HERE A PRESENTATION ON THE TOPIC HINDI BHASHA KA VIBHINN ROOP
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Language: none
Added: Mar 23, 2018
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हिंदी भाषा के इतिहास एवं विभिन्न रूप
भाषा ‘ भाष ’ धातु से बना है।(अर्थ बोलना या कहना) विचार विनिमय एवं भावाभिव्यक्ति का माध्यम है। मानव मस्तिष्क के विकास आधार शिला है। शिक्षा का माध्यम है।
भाषा की परिभाषा भाषा उच्चारण अवयवों से उच्चरित यादृच्छिक ध्वनि प्रतीकों की वह व्यवस्धा है।– विश्वकोश ब्रिटानिका भाषा ध्वनियों द्वारा मानव भावों की अभिव्यक्ति है।– स्वीट भाषा वह व्यापार है जिससे हम वर्णनात्मक या व्यक्त श्बदों के द्वारा अपने व्चारों को प्रकट करते है।
हिंही भाषा का इतिहास शासन काल में भी हिंदी भाभा का प्रयोग किया था। बाद में करीब 800 वर्ष पहले पृथवीराज चौहान, राजा समर सिंह आदि ने प्रशासन कार्य के लिए हिंदी का प्रयोग किया था। मुगल भारत अंग्रेज़ी शासन के अधीन में हुआ, तद्पश्चात हिंदी का प्रयोग बंध हुआ। स्वतंत्रता आंदोलन के समय में राजगोपालाचारी, गोपालकृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक,लाला लचपतराय, सुभाषचंद्र बोस, गाँधिजी जैसे नेताओं ने जनता के समक्ष हिंदी में अपने आवाज़ पहुँचायी। उस समय के नारा था- आज़ादी,खाती और हिंदी
19वीं शताब्दि में ईसाई मिशनरियों ने हिंदी को धर्म प्रचाण का माध्यम बनाया। दयानंद सरस्वती अपने आर्य समाज का प्रचार हिंदी में किया था। अहिंदी भाषीय विद्वानों ने भी हिंदी के विकास के लिए परिश्रम किया। जैसे मलयालम के प्रो. चंदहासन, डाँ. भास्करन नायर, डाँ. एन ई विशवनाथ अय्यर तमिल के पूर्ण सोमसुंदरम, कन्नड के प्रो. राधाकृष्ण मुदलियार आदि।
ग्रियेर्सन के अनुसार- “ भारत की सच्ची आत्मा का ज्ञान हिंदी द्वारा ही हो सकती है। ”
हिंदी भाषा के विभिन्न रूप
राष्ट्रभाषा राष्ट्रभाषा राजकीय कार्यों तथा सार्वजनिक कार्यों में प्रयुक्त किया जाता है। राष्ट्रीय भवों का संयक विकास करती है। संविधान ने राष्ट्रभाषा का गौरव हिंदी को दिया गया है। सरदार पटेल “ राष्ट्रभाषा हिंदी किसी व्यक्ति या प्रांत की संपत्ती नहीं है। उस पर सारे देश का अधिकार है। ”
राजभाषा सरकारी काम-काज के लिए प्रयुक्त भाषाहै। संविधान के अनुच्छेद 343(1) के अनुसार हिंदी को संघकी राजभाषा मान लिया है। परंतु हिंदी को पूर्णरूपेण लागू करले के लिए 5 वर्ष की अवधी रखी गई। “ भारत में बहुत सी भाषाएँ बोली जाती है, लेकिल हिंदी को बहुत ज्यादा लोग समझते और बोलते है।इसलिए हिंदी को हमारे राष्ट्रभाषा के लिए चुना है। हमारी यह कोशिश रहेगी कि देश में सब लोग हिंदी बोलने और समझने लगे। “ राजीव गाँधी
मातृभाषा मातृभाषा के अर्थ है, माँ से सीखी हुई भाषा। हमारे चिंतन मनन का माध्यम है। “ मनुष्य के मानसिक विकास के लिए मातृभाषा उतनी ही आवश्यक है जितना कि बच्चे के शारीरिक विकास के लिए माता का दूध। सके मानसिक विकास के लिएउसके ऊपर मातृभाषा के अतिरिक्त कोई दूसरी भाषा लादना मैं मातृभाषा के विरुद्ध पाप समझता हूँ। ”
संपर्क भाषा जिस भाषा का प्रयोग संपर्क के लिए अथवा बातचीत के लिए किए जाए तो उसे संपर्क भाषा कहा जाता है। भारत में हिंदी का प्रयोग संपर्क के लिए सबसे अधिक लोग किया जाता है।अहिंदी प्रदेशों में भी संपर्क हेतु इसका प्रयोग किया जाता है।