1) Ganesha Mantra (Before starting any auspicious work to remove obstacles)
वक्रतुण्ड महाकाय सूययकोटि समप्रभ: ।
टिटवयघ्नं कु रु मे देव सवयकायेषु सवयदा ॥
जिनका म �ह घ मावदार है। जिनका शरीर जवशाल है, िो अपने भक्तिनो� के पाप को त र�त हर लेते है, िो करोडो�
सूर्य के समान तेिस्वी हैं, िो ज्ञान का प्रकाश चारो� ओर फै ला सकते हैं, िो सभी कार्ों में होने वाले बाधाओ� को
दू र कर सकते है, वैसे प्रभ आप मेरे सभी कार्ों की बाधाओ� को शीघ्र दू र करें।
2) Gayatri Mantra (In the early morning brahma muhurta, for controlling mind)
ॐ भूभुयव: स्व:, तत्सटवतुवयरेण्यं |
भर्गो देवस्य धीमटह , टधयो यो ि: प्रचोदयात् ||
उस प्राणस्व�प, द � खनाशक, स खस्व�प, श्रेष्ठ, तेिस्वी, पापनाशक, देवस्व�प परमात्मा को
हम अन्त� करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी ब द्धि को सन्मार्य में प्रेररत करे।
3) Maha Mrityunjay Mantra (Any time of the day, brings good luck and relieve stress)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे , सुर्गन्धं पुटिवधयिम् ।
उवायरुकटमव बधिाि् , मृत्योमुयक्षीय मामृतात् ॥
त्रर्�बकम- जत्र.नेत्रो� वाला ;कमयकारक।
र्िामहे- हम पूिते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देर्।
स र्�जधम- मीठी महक वाला, स र्�जधत।
प जि- एक स पोजित द्धथिजत, फलने वाला व्यद्धक्त। िीवन की पररपूणयता
वधयनम- वह िो पोिण करता है, शद्धक्त देता है।
उवाय�क- ककडी।
इवत्र- िैसे, इस तरह।
ब�धनात्र- वास्तव में समाद्धि से अजधक ल�बी है।
मृत्य - मृत्य से
म जिर्ा, हमें स्वत�त्र करें, म द्धक्त दें।
अमृतात- अमरता, मोि।