Hindu Shloks and meaning in Hindi language

pranayrparikh 89 views 2 slides Jan 24, 2025
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About This Presentation

Hindu useful shlok and stuti for various auspicious occasion and for daily chanting with it's meaning in hindi


Slide Content

1) Ganesha Mantra (Before starting any auspicious work to remove obstacles)
वक्रतुण्ड महाकाय सूययकोटि समप्रभ: ।
टिटवयघ्नं कु रु मे देव सवयकायेषु सवयदा ॥

जिनका म �ह घ मावदार है। जिनका शरीर जवशाल है, िो अपने भक्तिनो� के पाप को त र�त हर लेते है, िो करोडो�
सूर्य के समान तेिस्वी हैं, िो ज्ञान का प्रकाश चारो� ओर फै ला सकते हैं, िो सभी कार्ों में होने वाले बाधाओ� को
दू र कर सकते है, वैसे प्रभ आप मेरे सभी कार्ों की बाधाओ� को शीघ्र दू र करें।

2) Gayatri Mantra (In the early morning brahma muhurta, for controlling mind)

ॐ भूभुयव: स्व:, तत्सटवतुवयरेण्यं |
भर्गो देवस्य धीमटह , टधयो यो ि: प्रचोदयात् ||

उस प्राणस्व�प, द � खनाशक, स खस्व�प, श्रेष्ठ, तेिस्वी, पापनाशक, देवस्व�प परमात्मा को
हम अन्त� करण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी ब द्धि को सन्मार्य में प्रेररत करे।


3) Maha Mrityunjay Mantra (Any time of the day, brings good luck and relieve stress)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे , सुर्गन्धं पुटिवधयिम् ।
उवायरुकटमव बधिाि् , मृत्योमुयक्षीय मामृतात् ॥

त्रर्�बकम- जत्र.नेत्रो� वाला ;कमयकारक।
र्िामहे- हम पूिते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देर्।
स र्�जधम- मीठी महक वाला, स र्�जधत।
प जि- एक स पोजित द्धथिजत, फलने वाला व्यद्धक्त। िीवन की पररपूणयता
वधयनम- वह िो पोिण करता है, शद्धक्त देता है।
उवाय�क- ककडी।
इवत्र- िैसे, इस तरह।
ब�धनात्र- वास्तव में समाद्धि से अजधक ल�बी है।
मृत्य - मृत्य से
म जिर्ा, हमें स्वत�त्र करें, म द्धक्त दें।
अमृतात- अमरता, मोि।

4) Vishnu Stuti ( For peaceful marriage life)
मंर्गलम भर्गवाि टवष्णु मंर्गलम र्गरुड़ ध्वजा |
मंर्गलम पुंडरीकाक्ष मंर्गलाय तिो हरी ||

भर्वान जवष्ण म�र्ल हैं, जिसके ध्वि में र्�ड हैं उसका म�र्लमर् हो
कमल िैसे नेत्र वालो� का म�र्लमर् हो, वह प्रभ हरर सब म�र्लमर् करें।

5) Shiv Stuti (After every aarti, making shiv shankar happy)
कपूयरर्गौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजर्गेन्द्रहारम् ।
सदावसंतं हृदयारटवंदे भवं भवािीसटहतं िमाटम ॥

कपूयरर्ौर�- कपूर के सामान सफ़े द और श ि
क�णावतार�- जचन्ता और क�णा के अवतार हैं
स�सारराम- ब्रह्ा�ड की सच्ची आत्मा
भ िर्ेंद्रहारम्- नार्ो� की माला धारण जकए हुए
सदावस�तम् ह्रदर्ारजवन्दे- कमल के समान पजवत्र हृदर् में जनवास करने वाले
भव� भवानीसजहत� नमाजम-िो भर्वान जशव माता पावयती समेत मेरे ह्रदर् में जनवास करते हैं, उन्हें प्रणाम है।

6) Shakti Parvati Mantra (during pooja and marriage)
सवयमंर्गल मांर्गल्ये टिवे सवार्य साटधके |
िरण्ये त्र्यंबके र्गौरी िारायणी िमोस्तुते ||

हे समस्त म�र्लो� में सवायजधक म�र्लमर्, हे जशव की अधाांजर्नी, सभी उद्देश्ो� और कामनाओ� को पूणय करने वाली!
हे मााँ द र्ाय आपके श्री चरणो� में नमस्कार है।
By Pranay Parikh