Mitochondria in hindi

SiddharthSatpathi 1,614 views 7 slides Oct 22, 2021
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About This Presentation

mitochondia in hindi for hindi medium student ....by siddharth satpathi


Slide Content

Mitochondria (माइटोकॉन्ड्रिया) Siddharth Satpathi B.Sc.:-Biotechenology M.Sc.:-Botany

Synopsis:- (1):-सामान्य परिचय (2):-आकारिकी (3):-वितरण एवं ओरिएण्टेशन (4):-अल्ट्रा संरचना

(1):-सामान्य परिचय माइट्रोकांड्रिया बैक्टीरिया तथा स्तनियों की परिपक्व लाल रुधिर कणिकाओं में अनुपस्थित तथा पौधों एवं जंतुओं की सभी कोशिकाओं के साइटोप्लाज्म में पाई जाने वाली सूक्ष्मा फिलामेंट्स या ग्रेन्यूलर स्थाई ऑर्गेनल्स है| माइट्रोकांड्रिया कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करते हैं अतः इसे कोशिका का पावर हाउस कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया को सर्वप्रथम कोलीकर(1850) ने कीटों की पेशीय कोशिकाओं में देखा था, फ्लेमिंग (1882)ने इन्हें कोशिकाओं में देखा तथा इसका नाम फिला रखा| बेंडा(1897) ने इन्हें माइटोकांड्रिया नाम दिया|

आकारिकी:- आकृति(shape):-प्रायः फिलामेंट्स ग्रेन्यूलर तथा छड़ के आकार के होते है। इनके अतिरिक्त वेसिकुलर तथा रिंग के आकार के होते हैं। परिमाण(size):-अधिकांश कोशिकाओं में इनका व्यास 0.5 से 1.0 माइक्रोन तथा लंबाई 3 से 10 माइक्रोन होता है। संख्या(number):-माइटोकॉन्ड्रिया की संख्या भिन्न-भिन्न कोशिकाओं में भिन्न-भिन्न होती है जैसे:- स्पर्म कोशिकाओं में 20 से 24 तक चूहे की यकृत कोशिकाओं में 1000 से 2500 तक समुद्री अर्चीन के अंडों में 14000 से 150000 तक

वितरण एवं ओरिएण्टेशन(distribution and orientation:- सामान्यतः माइट्रोकांड्रिया कोशिका के साइटोप्लाज्म में समान रूप से वितरित रहते हैं किंतु कोशिका में अधिक ऊर्जा की आवश्यकता वाले क्षेत्रों के आसपास स्थाई रूप से पाए जाते हैं| कोशिका विभाजन के समय माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका में स्पिंडल के पास एकत्रित रहते हैं तथा विभाजन के पश्चात दोनों संतति कोशिकाओं में बराबर बंठ जाते है| श्वेत रुधिर कणिकाओं में यह सेंट्रियोल के चारों ओर रेडियली व्यवस्थित रहते हैं| किडनी तथा ग्लैंड कोशिकाओं में माइटोकॉन्ड्रिया बेसल भागों की ओर स्थित रहते हैं|

अल्ट्रा संरचना(ultra structure):- इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर माइटोकॉन्ड्रिया में निम्नलिखित संरचनाएं दिखाई देती हैं:- (1):-Membrane:-माइटोकॉन्ड्रिया की भित्ति बाहरी तथा भीतरी दो मेंब्रेन से मिलकर बनी होती है प्रत्येक मेंब्रेन रचना में त्रिस्तरीय यूनिट मेंब्रेन होती है:- (a):-बाहरी मेंब्रेन:-यह चिकनी एवं मोटाई में 60A°से 70A° तक होती है जोकि माइट्रोकांड्रिया का बाहरी आवरण बनाता है| (b):-भीतरी मेंब्रेन:-यह बाहरी मेंब्रेन के नीचे तथा मोटाई में 60A°-70A°तक होती है| भीतरी मेंब्रेन माइट्रोकांड्रिया की गुहा में अंगुली के समान उभार के रूप में पाए जाते हैं,जिन्हें माइटोकांड्रियल क्रिस्टी या क्रेस्ट कहा जाता है| इन क्रिस्टी के द्वारा माइट्रोकांड्रिया की भीतरी गुफा अनेक छोटे-छोटे कक्षाओं में विभाजित हो जाती है| (2):-चेंबर्स(chambers) :- माइटोकॉन्ड्रिया की बाहरी तथा भीतरी मेंब्रेन के कारण माइट्रोकांड्रिया में निम्न प्रकार के कक्ष बन जाते हैं:- (a):- outer chamber:- यह कक्ष माइटोकॉन्ड्रिया की दोनों बाहरी एवं भीतरी मेंब्रेन के मध्य स्थित होती है जिसकी चौड़ाई60A°-70A° तक होती है| (b):- Inner chamber:- यह माइटोकॉन्ड्रिया के अंदर भीतरी मेंब्रेन द्वारा गिरी हुई एक गुहा है जिसमें एक सघन द्रव माइटोकांड्रियल मैट्रिक्स भरा होता है माइटोकांड्रियल मैट्रिक्स में कुछ महीने तंतु घुलनशील प्रोटीन कणिकाएं तथा एंजाइम पाए जाते हैं|