम से जाना जाता है! इसमे प्रत्येक अंक,
अक्षरों िा संके त को 8 बीटो से दशाणया गया है! इन 8स्थानों पर के िल 0 और 1 की संख्या ही ललिी गयी है!


10. विलभन्न अंक प्रर्ाली
Jan 27, 2011
विलभन्न अंक प्रर्ाली
द्वि-अंकीय प्रर्ाली
यह कं्यूटर की सबसे महत्िपूर्ण प्रर्ाली हैं न्जसके द्िारा ही हम कं्यूटर से बात करते है. इस प्रर्ाली के अन्तगणत
आंकडों को मुख्य &#154143042;प से के िल दो अंकों के संयोजन द्िारा दशाणया जाता है । ये दो अंक उपरोक्ट्त ‘0’ तथा ‘1’ होते हैं
परन्तु इस प्रर्ाली को द्वि-अंकीय या द्वि-आर्ारी पद्र्नत का नाम इसललये ठदया गया है क्ट्योंक्रक इसमें विलभन्न
आंकडों के कूट संके त उस दी गई संख्या को दो से लगातार
विभाजन के पश्चात प्रा्त पररर्ामों एिं शेषिल के आर्ार पर क्रकया जाता है एिं इस कूट संके त से पुनः दशमलि
अंक प्रा्त करने पर इस कूट संके त के अंकों को उसके स्थानीय मूल्य के बराबर 2 की घात ननकालकर गुर्ा करते हैं
एिं इनका योग िल ननकाल कर ज्ञात क्रकया जाता है । इस प्रर्ाली में बने हुए एक शब्द में प्रत्येक अक्षर को एक ब्रबट
कहा जाता है ।
011001 यह एक 6 ब्रबट की संख्या है ।
11010010 यह एक 8 ब्रबट की संख्या है ।


ऑक्ट्टल (8 के आर्ार िाली) प्रर्ाली

इस प्रर्ाली में उपयोग क्रकये जाने िाले विलभन्न अंकों का आर्ार 8 होता है इन्ही कारर्ों से इस प्रर्ाली को ओक्ट्टल
प्रर्ाली के नाम से जाना जाता है । दूसरे शब्दों में इस प्रर्ाली में के िल 8 धचन्ह या अंक ही उपयोग क्रकये जाते हैं –
0,1,2,3,4,5,6,7 (इसमें दशमलि प्रर्ाली की भांनत 8 एिं 9 के अंकों का प्रयोग नहीं क्रकया जाता) यहाँ सबसे बडा अंक
7 होता है (जो क्रक आर्ार से एक कम है) एिं एक ऑक्ट्टल संख्या में प्रत्येक न्स्थनत 8 के आर्ार पर एक घात को
प्रदलशणत करती हैं । यह घात ऑक्ट्टल संख्या की न्स्थनत के अनुसार होती है । चूँक्रक इस प्रर्ाली में कुल “0” से लेकर
“7” तक की संख्याओं को अथाणत 8 अंकों को प्रदलशणत करना होता है ।कम््यूटर को प्रवषत करते समय इस ऑक्ट्टल
प्रर्ाली के शब्दों को बाइनरी समतुल्य कूट संके तों में पररिनतणत कर ललया जाता है । न्जससे क्रक कम््यूटर को
संगर्ना हेतु द्वि-अंकीय आंकडे लमलते हैं एिं समंक नन&#154143042;पर् इस ऑक्ट्टल प्रर्ाली में क्रकया जाता है न्जससे क्रक
समंक नन&#154143041;पर् क्रक्रया सरल एिं छोटी हो जाती है ।


हैक्ट्सा (16 के आर्ार िाली) दशमलि प्रर्ाली
चुकी सामान्य धगनती ० से ९ तक की ही होती है इस कारन उससे ऊपर की गर्ना के ललए हैक्ट्सा दशमलि प्रर्ाली का
उपयोग क्रकया जाता है. हैक्ट्सा दशमलि प्रर्ाली 16 के आर्ार िाली प्रर्ाली होती है . 16 आर्ार हमें यह बताता है क्रक
इस प्रर्ाली के अन्तगणत हम 16 विलभन्न अंक या अक्षर इस प्रर्ाली के अंतगणत उपयोग कर सकते हैं । इन 16 अक्षरों
में 10 अक्षर तो दशमलि प्रर्ाली के अंक 0,1,2,3,4,5,6,7,8,9 होते हैं एिं शेष 6 अंक A,B,C,D,E,F के द्िारा दशाणये
जाते हैं । जो क्रक दशमलि मूल्यों 10,11,12,13,14,15 को प्रदलशणत करते हैं । चूँक्रक हैक्ट्सा दशमलि प्रर्ाली के अंतगणत
कुल 16 अंक प्रदलशणत करने होते हैं, इस प्रर्ाली के विलभन्न अक्षरों को द्वि-अंकीय प्रर्ाली के समतुल्य बनाने हेतु
कुल 4 ब्रबटों का प्रयोग क्रकया जाता है ।
11. मैमोरी युक्तियॉ (Memory Device)
Jan 28, 2011
मैमोरी युक्तियॉ
प्राथक्तमक संग्रहण
यह वह युक्तिय ाँ होती हैं क्तिसमें डेट व प्रोग्र म्स तत्क ल प्र प्त एवं संग्रह क्तकए ि ते हैं ।
1.रीड-राइट मेमोरी,रैम(RAM)
Random access memory – कंप्यूटर की यह सबसे महवपूर्ण मेमोरी होती है. इस मेमोरी में प्रयोगकत ण अपने प्रोग्र म को कुछ देर के क्तलए

स्टोर कर सकते हैं । स ध रर् भ ष में इस मेमोरी को RAM कहते हैं । यही कम्प्यूटर की बेक्तसक मेमोरी भी कहल ती है । यह क्तनम्नक्तलक्तित दो प्रक र
की होती है –
ड यनेक्तमक रैम (DRAM)
ड यनेक्तमक क अर्ण है गक्ततशील । इस RAM पर यक्तद 10 आंकडे संक्तित कर क्तदए ि एं और क्तिर उनमें से बीि के दो आंकडे क्तमट क्तदए ि एं, तो
उसके ब द व ले बिे सभी आंकडे बीि के ररि स्र् न में स्वतः िले ि ते हैं और बीि के ररि स्र् न क उपयोग हो ि त है ।
स्टैक्तटक रैम (SRAM)
स्टैक्तटक रैम में संक्तित क्तकए गए आंकडे क्तस्र्त रहते हैं । इस RAM में बीि के दो आंकडे क्तमट क्तदए ि एं तो इस ि ली स्र् न पर आगे व ले
आंकडे क्तिसक कर नहीं आएंगे । िलस्व&#154143042;प यह स्र् न तब तक प्रयोग नहीं क्तकय ि सकत िब तक क्तक पूरी मेमोरी को “व श” करके नए क्तसरे
से क म शु&#154143042; न क्तकय ि ए ।
2.रीड ओनली मेमोरी (Read Only Memory)
आधुक्तनक कंप्यूटर की महत्वपूर्ण मेमोरी ROM उसे कहते हैं, क्तिसमें क्तलिे हुए प्रोग्र म के आउटपुट को के वल पढ ि सकत है, परन्तु उसमें अपन
प्रोग्र म संक्तित नहीं क्तकय ि सकत । बेक्तसक इनपुट आउटपुट क्तसस्टम ( BIOS) न म क एक प्रोग्र म ROM क उद हरर् है, िो कम्प्यूटर के ऑन
होने पर उसकी सभी इनपुट आउटपुट युक्तियों की ि ंि करने एवं क्तनयंक्तित करने क क म करत है ।
प्रोग्र मेक्तबल रॉम (PROM)
इस स्मृक्तत में क्तकसी प्रोग्र म को के वल एक ब र संक्तित क्तकय ि सकत है, परंतु न तो उसे
क्तमट य ि सकत है और न ही उसे संशोक्तधत क्तकय ि सकत है ।

इरेिेक्तबल प्रॉम (EPROM)
इस I.C. में संक्तित क्तकय गय प्रोग्र म पर बैंगनी क्तकरर्ों के म ध्यम से क्तमट य ही ि सकत है । िलस्व&#154143041;प यह I.C. दोब र प्रयोग की ि सकती
है ।इलेक्तरिकली-इ-प्रॉम (EEPROM)
इलेक्तरिकली इरेिेक्तबल प्रॉम पर स्टोर क्तकये गये प्रोग्र म को क्तमट ने अर्व संशोक्तधत करने के क्तलए क्तकसी अन्य उपकरर् की आवश्यकत नहीं होती ।
कम ण्ड्स क्तदये ि ने पर कम्प्यूटर में उपलब्ध इलैक्तरिक क्तसगल्स ही इस प्रोग्र म को संशोक्तधत कर देते हैं ।


12. सॉफ्टिेयर के प्रकार
Jan 29, 2011
सॉफ्टिेयर दो प्रकार के होते हैं ।

1)लसस्टम सॉफ्टिेयर
“लसस्टम सॉफ्टिेयर” यह एक ऐसा प्रोग्राम होता है , न्जनका काम लसस्टम अथाणत कम््यूटर को चलाना तथा उसे
काम करने लायक बनाए रिना है । लसस्टम सॉफ्टिेयर ही हािणिेयर में जान िालता है । ऑपरेठटंग लसस्टम,
कम्पाइलर आठद लसस्टम सॉफ्यिेयर के मुख्य भाग हैं ।


2)ए्लीके शन सॉफ्टिेयर
‘ए्लीके शन सॉफ्टिेयर’ ऐसे प्रोग्रामों को कहा जाता है, जो हमारे कं्यूटर पर आर्ाररत मुख्य कामों को करने के
ललए ललिे जाते हैं । आिश्यकतानुसार लभन्न-लभन्न उपयोगों के ललए लभन्न-लभन्न सॉफ्टिेयर होते हैं । िेतन की
गर्ना, लेन-देन का ठहसाब, िस्तुओं का स्टाक रिना, ब्रबक्री का ठहसाब लगाना आठद कामों के ललए ललिे गए प्रोग्राम
ही ए्लीके शन सॉफ्टिेयर कहे जाते हैं ।

13. कम्पाइलर और इन्टरवप्रटर
Jan 29, 2011

कम्पाइलर
कम्पाइलर क्रकसी कम््यूटर के लसस्टम साफ्टिेयर का भाग होता है । कम्पाइलर एक ऐसा प्रोग्राम है, जो क्रकसी
उच्चस्तरीय भाषा में ललिे गए प्रोग्राम का अनुिाद क्रकसी कम््यूटर की मशीनी भाषा में कर देता है । ननम्न धचत्र में
इस कायण को ठदिाया गया है ।

उच्चस्तरीय भाषा प्रोग्राम –> कम्पाइलर –> मशीनी भाषा प्रोग्राम

हर प्रोग्रालमंग भाषा के ललए अलग-अलग कम्पाइलर होता है पहले िह हमारे प्रोग्राम के हर कथन या आदेश की जांच
करता है क्रक िह उस प्रोग्रालमंग भाषा के व्याकरर् के अनुसार सही है या नहीं ।यठद प्रोग्राम में व्याकरर् की कोई गलती
नहीं होती, तो कम्पाइलर के काम का दूसरा भाग शु&#154143042; होता है ।यठद कोई गलती पाई जाती है, तो िह बता देता है क्रक
क्रकस कथन में क्ट्या गलती है । यठद प्रोग्राम में कोई बडी गलती पाई जाती है, तो कम्पाइलर िहीं &#154143042;क जाता है । तब
हम प्रोग्राम की गलनतयाँ ठीक करके उसे क्रिर से कम्पाइलर को देते हैं ।
इन्टरवप्रटर

इन्टरपेटर भी कम्पाइलर की भांनत कायण करता है । अन्तर यह है क्रक कम्पाइलर पूरे प्रोग्राम को एक साथ मशीनी
भाषा में बदल देता है और इन्टरपेटर प्रोग्राम की एक-एक लाइन को मशीनी भाषा में पररिनतणत करता है । प्रोग्राम
ललिने से पहले ही इन्टरपेटर को स्मृनत में लोि कर ठदया जाता है ।

कम्पाइलर और इन्टरवप्रटर में अन्तर
इन्टरपेटर उच्च स्तरीय भाषा में ललिे गए प्रोग्राम की प्रत्येक लाइन के कम््यूटर में प्रविष्ट होते ही उसे मशीनी भाषा
में पररिनतणत कर लेता है, जबक्रक कम्पाइलर पूरे प्रोग्राम के प्रविष्ट होने के पश्चात उसे मशीनी भाषा में पररिनतणत
करता है ।

14. लसंगल यूजर और मल्टीयूजर
Jan 29, 2011
लसंगल यूजर और मल्टीयूजर

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है लसंगल यूजर ऑपरेठटंग लसस्टम में कम््यूटर पर एक समय में एक आदमी काम सकता
है । लसंगल यूजर ऑपरेठटंग लसस्टम मुख्यतः पसणनल कम््यूटरों में प्रयोग क्रकए जाते हैं, न्जनका घरों ि छोटे
कायाणलयों में उपयोग होता है । िॉस, विंिोज इसी के उदाहरर् है । मल्टीयूजर प्रकार के लसस्टमों में एक समय में बहुत
सारे व्यन्क्ट्त काम कर सकते हैं और एक ही समय पर अलग-अलग विलभन्न कामों को क्रकया जा सकता है । जाठहर है,
इससे कम््यूटर के विलभन्न संसार्नों का एक साथ प्रयोग क्रकया जा सकता है । यूननक्ट्स इसी प्रकार का ऑपरेठटंग
लसस्टम है ।

15. मल्टी प्रोसेलसंग और मल्टी टान्स्कं ग
Jan 29, 2011

मल्टी प्रोसेलसंग और मल्टी टान्स्कं ग
मल्टी प्रोसेलसंग
एक समय मे एक से अधर्क कायण को संपाठदत करने के ललए लसस्टम पर एक से अधर्क सी.पी.यू रहते है । इस
तकनीक को मल्टी प्रोसेलसंग कहते है । मल्टी प्रोसेलसंग लसस्टम का ननमाणर् मल्टी प्रोसेसर लसस्टम को ध्यान मे
रिते हुए क्रकया गया है ।

एक से अधर्क प्रोसेसर उपल्ब्र् होने के कारर् इनपुट आउटपुट एिं प्रोसेसींगतीनो कायो के मध्य समन्िय रहता है ।
एक ही तरह के एक से अधर्क सी.पी. यू का उपयोग करने िाले लसस्टम को लसलमठरक मल्टी प्रोसेसर लसस्टम कहा
जाता है ।

मल्टी टान्स्कं ग
मेमोरी मे रिे एक से अधर्क प्रक्रक्रयाओ मे परस्पर ननयंत्रर् मल्टी टान्स्कं ग कहलाता है . क्रकसी प्रोग्राम से ननयत्रर्
हटाने से पहले उसकी पूिण दशा सुरक्षक्षत कर ली जाती है जब ननयंत्रर् इस प्रोग्राम पर आता है प्रोग्राम अपनी पूिण
अिस्था मे रहता है । मल्टी टान्स्कं ग मे यूजर को ऐसा प्रनतत होता है क्रक सभी कायण एक साथ चल रहे है

16. कम््यूटर िायरस
Jan 30, 2011
कम््यूटर िायरस

VIRUS – Vital Information Resources Under Seized

यह नाम सयोग िश बीमारी िाले िायरस से लमलता है मगर ये उनसे पूर्णतः अलग होते है.िायरस प्रोग्रामों का प्रमुि
उददेश्य के िल कम््यूटर मेमोरी में एकब्रत्रत आंकडों ि संपकण में आने िाले सभी प्रोग्रामों को अपने संक्रमर् से
प्रभावित करना है ।िास्ति में कम््यूटर िायरस कुछ ननदेशों का एक कम््यूटर प्रोग्राम मात्र होता है जो अत्यन्त
सूक्षम क्रकन्तु शन्क्ट्तशाली होता है । यह कम््यूटर को अपने तरीके से ननदेलशत कर सकता है । ये िायरस प्रोग्राम
क्रकसी भी सामान्य कम््यूटर प्रोग्राम के साथ जुड जाते हैं और उनके माध्यम से कम््यूटरों में प्रिेश पाकर अपने
उददेश्य अथाणत िाटा और प्रोग्राम को नष्ट करने के उददेश्य को पूरा करते हैं । अपने संक्रमर्कारी प्रभाि से ये सम्पकण
में आने िाले सभी प्रोग्रामों को प्रभावित कर नष्ट अथिा क्षत-विक्षत कर देते हैं । िायरस से प्रभावित कोई भी
कम््यूटर प्रोग्राम अपनी सामान्य कायण शैली में अनजानी तथा अनचाही &#154143042;कािटें, गलनतयां तथा कई अन्य समस्याएं
पैदा कर देता है ।प्रत्येक िायरस प्रोग्राम कुछ कम््यूटर ननदेशों का एक समूह होता है न्जसमें उसके अन्स्तत्ि को
बनाएं रिने का तरीका, संक्रमर् िै लाने का तरीका तथा हानन का प्रकार ननठदणष्ट होता है । सभी कम््यूटर िायरस
प्रोग्राम मुख्यतः असेम्बली भाषा या क्रकसी उच्च स्तरीय भाषा जैसे “पास्कल” या “सी” में ललिे होते हैं ।
िायरस के प्रकार

1. बूट सेक्ट्टर िायरस
2. िाइल िायरस
3. अन्य िायरस

िायरस का उपचार : टीके
न्जस प्रकार िायरस सूक्षम प्रोग्राम कोि से अनेक हाननकारक प्रभाि छोडता है ठीक उसी तरह ऐसे कई प्रोग्राम बनाये
गये हैं जो इन िायरसों को नेस्तानाबूद कर देते हैं, इन्हें ही िायरस के टीके कहा जाता है । यह टीके विलभन्नन िायरसों
के चररत्र और प्रभाि पर संपूर्ण अध्ययन करके बनाये गये हैं और कािी प्रभािी लसद्र् हुयें है ।
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