कृिाश्ि के साथ ककया था। िेि 4 कन्याओं का वििाह भी कश्यप के साथ ही कर दिया गया।
*कश्यप की पत्नीयााँ : इस प्रकार ऋवि कश्यप की अदितत, दितत, िनु, काटठा, अररटिा, सुरसा, इला,
मुतन, क्रोधििा, ताम्रा, सुरशभ, सुरसा, ततशम, विनता, कद्रू, पतांगी और याशमनी आदि पष्त्नयााँ बनीं।
1.अदिति : पुराणों अनुसार कश्यप ने अपनी पत्नी अदितत के गभद से बारह आदित्यों को जन्म दिया,
ष्जनमें भगिान नारायण का िामन अितार भी िाशमल था।
माना जाता है कक चाक्षुि मन्िन्तर काल में तुवित नामक बारह श्रेटठगणों ने बारह आदित्यों के �प
में जन्म शलया, जो कक इस प्रकार थे- वििस्त्िान्, अयदमा, पूिा, त्िटिा, सविता, भग, धाता, विधाता,
ि�ण, शमर, इंद्र और त्ररविक्रम (भगिान िामन)।
ऋवि कश्यप के पुर विस्त्िान से मनु का जन्म हुआ। महाराज मनु को इक्ष्िाकु, नृग, धृटि, ियादतत,
नररटयन्त, प्रान्िु, नाभाग, दिटि, क�ि और पृिध्र नामक िस श्रेटठ पुरों की प्राष्प्त हुई।
2.दिति : कश्यप ऋवि ने दितत के गभद से दहरण्यकश्यप और दहरण्याक्ष नामक िो पुर एिं शसंदहका
नामक एक पुरी को जन्म दिया। श्रीमद्भागित् के अनुसार इन तीन संतानों के अलािा दितत के गभद
से कश्यप के 49 अन्य पुरों का जन्म भी हुआ, जो कक म�न्िण कहलाए। कश्यप के ये पुर तनसंतान
रहे। जबकक दहरण्यकश्यप के चार पुर थे- अनुहल्लाि, हल्लाि, भक्त प्रह्लाि और संहल्लाि।
3.िनु : ऋवि कश्यप को उनकी पत्नी िनु के गभद से द्विमुधाद, िम्बर, अररटि, हयग्रीि, विभािसु,
अ�ण, अनुतापन, धूम्रकेि, वि�पाक्ष, िुजदय, अयोमुख, िंकुशिरा, कवपल, िंकर, एकचक्र, महाबाहु,
तारक, महाबल, स्त्िभादनु, िृिपिाद, महाबली पुलोम और विप्रधचतत आदि 61 महान पुरों की प्राष्प्त हुई।
4.अन्य पत्नीयााँ : रानी काटठा से घोडे आदि एक खुर िाले पिु उत्पन्न हुए। पत्नी अररटिा से गंधिद
पैिा हुए। सुरसा नामक रानी से यातुधान (राक्षस) उत्पन्न हुए। इला से िृक्ष, लता आदि पृथ्िी पर
उत्पन्न होने िाली िनस्त्पततयों का जन्म हुआ। मुतन के गभद से अप्सराएाँ जन्मीं। कश्यप की क्रोधििा
नामक रानी ने सााँप, त्रबच्छु आदि वििैले जन्तु पैिा ककए।