जल-चक्र क्या है?
पानी का एक रूप से दूसरे में बदलने और फिर से लौटने की प्रक्रिया।
यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।
"पानी हमेशा चलता रहता है, कभी रुकता नहीं।"
(संदर्भ: पाठ में जल का प्रवाह)
वर्षण
संघनन
वाष्पीकरणसंग्रह
जल-चक्र
जल-चक्र के मुख्य चरण
वर्षा (Precipitation)
संघनन
(Condensation)
संग्रह
(Collection)
वाष्पीकरण
(Evaporation)
जब बादल भारी हो
जाते हैं, तो बारिश होती
है।
पाठ में: "पानी फिर से
ज़मीन पर आता है।"
भाप ठंडी होकर बादल
बनाती है।
पाठ में: "ठंडी हवा से
पानी बादल बनकर
इकट्ठा होता है।"
बारिश का पानी नदियों,
झीलों, और समुद्र में इकट्ठा
होता है।
पाठ में: "जल संग्रह प्रकृति में
संतुलन बनाए रखता है।"
सूरज की गर्मी से पानी
भाप बनता है।
पाठ में: "सूरज की
किरणें जल को ऊपर
उठाती हैं।"
जल का महत्व
"पानी जीवन का आधार है।" (संदर्भ: पाठ में जल पर
विशेष ज़ोर)
पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं और मनुष्यों के लिए जरूरी।
पानी का सही उपयोग करना चाहिए।
जल बचाने के उपाय
पाठ में: "पानी बचाने के लिए सावधानी ज़रूरी है।"
उपाय:
नल को बंद रखें।1.
वर्षा जल इकट्ठा करें।2.
कम पानी में काम करने की आदत डालें।3.
मजेदार तथ्य
पाठ में: "सभी पानी का स्रोत समुद्र और नदियां हैं।"
दुनिया का 97% पानी खारा है।
सिर्फ 3% पानी पीने के लायक है।
जल-चक्र कभी रुकता नहीं है।
खारा पानी
97%
पीने का पानी
3%
जल-चक्र प्रकृति का एक अनमोल तोहफा है। यह प्रक्रिया पृथ्वी पर जीवन को
बनाए रखने में मदद करती है।
वाष्पीकरण, संघनन, वर्षा और संग्रह, ये चार चरण मिलकर यह सुनिश्चित करते
हैं कि पानी लगातार उपलब्ध रहे।
पानी केवल पीने के लिए ही नहीं, बल्कि खेती, बिजली उत्पादन, और पर्यावरण
संतुलन के लिए भी आवश्यक है।
हमें इसे बचाने और सही तरीके से उपयोग करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
"पानी है तो जीवन है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है।"
निष्कर्ष