थकान या कमजोरी के प्रकार, लक्षण, कारण व बचाव | Fatigue
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Sep 25, 2019
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जाने कमजोरी या थकान के प्रकार। शारीरिक व मानसिक थकावट के लक्षण। दिमागी थकान के कारण, शारीरिक थकावट से बचाव। Fatigue or tiredne...
जाने कमजोरी या थकान के प्रकार। शारीरिक व मानसिक थकावट के लक्षण। दिमागी थकान के कारण, शारीरिक थकावट से बचाव। Fatigue or tiredness: types, causes, symptoms & precautions
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Added: Sep 25, 2019
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थकान या कमजोरी Fatigue or tiredness कोई भी व्यक्ति अगर लंबे समय तक कार्य करता है तो उसके काम करने की क्षमता कम होती जाती है। इस कम हुई क्षमता को ही थकान ( fatigue) कहा जाता है। किसी काम को लगातार करने से काम की स्पीड का कम होना ही थकान है ।
अगर आपको थकान है तो आपको महसूस हो जाएगी, मगर थकान के कारण हुई कमज़ोरी का पता लगाना मुश्किल है। पर्याप्त आराम करने पर थकान में तो राहत मिल जाती है मगर कमज़ोरी से इतनी जल्दी छुटकारा नहीं मिलता है। थकान व कमज़ोरी के अलावा आज हर दूसरा व्यक्ति सुस्ती से भी परेशान है। अनियमित दिनचर्या, काम का बोझ और नींद पूरी न होने से लोगों को सुस्ती होने लगती है। थकान की अगर वैज्ञानिक परिभाषा ( definition) की बात करे तो वो डॉ. गिलब्रैथ ( Dr. Gilbreth ) द्वारा दी गई है। गिलब्रैथ के अनुसार मुख्य रूप से थकान को नीचे दिए गए तीन मुख्य तथ्यों ( facts) के आधार पर परिभाषित ( define) किया जा सकता है । 1. काम करने की क्षमता में कमी होना 2. काम करने में खुशी का अहसास ना होना 3. कार्य रहित घंटों ( non working hours) में प्रसन्नता का अभाव
1. थकान के प्रकार Types of fatigue थकान को अलग-अलग व्यक्ति द्वारा अलग-अलग तरीके से महसूस किया जाता है । लेकिन थकान मुख्य रूप से दो ही प्रकार की होती है : 1. शारीरिक थकान ( Physical fatigue) मनुष्य जब शारीरिक मेहनत करता है तो एक स्थिति ऐसी आती है कि शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है और शरीर ढीला हो जाता है, इसे शारीरिक थकान कहते हैं। इस थकान को आराम कर के खत्म किया जा सकता है। इसमें हार्ट बीट्स ( heart beats) तथा ब्लड प्रेशर ( blood pressure) बढ़ जाते हैं। थकान के कारण शरीर में जो भी बदलाव होते है वे सभी शरीर की रासायनिक प्रतिक्रियाओं ( chemical reactions) पर आधारित होते हैं ।
2. मानसिक थकान ( Mental fatigue ) कोई भी व्यक्ति यदि लंबे समय तक कोई मानसिक कार्य (ऑफिस में काम, लैपटॉप, कंप्यूटर पे काम, काउंटर पे ग्राहकों से बात करना) करता है तो धीरे-धीरे उसके मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता घटती जाती है, जिसे मानसिक थकान कहा जाता है। ऐसे कामों को लगातार काम करते रहने से मानसिक शक्तियों का नुकसान होने लगता है, कार्य क्षमता में कमी आने लगती है और अंत में काम के प्रति इच्छा ( interest) ख़त्म हो जाती है। इसी अवस्था को मानसिक थकान कहा जाता है। अगर किसी काम को समय पर समाप्त करने की बहुत अधिक इच्छाशक्ति ( willpower) और हाई मोटिवेशन ( high motivation) होता है तो कई बार मेंटल फटीग ( mental fatigue) का अहसास नहीं होता है।
3. लक्षण जो बताते हैं कि थकान हो सकती है Signs and symptoms of fatigue थकान के मुख्य लक्षण होते हैं जिन्हे देख कर आप पता लगा सकते हैं कि आपको थकान है या नहीं। मुख्य लक्षण नीचे बताए गए हैं :- 1. शरीर में ऊर्जा की कमी होना । 2. शरीर में आलस्य महसूस होना। 3. किसी भी काम को करने में उत्साह की कमी होना । 4. नींद नहीं आना । 5. किसी भी काम पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होना।
6. निर्णय लेने में कठिनाई महसूस होना । 7. रोजमर्रा के काम करने में दिक्कत महसूस होना । 8. डिप्रेशन ( Depression) महसूस करना । 9. सोचने की क्षमता कम हो जाना । 10. सुस्ती महसूस होना । 11. सिरदर्द होना । 12. चक्कर आना । 13. मांसपेशियों में दर्द होना ।
थकान के सामान्य कारण Common causes of fatigue वैसे तो थकान होने का सब से साधारण सा कारण है बिना आराम किये लंबे समय तक किसी काम को करते रहना। लेकिन इसके अलावा कुछ और भी कारण होते हैं :- 1. व्यक्तिगत कारण ( Personal reasons) नींद की कमी प्रेरणा का अभाव 2. मुद्रा ( Postural issues) कार्य करते समय कर्मचारी का सही मुद्रा ( posture) में न होने से भी थकान और साथ-साथ दुर्घटनाओं की संभावना हो सकती है। उद्योगों में कई मशीने या उनके आपरेशन इस तरह होते हैं कि उनपर काम करने वाले ऑपरेटर ( operator) या हैल्पर ( helper) को या तो खड़े खड़े या बैठे बैठे ही काम करना पड़ता है। इस कारण लंबे समय तक एक ही मुद्रा में काम करने से सभी अंगों में ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता और थकान होने लगती है।
3. शोर भरा वातावरण ( Chaotic working environment) अगर फैक्टरी में शोर भरा माहौल हो तो वहां पर काम करने वाले लोगों के लिए काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। सामान्य से काम को करने में भी अतिरिक्त शारीरिक ऊर्जा और अतिरिक्त ध्यान लगाना पड़ता है। इससे जल्दी ही थकान हो जाती है और कार्य क्षमता प्रभावित होती है। 4. क्लाइमेट में परिवर्तन ( Climate changes) रिसर्च में ये बात साबित हुई है कि सामान्य 25 डिग्री सेल्शियस के तापमान में कर्मचारियों की क्षमता सर्वाधिक होती है। उसके अलावा अगर वातावरण का तापमान बेहद ठंडा अथवा बेहद गर्म है कार्य को करने में अधिक ऊर्जा खर्च होती है जो जल्दी थकान का कारण बनती है। 5. काम के लम्बे घंटे ( Long working hours) एक समय से अधिक कार्य करने से प्रति घंटा कार्य क्षमता में कमी आ सकती है। 6. डिप्रेशन ( Depression) आजकल की जिंदगी में डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है और ये थकान का कारण हो सकता है। 7. शारीरिक कमज़ोरी( Physical weakness) शारीरिक कमज़ोरी से भी थकान जल्दी होती है।
डॉक्टर कैसे पहचानेंगे थकान का कारण How doctors diagnose fatigue व्यक्ति के बताए गए लक्षणों द्वारा डाॅक्टर ये तय करता है कि उसके कौन से टेस्ट किए जाने है। थकान की पहचान करने के लिए किए जाने वाले कुछ मुख्य टेस्ट नीचे दिए गए हैं :- 1. साइकोफिजिकल परीक्षण ( Psychophysical tests) इनके अंतर्गत साइकोफिजीकल ( Psychophysical) बदलावों की स्टडी ( study) की जाती है। इसमें शरीर में उत्पन्न होने वाले कंपनो और बेचैनी की तीव्रता को मापा ( measurement) जाता है। इसके द्वारा थकान के समय व्यक्ति की हार्ट बीट, ऑक्सीजन की मात्रा तथा कई स्किन संबंधी संवेदनाओं का टेस्ट किया जाता है। 2. रासायनिक परीक्षण ( Chemical test) इन परीक्षणों द्वारा ब्लड ( blood), मल-मूत्र , लार ( saliva) आदि का इन्वेस्टीगेशन ( investigation) किया जाता है। अलग-अलग कैमिकल्स ( Chemicals) द्वारा उनकी जांच की जाती है। कम्पलीट ब्लड काउंट ( Complete blood count - CBC), इलेक्ट्रोलाइट्स ( Electrolytes), ग्लूकोज ( glucose), विटामिन B-12, थाइरोइड ( thyroid) आदि की मात्रा के आधार पर व्यक्ति के शरीर की थकावट या तरोताज़गी को आसानी से पहचाना जा सकता है।
थकान से बचाव Prevention of fatigue काम की भागदौड़ में थोड़ी बहुत थकान होना जायज़ है मगर मगर थकान इतनी बढ़ जाये कि सामान्य कामों को करने में भी कठिनाई महसूस हो तो इससे बचाव जरूरी हो जाता है। तो आइए ऐसे ही कुछ आसान से तरीकों के बारे में जानते हैं जिनको अपनाकर आप थकान को कम कर सकते है :- 1. पुरानी बीमारी का इलाज ( Treatment of existing desease ) कई बार पहले से शरीर में कुछ बीमारियां होती जैसे कि थाइरोइड ( thyroid), डायबिटीज ( diabetes), आर्थराइटिस ( arthritis) या विटामिन की कमी । ये थकान का कारण बनती है। अगर इन बिमारियों का इलाज हो गया तो थकान अपने आप ही चली जाएगी ।
2. पर्याप्त नींद ले ( Take enough sleep) थकान का एक मुख्य कारण नींद में कमी भी है। अगर पर्याप्त नींद ना मिले तो दिन भर शरीर मे थकान रहती है। इसलिए अगर भरपूर नींद (लगभग 7- 8 घंटे) ली जाये तो थकान की समस्या में बहुत आराम मिलता है। 3. चलते फिरते रहें ( Keep moving) कई बार एक ही मुद्रा में बैठे बैठे ऑफिस का या कोई अन्य काम करने से शरीर के सभी अंगों में रक्त संचार ( blood circulation) सही से नहीं हो पाता है। इस वजह से थकान होने लगती है। इसलिए बीच बीच में काम से ब्रेक लेकर अपने शरीर की थोड़ी स्ट्रेचिंग ( stretching) करें और घूमते फिरते रहें ताकि शरीर मे सुस्ती ना आये। 4. योग और व्यायाम करें ( Do Yoga and exercise) सुबह सुबह उठकर अगर एक घंटा अपने तन और मन को समर्पित किया जाए शरीर से ना केवल सुस्ती या थकान दूर होती है बल्कि अन्य कई बीमारियां भी दूर रहती है। इसलिए योग और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और थकान व सुस्ती को गुडबाय ( good bye) कहें ।
5. पौष्टिक भोजन खायें ( Eat nutritious food) हमारे शरीर को किसी भी काम को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। वो ऊर्जा हमें भोजन के द्वारा मिलती है। भोजन में सभी आवश्यक प्रोटीन, विटामिन होने चाहिए, ताकि शरीर की सभी जरूरते पूरी हो सके। अगर पौष्टिक भोजन ना मिले तो ऊर्जा की कमी के कारण थकान होने लगती है। इसलिए ऐसे फल-सब्जियों का सेवन करें जो इन सब ज़रूरतों को पूरा कर सके । 6. खूब सारा पानी पिंए ( Take plenty of water) हमारे शरीर का 70% भाग पानी का बना होता है। इसलिए शरीर के लिए सबसे जरूरी चीज पानी है। शरीर में पानी की कमी होने से कई नए रोग जन्म ले लेते हैं और एनर्जी ( energy) कम होने लगती है। इस वजह से शरीर थका हुआ सा महसूस होता है। इसलिए दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी अवश्य पिये और अपने शरीर को तरोताजा रखें।
सारांश थकान हर व्यक्ति के जीवन का एक साधारण हिस्सा है। कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसे थकान न होती हो। बढ़ती उम्र के साथ हमे अपने शरीर का खास ध्यान रखने की ज़रूरत होती है। अगर तन और मन दोनों स्वस्थ होंगे तो बुढ़ापे तक भी थकान की शिकायत नहीं होगी। हम सभी को थकान के लक्षणों और उसके बचाव पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। अगर व्यायाम करने से भी थकान से बचाव न हो पाए तो डाॅक्टर की सलाह अवशय लें।