Yeh hai samvad lekan jo Ishani Bhagat ne banaya hai ishani bhagat 7-C
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Added: Mar 09, 2022
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संवाद-लेखन
संवाद-लेखन की परिभाषा संवाद – ‘वाद’ मूल शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाने से ‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत’ है। इसे वार्तालाप भी कहा जाता है। सामान्य रूप से दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत को संवाद कहा जाता है। संवाद-लेखन में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए। संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए। भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए। संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए। भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए। संवाद लेखन के अंत में एक बार पढ़कर उसे दोहरा लेना चाहिए ताकि अशुद्धियों का निराकरण किया जा सके।
अपने देश में डेंगू के बढ़ते खतरे के विषय में दो मित्रों के मध्य होने वाले संवाद लिखिए । आलोक- सौरभ! तुमने आज का अख़बार पढ़ा कि किस प्रकार हमारे देश में डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है। सौरभ- हाँ मित्र मैंने पढ़ा। आए दिन डेंगू के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। आलोक- डेंगू ने तो सभी लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया है। सौरभ- मैंने न्यूज चैनल पर देखा, अस्पतालों में तो मरीजों की हालत बहुत खराब है, वहाँ एक बैड पर दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है। आलोक- यह तो बहुत चिंताजनक स्थिति है। इस प्रकार मरीजों का इलाज कैसे संभव है। सौरभ- बिलकुल सही कह रहे हो, सरकार को ही इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए। आलोक- हाँ, मित्र! जागरूकता और उचित समाधान ही हमारे देश को इस बीमारी से छुटकारा दिला सकते हैं।
आपको टी. वी. देखना बहुत पसंद है परन्तु आपकी माताजी को यह समय की बर्बादी लगती है। आपके और आपकी माताजी के बीच जो संवाद होंगे, उन्हें लगभग 50 शब्दों में लिखिए। गैरव- हाँ माँ मैं यहाँ हूँ। माताजी- क्या कर रहे हो। गौरव- टीवी देख रहा हूँ। माताजी- गौरव यह पढ़ाई का समय है टीवी बंद कर दो। गौरव- बस माँ अभी मैच खत्म होने वाला है। माताजी- गौरव परीक्षा नजदीक आ रही हैं कोर्स भी पूरा करना है। गौरव- हो जाएगा माँ। माताजी- टीवी देखने से कोर्स पूरा होता है क्या? चलो इसे बंद करो। गौरव- माँ बस हो जाएगा खत्म। माताजी- बेटा यह समय की बर्बादी है और कुछ नहीं जितना समय तुम इसमें लगाते हो उतना समय पढ़ाई में लगाओ तो और अच्छे नम्बर आ सकते हैं। गौरव- माँ आप तो हमेशा ही डाँटती रहती हो। माताजी- मेरा डाँटना तुम्हारे अच्छे भविष्य के लिए है न कि तुम्हें नाराज करने के लिए। गौरव- ठीक है माँ तुम्हारी बात समझ आ गई। मैं टीवी बंद करके मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी करूँगा।
दो मित्र इंटरनेट की उपयोगिता पर वर्तालाप कर रहे है। उनके मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 -60 शब्दों में लिखिए । नीरज- दोस्त, इंटरनेट भी कमाल की तकनीक है। अनुज- हाँ। आज अगर इंटरनेट न हो, तो हमारे कितने सारे काम रुक जाते है। नीरज- एक बार इंटरनेट न होने पर मुझे महसूस हुआ कि मैं इंटरनेट के बिना एक दिन भी अपना काम नहीं कर सकता। अनुज- तुम अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हो, आजकल 70-80% लोग इंटरनेट की सुविधा का भरपूर इस्तेमाल करते है। नीरज- मैं तुम्हारी बात का समर्थन करता हूँ, आखिर आजकल सारा काम इससे ही होता है, चाहे किसी से बात करनी हो या रेल का टिकट आरक्षित करना हो। अनुज- (हँसते हुए) तुम इस सूची को तैयार करते-करते थक जाओगे, पर यह पूरी नहीं होगी। नीरज- सुना है, 4-जी इंटरनेट की गति बहुत तेज होती है। हमारे देश में यह सुविधा आ जाने पर हमें बहुत फायदा होगा। अनुज- काश ...... यह तकनीक भी जल्द ही आ जाए।
परीक्षा के एक दिन पूर्व दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए। अक्षर – नमस्ते विमल, कुछ परेशान से दिखते हो? विमल – नमस्ते अक्षर, कल हमारी गणित की परीक्षा है। अक्षर – मैंने तो पूरा पाठ्यक्रम दोहरा लिया है, और तुमने? विमल – पाठ्यक्रम तो मैंने भी दोहरा लिया है, पर कई सवाल ऐसे हैं, जो मुझे नहीं आ रहे हैं। अक्षर – ऐसा क्यों? विमल – जब वे सवाल समझाए गए थे, तब बीमारी के कारण मैं स्कूल नहीं जा सका था। अक्षर – कोई बात नहीं चलो, मैं तुम्हें समझा देता हूँ। शायद तुम्हारी समस्या हल हो जाए। विमल – पर इससे तो तुम्हारा समय बेकार जाएगा। अक्षर – कैसी बातें करते हो यार, अरे! तुम्हें पढ़ाते हुए मेरा दोहराने का काम स्वतः हो जाएगा। फिर, इतने दिनों की मित्रता कब काम आएगी। विमल – पर, मैं उस अध्याय के सूत्र रट नहीं पा रहा हूँ। अक्षर – सूत्र रटने की चीज़ नहीं, समझने की बात है। एक बार यह तो समझो कि सूत्र बना कैसे। फिर सवाल कितना भी घुमा-फिराकर आए तुम ज़रूर हल कर लोगे। विमल – तुमने तो मेरी समस्या ही सुलझा दी। चलो अब कुछ समझा भी दो।
बढ़ती सड़क दुर्घनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पिता और पुत्र/पुत्री के बीच होने वाली बातचीत को लगभग 50-60 शब्दों में संवाद शैली में लिखिए। पिता- पुत्र! तुम मोटरसाइकिल बहुत तेज चलाते हो। कॉलेज जाते समय तुम्हें मोटरसाईकिल चलाता हुआ देखकर मुझे डर लगता है। पुत्र- अरे पापा ! इसमें डरने की क्या बात है? पिता- लगता है आजकल तुम समाचार नहीं देखते या सुनते हो। तुम्हें पता है सुबह के समय ही अधिक दुर्घटनाएँ होती हैं। पुत्र- हाँ मैंने सुना था। पापा- तेज गति से वाहन चलाने और यातायात के नियमों का पालन न करने के कारण अधिक दुर्घटनाएँ होती है। पुत्र- हाँ पापा आप ठीक कहते हो। मुझे भी इस बारे में सतर्क रहना चाहिए। पिता- आगे से इस बात का जरूर ध्यान रखना कि सड़क पर कभी भी तेज मोटरसाईकिल मत चलाना। पुत्र- ठीक है पापा!