this is the powerpoint presention of brief introduction to depression in hindi language for easy understanding.
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Added: Apr 26, 2017
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अवसाद ( Depression)- एक परिचय (In Hindi) By- Dr. Vijay Kumar Saini 3 rd Year Resident, Psychiatry S. P. Medical College, Bikaner
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ताजा अनुमानों के मुताबिक, दुनियाभर में 30 करोड़ से अधिक लोग अवसाद से ग्रस्त हैं. संयुक्त राष्ट्र ने विश्व स्वास्थ्य दिवस से पहले गुरुवार को इन अनुमानों को जारी करते हुए कहा कि ये आंकड़ें सभी देशों के लिए एक चेतावनी है कि वे मानसिक स्वास्थ्य के बारे में दोबारा सोचें और तुरंत इसका समाधान निकालें.
Depression: let’s talk" says WHO, as depression tops list of causes of ill health 30 MARCH 2017 | GENEVA - Depression is the leading cause of ill health and disability worldwide. According to the latest estimates from WHO, more than 300 million people are now living with depression, an increase of more than 18% between 2005 and 2015. Lack of support for people with mental disorders, coupled with a fear of stigma, prevent many from accessing the treatment they need to live healthy, productive lives. The new estimates have been released in the lead-up to World Health Day on 7 April, the high point in WHO’s year-long campaign “Depression: let’s talk”. The overall goal of the campaign is that more people with depression, everywhere in the world, both seek and get help.
दुनिया में 35 करोड़ लोगों के अवसाद से पीड़ित होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अवसाद से मुक्ति मिल सकती है और इसका पहला मंत्र है कि इससे दबने की बजाए उसे व्यक्त करें. 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है. संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक सबको स्वास्थ्य का लक्ष्य तय किया है. इस बार संयुक्त राष्ट्र ने 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर ‘अवसाद’ विषय पर फोकस किया है.
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर चोथा आदमी डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा है। depression कई बार थोड़े से समय के लिए ही रहता है, कभी यही depression एक भयानक रूप ले लेता है। कोई इंसान डिप्रेशन से संबंधी बीमारी से पीड़ित होता है, तो कई बार यह उस इंसान के रोजमर्रा की ज़िंदगी को और उसके कामकाज में बाधा डालता है या उस इंसान के परिवार वालो के दुखों का कारण बन जाता है।
हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं.कभी सफलता मिलने पर बहुत ख़ुशी मिलती है तो कभी असफल होने पे इंसान दुखी हो जाता है. कई बार लोग छोटे-मोटे दुःख को भी depression का नाम दे देते हैं, जो कि बिलकुल गलत है. Depression normal sadness से बहुत अलग होता है.
क्या होता है DEPRESSION Depression की स्थिति तब होती है जब हम जीवन के हर पहलू पर नकारात्मक ( negative attitude ) रूप से सोचने लगते हैं। जब यह स्थिति चरम पर पहुंच जाती है तो इंसान को अपनी ज़िंदगी बेकार लगने लगने लगती है और धीरे धीरे इंसान डिप्रेशन की स्थिति मे पहुच जाता है । चिंता और तनाव के कारण शरीर में कई हार्मोन( hormones) का level बढ़ता जाता है, जिनमें एड्रीनलीन ( adrenaline) और कार्टिसोल ( cortisol ) प्रमुख हैं। लगातार तनाव( stress) और चिंता( tension) की स्थिति अवसाद यानि की depression में बदल जाती है।
अवसाद एक ऐसी मानसिक स्थिति या स्थायी मानसिक विकार है जिसमे व्यक्ति को उदासी, अकेलापन, निराशा, कम आत्मसम्मान, और आत्मप्रतारणा महसूस होती है ; इसके संकेत - मानसमिति संबंधी मंदता , समाज से कटना ,और ऐसी स्थितिया जिसमे की अत्यधिक / कम भूख लगना और अत्यधिक / कम नीद आना में नज़र आते हैं.”
अवसाद के लक्षण – SYMPTOMS OF DEPRESSION मनोविज्ञानिक लक्षण – PSYCHOLOGICAL SYMPTOMS 1 निरन्तर चिंता करना 2 स्वस्थ के विषय में चिंता करना 3 नकारात्मक विचार आना 4 भ्रामक विचार 5 काम में मन ना लगना 6 स्वभाव चिड़चिड़ा होना 7 छोटो छोटी बातो पर गुस्सा आना 8 भ्रम करना 9 मनःस्थिति में बदलाव 10 पागलो जैसा बर्ताव करना 11 अकेला रहना 12 बुरे सपने आना 13 खुश न रहना 14 स्ट्रेस लेना 15 कम बोलना 16 डर लगना
शारीरिक लक्षण – PHYSICAL SYMPTOMS 1 सर दर्द होना 2 दिल का काँपना 3 खाना निगलने में मुश्किल 4 उल्टी आने को होना 5 बार बार बाथरूम जाना 6 पीला पड़ना 7 श्वास छोटा होना 8 चक्कर आना 9 मासपेशियों में दर्द 10 दिल की धड़कन तेज होना 11 शारीर का काँपना 12 पसीना आना 13 ब्लड प्रेशर कम ज्यादा होना 14थकावट होना
Depression and suicide बहुत ज्यादा Depression की वज़ह से व्यक्ति आत्महत्या करने तक की सोच सकता है. Depression के दौरान व्यक्ति खुद को बिलकुल असहाय महसूस कर सकता है और उसे सभी समस्याओं का हल अपनी life end करने में नज़र आने लगता है.यदि कोई आपसे आत्महत्या करने जैसी बातें करता है तो संभवतः वो depression से ग्रसित है , और वो सिर्फ आपको अपनी बात ही नहीं बता रहा है बल्कि वो मदद के लिए चिल्ला रहा है, और आपको उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए. और यदि आप खुद को ऐसा करते देख रहे हैं तो बिना देरी किये आपको experts की मदद लेनी चाहिए.
पुरूषों में अवसाद : Depressed पुरुषों में ऐसी ही महिलाओं की अपेक्षा कम निराशा और self-hatred देखी जाती है. इसकी जगह वो थके होने, चिडचिड़ा होने, नीद ना आने ,काम में मन ना लगने जैसी शिकायतें करते हैं. अवसाद के कुछ और लक्षण जैसे कि गुस्सा आना, आक्रामक होना, हिंसा करना , लापरवाह होना और अधिक शराब पीना भी ऐसे पुरुषों में देखे जा सकते हैं. हालांकि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा depressed होने के chances double होते हैं पर पुरुषों में आत्महत्या की प्रवित्ति ज्यादा होती है.
महिलाओं में अवसाद : महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा depressed होने के chances double होते हैं, इसकी कुछ वजहें hormones से related होती हैं, खासतौर से premenstrual syndrome ( महावारी पूर्व सिंड्रोम PMS), premenstrual dysphoric disorder (PMDD), postpartum depression, and perimenopausal depression. महिलाओं में depression के लक्षण ज्यादा खाने, ज्यादा सोने, weight बढ़ने , अपराध-बोध होने , निराश होने के रूप में नज़र आते हैं.
किशोरावस्था में अवसाद : कुछ depressed teens दीखते हैं पर कुछ नहीं. दर-असल teenagers में अत्यधिक चिडचिड़ापन अवसाद का सबसे बड़ा लक्षण होता है. एक depressed teenager आसानी से क्रोधित हो सकता है, दूसरों से बुरा व्यवहार कर सकता है और उसे बिना कारण बदन में दर्द की शिकायत कर सकता है. बच्चों पर माता-पिता द्वारा पढाई के लिए डाला गया अत्यधिक दबाव और दूसरों से comparison भी depression का स्रोत हो सकता है.यदि ऐसे teens का उपचार ना किया जाये तो उन्हें घर और स्कूल में दिक्कत आ सकती है, ऐसे बच्चे आसानी से drugs लेना शुरू कर सकते हैं, और उनमे आत्महत्या की प्रवित्ति भी आ सकती है. लेकिन मदद मिलने पर इसका इलाज तेजी से हो सकता है.
बुजुर्गों में अवसाद : Old age के साथ साथ आने वाली परेशानियां जैसे कि – वियोग, health problems, दूसरों पे निर्भरता, income कम होना, इत्यादि व्यक्ति को अवसाद्ग्रसित कर सकता है. लेकिन बुढापे के साथ depression होना कोई आम बात नहीं है. ऐसे बुजुर्ग emotional से ज्यादा physical problems की अधिक complaint करते हैं . इसी लिए अधिकतर उनकी depression सम्बंधित समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. आये दिन तबियत खराब होने की शिकायत करना depression का सूचक हो सकती हैं.
अवसाद के कारण कुछ बीमारीओं के सटीक कारण होते हैं, जिससे उनका इलाज़ आसान हो जाता है. Diabetes ( मधुमेह) है तो insulin ले लीजिये, appendicitis है तो surgery करा लीजिये. लेकिन depression थोड़ी जटिल बीमारी है. ये सिर्फ मस्तिष्क में हो रहे chemical imbalance की वजह से ही नहीं बल्कि कोई अन्य जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से भी हो सकता है. दुसरे शब्दों में कहें तो ये आपकी lifestyle, आपकी relations, आप समस्याओं को कैसे handle करते हैं, इन बातों की वजह से भी हो सकता है. पर कुछ factors depression होने के chances बढ़ा देते हैं: अकेलापन Social support की कमी वित्तीय समस्याएं हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव वैवाहिक या अन्य रिश्तों में खटास खराब बचपन शराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन बेरोजगारी Work pressure
डिप्रेशन का इलाज़ – TREATMENT AND MANAGEMENT OF DEPRESSION डिप्रेशन के समय इंसान को लगता है की उसकी ज़िंदगी मे कुछ भी नही बदलने वाला और वह इंसान अपनी हार मान लेता है। तो आइये जानते है की कैसे आप नकरात्मक विचारो से छुटकारा पाकर depression को कम कर सकते है। 1 मामले से ध्यान हटाये इस योजना या रणनीति में व्यक्ति उस स्थिति या समस्या से अपना ध्यान हटा लेता है और खुद को दूसरे काम में बिजी रखने की कोशिश करता है। उस समस्या के बारे में सोचना भी छोड़ देता है जिससे व्यक्ति को शांति मिलती है 2 डिप्रेशन की वजह जानें अगर आप डिप्रेशन का समाधान निकालना चाहते हैं, तो डिप्रेशन की वजह को जानने की कोशिश करें। इसके बाद इसे कही लिख सकते लें। फिर सोचें कि इस प्रोब्लेम का क्या solution हो सकता है? अगर पॉसिबल हो, तो उस पर जल्द से जल्द अमल करना शुरू कर दें।
3 Future की टेंशन ना लें ‘’कल क्या होगा’’ परेशानियों को बढ़ावा देता है, इसलिए हमेशा आज में जिएं क्योकि present ही reality है और उसे बेहतर करने की कोशिश करते रहें। ऐसा करने से आपका future अपने आप ठीक हो जाएगा। हमारा हर दिन और हर पल हमें कुछ न कुछ नई बातें सिखाता है और परेशानियों और दिक्कतों से लड़ना सिखाता है। 4 गाने सुनना तनाव या दबाव को दूर करने के लिए एक अच्छी तकनीक या योजना है कि व्यक्ति को गाने सुनने चाहिए। इससे तनाव में कमी आती है और व्यक्ति तरोताजा हो महसूस करता है
5. भावनाओ को बाहर निकलना रोजमर्रा की जिंदगी में व्यक्ति किसी भी समस्या से तनाव में आ सकता है ऐसे में ये तरीका या युक्ति बहुत काम आती है की व्यक्ति अपनी समस्याओ को दूसरे लोगो जैसे दोस्त, भाई, बहन, आदि के साथ बाटता या सांझा करता है तो इससे उसका मन हल्का हो जाता है और तनाव कम हो जाता है क्योंकि उसके मन में पैदा हुई भावनाये निकल जाती है 6. नशीली चीज़ों का सेवन न करे अक्सर तनाव को कम करने के लिए व्यक्ति शराब , ड्रग्स, सिगरेट आदि का सहारा लेते है जिससे कुछ टाइम के लिए तो वो उस स्थिति से दूर हो जाते है लेकिन धीरे धीरे वो एक गम्भीर लत बन जाती है जो एक नए तनाव को पैदा करती है इसलिए इंसान को इससे दूर ही रहना चाहिये
7. प्राणयाम से दूर कीजिये depression अगर आप टेंशन और डिप्रेशन से मुक्त होना चाहते हैं तो रोज प्राणयाम करें। इस योग से टेंशन,स्ट्रैस और डिप्रेशन कम होता है और बुद्धि तेज होती है। 8. हंसने की कला सीखें हंसने से stress का स्तर कम होता है और हमारी मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे feel good factor बढ़ता है और एन्डार्फिन हार्मोन्स की मात्रा बढ़ती है और इससे हम relax महसूस करते है।
9. अकेलेपन से छुटकारा पाये अकेलापन डिप्रेशन का एक सबसे बड़ा कारण है। अगर आपके परिवार मे कोई इंसान डिप्रेशन से पीड़ित है तो जितना हो सके उसके साथ समय बिताए। ज्यादा डिप्रेशन मे अक्सर लोगो मे आत्महत्या का विचार सबसे पहले आता है इसलिए जितना हो सके उस इंसान के साथ समय बिताए। 10.Emotional Skills develop करिए : बहुत लोग तनाव को सही से deal नहीं कर पाते हैं और भावुक हो जाते हैं. Emotional skills आपको विपरीत परिस्थितियों में अपना balance बनाये रखने में मदद करती हैं.इसके लिए आप stress management से सम्बंधित कोई short-term course कर सकते हैं.
तनाव दूर करने के उपाय पर्याप्त नींद लें तनाव का प्रमुख कारण भरपूर नीद न लेना है. इस समस्या से बचने के लिए सोने से पहले का एक समय निर्धारित कर लें और हर रोज उसी समय पर सोएं. इससे आप तनाव से बचेंगे. व्यायाम करें व्यायाम तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है. व्यायाम न केवल एक अच्छी सेहत मिलती है बल्कि शरीर में एक सकारात्मक उर्जा का संचार भी होता है तथा शरीर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है. व्यायाम करने से शरीर में सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स का स्राव होता है जिससे दिमाग स्थिर होता है और तनाव देने वाले बुरे विचार हमारे मन दूर रहते हैं. संतुलित आहार संतुलित आहार हमारे शरीर के अनेक रोगों से लड़ने में हमारी मदद करता है. प्रतिदिन संतुलित आहार लें संतुलित आहार में आप फल, सब्जी, मांस, फलियां, और कार्बोहाइड्रेट आदि को शामिल कर सकते है. एक संतुलित आहार न केवल अच्छा शरीर बनता है बल्कि यह दुखी मन को भी खुश कर देता है. जिससे तनाव से दूर रहने में मदद मिलती है.
पेशेवर से मदद लीजिये : यदि इन सब चीजों से बात ना बने तो किसी mental health professional से हेल्प लीजिये . Depression के treatment के लिए कई प्रभावकारी तरीके हैं: जैसे कि थेरेपी , दवाएं, alternative treatments इत्यादि. Exactly क्या तरीका use करना है ये आपके depression के कारणों पर depend करेगा.
क्या करें यदि कोई अन्य संकट में हो ? यदि आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हों जो depression की वजह से कोई गलत कदम उठाने जा रहा हो या उस बारे में सोच रहा हो तो: तुरंत उसके सगे-सम्बन्धियों को आगाह करें. परिवार के तरफ से मिली थोड़ी सी सहानभूति किसी कि जान बचा सकती है. उस व्यक्ति को कत्तई अकेला ना छोड़ें. उसे Helpline number पर बात कराएं, या करने को कहें .इस नंबर पर निःशुल्क counselling की सुविधा उपलब्ध है.