IRGAMुDR
लाभ–
–KRSHR,TMOJL][H, MRGBCK
L][H बढ़ती है।Fur शांत होता है।L][H बढ़ती है।Fur शांत होता है।
tcGDR दूर होती है ।
30-45 मनट नय
आकाश
मुDRAमुDRA
AAKASH
MUDRA
लाभ –
कान क सुनने क L][H बढ़ती
आकाश मुDR
कान क सुनने क L][H बढ़ती
है, उच रतचाप म लाभ ।
30 मनट नय
पृवी
मुDRAमुDRA
PRITHVI
MUDRA
पृवी मुा
लाभ -
शरर क हडीयां व मांसपसयां शरर क हडीयां व मांसपसयां
मजबूत होती ह। वटामन क
कमी दूर होती है ।
30 मनट नय
इ मुDR
INDRAINDRA
MUDRA
इं मुा
लाभ -
चम रोग म लाभकार, दत होने
पर डहाइेशन नहं होता । लघु
चम रोग म लाभकार, दत होने
पर डहाइेशन नहं होता । लघु
शंका बार बार नहं जाना पड़ता ।
30 मनट नय
वायु
मुDRA
VAYU
MUDRA
वायु मुा
लाभ -
घुटन एवं शरर म कहं भी दद म
लाभ । क क कर डकार म लाभ ।
सवाइकल, दद, गठया, एड़ी म दद सवाइकल, दद, गठया, एड़ी म दद
म लाभ । दय क पीड़ा म भी
उपयोगी है ।
30-45 मनट नय
शूय
मुDRAमुDRA
SHOONYA
MUDRA
शूय मुा
लाभ -
शरर म कहं भी सुनपन, कान म
बहरापन, कान बहता हो या कान म
मैल जमा हो तो लाभकार, कान म
बहरापन, कान बहता हो या कान म
मैल जमा हो तो लाभकार, कान म
सांय सांय क आवाज म भी लाभ
करती है ।
30 - 45 मनट नय
सूय
मुDRAमुDRA
SOORYA
MUDRA
सूय मुा
लाभ -
सद, जुकाम म लाभकार । मोटापा
घटाती है, कॉले ोल कम करती है ।
मधुमेह, यूरया भी कम होता है । मधुमेह, यूरया भी कम होता है ।
मोतया बद कम होता है, ने योत
बढ़ती है ।
15 -15 मनट दन म 2 बार
जलोदरनाशक
या
वण मुDRAवण मुDRA
JALODAR NASHAK
OR
VARUN MUDRA
जलोदर नाशक/वण मुDRA
लाभ -
शरर क सूजन कम करती है । पेट
म पानी [जलोदर/DROPSY]म म पानी [जलोदर/DROPSY]म
लाभकार, साइनस, हाथी पांव म भी
लाभ करती है ।
30 - 45 मनट नय
ाण
मुDRAमुDRA
PRAN
MUDRA
ाण मुDRA
लाभ -
शरर क तरोधक मता बढ़ती है । दुबलता कम
होती है, जीवनी L][H बढ़ती है । ने योत बढ़ती
है, िट दोष भी दूर होता है । रतवाहनी क
होती है, जीवनी L][H बढ़ती है । ने योत बढ़ती
है, िट दोष भी दूर होता है । रतवाहनी क
कावट[BLOCKAGE]दूर होती है । लकवे क कमजोर
दूर होती है । सभी कार के लू वाईन, डगू म
लाभदायक ।
30 - 45 मनट
अपान
मुDRAमुDRA
APAN
MUDRA
अपान मुा
लाभ -
यह मुा नाभ से नीचे के सभी अवयव पेट,
नाभ, गुदा, गुतांग, घुटना, पंडल, जंघाएँ, पैर
आद सभी अंग से सबंधत सभी रोग का आद सभी अंग से सबंधत सभी रोग का
उपचार करती है ।
शेष आगे -
पसीना आने क या सुधारती है, पैर क जलन
ठक होती है । जी मचलाना, हचक, उलट एवं
दत म लाभकार है । उच रतचाप, मधुमेह,
गुद एवं वास के रोग, पेशाब क जलन, यकृत
[लवर] के रोग, पेट दद, कज, बवासीर [पाइस]
म लाभकार है । गभावथा के सात से नौ माह म लाभकार है । गभावथा के सात से नौ माह
के बीच नय करने से सव सामाय एवं शशु
वथ होता है ।
30 - 45 मनट
यान
मुDRAमुDRA
VYAN
MUDRA
यान मुा
लाभ -
उच रतचाप एवं नन रतचाप दोन म
लाभकार है । दय रोग म भी लाभकार है
। अचानक रतचाप बढ़ने या घटने म भी
लाभकार है । दय रोग म भी लाभकार है
। अचानक रतचाप बढ़ने या घटने म भी
लाभदायक है । वात, प, कफ का संतुलन
ठक होता है ।
30 - 45 मनट नय
उदान
मुDRAमुDRA
UDAN
MUDRA
उदान मुDRA
लाभ -
थायरॉयड सबधी रोग[HYPER/HYPO]
दोन म लाभकार है । TMOJ L][H दोन म लाभकार है । TMOJ L][H
बढ़ती है ।
15 - 30 मनट नय
समान
मुDRAमुDRA
SAMAAN
MUDRA
समान मुा
लाभ -
तन, मन, बु ध म समवय होने से मन
सन रहता है । संकप शित बढ़ती है
तन, मन, बु ध म समवय होने से मन
सन रहता है । संकप शित बढ़ती है
। पाचन शित बढ़ती है ।
5 - 5 मनट दन म 5 बार नय
शंखमुDRA
SHANKHSHANKH
MUDRA
शंख मुा
लाभ -
इस मुा से गले क ंथय थायराईड,
पैराथायराईड ंथय पर अछा भाव डालती पैराथायराईड ंथय पर अछा भाव डालती
है । इससे टॉिसल ठक होते है । वर सुरला
होता है । बोलने क शित बढ़ती है ।
15 मनट दन म 3 बार नय
सहज शंख
मुDR
SAHAJ
SHANKH
MUDRA
सहज शंख मुDRA
लाभ -
बवासीर[Piles], फशर[Fissure] म लाभकार है
। पाचन L][H बढ़ती है, वायु VKRO समात
होता है, महलाओं म MRBCK धम क
अनयमतता समात होती है । गले के रोग
होता है, महलाओं म MRBCK धम क
अनयमतता समात होती है । गले के रोग
समात होते है, कंठ क आवाज म मधुरता
आती है । O[H संचार अछा होता है ।
15 मनट दन म 3 बार नय
अपान वायु
मुDRA
APAAN APAAN
VAYU
MUDRA
अपान वायु मुDRA
लाभ -
दयाघात[HeartAttack] म तुरंत लाभ करती है ।
दय के सभी रोग दय शूल[AnginaPactoris], उच
रतचाप, नन रतचाप म लाभकार है । दल क रतचाप, नन रतचाप म लाभकार है । दल क
धड़कन अचानक बढ़ने, घटने म लाभकार है ।
घबराहट, हचक आना बंद हो जाता है । आधे BCO
म दद म भी लाभ देती है ।
15 मनट ातः व सायं
अपान वायु
मुDRA
APAAN
VAYU
MUDRA
अपान वायु मुDRA
लाभ -
दयाघात[HeartAttack] म तुरंत लाभ करती है ।
दय के सभी रोग दय शूल[AnginaPactoris], उच
रतचाप, नन रतचाप म लाभकार है । दल क
धड़कन अचानक बढ़ने, घटने म लाभकार है ।
रतचाप, नन रतचाप म लाभकार है । दल क
धड़कन अचानक बढ़ने, घटने म लाभकार है ।
घबराहट, हचक आना बंद हो जाता है । आधे BCO
म दद म भी लाभ देती है ।
15 मनट ातः व सायं
गुदा मुDRA
GURDAGURDA
MUDRA
गुदा मुा
लाभ -
पथर म लाभ मलता है, हाथ-पैर व मुहँ
क सूजन म लाभ मलता है । यूरक क सूजन म लाभ मलता है । यूरक
एसड बढ़ने से जोड़ म होने वाले दद म
भी लाभ मलता है ।
5 - 15 मनट नय
ाणायाम
या
GRBCKRमुDRमुDR
PRANAYAM
OR
NASIKA MUDRA
नासक मुा
लाभ -
शरर म वायु का दद समात होता है,
शूय मुा लगने से वन दूषण शूय मुा लगने से वन दूषण
समात होता है ।
मन भी शांत होता है ।
ाणायाम के समय 15-20 मनट नय
लंग मुDRA
LINGALINGA
MUDRA
लंग मुDRA
लाभ -
इस मुDR से शरर म गम बढ़ने से सद के कारण
होने वाले रोग यथा -जुकाम, खांसी, दमा, अथमा,
सायनस, नमोनया, फैफड़ म पानी भरना, ट.बी. म सायनस, नमोनया, फैफड़ म पानी भरना, ट.बी. म
लाभ BMYHR है । नन रतचाप[LowBlood
Pressure] म भी लाभ रहता है । इस मुDR से एलज
एवं CaFMJ[Infection] म भी लाभ होता है ।
15 - 30 मनट नय
वसनी
मुDRAमुDRA
SHVASANI
MUDRA
वसनी मुा
लाभ -
यह मुा वास नल म सूजन म
लाभकार है । वास रोग ठक होते लाभकार है । वास रोग ठक होते
ह।वास नल म जमे कफ को
नकालने म लाभ मलता है ।
5 मनट 4 -5 बार नय
अथमा
मुDRमुDR
ASTHAMA
MUDRA
अथमा मुा
लाभ -
इस मुा से अथमा ठक होता है ।
पहले वसनी मुा 5 मनट करने के
इस मुा से अथमा ठक होता है ।
पहले वसनी मुा 5 मनट करने के
बाद 5 मनट अथमा मुा करना
अछा रहेगा ।
15 मनट ातः एवं सायं
GMTKROA
मुDRA
NAMASKAR
MUDRA
नमकार मुा
लाभ-
मन को शाित मलती है, मितक
का संतुलन अछा रहता है । ोध का संतुलन अछा रहता है । ोध
कम होता है, वनता बढ़ती है ।