Module 6- Nutrition Health and Sanitation- Hindi.ppt.pptx

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About This Presentation

Nutrition and HEalth


Slide Content

मॉड्यूल 6: पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता

प्रस्तावना ‹#› मॉड्यूल का उद्देश्य सकारात्मक दृष्टिकोण और स्वस्थ पोषण और स्वच्छता संबंधी आदतों के बारे में ज्ञान का विकास करना है किशोरों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं से परिचित कराते हैं। स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए विभिन्न खाद्य समूहों, स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों और उनके महत्व का वर्णन करते हैं संतुलित आहार की अवधारणा से परिचित कराते हैं। पोषण संबंधी भेदभाव और मिथकों की पहचान करके उनकी सच्चाई से अवगत कराते हैं। एनीमिया के कारणों, रोकथाम और प्रबंधन के बारे में शिक्षार्थी का ज्ञान बढ़ाते हैं

गतिविधियां ‹#› क्रमांक गतिविधियां तरीके 1 किशोरों की पोषण संबंधी आवश्यकताएं चर्चा 2 व्यक्तिगत स्वच्छता खेल 3 स्वस्थ आदतों पर क्विज (स्वस्थ भोजन और खाद्य स्वच्छता) क्विज 4 स्वच्छता और स्वास्थ्य चर्चा 5 एनीमियाः कारण, रोकथाम और प्रबंधन समूह चर्चा 6 पोषण और स्वच्छता पर राष्ट्रीय योजनाएं चर्चा

गतिविधि 1: बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताएं ‹#› स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न खाद्य समूहों और उनके महत्व का वर्णन करते हैं विभिन्न खाद्य समूहों के स्थानीय रूप से उपलब्ध स्रोतों की पहचान करते हैं संतुलित आहार की अवधारणा का वर्णन करते हैं सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

खाद्य पदार्थ और खाद्य समूह ‹#› खाद्य पदार्थ खाद्य समूह 1. अनाज (गेहूँ, चावल, बाजरा, जौ, रागी आदि); सफेद मूल और कंद; केले ऊर्जा प्रदान करने वाले भोजन – कार्बोहाइड्रेट और वसा 2. तेल, वसा, मीठा 3. दालें (बीन्स, मटर और मसूर) शरीर का निर्माण करने वाले भोजन – प्रोटीन 4. मेवे और बीज 5. डेयरी उत्पाद 6. मांस, मुर्गी और मछली 7. अंडे 8. सब्जियां रक्षक भोजन – विटामिन और खनिज 9. फल

भोजन पिरामिड ‹#›

चर्चा का सारांश ‹#› भोजन हमारे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करता है फुड पिरामिड का आधार चौड़ा है जो यह दर्शाता है कि वहां दिखाए गए भोजन को दैनिक आहार में अधिक मात्रा में खाना चाहिए पिरामिड के सबसे ऊपरी हिस्से में वैसे खाद्य सामग्री रखे गए हैं जिनमें वसा (तेल) और शर्करा ज्यादा मात्रा में हैं। दैनिक आहार में इन्हें बहुत कम मात्रा में खाना चाहिए। सभी पोषक तत्वों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हमें प्रत्येक खाद्य समूहों में से पर्याप्‍त मात्रा में भोजन लेने की आवश्यकता होती है। स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थ और घर का भोजन, डिब्‍बाबंद खाना और फास्‍ट फुड की तुलना में ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। डिब्‍बाबंद खाना और फास्‍ट फुड भले ही स्वादिष्ट हों, पर इन्‍हें नियमित रूप से भोजन की जगह लेने से सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। ध्यान दें : डिब्बाबंद खाने और फास्ट फुड के सेवन को बढ़ावा देने वाले आकर्षक विज्ञापनों का आलोचनात्मक विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है

गतिविधि-2: व्यक्तिगत स्वच्छता ‹#› अच्छे स्वास्थ्य को व्यक्तिगत स्वच्छता से संबद्ध करते हैं व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के तरीकों का वर्णन करते हैं सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

चर्चा का सारांश ‹#› व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने से बैक्टीरिया या वायरस से होने वाली बीमारी और संक्रमण से बचाव होता है व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए आसान गतिविधियां : हाथों को धोएं (भोजन बनाने या करने के पहले, खेलकर आने के बाद या शौचालय जाने के बाद), दिन में कम से कम दो बार दांत साफ करना, प्रत्येक भोजन के बाद मुंह धोना, बड़े होनेपर नाखून काटना, प्रतिदिन स्नान करना, नाखून चबाने या नाक में ऊंगली डालने से बचना, प्रतिदिन अंतःवस्त्रों को बदलना, बाहर जाते समय जूते या चप्पल पहनना, खांसते या छींकते समय कुहनी का उपयोग करें

गतिविधि-3: स्वस्थ आदतों पर क्विज (स्वस्थ भोजन और खाद्य स्वच्छता) ‹#› अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए भोजन करने की अच्छी आदतों का वर्णन करते हैं खाद्य स्वच्छता बनाए रखने के लिए सात सी (7 Cs) का वर्णन करते हैं सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

क्विज ‹#› मक्का, जौ, रागी, बाजरा, गेहूँ आदि साबुत अनाज का सेवन करना चपाती बनाने के लिए गेहूँ के आटे से चोकर निकालना भोजन के तुरंत बाद में या पहले चाय / कॉफी पीना लोहे के बर्तन में खाना पकाना खुले बर्तन में हरी सब्जी पकाना दो दिनों से कमरे के तापमान पर रखा हुआ भोजन करना

खाद्य पदार्थों को दूषित होने से बचाने के लिए खाद्य स्वच्छता के सात सी (7 Cs) ‹#› जांचें : ताजा भोजन करें। डिब्बाबंद खाना खरीदने के पहले उसकी ‘उपयोग की अंतिम तिथि’ की जांच कर लें। स्वच्छः भोजन को रखने से पहले सारे पैकेट, टिन, बोतल को अच्छे से साफ कर लें। पकाने या कच्चा खाने के पहले फल, सब्जी और अन्य खाद्य पदार्थों को धोएं। ढकनाः भोजन और पीने के पानी को ढककर कीट और धूल से मुक्त जगह पर रखें। सूखने और गंध लगने से बचने के लिए फ्रिज में भी भोजन को ढककर रखें। क्रॉस कॉन्टेमिनेसन से बचानाः कच्चे और पके भोजन को अलग अलग रखें। पकानाः भोजन को अच्छी तरह पकाएं और यदि उसे रखने के लिए फ्रिज नहीं हो तो हमेशा ताजा भोजन पकाएं। ठंडा करनाः मांस, मुर्गी, अंडे और अन्य जल्दी खराब होने वाले चीजों को बाजार से घर लाते ही फ्रिज में रख दें। उपभोगः भोजन को स्वच्छ वातावरण में परोसें। भोजन परोसने के लिए साफ बर्तन, प्लेट, चम्मच का उपयोग करें और उपयोग के बाद उन्हें धो लें

चर्चा का सारांश खाद्य स्वच्छता का अभाव हमारे देश में शिशुओं और बच्चों में बीमारी और मृत्यु का एक सामान्य कारण है, जिसे हम व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर स्वच्छता का ध्यान रखकर आसानी से कम कर सकते हैं। अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए खान-पान की अच्छी आदतें और भोजन की स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, साबुत अनाज, अंकुरित अनाज खाना, स्थानीय पेय (डिब्‍बाबंद पेय के बजाय) पीना, स्‍ट्रीट और जंक फुड का कम उपभोग, लोहे के बर्तनों में खाना बनाना। खाद्य स्वच्छता बनाए रखने के लिए ‘सात सी’ का पालन करना महत्वपूर्ण है। ‹#›

गतिविधि-4: स्वच्छता और स्वास्थ्य ‹#› व्यक्तिगत और खाद्य स्वच्छता, सफाई और अच्छे स्वास्थ्य के बीच के संबंध का वर्णन करते हैं संक्रामक रोगों के फेईको-ओरल संचरण (पांच एफ) के पांच मोड का वर्णन करते हैं संक्रमण को रोकने के लिए स्वच्छता और सफाई बनाए रखने के तरीकों का वर्णन करते हैं सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

केस स्टडी ‹#› समूह चर्चा के लिए प्रश्न समूह 1 और 2 के लिए प्रश्न क्या आपको लगता है कि हेमा और उसके परिवार के व्यक्तिगत स्वच्छता अभ्यासों ने परिवार में लगातार बीमारियों को जन्म दिया? कृपया अपनी दी गई प्रतिक्रिया का कारण बताएँ। व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए आप हेमा और उसके बच्चों को क्या सलाह देंगे? समूह 3 और 4 के लिए प्रश्न क्या आपको लगता है कि हेमा के खाना पकाने और भोजन के भंडारण के तरीके से उसके परिवार को बार-बार बीमारियाँ होती थीं? कृपया अपनी दी गई प्रतिक्रिया का लिए कारण बताएँ। हेमा और उसके पति को खाद्य स्वच्छता बनाएँ रखने के लिए आप क्या सलाह देंगे? समूह 5 और 6 के लिए प्रश्न क्या आपको लगता है कि हेमा के घर में और आसपास का अस्वच्ता वातावरण परिवार की लगातार बीमारियों का कारण बना? कृपया अपनी दी गई प्रतिक्रिया का कारण बताएँ। हेमा और उसके पति को स्वच्छता बनाएँ रखने के लिए आप क्या सलाह देंगे? वीडियो हेमा तीन छोटे बच्चों की माँ हैं जो क्रमशः 8, 4 और 2 साल के हैं। उसका पति एक दिहाड़ी मजदूर है जो सुबह जल्दी काम पर चला जाता है। उसके पास घर पर मदद के लिए कोई भी नहीं है जिससे बच्चों को संभालना, खाना पकाना, सफाई, कपड़े और बर्तन धोने के घरेलू काम करना मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर वह दिन में केवल एक बार खाना बना पाती है। उनके पास फ्रिज नहीं है और पका हुआ भोजन बाहर रहता है। हेमा के घर में और उसके आसपास बहुत सी मक्खियाँ हैं जो अकसर भोजन पर बैठती हैं। सभी कामों को पूरा करने की हड़बड़ी में वह अक्सर भोजन को ढकना और बच्चों की पहुँच से दूर रखना भूल जाती है जो बिना हाथ धोए भोजन करते हैं। हेमा और उसका परिवार पास के खेत में शौच के लिए जाते हैं जिससे हेमा को अपने दो छोटे बच्चों जब वे शौचालय जाते हैं तो साथ जाना और उनकी साफ -सफाई करना मुश्किल हो जाता है। बच्चे उसी मैदान में नंगे पैर खेलते भी हैं। हेमा कभी-कभी अपने बच्चों की साफ-सफाई करने के बाद हाथ धोना भी भूल जाती है। उसे हर दिन अपने दो छोटे बच्चों की साफ -सफाई करना और नहलाना मुश्किल लगता है और उनके नाखून अकसर खराब और गंदे रहते हैं। जब कभी नल में पानी नहीं आता तो वह कभी-कभी खेत में स्थित रसोई की बगल के तालाब के पानी का उपयोग भी करती है। हेमा और उसके परिवार को अक्सर पेट में दर्द और दस्त की शिकायत रहती है। हाल ही में उसके छोटे बच्चे को मिचली की शिकायत हुई है और उसने मल में खून देखा है। हेमा खुद को बहुत कमजोर/असहाय महसूस कर रही है।

पांच एफ की शृंखला जो संक्रमण का कारण बन सकती है ‹#› प्राथमिक बाधाः शौचालयों तक पहुंच दूसरी बाधाः शुद्ध जल, स्वच्छता और हाथ धोना

चर्चा का सारांश व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन नहीं करने पर वातावरण से हानिकारक कीटाणुओं का शरीर में प्रवेश हो सकता है दूषित भोजन और पानी किसी व्यक्ति के शरीर में हानिकारक कीटाणुओं के प्रवेश के सामान्य माध्यम होते हैं। वातावरण में हानिकारक कीटाणुओं को पनपने और फैलने से रोकने के लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण है खुले में शौच करने से कृमि का संक्रमण हो सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए (कैसे के बारे में चर्चा) ‹#›

गतिविधि-5: एनीमिया: कारण, रोकथाम और प्रबंधन ‹#› बच्चों में एनीमिया के सामान्य कारणों और लक्षणों का वर्णन करते हैं। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारकों को सूचीबद्ध करते हैं। आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 से समृद्ध और स्थानीय रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों की पहचान करते हैं। एनीमिया की रोकथाम और प्रबंधन का वर्णन करते हैं। सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

ग्रुप कार्य ‹#› ग्रुप 1: एनीमिया के कारण ग्रुप 2: आप कैसे पता करेंगे कि व्यक्ति को एनीमिया है? ग्रुप 3: आयरन के स्रोत ग्रुप 4: आयरन की कमी या एनीमिया की रोकथाम के लिए आप अपने समुदाय के लोगों को क्या सलाह देंगे? ग्रुप 5: बच्चों पर एनीमिया का खतरा – कारण

चर्चा का सारांश एनीमिया हमारे लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन की कमी की स्थिति है। यह आयरन की कमी के कारण होता है। कोई भी किशोर जिसका हीमोग्लोबिन 12 ग्राम/100 मिलीग्राम से कम है, वह एनीमिया से ग्रसित है। किशोरावस्था के दौरान शरीर का विकास तेज़ी से होता है। इसलिए समग्र पोषण और आयरन की आवश्‍यकता भी बढ़ जाती है। आयरन की कमी व्‍यक्‍ति के काम करने, खेलने या पढ़ने की क्षमता में अवरोध उत्‍पन्‍न करती है। यदि इसका उपचार नहीं किया जाए तो इसके दीर्घकालिक नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं। एनीमिया की रोकथाम आसान है और इसका इलाज भी किया जा सकता है। हमें स्वस्थ और फिट रहने के लिए आयरन युक्त भोजन करना चाहिए। हमें एनीमिया के लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज करवाना चाहिए। बच्चों को एनीमिया से बचने के लिए सरकार की डब्‍ल्‍यूआईएफएस योजना के तहत आयरन और फोलिक एसिड का सेवन करना चाहिए। ‹#›

गतिविधि-6: पोषण और स्वच्छता पर राष्ट्रीय योजनाएं ‹#› साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक, राष्ट्रीय डिवॉर्मिंग दिवस और स्वच्छ भारत अभियान जैसी सरकारी योजनाओं के प्रमुख प्रावधानों और लाभ का वर्णन करते हैं सीखने के प्रतिफल शिक्षार्थी

योजना: साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक ‹#› स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने किशोर और किशोरियों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण, 2015-16 के अनुसार 56 प्रतिशत किशोरियां और 30 प्रतिशत किशोर) में एनीमिया की व्यापकता की चुनौती से निपटने के लिए 2012 से साप्‍ताहिक आयरन और फोलिक एसिड अनुपूरक (डब्ल्यूआईएफएस) कार्यक्रम चला रहा है। एनीमिया के कई कारण होते हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत मामलों में स्कूल जाने वाले बच्चे और प्रजनन आयुवर्ग (15–45 वर्ष) की स्‍त्रियों में और 80% मामलों में 2–5 साल के बच्चों में आयरन की कमी है। डब्ल्यूआईएफएस के तहत कक्षा 1–12 में पढ़ने वाले बच्चों को आयरन-फोलिक एसिड की गोलियां (गलुाबी/नीली गोलियां) दी जाती हैं। यह सेवा विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से दी जाती है। मिचली और पेट दर्द जैसे दुष्प्रभावों को रोकने के लिए दिन के मुख्य भोजन के बाद इन गोलियों का सेवन किया जाना चाहिए।

योजना: राष्ट्रीय डीवॉर्मिंग दिवस (एनडीडी) ‹#› यह कार्यक्रम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया गया है ताकि कृमि संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके, जिससे एनीमिया, कुपोषण होता है और मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है। भारत में आंतों के कीड़े का सबसे ज्यादा प्रकोप है जो मनुष्यों में दूषित मिट्टी के माध्यम से प्रवेश करते हैं। बच्चों में परजीवी कीड़े पोषक तत्व की कमी से होते हैं और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। राष्ट्रीय डीवॉर्मिंग दिवस (एनडीडी) कार्यक्रम की शुरुआत 10 फरवरी, 2018 से हुई। इसका आयोजन प्रत्येक वर्ष दो बार 10 फरवरी और 10 अगस्त को किया जाता है। इन दिवसों पर 1 से 19 वर्ष के बच्चों को बड़े पैमाने पर डीवर्मिंग एल्बेंडाजोल गोलियों की अनुशंसित खुराक दी जाती है। राष्ट्रीय डीवॉर्मिंग दिवस का आयोजन स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है।

योजना: स्वच्छ भारत अभियान ‹#› स्वच्छ भारत अभियान को क्लीन इंडिया मिशन या स्वच्छ भारत कैंपेन भी कहा जाता है। यह सभी पिछड़े वैधानिक शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान है। इस अभियान में शामिल हैं: गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए शौचालयों का निर्माण या शुष्क शौचालयों को कम लागत वाले सैनिटरी शौचालयों में परिवर्तित करना। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना - पानी के लिए हैंड पंपों का उपयोग, सुरक्षित स्नान की सुविधा, सेनेटरी मॉर्ट्स, नालियों का निर्माण, ठोस और तरल कचरे का निपटान, सड़कों और गलियों की सफाई। इसका उद्देश्य स्वच्छता प्रथाओं के माध्यम से डायरिया के जोखिम को कम करना है और शौचालयों का निर्माण होने से खुले मैदान में शौच के माध्यम से कृमि के संक्रमण के जोखिम में कमी आएगी स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना। इस अभियान का शुभारंभ माननीय प्रधान मंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को राजघाट, नई दिल्ली में महात्मा गांधी की 145 वीं जयंती पर किया था। और अधिक जानकारी के लिए: http://swachhbharatmission.gov.in/SBMCMS/about-us.html

चर्चा का सारांश भारत सरकार लोगों के स्वास्थ्य की बेहतरी और उन्हें प्रचलित बीमारियों से बचाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है। साप्‍ताहिक आयरन फोलिक एसिड अनुपूरक, राष्ट्रीय डीवर्मिंग दिवस और स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्रीय स्तर के तीन कार्यक्रम हैं जो क्रमशः एनीमिया, परजीवी कृमि संक्रमण और स्वच्छता की कमी के मामलों से निपटने की कोशिश करते हैं। इन योजनाओं की जानकारी होना और इनमें भाग लेना महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्‍चित हो सके कि इसका लाभ हम तक और हमारे समदुाय के लोगों तक पहुंचे। ‹#›

धन्यवाद
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