importance of hindi and difficulties in its use and their solution
amitdrdo
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Feb 21, 2017
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About This Presentation
importance of hindi and difficulties in its use and their solution
Size: 9.86 MB
Language: none
Added: Feb 21, 2017
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Slide Content
1 हिंदी कार्यशाला में समस्त सहभागियों का हार्दिक स्वागत हैं ! हिन्दी कार्यशाला
राजभाषा का महत्व एवं इसका कार्यान्वयन अमित अग्निहोत्री तकनीकी अधिकारी 'ए' रक्षा अनुसन्धान प्रयोगशाला , तेज़पुर
निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।। विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार। सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। — भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
भाषा भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है । भाषा मुख से उच्चारित होनेवाले शब्दों और वाक्यों आदि का वह समूह है जिनके द्वारा मन की बात बतलाई जाती है। भाषा को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिये लिपियों की सहायता लेनी पड़ती है। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। उदाहरणार्थ पंजाबी , गुरूमुखी तथा शाहमुखी दोनो में लिखी जाती है जबकि हिन्दी , मराठी , संस्कृत , नेपाली इत्यादि सभी देवनागरी में लिखी जाती है।
राष्ट्रभाषा राजभाषा संपर्क भाषा 1/31/2017 5
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह राष्ट्रीय जलीय जीव राष्ट्रीय पशु राष्ट्रीय फल राष्ट्रीय खेल राष्ट्रभाषा ???? राष्ट्रीय ध्वज , राष्ट्रीय पक्षी , राष्ट्रीय पुष्प राष्ट्रीय पेड़ राष्ट्रीय नदी
असम राज्य प्रतीक Language Assamese Song O Mur Apunar Dex Dance Bihu dance Animal One horned rhinoceros Bird White-winged wood duck Flower Rhynchostylis retusa Tree Dipterocarpus macrocarpus River Brahmaputra 1/31/2017 7 Official language Assamese Co-official languages English , Bengali (In the three districts of Barak Valley ), Bodo (In the four districts of Bodoland Territorial Council )
भाषा 1951 ( जनगणना के अनुसार ) Speakers Percentage 1 Hindi , Urdu , Punjabi 149,944,311 42.01% 2 Telugu 32,999,916 9.24% 3 Marathi 27,049,522 7.57% 4 Tamil 26,546,764 7.43% 5 Bengali 25,121,674 7.03% 6 Gujarati 16,310,771 4.57% 7 Kannada 14,471,764 4.05% 8 Malayalam 13,380,109 3.69% 9 Odia 13,153,909 3.21% 10 Assamese 4,988,226 1.39% 1/31/2017 8
देश में हिन्दी बोलने-समझने वालों की संख्या 42 करोड़ से अधिक जनसंख्या की मातृभाषा हिन्दी , जो देश की कुल जनसंख्या का 41 प्रतिशत है। (2001 की जनगणना के अनुसार ) मैथिली, उर्दू, मराठी, गुजराती, बांगला व उडिया आदि भाषाओं को मातृभाषा के रूप में बोलने वाले, जिनके बारे में माना जा सकता है कि वे हिन्दी समझ सकते हैं, का प्रतिशत 31.44 प्रतिशत है। यानी कुल जनसंख्या में हिन्दी बोलने एवं समझने वालों का प्रतिशत 72 से भी ज्यादा है।
संघ की राजभाषा के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों 14.9.1949 - संविधान सभा ने हिन्दी को संघ की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया । इस दिन को अब हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है । 10.5.1963 – राजभाषा अधिनियम बनाया गया धारा 3(3), 5 और हिन्दी प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया. 1976 – 12 राजभाषा नियम बनाएं गए(क,ख,ग,घ) 10
राजभाषा के संबंध में संवैधानिक उपबंध, अधिनियम, नियम अनुच्छेद 343 के अनुसार: संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी । अंकों के लिये भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप मान्य होगा । संसद पंद्रह वर्ष की अवधि के पश्चात विधि द्वारा अंग्रेजी भाषा का और अंकों के देवनागरी रूप का उपबंध कर सकेगी ।
भारत की राजभाषाएँ भारत के संविधान की अष्टम अनुसूची में 22 राज भाषाएँ हैं जो निम्नलिखित हैं – 1. हिन्दी 8. उर्दू 15. संस्कृत 2. नेपाली 9. कन्नड़ा 16. सिंधी 3 . कोकंणी 10. कश्मीरी 17. डोगरी 4. मणिपुरी 11. गुजराती 18. असमिया 5. बोडो 12. तमिल 19. उड़िया 6. संताली 13. तेलुगु 20. मलयालम 7. मैथिली 14. पंजाबी 21. बंगाली 22. मराठी
अनुच्छेद 351. हिंदी भाषा के विकास के लिए निदेश संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए , उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना हिंदुस्तानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और पदों को आत्मसात करते हुए और जहां आवश्यक या वांछनीय हो वहां उसके शब्द-भंडार के लिए मुख्यतः संस्कृत से और गौणतः अन्य भाषाओं से शब्द ग्रहण करते हुए उसकी समृद्धि सुनिश्चित करे। 1/31/2017 13 अनुच्छेद 348. उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाहियां अंग्रेजी भाषा में होंगी ।
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राजभाषा अधिनियम 1963 (26 जनवरी 1965 से लागू और 1967 में संशोधन) धारा 3 ( 3 ): ये कागजात अनिवार्य रूप से हिन्दी और अंग्रेजी में साथ-साथ जारी किए जाएं । संकल्प अधिसूचनाएं अनुज्ञप्तियॉं/अनुज्ञा पत्र करार नियम निविदा प्रपत्र सूचनाएं निविदा सूचनाएं प्रतिवेदन प्रेस विज्ञप्तियां संविदाएं सामान्य आदेश संसद के समक्ष रखे जाने वाले कागजात RESOLUTION NOTIFICATION LISENCE/PERMITS AGREEMENTS RULES TENDER FORMS NOTICES TENDER FORMS NOTICES TENDER NOTICES REPORTS PRESS COMMUNIQUE CONTRACTS GENERAL ORDERS PAPERS LAID BEFORE THE PARLIAMENT
राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3 (3)
राजभाषा नियम,1976 (1987 में संशोधन) तमिलनाडु राज्य के सिवाय संपूर्ण भारत में लागू । ‘क’, ‘ख’ तथा ‘ग’ क्षेत्र बनाए गए । राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के साथ पत्राचार । (लक्ष्य देखें) केंद्र सरकार के कार्यालयों के साथ पत्राचार (लक्ष्य देखें) हिन्दी में प्राप्त पत्रों के उत्तर केवल हिन्दी में ही दें । धारा 3(3) का अनुपालन आवेदन/अभ्यावेदन हिन्दी अथवा अंग्रेजी में । टिप्पणियां हिन्दी अथवा अंग्रेजी । 8(4) का नियम 10(4) के अंतर्गत अधिसूचित कार्यालयों में हिन्दी में प्रवीण अधिकारियों/कर्मचारियों का अपना काम हिन्दी में करने के लिए व्यक्तिश: आदेश जारी करना ।
हिन्दी में प्रवीणता । हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान 10(4) कार्यालय के 80 % अथवा अधिक अधिकारी/कर्मचारी यदि हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान रखते हैं तो कार्यालय को अधिसूचित कराया जाए । सभी मैनुअल, कोड, लेखन सामग्री की मदें केवल द्विभाषी रूप में मुद्रित/जारी/तैयार कराई जाएं । उत्तरदायित्व: राजभाषा आदेशों व अनुदेशों का अनुपालन कार्यालय के प्रधान द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा । (जांच बिंदुओं की स्थापना की जाएगी) राजभाषा नियम,1976 (1987 में संशोधन)
भारत का राजभाषा की दृष्टि से क्षेत्रवार वर्गीकरण
हिंदी में प्राप्त पत्रों का उत्तर अनिवार्य रूप से हिंदी में देना
कंप्यूटरों की खरीद
नामपट्ट, सूचनापट्ट आदि
सेवा-पुस्तिकाओं/रजिस्टरों में प्रविष्टियां
हिन्दी प्रयोग के लिए 201 6 -201 7 के वार्षिक कार्यक्रम के लक्ष्य हिन्दी पत्राचार: क से क क्षेत्र – 75-100 % ख से क क्षेत्र – 75-90 % ग से क क्षेत्र – 55 % क से ख क्षेत्र – 65-100 % ख से ख क्षेत्र – 65-90 % ग से ख क्षेत्र – 55 % क से ग क्षेत्र – 50-65 % ख से ग क्षेत्र – 45-55 % ग से ग क्षेत्र – 55 % हिन्दी में प्राप्त पत्रों के उत्तर: क ख ग 100 % 100 % 100 % हिन्दी टिप्पण (नोटिंग): 55-75 % 40-50 % 20-30 % हिन्दी टाईपिस्टों तथा आशुलिपिकों की भर्ती: 80 % 70 % 40 % हिन्दी डिक्टेशन: 65 % 55 % 30 % हिन्दी प्रशिक्षण: 100 % 100 % 100 % द्विभाषिक प्रशिक्षण सामग्री: 100 % 100 % 100 % पुस्तकों की खरीद: 50 % 50 % 50 % (जर्नल, रेफरेंशन बुक छोड़कर) कम्प्यूटरों की द्विभाषी खरीद: 100 % 100 % 100 % वेबसाईट द्विभाषी: 100 % 100 % 100 % ओलिक मिटिंग 4 4 4 फार्म, कोड, मैनुअल 100 % 100 % 100 %
राजभाषा संबंधी नियमों की जानकारी का अभाव कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने में कठिनाई अंग्रेज़ी में निरंतर कार्य करने की आदत हिंदी के प्रति हीन भावना की मानसिकता प्रेरणा और प्रोत्साहन की नीति एवं दंड के अभाव में नियमों की उपेक्षा एवं अवहेलना राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन में प्रमुख कठिनाई
अधिकतर कर्मचारियों को राजभाषा नियमों की जानकारी नहीं इसका प्रमुख कारण है विधि की भाषा की दुरुहता तथा इसके प्रति अरूचि की भावना आवश्यक नहीं कि सभी कर्मचारियों को सभी नियम का ज्ञान हो। परंतु प्रमुख नियमों के सार का ज्ञान बेहद जरूरी नियमों की जानकारी के अभाव में प्रत्येक कर्मचारियों से जाने-अनजाने होता है राजभाषा नियमों का उल्लंघन प्रमुख नियमों को अति संक्षेप में तथा बेहद सरला भाषा में कर्मचारियों को ज्ञात कराना हिंदी अधिकारी या हिंदी प्रभारी की जिम्मेदारी राजभाषा संबंधी नियमों की जानकारी का अभाव
महत्वपूर्ण नियम केंद्र सरकार के प्रत्येक अधिकारी / कर्मचारी को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान होना अनिवार्य तथा अप्रशिक्षित कर्मचारियों को हिंदी प्रशिक्षण संस्थान के तहत प्रशिक्षण अनिवार्य राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3 (3) का शत-प्रतिशत अनुपालन राजभाषा नियम 1976 के नियम 5 के तहत हिंदी में प्राप्त सभी पत्रों के उत्तर हिंदी में दिया जाना। पुस्तकालयों में पुस्तकों की खरीद पर किए गए व्यय का न्यूनतम 50% हिंदी पुस्तकों की खरीद पर व्यय
महत्वपूर्ण नियम राजभाषा नियम 1976 के नियम 11 के तहत रजिस्टरों के शीर्षक द्विभाषी हो तथा इनमें प्रविष्टियां भी हिंदी में इसी नियम के तहत रबड़ की सभी मोहरें, साइनबोर्ड, सील, पत्रशीर्ष, नामपट्ट, वाहनों पर कार्यालय का विवरण, विजिटिंग कार्ड, बैज, लोगो, मोनोग्राम तथा चार्ट तथा नक्शे आदि द्विभाषी होने चाहिए “ग” क्षेत्र के कार्यालयों द्वारा केंद्र सरकार के कार्यालयों को न्यूनत्तम 55% पत्राचार का लक्ष्य “क” और “ख” क्षेत्र के कार्यालयों को भेजे जाने वाले पत्रों के लिफाफों पर पते हिंदी में सभी कंप्यूटरों पर द्विभाषी सॉफ्टवेयर की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए प्रत्येक तिमाही में एक हिंदी कार्यशाला का आयोजन अनिवार्यतः किया जाना चाहिए
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वैयक्तिक वेतन , नकद पुरस्कार एवं केन्द्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन प्रबोध प्रवीण प्राज्ञ 1/31/2017 32
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फॉन्ट ( Font) की समस्या टाईपिंग की समस्या इंटरनेट पर हिंदी में सर्च आदि की समस्या डेटा हस्तांतरण के दौरान compatibility की समस्या समाधान टाइपिंग के लिए सरल फोनेटिक टूल जैसे माइक्रोसॉफ्ट इंडिक लैंग्वेज इनपुट टूल का प्रयोग करें। हिंदी प्रभारी के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सभी कंप्यूटरों पर इन सुविधाओं को इंस्टाल किया जाए एवं इसकी जानकारी कर्मचारियों को प्रदान की जाए। कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करनें में प्रमुख समस्याएं
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शुरुआत छोटे से करें और एक वातावरण बनाएं। सभी कर्मचारियों से हिंदी में हस्ताक्षर करने का अनुरोध सभी फाइलों पर हिंदी में टिप्पणी कार्यालय में आज का हिंदी शब्द और आज का सुविचार अवश्य लगाएं “हिंदी का काम” की मानसिकता त्यागें अंग्रेज़ी में निरंतर कार्य करने की आदत की समस्या
हिंदी के प्रति हीन भावन क्यों? विश्व की दूसरी सबसे ज्यादा बोले जानी भाषा भारत और विश्व के 60 करोड़ लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं हमारे देश की राष्ट्रभाषा और राजभाषा हमारे देश की संपर्क भाषा हमारे देश की मनोरंजन की भाषा हमारे देश की व्यापार की भाषा फिर ऐसी समृद्ध,सुमधुर और वैज्ञानिक भाषा को अपनाने में हीन भावना या हिचक क्यों? हिंदी के प्रति हीन भावना की मानसिकता
राजभाषा कार्यान्वयन में प्रेरणा और प्रोत्साहन के सिद्धांत को अपनाया गया है। इसके पीछे भारत की बहुभाषी संस्कृति को दृष्टि में रखा गया है। नियमों के उल्लंघन पर दंड की व्यवस्था नहीं है इस व्यवस्था का दुरुपयोग ना करें जानबुझकर नियमों के उल्लंघन करने पर कार्यालय प्रमुख के पास दंड के अधिकार सुरक्षित आपके कार्यालय की प्रतिष्ठा आपकी सजगता और कर्तव्यनिष्ठा पर निर्भर है हिंदी कार्यान्वयन की जबावदेही कार्यालय प्रमुख की बनती है अतः एक जिम्मेदार कर्मचारी के तौर पर कार्यालय और कार्यालय प्रमुख की प्रतिष्ठा का ध्यान रखें। प्रेरणा और प्रोत्साहन की नीति एवं दंड के अभाव में नियमों की उपेक्षा एवं अवहेलना
हिंदी की समृद्धि ही देश समृद्धि है स्वयं हिंदी में काम करें और सहयोगियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित करें