मांस धातु मांस शरीरपुष्टिं मेदसश्च। ( सू.सु.15/4 ) मांसक्षये स्फिग्गण्डौष्ठोपस्थोरुवक्षः कक्षापिण्डिकोदरग्रीवाशुष्कता रौक्ष्यतोदौ गात्राणां सदनं धमनीशैथिल्य॥ (सू.सु.15/9) मांसक्षये विशेषेण स्फिग्ग्रीवोदरशुष्कता | (च.सू.17/65) मांसं अतिवृद्धिं स्फिग्गण्डौष्ठोपस्थोरुबाहुजङ्घासुवृद्धिं गुरुगात्रतां च। (सू.सु.15/14) धातु प्राकृत कर्म व लक्षण क्षय लक्षण वृद्धि लक्षण मांस शरीरपुष्टि , मेदपुष्टि, अस्थि, स्नायु, नाड़ी एवं सिरा की रक्षा करना। स्फिग-गण्ड- ओष्ठ, शिशन, वक्ष, ग्रीवा, कक्षा, उरु, उदर में शुष्कता, शरीर में रुक्षता, तोद, अंग थकावट, धमनी शैथिल्य, संधिवेदना, संधिस्फुटन, नेत्र गलानि भार क्षय आदि। स्फिग-गण्ड-ओष्ठ शिशन, उरू, बाहु जंघा आदि अंगों की स्थूलता, शरीर में गुरुता, अधिमांस, अर्बुद, अर्श, औष्ठ प्रकोप, मांसलता आदि